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Fantasy 'सुप्रीम' एक रहस्यमई सफर

Raj_sharma

यतो धर्मस्ततो जयः ||❣️
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I can read only one or two stories a week. There is no time bhai.
I will definitely read the story of the contest on time but I can hardly write the review .
Sorry for that.
No problem bhai, aapko jaise time mile, jab time mile padhiyega jaroor:dost:
 

Raj_sharma

यतो धर्मस्ततो जयः ||❣️
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कहते हैं इतिहास से जिस ने सबक नही लिया वह अपने बुरे अंजाम के लिए तैयार रहें । वह चाहे कोई व्यक्ति हो या समाज या फिर कोई देश ।
सोलह साल पूर्व ' सम्राट शिप ' की जैसी ही एक दुर्घटना हुई थी और उस समय का शिप ' ब्लैक थंडर ' था । एक इंसान को छोड़कर सभी यात्री मारे गए थे । ठीक उसी तरह सोलह साल बाद इसी घटना की पुनरावृत्ति हुई । सब कुछ ऐन वही हुआ जो ब्लैक थंडर शिप के साथ और उस शिप के पैसेंजर के साथ हुआ था ।
सोलह साल पहले उस्मान खान की एक भूल ने लगभग चार सौ लोगों को परलोक पहुंचा दिया और सोलह साल बाद हुबहु उसी तरह उस्मान खान के पुत्र मोइन खान की गलती ने लगभग तीन सौ लोगों को मृत्यु के द्वार तक पहुंचा दिया ।
कहते हैं कि एक कील की वजह से राजा अपना राज्य खो बैठता है । जब कि यहां तो बहुत बड़ी भूल हुई ।
Bilkul theek kah rahe hain aap, ब्लेक थंडर, तो अनजाने में यहां आया था, पर सुप्रीम को तो जानबूझकर लाया गया है। कहते हैं कि अनजाने मे की गयी गलती माफ की जा सकती है, पर जानबूझकर किया अपराध नही:nope1:
मोइन की गलती कतई माफी लायक नहीं थी।
तकरीबन 3000 लोगों की मौत का कारण था वो:sigh:
वैसे ब्लैक थंडर शिप की घटना से एक उम्मीद तो अवश्य बंधी है कि सम्राट के बचे पैसेंजर जीवित बच सकते हैं । जब उस्मान खान इस तिलिस्म द्वीप से सकुशल अपने देश पहुंच सकता है तो यह लोग क्यों नही !
ऐसा अवश्य हो सकता है भाई। अगर समय ने साथ दिया तो पहुंचा भी देंगे।:D
शायद तकदीर ने इन यात्रीगण के साथ बहुत ही क्रूर मजाक किया । क्लिटो की मुक्ति और शलाका के उद्धार के लिए जब चंद लोग की ही आवश्यकता थी तो फिर सैंकड़ो निर्दोष लोगों की मौत आखिर क्यों !
होना तो यह चाहिए था कि सुयश साहब , शैफाली और वह लोग जिन की इस द्वीप पर मौजदूगी अवश्यंभावी थी , ही इस द्वीप पर पहुंचे होते ।
होना तो ऐसा ही चाहिए था, पर हुआ नहीं :idk1:
नीयती को जो मंजूर हो, वही होता है।
इन अपडेट से यह भी क्लियर हुआ कि अराका द्वीप पर भी वर्चस्व की लड़ाई चल रही है । एक पक्ष अच्छाई के साथ खड़ा है और एक पक्ष बुराई के साथ । अच्छाई का प्रतिनिधित्व युगाका और उनके भाई - बहन कर रहे है तो बुराई के साथ मकोटा खड़ा है ।
अराका में यही हो रहा है।:approve: एक सच के साथ है, तो वहीं दूसरा पक्ष बुराई के साथ। पर वो ये भूल जाते हैं की जीत हमेशा सत्य की ही होती है।
आप बहुत खुबसूरत कहानी लिख रहे है । जिस तरह से आपने इस कहानी के लिए रिसर्च किया है वह वास्तव मे अद्भुत है ।
सभी अपडेट बेहद ही शानदार थे ।
आउटस्टैंडिंग एंड अमेजिंग अपडेट शर्मा जी ।
ये सब आप लोगों के साथकी वजह से है भैया।
आप सब के बिना मै क्या हूॅ? रिसर्च के बिना ये कहानी यहां तक नहीं पहुंच सकती थी, तो वह जरूरी था, बस आप थोडा बहुत समय अपने इस छोटे भाई के लिए निकालकर पढ़ते रहिए।
आपके इस शानदार रिव्यू के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद भाई :hug:
 

