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Fantasy 'सुप्रीम' एक रहस्यमई सफर

Raj_sharma

यतो धर्मस्ततो जयः ||❣️
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Bahut hi gazab ki update he Raj_sharma Bhai

Ek baar fir apne shant dmag se kaam lene se ye log ek aur dwar paar kar gaye.........

Ab inhe aana he apne desh me.............

Keep rocking Bro
Thank you very much for your valuable review and superb support bhai , sath bane rahiye :hug:
 
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Raj_sharma

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रिव्यू की शुरुआत

सपनों का संसार लेकिन मुझे ये समझ नहीं आया कि सपनों का संसार किसका? आखिर क्या ये सपनों का संसार किसी चीज़ का संकेत था? चंद्रमा, सूरज, पवन, इंद्र, पृथ्वी क्या ये सामान्य था कि बस टास्क पूरा करो या आगे बढ़ो? समझ ये नहीं आ रहा मुझे कि कुछ भी बिना वजह तो कहानी में नहीं होगा।
Tumhara sochna sahi bhi hai aur galat bhi, bina vajah kuch nahi hota, lekin vajah to hai hi na 😎
मुझे इतना तो विश्वास है राज शर्मा पर कि ज़रूर ये लोग तिलिस्म के ज़रिए कुछ तो बताना चाह रहे, लेकिन समझ नहीं आ रहा मुझे कि क्यों तिलिस्म की मुश्किलें इतने सारे हैं। कुछ तो है जो किसी के पल्ले पड़ रहा है। मुझे शैतानी ख़ोपड़ी चलानी पड़ेगी, तभी कुछ पता चलेगा।
Chalaao chalaao :D
सपनों के संसार में क्रिएटिविटी लेवल लाजवाब था। इतनी क्रिएटिविटी मुझसे तो कभी नहीं हो सकती। बादल से ट्रैवल करना, किसान की समस्या सॉल्व करना कुल मिलाकर लाजवाब अपडेट।

अगला रिव्यू अभी या कल रात को।
Bhai creative to karna hi padega na, varna sako ek hat ke story kidhar se milegi ?:D Khair, thank you very much for your amazing review and superb support bhai :hug:
 
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Raj_sharma

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Raj_sharma

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रिव्यू शुरू किया जाए।
इंटरस्टिंग इंटरस्टिंग मज़ेदार अपडेट।
मयूर और धरा के जाने का ज़िक्र मतलब पिछले कुछ इंचार दिनों के भीतर कुछ अनहोनी गुज़र गई है।
अंदेशा लगाया जाए तो कौन-सा जीव ने ये सब जानवरों का हमला करवाया
देख लो :dazed:
क्या वो एंडोर्श ग्रह के निवासी थे या तिलिस्म से भगाए गए जीव हैं वो
मेरा अंदेशा एंडोर्श की तरफ़ जा रहा है उन लोगों ने ज़रूर कुछ अपना प्रयोग शुरू किया है।

वो तिलिस्म जीव इतने बड़े स्तर की तबाही मचाना मुश्किल है; दूसरा, वो ये कि कहीं न कहीं जानबूझकर वेगा और वीनस को भी टारगेट किया जा रहा है।
Abhi kuch kah nahi sakta, lekin sayad kuch aisa hi :dazed:
साथ ही एक और बात वीनस भी कुछ जीव-जंतुओं के माइंड-कंट्रोल की पावर शायद जानती है।
ऐसा लगा मुझे, कहीं ऐसा तो नहीं कि वेगा ने सम्मोहन सिखाया हो उसे पर वेगा तो उस पावर देने वाले से राज़ रखने को कह चुका था।
मतलब वेगा ने नहीं सिखाया, तो शायद वीनस भी मैजिकल है।
Vega ne kuch nahi sikhaya be, वीनस के पास खुद कि पावर है, लेकिन कोनसी और कैसे? ये अगले चैप्टर में बता देंगे।:D
घड़ी की पावर्स का एक बार फिर से नमूना देख लिया हमने कितनी ख़तरनाक पावर्स हैं।
अगर ये पावर्स ग़लत हाथों में जाएँ तो बहुत बड़ा नुक़सानदायक साबित होंगी।
देख लो, धरा शक्ति का एक कण ही इतना शक्तीशाली है, तो धरा की शक्ति कितनी होगी? :shhhh:खैर , thank you very much for your wonderful review and superb support bhai :hug:
 
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Raj_sharma

यतो धर्मस्ततो जयः ||❣️
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Okk
Abhii start hi ki hu padna
Hr update ka review thena possible nhi
Sab ka ek sath dungi review
Btwn jitni bhi padi hai kafi intresting hai
No problem dear, take your time 👍
Thanks
:D
 

Raj_sharma

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Raj_sharma

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#169.

