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Incest हवस के कारनामे ~ A Tale of Lust

Iron Man

Try and fail. But never give up trying
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Update ~ 20




कुछ देर बाद जब अपुन की हालत नॉर्मल हुई तो अपुन ने बुक निकाल कर पढ़ना शुरु कर दिया मगर अपुन का मन अब पढ़ने में नहीं लग रेला था। बोले तो बार बार दिव्या का खूबसूरत चेहरा और उसके गुलाब की पंखुड़ियों जैसे होठ आंखों के सामने उभर आते थे। काफी देर तक यही सिचुएशन रही बेटीचोद। थक हार कर अपुन ने बुक एक तरफ रखी और आँखें बंद कर के लेट गया।


अब आगे....


अपुन ने कभी नहीं सोचा था कि अपुन की लाइफ में इस तरह का चेंज आएगा। चेंज तो चलो आता ही रहता है लौड़ा लेकिन ऐसा शायद ही होता है कि कोई अपने ही घर की लड़कियों या बहनों के बारे में ऐसा सोचने लगे। अपुन को नहीं पता कि दुनिया में अपुन के अलावा और भी कोई इस तरह का होगा लेकिन अपुन तो अब ऐसा ही हो गयला था।

बेड पर आँखें बंद किए अपुन यही सोच रेला था कि साधना का तो समझ में आता है लौड़ा कि वो बाहर की लड़की है। बोले तो उससे अपुन का कोई खून का रिश्ता नहीं है पर बेटीचोद साक्षी दी, विधी और दिव्या से तो अपुन का खून का रिश्ता है। फिर क्यों अपुन के मन में इन तीनों को ले कर इस तरह के खयाल आ रेले हैं?

थोड़ी देर पहले दिव्या के साथ जो अपुन ने फील किया और जो आगे भी चाह रेला था वो क्यों चाह रेला था? अपुन ये क्यों नहीं सोच रेला था कि वो अपुन की चचेरी बहन है तो अपुन को उसके बारे में गलत नहीं सोचना चाहिए? दिव्या तो चलो चचेरी बहन है लेकिन विधी तो अपुन की सगी जुड़वां बहन है और उसके साथ अपुन पिछली रात कितना कुछ कर गयला था? बात अगर डर की न होती तो शायद अपुन उसको चोद भी देता बेटीचोद।

कहने का मतलब ये है कि अपुन अपनी ही सगी बहन के साथ ऐसा करने का सोच भी कैसे सकता है? क्यों अपुन के अंदर इस गुनाह के लिए ग्लानि पैदा नहीं हो रेली है? हालांकि थोड़ा बहुत होती तो है लेकिन उस थोड़ी बहुत के चलते कहां अपुन उनके बारे में गलत सोचने से बाज आ रेला है?

कुछ दिन पहले तक अपुन के मन में ऐसा कुछ भी नहीं था लौड़ा। बोले तो बहनों के बूब्स और उनकी गांड़ के उभारों पर नजर पड़ जाना अलग बात थी लेकिन इससे अपुन के मन में गलत फीलिंग्स नहीं आती थीं पर अब तो भर भर के फीलिंग्स आ रेली थीं बेटीचोद। अपुन को समझ नहीं आ रेला था कि इन दो चार दिनों में अपुन के अंदर इतना भयंकर चेंज कैसे आ गयला है?

साक्षी दी को अपुन शुरू से ही बहुत पसंद करता था लेकिन सिर्फ इस लिए कि एक तो वो बहुत खूबसूरत थीं दूसरे एक बहन होने के नाते वो अपुन को बहुत प्यार करतीं थी। बोले तो बचपन से ही अपुन उनका लाडला था। अपुन नहीं जानता कि अपुन के मन में एकदम से ही उनके बारे में ऐसी फीलिंग्स क्यों आने लगीं है लौड़ा? बात अगर सिर्फ इतनी ही होती तो चल भी जाता लेकिन अपुन ने तो पिछले दिन उनसे अपनी फिलिंग का इजहार भी कर दिया था जिसके चलते वो भारी टेंशन में आ गईली थीं।

खैर यही सब सोचते हुए अपुन लेटा हुआ था कि तभी अपुन के रूम का दरवाजा खुला और विधी अंदर दाखिल हुई। दरवाजा खुलने की आवाज से अपुन आँखें खोल कर उसे देखने लगा था। उसने अंदर आते ही पलट कर दरवाजा बंद किया और फिर मुस्कुराते हुए अपुन के पास बेड पर आ गई।

उसे इस तरह अपने करीब आते देख अगले ही पल अपुन के अंदर हलचल मचनी शुरू हो गई लौड़ा। अभी यही तो सोच रेला था अपुन कि ऐसा क्यों हो रेला था? बोले तो इसके पहले भी तो वो और दिव्या अपुन के रूम में आतीं थी लेकिन पहले तो उन्हें देख के अपुन के अंदर इस तरह हलचल नहीं मच जाती थी लेकिन अब ऐसा क्यों होने लग गयला था?

क्या ये सब साधना के साथ सेक्स करने की वजह से था? क्या उसके जिस्म के हर अंग को देखने और उन अंगों से मजा लेने की वजह से था जिसके चलते अब अपुन अपनी बहनों को देख कर भी वैसा ही फील करने लग जाता है बेटीचोद?

विधी ─ क्या हुआ भाई, तू टेंशन में क्यों दिख रहा है? मेरे आने से तुझे खुशी नहीं हुई क्या?

अपुन उसकी बात सुन कर चौंक सा गया। फिर जल्दी से खुद को सम्हाला और मुस्कुरा कर उसे देखते हुए बोला।

अपुन ─ अरे! ऐसी कोई बात नहीं है। तू बता बड़ा खुश दिख रेली है?

विधी ─ खुश तो होऊंगी ही। आखिर अपने ब्वॉयफ्रेंड के पास आई हूं, हां नहीं तो।

अपुन ने उसकी ये बात सुन के अजीब सी गुदगुदी फील की। पलक झपकते ही अंदर की हलचल थोड़ा और तेज हो गई लौड़ा।

अपुन ─ अच्छा, तो बॉयफ्रेंड के पास आने से खुश है, भाई के पास आने से नहीं?

विधी ─ एक ही बात तो है न भाई। मतलब कि तू भाई है तब भी खुश हूं और मेरा बॉयफ्रेंड बन गया है तो इससे भी खुश हूं, हां नहीं तो।

अपुन ─ तो भाई के रिश्ते से ज्यादा खुश है या बॉयफ्रेंड वाले रिश्ते से?

विधी ये सवाल सुन कर थोड़ा सोच में पड़ गई। कुछ पलों तक वो सोचती रही फिर बोली।

विधी ─ वैसे सच बात तो यही है कि मैं तेरे बॉयफ्रेंड बन जाने से ही ज्यादा खुश हूं भाई।

अपुन ─ क्या तुझे एक पल के लिए भी नहीं लगता कि भाई के रिश्ते के लिए तुझे ज्यादा खुश होना चाहिए?

विधी ─ ओहो! ये तू कैसी बातें ले कर बैठ गया भाई? तुझे पता है मैं कितनी देर से तेरे पास आने के लिए बेताब थी लेकिन वो चुहिया दिव्या अपनी बक बक से मेरा सिर खाए जा रही थी, हां नहीं तो।

अपुन ─ तूने दिव्या को ये क्यों बताया कि अपन लोग ने किस किया था?


विधी ─ मैं क्या करती भाई? वो चुहिया कुरेद कुरेद कर मुझसे पूछ रही थी। मुझे भी कुछ समझ नहीं आ रहा था इस लिए उसे बता दिया लेकिन तू टेंशन न ले मैंने उसे यही बताया है कि हमने एक दूसरे के चिक पर ही किस किया है। देखा न कितनी समझदारी से मैंने उसे उल्लू बना दिया है, हां नहीं तो।

अपुन ─ खुद को ज्यादा स्मार्ट मत समझ। तुझे अभी अंदाजा नहीं है कि दिव्या का दिमाग कितना तेज है। तूने भले ही उसे चिक पर किस करने की बात बताई है लेकिन वो यही समझी होगी कि अपन लोग ने लिप्स पर ही किस किया होगा।

विधी ये सुन कर हैरत से आँखें फंड कर अपुन को देखने लगी। फिर घबराई हुई सी बोली।

विधी ─ क्या तू सच कह रहा भाई? क्या उस चुहिया ने सच में यही समझा होगा?

