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ellysperry bhai 2-4 update padh kar batao kaisi hai?
Shaandar jabardast Romanchak Update# 46 .
शैफाली के शब्दों को सुन एक पल के लिए सबके रोंगटे खड़े हो गए, पर शैफाली का बोलना निरंतर जारी रहा-
“यह वही द्वीप है जिसे मैंने पहले सपने में देखा था.......यह तोता..... .....यह यहां ? ......यह मूर्ति तो एक बहुत ही खूबसूरत लड़की की है.......इसके हाथ में डोरी है.....ऐमू .....ऐमू इस डोरी से बंधा है.......पर यह क्या ?......यह तो छूट गया... ...नहीं नहीं मैंने गलत कहा....... मूर्ति ने ऐमू को छोड़ दिया....... यह..... यह पत्थरों पर बनी अजीब सी आकृतियाँ कैसी ?.......यह क्या ?........यह तो आप हैं कैप्टेन अंकल.... .....पर आप.....आप इस द्वीप पर क्या कर रहे हैं?.....आपके हाथों में यह डायरी कैसी ?......यह झोपड़ी उड़ रही है.......ये झरना... ...और.... और यह रोशनी.......ये रोशनी तो बहुत तेज है.......मुझे कुछ दिखाई नहीं दे रहा......मैं वापस आ रही हूं..... पीछे....और पीछे......हां अब रोशनी कुछ कम हुई........यह सुनहरा मानव..... मुझे रुकने का इशारा कर रहा है....... लेकिन मैं फिर वापस आ रही हूं ........आह्ऽऽऽऽ........मेरे सिर में बहुत तेज दर्द हो रहा है।“
बोलते-बोलते अचानक शैफाली ने अपना सिर पकड़ लिया। सभी जैसे सोते से जागे हों। सुयश ने आगे बढ़कर शैफाली को झकझोरा-
“क्या हुआ शैफाली ? तुम ठीक तो होना।“
शैफाली जैसे एका एक किसी सम्मोहन से बाहर आई- “क्या हुआ अंकल आप मुझे क्यों हिला रहे हैं?“
“तुम..... तुम ठीक तो हो ?“ मारथा ने आगे बढ़कर शैफाली को अपनी बाहों में ले लिया।
“क्यों ? क्या हुआ मुझे?“ शैफाली के शब्दों में आश्चर्य था- “आप लोग इतना परेशान क्यों है?“
“कुछ नहीं बेटा । तुम सुनहरे मानव व ऐमू के बारे में बता रही थी। इसलिए हम थोड़ा डर से गये थे।“ माइकल ने शैफाली के सिर पर हाथ फेरते हुए कहा।
“मैं?“ शैफाली ने इस तरह से आश्चर्य व्यक्त किया, जैसे उसे कुछ समझ में ना आ रहा हो- “मैं..... सुनहरे मानव व ऐमू के बारे में बता रही थी......नहीं तो...... मैंने तो ऐसा कुछ नहीं कहा........मैं....मैं तो कह रही थी कि ऐमू नाम कुछ सुना हुआ लग रहा है।“ शैफाली के शब्दों में दुनिया भर का आश्चर्य भरा था।
“तो क्या शैफाली जो अब तक बोल रही थी, वह कोई उससे बुलवा रहा था ?“ सुयश ने होठों ही होठों में बड़बड़ाया- “क्या वह बिना सोये हुए भी सपना देख सकती है? क्या ब्रूनो किसी और को देखकर पीछे हट गया था। ऐसे ही सैकड़ों सवाल वहां मौजूद लोगों के दिमाग में घूमने लगे।
“क्या तुम्हें सचमुच यह याद नहीं कि तुम अभी क्या बोल रही थी ?“ असलम ने जेब से रुमाल निकाल कर अपने माथे पर छलक आए पसीने को पोंछते हुए कहा।
“नहीं......मुझे तो कुछ भी याद नहीं। क्या मैं वास्तव में कुछ बोल रही थी ?“ शैफाली ने अपने दिमाग पर जोर डाला।
“एक विशेष बात और भी है।“ सुयश ने सोफे से उठकर खड़े होते हुए कहा- “तुमने यह बताया कि उस रहस्यमय द्वीप पर मैं भी था। जबकि तुम बचपन से ही अंधी हो और तुम मेरा चेहरा नहीं पहचानती। फिर तुमने जो आदमी उस रहस्यमय द्वीप पर देखा, यह कैसे जाना कि वह मैं ही हूं?“
