Iron Man
Try and fail. But never give up trying
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Shaandar jabardast Romanchak Update#56.
फिर तो जैसे एक सिलसिला शुरू हो गया। एटलस और उनके भाई हर साल नए योद्धाओं का चुनाव करते और उन्हें तिलिस्म को तोड़ने के लिए भेज देते थे, पर कोई सफल नहीं हो पा रहा था।
आख़िरकार एटलस ने 'एरियन आकाशगंगा' के महान 'टाइटन योद्धाओ' उस तिलिस्म को तोड़ने के लिए अमंत्रित किया।
जिससे गुस्सा होकर पोसाइडन ने यह श्राप दिया कि अब इस तिलिस्म में मनुष्यो के अलावा कोई भी अटलान्तियन, टाइटन, देवता या देवपुत्र प्रवेश नहीं कर सकता। और काले मोती को भी अब कोई देवपुत्री ही धारण कर सकती है।
पोसाइडन को पता था कि एटलस की अगली सात पीढ़ियो में अभी कोई नहीं पुत्री जन्म नहीं लेने वाली और रही बात मनुष्यो की, तो उसे पता था की मनुष्यो के पास इतनी शक्ति और बुद्धि नहीं है कि वह तिलिस्म को तोड़ सके।
अब एटलस के पास कोई रास्ता नहीं बचा था। अंततः क्रोधित होकर एटलस ने पोसाइडन के ही विरुद्ध ही युद्ध का ऐलान कर दिया।
चूंकी एरियन के टाइटन योद्धा के साथ अब एटलस के साथ थे इसिलए ये युद्ध बहुत ही भयानक हुआ।
इस युद्ध को 'देव युद्ध' के नाम से जाना गया। इस युद्ध में पोसाइडन की तरफ से कुछ ग्रीक देवताओं ने भी युद्ध किया।
जब पोसाइडन को लगा कि अब यह देवपुत्र धीरे-धीरे खतरनाक होते जा रहे हैं तो पोसाइडन ने अपनी सारी शक्तियो को एकत्रित कर अटलांटिस की पूरी धरती को हिलाकर प्रलय ला दिया।
अटलांटिस की धरती पर एक साथ हजारो ज्वालामुखी फटे, भूकंप आये और फिर अविसनीय सुनामी। इस प्रलय के कारण पृथ्वी का जल स्तर 800 मीटर से ऊपर हो गया।
अंततः पूरी अटलांटिस की भव्य धरती धीरे-धीरे समुद्र में समा गई।
एटलस साहित उसका सारे भाई इस युद्ध में मारे गए। बची थी तो केवल एटलस की पत्नी 'लिडिया', जो प्रेग्नेंट होने के कारण अपनी मां के घर 'एरियान' गैलेक्सी' पर मौजूद थी।
सब कुछ ख़तम होने के बाद जब लीडिया अटलान्टिस पहुची तो वहां सिर्फ सामरा और सीनोर जाति के कुछ योद्धा ही बचे थे और बचा था तो बस अराका द्वीप....! जो पानी पर तैरने की वजह से इस खतरनाक दुर्घटना से बच गया था।
लीडिया अब सामरा और सीनोर के साथ अराका पर रहने लगी। कुछ समय के बाद लीडिया ने एक पुत्र को जन्म दिया।
सामरा और सीनोर दोनो जातियां लीडिया को देवी की तरह पूजते थे। अब लीडिया को इंतजार था कि उसके परिवार में किसी लड़की का जन्म हो, जो उस तिलिस्मी अंगूठी को खोजकर, काला मोती को प्राप्त कर सके और अटलांटिस राज्य को दोबारा से स्थापित कर सके।
धीरे-धीरे हजारों वर्ष बीत गए, पर एटलस की अगली सात पीढ़ियो में एक भी लड़की का जन्म नहीं हुआ।
