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Fantasy 'सुप्रीम' एक रहस्यमई सफर

Raj_sharma

परिवर्तनमेव स्थिरमस्ति ||❣️
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Badhiya update

Brandon ne lagaya dimag ir shak ki sui kristi ki taraf mod di jo ki sahi bhi ha bhala jis kide ne ek pal me guard ko mar diya usse kristi itni der se kaise bachi rahi bat me point ha ir fir bruno ki harkat kya sach me bruno ne kuchh supernatural chij dekh li kya pata koi adrashya ho us time per jise koi na dekh paya ho lekin bruno ne use sungh liya ho or fir ye last me kya loren mari nahi thi jinda ha jo lothar aise bol raha ha or lothar ko to aisa lagta ha kisi ne hypnotize kar liya ha or samudra me kudwa diya or last me koi saya bhi dekhne ko mila kya wo loren ho sakti ha bas sawal wahi ha ki kon is ship per mout ka khel khel raha ha rahasya badhta jaa raha ha
Rahasya to badh raha hai, isme koi shak nahi bhai :dazed: Lekin hum bhi kya kare? Is rahasya ko badhaye bina dimak maanta hi nahi:smarty:Ab bechari kristi to bas ILU -ILU karna aata hai,:shhhh:Keede kab paal liye pata nahi:hehe: Lothaar ki maut use samundar me kheech le gai, ab wo kon thi kya kaaran tha? Rahi baat loren ki to wo saaya jo deak per tha, jab uska khulasa hoga tab aankhe chodi ho jayengi:blush1: Abhi agley update ki taiyari karta hu:online: THANK YOU VERY MUCH FOR YOUR WONDERFUL REVIEW AND SUPPORT BHAI :thanx:
 

Raj_sharma

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Raj_sharma

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Ab ye achnak se ky ho Raha hai pehle Mariya gayab ho gayee dosre tarf Brendan or Suyash ki baate jisse unka dhyn Shefali ki tarf gaya lekin isse pehle ye dono aage kuch karte Johny ne aake ek dhamaka kar dia
.
Bus yhe ek bat smj me nahi aaye aakhir Lother ne aakhir esa kya dekha jis karan wo ship se kodne Jaa rha hai Q bol rha tha tha Lother ki usne Lauren se bat ki wo use bula rhe hai aakhir ho kya rha hai ye sab achnak se or ek tarf ishara kia jaha Suyush ko ek saya dikhaya dia safed kapdo me jiski aakhe chamak rhe hai lekin chehra nhi dikhai de rah hai
.
Kafi Heratanjeg episode tha ye wala
Very Amazing Update Raj_sharma bhai
Thank you so much for your amazing review DEVIL MAXIMUM bhai, ab jisko goli lagi ho or mar gaya ho wo jonda hokar kaise aa sakta hai? Or wo bhi samundar me :?: Or jo sqaya dikqi diya wo loren ka to bilkul nahi hai:shhhh:Wo kuch or hi niklega:online:
 

Luckyloda

Well-Known Member
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# 38 .

चैपटर-12
5 जनवरी 2002, शनिवार 19:00;

थोड़ी देर के बाद ब्रैंडन पुनः सुयश से आ मिला।

“कैप्टन मैंने अपनी सिक्योरिटी के सभी आदमियों को पूरी तरह अलर्ट कर दिया है और हर ग्रुप के एक मेंबर को वॉकी टॉकी सेट भी दिला दिया है। अब शिप पर जैसे ही कोई घटना घटेगी, हमें तुरंत पता चल जाएगा।“ ब्रैंडन ने इधर-उधर नजर मारते हुए सुयश से कहा।

“वेरी गुड! अब हमें भी चलकर उन कीड़ों को ढूंढना चाहिए।“ कहकर सुयश अगली गली में मुड़ गया।

“आपने उन हरे कीड़ों को इसी तरफ आते देखा था ना ?“ सुयश ने ऐलेक्स को देखते हुए पूछा।

“जी हाँ !“ ऐलेक्स ने जवाब दिया।

“फिर वह सारे के सारे इतनी जल्दी कहां चले गए?“ ब्रेंडन बोल उठा।

“ऊपर वाले से दुआ करो कि वह सब जहां से आए थे, वहीं चले भी गए हों। वरना वास्तव में ही उनसे बचना बहुत मुश्किल हो जाएगा।“ सुयश ने हाथ से चेहरे पर क्रॉस बनाते हुए, ईश्वर से प्रार्थना की।

“वैसे सर आपको क्या लगता है?“ ब्रैंडन ने गंभीर स्वर में कहा- “क्या यह कीड़े स्वयं कहीं से आए हैं?“

“क्या मतलब?“ सुयश ने ठिठक कर रुकते हुए कहा।

“मतलब यह है सर, कि ऐसा भी तो हो सकता है कि कोई जानबूझकर इस शिप पर दहशत फैलाने के लिए, इन हरे कीड़ों को लेकर यहां आया हो ?“ ब्रैंडन ने अपनी बात को क्लियर करते हुए कहा।

“यह संभव नहीं है।“ ऐलेक्स ने तुरंत बोलते हुए कहा- “वह कीड़ा इतना
जहरीला और फुर्तीला है कि मुझे नहीं लगता कि कोई उस पर पार पा सकता है।“

"ऐलेक्स सही कह रहे हैं।“ सुयश ने भी ऐलेक्स के विचारों पर अपनी सहमति जताई।

“मैं भी आप लोगों की बातों से सहमत हूं। पर कुछ बातें हैं, जो मेरे दिल में खटक रहीं हैं।“ ब्रैंडन के शब्दों में शंका के भाव थे।

“कैसी बातें?“ सुयश ने पूछा।

“कैप्टन यह तो आप भी जानते हैं कि ये कीड़ा कितना फुर्तीला है....... जिस कीड़े ने गार्ड को बिना 1 सेकंड का समय दिए मार दिया हो, उसे हम फुर्तीला कह सकते हैं। पर ये बात मेरे समझ में नहीं आयी कि क्रिस्टी उस कीड़े से कैसे इतनी देर तक बचती रही ? क्रिस्टी ने ये भी कहा था कि उसने कीड़े को पैर मार दिया जिससे वह बेड के पीछे गिर गया। क्या यह संभव है कैप्टन कि जिस कीड़े ने गार्ड को, जो खतरा भांप कर बहुत सावधानी से चल रहा था, बिल्कुल समय नहीं दिया ? फिर उससे क्रिस्टी आखिर इतनी देर तक कैसे बचती रही ?“ ब्रैंडन ने कहा।

