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Fantasy 'सुप्रीम' एक रहस्यमई सफर

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#105.


सभी लोगो ने विधिवत भगवान महा..देव की उपासना की और उसके बाद मंदिर से बाहर आ गये।

लेकिन इससे पहले कि कोई कुछ कह पाता, अचानक एक जोर की आंधी चलने लगी।


“अरे ये आँधी कैसी?" रुद्राक्ष ने कहा- “मौसम तो बिल्कुल साफ है।"


तभी शिवन्या की नजर आसमान में उड़कर उधर आते एक विशाल गरुड़ पर पड़ी।


“अरे ये विशाल गरुड़ कैसा है?" शिवन्या ने कहा- “कहीं ये कोई माया तो नहीं?" अब सभी की नजर उस गरुड़ पर थी।


“कहीं ये देवताओं के द्वारा भेजा गया कोई जीव तो नहीं जो आज इस विशेष मौके पर महादेव के दर्शन के लिये आया है।" रुद्राक्ष ने कहा।


धीरे-धीरे उड़ता हुआ गरुड़ उनके पास आकर जमीन पर उतर गया। रुद्राक्ष ने सभी को हाथ के इशारे से कुछ भी गलत करने से रोक रखा था।


वह गरुड़ और कोई नहीं वरन लुफासा था। जो कि हिमालय की दूरी अराका से ज़्यादा होने के कारण गरुड़ बनकर आया था।


लुफासा ने एक नजर वहां खड़े सभी लोगो पर मारी। शलाका पर नजर पड़ते ही लुफासा बुरी तरह से हैरान रह गया।


“ये...इस लड़की का चेहरा तो बिल्कुल देवी शलाका जैसा है... कौन हो सकती है ये? कहीं ये भी तो अराका पर रहने वाली लड़की की तरह बहुरूपिया तो नहीं... जरूर ऐसा ही होगा। नहीं तो देवी शलाका यहां पर कहां से आयेंगी? और वैसे भी इस लड़की के वस्त्र स्थानीय लग रहे हैं।"


लुफासा ने यह सोच अपना ध्यान शलाका से हटाकर मंदिर की ओर कर लिया।


चूंकि वहां खड़े किसी भी व्यक्ति ने लुफासा के लिये प्रतिरोध उत्पन्न नहीं किया था, इसलिये लुफासा भी अभी तक शांत था।


रुद्राक्ष की नज़रें ध्यान से अभी भी गरुड़ को देख रहीं थी।


अब लुफासा चलता हुआ मंदिर के द्वार तक जा पहुंचा। उस की नजर मंदिर के अंदर की ओर गयी।


कुछ ही देर में लुफासा ने सोने की मटकी पर रखी उस डिबिया को देख लिया, जिसमें कि गुरुत्व शक्ति मौजूद थी।


लुफासा ने एकाएक मच्छर का रूप धारण कर लिया और मंदिर के अंदर प्रविष्ट हो गया।


“अरे यह गरुड़ कहां गायब हो गया?" रुद्राक्ष ने गरुड़ को गायब होते देख आश्चर्य से कहा।


सभी की नजर मंदिर के बाहर चारो ओर फिरने लगी।


“कहीं वह कोई शैतानी शक्ति तो नहीं थी, जो गुरुत्व शक्ति लेने आयी हो?"

शिवन्या ने कहा- “रुद्राक्ष गुरुत्व शक्ति पर ध्यान दो। वह जरूर उधर ही होगा।"


शिवन्या की बात सुन रुद्राक्ष मंदिर के अंदर की ओर आ गया। गुरुत्व शक्ति अब भी अपने स्थान पर रखी थी। उसे देख रुद्राक्ष ने चैन की साँस ली।


तभी लुफासा ने चील का रुप धारण किया और गुरुत्व शक्ति वाली डिबिया को उठाकर बाहर की ओर भागा।


रुद्राक्ष जब तक बाहर निकला, लुफासा काफ़ी आगे पहुंच गया था।

तभी रुद्राक्ष के दाहिने हाथ से नीले रंग की ऊर्जा का एक जाल निकला और वह बिजली की तेजी से जाकर चील के आगे आ गया।


वह जाल एक मानिसक तरंगों का बना था, जिसे लुफासा बिल्कुल भी समझ नहीं पाया। वह तेजी से जाल से टकराया और जमीन पर गिर पड़ा।


लुफासा के गिरते सोने की डिबिया उसके चील के पंजों से निकलकर दूर गिर गयी।


“शिवन्या गुरुत्व शक्ति उस चील के पास गिरी है, तुरंत उसे उठाओ, मैं इस शैतानी शक्ति को संभालता हूँ।" रुद्राक्ष ने चीखकर शिवन्या को सावधान किया।


तब तक लुफासा संभल चुका था। अब उसकी नजर रुद्राक्ष के नीले से चमक रहे हाथों की ओर थी।


लुफासा ने मानिसक शक्ति को कभी देखा तक नहीं था, इसिलये वह ये विचित्र शक्ति देखकर थोड़ा घबराया दिख रहा था।


इस बार रुद्राक्ष ने अपने दोनों हाथों को ताली बजाने वाली शैली से हवा में जोर से लहराया।


रुद्राक्ष के दोनों हाथों से नीले रंग के मानिसक तरंगो से बने विशाल हाथ निकले और चील बने लुफासा की ओर बढ़े।


लुफासा एक क्षण में ही समझ गया कि खतरा दोनों तरफ से है।


इसिलये उसने उछलकर स्वयं को बचाया अगर वह स्वयं को नहीं बचाता तो दोनों हाथों के बीच उसके एक और रुप की चटनी बन जानी थी।


रुद्राक्ष के दोनों मानिसक हाथ गर्जना करते हुए आपस में टकराये। लुफासा उस वार से तो बच गया, पर दोनों हाथों के टकराने से जो ऊर्जा पैदा हुई उसके प्रभाव से नहीं बच पाया।


चील बना लुफासा इस बार बुरी तरह से जख्मी हो गया था।


शलाका इस पूरे युद्ध का मजा ले रही थी। उसे पता था कि रुद्राक्ष और शिवन्या हर हाल में यह युद्ध जीत जायेंगे।


लुफासा समझ गया कि चील रुप में रुद्राक्ष से बचना मुश्किल है।


इसिलये उसने एक बार फ़िर सोने की डिबिया पर नजर मारी, जो कि उससे कुछ दूरी पर गिरी पड़ी थी और शिवन्या लुफासा को देखते हुए उस डिबिया की ओर बढ़ रही थी।


लुफासा एक बार फ़िर से डिबिया की ओर झपटा। इस बार उसकी एक नजर रुद्राक्ष पर भी थी।


लुफासा को डिबिया पर फ़िर से झपटते देख रुद्राक्ष ने इस बार लुफासा पर मानिसक तरंगो से बने तीरों की बौछार कर दी।