“मुझे नहीं पता कि मैंने कब आपके बारे में बताया।“ शैफाली ने अजीब से शब्दों में कहा।
ब्रूनो अब टहलता हुआ वापस शैफाली के पास जाकर बैठ गया।
असलम शैफाली की बात सुनकर इतना घबरा गया कि उसका पसीना ए.सी . रूम में भी नहीं रुक रहा था।
तभी शैफाली एका एक आश्चर्य से भर उठी। उसने अपना चेहरा असलम की ओर करते हुए अपनी नाक पर जोर दिया-
“मिस्टर असलम, आपने यही नाम बताया था ना कैप्टन अंकल।“ शैफाली के इस तरह टॉपिक चेंज करते देख, सुयश को बहुत अजीब सा महसूस हुआ।
सुयश का चेहरा अब शैफाली की ओर से हटकर असलम की ओर गया। शैफाली बिना सुयश का जवाब सुने पुनः असलम से मुखातिब होती हुई बोल उठी-
“हां तो असलम अंकल, आपके चेहरे पर कुछ पसीना आ रहा लगता है। क्या बात है आपकी तबीयत तो ठीक है?“
“हां.....मेरी तबियत को क्या हुआ?“
असलम शैफाली को अपनी ओर मुड़ता देख और घबरा गया-
“मैं.....मैं बिल्कुल ठीक हूं।“ असलम ने फिर से रुमाल से अपने चेहरे पर बह रहे पसीने को पोंछा।
“वैसे अंकल आप परफ्यूम बहुत अच्छा इस्तेमाल करते हैं।“ शैफाली के भोले से चेहरे पर अब एक नन्हीं सी मुस्कुराहट आ गयी- “संदल की खुशबू वाला परफ्यूम इस्तेमाल करते हैं ना ?“ शैफाली के शब्द सुन सुयश को बहुत तेज झटका लगा। उसे तुरंत शैफाली के वह शब्द याद आ गए-
“अंकल कातिल के रुमाल से संदल स्मेल वाले सेंट की भीनी-भीनी खुशबू आ रही थी।“
लेकिन वह चुपचाप खड़ा होकर शैफाली के शब्दों को सुन रहा था।
“आपने जवाब नहीं दिया असलम अंकल।“ आप संदल स्मेल वाला सेंट इस्तेमाल करते हैं ना ?“ शैफाली ने असलम को चुप देख दोबारा से पूछ लिया।
“हां.....यह मेरा फेवरेट सेंट है।“ असलम ने जवाब दिया।
“वैसे अंकल, आप रिवाल्वर तो चलाना जानते ही होंगे?“ शैफाली ने एक नया सवाल कर दिया।
“क्या बकवास है? क्या तुम मुझे कातिल समझ रही हो ?“ असलम ने सोफे से उठते हुए चिल्ला कर कहा।
“मैंने तो अभी यह बात आप से कही भी नहीं। फिर आप इतना क्यों परेशान हैं?“ शैफाली के चेहरे पर निरंतर मुस्कान बनी हुई थी।
“मैं तो जिस समय हॉल में कत्ल हुआ, उस समय वहां था भी नहीं। उस समय तो मैं शिप के कंट्रोल रूम में था।“ असलम ने कहा।
“असलम सही कह रहा है शैफाली।“ सुयश ने बीच में आते हुए असलम का बचाव किया- “ये तो उस समय कंट्रोल रूम में था और वह भी नशे की हालत में। ऐसी हालत में यह चलकर हॉल तक नहीं पहुंच सकता था।“
“आप इतने यकीन से कैसे कह सकते हैं कैप्टन अंकल कि असलम अंकल उस समय कंट्रोल रूम में ही थे और इन्होंने नशा ज्यादा कर रखा था। क्या उस समय आप इनके साथ थे?“ शैफाली ने जिद पकड़ते हुए कहा।
“नहीं मैं तो हॉल में ही था लेकिन बहुत से लोग उस समय असलम के साथ थे, जो इस बात की गवाही दे सकते हैं।“ सुयश ने कहा।
“अभी आप कह रहे थे कि यह इतना नशे की हालत में थे कि इन्हें होश भी नहीं था।“ शैफाली ने कहा- “तो फिर कहीं ऐसा तो नहीं कि इनके साथ जितने भी लोग थे, वह भी नशे की हालत में थे।“
“जी हां, आप सही कह रहीं हैं....वह सारे नशे की हालत में थे।“ अंजाने में ही सुयश के मुंह से शैफाली के लिए रेसपेक्ट भरे शब्द निकले।
