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Aur kya? Aise hi samjhe ho kya atlantis ko? Iss sansaar ki sabse rahasyamayi jagah hai wo.Bahut he ajeeb suspense hai Atlantic ka Raj_sharma bhai
Bahut badiya jaa rhe hoo lage rho bhai
Thanks for your valuable review bhai
Aur kya? Aise hi samjhe ho kya atlantis ko? Iss sansaar ki sabse rahasyamayi jagah hai wo.Bahut he ajeeb suspense hai Atlantic ka Raj_sharma bhai
Bahut badiya jaa rhe hoo lage rho bhai
Koi isse nahi hai mitra, take your time to see that Waise itihaas aise kai sacche kisso ko bayaan kar chuka hai, fir bhi aap bas ise ek kahani ki tarah padho, kahe dimaak per jor daalna jab sab kuch saamne hi aayega, Thanks for your valuable review and support bhaiWell story is nicely poised. I want to see aap kaise Tilism ke bare mein batate ho, ye sab sach hai ya nahi main believe nahi kar pa raha hoon, kyonki abhi bahut se aise events huye hain jis par believe karna bhi mushkil hai aur thik usi tarah main es story par bhi nahi kar pa raha hoon. Main sirf present mein believe karta hoon. Past mein ye sach mein hua hai ya nahi mujhe nahi pata par abhi main ye janne ke mood mein bhi nahi hoon. Abhi main kisi aur hi chij par focus kar raha hoon.
Well and lovely update brother.
Bahut hi badhiya update diya hai Raj_sharma bhai....#55.
लेकीन इससे पहले कि लाइब्रेरियन कुछ और कह पाता। वेगा ने अपने पर्स से निकलकर एक कार्ड लाइब्रेरियन के सामने लहराया।
कार्ड देखकर लाइब्रेरियन खुश होते हुए बोला- “सोरी सर, आप केबिन में किताब पढ़ सकते हैं।"
यह कहकर लाइब्रेरियन ने एक केबिन खोल दिया। वेगा, वीनस को लेकर उस केबिन में आ गया।
केबिन में एक कांच की गोल टेबल रखी थी और उसकी चारो तरफ चार कुरसियां लगी थी. वेगा और वीनस एक-एक कुरसि लेकर आमने-सामने बैठ गये।
“वाह! मुझे तो पता ही नहीं था कि मैं एक वी.आई.पी. के साथ चल रही हूं।'' वीनस ने शोखी से अपनी आंखों को गोल-गोल नचते हुए कहा।
वेगा ने मुस्कुराकर वीनस को देखा, पर बोला कुछ नहीं। अब वेगा की निगाहें उस किताब पर थी। वेगा ने उस किताब पर धीरे से हाथ मारा।
किताब से थोड़ी सी धूल निकल इधर-उधर बिखर गयी।
“ये तो ऐसा लग रहा है कि इस किताब को किसी ने सालों से खोला ही ना हो।” वीनस ने किताब को देखते हुए कहा- “अरे! इस पर लिखी भाषा भी अजीब सी है... मैं तो यह पढ़ भी नहीं पा रही हूं।"
"यह 'एरकान' भाषा है।" वेगा ने वीनस को देखते हुए कहा- "यह अमेरिका की सबसे प्राचीन भाषा में से एक है।"
“तो फिर तुम भाषा यह कैसे पढ़ सकते हो?” वीनस ने अपनी आँख को सिकोड़ते हुए पूछा।
“मेरे बाबा ने मुझे यह भाषा सिखाई है।” वेगा ने कहा।
"वैसे इस किताब का नाम क्या है?" विनस ने किताब की ओर देखा हुआ पूछा।
“इस किताब का नाम है-'अटलांटिस का इतिहास' और इसके लेखक का नाम है 'कलाट'. इस किताब को सन् 1508 में लिखा गया था।"
“बाप रे! यह तो लगभग 500 वर्ष पुरानी किताब है।'' वीनस ने अश्चर्य से कहा- "फिर तो में भी सुनूंगी, इस किताब की कहानी।"