चूंकि इस बार लुफासा का पूरा ध्यान रुद्राक्ष पर था, इसिलये लुफासा कलाबाजी खाते हुए हर तीर से बच गया। पर इस तीर से और रुद्राक्ष से बचने के चक्कर में लुफासा का ध्यान शिवन्या की ओर नहीं गया।


अब शिवन्या के दोनों हाथ मानिसक तरंगो से नीले हो गये। इससे पहले कि लुफासा का ध्यान शिवन्या की ओर जाता, शिवन्या ने दोनों हाथों से मानिसक तरंगो का एक हथौड़ा बनाया और उसे खींचकर चील बने लुफासा पर मार दिया।


लुफासा उस हथौड़े में पूरी तरह से पिस गया और चील बना उसका वह रुप धुआं बनकर गायब हो गया।


चूंकि चील से पहले लुफासा मच्छर के रुप में था, इसलिये वह मच्छर के ही रुप में फ़िर से शि.व मंदिर के अंदर प्रकट हुआ।


“बाप रे ... मान्त्रिक तो कह रहे थे कि यहां पर साधारण लोग होंगे,पर गुरुत्व शक्ति की सुरक्षा का भार तो बहुत ही खतरनाक लोगों के हाथों में है। अभी वह लोग मुझे मरा समझ रहे हैं, यही मौका है उन पर टूट पड़ने का।"


इतना सोच मच्छर बना लुफासा उसी रुप में मंदिर के बाहर आ गया। उधर रुद्राक्ष और शिवन्या बर्फ में चील की लाश ढूंढ रहे थे।


लुफासा की नजर एक बार वहां खड़े सभी लोगों पर गयी और फ़िर कुछ दूर गिरी पड़ी उस सोने की डिबिया की ओर गयी, जो अब भी वहां बर्फ पर पड़ी थी।


अचानक लुफासा ने एक विशाल आग उगलते ड्रैगन का रुप ले लिया। किसी की भी समझ में नहीं आया कि यह ड्रैगन अचानक यहां कहां से आ गया?


इससे पहले कि कोई कुछ और समझ पाता, ड्रैगन बने लुफासा ने अपने मुंह से जोर की आग निकाली, पर इस बार उसका लक्ष्य वहां मौजूद कोई व्यक्ति नहीं बल्कि वह बर्फ का पहाड़ था।


इतनी तेज अग्नि की वजह से बर्फ के पहाड़ का एक हिस्सा टूटकर वहां मौजूद सभी लोगो पर गिरने लगा। यहां तक कि वह शि.व मंदिर भी अब बर्फ की चपेट में आने वाला था।


यह देख शिवन्या और रुद्राक्ष ने अपनी पूरी मानिसक शक्तियों को एकत्र कर दोनो की सम्मिलित शक्ति से मानिसक ऊर्जा का एक विशाल अर्द्धगोला तैयार किया, जिसके नीचे मंदिर और सभी लोग छिप गये।


बर्फ का एक विशाल भाग टूटकर सभी पर गिरा, पर मानिसक शक्तियों से ढके होने के कारण ना तो कोई व्यक्ति मरा और ना ही मंदिर के मंडप या ध्वज को कोई नुकसान पाहुंचा।


थोड़ी ही देर में रुद्राक्ष और शिवन्या ने उस अर्द्धगोले पर पड़ी सारी बर्फ को हटाकर बाहर आ गये।


पर तब तक लुफासा गुरुत्व शक्ति वाली सोने की डिबिया उठा हवा में उड़ गया था।


“हे ईश्वर, अब क्या होगा?" शिवन्या ने डरते हुए रुद्राक्ष की ओर देखा- “गुरुत्व-शक्ति तो गलत हाथों में चली गई। अब अगर हम इसे लाकर शाम होने के पहले इस मंदिर में नहीं रखते हैं तो हमें महा..देव के कोप का भाजन बनना पड़ेगा।"


“इतनी जल्दी हम उस शैतान को ढूंढकर गुरुत्व-शक्ति कैसे वापस ला पायेंगे?" रुद्राक्ष के भी शब्दों में अब चिंता साफ झलक रही थी- “धर्मगुरु.... अब धर्मगुरु नीमा ही हमें इस मुसीबत से बचा सकते हैं।"


शिवन्या ने भी सहमित में सर हिलाया।


रुद्राक्ष ने आँख बंदकर मानिसक तरंगो से धर्मगुरु नीमा से संपर्क स्थापित किया और वहां की पूर्ण घटना की जानकारी दे दी।


“अब आप ही हमें इस मुसीबत से बाहर निकाल सकते हैं धर्मगुरु।" रुद्राक्ष ने नीमा से कहा।


“तुम परेशान मत हो रुद्राक्ष।" नीमा ने रुद्राक्ष को आश्वासन देते हुए कहा- “हनुका के पास भी गुरुत्व-शक्ति है। वह अपनी शक्ति से पृथ्वी के किसी भी कोने से गुरुत्व-शक्ति को ढूंढ सकता है और वही एक ऐसा है जिसे कोई नहीं हरा सकता। वह शाम ढलने के पहले गुरुत्व-शक्ति वापस अवश्य ले आयेगा। तब तक तुम लोग वहीं शि.व मंदिर के पास रहो। ये ध्यान रहे कि जब तक मंदिर बर्फ़ के बाहर है, तब तक तुम लोगों को वहीं रहना है।"


“ठीक है धर्मगुरु।" यह कहकर रुद्राक्ष ने संपर्क काट दिया और सबको सारी बात बताकर वहीं बैठ गया।


रुद्राक्ष को बैठते देख सभी अब उस स्थान पर बैठ गये।


तभी कहीं दूर बर्फ पर एक धमाका सा हुआ और बिजली की गति से आसमान में उड़कर जाता हुआ हनुका दिखाई दिया।


अब सभी को इंतजार था, हनुका के लौटने का।


क्रमशः:



प्रश्नावली


तो दोस्तों जैसा कि आप देख रहे हैं कि पिछली बार की तरह यह


कहानी तेजी से बढ़ता जा रही है और हर पेज पर आपके दिमाग एक नया प्रश्न खड़ा करता जा रहा है। प्रश्नो की संख्या अब इतनी ज़्यादा हो चुकी है कि अब वह मस्तिष्क में एकत्रित नहीं हो पा रहे हैं। तो क्यों न इन सारे प्रश्नो को एक जगह पर एकत्रित कर ले-


1) क्या वेगा अराका द्वीप के बारे में सबकुछ जानता था?


2) ‘अटलांटिस का इतिहास’ नामक किताब ‘लाइब्रेरी ऑफ कांग्रेस’ में कैसे पहुंची? क्या इसके लेखक वेगा के बाबा कलाट ही थे? क्या इस किताब से और भी राज आगे खुले?


3) क्या वेगा को सम्मोहन आता था?


