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Fantasy 'सुप्रीम' एक रहस्यमई सफर

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Raj_sharma

यतो धर्मस्ततो जयः ||❣️
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Raj_sharma

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#81.

डर की रात :

(9 जनवरी 2002, बुधवार, 03:15, मायावन, अराका)

दिन भर का सफर और थकान की वजह से सभी बहुत गहरी नींद में थे।

इस समय युगाका की नजर वहां लेटे हुए ब्रेंडन पर थी। उसने वहीं जमीन पर पड़ी हुई थोड़ी सी मिट्टी उठाई और कुछ बुदबुदाते हुये उस मिट्टी को फूंक मारकर हवा में उड़ा दिया।

अब ब्रेंडन के कुछ दूरी पर उगे एक पौधे में हल्की सी हरकत हुई और वह लंबी होकर ब्रेंडन के सिर के पास पहुंच गयी।

पौधे ने ब्रेंडन के बालो पर कुछ किया और फ़िर छोटी होकर वापस अपनी जगह पर पहुंच गयी।

सोते हुए ब्रेंडन को तभी एक खटके की आवाज सुनाई दी। आवाज को सुनकर ब्रेंडन जग गया।

उसने उठकर अपने आसपास नजर मारी। आसपास नजर मारते ही उसके रोंगटे खड़े हो गये।

वह बिल्कुल अकेला सोया था। उसके आसपास इस समय कोई नहीं था।

“यह सारे लोग कहां चले गये? उन्होने जाते समय मुझे जगाया क्यों नहीं?“ ब्रेंडन मन ही मन बुदबुदाया।

अब वह उठकर खड़ा हो गया। वह हैरान था कि सारे लोग इतनी रात कहां चले गये? धीरे-धीरे उस पर घबराहट हावी होती जा रही थी।

तभी उसे अंधेरे में झाड़ियों के पास खड़ा हुआ कोई दिखाई दिया। झाड़ियों के पास खड़े उस इंसान की पीठ ब्रेंडन की ओर थी।

“कौन है वहां?" ब्रेंडन ने अपनी जेब से चाकू निकाल कर गरजदार आवाज में पूछा।

पर ना तो वह इंसान मुड़ा और ना ही उसने कोई जवाब दिया।

अब ब्रेंडन से रहा न गया और वह धीरे-धीरे चलता हुआ, उस इंसान के पीछे पहुंच गया।

उस साये का चेहरा अभी भी दूसरी ओर था। उसे शायद पीछे आने वाले ब्रेंडन का अहसास भी नहीं था।

तभी उस साये के मुंह से कुछ शब्द निकले- “जल्दी करो, बहुत भूख लगी है।"

ब्रेंडन समझ गया कि उस साये के साथ और भी कोई है। अब वह साये के थोड़ा और भी करीब पहुंच गया।

तभी ब्रेंडन की नजर उस साये के सामने बैठे एक और साये पर गयी, जिसके हाथ में कोई चमकती हुई चीज थी।

चूंकी उस स्थान पर काफ़ी अंधेरा था इसिलये सारी चीजे बिल्कुल साफ दिखाई नहीं दे रही थी।

ध्यान से देखने पर ब्रेंडन के सामने जो नजारा आया, वह उसकी रूह कंपा देने के लिये काफ़ी था।

नीचे तौफीक की लाश पड़ी थी और नीचे बैठे साये के हाथ में एक चाकू चमक रहा था, जिससे वह तौफीक के शरीर का मांस काट कर निकाल रहा था।

अचानक दोनो साये ब्रेंडन की ओर मुड़ गये।

उन दोनों साये पर नजर पड़ते ही ब्रेंडन की आँखे दहशत के मारे फैल गयी, क्यों कि नीचे बैठा साया लॉरेन का और ऊपर खड़ा साया लोथार का था।

लोथार, ब्रेंडन को अपनी ओर देखते हुए पाकर बोल उठा- “अरे वाह! क्या मोटा शिकार हाथ लगा है, पहले इसी को खाकर अपनी भूख मिटाते हैं।"

यह देख ब्रेंडन पूरी ताकत से पलटकर भागा। लॉरेन और लोथार उसके पीछे थे।

ब्रेंडन को भागते समय अपने पैर बहुत भारी से लग रहे थे।

भागता-भागता वह एक पेड़ के पीछे छिप गया। अपनी साँसो की आवाज को दबाने के लिये ब्रेंडन ने अपने दोनों हाथ से अपने मुंह को बंद कर लिया।

तभी उसके चेहरे पर एक बूंद, उस पेड़ से टपकी, जिसके नीचे वह खड़ा था।

उस बूंद का अहसास होते ही ब्रेंडन ने हाथो से उस बूंद को पोंछा। तभी उसे अपने हाथो पर खून लगा नजर आया।

घबराकर ब्रेंडन ने पेड़ के ऊपर की ओर देखा। पेड़ के ऊपर देखते ही उसकी साँस उसके गले में ही फंस गयी।

क्यों कि पेड़ के ऊपर क्रिस्टी, जेनिथ, सुयश और एलेक्स की लाशे झूल रही थी। उन्हि के कटे हुए हाथ पैर से खून टपक रहा था।

ब्रेंडन पूरी ताकत लगा कर वहां से भागा।

ब्रेंडन का दिल अब धाड़-धाड़ बज रहा था। उसे अब अपने बचने की संभावना बिल्कुल भी नहीं दिख रही थी। ब्रेंडन अब अंजानी दिशा में पागलों की तरह भाग रहा था।

तभी उसका पैर किसी चीज से टकरा गया और वह लड़खड़ाकर गिर गया।

गिरने के बाद ब्रेंडन ने ध्यान से उस चीज को देखा, जिससे उसका पैर टकराया था।

वह भी एक लाश थी जो कि पेट के बल जमीन पर गिरी पड़ी थी। पहले तो ब्रेंडन ने वहां से भागना चाहा, पर ना जाने क्या सोच उसने लाश को पलटकर देखा।

लाश के चेहरे पर नजर पड़ते ही उसके बचे खुचे होश भी गुम हो गये क्यों कि यह लाश उसकी स्वयं की थी।

ब्रेंडन को एक झटका लगा और वह उठकर बैठ गया। वह यह सब सपना देख रहा था।

उसकी नजर तुरंत अपने अगल-बगल पड़ी। तौफीक, जेनिथ, क्रिस्टी, असलम, एलेक्स, सुयश सहित सभी अपनी जगह पर सो रहे थे।

ब्रेंडन ने एक राहत की साँस ली। उसका पूरा शरीर पसीने से तर था और उसकी साँसे धोकनी के समान चल रही थी।

