- 21,152
- 56,367
- 259
Shefali is kahani ki jaan hai bhai Thank you very much for your valuable review bhaiBhai badhiya update
Shaifali ne to math ki class kol li hai
Shefali is kahani ki jaan hai bhai Thank you very much for your valuable review bhaiBhai badhiya update
Shaifali ne to math ki class kol li hai
Vyom kisi or hi duniya me pahuch gaya bhai, ye dweep ek rahasyamayi jagah hai, iska jikra agley part me karengeHerani se bharpur update
Akir kya hai is dveep ka rahasya
Or akir vyom ne pani me kya dekha
Sanju bhaiya aap kafi samajhdaar hai, is paheli me itna kuch jyada hai nahi ek baar or santi se padhoge to samajh me aa hi jayega mujhe viswas hai, agar fir bhi na aaya to jaise hi ye error wali samasya theek hoti hai, mai fir se bata dungaअपडेट के बीच - बीच मे आप जो दिमागी पहेली लेकर आते है वो मुझे बहुत - बहुत ही अधिक पसंद है । मै अक्सर ऐसी पहेलियां पढ़ते रहता हूं ।
शैफाली की पहली पहेली बहुत ही बेहतरीन लगा और समझा भी लेकिन दूसरी पहेली जो 12345679 वाली थी वह समझ मे नही आया । कृप्या इसे आप एक बार फिर से मूझे समझाने की कोशिश कीजिएगा।
Bhai Vyom bhaiya nikle nahi hai abhi wo itni aasani se jane wali cheej nahi hai, ek to hiro, upar se Indian, uske upar bhi multi talented Aise aadmi ko kon marne de? Ha dweep mysterious jaroor hai per iska bhi khulasa hogaThoda time lagega.बरमूडा ट्राइंगल के इर्द-गिर्द यह त्रिकोण द्वीप जो हर वक्त धूंध के साये मे रहता है एक पहेली बनकर झलक दिखा रही है ।
इस द्वीप की खोज के दौरान पहले भी इस शिप की एक
एयरक्राफ्ट दुर्घटना हो चुकी है । इस द्वीप पर पहुंचने के लिए सेक्योरिटीज अफसर लारा साहब अपने दो मातहत के साथ अन्तरर्ध्यान हो चुके हैं और अब सी आई ए अफसर व्योम साहब की दुर्गति हम सब देख ही रहे हैं ।
isme koi shak nahi hai guruशायद बरमूडा ट्राइंगल का यह द्वीप ही इस मिस्ट्रीयस कहानी का गंतव्य स्थल था और शायद इस शिप का भी ।
Humne aapko aise hi thodi samajhdaar bola hai sarkar koi bol raha hai nakli dweep hai, koi manav nirmit bata raha hai, koi usper daaku bata raha, koi kuch to koi or kuch, per ek aap hi ho jo bol rahe ho ki ye manaviya kritya nahi ho sakta Mai aap se sahmat bhi bhai, ye samanya aadmi ki soch se pare hai, jo bhi hai aslam ka kirdar bhi aap samajh hi jaaogeलेकिन इस द्वीप पर पहुंचने से पहले जब ऐसी ऐसी अजीबोगरीब दुर्घटनाएं हो रही है तो इस द्वीप पर पहुंचने के बाद क्या क्या होगा वह सोच कर ही दिल घबड़ा रहा है ।
यह जो कुछ भी हो रहा है वह मानवीय कृत्य तो हरगिज नही हो सकता । यह एक ऐसी पहेली है जिसे सुलझाने के लिए शायद असलम नामक सस्पिसशियस व्यक्ति ने यह जोखिम लिया । असलम का किरदार एक बार फिर से मिस्ट्रीयस रूप मे नजर आ रहा है । इसका मकसद पाक है या गलत यह हमे नही पता पर यह शख्स जानता बहुत कुछ है ।
Thank you very much aapke is amazing review and superb support ke liye bhai Baaki mystery or fantasy to abhi baaki hi haiबहुत ही खूबसूरत अपडेट शर्मा जी ।
सच मे आप की यह थ्रिलर रोमांच से भरी कहानी इस फोरम की वन आफ द वेस्ट थ्रिलर कहानी बनने की राह पर है ।
आउटस्टैंडिंग एंड अमेजिंग अपडेट डियर ।
Bhai baar baar server error Aaraha hai, to sayad kal theek ho jaye, to sabhi dosto se yahi kahunga ki filhaal to kal pe taal raha hu, agar theek ho gaya to kal 2 update de dungakyu ki agar update daala or delete ho gaya jaise kitni baar reply dete samay hua hai, to bhai itna bada update dobara se nahi kar paunga.Update ka intjaar kar rahe hai.....
