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Thanks brotherAwesome update![]()

Thanks brotherAwesome update![]()

Ho bhi sakti hain bhai, kyuki aisi shaktiya ya to casper ke pas thi ya megna ke pas. Per abhi kuch kaha nahi ja sakhaLo bhai aapne ek aur swaal ka jabaab clear kar hi diya ki lufasa ki icchadhari shakti ka raaj kya hai? Ab pata lag gaya, aur sath me ye bhi ki vinas ke pas kya shakti hai, aur kyu? Khair mujhe ye lagta hai ki ye jeev Shaktiya dono ki dono megna ki hi Shaktiya hain, jaha gak mujhe yaad hai ki maya ne use di thi???
AWESOME UPDATE AND MIND BLOWING WRITING![]()
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Thank you very much for your valuable review and support bhai 
Thank you very much for your valuable review and support bhai, sath bane rahiyeIss padaav me Nakshatra ke bhram jaal ne help ki aur jenith ki vajah se sab bach gaye, mujhe lag raha hai ki 100 no. Tak pahuchte-2 ek aadh to nipat hi jayega, jaise-2 padaav badh rahe hain, waise waise muskileen aur kathin hoti ja rahi hain. Sanghars ke aage hi jeet hai bhai. Gajab ki update thi, aur hamesha ki tarah lekhni bhi, uske to dhani ho hi guruji aap![]()

Agla Update aaj saam tak![]()
intezaar rahega next update ka @raj_sharna bhai.....Agla Update aaj saam tak![]()
बहुत ही शानदार और लाज़वाब अपडेट है सुयश के टैटू का तो राज खुल गया लेकिन एक और राज सामने आ गया सबकी हैप्पी न्यू ईयर की जगह bad न्यू ईयर हो गई शैफाली के पास एक सिक्का मिला है वह शैफाली के पास कौन व क्यों रख के गया है जिसका पता किसी को भी नहीं है अल्बर्ट के हिसाब से यह सिक्का अटलांटिस सभ्यता का है ये सच हो सकता है और शैफाली का उनके साथ कुछ तो संबंध हो सकता है???
James aur Wilmar ne Shalakaaur uske bhaiyo
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ko jagaa diya. Lekin inaam ki jagah unhe sunehri qaid mili..
Yeha Mayavan mei ab Nayantaraka kya mamla hai yaar.. bahut suspense hai yaar..
Nahi bhai esa nahi hai
Wo kya hai na is bar ki pehli holi Sasural me manaee bahut he ache se pocho mat bahut enjoy kia maine bhai kya batao bs busy tha usme he
Awesome update
Badhiya update bhai
To Toffik hi tha jisne sab kiya tha lekin loren ko kyun mar diya usne wo to usse pyar karta tha na or bechari loren bhi uske pyar me andhi hoker uski baten man rahi thi or jis jenith se badla lena chahta tha use abhi tak jinda rakha ha usne usse pyar ka natak karta ja raha ha Jenith ki sab sachhai pata pad gayi ha dekhte han kab tak Toffik babu apni sachhai chhupa pate han waise bure karm ki saja milti hi ha or jis jagah ye sab han usse lagta ha jaise Aslam miya ko saja mili usi prakar Toffik ka bhi number lag sakta ha
उचित समय आने पर, अवश्य ही
चौदह वर्ष पूर्व कलिका - जो दिल्ली के एक मैग्जीन की संपादक थी - ने यक्षलोक के प्रहरी युवान के कठिन सवालों का जो जवाब दिया वह बिल्कुल महाभारत के एक प्रसंग ( युधिष्ठिर और यक्ष संवाद ) की तरह था ।
क्या ही कठिन सवाल थे और क्या ही अद्भुत जवाब थे ! यह सब कैसे कर लेते है आप शर्मा जी ! पहले तो दिमाग मे कठिन सवाल लाना और फिर उस सवाल का जवाब ढूंढना , यह कैसे कर लेते है आप !
यह वाकई मे अद्भुत था । इस अपडेट के लिए आप की जितनी तारीफ की जाए कम है ।
शायद सम्राट शिप से चौदह साल पहले जो शिप बरमूडा ट्राइंगल मे डुब गया था , उस शिप मे ही कलिका की बेटी सफर कर रही होगी । वह लड़की आकृति हो सकती है । वह आकृति जो शलाका का क्लोन धारण कर रखी है ।
दूसरी तरफ सामरा प्रदेश मे व्योम साहब पर कुदरत बहुत ही अधिक मेहरबान हो रखा है । वगैर मांगे छप्पर फाड़ कर कृपा बरसा रहा है । पहले अमृत की प्राप्ति हुई और अब राजकुमारी त्रिकाली का दिल उनपर धड़क गया है ।
मंदिर मे जिस तरह दोनो ने एक दूसरे को रक्षा सूत्र पहनाया , उससे लगता है यह रक्षा सूत्र नही विवाह सूत्र की प्रक्रिया थी ।
इन दो घटनाक्रम के बाद तीसरी तरफ कैस्पर का दिल भी मैग्ना पर मचल उठा है और खास यह है कि यह धड़कन हजारों वर्ष बाद हुआ है । लेकिन सवाल यह है कि मैग्ना है कहां !