ब्रेंडन को ऐसा लग रहा था कि अगर एक पल उसकी नींद और नहीं खुलती तो शायद दहशत के कारण वह सपने में ही मर जाता।

ब्रेंडन का गला पूरा सूखा हुआ था। ब्रेंडन ने एक नजर अपनी पानी की बोतल पर मारी। बोतल में पानी
बिलकुल ख़तम था।

ब्रेंडन ने दूसरी बोतल ना निकालते हुए इसी बोतल में पानी भरकर पीने का सोचा।

रात अभी आधी बीती थी। अब वह खंडहर से बाहर निकलकर कुंए के पास आ गया।

चाँदनी रात थी। चाँद की रोशनी चारो ओर चमक रही थी।

ब्रेंडन ने एक नजर कुंए की जगत पर रखी बाल्टी पर मारी और फ़िर बाल्टी को कुंए की ओर लटकाकर, रस्सी धीरे-धीरे छोड़ने लगा।

थोड़ी देर बाद बाल्टी ने पानी की सतह को स्पर्श किया। ब्रेंडन ने एक-दो बार बाल्टी को खींचकर छोड़ा।

पानी भरने के बाद ब्रेंडन ने बाल्टी को खींचना शुरु कर दिया।

थोड़ी ही देर में बाल्टी ऊपर पहुंच गयी, पर बाल्टी पर नजर पड़ते ही ब्रेंडन के मुंह से चीख निकल गयी।

बाल्टी में रोजर का सिर तैर रहा था।

यह देख ब्रेंडन के मुंह से एक तेज चीख निकली नहींऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽ।"

इसी के साथ ब्रेंडन का शरीर हवा में लहराया और बेहोश होकर जमीन पर गिर गया।

ब्रेंडन के हाथ से रस्सी भी छूट गयी और बाल्टी वापस रस्सी सहित कुंए में चली गयी।

चूंकी रस्सी के आखरी सिरे पर एक बड़ा सा पत्थर बंधा था, इसिलये बाल्टी के पानी में गिरने के बावजूद भी पूरी रस्सी कुंए में नहीं गयी।

उधर ब्रेंडन की चीख सुनकर सभी लोग जाग गये। सुयश की नजर अपने आसपास घूमी।

“ब्रेंडन गायब है।" सुयश ने कहा- “यह उसी की चीख थी।" सभी का मन एक अंजानी आशंका से भर उठा।

सुयश उठ कर बाहर की ओर भागा। तभी सुयश की नजर कुंए के पास बेहोश पड़े ब्रेंडन की ओर गयी।

“ब्रेंडन यहां है।" सुयश ने चीखकर सभी को उधर बुला लिया।

ब्रेंडन को बेहोश देख असलम ने कुंए से बाल्टी खींच, उसके पानी के छींटे ब्रेंडन के चेहरे पर मारे।

अब ब्रेंडन को होश आ गया, पर बाल्टी पर नजर पड़ते ही वह डर के मारे चीखने लगा।

तौफीक ने ब्रेंडन को सहारा दिया और एलेक्स ने ब्रेंडन को अपनी बोतल से थोड़ा पानी पिलाया।

अब ब्रेंडन थोड़ा सा बेहतर दिख रहा था। सुयश के पूछने पर ब्रेंडन ने पूरी कहानी सुना दी।

पूरी कहानी सुन अल्बर्ट ने बाल्टी पर नजर मारी, जिसमें एक नारियल का खोल पड़ा था।

यह देख अल्बर्ट ने एक गहरी साँस भरते हुए कहा-
“चिंता की कोई बात नहीं है। पिछले कुछ दिन की घटना ने ब्रेंडन के दिमाग पर गहरा असर डाला है। इसी की वजह से इसने पहले बुरा सपना देखा और फ़िर सपने से जागकर जब पानी लेने आया तो डर की वजह से इस नारियल के खोल को रोजर का सिर समझ लिया। चूंकि नारियल के खोल पर आँख, नाक और मुंह जैसे निशान होते हैं इसिलये ब्रेंडन के डर को वास्तविकता का आकार मिल गया। ये ऐसी कोई बड़ी बात नहीं है। डर की वजह से अक्षर लोगो के साथ ऐसा होता है।"

अल्बर्ट की बात सुन सबने राहत की साँस ली और फ़िर खंडहर के अंदर की ओर चल दिये।

पर ब्रेंडन को अभी भी थोड़ा डर महसूस हो रहा था।

लगभग सुबह होने वाली थी और ब्रेंडन के इस अहसास के कारण अब किसी को नींद भी नहीं आ रही थी। फ़िर भी सभी अपनी जगह पर लेट गये।

उधर युगाका की आँखो में भी एक चमक सी दिखाई दे रही थी। वह भी एक पेड़ पर चढ़कर लेट गया।



जारी रहेगा_________✍️
 

Raj_sharma

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Ha woh toh dekha hai maine lekin mere kuch trust issues ban gye hai yahan jab se incest prefix mein adultery, romance mein interfaith aur thriller mein melodrama dekha hai kuch stories pe yahan :Sighing:

Koi nhi dekhungi ke aapke story mein kitne fantasy aur magic hai :sip:

I will read

Shaandar jabardast Romanchak Update 👌 👌 👌

Badhiya update bhai

Sahi tha me ye akriti jarur kuchh kand karegi or dhoka degi ye to bhai aryan ir shalaka ke time se thi to rojer se to saf jhuth bola ha isne iska to maksad hi yahi tha ki suyesh ko is dwip per la sake

Or dekhker lagta ha aryan or shalaka ki prem kahani ki villain yahi ha do premiyon ke bich me tisri lagta ha bahut jhol kar hua ha is akriti ne past me bhi or present me bhi

Bhoi..log padhte to he...but keh nahi pate...

This was the best written update.
Very beautiful. Wow. 👏👏👏❤️

Yeh ladke aaj ke ho ya puraane... ek ladki ke saath nahi reh sakte... :nope1: aane do jitni aati hai.. :grouphug: Agar woh pyaar Shalaka se karta hai toh usae peeche chhod Aakruti ka haath pakde andar gaya hi kyo! :girlmad:Huh I hate love stories..

Love story ko maaro goli.. ,:flamethrower:

Shalaka 👸 toh khair Dev-Kanya hai toh itne saal jinda rahi.

Lekin Suyash:yes2:aur Aaryan:yes2:ka kya connection hai?

Aakruti bhi normal insaan lag rahi. Toh uska bhi poorani Aakruti se kya connection? Aur dono ka naam Aakruti hi hai? Suyash aur Aaryan jaise do naam nahi?