आख़िरकार वह शुभ बेला आ ही गयी। 13070 साल बाद एटलस के परिवार में एक लड़की का जन्म हुआ। जिसका नाम 'ऐलेना' रखा गया। बड़ी होने पर ऐलेना की शादी 'एरियन आकाशगंगा' के एक महान योद्धा 'आर्गस' के साथ हुई।
अब फिर शुरू हुआ सिलसिला तिलिस्मी अंगूठी को खोजने और काले मोती को प्राप्त करने का। समय धीरे-धीरे बीतता गया पर ऐलेना को तिलिस्मी रिंग नहीं मिली।
कुछ समय बाद ऐलेना ने भी एक-एक कर 8 बच्चों को जन्म दिया। जिनमे 7 लड़के थे और एक आखिरी सबसे छोटी लड़की थी। लड़की का नाम 'शलाका' रखा गया।
'शलाका' बचपन से ही बहुत तेज थी। दूसरे समय के साथ-साथ सामरा और सीनोर जातियो ने भी आपसी मतभेद शुरू कर दिया था। पर शलाका ने अपनी सूझ-बूझ से दोनों को अच्छे से नियंत्रण कर लिया और अराका द्वीप के आधे-आधे हिस्से को दोनो में बांट दिया।
शलाका और उसके 7 भाइयो ने कई आकाशगंगाओ से ज्ञान अर्जित किया, ऐलेना को यह विश्वास था कि शलाका हर हाल में तिलिस्मी अंगूठी ढूंढ लेगी और अटलान्टिस की सभ्यता की फिर से रचना करेगी।"
इतना पढ़कर वेगा रुक गया और वीनस की ओर देखने लगा।
“क्या हुआ चुप क्यों हो गए?” वीनस ने वेगा से पूछा।
“बस अटलांटिस का इतिहास यहीं तक था।” इसके आगे देवी शलाका और उनके 7 योद्धा भाइयो की शक्तियाँ और एरियान गैलेक्सी का जिक्र है बस. और उसको पढ़ने का कोई फायदा नहीं है क्यों की मुझे उस पर आर्टिकल थोड़े ही लिखना है।" वेगा ने वीनस को समझाते हुए कहा।
“पर जो भी कहो, अटलांटिस का इतिहास बहुत शानदार है।” वीनस ने कहानी की तारीफ करते हुए कहा- “पर काश ये सब सच होता ?”
“मतलब????” वेगा के चेहरे पर उलझन के भाव आये।
“मतलब...ये तो एक काल्पनिक फिक्शन या काल्पनिक किताब है ना।”...?"
वीनस ने कहा- ''आज के समय में तो लोग पोसाइडन पर ही विश्वास नहीं करते, फिर देवी शलाका पर कैसे विश्वास कर लेंगे। हां...पर जो भी हो, लेखक की कल्पनाओ की उड़ान बहुत अच्छी है।" यह कहकर वीनस खड़ी हो गयी।
"तुम मुख्य द्वार की ओर चलो, मैं अभी आता हूं।" यह कहकर वेगा लाइब्रेरियन की तरफ मुड़ गया।
वीनस ने एक नजर वेगा पर डाली और फिर मुख्य दरवाजे की ओर चल दी, लाइब्रेरियन वेगा को अपनी तरफ आते देख खड़ा हो गया।
“मुझे यह किताब इश्यू करवानी है।” वेगा ने लाइब्रेरियन की आंखो में आँख डालते हुए कहा।
“पर सर……मैं आपको तो पहले ही कह चुका हूँ की…….” वेगा कि आँखों में देखते हुए लाइब्रेरियन अचानक चुप हो गया।
“क्या कह चुके हो आप?" वेगा ने पूछा।
"आप यह किताब ले जा सकते हैं।" अचानक लाइब्रेरियन का सुर बदल गया- “रुकिए मैं आपको यह किताब पैकेट में डाल कर देता हूं, जिससे आपको कोई समस्या नहीं होगी।''
यह कहकर लाइब्रेरियन ने किताब को वेगा से लेकर 1 लिफाफे में डाल दिया। और पैकेट को सील कर, वेगा को पैकेट थमा दिया।
वेगा वह पैकेट लेकर तेजी से वीनस की ओर चल दिया। वीनस ने वेगा के हाथ में थमा पैकेट तो देखी पर उससे कुछ पूछा नहीं !
