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Fantasy 'सुप्रीम' एक रहस्यमई सफर

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Raj_sharma

यतो धर्मस्ततो जयः ||❣️
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Gazab ki update he Raj_sharma Bhai,

Lambodar ke dwara Manika ko shraap dene ki katha bhi bahut hi rochak thi.............

Casper to apne dada ke krodh se bach gaya, aur sath hi sath Maron aur Sophiya bhi

Maya ne bacha liya in tino ko................aur abhi to casper ki bahan ko bhi paida hona he.............

Jiske sar par Mahadev ka haath ho uska koi kya bigaad sakta he

Superb Bro, simply outstanding
Aage aage dekhiye, hota hai kya?:approve:
Thank you very much for your wonderful review and support bhai, :thanx: Sath bane rahiye.
 

Raj_sharma

यतो धर्मस्ततो जयः ||❣️
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Wow* lovely update brother.

Casper ka sitara bahut buland hai jo uski raksha khud Maya kar rahi hai. Khair Casper ka zinda rahna jaruri tha nahi toh Mayavan ka nirman kaise hota????

Maya matlab mystery ya magic.

Ye duniya hi ek maya hai, yahan insaan, pashu -pakshi aur ped paudhe ka nirman kaise hua ye aaj bhi mystery hai sabhi ke liye.

Bhoot aur god ka existence hai ya nahi ye bhi ek mystery hai.

Insaan ka punarjanm hota hai ya nahi ye bhi ek mystery hai.
Inke jaisi hi mystery ko samajhne ya solve karne me kuch had tak madad karegi ye kahani, jyada kuch na kahte hue, yahi kahunga ki sath bane rahiye, aapko har sawaal ka jabaab milega:declare: Thank you very much for your wonderful review and support bhai :thanx:
 

Gaurav1969

\\\“मनो बुद्ध्यहंकार चित्तानि नाहम्”///
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# 13.

“ये था तुम्हारे सवाल का जवाब।“ सुयश ने लारा के सामने लॉकेट को लहराते हुए कहा-
“इस लॉकेट में रेडियम लगा हुआ है, जिसकी वजह से कातिल ने अंधेरे में भी इतना सटीक निशाना लगा लिया। और इससे एक बात यह भी साफ हो गई, कि कातिल का निशाना कोई और नहीं लॉरेन ही थी।“

“लेकिन इससे एक बात और समझ में आयी सर।“ ब्रैंडेन ने लॉकेट को देखते हुए कहा-

“कि कातिल लॉरेन से अच्छी तरह परिचित था और हो ना हो यह लॉकेट भी उसी ने लॉरेन को गिफ्ट किया होगा। क्यों कि लॉरेन किसी अंजान से लिया गया लॉकेट अपने गले में भला क्यों डालेगी “

“अब इसके बारे में तो हमें जेनिथ ही बता सकती है।“ सुयश ने कहा-
“क्यों कि वह लॉरेन की रुम पार्टनर थी।“

सुयश यह कहकर पुनः ध्यान से उस लॉकेट को देखने लगा कि शायद उसे, उसमें कोई और क्लू मिल जाए । लेकिन रेडियम पॉलिश के अलावा उस लॉकेट में और कुछ भी खास नहीं था। काफी देर तक देखने के बाद, सुयश ने उसे अपनी जेब में डाल लिया।

“लारा, अब तुम जरा 3-4 आदमी बुलवालो। जो इस लाश को कोल्ड स्टोर रूम में रख सकें। अगले स्टापेज पर सोचेंगे कि इसका क्या करना है?“ सुयश ने कहा।

लारा ने तुरंत फोन करके चार आदमी बुलवा लिए। वह सभी लॉरेन की लाश को, एक बड़ी सी पॉलीथिन में पैक करने लगे। लॉरेन की लाश को पैक हो जाने के बाद, सुयश ने लारा को लाश ले जाने का इशारा किया। हॉल से निकलते हुए लारा ने ब्रैंडन को भी साथ आने का इशारा किया। सबके जाने के बाद सुयश ने भी पहले एक नजर स्टेज की ओर दौड़ाई और फिर सिर को झटक कर थके कदमों से अपने केबिन की ओर चल दिया।

1 जनवरी 2002, मंगलवार, 02:00;
सुयश इस समय अपने केबिन में था। रात के लगभग 2:00 बज रहे थे। लेकिन सुप्रीम पर मर्डर हो जाने के कारण, किसी की भी आंख में नींद का नामो निशान नहीं था। सुयश के सामने, वह सभी सिक्योरिटी के आदमी लाइन से खड़े थे, जिन्हें लारा ने, निशानेबाजी के सभी 28 प्रतियोगियों के रूम चेक करने के लिए भेजा था।

“क्या अब सभी लोग यहां पर आ चुके हैं?“ सुयश ने लारा से पूछा- “या फिर अभी कोई आना बाकी है?“

“यस सर!“ लारा ने तसल्ली से सभी को देखते हुए जवाब दिया- “अब कोई भी आना बाकी नहीं है।“

“हां ! तो अब आप लोग बताइए।“ सुयश ने इस बार सभी को देखते हुए पूछा- “क्या किसी को तलाशी में कोई गड़बड़ चीज दिखाई दी ? ये ध्यान रहे कि छोटी से छोटी चीज भी, अगर तुम्हें विचित्र लगी हो, तो उसके भी बारे में बता देना।“

“नहीं !“ सभी का समवेत स्वर गूंजा- “हमें तलाशी में कोई भी ऐसी चीज नहीं दिखी, जिससे हमें किसी पर शक हो।“

“1 मिनट कैप्टन!“ सिक्योरिटी के एक आदमी ने लाइन से बाहर निकलते हुए सुयश से कहा-

“मुझे जैक का रुम चेक करने के लिए भेजा गया था। मैं उसका रूम चेक कर रहा था लेकिन अभी मैं आधा रूम ही चेक कर पाया था कि तभी मुझे बगल वाले रूम से कुछ अजीब सी आवाजें सुनाई दीं । मुझे मालूम था कि इस समय सारे यात्री हॉल में है। इसलिए मैं उन अजीब सी आवाजों को सुनकर आश्चर्य में पड़ गया। मैंने कान लगा कर, दूसरे रूम से आती हुई आवाजों को सुनने की कोशिश की। पर मैं यह नहीं समझ पाया की ये आवाजें कैसी हैं?“

“कैसी आवाजें थीं वह?“ सुयश ने लगभग आतुर स्वर में पूछा।

“ठीक से तो नहीं कह सकता सर, पर वो आवाजें ऐसी लग रही थीं, जैसे कोई किसी चीज को खुरच रहा हो।“ सिक्योरिटी मैन ने दिमाग पर जोर डालते हुए कहा।

“तुरंत मेरे साथ चलो।“ सुयश ने बाहर निकलते हुए कहा। अब उसकी आंखों में ठीक वैसी ही चमक थी, जैसी एक इनामी अपराधी को पकड़ते समय इंस्पेक्टर के चेहरे पर होती है। लारा , ब्रैंडन सहित सभी लोग तेजी से सुयश के पीछे-पीछे बाहर निकल गए।

1 जनवरी 2002, मंगलवार, 02:30;

“मॉम-डैड, अब मेरा अगला सवाल सुनिये।“ शैफाली ने चहकते हुए कहा।

“अरे बेटा ! अब सो जाओ, रात के 2:30 बज रहे हैं।“ माइकल ने प्यार से शैफाली को समझाते हुए कहा।

“बस डैड! ये अंतिम प्रश्न है। उसके बाद और नहीं पूछूंगी।“ और फिर शैफाली ने बिना उनकी हां इंतजार किए, अपने सवाल का गोला दाग दिया –


“एक मेज पर, एक प्लेट में, तीन अंडे रखे हैं, जबकि खाने वाले चार हैं। बताइए वह इसे कैसे खायेंगे? जबकि शर्त यह है, कि अंडों को काटना नहीं है। और सभी को एक-एक खाना है।“

“यह कैसे संभव है?“ मारथा ने अपना सिर खुजाते हुए, माइकल की ओर देखते हुए कहा-
“अंडे तीन हैं और खाने वाले चार हैं। फिर वह पूरा-पूरा कैसे खा पाएंगे।“ माइकल ने भी ना समझ में आने वाले अंदाज में सिर हिला दिया।

“यह संभव है। अगर आप लोग अपनी हार मानें और मेरे लिए चॉकलेट का पैकेट व ब्रूनो के लिए बिस्किट लाने का वादा करें। तो मैं इसका उत्तर आपको बता सकती हूं।“ शैफाली ने दोनों को अपने गले से लगाते हुए, शरारत भरे स्वर में कहा। माइकल ने पहले मारथा को देखा और फिर हारे हुए स्वर में कहा-


“अच्छा मेरी माँ ! चॉकलेट लाना तो मंजूर। पर ब्रूनो का फेवरेट बिस्किट तो जितना स्टॉक में है। अभी उसी से काम चलाना पड़ेगा। क्यों कि वह इस शिप पर नहीं मिलता .......अब तो उत्तर बता दो।“

“मैं यह कहां कह रही हूं, कि अंडे 3 हैं, अंडे तो चार हैं।“ शैफाली ने अपनी नीली-नीली आंखें, गोल-गोल नचाते हुए कहा-


“एक मेज पर है और बाकी के तीन प्लेट में। तो फिर आप ही बताइए चारों लोग एक-एक अंडा खा सकते हैं या नहीं।“ माइकल ने शैफाली के प्रश्न को एक बार फिर अपने दिमाग में दोहराया और शैफाली का आशय समझ उसके चेहरे पर मुस्कुराहट आ गई। मारथा भी अब मुस्कुराने लगी थी।

“अच्छा ! अब तो सो जाओ। अब तो तुम्हारे सारे प्रश्न कम्प्लीट हो गए।“ माइकल ने प्यार से शैफाली के गालों पर थपकी देते हुए कहा।

लेकिन इससे पहले कि माइकल, शैफाली को और कुछ कह पाता। बाहर लगी डोर बेल, मधुर संगीत बिखेरती हुई बज उठी।

“यह इतनी रात गए, दरवाजे पर कौन हो सकता है?“ माइकल के चेहरे पर असमंजस के भाव आ गये। माइकल ने तुरंत शैफाली को, ब्रूनो को अंदर ले जाने के लिए कहा।