Koi bat nahiBhai baar baar server error Aaraha hai, to sayad kal theek ho jaye, to sabhi dosto se yahi kahunga ki filhaal to kal pe taal raha hu, agar theek ho gaya to kal 2 update de dungakyu ki agar update daala or delete ho gaya jaise kitni baar reply dete samay hua hai, to bhai itna bada update dobara se nahi kar paunga.
Aaj bh wahi halat hqi bhai jiKoi bat nahi
Kal dekhte hain
Kya vyom mara gaya? Itna jujhaaru or takatwar aadmi itni aasani se kaise nipat gaya sriman? Bohot hi suspense bhara aur shandaar update tha bhai, super ending# 36 .
5 जनवरी 2002, शनिवार 13:00; "अटलांटिक महासागर"
उधर व्योम अब क्रूज पर खड़ा था।
“मिस्टर व्योम, यहां से बारामूडा त्रिकोण का रहस्यमई क्षेत्र शुरू हो जाता है। हम लोग इसके आगे नहीं जा सकते। वैसे सुप्रीम इसी जगह से गलत दिशा में मुड़ा था। नॉर्थ ईस्ट दिशा में 80 मील दूर से, उनका आखिरी मैसेज हमें रिसीव हुआ था।“
ऑफिसर ने कहा- “क्या आपको कोई आदमी, अपने साथ जाने के लिए चाहिए?“
“जी नहीं ! मैं इसके आगे का सफर अकेला ही तय करना चाहता हूं और वैसे भी यह सफर इतना आसान नहीं है। ये मौत का सफर है इसलिए मैं किसी और की जिंदगी का रिस्क उठाने को तैयार नहीं हूं। आप मुझे अकेले ही जाने दीजिए। वैसे भी मेरी पूरी जिंदगी एडवेंचर से खेलने में ही निकली है तो फिर डरना कैसा ? मौत से एक टक्कर और सही।“
व्योम के शब्दों में गजब का जज्बा नजर आ रहा था। कहकर व्योम धीरे से हेलीकॉप्टर की ओर बढ़ गया।
कुछ ही देर में वह हेलीकॉप्टर सहित आसमान में था। क्रूज पर खड़ा वह ऑफिसर, तब तक उस हेलीकॉप्टर को देखता रहा, जब तक कि वह उसकी नजरों से ओझल ना हो गया। फिर ऑफिसर ने अपने होठों ही होठों में उस वीर सपूत के मिशन के लिए भगवान से प्रार्थना की।
व्योम के दिमाग में बहुत सारे प्रश्न घूम रहे थे। वह ‘सुप्रीम’ के लिए चिंतित भी था। लेकिन इस समय वह बहुत सतर्कता के साथ, दोनों तरफ देखते हुए हेलीकॉप्टर चला रहा था।
कभी-कभी उसकी नजर स्पीडो मीटर पर और फ्यूल इंडिकेटर पर भी पड़ रही थी । दोनों ही फुल का इंडिकेशन दर्शा रहे थे। व्योम की नजरें लगातार उस अंतहीन समुद्र की ओर, आशा भरी नजरों से देख रही थी।
धीरे-धीरे समय बीतता जा रहा था। पर सुप्रीम का कहीं कोई अवशेष व्योम को नहीं मिल रहा था।
आसमान पर सूर्य बहुत तेजी से चमक रहा था। उसकी किरणें समुद्र की लहरों पर पड़कर एक अजीब सी चमक उत्पन्न कर रही थी। लेकिन व्योम को इस बात की खुशी थी कि अभी तक विद्युत चुंबकीय तरंगों का प्रकोप उसके हेलीकॉप्टर पर नहीं हुआ था। वह सोच रहा था कि अगर ऐसे ही सब कुछ सही रहा तो जल्द ही वह सुप्रीम को ढूंढ निकालेगा।
व्योम अपने ही विचारों में खोया था कि तभी उसे पानी में छोटी-छोटी भंवर बनती दिखाई देने लगीं। वह छोटी-छोटी भंवर अपने आप पानी में बन-बिगड़ रहीं थीं।
“अजीब सा क्षेत्र है यह। ये भंवर अपने आप कैसे बन-बिगड़ रहीं हैं? लगता है रहस्यमयी क्षेत्र शुरू हो चुका है। अब मुझे बहुत ध्यान से हेलीकॉप्टर ड्राइव करना पड़ेगा। कभी भी मैं विद्युत चुंबकीय तरंगों का शिकार बन सकता हूं।“ व्योम अपने मन ही मन में बुदबुदा रहा था।