कस्तूरी मृग:
(17.01.02, गुरुवार, 09:30, सीनोर महल, अराका द्वीप)

सनूरा ने सुर्वया और मेलाइट को एक कमरे में ठहरा दिया था और रोजर को दूसरा कमरा दिया था।

लुफासा के कहे अनुसार सनूरा ने मेलाइट को वापस जाने का भी आग्रह किया था, पर मेलाइट ने इस आग्रह को अस्वीकार कर दिया था।

इस समय मेलाइट और सुर्वया अपने कमरे में बैठीं थीं कि तभी सनूरा की आवाज ने दोनों का ध्यान भंग किया- “क्या हम अंदर आ सकते हैं?”

“हां-हां आइये ना।” मेलाइट ने विनम्र लहजे में कहा- “आपका ही महल है, आपको पूछने की आवश्यकता नहीं है।”

“जब एक कमरे में 2 राजकुमारियां बैठीं हों, तो सेनापति को हमेशा पूछ कर ही कमरे में जाना चाहिये।” सनूरा ने मुस्कुराते हुए कहा।

सनूरा की बात सुन मेलाइट और सुर्वया मुस्कुरा दीं। सनूरा अब उनके सामने रखी कुर्सी पर बैठ गई।

“आप दोनों को यहां रहते हुए आज 2 दिन बीत गये हैं, उम्मीद है कि अब आप दोनों थोड़ा सहज महसूस करने लगी होंगी, इसलिये मैंने सोचा कि आप लोगों से आपकी पूरी कहानी सुन लूं, क्यों कि उस दिन लुफासा के जाने के बाद, हमें एक दूसरे से कुछ ज्यादा पूछने का समय नहीं मिला। ऊपर से आप लोग, उस दिन थोड़ा असहज भी दिख रहीं थीं, इसलिये मैंने 2 दिन तक आप लोगों से बात भी नहीं की।” सनूरा ने दोनों को देखते हुए कहा।

“बिल्कुल सही कहा आपने।” सुर्वया ने सनूरा की ओर देखते हुए कहा- “उस दिन हम लोग यही नहीं समझ पा रहे थे कि आप लोग सही हैं या गलत? इसलिये आपसे बहुत सोच-समझकर बात कर रहे थे। पर आज
हम आपके सामने बेहतर महसूस कर रहे हैं। इसलिये अपनी कहानी बताने को तैयार हैं।”

“एक मिनट-एक मिनट।” मेलाइट ने बीच में ही सुर्वया को टोकते हुए कहा- “क्या हमें रोजर को भी इस समय यहां बुला लेना चाहिये? उसे भी तो जानना होगा, हम सबके बारे में।”

मेलाइट की बात सुन सुर्वया मुस्कुराते हुए बोली- “तुम्हें रोजर की बहुत याद आ रही है ....सबकुछ ठीक तो है ना?”

सुर्वया के शब्दों में एक अर्थ छिपा था, जिसे मेलाइट तो समझ गई, पर सनूरा को कुछ समझ नहीं आया।

“क्या मैं जान सकती हूं कि आप दोनों रोजर की बात सुनकर इतना मुस्कुरा क्यों रहीं हैं?” सनूरा ने आश्चर्य से दोनों को देखते हुए कहा।

“एक मिनट रुकिये सनूरा, बस आपको अभी पता चल जायेगा ....जरा दरवाजे की ओर देखिये।” सुर्वया ने मुस्कुराते हुए सनूरा को दरवाजे की ओर देखने का इशारा किया।

सनूरा ने कमरे के दरवाजे की ओर देखा, पर उसे कुछ नजर नहीं आया।

तभी कमरे के दरवाजे से रोजर भागता हुआ कमरे में प्रविष्ठ हुआ।
उसकी साँसें बहुत तेज चल रहीं थीं।

रोजर की कमर पर इस समय सिर्फ एक तौलिया लिपटा हुआ था, जिसने उसके निचले बदन को ढंक रखा था।

रोजर की नाभि से इस समय एक तीव्र सुनहरा प्रकाश निकल रहा था, उस प्रकाश से बहुत अच्छी खुशबू भी आ रही थी।

“कोई बतायेगा कि यह मेरे साथ क्या हो रहा है?” रोजर ने घबराए अंदाज में सबको देखते हुए कहा- “यह मेरे शरीर से कैसा प्रकाश निकल रहा है? कहीं यह आप दोनों की कोई शरारत तो नहीं?”

सनूरा भी आश्चर्य से रोजर के शरीर से निकलते प्रकाश को देख रही थी, उसे भी इस प्रकाश का स्रोत समझ में नहीं आया, पर सुर्वया के हल्के से इशारे से सनूरा चुपचाप बैठी रही।

रोजर की बात सुन मेलाइट अपनी जगह से उठकर खड़ी हुई और चलती हुई रोजर के पास जा पहुंची।

“क्या तुम्हें लगता है रोजी...आई मीन रोजर...कि यह हम दोनों की कोई शरारत है?” मेलाइट ने भोलेपन से जवाब दिया।

“हां , लगता है....2 दिन से आप दोनों मुझे अलग-अलग तरह से परेशान कर रही हो।” रोजर ने रोनी सूरत बनाते हुए कहा।