“कौन?“ माइकल ने दरवाजे के पास पहुंचकर तेज आवाज में पूछा।

“सिक्योरिटी मैन!......हमें आपसे कुछ काम है? दरवाजा खोलिए।“

बाहर से आवाज आई। माइकल ने धीरे से एक नजर पीछे मारने के बाद, आगे बढ़कर दरवाजा खोल दिया। बाहर सुयश, ब्रैंडन व लारा सहित, कई सिक्योरिटी के आदमी खड़े नजर आये। दरवाजा खोलते ही सभी तेजी से अंदर आ गए।

“क्या बात है कैप्टन? आप इतनी रात गए। हमारे केबिन में क्या करने आए हैं?“ माइकल के चेहरे पर, अभी तक सोच के भाव थे। सुयश भी माइकल को देख हैरान हो गया।

“यह आपका कमरा है मिस्टर माइकल? सुयश ने आश्चर्य से कहा। उधर ब्रैंडन, सुयश को इस तरह बात करते देख, यह जान गया था, कि सुयश, माइकल से पहले से ही परिचित है।

“क्या बात है कैप्टन कोई परेशानी है? माइकल ने अपने शब्दों को दोबारा से दोहराया-“इतनी रात गए, आप हमारे रूम का दरवाजा क्यों नॉक कर रहे हैं?“

“सॉरी, मिस्टर माइकल, एक्चुली हमारे सिक्योरिटी के कुछ आदमि यों को, आपके रूम से, कुछ अजीब सी आवाज आती हुई सुनाई दी थीं। जिसकी वजह से उन्हें कुछ कनफ्यूजन हो गया था। इसलिए हम सभी आपके कमरे तक आए थे।“ सुयश ने अपनी बात क्लीयर करते हुए कहा।

“कैसी आवाजें?“ माइकल ने पूछा।

“ऐसा लग रहा था जैसे को ई कुछ खुरच रहा हो।“ अपनी बात कहते-कहते अचानक सुयश को कुछ याद आया-
"ब्रूनो कहां है मिस्टर माइकल?“ तभी शैफाली दूसरे रूम से, ब्रूनो को लिए हुए, उस कमरे में दाखिल हुई-
“यह रहा ब्रूनो, कैप्टेन अंकल। यह दूसरे कमरे में मेरे साथ था।“

“अब मैं समझ गया।“ सुयश ने मुस्कुराते हुए कहा- “शायद मेरे सिक्योरिटी वाले लोगों को ब्रूनो की ही आवाज सुनाई दी होगी।“

“हो सकता है।“ माइकल ने जवाब दिया - “क्यों कि हममें से जब कोई भी ब्रूनो के साथ नहीं रहता है, तो वह अकेला कभी-कभी दरवाजे पर खरोंच मारता है। हो सकता है, वही आवाज सिक्योरिटी के लोगों ने सुनी हो और आपको जा कर बता दी हो।“ बैंडन, आश्चर्य से ब्रूनो को देख रहा था।

“सॉरी मिस्टर माइकल ! इतनी रात में आपको डिस्टर्ब करने के लिए सॉरी।“ सुयश ने माइकल से माफी मांगते हुए कहा-

“मैं चलता हूं। आप ब्रूनो को कमरे में ही रखिएगा। नहीं तो बाकी के यात्री इसे देखकर डर जाएंगे।“

“ब्रूनो ! कैप्टन अंकल को थैंक यू बोलो।“ शैफाली ने ब्रूनो को इशारा करते हुए कहा- “इन्होंने तुम्हारे लिए इस शिप पर विशेष व्यवस्था की है।“

“भौं-भौं !“ इतना सुनते ही ब्रूनो ने, कि सी सर्कस के जानवर की तरह, दो पैरों पर खड़े हो कर, सुयश को अपनी भाषा में थैंक्यू कहा। उसकी यह हरकत देख, एक बार तो सुयश सहित सभी के चेहरों पर मुस्कान आ गई। सुयश ने एक बार फिर सब पर नजर डाली, और पलटकर दरवाजे की ओर बढ़ने लगा।

“1 मिनट रुकिये कैप्टेन अंकल।“ शैफाली की आवाज ने एकाएक ही सुयश के कदमों पर ब्रेक लगा दिया। वह रुककर पुनः शैफा ली की तरफ देखने लगा ।

“कैप्टेन अंकल! मैं आपको हॉल में हुए मर्डर के बारे में कुछ बताना चाहती हूं।“ शैफाली ने कहा।

“मर्डर के बारे में.......!“ सुयश के चेहरे पर आश्चर्य के भाव उभर आए- “मर्डर के बारे में तुम क्या बताना चाहती हो। तुम तो अंधी हो, फिर तुम मर्डर के बारे में क्या बता सकती हो।“

“अंकल! मैं बचपन से अंधी जरूर हूं। पर मेरी सुनने की शक्ति बहुत तेज है। हॉल में जिस समय मर्डर हुआ, उस समय लाइट ऑफ थी। इसलिए कोई कुछ नहीं देख पाया कि मर्डर किसने किया ? पर मैंने अपने कानों से जो कुछ सुना। मैं आपको वह बताना चाहती हूं।“
अब सुयश, शैफाली की बात सुनकर वापस कमरे में आ गया और उत्सुकता से शैफाली की ओर देखने लगा।

“सबसे पहले मैं आपको यह बता दूं कि हॉल में गोली एक नहीं, बल्कि दो चली थीं।“ शैफाली ने बिल्कुल गंभीर स्वर में कहा।

“व्हाट!“ सुयश आश्चर्य से भर उठा। सुयश सहित सभी के लिए यह शब्द किसी धमाके से कम नहीं थे।

“यह तुम क्या कह रही हो ? गोली तो एक ही चली थी, जो कि लॉरेन के लगी।“ सुयश के शब्दों में आश्चर्य के भाव थे।

“आप लोग नहीं जानते। गोली एक नहीं दो चलीं थीं, और दोनों ही अलग-अलग व्यक्तियों द्वारा चलाई गई थीं। लेकिन दोनों गोलियां एक ही समय चलने के कारण, और हॉल में अधिक शोर-शराबा होने के कारण, आप लोग यह बात जान नहीं पाए।“ शैफाली बड़े ही निश्चिंत भाव से रुक-रुक कर बोल रही थी-

“अगर आपको मेरी बात का विश्वास ना हो तो हॉल में आप लोग ध्यान से देखिए। कहीं ना कहीं दूसरी गोली लकड़ी में धंसी हुई आपको जरूर मिल जाएगी।“

शैफाली की बात सुनकर, अब सुयश के चेहरे पर उलझन के भाव थे। क्यों कि वह अभी एक ही गोली का रहस्य सुलझा नहीं पाया था। अब दूसरी गोली की बात सुनकर वह और भी परेशान हो गया।

“हम लोगों से गलती हो गई लारा।“ सुयश ने लारा की ओर देखते हुए कहा- “यदि शैफाली सही कह रही है, तो हमें उस समय तलाशी के दौरान सबके रिवाल्वर भी चेक करने चाहिए थे। लेकिन हम समझे कि गोली एक ही चली है और एक रिवाल्वर हमें मिल भी गई। इसलिए तलाशी में हमने रिवाल्वर की ओर तो ध्यान ही नहीं दिया। अब तो हमें विश्वास हो रहा है, कि जो रिवाल्वर हमें मिली, उससे लॉरेन का मर्डर नहीं हुआ है। अपराधी हद से ज्यादा चालाक निकला। उसने योजना बना कर यह मर्डर किया और हम लोग मिली हुई रिवाल्वर में ही उलझे रहे। लेकिन इससे एक बात तो कंफर्म हो गई कि अपराधी एक नहीं कई हैं। और वह सभी अलग-अलग रह रहे हैं।“ इतना कहकर सुयश पुनः शैफाली की तरफ घूमा -

“तुम कुछ और बताना चाहती हो ?“

“जी हाँ अंकल!“ शैफाली ने अंदाजे से सुयश की ओर मुंह करते हुए कहा-

“पहली गोली मैं जहां खड़ी थी, उसके 6 मीटर पीछे से किसी ने चलाई थी और दूसरी गोली, मेरे बांए तरफ से 8.5 मीटर की दूरी से किसी ने चलाई थी। अब यह सोचना आपका काम है। कि मेरे 6 मीटर पीछे और 8.5 मीटर बाएं कौन खड़ा था ?” शैफाली की बात सुनकर, माइकल व मारथा को छोड़कर, वहां खड़े सभी लोग हक्का-बक्का रह गए। लारा तो शैफाली को ऐसे देख रहा था, मानो विश्व का आठवां आश्चर्य उसके सामने खड़ा हो।

“लेकिन यह कैसे पता चलेगा कि तुम कहां खड़ी थी ? क्यों कि बिना तुम्हारी स्थिति जाने हुए, हम अगल-बगल खड़े लोगों का अंदाजा कैसे लगाएंगे?“ सुयश ने दिमाग लगाते हुए कहा।

“कैप्टेन अंकल, आप जब स्टेज पर खड़े होकर अनाउंसमेंट कर रहे थे, तो आपकी आवाज एक ही जगह से आ रही थी। इसका साफ मतलब निकलता है कि स्टेज पर जो माइक लगा है, वह एक ही जगह पर फिक्स है। मैं आपकी आवाज उस समय ध्यान से सुन रही थी। अतः आप अगर वापस स्टेज पर जाकर बोलना शुरू करेंगे, तो मैं जिस जगह खड़ी थी, उस जगह पर वापस जा कर खड़ी हो सकती हूं। जिससे आप मेरी जगह के बारे में जान सकते हैं। लेकिन इसका कोई फायदा नहीं होगा। क्यों कि अपराधी ने फायर के तुरंत बाद, अपनी वास्तविक स्थिति से जगह चेंज कर दी होगी ।“ सुयश भी शैफाली के तर्कों को सुन, उसके दिमाग का लोहा मान गया।

“बेटे, अगर ये सारी बातें, तुमने उसी समय बता दी होतीं, तो शायद कातिल अब तक हमारे शिकंजे में होता।“ ब्रैंडन ने आगे बढ़ते हुए कहा।

“आप क्या मुझे इतना बेवकूफ समझते हैं?“ शैफाली के शब्दों में इस बार थोड़ी तल्खी उभर आई-