दोनो मुख्य द्वार से निकलकर पार्किंग की ओर चल दिये। उधर लाइब्रेरी में एक दूसरा व्यक्ति लाइब्रेरियन के पास एक किताब लेकर पहुचा।
“हैलो सर, मुझे यह किताब इशू करवानी है।” उस इंसान ने लाइब्रेरियन से कहा।
लाइब्रेरियन पर अभी भी कुछ हवा में देख रहा था। यह देख उस इंसान ने लाइब्रेरियन को धीरे-धीरे हिला दिया। उस आदमी के झकझोरते ही लाइब्रेरियन ऐसे हड़बड़ाया, मानो सोते से जगा हो।
लाइब्रेरियन ने एक झटके से इधर-उधर देखा, उस पर वेगा कही नजर नहीं आया। लाइब्रेरियन ने अपने सिर को एक हलका सा झटका दिया और पुनः अपने काम पर लग गया। ----------------------------------------------------------------------------- दोस्तो, यह थोड़ा सा फ्लैश बैक था, जिस से आपको कहानी समझ में आ सके और मुझे यकीन है कि काफी महानुभावों को आ भी गई होगी !!
अब उससे आगे....................
चमत्कारी पेड़ 7जनवरी2002, सोमवार, 10:30, रहस्यमय द्वीप- अराका
एक नई सुबह हो चुकी थी। सभी की आंखों की लाली बता रही थी कि कोई भी रात में ठीक से सो नहीं पाया था!
सागर की लहरो की आवाज और पंछियो के चहचहाट कानो में मीठा रस घोल रही थी। हवा भी खुशबू लिए हुई थी। मौसम काफी सुहाना था, पर फिर भी सभी के चेहरे पर उदासी की एक रेखा दिखयी दे रही थी और इसका कारण था ‘सुप्रीम’ के डूब जाने का। सभी नित्य कर्मों से फरिग होकर सुयश के पास एकत्रित हो गये।
सुयश ने एक नजर वहां खड़े सभी लोगों पर डाली और फिर बोलना शुरू कर दिया- “दोस्तो सुप्रीम का डूबना हमारी सबसे बड़ी।” बदकिस्मती थी। पर हम सबका बच जाना भी किसी चमत्कार से कम नहीं है, इसिलए हमें हिम्मत नहीं हारना चाहिए।
हमें अभी भी लड़ते रहना होगा... इस जंगल से, अपनी परिस्थियों से, अपने अकेलेपन से और सबसे बढ़कर आने वाली मुसीबतों से। वैसे तो यहां मौजूद हर इंसान का अपना व्यक्तित्व है जिससे वह अपनी क्षमता के हिसाब से अपनी जिंदगी के डिसीजन सवयं लेता है, पर मैं चाहता हूं कि अब हम यहां अपने सारे फैसले खुद ना ले बल्कि एक टीम की तरह काम करें क्योकी आप जानते हैं इस द्वीप पर कितने खतरे हो सकते हैं और हम एक बनकर ही इन खतरों से लड़ेंगे।"
“मैं आपकी बातों से इत्तेफाक रखता हूं कैप्टन।” अल्बर्ट ने आगे बढ़कर अपनी बात कही- “वैसे भी मैं पीछे घटी किसी घटना के लिए यहां किसी को भी जिम्मेदार नहीं मानता, यहां तक कि आपको भी नहीं।
आपने जो कुछ भी किया, हम सभी लोगो कि भलाई के लिए ही किया। वह सब समय का एक खराब चक्र था जो कि बीत गया। हमको आपकी काबिलियत पर कोई शक नहीं है, इसिलए मैं यह चाहता हूं कि अब भी आप ही हमारी टीम का नेतृत्व करें।''
अल्बर्ट कि बात सुन वहां खड़े बाकि सभी लोगो ने भी हाँ मै सर हिलाकर अल्बर्ट कि बात का समर्थन किया। यह देख पहले तो सुयश थोड़ा भावुक हो गया, इस घटना ने उसमें एक नई शक्ति का संचार कर दिया।
वह शक्ति थी उन सभी लोगों के विश्वास की। सुयश ने एक नजर द्वीप के अंदर मारी और फिर सबको देखते हुए अपनी मुट्ठी को बांधकर सबकी तरफ जोश से लहराया।
सभी ने सुयश का अनुशरण कर मुट्ठी बांधकर जोर से हुंकार भरी।
अब सभी द्वीप के अंदर कि ओर जाने को तैयार दिख रहे थे।
“तो सबसे पहले हम अपने पास मौजूद सभी चीज़ों को एक बार चेक कर लेना चाहिए, जिस से सही समय पर हम उस चीज का उपयोग कर पाये।'' यह कहकर सुयश मोटरबोट की ओर बढ़ गया।
जारी रहेगा_________
Kafi kuchh clear ho gaya shefali ka sambandh Devi Shalalka se hai kya ?
Suyesh ko fir se Bali ka bakra bana diye