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Thank you very muchAwesome update![]()
सो तो है भाई।#131
बिल्कुल -- शलाका जैसी शक्तिशाली ‘देवी’ के उत्साहपूर्ण शब्दों को सुन कर इस दल में उत्साह की नई ऊर्जा का संचार होना लाज़मी ही है।
सत प्रतिशत सहमतशेफ़ाली का कहना सही है -- इस द्वीप पर आना इन सभी की नियति थी। जब संसार के दो कोनों में बैठे लोगों की जीवन डोर इस तरह से उलझी हुई हो, तो किसी न किसी बहाने वो मिल ही जाते हैं। मेरे एक अनन्य मित्र हैं; उत्तर प्रदेश के एक गाँव में पैदा हुए, एड़ी चोटी का ज़ोर लगा कर एक आईआईटी से पढ़े, फिर काम के सिलसिले में जापान चले गए। वहाँ उनको अपनी जीवन संगिनी मिली! सोचिए! अपनी होने वाली पत्नी से उनका न कोई लेना, और न कोई देना था - लेकिन उन दोनों को मिलना था, सो वो मिले!
सुयश और शलाका! और जैसा कि सभी पाठक सोच रहे हैं -- शेफ़ाली (मैग्ना) और कैस्पर। यही दिशा निकलने वाली है।
सही पकडे है।“मुझे तो ऐसा लगता है कैप्टेन, कि इस द्वीप का निर्माता हम पर लगातार नजर रखता है, इसलिये जैसे ही हम कोई उपाय सोचते हैं, वह हमारी सोच के विरुद्ध जाकर एक नयी मुसीबत खड़ी कर देता है।” --- जेनिथ का आँकलन पूरी तरह से सटीक है। यह सब बनावटी दुनिया है, इसलिए कोई उसको नियंत्रित कर रहा है। और उसका काट भी कोई आदमी ही निकाल सकता है, जैसा कि सुयश / आर्यन ने निकाला।
हम तो शुरुवात से ही बोल रहें है। आप लोग ही नहीं मान रहे थे।सुयश, कप्तान-ए-सुप्रीम एक लल्लू आदमी था, लेकिन सुयश, भूतपूर्व आर्यन बुद्धिमान है।
बिल्कुल ठीक कह रहें है।सरकार , अपुन का भी मन शलाका के ही साथ रहने का है।यहाँ पर एक बात मन में आ रही है -- इस द्वीप / तिलिस्मा का काट निकालने के बाद (जाहिर सी बात है, काट तो निकलेगा ही… कहानी भी तो इसी लिए लिखी जा रही है) शायद ही कोई मानवलोक में जाना चाहेगा।
#132
“आसमान से गिरे...खजूर में अटके तो सुना था, पर कुंए से निकले और ज्वालामुखी में लटके नहीं सुना था।” क्रिस्टी के शब्दों में फिर निराशा झलकने लगी। --- हा हा हा हा
उसका ही कोई खास।सोने के ड्रैगन का शेफ़ाली से क्या लेना देना है? पालतू होगा उसका - खलीसी टाइप!?
त्रिशाल और कलिका का व्यक्तिगत मामला था, जो अब सार्वजनिक हो चुका है।त्रिषाल और कलिका को मिला कर -- ध्वनि शक्ति और प्रकाश शक्ति दोनों आ गई है। हनुका जी भी साथ ही हैं। क्या खिचड़ी पक रही है इधर, पता नहीं। कालबाहु राक्षस कौन है? पहले अगर लिखा है, तो शायद मैं भूल गया।
“चलो राक्षसलोक पहुंचने से पहले अपनी शक्तियों के प्रदर्शन का इससे अच्छा अवसर नहीं मिलेगा।” त्रिशाल ने कहा- “तो दोनों में से कौन करेगा इस राक्षस का अंत?” --- Shoot first, ask questions later!![]()
मानता हूॅ, बस कुछ शब्द विशुद्ध हिंदी के साथ-साथ ऐसे भी निकल ही जाते है। मुझे हिंदी टाइप करनी नही आती थी, यही करता हूॅ तो कभी कभार शब्द या मात्राऑ की दिक्कत होती है, तो जो आसानी से मिल जाए , और पाठकों को समझ मे आ जाए, लिख देता हूॅ।#133
विद्युम्ना के मुँह से ‘बेहोश’ या अन्य आधुनिक शब्द सुन कर सही नहीं लगता। ‘अचेत’ सही है। वैसे ही ‘थ्योरी’ नहीं, ‘सिद्धाँत’ सही है।
“... देवता तो हमेशा छल से ही काम लेते हैं…” -- अक्षरशः सही है।
महा शक्ति मैग्ना।रावण की मूर्ति में किस देवी की अस्थियाँ हैं/थीं?