4) शैफाली के द्वारा बजायी गयी सीटी से पोसाइडन पर्वत की मूर्ति की आँखें लाल कैसे हो गयी? शैफाली के कानो में फुसफुसा कर बार-बार बोलने वाली आवाज किसकी थी?


5) विचित्र पेड़ ने शैफाली को अपने आप सारे नीले फल कैसे दे दिये?


6) ट्रांस अंटार्कटिक के पहाड़ों में दबा शलाका का महल असल में क्या था?


7) पानी से निकलने वाला मगरमच्छ मानव कौन था? शैफाली के ‘जलोथा’ कहने पर वह डर कर वापस क्यों चला गया?


8) वेगा पर आक्रमण करने वाला वह बाज कौन था? वह वेगा से वह किताब क्यों छीनना चाहता था?


9) जमीन पर वह विचित्र आकृतियाँ वाले पत्थर कैसे थे? क्या वह सच में भविष्य के बारे में बता रहे थे?


10) अराका द्वीप का निर्माण किसने किया था? और वह पानी पर अपने आप कैसे चलता था?


11) क्या सुयश की पीठ पर बना सूर्य की आकृति वाला टैटू बस एक सामान्य टैटू है? शलाका की मूर्ति छूने पर सुयश के टैटू में किस प्रकार की शक्ति ने प्रवेश किया था? शलाका महल की दीवार पर सुयश के टैटू वाली आकृति कैसे बनी थी?


12) दूसरी क्रिस्टी बनकर जेनिथ के अपहरण की कोशिश करने वाली लड़की कौन थी?


13) अटलांटिस के सिक्के का क्या रहस्य था? उसे शैफाली के पास कौन छोड़ गया था?


14) क्या देवी शलाका के भाइयों के पास सप्त शक्ति थी?

15) शलाका 5000 सालो से अपने भाइयों के साथ क्यों शीत-निद्रा में थी?


16) नयनतारा पेड़ का क्या रहस्य था?


17) वेगा की जोडियाक वॉच का क्या रहस्य था? क्या सच में उसका आविष्कार रिंजो- शिंजो ने किया था? या फिर वह धरा और मयूर की धरा-शक्ति का कमाल था।


18) शलाका मंदिर में मिलने वाली शलाका की मूर्ति का क्या रहस्य था? मूर्ति को छूने पर युगाका ने सुयश के मरने की कल्पना क्यों की?


19) लुफासा की इच्छाधारी शक्ति का क्या रहस्य था?


20) सीनोर राज्य में मकोटा ने पिरामिड क्यों बनवाया था?


21) मकोटा के द्वारा आकृति को दिये ‘नीलदंड’ में क्या विशेषताएं थी?


22) आकृति का चेहरा शलाका से कैसे मिलने लगा? वह पिछले 5000 सालो से जिंदा कैसे है?


23) ऐमू के अमरत्व का क्या राज है?


24) जैगन का सेवक गोंजालो का क्या राज है? सीनोर राज्य में उसकी मूर्ति क्यों लगी है?


25) क्या सनूरा की शक्तियों का राज एक रहस्यमय बिल्ली है?


26) अराका द्वीप से निकलने वाली ‘विद्युत चुम्बकिय तरंगों’ का क्या रहस्य था?


27) उड़ने वाली झोपड़ी का क्या रहस्य था?


28) सुयश का शलाका की मूर्ति को छूने पर शलाका को कैसे पता चल जाता था?


29) शलाका महल में मौजूद वह सिंहासन क्या हनुका का था? और वह समय यात्रा किस प्रकार कराता था?


30) वेदालय किस प्रकार का विद्यालय था? उसमें पढ़ाई किस प्रकार कराई जाती थी?


31) कैलाश पर्वत के पास स्थित 15 लोक का रहस्य क्या था? उसे किसने और क्यों बनाया था? आज के समय में वह विद्यालय क्यों बंद हो गया?


32) आर्यन कौन था? अगर वह सुयश था तो क्या सुयश का पुनर्जन्म हुआ है?


33) ब्रह्मकलश के अमरत्व का क्या रहस्य था?


34) रुद्राक्ष-शिवन्या, विक्रम-वारुणी, धरा-मयूर या वेदालय में मौजूद अन्य जोड़े कौन थे?


35) सप्ततत्व या ब्रह्मकण में कौन सी शक्तियां समायी थी?


36) क्या कैलाश पर्वत के पास समय तेज चलता था?


37) वुल्फा कौन था? क्या उसमें भी शैतानी शक्तियां थी?


38) उड़नतस्तरी के अंदर मौजूद 6 फुट का हरा कीड़ा बाकी कीडो से अलग क्यों था? वह इन्सानों की तरह कैसे चल रहा था?


39) मकोटा के सर्पदंड का क्या रहस्य था?


40) शैफाली की आँखों में सर्प की तरह ऐमू की तश्वीर कैसे उभर रही थी?


41) वेगा पर हुआ टुंड्रा हंसऔर बुल शार्क का हमला क्या साधारण हमला था?


42) क्या वेगा को अपनी जोडियाक वॉच का रहस्य पता चल पाया?


43) व्योम को जो जगह पानी के नीचे दिखाई दी, वह जगह क्या थी?


44) तिलिस्मा प्रोजेक्ट क्या था? उसका नियंत्रण करने वाला कैस्पर क्या सच में एक कंप्यूटर प्रोग्राम मात्र

ही था?


45) व्योम के सामने काँच के कैप्सूलनुमा ट्यूब में बैठकर समुद्र में जाने वाला व्यक्ति कौन था?


46) नकली ब्लू व्हेल का निर्माण किसने किया था? क्या यह वही व्हेल थी, जिसने ‘सुप्रीम’ के समय में सुयश पर पानी उछाला था?


47) तिलिस्मा के प्रोजेक्ट ‘स्टेच्यू ऑफ लिबर्टी’ और ‘सात सिर वाले योद्धा’ का क्या रहस्य था?


48) क्या अराका द्वीप के गुप्त स्थान में ट्रांसमिट मशीन लगी थी? जिसने व्योम को सामरा राज्य में ट्रांसमिट कर दिया था?


49) नक्षत्रा की शक्तियों का क्या रहस्य था?


50) गिलफोर्ड का क्या हुआ? वह लाल किताब क्या थी? जिसे गिलफोर्ड देवी की मंदिर से लेकर भागा था?


51) त्रिकाली को सुप्रीम के डूबते समय अचानक से बर्फ की शक्तियां कैसे मिल गयी? जो कि उसे स्वयं भी नहीं पता थी।


52) शैफाली ने युगाका की वृक्ष शक्ति कैसे छीन ली? और शैफाली के पास शक्तियां अपने आप कैसे बढ़ती जा रहीं थी?


53) हनुका कौन है? उसके पास गुरुत्व-शक्ति कैसे आयी?


54) सामरा राज्य पर स्थित अटलांटिस वृक्ष का क्या रहस्य है? उसने किस प्रकार युगाका को वृक्ष शक्ति दी?