“बाप रे!......यह मैं कौन से क्षेत्र में आ गया। यहां तो पानी के अंदर नुकीली चट्टाने निकली हुई हैं। लगता है जैसे पानी के अंदर कोई पर्वत श्रृंखला डूबी हुई हो और ये इतनी सारी शार्क यहां क्या कर रहीं हैं? कहीं....ऐसा तो नहीं कि सुप्रीम यहां डूब गया हो ?“ व्योम के दिमाग में ऊट-पटांग ख्याल आने लगे।
“नहीं -नहीं ! इतनी सारी पहाड़ियों के बीच सुप्रीम यहां नहीं पहुंच सकता और वैसे भी अगर सुप्रीम यहां डूबा होता तो उसके कुछ अवशेष तो यहां पर होते....और फिर सुप्रीम डूब कैसे सकता है? यहां ना तो किसी प्रकार तूफान के लक्षण दिखाई दे रहे हैं और ना ही कोई ऐसी मुसीबत, जिससे ‘सुप्रीम’ डूबे।“
व्योम ने हेलीकॉप्टर को आगे बढ़ा लिया। थोड़ा आगे बढ़ने पर उसे एक बड़ा अजीब सा नजारा दिखाई दिया, जिसे देखकर वह हैरान रह गया।
“यह समुद्र में अजीब-अजीब से फव्वारे कैसे निकल रहे हैं? और वह भी एक-दो नहीं बल्कि 15-16.... ..मैंने तो आज तक ऐसे फव्वारों के बारे में सुना तक नहीं जो समुद्र की लहरों से इतना ऊपर उठते हों।....... थोड़ा नीचे जाकर देखना चाहिए कि आखिर इन फव्वारों का रहस्य क्या है?“ कहते हुए व्योम ने हेलीकॉप्टर को थोड़ा और नीचे कर लिया।
“यह क्या ? ये फव्वारे तो चल फिर रहे हैं।.....ओ माई गॉड! ....... ये तो व्हेल मछलियां है। जिनके सिर से गर्म पानी के फव्वारे जैसे चल रहे हैं।.....इतनी सारी व्हेल...एक साथ। ......हे भगवान, यह तो बहुत खतरनाक क्षेत्र है। मुझे नहीं लगता कि यहां आज तक कोई पहुंचा होगा ?“ व्योम की आंखें आश्चर्य से फटी जा रही थीं-
“इतनी सारी व्हेल तो एक साथ बड़े से बड़ा क्रूज जहाज भी डुबो सकती हैं। तभी आज तक क्षेत्र से कोई बचकर नहीं निकल पाया। मुझे लगता है कि मैं गलत दिशा में आ गया। सुप्रीम इस तरफ नहीं आया होगा।“
व्योम ने हेलीकॉप्टर को अब दूसरी दिशा में मोड़ लिया। लेकिन अभी भी व्हेल वाले दृश्य को याद कर वह सिहर उठा। व्योम को अब दूसरी दिशा में चलते हुए काफी देर हो गई थी। लेकिन अभी तक उसे कुछ भी नजर नहीं आया था।
“दूर-दूर तक अंतहीन समुद्र...... आखिर कब तक मैं भटकता रहूंगा। ..... कहीं भी “सुप्रीम” का कोई अवशेष तक दिखाई नहीं दिया।.. ......ये क्या ?.....ये तो कोई द्वीप सा लग रहा है?...... पास चलकर देखना चाहिए शायद कोई सुराग ही मिल जाए। ......काफी हरा-भरा द्वीप है...... लेकिन इस द्वीप की आकृति कितनी विचित्र है। बिल्कुल त्रिकोण के जैसी।.....इसके बीच यह मानव आकृति वाली पहाड़ी कितनी अजीब है?......ऐसा लग रहा है जैसे सिर पर क्राऊन पहने कोई ग्रीक योद्वा बैठा हुआ है? यह द्वीप काफी रहस्यमयी लग रहा है.. ... पहले मुझे इस द्वीप से दूर रहकर ही इसका निरी क्षण करना चाहिए. ....... इस द्वीप के आस-पास धुंध भी काफी नजर आ रही है... इस द्वीप पर उतरने से पहले मुझे इस द्वीप को पीछे की साइड से भी देख लेना चाहिए“
यह सोच व्योम ने द्वीप से दूर रहकर ही अपना हेलीकॉप्टर द्वीप के पीछे की साइड मोड़ लिया। वह इस बात का भी ख्याल रख रहा था कि वह द्वीप से थोड़ा दूर रहे। व्योम को हेलीकॉप्टर उड़ाते हुए 5 मिनट बीत गये, पर वह द्वीप के पीछे की ओर नहीं पहुंच पाया।
“यह मैं द्वीप के पीछे की तरफ क्यों नहीं जा पा रहा ? मेरा हेलीकॉप्टर तो चल रहा है, पर मुझे ऐसा क्यों लग रहा है जैसे कि मैं एक ही जगह पर खड़ा हूं?“ व्योम ने खिड़की से नीचे द्वीप के किनारे की ओर झांका-