ब्रैंडन के शब्दों को सुनकर सुयश के चेहरे पर भी अब सोच के भाव आ गए, क्यों कि ब्रैंडन का तर्क वास्तव में जोरदार था।

“लेकिन अगर क्रिस्टी उन कीड़ों को शिप पर लाई होती, तो वह कीड़ों से स्वयं पर अटैक क्यों करवाती। और वैसे भी वह एक साधारण लड़की है, वह भला शिप पर दहशत क्यों फैलाना चाहेगी ?“ ऐलेक्स ने ब्रैंडन को देखते हुए कहा।

“ये आप नहीं बोल रहे हैं मिस्टर ऐलेक्स।“ सुयश ने ऐलेक्स के चेहरे का जायजा लेते हुए कहा- “आपका क्रिस्टी के प्रति प्यार बोल रहा है।“

ऐलेक्स ने एक क्षण के लिए अपना सिर झुका लिया। क्यों कि सुयश वास्तव में सही कह रहा था। तभी ब्रैंडन को फिर कुछ याद आया-

“कैप्टेन, एक बात और जो मैं आपसे बताना भूल गया था। जिस समय शैफाली अपने सपनों के बारे में बता रही थी, मैं भी वहीं पर था। आप लोगों का सारा ध्यान शैफाली पर था, इसलिए वहां पर घटी एक अजीब सी घटना पर आप लोगों ने ध्यान नहीं दिया था।“

“कैसी अजीब सी घटना ?“ शैफाली का नाम सुन सुयश ने हैरानी से ब्रैंडन की ओर देखा।

“जब शैफाली ने अपने सपनों के बारे में बताना शुरू किया तो उसके बगल बैठा ब्रूनो अचानक ‘कूं-कूं‘ करता हुआ उससे दूर हट गया था। जब तक शैफाली सपनों के बारे में बताती रही, वह डरा-डरा सा उससे दूर ही बैठा रहा। और जैसे ही शैफाली ने अपनी सपने वाली बात खत्म की, ब्रूनो फिर नॉर्मल हो कर शैफाली के पास आ गया था।“ ब्रैंडन ने कहा।

“मैं समझा नहीं ।“ सुयश की समझ में नहीं आया कि ब्रैंडन आखिर क्या कहना चाह रहा है?

“अब मैं आपको किस तरह से समझाऊं कि वहां उस समय कुछ ऐसा था, जिसे ब्रूनो जानवर होने की वजह से साफ-साफ देख रहा था।“ ब्रैंडन के शब्द रहस्य से भरे थे।

“आपका मतलब किसी आत्मा..... ..या किसी सुपर नेचुरल चीज से तो नहीं ?“ सुयश के चेहरे पर भी अब उलझन के भाव आ गये।

“आप बिल्कुल ठीक समझे कैप्टन, मैं इसी बारे में आपसे डिस्कस भी करना चाह रहा था, पर सारी घटनाएं इतनी तेजी से घटीं कि आप से बात करने का समय ही नहीं मिला।“ ब्रैंडन ने एक नजर रास्ते पर मारते हुए कहा।

“हूं......!“ सुयश ने एक गहरी सांस भरी और बोला- “बात चाहे जो कुछ भी हो, पर इतना जरूर है कि कोई विचित्र शक्ति, शैफाली के माध्यम से हमें कुछ बताना चाह रही है। लेकिन पहले इन कीड़ों को ढूंढकर खत्म करते हैं, वरना हम समय से पहले ही मौत के मुंह में चले जाएंगे। रही बात शैफाली के सपनों की तो हमें एक बार फिर शैफाली से मिलना पड़ेगा।“

इसके बाद तीनों ने सभी गैलरियां छान मारी, पर उन्हें कीड़े कहीं भी नजर नहीं आये।


“कैप्टेन, हमने आसपास की सारी गैलरियां देख लीं।“ ब्रैंडन ने इधर-उधर नजर मारते हुए सुयश से पूछा-
“क्या अब हमें डेक पर चल कर देखना चाहिए?“ लेकिन इससे पहले कि सुयश कोई जवाब दे पाता,

डेक की ओर खुलने वाला दरवाजा ‘धड़ा ऽऽऽक‘ की आवाज के साथ खुला और एक साया सीढ़ियों से लुढ़कता हुआ उनके सामने आकर गिरा। वह कोई और नहीं जॉनी था।

“क्या हुआ जॉनी ? क्या बात है?.... ... तुम इतना घबराए हुए क्यों हो?“ सुयश ने एक बार उस खुले दरवाजे को देखते हुए जॉनी को सहारा दिया।

“कैप्टन-कैप्टन.......ऊपर........ ऊपर!“ जॉनी ने घबराते हुए दरवाजे की ओर इशारा किया।

“क्या हुआ ऊपर? क्या ऊपर हरे कीड़े हैं?“ सुयश ने अपने शक के आधार पर जॉनी से पूछा।

“नहीं......!“ जॉनी ने थूक निगलते हुए, डरते हुए नहीं में सिर हिलाया-

“वो ऊपर...... लोथार. .....।“

“क्या हुआ लोथार को ?“ सुयश ने जॉनी की बात पूरी किए बिना ही जल्दी से पूछ लिया।

“ऊपर जल्दी जाइए कैप्टन........... वरना.......वरना वो उसे मार डालेगी।“

बस इससे ज्यादा जॉनी कुछ नहीं बोल सका। वह अपने होश खो बैठा।

“ऐलेक्स तुम इसे संभालो......और ब्रैंडन तुम मेरे साथ आओ।“ सुयश ने उठते हुए तेजी से आर्डर दनदनाया।

वह लपककर ब्रैंडन के साथ सीढ़ियां चढ़ता हुआ, दरवाजा खोलकर डेक पर आ गया। सामने उन्हें डेक की रेलिंग के पास लोथार खड़ा नजर आया, जो उस अंतहीन समुद्र में ना जाने क्या देख रहा था।