55) अटलांटिस वृक्ष से निकलकर जो रोशनी व्योम के अंदर समायी, वह कैसी थी?


56) महाशक्ति मैग्रा कौन है? और कलाट को उसका हज़ारों वर्ष से इंतजार क्यों है?


57) मैग्रा पंचशूल प्राप्त करने के बाद पोसाइडन के विरूद्ध ही क्यों काम करने लगी?


58) सागरिका, वेरिका, अग्निका आदि चमत्कारी पुस्तको का क्या रहस्य था?


59) सागरिका की कविताएँ क्या भविष्य बताती थी?


60) मेडूसा की मूर्ति का क्या रहस्य था? वह रात में सजीव होकर शैफाली को मैग्रा के सपने क्यों दिखा रही थी?


61) मैग्रा की सवारी ड्रेंगो का क्या रहस्य था? वह ड्रेगन और हाइड्रा दोनों में कैसे परिवर्तित हो जाता था?


62) समुद्र की तली के दरार में बना वह स्वर्ण महल किसका था? जिसमें से मैग्रा ने पंचशूल प्राप्त किया था।


63) 2 सिर वाला जलदैत्य कराका कौन था?


64) मैग्रा की शक्तियों का श्रोत क्या था?


65) अंटार्कटिका में बने शलाका महल के कमरे में मौजूद उस स्टीकर वाले दरवाजे का क्या रहस्य था?


66) रुद्राक्ष और शिवन्या की घातक मानिसक शक्तियों का क्या राज था?


67) ब्रेंडन और जॉनी को ले जाने वाला वह मायाजाल कैसा था?


68) गुरुत्व-शक्ति के हर वर्ष जमीन के नीचे से प्रकट होने के पीछे का क्या रहस्य था?


69) क्या हनुका समय रहते गुरुत्व-शक्ति को वापस ला सका?


70) क्या सुयश के साथ बचे बाकी सदस्य मायावन को पार करके तिलिस्मा तक पहुंच सके?

71) क्या मायावन अब और ज़्यादा खतरनाक हो गया था? ऐसे ही ना जाने कितने सवाल होंगे जो आपके दिमाग में घूम रहे होंगे।


तो दोस्तो इन सारे अनसुलझे सवालों के जवाब हमारी इस कहानी की अगले भाग में देंगे जिसका नाम है- “एक रहस्यमय जंगल-मायावन”

जिसमें हम आपको ले चलेंगे, इस पृथ्वी के सबसे खतरनाक भूभाग में, जहां पर छिपी तिलिस्मी मौत बेसब्री से अपने शिकार का इंतजार कर रही है।...................:yo:



तो दोस्तों इसके साथ मुझे फिर से 2-4 दिन की छुट्टी की इजाजत दीजिए ताकि अगली कड़ी को लेकर आपके सामने इसी थ्रेड पर जल्दी प्रकट हो जाऊँ।


आपका अपना राज शर्मा 🙏🏼
Awesome update bhai👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻 jitna padho utna kam🙏🏼🙏🏼
To kya hanuka gurutva shakti wapas la payega, jaise ki neema ne kaha ki wo ajeey hai, rahi baat sawaalo ki, to mujhe to 10-12 hi yaad they😂😂 acha hua aapne likh diye, just too good 👍
Kab start kar rahe ho aap? Hume intzaar rahega:bow::bow::bow:
 

dhalchandarun

[Death is the most beautiful thing.]
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#105.


सभी लोगो ने विधिवत भगवान महा..देव की उपासना की और उसके बाद मंदिर से बाहर आ गये।

लेकिन इससे पहले कि कोई कुछ कह पाता, अचानक एक जोर की आंधी चलने लगी।


“अरे ये आँधी कैसी?" रुद्राक्ष ने कहा- “मौसम तो बिल्कुल साफ है।"


तभी शिवन्या की नजर आसमान में उड़कर उधर आते एक विशाल गरुड़ पर पड़ी।


“अरे ये विशाल गरुड़ कैसा है?" शिवन्या ने कहा- “कहीं ये कोई माया तो नहीं?" अब सभी की नजर उस गरुड़ पर थी।


“कहीं ये देवताओं के द्वारा भेजा गया कोई जीव तो नहीं जो आज इस विशेष मौके पर महादेव के दर्शन के लिये आया है।" रुद्राक्ष ने कहा।


धीरे-धीरे उड़ता हुआ गरुड़ उनके पास आकर जमीन पर उतर गया। रुद्राक्ष ने सभी को हाथ के इशारे से कुछ भी गलत करने से रोक रखा था।


वह गरुड़ और कोई नहीं वरन लुफासा था। जो कि हिमालय की दूरी अराका से ज़्यादा होने के कारण गरुड़ बनकर आया था।


लुफासा ने एक नजर वहां खड़े सभी लोगो पर मारी। शलाका पर नजर पड़ते ही लुफासा बुरी तरह से हैरान रह गया।


“ये...इस लड़की का चेहरा तो बिल्कुल देवी शलाका जैसा है... कौन हो सकती है ये? कहीं ये भी तो अराका पर रहने वाली लड़की की तरह बहुरूपिया तो नहीं... जरूर ऐसा ही होगा। नहीं तो देवी शलाका यहां पर कहां से आयेंगी? और वैसे भी इस लड़की के वस्त्र स्थानीय लग रहे हैं।"


लुफासा ने यह सोच अपना ध्यान शलाका से हटाकर मंदिर की ओर कर लिया।


चूंकि वहां खड़े किसी भी व्यक्ति ने लुफासा के लिये प्रतिरोध उत्पन्न नहीं किया था, इसलिये लुफासा भी अभी तक शांत था।


रुद्राक्ष की नज़रें ध्यान से अभी भी गरुड़ को देख रहीं थी।


अब लुफासा चलता हुआ मंदिर के द्वार तक जा पहुंचा। उस की नजर मंदिर के अंदर की ओर गयी।


कुछ ही देर में लुफासा ने सोने की मटकी पर रखी उस डिबिया को देख लिया, जिसमें कि गुरुत्व शक्ति मौजूद थी।


लुफासा ने एकाएक मच्छर का रूप धारण कर लिया और मंदिर के अंदर प्रविष्ट हो गया।


“अरे यह गरुड़ कहां गायब हो गया?" रुद्राक्ष ने गरुड़ को गायब होते देख आश्चर्य से कहा।


सभी की नजर मंदिर के बाहर चारो ओर फिरने लगी।


“कहीं वह कोई शैतानी शक्ति तो नहीं थी, जो गुरुत्व शक्ति लेने आयी हो?"