Raj_sharma

यतो धर्मस्ततो जयः ||❣️
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भाई लोग, आप को यह जानकर खुशी होगी की मैने एक ओर कहानी अभी पोस्ट की है। यू एस सी मे, तो कृपया अवश्य पढें।।
 

avsji

Weaving Words, Weaving Worlds.
Supreme
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भाई लोग, आप को यह जानकर खुशी होगी की मैने एक ओर कहानी अभी पोस्ट की है। यू एस सी मे, तो कृपया अवश्य पढें।।

अब उस कहानी के बाद usc में कुछ कैसे लिखा जा सकता है!!
 

Raj_sharma

यतो धर्मस्ततो जयः ||❣️
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अब उस कहानी के बाद usc में कुछ कैसे लिखा जा सकता है!!
Aisa nahi hai bhai sahab, maine 2 story post ki hai, theek hai per sabse achi :nono:
Baaki aap padh kar hi batayenge:D
 

Raj_sharma

यतो धर्मस्ततो जयः ||❣️
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Raj_sharma

यतो धर्मस्ततो जयः ||❣️
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#93.

वृक्ष शक्ति

(9 जनवरी 2002, बुधवार, 15:15, मायावन, अराका द्वीप)

असलम के मरने के बाद अब सुयश की टीम में केवल 10 लोग बचे थे।

जहां एक तरफ सुयश सहित सभी थोड़ा उदास दिख रहे थे, वहीं उनका पीछा कर रहे युगाका की आँखों में खुशी के भाव थे।

“तौफीक!"
जेनिथ ने तौफीक का हाथ थामते हुए कहा- “यहां द्वीप पर हम साधारण जिंदगी तो जी नहीं रहे हैं। ना ही तुम्हारे कोई दुश्मन यहां पर हैं, फिर भी यहां पर तुम मुझसे दूर क्यों रहते हो?"

“देखो जेनिथ मैं वैसा इंसान नहीं हूं जैसा तुम्हे पसंद है।" तौफीक ने बहुत सीरियस अंदाज में कहा- “हर समय दिल की मत सुना करो, कभी-कभी दिमाग भी लगा लिया करो।"

“मैं तुम्हारी इस बात का मतलब नहीं समझी।" जेनिथ ने उलझे-उलझे भाव से कहा- “देखो तुम पहेलियां मत बुझाओ। तुम मुझे सीधे-सीधे बताओ कि तुम क्या कहना चाहते हो?"

“देखो जेनिथ मैं पहले तुमसे प्यार नहीं करता था, पर अब करने लगा हूं। पर पता नहीं क्यों मुझे महसूस होता है कि हम तुम इस जिंदगी में कभी मिल नहीं पायेंगे।" तौफीक ने निराशावादी व्यक्ति की तरह कहा।

यह सुनकर जेनिथ का दिल टूट सा गया।

“ऐसा कह के मेरा दिल क्यों दुखा रहे हो तौफीक?.... मैं जानती हूं कि तुम अपने प्यार का इजहार नहीं कर सकते। तुम दूसरोँ से थोड़ा अलग हो, पर इस तरह से मत बोलो।" इतना कहकर जेनिथ की आँखों से आँसू निकलने लगे।

तभी जेनिथ के गले में टंगे उस देवी के लॉकेट से कुछ चमक निकली और उसने जेनिथ के आँसुओ को सोख लिया। पर यह घटना कोई देख नहीं पाया।

उधर चलते-चलते एलेक्स के जूते के फीते खुल गये। एलेक्स जूते के फीते बांधने के लिये उस जगह पर बैठ गया और अपने जूते के फीते बांधने लगा।