लोथार को सलामत देख सुयश ने चैन की सांस ली। लेकिन इससे पहले कि सुयश और कुछ सोच पाता, उसने देखा कि लोथार डेक की रेलिंग पर चढ़ रहा है। यह देखकर सुयश वहीं से चीख पड़ा-

“रुक जाओ लोथार.....! वरना तुम पानी में गिर जाओगे।“

सुयश की चीख सुन कर लोथार एक क्षण के लिए रुका और फिर उसने
पलटकर सुयश की ओर देखा।

“बेकार है कैप्टेन....।“ आपने आने में बहुत देर कर दी। वो मुझे बुला रही है।“ लोथार ने समुद्र की ओर अपनी तर्जनी उंगली से इशारा करते हुए कहा-

“अब मुझे उसके पास जाना ही होगा।“

“कौन....? कौन बुला रही है?“ सुयश का स्वर उलझा-उलझा सा था।

“वैसे तो मौत का कोई नाम नहीं होता। लेकिन हम उसे ‘लॉरेन‘ कह सकते हैं।“ लोथार के शब्दों में मौत की सी ठंडक थी।

“लॉरेन........!“ लोथार की बात सुन, सुयश और ब्रैंडन के दिमाग में धमाके से होने लगे। एक क्षण के लिए तो उनकी कुछ समझ में नहीं आया।

“लॉरेन?????? पर वो तो मर चुकी है।“ सुयश ने अटकते हुए स्वर में कहा-
“तुमने तो स्वयं उसकी लाश देखी थी।“

“मौत को भी भला आज तक कोई मार पाया है।“ लोथार के हर एक शब्द सुयश के दिमाग में किसी हथौड़े की तरह से चोट कर रहे थे-

“वो मुझे बुला रही है ......सुनो उसकी आवाज तुम्हें भी सुनाई देगी।“

एक क्षण के लिए लोथार पुनः समुद्र की ओर देखने लगा। मौके का फायदा उठाकर सुयश धीरे-धीरे लोथार की ओर बढ़ने लगा।

“वो.... आ गई।“ लोथार ने गहरे समुद्र के ओर देखते हुए कहा-

“वो... आ गई। मुझे अपने साथ ले जाने के लिए..........मुझे उसके साथ जाना ही होगा।“

उधर ब्रैंडन ने धीरे से वॉकी-टॉकी सेट निकाल कर शिप को रुकवाने के संकेत दे दिए। अब शिप की रफ्तार धीरे-धीरे कम होने लगी।

अब लोथार ने समुद्र की ओर देखते हुए अपना एक पैर रेलिंग की दूसरी साइड कर लिया। यह देखकर सुयश एक बार फिर चीख उठा-

“रुक जाओ लोथार....रुक जाओ।“
सुयश की आवाज सुनकर लोथार एक बार पुनः सुयश की ओर घूमकर बोला-

“क्या फायदा कैप्टेन! तुम मुझे रोक नहीं पाओगे। जब तुम इसे नहीं रोक पाए....... तो मुझे क्या रोकोगे.... ........हाऽऽऽहाऽऽऽहाऽऽऽ!“

इतना कहकर लोथार ने एक तरफ इशारा किया और तेजी से हंसकर समुद्र में कूद गया। वातावरण में ‘छपाक‘ की एक आवाज गूंज उठी।
तब तक ‘सुप्रीम’ भी रुक गया था।

सुयश और ब्रैंडन ने लोथार के शब्दों को समझ कर अपना चेहरा उस तरफ घुमाया, जिधर लोथार ने इशारा किया था और एक पल के लिए उनके रोंगटे खड़े हो गए।

उनसे लगभग 5 मीटर दूर अंधेरे में एक साया खड़ा था जिसकी आंखें अंधेरे में भी बहुत तेज चमक रहीं थीं।

उस जगह पर काफी अंधेरा होने के कारण उस साये का चेहरा साफ दिखाई नहीं दे रहा था। पर उसकी सफेद पोशाक अंधेरे में भी साफ दिख रही थी।



जारी
रहेगा_________✍️
बहुत खतरनाक update
 

Raj_sharma

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बहुत खतरनाक update
Itna bhi khatarnaak to nahi tha bhai :smarty:
 

Raj_sharma

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बहुत खतरनाक update
Thanks for your valuable review bhai :thanx:
 

Dhakad boy

Active Member
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# 37.
5 जनवरी 2002, शनिवार, 14:00; “सुप्रीम”

“मारिया !“ अलबर्ट ने मारिया की सूनी-सूनी आँखों में झांकते हुए पूछा- “क्या सोच रही हो ?“

“कुछ नहीं , बस इसी शिप के बारे में सोच रही हूं।“ मारिया ने जवाब दिया।

“क्या ?“ अलबर्ट ने पूछा।

“यही कि हमारी जिंदगी की शुरुआत भी ऐसे ही एक शिप पर हुई थी और आज अंत भी इसी शिप पर हो रहा है।“ मारिया के शब्दों में निराशा साफ झलक रही थी।

“ऐसा क्यों कहती हो ? अभी तो हमने एक नए सिरे से जिंदगी की शुरुआत करनी है, जिससे मैं हर कदम पर तुम्हारे साथ रहूंगा।“ अलबर्ट ने मारिया का हौसला बढ़ाने की कोशिश की।

“क्यों झूठ की डोर को पकड़े हुए चल रहे हो ? आज शिप के सभी यात्रियों को पता है कि हम कितनी खतरनाक मुसीबतों का सामना कर रहे हैं और अगला कोई लम्हा हमारी जिंदगी का आखिरी लम्हा भी साबित हो सकता है। लेकिन अब मुझे अपनी मौत की कोई चिंता नहीं है।“ मारिया ने कहा।

“क्यों ?“ अलबर्ट ने मारिया की आँखों में देखते हुए पूछा।

“क्यों कि अब तुम जो मेरे साथ हो और यदि तुम्हारा साथ हो तो मुझे मौत की कोई चिंता नहीं। बस एक ही अफसोस है कि अब हम तो अपनी जिंदगी जी चुके पर शैफाली सरीखे उन छोटे-छोटे बच्चों का क्या होगा ? उनका भला क्या दोष है? वह सब मौत के मुंह में क्यों जा रहे हैं? अभी उन्होंने तो ठीक तरीके से दुनिया को भी नहीं देखा है।“