कहीं शैफाली ही मैग्ना तो नही ! शैफाली कहीं मैग्ना का पुनर्जन्म तो नही !
कुकुरमुत्ता को छाते की तरह इस्तेमाल करते हुए सुयश साहब और उनकी टीम का तेजाबी बारिश से खुद को रक्षा करना एक और खुबसूरत अपडेट था । पांच लोग बचे हुए हैं और एलेक्स को मिला दिया जाए तो छ लोग । तौफिक साहब की जान जाते जाते बची , लेकिन लगता नही है यह साहब अधिक दिन तक जीवित रह पायेंगे ।
कुछ मिलाकर पांच प्राणी ही सम्राट शिप के जीवित बचेंगे , बशर्ते राइटर साहब ने कुछ खुराफाती न सोच रखा हो ।
ये मिश्रित पांडव जीवित रहने चाहिए पंडित जी !
सभी अपडेट बेहद खुबसूरत थे ।
रोमांच से भरपूर ।
एक अलग तरह की कहानी , एक अद्भुत कहानी ।
और आउटस्टैंडिंग राइटिंग ।
शानदार अपडेट राज भाई
अद्भुत अंक भाई
फिर से एक अप्रतिम रोमांचक और अद्भुत अविस्मरणीय मनमोहक अपडेट हैं भाई मजा आ गया
अब स्टॅचू ऑफ लिबर्टी की मुर्ती पर तिलिस्मा का नया खेल शुरु हो गया
खैर देखते हैं आगे
अगले रोमांचकारी धमाकेदार अपडेट की प्रतिक्षा रहेगी जल्दी से दिजिएगा
Maza aa gya bhai
Nice update.....
Nice update ...lambe gap ke karan thoda confusion hai kuch ...lekhak mahodaya ho sake to iska answer dijiyega ...
Gurutva shakti
Nice update....
Ab s
समझ आया आकृति के चेहरा नहीं बदल पाने के कारण.... इसलिए आर्यन भी जल्दी नहीं पहचान पाया उसको....
बहुत ही सुंदर अपडेट
Awesome update and nice story
#165
राज भाई ने स्वयं ही लिख दिया - मकोटा ने लुफासा का लम्बा चौड़ा काट दिया है। उसकी बातों से लगता है कि वो एक नम्बरी धूर्त है। अब तो शक़ होता है कि कलाट का लुफासा के मम्मी पापा की मृत्यु में कोई योगदान है। इसी मकोटे ने ही मारा होगा उनको। गोंजाला को व्योम ने कूट दिया था। सुयश और टीम को नहीं पता है, लेकिन व्योम तो इस समय महाबली है। उसका रोल क्या होगा, फिलहाल समझ में नहीं आ रहा है।
यार अब तो जैगन का भी बाप निकल आया - कुवान! और वब तो जैगन ख़ुद भी होश में आ गया है। इससे मकोटा के गिरोह को बहुत बल मिलेगा। वैसे लुफासा का मानवों के बारे में चिंता जताना कुछ जमा नहीं। वो खुद ही मानवों की ऐसी तैसी करने में लगा हुआ है। ये क्लिटोरिस के मोती के कारण बड़ा उत्पात मचने वाला है!
(वैसे भी दुनिया के अधिकतर झगड़े क्लिटोरिस के मोती के चक्कर में ही होते हैं! हा हा हा हा!)
#166
ये वाला तो कुछ कुछ Jack the Giant Slayer फ़िल्म जैसा हो गया!
“कैप्टेन अंकल समुद्र की लहरों के लिये चंद्रमा का गुरुत्वाकर्षण ही जिम्मेदार माना जाता है” -- क्या बात है भाई! सच में - कोई अगर ये कहानी पढ़ ले, तो उसको इतना कुछ पता चल जाएगा कि क्या कहें!
“हां तुम्हारी आँखें बिल्कुल जलपरी के जैसी हैं, जी चाहता है कि इसमें डूब जाऊं।” -- “और तुम्हारा चेहरा इस चंद्रमा से भी ज्यादा खूबसूरत है।” -- इसको कहते हैं मौके पर छक्का मारना! वेल डन ऐलेक्स!! हा हा हा हा!
ये वाला द्वार कम से कम जानलेवा नहीं था!
#167
भारतीय परंपरा में कौवों को बहुत बुद्धिमान प्राणी माना जाता है। इसलिए उस बुद्धिमान कौवे की बात विश्वसनीय है।
वो तो कहो ईल ने वेगा को बिजली का झटका नहीं मारा - यही तो दुर्गति हो जाती।
यह ज़रूर ही वीनस और वेगा के लिए सुपरहीरो की तरह पहला युद्ध था, लेकिन यह युद्ध पृथ्वी के जीवों के संग था। और उन जीवों के संग, जिनमें बुद्धि-कौशल बेहद कम होता है -- ऑक्टोपस को छोड़ कर। ऐसे में भविष्य के युद्ध के लिए इन दोनों को शायद और भी शक्तियों की आवश्यकता होगी।
#168
अरे वाह! इसमें तो आपने वो फिल्मों में टाइमबम को डिफ्यूज करने जैसा टेंशन दे दिया! बाल बाल बचे!