“हां-हां! क्यो नहीं? इसीलिये तो केबिन लिया है मैने, जिस से हमारी आवाज लाइब्रेरी में ना गूंजे। '' वेगा ने वीनस को देखते हुए कहा।
वीनस ने हां में सिर हिलाया और उत्सुकता से वेगा की ओर देखने लगी। वीनस को अपनी तरफ देखते हुए पाकर वेगा ने किताब का पहला पन्ना खोला और जोर-जोर से कहानी पढ़ने लगा-
“अटलांटिस जैसे देवताओं की धरती कही जाती थी।” अटलांटिस एक ऐसा द्वीप जिसे 'पृथ्वी का स्वर्ग' कहा गया था। अटलांटिस द्वीप का आकार छेत्रफल की दृष्टि से, आज के एशिया के कुल छेत्रफल से भी बड़ा था. इतना बड़ा महाद्वीप जहां का विज्ञान, आज विज्ञान से भी बहुत जयादा उन्नत था। अचानक एक दिन वह पूरा का पूरा द्वीप समुद्र में समा गया गया। किस कारण से पूरी सभयता समुद्र में समा गई? यह आज भी रहस्य बना हुआ है। किसी को पूरी तरह से अटलांटिस की जानकारी नहीं है। तो आइए आज हम जानते हैं अटलांटिस के इतिहास के बारे में।“
इतना कहकर वेगा ने एक नजर वीनस पर मारी और किताब का पन्ना पलट कर फिर से पढ़ना शुरू कर दिया-
“लगभग 20,000 वर्ष पहले समुद्र के देवता 'पॉसाइडन' ने धरती पर स्वर्ग बनाने की कल्पना की। इसके लिए एक विशाल द्वीप और कुछ बुद्धिमान इंसानो की आवश्यकता थी। इसके लिए 'पोसाइडन' ने सबसे बड़े द्वीप की खोज शुरू की।
तलाश करते- करते 'पोसाइडन' को एक बहुत बड़ा द्वीप मिला। जो समुद्र के बीच चारो तरफ से पहाड़ियो से घिरा हुआ था। उस द्वीप पर उस समय 12 अलग-अलग राज्य हुआ करते थे। जहां पर अलग-अलग तरह की 12 जातियाँ भी रहती थी।
सभी राज्य आपस में हमेशा वर्चस्व की लड़ाई करते रहते थे। इस द्वीप पर ‘पोसाइडन’ को एक खूबसूरत लड़की दिखी। जिसका नाम 'क्लिटो' था जो की अपने पिता 'अवनार' और मां ‘लुसिपी’ के साथ रहती थी। 'क्लिटो' का सौंदर्य बिल्कुल देवियों की तरह था। ‘पोसाइडन’, 'क्लिटो' को देखकर उस पर मोहित हो गया।
‘पोसाइडन’ ने 'क्लिटो' से शादी कर ली और उसे इन 12 राज्य की देवी घोषत कर दइया. ‘पोसाइडन’ ने 'क्लिटो' को उस द्वीप के निर्माण के लिए एक फुटबॉल के आकार का काला मोती दिया। काला मोती में ब्रह्मांड की अपार शक्तियाँ समाई थी। वह ब्रह्मांड के सप्त तत्वों 'अग्नि, जल, वायु, पृथ्वी, आकाश, ध्वनि और प्रकाश' पर भी नियंत्रण कर सकता था।
अतः काला मोती सप्त तत्वों की मदद से ब्रह्मांड के हर एक नक्षत्र और निर्जीव वास्तुओं का निर्माण कर सकने में सक्षम, था। लेकिन उस काले मोती को सिर्फ वही कंट्रोल कर सकता था, जिसके पास 'पोसाइडन' दी गई 'तिलिस्मी अंगूठी' हो। 'पोसाइडन' की यह तिलिस्मी अंगूठी 'ब्रह्मकण' से निर्मित थी और ब्रह्मकण ने ही ब्रह्माण्ड के सभी सजीव जीवों की रचना की थी। इसी ब्रह्म-कण को 'ईश्वरीय कण' के नाम से भी जाना जाता है।
पोसाइडन ने काले मोती को कंट्रोल करने के लिए, अपनी ये तिलिस्मी रिंग भी 'क्लिटो' को दे दी।पोसाइडन की दी हुई यही तिलिस्मी रिंग बाद में रिंग आफ अटलैंटिस के नाम से नाम से फेमस हुई। क्लिटो ने तिलिस्मी अंगूठी की सहायता से काले मोती को नियंतत्रित कर, उस द्वीप पर एक विशालाकाय और भव्य सभ्यता की रचना की।