शिवन्या ने कहा- “रुद्राक्ष गुरुत्व शक्ति पर ध्यान दो। वह जरूर उधर ही होगा।"


शिवन्या की बात सुन रुद्राक्ष मंदिर के अंदर की ओर आ गया। गुरुत्व शक्ति अब भी अपने स्थान पर रखी थी। उसे देख रुद्राक्ष ने चैन की साँस ली।


तभी लुफासा ने चील का रुप धारण किया और गुरुत्व शक्ति वाली डिबिया को उठाकर बाहर की ओर भागा।


रुद्राक्ष जब तक बाहर निकला, लुफासा काफ़ी आगे पहुंच गया था।

तभी रुद्राक्ष के दाहिने हाथ से नीले रंग की ऊर्जा का एक जाल निकला और वह बिजली की तेजी से जाकर चील के आगे आ गया।


वह जाल एक मानिसक तरंगों का बना था, जिसे लुफासा बिल्कुल भी समझ नहीं पाया। वह तेजी से जाल से टकराया और जमीन पर गिर पड़ा।


लुफासा के गिरते सोने की डिबिया उसके चील के पंजों से निकलकर दूर गिर गयी।


“शिवन्या गुरुत्व शक्ति उस चील के पास गिरी है, तुरंत उसे उठाओ, मैं इस शैतानी शक्ति को संभालता हूँ।" रुद्राक्ष ने चीखकर शिवन्या को सावधान किया।


तब तक लुफासा संभल चुका था। अब उसकी नजर रुद्राक्ष के नीले से चमक रहे हाथों की ओर थी।


लुफासा ने मानिसक शक्ति को कभी देखा तक नहीं था, इसिलये वह ये विचित्र शक्ति देखकर थोड़ा घबराया दिख रहा था।


इस बार रुद्राक्ष ने अपने दोनों हाथों को ताली बजाने वाली शैली से हवा में जोर से लहराया।


रुद्राक्ष के दोनों हाथों से नीले रंग के मानिसक तरंगो से बने विशाल हाथ निकले और चील बने लुफासा की ओर बढ़े।


लुफासा एक क्षण में ही समझ गया कि खतरा दोनों तरफ से है।


इसिलये उसने उछलकर स्वयं को बचाया अगर वह स्वयं को नहीं बचाता तो दोनों हाथों के बीच उसके एक और रुप की चटनी बन जानी थी।


रुद्राक्ष के दोनों मानिसक हाथ गर्जना करते हुए आपस में टकराये। लुफासा उस वार से तो बच गया, पर दोनों हाथों के टकराने से जो ऊर्जा पैदा हुई उसके प्रभाव से नहीं बच पाया।


चील बना लुफासा इस बार बुरी तरह से जख्मी हो गया था।


शलाका इस पूरे युद्ध का मजा ले रही थी। उसे पता था कि रुद्राक्ष और शिवन्या हर हाल में यह युद्ध जीत जायेंगे।


लुफासा समझ गया कि चील रुप में रुद्राक्ष से बचना मुश्किल है।


इसिलये उसने एक बार फ़िर सोने की डिबिया पर नजर मारी, जो कि उससे कुछ दूरी पर गिरी पड़ी थी और शिवन्या लुफासा को देखते हुए उस डिबिया की ओर बढ़ रही थी।


लुफासा एक बार फ़िर से डिबिया की ओर झपटा। इस बार उसकी एक नजर रुद्राक्ष पर भी थी।


लुफासा को डिबिया पर फ़िर से झपटते देख रुद्राक्ष ने इस बार लुफासा पर मानिसक तरंगो से बने तीरों की बौछार कर दी।


चूंकि इस बार लुफासा का पूरा ध्यान रुद्राक्ष पर था, इसिलये लुफासा कलाबाजी खाते हुए हर तीर से बच गया। पर इस तीर से और रुद्राक्ष से बचने के चक्कर में लुफासा का ध्यान शिवन्या की ओर नहीं गया।


अब शिवन्या के दोनों हाथ मानिसक तरंगो से नीले हो गये। इससे पहले कि लुफासा का ध्यान शिवन्या की ओर जाता, शिवन्या ने दोनों हाथों से मानिसक तरंगो का एक हथौड़ा बनाया और उसे खींचकर चील बने लुफासा पर मार दिया।


लुफासा उस हथौड़े में पूरी तरह से पिस गया और चील बना उसका वह रुप धुआं बनकर गायब हो गया।


चूंकि चील से पहले लुफासा मच्छर के रुप में था, इसलिये वह मच्छर के ही रुप में फ़िर से शि.व मंदिर के अंदर प्रकट हुआ।


“बाप रे ... मान्त्रिक तो कह रहे थे कि यहां पर साधारण लोग होंगे,पर गुरुत्व शक्ति की सुरक्षा का भार तो बहुत ही खतरनाक लोगों के हाथों में है। अभी वह लोग मुझे मरा समझ रहे हैं, यही मौका है उन पर टूट पड़ने का।"


इतना सोच मच्छर बना लुफासा उसी रुप में मंदिर के बाहर आ गया। उधर रुद्राक्ष और शिवन्या बर्फ में चील की लाश ढूंढ रहे थे।


लुफासा की नजर एक बार वहां खड़े सभी लोगों पर गयी और फ़िर कुछ दूर गिरी पड़ी उस सोने की डिबिया की ओर गयी, जो अब भी वहां बर्फ पर पड़ी थी।


अचानक लुफासा ने एक विशाल आग उगलते ड्रैगन का रुप ले लिया। किसी की भी समझ में नहीं आया कि यह ड्रैगन अचानक यहां कहां से आ गया?


इससे पहले कि कोई कुछ और समझ पाता, ड्रैगन बने लुफासा ने अपने मुंह से जोर की आग निकाली, पर इस बार उसका लक्ष्य वहां मौजूद कोई व्यक्ति नहीं बल्कि वह बर्फ का पहाड़ था।


इतनी तेज अग्नि की वजह से बर्फ के पहाड़ का एक हिस्सा टूटकर वहां मौजूद सभी लोगो पर गिरने लगा। यहां तक कि वह शि.व मंदिर भी अब बर्फ की चपेट में आने वाला था।


यह देख शिवन्या और रुद्राक्ष ने अपनी पूरी मानिसक शक्तियों को एकत्र कर दोनो की सम्मिलित शक्ति से मानिसक ऊर्जा का एक विशाल अर्द्धगोला तैयार किया, जिसके नीचे मंदिर और सभी लोग छिप गये।


बर्फ का एक विशाल भाग टूटकर सभी पर गिरा, पर मानिसक शक्तियों से ढके होने के कारण ना तो कोई व्यक्ति मरा और ना ही मंदिर के मंडप या ध्वज को कोई नुकसान पाहुंचा।


थोड़ी ही देर में रुद्राक्ष और शिवन्या ने उस अर्द्धगोले पर पड़ी सारी बर्फ को हटाकर बाहर आ गये।