अपुन ─ और नहीं तो क्या? इसी लिए कहा कि तू खुद को ज्यादा स्मार्ट न समझ।

विधी ─ वो चुहिया तो सच में बहुत चालू है भाई। मुझसे कुरेद कुरेद कर पूछ रही थी कि हम दोनों ने गर्लफ्रेंड बॉयफ्रेंड बनने के बाद क्या क्या किया है?

अपुन ─ देख, अब से तू उससे थोड़ा सम्हल कर रहा कर। अगर वो तुझसे फिर से इस बारे में कुछ पूछे तो साफ कह देना कि अपन लोग भाई बहन हैं इस लिए अपन लोग के बीच कुछ भी गलत नहीं हो सकता। एक बात और तू उससे बड़ी है और उसकी दी है तो थोड़ा अपने बड़े होने का भी फायदा उठाया कर। बोले तो डांट दिया कर उसे।

विधी ─ अब से यही करूंगी भाई। मुझसे ज्यादा बक बक करेगी तो गुस्से से डांट दिया करूंगी उसको और....और पीट भी दूंगी उसको, हां नहीं तो।

अपुन ─ अरे! मारना पीटना नहीं लेकिन हां डांट जरूर लगा देना।

विधी ने हां में सिर हिला दिया। इधर अपुन ये सोचने लग गयला था कि बेटीचोद ये एक अलग ही बवासीर हो गयला है। अपुन सोचने लगा कि ऐसा भला कब तक चलेगा? बोले तो किसी न किसी दिन दिव्या को पता चल ही जाएगा कि अपुन और विधी ने लिप्स पर ही किस किएला है। हो सकता है कि किसी दिन वो अपन लोग को ये करते देख भी ले या फिर वो विधी के मुख से किसी तरह ये उगलवा ही ले।

विधी भले ही उम्र में दिव्या से बड़ी थी लेकिन उसमें अभी भी बहुत बचपना था जबकि दिव्या उससे छोटी होने के बाद भी थोड़ा मैच्योर थी। बोले तो उसके अंदर चतुराई से काम लेने की कला थी। अपुन को पूरा यकीन हो गयला था कि किसी न किसी दिन वो विधी के मुख से सच उगलवा ही लेगी।

अपुन सोचने लगा कि इस बारे में कुछ तो ऐसा करना पड़ेगा लौड़ा जिससे इस नए रिलेशन में कोई गड़बड़ी न हो। तभी अपुन के मन में एक खयाल उभरा कि क्या अपुन को विधी से ये बता देना चाहिए कि अपुन ने उसकी तरह दिव्या को भी अपनी गर्लफ्रेंड बना लिया है? अपुन जानता है कि ये बात पता चलते ही विधी गुस्सा करने लगेगी लेकिन जब अपुन उसे अच्छे से इसके फायदे समझाएगा तो जरूर वो भी इस बात से खुश हो जाएगी। उसके बाद ये भी हो सकता है कि अपन लोग को किसी गड़बड़ी के होने का डर ही न रहे।

विधी ─ अब क्या हुआ भाई? तू आखिर क्या सोच रहा है?

अपुन ─ अपन दोनों लोग के नए रिलेशन के बारे में सोच रेला है अपुन। मतलब कि अपुन ये सोच रेला है कि दिव्या को अपन लोग के इस नए रिलेशनशिप के बारे में पता है तो कहीं ऐसा न हो कि वो किसी दिन गलती से घर में किसी को बता दे।

विधी अपुन के मुख से ये बात सुन के पल में ही घबरा गई।

विधी ─ क्या सच में वो बता देगी भाई?

अपुन ─ जान बूझ कर तो नहीं बताएगी लेकिन मान ले अंजाने में उसके मुख से ये बात घर में किसी के सामने निकल गई तो?

विधी ─ ऐसे कैसे निकल जाएगी भाई? आई मीन उसने कसम भी तो खाई है कि किसी को नहीं बताएगी, हां नहीं तो।

अपुन ─ यार आज के टाइम में कोई भी कसम पर टिका नहीं रहता। बोले तो अंजाने में कभी न कभी ऐसी बात मुंह से निकल ही जाती है जिसे किसी को न बताने की आदमी ने कसम खाई होती है।

विधी ─ हां ये तो तू सही कह रहा है भाई। फिर तू ही बता, ऐसे में क्या करें? मुझे तो बहुत टेंशन होने लगी है।

अपुन ─ डोंट वरी। अपुन के पास एक मस्त आडिया है जिसके चलते अपन लोग की ये टेंशन जड़ से ही खत्म हो जाएगी लौ..।

विधी ये सुन के एकदम से खुश हो गई। झट से पूछा उसने।

विधी ─ क्या सच में भाई? आई मीन क्या सच में तेरे उस आडिये से सारी टेंशन खत्म हो जाएगी?

अपुन ─ हां, लेकिन उस आडिया में अपुन जो करने को बोलेगा वो शायद तुझे पसंद न आए।

विधी ─ ऐसे कैसे पसंद नहीं आएगा भाई? नहीं नहीं, मुझे जरूर पसंद आएगा। तू बता न कैसा आडिया है तेरे पास?

अपुन ने अच्छी तरह सोच कर फैसला कर लिया था कि अब यही एक चीज हो सकती है इस प्रॉब्लम को खत्म करने का। इस लिए अपुन ने उससे कहा।

अपुन ─ देख, अपुन के दिमाग में जो आडिया आयला है वो ये है कि अपुन तेरी तरह दिव्या को भी अपनी गर्लफ्रेंड बना लेता है।

विधी ये सुन के उछल ही पड़ी लौड़ा। फिर एकदम से उसके चेहरे के भाव तेजी से बदले और वो अपुन को सख्ती से घूरने लगी।

विधी ─ ये तू क्या बोल रहा है? तू ऐसा सोच भी कैसे सकता है?

अपुन ─ रिलेक्स, पहले अपुन की पूरी बात तो सुन ले। अपुन ये दिल से नहीं चाहता है लेकिन इस वक्त इस प्रॉब्लम का यही एक सॉल्यूशन है।

विधी (बुरा सा मुंह बना कर) ─ पूरी बात बता मुझे। अगर मुझे लगा कि हां सच में यही एक सॉल्यूशन है तभी मानूंगी नहीं तो नहीं, हां नहीं तो।

अपुन ─ तो सुन, तू भी जानती है कि एक न एक दिन दिव्या तेरे मुंह से सच उगलवा ही लेगी। सोच जब उसे तेरे द्वारा सच पता चल जाएगा तो वो अपन दोनों के बारे में क्या क्या सोचने लगेगी? बोले तो भले ही अपन लोग के बीच इसके आगे कुछ भी गलत न हुआ हो लेकिन इस बात को क्या वो मानेगी? वो तो यही सोचेगी ना कि जब अपन दोनों एक दूसरे के लिप्स को चूम सकते हैं और तो और चूस भी सकते हैं तो इसके आगे भी तो अपन लोग ने कुछ न कुछ किया ही होगा।

विधी ─ ओह गॉड! क्या सच में वो चुहिया ऐसा सोच सकती है भाई?

अपुन ─ यार वो ही क्या, जिसे भी इस बारे में पता चलेगा वो यही सोचेगा।

विधी ─ हां, सही कहा तूने।

अपुन ─ इस लिए अपुन ये सोच रेला है कि अगर अपुन दिव्या को भी अपनी गर्लफ्रेंड बना लेगा तो फिर वो भी अपन लोग के जैसी सिचुएशन में आ जाएगी। बोले तो अभी वो तेरे बारे में ऐसा सोच रेली होगी, तो बाद में तू भी उसके बारे में ऐसा सोचने लगेगी।


विधी ─ ये सब तो ठीक है भाई लेकिन क्या तू उसके साथ भी लिप्स पर किस करेगा?

अपुन ─ यार अपुन उसको ऐसे किस करे या न करे लेकिन तू तो यही समझ लेगी न कि जैसे तूने अपुन के साथ लिप्स पर किस किएला है वैसे ही उसने भी किया होएगा?