“ये समुद्र का पानी द्वीप से दूर क्यों हट रहा है?........ ओ माई गॉड...... यह द्वीप तो ..... यह द्वीप तो पानी में घूम रहा है..... ऐसा कैसे सम्भव है? तभी मैं द्वीप के पीछे की साइड नहीं जा पा रहा था .....क्यों कि मेरे हेलीकॉप्टर के साथ-साथ उसी स्पीड से यह द्वीप भी घूम रहा था.... ..मुझे पहले इस द्वीप से दूर हट जाना चाहिए..... फिर सोचता हूं कि क्या करुं?“
व्योम ने अपने हेलीकॉप्टर को द्वीप से थोड़ा और दूर कर लिया। व्योम का दिमाग बहुत तेजी से चलने लगा। कुछ देर सोचने के बाद व्योम ने अपने हेलीकॉप्टर को ‘ऑटोपायलेट‘ के हवाले किया और खुद एक पॉवरफुल दूरबीन निकालकर द्वीप की ओर देखने लगा। सबसे पहले उसकी नजर द्वीप के रहस्यमयी शेप पर गयी-
“इस द्वीप का शेप एक पर्फेक्ट त्रिकोण के शेप में है, इसका मतलब यह कोई नेचुरल द्वीप नहीं है..... पर इतना बड़ा द्वीप ‘मानव द्वारा निर्मित‘ कैसे हो सकता है?“ अब उसकी नजर द्वीप पर खड़ी उस मानव आकृति वाली पहाड़ी की ओर गयी-
“इस पूरे द्वीप पर सबसे विचित्र यह पहाड़ी ही है.....यह पहाड़ी बिल्कुल किसी ग्रीक गॉड की तरह प्रतीत हो रही है......कहीं..... कहीं यह ‘पोसाइडन‘ की मूर्ति तो नहीं ?“
यह ख्याल आते ही व्योम ने अपनी दूरबीन को और एडजस्ट किया। अब वह रहस्यमय पहाड़ी बिल्कुल साफ दिखने लगी थी-
“अब मैं श्योर हूं ये पोसाइडन की ही मूर्ति है......ग्रीक माइथालोजी के हिसाब से पोसाइडन समुद्र के देवता हैं...... तो क्या ?...... तो क्या मैं... .. इस समय अटलांटिस की धरती को देख रहा हूं? देवताओं की वह धरती जिसका जिक्र महाग्रंथों में किया गया है? तभी यह द्वीप इतना रहस्यमयी महसूस हो रहा है।“
व्योम की आंखें आश्चर्य से सिकुड़ गयीं। अभी वह यह सब सोच ही रहा था कि तभी उसे द्वीप के ऊपर कोई चीज हवा में उड़ती हुई दिखाई दी। उस चीज की स्पीड काफी तेज थी। व्योम ने दूरबीन को उस दिशा में किया-
“अरे यह क्या ? .... ये तो कोई झोपड़ी है जो हवा में उड़ रही है?.... ये सब क्या हो रहा है?....कहीं मैं कोई सपना तो नहीं देख रहा ?.... नहीं......नहीं ये सब सपना नहीं है..... ये झोपड़ी तो पोसाईडन की मूर्ति की ओर जा रही है।“
मूर्ति के चेहरे के पास पहुंचकर वह झोपड़ी गायब हो गयी- “कहां गयी. ... कहां गयी वह झोपड़ी ?.....अभी तो वह मूर्ति के चेहरे के पास ही थी।“
व्योम ने अपनी दूरबीन को इधर-उघर घुमाया पर उसे वह झोपड़ी कहीं भी दिखा ई नहीं दी। अब व्योम की नजरें पुनः द्वीप की ओर गयीं। तभी उसे द्वीप के तीनो ओर से कोई वाइब्रेशन जैसी तरंगे निकलती हुई दिखाई दीं। तरंगे पानी में और आसमान में बहुत तेजी से फैल गयी –
“अरे बाप रे....खतरा ऽऽऽऽ!“ पानी पर चलने वाली वह तेज तरंगें पानी को काटती हुई एक सेकेण्ड में ही बहुत दूर निकल गयीं। तभी हवा में फैली तरंगों ने व्योम के हेली कॉप्टर को भी अपनी निशाना बना लिया।
“शायद ये ही ‘विद्युत चुम्बकीय तरंगें हैं, मुझे तुरंत अपना हेलीकॉप्टर नीचे उतारना पड़ेगा।“ व्योम मन ही मन बड़बड़ाया।