“जो मैं इतनी भीड़ में, सबके सामने कातिल का नाम बताती। और वैसे भी असली कातिल के पास उस समय तक रिवाल्वर थी। क्या पता उसका अगला निशाना मैं ही बन जाती ? और उसका निशाना तो आप लोग देख ही चुके हैं।“ ब्रैंडन ने भी हालात को समझ कर सिर हिलाया।

“वैसे आप उस समय कहां थे?“ शैफाली का इशारा, इस बार सीधे ब्रैंडन की ओर था।

“मैं......मैं......तो उस समय सिक्योरिटी के आदमियों के साथ था।“ एकाएक पूछे गए प्रश्न से ब्रैंडन एकदम हड़बड़ा सा गया उसकी हालत का अंदाजा लगाकर, शैफाली के चेहरे पर मुस्कुराहट आ गई।

“उसको छोड़ो।“ सुयश किसी मचलते बच्चे की तरह बोला – “तुम मुझे यह बताओ, कि क्या तुम मुझे कातिल के बारे में भी कुछ बता सकती हो ?“





जारी रहेगा.....….✍️
Ab tak ek katl ho chuka hai Supreme pe...Lauren ka ,,aur qaatil ki abtak kii pehchan nahi...wo locket kisne gift kari hogi Lauren ko ,uske boyfriend ne ya phir koi aur uski pehchan wala...Shaifali har baar mujhe achambhit karne se nahi chookti hai ...uski sunne ki shakti itni hai ki wo sahi doori aur ek hi samay pe chali do goliyon ko bhi accurately bata skti hai...its miraculously amazing...Just continued the story and will stop at current update now...Bahut hi achhi kahani likhi hai aapne guruji....likhte rahiyega aur aapke promotion ki bhi dhero shubhkamnayen..
 

Dhakad boy

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#108.

श्राप (20,032 वर्ष पहले, हिमालय)

हिमालय के पर्वत शिखर पर चारो ओर श्वेत बर्फ फैली हुई थी। मंद-मंद बह रही हवा मन को लुभा रही थी।
आसमान से भी हल्की बर्फ के फाहे बरस रहे थे। ऐसे में एक 5 फुट ऊंचा बालक नंगे पाँव बर्फ पर ठुमकता हुआ जा रहा था। उसके दोनों हाथों में ‘मोदक’ थे।

ज्यादा भोजन करने की वजह से उस बालक का पेट थोड़ा बाहर निकल आया था।

उस बालक का सिर एक हाथी के समान था। यह बालक और कोई नहीं महा..देव पुत्र गणे..श थे।

उनके पीछे एक चूहा भी उछलता हुआ जा रहा था। वह चूहा बार-बार उछलकर उनके हाथ से मोदक छीनने की कोशिश कर रहा था।

पर वह चूहा जितनी बार उछलता, गणे.श अपना हाथ ऊपर कर लेते। आखिरकार थक कर वह चूहा एक जगह रुक गया।

उन्होंने पीछे पलटकर चूहे को देखा और फिर एक मोदक को वहीं बर्फ पर रख दिया।

मोदक को बर्फ पर रखते देख वह चूहा भागकर मोदक की ओर आया, पर चूहे के पास आते ही गणे..श ने फिर बर्फ पर रखे मोदक को उठा लिया।

“अच्छा मूषक जी, आप थके नहीं थे।” उन्होंने कहा- “आप थकने का नाटक कर रहे थे। अभी आपको एक भी मोदक नहीं मिलेगा, मोदक के लिये अभी आपको प्रतीक्षा करनी होगी।”

इतना कहकर गणे..श वापस ठुमकते हुए आगे बढ़ गये। तभी वातावरण में एक जोरदार हंसी सुनाई दी।

“हाऽऽ हाऽऽ हाऽऽऽऽऽऽ! कैसा हाथी जैसा बालक है, चूहे का खाना छीनकर खा रहा है और....और इसका पेट तो देखो, लगता है खा-खा कर फटने वाला है।”

यह शब्द सुन गणे..श ने अपना चेहरा आवाज वाली दिशा में घुमाया। उनको सामने पत्थर पर बैठी हुई एक खूबसूरत अप्सरा दिखाई दी।

“आप कौन हो देवी और आप इस प्रकार मेरा उपहास क्यों उड़ा रही हो ?” गणेश के शब्दों में मिठास भरी थी।

“मैं स्वर्ग की अप्सरा मणिका हूं, मैं यहाॅ पर देवी पा..र्वती की पूजा करने आयी हूं, पर तुम कौन हो बालक?” मणिका ने पूछा।

“मैं देवी का पुत्र गणे..श हूं, ये मूषक मेरी सवारी है, जिसे लेकर मैं ऊपर पर्वत की ओर जा रहा हूं।” उन्होंने भोलेपन से कहा।

“तुम और देवी पा..र्वती के पुत्र! ऐसा कदापि नहीं हो सकता।” मणिका ने पुनः हंसते हुए कहा- “देवी पा.र्वती का पुत्र तुम्हारी तरह हाथी के सिर वाला नहीं है, और.... और यह मूषक तुम्हारी सवारी है। हाऽऽ हाऽऽ हाऽऽऽऽऽऽ अब हाथी भी मूषक की सवारी करेगा... हाऽऽ हाऽऽ हाऽऽऽऽऽऽ।”

“आपको एक बालक पर इस प्रकार से परिहास नहीं करना चाहिये, आप तो मेरी माता के समान हैं।” गणे..श के शब्दों में भोलापन झलक रहा था।

“मैं और तुम्हारी माता ! कदापि नहीं, मैं ऐसे हाथी के सिर वाले बालक की माता नहीं बनना चाहती, तेरे जैसा बालक होने से अच्छा है कि मेरे बालक ही ना हो।” मणिका ने एक बार फिर उनको देख अभद्र टिप्पणी की।

यह सुन अब गणे.श को क्रोध आ गया।

“मैं आपको बार-बार समझाने की कोशिश कर रहा हूं, पर लगता है कि आपको किसी बालक से बात करने का ढंग ही नहीं पता। जाइये मैं आपको श्राप देता हूं कि आपको कभी पुत्र की प्राप्ति नहीं होगी।”

“आप सदैव दूसरों के पुत्र को ही पालती रहेंगी। जिस प्रकार कलुषित मन से आपने मेरा उपहास उड़ाया है, आपका शरीर भी उसी प्रकार काला हो जायेगा और आप कितना भी कड़वा बोलने की कोशिश करें, पर आप कड़वा बोल नहीं पायेंगी।” गणे..श ने क्रोध से कहा।

उनके ऐसा कहते ही आसमान में घने काले बादल घिर आये और उसमें से एक बिजली आकर मणिका पर गिरी।

बिजली के गिरते ही मणिका का शरीर एक कोयल में परिवर्तित हो गया। यह देख मणिका घबरा गयी। वह गणे..श के पैरों में आकर गिर गयी-
“क्षमा... क्षमा गजानन, मैं आपको पहचान नहीं सकी, जिसकी वजह से मेरे मुंह से आपके लिये अपशब्द निकल गये। मुझे क्षमा कर दीजिये लंबोदर... मैं आपको वचन देती हूं कि आज के बाद मैं किसी भी बालक के लिये अपने मुंह से अपशब्द नहीं निकालूंगी।”

मणिका के वचनों को सुन उनको को दया आ गयी और वह बोले-
“मैं अपने श्राप को वापस नहीं ले सकता, पर अपने श्राप के प्रभाव को कम अवश्य कर सकता हूं। हे देवी आपकी शादी के 20000 हजार वर्ष के बाद, आपको पुत्र रत्न की प्राप्ति होगी।”

इतना कहकर गणे..श अंतध्र्यान हो गये। मणिका कुछ देर तक वहां बर्फ पर पड़ी रोती रही, फिर वहां से
उड़कर जंगलों की ओर चली गयी।

माया शक्ति
(19130 वर्ष पहले, कैरेबियन सागर)

‘नाईट ओशन’ नाम का एक जहाज कैरेबियन सागर में लहरों पर आगे बढ़ रहा था।

जहाज के डेक पर सोफिया अपने नवजात बच्चे कैस्पर के साथ एक कुर्सी पर बैठी थी।

सोफिया का पति मेरोन डेक की रेलिंग को पकड़े समुद्र की लहरों को उठते-गिरते देख रहा था।

“मेरोन हमारा बेटा कैस्पर कितना सुंदर है।” सोफिया ने कैस्पर को निहारते हुए कहा- “बिल्कुल अपने दादा ‘जीयूष’ पर गया है।”

“श्ऽऽऽऽऽऽऽ।” मेरोन ने सोफिया को धीरे बोलने का इशारा करते हुए कहा- “धीरे बोलो, हमें किसी को नहीं बताना है कि हम ‘जीयूष’ और ‘हेडिस’ के बच्चे हैं।”

“मेरोन हम कब तक ऐसे भागते रहेंगे?” सोफिया ने इस बार धीमे स्वर में कहा- “इस नन्हें से बच्चे को लेकर हम सिर्फ देवताओं से बचकर भाग रहे हैं। एक जगह शांति से ठहर भी नहीं सकते। कभी ना कभी तो
हम पकड़े ही जायेंगे। फिर... फिर हमारे कैस्पर का क्या होगा?”

“सोफिया तुम जानती हो कि हम एक जगह पर ठहर नहीं सकते।” मेरोन ने कहा- “जमीन पर मेरे पिता जीयूष हमें जीने नहीं देंगे और पाताल में तुम्हारे पिता हेडिस हमें रहने नहीं देंगे। अब बचा सिर्फ समुद्र..... जहां कि पोसाईडन हमें ढूंढ रहा है। हम जायें भी तो कहां ? और मुझे नहीं लगता कि यह तीनों हमें जीवन भर कभी माफ करेंगे? पिछले एक साल से हम देवमानव होकर भी छिपकर मनुष्यों की तरह जिंदगी व्यतीत कर रहे हैं, मगर हमारे पास इसके अलावा कोई चारा भी तो नहीं है।

इस समय पूरी दुनिया में कोई भी हमारा साथ नहीं देना चाह रहा, सभी तीनों देवताओं से डरते हैं, पर तुम चिंता ना करो, अगर ईश्वर ने हमें मिलाया है तो हमारी रक्षा का भी कोई ना कोई उपाय उनके पास जरुर होगा? देखना एक दिन सब ठीक हो जायेगा।”

तभी एक ऊंची लहर के आ जाने से जहाज थोड़ा लहरों पर उछला, जिसकी वजह से मेरोन का हाथ जहाज की रेलिंग पर फिसला और एक लकड़ी का नुकीला सिरा मेरोन के हाथ में धंस गया।

मेरोन के मुंह से कराह निकल गयी और उसके हाथ से खून की 2 बूंद निकलकर समुद्र में गिर गयी।
यह देख सोफिया और मेरोन भयभीत हो गये।

“तुम्हारे..... तुम्हारे खून की एक बूंद समुद्र में जा गिरी।” सोफिया ने डरते हुए कहा- “अब पोसाईडन को कुछ ही देर में हमारे बारे में पता चल जायेगा..... फिर वह बाकी दोनों देवताओं तक हमारी सूचना अवश्य ही पहुंचा देगा।......अब क्या होगा मेरोन?”

