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Fantasy 'सुप्रीम' एक रहस्यमई सफर

Raj_sharma

परिवर्तनमेव स्थिरमस्ति ||❣️
Supreme
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Bhut hi badhiya update
To akir me phir sabhi shaifali ke pass hi loat aaye hai or saifali kis dveep ki baat kar rahi thi
Dekte hai ab aage kya hota hai
Ye wahi dweep hai, jisne sabke naak me dum kar rakha hai, ab kyu or kaise? Jaane ke liye, sath bane rahiye, thanks for your valuable review and support bhai :thanx:
 

Iron Man

Try and fail. But never give up trying
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# 40 .

उस पर इंगिलश के साफ-साफ शब्दों में लिखा था-
“एफ. डी. रोजर“

“रोजर....................?“ सुयश ने होंठो ही होंठो में बुदबुदाया- “क्या रोजर अभी जिंदा है? क्या उस समय उसका हेलीकॉप्टर क्रैश नहीं हुआ था ? क्या उसने सभी को जान बूझकर गलत मैसेज दिया था ? क्या वह मरने का नाटक कर रहा था? वह इतने दिनों तक कहां था ? क्या शिप से लोगों की लाशें वही गायब कर रहा था ? क्या लॉरेन का ब्वॉयफ्रेंड वही था ?“

एका एक सुयश के दिमाग में जैसे हजारों सवाल कौंध गये। जिसने भी उस बैच को देखा, वह सकते की हालत में आ गया। अब सुयश के दिमाग में बार-बार लोथार के शब्द गूंजने लगे-

“वैसे तो मौत का कोई नाम नहीं होता लेकिन हम लोग उसे लॉरेन कह सकते हैं ......... मौत को भी भला कोई आज तक मार पाया है.. .....वो मुझे बुला रही है।“

“तो क्या लॉरेन भी जीवित है? या फिर सच में ही वो लॉरेन की आत्मा थी।“
सुयश अपने आप में बड़बड़ाये जा रहा था। उसकी बड़बड़ाहट तौफीक ने सुनी, तो वह भी आश्चर्य से भर उठा-

“आप ये क्या कह रहे हैं कैप्टन?... ..क्या लॉरेन वास्तव में जिंदा है?

सुयश ने अब झुंझला कर कहा-
“पता नहीं......मेरी तो अब बुद्धि ही काम नहीं कर रही कि मैं क्या समझूं और आप लोगों को क्या बताऊं?“

तभी ऐलेक्स जॉनी को लेकर आता दिखाई दिया। उनके साथ असलम भी था। उन्हें अभी यहां घटी घटना की कोई जानकारी नहीं थी।

“क्या हुआ कैप्टेन?“ असलम ने आगे बढ़ते हुए सुयश से कहा-
“अभी-अभी मुझे गोलियां चलने की आवाज सुनाई दीं। यहां सब ठीक तो है?“

सुयश ने असलम को अभी शांत रहने का इशारा किया और जॉनी से घूम कर पूछा-

“पहले आप बताएं मिस्टर जॉनी कि यहां क्या घटना घटी थी ?“

“पहले यह बताइए कैप्टेन, कि लोथार कहां है?“ जॉनी ने सुयश से उल्टा सवाल कर दिया।

“लोथार अब इस दुनिया में नहीं है।“ सुयश ने संजीदा स्वर में कहा- “हमने उसको बचाने की बहुत कोशिश की, पर असफल रहे। अब आप यहां घटी घटना के बारे में बताओ कि आपने यहां क्या देखा?“

“लोथार मर गया........!“ जॉनी एक पल के लिए सिहर उठा। असलम भी यह खबर सुनकर हैरान हो गया।

“मुझे पहले ही पता था कि वह बच नहीं पाएगा।.....वो उसे मार ही डालेगी।“ जॉनी ने डरे-डरे शब्दों में कहा।

“कौन?.....कौन उसे मार डालेगी ?“ अब असलम से रहा ना गया और वह पूछ ही बैठा ।

“वही.............जो मर कर भी सबको मार रही है- लॉरेन“ अब असलम का दिमाग सांय-सांय करने लगा।

“तुम पहेलियां बुझाकर अब सबको डरा ओ मत।“ सुयश ने ‘आप‘ से ‘तुम‘ पर आते हुए झुंझला कर कहा- “साफ-साफ शब्दों में बताओ कि तुमने यहां पर क्या देखा ?“

इस बार जॉनी ने साफ शब्दों में बोलना शुरु कर दिया- “मैं और लोथार यहां पर खड़े हो कर, शिप पर घट रही उन रहस्यमई घटनाओं के बारे में बात कर रहे थे कि तभी हमें अचानक एक खटके की आवाज सुनाई दी। यह आवाज उधर अंधेरे की तरफ से आई थी।
अभी हम सोच रहे थे कि हम क्या करें, तभी अंधेरे में हमें 2 साये दिखाई दिए। हम लोग यह समझ कर यहां छिप गए कि उन्होंने हमें नहीं देखा होगा। तभी उनमें से एक साया जो यकीनन किसी लड़की का था, अंधेरे से निकलकर डेक की रेलिंग के पास पहुंच गया और दूसरा साया वहीं अंधेरे में विलीन हो गया।

अब मैं और लोथार धीरे-धीरे दबे पाँव उस लड़की के पीछे पहुंच गये। हम थोड़ी देर तक खड़े उस साये के पीछे मुड़ने का इंतजार करते रहे, परंतु जब वह काफी देर तक पीछे ना मुड़ी, तो लोथार से ना रहा गया और वह पूछ बैठा-

“कौन हो तुम?“ लेकिन ना तो वो पीछे पलटी और ना ही उसने किसी तरह का जवाब दिया। तब लोथार अपनी आवाज तेज करते हुए पुनः जोर से बोला-

“मैं पूछता हूं कौन हो तुम? और इतनी रात गये अंधेरे में यहां क्या कर रही हो ?“
इस बार वह लड़की धीरे से पलटी और फिर हमें किसी जवाब की कोई जरूरत नहीं थी। क्यों कि हम उसे अच्छी तरह से पहचानते थे। वह लॉरेन थी। उसके चेहरे पर अब किसी तरह की गोली का कोई निशान नहीं था। मैं उसे देखकर इतना डर गया कि मेरे दिमाग ने काम करना बंद कर दिया। मैं वहां से भागने के लिए तुरंत मुड़ा, पर पीछे मुड़ते ही जैसे मेरे दिल ने धड़कना बंद कर दिया।

क्यों कि ठीक मेरे पीछे रोजर खड़ा था। वह खूनी नजरों से मुझे घूर रहा था। मुझे यह पता चल चुका था कि एक हेलीकॉप्टर दुर्घटना में उसकी मौत हो चुकी है। अब खुद ही सोचिए कैप्टेन, जब 2-2 मुर्दे किसी के सामने खड़े हों, तो उसकी क्या हालत होगी ? एक क्षण के लिए तो मेरी कुछ समझ में ही नहीं आया कि मैं क्या करूं पर जैसे ही मुझे अपनी मौत का ख्याल आया, मेरे अंदर तुरंत पता नहीं कहां से इतना साहस आ गया कि मैने रोजर को बहुत तेजी से धक्का दिया और वहां से भाग निकला।

भागते समय जब मैंने पीछे मुड़ कर देखा, तो रोजर अपनी जगह से गायब था, लेकिन लॉरेन लोथार का हाथ पकड़कर पता नहीं क्या कर रही थी ? मैं तेजी से नीचे जाने वाले दरवाजे की ओर भागा। दरवाजा खोलकर जल्दी भागने के चक्कर में मेरा पैर फिसल गया और मैं आपके पास आ गिरा।“

इतना कहकर जॉनी चुप हो गया, मगर उसकी सांसे अब भी किसी धौंकनी के समान चल रही थी।

जॉनी के द्वारा सुनाई गई कहानी को सुनकर एक पल के लिए किसी के मुंह से कोई बोल नहीं फूटा। वहां खड़े सभी लोग उस पल को महसूस कर सिहर उठे। कई लोगों के चेहरे
दहशत के कारण सफेद हो गए।

थोड़ी देर खामोश रहने के बाद सुयश ने एक बार वहां खड़े सभी लोगों का चेहरा देखा और फिर धीरे से असलम को बोलने का इशारा किया। असलम तो जैसे इसी पल का इंतजार कर रहा था। वह इशारा मिलते ही तेजी से बोल उठा-

“क्या रोजर सर जिंदा हैं? अगर अभी तक वो जिंदा थे? तो हमसे मिले क्यों नहीं ?“ क्या.............. ...?“

असलम जैसे एक ही सांस में सारे सवाल पूछ लेना चाहता था, पर सुयश ने उसे हाथ के इशारे से रोका और फिर पहले सिलसिलेवार बाद में घटी घटना की जानकारी उसे दे दी।

“इसका मतलब क्या वो लॉरेन व रोजर सर की आत्माएं थीं ? असलम ने उलझे- उलझे स्वर में कहा।

“अब इस समय हम जिस हालात में हैं।“ सुयश ने असलम को समझाते हुए कहा- “उसमें हम किसी भी घटना पर आश्चर्य व्यक्त नहीं कर सकते। क्यों कि इस रहस्यमय क्षेत्र में अब जो भी घटना घट जाए, वह कम ही है। इसलिए बीती घटनाओं के बारे में सोचना छोड़ कर आगे आने वाले खतरों से निपटने के लिए कुछ सोचो।“

“क्या सोचें कैप्टन!“ ऐलेक्स का लहजा एका एक गर्म हो गया- “इन रहस्यमय घटनाओं से कैसे जीता जा सकता है? हम एक साधारण मानव हैं और यह सारी घटनाएं सुपर नेचुरल हैं। इन मुसीबतों से हम लड़ें भी तो कैसे? हम तो सिर्फ तमाशा बीन बनकर अपनी मौत का सिर्फ तमाशा देख सकते हैं। और इंतजार कर सकते हैं अपनी मौत का, कि वह अभी आएगी और बारी-बारी से हम सभी को ले जाएगी।“

“बस, इतने से ही घबरा गए मिस्टर ऐलेक्स।“ सुयश ने ऐलेक्स को जोश दिलाते हुए कहा- “हम इस समय दुनिया के सबसे रहस्यमई क्षेत्र में हैं। अगर इसे पार करना इतना ही आसान होता, तो अब तक ना जाने कब का इसका रहस्य खुल गया होता। अब जबकि हम इस क्षेत्र में फंस ही गए हैं, तो हमें खतरों का बहादुरी से सामना करना होगा, ना कि हथियार डालकर मौत का इंतजार।“