Motaka :roll3: ne kaha ke Aakruti aur Shalaka ke chehre milte hai!! Toh in dono ka bhi kya koi connection hai? Kya dono behne hai? :homo:

Inki love story se jyada mujhe inke raaz jaane mei jyada interest hai..

Agli update aati hi hogi .. pata hai mujhe intezaar nahi karna hoga... :cool3:

Update bahut acha h bhai aakriti aur shalaka dono sagi behne h aur shayad dono hi Aaryan se pyar krti h

Nice start

nice update

बहुत ही गजब का सुंदर लाजवाब और अद्भुत मनमोहक अपडेट हैं भाई मजा आ गया
अगले रोमांचकारी धमाकेदार और रहस्यमयी अपडेट की प्रतिक्षा रहेगी जल्दी से दिजिएगा

Sahi kaha... Bina padhe bol diya...

अब तब कमेंट करुंगा जब पुरा पढ़ लुंगा
Till then :nocomment:

Awesome update

Brother yadi kisi ne amar hone ki dawa bana bhi Li toh dangerous bhi ho sakta hai, yadi log bimari se nikal pa lenge toh log aalsi ho sakte hain. Aur jaise ped season ke anuroop apna purana patta kho deta hai waise hi insan ki ek fix time limit ke baad apna jeevan tyag dena hi sahi hai. Aur kabhi kabhi jeevan insan ko itna boring lagne lagta hai ki wo khud hi maut ki ichha karta hai.

Khair wonderful update brother.

Mere ghar me 4 logo ko infection hua tha us samy ,main aaj tak vaccine nahi liya hu fir bhi mast hu ,bahut sari chije mentality se bhi prabhavit hoti hai , carona se jyada khatarnaak uska dar tha ,pure Carona ke period me maine apni clinic khuli rakhi roj hi kai logo se mila vaccine bhi nahi lagwaya sirf apni immunity par bharosha rakha

Bahut hi shandar update he Raj_sharma Bhai,

Har update ek nayi jankari deti he...........aur ek naya rahasay bhi chhod jati he..........

Keep rocking Bro

ब्रह्म - कलश का जिक्र समुद्र मंथन से प्रकट हुई अमृत से और धेनुका गाय का जिक्र कामधेनु गाय से कर सकते है पर यह कामधेनु गाय स्वर्ण की दूध नही देती थी ।

खैर , शलाका एक देव कन्या थी वहीं आर्यन एक आम मानव । आकृति के बारे मे अभी खुलासा नही हुआ है । यह एक लव ट्राइंगल स्टोरी था ।
वर्तमान समय मे आर्यन , सुयश के नाम से जन्म लिए है और आकृति अपने पुराने नाम पर ही । शलाका देव कन्या होने के बावजूद भी दो हजार वर्ष ही जिंदा रह सकती थी अर्थात वो भी दिवंगत हो चुकी है । इस युग मे अगर वह अस्तित्व मे होगी तब वह सिर्फ आत्मा या रूह के रूप मे ही जिंदा होगी ।
लेकिन विचित्र बात यह है कि शलाका और आकृति हमशक्ल है । शायद वह दोनो अवश्य ही बहने होंगी ।
शायद दोनो के पिता या मां अलग-अलग हों । शायद शलाका की मां देवी हो और आकृति की मां पृथ्वीवासी ।
अगर ऐसा है तो सुयश साहब उर्फ आर्यन का विवाह आकृति के साथ सम्भावित लग रहा है ।
खैर देखते है सच्चाई क्या है !
आर्यन और आकृति के बाद ऐमू नामक तोते का इस युग मे उपस्थित होना हमे अचंभित कर रहा है । जब शनाया जीवित नही रह सकती तब यह तोता कैसे जीवित रह सकता है ?
खैर यह भी एक पहेली है जिस का हल पंडित जी को करना है ।
खुबसूरत अपडेट शर्मा जी ।
आउटस्टैंडिंग एंड अमेजिंग अपडेट ।

Bhut hi jabardast update
To suyash vapas apne vartman samay par aa gaya jaha us par sawalo ki barish ho gayi
Dekte hai ab aage kya hota hai

Naya update hi sabko yahan layega

Isliye jaldi update do :D

Amazing update Raj_sharma bhai
Kafi dilchasp baate sunne ko mili is update me

intezaar rahega next update ka Raj_sharma bhai....

Update posted friends :declare:
 

Ajju Landwalia

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#81.

डर की रात :

(9 जनवरी 2002, बुधवार, 03:15, मायावन, अराका)

दिन भर का सफर और थकान की वजह से सभी बहुत गहरी नींद में थे।

इस समय युगाका की नजर वहां लेटे हुए ब्रेंडन पर थी। उसने वहीं जमीन पर पड़ी हुई थोड़ी सी मिट्टी उठाई और कुछ बुदबुदाते हुये उस मिट्टी को फूंक मारकर हवा में उड़ा दिया।

अब ब्रेंडन के कुछ दूरी पर उगे एक पौधे में हल्की सी हरकत हुई और वह लंबी होकर ब्रेंडन के सिर के पास पहुंच गयी।

पौधे ने ब्रेंडन के बालो पर कुछ किया और फ़िर छोटी होकर वापस अपनी जगह पर पहुंच गयी।

सोते हुए ब्रेंडन को तभी एक खटके की आवाज सुनाई दी। आवाज को सुनकर ब्रेंडन जग गया।

उसने उठकर अपने आसपास नजर मारी। आसपास नजर मारते ही उसके रोंगटे खड़े हो गये।

वह बिल्कुल अकेला सोया था। उसके आसपास इस समय कोई नहीं था।

“यह सारे लोग कहां चले गये? उन्होने जाते समय मुझे जगाया क्यों नहीं?“ ब्रेंडन मन ही मन बुदबुदाया।

अब वह उठकर खड़ा हो गया। वह हैरान था कि सारे लोग इतनी रात कहां चले गये? धीरे-धीरे उस पर घबराहट हावी होती जा रही थी।

तभी उसे अंधेरे में झाड़ियों के पास खड़ा हुआ कोई दिखाई दिया। झाड़ियों के पास खड़े उस इंसान की पीठ ब्रेंडन की ओर थी।

“कौन है वहां?" ब्रेंडन ने अपनी जेब से चाकू निकाल कर गरजदार आवाज में पूछा।

पर ना तो वह इंसान मुड़ा और ना ही उसने कोई जवाब दिया।

अब ब्रेंडन से रहा न गया और वह धीरे-धीरे चलता हुआ, उस इंसान के पीछे पहुंच गया।

उस साये का चेहरा अभी भी दूसरी ओर था। उसे शायद पीछे आने वाले ब्रेंडन का अहसास भी नहीं था।