क्लिटो ने इस सभयता का आकार भी तिलिस्मी अंगूठी के समान ही गोल बनाया। पूरे द्वीप को पांच भाग में विभक्त किया गया। पूर्व, पछिम, उत्तर, दक्षिण और केन्द्र। केंद्र का भाग क्लिटो के महल के रूप में विकसित हुआ। जहाँ पर पोसाइडन के एक भव्य मंदिर का निर्माण किया।
कहते है कि यह मंदिर इतना विशालकाय था कि उसकी दीवार बदलो के भी ऊपर तक चला गया थी, क्लिटो ने अटलान्टिस के पांच भागो में एक-एक विशालकाय पिरामिड की रचना भी की। ये पिरामिड उस समय द्वीप की सभी ऊर्जा की जरुरत को पूरा करते थे। इस द्वीप के हर हिस्से में, लोगो की जरूरत के हिसाब से लाल और काले पत्थरो से विशालकाय भवनो का निर्माण किया गया।
द्वीप पर केंद्र से बाहर की ओर तीन विशालकाय 'आउटर रिग' बनाए गए। एक रिंग से दूसरी रिंग की दूरी 9 किलोमीटर थी। यह 9 किलोमीटर के छेत्र में समुंद्र का पानी भरा गया। पहले और दूसरी रिंग को 10 भाग में विभजीत कर उन्हें 10 राज्य का रूप दिया गया, जिनमे द्वीप की 10 जातियो को जगह दी गई। तीसरी और आखरी रिंग में बाकी की बची दो जातियो ‘सामरा’ और ‘सीनोर’ को योधाओ के रूप में अटलांटिस की सुरक्षा के लिए बसाया गया।
बाद में मुझे क्लिटो के महल को केंद्र मानकर एक सीधी रेखा में 8 चौड़े पुल का निर्माण किया। ये पुल हर एक राज्य से होकर जाते थे। इस पूरी द्वीप के नीचे काँच की ट्यूब में समुंद्र के अंदर रास्तो का जाल बनाया गया।
संपूर्ण राज्य का निर्माण इस प्रकार किया गया था कि बड़े से बड़ा पानी का जहाज भी सीधे महल तक पहुच सके। अपने उन्नत विज्ञान के कारण अटलान्टिस वासियो की औसत उम्र 800 साल होने लगी और उनहोने पानी में भी सांस लेने का कला सीख ली।
इसिलए उनके राज्य का बहुत सा हिस्सा समुंद्र के अंदर भी बनाया गया। पानी के अंदर एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाने के लिए काँच के कैप्सूल के समान छोटी-छोटी नाव बनाई गई, जो कि समुन्द्र की लहरो से ऊर्जा प्राप्त कर चलती थी।
क्लिटो ने अलग-अलग जीवो को मिलाकर कुछ नए जीवो की रचना की, जिन्हे ‘जलोथा’ का नाम दिया गया। ये सारे जलोथा आकार और प्रकार में भिन्न-2 प्रकार के थे। ये विचित्र जीव, जल और थल दोनो ही स्थान पर जीवित रह सकते थे।
इस भव्य साम्राज्य की स्थापना कर क्लिटो वहां आराम से रहने लगी। धीरे-धीरे एक-एक कर क्लिटो ने पांच बार जुड़वाँ बच्चों को जन्म दिया। क्लिटो के इन 10 बच्चों में एक भी लड़की नहीं थी। समय आने पर क्लिटो ने अपने सबसे बड़े पुत्र 'एटलस' को इस साम्राज्य का राजा बना दिया। धीरे-धीरे बाकी के 9 पुत्रो ने भी अटलांटिस के 9 अलग-अलग राज्यों को संभाल लिया।
बाकी बचे दो राज्य 'समरा' और 'सीनोर' के योद्धाओं को क्लिटो खुद नियंत्रित करती रही। बाद में एटलस के नाम पर ही उस द्वीप का नाम 'अटलांटिस' रखा गया। काले मोती की वजह से अटलांटिस का विज्ञान इतना उन्नत हो गया कि ब्रह्मांड के अन्य ग्रहों से पर ग्रहवासियो का भी पृथ्वी पर आना-जाना शुरू हो गया।
एक बार पोसाइडन को किसी बात पर क्लिटो के चरित्र पर शक हो गया। उसने गुस्से में आकर क्लिटो से अपनी तिलिस्मी रिंग छीन ली। क्लिटो ने बिना तिलिस्मी अंगूठी के जैसे ही काले मोती को अपने हाथ में उठाया, वह पत्थर की बन गई। इसके बाद पोसाइडन ने एक कृत्रम द्वीप का निर्माण किया और इस द्वीप का नाम 'अराका' रखा गया। यह द्वीप पर पानी भी तैर सकता था।