अब तक सुप्रीम के इतने सारे लोगों की मृत्यु हो चुकी है कि सच में अब मन नहीं होता कि इनमें से कोई भी मरे! तौफ़ीक़ भी नहीं। अवश्य ही उसने न जाने क्या क्या कर डाला - लेकिन कम से कम अभी वो सही राह पर है।
वैसे ऐसा लगता है कि हर द्वार पर इस दल के हर व्यक्ति को योगदान करना होगा। अगर कोई असफ़ल हुआ, तो पूरा दल असफ़ल हो जाएगा!
“चलो माना तुम्हारा अधिकार स्वयं पर...पर देखता हूं कि जब कोई मुझे तुम से अलग करने आयेगा, तो उसका सामना कैसे करोगी?” -- लगता है नक्षत्रा को Rene और Orena की आमद का पता चल गया है।
इंडिया जा रहे हैं सभी! ये बताओ, इस घने smog में किसी को कुछ दिखेगा भी?
#169
रोजर और मेलाइट की जोड़ी बन गई है भाई!
“...मुझे समुद्र की लहरों पर एक धुंधली सी विशाल आकृति दिख रही है...क्या...क्या यह कोई राक्षस है या फिर कोई बड़ा सा अंतरिक्ष यान?” सुर्वया को भी intergalactic लड़ाकों की भनक लग गई है लगता है।
#170
जैसा कि मैंने ऊपर लिखा था - तौफ़ीक़ न केवल उपयोगी है बल्कि सुधार के मार्ग पर भी है! अर्जुन को भी पिछाड़ दिया उसने - केवल बाहुबल से उसने सौ फुट दूर एक छोटी सी मछली की आँख को बींध दिया! वाह! और अब जेनिथ ने नाच नाच कर इस मुसीबत पर पल बना दिया।
मस्तिष्क के बारे में एक बेहद मूर्खतापूर्ण भ्रम यह है कि हम उसका सिर्फ 10% ही इस्तेमाल करते हैं! यह बात वैज्ञानिक रूप से पूरी तरह गलत है। दरअसल, हम अपने दिमाग का पूरा 100% इस्तेमाल करते हैं - हाँ, लेकिन एक साथ नहीं, और न ही एक काम के लिए! हाँ - Cerebral Cortex का लगभग 30% हिस्सा दृष्टि के लिए इस्तेमाल होता है। करीब 8% स्पर्श और 3% श्रवण के लिए! वैसे कुछ नए रिसर्च के मुताबिक दिमाग का लगभग 40-50% दृष्टि के लिए इस्तेमाल होता है।
बात सही है - “दिखाता” तो दिमाग ही है। इसीलिए अक्सर लोगों को बादलों या चकत्तों में आदमी का चेहरा दिख जाता है।
बड़े दिनों बाद वापस आया - लेकिन नई जगह में सेटल होने में समय लगता है। इसलिए समय कम मिलता है।
वैसे एक बात है - अब यह फ़ोरम बेहद उबाऊ हो गया है। न कोई ढंग का कंटेंट है और न ही पुराने मित्र! इसलिए अब इधर आने का मन कम ही होता है।
लेकिन आपका मनोबल बढ़ाते रहेंगे हम! जब तक ये कहानी चल रही है, तब तक अपना इधर आना रुकेगा नहीं।
ekdam romanch se bhara update likha hai ..shefali aur taufik ki guno se ek padaw paar kar liya sabne ..
christy ne bhi teesra padaw paar kar liya apne dancing mooves se jisme nakshatra ne bhi saath diya ..
Bhut hi badhiya update Bhai
Keshwar ne sabhi ki Pratibha ko dyan me rakhte huye sabhi dvar ka nirmaan kiya hai
Jise sabhi ne milkar pass kar liya
Mind Blowing❤❤
Shaandar update
Gazab ki update he Raj_sharma Bhai,
Lufasa ki ichchadhari shakti ki shuruwat yaha se huyi he..............
Maja aa gaya Bhai
Keep rocking
Bhut hi badhiya update Bhai
Lufasa aur vinas ko apni shaktiya is tarah mili thi
nice update
Waiting for NeXT update …
Wonderful update brother! Story mein thoda masti mazak hoti rahni chahiye warna story hamesha serious mode par rahne par boring jaisa lagne lagta hai. Ye update out of box aa gaya hai, khair jab Vega ko kaise powers mila hai wo dekhne ko mila tha toh ye update bhi ban jata hai.