अलबर्ट बोलती हुई मारिया को लगातार देख रहा था।
“क्या देख रहे हो इस तरह?“ मारिया ने पूछा।

“तुम्हें देख रहा हूं। मैं तुम्हें क्या समझता था और तुम क्या निकली? मैं समझता था कि तुम्हें केवल अपने सिवाय कोई नजर नहीं आता है। पर आज जब तुम स्वयं के बारे में छोड़कर, दूसरे ऐसे लोगों की चिंता कर रही हो, जिन्हें तुम ठीक तरह से जानती तक नहीं हो।“ अलबर्ट ने गहरी साँस लेते हुए कहा।

“इसी का नाम जिंदगी है।“ मारिया ने हल्की सी मुस्कान बिखेरते हुए कहा- “मैं तो पहले भी वही थी, जो आज हूं, पर आज तुम्हारे देखने का नजरिया बदल गया है।“

“तो क्यों ना हम इस बदली हुई जिंदगी को शैम्पेन पी कर सेलिब्रेट करें।“ अलबर्ट ने एकाएक माहौल को चेंज करते हुए कहा।

“आईडिया बुरा नहीं है।“ मारिया ने मुस्कुराते हुए कहा- “मैं अभी वेटर से शैम्पेन लाने के लिए कहती हूं।“

“वेटर को रहने दो।“ अलबर्ट ने खड़े होते हुए कहा- “मैं खुद ही ले आता हूं। इसी बहाने एक सिगरेट भी पी आऊंगा। क्यों कि तुम्हें तो पता है कि सिगरेट मेरी कमजोरी है और तुम्हें सिगरेट से नफरत है। इसलिए हमेशा सिगरेट मैं बाहर जा कर ही पीता हूं।“

मारिया ने धीमे से सिर हिलाकर अलबर्ट को अपनी सहमति दे दी। अलबर्ट ने सोफे से उठकर रूम का दरवाजा खोला और बाहर निकल गया।

5 जनवरी 2002, शनिवार 15:30; “सुप्रीम”

“ब्रैंडन ! लारा के बाद अब तुम ही सिक्योरिटी इंचार्ज हो। इसलिए तुम्हें आज मेरे साथ गश्त पर चलना होगा।“ सुयश ने लंबे-चैड़े ब्रैंडन से हाथ मिलाते हुए कहा।

“ओ.के. कैप्टेन!“ ब्रैंडन ने किसी नए-नए अधिकारी की तरह सैल्यूट मार कर, सुयश का इस्तकबाल किया- “मैं आपको किसी भी प्रकार की शिकायत का कोई मौका नहीं दूंगा।“

शायद कोई और समय होता तो ब्रैंडन की खुशी का ठिकाना ना रहता। लेकिन ऐसी स्थिति में और लारा की मौत के बाद ब्रैंडन को अपनी इस पोस्ट से इतनी खुशी नहीं हुई। थोड़ी ही देर में ब्रैंडन, सुयश के साथ गैलरी के चक्कर काट रहा था।

“हमें बिल्कुल सावधान रहना होगा कैप्टेन।“ ब्रैंडन ने सुयश के साथ चलते हुए कहा- “क्यों कि पिछले दो-तीन दिन के रिकॉर्ड कहते हैं कि हर शाम खतरों को समेटे हुए आती है। लेकिन आप बिल्कुल चिंता ना करें सर, मैंने अपनी सिक्योरिटी के सभी आदमियों को अलर्ट कर दिया है। मैं आशा करता हूं कि आज कोई भी ऐसी घटना नहीं.............।“

लेकिन इससे पहले कि ब्रैंडन कुछ और बोल पाता किसी के भागते कदमों की आहट सुन, दोनो दीवार से सट कर खड़े हो गये। जैसे ही भागने वाला इनके मोड़ पर मुड़ा। दोनों तुरंत निकल कर उसके सामने आ गये।

भागने वाला इंसान ऐलेक्स था। उसकी सांसे बुरी तरह से फूल-पिचक रहीं थीं। जैसे ही उसकी नजर सुयश पर पड़ी, उसने अपना उल्टा हाथ सुयश की ओर बढ़ाया।

“कैप्टन......... अब कोई..... नहीं बचेगा।“ इतना कहकर ऐलेक्स धड़ाम से फर्श पर गिरकर बेहोश हो गया। ऐलेक्स के शब्द ब्रैंडन और सुयश के लिए किसी धमाके से कम नहीं थे।

“ब्रैंडन, जल्दी पानी लाओ।“ सुयश ने चीखकर ब्रैंडन को आदेश दिया।

ब्रैंडन उठकर तुरंत भागा। पास में ही चिलिंग वाटर सिस्टम लगा हुआ था। ब्रैंडन ने तुरंत वहां रखे बर्तन में पानी लिया और भाग कर पुनः सुयश के पास पहुंच गया। सुयश ने पानी के छींटे ऐलेक्स के ऊपर मारे।

धीरे-धीरे एक कराहट के साथ ऐलेक्स को होश आ गया। होश में आते ही सबसे पहले ऐलेक्स ने घबरा कर इधर-उधर देखा और सुयश पर नजर पड़ते ही उसे तेजी से पकड़ लिया।

“कैप्टन......कैप्टन सबको बचाओ, नहीं तो वह सब को मार डालेंगे।“ ऐलेक्स घबराहट के कारण ठीक से बोल भी नहीं पा रहा था।

“क्या हुआ? कौन किसे मार डालेगा ?“ सुयश ने ऐलेक्स को झंझोड़ते हुए पूछा।

“वही ...... हरे कीड़े!“ ऐलेक्स ने जैसे बम फोड़ा।

“हरे कीड़े!“ सुयश और ब्रैंडन दोनों के मुंह से एक साथ निकला।

“हां...... मैं अपने कमरे में था। तभी बाहर गैलरी में मुझे खट-पट की आवाज महसूस हुई। मैंने धीरे से अपने कमरे का दरवाजा खोला। तो देखा ठीक वैसा ही हरा कीड़ा, जैसे क्रिस्टी के रुम मिला था। वह आगे-आगे उछलता हुआ गैलरी में जा रहा था। ना तो मेरे पास रिवाल्वर थी और ना ही कोई अन्य हथियार, जिससे मैं उस हरे कीड़े का सामना कर सकता। इसलिए मैं बिना आवाज किए, उस कीड़े के पीछे चल पड़ा। वह लगभग जमीन से 5-5 फुट ऊपर, मेंढक की तरह उछलता हुआ चल रहा था । उसकी स्पीड बहुत तेज थी। फिर भी मैं उसके पीछे लगा रहा। मैंने उसका कई गलियों तक पीछा किया। फिर एक गैलरी में मैं जैसे ही मुड़ा तो जो दृश्य मेरी आंखों ने देखा, उसे देखकर मेरी रूह फना हो गयी और मैं वहां से भाग खड़ा हुआ।“