पोसाइडन ने उस द्वीप पर एक विशालकाय मानव आकृति वाले, पर्वत जैसे तिलिस्म की रचना की और क्लिटो को काला मोती सहित उस तिलिस्म में डाल दिया। इस प्रकार क्लिटो तिलिस्म में युगो-युगों तक के लिए कैद हो गई। बाद में मुझे पोसाइडन ने गुस्से में, अपनी तिलिस्मी रिंग भी उसी पहाड़ पर कहीं फेंक दी। जब क्लिटो के बेटे एटलस को यह बात पता चली तो वह पोसाइडन के इस कृत्य पर बहुत गुस्सा हुआ।
उसने अटलांटिस के 10 महायोद्धाओं को तिलिस्म तोड़कर काला मोती लाने को भेजा। मगर सारे महायोद्धा तिलिस्म तक पहुंचने के पहले ही 'अराका' के 'मायावन' मैं मारे गए।
जारी रहेगा_________
Nope main ise sach isliye nahi manta hoon kyonki ye sabhi chije yadi sach hai hoti to sabhi ke liye ek god hota sabhi religion ka alag alag god kyon hai, mujhe lagta hai sabhi religion ne apne apne religion ko superior samjhne ke liye apne apne religion ko bata diya hai ki uske god ne pure universe ko create kiya hai.Koi isse nahi hai mitra, take your time to see that Waise itihaas aise kai sacche kisso ko bayaan kar chuka hai, fir bhi aap bas ise ek kahani ki tarah padho, kahe dimaak per jor daalna jab sab kuch saamne hi aayega, Thanks for your valuable review and support bhai
Thank you very much for your valuable review and support bhaiBahut hi badhiya update diya hai Raj_sharma bhai....
Nice and beautiful update....
Bhai bhagwan ek hi hai, baaki use ansh to ho sakti hai, lekin sarv-saktimaan nahi,Nope main ise sach isliye nahi manta hoon kyonki ye sabhi chije yadi sach hai hoti to sabhi ke liye ek god hota sabhi religion ka alag alag god kyon hai, mujhe lagta hai sabhi religion ne apne apne religion ko superior samjhne ke liye apne apne religion ko bata diya hai ki uske god ne pure universe ko create kiya hai.
Isliye mujhe ye sabhi story lagti hai na ki sach, jaise maine bahut pahle padha tha ki yadi dharti par kahin jannat hai to wo hai Kashmir aur abhi aapki story ke according Atlantic ko bataya ja raha hai.Bhai bhagwan ek hi hai, baaki use ansh to ho sakti hai, lekin sarv-saktimaan nahi,
Are bhai ye kaafi bada charcha ka visay hai, iske liye aao kabhi haweli per, wahi charcha hogi Filhal to agla update dene ja raha hu Wo padhoIsliye mujhe ye sabhi story lagti hai na ki sach, jaise maine bahut pahle padha tha ki yadi dharti par kahin jannat hai to wo hai Kashmir aur abhi aapki story ke according Atlantic ko bataya ja raha hai.
Planning to acchi chal rahi hai....dekhte hai aage kaise new year ko checking karte hai...
Sabhi update shandar the Raj_sharma bhai lekin ye supreme kaise dub gya aur Aslam kya krega
Bilkul Sanju ji me aapse 100% sahmat hu.....
Aapke har review ko padhkar bahot kuch sikhne ko milta hai. Aapki observation skills too good.