रिव्यू की शुरुआत की जाए
यह अपडेट काफ़ी हद तक रहस्यों से पर्दा उठाने वाला था। वेनस और लुफासा की शक्तियों का राज़ अब सामने आ चुका है।
उस दिन वेनस ने जो आक्रमण के दौरान अपनी शक्तियों का इस्तेमाल किया था, अब समझ आता है कि उसने वह सब आख़िर कैसे किया।
वेनस को जानवरों की भाषा समझ आती है, इसी वजह से ईगल ने वेगा को बचाया था।
इससे एक और अहम बात भी स्पष्ट होती है अगर समुद्री जानवर सामान्य अवस्था में होते, तो वेनस की बात ज़रूर सुनते। इसका मतलब यह हुआ कि उस समय वे डरकर समुद्र से बाहर नहीं आए थे, बल्कि किसी ने सभी समुद्री जीवों को अपने वश में कर रखा था।
साथ ही लुफासा को भी शक्तियाँ मिली हैं, यह बात भी अब साफ़ हो गई है। लेकिन लुफासा से हम पहले से ही काफ़ी परिचित हैं, इसलिए उसकी शक्तियों को देखकर उतना आश्चर्य नहीं हुआ।
यहाँ एक और विचार मन में आता है क्या लुफासा की शक्तियाँ स्थायी नहीं हैं
संभव है कि कभी न कभी उसका जानवर रूप समाप्त हो जाए और तभी उसकी मृत्यु निकट आए।
(हालाँकि एक और पहलू यह भी है कि उसकी शक्तियों में जीव की अमरता शामिल है। जब तक वह जीव-रूप में रहेगा, लुफासा को मारना बेहद कठिन होगा।)
अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि ये शक्तियाँ वहाँ प्राकृतिक रूप से उत्पन्न हुई थीं, या फिर किसी और ने जानबूझकर इन शक्तियों को वहाँ संभाल कर छुपाया था
मेघना इसके पीछे वजह लगती लेकिन कहीं ऐसा तो नहीं कि जिस तरह मेघना की वजह से वेगा और युगाका को शक्तियाँ मिलीं, ठीक उसी तरह किसी अप्रत्यक्ष रूप में इन दोनों को भी शक्तियाँ मिली हों
(ध्यान रहे—यह नहीं कहा जा रहा कि मेघना ने वेगा और युगाका को सीधे शक्तियाँ दी थीं। शक्तियाँ तो महावृक्ष ने दी थीं, लेकिन उसका निर्माण भी तो मेघना के द्वारा ही हुआ था। यानी सीधे नहीं, पर घुमा-फिराकर मेघना ही वेगा और युगाका की शक्तियों की माध्यम बनी।)
कुल मिलाकर, अपडेट काफ़ी अच्छा रहा
Raj_sharma
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Lo bhai aapne ek aur swaal ka jabaab clear kar hi diya ki lufasa ki icchadhari shakti ka raaj kya hai? Ab pata lag gaya, aur sath me ye bhi ki vinas ke pas kya shakti hai, aur kyu? Khair mujhe ye lagta hai ki ye jeev Shaktiya dono ki dono megna ki hi Shaktiya hain, jaha gak mujhe yaad hai ki maya ne use di thi???
AWESOME UPDATE AND MIND BLOWING WRITING![]()
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OK Bhai
intezaar rahega next update ka @raj_sharna bhai.....

#172.
चैपटर-12
ग्रीष्म ऋतु-2: (तिलिस्मा 4.2)
सुयश सहित सभी लोग 41 नंबर पर खड़े थे। 50 नंबर पर यूरेनस ग्रह चक्कर लगा रहा था।
41 से 50 के बीच बहुत ही गर्म सा कोई द्रव भरा हुआ नजर आ रहा था, जिसमें 41 वाली साइड एक नाव खड़ी थी।
“यह तो कोई आसान सा कार्य लग रहा है, क्यों कि हमें उस पार जाने के लिये पानी में एक बोट भी दी गई है।” ऐलेक्स ने कहा।
“तिलिस्मा में कोई कार्य आसान नहीं है।” क्रिस्टी ने उस बोट को देखते हुए कहा- “जरुर कैश्वर ने इस कार्य में भी कोई ना कोई पेंच डाल रखा होगा?”
तभी उस द्रव से धुंए की एक लकीर उठी और उसने हवा में एक नयी कविता लिख दी-
“जिसमें रहती उसी को खाए,
फिर भी नाव को पार लगाये।”
“अब इस पहेली का क्या मतलब हुआ?” जेनिथ ने अपना सिर पकड़ते हुए कहा।
कुछ देर तक सभी इस पहेली का मतलब समझने की कोशिश करते रहे, परंतु जब काफी देर तक किसी को कुछ समझ में नहीं आया, तो तौफीक बोल उठा- “मुझे नहीं लगता कि हमें अभी इतना दिमाग लगाने की जरुरत है कैप्टेन....अगर हमारे सामने एक नाव खड़ी है, जो इस गर्म द्रव से बचाकर हमें उस पार पहुंचा सकती है, तो पहले हमें उसमें बैठकर उस पार पहुंचने की कोशिश करनी चाहिये, अगर हमें कोई परेशानी आती है, तब हमको इतना सोचना चाहिये, बिना पानी में उतरे, हम कुछ खास सोच नहीं पायेंगे, क्यों कि हमें पता ही नहीं है कि हमें सोचना क्या है?”
तौफीक की बात सभी को सही लगी, इसलिये सभी उतर कर नाव में बैठ गये।
नाव के दोनों ओर बैठने की लिये सीट लगीं थीं। सभी उन सीटों पर बैठ गये।
नाव में एक 2 फुट का धातु का पैन (किचन में कार्य में लाया जाने वाला एक बर्तन) रखा था, जिसे तौफीक ने चप्पू समझ हाथ में उठा लिया, पर जब तौफीक ने पैन को उस द्रव में डालकर नाव को चलाने की कोशिश की, तो वह पैन उस नाव को हिला भी नहीं पाया।
“कैप्टेन यह तो बहुत ही गाढ़ा द्रव है, हम इस अकेले पैन से इस नाव को नहीं चला सकते।” तौफीक ने सुयश को देखते हुए कहा- “ऊपर से यह गर्म बहुत दिख रहा है, ऐसे में हम इसमें हाथ भी नहीं डाल सकते, तो फिर हम इस नाव को चलायेंगे कैसे?”
