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Incest सौतेली माँ

abmg

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Episode 3

मां रोने लगी थीं और उनके आंसू बहकर मेरे कंधे को गीला कर रहे थे. ये महसूस करते ही मैं एकदम से होश मैं आया और अलग हो गया.
मैंने पूछा- मां आप क्यों रो रही हो?


मां- नहीं हर्षद, मैंने बरसों से इन आसुँओं को बहुत रोके रखा है … जी भर के रो लेने दे मुझे … मैं बहुत प्यासी हूँ हर्षद. मैं किसी मेरा दुःख कैसे बताऊं … अगर मेरी मां या बहन होती, तो उन्हें बता सकती थी. सब कुछ है मेरे पास … लेकिन मेरे जिस्म की प्यास को मैं कैसे बुझाऊं. दिन तो तुम लोगों के साथ निकाल लेती हूँ. लेकिन रात जल्दी नहीं कटती.


वो आगे बोली- मैं क्या करूं हर्षद … तुम ही बताओ. मैं तो पराये मर्द के बारे में सोच भी नहीं सकती. अपने घर की इज्जत का सवाल है … और मैं अपने घर की इज्जत पर कोई दाग नहीं लगने दूंगी हर्षद. एक तुम ही मेरी मदद कर सकते हो हर्षद.


मैं बोला- मां अगर तुम यही चाहती हो, तो मैं तैयार हूँ. मैं तुम्हें हमेशा खुश देखना चाहता हूँ.
ये सुनकर मां मुझे लिपटकर बोलीं- आय लव यू हर्षद.
मैंने भी मां को बांहों में भर लिया और कहा- आय लव यू मां.
मां बोलीं- हर्षद जब हम दोनों अकेले हों, तो तुम मुझे सिर्फ अदिति कहकर ही बुलाओगे.


ये कह कर वो मुझे किस करने लगीं. मेरा लंड उनकी चुत पर ऊपर से ही रगड़ रहा था.


अब मां बोलीं- चलो अब देर न करो … जल्दी मेरी प्यास बुझा दो. अब नहीं रहा जाता हर्षद.


मैं भी बहुत जोश में था. मैंने मां को उनकी कमर के नीचे हाथ डालकर उठाया और उनके बेडरूम में ले गया. मैंने मां को बेड पर लिटा दिया. मैं भी अपनी बनियान और लुंगी निकालकर उनके ऊपर चढ़ गया और किस करने लगा.


उन्होंने भी मेरे होंठों पर अपने होंठ रख दिए और चूसने लगीं. मां अपनी जीभ मेरे मुँह में डालकर मुझे चूसे रही थीं. मैं भी अपनी जीभ उनके मुँह में डाल रहा था.


आह क्या बताऊं … ये मेरे लिए अजीब अनुभव था … मुझे बहुत मजा आ रहा था.


फिर मैंने अपने हाथ उनके कड़क मम्मों पर रख दिए और अब मैं मां के मम्मों को मसलने लगा था. मां मादक सिसकारियां भरने लगी थीं.


कुछ देर की चूमाचाटी के बाद मां बोलीं- आह हर्षद मेरी नाइटी, ब्रा, पैंटी निकाल कर नंगी कर दो मुझे.
मैं भी यही चाहता था.


मैंने उनकी नाइटी निकाल दी. फिर ब्रा और पैंटी भी उतार दी. वाह क्या मदमस्त जिस्म था मेरी जवान सौतेली मां का … मैं नशीली निगाहों से उनका मस्त जिस्म देखने लगा.


मां के कड़क उभरे हुए मम्मे, पतली कमर और मुलायम जांघें … और उन दोनों चिकनी टांगों के बीच छुपी हुई गुलाबी चुत एकदम साफ थी. शायद मां ने सुबह ही अपनी चुत की झांटें साफ की थीं.


मैं तो मां की चुत देख कर अपने होश खो बैठा था और बस देखे जा रहा था.


तभी मां चुत उठाते हुए बोलीं- हर्षद सिर्फ देखते रहोगे क्या? चलो जल्दी से अपना जांघिया निकालो न!
मैं बोला- नहीं अदिति … तुम ही उतार दो.


मां उठीं और उन्होंने मेरा जांघिया नीचे खींच दिया. मेरा आधा सोया हुआ लंड झट से आजाद हो गया और फुदकने लगा.