अब मेरोन के चेहरे पर भी भय साफ-साफ नजर आने लगा था। उसने तुरंत अपने हाथ से बहते खून पर, एक रुमाल कसकर बांधा और आगे बढ़कर सोफिया के सामने रखी कुर्सी पर बैठ गया।

“बीच समुद्र में हमारे पास बचकर निकलने का समय भी नहीं है।” मेरोन ने कहा- “अब तो वहीं होगा जो ये तीनों देवता चाहेंगे।”

“जीयूष और हेडिस ने आपसी दुश्मनी निभाते हुए, पहले ही हमें मारने का आदेश दे दिया था।” सोफिया ने गुस्से से अपने पिता और चाचा का नाम लेते हुए कहा- “वो अभी भी हमें जिंदा नहीं छोड़ेंगे। मुझे तो चिंता अब बस कैस्पर की हो रही है।”

“परेशान मत हो सोफिया, हम अपने पिताओं को कैस्पर का चेहरा दिखायेंगे। हो सकता है इस अबोध बालक को देख वह हमें जीवनदान दे दें।” मेरोन ने कहा।

तभी दोनों को आसमान में काले घने बादल घिरते हुए दिखाई दिये। जिसे देख दोनों बुरी तरह से डर गये।

“लो.....जिस बात का डर था वही हुआ.... तुम्हारे पिता जीयूष का आगमन हो गया।”सोफिया ने डरते हुए कहा- “बादलों को देखकर ही लग रहा है कि वह कितने गुस्से में हैं?”

तभी समुद्र की लहरें भी ऊंची-ऊंची उठना शुरु हो गयीं। जहाज के सभी यात्री घबरा कर इधर-उधर भागने लगे।

बादल इतने स्याह और खतरनाक दिख रहे थे, मानों आज वह प्रलय ला देने वाले हों।

तभी जोर की बिजली कड़की और समुद्र में जा गिरी। बिजली गिरने से समुद्र का पानी सैकड़ों फिट ऊपर उछला।

ऐसा महसूस हो रहा था कि जैसे जीयूष ने अपनी बिजली के माध्यम से पोसाईडन को कोई संदेश दिया हो।

अचानक समुद्र की लहरों ने विकराल रुप धारण कर लिया। अब वह उछलकर जहाज के ऊपर डेक तक आने लगीं थीं।

सोफिया ने कैस्पर को डरकर जोर से अपने सीने से चिपका लिया।

मेरोन ने आसमान की ओर चेहरा करते हुए जोर से चीखकर कहा-
“क्षमा कर दीजिये पिताजी। मैं मानता हूं कि हमसे गलती हो गयी। मुझे बिना आपकी इजाजत से सोफिया से शादी नहीं करनी चाहिये थी। पर अब हमारे पास आपका पोता भी है, कम से कम इसका तो ख्याल करिये।”

पर मेरोन का चीखना व्यर्थ जा रहा था। इतने खराब मौसम में तो उसकी आवाज डेक पर खड़े लोगों को ही सुनाई नहीं दे रही थी, फिर भला जीयूष क्या सुनते? या ये भी हो सकता है कि जीयूष चाहकर भी ये सब सुनना नहीं चाहते थे।

तूफान की रफ्तार और ज्यादा तेज हो गयी। अब वह जहाज पानी में किसी कागज के नाव की तरह डोल रही थी।

यह देख घबरा कर मेरोन ने कैस्पर को सोफिया के हाथों से लिया और अपने सिर के ऊपर उठा कर आसमान की तरफ देखते हुए चीखा-

“पिताजी , देखिये इस अबोध नन्हें बालक को। ये आपका ही वंशज है, क्या इसे जीने का कोई हक नहीं ? अभी तो इसने इस पृथ्वी पर कुछ भी नहीं देखा है? कम से कम हमारे लिये नहीं, तो इसके लिये हमें क्षमा कर दीजिये।”

तभी मेरोन को आसमान में जीयूष का गुस्से से भरा चेहरा दिखाई दिया। उनके चेहरे के भाव देखकर साफ पता चल रहा था कि मेरोन को क्षमा करने का उनका कोई इरादा नहीं है।

जीयूष ने गुस्से से मेरोन के हाथ में पकड़े नन्हें कैस्पर को देखा और अपना अस्त्र ‘थंडरबोल्ट’ उठा कर कैस्पर पर फेंक कर मार दिया।

आसमान में जोर की बिजली कड़की और आसमान से उतरकर तेजी से कैस्पर की ओर झपटी।

यह देख सोफिया जोर से चीखकर मेरोन की ओर भागी, पर इससे पहले कि सोफिया मेरोन तक पहुंचती, आसमान से गिरी बिजली कैस्पर पर आकर गिरी।

एक जोरदार आवाज वातावरण में गूंजी और एक पल के लिये मेरोन को छोड़, सबकी आँखें बंद हो गयीं।
मेरोन ने देखा कि आसमान से गिरी बिजली कैस्पर से एक फुट की दूरी पर आकर हवा में विलीन हो गयी।

ऐसा लगा जैसे किसी अदृश्य दीवार ने कैस्पर की रक्षा की हो। यह देख जीयूष के चेहरे पर भी आश्चर्य के भाव आ गये। आज तक ऐसा नहीं हुआ था कि कोई थंडरबोल्ट के वार को झेल पाया हो ?

सोफिया ने भी डरते-डरते अपनी आँख को खोलकर, कैस्पर की ओर देखा। वह नन्हा बालक अभी भी मेरोन के हाथ में सुरक्षित मुस्कुरा रहा था।

यह देखकर सोफिया की जान में जान आयी। लेकिन इससे पहले कि कोई कुछ समझ पाता, एक विशालकाय समुद्र की लहर ने पूरे जहाज को पानी में पलट दिया। शायद यह पोसाईडन का क्रोध था।

एक पल में जहाज के सारे यात्री पानी में थे। मेरोन अब समुद्र के अंदर गोता लगा रहा था, पर मेरोन ने कैस्पर को अपने हाथों से अभी भी नहीं छोड़ा था।

तभी सोफिया भी तैर कर मेरोन के पास आ गयी। दोनों को ही पानी में देर तक साँस लेने का अच्छा अभ्यास था, पर उन्हें नन्हें कैस्पर की चिंता थी।

सोफिया की नजर मेरोन के हाथ में पकड़े कैस्पर की ओर गयी।

वह यह देखकर हैरान रह गयी, क्यों कि कैस्पर को चारो ओर से एक अदृश्य किरण ने घेर रखा था, जिससे पानी उसके पास ही नहीं आ रहा था और कैस्पर पानी के अंदर भी आराम से साँस ले रहा था।

मेरोन भी यह देखकर हैरान हो गया। तभी पानी में एक तीव्र तरंगे उत्पन्न हुईं, जिसने उस स्थान पर मौजूद, पानी के अंदर की हर चीज को बुरी तरह से पानी में नचा दिया।

यह देख मेरोन ने सोफिया को पानी के और नीचे जाने का इशारा किया और स्वयं भी गहराई की ओर छलांग लगा दी।

कुछ ही देर में सोफिया और मेरोन समुद्र की अधिकतम गहराई तक पहुंच गये।

अब वह समुद्र की सतह की ओर देख रहे थे। सतह पर पोसाईडन का क्रोध अब भी जहाज के यात्रियों पर कहर ढा रहा था।

मेरोन को पता था कि कुछ ही देर में पोसाईडन को उनकी वास्तविक स्थिति का पता चल जायेगा और फिर उनका बच पाना मुश्किल होगा, पर फिर भी वह ज्यादा से ज्यादा देर तक अपने परिवार को बचाना चाहता था।

मेरोन और सोफिया का ध्यान ऊपर की तरफ था, तभी उनके पीछे से मगरमच्छ पर बैठा हुआ, नोफोआ प्रकट हुआ।

नोफोआ ने अपने भाले जैसे अस्त्र से मेरोन पर निशाना साधा, तभी मेरोन को पानी में पीछे किसी के होने का अहसास हुआ और वह पलटा।

पीछे खड़े नोफोआ को देख, मेरोन ने घबरा कर सोफिया को पीछे की ओर इशारा किया।

अब सोफिया की भी नजर नोफोआ पर जा कर टिक गयी, मगर इससे पहले कि नोफोआ अपने अस्त्र का प्रयोग उन दोनों पर कर पाता, तभी कहीं से एक विशालकाय ब्लू व्हेल प्रकट हुई।

उसने मेरोन और सोफिया को कैस्पर सहित अपने मुंह में भर लिया और तेजी से तैरती हुई समुद्र में गायब हो गयी।

यह देख नोफोआ के चेहरे पर खुशी के भाव उभर आये, वह तुरंत इस शुभ समाचार को पोसाईडन को सुनाने उसकी ओर बढ़ गया।

उधर मेरोन और सोफिया अभी भी ब्लू व्हेल के मुंह में कैस्पर संग सुरक्षित थे।

“ये व्हेल ने हमें अभी तक निगला क्यों नहीं?” सोफिया के चेहरे पर आश्चर्य के भाव आ गये।

“कोई है ऐसा, जो हमारी मदद कर रहा है?” मेरोन ने कहा- “जीयूष के थंडरबोल्ट से कैस्पर का बचना कोई इत्तेफाक नहीं था, किसी ने अदृश्य किरणों से कैस्पर की रक्षा की थी और मुझे पूरी उम्मीद है कि यह ब्लू व्हेल भी उसी की है, जो हमें शायद उस अदृश्य शक्ति के पास लेकर जा रही है।”

“पर इस ब्रह्मांड में ऐसी कौन सी शक्ति है, जो जीयूष के थंडरबोल्ट को निष्क्रिय कर दे।” सोफिया ने आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा।

तभी व्हेल के मुंह में एक स्त्री की अदृश्य आवाज गूंजी- “महादेव की माया में बहुत शक्ति है, जो किसी भी देवता के शस्त्र को निष्क्रिय कर सकती है।”

यह अंजानी आवाज सुन मेरोन और सोफिया पूरी तरह से घबरा गये।

“आप कौन हो और इस व्हेल के अंदर आपकी आवाज कैसे गूंज रही है?” मेरोन ने साहस करते हुए पूछा।

“मेरा नाम माया है, मैं तुम लोगों से हजारों किलोमीटर दूर हूं।” माया ने कहा।

“हजारों किलोमीटर!” सोफिया ने आश्चर्य से कहा- “फिर आप हमसे बात कैसे कर सकती हो?”