बताते समय ऐलेक्स की आँखों के आगे सारे दृश्य घूमने लगे।

“ऐसा क्या देख लिया तुमने?“ सुयश का दिमाग ऐलेक्स की बातें सुनकर सांय-सांय करने लगा।

“मैंने देखा कि ठीक उसी के तरीके के कम से कम 10-12 हरे कीड़े उस पूरी गैलरी में टहल रहे थे।“ ऐलेक्स की आँखों में भय साफ नजर आ रहा था।

“क्या ऽऽऽऽऽऽ?“ सुयश को लगा जैसे किसी ने उसके सिर पर पहाड़ फेंक कर मार दिया हो।

“यह सब तुमने किस गैलरी में देखा ?“ ब्रैंडन ने ऐलेक्स से पूछा।

“आइए मेरे साथ। मैं आपको बताता हूं।“ इतना कहकर ऐलेक्स उन्हें लेकर एक दिशा की ओर चल दिया। लेकिन उसके पांवों में अभी भी भय की वजह से लड़खड़ाहट थी। तभी इन्हें गैलरी की एक साइड से अलबर्ट आता दिखा ई दिया।

“क्या बात है कैप्टन? आप लोग इतने घबराए हुए क्यों हैं?“ अलबर्ट ने बारी- बारी सबके चेहरे को देखते हुए कहा।

“अभी -अभी मिस्टर ऐलेक्स ने इस दिशा में लगभग 10-12 हरे कीड़े जाते देखे हैं।“ सुयश ने जवाब दिया।

“क्या ऽऽऽऽ? माई गॉड! वह एक कीड़ा ही इतना खतरनाक था, फिर 10-12 कीड़े।......अगर ऐसा हो गया और शिप के लोगों को पता चल गया तो भगदड़ मच जायेगी।“ अलबर्ट ने घबराते हुए कहा।

“यह भी तो हो सकता है कि मिस्टर ऐलेक्स ने 10-12 कीड़े देखे हों, तो यह पूरे शिप पर मिला कर 100-200 हों।“ ब्रैंडन ने अपने विचार रखे।

“अगर ऐसा हुआ तो शिप के किसी भी आदमी का बचना मुश्किल है।“ सुयश चिंतित स्वर में बड़बड़ाया।

“क्या आपने इसी दिशा में कीड़ों को जाते देखा था मिस्टर ऐलेक्स?“ अलबर्ट ने सबके साथ गैलरी में मुड़ते हुए कहा।

“जी हां !“ ऐलेक्स ने उत्तर दिया।

“माई गॉड!......इधर तो मेरा भी रूम पड़ता है। मारिया......मारिया कैसी होगी ?“

मारिया का विचार आते ही, हाथ में शैंपेन की बोतल और खाने का सामान लिए अलबर्ट ने अपने रूम की ओर दौड़ लगा दी। उसे अब ना तो उन कीड़ों की चिंता थी और ना ही अपनी।

सुयश सहित ब्रैंडन और ऐलेक्स भी अलबर्ट के पीछे भागे। उन तीनों की निगाहें तेजी से गैलरी में भी फिर रही थीं। अलबर्ट भागता हुआ अपने कमरे के दरवा जे पर पहुंचा। उसके कमरे का दरवाजा खुला हुआ था। वह भागकर तेजी से अपने कमरे में प्रवेश कर गया।

“मारिया-मारिया !.......कहां हो तुम?“ अलबर्ट की आवाज में चिंता की लकीरें साफ नजर आ रही थीं।

रूम खाली था। अलबर्ट भागकर दूसरे कमरे में दाखिल हो गया, पर वह भी खाली था। अलबर्ट की बदहवासी बढ़ती जा रही थी। जल्दी ही उसने पूरा केबिन चेक कर डाला, पर मारिया कहीं ना थी।

“मारियाऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽ!“ अलबर्ट गुस्से में जोर से चिल्ला उठा।

उसकी आंखों से झर-झर आंसू बहने लगे। शैंपेन की बोतल उसके हाथ से गिरकर टूट गई थी और साथ ही टूट गया था अलबर्ट के धैर्य का बांध। वह जमीन पर गिरकर फूट-फूट कर रोने लगा।

“तुम कहां चली गई मारिया?...... अब तो मैंने तुम्हारे साथ जिंदगी भर रहने का वादा भी कर लिया था।.. .. .....मुझे अकेला छोड़ने का तुम्हारा कोई हक नहीं था।...... अरे दो पल इंतजार तो कर लिया होता।.....मेरे आने का......अब मैं तुम्हारे बिना कैसे जिंदा रहूंगा ?“ अलबर्ट भावावेश में बोलता ही जा रहा था।

“शांत हो जाइए मिस्टर अलबर्ट।“ सुयश ने अलबर्ट के कंधे पर हाथ रखते हुए कहा- “हो सकता है कि मारिया मैडम यहीं कहीं आस-पास गयीं हों और अभी वापस लौट आएं।“

“नहीं कैप्टेन....... मैं जान गया हूं कि........ वह अब इस दुनिया में नहीं है ......उसे भी शायद इन आने वाले पलों का एहसास हो गया था.. .........तभी वह मुझे बाहर जाने के लिए मना कर रही थी.......लेकिन मैं.......मैं तो अपनी इस कमीनी लत का गुलाम हो गया हूं।“ कहते हुए अलबर्ट ने अपनी जेब से सिगरेट का पैकेट निकाल लिया।

“मैं.......मैं जानता हूं कि मारिया को किसने मारा ?“ एकाएक ही अलबर्ट विक्षिप्त सा नजर आने लगा।