पर तब तक लुफासा गुरुत्व शक्ति वाली सोने की डिबिया उठा हवा में उड़ गया था।


“हे ईश्वर, अब क्या होगा?" शिवन्या ने डरते हुए रुद्राक्ष की ओर देखा- “गुरुत्व-शक्ति तो गलत हाथों में चली गई। अब अगर हम इसे लाकर शाम होने के पहले इस मंदिर में नहीं रखते हैं तो हमें महा..देव के कोप का भाजन बनना पड़ेगा।"


“इतनी जल्दी हम उस शैतान को ढूंढकर गुरुत्व-शक्ति कैसे वापस ला पायेंगे?" रुद्राक्ष के भी शब्दों में अब चिंता साफ झलक रही थी- “धर्मगुरु.... अब धर्मगुरु नीमा ही हमें इस मुसीबत से बचा सकते हैं।"


शिवन्या ने भी सहमित में सर हिलाया।


रुद्राक्ष ने आँख बंदकर मानिसक तरंगो से धर्मगुरु नीमा से संपर्क स्थापित किया और वहां की पूर्ण घटना की जानकारी दे दी।


“अब आप ही हमें इस मुसीबत से बाहर निकाल सकते हैं धर्मगुरु।" रुद्राक्ष ने नीमा से कहा।


“तुम परेशान मत हो रुद्राक्ष।" नीमा ने रुद्राक्ष को आश्वासन देते हुए कहा- “हनुका के पास भी गुरुत्व-शक्ति है। वह अपनी शक्ति से पृथ्वी के किसी भी कोने से गुरुत्व-शक्ति को ढूंढ सकता है और वही एक ऐसा है जिसे कोई नहीं हरा सकता। वह शाम ढलने के पहले गुरुत्व-शक्ति वापस अवश्य ले आयेगा। तब तक तुम लोग वहीं शि.व मंदिर के पास रहो। ये ध्यान रहे कि जब तक मंदिर बर्फ़ के बाहर है, तब तक तुम लोगों को वहीं रहना है।"


“ठीक है धर्मगुरु।" यह कहकर रुद्राक्ष ने संपर्क काट दिया और सबको सारी बात बताकर वहीं बैठ गया।


रुद्राक्ष को बैठते देख सभी अब उस स्थान पर बैठ गये।


तभी कहीं दूर बर्फ पर एक धमाका सा हुआ और बिजली की गति से आसमान में उड़कर जाता हुआ हनुका दिखाई दिया।


अब सभी को इंतजार था, हनुका के लौटने का।


क्रमशः:



प्रश्नावली


तो दोस्तों जैसा कि आप देख रहे हैं कि पिछली बार की तरह यह


कहानी तेजी से बढ़ता जा रही है और हर पेज पर आपके दिमाग एक नया प्रश्न खड़ा करता जा रहा है। प्रश्नो की संख्या अब इतनी ज़्यादा हो चुकी है कि अब वह मस्तिष्क में एकत्रित नहीं हो पा रहे हैं। तो क्यों न इन सारे प्रश्नो को एक जगह पर एकत्रित कर ले-


1) क्या वेगा अराका द्वीप के बारे में सबकुछ जानता था?


2) ‘अटलांटिस का इतिहास’ नामक किताब ‘लाइब्रेरी ऑफ कांग्रेस’ में कैसे पहुंची? क्या इसके लेखक वेगा के बाबा कलाट ही थे? क्या इस किताब से और भी राज आगे खुले?


3) क्या वेगा को सम्मोहन आता था?


4) शैफाली के द्वारा बजायी गयी सीटी से पोसाइडन पर्वत की मूर्ति की आँखें लाल कैसे हो गयी? शैफाली के कानो में फुसफुसा कर बार-बार बोलने वाली आवाज किसकी थी?


5) विचित्र पेड़ ने शैफाली को अपने आप सारे नीले फल कैसे दे दिये?


6) ट्रांस अंटार्कटिक के पहाड़ों में दबा शलाका का महल असल में क्या था?


7) पानी से निकलने वाला मगरमच्छ मानव कौन था? शैफाली के ‘जलोथा’ कहने पर वह डर कर वापस क्यों चला गया?


8) वेगा पर आक्रमण करने वाला वह बाज कौन था? वह वेगा से वह किताब क्यों छीनना चाहता था?


9) जमीन पर वह विचित्र आकृतियाँ वाले पत्थर कैसे थे? क्या वह सच में भविष्य के बारे में बता रहे थे?


10) अराका द्वीप का निर्माण किसने किया था? और वह पानी पर अपने आप कैसे चलता था?


11) क्या सुयश की पीठ पर बना सूर्य की आकृति वाला टैटू बस एक सामान्य टैटू है? शलाका की मूर्ति छूने पर सुयश के टैटू में किस प्रकार की शक्ति ने प्रवेश किया था? शलाका महल की दीवार पर सुयश के टैटू वाली आकृति कैसे बनी थी?


12) दूसरी क्रिस्टी बनकर जेनिथ के अपहरण की कोशिश करने वाली लड़की कौन थी?


13) अटलांटिस के सिक्के का क्या रहस्य था? उसे शैफाली के पास कौन छोड़ गया था?


14) क्या देवी शलाका के भाइयों के पास सप्त शक्ति थी?

15) शलाका 5000 सालो से अपने भाइयों के साथ क्यों शीत-निद्रा में थी?


16) नयनतारा पेड़ का क्या रहस्य था?


17) वेगा की जोडियाक वॉच का क्या रहस्य था? क्या सच में उसका आविष्कार रिंजो- शिंजो ने किया था? या फिर वह धरा और मयूर की धरा-शक्ति का कमाल था।


18) शलाका मंदिर में मिलने वाली शलाका की मूर्ति का क्या रहस्य था? मूर्ति को छूने पर युगाका ने सुयश के मरने की कल्पना क्यों की?


19) लुफासा की इच्छाधारी शक्ति का क्या रहस्य था?


20) सीनोर राज्य में मकोटा ने पिरामिड क्यों बनवाया था?


21) मकोटा के द्वारा आकृति को दिये ‘नीलदंड’ में क्या विशेषताएं थी?


22) आकृति का चेहरा शलाका से कैसे मिलने लगा? वह पिछले 5000 सालो से जिंदा कैसे है?


23) ऐमू के अमरत्व का क्या राज है?


24) जैगन का सेवक गोंजालो का क्या राज है? सीनोर राज्य में उसकी मूर्ति क्यों लगी है?


25) क्या सनूरा की शक्तियों का राज एक रहस्यमय बिल्ली है?


26) अराका द्वीप से निकलने वाली ‘विद्युत चुम्बकिय तरंगों’ का क्या रहस्य था?


27) उड़ने वाली झोपड़ी का क्या रहस्य था?


28) सुयश का शलाका की मूर्ति को छूने पर शलाका को कैसे पता चल जाता था?


29) शलाका महल में मौजूद वह सिंहासन क्या हनुका का था? और वह समय यात्रा किस प्रकार कराता था?