“तुमने कहा तो था तौफीक कि नाव में बैठने के बाद ही हमें असली समस्या का पता चलेगा, लो अब पता चल गयी असली समस्या। असली समस्या इस नाव को चलाने की है।” सुयश ने कहा- “अब हमें एक बार फिर ध्यान से इस नाव को उस पहेली से मैच कराना होगा, तभी इस समस्या से हमें छुटकारा मिलेगा।”
“कैप्टेन अंकल, बाहर जो द्रव दिखाई दे रहा है, मैं बहुत देर से उसे पहचानने की कोशिश कर रही हूं, अब मुझे उसकी गंध से पता चल गया कि वह द्रव असल में मोम है।”
“मोम????” मोम शब्द सुनते ही अचानक से सुयश को झटका लगा, अब वह कुछ सोच में पड़ गया।
कुछ देर सोचते रहने के बाद सुयश नाव की सीट से खड़ा हुआ और ध्यान से उस नाव का अगला हिस्सा देखने लगा। नाव का अगला हिस्सा देखने के बाद सुयश ने तौफीक के हाथ से वह पैन ले लिया और उसे देखने लगा।
पैन को देखने के बाद अब सुयश के चेहरे पर मुस्कुराहट आ गई और वह बोला- “मिल गया इस पहेली का हल।”
सुयश की बात सुन सभी सुयश की ओर देखने लगे।
“इस पहेली की पहली पंक्ति हैं कि ‘जिसमें रहती उसी को खाए’ यानि की मोमबत्ती का धागा.....मोमबत्ती का धागा, जिसमें रहता है, उसी को खाता है, पहेली की दूसरी पंक्ति है “फिर भी नाव को पार लगाये’ यानि
की हम इस नाव को मोमबत्ती से चला सकते हैं।” सुयश ने कहा।
“मोमबत्ती से?” क्रिस्टी आश्चर्य से सुयश का चेहरा देखने लगी- “मोमबत्ती से नाव कैसे चलेगी कैप्टेन?”
“चलेगी।....लगता है कि तुमने अपने बचपन में ‘पॉप-पॉप बोट’ नहीं चलाई है क्रिस्टी।” सुयश ने मुस्कुराते हुए कहा - “पॉप-पॉप बोट को हम मोमबत्ती के द्वारा भाप बनाकर चलाते थे।....रुको मैं तुम्हें यह करके दिखाता हूं।”
“मैं आपकी बात समझ गया कैप्टेन।” तौफीक ने सुयश को देखते हुए कहा- “मैंने बचपन में यह बोट चलाई है, पर आप यह बताइये कि हमारे पास ना तो यहां मोमबत्ती में लगाने वाला कोई धागा है और ना ही आग.... फिर हम मोमबत्ती बनायेंगे कैसे?”
“बताने की जगह मैं करके दिखाता हूं।” यह कहकर सुयश ने पैन को उस द्रव में डालकर उसे मोम से भर लिया।
मोम अभी गीला था, यह देखकर सुयश ने अपनी जेब से वह डोरी निकाल ली, जो खोपड़ी की माला में बंधी थी, उस डोरी को अभी तक सुयश ने फेंका नहीं था।
सुयश ने उस डोरी को उस पैन के एक किनारे पर द्रव में डाल दिया। कुछ ही देर में मोम सूख गया। अब वह पैन एक मोमबत्ती का रुप धारण कर चुका था।
सुयश ने अपने बैग से अब 2 पत्थरों को निकाला और उन्हें रगड़ कर उनसे आग बना ली। सुयश ने इस आग से मोमबत्ती रुपी पैन को जला लिया और उसे नाव के अगले भाग में रख दिया।
कुछ ही देर में नाव के पीछे मौजूद पाइप से ‘फट्-फट्’ की आवाज निकलने लगी और नाव सभी को लेकर दूसरी दिशा की ओर चल दी।
दूसरी दिशा से कुछ पहले ही सुयश ने पैन को नाव से हटा दिया, जिससे नाव उन सभी को दूसरी ओर पहुंचा कर बंद हो गई। सभी उतरकर 50 नंबर पर खड़े हो गये।