“फिर आप इतने विश्वास से कैसे कह सकते हैं कि यह पूरी तरह नशे में धुत थे और सभी के साथ थे?“ शैफाली अपने लॉजिक से सभी को दूसरी दिशा में सोचने पर विवश कर रही थी- “यह भी तो हो सकता है कि इन्होंने ही सबको पीने की सलाह दी हो और जब सारे लोग नशे में धुत हो गए हों तो फिर यह धीरे से कंट्रोल रूम के बाहर आए हों और फिर हॉल में पहुंचकर इन्हों ने गोली चलाई हो और फिर तेजी से वापस आकर पुनः कंट्रोल रूम में पहुंच गए हो और फिर उसके बाद बेहोशी का नाटक करके सभी के बीच गिर पड़े हों।“
“तुम्हारी कहानी तो बहुत अच्छी है बेटे।“ असलम ने अब नॉर्मल होते हुए कहा- पर इसमें जरा भी सच्चाई नहीं है और वैसे भी ड्रिंक करने के लिए मैने नहीं रोजर सर ने सबसे कहा था।“
सुयश बहुत तेजी से इस समय जाने क्या सोच रहा था। तभी ड्रेजलर दौड़ता हुआ रुम में दाखिल हुआ-
“कैप्टेन-कैप्टेन आप यहां हैं। मैंने आपको ढूंढने के लिए पूरा शिप छान मारा। तब जा कर ब्रैंडन सर से आपके बारे में पता चला।“
“क्या बात है ड्रेजलर, तुम इतना घबराए हुए क्यों हो ?“ असलम ने ड्रेजलर की तरफ देखते हुए पूछा।
“सर वो रहस्यमय द्वीप एक बार फिर हमारे रास्ते में आ गया है।“ ड्रेजलर ने घबरा कर कहा। यह खबर सुनते ही सभी के होश उड़ गए।
“असलम तुम डेक पर पहुंचो। मैं अभी ड्रेजलर के साथ वहां पहुंचता हूं।“ सुयश ने एक तरह से ड्रेजलर को भी रोकते हुए कहा।
असलम ने अजीब सी नजर सुयश पर डाली और कमरे के बाहर निकल गया। ड्रेजलर सुयश को देखते हुए, उसके अगले हुक्म का इंतजार कर रहा था।
“हां ड्रेजलर, तुम तो हमारे कंट्रोल रूम में काम करते हो ना ?“ सुयश ने ड्रेजलर से पूछा।
“जी हां !“ ड्रेजलर ने अजीब सी नजरों से सुयश को देखा। वह समझ नहीं पा रहा था कि सुयश ने उसे क्यों रोका ? और वह उससे क्या पूछना चाहता है?
“ड्रेजलर, तुम न्यू ईयर की रात उस समय भी कंट्रोल रूम में थे, जब सभी नशे की हालत में हो गए थे और ‘सुप्रीम’ रास्ता भटक गया था?“
जारी रहेगा________
Shaandar jabardast super faddu update# 47 .
“ड्रेजलर, तुम न्यू ईयर की रात उस समय भी कंट्रोल रूम में थे, जब सभी नशे की हालत में हो गए थे और ‘सुप्रीम’ रास्ता भटक गया था?“
“जी हां।“ कहते-कहते ड्रेजलर का सिर शर्म से झुक गया।
“नहीं -नहीं , परेशान मत हो । मैं तुमसे कुछ कहना नहीं चाहता बल्कि तुमसे कुछ पूछना चाहता हूं?“ सुयश ने ड्रेजलर को सिर झुकाते देख कहा।
“पूछिए सर, आप क्या पूछना चाहते हैं?“ ड्रेजलर ने सिर उठाते हुए कहा।
“कुछ नहीं। मुझे बस इतना पूछना है कि उस रात ड्रिंक करने के लिए किसने सबको तैयार किया था ?“ सुयश ने गहरी सांस भरते हुए पूछा।
“ज....जी...वो असलम सर ही ड्रिंक करने के लिए बार-बार रोजर सर से जिद करके उन्हें मना रहे थे। उन्हीं के जिद करने के बाद रोजर सर तैयार हुए थे।“ ड्रेजलर ने याद करते हुए कहा।
“हूं....तो मेरा शक सही था।“ सुयश होठों ही होठों में बड़बड़ाया।
“क्या वह ड्रिंक करने से लेकर अंत तक तुम लोगों के साथ थे?“ सुयश ने पुनः पूछा।
“यह बात मैं तो क्या कोई भी पक्के तौर पर नहीं कह सकता। क्यों कि जब ड्रिंक शुरू हुई तो असलम सर सेलीब्रेट करते हुए सभी को पीने के लिए कह रहे थे। उसके बाद तो किसी को भी स्वयं का होश ही नहीं रहा तो वह भला दूसरे पर क्या ध्यान देता।“