“क्या ऽऽऽऽ?“ अलबर्ट के शब्दों को सुन, सुयश सहित ब्रैंडन और ऐलेक्स अवाक रह गये- “आपको पता है कि मारिया मैडम को किसने मारा ?“

“हां..........मुझे पता है.......... उसको... .....उसको इसने मारा।“ अलबर्ट ने ‘क्लासिक‘ सिगरेट के पैकेट की ओर इशारा करते हुए कहा- “यही है जिसने मेरी मारिया को मुझसे छीन लिया............ मैं. .. ...मैं इसे जिंदा नहीं छोडूंगा......मैं भी इसे मार डालूंगा।“

इतना कहकर अलबर्ट ने सिगरेट का पैकेट जमीन पर फेंक दिया और उसे अपने पैरों तले कुचलने लगा सुयश, अलबर्ट की यह हालत देख, धीरे से फोन की ओर बढ़ गया-

“हैलो डॉक्टर निक्सन!........मैं रूम नंबर 927 से सुयश बोल रहा हूं। आप फौरन अपना बैग लेकर इस केबिन में आ जा इए।“ इतना कहकर सुयश ने फोन काट दिया।

उधर अलबर्ट अब पागलों की तरह अपना जूता उतारकर सिगरेट को पीट रहा था।

“नशीली चुड़ैल......आज मैं तुझे नहीं छोडूंगा.......मार डालूंगा।“

सुयश ने धीरे से ब्रैंडन को इशारा किया। ब्रैंडन ने आगे बढ़कर अलबर्ट को पीछे से पकड़ लिया। अलबर्ट अपने आपको ब्रैंडन की पकड़ से छुड़ाने की भरपूर कोशिश करने लगा।

“छोड़ो मुझे..........वरना कातिल भाग जाएगा........वो मेरी मारिया को...... ले जा रहा है।“

अलबर्ट अभी भी चिल्लाये जा रहा था। लेकिन लंबे-चैड़े ब्रैंडन की पकड़ बहुत शक्तिशाली थी। चाहकर भी अलबर्ट, ब्रैंडन की पकड़ से छूट नहीं पा रहा था। तभी डॉक्टर निक्सन भागते हुए अपने असिस्टेंट के साथ रुम में दाखिल हुए।

“क्या बात है कैप्टन?“ डॉक्टर निक्सन ने अलबर्ट पर एक नजर मारते हुए कहा।

“इन्हें तुरंत एक नींद का इंजेक्शन दीजिए।“ सुयश ने अलबर्ट की ओर इशारा करते हुए कहा।

“नहीं डॉक्टर.....! मुझे नींद का इंजेक्शन मत देना.........मैं अभी तक सो ही तो रहा था.............. आज पहली बार जागा हूं.......मुझे दोबारा मत सुलाओ.....वरना ...... वरना वो मेरी मारिया को ले जाएगा ।“ अब अलबर्ट की आवाज में गिड़गिड़ाहट के भाव थे।

डॉक्टर निक्सन ने तब तक इंजेक्शन बना लिया था। उसने आगे बढ़कर धीरे से अलबर्ट की दाहिनी बाजू में इंजेक्शन को चुभा दिया।

“छोड़ दो.......मुझे.....वो देखो.... मेरी मारिया.....मुझे बुला...रही .... है...वो... मुझे...पुकार..............।“

अलबर्ट अपनी बात पूरी किए बिना ही बेहोश हो गया। ब्रैंडन ने अब अपनी पकड़ ढीली कर दी। उसने अब अलबर्ट को धीरे से वहीं बिस्तर पर लिटा दिया और उसके दूसरे पैर का जूता भी खोलकर वहीं रख दिया।

“ब्रैंडन 2 आदमी इनकी सिक्योरिटी में लगा दो और तुम तुरंत मेरे साथ चलो, क्यों कि खतरा अभी टला नहीं है। वह कीड़े पता नहीं कहां तक पहुंच गये होंगे?“ सुयश ने कहा।

“कीड़े......? कैसे कीड़े?“ डॉक्टर निक्सन ने हैरानी से पूछा।

“सॉरी डॉक्टर, अभी कुछ भी बताने का समय नहीं है। जल्दी ही बताता हूं आपको।“

कहकर सुयश ने आखिरी बार अलबर्ट पर नजर मारी और तेजी के साथ कमरे से बाहर निकल गया। ऐलेक्स भी उसके पीछे था।




जारी रहेगा________✍️
Nice update Bhai
Agar in kido ka jaldi hi kuch nahi huva to ye puri ship ke logo ke liye bhut badi mushibat honge
 

Raj_sharma

परिवर्तनमेव स्थिरमस्ति ||❣️
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Nice update Bhai
Agar in kido ka jaldi hi kuch nahi huva to ye puri ship ke logo ke liye bhut badi mushibat honge
Hum aapki baat per sahmat hai mitra, per wo keede filhal to chale gaye hai :?: Or mujhe nahi lagta ki aage fir se aayenge:dazed: Thank you very much for your valuable review bhai :thanx:
 

Dhakad boy

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# 38 .

चैपटर-12
5 जनवरी 2002, शनिवार 19:00;

थोड़ी देर के बाद ब्रैंडन पुनः सुयश से आ मिला।

“कैप्टन मैंने अपनी सिक्योरिटी के सभी आदमियों को पूरी तरह अलर्ट कर दिया है और हर ग्रुप के एक मेंबर को वॉकी टॉकी सेट भी दिला दिया है। अब शिप पर जैसे ही कोई घटना घटेगी, हमें तुरंत पता चल जाएगा।“ ब्रैंडन ने इधर-उधर नजर मारते हुए सुयश से कहा।

“वेरी गुड! अब हमें भी चलकर उन कीड़ों को ढूंढना चाहिए।“ कहकर सुयश अगली गली में मुड़ गया।

“आपने उन हरे कीड़ों को इसी तरफ आते देखा था ना ?“ सुयश ने ऐलेक्स को देखते हुए पूछा।

“जी हाँ !“ ऐलेक्स ने जवाब दिया।

“फिर वह सारे के सारे इतनी जल्दी कहां चले गए?“ ब्रेंडन बोल उठा।

“ऊपर वाले से दुआ करो कि वह सब जहां से आए थे, वहीं चले भी गए हों। वरना वास्तव में ही उनसे बचना बहुत मुश्किल हो जाएगा।“ सुयश ने हाथ से चेहरे पर क्रॉस बनाते हुए, ईश्वर से प्रार्थना की।