“हिं..दू धर्म के अनुसार माया शब्द का अर्थ मैजिक होता है, अब जिसके नाम में ही मैजिक हो, उसे भला चमत्कार करने से कौन रोक सकता है।” माया के शब्दों में रहस्य की झलक नजर आ रही थी।

“क्या हम जान सकते हैं कि आपने हमें क्यों बचाया और आपकी शक्तियों का स्रोत क्या है?” मेरोन ने पूछा ।

“तुम लोगों को बचाने का कारण तुम्हारा पुत्र ही है, वह भविष्य में किसी कार्य में मेरी मदद करने वाला है, इसीलिये मैंने उसे बचाया और मेरी शक्तियों का स्रोत ग्रीक देवी-देवताओं से सम्बन्धित नहीं है।” माया ने कहा।

“क्या आप भविष्य को देख लेती हैं?” सोफिया ने पूछा।

“मैं भविष्य के बारे में, सितारों से गणना करके बहुत कुछ पता लगा लेती हूं, पर सब कुछ नहीं जानती ।” माया ने कहा।

“क्या आप बता सकती हैं कि मेरे पुत्र के भविष्य में क्या है?” सोफिया ने शुद्ध माँ की भूमिका निभाते हुए कहा।

“तुम्हारे पुत्र का भविष्य बहुत अच्छा है।” माया ने कहा- “आगे जाकर तुम्हारा पुत्र पूरे आकाश पर राज करेगा और तुम लोग उसे देखकर उस पर गर्व करोगे।”

“इसका मतलब जीयूष और हेडिस हमें क्षमा कर देंगे?” मेरोन ने पूछा।

“इसका जवाब मैं तुम्हें नहीं दे सकती, इस प्रश्न का उत्तर भविष्य पर छोड़ दो।” माया ने कहा- “फिलहाल तुम लोग मेरे घर में प्रवेश करने वाले हो।”

यह सुन मेरोन और सोफिया शांत हो गये, पर उनके चेहरे पर भविष्य की खबर सुन, खुशी साफ देखी जा सकती थी।


जारी
रहेगा______✍️
Bhut hi badhiya update
To abhi to un tino ko maya ne bacha liya hai aur Casper ko lekar ek bhavishyavani bhi kardi hai
Or lagta hai ye maya hi manika hai
Dekhte hai ab aage kya hota hai
 

Raj_sharma

यतो धर्मस्ततो जयः ||❣️
Staff member
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Ab tak ek katl ho chuka hai Supreme pe...Lauren ka ,,aur qaatil ki abtak kii pehchan nahi...wo locket kisne gift kari hogi Lauren ko ,uske boyfriend ne ya phir koi aur uski pehchan wala...Shaifali har baar mujhe achambhit karne se nahi chookti hai ...uski sunne ki shakti itni hai ki wo sahi doori aur ek hi samay pe chali do goliyon ko bhi accurately bata skti hai...its miraculously amazing...Just continued the story and will stop at current update now...Bahut hi achhi kahani likhi hai aapne guruji....likhte rahiyega aur aapke promotion ki bhi dhero shubhkamnayen..
Loren ka kaatil uska premi hi hai mitra :shhhh: per wo kon hai ye abhi aapko nahi bataunga, varna aapke padhne ka maja kharaab ho jayega:approve: Rahi baat shefali ki, to wo hai hi aisi , jab aap aage padhoge to dekhna, abhi to uske kaarname dekhe hi kaha hai aapne:D
Thank you very much for your wonderful review and support bhai:hug: And aapki subh kaamnaao ke liye bohot bohot dhanyawaad 🙏🏼
 

Raj_sharma

यतो धर्मस्ततो जयः ||❣️
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Bhut hi badhiya update
To abhi to un tino ko maya ne bacha liya hai aur Casper ko lekar ek bhavishyavani bhi kardi hai
Or lagta hai ye maya hi manika hai
Dekhte hai ab aage kya hota hai
Maya hi manika hai bhai, per kyu aur kaise? Ye aapko aage pata chzlega :declare: thank you very much for your valuable review and support bhai :thanx:
 

Gaurav1969

\\\“मनो बुद्ध्यहंकार चित्तानि नाहम्”///
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143
# 16
1 जनवरी 2002, मंगलवार, 05:30;

सुयश आँख बंदकर कुर्सी पर बैठा था। मगर वह अभी भी बहुत तेजी से कुछ सोच रहा था।कुछ देर सोचते रहने के पश्चात, सुयश ने अपनी आँखें खोलीं। सुयश की नजर रोजर पर पड़ी। रोजर, असलम के साथ शिप के चालक दल को गाइड करने में लगा दिखायी दिया।

लेकिन इससे पहले कि शिप के चालक दल के सदस्य, शिप को स्टार्ट कर, सही रुट पर ला पाते। एक अजीब सी आवाज ने, फिर से सभी को आश्चर्य में डाल दिया।

“झर ....ऽऽ झर.....ऽऽ झर.....ऽऽ झर.....ऽऽ।“

“यह आवाज कैसी है?“ सुयश का व्याकुल स्वर कंट्रोल रूम में गूंज उठा।

सभी के कान अब सिर्फ और सिर्फ उस आवाज को सुनने में लगे थे। धीरे-धीरे वह आवाज तेज होती जा रही थी। एकाएक सुयश सहित सभी के दिमाग में एक स्वर गूंज उठा-“खतरा ऽऽऽऽ।“

“रोजर! तुरंत शिप के आसपास की लाइट्स को ऑन करो । क्विक.....।“ सुयश ने घबराकर कहा।

वह विचित्र आवाज धीरे-धीरे तेज होती जा रही थी और अब उसने तेज होते- होते भयानक रूप ले लिया था। इससे पहले कि यह लोग कुछ और समझ पाते।

शिप को एक तेज झटका लगा और वह बिना स्टार्ट किए ही चल पड़ा। रोजर ने झपट कर तुरंत शिप के बाहर की सारी सर्च लाइट ऑन कर दी।

“कैप्टन! कोई अंजाना खतरा हमारे शिप की ओर तेजी से मंडरा रहा है।“ असलम ने अपनी जुबान को अपने सूख चुके होठों पर फिराते हुए, डरे स्वर में कहा -

“हमारा शिप बिना स्टार्ट किए ही किसी दिशा में जा रहा है।“

अब सभी की निगाहें किसी अंजानी आशंका से, शिप के विंड स्क्रीन पर चिपक गईं। शिप की सर्च लाइट का दायरा सीमित होने के कारण, वह सभी शिप के ज्यादा आगे देख पाने में असमर्थ थे। शिप मंथर गति से आगे बढ़ रहा था और वह आवाज लगातार अभी भी तेज हो रही थी। अचानक शिप की सर्च लाइट ने, इन सभी को जो नजारा दिखाया, उसको देखते ही सभी के हाथ-पैर एका एक फूलते से नजर आए।

“भंवर...............।“ सुयश एका -एक चीख उठा। उन्हें कुछ दूरी पर, एक विशालकाय भंवर बनती नजर आयी। जो अपना दायरा लगातार बढ़ाती जा रही थी।

उसी भंवर के तीव्र बहाव के कारण, समुंदर का पानी भी तेजी से भंवर की ओर खिं च रहा था और उसी के साथ खिंच रहा था ‘सुप्रीम’ भी। इतनी विशालकाय भंवर को देख, एक पल के लिए सभी की सांसे रुक सी गईं। उधर शिप लगातार भंवर की ओर बढ़ रहा था। सभी लोगों के मौत के इस सम्मोहन को सुयश की आवाज ने तोड़ा-

“जल्दी करो........ शिप को स्टार्ट करो..... वरना यह अंजानी मौत हमें निगल जायेगी।“ सुयश के इतना कहते ही, संज्ञा शून्य हो चुके सभी व्यक्ति, अचानक हरकत में आ गए।

रोजर व असलम तेजी से शिप के कंट्रोल्स से छेड़-छाड़ करके उसे स्टार्ट करने की कोशिश करने लगे। अब सभी की निगाहें उस विशालकाय भंवर पर थीं, जो तेजी से शिप के बीच का दायरा कम करने में लगी हुई थी।

तभी ‘घर्र-घर्र‘ की तेज आवाज करते हुए, शिप का इंजन स्टार्ट हो गया। इंजन को स्टार्ट हो ते देख, सुयश चीख उठा-


“मोड़ो ऽऽऽऽऽ...जल्दी से शिप को मोड़ कर, भंवर से दूर जाने की कोशिश करो। ......वरना हम इसमें फंस जाएंगे.......और फंसने के बाद, इतनी बड़ी भंवर से हमारा बचकर निकल पाना असंभव होगा।“ भंवर की धाराएं, किसी शिकारी की तरह तेजी से शिप की ओर बढ़ रहीं थीं।

“कैप्टन!“ रोजर ने चिल्ला कर कहा-
“बिना स्पीड में लाए, इतने बड़े शिप को मोड़ना असंभव है और भंवर भी अब हमसे ज्यादा दूर नहीं है। जल्दी बताइए कैप्टेन अब हम क्या करें?“

लेकिन इससे पहले कि सुयश, रोजर को कोई जवाब दे पाता, जहाज को एक और तेज झटका लगा और वह भंवर की बाहरी कक्षा में प्रवेश कर गया। अब सुप्रीम, भंवर की धाराओं के हिसाब से धीरे-धीरे घूमना शुरू हो गया था। लहरों का शोर अब अपने चरमोत्कर्ष पर था। यह भयावह शोर सुनकर, शिप के अधिकांश यात्री भी जाग चुके थे और इस शोर का मतलब निकालने की चेष्टा कर रहे थे।