विधी का ये सब सुन के अजीब तरह का चेहरा हो गयला था। काफी असमंजस में दिख रेली थी वो।

विधी ─ हां ये भी सही कहा तूने।

अपुन ─ ऐसी सिचुएशन में दिव्या अपन लोग के ऐसे रिलेशन के बारे में भूल कर भी कभी किसी को नहीं बताएगी। बोले तो सारी बात अपन लोग के बीच में ही रहेगी और अपन लोग को आज के जैसे कोई टेंशन भी नहीं रहेगी।

विधी का ये सुन कर चेहरा चमकना शुरू हो गया लौड़ा। अपुन समझ गया कि उसे अपुन की सारी बात समझ में आ गईली है। वो खुश तो नजर आई लेकिन चेहरे पर मौजूद असमंजस के भाव मिटे नहीं।

विधी ─ वैसे तो तेरा ये आडिया सच में बहुत अच्छा है भाई लेकिन दिव्या को भी तेरा अपनी गर्लफ्रेंड बना लेने वाली बात मुझे अच्छी नहीं लग रही।

अपुन ये बात पहले से ही जानता था। बोले तो उसकी ये बात सुन कर ये साबित हो गयला था कि वो सच में उन्हीं लड़कियों में से है जो किसी पर सिर्फ अपना ही हक समझती हैं, दूसरे को बांटने की बात उन्हें पसंद नहीं होती।

अपुन ─ अपुन जानता है कि इस बात से तुझे थोड़ी प्रॉब्लम है लेकिन तू खुद सोच कि इस वक्त तेरे लिए सबसे ज्यादा क्या इंपॉर्टेंट है? आई मीन, अपुन का दिव्या को गर्लफ्रेंड न बनाना या फिर इस प्रॉब्लम में फंसे रहना?

विधी गहरी सोच में डूब गई लौड़ी। अपुन जानता था कि वो इतनी भी नासमझ नहीं है कि प्रॉब्लम को दूर करने का नहीं सोचेगी।

विधी ─ क्या इसके अलावा कोई सोल्यूशन नहीं है भाई?

अपुन ─ अगर होता तो क्या अपुन ऐसा करने को बोलता तेरे से? वैसे अगर अपुन दिव्या को भी अपनी गर्लफ्रेंड बना लेता है तो इससे तुझे प्रॉब्लम क्या है? तू भी जानती है कि अपन लोग गर्लफ्रेंड बॉयफ्रेंड सिर्फ नाम के लिए और अपने सामने ही बने रह सकते हैं। बोले तो इस रिलेशन का फ्यूचर में कोई स्कोप नहीं है। क्लियर वर्ड में बोले तो अपन लोग फ्यूचर में एक दूसरे से शादी वादी तो कर नहीं सकते तो फिर इस रिलेशन के लिए इतना इमोशनल होना बेकार ही है। तू समझ रेली है न अपुन की बात?

विधी ─ हां ये तो तू सही कह रहा है भाई। काश! तू और मैं भाई बहन न होते तो कितना अच्छा होता, है न?

अपुन ─ ये छोड़ और प्रॉब्लम के सोल्यूशन के बारे में सोच। वैसे अगर अपुन दिव्या को भी गर्लफ्रेंड बना लेता है तो इससे अपन लोग फायदे में ही रहेंगे। बोले तो अपन लोग को एक दूसरे से डरने की जरूरत ही नहीं पड़ेगी लौ...।

विधी ─ ठीक है भाई बना ले उसे भी अपनी गर्लफ्रेंड।

विधी का चेहरा थोड़ा उतर सा गयला था लेकिन शायद वो भी समझ गईली थी कि यही एक चारा है। इधर अपुन अब ये सोचने लग गयला था कि दिव्या को भी इस बारे में थोड़ा समझाना होगा। उसे समझाना होगा कि वो विधी को ये न बताए कि अपुन ने पहले ही उसे अपनी गर्लफ्रेंड बना लिया था वरना विधी ये सोच के नाराज हो जाएगी कि अपुन ने उसे धोखा दिया है।

खैर अपुन ने जब देखा विधी का चेहरा उतरा हुआ है तो अपुन ने माहौल को खुशनुमा बनाने का सोचा।

अपुन ─ अरे! ये क्या? अपुन की इतनी ब्यूटीफुल गर्लफ्रेंड का चेहरा उतरा हुआ कैसे है यार? अपुन तो इस इंतजार में था कि अपुन की ब्यूटीफुल गर्लफ्रेंड आएगी और आज भी अपुन को अपने शहद से भी ज्यादा मीठे होठों का स्वाद चखाएगी।

विधी अपुन की ये बात सुन कर एकदम से शर्मा गई। फिर हल्के से मुस्कुराते हुए बोली।

विधी ─ ये तू क्या बोल रहा है भाई? कितना गंदा है तू।

अपुन ─ चल अपुन गंदा ही सही लेकिन ये बात तो अपुन सच ही बोल रेला है कि अपुन की गर्लफ्रेंड जितनी सुंदर है उतने ही सुंदर और मीठे उसके होठ हैं। उफ्फ अभी भी पिछली रात उसके होठों को चूसने का स्वाद अपुन फील कर रेला है।

विधी ─ ऐसा मत बोल भाई वरना मारूंगी तुझे। कितना बेशर्म है तू, जा मुझे तुझसे बात ही नहीं करना, हां नहीं तो।

कहने के साथ ही वो झूठी नाराजगी के साथ मुंह फेर के बैठ गई। अपुन ने साइड से देखा वो मंद मंद मुस्कुरा रेली थी। ये देख अपुन एकदम से उसकी तरफ सरका और पीछे से उसे दबोच लिया। अपुन के ऐसा करते ही विधी एकदम से उछल पड़ी। उसका पूरा बदन कांप गयला था। फिर खुद को अपुन से छुड़ाने की कोशिश करते हुए बोली।

विधी ─ छोड़ दे भाई। ये क्या कर रहा है तू?

अपुन ─ अपनी ब्यूटीफुल गर्लफ्रेंड पर प्यार आ रेला है अपुन को और अपुन का मन कर रेला है कि पिछली रात की तरह इस वक्त भी अपुन को तेरे शहद जैसे मीठे होठों का स्वाद चखने को मिले।

विधी ये सुन कर शरमाई भी, कसमसाई भी। फिर पहले जैसे ही खुद को अपुन से छुड़ाने का प्रयास करते हुए बोली।

विधी ─ नहीं न भाई। ये गलत है। प्लीज छोड़ दे न।

अपुन ─ पहले अपने होठों की शहद चखा, तभी छोड़ेगा अपुन।

विधी ─ भाई ये कैसी बात कर रहा है तू। मैं तेरी बहन भी हूं। ये मत भूल, हां नहीं तो।

अपुन ─ तो फिर ठीक है। अब तू यही फैसला कर ले कि तू सबसे ज्यादा अपुन की बहन बने रहना चाहती है या अपुन की गर्लफ्रेंड?

अपुन की ये बात सुनते ही विधी का खुद को छुड़ाने का प्रयास करना एकदम से बंद हो गया। गर्दन घुमा कर अपुन की तरफ देखते हुए बोली।

विधी ─ भाई ऐसा मत बोल न। मैंने तो पहले ही बोला था कि काश तू और मैं भाई बहन न होते पर अब हैं तो रहेंगे न। बाकी मुझे खुशी है कि तू मेरा बॉयफ्रेंड भी बन गया है।

अपुन ─ तो चल फिर इसी खुशी में अपने होठों को चूम लेने दे न अपुन को।

विधी अपुन को अपलक देखने लगी। उसके मासूम और भोले से चेहरे पर अजीब कशमकश के भाव थे। झील सी गहरी आंखों में प्यार भी था और एक सूनापन भी। अपुन को बड़ा अजीब फील हुआ बेटीचोद इस लिए अपुन ने झट से उसे छोड़ दिया।

विधी ─ क्या हुआ? तूने मुझे छोड़ क्यों दिया भाई?