तभी उस साये के मुंह से कुछ शब्द निकले- “जल्दी करो, बहुत भूख लगी है।"

ब्रेंडन समझ गया कि उस साये के साथ और भी कोई है। अब वह साये के थोड़ा और भी करीब पहुंच गया।

तभी ब्रेंडन की नजर उस साये के सामने बैठे एक और साये पर गयी, जिसके हाथ में कोई चमकती हुई चीज थी।

चूंकी उस स्थान पर काफ़ी अंधेरा था इसिलये सारी चीजे बिल्कुल साफ दिखाई नहीं दे रही थी।

ध्यान से देखने पर ब्रेंडन के सामने जो नजारा आया, वह उसकी रूह कंपा देने के लिये काफ़ी था।

नीचे तौफीक की लाश पड़ी थी और नीचे बैठे साये के हाथ में एक चाकू चमक रहा था, जिससे वह तौफीक के शरीर का मांस काट कर निकाल रहा था।

अचानक दोनो साये ब्रेंडन की ओर मुड़ गये।

उन दोनों साये पर नजर पड़ते ही ब्रेंडन की आँखे दहशत के मारे फैल गयी, क्यों कि नीचे बैठा साया लॉरेन का और ऊपर खड़ा साया लोथार का था।

लोथार, ब्रेंडन को अपनी ओर देखते हुए पाकर बोल उठा- “अरे वाह! क्या मोटा शिकार हाथ लगा है, पहले इसी को खाकर अपनी भूख मिटाते हैं।"

यह देख ब्रेंडन पूरी ताकत से पलटकर भागा। लॉरेन और लोथार उसके पीछे थे।

ब्रेंडन को भागते समय अपने पैर बहुत भारी से लग रहे थे।

भागता-भागता वह एक पेड़ के पीछे छिप गया। अपनी साँसो की आवाज को दबाने के लिये ब्रेंडन ने अपने दोनों हाथ से अपने मुंह को बंद कर लिया।

तभी उसके चेहरे पर एक बूंद, उस पेड़ से टपकी, जिसके नीचे वह खड़ा था।

उस बूंद का अहसास होते ही ब्रेंडन ने हाथो से उस बूंद को पोंछा। तभी उसे अपने हाथो पर खून लगा नजर आया।

घबराकर ब्रेंडन ने पेड़ के ऊपर की ओर देखा। पेड़ के ऊपर देखते ही उसकी साँस उसके गले में ही फंस गयी।

क्यों कि पेड़ के ऊपर क्रिस्टी, जेनिथ, सुयश और एलेक्स की लाशे झूल रही थी। उन्हि के कटे हुए हाथ पैर से खून टपक रहा था।

ब्रेंडन पूरी ताकत लगा कर वहां से भागा।

ब्रेंडन का दिल अब धाड़-धाड़ बज रहा था। उसे अब अपने बचने की संभावना बिल्कुल भी नहीं दिख रही थी। ब्रेंडन अब अंजानी दिशा में पागलों की तरह भाग रहा था।

तभी उसका पैर किसी चीज से टकरा गया और वह लड़खड़ाकर गिर गया।

गिरने के बाद ब्रेंडन ने ध्यान से उस चीज को देखा, जिससे उसका पैर टकराया था।

वह भी एक लाश थी जो कि पेट के बल जमीन पर गिरी पड़ी थी। पहले तो ब्रेंडन ने वहां से भागना चाहा, पर ना जाने क्या सोच उसने लाश को पलटकर देखा।

लाश के चेहरे पर नजर पड़ते ही उसके बचे खुचे होश भी गुम हो गये क्यों कि यह लाश उसकी स्वयं की थी।

ब्रेंडन को एक झटका लगा और वह उठकर बैठ गया। वह यह सब सपना देख रहा था।

उसकी नजर तुरंत अपने अगल-बगल पड़ी। तौफीक, जेनिथ, क्रिस्टी, असलम, एलेक्स, सुयश सहित सभी अपनी जगह पर सो रहे थे।

ब्रेंडन ने एक राहत की साँस ली। उसका पूरा शरीर पसीने से तर था और उसकी साँसे धोकनी के समान चल रही थी।

ब्रेंडन को ऐसा लग रहा था कि अगर एक पल उसकी नींद और नहीं खुलती तो शायद दहशत के कारण वह सपने में ही मर जाता।

ब्रेंडन का गला पूरा सूखा हुआ था। ब्रेंडन ने एक नजर अपनी पानी की बोतल पर मारी। बोतल में पानी
बिलकुल ख़तम था।

ब्रेंडन ने दूसरी बोतल ना निकालते हुए इसी बोतल में पानी भरकर पीने का सोचा।

रात अभी आधी बीती थी। अब वह खंडहर से बाहर निकलकर कुंए के पास आ गया।

चाँदनी रात थी। चाँद की रोशनी चारो ओर चमक रही थी।

ब्रेंडन ने एक नजर कुंए की जगत पर रखी बाल्टी पर मारी और फ़िर बाल्टी को कुंए की ओर लटकाकर, रस्सी धीरे-धीरे छोड़ने लगा।

थोड़ी देर बाद बाल्टी ने पानी की सतह को स्पर्श किया। ब्रेंडन ने एक-दो बार बाल्टी को खींचकर छोड़ा।

पानी भरने के बाद ब्रेंडन ने बाल्टी को खींचना शुरु कर दिया।

थोड़ी ही देर में बाल्टी ऊपर पहुंच गयी, पर बाल्टी पर नजर पड़ते ही ब्रेंडन के मुंह से चीख निकल गयी।

बाल्टी में रोजर का सिर तैर रहा था।

यह देख ब्रेंडन के मुंह से एक तेज चीख निकली नहींऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽ।"

इसी के साथ ब्रेंडन का शरीर हवा में लहराया और बेहोश होकर जमीन पर गिर गया।

ब्रेंडन के हाथ से रस्सी भी छूट गयी और बाल्टी वापस रस्सी सहित कुंए में चली गयी।

चूंकी रस्सी के आखरी सिरे पर एक बड़ा सा पत्थर बंधा था, इसिलये बाल्टी के पानी में गिरने के बावजूद भी पूरी रस्सी कुंए में नहीं गयी।

उधर ब्रेंडन की चीख सुनकर सभी लोग जाग गये। सुयश की नजर अपने आसपास घूमी।

“ब्रेंडन गायब है।" सुयश ने कहा- “यह उसी की चीख थी।" सभी का मन एक अंजानी आशंका से भर उठा।