किसी ने एलेक्स को रुकते नहीं देखा, वह सभी आपस में बात करते आगे बढ़ते जा रहे थे।

एलेक्स ने एक नजर आगे जाते हुए सभी लोगो पर मारी, पर उसने किसी को रोका नहीं। उसे लगा कि वह अभी जूते के फीते बांधकर दौड़कर उन लोगो के पास पहुंच जायेगा।

एलेक्स जूते के फीते बांधकर जैसे ही आगे बढ़ने चला, उसे पास के एक पेड़ के पीछे से कुछ खटके की आवाज आयी और एक इंसानी साया दिखाई दिया।

जंगल में इंसानी साया देखकर एलेक्स के मन मे उत्सुकता जागी, वह धीरे-धीरे उस पेड़ की ओर बढ़ा, जिधर से वह आवाज आयी थी।

पर एलेक्स ने एक गलती की, उसने किसी को भी रुकने के लिये आवाज नहीं लगाई।

एलेक्स ने पेड़ के पीछे झांक कर देखा, पर उसे कुछ दिखाई नहीं दिया।

“वह इंसानी साया कहां गया? अभी तो यहीं पर था।" एलेक्स मन ही मन बड़बड़ाया।

तभी एलेक्स को अपने पीछे एक सरसराहट का अहसास हुआ।

एलेक्स एक झटके से पलट गया। उसे अपने पीछे युगाका खड़ा दिखाई दिया, पर इससे पहले कि एलेक्स युगाका से कुछ पूछ पाता या फिर अपने साथियों को इस अंजाने खतरे से आगाह कर पाता, युगाका के हाथो से एक गाढ़े हरे रंग का धुंआ निकलने लगा।

एलेक्स हैरानी से धुंए को देखने लगा। तभी एलेक्स को अपना सिर नाचता हुआ सा महसूस हुआ और वह बेहोश होकर युगाका के हाथो में झूल गया।

युगाका ने एलेक्स को धीरे से वहीं पेड़ के नीचे लिटाया और स्वयं एलेक्स बनकर, भागकर सुयश की टीम में शामिल हो गया।

किसी को भी यह पता नहीं चल पाया कि एलेक्स बदल चुका है।

युगाका ने एलेक्स का रूप तो धारण कर लिया, पर परेशानी अब उसकी आवाज की थी क्यों कि युगाका में किसी का भी रूप बदलने का हुनर तो था, पर वह अपनी आवाज नहीं बदल सकता था।

और युगाका को पता था कि कोई ना कोई उससे कुछ ना कुछ तो पूछेगा ही? फ़िर वह कब तक नहीं बोलेगा?

तभी चलते हुए सभी को कुछ पौधे दिखाई दिये। यह पौधे देखने में छोटे थे। इन पर सूरजमुखी के समान कुछ फूल और रसभरी के समान कुछ फल लगे दिखाई दिये।

कुछ तितलीयां और भौंरे उस पौधे के पास मंडरा रहे थे, परंतु जैसे ही कोई भौंरा या तितली उस फूल के पास जाने की कोशिश कर रहा था, वैसे ही वह फूल अपनी पंखुडियों को बंद कर लेता था और जैसे तितली या भौंरा उस फूल से दूर हो जाता था, वह फूल पुनः खिल जाता था।

इस प्रकार फूल के खिलने और बंद होने पर एक अजीब सी ध्वनि उत्पन्न हो रही थी और इस ध्वनि को सुन उस पौधे पर लगा रसभरी के समान फल हर बार अलग-अलग रंगो में परिवर्त्तित हो जा रहा था।

उस पौधे को देखकर ऐसा लग रहा था कि जैसे वह फूल नहीं चाहता कि कोई भौंरा या तितली उसमें उपस्थित मकरंद को ले सके।

सभी इस विचित्र पौधे को देख वही रुक गये।

“बड़ा ही विचित्र पौधा लग रहा है।" अल्बर्ट ने पौधे को देखते हुए कहा।

“ऐसा लगता है जैसे कि इस द्वीप के हर पौधे में जीवन है और ये खुद की अपनी समझ भी रखते हैं।" जेनिथ ने कहा।

अभी ये लोग इस प्रकार से पौधे को देख ही रहे थे कि तभी आसमान से एक उड़ती हुई चिड़िया आयी और उस पौधे से एक फल को तोड़कर आसमान में उड़ गयी।