“आप ठीक कह रहे हैं कैप्टेन।“ जेनिथ ने सुयश को देखते हुए कहा- “ हमें खतरों का डटकर सामना करना चाहिए। लेकिन अभी कुछ ही देर पहले आपने देखा कि सिर्फ एक यात्री लोथार की जान खतरे में थी और हम लोग यहां सैकड़ों की संख्या में थे, फिर भी हम उसकी जिंदगी नहीं बचा पाए। फिर आप क्या सोचते हैं कि जब हम सबकी जान एक साथ खतरे में पड़ जाएगी तो क्या हमें कोई बचा पाएगा ?“

“देखिये मिस जेनिथ, यह जो हादसा हुआ है, इसमें अगर कोई लोथार की मदद नही कर सका तो उसका सबसे बड़ा कारण लोथार का समुद्र में होना था। वह हमारी पहुंच से बाहर था जिसकी वजह से हम उसका बचाव नहीं कर सके।“

सुयश ने जेनिथ को सफाई देते हुए कहा। सुयश नहीं चाहता था कि ऐसी स्थिति में सभी यात्री दहशत में दिखें, इसलिए वह हर संभव सभी का डर कम करना चाहता था।

“लोथार जब पहुंच के अंदर था, तब हमने उसका क्या कर लिया कैप्टेन?“ जॉनी के शब्दों में भी अब कड़वाहट स्पष्ट दिख रही थी- “मेरी तो आंखों के सामने, मैं लोथार को मौत के मुंह में छोड़कर भागा था। पर अगर रुक भी जाता तो क्या कर लेता ? यह भी हो सकता था कि इस समय आप मेरी मौत पर भी संवेदना प्रकट कर रहे होते। वैसे भी हम आखिर कर भी क्या सकते हैं? कोई इंसान हो तो उससे कुछ टकराने की सोचा भी जाए, पर इन आत्माओं का तो कुछ भी नहीं किया जा सकता।“

“आप भी मिस्टर जॉनी, इस युग में भी क्या आप आत्माओं पर विश्वास करते हैं? सुयश ने जॉनी से पूछा।

“पहले तो मैं भी नहीं करता था, पर आज की घटना को देखते हुए, अब मैं आत्माओं पर विश्वास करने लगा हूं।“
जॉनी ने जवाब दिया- “क्यों कि रोजर का हेलीकॉप्टर जब क्रैश हुआ तो किसी ने नहीं देखा। इसलिए हम ये बात मान सकते हैं कि शायद वह जिंदा बच गया हो और जिस रोजर को मैंने देखा, वो आत्मा ना होकर स्वयं रोजर हो। पर...... पर लॉरेन की लाश तो सभी ने देखी थी फिर लॉरेन मुझे कैसे दिखाई दी। वह निश्चित तौर पर आत्माएं ही थीं।“

“कैप्टन बात आत्माओं की नहीं है।“ जेनिथ ने जॉनी की ओर एक नजर मारते हुए सुयश से कहा- “बात आगे आने वाले खतरे की है, क्यों कि अब खतरा किसी भी रूप में आ सकता है, और रही बात आत्माओं की.......तो उस पर तो मुझे भी विश्वास नहीं है। मिस्टर जॉनी बेवजह सभी को फालतू की कहानी सुना कर डराने की कोशिश कर रहे हैं।“

“आप कहना क्या चाहती हैं मिस जेनिथ।“ जॉनी ने दाँत भींचकर कहा- “क्या मैं सबको आत्माओं की झूठी कहानी सुना कर डरा रहा था ? क्या मैंने रोजर और लॉरेन को नहीं देखा ? क्या मैं झूठ-मूठ में ही सीढ़ियों से गिरकर बेहोश होने का नाटक कर रहा था ?“

“नहीं -नहीं मिस्टर जॉनी !“ सुयश ने तुरंत बीच-बचाव करते हुए कहा- “जेनिथ के कहने का यह मतलब नहीं था।“

“मेरे कहने का मतलब बिल्कुल वही था मिस्टर जॉनी, जो आप समझ रहे हैं।“

अब जेनिथ ने पूरी तरह अपनी बात पर अड़ते हुए कहा- “और वैसे भी मुझे नशेड़ियों की बात पर बिल्कुल विश्वास नहीं। जिसे उजाले में मेजर और वेटर में अंतर नजर नहीं आता ,
उसने पता नहीं अंधेरे में किसे देखकर रोजर व लॉरेन समझ लिया हो। और कैप्टेन, आपने भी रोजर को देखा नहीं था, बल्कि उसकी ड्रेस और नेम प्लेट से अंदाजा लगाया कि वह रोजर है।“

जेनिथ की बात सुनकर जॉनी का चेहरा गुस्से से लाल हो गया। अगर सुयश वहां ना खड़ा होता तो वह जेनिथ की इस बात का अभी करारा जवाब देता।

“मैं मिस्टर जॉनी की बात को बिल्कुल सिरे से नहीं झुठला सकता।“ सुयश ने एक गहरी सांस छोड़ते हुए कहा- “इसने रोजर व लॉरेन को तो देखा ही है। अब वह भले ही आत्माएं हो या किसी के द्वारा फैलाया हुआ कोई नाटक? वैसे मिस्टर जॉनी , आप आत्माओं के बारे में क्या जानते हैं?“




जारी
रहेगा________✍️
Shaandar jabardast Romanchak Update 👌💓
Zenith ne to sabko class laga diya 🤣🤣🤣🤣 Jhonny ka banaya gaya mahul badal gaya 😊
 

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# 41 .

“क्या मतलब? मैं समझा नहीं।“ जॉनी के चेहरे पर उलझन के भाव आ गये।

“मतलब बिल्कुल साफ है।“ सुयश ने अपनी बात को दोबारा रिपीट करते हुए कहा- “आप आत्माओं के बारे में क्या जानते हैं? यही की आत्माएं कैसी होती हैं? वह क्या कर सकती हैं? वगैरह-वगैरह।“

“आत्माएं........... जितना मैं जानता हूं और मैंने किताबों में पढ़ा है कि आत्माएं शरीर के अंदर होती हैं। वह एक सूक्ष्म ऊर्जा का रुप मात्र होती हैं। वह अपनी ऊर्जा के द्वारा किसी का भी रूप धारण कर सकती हैं। उसमें असीमित ताकत होती है। उन्हें दर्द का एहसास नहीं होता। वह किसी भी एक स्थान से दूसरे स्थान पर हवा में उड़ कर जा सकती हैं। और.....................।“

“और उनका कोई शरीर नहीं होता।“ सुयश ने जॉनी की बात को बीच से ही पकड़ कर अपने शब्दों में पूरा किया- “क्यों मैंने ठीक कहा ना ?“

“जी !“ जॉनी ने हां में सिर हिलाया।

“अगर आपको मेरी बात से इत्तेफाक है, तो वह लॉरेन और रोजर की आत्माएं तो हो ही नहीं सकती। क्यों कि आपके कहे अनुसार मिस्टर जॉनी, लॉरेन....लोथार का हाथ पकड़े हुए थी और फिर मैंने भी रोजर से हाथापाई की थी। इसका साफ मतलब है कि वह स-शरीर थे।“ सुयश ने लॉजिक देते हुए कहा।

“तो फिर आपका क्या कहना है कैप्टेन।“ ब्रैंडन ने सुयश की ओर देखते हुए पूछा- “कि वह लॉरेन और रोजर ही थे। वह अभी मरे नहीं हैं और जिंदा हैं।“

“नहीं.....मेरा यह कहने का भी मतलब नहीं है।“ सुयश ने फिर से तर्क दिया- “मैं तो सिर्फ ये कहना चाहता हूं कि वह लॉरेन और रोजर का मेकअप किये हुए कोई अपराधी भी हो सकता है, जो लोगों के दिलों में आत्माओं के नाम पर दहशत फैलाना चाहता हो।“

सुयश ने अपनी बातें कह तो दीं लेकिन सभी के दिमाग अब शक का ऐसा कीड़ा बैठ गया था कि शायद अब उसे निकालना संभव ना था।
कुछ देर के लिए वहां पर सन्नाटा छा गया।


5 जनवरी 2002, शनिवार 21:10;

सभी के दिमाग में उथल-पुथल मच रही थी लेकिन उन्हें पता था कि उनके सवालों का सही जवाब अब किसी के पास नहीं है। इसलिए वह सभी चुप थे।

अभी ये सारे लोग डेक से जाने की बात सोच ही रहे थे कि तभी सबको असलम की आवाज ने हैरान कर दिया-

“कैप्टेन वो समुद्र में क्या है?“ सभी असलम के एका एक इस तरह से बोलने से आश्चर्य से उस दिशा में देखने लगे, जिधर असलम इशारा कर रहा था। समुद्र में बहुत दूर कहीं रोशनी से देख रही थी।

“कैप्टेन, ये क्या हो सकता है?“ ब्रैंडन ने रोशनी की ओर देखते हुए कहा- “क्या ये हमारी तरह भटका हुआ कोई शिप है? या फिर कोई और अंजानी मुसीबत जो हमारी तरफ बढ़ रही है?“

अब डेक पर खड़े सभी यात्रियों का ध्यान उस रोशनी की तरफ गया। जहां एक तरफ सभी के दिल अंजानी आशंका से धड़क रहे थे, वहीं उनके मन में रोशनी के प्रति एक उत्सुकता भी थी।

“अभी वह इतनी दूर है कि कुछ कहा नहीं जा सकता।“ सुयश ने ध्यान से उस तरफ देखते हुए कहा- “असलम, शिप से तुरंत सिग्नल फ्लेयर आसमान की ओर फिंकवाओ। शायद वह कोई छोटा शिप हो। क्यों कि वह रोशनी चलती हुई सी लग रही है।“

असलम ने तुरंत वॉकी-टॉकी सेट पर ऑर्डर दनदना दिया। मुश्किल से अभी 5 मिनट भी ना बीते होंगे कि आसमान में सिग्नल फ्लेयर फेंके जाने लगे। वह फ्लेयर तेजी से आसमान में जाकर फट रहे थे। ऐसा लग रहा था जैसे बीच समुद्र में ‘दीपावली ‘ या ‘बैस्ताइल डे‘ मनाया जा रहा हो।

अब वह रोशनी थोड़ा स्पष्ट दिखना शुरू हो गई थी। बड़ी अजीब सी सुनहरी रोशनी थी, जो हर पल पास आती जा रही थी।

“यह तो कोई छोटी मोटर बोट जैसी चीज प्रतीत हो रही है।“ ऐलेक्स बोल उठा।

“हाँ ! और अब लगता है कि उसने हमें देख लिया है, क्यों कि अब वो हमारी ही तरफ आ रहा है।“ जेनिथ ने कहा।
तब तक वह अजीब सी रोशनी थोड़ा और पास आ गई।