To aakhir Shefaali bhi mil gayi matlab ye pakka hai ki wahi is kahani ki nayika hai, suyash bechare ke hath me sivaay afsos karne ke kuch bhi nahi hai wsise ye laashe paani me ksise doob rahi thi? Ye sala taapu bohot hi rahasyamayi hai koi na , jab waha pahuch hi gaye to pata chal hi jaana hai, mind blowing writing bhaiya
Nice update....
मैं इनको कम नहीं बल्कि हिंदी के सर्वोत्कृष्ट लेखकों में से मानता हूं। एक तरह से साहित्यिक श्रेणी की लेखनशैली है इनकी
लेकिन जो सत्य है मेरा, वहीं तो कहूंगा मैं
जलेबी की तरह बिल्कुल सीधी सी कहानी हैं
और औरत की तरह सब कुछ समझ आ गया
इस घटना के बाद अब तो गिनती के लोग बचें हैं ! सुप्रीम भी गया और समुंद्र सब कुछ निगल गया है !
सुयश के लिए ये रहस्य भी सुलझाना है की दीप सुरक्षित जगह है या इस पर भी कोई छुपी हुई मौत का समान है ?
बहुत ही शानदार लिख रहे हो आप भाई !
Waiting.
Awesome update
Bahut hi shandar update he Raj_sharma Bhai,
Ek nayi duniya ke safar me le kar chal pade he aap hum sabko.........
Bada hi maja aane wala he............
Keep rocking Bro
कहानी काफ़े दिल्चस्प है अब हालाकि ये न्यूयार्क शहर में शुरू हुई है तो ये थोड़ा सा समझना मश्किल है कि क्या ये मॉडर्न स्टोरी है कि थोड़ा सा ओल्ड रेट्रो टाइप क्योंकि यहाँ पर शिप्स हैं, समुंद्र है, किताबे हैं, जिसकी कोई मिस्टरी है !
nice update
Nice
जहाज के लगभग सभी पैसेंजर को मार कर , जहाज को समंदर मे डुबोकर अब यह किस युग , किस सभ्यता मे ले जा रहे हैं हम मासूम रीडर्स को !
पहले आप जहाज के पैसेंजर को जिंदा कीजिए , जहाज को समंदर से बिल्कुल सुरक्षित उसी रूप मे बाहर निकालिए , फिर हम आप के इस सभ्यता की कहानी सुनेंगे ।
वैसे इस बार आपने एक नवयुवक और उसके गर्लफ्रेंड के माध्यम से अटलांटिस के रहस्य बताने का मन बनाया है जिससे बहुत कम लोग भिज्ञ होंगे । लेकिन इस ट्विस्ट के साथ कि इसमे भारतीय पौराणिक काल का जिक्र होगा , साइंस की बात होगी और ग्रीक कल्चर का भी समावेश होगा ।
यह वास्तव मे बहुत ही कठिन टास्क होगा । इतने सारे विषयों को एक सूत्र मे पिरोना सहज कार्य तो हरगिज नही ।
खैर देखते हैं आगे आगे क्या होता है !