30) वेदालय किस प्रकार का विद्यालय था? उसमें पढ़ाई किस प्रकार कराई जाती थी?


31) कैलाश पर्वत के पास स्थित 15 लोक का रहस्य क्या था? उसे किसने और क्यों बनाया था? आज के समय में वह विद्यालय क्यों बंद हो गया?


32) आर्यन कौन था? अगर वह सुयश था तो क्या सुयश का पुनर्जन्म हुआ है?


33) ब्रह्मकलश के अमरत्व का क्या रहस्य था?


34) रुद्राक्ष-शिवन्या, विक्रम-वारुणी, धरा-मयूर या वेदालय में मौजूद अन्य जोड़े कौन थे?


35) सप्ततत्व या ब्रह्मकण में कौन सी शक्तियां समायी थी?


36) क्या कैलाश पर्वत के पास समय तेज चलता था?


37) वुल्फा कौन था? क्या उसमें भी शैतानी शक्तियां थी?


38) उड़नतस्तरी के अंदर मौजूद 6 फुट का हरा कीड़ा बाकी कीडो से अलग क्यों था? वह इन्सानों की तरह कैसे चल रहा था?


39) मकोटा के सर्पदंड का क्या रहस्य था?


40) शैफाली की आँखों में सर्प की तरह ऐमू की तश्वीर कैसे उभर रही थी?


41) वेगा पर हुआ टुंड्रा हंसऔर बुल शार्क का हमला क्या साधारण हमला था?


42) क्या वेगा को अपनी जोडियाक वॉच का रहस्य पता चल पाया?


43) व्योम को जो जगह पानी के नीचे दिखाई दी, वह जगह क्या थी?


44) तिलिस्मा प्रोजेक्ट क्या था? उसका नियंत्रण करने वाला कैस्पर क्या सच में एक कंप्यूटर प्रोग्राम मात्र

ही था?


45) व्योम के सामने काँच के कैप्सूलनुमा ट्यूब में बैठकर समुद्र में जाने वाला व्यक्ति कौन था?


46) नकली ब्लू व्हेल का निर्माण किसने किया था? क्या यह वही व्हेल थी, जिसने ‘सुप्रीम’ के समय में सुयश पर पानी उछाला था?


47) तिलिस्मा के प्रोजेक्ट ‘स्टेच्यू ऑफ लिबर्टी’ और ‘सात सिर वाले योद्धा’ का क्या रहस्य था?


48) क्या अराका द्वीप के गुप्त स्थान में ट्रांसमिट मशीन लगी थी? जिसने व्योम को सामरा राज्य में ट्रांसमिट कर दिया था?


49) नक्षत्रा की शक्तियों का क्या रहस्य था?


50) गिलफोर्ड का क्या हुआ? वह लाल किताब क्या थी? जिसे गिलफोर्ड देवी की मंदिर से लेकर भागा था?


51) त्रिकाली को सुप्रीम के डूबते समय अचानक से बर्फ की शक्तियां कैसे मिल गयी? जो कि उसे स्वयं भी नहीं पता थी।


52) शैफाली ने युगाका की वृक्ष शक्ति कैसे छीन ली? और शैफाली के पास शक्तियां अपने आप कैसे बढ़ती जा रहीं थी?


53) हनुका कौन है? उसके पास गुरुत्व-शक्ति कैसे आयी?


54) सामरा राज्य पर स्थित अटलांटिस वृक्ष का क्या रहस्य है? उसने किस प्रकार युगाका को वृक्ष शक्ति दी?


55) अटलांटिस वृक्ष से निकलकर जो रोशनी व्योम के अंदर समायी, वह कैसी थी?


56) महाशक्ति मैग्रा कौन है? और कलाट को उसका हज़ारों वर्ष से इंतजार क्यों है?


57) मैग्रा पंचशूल प्राप्त करने के बाद पोसाइडन के विरूद्ध ही क्यों काम करने लगी?


58) सागरिका, वेरिका, अग्निका आदि चमत्कारी पुस्तको का क्या रहस्य था?


59) सागरिका की कविताएँ क्या भविष्य बताती थी?


60) मेडूसा की मूर्ति का क्या रहस्य था? वह रात में सजीव होकर शैफाली को मैग्रा के सपने क्यों दिखा रही थी?


61) मैग्रा की सवारी ड्रेंगो का क्या रहस्य था? वह ड्रेगन और हाइड्रा दोनों में कैसे परिवर्तित हो जाता था?


62) समुद्र की तली के दरार में बना वह स्वर्ण महल किसका था? जिसमें से मैग्रा ने पंचशूल प्राप्त किया था।


63) 2 सिर वाला जलदैत्य कराका कौन था?


64) मैग्रा की शक्तियों का श्रोत क्या था?


65) अंटार्कटिका में बने शलाका महल के कमरे में मौजूद उस स्टीकर वाले दरवाजे का क्या रहस्य था?


66) रुद्राक्ष और शिवन्या की घातक मानिसक शक्तियों का क्या राज था?


67) ब्रेंडन और जॉनी को ले जाने वाला वह मायाजाल कैसा था?


68) गुरुत्व-शक्ति के हर वर्ष जमीन के नीचे से प्रकट होने के पीछे का क्या रहस्य था?


69) क्या हनुका समय रहते गुरुत्व-शक्ति को वापस ला सका?


70) क्या सुयश के साथ बचे बाकी सदस्य मायावन को पार करके तिलिस्मा तक पहुंच सके?

71) क्या मायावन अब और ज़्यादा खतरनाक हो गया था? ऐसे ही ना जाने कितने सवाल होंगे जो आपके दिमाग में घूम रहे होंगे।


तो दोस्तो इन सारे अनसुलझे सवालों के जवाब हमारी इस कहानी की अगले भाग में देंगे जिसका नाम है- “एक रहस्यमय जंगल-मायावन”

जिसमें हम आपको ले चलेंगे, इस पृथ्वी के सबसे खतरनाक भूभाग में, जहां पर छिपी तिलिस्मी मौत बेसब्री से अपने शिकार का इंतजार कर रही है।...................:yo:



तो दोस्तों इसके साथ मुझे फिर से 2-4 दिन की छुट्टी की इजाजत दीजिए ताकि अगली कड़ी को लेकर आपके सामने इसी थ्रेड पर जल्दी प्रकट हो जाऊँ।


आपका अपना राज शर्मा 🙏🏼
Wow* lovely update brother.

71 Questions ek sath yaad rakhna bada kathin kaam hai usme se bhi abhi bahut sare questions aaya hi nahi hai list mein.

Jaise ki ped* ne aisa kyun bataya tha ki Vyom koi apna hai???

Kya Captain Louis ko saja milegi????