“कैप्टेन, ये क्या हो सकता है?“ असलम आंखें फाड़-फाड़ कर उस रोशनी को देख रहा था- “यह तो मोटर बोट जैसी नहीं लग रही है। यह तो ऐसा लगता है जैसे कोई चीज पानी पर दौड़ रही हो।“

अब धीरे-धीरे सभी को यह विश्वास होने लगा था कि यह कोई नई मुसीबत है। अब वह रोशनी शिप से कुछ ही दूरी पर थी। सभी उस रोशनी को भौचक्के से देख रहे थे, क्यों कि वह रोशनी का प्रकाश पुंज अब एक मानव आकृति ले रहा था।

“यह क्या......? यह तो पानी पर दौड़ता हुआ कोई सुनहरा मानव लग रहा है।“ तौफीक के शब्दों में इस समय पूरी दुनिया जहान का आश्चर्य दिखने लगा।

“सुनहरा मानव!“ सुयश के दिमाग में यह शब्द लगातार किसी घंटे के समान चोट कर रहा था। उसे रह-रहकर शैफाली के सपने की याद आ रही थी-
“मैंने देखा एक सुनहरा मानव, जो हमें किसी दिशा में जाने के लिए इशारा कर रहा था “

“तो क्या शैफाली ने जो सपने देखे थे, वह सारे सच होंगे...... क्यों कि उसने अपने सपने में भविष्य में घटने वाले सारे दृश्य देखे थे?“ सुयश होंठो ही होंठो में बड़बड़ाया।

तब तक वह सुनहरा मानव शिप के बिल्कुल पास आ चुका था। उसके शरीर से इतनी तेज सुनहरी रोशनी निकल रही थी कि उसका चेहरा तक नहीं दिख पा रहा था।

वह पानी पर खड़ा होकर एकटक शिप के यात्रियों को घूरने लगा। असलम ने धीरे से एक गार्ड से रिवाल्वर ले ली। ब्रैंडन भी किसी खतरे से निपटने के लिए तैयार हो गया।

लेकिन सुयश ने हाथ के इशारे से सबको रोका। वह सुनहरे मानव के अगले कदम का इंतजार करने लगा। एक क्षण के लिए मानो समय रुक सा गया। डेक पर खड़े सभी लोग सम्मोहित अवस्था में विश्व के उस आठवें आश्चर्य को देख रहे थे।

किसी के मुंह से कोई शब्द नहीं निकल रहा था। सुनहरे मानव की निगाह अब लगातार सुयश पर थीं। उसके चेहरे के भाव तो नहीं दिख रहे थे, लेकिन यकीनन उसके चेहरे पर खुशी भरी मुस्कुराहट थी।

अच्छा ही हुआ कि सुनहरे मानव के शरीर से इतनी तेज रोशनी निकल रही थी, वरना उसकी शक्ल देखकर ना जाने कितने यात्री बेहोश हो कर गिर जाते और सबसे ज्यादा अचंभा तो सुयश को होता।

अचानक जैसे सुनहरे मानव को कुछ याद आया। उसने पहले सुयश की ओर देखा और फिर अपने सीधे हाथ की तर्जनी उंगली से एक दिशा में इशारा किया। और इससे पहले की कोई कुछ और समझ पाता, रोशनी का एक तेज झमाका हुआ और एक पल के लिए सबकी आंखें बंद हो गईं।

जब सबकी आंखें खुलीं तो दूर-दूर तक वही अंधकार नजर आया। वह रहस्यमय सुनहरा मानव अपनी जगह से गायब था।

“कहां गया..? कहां गया वह सुनहरा मानव?“ जॉनी ने डरते-डरते कहा।

“जहां से आया था, वहीं चला गया।“ सुयश ने जॉनी के डरे हुए चेहरे को देखते हुए जवाब दिया।

“कैप्टन यह क्या चीज थी ?“ तौफीक ने आश्चर्य भरे स्वर में सुयश से पूछा ।

“पता नहीं, देखने से तो कोई ऊर्जा मानव लग रहा था। पर यह समझ में नहीं आया कि वह उस दिशा में इशारा क्यों कर रहा था ?“ सुयश ने उस दिशा की ओर उंगली उठायी, जिधर अभी वह सुनहरा मानव इशारा कर रहा था।

“यह भी तो हो सकता है कि वह हमें भटका हुआ जानकर सही दिशा दिखा रहा हो। या फिर हमें किसी रहस्य की तह तक ले जाना चाहता हो।“ ब्रैंडन ने कहा।

“अब हमें क्या पता कि वह हमें सही दिशा दिखा रहा था या फिर से हमें भटका कर कहीं और ले जाना चाहता था ?“ ऐलेक्स के विचार सुन, सभी दहशत से भर उठे।

“मुझे तो वह कोई शैतानी आत्मा जैसा लग रहा था।“ जॉनी के विचार सबसे अलग थे- “और वह हम सब को मौत के मुंह में ले जाना चाहता था।“

“आप तो कम से कम अपने विचार अपने ही पास रखें।“ जेनिथ ने जॉनी की बात सुनकर फिर बुरा सा मुंह बनाया- “आत्मा के सिवा अब दिखता ही क्या है आपको ?“

जॉनी ने सुनकर एक गहरी सांस ली- “मत मानो मेरी बात, पर देखना एक दिन सब मरोगे।“

“आप बताइए कैप्टेन, कि हम क्या करें?“ ब्रैंडन ने सुयश को सोचते देख पूछ लिया- “क्या हमें शिप को सुनहरे मानव के कहने वाली दिशा में मुड़वाना चाहिए? या फिर हम जिस दिशा में चल रहे हैं, उसी दिशा में चलते रहना चाहिए।“

“मेरे ख्याल से वह सुनहरा मानव हमें सही दिशा में जाने के लिए कह रहा था, क्यों कि उसे अगर हमें किसी मुसीबत में ही फंसाना होता तो वह यहां भी ऐसा कर सकता था। और वैसे भी हम पूरी तरह रास्ता भटक चुके हैं। बार-बार उस रहस्यमय द्वीप का हमारे रास्ते में पड़ना, यह बात साबित करता है। तो फिर क्यों ना एक बार उस सुनहरे मानव के कहने के हिसाब से भी चल कर देख लिया जाए, शायद हम सही रास्ते पर आ ही जाएं।“

सुयश का यह तर्क सभी को सही लगा। और अब शिप को पुनः स्टार्ट कर उस दिशा में मोड़ लिया गया, जिधर उस सुनहरे मानव ने इशारा किया था।

धीरे-धीरे डेक पर खड़े सभी लोग अपने-अपने दिल में घूम रहे सैकड़ों प्रश्नों में से कुछ और प्रश्नों का इजाफा कर के अपने-अपने कमरों की ओर चल दिए। जब डेक पर सिर्फ स्टाफ के आदमी बचे तो सुयश ने ब्रैंडन की ओर घूमकर कहा-

“हां तो ब्रैंडन, मुझे लग रहा है कि आप बड़ी देर से मुझसे शायद कोई प्रश्न पूछना चाहते हैं, पर पूछ नहीं पा रहे हो। क्या बात है? आप क्या पूछना चाहते हो ?“ अब बताओ।“

ब्रैंडन ने तारीफ भरी नजरों से सुयश को देखा। कितनी आसानी से सुयश ने उसके मन की बात जान ली थी।

“आप बिल्कुल ठीक समझे कैप्टन, मैं वास्तव में बहुत देर से आपसे एक प्रश्न पूछना चाहता था। पर यात्रियों की वजह से पूछ नहीं पा रहा था। आप यह बताइए कि शैफाली के सपने के बारे में आपका क्या ख्याल है? क्यों कि अब हम अगर उसके सपने को एक साधारण सपना समझें, तो यह हमारी भूल होगी। क्यों कि उसके द्वारा बताई गई एक-एक बात अब सच हो रही है।“ ब्रैंडन ने सुयश को देखते हुए कहा।


ब्रैंडन ने एक क्षण रुककर वहां खड़े सभी के चेहरे को देखा और फिर पुनः बोलना शुरू कर दिया-
“तो क्या उसके द्वारा कही गई अब बाकी सारी बातें भी सच होंगी ?“

“कुछ कह नहीं सकते पर फिलहाल जो घटनाएं घट रही हैं उसको देखकर तो यही लगता है कि अब उसके द्वारा कही गई बाकी सारी बातें भी सच होंगी।“ सुयश ने एक गहरी साँस छोड़ते हुए कहा।

“वैसे कैप्टेन, शैफाली की बातों से एक पॉजिटिव प्वाइंट भी निकल कर सामने आता है।“ असलम ने कहा।

“वो क्या ?“ सुयश ने ना समझने वाले भाव से पूछा।





जारी रहेगा_________✍️
Shaandar jabardast Romanchak Update 👌 💓 💓
Shefali ke sapne sach hone lage hai 😊
Jhoony kuon is baat pe jo de ra raha ki sab marenge 😏
 

Raj_sharma

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Zenith ne to sabko class laga diya 🤣🤣🤣🤣 Jhonny ka banaya gaya mahul badal gaya 😊
Thanks brother for your valuable review and support :thanx: Ab jony chu.. jo thahra, uski to waise bhi koi maange kyu? :winknudge:
 
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Raj_sharma

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Shefali ke sapne sach hone lage hai 😊
Jhoony kuon is baat pe jo de ra raha ki sab marenge 😏
Ab saraabi ki baat koi kyu maanega, aur maut to sabko hi dikhai de rahi hai, is jagah se nikalna wase bhi lagbhg na-mumkin hai:nope: Thanks brother for your valuable review and support :thanx: Waise aap current update ke pas aagaye ho👍
 

Raj_sharma

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Na jaane kitne next post kar rakhe hai, per tumne padha hi nahi? Misty
 

DEVIL MAXIMUM

"सर्वेभ्यः सर्वभावेभ्यः सर्वात्मना नमः।"
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29,232
204
# 42 .