“वाह! यह कार्य तो कैप्टेन के रहते आसान बन गया।” क्रिस्टी ने सुयश की तारीफ करते हुए कहा- “पर ये बताइये कैप्टेन, कि आपने यह पत्थर कब अपने बैग में रख लिये। क्यों कि जब अलबर्ट सर ने हमें आग से बचाया था, उस समय तो हमारे पास कुछ जलाने के लिये था ही नहीं। तभी अलबर्ट सर ने अपने चश्में से आग जलाई थी।”
“बस उसी घटना के बाद से मुझे समझ आ गया था कि आग की जरुरत हमें कहीं भी पड़ सकती है, इसलिये मैंने रास्ते में एक जगह से यह 2 पत्थर उठा लिये थे।” सुयश ने कहा।
“पर कैप्टेन, नाव तो लकड़ी की थी, फिर आपके आग लगाने से वह जली क्यों नहीं?” जेनिथ ने पूछा।
“पूरी नाव लकड़ी की थी, पर नाव का आगे का ऊपरी हिस्सा टिन से बना था, पर वह टिन का रंग लकड़ी की भांति था, मैंने सबसे पहले यही तो चेक किया था और उस टिन के हिस्से से 2 पतली धातु की पाइप नाव के पिछले हिस्से की ओर जा रही थी। बस इसी को देख मैं पहेली का मतलब समझ गया था।” सुयश ने कहा।
“पर एक बात कमाल की है कैप्टेन।” ऐलेक्स ने कहा- “आपने जो खोपड़ी की माला का धागा अभी तक बचा कर रखा था, कोई सोच भी नहीं सकता था कि वह तिलिस्मा में कहीं हमारे काम भी आ सकता है।”
“मैंने जबसे यह सुना था कि तिलिस्मा में कोई चमत्कारी शक्ति काम नहीं करेगी, तभी से हर छोटी से छोटी चीज को अपने बैग में जमा करना शुरु कर दिया था। क्यों कि मुझे पता है कि हर छोटी से छोटी चीज कभी तो काम आती है।” सुयश ने सभी को देखते हुए जवाब दिया।
“आप इतनी छोटी से छोटी चीज पर ध्यान कैसे दे लेते हैं कैप्टेन?” तौफीक ने सुयश से सवाल किया।
“सुयश, शायद इतनी छोटी से छोटी चीज पर कभी ध्यान नहीं देता, पर आर्यन ने तो अपनी जिंदगी के 10 बहुमूल्य वर्ष, वेदालय में यही सब तो किया था, माना कि अभी यादें थोड़ी धुंधली हैं, पर हैं तो मेरे ही दिमाग
में।” सुयश ने अतीत काल में एक डुबकी लगाते हुए जवाब दिया।
सभी अब 51 नंबर पर जाकर खड़े हो गये। 60 नंबर पर शनि ग्रह नाचता दिखाई दे रहा था।
51 से 60 के बीच में लावा फैला हुआ दिखाई दे रहा था। वहां पर पास में 2 लंबे से धातु के पतले खंभे रखे थे, जिनके ऊपर के सिरे पर लगभग, 4 फुट की ऊंचाई पर एक छोटा सा बेस बना था।
देखने पर वह खंभे किसी सर्कस के जोकर वाले खंभे दिख रहे थे, जो कि जोकर अपने पैर में बांधकर चलने के लिये प्रयोग में लाते हैं।
“यह खंभे तो स्टिल्ट वॉकिंग के लिये प्रयोग किये जाते हैं” जेनिथ ने कहा- “आज के समय में बहुत से देशों में स्टिल्ट वॉकिंग की प्रतियोगिताएं कराई जाती हैं।”
एक बार फिर सभी को हवा में लावे से लिखी 2 पंक्तियां दिखाई दीं।
“आगे चलो तो मंजिल भागे,
उल्टा चलो आ जाओ आगे।”
“लगता है कि इस बार इन खंभों के माध्यम से हमें उस पार जाना होगा।” ऐलेक्स ने कहा- “अब ये कार्य हममें से कौन आसानी से कर सकता है?”
ऐलेक्स की बात सुनते ही सभी की निगाहें स्वतः ही क्रिस्टी की ओर चलीं गईं क्यों कि ऐसे कार्य में तो वही सिद्धहस्त थी।
सभी को अपनी ओर देखते पाकर क्रिस्टी ने उन खंभों को उठाकर उनके वजन का अंदाजा लगाया और एक खंभे को लावे में डालकर देखा। पता नहीं वह खंभा किस धातु का बना था? कि लावे में डालने पर भी उस खंभे का कुछ नहीं हुआ?