अपुन ─ तू ही तो अपुन से छूटना चाहती थी इस लिए छोड़ दिया। वैसे भी अपुन अपनी मासूम सी गर्लफ्रेंड के साथ कोई जोर जबरदस्ती नहीं करना चाहता।

अपुन की ये बात शायद विधी के दिल को छू गईली थी। इसी लिए अगले ही पल वो झट से अपुन की तरफ पूरा पलट गई और फिर एकदम से अपुन से लिपट गई। उसका नाजुक बदन जैसे ही अपुन के सीने से लगा तो अपुन के समूचे जिस्म में मजे की लहर दौड़ गई लौड़ा।

विधी ─ तू कितना अच्छा बॉयफ्रेंड है भाई। मैं तो झूठ मूठ का ही तुझसे नाराज हुई थी और छोड़ देने को बोल रही थी। तू मेरे लिप्स को किस करना चाहता है न तो कर ले। मैं नहीं रोकूंगी तुझे।

कहने के साथ ही वो अपुन से अलग हुई और अपुन को प्यार से देखने लगी। जाने क्यों इस वक्त अपुन के अंदर भी उसके लिए सॉफ्ट फीलिंग्स आ रेली थी। अपुन ने उसका चेहरा दोनों हथेलियों में लिया और फिर आगे बढ़ कर उसके माथे को चूम लिया।

अपुन ─ तू तो अपुन की जान है पागल। अच्छा अब चल नीचे चलते हैं। कहीं दिव्या को अपन लोग के बारे में कुछ और न शक होने लग जाए।

विधी ─ ठीक है भाई लेकिन पहले तू मेरे लिप्स पर किस कर ले। उसके बाद हम दोनों नीचे चलते हैं।

अपुन ने गौर से उसे देखा। मासूम चेहरे पर एक अलग ही आकर्षण दिख रेला था। फिर एकदम से अपुन की नजर उसके गुलाब की पंखुड़ियों जैसे होठों पर पड़ी। उफ्फ कितने नाजुक और रसीले दिख रेले थे। वो थोड़ा खुले हुए थे और थोड़ा कांप भी रेले थे जिससे अपुन का मन मचलने लग गया लौड़ा। अगले ही पल अपुन ने फिर से उसका चेहरा थाम लिया और फिर आगे बढ़ कर उसके होठों पर अपने होठ रख दिए।

अपन दोनों के ही जिस्म कांप गए मगर उसके नाजुक होठों का स्पर्श ऐसा था कि अपुन खुद को उन्हें चूसने से रोक न सका। विधी का जिस्म हल्का कांप रेला था लेकिन वो अपुन का साथ दे रेली थी। मतलब कि खुद भी अपुन के होठ चूमने चूसने की कोशिश कर रेली थी पर उससे ठीक से बन नहीं रेला था।

अपुन के अंदर जबरदस्त हलचल मच गईली थी लौड़ा। बोले तो हवस की गर्मी बढ़ने लगी थी जिसके चलते अपुन का लन्ड सिर उठाने लगा था। इससे पहले कि अपुन और भी अपने होश खोने लगता अपुन झट उससे अलग हो गया।

अपुन ने देखा विधी आँखें बंद किए किसी और ही दुनिया में डूबी हुई थी। उसकी सांसें तेज तेज चल रेली थीं जिसके चलते उसके बूब्स ऊपर नीचे हो रेले थे। अपुन ने खुद को सम्हाला और फिर उसे कंधों से पकड़ कर कहा।

अपुन ─ ओए! सो गई क्या?

अपुन की आवाज सुनते ही उसने हड़बड़ा कर आँखें खोली और अपुन को देखते ही शर्माने लगी। उसका चेहरा कानों तक सुर्ख पड़ गयला था।

अपुन ─ तू ठीक तो है ना?

विधी ─ हम्म्म।

अपुन ─ सच में यार तेरे होठ बहुत मीठे हैं।

विधी ये सुन कर बुरी तरह लजा गई फिर अपुन को हल्के से मारते हुए बोली।

विधी ─ तू न बहुत गंदा है। कोई भाई अपनी बहन के साथ ऐसा करता है क्या, हां नहीं तो।

अपुन ─ देख बात ऐसी है कि जिसकी बहन अपने भाई की गर्लफ्रेंड बन गईली हो और उसके होठ इतने मीठे हों तो फिर भाई को मजबूरन ऐसा करना ही पड़ता है।

विधी ─ अच्छा अब बातें न बना और ये बता क्या सच में तुझे मेरे लिप्स मीठे लगे?

अपुन ─ हां यार। अपुन तो अब ये सोच रेला है कि जब तेरे होठ इतने मीठे हैं तो पूरी की पूरी तू कितनी मीठी होगी।

विधी ─ मतलब?? मैं समझी नहीं भाई।

अपुन ─ जाने दे, बाद में कभी बताएगा अपुन। अभी चल नीचे चलते हैं।

उसके बाद अपन दोनों रूम से निकल कर नीचे आ गए। विधी का चेहरा अब खिला हुआ लग रेला था। जाहिर है इतना कुछ होने के बाद वो अंदर से खुश थी। खैर नीचे पहुंच कर अपन लोग ड्राइंग रूम में रखे सोफों पर बैठ गए। दिव्या वहीं बैठी थी। तभी अपुन को कुछ सूझा तो अपुन ने विधी से कहा।

विधी ─ यार पानी पिला दे जरा। प्यास लगी है अपुन को।

विधी हल्के से मुस्कुराते हुए किचेन की तरफ बढ़ गई तो अपुन जल्दी से जा कर दिव्या के बगल से बैठ गया। फिर उससे धीरे से बोला।

अपुन ─ अच्छा सुन, अपुन ने विधी से कह दिया है कि अपुन उसकी तरह तुझे भी अपनी गर्लफ्रेंड बनाएगा। इस लिए अगर वो इस बारे में तुझसे कुछ बोले तो तू उसे ये मत बताना कि तू ऑलरेडी अपुन की गर्लफ्रेंड बन चुकी है, ओके?

दिव्या ─ ठीक है भैया लेकिन क्या सच में आपने विधी दी से ऐसा कहा है? और...और क्या वो मान भी गई हैं?

अपुन ─ हां, अपुन ने उसे समझा दिया है कि अगर अपन लोग को एक दूसरे के बीच से डर निकालने का है तो ऐसा करना ही पड़ेगा। अपुन ने उसे ये नहीं बताया है कि अपुन ने आज ही सुबह तुझे अपनी गर्लफ्रेंड बना लिएला है

दिव्या ─ वाव! भैया ये तो कमाल हो गया। तो अब क्या आप विधी दी के सामने ही मुझे अपनी गर्लफ्रेंड बनाने की बात कहेंगे?

अपुन ─ हां कुछ ऐसा ही करना पड़ेगा। एक काम करते हैं, कल जब अपन लोग कॉलेज चलेंगे तब रास्ते में अपुन उसके सामने ही तुझे अपनी गर्लफ्रेंड बनाएगा लेकिन इसके लिए तुझे भी एक काम करना होगा।

दिव्या ─ कैसा काम भैया?

अपुन ─ देख, अपन लोग जब कल कॉलेज जा रेले होंगे तो तू रास्ते में विधी के सामने ही अपुन से बोलना कि विधी दी के जैसे आप मुझे भी अपनी गर्लफ्रेंड बनाईए। जब तू ऐसा बोलेगी तो अपुन उसके सामने ही तुझे अपनी गर्लफ्रेंड बना लेगा।

दिव्या इस बात से भारी खुश हुई। उसकी खुशी उसके चेहरे पर दिखने भी लग गईली थी। खैर तभी विधी अपुन के लिए ग्लास में पानी ले कर आती दिखी तो अपन दोनों ही टीवी देखने का नाटक करने लगे।

विधी ─ ये ले भाई।

अपुन ने उससे पानी लिया और पी लिया। खाली ग्लास एक तरफ रख कर वो भी अपुन के बगल से बैठ कर टीवी देखने लगी। उसके बाद कुछ खास नहीं हुआ। टीवी देखते ही बाकी का टाइम गुजरा।

साढ़े छह बजे के करीब साक्षी दी कम्पनी से आईं। आते ही उन्होंने दिव्या और विधी को देखते हुए बताया कि कल मॉम डैड आ जाएंगे। इतना बता कर वो फर्स्ट फ्लोर पर अपने रूम में जाने के लिए सीढ़ियों की तरफ बढ़ गईं।

इधर अपुन ये सोचने लगा कि मॉम डैड के आने के बाद से अपुन को थोड़ा सम्हल कर ये सब करना होगा। इसके साथ ही अपुन ये भी सोचने लगा कि साक्षी दी ने अपुन की तरफ एक नजर देखा तो था लेकिन अपुन से कोई बात नहीं की थी। बेटीचोद अपुन की भी हिम्मत नहीं हो रेली थी कि अपुन खुद ही उनसे बात करे। खैर देखते हैं आने वाले समय में क्या होने वाला है?