“वो यह कि हमें इतना परेशान होने की जरूरत नहीं है कि हमें किनारा मिलेगा कि नहीं ? क्यों कि शैफाली के सपनों के हिसाब से हम समुद्र में तो नहीं मरने वाले। हमें किनारा जरुर मिलेगा.........और वहां पर जंगली आदिवासियों के रूप में जीवन भी होगा। अब यह बात अलग है कि..........?“ कहते-कहते असलम ने अपनी बात अधूरी छोड़ दी।

“कि......।“ ब्रैंडन ने ‘कि ‘ शब्द पर जोर देकर असलम से बात पूरी करवानी चाही।

“कि वह रहस्यमय द्वीप कहीं फिर से हमारी राह में ना आ जाए और हमें उसी पर जाना पड़े।“ असलम ने अपनी बात को पूरा किया।

असलम की बात का मतलब समझ कर वहां खड़े सभी के शरीर में एक
झुरझुरी सी उठी।

“कहीं ऐसा तो नहीं कि कोई विचित्र शक्ति हमें शैफाली के माध्यम से कोई मैसेज देना चाह रही है।“ ब्रैंडन ने अपने शब्दों पर रहस्य की चाशनी लपेटते हुए कहा।

“फिलहाल तो हम इसे, मात्र एक भविष्य में घटने वाली घटना को देख सकने वाले सपने ही समझें तो बेहतर रहेगा और वैसे भी पूरे विश्व में बहुत से ऐसे लोग रहे हैं जो भविष्य में घटने वाली घटना को पहले से ही सपनों के माध्यम से देख लेते थे। अब्राहिम लिंकन ने भी अपनी मौत का दृश्य पहले से ही सपने में देख लिया था। वैज्ञानिक इस विषय पर लगातार शोध कर रहे हैं।“

“वैज्ञानिक इसे छठी इंद्रिय का मामला बताते हैं। पर वह छठी इंद्रिय क्या है? ये अभी तक वह पूरी तरह से पता नहीं लगा पाएं हैं और जहां तक मेरा ख्याल है कि जिस दिन सपनों का रहस्य पता चल जाएगा, उस दिन वैज्ञानिक ‘टाइम मशीन‘ की कल्पना को भी साकार कर सकेंगे। क्यों कि मेरा यह मानना है कि जिस व्यक्ति की सेंस पॉवर बहुत स्ट्रांग हो जाती है, वह अपने मस्तिष्क से निकलती ऊर्जा के साथ, अपना सूक्ष्म शरीर भी बाहर निकाल सकता है। और सूक्ष्म शरीर पर ना तो समय का कोई प्रभाव पड़ता है और ना ही दूरी का। इसी के कारण जब हम कल्पनाओं में खो जाते हैं, तो सेकेंड भर के समय में भी हजारों -लाखों किलोमीटर का फासला तय कर लेते हैं। ठीक उसी तरह जब सूक्ष्म शरीर में बहुत ज्यादा ऊर्जा प्रवाहित हो जाती है, तो वह समय को आगे या पीछे कर, हमें उस समय के घटना क्रम में लिए जाता है। इसे हम ‘टाइम-स्लिप‘ भी कहते हैं। पूरे विश्व में सैकड़ों ऐसे उदाहरण हैं जो टाइम-स्लिप के द्वारा स्लिप होकर बीते काल में या फिर भविष्य में चले गए। लौटने पर उन्होंने वहां पर देखी घटना व वातावरण का जिक्र भी किया। जिसे कि वैज्ञानिक पूर्ण रुप से समझ नहीं पाए। मुझे तो शैफाली में भी कुछ वैसी ही शक्तियां दिखाई देती हैं।“ सुयश ने अपने तर्कों से पूरा विज्ञान ही उड़ेल दिया।

“मुझे लगता है सर, कि हमें एक बार फिर शैफाली से मिलकर कुछ और जानने की कोशिश करनी चाहिए। हो सकता है कि कोई नया क्लू मिल जाए?“ ब्रैंडन ने कहा।

“हूं....!“ सुयश ने हुंकारी भरते हुए ब्रैंडन की बात पर सहमति जताई-
“कहना तो तुम्हारा ठीक है। लेकिन फिलहाल अब हमें अपने कमरों की ओर चलना चाहिए। क्यों कि बहस में पूरी रात बीत चुकी है और कुछ ही देर में एक नई सुबह होने वाली है। शैफाली से हम कल मिलेंगे।“

इतना कहकर सुयश ने एक बार फिर अंधकारमय समुद्र को देखा और फिर अपने रूम की ओर चल दिया।

6 जनवरी 2002, रविवार, 08:30; “सुप्रीम”

एक नई सुबह हो चुकी थी। नीले आसमान पर कहीं-कहीं सफेद बादलों की टुकड़ी दिखाई दे रही थी।
वह सुबह भी बाकी सुबह की तरह सामान्य थी। धीरे-धीरे यात्रियों का जमावड़ा डेक पर लगने लगा था। वक्त सूर्य के समान सात घोड़ों के रथ पर सवार हो तेजी से भाग रहा था।

कुछ लोगों पर जैसे इन खतरों से कोई प्रभाव नहीं पड़ा था, क्यों कि वह इतने खतरनाक माहौल में भी हंसी मजाक करते नजर आ रहे थे। शायद वह अपनी जिंदगी के अंतिम पल हंस के बिताना चाहते थे। इसी भीड़ में जैक और जॉनी बैठे थे।

“क्या सोच रहे हो जैक?“ जॉनी ने नशे भरी आवाज में लड़खड़ाते हुए कहा।

“मैं सोच रहा हूं कि कल तुमने वास्तव में लॉरेन व रोजर को देखा था या.......।“
कहते हुए जैक ने अपनी बात को अधूरा छोड़ दिया।

“या...........।“ जॉनी ने ‘या ‘ शब्द पर जोर देते हुए ना समझने वाले भाव में कहा।

“या फिर तुम सबसे झूठ बोल रहे थे।“ ये शब्द कहते-कहते जैक के चेहरे पर मुस्कुराहट के भाव आ गये।

“मैं.......मैं.....भला किसी से झूठ क्यों बोलूंगा ?“ जॉनी के शब्दों में गुस्सा उभरा।

“या फिर नशे की वजह से तुम्हें उन्हें पहचानने में कोई गलती हुई हो।“ जैक ने दोबारा जॉनी पर तंज कसा।

“अबे तू क्या मुझे नशेड़ी समझता है, मैंने वास्तव में लॉरेन व रोजर को देखा था।“ कहते कहते जॉनी अपनी कुर्सी से उठ खड़ा हुआ।

“बैठ जा भाई।“ जैक ने जॉनी को जबरदस्ती बैठाते हुए कहा- “तू हर बार पीकर कोई ना कोई बवाल खड़ा कर देता है। देखो सब लोग घूर-घूर कर इधर ही देख रहे हैं।

“अच्छा.....ये बता कि क्या कोई लड़की भी मुझको देख रही है?“ जॉनी ने नशे में बहकते हुए पूछा।

“हां देख तो रही है।“ जैक ने एक दिशा की ओर देखते हुए कहा।

“वह दिखने में कैसी है?“ जॉनी ने बिना उस तरफ देखे हुए ही पूछा।

“बहुत सुंदर! और उसकी स्माइल तो बहुत ही अच्छी है। उसकी आंखें नीली.......बाल सुनहरे और होंठ गुलाबी हैं।“ जैक ने लड़की की खूबसूरती में तारीफों के पुल बांध दिए-
“और वो ले......वह इसी तरह आ रही है।“

“क्याऽऽऽऽ इसी तरफ आ रही है।“ कहते हुए जॉनी ने एक तगड़ा पैग बनाया और एक ही साँस में पी गया।

“वो पास आ रही है।“ जैक ने फुसफुसाते हुए कहा- “अब वो बिल्कुल तुम्हारे पीछे है।“

जैक ने आखिरी के शब्द बोलते हुए जॉनी को धीरे से ‘थम्ब्स-अप‘ का इशारा किया और ‘बेस्ट ऑफ लक‘ बोल उठ कर खड़ा हो गया।


जॉनी इतना पीने के बाद अब पूरी तरह जोश में था। उसने धीरे से गले को खंखारा, अपने गले में लगी ‘बो ‘ को सही किया व एक झटके से पीछे मुड़ते हुए बोला -“एक्सक्यूज मी.......!“

लेकिन बाकी की बात उसके गले में रह गई। क्यों कि उसके पीछे लगभग xx-साल की एक बच्ची खड़ी थी ।

“आपने मुझसे कुछ कहा अंकल?“ छोटी लड़की ने भोलेपन से अपनी नीली-नीली आंखों से जॉनी को देखते हुए पूछा ।

जॉनी ने घबरा कर अपना सिर इस तरह दाएं-बाएं हिलाया, जैसे वह उसका सिर ना होकर किसी घड़ी का पेंडुलम हो। छोटी लड़की यह सुनकर आगे चली गयी।
अब जॉनी तुरंत जैक की ओर वापस घूमा।

“क्यों बेऽऽऽऽ....... तूने मुझसे झूठ क्यों बोला ?“ जॉनी के शब्दों में गुस्सा भरा था।

“मैंने......... मैंने कहां झूठ बोला। तुम मुझसे लड़की के बारे में पूछ रहे थे। उसकी उम्र के बारे में नहीं।“ जैक ने पूरा मजा लेते हुए जवाब दिया।

“बड़ी मुश्किल से थोड़ी चढ़ी थी..... ..सब उतार दी।“ जॉनी बड़बड़ाते हुए पुनः पैग बनाने लगा- “एक तो वैसे ही जब से उस साले रोजर को देखा है........साऽऽऽऽली चढ़ती ही नहीं है और तू भी मुझसे ही मजाक में लगा है।“

“अच्छा एक बात बता।“ जॉनी ने पुनः पैग गले के नीचे उतारते हुए कहा-
“यार हम लोगों के मरने के बाद उस दौलत का क्या होगा जो हमने एक साथ मिलकर लूटी.....?“

लेकिन इससे पहले कि जॉनी के मुंह से कुछ और गलत निकलता, जैक ने तुरंत मुंह पर उंगली रखते हुए, जॉनी को चुप रहने का इशारा किया- “श्ऽऽऽऽऽऽऽ श्ऽऽऽऽ...... अबे मरवायेगा क्या ? सबके सामने क्यों चिल्ला रहा है?“

“अच्छा छोड़ दौलत को........यह बता कि उससे.......बात हुई या नहीं ? कहीं ऐसा ना हो जाए.......कि वो हमारे बारे में......सबको बता दे?“ जॉनी ने चिंता व्यक्त की।

“टेंशन मत ले..।“ जैक ने इधर-उधर देखा और फिर अपने शब्दों में रहस्य
को भरते हुए कहा- “अगर वह हमारे बारे में किसी को बताएगा, तो वह खुद ही फंस जाएगा।“

“अरे हां......यह तो मैंने सोचा ही नहीं था। अब आज से उसके बारे में चिंता करना बंद।“

कहते हुए जॉनी धीरे से उठा और उस दिशा में चल दिया जिधर उसने अभी-अभी क्रिस्टी को जाते हुए देखा था।



जारी रहेगा_________✍️
Ek tarf Aslam hai jo Ship me sabhi ke sath is tarh ghool mila hai jaise wo khud bhi unme se ek ho jabki Aslam ka such to kuch or hai
.
Lekin Jack or Johnny kaun se daulat ki bat kar rhe the Kaun se Daulat looting hai indono ne mil ke sahip me ya fir apni bite kal me or sath he ye dono kis SHAKSH ke bare me bat kar rhe hai
.
Bada ajeeb kism ka Twist hai story me Raj_sharma bhai
 