तभी हेलीकॉप्टर का मैकेनिज्म फेल हो गया। व्योम खतरा भांपते ही तेजी से हेलीकॉप्टर को डाउन करने लगा। पर तब तक हेलीकॉप्टर के इंजन ने पूरी तरह से काम करना बंद कर दिया और वह किसी परकटे पक्षी के समान आसमान में डोलने लगा। व्योम पूरी ताकत से हेलीकॉप्टर का बैलेंस बनाने की कोशिश करने लगा। 2 मिनट की असंभव कोशिश के बाद आखिरकार व्योम, हेलीकॉप्टर को सीधे समुद्र पर उतारने में सफल रहा। हेलीकॉप्टर के सारे यंत्र खराब हो चुके थे।
“थैंक गॉड! दुर्घटना होते-होते बच गई।“ व्योम ने एक गहरी सांस ली और फिर उस रहस्यमयी द्वीप को देखा, जो धुंध के बीच घिरा एक अजीब सी फीलिंग दे रहा था।
अचानक व्योम के जबड़े कस गये। अब वो फैसला ले चुका था और वह फैसला था द्वीप का रहस्य ढूंढने का। यह सोच व्योम ने हेलीकॉप्टर में लगा एक बटन दबा दिया। जिससे ड्राइविंग सीट के चारो तरफ बना काँच का केबिन और हेलीकॉप्टर के नीचे का स्टैंड हेलीकॉप्टर में ही कहीं समा गया।
अब वह हेलीकॉप्टर बिल्कुल एक आधुनिक मोटर बोट की तरह नजर आने लगा। व्योम ने धीरे से हेलीकॉप्टर में लगे बोट के इंजन को खींचा।
एक धड़धड़ाहट के साथ बोट का इंजन स्टार्ट हो गया और वह बोट धीरे-धीरे द्वीप की ओर बढ़ने लगी। व्योम ने एक नजर द्वीप पर मारी और हेलीकॉप्टर रुपी बोट में रखे, एक बॉक्स को खोलकर, उसमें रखे कुछ जरुरी सामान को निकालने लगा। कुछ ही देर में जरुरत के सभी सामान को व्योम ने एक छोटे से बैग में रख, उस बैग को अपनी कमर पर लगी बेल्ट के साथ बांध लिया।
अब उसकी नजर निरंतर पास आ रहे उस द्वीप की ओर थी। तभी दूर एक सुनहरी सी रोशनी ने व्योम का ध्यान अपनी ओर खींचा। वह सुनहरी रोशनी शनैः-शनैः तेज होती जा रही थी। व्योम उस रोशनी को देखने में इतना व्यस्त हो गया कि उसे पीछे से आ रहा एक भयानक खतरा दिखाई ही नहीं दिया। व्योम को अचानक से लगा कि उसकी बोट के पीछे कुछ है। जैसे ही वह पीछे पलटा उसे अपने पीछे समुद्र की लहरें लगभग 50 फुट ऊपर तक उठी हुई दिखाई दीं।
“ओ माइ गॉड!...... यह समुद्र की लहरें इतना ऊंचे कैसे उठ गई, ये तो मेरी बोट पर गिरने वाली है।“ व्योम ने घड़ी के सेकेण्डवें हिस्से में अपनी बोट से पानी में जम्प लगा दी।
तभी उसकी बोट के पीछे उठी लहर, बहुत तेजी से उसकी बोट पर आकर गिरी। एक बहुत तेज आवाज के साथ व्योम की बोट पूरी तरह टूटकर बिखर गयी। व्योम अब पूरा का पूरा समुद्र के अंदर था। एक सेकेण्ड के लिए उसकी आंख समुद्र में खुल गई और उसने समुद्र के अंदर जो दृश्य देखा, वह उसकी तो क्या ? उसके सात पुस्तों को हैरान करने के लिए काफी थी।
और इसी के साथ व्योम पर बेहोशी छाती चली गई। व्योम ने बेहोश होने के पहले अपने पास बहुत तेज सुनहरी रोशनी को देखा और इतना महसूस किया कि वह दो हाथों में है, जो कि उसे लेकर तेजी से द्वीप की ओर बढ़ रहे थे।
जारी रहेगा________
Nahi bhai mujhe nahi lagta aisa hoga, per iska khulasa koi 10-15 update ke. Aad hi ho payega, vyom ka character bohot soch samajh kar likha gaya hai Thanks for your wonderful review and supportKya vyom mara gaya? Itna jujhaaru or takatwar aadmi itni aasani se kaise nipat gaya sriman? Bohot hi suspense bhara aur shandaar update tha bhai, super ending
Oh fuck!!! Lara aur Suyash ne bahut achha decision liya tha par samay ko sayad kuchh aur hi manjur tha 3 log phir se mare gaye.# 34 .