अब क्रिस्टी ने दूसरा खंभा भी लावे में डाल दिया और उछलकर एक खंभे पर अपना बांया पैर रख लिया, क्रिस्टी ने दूसरे खंभे को भी अपने हाथों से नहीं छोड़ा था।
एक खंभे पर अपने शरीर का बैंलेस बनाने के बाद क्रिस्टी ने अपना दाहिना पैर दूसरे खंभे पर रख दिया।
अब क्रिस्टी के दोनों पैर 2 खंभों पर थे और वह पूरी तरह से उन दोनों खंभों के सहारे खड़ी थी।
क्रिस्टी ने अब अपना बांया पैर धीरे से हवा में उठा कर उस खंभे को आगे बढ़ाया।
एक बार अच्छी तरह से बैंलेस बन जाने के बाद अब क्रिस्टी ने अपना दाहिना पैर हवा में उठाकर दाहिनी ओर वाले खंभे को भी आगे बढ़ाया। इस प्रकार क्रिस्टी किसी सर्कस के अभ्यस्त जोकर की तरह आगे बढ़ने लगी।
तभी क्रिस्टी को वह दोनों खंभे धीरे-धीरे गर्म होते हुए महसूस हुए, पर मंजिल अब ज्यादा दूर नहीं थी इसलिये क्रिस्टी लगातार आगे बढ़ती रही।
अब क्रिस्टी की दूरी 60 नंबर से मात्र 15 फुट ही बची थी, क्रिस्टी ने फिर से अपने पैर को आगे बढ़ाया, क्रिस्टी के आगे बढ़ने के बाद अब उस दूरी को घट जाना चाहिये था, पर आश्चर्यजनक तरीके से वह दूरी घटी ही नहीं।
यह देख क्रिस्टी आश्चर्य से भर उठी। उसने फिर से अपना पैर आगे बढ़ाया, पर क्रिस्टी को एक बार फिर दूरी उतनी ही दिखाई दी।
“कैप्टेन, कुछ गड़बड़ है, मैं बार-बार आगे बढ़ रही हूं, पर मैं जितना आगे बढ़ती हूं, मेरे सामने की दूरी उतनी ही मुझसे दूर जा रही है।” क्रिस्टी ने घबरा कर कहा- “इधर मेरे हाथ में मौजूद खंभे भी लावे की वजह से लगातार गर्म होते जा रहे हैं, अगर यही कुछ देर तक चलता रहा तो मैं इस कार्य को पूरा नहीं कर पाऊंगी।”
“मुझे पहले ही पता था कि कुछ ना कुछ गड़बड़ तो होगी ही।” सुयश ने चिल्लाकर कहा- “हमें उन कविता की पंक्तियों को ही ध्यान से समझना होगा, उन्हीं पंक्तियों में ही इस पहेली का राज छिपा होगा?”
“कैप्टेन इन कविता की पंक्तियों के हिसाब से तो मुझे इन खंभो के साथ उल्टा चलना होगा, पर उल्टा चलकर इन खंभों पर बैंलेस बनाना कैसे संभव है?” क्रिस्टी ने कहा।
“तुम कर सकती हो क्रिस्टी ” ऐलेक्स ने चीखकर क्रिस्टी का हौसला बढ़ाया- “तुम हममें से सबसे अलग हो इसी लिये तिलिस्मा ने तुम्हें चुना है, मुझे पता है कि तुम यह कर सकती हो। अब अपने डर को छोड़ो और जल्दी कोशिश करो, नहीं तो यह लावा तुम्हारे खंभे के द्वारा तुम्हारा हाथ जलाना शुरु कर देगा, फिर यह कार्य बिल्कुल असंभव हो जायेगा।”
क्रिस्टी ने ऐलेक्स के शब्दों को सुना और धीरे-धीरे अपना बैलेंस बनाकर मुड़ गयी।
अब क्रिस्टी की नजरें ऐलेक्स से मिलीं और क्रिस्टी के चेहरे पर एक विश्वास की झलक दिखने लगी।
क्रिस्टी ने धीरे-धीरे अपना एक कदम पीछे की ओर बढ़ाया, क्रिस्टी का यह प्रयास सफल रहा, अब क्रिस्टी की दूरी मात्र 10 फुट ही पीछे की ओर बची थी।
पर अब खंभे इतने ज्यादा गर्म हो गये थे कि क्रिस्टी का उसे पकड़े रह पाना असंभव हो गया। अतः क्रिस्टी ने उन खंभों को अपने हाथ से छोड़ दिया।
अब क्रिस्टी बिना किसी सपोर्ट के उन खंभों पर खड़ी थी। क्रिस्टी ने ऐलेक्स को देख नजरें मिलायीं और मुस्कुरा कर अपना शरीर पीछे की ओर गिरा दिया।
यह देख ऐलेक्स के मुंह से चीख निकल गई- “क्रिस्टी ऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽ!”
क्रिस्टी का शरीर अनियंत्रित हो कर पीछे की ओर गिरने लगा, पर....पर क्रिस्टी का शरीर लावे में नहीं बल्कि 60 नंबर पर जाकर गिरा क्यों कि क्रिस्टी की दूरी भी 10 फुट बची थी और जमीन से क्रिस्टी की ऊंचाई 11 फुट थी।
क्रिस्टी उठकर खड़ी हो गई और मुस्कुराकर ऐलेक्स की ओर देखने लगी। तभी लावे के ऊपर पुल बन गया और ऐलेक्स भागकर आकर क्रिस्टी से लिपट गया।
“यह तुमने क्या किया था पागल?” ऐलेक्स ने क्रिस्टी को गले से लगाते हुए कहा - “अगर तुम्हें कुछ हो जाता तो?”