खुबसूरत अपडेट शर्मा जी ।आउटस्टैंडिंग अपडेट ।
Maine toh pehle hi bol diya tha yahan... ke jahaj dubne wala hai...yeh Raj sir ek din Titanic dekh lete hai agle din Jumanji ke script daal de yahan
Ab dekhte hoon kya jawab aata hai
Interesting update
Shaandar jabardast Romanchak Update
बढ़िया, कालांतर लाते हुए इस कहानी के मुख्य बिंदु को विस्तारपूर्वक बताने के लिए शुक्रिया।
कहते हैं हर तिलिस्म का एक अंत जरूर होता है, नश्वर धरती पर कुछ भी हमेशा के लिए नहीं है। पर फिर भी हिन्दू पौराणिक कथाओं में सप्त अमर हैं, मतलब सात ऐसे लोग जो हमेशा के लिए इस धरती पर रहेंगे।
पर फिर भी मेरा मानना यही है कि वो भी नश्वर ही होंगे, क्योंकि प्रलय आएगी ही, इसीलिए अगर जो और कहीं कुछ भी ऐसा है जो हमें ज्ञात नहीं है, वो भी कभी न कभी सामने आएगा जरूर।
बढ़िया राज भाई
वाह भाई वाह क्या जबरदस्त और लाजवाब रहस्य पुर्ण अपडेट है मजा आ गया
तो उस प्राचीन किताब में अटलांटिस के निर्माण की कहानी है साथ में उसकी रचना और सुरक्षा का भी वर्णन हैं और सुप्रीम को जो व्दीप बार बार दिख रहा था उसका निर्माण और उसके रहस्य की भी कहानी है उस रहस्यमयी प्राचीन किताब में
खैर देखते हैं आगे क्या होता है
अगले रोमांचकारी धमाकेदार और रहस्योंसे भरे अपडेट की प्रतिक्षा रहेगी जल्दी से दिजिएगा
Sure
Kya hi jabardast or intresting updates diye hai ekdum mast
To is update me atlantis ke banne ki kahani batai gayi hai
Or vah dveep Jo baar baar supreme ke raste me aa raha tha vah dveep jrur yah araka hi hai isme iska rahasya bhi bataya gaya
Pratiksha rahegi agle update ki
सुप्रीम का सफ़र (और suffer) शुरू हुए अब पंद्रह दिन हो गए।
और उसको डुबा कर अपने राज भाई हमको एक अलग ही तिलिस्मी सफ़र पर ले जा रहे हैं।
योहानेस गुटेनबर्ग - एक जर्मन इन्वेंटर ने प्रिंटिंग प्रेस का निर्माण किया था। कलाट की यह किताब 1508 पे छपी है - उस लिहाज से टाइम लाइन बिलकुल सटीक है।
लेकिन एक बात में थोड़ी गड़बड़ हो गई - अमेरिका में प्रिंटिंग अनेकों वर्षों बाद सत्रहवीं शताब्दी में आई। ख़ैर, अनावश्यक नुक़्ताचीनी नहीं करनी चाहिए।
Venus और Vega -- दोनों ही नाम युरोपियन पुराणों से आए हुए हैं। इस कहानी में हैं, मतलब इनकी कड़ी कैसे भी कर के अराका या फिर अटलांटिस से जुड़ेगी।
ये अराका अपना वाला द्वीप है। स्वयं पोसाइडन ने बनाया है।
सुप्रीम के यात्रियों को क्या वहाँ उस तिलिस्म को तोड़ने के लिए लाया गया है? असलम इन लोगों से कैसे कनेक्टेड है?
जिस तिलिस्म को ऐसी अद्भुत वैज्ञानिक क्षमता वाले लोग न तोड़ सके, उसको ये लोग कैसे तोड़ेंगे?
देखते हैं। बहुत बढ़िया Raj_sharma भाई
Badhiya romanchkari update bhai
Atlantis ka itis to wakayi majedar tha kaise atlantis bana kaise uska nirman hua sab ek dam romanchkari tha bas ek bat ha klito ne aisa to kya kar diya tha ki use aisi bada saja mili or atlantis bhi dub gaya tha
Kher ab to lagta ha jis dwip ke karan itna kand hua ha wo अराका hi ha kyonki sari detail usse match hoti ha or klito ab bhi usi per kaid ha or tilasmi ring bhi usi dwip per ha kya pata koi tilasmi ring dhundker klito ko wapas jinda kar de dekhte han ki kya hota ha
Nice
Bahut he ajeeb suspense hai Atlantic ka Raj_sharma bhai
Bahut badiya jaa rhe hoo lage rho bhai
Well story is nicely poised. I want to see aap kaise Tilism ke bare mein batate ho, ye sab sach hai ya nahi main believe nahi kar pa raha hoon, kyonki abhi bahut se aise events huye hain jis par believe karna bhi mushkil hai aur thik usi tarah main es story par bhi nahi kar pa raha hoon. Main sirf present mein believe karta hoon. Past mein ye sach mein hua hai ya nahi mujhe nahi pata par abhi main ye janne ke mood mein bhi nahi hoon. Abhi main kisi aur hi chij par focus kar raha hoon.
Well and lovely update brother.
Bahut hi badhiya update diya hai Raj_sharma bhai....
Nice and beautiful update....