उन्होंने मेरे लंड को निहारते हुए मेरी जांघिया पैरों से निकाल दी. अब मैं बिस्तर पर घुटनों के बल बैठा था. मां ने अपने दोनों हाथों में मेरा लंड ले लिया और उसे सहलाने लगीं.


मेरा पूरा बदन रोमांचित और गरम होने लगा. मेरा साढ़े सात इंच लम्बा और मोटा लंड लोहे जैसा सख्त हो गया था.


मां लंड हाथ से सहलाते हुए बोलीं- हर्षद तेरा लंड कितना लंबा और मोटा है. ये तो मेरी तो चुत फाड़ देगा … तेरे पिताजी का तो पांच इंच ही लंबा है और पतला सा है. हमारी शादी के बाद छह महीने तक ही मुझे चुदाई का मजा मिल सका. फिर तेरे पिताजी का तो दो मिनट में हो जाने लगा था … और मैं वैसे ही प्यासी सो जाती थी. अब मेरी प्यास तो ये तुम्हारा ये तगड़ा लंड ही बुझाएगा हर्षद.


ये कहते हुए उन्होंने मेरे लंड के सुपारे पर अपनी जीभ गोल गोल घुमा दी. इससे मेरे तो पूरे बदन में जैसे करंट सा दौड़ गया था.


मैंने मां को बेड पर लिटाया और 69 की पोजीशन बनाते हुए मैं उनके ऊपर आ गया. मां की टांगों को फैलाकर मैंने उनकी गुलाबी चुत पर किस किया. मां के मुँह से एक मीठी आह निकल गयी. वो भी मेरे लंड पकड़ कर मुँह लेने की कोशिश करने लगीं … मगर बड़ा लंड होने के कारण मां के मुँह में लंड नहीं जा पा रहा था.


मां मेरे लंड का सुपारा चूसने लगीं. मुझे भी जोश भरने लगा था. मैंने कोशिश करके अपना लंड उनके मुँह में दे दिया. अब वो लंड मस्ती से चूसने लगी थीं.

To be continued.............
 
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मां रोने लगी थीं और उनके आंसू बहकर मेरे कंधे को गीला कर रहे थे. ये महसूस करते ही मैं एकदम से होश मैं आया और अलग हो गया.
मैंने पूछा- मां आप क्यों रो रही हो?


मां- नहीं हर्षद, मैंने बरसों से इन आसुँओं को बहुत रोके रखा है … जी भर के रो लेने दे मुझे … मैं बहुत प्यासी हूँ हर्षद. मैं किसी मेरा दुःख कैसे बताऊं … अगर मेरी मां या बहन होती, तो उन्हें बता सकती थी. सब कुछ है मेरे पास … लेकिन मेरे जिस्म की प्यास को मैं कैसे बुझाऊं. दिन तो तुम लोगों के साथ निकाल लेती हूँ. लेकिन रात जल्दी नहीं कटती.


वो आगे बोली- मैं क्या करूं हर्षद … तुम ही बताओ. मैं तो पराये मर्द के बारे में सोच भी नहीं सकती. अपने घर की इज्जत का सवाल है … और मैं अपने घर की इज्जत पर कोई दाग नहीं लगने दूंगी हर्षद. एक तुम ही मेरी मदद कर सकते हो हर्षद.


मैं बोला- मां अगर तुम यही चाहती हो, तो मैं तैयार हूँ. मैं तुम्हें हमेशा खुश देखना चाहता हूँ.
ये सुनकर मां मुझे लिपटकर बोलीं- आय लव यू हर्षद.
मैंने भी मां को बांहों में भर लिया और कहा- आय लव यू मां.
मां बोलीं- हर्षद जब हम दोनों अकेले हों, तो तुम मुझे सिर्फ अदिति कहकर ही बुलाओगे.


ये कह कर वो मुझे किस करने लगीं. मेरा लंड उनकी चुत पर ऊपर से ही रगड़ रहा था.


अब मां बोलीं- चलो अब देर न करो … जल्दी मेरी प्यास बुझा दो. अब नहीं रहा जाता हर्षद.


मैं भी बहुत जोश में था. मैंने मां को उनकी कमर के नीचे हाथ डालकर उठाया और उनके बेडरूम में ले गया. मैंने मां को बेड पर लिटा दिया. मैं भी अपनी बनियान और लुंगी निकालकर उनके ऊपर चढ़ गया और किस करने लगा.