DEVIL MAXIMUM

"सर्वेभ्यः सर्वभावेभ्यः सर्वात्मना नमः।"
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204
# 43 .
6 जनवरी 2002, रविवार, 15:35; “सुप्रीम”

धीरे-धीरे दोपहर हो गयी। बहुत से यात्री लंच करके पुनः डेक पर आ गए। ऐलेक्स भी डेक पर बैठा क्रिस्टी के अजीब से स्वभाव के बारे में सोच रहा था। उसे समझ में नहीं आ रहा था कि वह क्रिस्टी से क्या बात करे? जब वह क्रिस्टी से दूर रहता था तो हमेशा उसके बारे में सोचता रहता, पर जब क्रिस्टी उसके सामने आती तो वह घबराहट की वजह से सब कुछ भूल जाता था।

उसे इस खतरनाक भूल-भुलैया रूपी रास्ते से ज्यादा खतरनाक क्रिस्टी का रुप लग रहा था। वह समझ नहीं पा रहा था कि वह क्या करे? अभी ऐलेक्स इस उलझन में उलझा ही था कि तभी उसे सामने से क्रिस्टी आती दिखाई दी।

“क्या हुआ ऐलेक्स?“ क्रिस्टी ने पास आकर सामने की कुर्सी पर बैठते हुए कहा- “तुम इतना परेशान से क्यों हो ?“

“परेशान!......और मैं.....नहीं तो... ..मैं भला क्यों परेशान होने लगा ?“ ऐलेक्स ने घबराकर कहा।

“तो फिर तुम मुझसे बात क्यों नहीं करते? अब तो मैंने जान भी लिया है कि तुम गलत आदमी नहीं हो।“ क्रिस्टी ने हवा से माथे पर आए बालों को उंगली से पीछे करते हुए कहा।

“नहीं....नहीं। ऐसी कोई बात नहीं है। दरअसल मैं इस समय शिप के बारे में सोच रहा था।“ ऐलेक्स ने पुनः घबराए से लहजे में कहा।

“शिप के बारे में?“ क्रिस्टी ने बनावटी गुस्सा दिखाते हुए कहा- “तुम्हारे सामने इतनी खूबसूरत लड़की बैठी है और तुम शिप के बारे में सोच रहे हो।......अच्छा बताओ, तुम्हें मेरी इन खूबसूरत आंखों में क्या दिखाई दे रहा है?“ क्रिस्टी ने थोड़ा आगे झुकते हुए ऐलेक्स की आंखों में आंखें डालते हुए पूछा।

“तुम्हारी आंखों में.....।“ ऐलेक्स ने बड़ी मुश्किल से क्रिस्टी की आंखों में देखा। क्रिस्टी को इतना पास पा वह फिर से नर्वस हो गया।

“हां बताओ ना....... तुम्हें मेरी आंखों में क्या दिख रहा है?“ क्रिस्टी ने थोड़ा जिद्दी अंदाज में कहा।

“तुम्हारी आंखों में.............. अरे यह क्या ?“ अचानक ऐलेक्स ने बड़ी अजीब सी आवाज में कहा।

“क्या हुआ मेरी आंखों में?“ क्रिस्टी की आवाज की शोखी बरकरार थी।

“यह तो कोई परिंदा लगता है।“

“मेरी आंखों में परिंदा ?“ क्रिस्टी ने चैंककर ऐलेक्स को देखा।

“अरे नहीं.......तुम्हारी आंखों में नहीं। वहां देखो आसमान पर।“ ऐलेक्स ने कहते हुए आसमान की तरफ एक ओर इशारा किया।

अब क्रिस्टी का चेहरा भी उस ओर घूम गया। आसमान में दूर कहीं से उड़कर, उसी तरफ आता हुआ एक पक्षी दिखाई दिया।

“यह तो कोई पक्षी लग रहा है।“ क्रिस्टी ने कहा।

अब ऐलेक्स उठकर डेक की उस साइड की ओर चल दिया, जिस तरफ वह पक्षी आता दिखाई दे रहा था। क्रिस्टी भी अब ऐलेक्स के पीछे चल दी। अब तक डेक पर खड़ी जेनिथ सहित कई लोगों की नजर उस पक्षी पर पड़ चुकी थी। ऐलेक्स और क्रिस्टी भी वहां पर पहुंच गए।

“उस पक्षी ने अपने पंजे में शायद कोई चीज पकड़ रखी है?“ जेनिथ ने उस दिशा की ओर देखते हुए कहा।

तब तक उड़ता हुआ वह पक्षी, शिप की डेक पर लगी रेलिंग पर आकर बैठ गया। वह एक लंबी पूंछ वाला पहाड़ी तोता था, जिसके पैर में एक लगभग 4 मीटर लंबी डोरी बंधी थी।

“यह तो तोता लगता है।“ जेनिथ ने तोते को देखते हुए कहा- “पर इसके पैर में बंधी यह डोरी कैसी है?“

“लगता है यह किसी जगह पर बंधा हुआ था और यह वहां से डोरी तोड़कर भाग आया है।“ क्रिस्टी ने अपने विचार व्यक्त किए।

“समुद्र में पक्षी उसी स्थान पर बैठता है, जहां पर जमीन हो।“ जेनिथ ने तोते को देखते हुए कहा- “इसका मतलब कि यह तोता जिस दिशा से आया है, उस तरफ जमीन है और वह बहुत ज्यादा दूर नहीं है क्यों कि साधारणतया तोता वह पक्षी है, जो आसमान में उड़ते समय बहुत ज्यादा दूरी तय नहीं करता है।“

“एक बात और भी है।“ क्रिस्टी ने तोते के पैर में बंधी डोरी पर एक नजर मारते हुए कहा- “इसके पैर में डोरी भी बंधी है और किसी पक्षी के पैर में डोरी कोई इंसान ही बांध सकता है। इसका साफ मतलब है कि यह जहां से आया है। वहां पर इंसान भी है और जीवन भी।“

“हमें इस तोते को पकड़ना चाहिए। शायद इससे हमें कुछ और बातें भी पता चल जाएं।“ ऐलेक्स ने एक नजर जेनिथ पर डालते हुए कहा।

“तुम बिल्कुल ठीक कह रहे हो ऐलेक्स।“ जेनिथ ने ऐलेक्स की बातों का समर्थन करते हुए कहा- “पर हमें इस बात की सूचना कैप्टेन को भी दे देनी चाहिए।“

यह कहकर जेनिथ ने कुछ दूर खड़े एक सिक्योरिटी गार्ड को अपने पास बुलाया और उसे कैप्टन तक सूचना पहुंचाने को कह दिया।

अब जेनिथ की नजर एक बार फिर उस तोते पर पड़ी। उधर ऐलेक्स चुपचाप दबे पाँव उस तोते की ओर बढ़ा। ऐलेक्स की नजर तोते के पैर में बंधी डोरी पर थी। तोता भी अब ध्यान से ऐलेक्स को पास आते हुए देख रहा था। तोते के पास पहुंचकर ऐलेक्स ने उसके पैर में बंधी डोरी पर छलांग लगा दी।

मगर तोता पहले से ही सावधान था। वह तेजी से अपने स्थान से, पंख फड़फड़ा कर हवा में उड़ गया। आसमान में उड़ते हुए वह जोर से चिल्लाया- “ऐमू से धोखा..... ऐमू से धोखा..।“

“अरे यह तोता तो काफी तेज है और यह तो बहुत साफ..बोल रहा है।“ क्रिस्टी ने आश्चर्य से भरते हुए कहा।

“इसका मतलब यह है कि यह जहां से आया है, वहां पर सभ्य इंसान बसते हैं।“ जेनिथ ने भी आश्चर्य व्यक्त किया- “अब तो इसे पकड़ना और भी जरूरी हो गया है।“

अब तोता उड़ कर दूसरी जगह पर बैठ गया। लेकिन अब उसकी निगाहें लगातार उस भीड़ पर थीं, जो उसे घूर रही थी। धीरे-धीरे उस तोते को देखने के लिए डेक पर भीड़ बढ़ती जा रही थी।

इस बार ऐलेक्स ने धीरे से जेनिथ को इशारा किया। ऐलेक्स का इशारा समझ जेनिथ एक लंबा राउंड लगा कर तोते के दूसरी साइड में पहुंच गयी। इस बार ऐलेक्स सामने से व जेनिथ पीछे से तोते की ओर बढ़े।

तोते की निगाहें आगे बढ़ते हुए ऐलेक्स पर थीं। ऐलेक्स भी कोई ना कोई हरकत करके तोते का ध्यान अपनी ओर लगाए हुए था। जिसका फायदा उठा कर जेनिथ दबे पांव डोरी की ओर बढ़ने लगी।

डोरी अब जेनिथ से मात्र 1 मीटर की दूरी पर थी। तभी अचानक उस तोते को किसी के पीछे होने का एहसास हुआ। जैसे ही जेनिथ डोरी पर झपटी, तोता बिना एक सेकेंड गंवाए पुनः आसमान में था।

“धोखा.... ऐमू से धोखा......नहीं पकड़ पाओगे......नहीं पकड़ पाओगे।“ तोता आसमान में उड़ते हुए चिल्लाया।

अब तो जैसे तोते को कोई खेल मिल गया हो। वह बार-बार इधर-उधर बैठ रहा था और सारी भीड़ उसे पकड़ने का प्रयास कर रही थी। लेकिन पकड़ नहीं पा रही थी। तभी सुयश, ब्रैंडन और असलम के साथ भागा-भागा डेक पर आ पहुंचा।

सुयश की लाल आंखें इस बात का सबूत थीं कि वह ठीक से सो नहीं पाया है। वह विचित्र तोता इस समय पानी की टंकी पर बैठा, वहां खड़ी भीड़ को घूर रहा था। सुयश ने उस विचित्र तोते को देखा। तोते को देखते ही सुयश का दिमाग बहुत तेजी से चलने लगा उसे एक बार फिर शैफाली के सपने याद आने लगे क्यों कि शैफाली ने अपने सपनों में एक पहाड़ी तोते का भी जिक्र किया था।

सुयश समझ गया कि यह तोता भी उन रहस्यमय घटनाओं की अगली कड़ी है। सुयश की एकटक नजर अब उसे विचित्र तोते पर थी। कुछ देर उसे देखते रहने के बाद, सुयश चलता हुआ पानी की टंकी के नीचे पहुंच गया। तोता बारी-बारी से भीड़ में खड़े सभी लोगों पर नजर दौड़ा रहा था। तभी उसकी निगाह सुयश पर पड़ी।

एक क्षण के लिए वह सुयश को देखता रह गया और फिर उड़ता हुआ खुशी से चिल्लाया-

“दोस्त मिल गया.........दोस्त मिल गया.....ऐमू का दोस्त मिल गया।“ इतना कहकर वह तोता अपने पंख फड़फड़ाते हुए सुयश के कंधे पर आकर बैठ गया।

सभी इस घटना से आश्चर्यचकित रह गये क्यो कि जो तोता आधे घंटे से इन सबको तिगनी का नाच नचाए था वह उड़कर सुयश के कंधे पर इतनी आसानी से क्यों बैठ गया ?