“अरे कैसे हो जाता, मैंने पीछे की दूरी को भांप लिया था और जानबूझकर यह किया था।” क्रिस्टी ने कहा।
“चलो भाई, इन लोगों का मिलन तो चलता रहेगा, हम लोग 61 नंबर पर चलते हैं।” जेनिथ ने दोनों को देख मुस्कुरा कर कहा।
जेनिथ की बात सुनकर दोनों अलग हो गये, पर ऐलेक्स और क्रिस्टी की निगाहें अभी भी एक दूसरे की ओर ही थीं, और उन निगाहों में प्यार का अहसास भी था और दूसरे के प्रति चिंता भी।
कुछ देर बाद सभी 61 नंबर पर खड़े थे। 70 नंबर पर बृहस्पति ग्रह मौजूद था।
61 से 70 नंबर के बीच पूरे रास्ते में 12 इंच लंबे, नुकीले काँटे निकले थे और 61 नंबर के पास पतली लकड़ियों से निर्मित एक सप्तकोण टंगा था।
तभी हवा में फिर एक पहेली लिखी हुई उभरी-
“सात को अठ्ठारह में बांटें,
खत्म करें रास्ते के काँटे।”
“यह किन 7 को 18 में बांटने की बात कर रहा है?” जेनिथ ने दिमाग लगाते हुए कहा- “हम लोग भी नक्षत्रा को मिलाकर 7 ही हैं, कहीं यह हमें बांटने की बात तो नहीं कर रहा?”
“नहीं जेनिथ दीदी, वहां देखिये वह सप्तकोण भी 7 लकड़ी की एक बराबर तीलियों से बना है, मुझे लग रहा है कि कैश्वर इन्हीं तीलियों से कुछ करने को कह रहा है।” शैफाली ने जेनिथ को सप्तकोण दिखाते हुए कहा।
“अगर सप्तकोण की बात हो रही है, तो इसको बांटने के लिये तो इसे तोड़ना होगा।” ऐलेक्स ने कहा।
ऐलेक्स की बात सुन सुयश ने सप्तकोण को उतार लिया, पर जैसे ही सुयश ने सप्तकोण को उतारा, उसकी एक-एक तीलियां जमीन पर बिखर कर अलग हो गईं।
अब शैफाली ध्यान से उन तीलियों को देखने लगी। काफी देर तक देखते रहने के बाद शैफाली ने एक गहरी साँस भरी और जमीन से उठकर खड़ी हो गई।
“क्या हुआ शैफाली?” सुयश ने शैफाली को उठते देख पूछ लिया- “कुछ समझ में आया क्या?”
“कैप्टेन अंकल, मैं आपसे एक प्रश्न पूछती हूं, जो कि मैं अपने स्कूल में अपने सभी दोस्तो से पूछा करती थी।” शैफाली ने सुयश की बात का जवाब दिये बिना उल्टा एक सवाल ही कर दिया।
पर सुयश शैफाली के तर्कों से अच्छी तरह से परिचित था, इसलिये उसने मुस्कुराकर अपना सिर हां के अंदाज में हिला दिया।
सुयश को हां करते देख शैफाली ने बोलना शुरु कर दिया- “कैप्टेन, एक छत पर 30 कबूतर बैठे हैं। आपको उन सभी को 7 बार में उड़ाना है, शर्त यह है कि आपको हर बार विषम संख्या में ही कबूतर को उड़ाना होगा, तो क्या आप बता सकते है कि किस बार में कितने कबूतर आप उड़ायेंगे?”
शैफाली के प्रश्न को सुनकर सभी लोग कबूतर उड़ाने में लग गये, उधर शैफाली अपनी पहेली को सुलझाने लगी।
अजीब सा माहौल था, तिलिस्म के अंदर भी शैफाली ने सबको काम पकड़ा दिया था। लगभग 10 मिनट के बाद शैफाली की आँखें, किसी कारण से चमक उठीं।
उधर सभी अभी तक कबूतर उड़ाने में ही लगे थे।
“आप लोगों से नहीं हो पा रहा होगा, चलिये मैं आपको अपनी पहेली का उत्तर बताती हूं।” शैफाली के यह कहते ही, सभी कबूतर उड़ाना छोड़ शैफाली की ओर देखने लगे।
“कैप्टेन अंकल दरअसल मैंने आपसे जो प्रश्न किया था, उसका कोई उत्तर नहीं है।” शैफाली ने मुस्कुराते हुए कहा - “असल में गणित में 7 विषम अंको के जोड़ का उत्तर कभी ‘सम’ हो ही नहीं सकता, जबकि 30 एक सम संख्या है।”
यह सुनकर ऐलेक्स ने शैफाली के कान पकड़ लिये- “शैतान लड़की ! जब इसका उत्तर था ही नहीं, तो तुमने हम लोगों से यह प्रश्न ही क्यों पूछा? हम लोग बेवकूफों की तरह से तबसे इसका उत्तर ढूंढ रहे हैं।”
“अरे मैं यही तो आप लोगों को समझाना चाह रही थी कि 7 लकड़ियों को कभी भी तोड़कर 18 में नहीं बांट सकते?” शैफाली ने ऐलेक्स के हाथों से अपना कान छुड़ाते हुए कहा।
“तो क्या कैश्वर भी हमें बेवकूफ बना रहा था?” तौफीक ने मुस्कुराते हुए शैफाली से पूछा।
“नहीं...वह हमें बेवकूफ नहीं बना रहा था, बस इस पहेली का उत्तर जरा अलग ढंग से देने के लिये कह रहा था।”
यह कहकर शैफाली ने उन 7 लकड़ियों से रोमन अंको में 18 लिख दिया। (रोमन अंक- XVIII)
इसी के साथ वहां बने काँटें जमीन में समा गये और सभी चलते हुए 70 नंबर को पार कर 71 पर आ गये।
जारी रहेगा_____![]()