“हम दोनों?....नहीं-नहीं रोजर.... इसमें सुर्वया का कोई हाथ नहीं। वह तो सिर्फ मेरे साथ थी....तुम्हें तो परेशान तो मैं कर रही थी....आई मीन...हम तुम्हें परेशान क्यों करेंगे। दरअसल हमें तो पता भी नहीं कि
यह रोशनी कहां से आ रही है? पर ....पर इसकी खुशबू मुझे मदहोश कर रही है रोजर....कहां से लाते हो तुम इतनी खुशबू?” यह कहकर मेलाइट बेहोश होने का नाटक कर लहरा कर गिरने लगी।

मेलाइट को गिरते देख रोजर ने बीच में ही उसे थाम लिया। अब रोजर मेलाइट की बंद आँखों को निहार रहा था।

तभी मेलाइट ने अपनी आँखें खोल दीं और अपने चेहरे पर बनावटी गुस्सा लाते हुए कहा- “ये तुमने मुझे अपनी बाहों में क्यों भर रखा है? क्या तुम्हें पता नहीं कि हम कौन हैं? और...और ये तुम बिना कपड़ों के हमारे कमरे में क्या कर रहे हो? क्या तुम्हें पता नहीं कि इस कमरे में 3 लड़कियां हैं? अगर तुम्हारा यह तौलिया अपने स्थान से खिसक गया तो। अगर तुम ऐसी हरकत करोगे, तो मैं देवी आर्टेमिस से तुम्हारी शिकायत करुंगी।”

मेलाइट की बात सुन रोजर ने घबराकर मेलाइट को छोड़ दिया।

अब रोजर की नाभि से सुनहरी रोशनी निकलना बंद हो चुकी थी, यह देख रोजर ने एक नजर सब पर मारी और फिर वहां से जान छुड़ाकर
ऐसे भागा, जैसे कि उसके पीछे भूत पड़े हों।

रोजर के जाने के बाद, मेलाइट अपने स्थान पर आकर पुनः बैठ गई, पर इस समय मेलाइट, सुर्वया और सनूरा तीनों के ही चेहरे पर एक मुस्कान थी।

“हां, तो हम कहां थे? आई मीन क्या बात कर रहे थे?” मेलाइट ने सनूरा से पूछा।

“हां...हम एक-दूसरे से अपनी कहानियां सुनाने की बात कर रहे थे।” सनूरा ने कहा- “पर अब सबसे पहले मैं मेलाइट की कहानी जानना चाहती हूं, क्यों कि ये जो अभी कुछ देर पहले हुआ, ये मुझे काफी रोचक
लगा।”

सनूरा की बात सुन मेलाइट के चेहरे पर फैली मुस्कान और गहरी हो गई और वह बोल उठी- “हम 5 बहनें दक्षिण ग्रीस के, सीरीनिया नामक जंगल के बीच की, एक सुंदर सी झील में रहते थे। हम सभी स्वच्छ जल में रहने वाली अप्सराएं थीं... और आप तो जानती ही हैं कि पुराने समय में अप्सराओं का जीवन कितना विचित्र होता था, अप्सराओं की सुंदरता ही उनके लिये अभिशाप बन जाती थी। जब भी किसी देवता या शक्तिशाली मनुष्य की निगाह सुंदर अप्सराओं पर पड़ती थी, तो वह जबरन उसे उठा ले जाते थे।

“इस प्रकार की किसी भी घटना से बचने के लिये अप्सराओं के देवता ने, हर अप्सरा को किसी जीव में बदल जाने की शक्ति दी, जिससे वह अपने घर से बाहर निकलते समय उस जीव में परिवर्तित हो जाती थीं। कुछ ऐसी ही शक्ति के तहत हम सभी बहनें भी सुनहरी हिरनी का रुप धारण कर लेते थे। एक दिन जब हम सीरीनिया के जंगल में सुनहरी हिरनी बनकर घूम रहे थे, तो शिकार की देवी आर्टेमिस ने हमें देख लिया, पर वह हमारी सुंदरता से मुग्ध हो गईं, इसलिये उन्होंने हमें मारा नहीं। मेरी 4 बहनों ने अपनी इच्छा से देवी आर्टेमिस का रथ खींचने का कार्यभार संभाल लिया। परंतु मैंने देवी आर्टेमिस की बात नहीं मानी।”

“क्यों? मैं जानना चाहती हूं कि तुमने देवी आर्टेमिस की बात क्यों नहीं मानी?” सनूरा ने बीच में ही मेलाइट को टोकते हुए कहा।

“क्यों कि देवी आर्टेमिस कुंवारी थीं इसलिये उनका रथ खींचने वाली सभी हिरनिओं को आजीवन कौमार्य व्रत धारण करना पड़ता और मुझे ये मंजूर नहीं था। मैं विवाह करके गृहस्थ जीवन जीना चाहती थी।” मेलाइट ने कहा- “आर्टेमिस ने मुझे इसकी इजाजत दे दी। अब मुझे तलाश थी किसी ऐसे योद्धा की, जिसके साथ रहने पर मुझे लगाव महसूस हो सके।