“लगता है यह फल साधारण है, नहीं तो वह चिड़िया इस प्रकार फल को नहीं ले जाती।" सुयश ने कहा।

यह देख युगाका के मन में तुरंत एक ख़याल आया। वह धीरे से आगे बढ़ा और उसने पौधे से एक फल तोड़कर खा लिया।

फल को खाते ही युगाका जानबूझकर जमीन पर गिर गया और अपना गला पकड़कर खांसने की एक्टिंग करने लगा। यह देख सभी डर गये।

क्रिस्टी लपककर एलेक्स बने युगाका के पास आ गयी।

“क्या हुआ एलेक्स?" क्रिस्टी ने अपनी पानी की बोतल को युगाका के मुंह से लगाते हुए कहा- “लग रहा फल अटक गया।....लो पानी पी लो।"

युगाका ने क्रिस्टी के हाथ से पानी पीया। अब उसका खांसना बंद हो गया था। यह देख सभी ने राहत की साँस ली।

क्रिस्टी भी एलेक्स को खड़ा होते देख मुस्कुरा कर बोली- “जंगली बनने को कहा था। जंगली की तरह खाने को नहीं पगलू।" क्रिस्टी की बात सुन सभी मुस्कुरा दिये।

अब युगाका ने बोलने की एक्टिंग करते हुए फ़िर से अपना गला पकड़ लिया।

“कुछ तो परेशानी हुई है एलेक्स के गले के साथ।" सुयश ने सभी को आगाह करते हुए कहा- “कोई भी इस पौधे के फलो को नहीं खाएगा।"

युगाका ने इशारे से सभी को बताया कि उसके गले से आवाज नहीं निकल रही है।

अल्बर्ट ने टॉर्च की रोशनी से युगाका के मुंह में झांककर देखा। अल्बर्ट को कोई परेशानी समझ में नहीं आयी।

“मुझे लगता है कि यह भी कोई आवाज छीन लेने वाला विचित्र पौधा है?" अल्बर्ट ने कहा।

“अब मैं बात किससे करूंगी?" क्रिस्टी की आँखो से अब झर-झर आँसू बहने लगे- “सॉरी एलेक्स.... मैंने तुम्हारा मजाक उड़ाया।"

यह कहकर क्रिस्टी ने युगाका को कसकर झकझोरा।

युगाका एकटक क्रिस्टी को देख रहा था, उसे समझ नहीं आ रहा था कि अगर एलेक्स उसकी जगह होता तो कैसे व्यव्हार करता?

तभी ऐमू चीखता हुआ युगाका के सिर पर जाकर उड़ने लगा-“दोस्त नहीं... दोस्त नहीं.... ये ऐमू का दोस्त नहीं।"

चूंकि ऐमू कुछ समय पहले शैफाली और ब्रूनो के लिये भी ‘गंदी लड़की’ और ‘गंदा कुत्ता’ जैसे शब्दो का प्रयोग कर रहा था इसिलये ऐमू की बात पर शैफाली को छोड़ किसी ने भी ध्यान नहीं दिया।

शैफाली की तेज निगाहें अब एलेक्स बने युगाका पर गई, अचानक शैफाली की आँखों के भाव बदले।

अब उसके चेहरे पर गुस्सा था, पर उसने किसी को कुछ महसूस नहीं होने दिया।

“चुप हो जाओ क्रिस्टी... इस जंगल में सभी को कुछ ना कुछ परेशानी हो ही रही है। कम से कम एलेक्स तुम्हारे साथ तो है। उनके बारे में सोचो जो अब हमारे साथ नहीं हैं।" अल्बर्ट ने क्रिस्टी को दिलासा देते हुए कहा।

सुयश ने भी क्रिस्टी के कंधे पर हाथ रखकर उसे शांत रहने का इशारा किया।

अब क्रिस्टी का रोना कम हो गया था, पर उसने युगाका के हाथ को अभी भी नहीं छोड़ा था।

उधर युगाका का हाथ पहली बार किसी इंसान ने पकड़ा था, इसिलये उसे बहुत ही अजीब सा महसूस हो रहा था।