To be continued....
Shaandar Mast Lajwab Romantic Update 💓 💓 🔥 🔥
Divya & Vidhi dono ko sambhal liye ab dekhte hai Sakshi ke sath kaise Manage karte hai 😏
 

TheBlackBlood

शरीफ़ आदमी, मासूमियत की मूर्ति
Supreme
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Update ~ 21




इधर अपुन ये सोचने लगा कि मॉम डैड के आने के बाद से अपुन को थोड़ा सम्हल कर ये सब करना होगा। इसके साथ ही अपुन ये भी सोचने लगा कि साक्षी दी ने अपुन की तरफ एक नजर देखा तो था लेकिन अपुन से कोई बात नहीं की थी। बेटीचोद अपुन की भी हिम्मत नहीं हो रेली थी कि अपुन खुद ही उनसे बात करे। खैर देखते हैं आने वाले समय में क्या होने वाला है?


अब आगे....


सीमा किचेन में रात के लिए डिनर बना रेली थी। वो सात या साढ़े सात बजे तक डिनर बना के चली जाती थी। हालांकि ऐसा तभी होता था जब मॉम नहीं होतीं थी। इधर साक्षी दी भी फ्रेश होने के बाद और चाय पीने के बाद किचेन में उसकी हेल्प के लिए चली गईली थीं।

अपुन ने नोटिस किया कि वो अपुन के सामने आने से परहेज कर रेली थीं। अपुन को थोड़ा बुरा तो लगा लेकिन अपुन कर भी क्या सकता था? तभी अपुन ने फील किया कि अपुन का मोबाइल वाइब्रेट हो रेला है।

अपुन ने मोबाइल निकाल कर स्क्रीन पर फ्लैश हो रहे अमित के नाम को देखा तो समझ गया कि वो शायद अपनी मम्मी को ले कर घर आ गया है। यहां आने के बाद अब वो अपुन से बात करने के लिए कॉल किएला है।

अपुन क्योंकि सोफे में दिव्या और विधी के बीच में बैठा था इस लिए उन दोनों ने भी एक नजर अपुन के मोबाइल स्क्रीन पर डाली और फिर वापस टीवी देखने लगीं। इधर अपुन ने सोचा बाहर जा के अमित से बात किया जाए इस लिए सोफे से उठ कर मेन गेट की तरफ बढ़ चला और साथ ही कॉल पिक कर के कान से लगाते ही बोला।

अपुन ─ घर पहुंच गया क्या बे लौड़े?

अगले ही पल उधर से अपुन के कान में जो आवाज सुनाई दी उसे सुन के अपुन गांड़ तक कांप गया बेटीचोद। अमित के मोबाइल पर दूसरी तरफ साधना थी लौड़ा। उसी की आवाज सुन के अपुन गांड़ तक कांप गयला था, खास कर उसकी बात सुन कर।

साधना ─ मेरे प्यार का क्या खूब सिला दिया है बाबू। तुमसे ये उम्मीद नहीं थी मुझे।

बेटीचोद, पलक झपकते ही अपुन के दिलो दिमाग में हड़कंप सा मच गयला था। अपुन को भी ये उम्मीद नहीं थी कि वो अपने भाई के फोन से अपुन को कॉल कर देगी।

अपुन सोचने लगा कि क्या उसने अपने भाई को सब कुछ बता दिया होगा? ऐसा संभव तो नहीं था लौड़ा लेकिन उसका अमित के मोबाइल से कॉल करना अपुन के मन में शंका पैदा कर रेला था। फिर अपुन ने सोचा कि हो सकता है कि उसने अपने भाई को कुछ भी न बताया हो। ऐसी बात वो उसे बता भी कैसे सकती थी जिसके बाद खुद उसकी भी जान पर बन आती लौड़ा?

इसका मतलब ये हो सकता है कि जब उसे पता चल गया होगा कि अपुन ने ये सब करने के बाद उसका नंबर भी ब्लॉक कर दियेला है तो उसने अपुन से बात करने के लिए अपने भाई से मोबाइल मांगा होगा और अब वो उसी के फोन से अपुन से बात कर रेली थी।

अपुन सोचने लगा कि भले ही उसने अपने भाई को कुछ न बताया हो लेकिन अपुन को तो सतर्क रहना ही होगा न। बोले तो कॉल पर ऐसा कुछ भी नहीं बोलना चाहिए जिससे प्रॉब्लम खड़ी हो जाए बेटीचोद। हो सकता है कि वो लौड़ी अपुन की बातें रिकार्ड कर ले। इस एहसास ने एक बार फिर से अपुन को गांड़ तक कंपा दिया लौड़ा। तभी उसकी आवाज फिर से अपुन के कान में उभरी।

साधना ─ कुछ बोलते क्यों नहीं बाबू? मुझे बताओ कि ऐसा क्यों किया तुमने?

अपुन समझ गया कि इस वक्त उससे कुछ भी बोलना खतरे से खाली नहीं है बेटीचोद। इस लिए अपुन ने सीधे कॉल ही डिस्कनेक्ट कर दिया लौड़ा। बात ये नहीं थी कि अपुन उससे डर गयला था बल्कि असल बात ये थी कि अपुन नहीं चाहता था कि वो इस मामले में अपुन की कोई भी बात रिकार्ड कर ले।

अपुन के मन में एक ही खयाल था कि जब वो लौड़ी अपुन को फंसाने के लिए अपुन के साथ खुद का सेक्स वीडियो बना सकती थी तो इसके अलावा भी कुछ भी कर सकती थी। बोले तो अब उस पर अपुन को कोई भरोसा नहीं था बेटीचोद।

कॉल कट करने के बाद अपुन ये सोच ही रेला था कि तभी फिर से उसका कॉल आने लगा लेकिन इस बार अपुन ने उसका कॉल पिक ही नहीं किया।

अब तक अपुन घर से बाहर आ गयला था और गार्डन में टहलते हुए यही सोच रेला था कि इतनी आसानी से इस लौड़ी से पीछा नहीं छूटेगा। मतलब साफ है कि जिसने अपुन का लाइफ पार्टनर बनने के लिए अपना सब कुछ अपुन को सौंप दिया हो और इसके साथ ही ऐसा कदम भी उठा लिया हो तो क्या वो अपुन के सिर्फ ऐसा कर देने से अपुन का पीछा छोड़ देगी?

अपुन ने जब इस बारे में अच्छे से, बोले तो गांड़ तक की गहराई से सोचा तो यही समझ आया कि वो इतनी आसानी से अपुन का पीछा नहीं छोड़ेगी। इस सच्चाई से अपुन एक बार फिर गांड़ तक कांप गया बेटीचोद।

खैर अपुन यही सब सोचते हुए गार्डन में टहलता रहा और साधना का बार बार कॉल आता रहा। अपुन ने दुबारा उसका कॉल पिक ही नहीं किया। वैसे देखा जाए तो सारी की सारी गलती उसी की थी। बोले तो अगर वो अपन दोनों के बीच इतना आसान माहौल न बना देती तो अपन दोनों के बीच ये सब होता ही नहीं।

दूसरी बात, उसको अपुन ने पहले ही बता दियेला था कि अपुन उसके प्यार को एक्सेप्ट नहीं कर सकता और ना ही उससे शादी करने का सोच सकता है। इसके बावजूद उसने खुद को इस तरह परोसा और अपुन को धोखा दे कर अपन दोनों के सेक्स का वीडियो बना लिया। तो कहने का मतलब यही है कि सारी की सारी गलती उसी की थी और अब जब अपुन ने उसका सारा खेल ही खत्म कर दिया तो उल्टा वो अपुन को ही ब्लेम कर रेली थी।

हालांकि अपुन चाहता तो उसे उसकी बातों का बेहतर जवाब दे देता लेकिन दिया इस लिए नहीं क्योंकि अपुन को शक था कि कहीं वो इस मामले में अपन लोग के बीच होने वाली बातें न रिकार्ड कर ले। जाहिर है इस मामले में हुई अपन लोग की बातें उसके लिए इस बात का सबूत बन जातीं कि हां अपुन का उससे इस तरह का संबंध रहा है। इसके बाद जब वो अपने घर वालों को वो सबूत सुनाती तो अपुन की बर्बादी होना तय था बेटीचोद।

खैर अभी के लिए तो अपुन ने इस मुसीबत से पीछा छुड़ा लिया था लेकिन हमेशा के लिए छुड़ाने के लिए कुछ न कुछ जरूर करना होगा। अपुन सोचने लगा कि ऐसा क्या किया जाए बेटीचोद?