ड्रेजलर के शब्दों को सुन शैफाली के चेहरे पर भी एक गहरी मुस्कान आ गयी। इधर सुयश ख्यालों में उलझा था, उधर कमरे के दरवाजे के बाहर छिप कर खड़ा असलम सुयश के सवाल और ड्रेजलर के जवाब सुन रहा था। अब उसकी आंखों में एक खूनी चमक थी। वह सबकुछ सुनने के बाद वहां से हट गया। पर हटते हुए असलम मन ही मन बुदबुदाया-
“आखिरकार कैप्टेन को पता चल ही गया.....पर अब क्या फायदा। अब तो मेरा काम हो ही चुका है।“
6 जनवरी 2002, रविवार, 17:15; ‘सुप्रीम’
सुयश जब ड्रेजलर और अलबर्ट के साथ डेक पर पहुंचा तो वहां पर पहले से ही भीड़ लगी थी । सुयश भीड़ को चीरता हुआ आगे की तरफ आ गया। वहां पर असलम पहले से ही दूरबीन लिए खड़ा था। सुयश ने पहले एक बार गहरी निगाहों से असलम को देखा और फिर उससे दूरबीन लेकर अपनी आंखों पर चढ़ा ली। कुछ देर तक देखते रहने के बाद उसने दूरबीन को पुनः असलम के हवाले कर दिया।
“वही है.....बिल्कुल वही रहस्यमई द्वीप है। अब तो इसमें कोई शक नहीं कि हम लोग समुद्र में एक ही स्थान पर भटक रहे हैं।“ सुयश बड़बड़ाया।
“कहीं ऐसा तो नहीं कैप्टेन कि हम लोग भटक ना रहे हों बल्कि यह द्वीप ही चल रहा हो।“ अलबर्ट ने होश उड़ाने वाले अल्फाज बोले।
अलबर्ट की बात सुनकर एक पल के लिए तो सभी सन्न हो गए।
“नहीं-नहीं.....ऐसा तो सोचना भी बेवकूफी है। यह द्वीप पूरी तरह से पत्थरों से बना दिख रहा है। यह कोई आइसबर्ग थोड़ी है, जो पानी पर तैरता रहे।“ सुयश ने अलबर्ट की बात को काटते हुए कहा।
“यह भी तो हो सकता है कि यह पानी पर तैरता कोई विशालकाय जीव हो।“ ऐलेक्स ने तो हद ही पार कर दी।
“आपके भी दिमाग में कैसे-कैसे विचार आते रहते हैं मिस्टर ऐलेक्स। यह इतना विशालकाय है कि यह कोई जीव हो ही नहीं सकता और वैसे भी इस समय विश्व का सबसे बड़ा जीव ब्लू व्हेल है और यह द्वीप तो उसके आकार का हजारों गुना बड़ा है। वैसे भी किसी जीव की पीठ पर पेड़-पौधे तो उग सकते हैं। लेकिन इतनी बड़ी पहाड़ी का होना असंभव है।“ तौफीक का विचार बिल्कुल तर्कसंगत था।
थोड़ी देर तक सभी अपनी-अपनी अटकलें लगाते रहे और फिर जब वो किसी ठोस निष्कर्ष तक नहीं पहुंच सके तो शांत हो कर सुयश की ओर देखने लगे। सुयश लगातार उस रहस्यमय द्वीप को देख रहा था। उसके दिमाग में बहुत तेजी से कुछ चल रहा था।
“अब हमें क्या करना चाहिए कैप्टेन?“ ब्रैंडन ने आखिरकार सुयश को ना बोलते देख पूछ ही लिया।
सुयश ब्रैंडन की आवाज सुन जैसे ख्यालों से बाहर आया- “मैं फिर से किसी तरह का कोई रिस्क नहीं लेना चाहता। हमें इस रहस्यमय द्वीप पर नहीं जाना है, चाहे कुछ भी क्यों ना हो जाए।“
“कुछ भी ?“ असलम ने अजीब सी नजरों से सुयश को देखते हुए कहा।
“हां , कुछ भी।“ सुयश की आवाज में एक दृढ़ विश्वास था।
तभी ब्रैंडन के हाथ में थमा वॉकी टॉकी सेट बज उठा। ब्रैंडन ने बटन दबा कर वॉकी टॉकी सेट को ऑन कर दिया।
“सर....गजब हो गया........हमारे जहाज का सारा ईंधन जहाज में बिखरा पड़ा है। पता नहीं उसे किसने बिखेर दिया। अब हमारे जहाज के टैंक में जितना फ्यूल है। उसी से हमें काम चलाना होगा।“
दूसरी तरफ से आती आवाज को सुन सुयश सहित सबका दिमाग खराब हो गया।
