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Aise tareef mat kijiye bade bhaiya, warna apan ladkiyo ki tarah sharam se laal peela neela ho jayegaमिस्टर इनोसेंट की मासूमियत इतनी जल्द कैसे छूमंतर हो सकती है ! और अगर स्टोरी इन्सेस्ट रिलेशनशिप पर हो तब तो यह और भी अधिक कठिन हो जाता है ।
पारिवारिक व्यभिचार पर स्टोरी और उस स्टोरी के राइटर शुभम साहब - तौबा ! तौबा !
यह इस फोरम का आठवां आश्चर्य है ।
खैर देखते है , अपने इस कठिन डगर पर वह कितने दिन तक और कितने दूर तक चल पाते है !
Tention na lijiye, launde ko ju ki tarah tharki bana ke manega apanवैसे इस कहानी का नायक थोड़ा- थोड़ा संकोची स्वभाव का , थोड़ा - थोड़ा बातूनी स्वभाव का , और थोड़ा-बहुत मजाकिया स्वभाव का लग रहा है । बड़े बड़े डिंग हांकने मे माहिर है पर मौके पर भाग जाने से भी परहेज नही है ।
साधना मैडम से पीछा छुड़ाना उनका मैदान से भाग जाने के समान ही था । शायद इसका कारण उनका अपरिपक्व और कम उम्र होना है ।
देखते है उनकी यह प्रवृति कैसे दूर होती है !
Thanksबेहतरीन अपडेट शुभम भाई ।
आउटस्टैंडिंग एंड अमेजिंग ।
Log apan ki ummido par khara nahi utarte to apan bhi nahi utarta...simple( जीना यहां मरना यहां पर भी अपडेट दीजिए )