हालांकि एक सच ये भी है कि वो अगर ढिंढोरा पीट कर भी सबको बताती तब भी अपुन का झांट बराबर भी कुछ न होता। बोले तो अपुन की फैमिली या ये कहें कि अपुन के डैड अपुन को इस मामले में कुछ भी न होने देते लेकिन ये भी सच है कि इस मामले के ओपन हो जाने से अपुन का कैरेक्टर अभी जो सबके लिए साफ सुथरा है वो गंदा हो जाता।

अमित जो अपुन का जिगरी दोस्त है वो अपुन का दुश्मन हो जाता। हालांकि वो भी अपुन का झांट बराबर भी कुछ न उखाड़ पाता लेकिन बेटीचोद अपुन को बददुआ तो देता ही, हर जगह बदनाम तो करता ही। इसके साथ साथ दोनों फैमिली के बीच जो बेहतर रिलेशन थे वो भी खराब हो जाते। बोले तो इस सबके बाद अपुन की लाइफ पर काफी असर पड़ता।

खैर ये सब तो अभी संभावनाओं की बातें थी लेकिन इस वक्त जो प्रॉब्लम आ कर खड़ी हो गईली थी उससे हमेशा के लिए छुटकारा पाना बहुत जरूरी था अपुन के लिए।

~~~~~~

रात डिनर टेबल पर अपन सब डिनर कर रेले थे। दिव्या और विधी आपस में कुछ न कुछ बोल रेली थीं। बीच बीच में अपुन भी उनसे बोल रेला था लेकिन साक्षी दी चुपचाप खाना खा रेली थीं।

अपुन ये तो समझता था कि वो अपुन से बात नहीं करना चाहती थीं लेकिन उन्हें ये भी तो समझना चाहिए था कि उनका एकदम से अपुन से बात करना बंद कर देना बाकी लोगों के मन में सवाल खड़े कर सकता है। घर के बाकी लोग ये सोचने पर मजबूर हो सकते हैं कि आखिर अपन दोनों के बीच ऐसा क्या हो गयला है जिसकी वजह से अपन दोनों एक दूसरे से बात नहीं कर रेले हैं?

अपुन ने यही सब सोच कर उनसे बात करने का मन बना लिया। बोले तो अपुन नहीं चाहता था कि किसी के मन में अपन दोनों के बारे में ऐसा कोई सवाल पैदा हो जाए बेटीचोद।

अपुन ─ क्या हुआ दी? मैं कल से देख रहा हूं कि आप हम सबके बीच एकदम चुप रहती हैं। कोई प्रॉब्लम हो गई है क्या? अगर ऐसा है तो आप हम लोगों से शेयर कीजिए न।

अपुन की ये बातें सुन कर साक्षी दी ने एकदम से चौंक कर अपुन की तरफ देखा और फिर दिव्या और विधी की तरफ भी। अब क्योंकि उन दोनों के सामने वो अपुन से उल्टा सीधा कुछ बोल नहीं सकती थीं इस लिए खुद को नॉर्मल कर के कहा।

साक्षी दी ─ नहीं भाई, ऐसी तो कोई बात नहीं है।

अपुन ─ अगर सच में ऐसी कोई बात नहीं है तो आप इस तरह हम लोगों के सामने चुप सी क्यों हैं?

साक्षी दी ने इस बार घूर कर देखा अपुन को। फिर जल्दी ही नॉर्मल हो गईं और बोली।

साक्षी दी ─ अरे! दिन भर कंपनी में लोगों से बक बक कर के थक जाती हूं न इस लिए तुम सबके बीच शांत हूं। वैसे भी जब कोई ज़रूरी बात करनी होती है तो करती ही हूं न। तू इस बारे में ज़्यादा मत सोच और आराम से खाना खा।

अपुन उनकी बात सुन कर मन ही मन मुस्कुराया। उन्होंने भले ही नॉर्मली ये सब कहा था लेकिन उनके चेहरे पर उभरी थोड़ी सख्ती इस बात का एविडेंस थी कि उन्हें अपुन का इस तरह से उनसे बात करना अच्छा नहीं लगा था। हालांकि अपुन ये सोच के भी हैरान था कि अपुन की सिर्फ उतनी सी बातों से उन्होंने ऐसा रुख अपना लिया था। बोले तो अगर वो सच में चाहती थीं कि अपुन के मन से उनके लिए ऐसी फीलिंग्स जड़ से ही मिट जाएं तो इसके लिए उन्हें कोई दूसरा रास्ता भी तो अपनाना चाहिए था? यूं एकदम से अपुन से बात करना बंद कर देना या अपुन की तरफ देखना बंद कर देने से क्या प्रॉब्लम मिट जाएगी?

खैर अपुन को अच्छा तो नहीं लग रेला था लेकिन कर भी क्या सकता था बेटीचोद? डिनर के बाद सब अपने अपने रूम की तरफ चल पड़े।

रात कुछ खास नहीं हुआ। अपुन के रूम में न विधी आई और ना ही दिव्या। हालांकि अपुन ऐसा चाहता भी नहीं था क्योंकि अपुन को साधना वाले मैटर पर सोच विचार करना था। बोले तो अपुन को जल्द से जल्द उससे हमेशा के लिए पीछा छुड़ाना था बेटीचोद।

~~~~~~

अगली सुबह काफी अच्छे तरीके से हुई। बोले तो अपुन सो रेला था और विधी अपुन के चेहरे पर झुकी अपुन के होठों पर किस कर रेली थी। उसकी गर्म सांसें अपुन के चेहरे पर पड़ रेली थीं जिससे कुछ ही देर में अपुन की आंख खुल गई।

अपुन ने जब उसे ये सब करते देखा तो पहले तो चौंक ही पड़ा लेकिन फिर खुश हो कर अपुन ने झट से उसे दोनों हाथ से पकड़ कर अपने ऊपर ही गिरा लिया। अपुन की इस हरकत से वो बुरी तरह डर गई और घबरा कर चीखने ही वाली थी कि अपुन ने झट से अपने होठ उसके गुलाबी होठों पर रख दिए जिससे उसकी चीख अपुन के मुंह में ही दब गई लौड़ा।

सुबह सुबह अपनी जुड़वा बहन के शहद जैसे मीठे होठों का स्वाद चखने से अलग ही फील आने लग गयला था। उधर वो अपुन की गिरफ्त से खुद को छुड़ाने की कोशिश में लगी थी। हालांकि उसकी कोशिश बस दिखावा जैसी ही लग रेली थी इसी लिए तो अपुन भी उसे नहीं छोड़ रेला था और उसके होठों को चूसने में लगा था बेटीचोद।

थोड़ी देर बाद जब अपन दोनों की ही सासें फूलने लग गईं तो अपुन ने उसे छोड़ दिया। अपुन के छोड़ देने पर भी वो बेसुध सी अपुन के ऊपर ही लेटी रही। उसके सीने के उभार अपुन के सीने में धंसे रहे। अपुन का लन्ड जो पहले ही पेशाब के प्रेसर से खड़ा था वो और भी ज्यादा अकड़ गयला था बेटीचोद। शुक्र था कि विधी के बदन का निचला हिस्सा अपुन के लन्ड के ऊपर नहीं था। वो बस पेट और सीने के साथ ही अपुन के ऊपर लेटी थी।

अपुन ─ क्या हुआ मेरी जान को? अब यूं ही अपुन के ऊपर लेटी रहेगी या उठेगी भी? या अगर और किस करने का मन हो तो बता।

अपुन की बात सुनते ही विधी हड़बड़ा कर अपुन के ऊपर से उठ कर नीचे फर्श पर खड़ी हो गई। उसका खिला हुआ चेहरा शर्म की वजह से हल्का सुर्ख पड़ गयला था। कुछ पलों तक वो अपुन से शर्म के मारे नजरें चुराती रही फिर जैसे उसने खुद को नॉर्मल किया और अपुन को घूरते हुए मुस्कुरा कर बोली।

विधी ─ तू न बहुत गंदा है। माना कि तेरी गर्लफ्रेंड हूं लेकिन इसका मतलब ये थोड़ी है कि तू मेरे साथ ऐसा करे। गंदा कहीं का, हां नहीं तो।

अपुन (हंस कर) ─ लो कर लो बात। खुद तो अपुन को सोते में किस किए जा रेली थी और जब अपुन ने कुछ किया तो अपुन को गंदा बोल रेली है। वाह! खुद को अच्छा और सच्चा साबित करने का क्या मस्त तरीका अपनाया है मेरी इस खूबसूरत गर्लफ्रेंड ने।

अपुन की ये बात सुन कर विधी फिर से शर्मा गई। उसके गुलाबी होठों की मुस्कान कुछ ज्यादा ही गहरी हो गई। फिर एकदम से बेड के किनारे पर बैठ कर बोली।

विधी ─ हां तो मैं क्या करती? तू सोते हुए इतना प्यारा लग रहा था तो मुझसे रहा ही नहीं गया और फिर मैं तुझे किस करने लगी। क्या तुझे मेरे किस करने से बुरा लगा?