रोजर, असलम के साथ, बार-बार शिप को उस भयानक भंवर से निकालने की कोशिश कर रहा था। लेकिन शिप के स्पीड में ना होने के कारण, भंवर धाराएं उसे पुनः अंदर की ओर धकेल रही थीं। इस भयानक स्थिति में शिप, लहरों से अठखेलियां कर रहा था।

“रोजर! शिप को पहले भंवर से निकालने की कोशिश मत करो।“ सुयश इस भयानक परिस्थिति में भी तेजी से अपने दिमाग का इस्तेमाल कर रहा था-


“क्यों कि भंवर से निकलने के चक्कर में, शिप स्पीड नहीं पकड़ पा रहा है। और जब तक शिप स्पीड में नहीं आएगा , तब तक वह इस विशालकाय भंवर से निकल भी नहीं पाएगा। पहले धाराओं के मोड़ के हिसाब से, शिप को मोड़ते हुए, शिप की स्पीड बढ़ाने की कोशिश करो और जब शिप फुल स्पीड में आ जाए तो उसे एक झटके से भंवर से बाहर निकालने की कोशिश करो।“

“लेकिन सर, अगर हमने इस तरीके से शिप की स्पीड को बढ़ाने की कोशिश की तो हम भंवर के और अंदर चले जाएंगे और वहां पर भंवर का खिंचाव केंद्र की ओर, और ज्यादा होगा। फिर शायद यह भी हो जाए कि हम....... उससे निकल ही ना पाएं।“ असलम में मरी-मरी आवाज में कहा।

“मैं जैसा कहता हूं वैसा करो। समय बहुत कम है। इसलिए अपना दिमाग मत लगाओ“ सुयश ने बिल्कुल दहाड़ते हुए स्वर में कहा। तुरंत रोजर व असलम सुप्रीम को भंवर की धाराओं के मोड़ के हिसाब से मोड़ने में जुट गए।

कुछ भंवर के केंद्र की वजह से और कुछ धाराओं के अनुकूल चलते रहने के कारण, शिप की स्पीड लगातार बढ़ती जा रही थी। आखिरकार शिप फुल स्पीड में आ ही गया। लेकिन तब तक वह भंवर के केंद्र के काफी नजदी क पहुंच चुका था।

ए.सी . वाले कमरे में होने के बावजूद भी सभी के चेहरे पसीने से भीग गए थे।

ड्रेजलर जो कि शिप का ‘हेल्मसमैन‘ था और शिप को स्टेयरिंग व्हील के द्वारा चलाता था। उसकी नजरें सुयश के अगले आदेश का इंतजार कर रहीं थीं। सुयश की नजरें सिर्फ और सिर्फ शिप के स्पीडो मीटर पर थीं। जैसे ही स्पीडो मीटर ने फुल का इंडीकेशन दिया, सुयश ने चीख कर कहा-

“टर्न!“ सुयश के ऐसा कहते ही ड्रेजलर ने पूरी ताकत से स्टेयरिंग व्हील घुमाया। फुल स्पीड से चल रहे शिप को एक जोरदार झटका लगा और वह चौथी कक्षा की भंवर धाराओं पर एका एक ऐसे चढ़ गया, मानों वह लहरों पर से छलांग लगा कर उड़ जाना चाहता हो। शिप की स्पीड फुल होने की वजह से, एकदम से मोड़ते ही , वह लहरों से टकरा कर, हवा में उछल सा गया। एक क्षण के लिए सबकी सांसें रुक सी गईं। शिप पूरा का पूरा हवा में था और फिर एक छपाक की आवाज करते हुए दोबारा पानी में गिर गया।

पानी में गिरते ही शिप को इतना जोरदार झटका लगा कि कइयों के मुंह से चीख निकल गई। कई लोग अपने स्थान से गिर पड़े। यहां तक कि ड्रेजलर का हाथ भी स्टेयरिंग व्हील से छूट गया। लेकिन फिर तुरंत ही ड्रेजलर ने अपनी बॉडी को नियंत्रित कर, दोबारा से शिप का कंट्रोल अपने हाथ में ले लिया।

उधर पूरे शिप पर चीख-पुकार का बाजार गर्म हो गया था। किसी यात्री की समझ में नहीं आ रहा था कि ये सब क्या हो रहा है? इधर सुयश का चेहरा अब किसी चट्टान की तरीके से सख्त हो गया। उसकी निगाहें लगातार, विंडस्क्रीन पर उछल-उछल कर गिर रही लहरों पर पड़ रही थी।

शिप अब भंवर से थोड़ा सा निकलने में कामयाब हो गया था। मगर मुसीबत अभी खत्म नहीं हुई थी। सभी की आंखें फिर से सुयश के चेहरे की ओर थीं। और सुयश की नजरें भंवर की धाराओं की ओर थीं।

एकाएक ही सुयश ने फिर टर्न का इशारा किया। ड्रेजलर ने दोबारा शिप के स्टेयरिंग व्हील को पूरी ताकत से मोड़ा। शिप एक बार फिर तेजी से भंवर धारा पर चढ़ा। लहरों ने सुप्रीम को पुनः ऊपर उछाल दिया। किस्मत ने एक बार फिर उनका साथ दिया और सुप्रीम की सागर की सतह पर सेफ लैडिंग हुई। इसी तरह 1 और कोशिश करने के बाद सुप्रीम, भंवर के तिलस् चक्रव्यूह से बचकर बाहर निकलने में सफल हो गया।

ड्रेजलर लगातार शिप को भंवर से दूर भगाए जा रहा था। मानो उसे डर हो कि शिप फिर से कहीं, भंवर में ना फंस जाए। तिलस्मी भंवर से काफी आगे निकलने के बाद, जब ड्रेजलर को यह महसूस हो गया कि अब वह मौत से दूर हैं, तो उसने ‘सुप्रीम’ को रोक दिया।

ड्रेजलर की सांसें धौंकनी की तरह चल रही थी। वह अपनी सीट से उठा और कंट्रोलरुम के फर्श पर ही जमीन पर लेट गया। वह अपनी सांसें नियंत्रित करने की कोशिश करने लगा। सुयश ने भी अपने माथे पर बह आया पसीना पोंछा और तुरंत जेम्स हुक को शिप पर हुई टूट-फूट को चेक करने के लिए भेज दिया।

एक सहायता दल को छोटे-छोटे ग्रुप बनाकर, शिप के यात्रियों की मरहम पट्टी करने के लिए भेज दिया गया। क्यों कि शिप के बार-बार उछलने के कारण, यात्रियों को काफी चोटें भी आ गई थीं। सुयश ने एक बार पुनः माइक पर एनाउंस करके, सभी यात्रियों को शिप की स्थिति से अवगत करा दिया और उन्हें यह भी बता दिया कि अब वह सभी खतरे से बाहर हैं।

कंट्रोल रूम में अब सभी के चेहरे पर विजयी मुस्कान थी और होती भी क्यों ना ? आखिर उन्होंने मौत पर विजय जो पाई थी।






जारी रहेगा....…..✍️
यह अपडेट पूरी तरह से सुयष की अद्भुत कैप्टेनसी को दर्शाता है। विषम परिस्थित होने के बावजूद उसने ना सिर्फ अपने आप को संयमित रखा बल्कि सटीक निर्णय लेकर अपने कौशल का भी परिचय दिया।ये तो खतरे का पहला ही चरण था,आगे और क्या क्या देखने को मिले।

first time hindi mein typing try kiya bhai😁😄...shabd bahut se aate hai par typing thoda messy hai ..update humesha ki tarah bahut achha tha ...
 

ak143

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#108.

श्राप (20,032 वर्ष पहले, हिमालय)

हिमालय के पर्वत शिखर पर चारो ओर श्वेत बर्फ फैली हुई थी। मंद-मंद बह रही हवा मन को लुभा रही थी।
आसमान से भी हल्की बर्फ के फाहे बरस रहे थे। ऐसे में एक 5 फुट ऊंचा बालक नंगे पाँव बर्फ पर ठुमकता हुआ जा रहा था। उसके दोनों हाथों में ‘मोदक’ थे।

ज्यादा भोजन करने की वजह से उस बालक का पेट थोड़ा बाहर निकल आया था।

उस बालक का सिर एक हाथी के समान था। यह बालक और कोई नहीं महा..देव पुत्र गणे..श थे।

उनके पीछे एक चूहा भी उछलता हुआ जा रहा था। वह चूहा बार-बार उछलकर उनके हाथ से मोदक छीनने की कोशिश कर रहा था।

पर वह चूहा जितनी बार उछलता, गणे.श अपना हाथ ऊपर कर लेते। आखिरकार थक कर वह चूहा एक जगह रुक गया।

उन्होंने पीछे पलटकर चूहे को देखा और फिर एक मोदक को वहीं बर्फ पर रख दिया।

मोदक को बर्फ पर रखते देख वह चूहा भागकर मोदक की ओर आया, पर चूहे के पास आते ही गणे..श ने फिर बर्फ पर रखे मोदक को उठा लिया।

“अच्छा मूषक जी, आप थके नहीं थे।” उन्होंने कहा- “आप थकने का नाटक कर रहे थे। अभी आपको एक भी मोदक नहीं मिलेगा, मोदक के लिये अभी आपको प्रतीक्षा करनी होगी।”

इतना कहकर गणे..श वापस ठुमकते हुए आगे बढ़ गये। तभी वातावरण में एक जोरदार हंसी सुनाई दी।

“हाऽऽ हाऽऽ हाऽऽऽऽऽऽ! कैसा हाथी जैसा बालक है, चूहे का खाना छीनकर खा रहा है और....और इसका पेट तो देखो, लगता है खा-खा कर फटने वाला है।”

यह शब्द सुन गणे..श ने अपना चेहरा आवाज वाली दिशा में घुमाया। उनको सामने पत्थर पर बैठी हुई एक खूबसूरत अप्सरा दिखाई दी।

“आप कौन हो देवी और आप इस प्रकार मेरा उपहास क्यों उड़ा रही हो ?” गणेश के शब्दों में मिठास भरी थी।

“मैं स्वर्ग की अप्सरा मणिका हूं, मैं यहाॅ पर देवी पा..र्वती की पूजा करने आयी हूं, पर तुम कौन हो बालक?” मणिका ने पूछा।