सुयश ने जैसे ही तोते को अपने कंधे पर बैठते हुए देखा, झट से उसके पैर में बंधी डोरी को पकड़ लिया। तोते ने एक नजर गौर से सुयश को देखा और फिर उसके हाथ को, जिसमें वह डोरी पकड़े हुए था। तोता अब फिर से उड़ने की कोशिश करने लगा। वह हवा में अपने पंख फड़फड़ाते हुए चिल्लाया-

“धोखा ....... ऐमू से धोखा..... दोस्त नहीं...... यह ऐमू का दोस्त नहीं....।“ तोता लगातार उड़ने की कोशिश कर रहा था।

तोता फिर तीखी आवाज में चिल्लाया- “छोड़ दे....छोड़ दे..... ऐमू को छोड़ दे....तू दोस्त नहीं....तू ऐमू का दोस्त नहीं।“ उस तोते की आवाज में ना जाने ऐसी क्या बात थी कि सुयश ने एक पल के लिए उस तोते को देखा और फिर उसके दोंनो पंजे पकड़ कर उसके पैर में बंधी डोरी खोल दी।

तोता अब आजाद था। आजादी का एहसास होते ही वह बिना देर किए आसमान में उड़ गया और सुयश के सिर के ऊपर चक्कर काटने लगा-

“छोड़ दिया.....छोड़ दिया......डोरी भी खोल दिया....दोस्त है......दोस्त है..... ऐमू का दोस्त है।“ इतना कहकर वह पुनः सुयश के कंधे पर आकर बैठ गया।

सुयश ने धीरे से अपना बांया हाथ आगे बढ़ाया। वह तोता उछलकर उसकी कलाई पर बैठ गया। विचित्र बात तो यह थी कि उसके पंजों के नाखून, सुयश की कलाई में गड़ नहीं रहे थे।

“यह ऐमू कौन है?“ सुयश ने उस तोते को देखते हुए पूछा।

“ऐमू मैं.....ऐमू मेरा नाम..... मैं ऐमू......तुम ऐमू के दोस्त।“ ऐमू ने अपने पंख फैलाते हुए कहा।

“ये तो काफी समझदार तोता लगता है।“ ऐलेक्स ने ऐमू की ओर देखते हुए कहा।

“काट खाऊंगा..... मैं समझदार नहीं.......मैं तोता नहीं.......मैं ऐमू... ...ये ऐमू का दोस्त।“ ऐमू ने ऐलेक्स पर नाराजगी दिखाते हुए कहा।

“हां...हां हम समझ गये। तुम ऐमू और ये ऐमू के दोस्त।“ जेनिथ ने मुस्कुराते हुए कहा- “लेकिन कुछ और बताओगे?“

“बताऊंगा......बताऊंगा......पहले कुछ खाने को दो......ऐमू भूखा है.. ...पहले खाएगा...... फिर बताएगा।“





जारी रहेगा_________✍️
Waise hai to Kristi bhi ek tarh se Mistry girl jispe Alex Fida ho gay tha or aaj wahe Alex ko shyad afsoos ho raha hai
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AB ye kaun sa new member aa gya Ship me ek Tota bole to Parrot 🦜 name Amoo aate he Suyash ko dost bol raha hai apna kya matlab hai is bat ka ab
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Kafi majedar lagta hai Amoo 🦜 shyad ye koi rasta dikha ske sabko bachne ka maja aa gya Raj_sharma bhai update me
 

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# 44 .

ऐमू को इस तरह से बोलते देख ना चाहते हुए भी सभी के चेहरे पर मुस्कान आ गई।

“ब्रैंडन...पहले तो शिप को उस दिशा में मोड़ने के लिए कह दो, जिधर से ये तोता........म...मेरा मतलब है कि यह ऐमू आया है।“ सुयश ने ऐमू को देखते हुए तुरंत अपनी बात सुधारी- “और हां ऐमू के खाने के लिए कुछ फल ले आओ।“

“फल नहीं खाता......ऐमू फल नहीं खाता..... फल उल्लू खाता.... ऐमू उल्लू नहीं.........मैं ऐमू.......ये ऐमू का दोस्त..... ऐमू टमाटर, मिर्ची खाता।“ ऐमू ने मुंह बनाते हुए कहा।

“अच्छा-अच्छा ! ऐमू जी के लिए टमाटर व मिर्ची भिजवा दो।“ इस बार सुयश के चेहरे पर भी मुस्कुराहट आ गई।

“अच्छा ऐमू जी, जब तक आप यहां बैठें और टमाटर मिर्ची खाएं। मैं अभी थोड़ी देर में आता हूं।“ सुयश ने ऐमू से कहा।

“जल्दी आना.....ऐमू के दोस्त...... तुम बार-बार ऐमू को छोड़ कर चले जाते हो।“
हालांकि सुयश ने ऐमू की बात सुनी जरुर, पर उसे कुछ समझ में नहीं आया कि ऐमू क्या बोल रहा है ?सुयश ऐमू को ब्रैंडन के हवाले कर, असलम को लेकर एक ओर बढ़ गया।

“कैप्टेन, मेरी समझ में नहीं आया कि आपने उस तोते की वजह से शिप क्यों मुड़वाया ?“ असलम ने चलते-चलते पूछा।

“क्यों ?“ सुयश ने ना समझने वाले भाव से कहा।

“क्यों कि कल जब आपने उस सुनहरे मानव की वजह से शिप को मुड़वाया था। तब से अभी तक हमारे ऊपर कोई मुसीबत नहीं आई है। फिर यह दोबारा से शिप को मोड़ना, मेरी समझ में नहीं आया।“ असलम ने कहा।

“तुम ऐमू को ध्यान से देखो असलम। वह कितनी साफ इंग्लिश बोलता हैं। इसका मतलब वह जिस दिशा से आया है, वहां पर सभ्य इंसान रहते हैं। इसलिए मैंने शिप को उस दिशा में मुड़वा दिया।“ सुयश ने असलम को समझाते हुए कहा।

“ठीक है कैप्टन, अगर आपने ऐसा सोचा है। तो सही ही सोचा होगा। पर जाने क्यों आज मेरा मन बहुत भारी-भारी सा हो रहा है। ऐसा लगता है जैसे आज कोई खतरनाक घटना घटने वाली है।“ असलम के चेहरे पर घबराहट साफ नजर आ रही थी।

“यह तुम्हारा भ्रम भी तो हो सकता है। अच्छा छोड़ो इस बात को।“ कहते हुए सुयश ने टॉपिक को चेंज किया- “यह बताओ कि अलबर्ट की स्थिति अब कैसी है? डॉक्टर निक्सन ने अलबर्ट के बारे में क्या बताया ?“

“अलबर्ट की स्थिति अब पहले से बहुत बेहतर है। कभी-कभी वो थोड़ा भावुक हो जाते हैं। लेकिन कोई ऐसी परेशानी की बात नहीं है। हम लोगों ने उन्हें पुरानी बातें भुलाने के लिए, उनके पुराने कमरे को बदलकर उन्हें नए कमरे में कर दिया है। आज सुबह से ही शैफाली और उसके मम्मी-पापा अलबर्ट के ही कमरे में हैं। डॉक्टर निक्सन के अनुसार भी वह पूरी तरह से नॉर्मल हैं। थोड़ी सी परेशानी उनके सिगरेट ना पीने की वजह से हुई थी क्यों कि वह काफी लंबे अरसे से सिगरेट पी रहे थे। लेकिन धीरे-धीरे वह अपने आप को कंट्रोल कर लेंगे।“ असलम ने कहा।

“चलो पहले मैं उन्हीं से मिल लूं। इसी बहाने थोड़ा उनका मन भी हल्का हो जाएगा।"

लेकिन इससे पहले की सुयश और असलम, अलबर्ट के नए कमरे की ओर बढ़ते, एक सिक्योरिटी गार्ड वहां दौड़ा-दौड़ा आया और बोला-

“कैप्टेन जल्दी चलिए, पता नहीं कैसे हमारी लैब में आग लग गई है?“

“क्या ऽऽऽ?“ सुयश ने आश्चर्य से कहा। यह खबर सुनते ही सुयश का दिमाग ब्लास्ट हो गया।

“असलम जल्दी चलो, लगता है कोई नयी मुसीबत हमारा इंतजार कर रही है।“ इतना कहकर सुयश, असलम को लेकर तेजी से लैब की ओर भागा।

चैपटर-14 6 जनवरी 2002, रविवार, 15:00;

थॉमस अपनी लैब में बैठा हुआ था। उसके बगल में रुमाल का एक ढेर लगा था। वह बार-बार अलग-अलग रुमाल उठाता और उस पर कोई केमिकल डालकर रुमाल को चेक कर रहा था। उसकी गहरी निगाहें रुमाल के ऊपर लगीं थीं।

अचानक एक रुमाल पर केमिकल डालते ही उसकी आंखें चमक उठीं। रुमाल पर कुछ छोटे-छोटे कण अब चमकने लगे थे। थॉमस ने एक बार पुनः वह रसायन उस रुमाल पर डाला और ध्यान से उसके रिएक्शन को देखने लगा। वह काले कण कुछ और ज्यादा गाढ़े हो गए।

“निश्चित ही यह बारूद के कण हैं।“ थॉमस मन ही मन बड़बड़ाया- “इसका मतलब है कि जिसने भी हॉल में लॉरेन को गोली मारी, यह रुमाल उसी का है और उसने रिवाल्वर को रुमाल से पकड़ रखा था।“

रुमाल का एक हिस्सा रिवाल्वर की नाल की वजह से थोड़ा जल भी गया था, जो अब थॉमस को साफ दिख रहा था। रुमाल से अभी भी संदल की खुशबू आ रही थी। थॉमस ने तुरंत रुमाल को उठाकर उसे पीछे पलटा। पीछे उस आदमी का नाम और रूम नंबर पड़ा था। थॉमस ने मन ही मन उस नाम को दोहराया।

“खाना खाने नहीं चलना है क्या सर?“ पीछे से उसके असिस्टेंट पीटर ने आवाज लगाई- “सभी लोग लंच के लिए जा चुके हैं, बस हम ही लोग बाकी बचे हैं।“

“2 मिनट रुक जाओ पीटर........या फिर ऐसा करो कि तुम खाने के लिए चलो, मैं बस थोड़ी ही देर में आ रहा हूं।“ थॉमस ने पीटर से कहा।