अपुन ─ नहीं मेरी जान। अपुन को सच में बहुत अच्छा लगा। अपुन तो चाहता है कि अपुन की हर सुबह ऐसे ही हो। बोले तो हर सुबह जब अपुन की आंख खुले तो अपुन तुझे ही देखे और हां तू ऐसे ही अपुन को किस कर के उठाए।

विधी का चेहरा शर्म से वैसे ही सुर्ख था अब ये बातें सुन कर और भी हो गया। इस वक्त वो सच में बहुत प्यारी लग रेली थी। खिले हुए चेहरे पर शर्म की लाली। गुलाब की पंखुड़ियों पर गहरी मुस्कान और हल्के हल्के कांपते होठ। उफ्फ अपुन का मन मचल उठा। मन किया कि फिर से उसके होठों को मुंह में भर चूसना शुरू कर दे लेकिन फिर अपुन ने अपनी इस इच्छा को सख्ती से दबाया।

विधी ─ क्या तू सच कह रहा है भाई? मतलब क्या सच में तू यही चाहता है?

अपुन ─ हां, अगर तुझे कोई प्रॉब्लम न हो तो।

विधी ─ मुझे तो कोई प्रॉब्लम नहीं है।

अपुन ─ तो ठीक है फिर। अब से तू अपुन को हर सुबह ऐसे ही उठाएगी।

विधी का चेहरा खुशी के मारे और भी खिल उठा लौड़ा। फिर मुस्कुराते हुए बोली।

विधी ─ पक्का भाई। अब से मैं हर सुबह तुझे ऐसे ही उठाऊंगी, हां नहीं तो।

अपुन ─ अच्छा एक बात और है। मतलब कि अगर अपुन दिव्या को भी अपनी गर्लफ्रेंड बना लेगा तो तेरी तरह वो भी तो अपुन के साथ ऐसा ही करने का सोचेगी।

विधी ─ अरे! ऐसे कैसे सोचेगी वो? न, मैं उसे तेरे साथ कुछ भी नहीं करने दूंगी। मेरी जान को सिर्फ मैं ही किस करूंगी, हां नहीं तो।

अपुन समझ गया कि एक बार फिर से वो अपुन पर सिर्फ अपना ही हक जता रेली है और चाहती भी है कि हर कीमत पर ऐसा ही हो। जबकि अपुन अच्छी तरह समझता था कि अगर उसके अनुसार अपुन चला तो आगे मामला बिगड़ जाएगा लौड़ा।

अपुन ─ अच्छा तुझे एक बात बताता है अपुन।

विधी ─ कौन सी बात भाई?

अपुन ─ सुन तो। अपुन ने कहीं पढ़ा था कि सच्चा प्यार जो होता है न वो कभी भी किसी पर अपना हक नहीं जताता और ना ही प्यार करने वाला ये सोचता है कि अगर उसके प्रेमी को किसी और ने भी प्रेम कर लिया तो क्या होएगा? बोले तो सच्चा प्यार करने वाला ये सब सोचता ही नहीं है। वो तो सिर्फ प्यार करना जानता है। उसे तब भी खुशी मिलती है जब कोई और भी उसके प्रेमी को प्रेम करने लगता है।

विधी ─ ये तू कैसी बात कर रहा है भाई? कोई ऐसा कैसे हो सकता भला? और वो प्यार करने वाला ऐसे में कैसे खुश हो सकता है? तू न कुछ भी बोलता है और सोचता है कि मैं मान लूंगी? इतनी बुद्धू नहीं हूं मैं, हां नहीं तो।

अपुन उसकी इन बातों पर मन ही मन हंस पड़ा लेकिन फिर उसे समझाते हुए कहा।

अपुन ─ अभी तूने अपुन की बात को अच्छे से सुना ही नहीं है। बोले तो तुझे अपुन की इस बात की गहराई में जाना था और फिर समझना था कि अपुन की इन बातों में कितनी बड़ी बात छुपी है।

विधी ─ तू ये गोल मोल बात कर के मुझे कन्फ्यूज क्यों कर रहा है? साफ साफ बता न क्या कहना चाहता है?

अपुन ─ देख, अपुन का मतलब ये था कि जो किसी से सच्चा प्यार करता है उसकी नजर में उसका प्रेमी या प्रेमिका दुनिया में सबसे खास होते हैं। ये बात तू भी समझती है कि नहीं, बता?

विधी ─ हां ये तो तू सही कह रहा है।

अपुन ─ गुड, यानि प्यार करने वाला ये समझता है कि उसके प्रेमी से अच्छा दुनिया में कोई नहीं है। तभी तो उसके दिल में उसके लिए इतना प्रेम होता है। अब तू खुद सोच कि जिसकी नजर में उसका प्रेमी दुनिया का सबसे अच्छा इंसान हो उसे अगर कोई गलत बोले या गाली दे तो कैसा लगेगा?

विधी ─ फिर तो बिल्कुल भी अच्छा नहीं लगेगा भाई।

अपुन ─ और अगर कोई उसके प्रेमी को सबसे अच्छा कहे और उसे नफरत की जगह प्यार से देखे तो कैसा लगेगा?

विधी ─ बहुत अच्छा लगेगा भाई।

अपुन ─ वेरी गुड। अब तू खुद सोच कि तू क्या कर रेली थी?

विधी एकदम से चकरा गई। जैसे उसे समझ ही न आया कि अपुन ने अभी क्या बोला उसको?

विधी ─ मैं कुछ समझी नहीं भाई? तू क्या कह रहा है ये?

अपुन ─ तुझे उस बात से प्रॉब्लम थी कि दिव्या अपुन को न प्यार करे और ना ही और कुछ करे। यानि अपुन के साथ जो भी करे सिर्फ तू ही करे। अरे! सिंपल सी बात है कि जब तेरा ब्वॉयफ्रेंड तेरी नजर में सबसे खास है तो उससे हर कोई प्यार करना चाहेगा न। अब अगर तेरे सामने कोई अपुन को ये कह देगा कि अपुन बहुत गंदा है और वो अपुन से नफरत करती है तो क्या तुझे ये अच्छा लगेगा, नहीं न? यानि तू यही चाहेगी कि जिसे तू पसंद करती है उससे कोई भी नापसंद न करे और ना ही उससे कोई नफरत करे।

विधी ─ हां मैं तो यही चाहूंगी भाई।

अपुन ─ तो अब तू खुद सोच कि जब तू यही चाहती है तो फिर लोग अपुन से क्या करेंगे? बोले तो प्यार ही करेंगे न? जैसे तू अपुन से करती है और अपुन के साथ किस करती है ठीक वैसे ही दिव्या भी तो चाहेगी। अब कुछ समझ आया तुझे?

विधी को शायद अब बात समझ आ गईली थी लेकिन फिर भी थोड़ी झिझक के साथ ही उसने हां में सिर हिलाया।

विधी ─ बात तो तू सही कह रहा भाई लेकिन पता नहीं क्यों मुझे ये अच्छा नहीं लगता कि मेरे सिवा कोई और भी तुझे मेरे जैसे पसंद करे।

अपुन ─ क्योंकि तू अपुन पर सिर्फ अपना हक समझती है। जबकि सच्चा प्रेम करने वाला कभी अपने चाहने वाले पर हक नहीं जताता। बल्कि वो यही चाहता है कि जैसे वो चाहती है उसी तरह हर कोई उसके चाहने वाले को चाहे। एक बात और, अगर सच्चाई की बात करे तो अपुन पर तेरे अलावा भी न जाने कितनों का हक है। सबसे पहले तो अपन लोग के मॉम डैड का, क्योंकि उन्होंने अपुन को पैदा किएला है, फिर दी लोग का, तेरा और अपन लोग के सभी फैमिली का। ऐसे में क्या तू ये कहेगी कि नहीं, वो सब लोग अपुन को न चाहें, सिर्फ तू अपुन पर अपना हक समझे?