सुयश उठ कर बाहर की ओर भागा। तभी सुयश की नजर कुंए के पास बेहोश पड़े ब्रेंडन की ओर गयी।

“ब्रेंडन यहां है।" सुयश ने चीखकर सभी को उधर बुला लिया।

ब्रेंडन को बेहोश देख असलम ने कुंए से बाल्टी खींच, उसके पानी के छींटे ब्रेंडन के चेहरे पर मारे।

अब ब्रेंडन को होश आ गया, पर बाल्टी पर नजर पड़ते ही वह डर के मारे चीखने लगा।

तौफीक ने ब्रेंडन को सहारा दिया और एलेक्स ने ब्रेंडन को अपनी बोतल से थोड़ा पानी पिलाया।

अब ब्रेंडन थोड़ा सा बेहतर दिख रहा था। सुयश के पूछने पर ब्रेंडन ने पूरी कहानी सुना दी।

पूरी कहानी सुन अल्बर्ट ने बाल्टी पर नजर मारी, जिसमें एक नारियल का खोल पड़ा था।

यह देख अल्बर्ट ने एक गहरी साँस भरते हुए कहा-
“चिंता की कोई बात नहीं है। पिछले कुछ दिन की घटना ने ब्रेंडन के दिमाग पर गहरा असर डाला है। इसी की वजह से इसने पहले बुरा सपना देखा और फ़िर सपने से जागकर जब पानी लेने आया तो डर की वजह से इस नारियल के खोल को रोजर का सिर समझ लिया। चूंकि नारियल के खोल पर आँख, नाक और मुंह जैसे निशान होते हैं इसिलये ब्रेंडन के डर को वास्तविकता का आकार मिल गया। ये ऐसी कोई बड़ी बात नहीं है। डर की वजह से अक्षर लोगो के साथ ऐसा होता है।"

अल्बर्ट की बात सुन सबने राहत की साँस ली और फ़िर खंडहर के अंदर की ओर चल दिये।

पर ब्रेंडन को अभी भी थोड़ा डर महसूस हो रहा था।

लगभग सुबह होने वाली थी और ब्रेंडन के इस अहसास के कारण अब किसी को नींद भी नहीं आ रही थी। फ़िर भी सभी अपनी जगह पर लेट गये।

उधर युगाका की आँखो में भी एक चमक सी दिखाई दे रही थी। वह भी एक पेड़ पर चढ़कर लेट गया।



जारी रहेगा_________✍️

Bahut hi shandar update he Raj_sharma Bhai

Yugaka ne Brandon ke baalo ke sath koi kala jaadu kiya he........

Uski soch me dar ko baitha diya gaya he yugaka ke dwara.........

Keep rocking Bro
 

Raj_sharma

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Bahut hi shandar update he Raj_sharma Bhai

Yugaka ne Brandon ke baalo ke sath koi kala jaadu kiya he........

Uski soch me dar ko baitha diya gaya he yugaka ke dwara.........

Keep rocking Bro
Jo bhi tha lekin Brendon ke liye to kaafi daravna tha:approve:
Thank you very much for your valuable review and support bhai :thanx:
 

Dhakad boy

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डर की रात :

(9 जनवरी 2002, बुधवार, 03:15, मायावन, अराका)

दिन भर का सफर और थकान की वजह से सभी बहुत गहरी नींद में थे।

इस समय युगाका की नजर वहां लेटे हुए ब्रेंडन पर थी। उसने वहीं जमीन पर पड़ी हुई थोड़ी सी मिट्टी उठाई और कुछ बुदबुदाते हुये उस मिट्टी को फूंक मारकर हवा में उड़ा दिया।

अब ब्रेंडन के कुछ दूरी पर उगे एक पौधे में हल्की सी हरकत हुई और वह लंबी होकर ब्रेंडन के सिर के पास पहुंच गयी।

पौधे ने ब्रेंडन के बालो पर कुछ किया और फ़िर छोटी होकर वापस अपनी जगह पर पहुंच गयी।

सोते हुए ब्रेंडन को तभी एक खटके की आवाज सुनाई दी। आवाज को सुनकर ब्रेंडन जग गया।

उसने उठकर अपने आसपास नजर मारी। आसपास नजर मारते ही उसके रोंगटे खड़े हो गये।

वह बिल्कुल अकेला सोया था। उसके आसपास इस समय कोई नहीं था।

“यह सारे लोग कहां चले गये? उन्होने जाते समय मुझे जगाया क्यों नहीं?“ ब्रेंडन मन ही मन बुदबुदाया।

अब वह उठकर खड़ा हो गया। वह हैरान था कि सारे लोग इतनी रात कहां चले गये? धीरे-धीरे उस पर घबराहट हावी होती जा रही थी।

तभी उसे अंधेरे में झाड़ियों के पास खड़ा हुआ कोई दिखाई दिया। झाड़ियों के पास खड़े उस इंसान की पीठ ब्रेंडन की ओर थी।

“कौन है वहां?" ब्रेंडन ने अपनी जेब से चाकू निकाल कर गरजदार आवाज में पूछा।

पर ना तो वह इंसान मुड़ा और ना ही उसने कोई जवाब दिया।

अब ब्रेंडन से रहा न गया और वह धीरे-धीरे चलता हुआ, उस इंसान के पीछे पहुंच गया।

उस साये का चेहरा अभी भी दूसरी ओर था। उसे शायद पीछे आने वाले ब्रेंडन का अहसास भी नहीं था।

तभी उस साये के मुंह से कुछ शब्द निकले- “जल्दी करो, बहुत भूख लगी है।"

ब्रेंडन समझ गया कि उस साये के साथ और भी कोई है। अब वह साये के थोड़ा और भी करीब पहुंच गया।

तभी ब्रेंडन की नजर उस साये के सामने बैठे एक और साये पर गयी, जिसके हाथ में कोई चमकती हुई चीज थी।

चूंकी उस स्थान पर काफ़ी अंधेरा था इसिलये सारी चीजे बिल्कुल साफ दिखाई नहीं दे रही थी।

ध्यान से देखने पर ब्रेंडन के सामने जो नजारा आया, वह उसकी रूह कंपा देने के लिये काफ़ी था।

नीचे तौफीक की लाश पड़ी थी और नीचे बैठे साये के हाथ में एक चाकू चमक रहा था, जिससे वह तौफीक के शरीर का मांस काट कर निकाल रहा था।