तभी शैफाली ने धीरे से पास पड़ा, लकड़ी का मोटा डंडा उठाया और युगाका के सिर के पीछे पहुंच गयी और इससे पहले कि कोई कुछ समझ पाता, शैफाली ने वह डंडा जोर से युगाका के सिर पर मार दिया।

एक तेज सी आवाज हुई और युगाका वहीं गिरकर बेहोश हो गया।

“यह तुमने क्या किया?" क्रिस्टी ने ना समझने वाले भाव से शैफाली को घूरा।

“यह एलेक्स भैया नहीं है क्रिस्टी दीदी।" शैफाली ने कहा- “यह कोई बहुरूपिया है, जो एलेक्स भैया बनकर हमारे साथ चल रहा था। कैप्टन अंकल .... इससे पहले कि यह होश में आये, आप इसे तुरंत किसी चीज से बाँध दीजिए।"

शैफाली की बात सुन सभी नीचे पड़े एलेक्स को देखने लगे।

“यह तुम क्या कह रही हो शैफाली?" जैक ने कहा- “इसका चेहरा तो बिल्कुल एलेक्स से मिल रहा है। कहीं तुम गलत तो नहीं हो?"

“अगर आपको लगता है कि मैं गलत बोल रही हूं, तो जरा देर रुक जाइये। अभी इसके होश में आते ही आपको सब पता चल जायेगा।" शैफाली ने नाराज होते हुए कहा।

“नहीं-नहीं.... मेरा यह कहने का मतलब नहीं था। मैं तो बस वैसे ही पुष्टि कर रहा था।" जैक ने घबराकर कहा।

तभी ब्रेंडन पास लगे एक पेड़ की जड़ को चाकू से काटकर ले आया। देखने में वह जड़ काफ़ी मजबूत लग रही थी। ब्रेंडन ने उसी जड़ से युगाका के हाथ उसके शरीर के पीछे करके बांध दिये।



जारी रहेगा________✍️
 

Raj_sharma

यतो धर्मस्ततो जयः ||❣️
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बहुत ही सुंदर लाजवाब अद्भुत अविस्मरणीय और रोमांचक अपडेट है भाई मजा आ गया
असलम यानी मोईन के बॅग में मिले लाॅकेट और डायरी में क्या बात लिखी हैं उस पर से परदा उठ गया
खैर देखते हैं आगे क्या होता है
अगले रोमांचकारी धमाकेदार अपडेट की प्रतिक्षा रहेगी जल्दी से दिजिएगा

Badhiya update bhai

To lufasa or trikali the us time rojer or liren bane hue the

Wo Ugaka hi tha jo suyesh and team ko mayawan me leke aya ha lufasa or hare kidon se bachakar taki ye tilism ko tod sake lekin irade to iske bhi nek ha nahi power to ye bhi pana chahte han chahe karan koi bhi ho

Lekin jaise ki Ugaka ne kaha ha ki tilism mayawan se 100 guna jyada khatarnak ha to bhai in logon ke mayawan me jine ke lale pade gue han to lagta ha tilism ke andar to lagta ha sirf main main log hi bache ge baki ka pataa kat

Tilism todne wala wo manushya Suyesh hi lag raha ha jaisa ab tak chal raha ha

nice update

romanchak update. 2 alag prajatiya shakti paane ke liye apna kaam kar rahi hai ..ek taraf lufasa hai wahi dusri taraf yugaka aur trikali ..

Nice update....

Bhut hi jabardast update
To vo locket kud hi udakar jenith ke pass chala gaya jrur isme bhi koi rahasya hoga jo aage ujagar hoga

Vahi usman ali ki diary padne ke baad pata chala ki black thunder jahaj ne bh supreme ki hi tarah sab kuch jhela tha or kuch hi log us island tak pahuch paye the or usman akela hi vapas lot pane me safal huva tha
Vahi usman ke dost gilford ke sath kya huva hoga
Kya use kabile ke logo ne maar diya hoga ya vah aaj bhi island par jinda hoga

Bhut hi badhiya update
To yugaka or trikali ne hi in bache huye logo ko hare kido se bachaya tha or tilisam ko todne ke liye mayavan me inki priksha le rahe hai
Dekte hai ki inme se kon hoga jo tilisam ko todega

Bahut hi shandar update he Raj_sharma Bhai

Yugaka aur Trikali hi Suyash and party ko bach sakte he .....