“मैं देवी का पुत्र गणे..श हूं, ये मूषक मेरी सवारी है, जिसे लेकर मैं ऊपर पर्वत की ओर जा रहा हूं।” उन्होंने भोलेपन से कहा।

“तुम और देवी पा..र्वती के पुत्र! ऐसा कदापि नहीं हो सकता।” मणिका ने पुनः हंसते हुए कहा- “देवी पा.र्वती का पुत्र तुम्हारी तरह हाथी के सिर वाला नहीं है, और.... और यह मूषक तुम्हारी सवारी है। हाऽऽ हाऽऽ हाऽऽऽऽऽऽ अब हाथी भी मूषक की सवारी करेगा... हाऽऽ हाऽऽ हाऽऽऽऽऽऽ।”

“आपको एक बालक पर इस प्रकार से परिहास नहीं करना चाहिये, आप तो मेरी माता के समान हैं।” गणे..श के शब्दों में भोलापन झलक रहा था।

“मैं और तुम्हारी माता ! कदापि नहीं, मैं ऐसे हाथी के सिर वाले बालक की माता नहीं बनना चाहती, तेरे जैसा बालक होने से अच्छा है कि मेरे बालक ही ना हो।” मणिका ने एक बार फिर उनको देख अभद्र टिप्पणी की।

यह सुन अब गणे.श को क्रोध आ गया।

“मैं आपको बार-बार समझाने की कोशिश कर रहा हूं, पर लगता है कि आपको किसी बालक से बात करने का ढंग ही नहीं पता। जाइये मैं आपको श्राप देता हूं कि आपको कभी पुत्र की प्राप्ति नहीं होगी।”

“आप सदैव दूसरों के पुत्र को ही पालती रहेंगी। जिस प्रकार कलुषित मन से आपने मेरा उपहास उड़ाया है, आपका शरीर भी उसी प्रकार काला हो जायेगा और आप कितना भी कड़वा बोलने की कोशिश करें, पर आप कड़वा बोल नहीं पायेंगी।” गणे..श ने क्रोध से कहा।

उनके ऐसा कहते ही आसमान में घने काले बादल घिर आये और उसमें से एक बिजली आकर मणिका पर गिरी।

बिजली के गिरते ही मणिका का शरीर एक कोयल में परिवर्तित हो गया। यह देख मणिका घबरा गयी। वह गणे..श के पैरों में आकर गिर गयी-
“क्षमा... क्षमा गजानन, मैं आपको पहचान नहीं सकी, जिसकी वजह से मेरे मुंह से आपके लिये अपशब्द निकल गये। मुझे क्षमा कर दीजिये लंबोदर... मैं आपको वचन देती हूं कि आज के बाद मैं किसी भी बालक के लिये अपने मुंह से अपशब्द नहीं निकालूंगी।”

मणिका के वचनों को सुन उनको को दया आ गयी और वह बोले-
“मैं अपने श्राप को वापस नहीं ले सकता, पर अपने श्राप के प्रभाव को कम अवश्य कर सकता हूं। हे देवी आपकी शादी के 20000 हजार वर्ष के बाद, आपको पुत्र रत्न की प्राप्ति होगी।”

इतना कहकर गणे..श अंतध्र्यान हो गये। मणिका कुछ देर तक वहां बर्फ पर पड़ी रोती रही, फिर वहां से
उड़कर जंगलों की ओर चली गयी।

माया शक्ति
(19130 वर्ष पहले, कैरेबियन सागर)

‘नाईट ओशन’ नाम का एक जहाज कैरेबियन सागर में लहरों पर आगे बढ़ रहा था।

जहाज के डेक पर सोफिया अपने नवजात बच्चे कैस्पर के साथ एक कुर्सी पर बैठी थी।

सोफिया का पति मेरोन डेक की रेलिंग को पकड़े समुद्र की लहरों को उठते-गिरते देख रहा था।

“मेरोन हमारा बेटा कैस्पर कितना सुंदर है।” सोफिया ने कैस्पर को निहारते हुए कहा- “बिल्कुल अपने दादा ‘जीयूष’ पर गया है।”

“श्ऽऽऽऽऽऽऽ।” मेरोन ने सोफिया को धीरे बोलने का इशारा करते हुए कहा- “धीरे बोलो, हमें किसी को नहीं बताना है कि हम ‘जीयूष’ और ‘हेडिस’ के बच्चे हैं।”

“मेरोन हम कब तक ऐसे भागते रहेंगे?” सोफिया ने इस बार धीमे स्वर में कहा- “इस नन्हें से बच्चे को लेकर हम सिर्फ देवताओं से बचकर भाग रहे हैं। एक जगह शांति से ठहर भी नहीं सकते। कभी ना कभी तो
हम पकड़े ही जायेंगे। फिर... फिर हमारे कैस्पर का क्या होगा?”

“सोफिया तुम जानती हो कि हम एक जगह पर ठहर नहीं सकते।” मेरोन ने कहा- “जमीन पर मेरे पिता जीयूष हमें जीने नहीं देंगे और पाताल में तुम्हारे पिता हेडिस हमें रहने नहीं देंगे। अब बचा सिर्फ समुद्र..... जहां कि पोसाईडन हमें ढूंढ रहा है। हम जायें भी तो कहां ? और मुझे नहीं लगता कि यह तीनों हमें जीवन भर कभी माफ करेंगे? पिछले एक साल से हम देवमानव होकर भी छिपकर मनुष्यों की तरह जिंदगी व्यतीत कर रहे हैं, मगर हमारे पास इसके अलावा कोई चारा भी तो नहीं है।

इस समय पूरी दुनिया में कोई भी हमारा साथ नहीं देना चाह रहा, सभी तीनों देवताओं से डरते हैं, पर तुम चिंता ना करो, अगर ईश्वर ने हमें मिलाया है तो हमारी रक्षा का भी कोई ना कोई उपाय उनके पास जरुर होगा? देखना एक दिन सब ठीक हो जायेगा।”

तभी एक ऊंची लहर के आ जाने से जहाज थोड़ा लहरों पर उछला, जिसकी वजह से मेरोन का हाथ जहाज की रेलिंग पर फिसला और एक लकड़ी का नुकीला सिरा मेरोन के हाथ में धंस गया।

मेरोन के मुंह से कराह निकल गयी और उसके हाथ से खून की 2 बूंद निकलकर समुद्र में गिर गयी।
यह देख सोफिया और मेरोन भयभीत हो गये।

“तुम्हारे..... तुम्हारे खून की एक बूंद समुद्र में जा गिरी।” सोफिया ने डरते हुए कहा- “अब पोसाईडन को कुछ ही देर में हमारे बारे में पता चल जायेगा..... फिर वह बाकी दोनों देवताओं तक हमारी सूचना अवश्य ही पहुंचा देगा।......अब क्या होगा मेरोन?”

अब मेरोन के चेहरे पर भी भय साफ-साफ नजर आने लगा था। उसने तुरंत अपने हाथ से बहते खून पर, एक रुमाल कसकर बांधा और आगे बढ़कर सोफिया के सामने रखी कुर्सी पर बैठ गया।

“बीच समुद्र में हमारे पास बचकर निकलने का समय भी नहीं है।” मेरोन ने कहा- “अब तो वहीं होगा जो ये तीनों देवता चाहेंगे।”

“जीयूष और हेडिस ने आपसी दुश्मनी निभाते हुए, पहले ही हमें मारने का आदेश दे दिया था।” सोफिया ने गुस्से से अपने पिता और चाचा का नाम लेते हुए कहा- “वो अभी भी हमें जिंदा नहीं छोड़ेंगे। मुझे तो चिंता अब बस कैस्पर की हो रही है।”

“परेशान मत हो सोफिया, हम अपने पिताओं को कैस्पर का चेहरा दिखायेंगे। हो सकता है इस अबोध बालक को देख वह हमें जीवनदान दे दें।” मेरोन ने कहा।

तभी दोनों को आसमान में काले घने बादल घिरते हुए दिखाई दिये। जिसे देख दोनों बुरी तरह से डर गये।

“लो.....जिस बात का डर था वही हुआ.... तुम्हारे पिता जीयूष का आगमन हो गया।”सोफिया ने डरते हुए कहा- “बादलों को देखकर ही लग रहा है कि वह कितने गुस्से में हैं?”

तभी समुद्र की लहरें भी ऊंची-ऊंची उठना शुरु हो गयीं। जहाज के सभी यात्री घबरा कर इधर-उधर भागने लगे।

बादल इतने स्याह और खतरनाक दिख रहे थे, मानों आज वह प्रलय ला देने वाले हों।

तभी जोर की बिजली कड़की और समुद्र में जा गिरी। बिजली गिरने से समुद्र का पानी सैकड़ों फिट ऊपर उछला।

ऐसा महसूस हो रहा था कि जैसे जीयूष ने अपनी बिजली के माध्यम से पोसाईडन को कोई संदेश दिया हो।

अचानक समुद्र की लहरों ने विकराल रुप धारण कर लिया। अब वह उछलकर जहाज के ऊपर डेक तक आने लगीं थीं।

सोफिया ने कैस्पर को डरकर जोर से अपने सीने से चिपका लिया।

मेरोन ने आसमान की ओर चेहरा करते हुए जोर से चीखकर कहा-
“क्षमा कर दीजिये पिताजी। मैं मानता हूं कि हमसे गलती हो गयी। मुझे बिना आपकी इजाजत से सोफिया से शादी नहीं करनी चाहिये थी। पर अब हमारे पास आपका पोता भी है, कम से कम इसका तो ख्याल करिये।”

पर मेरोन का चीखना व्यर्थ जा रहा था। इतने खराब मौसम में तो उसकी आवाज डेक पर खड़े लोगों को ही सुनाई नहीं दे रही थी, फिर भला जीयूष क्या सुनते? या ये भी हो सकता है कि जीयूष चाहकर भी ये सब सुनना नहीं चाहते थे।

तूफान की रफ्तार और ज्यादा तेज हो गयी। अब वह जहाज पानी में किसी कागज के नाव की तरह डोल रही थी।

यह देख घबरा कर मेरोन ने कैस्पर को सोफिया के हाथों से लिया और अपने सिर के ऊपर उठा कर आसमान की तरफ देखते हुए चीखा-