“क्या वही है?“ लारा जो कि अब सस्पेंस के मारे मरा जा रहा था, पूछ बैठा।
“ये वही द्वीप है जो हमें कल रास्ते में मिला था।“ सुयश की आवाज में भय स्पष्ट दिखाई दे रहा था।
सुयश के यह शब्द सुनते ही असलम को छोड़, सभी आश्चर्य में पड़ गए।
“ये कैसे संभव हो सकता है? आप ध्यान से देखिए सर, लगता है कि आप कहीं गलती कर रहे हैं? वह द्वीप तो बहुत पीछे छूट चुका है। उसके दोबारा मिलने का तो प्रश्न ही नहीं उठता।“ लारा के शब्दों में एक अजीब सी थरथराहट थी।
“नहीं लारा।“ असलम ने सुयश के बोलने से पहले ही कह दिया- “कैप्टन सही कह रहे हैं, यह वही द्वीप है, बिल्कुल वही। त्रिभुज की शक्ल वाला, अजीब सी मानवाकृति पहाड़ी वाला व गहरी धुंध वाला वही हरा-भरा द्वीप, जिसे हम कल पीछे छोड़ आए थे।“
“तो क्या हम 1 दिन तक इसी द्वीप के आसपास पानी में भटकते रहे?“ लारा ने चिंतित स्वर में कहा।
“पता नहीं, पर लगता तो कुछ ऐसा ही है। क्यों कि यह द्वीप तो चल नहीं सकता।“ सुयश ने कहा।
“अब हमें क्या करना चाहिए कैप्टेन?“ असलम आज्ञा की प्रतीक्षा कर रहा था पर उसके चेहरे पर बेचैनी के भाव स्पष्ट नजर आ रहे थे।
सुयश कुछ देर सोचता रहा और फिर बोला- “नहीं हमें शिप को इस द्वीप की ओर नहीं मोड़ना है।“
“तो क्या इस रहस्यमय द्वीप का रहस्य कभी नहीं खुलेगा ?“ लारा ने सुयश की ओर देखते हुए कहा।
“यदि इस शिप पर केवल हमारा स्टाफ होता और यात्री सफर ना कर रहे होते। तो मैं इस द्वीप का रहस्य जाने बिना यहां से कहीं नहीं जाता, पर आज हमारे साथ लगभग 2700 जिंदगियां और भी हैं और मैं यह रिस्क लेने को बिल्कुल भी तैयार नहीं हूं। हां, अगर हम सलामत अपनी सभ्यता तक पहुंच गए तो अगली बार मैं अकेला इस क्षेत्र में जरूर आऊंगा।“
अब सुयश के चेहरे पर बेबसी और गुस्से के निशान साफ दिख रहे थे।
“कैप्टन यदि आप कहें तो मैं कुछ लोगों के साथ इस द्वीप पर जाकर देखना चाहता हूं।“ लारा ने सुयश से रिक्वेस्ट करते हुए कहा-
“मैं जानना चाहता हूं कि आखिर इस द्वीप पर क्या है? और यह भी तो हो सकता है कि हमारा सोचना गलत हो । यह द्वीप साधारण द्वीपों की तरह हो या फिर यहां से हमें किसी तरीके की कोई मदद मिल जाए।“
“बिल्कुल नहीं।“ सुयश ने अपना फाइनल जवाब सुनाते हुए कहा- “मैं किसी को मौत के मुंह में नहीं भेज सकता।“
“कैप्टेन आप गलत सोच रहे हैं। हम तो वैसे भी मौत के मुंह में खड़े हैं।“ लारा ने दोबारा रिक्वेस्ट करते हुए सुयश से कहा-
“आज नहीं तो कल भटकते-भटकते हमारे शिप का ईधन खत्म हो जाएगा। फिर हम कितने दिन तक बीच सागर में खड़े रहेंगे। एक स्थिति यह भी आ जाएगी कि हमारे पास राशन और खाने-पीने का अन्य सामान भी खत्म हो जाएगा। तब शायद हमारे आस-पास कोई द्वीप भी ना हो। वह स्थिति आज की स्थिति से ज्यादा खतरनाक होगी। इसलिए मैं मौत से डर कर भागने के बजाय आज उसका सामना करना चाहता हूं। आप मुझे आर्डर दीजिए सर कि मैं उस द्वीप पर जाकर देख सकूं कि आखिर वहां ऐसा क्या है? जो बार-बार हमें घुमा कर उसी द्वीप के पास पटक रहा है। और फिर 2700 यात्रियों की जान खतरे में डालने से अच्छा है कि सिर्फ हम दो या तीन लोग इस प्रयोग को करके देखें। शायद मौत के रास्ते में ही कहीं जिंदगी की डोर हाथ लग जाए।“