Lufasa se vo log direct ladai to nahi lad sakte, lekin suyash and party ko bachakar vo tilsima jarur todenge......

Keep rocking Bro

Nice! Nice! Nice!!! Well-done brother.

Jab lagta hai ye update sabse better hai usse aur better ek episode aa jata hai.

Supreme ka destroy hona aur logo ka marna aapne bahut achhe se likha hai.

Par ye toh pata hai ki ab jo bhi ho Lufasha ko uske kiye ki saja milni chahiye usne itne logo ki jaan le liya hai ki usko maaf nahi kiya ja sakta hai kabhi wo shaitani takat Jegan ka sath de raha hai apni powers ko badhane ke liye. 💕 ❤️ 🌺

I don't know ,aap padhakar batana kaisi lagi ,

Ye jalotha ka kya kissa hai guruji?:?: koi samanya cheej to hai nahi? Itna bada magarmach?🤔 khair dekhte hai aage kya hota? Superb and mi d blowing update sir ji :bow::bow:

कहते हैं इतिहास से जिस ने सबक नही लिया वह अपने बुरे अंजाम के लिए तैयार रहें । वह चाहे कोई व्यक्ति हो या समाज या फिर कोई देश ।
सोलह साल पूर्व ' सम्राट शिप ' की जैसी ही एक दुर्घटना हुई थी और उस समय का शिप ' ब्लैक थंडर ' था । एक इंसान को छोड़कर सभी यात्री मारे गए थे । ठीक उसी तरह सोलह साल बाद इसी घटना की पुनरावृत्ति हुई । सब कुछ ऐन वही हुआ जो ब्लैक थंडर शिप के साथ और उस शिप के पैसेंजर के साथ हुआ था ।
सोलह साल पहले उस्मान खान की एक भूल ने लगभग चार सौ लोगों को परलोक पहुंचा दिया और सोलह साल बाद हुबहु उसी तरह उस्मान खान के पुत्र मोइन खान की गलती ने लगभग तीन सौ लोगों को मृत्यु के द्वार तक पहुंचा दिया ।
कहते हैं कि एक कील की वजह से राजा अपना राज्य खो बैठता है । जब कि यहां तो बहुत बड़ी भूल हुई ।

वैसे ब्लैक थंडर शिप की घटना से एक उम्मीद तो अवश्य बंधी है कि सम्राट के बचे पैसेंजर जीवित बच सकते हैं । जब उस्मान खान इस तिलिस्म द्वीप से सकुशल अपने देश पहुंच सकता है तो यह लोग क्यों नही !

शायद तकदीर ने इन यात्रीगण के साथ बहुत ही क्रूर मजाक किया । क्लिटो की मुक्ति और शलाका के उद्धार के लिए जब चंद लोग की ही आवश्यकता थी तो फिर सैंकड़ो निर्दोष लोगों की मौत आखिर क्यों !
होना तो यह चाहिए था कि सुयश साहब , शैफाली और वह लोग जिन की इस द्वीप पर मौजदूगी अवश्यंभावी थी , ही इस द्वीप पर पहुंचे होते ।

इन अपडेट से यह भी क्लियर हुआ कि अराका द्वीप पर भी वर्चस्व की लड़ाई चल रही है । एक पक्ष अच्छाई के साथ खड़ा है और एक पक्ष बुराई के साथ । अच्छाई का प्रतिनिधित्व युगाका और उनके भाई - बहन कर रहे है तो बुराई के साथ मकोटा खड़ा है ।

आप बहुत खुबसूरत कहानी लिख रहे है । जिस तरह से आपने इस कहानी के लिए रिसर्च किया है वह वास्तव मे अद्भुत है ।
सभी अपडेट बेहद ही शानदार थे ।
आउटस्टैंडिंग एंड अमेजिंग अपडेट शर्मा जी ।

अब उस कहानी के बाद usc में कुछ कैसे लिखा जा सकता है!!

intezaar rahega next update ka Raj_sharma bhai....

Update Posted friends :declare:
 

Raj_sharma

यतो धर्मस्ततो जयः ||❣️
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