Ye dhire dhire clear ho raha hai Jenith, Shefali aur Suyash ye teeno mayavan ko survive kar sakte hain baki ka abhi kuchh kaha nahi ja sakta hai, kyunki aage aur bhi khatra kai guna badh jayega, Suyash aur Shefali dono yahan ke prani pahle bhi reh chuke hain wahin dusri aur Jenith ko abhi time device yani Nakshatra se bahut kuchh pata chalna hai isliye uska bhi zinda rahna jaruri hai sath hi sath usko Taufiq ko bhi saja deni hai.

Last point mujhe Vyom aur Suyash ka character thoda thoda similar lag raha hai khas kar dono ki height se maine ye guess kiya hai, baki kya hona ye aapko hi pata hai.
 

Raj_sharma

यतो धर्मस्ततो जयः ||❣️
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Ek or gaya?😱 bhai ji kitno ko niptaoge? :D: dhasu update and mind blowing story bhai👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻
Gaya? Ye tum kaise kah sakte ho be:slap: Kya pata apna Brendon jinda ho?:yo: Khair, dekhna padega kaha gaya wo? Jinda hai ki nikal liya🤔 thanks for your valuable review and support :thanx:
 

Raj_sharma

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Awesome update bhai👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻 jitna padho utna kam🙏🏼🙏🏼
To kya hanuka gurutva shakti wapas la payega, jaise ki neema ne kaha ki wo ajeey hai, rahi baat sawaalo ki, to mujhe to 10-12 hi yaad they😂😂 acha hua aapne likh diye, just too good 👍
Kab start kar rahe ho aap? Hume intzaar rahega:bow::bow::bow:
Hanuka Gurutva Shakti ki vajah se ati shaktishaali ho chuka hai, uske paas atulniya bal hai, isliye usko harana aasaan to hai hi nahi:nope:
Thank you very much for your wonderful review and support bhai :thanx:
 

Raj_sharma

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Wow* lovely update brother.

71 Questions ek sath yaad rakhna bada kathin kaam hai usme se bhi abhi bahut sare questions aaya hi nahi hai list mein.

Jaise ki ped* ne aisa kyun bataya tha ki Vyom koi apna hai???

Kya Captain Louis ko saja milegi????

Ye dhire dhire clear ho raha hai Jenith, Shefali aur Suyash ye teeno mayavan ko survive kar sakte hain baki ka abhi kuchh kaha nahi ja sakta hai, kyunki aage aur bhi khatra kai guna badh jayega, Suyash aur Shefali dono yahan ke prani pahle bhi reh chuke hain wahin dusri aur Jenith ko abhi time device yani Nakshatra se bahut kuchh pata chalna hai isliye uska bhi zinda rahna jaruri hai sath hi sath usko Taufiq ko bhi saja deni hai.

Last point mujhe Vyom aur Suyash ka character thoda thoda similar lag raha hai khas kar dono ki height se maine ye guess kiya hai, baki kya hona ye aapko hi pata hai.
Har ek sawaal ka jabaab milega mitra:declare:Jitne bhi yaad the, maine list bana di taki bhool se bhi kuch na choote, waise to Vyom aur Suyash dono alag alag hi hain, lekin inme kuch samantaye jaroor hain,:approve: Aapke andaje kuch jagah sahi hain, khair sath bane rahiye sab clear ho hi jayega :declare:
Thank you very much for your wonderful review and support bhai :thanx:
 

Raj_sharma

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Awesome bhai
Aapne ye acha kiya sabhi sawalo ki ek list bna di
Thanks :thanx:
List to pichli baar bhi banai thi, or lagbhag kaafi saare sawalo ke jabaab bhi de chuka hu, aage bhi dunga:declare:
 

Raj_sharma

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avsji

Weaving Words, Weaving Worlds.
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भाई साहब ऐसा कुछ भी नही है। :D मै तो बस यही कोशिश कर रहा हूॅ कि रीडर्स को बांधे रख सकूं।:dazed: मुझे आपके औरAVSJ जैसे रीडर्स मिले है, मेरे लिए ये बोहोत बडी बात है। आप सभी के शब्दों से मुझे और आगे, ओर अच्छा लिखने का संबल मिलता है। आपके शब्द मुझे प्रेरित करते है।:yo:

इसीलिए तो वो सारे सवाल मैने खुद लिख दिए। ताकी कुछ छूट ना जाए। :D
माना कि कहानी मे पात्र, और घटनाक्रम काफी विस्तृत है।, पर कहानी के प्लाट और डिमांड के हिसाब से करना ही पडेगा, मै वादा तो पहीं करता, पर कोशिश जरूर करूंगा की ये कहानी पूरे XFORUM की सबसे यादगार और इकलौती कहानी होगी जो इतनी विशाल और विस्तृत होगी वो भी बिना किसी अश्लीलता के।:declare:
पर उसके लिए मै फिर कहता हूॅ कि मुझे आप दोनों यानी SANJU ( V. R. ) and avsji का साथ अंत तक चाहिए।

भारतीय आदमी लिखे और कहानी में भारतीय माइथोलाॅजी ना हो ऐसा कैसे हो सकता है सर:D
असली दम तो....खैर। आप बस पढिए और ज्यादा नहीं तो 2 शब्द ही बोल दिया कीजिए ताकी आपके साथ होने का एहसास होता रहे।:approve:

बोहोत बोहोत आभार प्रकट करता हूॅ आपकी इस प्यारी प्रतिक्रिया के लिए 🙏🏼🙏🏼
कहानी अभी आधी भी नही हुई है, लेकिन वादा करता हूॅ जब ये पूर्ण हो जाएगी तो आप इसे एक बार फिर पढ़ना चाहेंगे।। :thanx:

राज भाई, यह कहानी (उपन्यास कहना चाहिए) बहुत ही विशाल और विस्तृत है।
न केवल उतना ही, जैसा कि संजू भाई ने कहा, यह कथा देवकीनंदन खत्री जी की चन्द्रकान्ता जैसी ही बन गई है।
और यह अपने आप में एक अभूतपूर्व उपलब्धि है। आप सच में इसको उपन्यास के रूप में पब्लिश करने का सोचिए!
चाहे कोई साथ हो या न हो, देर से ही सही, मैं इस कहानी में आपके संग हूँ! :)
 

Raj_sharma

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राज भाई, यह कहानी (उपन्यास कहना चाहिए) बहुत ही विशाल और विस्तृत है।
न केवल उतना ही, जैसा कि संजू भाई ने कहा, यह कथा देवकीनंदन खत्री जी की चन्द्रकान्ता जैसी ही बन गई है।
और यह अपने आप में एक अभूतपूर्व उपलब्धि है। आप सच में इसको उपन्यास के रूप में पब्लिश करने का सोचिए!
चाहे कोई साथ हो या न हो, देर से ही सही, मैं इस कहानी में आपके संग हूँ! :)
Bilkul sochenge bhai, aur jab aap saath ho to ise poora bhi karenge:hug:Or devki babu jaisa to nahi, lekin unse kam bhi nahi rahne denge is kathanak/kahani ko🙏🏼
 
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