“शिप के टैंक में इस समय कितना फ्यूल है?“ सुयश वॉकी टॉकी सेट पर चीखा।
“हमारे टैंक में मात्र इतना फ्यूल बचा है कि हम इससे ज्यादा से ज्यादा 800 से 900 नॉटिकल माइल्स तक ही जा सकते हैं। इससे ज्यादा नहीं।“ दूसरी तरफ से आवाज आयी।
यह सुनकर सुयश के चेहरे पर परेशानी के भाव नजर आने लगे। ब्रैंडन ने मैसेज सुनकर वॉकी टॉकी सेट को ऑफ कर दिया।
“यह फ्यूल कौन बिखेर सकता है? कौन है ऐसा बेवकूफ जिसे अपनी जान की भी चिंता नहीं ?“ सुयश मन ही मन सोचने लगा।
तभी उसकी निगाहें असलम पर जाकर टिक गयीं। असलम सुयश को अपनी तरफ घूरते देख दूरबीन को आंखों पर लगा कर उस रहस्यमय द्वीप की ओर देखने लगा।
“क्या अब हमें द्वीप पर चलना चाहिए कैप्टेन?“ असलम ने द्वीप की ओर देखते हुए कहा- “क्यों कि अब हमारे पास इस द्वीप पर जाने के सिवा और कोई चारा भी नहीं है।“
“नहीं हम अब भी द्वीप पर नहीं जाएंगे।“ सुयश ने अपने दांत भींचते हुए कहा- “हम अपनी एक आखिरी कोशिश और करेंगे। अभी हमारा शिप लगभग 900 मील तक और जा सकता है।“
“कैप्टन कहीं इस बार हम लोग गलती तो नहीं कर रहे हैं?“ अलबर्ट ने सुयश को समझाया- “क्यों कि जहां तक मैं जानता हूं यह खूनी त्रिकोण लगभग ‘तीन लाख नब्बे हजार‘ वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल में फैला है। और फिर पता नहीं हम लोग इस क्षेत्र में कितना अंदर हैं? मात्र 900 मील के सफर में क्या हम इस क्षेत्र से बाहर निकल सकेंगे? मुझे यह बात असंभव सी प्रतीत होती है। तो फिर क्यों ना एक बार रिस्क लेकर इस द्वीप पर चलकर देख ही लिया जाए।“
“बिल्कुल नहीं मिस्टर अलबर्ट।“ सुयश ने सीधे शब्दों में ना कह दिया-
“मैं इस द्वीप पर कभी नहीं जाऊंगा। क्यों कि मेरे कानों में अभी तक रोजर के शब्द व लारा की चीखें सुनाई दे रही हैं। मैं और चीखें नहीं सुनना चाहता। चाहे आप इसे मेरी जिद ही क्यों ना समझे? शिप में सफर कर रहे सभी यात्री की जान मेरे लिए बेशकीमती है। मैं इनकी जान बचाने के लिए अंतिम दम तक कोशिश करूंगा। इसलिए कृपया आप लोग मुझे रोकिए मत। मैं इस ‘खूनी त्रिकोण‘ में छिपे इस रहस्यमय द्वीप से दूर जाने की एक आखिरी कोशिश और करूंगा।“
अब भला सुयश की बात नकारने वाला उस शिप पर कौन था ? हालांकि बहुत से लोग आज कैप्टेन के निर्णय से खुश नहीं थे। लेकिन फिर भी सब चुप रहे। शिप को एक बार फिर दूसरी दिशा में मोड़ लिया गया।
जारी रहेगा__________
Ship ruk gaya hai, ya ye kahe ki us jagah jakar fas gaya, jaha per baki ke log fase the or wapas nahi laute the, ab suyash koi super man ya saktiman to hai nahi jo udd kar sab ko nikaal legaBadhiya update bhai
Shipt to dwip per pahunchne se pehle hi ruk gaya jo ki ane wala khatra ha sabke liye ab dekhte han ki wo khatra kya hota ha or suyesh kya karta ha ye sab dwip per pahunch pate bhi ha ya nahin
Khatra... khatra...खतरा है या कुछ ऐसा जो बचना चाहता है सबको...
Aslam ka parda faas to ho gaya, per afsoos late hua bhai,Shaandar jabardast Romanchak Update
Shefali ne to Aslam ke pasine chhuda diye , Aslam pe ab suyesh ki najar rahegi dekhte hai kab sabut milte hai