“आखिरकार एक दिन मुझे वह योद्धा मिल ही गया और वह योद्धा था- हरक्यूलिस, जो कि राजा यूरीस्थियस के कहे अनुसार अपने 12 कार्यों को पूरा करने निकला था। हरक्यूलिस को दिये गये 12 कार्यों में से एक मुझे पकड़कर ले जाना भी था। यूरीस्थियस नहीं चाहता था कि हरक्यूलिस अपने कार्य में सफल हो, इसलिये उसने मुझे पकड़ने का कार्य दिया था।

“उसे पता था कि जब हरक्यूलिस मुझे पकड़ने की कोशिश करेगा, तो देवी आर्टेमिस उसे जिंदा नहीं छोड़ेंगी। इसी कार्य के तहत हरक्यूलिस ने मुझे पकड़ लिया। मुझे हरक्यूलिस की वीरता और साहस से प्यार हो गया। मैंने बाद में हरक्यूलिस के सामने अपने विवाह का प्रस्ताव रखा, पर हरक्यूलिस तैयार नहीं हुआ। उसने कहा कि मेरे लिये ‘कोई और’ बना है।

“जब मैंने हरक्यूलिस से उस ‘कोई और’ के बारे में पूछा, तो उसने मुझे एक सुनहरी कस्तूरी दी और मुझसे कहा कि जब कभी मुझे, कोई भी पुरुष पहली बार स्पर्श करेगा, तो यह सुनहरी कस्तूरी उसकी नाभि में प्रवेश कर जायेगी। इस सुनहरी कस्तूरी की वजह से वह पुरुष एक सुनहरे मृग में भी परिवर्तित हो सकेगा और उसमें बहुत सी अदृश्य शक्तियां भी आ जायेंगी। वही पुरुष मेरा ‘कोई और’....मेरा मतलब है कि मेरा जीवन साथी बनेगा। बस तब से आज तक मैं उस ‘कोई और’ को ढूंढ रहीं हूं।” इतना कहकर मेलाइट चुप हो गई।

“अच्छा, अब मुझे समझ में आया कि तुम यहां से क्यों नहीं जाना चाहती।” सनूरा ने मुस्कुराते हुए कहा- “दरअसल तुम्हें यहां ‘कोई और’ मिल गया है, जो कि तौलिये में ‘किसी और’ के सामने घूम रहा है।”
सनूरा के यह शब्द सुन तीनों ही जोर से हंस दिये।

“अच्छा, एक बात तो बताओ मेलाइट? कि वह रोजर के शरीर से निकल रहा सुनहरा प्रकाश अपने आप बंद कैसे हो गया?” सनूरा ने अब किसी दोस्त की भांति मेलाइट से पूछा।

“जब भी मेरे मन में प्रेम की कोपलें फूटेंगी, उसके शरीर से प्रकाश प्रस्फुटित होने लगेगा, पर जैसे ही वह मुझे स्पर्श करेगा, उसके शरीर का प्रकाश स्वतः बंद हो जायेगा।” मेलाइट ने किसी जादूगर की भांति खड़े होकर अपना हाथ हवा में लहराते हुए अपने विचार प्रकट किये।

“ओ...होऽऽऽऽऽ जादू भरी प्रेम कहानी।....अद्भुत....पर बेचारा रोशनी का देवता....उसे तो अपनी ही प्रेम कहानी मालूम नहीं है।” सुर्वया ने आह भरते हुए मेलाइट को चिढ़ाया।

“तो ‘कोई और’ की कहानी तो पूरी हो गई।” सनूरा ने टॉपिक बदलते हुए, सुर्वया की ओर देखा- “अब आपकी कहानी में भी ‘कोई और’ तो नहीं।”

सनूरा ने अपने शब्दों से सुर्वया को अपनी कहानी सुनाने का इशारा किया था।

सनूरा की बात सुन सुर्वया ने गहरी साँस भरी और बोलना शुरु कर दिया- “काश...मेरी भी कहानी में कोई और होता?....मेरी कहानी में जादू तो है, पर ‘कोई और’ नहीं.... बस आकृति है...एक ऐसी आकृति, जिसकी आकृति मुझे बिल्कुल भी पसंद नहीं।...बात आज से लगभग 5,015 वर्ष पहले कि है जब आकृति और आर्यन वेदालय के एक कार्य के चलते, सिंहलोक से ‘चतुर्मुख सिंहराज’ को लेने आये थे।”

“एक मिनट, यह आर्यन कौन है? वेदालय क्या है? और यह ‘चतुर्मुख सिंहराज’ क्या था? जरा खुलकर समझाओगी क्यों कि मैं इसके बारे में नहीं जानती।” सनूरा ने बीच में ही टोकते हुए कहा।

“आज से 20,000 वर्ष पहले हि..न्दू दे..ओं ने, भविष्य में पृथ्वी की सुरक्षा के लिये ब्रह्मांड रक्षकों को बनाने का निर्णय लिया। इसके लिये उन्हें कुछ अजेय मनुष्यों की जरुरत थी, जो कि देव-शक्तियों के द्वारा छिपकर, पृथ्वी की रक्षा कर सकें। इस कार्य के तहत महागुरु नीलाभ और उनकी पत्नि माया को दे..ताओं ने 15 लोकों का निर्माण करने को कहा। इन 15 लोकों में देओं ने 30 देव शक्तियों को छिपा दिया। फिर इसके बाद एक रहस्यमयी विद्यालय ‘वेदालय’ की रचना की गई।

“जिसमें पृथ्वी के सर्वश्रेष्ठ 13 बच्चों का चुनाव किया गया। इस वेदालय की पढ़ाई पूरे 10 वर्षों तक चलनी थी और इन 10 वर्षों में उन सभी बच्चों को वेदालय में ही रहकर इन सभी 30 देव शक्तियों को ढूंढना था। आकृति और आर्यन इन्हीं 13 बच्चों में से 2 थे। हमारा सिंहलोक भी इन्हीं 15 लोकों में से एक था, जहां पर 2 देव शक्तियां छिपी थीं- पहली थी ‘चतुर्मुख सिंहराज’ और दूसरी थी- ‘शुभार्जना’। दरअसल इन 2 शक्तियों की वजह से ही हमारा लोक एक प्रकार से अमर था। ‘चतुर्मुख सिंहराज’ एक 4 सिर वाली सिंह की प्रतिमा थी, जिसे राज्य के द्वार पर लगाया गया था।

“कहते थे कि यह ‘चतुर्मुख सिंहराज’ जिस राज्य के द्वार पर रहेगा, वहां कभी भी मृत्यु के देवता ‘यम’ प्रविष्ठ नहीं हो सकते। हमारे लोक की दूसरी शक्ति थी- शुभार्जना। शुभार्जना, एक छोटी सी डिबिया में बंद एक सिंह की गर्जना थी, जिसका 3 बार प्रयोग कर, किसी भी 3 मृत इंसान को जीवित किया जा सकता था। हां... तो अब आते हैं ‘चतुर्मुख सिंहराज’ पर, जो कि आर्यन और आकृति हमारे लोक लेने के लिये आये थे।

“यहां मेरी दोस्ती आकृति से हो गई, जिससे आकृति को मेरी कायांतरण और दिव्यदृष्टि का पता चल गया।
कायांतरण के द्वारा मैं किसी का भी चेहरा 24 घंटे के लिये बदल सकती थी और दिव्यदृष्टि के द्वारा किसी भी जीव को, जो जमीन पर हो, ढूंढ सकती थी।.....एक बार वेदालय की पढ़ाई खत्म हो जाने के बाद आकृति मेरे पास आयी और उसने मुझसे अपने चेहरे पर शलाका का चेहरा लगाने को कहा। मुझे नहीं पता था कि वह इसके माध्यम से क्या करना चाहती है? इसलिये मैंने वैसा ही किया, जैसा कि वह चाहती थी।

“आकृति शलाका का चेहरा लगवा कर वहां से चली गई। 2 दिन बाद ही वह मेरे पास वापस आ गई, पर उसका चेहरा 24 घंटे के बाद भी शलाका का ही था। यह देख मुझे भी आश्चर्य हुआ कि मेरी कायांतरण शक्ति सही काम क्यों नहीं कर रही? बाद में मुझे पता चला कि आकृति ने शलाका के वेश में अमृतपान कर लिया था और अमृतपान का यह नियम था कि उसे जिस वेश में पिया जाता, वह वेश सदा के लिये पीने वाले को धारण करना पड़ता। यानि कि अब आकृति चाहकर भी, अपना चेहरा नहीं पा सकती थी। आकृति ने गुस्सा होकर मुझे एक जादुई दर्पण में बंद कर दिया और उस दर्पण को एक अंधेरे कमरे में रख दिया।

“मैं बिना प्रकाश के अपनी दिव्यदृष्टि का प्रयोग नहीं कर सकती थी। अब मैं सदा के लिये अंधेरे कमरे में, उस जादुई दर्पण में बंद हो गई। लगभग 10 महीने के बाद आकृति ने मुझे अंधेरे कमरे से निकाला और मुझे उसके पुत्र को ढूंढने के लिये कहा।

"उसने कहा कि अगर मैं उसके पुत्र को ढूंढ दूंगी, तो वह मुझे कैद से आजाद कर देगी। मैंने आकृति के पुत्र को ढूंढने की बहुत कोशिश की। पर वह मुझे नहीं मिला...शायद आर्यन ने उसे किसी ऐसी जगह रखा था, जहां मेरी दिव्यदृष्टि नहीं पहुंच पा रही थी। फिर अचानक एक दिन आर्यन और शलाका दोनों ही मेरी दिव्यदृष्टि से ओझल हो गये। यह सुनकर आकृति और ज्यादा गुस्सा
गई और उसने मुझे फिर कभी भी अपनी कैद से नहीं छोड़ा।” यह कहकर सुर्वया शांत हो गई।

“हम्...तुम्हारी कहानी तो काफी दर्द भरी थी।” मेलाइट ने कहा- “पर तुमने यह नहीं बताया कि तुम सिंहलोक में कैसे पहुंची? तुम्हारे परिवार में कौन-कौन था? और तुम्हारे बाद सिंहलोक का क्या हुआ?”

“वह कहानी बहुत लंबी है...उसे मैं फिर कभी सुनाऊंगी।” सुर्वया ने मुस्कुराने की असफल चेष्टा करते हुए कहा।

सुर्वया के चेहरे के भाव देख मेलाइट और सनूरा ने सुर्वया को और नहीं कुरेदा, पर वो समझ गये कि सुर्वया की जिंदगी का अभी एक और पन्ना खुलना बाकी है, जो कि समय आने पर ही खुलेगा।

“अब तुम अपने बारे में बताओ सनूरा।” सुर्वया ने सनूरा की ओर देखते हुए कहा।

लेकिन इससे पहले कि सनूरा अपने बारे में कुछ बोल पाती, कि तभी महल में, किसी बड़े से ढोल की आवाज गूंजने लगी, वह आवाज सुन सनूरा डर गई।

“यह तो खतरे का सिग्नल है, क्या सीनोर राज्य पर कोई खतरा मंडरा रहा है?” सनूरा ने कहा।

“रुको मैं देखती हूं।” यह कहकर सुर्वया ने अपनी आँखें बंद कर लीं। अब सुर्वया के माथे पर एक लाल रंग का प्रकाशपुंज दिखाई देने लगा।

“नहीं...नहीं...मुझे धुंधला दिखाई दे रहा है...शायद खतरा अभी भी पानी के अंदर है...रुको...मुझे समुद्र की लहरों पर एक धुंधली सी विशाल आकृति दिख रही है...क्या...क्या यह कोई राक्षस है या फिर कोई बड़ा सा अंतरिक्ष यान?” सुर्वया ने इतना देखकर अपनी आँखें खोल दीं- “जब तक वह समुद्र की लहरों पर है, तब तक मैं उसे साफ नहीं देख सकती।”

सुर्वया के शब्द सुन सनूरा तेजी से बाहर की ओर भागी।

सनूरा को बाहर जाते देख मेलाइट और सुर्वया ने एक दूसरे की ओर देखा और फिर वह भी सनूरा के पीछे भाग लीं।

आखिर वह सब अब एक अच्छी दोस्त थीं।


जारी रहेगा______✍️
 

Raj_sharma

यतो धर्मस्ततो जयः ||❣️
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Badhiya update bhai

To Toffik hi tha jisne sab kiya tha lekin loren ko kyun mar diya usne wo to usse pyar karta tha na or bechari loren bhi uske pyar me andhi hoker uski baten man rahi thi or jis jenith se badla lena chahta tha use abhi tak jinda rakha ha usne usse pyar ka natak karta ja raha ha Jenith ki sab sachhai pata pad gayi ha dekhte han kab tak Toffik babu apni sachhai chhupa pate han waise bure karm ki saja milti hi ha or jis jagah ye sab han usse lagta ha jaise Aslam miya ko saja mili usi prakar Toffik ka bhi number lag sakta ha

चौदह वर्ष पूर्व कलिका - जो दिल्ली के एक मैग्जीन की संपादक थी - ने यक्षलोक के प्रहरी युवान के कठिन सवालों का जो जवाब दिया वह बिल्कुल महाभारत के एक प्रसंग ( युधिष्ठिर और यक्ष संवाद ) की तरह था ।
क्या ही कठिन सवाल थे और क्या ही अद्भुत जवाब थे ! यह सब कैसे कर लेते है आप शर्मा जी ! पहले तो दिमाग मे कठिन सवाल लाना और फिर उस सवाल का जवाब ढूंढना , यह कैसे कर लेते है आप !
यह वाकई मे अद्भुत था । इस अपडेट के लिए आप की जितनी तारीफ की जाए कम है ।

शायद सम्राट शिप से चौदह साल पहले जो शिप बरमूडा ट्राइंगल मे डुब गया था , उस शिप मे ही कलिका की बेटी सफर कर रही होगी । वह लड़की आकृति हो सकती है । वह आकृति जो शलाका का क्लोन धारण कर रखी है ।

दूसरी तरफ सामरा प्रदेश मे व्योम साहब पर कुदरत बहुत ही अधिक मेहरबान हो रखा है । वगैर मांगे छप्पर फाड़ कर कृपा बरसा रहा है । पहले अमृत की प्राप्ति हुई और अब राजकुमारी त्रिकाली का दिल उनपर धड़क गया है ।
मंदिर मे जिस तरह दोनो ने एक दूसरे को रक्षा सूत्र पहनाया , उससे लगता है यह रक्षा सूत्र नही विवाह सूत्र की प्रक्रिया थी ।


इन दो घटनाक्रम के बाद तीसरी तरफ कैस्पर का दिल भी मैग्ना पर मचल उठा है और खास यह है कि यह धड़कन हजारों वर्ष बाद हुआ है । लेकिन सवाल यह है कि मैग्ना है कहां !
कहीं शैफाली ही मैग्ना तो नही ! शैफाली कहीं मैग्ना का पुनर्जन्म तो नही !

कुकुरमुत्ता को छाते की तरह इस्तेमाल करते हुए सुयश साहब और उनकी टीम का तेजाबी बारिश से खुद को रक्षा करना एक और खुबसूरत अपडेट था । पांच लोग बचे हुए हैं और एलेक्स को मिला दिया जाए तो छ लोग । तौफिक साहब की जान जाते जाते बची , लेकिन लगता नही है यह साहब अधिक दिन तक जीवित रह पायेंगे ।
कुछ मिलाकर पांच प्राणी ही सम्राट शिप के जीवित बचेंगे , बशर्ते राइटर साहब ने कुछ खुराफाती न सोच रखा हो ।
ये मिश्रित पांडव जीवित रहने चाहिए पंडित जी ! :D

सभी अपडेट बेहद खुबसूरत थे ।
रोमांच से भरपूर ।
एक अलग तरह की कहानी , एक अद्भुत कहानी ।
और आउटस्टैंडिंग राइटिंग ।

Radhe Radhe guruji,, break pe chala gya tha uske baad is id ka password issue ho gya tha so sign in nahi tha itne time se ab wapas aaya hu to dubara se updates ki demand rakhunga...waise stock to abhi full hai kuch time ke liye so read karta hu

शानदार अपडेट राज भाई

Wonderful update brother!

Alex, Cristy, Shefali, Suyash aur Taufiq sabhi ka thoda thoda role raha octopus ko marne mein lekin Jenith bechari yahan par sirf ek darshak bani rahi.

Alex ki sense powers jo sabhi se thoda jyada hai wo iska istemaal bahut achhe se kar raha hai.

अद्भुत अंक भाई

(मैं अपने विचार कहानी को पढ़ते हुए लिखता हूँ - इसलिए शायद अजीब से लगें मेरे कमैंट्स)


#147
बड़ी ही सुन्दर कहानी लिखी है आपने बाल हनुका की!
पवन-पुत्र का आशीर्वाद, जिसने माया की शादी के दिन ही गणेश भगवान का दिया हुआ श्राप समाप्त कर दिया।
संकट मोचन इसीलिए कहते हैं हनुमान भगवान को।

#148
वैसे तो आपने हमारी सुविधा के लिए तिलिस्मा का ब्योरा सामने रख दिया, लेकिन रोमांच और प्रत्याशा की दृष्टि से यह बता देना थोड़ा जल्दी हो गया।
वैसे आपकी लेखनी ऐसी है कि यह दोनों बातें बनी रहेंगी - यह हमको पता है।
इस बीच जैंगो और तमराज इत्यादि की बात नहीं उठी। जो कि थोड़ा अखर रही है। ख़ैर…

द्रव्य नहीं - द्रव। पहले भी बता चुका हूँ! हा हा हा! :)

ये केश्वर वो AI है, जो sentient हो गया है। हा हा हा हा! 😂
इसकी तो मईया करनी ही पड़ेगी।
जैसे AI प्रदत्त data से सीखता है, वैसे ही केश्वर ने सुयश और उसके दल बल की काबिलियत का सही आँकलन कर लिया है।
मतलब अब उनको हर बार कुछ न कुछ नया करना पड़ेगा - क्योंकि केश्वर के पास उनके हर दाँव का काट होगा।

भौतिकी से सम्बंधित प्रश्न : समय को उसके सातवें भाग के बराबर गति सीमित करने के लिए हमको प्रकाश के 98.97 प्रतिशत गति पर चलना पड़ता है।
ये इस टापू पर कैसे संभव हो रहा है?

जो मैं जानता हूँ, उसके हिसाब से नीलकमल की यह पहेली Josephus problem के समान है।

#149
लेकिन इस पहेली को उस तरीके से नहीं तोड़ा गया।
कोई बात नहीं - हर बार हमारी सोच सही हो, यह आवश्यक नहीं। 🤟

हम्म्म… तो उस पानी जैसे द्रव में सभी को अपने worst nightmares या guilts दिखाई देते हैं।
ये केश्वर तो बेहद बदमाश है - bad AI! 🤖

भ्रम का काट विश्वास होता है -- क्या बात है! वाह! साधु! 👏👏

गलत कहा, मैं कमाल का नहीं, क्रिस्टी का हूं।” ऐलेक्स ने मासूमियत से जवाब दिया। ---- हा हा हा हा हा! 😂😂😂😂😂

#150
एंड्रोवर्स या एंड्रोमेडा?
फिर से गलत बात -- फिर से कई और पात्र जोड़े जा रहे हैं कहानी में। बड़ी मुश्किल से तो कुछ नाम याद थे, अब ये और!
ऐसे में कोई ढंग का रिव्यू लिखे भी तो कैसे?

ख़ैर -- ये ओरस अपना नक्षत्रा ही है। काम की यही बात है।

“उस हरे ग्रह पर किस प्रकार के खतरे हैं” -- चिंता न करो एलान्का भाई। इस हरे या नीले ग्रह पर चूतियों का ही खतरा है।

लगता है Rene और Orena नाम की दो और “लड़ाकी” हिरोइनें आने वाली हैं। 🕺🕺🕺🕺😂😂😂

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मुझे लग रहा है कि ये बाणकेतु विद्युम्ना से छल कर रहा है।
न भी कर रहा हो, लेकिन केवल रूप सौंदर्य से रीझ कर किसी से विवाह निवेदन करना मूर्खता का काम है।
विद्युम्ना जैसी बुद्धिमती योगिनी से ऐसी आशा नहीं थी। आशा है कि कहानी में अनावश्यक मरोड़ें न आयें।


निजी जीवन में अनेकों परिवर्तनों के कारण हम कहानी से कोई डेढ़ महीने पीछे चल रहे हैं। लेकिन कभी न कभी संग हो लेंगे।
अपना ख़्याल रखें। मिलते हैं जल्दी ही। 💌

फिर से एक अप्रतिम रोमांचक और अद्भुत अविस्मरणीय मनमोहक अपडेट हैं भाई मजा आ गया
अब स्टॅचू ऑफ लिबर्टी की मुर्ती पर तिलिस्मा का नया खेल शुरु हो गया
खैर देखते हैं आगे
अगले रोमांचकारी धमाकेदार अपडेट की प्रतिक्षा रहेगी जल्दी से दिजिएगा

Maza aa gya bhai

Hamesha ki tarah lajawab update

Bahut hi achha update raha brother, kya inn sab ke pichhe wahi sab hain jo Mayur aur Dhara ko le gaye hain??? Dekhte hain kya Vega apni bahan Dhara ko bacha payega???


Wakai me ye sapno ka sansaar hi hai, jaisa ki prasnottari ke samay aapne bataya tha ki kya ho agar aapko indra ki bhoomika nibhani pade? Waise hi aapne karke dikha diya 🫡 baadlo ki sair, baarish karwana, kisaan ka ket, uski fasal, talaab ke paani se badal ko bharna, pawan chakki wala bhi amaze karne wala tha. Kul milakar ek dhamakedaar, superb, and amazing update tha👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻

Dynamic update and awesome story

Bahut hi shaandar update diya hai Raj_sharma bhai....
Nice and lovely update....

बहुत ही अद्भुत अपडेट है मजा आ गया ऋतुओं के खेल में !

Nice update....

Bhut hi badhiya update Bhai
Sabhi ne milkar sharad ritu vali samasya ko to sulja liya
Dhekte hai aage kya hota hai

Nice update.....

Bahut hi gazab ki update he Raj_sharma Bhai

Ek baar fir apne shant dmag se kaam lene se ye log ek aur dwar paar kar gaye.........

Ab inhe aana he apne desh me.............

Keep rocking Bro

Shaandar update

रिव्यू शुरू किया जाए।
इंटरस्टिंग इंटरस्टिंग मज़ेदार अपडेट।
मयूर और धरा के जाने का ज़िक्र मतलब पिछले कुछ इंचार दिनों के भीतर कुछ अनहोनी गुज़र गई है।
अंदेशा लगाया जाए तो कौन-सा जीव ने ये सब जानवरों का हमला करवाया

क्या वो एंडोर्श ग्रह के निवासी थे या तिलिस्म से भगाए गए जीव हैं वो
मेरा अंदेशा एंडोर्श की तरफ़ जा रहा है उन लोगों ने ज़रूर कुछ अपना प्रयोग शुरू किया है।

वो तिलिस्म जीव इतने बड़े स्तर की तबाही मचाना मुश्किल है; दूसरा, वो ये कि कहीं न कहीं जानबूझकर वेगा और वीनस को भी टारगेट किया जा रहा है।

साथ ही एक और बात वीनस भी कुछ जीव-जंतुओं के माइंड-कंट्रोल की पावर शायद जानती है।
ऐसा लगा मुझे, कहीं ऐसा तो नहीं कि वेगा ने सम्मोहन सिखाया हो उसे पर वेगा तो उस पावर देने वाले से राज़ रखने को कह चुका था।
मतलब वेगा ने नहीं सिखाया, तो शायद वीनस भी मैजिकल है।

घड़ी की पावर्स का एक बार फिर से नमूना देख लिया हमने कितनी ख़तरनाक पावर्स हैं।
अगर ये पावर्स ग़लत हाथों में जाएँ तो बहुत बड़ा नुक़सानदायक साबित होंगी।

Starting se end Tak sirf suspence hi hai
Ummid hai yeh aane wale 65 din mysterious ho
Aur shayed shefali ke sapno ka link bhi ho
Khair Raj_sharma wonderful start

romanchak update

nice update

Update Posted friends :declare:
 
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