अचानक दोनो साये ब्रेंडन की ओर मुड़ गये।

उन दोनों साये पर नजर पड़ते ही ब्रेंडन की आँखे दहशत के मारे फैल गयी, क्यों कि नीचे बैठा साया लॉरेन का और ऊपर खड़ा साया लोथार का था।

लोथार, ब्रेंडन को अपनी ओर देखते हुए पाकर बोल उठा- “अरे वाह! क्या मोटा शिकार हाथ लगा है, पहले इसी को खाकर अपनी भूख मिटाते हैं।"

यह देख ब्रेंडन पूरी ताकत से पलटकर भागा। लॉरेन और लोथार उसके पीछे थे।

ब्रेंडन को भागते समय अपने पैर बहुत भारी से लग रहे थे।

भागता-भागता वह एक पेड़ के पीछे छिप गया। अपनी साँसो की आवाज को दबाने के लिये ब्रेंडन ने अपने दोनों हाथ से अपने मुंह को बंद कर लिया।

तभी उसके चेहरे पर एक बूंद, उस पेड़ से टपकी, जिसके नीचे वह खड़ा था।

उस बूंद का अहसास होते ही ब्रेंडन ने हाथो से उस बूंद को पोंछा। तभी उसे अपने हाथो पर खून लगा नजर आया।

घबराकर ब्रेंडन ने पेड़ के ऊपर की ओर देखा। पेड़ के ऊपर देखते ही उसकी साँस उसके गले में ही फंस गयी।

क्यों कि पेड़ के ऊपर क्रिस्टी, जेनिथ, सुयश और एलेक्स की लाशे झूल रही थी। उन्हि के कटे हुए हाथ पैर से खून टपक रहा था।

ब्रेंडन पूरी ताकत लगा कर वहां से भागा।

ब्रेंडन का दिल अब धाड़-धाड़ बज रहा था। उसे अब अपने बचने की संभावना बिल्कुल भी नहीं दिख रही थी। ब्रेंडन अब अंजानी दिशा में पागलों की तरह भाग रहा था।

तभी उसका पैर किसी चीज से टकरा गया और वह लड़खड़ाकर गिर गया।

गिरने के बाद ब्रेंडन ने ध्यान से उस चीज को देखा, जिससे उसका पैर टकराया था।

वह भी एक लाश थी जो कि पेट के बल जमीन पर गिरी पड़ी थी। पहले तो ब्रेंडन ने वहां से भागना चाहा, पर ना जाने क्या सोच उसने लाश को पलटकर देखा।

लाश के चेहरे पर नजर पड़ते ही उसके बचे खुचे होश भी गुम हो गये क्यों कि यह लाश उसकी स्वयं की थी।

ब्रेंडन को एक झटका लगा और वह उठकर बैठ गया। वह यह सब सपना देख रहा था।

उसकी नजर तुरंत अपने अगल-बगल पड़ी। तौफीक, जेनिथ, क्रिस्टी, असलम, एलेक्स, सुयश सहित सभी अपनी जगह पर सो रहे थे।

ब्रेंडन ने एक राहत की साँस ली। उसका पूरा शरीर पसीने से तर था और उसकी साँसे धोकनी के समान चल रही थी।

ब्रेंडन को ऐसा लग रहा था कि अगर एक पल उसकी नींद और नहीं खुलती तो शायद दहशत के कारण वह सपने में ही मर जाता।

ब्रेंडन का गला पूरा सूखा हुआ था। ब्रेंडन ने एक नजर अपनी पानी की बोतल पर मारी। बोतल में पानी
बिलकुल ख़तम था।

ब्रेंडन ने दूसरी बोतल ना निकालते हुए इसी बोतल में पानी भरकर पीने का सोचा।

रात अभी आधी बीती थी। अब वह खंडहर से बाहर निकलकर कुंए के पास आ गया।

चाँदनी रात थी। चाँद की रोशनी चारो ओर चमक रही थी।

ब्रेंडन ने एक नजर कुंए की जगत पर रखी बाल्टी पर मारी और फ़िर बाल्टी को कुंए की ओर लटकाकर, रस्सी धीरे-धीरे छोड़ने लगा।

थोड़ी देर बाद बाल्टी ने पानी की सतह को स्पर्श किया। ब्रेंडन ने एक-दो बार बाल्टी को खींचकर छोड़ा।

पानी भरने के बाद ब्रेंडन ने बाल्टी को खींचना शुरु कर दिया।

थोड़ी ही देर में बाल्टी ऊपर पहुंच गयी, पर बाल्टी पर नजर पड़ते ही ब्रेंडन के मुंह से चीख निकल गयी।

बाल्टी में रोजर का सिर तैर रहा था।

यह देख ब्रेंडन के मुंह से एक तेज चीख निकली नहींऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽ।"

इसी के साथ ब्रेंडन का शरीर हवा में लहराया और बेहोश होकर जमीन पर गिर गया।

ब्रेंडन के हाथ से रस्सी भी छूट गयी और बाल्टी वापस रस्सी सहित कुंए में चली गयी।

चूंकी रस्सी के आखरी सिरे पर एक बड़ा सा पत्थर बंधा था, इसिलये बाल्टी के पानी में गिरने के बावजूद भी पूरी रस्सी कुंए में नहीं गयी।

उधर ब्रेंडन की चीख सुनकर सभी लोग जाग गये। सुयश की नजर अपने आसपास घूमी।

“ब्रेंडन गायब है।" सुयश ने कहा- “यह उसी की चीख थी।" सभी का मन एक अंजानी आशंका से भर उठा।

सुयश उठ कर बाहर की ओर भागा। तभी सुयश की नजर कुंए के पास बेहोश पड़े ब्रेंडन की ओर गयी।

“ब्रेंडन यहां है।" सुयश ने चीखकर सभी को उधर बुला लिया।

ब्रेंडन को बेहोश देख असलम ने कुंए से बाल्टी खींच, उसके पानी के छींटे ब्रेंडन के चेहरे पर मारे।

अब ब्रेंडन को होश आ गया, पर बाल्टी पर नजर पड़ते ही वह डर के मारे चीखने लगा।

तौफीक ने ब्रेंडन को सहारा दिया और एलेक्स ने ब्रेंडन को अपनी बोतल से थोड़ा पानी पिलाया।

अब ब्रेंडन थोड़ा सा बेहतर दिख रहा था। सुयश के पूछने पर ब्रेंडन ने पूरी कहानी सुना दी।