“ओ.के. सर।“ कहकर पीटर रुम से बाहर निकल गया, शायद उसे तेज भूख लगी थी।

“मुझे तुरंत कैप्टेन को कातिल का नाम बता देना चाहिए।“ थॉमस मन ही मन बड़बड़ाया।

यह सोचकर वह फोन की ओर बढ़ गया। थॉमस ने जैसे ही फोन को उठाकर अपने कान से लगाया, उसे फोन पर एक खरखराती आवाज सुनाई दी-

“तुझे अपनी जिंदगी प्यारी नहीं है क्या ? जो मेरे बारे में कैप्टन को बताने जा रहा है।“ एकदम से फोन पर आयी आवाज से थॉमस हैरान हो गया।

वह एक पल में समझ गया कि इस फोन के पैरलल में लगे किसी फोन पर कातिल मौजूद है और वह उसे भली भांति देख रहा है। यह अहसास ही उसे एक पल के लिए कंपा गया। थॉमस ने तुरंत आसपास के सभी फोन पर नजर मारी।

उसकी निगाह एक दिशा में जाकर ठहर गई। एक खंभे के पास अंधेरे में खड़ा, उसे एक साया नजर आया। जो उसी की तरफ देख रहा था। कातिल के सीधे हाथ में रिसीवर था, जो वह अपने कान पर लगाये था।

“कौन हो तुम?“ थॉमस ने हिम्मत करते हुए जोर से पूछा और फिर रिसीवर को धीरे से क्रैडल पर रख दिया।

“अभी-अभी तुमने मेरा नाम रुमाल पर से पढ़ा तो है, फिर भी भूल गए।“ कातिल की गुर्राती हुई आवाज वातावरण में गूंजी।

“तो क्या तुम......?“

“मेरा नाम लेने की कोशिश मत करो।“ कातिल ने थॉमस के शब्दों को बीच में ही काटते हुए, उसे चुप करा दिया- “क्यों कि मेरे हिसाब से हवा के भी कान होते हैं और मैं नहीं चाहता कि मेरी आवाज, मेरा नाम अभी किसी तक पहुंचे।“

“क्या चाहते हो तुम?“ थॉमस के शब्दों में भय साफ नजर आ रहा था।

“अजीब पागल हो तुम.....।“ कातिल के स्वर में खतरनाक भाव आ गये- “अब जब तुमने मेरा नाम ‘जान‘ लिया है, तो अब मैं भी तुम्हारी ‘जान‘ ही लूंगा।“

“तुम..... तुम मुझे नहीं मार सकते।“ थॉमस ने गिड़गिड़ाते हुए कहा ।

थॉमस की आँखें अब अंधेरे में भी कातिल के हाथ में थमे रिवाल्वर की स्पष्ट देख रहीं थीं। और इससे पहले कि थॉमस अपने बचाव में कुछ कर पाता, एक ‘पिट्‘ की आवाज हुई और एक गोली उसके गले में सुराख कर गई। थॉमस किसी कटे पेड़ की तरह धड़ाम से फर्श पर गिर गया। उसकी आंखों में आश्चर्य के भाव थे। शायद मरते दम तक उसे अपनी मौत पर विश्वास नहीं था।

कातिल ने रिवाल्वर की नाल से निकलते हुए धुंए को फूंक मारकर हवा में उड़ाया और फिर रिवाल्वर की नाल पर लगा साइलेंसर हटाकर, दोनों ही चीजें अपनी जेब के हवाले कर लीं। अब कातिल रुमाल के ढेर के पास पहुच गया। उसने अपनी जेब में हाथ डालकर एक लाईटर निकाल लिया। ‘खटाक‘ की आवाज के साथ लाइटर ऑन हुई और उससे निकलती हुई लौ ने तुरंत ही रुमाल के गठ्ठरों को अपने घेरे में ले लिया।

कातिल ने एक-दो जलते हुए रुमाल थॉमस के ऊपर व कुछ रुमाल कमरे में इधर-उधर फेंक दिये। धीरे-धीरे पूरे कमरे ने आग पकड़ ली। कुछ ज्वलनशील रसायनों को भी आग ने अपने घेरे में ले लिया। कातिल अब सधे कदमों से रुम के बाहर निकला और एक दिशा में चल दिया। कुछ आगे जाने पर उसकी स्पीड एका एक तेज हो गई। अब वह तेजी से चिल्ला रहा था-

“आग.....आग.....लैब में आग लग गई......गार्ड.....गार्ड..जल्दी सीजफायर लाओ।“ उसके चिल्लाते ही बहुत से लोगों का ध्यान उस ओर आकर्षित हो गया।

तब तक लैब से काला धुआं निकलने लगा था। बहुत से लोग लैब से धुंआ निकलते देख वहां पर एकत्रित हो गए। कुछ लोगों ने शीशे तोड़कर आग बुझाने के यंत्र निकाल लिए। वह सिलेण्डर हाथ में लेकर लैब में घुस गए। आग अभी इतनी ज्यादा नहीं फैली थी कि उसे बुझाया न जा सके।

धीरे-धीरे गार्ड्स ने आग पर काबू पा लिया। कातिल भी अब भीड़ में शामिल हो गया था। आग परशकंट्रोल होते देख उसके चेहरे पर एक दबी-दबी सी मुस्कान आ गयी। तभी वहां भागते हुए सुयश, असलम और ब्रैंडन दाखिल हुए।

“क्या हुआ? यह आग कैसे लग गई?“ सुयश ने एक गार्ड से पूछा।

“पता नहीं सर.......अभी इस बारे में कुछ मालूम नहीं हुआ है.... धुंआ छटे तो शायद कुछ समझ में आए।“

तभी पीटर वहां दौड़ता हुआ आया- “थॉमस सर तो ठीक हैं ना ?..... वो लैब के अंदर ही थे।“

“क्या ऽऽऽ?“ सुयश ने हैरानी से कहा। सुयश तुरंत छलांग लगाकर धुंए को हाथों से हटाता हुआ अंदर दाखिल हो गया।

धुंआ अब काफी कम हो गया था। लैब के सारे खिड़की दरवाजे खोल दिए गए और एग्जास्ट फैन चालू कर दिए गए। बामुश्किल 5 मिनट में ही धुंआ काफी हद तक छंट गया। पीटर भी अब अंदर दाखिल हो गया। तभी सुयश को दूर जमीन पर कुछ पड़ा दिखाई दिया।

पास पहुंचने पर पता चला कि वह थॉमस की लाश है। लाश बुरी तरह से जल गई थी, लेकिन फिर भी पीटर ने उसे पहचान लिया। लाश के कपड़ों से अभी भी कहीं-कहीं से धुआं निकल रहा था। धुंआ निकल जाने की वजह से अब रुम की सभी चीजें बिल्कुल साफ नजर आ रहीं थीं।





जारी रहेगा________✍️
Aaaaaaayyyyyeeeeee
Ab ye kya ho raha hai yaha per ek tarf ye 🦜 Ammoo bolta hai Suyash se ki tum bar bar chod ke chale jate ho ab is bat ka kya matlab hua bhala
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Uper se Aslam to poora waqt Suyash ke sath rhaa tha to fir Lab me Thomas ko kisne maar dia or Kaun hai wo Katil
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Tagda Jhatkha Dene wala hai ye update Raj_sharma bhai
 

DEVIL MAXIMUM

"सर्वेभ्यः सर्वभावेभ्यः सर्वात्मना नमः।"
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204
# 45 .

थॉमस की लाश देखने के बाद सुयश की नजरें अब पूरी लैब में दौड़ने लगीं।

ब्रैंडन ने किसी भी यात्री को अंदर आने से मना कर दिया। सुयश की नजरें तेजी से किसी सर्चलाइट की तरह पूरी लैब में घूम रही थीं। तभी उसकी निगाह कुछ दूर पड़े एक अधजले रुमाल पर पड़ी। अचानक ही कुछ यादकर सुयश के दिमाग में धमाके से होने लगे। उसने फिर अपनी नजरें इधर-उधर दौड़ाईं।

अब उसकी नजरों के आगे लैब में बिखरे कई अधजले रुमाल नजर आने लगे। सुयश धीरे-धीरे चलता हुआ, थॉमस की लाश के पास आया और उसे ध्यान से देखने लगा। कुछ ही देर में सुयश की पैनी निगाहें थॉमस के गले पर थीं। अब वह थॉमस की लाश के पास बैठकर ध्यान से उसके गले के पास देखने लगा।

ब्रैंडन व असलम की भी निगाहें अब सुयश की निगाहों का पीछा करते हुए थॉमस की लाश के गले पर चलीं गयीं। गले के पास का हिस्सा जल जाने के बाद भी गोली का सुराख स्पष्ट नजर आ रहा था।

“आखिरकार लॉरेन के ब्वॉयफ्रेंड ने एक और कत्ल कर ही दिया।“ सुयश के चेहरे पर अफसोस के भाव आ गये।

“कैप्टेन आपकी यह बात तो सही है कि इनकी हत्या की गयी है और वह भी गोली मारकर। पर आप यह कैसे कह सकते हैं कि उनकी हत्या लॉरेन के ब्वॉयफ्रेंड ने की है।“ ब्रैंडन के स्वर में उत्सुकता के भाव नजर आये।

“ब्रैंडन जरा पूरी लैब में बिखरे हुए इन रुमालों को देखो और कुछ याद करने की कोशिश करो।“ सुयश के शब्दों को सुन ब्रैंडन और असलम दोनों की निगाह लैब में चारों ओर घूम गई।

“मैं समझ गया कैप्टेन कि आप क्या कहना चाहते हैं।“ ब्रैंडन ने गंभीर स्वर में कहा- “थॉमस ने जरूर रुमाल के द्वारा कातिल का पता लगा लिया होगा। जिससे की कातिल ने उसे खत्म कर दिया।“

“लेकिन इससे एक और बात पता चलती है कि कातिल जो भी है, वह बहुत तेज व चालाक है और वह हम लोगों की एक-एक हरकत पर नजर रखे है। ये भी हो सकता है कि बाहर खड़ी भीड़ में भी वह हो और यह पता करने की कोशिश कर रहा हो कि अंदर के हालात क्या हैं?“ सुयश ने बाहर खड़ी भीड़ पर नजर मारते हुए कहा।

“मेरी समझ में यह नहीं आया कि वह कातिल पागल है क्या ? जो उसने कत्ल करने के बाद लैब में आग लगा दी ? क्यों कि उसको भी पता होगा कि अगर शिप में आग ज्यादा भड़क जाती तो पूरा शिप जलकर राख हो जाता और शिप में तो वह स्वयं भी था। फिर उसने इतना बड़ा रिस्क कैसे लिया ?“ ब्रैंडन ने अपने दिमाग में घूम रहे प्रश्नों का उत्तर जानना चाहा।