सुयश ध्यान से लारा की बात सुन रहा था। लारा के चुप होने के बाद वह कुछ देर तक सोचता रहा और फिर बोल उठा-
“ठीक है, अगर तुम इतनी जिद कर रहे हो तो तुम उस द्वीप पर जा सकते हो। लेकिन शर्त यह है कि मैं भी तुम्हारे साथ चलूंगा।“
“क्या !“ सुयश की बातें सुनकर लारा भौचक्का खड़ा रह गया।
“आप!.......आप वहां क्यों जाना चाहते हैं कैप्टन? वहां मौत का खतरा भी हो सकता है।“ असलम ने सुयश को समझाते हुए कहा।
“जब तुम अपनी जान का जोखिम लेने को तैयार हो, तो मैं क्यों नहीं?“ सुयश के शब्दों में दृढ़ता साफ झलक रही थी।
“आपको अभी शिप पर ही रहना चाहिए कैप्टेन। आपकी जिंदगी हमारे लिए बहुत कीमती है और वैसे भी आपके साथ 2700 यात्रियों की जान है, जबकि हमारे साथ ऐसा कुछ नहीं है।“ लारा के शब्द इमोशन से भरपूर थे।
“लारा बिल्कुल ठीक कह रहा है कैप्टेन।“ असलम ने भी लारा की बात का समर्थन करते हुए कहा- “और फिर वह कौन सा अकेला जा रहा है, वह अपनी सिक्योरिटी के दो आदमियों को अपने साथ ले लेगा।“
आखिरकार बड़ी मुश्किल से सुयश लारा की बात मान गया। आनन-फानन एक मोटर बोट समुद्र में उतारी गई। लारा दो गार्ड के साथ मोटर बोट पर सवार हो गया। असलम ने लारा को एक वॉकी-टॉकी सेट भी दे दिया।
सुयश व असलम की निगाहें, दूरबीन के द्वारा धीरे-धीरे दूर हो रही उस मोटरबोट की ओर थीं। धीरे-धीरे सूरज का सफर भी समाप्त हो रहा था। लेकिन फिर भी वह अपनी लालिमा के द्वारा पूरी दुनिया को रोशनी देने की अंतिम कोशिश कर रहा था।
ठीक उसी तरह लारा भी सूरज से प्रेरणा लेकर, जहाज के यात्रियों की जान बचाने के लिए अपनी अंतिम कोशिश कर रहा था। धीरे-धीरे मोटरबोट बहुत दूर पहुंच गई। इतनी दूर कि अब उसकी आवाज भी यहां तक नहीं आ रही थी। लेकिन वॉकी-टॉकी सेट से लारा का संपर्क सुयश से बना हुआ था। मोटरबोट अब उस भयानक दैत्याकार द्वीप की ओर बढ़ रही थी।
“तुम लोगों को डर तो नहीं लग रहा है?“ लारा ने दोनों गार्डों को संबोधित करते हुए कहा।
“नहीं सर, इसमें डर कैसा ? और वैसे भी डरना तो उनको चाहिए जो वहां बीच समुद्र में खड़े हैं। भला कभी किनारे की ओर जाने वाला भी डरता है।“ एक गार्ड ने मुस्कुरा कर कहा।
उस गार्ड की इस बात पर लारा सिर्फ मुस्कुरा दिया। तभी आराम से द्वीप की ओर जा रही बोट को एक झटका लगा और बोट रुक गई।
“क्या हुआ लारा ? तुमने मोटरबोट क्यों रोक दी ?“ वॉकी टॉकी सेट पर सुयश की आवाज सुनाई दी।
“मैंने नहीं रोकी सर, यह अपने आप झटके से रुक गयी है। मैं अभी देखता हूं कि क्या प्रॉब्लम है?“ लारा ने जवाब दिया।
“अगर किसी तरह का खतरा दिख रहा है तो वापस आ जाओ।“ सुयश की आवाज में चिंता के भाव थे।
“नहीं सर, अब हम लोग द्वीप के बहुत पास हैं। यहां से तो वापस लौटना बेवकूफी होगी। और वैसे भी आसपास कोई खतरा.......।“ कहते-कहते लारा एकाएक चुप सा हो गया।