पूरी कहानी सुन अल्बर्ट ने बाल्टी पर नजर मारी, जिसमें एक नारियल का खोल पड़ा था।

यह देख अल्बर्ट ने एक गहरी साँस भरते हुए कहा-
“चिंता की कोई बात नहीं है। पिछले कुछ दिन की घटना ने ब्रेंडन के दिमाग पर गहरा असर डाला है। इसी की वजह से इसने पहले बुरा सपना देखा और फ़िर सपने से जागकर जब पानी लेने आया तो डर की वजह से इस नारियल के खोल को रोजर का सिर समझ लिया। चूंकि नारियल के खोल पर आँख, नाक और मुंह जैसे निशान होते हैं इसिलये ब्रेंडन के डर को वास्तविकता का आकार मिल गया। ये ऐसी कोई बड़ी बात नहीं है। डर की वजह से अक्षर लोगो के साथ ऐसा होता है।"

अल्बर्ट की बात सुन सबने राहत की साँस ली और फ़िर खंडहर के अंदर की ओर चल दिये।

पर ब्रेंडन को अभी भी थोड़ा डर महसूस हो रहा था।

लगभग सुबह होने वाली थी और ब्रेंडन के इस अहसास के कारण अब किसी को नींद भी नहीं आ रही थी। फ़िर भी सभी अपनी जगह पर लेट गये।

उधर युगाका की आँखो में भी एक चमक सी दिखाई दे रही थी। वह भी एक पेड़ पर चढ़कर लेट गया।



जारी रहेगा_________✍️
Bhut hi badhiya update
Yugaka ne jrur Brendon ke balo ke sath kuch kiya hai jisse uske dimag me dar Beth Gaya agar vah sapne se todi der or nahi jagta to sayad vo heartattack se hi mar jata
 

Raj_sharma

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डर की रात :

(9 जनवरी 2002, बुधवार, 03:15, मायावन, अराका)

दिन भर का सफर और थकान की वजह से सभी बहुत गहरी नींद में थे।

इस समय युगाका की नजर वहां लेटे हुए ब्रेंडन पर थी। उसने वहीं जमीन पर पड़ी हुई थोड़ी सी मिट्टी उठाई और कुछ बुदबुदाते हुये उस मिट्टी को फूंक मारकर हवा में उड़ा दिया।

अब ब्रेंडन के कुछ दूरी पर उगे एक पौधे में हल्की सी हरकत हुई और वह लंबी होकर ब्रेंडन के सिर के पास पहुंच गयी।

पौधे ने ब्रेंडन के बालो पर कुछ किया और फ़िर छोटी होकर वापस अपनी जगह पर पहुंच गयी।

सोते हुए ब्रेंडन को तभी एक खटके की आवाज सुनाई दी। आवाज को सुनकर ब्रेंडन जग गया।

उसने उठकर अपने आसपास नजर मारी। आसपास नजर मारते ही उसके रोंगटे खड़े हो गये।

वह बिल्कुल अकेला सोया था। उसके आसपास इस समय कोई नहीं था।

“यह सारे लोग कहां चले गये? उन्होने जाते समय मुझे जगाया क्यों नहीं?“ ब्रेंडन मन ही मन बुदबुदाया।

अब वह उठकर खड़ा हो गया। वह हैरान था कि सारे लोग इतनी रात कहां चले गये? धीरे-धीरे उस पर घबराहट हावी होती जा रही थी।

तभी उसे अंधेरे में झाड़ियों के पास खड़ा हुआ कोई दिखाई दिया। झाड़ियों के पास खड़े उस इंसान की पीठ ब्रेंडन की ओर थी।

“कौन है वहां?" ब्रेंडन ने अपनी जेब से चाकू निकाल कर गरजदार आवाज में पूछा।

पर ना तो वह इंसान मुड़ा और ना ही उसने कोई जवाब दिया।

अब ब्रेंडन से रहा न गया और वह धीरे-धीरे चलता हुआ, उस इंसान के पीछे पहुंच गया।

उस साये का चेहरा अभी भी दूसरी ओर था। उसे शायद पीछे आने वाले ब्रेंडन का अहसास भी नहीं था।

तभी उस साये के मुंह से कुछ शब्द निकले- “जल्दी करो, बहुत भूख लगी है।"

ब्रेंडन समझ गया कि उस साये के साथ और भी कोई है। अब वह साये के थोड़ा और भी करीब पहुंच गया।

तभी ब्रेंडन की नजर उस साये के सामने बैठे एक और साये पर गयी, जिसके हाथ में कोई चमकती हुई चीज थी।

चूंकी उस स्थान पर काफ़ी अंधेरा था इसिलये सारी चीजे बिल्कुल साफ दिखाई नहीं दे रही थी।

ध्यान से देखने पर ब्रेंडन के सामने जो नजारा आया, वह उसकी रूह कंपा देने के लिये काफ़ी था।

नीचे तौफीक की लाश पड़ी थी और नीचे बैठे साये के हाथ में एक चाकू चमक रहा था, जिससे वह तौफीक के शरीर का मांस काट कर निकाल रहा था।

अचानक दोनो साये ब्रेंडन की ओर मुड़ गये।

उन दोनों साये पर नजर पड़ते ही ब्रेंडन की आँखे दहशत के मारे फैल गयी, क्यों कि नीचे बैठा साया लॉरेन का और ऊपर खड़ा साया लोथार का था।

लोथार, ब्रेंडन को अपनी ओर देखते हुए पाकर बोल उठा- “अरे वाह! क्या मोटा शिकार हाथ लगा है, पहले इसी को खाकर अपनी भूख मिटाते हैं।"

यह देख ब्रेंडन पूरी ताकत से पलटकर भागा। लॉरेन और लोथार उसके पीछे थे।

ब्रेंडन को भागते समय अपने पैर बहुत भारी से लग रहे थे।

भागता-भागता वह एक पेड़ के पीछे छिप गया। अपनी साँसो की आवाज को दबाने के लिये ब्रेंडन ने अपने दोनों हाथ से अपने मुंह को बंद कर लिया।

तभी उसके चेहरे पर एक बूंद, उस पेड़ से टपकी, जिसके नीचे वह खड़ा था।

उस बूंद का अहसास होते ही ब्रेंडन ने हाथो से उस बूंद को पोंछा। तभी उसे अपने हाथो पर खून लगा नजर आया।

घबराकर ब्रेंडन ने पेड़ के ऊपर की ओर देखा। पेड़ के ऊपर देखते ही उसकी साँस उसके गले में ही फंस गयी।

क्यों कि पेड़ के ऊपर क्रिस्टी, जेनिथ, सुयश और एलेक्स की लाशे झूल रही थी। उन्हि के कटे हुए हाथ पैर से खून टपक रहा था।