“ये भी तो हो सकता है कि आग उसने इस तरह लगाई हो कि वह ज्यादा ना भड़कने पाए या फिर आग लगाने के बाद उसने ही सबको बुला कर इकट्ठा किया हो?“ सुयश ने कहा।

“होने को तो कुछ भी हो सकता है लेकिन वह सब हमारी कल्पना मात्र होगा। इसलिए फिलहाल बहस करने का को ई फायदा नहीं है। ऐसा करते हैं सर कि फिलहाल हम इस लाश को भी स्टोर रुम में रखवा देते हैं और बाकी की परेशानियों की ओर ध्यान दें। जो कि आने वाली हैं ना कि जो बीत गईं हैं।“ असलम ने सबको भविष्य की तस्वीर दिखाते हुए कहा।

“ठीक है ऐसा ही करो।“ सुयश ने सिर हिलाते हुए कहा- “ब्रैंडन तुम इस लाश को भी स्टोर रूम में रखवा दो और असलम तुम मेरे साथ अलबर्ट के रुम की ओर चलो।“ इतना कहकर सुयश लैब से बाहर निकल गया। असलम भी उसके पीछे-पीछे था।

6 जनवरी 2002, रविवार, 16:45;

“हां तो ग्रैंड अंकल, अब अगला सवाल।“ शैफाली ने अपनी नीली-नीली आंखें चमकाते हुए अलबर्ट को फिर से एक पहेली में उलझा दिया-

“सबसे पहले आपका जन्म जिस तारीख को हुआ था वह लिख लीजिए.......फिर उसे 4 से गुणा करके उसमें 13 जोड़ दीजिए।“

अलबर्ट शैफाली की कही बातों को सुनकर, एक पेज पर कैलकुलेशन करने लगा। चूंकि रुम का दरवाजा खुला था इसलिए सुयश व असलम को बेल बजाने की जरुरत नहीं पड़ी। वह दोनो कमरे में दाखिल हो गये।

अलबर्ट को कैलकुलेशन में व्यस्त देख सुयश व असलम बिना किसी को डिस्टर्ब किए सोफे पर बैठ गये। उधर शैफाली लगातार बोले जा रही थी-

“अब जो संख्या आई है उसे 25 से गुणा कर दीजिए.......अब आयी नयी संख्या में से 200 को घटा दीजिए..... अब आपका जन्म जिस महीने में हुआ है, उसे इस पूरी संख्या में जोड़ लीजिए......यानी कि यदि आपका जन्म जुलाई में हुआ हो तो पूरी संख्या में 7 को जोड़ दीजिए... ... अब फिर से पूरी संख्या को 2 से गुणा कर दीजिए........अब पूरे में से 40 को घटा दीजिए ........अब सबका गुणा 50 से कर दीजिए... ....अब जिस वर्ष में आपका जन्म हुआ है उसे पूरी संख्या में जोड़ लीजिए.. ....यानी यदि आपका जन्म सन 1950 में हुआ हो तो पूरी संख्या में 50 जोड़ लीजिए........ अब जो भी संख्या आई, उस पूरी संख्या से 10500 घटा दीजिए।“

इतना कहकर शैफाली अब चुप हो गई। अलबर्ट ने सारी कैलकुलेशन करने के बाद, पुनः इस तरह शैफाली को देखा मानो वह पूछना चाहता हो कि ‘अब क्या करना है?‘

शैफाली ने जब अलबर्ट को थोड़ी देर शांत देखा, तो पूछ लिया-
“हां ग्रैंड अंकल अब आप जो भी उत्तर आया है, वह मुझे बता दीजिए।“

‘260435‘ अलबर्ट ने शैफाली को उत्तर दिया।

“इसका मतलब आपका जन्म 26 अप्रैल सन 1935 को हुआ था।“ अलबर्ट शैफाली का उत्तर सुनकर हैरान हो गया। क्यों कि वह जो बोल रही थी, वह बिल्कुल सही था।

अलबर्ट एक पल के लिए अपनी सारी परेशानियां भूल गया। वह काफी देर तक इस कैलकुलेशन में उलझा रहा। परंतु यह नहीं समझ पाया कि यह कैलकुलेशन आई कैसे?

“कहिए ग्रैंड अंकल, पहेली कैसी रही?“ शैफाली ने चहकते हुए कहा।

“बहुत ही शानदार।“ अलबर्ट ने शैफाली की तारीफ करते हुए कहा- “पर तुम इतनी कठिन गणित की पहेलियां बना कैसे लेती हो ?“

“मुझे स्वयं नहीं पता ग्रैंड अंकल। मैं तो बस गणित के इन अक्षरों से खेलती हूं। खेलते-खेलते ये पहेलियां अपने आप बन जाती हैं।“ कहते-कहते शैफाली अचानक रुक गई। उसने इधर-उधर देखा। उसका चेहरा अब सोफे पर बैठे सुयश की ओर था।

“गुड इवनिंग कैप्टेन अंकल।“ शैफाली ने हवा में अपनी नाक पर जोर देते हुए कहा- “आपके साथ भी कोई है?“

“गुड इवनिंग बेटा।“ सुयश के चेहरे पर पुनः शैफाली के लिए तारीफ के भाव आ गये- “मेरे साथ इस शिप के सेकेंड असिस्टेंट कैप्टेन असलम हैं।“

“हैलो मिस्टर अलबर्ट, कैसे हैं आप?“ सुयश ने आगे बढ़कर अलबर्ट से हाथ मिलाया।

“ठीक हूं।“ अलबर्ट का स्वर बिल्कुल शांत था- “अब पहले से अच्छा महसूस कर रहा हूं।“

सुयश ने भी अलबर्ट से मारिया के बारे में कुछ ना पूछा। वह नहीं चाहता था कि अलबर्ट को मारिया की याद आए।

“शैफाली का दिया हुआ सवाल हल कर रहे थे?“ सुयश ने टॉपिक चेंज करते हुए पूछा।

“हां, उसके पास सवाल ही ऐसे हैं कि उसे हल करने में मजा आता है। वैसे ये काफी टैलेंटेड और एक्स्ट्रा ऑर्डिनरी लड़की है।“

“आपने बिल्कुल सही कहा।“ सुयश ने भी शैफाली की तारीफ की- “मुझे भी ऐसा लगता है, जैसे शैफाली के अंदर कुछ अंजानी विचित्र शक्तियां हैं, लेकिन इसका पता इसे स्वयं नहीं है। अब शैफाली के सपनों के बारे में ही ले लीजिए। इसने जो भी अपने सपनों में देखा था, वह सब एक-एक करके सही हो रहे हैं।“

“तो क्या उस रहस्यमय द्वीप की तरह सुनहरा मानव भी दिखाई दिया ?“ चूंकि अलबर्ट को कल घटी घटना की कोई जानकारी नहीं थी, इसलिए वह पूछ बैठा।

“जी हां ! कल रात समुद्र की लहरों पर दौड़ता हुआ एक सुनहरा मानव हमें दिखाई दिया। जिसके शरीर से बहुत तेज सुनहरी रोशनी निकल रही थी। उसने ठीक शैफाली के सपनो की तरह एक दिशा की ओर इशारा किया और गायब हो गया। हमने कल शिप को भी उसी दिशा में मोड़ दिया था, जिधर उस सुनहरे मानव ने इशारा किया था।“ सुयश ने कहा।

“था ?......था से आपका क्या मतलब है कैप्टेन अंकल?“ शैफाली ने हैरानी से पूछा- “क्या अब शिप उस दिशा में नहीं चल रहा है?“

“नहीं !“ सुयश ने नकारात्मक अंदाज में अपना सिर हिलाया- “हमें ऐमू नाम का एक तोता उड़कर एक दिशा से आता हुआ दिखाई दिया। वह तोता बड़ा ही रहस्यमई था। वह बिल्कुल साफ इंग्लिश बोल रहा था, इसलिए हमने उसे एक सभ्य दुनिया से आया जानकर, शिप को उस दिशा में मोड़ दिया, जिधर से वह आया था।“

“ओ.....नो !“ शैफाली के शब्दों में अफसोस झलकने लगा।

“क्या हुआ?“ सुयश को भी शैफाली के शब्दों से किसी खतरे का अहसास हुआ- “क्या कोई गलती हो गई?“

“पता नहीं , पर जाने क्यों मुझे ऐसा लग रहा है, जैसे मैंने यह ऐमू नाम पहले भी कहीं सुन रखा है?“ शैफाली के शब्द इस बार किसी रहस्य से भरे थे।

“क्या ऽऽऽऽ? सुयश यह सुनकर सिहर उठा- “शैफाली तुम याद करने की कोशिश करो कि तुमने यह शब्द कहां सुन रखा है?“

“ऐमू......ऐमू ....।“ शैफाली ने होठों ही होठों में यह शब्द दोहराया और अपने दिमाग पर जोर देना शुरू कर दिया। शैफाली लगातार अपने दिमाग पर जोर डाल रही थी।

सभी की निगाहें अब सिर्फ और सिर्फ शैफाली पर थी। ब्रूनो शैफाली के पास शांत बैठा था। अचानक उसने एक झटके से अपना सिर उठा कर शैफाली की ओर देखा। ब्रूनो के कान अब खड़े हो गए और वह एकटक शैफाली को घूरने लगा।

अचानक ब्रूनो शैफाली के पास से उठा और कुछ दूर जा कर चुपचाप जमीन कर बैठ गया। लेकिन अभी भी उसकी आंखें शैफाली को घूर रही थीं। उधर शैफाली लगातार अपने दिमाग पर जोर डालते हुए ऐमू के बारे में सोच रही थी।

ब्रूनो की यह विचित्र हरकत इस बार किसी से छिपी ना रह सकी। सुयश ने बहुत ध्यान से इस बार ब्रूनो को देखा । जाने क्या सोचकर एक बार तो वह सिहर उठा। उसे ब्रैंडन की बात याद आ गई।

“यह क्या.......?“ अचानक शैफाली की आवाज ने सबको हैरान कर दिया- “यह तो वही रहस्यमई द्वीप है।“





जारी रहेगा_________✍️
Katil ho bhi hai bahut he jada shatir hai wo aakhir hai kaun wo
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Dosre tarf Shafali ki ajeeb paheli mere to sir ke uper se nikal gaye
Ab to majboori meri hai jada socha Shafali ki paheli ko Mere HONEYMOON ki lag jaygi 😂😂
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Lekin Shafali ne kaha suna hai Amoo ka name or sochte sochte aakhir Shafali esa kya sochne lagi ki Bruno sirf Shafali ko sochte dekh usse door hone laga aakhir Shafali ki kya Mistry ho skti hai is safar me
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Bahut he Amazing Update hai Raj_sharma bhai
 
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