“वैसे सर आपको क्या लगता है?“ ब्रैंडन ने गंभीर स्वर में कहा- “क्या यह कीड़े स्वयं कहीं से आए हैं?“

“क्या मतलब?“ सुयश ने ठिठक कर रुकते हुए कहा।

“मतलब यह है सर, कि ऐसा भी तो हो सकता है कि कोई जानबूझकर इस शिप पर दहशत फैलाने के लिए, इन हरे कीड़ों को लेकर यहां आया हो ?“ ब्रैंडन ने अपनी बात को क्लियर करते हुए कहा।

“यह संभव नहीं है।“ ऐलेक्स ने तुरंत बोलते हुए कहा- “वह कीड़ा इतना
जहरीला और फुर्तीला है कि मुझे नहीं लगता कि कोई उस पर पार पा सकता है।“

"ऐलेक्स सही कह रहे हैं।“ सुयश ने भी ऐलेक्स के विचारों पर अपनी सहमति जताई।

“मैं भी आप लोगों की बातों से सहमत हूं। पर कुछ बातें हैं, जो मेरे दिल में खटक रहीं हैं।“ ब्रैंडन के शब्दों में शंका के भाव थे।

“कैसी बातें?“ सुयश ने पूछा।

“कैप्टन यह तो आप भी जानते हैं कि ये कीड़ा कितना फुर्तीला है....... जिस कीड़े ने गार्ड को बिना 1 सेकंड का समय दिए मार दिया हो, उसे हम फुर्तीला कह सकते हैं। पर ये बात मेरे समझ में नहीं आयी कि क्रिस्टी उस कीड़े से कैसे इतनी देर तक बचती रही ? क्रिस्टी ने ये भी कहा था कि उसने कीड़े को पैर मार दिया जिससे वह बेड के पीछे गिर गया। क्या यह संभव है कैप्टन कि जिस कीड़े ने गार्ड को, जो खतरा भांप कर बहुत सावधानी से चल रहा था, बिल्कुल समय नहीं दिया ? फिर उससे क्रिस्टी आखिर इतनी देर तक कैसे बचती रही ?“ ब्रैंडन ने कहा।

ब्रैंडन के शब्दों को सुनकर सुयश के चेहरे पर भी अब सोच के भाव आ गए, क्यों कि ब्रैंडन का तर्क वास्तव में जोरदार था।

“लेकिन अगर क्रिस्टी उन कीड़ों को शिप पर लाई होती, तो वह कीड़ों से स्वयं पर अटैक क्यों करवाती। और वैसे भी वह एक साधारण लड़की है, वह भला शिप पर दहशत क्यों फैलाना चाहेगी ?“ ऐलेक्स ने ब्रैंडन को देखते हुए कहा।

“ये आप नहीं बोल रहे हैं मिस्टर ऐलेक्स।“ सुयश ने ऐलेक्स के चेहरे का जायजा लेते हुए कहा- “आपका क्रिस्टी के प्रति प्यार बोल रहा है।“

ऐलेक्स ने एक क्षण के लिए अपना सिर झुका लिया। क्यों कि सुयश वास्तव में सही कह रहा था। तभी ब्रैंडन को फिर कुछ याद आया-

“कैप्टेन, एक बात और जो मैं आपसे बताना भूल गया था। जिस समय शैफाली अपने सपनों के बारे में बता रही थी, मैं भी वहीं पर था। आप लोगों का सारा ध्यान शैफाली पर था, इसलिए वहां पर घटी एक अजीब सी घटना पर आप लोगों ने ध्यान नहीं दिया था।“

“कैसी अजीब सी घटना ?“ शैफाली का नाम सुन सुयश ने हैरानी से ब्रैंडन की ओर देखा।

“जब शैफाली ने अपने सपनों के बारे में बताना शुरू किया तो उसके बगल बैठा ब्रूनो अचानक ‘कूं-कूं‘ करता हुआ उससे दूर हट गया था। जब तक शैफाली सपनों के बारे में बताती रही, वह डरा-डरा सा उससे दूर ही बैठा रहा। और जैसे ही शैफाली ने अपनी सपने वाली बात खत्म की, ब्रूनो फिर नॉर्मल हो कर शैफाली के पास आ गया था।“ ब्रैंडन ने कहा।

“मैं समझा नहीं ।“ सुयश की समझ में नहीं आया कि ब्रैंडन आखिर क्या कहना चाह रहा है?

“अब मैं आपको किस तरह से समझाऊं कि वहां उस समय कुछ ऐसा था, जिसे ब्रूनो जानवर होने की वजह से साफ-साफ देख रहा था।“ ब्रैंडन के शब्द रहस्य से भरे थे।

“आपका मतलब किसी आत्मा..... ..या किसी सुपर नेचुरल चीज से तो नहीं ?“ सुयश के चेहरे पर भी अब उलझन के भाव आ गये।

“आप बिल्कुल ठीक समझे कैप्टन, मैं इसी बारे में आपसे डिस्कस भी करना चाह रहा था, पर सारी घटनाएं इतनी तेजी से घटीं कि आप से बात करने का समय ही नहीं मिला।“ ब्रैंडन ने एक नजर रास्ते पर मारते हुए कहा।

“हूं......!“ सुयश ने एक गहरी सांस भरी और बोला- “बात चाहे जो कुछ भी हो, पर इतना जरूर है कि कोई विचित्र शक्ति, शैफाली के माध्यम से हमें कुछ बताना चाह रही है। लेकिन पहले इन कीड़ों को ढूंढकर खत्म करते हैं, वरना हम समय से पहले ही मौत के मुंह में चले जाएंगे। रही बात शैफाली के सपनों की तो हमें एक बार फिर शैफाली से मिलना पड़ेगा।“

इसके बाद तीनों ने सभी गैलरियां छान मारी, पर उन्हें कीड़े कहीं भी नजर नहीं आये।


“कैप्टेन, हमने आसपास की सारी गैलरियां देख लीं।“ ब्रैंडन ने इधर-उधर नजर मारते हुए सुयश से पूछा-
“क्या अब हमें डेक पर चल कर देखना चाहिए?“ लेकिन इससे पहले कि सुयश कोई जवाब दे पाता,