“लारा.....लारा.....क्या देख रहे हो तुम?......हमें बताओ। तुम एका एक चुप क्यों हो गए?“ सुयश दूरबीन को आंखों पर लगाए, मोटरबोट की तरफ देखते हुए, वॉकी-टॉकी सेट पर चीखा।
“वो ....वो.....सर, पानी में मुझे कुछ हलचल होती दिख रही है।....... ऐसा लगा जैसे कोई विशालकाय जानवर पानी के नीचे तैर रहा हो।“ लारा ने घबराये स्वर में कहा।
“मूव.....मूव.....वापस आ जाओ। अपनी मोटरबोट को तुरंत मोड़ो।.... लारा........दैट्स माई आर्डर.. ... . मोटरबोट को तुरंत मोड़ दो।“
सुयश दूरबीन पर नजर गड़ाये हुए जोर-जोर से चीख रहा था।
“मैं........कोशिश कर रहा हूं सर। इसका इंजन तो स्टार्ट है, पर यह घूम नहीं रहा है।“ लारा की आवाज आयी।
“ओ.... गॉड!“ सुयश ने भगवान से लारा के लिए प्रार्थना करनी शुरू कर दी- “लारा की रक्षा करना।“
तभी_____उधर से खुशी की आवाज सुनाई दी- “मोटरबोट आगे बढ़ रही है सर। शायद यह किसी झाड़ियों में फंस गई थी।..... लेकिन.....यह क्या ?.......सर, अब तो यह रुक ही नहीं रही है...... यह अब तेजी से द्वीप की ओर जा रही है। मैं......क्या करूं सर.....? मेरी कुछ समझ में नहीं आ रहा है?“ लारा घिघियाये से स्वर चीख रहा था।
“मोटरबोट का इंजन बंद कर दो। शायद उसके ब्रेक झाड़ी में फंसकर खराब हो गये हों।“ सुयश वॉकी-टॉकी सेट पर गला फाड़ कर चिल्लाया।
लारा ने झपट कर बोट का कंट्रोल अपने हाथों में ले लिया। दोनों गार्डों के चेहरे का रंग भय के कारण सफेद हो गया था। वह डरे सहमे से बोट को पकड़े बैठे थे। लारा ने जल्दी से आगे बढ़कर बोट का इंजन बंद कर दिया।
“कैप्टेन,.....मैंने बोट का इंजन बंद कर दिया है.....पर मोटरबोट..... अभी भी नहीं रुक रही है। यह बहुत तेजी से द्वीप की ओर जा रही है।.....लगता है यह अब द्वीप से टकरा कर ही रुकेगी “
लारा के शब्द सुन शिप पर खड़े सभी लोग भय से भर गये थे। तभी एक भयंकर झटका बोट को पुनः लगा । ये झटका पहले वाले से भी तेज था। अचानक लगे इस तेज झटके से दोनों गार्ड उछलकर समुद्र में जा गिरे। मोटर बोट अब रुक गयी थी।
“कैप्टन मोटरबोट पुनः रुक गयी है.....।“ लारा की आवाज पुनः आयी-
“पर मेरे दोनों गार्ड झटका लगने की वजह से समुद्र में गिर गए हैं.......मैं भी बहुत मुश्किल से गिरते-गिरते बचा हूं।...... सर वह दोनों गार्ड मुझे पानी में नजर नहीं आ रहे हैं....... पर.....यह....क्या ?..... ये पानी में.....हरा रंग....नहीं...नहीं......यह ....कैसे .....हो सकता है? ये दोनों आंखें......खटाक.....।“
वॉकी-टॉकी सेट पर सन्नाटा छा गया था। लारा से संपर्क टूट गया था।
“क्या हुआ लारा...... क्या देख रहे हो तुम?....लारा ऽऽऽऽऽऽऽ“ सुयश लगातार चीख रहा था।
लारा से सम्पर्क के टूटते ही इन्हें लारा की मोटरबोट पानी में डूबती हुई दिखाई दी। कुछ देर के बाद सब कुछ शांत हो गया था।
सफर भी खत्म हो गया था। सूर्य का भी और लारा का भी। रह गई थी तो केवल वातावरण में गूंजती लारा की चीखें और दूर-दूर तक वही सन्नाटे का साम्राज्य।
तीन और जिंदगियों को यह खूनी त्रिकोण निगल चुका था।.. .....................
जारी रहेगा............