“पिताजी , देखिये इस अबोध नन्हें बालक को। ये आपका ही वंशज है, क्या इसे जीने का कोई हक नहीं ? अभी तो इसने इस पृथ्वी पर कुछ भी नहीं देखा है? कम से कम हमारे लिये नहीं, तो इसके लिये हमें क्षमा कर दीजिये।”

तभी मेरोन को आसमान में जीयूष का गुस्से से भरा चेहरा दिखाई दिया। उनके चेहरे के भाव देखकर साफ पता चल रहा था कि मेरोन को क्षमा करने का उनका कोई इरादा नहीं है।

जीयूष ने गुस्से से मेरोन के हाथ में पकड़े नन्हें कैस्पर को देखा और अपना अस्त्र ‘थंडरबोल्ट’ उठा कर कैस्पर पर फेंक कर मार दिया।

आसमान में जोर की बिजली कड़की और आसमान से उतरकर तेजी से कैस्पर की ओर झपटी।

यह देख सोफिया जोर से चीखकर मेरोन की ओर भागी, पर इससे पहले कि सोफिया मेरोन तक पहुंचती, आसमान से गिरी बिजली कैस्पर पर आकर गिरी।

एक जोरदार आवाज वातावरण में गूंजी और एक पल के लिये मेरोन को छोड़, सबकी आँखें बंद हो गयीं।
मेरोन ने देखा कि आसमान से गिरी बिजली कैस्पर से एक फुट की दूरी पर आकर हवा में विलीन हो गयी।

ऐसा लगा जैसे किसी अदृश्य दीवार ने कैस्पर की रक्षा की हो। यह देख जीयूष के चेहरे पर भी आश्चर्य के भाव आ गये। आज तक ऐसा नहीं हुआ था कि कोई थंडरबोल्ट के वार को झेल पाया हो ?

सोफिया ने भी डरते-डरते अपनी आँख को खोलकर, कैस्पर की ओर देखा। वह नन्हा बालक अभी भी मेरोन के हाथ में सुरक्षित मुस्कुरा रहा था।

यह देखकर सोफिया की जान में जान आयी। लेकिन इससे पहले कि कोई कुछ समझ पाता, एक विशालकाय समुद्र की लहर ने पूरे जहाज को पानी में पलट दिया। शायद यह पोसाईडन का क्रोध था।

एक पल में जहाज के सारे यात्री पानी में थे। मेरोन अब समुद्र के अंदर गोता लगा रहा था, पर मेरोन ने कैस्पर को अपने हाथों से अभी भी नहीं छोड़ा था।

तभी सोफिया भी तैर कर मेरोन के पास आ गयी। दोनों को ही पानी में देर तक साँस लेने का अच्छा अभ्यास था, पर उन्हें नन्हें कैस्पर की चिंता थी।

सोफिया की नजर मेरोन के हाथ में पकड़े कैस्पर की ओर गयी।

वह यह देखकर हैरान रह गयी, क्यों कि कैस्पर को चारो ओर से एक अदृश्य किरण ने घेर रखा था, जिससे पानी उसके पास ही नहीं आ रहा था और कैस्पर पानी के अंदर भी आराम से साँस ले रहा था।

मेरोन भी यह देखकर हैरान हो गया। तभी पानी में एक तीव्र तरंगे उत्पन्न हुईं, जिसने उस स्थान पर मौजूद, पानी के अंदर की हर चीज को बुरी तरह से पानी में नचा दिया।

यह देख मेरोन ने सोफिया को पानी के और नीचे जाने का इशारा किया और स्वयं भी गहराई की ओर छलांग लगा दी।

कुछ ही देर में सोफिया और मेरोन समुद्र की अधिकतम गहराई तक पहुंच गये।

अब वह समुद्र की सतह की ओर देख रहे थे। सतह पर पोसाईडन का क्रोध अब भी जहाज के यात्रियों पर कहर ढा रहा था।

मेरोन को पता था कि कुछ ही देर में पोसाईडन को उनकी वास्तविक स्थिति का पता चल जायेगा और फिर उनका बच पाना मुश्किल होगा, पर फिर भी वह ज्यादा से ज्यादा देर तक अपने परिवार को बचाना चाहता था।

मेरोन और सोफिया का ध्यान ऊपर की तरफ था, तभी उनके पीछे से मगरमच्छ पर बैठा हुआ, नोफोआ प्रकट हुआ।

नोफोआ ने अपने भाले जैसे अस्त्र से मेरोन पर निशाना साधा, तभी मेरोन को पानी में पीछे किसी के होने का अहसास हुआ और वह पलटा।

पीछे खड़े नोफोआ को देख, मेरोन ने घबरा कर सोफिया को पीछे की ओर इशारा किया।

अब सोफिया की भी नजर नोफोआ पर जा कर टिक गयी, मगर इससे पहले कि नोफोआ अपने अस्त्र का प्रयोग उन दोनों पर कर पाता, तभी कहीं से एक विशालकाय ब्लू व्हेल प्रकट हुई।

उसने मेरोन और सोफिया को कैस्पर सहित अपने मुंह में भर लिया और तेजी से तैरती हुई समुद्र में गायब हो गयी।

यह देख नोफोआ के चेहरे पर खुशी के भाव उभर आये, वह तुरंत इस शुभ समाचार को पोसाईडन को सुनाने उसकी ओर बढ़ गया।

उधर मेरोन और सोफिया अभी भी ब्लू व्हेल के मुंह में कैस्पर संग सुरक्षित थे।

“ये व्हेल ने हमें अभी तक निगला क्यों नहीं?” सोफिया के चेहरे पर आश्चर्य के भाव आ गये।

“कोई है ऐसा, जो हमारी मदद कर रहा है?” मेरोन ने कहा- “जीयूष के थंडरबोल्ट से कैस्पर का बचना कोई इत्तेफाक नहीं था, किसी ने अदृश्य किरणों से कैस्पर की रक्षा की थी और मुझे पूरी उम्मीद है कि यह ब्लू व्हेल भी उसी की है, जो हमें शायद उस अदृश्य शक्ति के पास लेकर जा रही है।”

“पर इस ब्रह्मांड में ऐसी कौन सी शक्ति है, जो जीयूष के थंडरबोल्ट को निष्क्रिय कर दे।” सोफिया ने आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा।

तभी व्हेल के मुंह में एक स्त्री की अदृश्य आवाज गूंजी- “महादेव की माया में बहुत शक्ति है, जो किसी भी देवता के शस्त्र को निष्क्रिय कर सकती है।”

यह अंजानी आवाज सुन मेरोन और सोफिया पूरी तरह से घबरा गये।

“आप कौन हो और इस व्हेल के अंदर आपकी आवाज कैसे गूंज रही है?” मेरोन ने साहस करते हुए पूछा।

“मेरा नाम माया है, मैं तुम लोगों से हजारों किलोमीटर दूर हूं।” माया ने कहा।

“हजारों किलोमीटर!” सोफिया ने आश्चर्य से कहा- “फिर आप हमसे बात कैसे कर सकती हो?”

“हिं..दू धर्म के अनुसार माया शब्द का अर्थ मैजिक होता है, अब जिसके नाम में ही मैजिक हो, उसे भला चमत्कार करने से कौन रोक सकता है।” माया के शब्दों में रहस्य की झलक नजर आ रही थी।

“क्या हम जान सकते हैं कि आपने हमें क्यों बचाया और आपकी शक्तियों का स्रोत क्या है?” मेरोन ने पूछा ।

“तुम लोगों को बचाने का कारण तुम्हारा पुत्र ही है, वह भविष्य में किसी कार्य में मेरी मदद करने वाला है, इसीलिये मैंने उसे बचाया और मेरी शक्तियों का स्रोत ग्रीक देवी-देवताओं से सम्बन्धित नहीं है।” माया ने कहा।

“क्या आप भविष्य को देख लेती हैं?” सोफिया ने पूछा।

“मैं भविष्य के बारे में, सितारों से गणना करके बहुत कुछ पता लगा लेती हूं, पर सब कुछ नहीं जानती ।” माया ने कहा।

“क्या आप बता सकती हैं कि मेरे पुत्र के भविष्य में क्या है?” सोफिया ने शुद्ध माँ की भूमिका निभाते हुए कहा।

“तुम्हारे पुत्र का भविष्य बहुत अच्छा है।” माया ने कहा- “आगे जाकर तुम्हारा पुत्र पूरे आकाश पर राज करेगा और तुम लोग उसे देखकर उस पर गर्व करोगे।”

“इसका मतलब जीयूष और हेडिस हमें क्षमा कर देंगे?” मेरोन ने पूछा।

“इसका जवाब मैं तुम्हें नहीं दे सकती, इस प्रश्न का उत्तर भविष्य पर छोड़ दो।” माया ने कहा- “फिलहाल तुम लोग मेरे घर में प्रवेश करने वाले हो।”

यह सुन मेरोन और सोफिया शांत हो गये, पर उनके चेहरे पर भविष्य की खबर सुन, खुशी साफ देखी जा सकती थी।


जारी
रहेगा______✍️
Nice update👌👌
 

Raj_sharma

यतो धर्मस्ततो जयः ||❣️
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Bhut hi badhiya update
To abhi to un tino ko maya ne bacha liya hai aur Casper ko lekar ek bhavishyavani bhi kardi hai
Or lagta hai ye maya hi manika hai
Dekhte hai ab aage kya hota hai
Maya hi manika hai bhai, per kyu aur kaise? Ye aapko aage pata chzlega :declare: thank you very much for your valuable review and support bhai :thanx:
 

Raj_sharma

यतो धर्मस्ततो जयः ||❣️
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यह अपडेट पूरी तरह से सुयष की अद्भुत कैप्टेनसी को दर्शाता है। विषम परिस्थित होने के बावजूद उसने ना सिर्फ अपने आप को संयमित रखा बल्कि सटीक निर्णय लेकर अपने कौशल का भी परिचय दिया।ये तो खतरे का पहला ही चरण था,आगे और क्या क्या देखने को मिले।

first time hindi mein typing try kiya bhai😁😄...shabd bahut se aate hai par typing thoda messy hai ..update humesha ki tarah bahut achha tha ...
Hindi typing me suru me thoda dikkat aati hai, but hindi devanagari jaisa maja padhne me hinglish me nahi aata:D Suyesh and shefaali to is kahani ki jaan hain bhai,:approve:
Thank you very much for your wonderful review and support bhai :thanx:
 
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