डेक की ओर खुलने वाला दरवाजा ‘धड़ा ऽऽऽक‘ की आवाज के साथ खुला और एक साया सीढ़ियों से लुढ़कता हुआ उनके सामने आकर गिरा। वह कोई और नहीं जॉनी था।

“क्या हुआ जॉनी ? क्या बात है?.... ... तुम इतना घबराए हुए क्यों हो?“ सुयश ने एक बार उस खुले दरवाजे को देखते हुए जॉनी को सहारा दिया।

“कैप्टन-कैप्टन.......ऊपर........ ऊपर!“ जॉनी ने घबराते हुए दरवाजे की ओर इशारा किया।

“क्या हुआ ऊपर? क्या ऊपर हरे कीड़े हैं?“ सुयश ने अपने शक के आधार पर जॉनी से पूछा।

“नहीं......!“ जॉनी ने थूक निगलते हुए, डरते हुए नहीं में सिर हिलाया-

“वो ऊपर...... लोथार. .....।“

“क्या हुआ लोथार को ?“ सुयश ने जॉनी की बात पूरी किए बिना ही जल्दी से पूछ लिया।

“ऊपर जल्दी जाइए कैप्टन........... वरना.......वरना वो उसे मार डालेगी।“

बस इससे ज्यादा जॉनी कुछ नहीं बोल सका। वह अपने होश खो बैठा।

“ऐलेक्स तुम इसे संभालो......और ब्रैंडन तुम मेरे साथ आओ।“ सुयश ने उठते हुए तेजी से आर्डर दनदनाया।

वह लपककर ब्रैंडन के साथ सीढ़ियां चढ़ता हुआ, दरवाजा खोलकर डेक पर आ गया। सामने उन्हें डेक की रेलिंग के पास लोथार खड़ा नजर आया, जो उस अंतहीन समुद्र में ना जाने क्या देख रहा था।

लोथार को सलामत देख सुयश ने चैन की सांस ली। लेकिन इससे पहले कि सुयश और कुछ सोच पाता, उसने देखा कि लोथार डेक की रेलिंग पर चढ़ रहा है। यह देखकर सुयश वहीं से चीख पड़ा-

“रुक जाओ लोथार.....! वरना तुम पानी में गिर जाओगे।“

सुयश की चीख सुन कर लोथार एक क्षण के लिए रुका और फिर उसने
पलटकर सुयश की ओर देखा।

“बेकार है कैप्टेन....।“ आपने आने में बहुत देर कर दी। वो मुझे बुला रही है।“ लोथार ने समुद्र की ओर अपनी तर्जनी उंगली से इशारा करते हुए कहा-

“अब मुझे उसके पास जाना ही होगा।“

“कौन....? कौन बुला रही है?“ सुयश का स्वर उलझा-उलझा सा था।

“वैसे तो मौत का कोई नाम नहीं होता। लेकिन हम उसे ‘लॉरेन‘ कह सकते हैं।“ लोथार के शब्दों में मौत की सी ठंडक थी।

“लॉरेन........!“ लोथार की बात सुन, सुयश और ब्रैंडन के दिमाग में धमाके से होने लगे। एक क्षण के लिए तो उनकी कुछ समझ में नहीं आया।

“लॉरेन?????? पर वो तो मर चुकी है।“ सुयश ने अटकते हुए स्वर में कहा-
“तुमने तो स्वयं उसकी लाश देखी थी।“

“मौत को भी भला आज तक कोई मार पाया है।“ लोथार के हर एक शब्द सुयश के दिमाग में किसी हथौड़े की तरह से चोट कर रहे थे-

“वो मुझे बुला रही है ......सुनो उसकी आवाज तुम्हें भी सुनाई देगी।“

एक क्षण के लिए लोथार पुनः समुद्र की ओर देखने लगा। मौके का फायदा उठाकर सुयश धीरे-धीरे लोथार की ओर बढ़ने लगा।

“वो.... आ गई।“ लोथार ने गहरे समुद्र के ओर देखते हुए कहा-

“वो... आ गई। मुझे अपने साथ ले जाने के लिए..........मुझे उसके साथ जाना ही होगा।“

उधर ब्रैंडन ने धीरे से वॉकी-टॉकी सेट निकाल कर शिप को रुकवाने के संकेत दे दिए। अब शिप की रफ्तार धीरे-धीरे कम होने लगी।

अब लोथार ने समुद्र की ओर देखते हुए अपना एक पैर रेलिंग की दूसरी साइड कर लिया। यह देखकर सुयश एक बार फिर चीख उठा-

“रुक जाओ लोथार....रुक जाओ।“
सुयश की आवाज सुनकर लोथार एक बार पुनः सुयश की ओर घूमकर बोला-

“क्या फायदा कैप्टेन! तुम मुझे रोक नहीं पाओगे। जब तुम इसे नहीं रोक पाए....... तो मुझे क्या रोकोगे.... ........हाऽऽऽहाऽऽऽहाऽऽऽ!“

इतना कहकर लोथार ने एक तरफ इशारा किया और तेजी से हंसकर समुद्र में कूद गया। वातावरण में ‘छपाक‘ की एक आवाज गूंज उठी।
तब तक ‘सुप्रीम’ भी रुक गया था।

सुयश और ब्रैंडन ने लोथार के शब्दों को समझ कर अपना चेहरा उस तरफ घुमाया, जिधर लोथार ने इशारा किया था और एक पल के लिए उनके रोंगटे खड़े हो गए।

उनसे लगभग 5 मीटर दूर अंधेरे में एक साया खड़ा था जिसकी आंखें अंधेरे में भी बहुत तेज चमक रहीं थीं।

उस जगह पर काफी अंधेरा होने के कारण उस साये का चेहरा साफ दिखाई नहीं दे रहा था। पर उसकी सफेद पोशाक अंधेरे में भी साफ दिख रही थी।



जारी
रहेगा_________✍️
Rahsayo se bharpur update
Pahle brandon ka kristi ki aur shak karna phir brandon ka bruno ki us ajib harkat ke bare me suyash ko batana or phir lothar ka ye kahana ki loren use bula rahi hai or samundar me kud jana or aakir me vo saya dikna
Rahasya badte ja rahe hai dekte hai in rahsayo se kab parda udta hai
 

Raj_sharma

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