उन्होंने भी मेरे होंठों पर अपने होंठ रख दिए और चूसने लगीं. मां अपनी जीभ मेरे मुँह में डालकर मुझे चूसे रही थीं. मैं भी अपनी जीभ उनके मुँह में डाल रहा था.


आह क्या बताऊं … ये मेरे लिए अजीब अनुभव था … मुझे बहुत मजा आ रहा था.


फिर मैंने अपने हाथ उनके कड़क मम्मों पर रख दिए और अब मैं मां के मम्मों को मसलने लगा था. मां मादक सिसकारियां भरने लगी थीं.


कुछ देर की चूमाचाटी के बाद मां बोलीं- आह हर्षद मेरी नाइटी, ब्रा, पैंटी निकाल कर नंगी कर दो मुझे.
मैं भी यही चाहता था.


मैंने उनकी नाइटी निकाल दी. फिर ब्रा और पैंटी भी उतार दी. वाह क्या मदमस्त जिस्म था मेरी जवान सौतेली मां का … मैं नशीली निगाहों से उनका मस्त जिस्म देखने लगा.


मां के कड़क उभरे हुए मम्मे, पतली कमर और मुलायम जांघें … और उन दोनों चिकनी टांगों के बीच छुपी हुई गुलाबी चुत एकदम साफ थी. शायद मां ने सुबह ही अपनी चुत की झांटें साफ की थीं.


मैं तो मां की चुत देख कर अपने होश खो बैठा था और बस देखे जा रहा था.


तभी मां चुत उठाते हुए बोलीं- हर्षद सिर्फ देखते रहोगे क्या? चलो जल्दी से अपना जांघिया निकालो न!
मैं बोला- नहीं अदिति … तुम ही उतार दो.


मां उठीं और उन्होंने मेरा जांघिया नीचे खींच दिया. मेरा आधा सोया हुआ लंड झट से आजाद हो गया और फुदकने लगा.


उन्होंने मेरे लंड को निहारते हुए मेरी जांघिया पैरों से निकाल दी. अब मैं बिस्तर पर घुटनों के बल बैठा था. मां ने अपने दोनों हाथों में मेरा लंड ले लिया और उसे सहलाने लगीं.


मेरा पूरा बदन रोमांचित और गरम होने लगा. मेरा साढ़े सात इंच लम्बा और मोटा लंड लोहे जैसा सख्त हो गया था.


मां लंड हाथ से सहलाते हुए बोलीं- हर्षद तेरा लंड कितना लंबा और मोटा है. ये तो मेरी तो चुत फाड़ देगा … तेरे पिताजी का तो पांच इंच ही लंबा है और पतला सा है. हमारी शादी के बाद छह महीने तक ही मुझे चुदाई का मजा मिल सका. फिर तेरे पिताजी का तो दो मिनट में हो जाने लगा था … और मैं वैसे ही प्यासी सो जाती थी. अब मेरी प्यास तो ये तुम्हारा ये तगड़ा लंड ही बुझाएगा हर्षद.


ये कहते हुए उन्होंने मेरे लंड के सुपारे पर अपनी जीभ गोल गोल घुमा दी. इससे मेरे तो पूरे बदन में जैसे करंट सा दौड़ गया था.


मैंने मां को बेड पर लिटाया और 69 की पोजीशन बनाते हुए मैं उनके ऊपर आ गया. मां की टांगों को फैलाकर मैंने उनकी गुलाबी चुत पर किस किया. मां के मुँह से एक मीठी आह निकल गयी. वो भी मेरे लंड पकड़ कर मुँह लेने की कोशिश करने लगीं … मगर बड़ा लंड होने के कारण मां के मुँह में लंड नहीं जा पा रहा था.


मां मेरे लंड का सुपारा चूसने लगीं. मुझे भी जोश भरने लगा था. मैंने कोशिश करके अपना लंड उनके मुँह में दे दिया. अब वो लंड मस्ती से चूसने लगी थीं.

To be continued.............
बहुत ही गरमागरम कामुक और उत्तेजक अपडेट है भाई मजा आ गया
अगले रोमांचकारी धमाकेदार और चुदाईदार अपडेट की प्रतिक्षा रहेगी जल्दी से दिजिएगा
 

abmg

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बहुत ही गरमागरम कामुक और उत्तेजक अपडेट है भाई मजा आ गया
अगले रोमांचकारी धमाकेदार और चुदाईदार अपडेट की प्रतिक्षा रहेगी जल्दी से दिजिएगा
Thanks a lot Napster bhai.
 
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