भ्रमन्तिका रुपी एक और मायाजाल! हे प्रभु।
सही कह रहे हो आप, कभी-कभार ऐसा हो जाता है।#134
भाई, एक फ़ूफागिरि तो दिखानी पड़ेगी यहाँ।
“द्रव्य” एक umbrella term है, जो किसी भी पदार्थ को reference करता है जिसमें द्रव्यमान (mass) और आयतन (volume) होता है। द्रव्य ठोस (solid), द्रव (liquid), और गैस (gas) तीनों अवस्थाओं को शामिल करता है। “द्रव” पदार्थ की तरल (liquid) या गैस (gas) अवस्था के रूप में प्रवाहित हो सकता है। आप ‘द्रव’ कहना चाहते थे, द्रव्य नहीं।
सत्य वचन भाई। मनुष्य के पास असीम शक्ति का भंडार है, बस फर्क सिर्फ इतना है कि हर कोई ना तो पहचान पाता है, ओर ना ही प्राप्त करने का रास्ता सबको मिलता ।अलेक्स और स्थेनो की मुलाक़ात --
आपने लिखा है कि आम तौर पर मनुष्य अपनी इंद्रियों की कुल क्षमता का बहुत कम ही इस्तेमाल अपने दैनिक जीवन में कर पाता है। यह बात वैज्ञानिक भी सही मानते हैं। हमारा मस्तिष्क इन्द्रिय-जन्य जानकारी को काफ़ी हद तक फ़िल्टर कर देता है, इसलिए क्षमता का उपयोग सीमित रह जाता है। लेकिन ट्रेनिंग, अभ्यास, या फिर ध्यान इत्यादि से इंद्रियों के उपयोग करने की सीमा बढ़ाई जा सकती है। या फिर “वशीन्द्रिय शक्ति” घोल पी कर!लेकिन फिर भी, “... त्वचा के माध्यम से कठोर से कठोर अस्त्र का प्रहार भी आसानी से झेल सकते हो…” जैसी शक्तियाँ पारलौकिक हैं।
ओहोहोहो... तो यह था उस सोने के सर वाले ड्रैगन का राज़! वो स्वयं ‘लैडन’ था - मैग्ना का पिता!![]()
अभी अपुन हां में हां नही मिलाएगा भाईइस मायावन का निर्माण मैग्ना और कैस्पर ने मिल कर किया। मैग्ना स्वयं शेफ़ाली के रूप में यहाँ मौजूद है और कैस्पर भी कोई बहुत दूर नहीं। ऊपर वाला कृत्रिम नियंत्रक कैस्पर का रोबोट है। उसका काट शायद नक्षत्रा, जो स्वयं एक सुपरनेचुरल इंटेलिजेंस है, के पास हो?
सही कहा,रावण की मूर्ति में मैग्ना की ही अस्थियाँ थीं! क्योंकि त्रिषाल और कलिका द्वारा उनका पंचतत्व में विलीन करने वाला काम होते ही, शेफ़ाली का जन्म हुआ! बहुत अच्छे!![]()
ये तो आप सब का बड़प्पन है। हम तो बस कोशिश कर रहें है कि आप सब को कुछ अलग तरह का पढने को मिल सके।#135
Adamantine -- the metal of the gods!
यार हद कर दी है आपने! क्या गज़ब की रिसर्च है! वाह भाई! वाह!
अत्यंत गहरी रिसर्च + आशातीत कल्पनाशक्ति + परिष्कृत लेखन == अद्भुत कथा!
सच में, अभी तक जितनी भी फंतासी कहानियाँ मैंने पढ़ी हैं - उनमें से यह कहानी से श्रेष्ठतम है! थोड़ी सी एडिटिंग, और बस - एक बेस्टसेलर बनने के सारे गुण मौजूद हैं इसमें!
वाह!![]()
Sure brotherWords fall short in the praise of this epic creation, Raj_sharma brother!
You are an amazing writer, BUT you are wasting your talent here...
Get this published! I can suggest you one very good (and may I say, an honest one - rarity in this business) publisher, who will work very hard with you. You deserve a lot! Think about it.
Yahi sab cheeje inko yaha se bahar nikaalegi bhai, aur rahi baat greek mythology ki, to uska reference waha se hi liya gaya hai jyadatar.Kya gazab ki update post ki he Raj_sharma Bhai,
Greek mythology kaafi had tak apni pauranik kathao se mel khati he..........
Ab jute, Helmet aur Chhadi ka sahi istemal karna hoga suyash and party ko...........
Keepr rocking Bro
Sab ho jayega dost, dekhte jao, baaki cheeje bhi idhar hi hainlovely update..suyash aur uski team milke har samasya ko suljhane me kamiyab ho rahe hai ..is baar ki paheli ka hal bhi sabne milke solve kar liya par 3 pankh aur 5 log ,,sab kaise niche jayenge is paheli ko kaise saljhate hai ye log ..
Let's restart review
इनका संगठन ही इन सबकी असलि ताकत है।Bahut hi shandar update bhai
Greek mythology mei hindu gods ka reference adbhut tha, sabhi log milkar problem solve kr rhe h shayad aise hi ye sabhi challenges ko pura kr lenge
Let's review beginsचैपटर-11 स्मृति रहस्य: