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Fantasy 'सुप्रीम' एक रहस्यमई सफर

Raj_sharma

परिवर्तनमेव स्थिरमस्ति ||❣️
Supreme
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हमेशा की तरह बहुत ही सुंदर अपडेट...


नए नए खतरे मिल रहे हैं......कुछ भी हो सकता है इस "सुप्रीम" पर


अगले रोमांचक अंक के इंतजार में
Thank you so much for your valuable review and support bhai :hug: Abhi to bohot kuch hona baki hai mitra, aap sath bane raho, or maje lo kahani ke:shhhh:
 

Raj_sharma

परिवर्तनमेव स्थिरमस्ति ||❣️
Supreme
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sapna 1 ek choti si story hai ye or sab bol rahe hai ki achi bhi hai, to agar aapka mann ho to padh lo :shhhh:
 
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शर्मा जी , आप तो वाकई कोयले से भरे खदान मे पाए गए बेशकीमती हीरे निकले । जिस तरह से स्टोरी लिखने के दौरान अपने नाॅलेज , अपने शिक्षा , अपनी जानकारी का इस्तेमाल कर रहे है उससे स्पष्ट जाहिर होता है आप वास्तव मे बहुत ही पहुंची हुई आत्मा हो ।
मुझे समझ नही आ रहा है कि मै इस कहानी पर क्या रिव्यू लिखूं ! बस यही जी कर रहा है शिप के साथ हुए हर एक घटनाक्रम के रोमांच को महसूस करता जाऊं ।
गजब का थ्रिल क्रिएट किया है आपने । आप के लेखन तत्व रियलिस्टिक से मैच करता है ।

नो डाऊट , शिप और उसके पैसेंजर्स डेंजर जोन मे है जो आगे चलकर और भी अधिक डेंजर हो सकता है । यहां पर शिप पर हुए पहले की घटनाओं की तो कोई बात ही नही कर रहा है । अभी तो प्रमुख लक्ष्य शिप को सुरक्षित सही मार्ग पर लाना है ।

वैसे मुझे लगता है कैप्टन साहब को अपने सभी पैसेंजर को वास्तविक परिस्थिति से अवगत करा देना चाहिए ।

सुयश साहब को देखकर यह भी समझ आ रहा है कि एक शिप के कैप्टन की तनख्वाह कई कई लाखों मे क्यों होती है !

आउटस्टैंडिंग एंड जगमग जगमग अपडेट डियर ।
 

dev61901

" Never let an old flame burn you twice "
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# 16
1 जनवरी 2002, मंगलवार, 05:30;

सुयश आँख बंदकर कुर्सी पर बैठा था। मगर वह अभी भी बहुत तेजी से कुछ सोच रहा था।कुछ देर सोचते रहने के पश्चात, सुयश ने अपनी आँखें खोलीं। सुयश की नजर रोजर पर पड़ी। रोजर, असलम के साथ शिप के चालक दल को गाइड करने में लगा दिखायी दिया।

लेकिन इससे पहले कि शिप के चालक दल के सदस्य, शिप को स्टार्ट कर, सही रुट पर ला पाते। एक अजीब सी आवाज ने, फिर से सभी को आश्चर्य में डाल दिया।

“झर ....ऽऽ झर.....ऽऽ झर.....ऽऽ झर.....ऽऽ।“

“यह आवाज कैसी है?“ सुयश का व्याकुल स्वर कंट्रोल रूम में गूंज उठा।

सभी के कान अब सिर्फ और सिर्फ उस आवाज को सुनने में लगे थे। धीरे-धीरे वह आवाज तेज होती जा रही थी। एकाएक सुयश सहित सभी के दिमाग में एक स्वर गूंज उठा-“खतरा ऽऽऽऽ।“

“रोजर! तुरंत शिप के आसपास की लाइट्स को ऑन करो । क्विक.....।“ सुयश ने घबराकर कहा।

वह विचित्र आवाज धीरे-धीरे तेज होती जा रही थी और अब उसने तेज होते- होते भयानक रूप ले लिया था। इससे पहले कि यह लोग कुछ और समझ पाते।

शिप को एक तेज झटका लगा और वह बिना स्टार्ट किए ही चल पड़ा। रोजर ने झपट कर तुरंत शिप के बाहर की सारी सर्च लाइट ऑन कर दी।

“कैप्टन! कोई अंजाना खतरा हमारे शिप की ओर तेजी से मंडरा रहा है।“ असलम ने अपनी जुबान को अपने सूख चुके होठों पर फिराते हुए, डरे स्वर में कहा -

“हमारा शिप बिना स्टार्ट किए ही किसी दिशा में जा रहा है।“

अब सभी की निगाहें किसी अंजानी आशंका से, शिप के विंड स्क्रीन पर चिपक गईं। शिप की सर्च लाइट का दायरा सीमित होने के कारण, वह सभी शिप के ज्यादा आगे देख पाने में असमर्थ थे। शिप मंथर गति से आगे बढ़ रहा था और वह आवाज लगातार अभी भी तेज हो रही थी। अचानक शिप की सर्च लाइट ने, इन सभी को जो नजारा दिखाया, उसको देखते ही सभी के हाथ-पैर एका एक फूलते से नजर आए।

“भंवर...............।“ सुयश एका -एक चीख उठा। उन्हें कुछ दूरी पर, एक विशालकाय भंवर बनती नजर आयी। जो अपना दायरा लगातार बढ़ाती जा रही थी।

उसी भंवर के तीव्र बहाव के कारण, समुंदर का पानी भी तेजी से भंवर की ओर खिं च रहा था और उसी के साथ खिंच रहा था ‘सुप्रीम’ भी। इतनी विशालकाय भंवर को देख, एक पल के लिए सभी की सांसे रुक सी गईं। उधर शिप लगातार भंवर की ओर बढ़ रहा था। सभी लोगों के मौत के इस सम्मोहन को सुयश की आवाज ने तोड़ा-

“जल्दी करो........ शिप को स्टार्ट करो..... वरना यह अंजानी मौत हमें निगल जायेगी।“ सुयश के इतना कहते ही, संज्ञा शून्य हो चुके सभी व्यक्ति, अचानक हरकत में आ गए।

रोजर व असलम तेजी से शिप के कंट्रोल्स से छेड़-छाड़ करके उसे स्टार्ट करने की कोशिश करने लगे। अब सभी की निगाहें उस विशालकाय भंवर पर थीं, जो तेजी से शिप के बीच का दायरा कम करने में लगी हुई थी।

तभी ‘घर्र-घर्र‘ की तेज आवाज करते हुए, शिप का इंजन स्टार्ट हो गया। इंजन को स्टार्ट हो ते देख, सुयश चीख उठा-


“मोड़ो ऽऽऽऽऽ...जल्दी से शिप को मोड़ कर, भंवर से दूर जाने की कोशिश करो। ......वरना हम इसमें फंस जाएंगे.......और फंसने के बाद, इतनी बड़ी भंवर से हमारा बचकर निकल पाना असंभव होगा।“ भंवर की धाराएं, किसी शिकारी की तरह तेजी से शिप की ओर बढ़ रहीं थीं।

“कैप्टन!“ रोजर ने चिल्ला कर कहा-
“बिना स्पीड में लाए, इतने बड़े शिप को मोड़ना असंभव है और भंवर भी अब हमसे ज्यादा दूर नहीं है। जल्दी बताइए कैप्टेन अब हम क्या करें?“

लेकिन इससे पहले कि सुयश, रोजर को कोई जवाब दे पाता, जहाज को एक और तेज झटका लगा और वह भंवर की बाहरी कक्षा में प्रवेश कर गया। अब सुप्रीम, भंवर की धाराओं के हिसाब से धीरे-धीरे घूमना शुरू हो गया था। लहरों का शोर अब अपने चरमोत्कर्ष पर था। यह भयावह शोर सुनकर, शिप के अधिकांश यात्री भी जाग चुके थे और इस शोर का मतलब निकालने की चेष्टा कर रहे थे।


रोजर, असलम के साथ, बार-बार शिप को उस भयानक भंवर से निकालने की कोशिश कर रहा था। लेकिन शिप के स्पीड में ना होने के कारण, भंवर धाराएं उसे पुनः अंदर की ओर धकेल रही थीं। इस भयानक स्थिति में शिप, लहरों से अठखेलियां कर रहा था।

“रोजर! शिप को पहले भंवर से निकालने की कोशिश मत करो।“ सुयश इस भयानक परिस्थिति में भी तेजी से अपने दिमाग का इस्तेमाल कर रहा था-


“क्यों कि भंवर से निकलने के चक्कर में, शिप स्पीड नहीं पकड़ पा रहा है। और जब तक शिप स्पीड में नहीं आएगा , तब तक वह इस विशालकाय भंवर से निकल भी नहीं पाएगा। पहले धाराओं के मोड़ के हिसाब से, शिप को मोड़ते हुए, शिप की स्पीड बढ़ाने की कोशिश करो और जब शिप फुल स्पीड में आ जाए तो उसे एक झटके से भंवर से बाहर निकालने की कोशिश करो।“

“लेकिन सर, अगर हमने इस तरीके से शिप की स्पीड को बढ़ाने की कोशिश की तो हम भंवर के और अंदर चले जाएंगे और वहां पर भंवर का खिंचाव केंद्र की ओर, और ज्यादा होगा। फिर शायद यह भी हो जाए कि हम....... उससे निकल ही ना पाएं।“ असलम में मरी-मरी आवाज में कहा।

“मैं जैसा कहता हूं वैसा करो। समय बहुत कम है। इसलिए अपना दिमाग मत लगाओ“ सुयश ने बिल्कुल दहाड़ते हुए स्वर में कहा। तुरंत रोजर व असलम सुप्रीम को भंवर की धाराओं के मोड़ के हिसाब से मोड़ने में जुट गए।

कुछ भंवर के केंद्र की वजह से और कुछ धाराओं के अनुकूल चलते रहने के कारण, शिप की स्पीड लगातार बढ़ती जा रही थी। आखिरकार शिप फुल स्पीड में आ ही गया। लेकिन तब तक वह भंवर के केंद्र के काफी नजदी क पहुंच चुका था।

ए.सी . वाले कमरे में होने के बावजूद भी सभी के चेहरे पसीने से भीग गए थे।

ड्रेजलर जो कि शिप का ‘हेल्मसमैन‘ था और शिप को स्टेयरिंग व्हील के द्वारा चलाता था। उसकी नजरें सुयश के अगले आदेश का इंतजार कर रहीं थीं। सुयश की नजरें सिर्फ और सिर्फ शिप के स्पीडो मीटर पर थीं। जैसे ही स्पीडो मीटर ने फुल का इंडीकेशन दिया, सुयश ने चीख कर कहा-

“टर्न!“ सुयश के ऐसा कहते ही ड्रेजलर ने पूरी ताकत से स्टेयरिंग व्हील घुमाया। फुल स्पीड से चल रहे शिप को एक जोरदार झटका लगा और वह चौथी कक्षा की भंवर धाराओं पर एका एक ऐसे चढ़ गया, मानों वह लहरों पर से छलांग लगा कर उड़ जाना चाहता हो। शिप की स्पीड फुल होने की वजह से, एकदम से मोड़ते ही , वह लहरों से टकरा कर, हवा में उछल सा गया। एक क्षण के लिए सबकी सांसें रुक सी गईं। शिप पूरा का पूरा हवा में था और फिर एक छपाक की आवाज करते हुए दोबारा पानी में गिर गया।

पानी में गिरते ही शिप को इतना जोरदार झटका लगा कि कइयों के मुंह से चीख निकल गई। कई लोग अपने स्थान से गिर पड़े। यहां तक कि ड्रेजलर का हाथ भी स्टेयरिंग व्हील से छूट गया। लेकिन फिर तुरंत ही ड्रेजलर ने अपनी बॉडी को नियंत्रित कर, दोबारा से शिप का कंट्रोल अपने हाथ में ले लिया।

उधर पूरे शिप पर चीख-पुकार का बाजार गर्म हो गया था। किसी यात्री की समझ में नहीं आ रहा था कि ये सब क्या हो रहा है? इधर सुयश का चेहरा अब किसी चट्टान की तरीके से सख्त हो गया। उसकी निगाहें लगातार, विंडस्क्रीन पर उछल-उछल कर गिर रही लहरों पर पड़ रही थी।

शिप अब भंवर से थोड़ा सा निकलने में कामयाब हो गया था। मगर मुसीबत अभी खत्म नहीं हुई थी। सभी की आंखें फिर से सुयश के चेहरे की ओर थीं। और सुयश की नजरें भंवर की धाराओं की ओर थीं।

एकाएक ही सुयश ने फिर टर्न का इशारा किया। ड्रेजलर ने दोबारा शिप के स्टेयरिंग व्हील को पूरी ताकत से मोड़ा। शिप एक बार फिर तेजी से भंवर धारा पर चढ़ा। लहरों ने सुप्रीम को पुनः ऊपर उछाल दिया। किस्मत ने एक बार फिर उनका साथ दिया और सुप्रीम की सागर की सतह पर सेफ लैडिंग हुई। इसी तरह 1 और कोशिश करने के बाद सुप्रीम, भंवर के तिलस् चक्रव्यूह से बचकर बाहर निकलने में सफल हो गया।

ड्रेजलर लगातार शिप को भंवर से दूर भगाए जा रहा था। मानो उसे डर हो कि शिप फिर से कहीं, भंवर में ना फंस जाए। तिलस्मी भंवर से काफी आगे निकलने के बाद, जब ड्रेजलर को यह महसूस हो गया कि अब वह मौत से दूर हैं, तो उसने ‘सुप्रीम’ को रोक दिया।

ड्रेजलर की सांसें धौंकनी की तरह चल रही थी। वह अपनी सीट से उठा और कंट्रोलरुम के फर्श पर ही जमीन पर लेट गया। वह अपनी सांसें नियंत्रित करने की कोशिश करने लगा। सुयश ने भी अपने माथे पर बह आया पसीना पोंछा और तुरंत जेम्स हुक को शिप पर हुई टूट-फूट को चेक करने के लिए भेज दिया।

एक सहायता दल को छोटे-छोटे ग्रुप बनाकर, शिप के यात्रियों की मरहम पट्टी करने के लिए भेज दिया गया। क्यों कि शिप के बार-बार उछलने के कारण, यात्रियों को काफी चोटें भी आ गई थीं। सुयश ने एक बार पुनः माइक पर एनाउंस करके, सभी यात्रियों को शिप की स्थिति से अवगत करा दिया और उन्हें यह भी बता दिया कि अब वह सभी खतरे से बाहर हैं।

कंट्रोल रूम में अब सभी के चेहरे पर विजयी मुस्कान थी और होती भी क्यों ना ? आखिर उन्होंने मौत पर विजय जो पाई थी।






जारी रहेगा....…..✍️
Badhiya update

Supreme bhanvar me fasta fasta bacha ha lekin kya likha ha writer sahab ne detail me ek dum padhte padhte imagination me pahuncha diya lekin abhi to ek musibat se bacha ha dekhte han ki or kitni musibaten tayaar bethi ha
 

dev61901

" Never let an old flame burn you twice "
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# 17.
1 जनवरी 2002, मंगलवार, 07:30;

विशालकाय भंवर से बच जाने के बाद भी सुयश के चेहरे पर सोच के भाव विद्यमान थे। सुयश को सोच में पड़ा देख, आखिरकार असलम से ना रहा गया और वह बोल उठा-

“क्या बात है कैप्टन? अब तो सारे खतरे टल गए हैं, फिर अब आप इतना परेशान क्यों दिख रहे हैं?“

“एक खतरा टल जाने से इतना खुश होने की जरूरत नहीं है। माना कि फौरी तौर पर अभी खतरा टल गया है। पर हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि हम लोग जिस स्थान पर खड़े हैं, वह दुनिया का सबसे खतरनाक क्षेत्र है। बारामूडा त्रिकोण.....यह नाम अपने आप में मौत का पर्याय है और जब तक हम लोग इस क्षेत्र से निकल नहीं जाते, तब तक खतरा हमारे सिर पर मंडराता रहेगा। वह किसी भी रूप में हम पर अटैक कर सकता है। इसलिए सबसे पहले खुशियां मनाना छोड़, हमें इस खतरनाक क्षेत्र से बाहर निकलने के बारे में सोचना चाहिए।“

“तो इसमें इतना सोचने की क्या जरूरत है?“ रोजर ने गंभीरता की चादर ओढ़ते हुए कहा-

“आपका प्लान तो फुलप्रूफ है। अब हमें शिप को आपके प्लान के मुताबिक मोड़कर अपने वास्तविक रास्ते पर ले आना चाहिए।“

“अब हम सुप्रीम को प्लान के मुताबिक नहीं मोड़ सकते।“ सुयश ने रोजर के चेहरे पर एक गहरी निगाह डालते हुए कहा।

“पर क्यों ? आपका प्लान तो फुलप्रूफ है।“ रोजर ने कहा।

“फुलप्रूफ था ।“ सुयश ने एक गहरी सांस लेते हुए कहा-

“क्यों कि तब हमें अपने शिप की स्थिति का पूर्ण ज्ञान था, कि हम किस जगह पर हैं। लेकिन भंवर में घूमने और उससे बचकर निकलते समय, हम यह नहीं जान पाये कि अब हम अपनी वास्तविक स्थिति से कितना दूर हैं? हमें तो यह भी नहीं पता कि हमने भंवर में पहुंचकर कितने चक्कर लगाए? और जब हम उस भंवर से निकलें तो हमारा शिप किस दिशा में था ?“
यह सुनते ही जैसे सभी को सांप सूंघ गया । एकाएक मुस्कुराते हुए चेहरे डर के कारण सफेद हो गए।

“इसका तो यह भी मतलब हो सकता है, कि हम बारामूडा त्रिकोण के इस रहस्यमय क्षेत्र से निकलने के प्रयास में, इसके और अंदर आ गए हों।“ लारा ने चिंतित स्वर में कहा।

“यकीनन ऐसा हो सकता है।“ सुयश ने जवाब दिया-
“शिप पर बार-बार आने वाले, इन विचित्र खतरों से तो यही जान पड़ता है।“

“अब हमें क्या करना चाहिए?“

रोजर के शब्दों में छिपी व्याकुलता को सभी ने साफ महसूस किया। सुयश एक बार पुनः सोच में पड़ गया। सभी खामोश होकर उसके अगले निर्णय का इंतजार करने लगे।

“हेली कॉप्टर!“ सुयश के मुंह से खुशी भरे स्वर निकले-

“हमें हेलीकॉप्टर का उपयोग करना होगा । शायद हम लोग अपने वास्तविक मार्ग से ज्यादा दूरी पर ना हों और आसपास ही कोई और शिप आ-जा रहा हो, जिससे हमें असली रास्ते का पता चल जाए।“

सुयश के शब्दों को सुनकर, सभी के चेहरे पर हजार वाट का बल्ब जल गया। तब तक जेम्स हुक अपनी टीम को खराबी ढूंढने में लगाकर वापस आ गये थे। तुरंत सुयश, रोजर, असलम, लारा, ब्रैंडन व जेम्स हुक हेली पैड की ओर चल दिए। हेली पैड, शिप के पिछले हिस्से में डेक के पास था।

“कैप्टेन!“ रोजर ने सुयश से सवाल किया- “एक बात समझ में नहीं आई कि हमारे सारे इलेक्ट्रॉनिक यंत्र कैसे ब्लास्ट हो गए?“

“इसको समझने के लिए किसी विज्ञान की जरुरत नहीं है“ जेम्स हुक ने रोजर को देखते हुए कहा-

“जितने भी इलेक्ट्रॉनिक यंत्र होते हैं, वह सभी लो-फ्रीक्वेंसी पर चलते हैं, जबकि विद्युत चुम्बकीय तरंगें हाई-फ्रीक्वेंसी पर चलती हैं। इसलिए जब भी कभी कोई इलेक्ट्रानिक यंत्र, विद्युत चुम्बकीय तरंगों के बीच आता है, वह तीव्र ऊष्मा छोड़ता है। और ऊष्मा अधिक बढ़ जाने के कारण इलेक्ट्रानिक यंत्र जल जाता है।“

“और हमारा दिशा सूचक यंत्र कैसे खराब हो गया ?“ ब्रैंडन ने अपना नॉलेज बढ़ाने के उद्देश्य से जेम्स हुक से पूछा- “वह तो इलेक्ट्रानिक यंत्र नहीं होता।“

“दिशा सूचक यंत्र की चुम्बकीय सुई, पृथ्वी के चुम्बकत्व द्वारा आकर्षित होती है, जिसके कारण वह लगातार उत्तरी ध्रुव दर्शाती है। पर विद्युत चुम्बकीय क्षेत्र के अंदर, दिशा सूचक यंत्र की चुम्बकीय सुई अपना चुम्बकत्व का गुण खो देती है। इसलिए वह हमेशा गलत दिशा बताने लगती है।“ यह कहकर जेम्स हुक ने ब्रैंडन को देखा पर ब्रैंडन उनकी बातों से संतुष्ट था।

“कहीं ऐसा ना हो कि हमारा हेलीकॉप्टर भी खराब हो गया हो।“ रोजर ने शंका भरे स्वर में पूछा-

“क्यों कि वह भी इलेक्ट्रॉनिक यंत्रों से कार्य करता है।“

“जिस समय इस क्षेत्र में तीव्र विद्युत चुम्बकीय तरंगें फैलीं, उस समय हेलीकॉप्टर बंद पड़ा था। इसलिए मैं विश्वास के साथ कह सकता हूं कि हेली कॉप्टर इस समय सही अवस्था में होगा।“
जेम्स हुक ने कहा- “और अब यह क्षेत्र पूर्ण रूप से विद्युत चुंबकीय तरंगों से मुक्त है, यह मैं अभी साबित कर देता हूं।“

कहते-कहते जेम्स हुक ने अपनी जेब से 1 जोड़ी , छोटा वॉकी-टॉकी सेट निकाला और उस सेट का एक पीस रोजर को पकड़ा दिया।

“यह एक वॉकी-टॉकी सेट है। यह भी एक प्रकार का इलेक्ट्रॉनिक यंत्र होता है। यह बहुत ही पॉवरफुल है। खुले समुद्र में इसकी बात करने की क्षमता , लगभग 50 नॉटिकल माइल तक है। जिस समय शिप के ऊपर से वह रहस्यमयी यान निकला, यह मेरी जेब में था, पर ऑफ था। मेरा पूरा विश्वास है कि यह सही काम करेगा और अगर यह सही चल गया तो समझिए कि हेलीकॉप्टर भी सही स्थिति में होगा।“

यह कहकर जेम्स हुक ने वॉकी-टॉकी सेट को ऑन कर दिया। वॉकी-टॉकी सेट चेक करने पर बिल्कुल सही कार्य कर रहा था। तब तक बात करते-करते यह सारे लोग शिप के पिछले डेक पर पहुंच गये।

कुछ आगे बढ़ने पर, लकड़ी का बना एक खूबसूरत सा कॉटेज दिखाई दिया। सभी उस विशालकाय कॉटेज में प्रवेश कर गए। लकड़ी का वह कॉटेज, अंदर से भी खूबसूरत था। कॉटेज के बीचो-बीच में एक हेली पैड बना था, जिस पर लाल रंग का एक छोटा सा, परंतु सुंदर हेलीकॉप्टर खड़ा दिखायी दिया। उस टू-सीटर हेलीकॉप्टर पर, इंग्लिश के बड़े व सुनहरे अक्षरों में “सुप्रीम” लिखा था।

कॉटेज में एक किनारे पर एक बड़ी सीइलेक्ट्रॉनिक मशीन लगी थी, जिसके सामने एक ऑपरेटर खड़ा, उन मशीनों से छेड़छाड़ कर, कुछ चेक करता दिखायी दिया। सुयश को देखते ही, वह तुरंत सावधान की मुद्रा में खड़ा हो गया। लेकिन उसके चेहरे के भाव बता रहे थे कि वह भी कुछ परेशान सा है और निश्चय ही यह परेशानी भी, उस रहस्यमई यान से संबंधित थी। क्यों कि उस इलेक्ट्रॉनिक मशीन के आसपास, बिखरा कांच और टूटे हुए यंत्रों की स्थिति, इस बात का द्योतक थी कि यहां पर भी विद्युत चुंबकीय तरंगों का प्रकोप हुआ था।

“ऑपरेटर!“ रोजर ने ऑपरेटर को देखते हुए पूछा-
“क्या हेलीकॉप्टर उड़ने वाली पोजी शन में है?“

“यस सर!“ ऑपरेटर ने जवाब दिया-
“हेलीकॉप्टर तो रेडी है। पर कुछ यंत्रों में खराबी आ जाने के कारण, कॉटेज की छत व दीवारों को हटाने वाला, रिमोट कंट्रोल सही काम नहीं कर रहा है। इसलिए फिलहाल हेलीकॉप्टर सही होने के बाद भी, उड़ान नहीं भर सकता है।“

“डैम इट!“ सुयश ने सीधे हाथ का मुक्का बना कर, अपने बाएं हाथ के पंजे पर, गुस्से से मारते हुए कहा।

“अब क्या किया जाए सर?“ रोजर ने चिन्तित स्वर में सुयश की ओर देखते हुए कहा। सुयश कुछ देर सोचने के पश्चात, जेम्स हुक की ओर घूमकर बोला-

“मिस्टर जेम्स हुक, हमारे इस कॉटेज की दीवारें व छत फोल्ड होकर, कमल की पंखुड़ी की तरह खुलती हैं। इसकी छत में छोटे-छोटे फोल्डिंग ज्वाइंट्स हैं। आप तुरंत इन फोल्डिंग ज्वाइंट्स को खुलवाकर इसकी छत हटवा दीजिए।“

जेम्स हुक ने तुरंत कुछ लोगों को छत के फोल्डिंग ज्वाइंट्स को खोलने में लगा दिया। लगभग 45 मिनट के अथक परिश्रम के बाद, सभी हेलीपैड के ऊपर की छत खोलने में सफल हो गए।

“रोजर!“ सुयश ने रोजर को संबोधित करते हुए कहा-

“तुम तुरंत एक पायलट के साथ इस हेलीकॉप्टर से जाओ और देखो, शायद आप-पास से जाता हुआ, कोई और शिप दिखाई दे जाए या फिर कोई और सुराग मिल जाए। जिससे यह पता चल जाए कि हम इस समय किस जगह पर हैं? और हां यह वॉकी-टॉकी सेट भी लेते जाओ। इससे मेरे कांटेक्ट में रहना और मुझे सारी सूचना देते रहना ।“

यह कहते हुए सुयश ने जेम्स हुक से, वॉकी-टॉकी सेट लेकर, रोजर को दे दिया। रोजर, सुयश से वॉकी-टॉकी सेट लेकर, पायलट के साथ, हेलीकॉप्टर में प्रवेश कर गया।

हेलीकॉप्टर में बैठने के साथ, रोजर ने एक नजर वहां खड़े सभी लोगों पर मारी और फिर सुयश की तरफ देखते हुए, एक झटके से ‘थम्बस्-अप‘ की स्टाइल में अपना अंगूठा, जोश के साथ झटका देकर उठाया और फिर धीरे से पायलट की ओर देखकर, उसे हेलीकॉप्टर को उड़ाने का इशारा किया।

थोड़ी ही देर में, एक गड़गड़ाहट के साथ, हेलीकॉप्टर रोजर को लेकर आसमान में था।




जारी रहेगा........✍️
Badhiya update

Ek musibat khatm hoti nahi ki dusri tayaar ha bhanvar se nikle to ab apni disha se bhatak gaye kher suyesh ne dimag lagakr helicopter se dekhne ko kaha ha ek hole me dekhte han ki ye ab kya surprise karta ha in sabko
 

dev61901

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# 18 .
चैपटर-6 1 जनवरी 2002, मंगलवार, 08:30;

सुप्रीम एक विशालकाय शिप था। इसलिए इस पर कुल 18 डेक थे। 16 डेक यात्रियों के लिए थे। सिर्फ 2 डेक शिप के चालक दल के पास थे।

हेली पैड उनमें से ही एक डेक पर बना था। इसलिए इसकी ऊँचाई बाकी डेक के हिसाब से कुछ कम थी । इस डेक पर भी एक वर्गाकार आकृति में, लगभग 100 स्क्वायर फीट का स्विमिंग पूल बना था।

सुयश का केबिन भी इस डेक के नीचे की तरफ ही था। सुयश, असलम, लारा, ब्रैंडन और जेम्स हुक इसी डेक पर खड़े थे। चूंकि यात्रियों को इधर आने की मनाही थी। इसलिए सुबह हो जाने के बाद भी इस डेक पर काफी शांति थी।

रोजर को हेलीकॉप्टर लेकर निकले अभी बा-मुश्किल 5 मिनट ही हुए थे। अभी तक उसकी तरफ से कोई मैसेज नहीं मिला था। ब्रैंडन ने अपने हाथों में एक शक्तिशाली दूरबीन को पकड़ रखा था। वह बीच- बीच में दूरबीन को आँखों से लगा कर इधर-उधर देख रहा था। सभी लोग डेक की रेलिंग के पास खड़े थे।


“कैप्टेन!“ अचानक से ब्रैंडन ने सुयश को आवाज लगायी- “ब्लू व्हेल!“

ब्रैंडन की आवाज सुनकर सभी का ध्यान उस दिशा में गया, जिधर ब्रैंडन देख रहा था। उधर देखने पर, उन्हें पानी की सतह पर, लगभग 50 मीटर लम्बी ब्लू व्हेल दिखायी दी।

“ये ब्लू व्हेल तो, बाकियों से आकार में कुछ बड़ी लग रही है।“ असलम ने कहा।

“सही कह रहे हो असलम।“ सुयश ने भी असलम की बात का समर्थन किया-

“नार्मल ब्लू व्हेल का आकार 30 से 35 मीटर तक ही होता है। पर ये तो लगभग 50 मीटर के आस-पास दिख रही है।“

“ये तो इसी तरफ आ रही है।“ लारा ने घबरा ये स्वर में कहा- “हमें इससे किसी प्रकार का खतरा तो नहीं होगा कैप्टेन?“

“नहीं लारा।“ सुयश ने लारा के शक को दूर करते हुए कहा- “इससे घबराने की कोई जरुरत नहीं है। हमारे शिप का आकार 250 मीटर है। ये अकेली हमारे शिप का कुछ नहीं बिगाड़ सकती।“

तब तक ब्लू व्हेल थोड़ा और पास आ चुकी थी। वह बीच-बीच में पानी के बाहर आकर साँस भी ले रही थी जिसकी वजह से उसके सिर के ऊपर से गर्म हवा का फव्वारा भी निकल रहा था।

अब वह रुके हुए ‘सुप्रीम’ के बिल्कुल पास आ गयी थी। ब्लू व्हेल अब ध्यान से विशालकाय सुप्रीम को देख रही थी। शायद इससे पहले उसने अपने से बड़ी कोई चीज नहीं देखी थी।

थोड़ी देर तक शिप को देखते रहने के बाद, अब ब्लू व्हेल ने पानी में गुलाटियां मारनी शुरु कर दीं। ऐसा लग रहा था कि जैसे वह शिप को कोई बड़ा जीव समझ कर खुश करने में लगी है।

शिप पर मौजूद सभी लोगों को उसकी यह हरकत बहुत अच्छी लग रही थी। थोड़ी देर तक गुलाटियां मारने के बाद, अब ब्लू व्हेल ने अपनी पूंछ से शिप पर पानी फेंकना शुरु कर दिया।

डेक का यह हिस्सा थोड़ा नीचा होने की वजह से पानी के कुछ छींटे, डेक पर खड़े लोगों पर भी पड़ रहे थे। ब्लू व्हेल के करतब देख कर, थोड़ी देर के लिए सभी शिप की परेशानियों को कुछ क्षण के लिए भूल गये। तभी ब्लू व्हेल ने बहुत ताकत लगा कर शिप पर पानी फेंका, जो कि तेजी से आकर डेक के किनारे पर खड़े सुयश को पूरा भिगा गया।

बाकी के लोग सुयश से थोड़ा दूर थे। इसलिए वह भीगने से बच गये सुयश का यह हाल देखकर एक बार सभी के चेहरे पर हल्की सी मुस्कुराहट आ गयी।

सभी को मुस्कुराते देख सुयश भी ना चाहते हुए मुस्कुरा दिया। ब्लू व्हेल अब वहां से जा रही थी। ऐसा लग रहा था, जैसे वह समझ गयी हो कि सुप्रीम एक निर्जीव वस्तु है और वह उसके साथ नहीं खेलेगी। सुयश ने एक नजर अपने भीगे हुए कपड़ों पर मारी और वहां डेक पर खड़े अपने एक कर्मचारी को दूसरे कपड़े लाने का इशारा किया।

वह कर्मचारी सुयश का खास था। उसे पता था कि सुयश के कपड़े केबिन में कहां पर हैं। वह बिना देर किए कपड़े लाने चला गया।

सभी की नजर फिर से वॉकी टॉकी सेट पर गयी। लगभग 15 मिनट बीत चुके थे, लेकिन अभी तक रोजर का कोई मैसेज नहीं आया था। मुश्किल से 3 से 4 मिनट में ही कर्मचारी सुयश के कपड़े लेकर आ गया। सुयश कपड़े लेकर, स्विमिंग पूल के बगल बने चेंजिंग रुम की तरफ चल दिया।

“बहुत देर हो चुकी है, पर अभी तक रोजर सर की तरफ से कोई मैसेज नहीं आया।“ ब्रैंडन ने असलम की ओर देखते हुए कहा- “क्या हमें अपनी तरफ से उन्हें कॉल करना चाहिए?“

“5 मिनट और इंतजार करते हैं।“ असलम ने जवाब दिया- “अगर फिर भी कोई कॉल नहीं आया तो हम अपनी तरफ से कॉल कर लेंगे।“

लेकिन इससे पहले कि कोई और कुछ कह पाता वॉकी टॉकी सेट से ‘खर्र-खर्र‘ की आवाज आयी। ब्रैंडन तुरंत यह सब सुयश को बताने के लिए चेंजिंग रुम की ओर भागा। ब्रैंडन ने चेंजिंग रुम के बाहर से ही आवाज लगा कर सुयश को मैसेज के बारे में बता दिया। उधर वॉकी टॉकी सेट पर रोजर की आवाज गूंजी-

“हैलो-हैलो कैप्टन! क्या आप मेरी आवाज सुन रहे हैं? ओवर।“

“यस रोजर सर!“ हमें आपकी आवाज सुनाई दे रही है। ओवर!“ असलम ने रोजर की बात का जवाब देते हुए कहा। तब तक सुयश सिर्फ पैंट पहने, उधर भाग कर आता दिखाई दिया। जल्दी-जल्दी में उसे शर्ट पहनने का टाइम ही नहीं मिला।
“यस रोजर! बताओ, क्या कहना चाहते हो तुम? ओवर!“ सुयश ने वॉकी टॉकी सेट को असलम से लेते हुए, रोजर को संबोधित करते हुए कहा। रोजर ने सुयश की आवाज पहचान ली। वह बोला-

“कैप्टन हम लोग इस समय शिप से काफी दूर आ चुके हैं। पर अभी दूर-दूर तक कुछ नजर नहीं आ रहा है। लगता है कि हम वास्तव में भटक गए हैं।“ सभी का पूरा ध्यान सिर्फ और सिर्फ वॉकी-टॉकी सेट पर था। रोजर का बोलना जारी रहा-

“अब हम लोग और आगे बढ़ रहे हैं सर। हर तरफ सिर्फ समुद्र की लहरें ही नजर आ रही हैं। नीला समुद्र ...... पानी ही पानी “


कुछ देर रुक कर आवाज फिर से आनी शुरू हुई- “सर हमें बहुत दूर एक काला धब्बा सा दिखाई दे रहा है। हम लोग अब उस दिशा में बढ़ रहे हैं। शायद वह कोई पानी का जहाज हो।“

थोड़ी देर बाद आवाज पुनः आयी -

“हम लोग गलत थे सर। वह कोई जहाज नहीं , बल्कि कोई द्वीप है। अब हम लोग धीरे-धीरे उसके और पास जा रहे हैं। यह कोई छोटा सा, परंतु हरा-भरा द्वीप है। इसके आसपास हल्की सी धुंध दिखाई दे रही है।.................अब हम द्वीप के और पास पहुंच गए हैं सर। अचानक कुछ गर्मी बढ़ सी गई है। शायद यह द्वीप कुछ ज्यादा ही गर्म है। क्यों कि इस द्वीप से, समुद्र की ठंडी लहरें टकरा कर, धुंध के रूप में आस पास फैल रही हैं, जो कोहरे के रूप में मुझे दूर से ही दिखाई दे रही हैं।................. यहां एक विचित्र सी पहाड़ी भी है।
दूर से देखने पर यह कोई क्राऊन पहने हुए मानव आकृति के समान प्रतीत हो रही है....... ऐसा लग रहा है जैसे कोई योद्वा इस द्वीप की रखवाली कर रहा हो............. अब हम इस द्वीप के ऊपर उड़ान भर रहे हैं सर। ....... यहां किसी भी प्रकार के जीवन का कोई निशान नहीं है। हर तरफ एक अजीब सा सन्नाटा छाया हुआ है। द्वीप के बीच में, एक साफ पानी की झील भी दिख रही है। देखने में यह द्वीप काफी सुंदर लग रहा है सर।.......... ऊंचाई से देखने पर यह द्वीप एक त्रिभुज की आकृति लिए हुए दिखाई दे रहा है। ..... पर यह क्या सर? ....ओऽऽऽ नो ऽऽऽ ...... यह कैसे संभव है?.......“


एका एक रोजर की आवाज अत्यंत विस्मय से भर गई। खौफ उसकी आवाज में साफ नजर आने लगा।

“क्या हुआ रोजर? क्या दिख रहा है तुम्हें?“ सुयश ने घबरा ये स्वर में पूछा।

“मैं समझ.....नहीं पा......रहा हूं सर! कि मैं......आपको कैसे बताऊं? ..........मैं इस समय ... ..बड़ा अजीब सा....महसूस कर रहा हूं। ऐसा लगता है जैसे धुंध....... बड़ी तेजी से बढ़ गई है....। आसमान का रंग........ समझ में .. ..नहीं आ ....रहा है। ......पानी भी ......जैसा दिखना चाहिए .......वैसा नहीं दिख रहा है.....और ये क्या ? ...... ये.... ये.....यहां ये.....मुझे क्या दिख रहा है.....सर ऐसा लग रहा है .....जैसे कि हम....... ..... ..........।“


“खट्....खट्.....खटाक।“ और इसी के साथ सुयश से रोजर का संपर्क टूट गया।

“रोजर ... रोजर....! क्या हुआ रोजर?....... तुम बोलते क्यों नहीं ? क्या दिखाई दे रहा है तुम्हें?“

सुयश लगातार वॉकी-टॉकी सेट पर पागलों की तरह चीख रहा था। जेम्स हुक ने धीरे से, सुयश के हाथों से वॉकी-टॉकी सेट ले लिया-

“आपका संपर्क रोजर से कट चुका है कैप्टन। शायद वह किसी खतरे का शिकार हो चुका है।“ सुयश अभी भी सकते की सी हालत में खड़ा शून्य में घूर रहा था। लारा ने धी र से सुयश को हिला कर शून्य से बाहर किया-

“अब हमें क्या करना चाहिए कैप्टन ? हेली कॉप्टर जाने के बाद, अब हमारी आखिरी उम्मीद भी टूट गई है।“ सुयश मानों सोते से जागा हो।


“रोजर ने मेरे साथ, आज तक के सफर में, ना जाने कितने खतरे देखे थे। पर आज तक मैंने उसे कभी, इतना घबराया हुआ नहीं देखा। ना जाने उसने ऐसा क्या देख लिया ? जो वह इतना घबरा गया ?“

सुयश ने धीमी आवाज में कहा। धीरे-धीरे जब सुयश सामान्य हुआ तो उसने अपने आस-पास खड़े लोगों पर नजरें डालीं । सभी के चेहरे पर दहशत और आँखों में खौफ के भाव स्पष्ट दिखाई दे रहे थे।


“अब हमारे पास कोई चारा नहीं है, शिप को अन्जानी दिशा में आगे बढ़ाने के सिवा।“

सुयश ने बारी -बारी सभी के चेहरों को देखते हुए कहा-
“इसलिए जिस दिशा में हेलीकॉप्टर गया था। शिप को उसकी विपरीत दिशा में मोड़कर तब तक आगे बढ़ने दिया जाये जब तक हमें वास्तविक रास्ते का पता ना चल जाए। किसी को कोई आपत्ति हो तो वो मुझे बता सकता है?“

“नहीं !“ सभी ने समवेत स्वर में कहा। तभी ब्रैंडन की निगाह सुयश की पीठ पर बने एक टैटू पर गयी। सूर्य के निशान वाला काले रंग का बिल्कुल गोल वह टैटू लगभग 8 इंच डाया मीटर का था। टैटू में बनी सूर्य की आग उगलती आकृति, सूरज की रोशनी में बहुत तेज चमक रही थी।

“आपकी पीठ पर बना टैटू बहुत शानदार है कैप्टेन।“ ब्रैंडन ने टॉपिक चेंज करते हुए कहा- “आपकी शर्ट की वजह से आज तक, यह हम लोगों को दिखायी नहीं दिया।





जारी
रहेगा..........✍️
Badhiya suspenseful update

Idhar rojer ne ek rahasyamayi island dekh liye lekin us island per kuchh to tha jiska rojer shikar ho gaya kher island se yad aya shefali ka sapna 1st update me

अंधेरा ........ लहरें ......... रोशनी ........ फायर
............ लाम ....... कीड़े ........ द्वीप ..... ।“

kahin ye island to nahi jiska sapna usne dekha tha lekin abhi to filhal rojer lapta ho chuka ha or suyesh or baki sabki ummid bhi kam hoti jaa rahi ha dekhte han ki ab age kya hota ha kya ye sab bhi us island oer pahunch jayenge
 
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Raj_sharma

परिवर्तनमेव स्थिरमस्ति ||❣️
Supreme
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शर्मा जी , आप तो वाकई कोयले से भरे खदान मे पाए गए बेशकीमती हीरे निकले । जिस तरह से स्टोरी लिखने के दौरान अपने नाॅलेज , अपने शिक्षा , अपनी जानकारी का इस्तेमाल कर रहे है उससे स्पष्ट जाहिर होता है आप वास्तव मे बहुत ही पहुंची हुई आत्मा हो ।
मुझे समझ नही आ रहा है कि मै इस कहानी पर क्या रिव्यू लिखूं ! बस यही जी कर रहा है शिप के साथ हुए हर एक घटनाक्रम के रोमांच को महसूस करता जाऊं ।
गजब का थ्रिल क्रिएट किया है आपने । आप के लेखन तत्व रियलिस्टिक से मैच करता है ।

नो डाऊट , शिप और उसके पैसेंजर्स डेंजर जोन मे है जो आगे चलकर और भी अधिक डेंजर हो सकता है । यहां पर शिप पर हुए पहले की घटनाओं की तो कोई बात ही नही कर रहा है । अभी तो प्रमुख लक्ष्य शिप को सुरक्षित सही मार्ग पर लाना है ।

वैसे मुझे लगता है कैप्टन साहब को अपने सभी पैसेंजर को वास्तविक परिस्थिति से अवगत करा देना चाहिए ।

सुयश साहब को देखकर यह भी समझ आ रहा है कि एक शिप के कैप्टन की तनख्वाह कई कई लाखों मे क्यों होती है !

आउटस्टैंडिंग एंड जगमग जगमग अपडेट डियर ।
Ab aise sabd bolkar sharminda na karo bhai ji, aap logo ke pas jo huner hai mere pas kaha? Mai to bas tukbandi kar leta hu, supreme ek bada jahaaj hai, isper jo bhi safar kar rahe hai, unme kaiyo ke paas apne-2 huner hain, suyash aur us pyari ladki ka huner to aap dekh bhi chuke hai, or agle updates me aur bhi dekhoge, ha aapki baat se mai bhi sahmat hu ki suyash. Ko batana chahiye sabko, per sayad is liye na bataya ho, ki kahi log jyada panic na kare or shanti bani rahe jab tak sambhav ho :declare: Thank you so much for your wonderful review and superb support SANJU ( V. R. ) bhaiya :hug:
 

Raj_sharma

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Idhar rojer ne ek rahasyamayi island dekh liye lekin us island per kuchh to tha jiska rojer shikar ho gaya kher island se yad aya shefali ka sapna 1st update me

अंधेरा ........ लहरें ......... रोशनी ........ फायर
............ लाम ....... कीड़े ........ द्वीप ..... ।“

kahin ye island to nahi jiska sapna usne dekha tha lekin abhi to filhal rojer lapta ho chuka ha or suyesh or baki sabki ummid bhi kam hoti jaa rahi ha dekhte han ki ab age kya hota ha kya ye sab bhi us island oer pahunch jayenge
Filhaal to suyash ka aisa iraada nahi lag raha bhai, kyuki wo ship ko doosri or le ja raha hai, taapu ke ulti disha me:declare: Rahi sapne ki baat to sayad uska aagw jikar ho?
Sath banaye rakho bhai, Thank you very much for your wonderful review and support :hug:
 

Raj_sharma

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Ek musibat khatm hoti nahi ki dusri tayaar ha bhanvar se nikle to ab apni disha se bhatak gaye kher suyesh ne dimag lagakr helicopter se dekhne ko kaha ha ek hole me dekhte han ki ye ab kya surprise karta ha in sabko
Wo musibat hi kya jo itni aasaani se khatam ho jaye? Orhum hone bhi nahi denge:DDekhte jaao bhai,
Thanks for your valuable review and support :thanx:
 
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Raj_sharma

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Supreme bhanvar me fasta fasta bacha ha lekin kya likha ha writer sahab ne detail me ek dum padhte padhte imagination me pahuncha diya lekin abhi to ek musibat se bacha ha dekhte han ki or kitni musibaten tayaar bethi ha
Ye jo jagah hai, isko barmuda triangle bolte hai mitra:D Yaha aisi musibat aana normal baat hai, ek khatam doori redy👍 Thank you so much for your wonderful review bhai :thanx:
 
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