ब्रेंडन पूरी ताकत लगा कर वहां से भागा।

ब्रेंडन का दिल अब धाड़-धाड़ बज रहा था। उसे अब अपने बचने की संभावना बिल्कुल भी नहीं दिख रही थी। ब्रेंडन अब अंजानी दिशा में पागलों की तरह भाग रहा था।

तभी उसका पैर किसी चीज से टकरा गया और वह लड़खड़ाकर गिर गया।

गिरने के बाद ब्रेंडन ने ध्यान से उस चीज को देखा, जिससे उसका पैर टकराया था।

वह भी एक लाश थी जो कि पेट के बल जमीन पर गिरी पड़ी थी। पहले तो ब्रेंडन ने वहां से भागना चाहा, पर ना जाने क्या सोच उसने लाश को पलटकर देखा।

लाश के चेहरे पर नजर पड़ते ही उसके बचे खुचे होश भी गुम हो गये क्यों कि यह लाश उसकी स्वयं की थी।

ब्रेंडन को एक झटका लगा और वह उठकर बैठ गया। वह यह सब सपना देख रहा था।

उसकी नजर तुरंत अपने अगल-बगल पड़ी। तौफीक, जेनिथ, क्रिस्टी, असलम, एलेक्स, सुयश सहित सभी अपनी जगह पर सो रहे थे।

ब्रेंडन ने एक राहत की साँस ली। उसका पूरा शरीर पसीने से तर था और उसकी साँसे धोकनी के समान चल रही थी।

ब्रेंडन को ऐसा लग रहा था कि अगर एक पल उसकी नींद और नहीं खुलती तो शायद दहशत के कारण वह सपने में ही मर जाता।

ब्रेंडन का गला पूरा सूखा हुआ था। ब्रेंडन ने एक नजर अपनी पानी की बोतल पर मारी। बोतल में पानी
बिलकुल ख़तम था।

ब्रेंडन ने दूसरी बोतल ना निकालते हुए इसी बोतल में पानी भरकर पीने का सोचा।

रात अभी आधी बीती थी। अब वह खंडहर से बाहर निकलकर कुंए के पास आ गया।

चाँदनी रात थी। चाँद की रोशनी चारो ओर चमक रही थी।

ब्रेंडन ने एक नजर कुंए की जगत पर रखी बाल्टी पर मारी और फ़िर बाल्टी को कुंए की ओर लटकाकर, रस्सी धीरे-धीरे छोड़ने लगा।

थोड़ी देर बाद बाल्टी ने पानी की सतह को स्पर्श किया। ब्रेंडन ने एक-दो बार बाल्टी को खींचकर छोड़ा।

पानी भरने के बाद ब्रेंडन ने बाल्टी को खींचना शुरु कर दिया।

थोड़ी ही देर में बाल्टी ऊपर पहुंच गयी, पर बाल्टी पर नजर पड़ते ही ब्रेंडन के मुंह से चीख निकल गयी।

बाल्टी में रोजर का सिर तैर रहा था।

यह देख ब्रेंडन के मुंह से एक तेज चीख निकली नहींऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽ।"

इसी के साथ ब्रेंडन का शरीर हवा में लहराया और बेहोश होकर जमीन पर गिर गया।

ब्रेंडन के हाथ से रस्सी भी छूट गयी और बाल्टी वापस रस्सी सहित कुंए में चली गयी।

चूंकी रस्सी के आखरी सिरे पर एक बड़ा सा पत्थर बंधा था, इसिलये बाल्टी के पानी में गिरने के बावजूद भी पूरी रस्सी कुंए में नहीं गयी।

उधर ब्रेंडन की चीख सुनकर सभी लोग जाग गये। सुयश की नजर अपने आसपास घूमी।

“ब्रेंडन गायब है।" सुयश ने कहा- “यह उसी की चीख थी।" सभी का मन एक अंजानी आशंका से भर उठा।

सुयश उठ कर बाहर की ओर भागा। तभी सुयश की नजर कुंए के पास बेहोश पड़े ब्रेंडन की ओर गयी।

“ब्रेंडन यहां है।" सुयश ने चीखकर सभी को उधर बुला लिया।

ब्रेंडन को बेहोश देख असलम ने कुंए से बाल्टी खींच, उसके पानी के छींटे ब्रेंडन के चेहरे पर मारे।

अब ब्रेंडन को होश आ गया, पर बाल्टी पर नजर पड़ते ही वह डर के मारे चीखने लगा।

तौफीक ने ब्रेंडन को सहारा दिया और एलेक्स ने ब्रेंडन को अपनी बोतल से थोड़ा पानी पिलाया।

अब ब्रेंडन थोड़ा सा बेहतर दिख रहा था। सुयश के पूछने पर ब्रेंडन ने पूरी कहानी सुना दी।

पूरी कहानी सुन अल्बर्ट ने बाल्टी पर नजर मारी, जिसमें एक नारियल का खोल पड़ा था।

यह देख अल्बर्ट ने एक गहरी साँस भरते हुए कहा-
“चिंता की कोई बात नहीं है। पिछले कुछ दिन की घटना ने ब्रेंडन के दिमाग पर गहरा असर डाला है। इसी की वजह से इसने पहले बुरा सपना देखा और फ़िर सपने से जागकर जब पानी लेने आया तो डर की वजह से इस नारियल के खोल को रोजर का सिर समझ लिया। चूंकि नारियल के खोल पर आँख, नाक और मुंह जैसे निशान होते हैं इसिलये ब्रेंडन के डर को वास्तविकता का आकार मिल गया। ये ऐसी कोई बड़ी बात नहीं है। डर की वजह से अक्षर लोगो के साथ ऐसा होता है।"

अल्बर्ट की बात सुन सबने राहत की साँस ली और फ़िर खंडहर के अंदर की ओर चल दिये।

पर ब्रेंडन को अभी भी थोड़ा डर महसूस हो रहा था।

लगभग सुबह होने वाली थी और ब्रेंडन के इस अहसास के कारण अब किसी को नींद भी नहीं आ रही थी। फ़िर भी सभी अपनी जगह पर लेट गये।

उधर युगाका की आँखो में भी एक चमक सी दिखाई दे रही थी। वह भी एक पेड़ पर चढ़कर लेट गया।



जारी रहेगा_________✍️
Intresting update Raj_sharma bhai
Ek bat samj nahi aayee aakhir Yugaka ye karke karna kya chahta tha
Kya Yugaka ne sirf Branden ko darane ke leye ye sab kia
Ya
Yugaka ko kuch janna tha or lagata hai shyad Yugaka jaan chuka hai kuch to
 
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