विधी ─ तू सच कह रहा है भाई। मैं सच में सिर्फ अपने बारे में ही सोच रही थी। माय गॉड कितनी बुद्धू थी मैं। तुझ पर तो सच में सबका हक है। मॉम डैड, दी लोग भी तो तुझे प्यार करते हैं तो जाहिर है उनका भी तुझ पर हक होगा ही।

अपुन ─ वेरी गुड। अब जा कर तू अच्छे से समझ पाई है।

विधी ─ अरे! वो तो मैं पहले ही अच्छे से समझ जाती। इतनी बुद्धू नहीं हूं मैं। तुझे ही अच्छे से समझाना नहीं आ रहा था तो इसमें मेरी क्या गलती है, हां नहीं तो।

अपुन मन ही मन हंस पड़ा। खैर अपन लोग को फ्रेश होने के बाद और ब्रेकफास्ट करने के बाद कॉलेज भी जाने का था इस लिए अपुन ने विधी को जाने को बोला और खुद बाथरूम में घुस गया लौड़ा।

आज मॉम डैड आने वाले थे। उनके आने के बाद अपुन को थोड़ा सम्हल के रहना होगा, खास कर मॉम से क्योंकि वो घर पर ही रहती हैं और कभी भी किसी के भी रूम में आ जा सकती हैं।

ब्रेकफास्ट के लिए अपन लोग डायनिंग टेबल पर बैठेले थे। आज साक्षी दी भी अपन लोग के साथ ही बैठी थीं। अपुन को एक नज़र देखने के बाद उन्होंने अपना ब्रेकफास्ट करना शुरू कर दिया था। इधर अपुन सोच रेला था कि साक्षी दी से बात करने का जुगाड़ बनाना ही होगा। बोले तो उन्हें ये एहसास करवाना ही होगा कि अपुन से बात चीत न करने से बाकी लोग जाने कैसे कैसे सवाल खड़े करने लगेंगे। विधी और दिव्या ने तो फिलहाल अभी कुछ नहीं सोच था लेकिन मॉम जल्दी ही फील कर लेंगी कि अपन दोनों के बीच कोई प्रॉब्लम जरूर है।

कॉलेज जाने का टाइम हुआ तो अपन लोग निकल पड़े। हर रोज की तरह दिव्या अपुन के साथ बाइक में पीछे बैठ गई जबकि विधी अपनी स्कूटी से चल पड़ी।

~~~~~~

रास्ते में एक जगह प्लान के अनुसार अपुन ने अपनी बाइक की स्पीड कम कर दी ताकि विधी के साथ साथ ही चल सके और दिव्या उसके सामने अपुन से गर्लफ्रेंड बना लेने की बात बोल सके

थोड़ी देर में जब अपुन विधी के बराबर से बाइक चलाने लगा तो दिव्या ने थोड़ा ऊंची आवाज में अपुन से कहा।

दिव्या ─ भैया, विधी दी की तरह आप मुझे भी अपनी गर्लफ्रेंड बना लीजिए न।

उसकी बात सुनते ही स्कूटी चला रही विधी ने चौंक कर उसकी तरफ देखा और फिर अपुन की तरफ। इधर अपुन ने एक नजर विधी को देखने के बाद कहा।

अपुन ─ अरे! ये क्या बोल रेली है तू? पागल है क्या?

दिव्या ─ अच्छा तो अब आप मुझे पागल कहेंगे? वाह! भैया, मैं आपकी सगी बहन नहीं हूं इस लिए आप मुझे अपनी गर्लफ्रेंड नहीं बनाना चाहते और मुझे पागल कह रहे हैं।

अपुन ─ अरे! यार ऐसी कोई बात नहीं है।

दिव्या ─ ऐसी ही बात है भैया। मैं अच्छे से समझ गई हूं कि आप सिर्फ विधी दी को ही अपनी बहन मानते हैं और उन्हें दिल से प्यार करते हैं।

अपुन ─ यार तू कैसी बात कर रेली है? अपुन तुझे भी उतना ही प्यार करता है जितना विधी को।

दिव्या ─ अगर ये सच है तो फिर मुझे भी दी के जैसे अपनी गर्लफ्रेंड बनाईए, तभी मानूंगी नहीं तो नहीं।

विधी हैरानी से कभी दिव्या को देखती कभी अपुन को। अपुन जानता था कि विधी को ये उम्मीद नहीं थी कि दिव्या अचानक से इस तरह खुद को अपुन की गर्लफ्रेंड बना लेने की बात बोल देगी।

अपुन ─ अच्छा ठीक है। अगर तुझे गर्लफ्रेंड बना लेने पर ही यकीन आएगा तो ठीक है। अपुन तुझे भी अपनी गर्लफ्रेंड बना लेता है।

दिव्या ये सुन कर खुशी से उछलने लगी जिससे उसके बूब्स अपुन की पीठ पर रगड़ने लगे। अपुन के पूरे जिस्म में रोमांच की लहरें दौड़ने लगीं लौड़ा। उधर विधी स्कूटी चलाते हुए थोड़ा शॉक से देखने लगती थी अपन दोनों को। तभी दिव्या अपने बूब्स को और भी ज्यादा अपुन की पीठ पर धंसाती हुई बोली।

दिव्या ─ वॉव! भैया, क्या सच कह रहे हैं आप? मतलब क्या सच में आपने मुझे भी अपनी गर्लफ्रेंड बना किया है?

अपुन ─ हां यार। क्या अब भी तुझे अपुन पर यकीन नहीं है?

दिव्या ─ है भैया। अब मुझे यकीन हो गया है आप मुझे भी विधी दी के जैसे प्यार करते हैं।

विधी ─ चल इतना ज्यादा खुश होने की जरूरत नहीं है तुझे और हां ये बात घर में किसी को मत बताना वरना बहुत बड़ी गड़बड़ हो जाएगी, हां नहीं तो।

दिव्या ─ डोंट वरी दी। मुझे भी पता है कि ये बात किसी को पता चलने लायक नहीं है।

अपुन सोच रेला था कि अब इसके बाद पता नहीं क्या होने वाला है? बोले तो कुछ तो खास जरूर होगा ये पक्की बात है। मतलब कि कोई लड़की अगर किसी की गर्लफ्रेंड बन जाती है तो उस रिश्ते के चलते कुछ तो चेंज होता ही है।

खैर देखते हैं क्या होता है, फिलहाल तो अपुन मजे में था क्योंकि दिव्या कुछ ज्यादा ही अपुन से चिपकी हुई थी। उसके बूब्स के निप्पल तक अपुन को फील हो रेले थे। अपुन का लन्ड जाने कब का सिर उठा बैठा था बेटीचोद। तभी दिव्या ने थोड़ा ऊंची आवाज में मुझसे कहा।

दिव्या ─ अच्छा भैया, आपने और विधी दी ने तो गर्लफ्रेंड बॉयफ्रेंड बनने के बाद एक दूसरे को किस किया था तो क्या अब मैं भी आपको किस कर सकती हूं? और...और आप भी मुझे किस करेंगे न?

उसकी ये बात सुनते ही जहां अपुन की धड़कनें बढ़ गईं वहीं स्कूटी चला रही विधी ने उसको घूर कर देखा। जबकि विधी के घूरने की परवाह किए बिना दिव्या ने मुस्कुराते हुए फिर से कहा।

दिव्या ─ बताइए न भैया, अब हम भी एक दूसरे को किस करेंगे न?

अपुन ─ अच्छा ठीक है कर लेंगे लेकिन यहां नहीं बल्कि घर में और वो भी अपने सामने।

दिव्या ये सुन कर और भी ज्यादा खुशी से झूम उठी और इस बार अपने दोनों हाथों को अपुन की छाती और पेट के बीच ला कर अपुन को कस लिया। इससे उसके बूब्स और भी ज्यादा अपुन की पीठ पर जैसे पिस गए लौड़ा। अपुन के मन में खयाल उभरा कि ये लौड़ी अपुन को यहीं पर झड़ा देगी लगता है।

खैर ऐसी ही बातों के साथ अपन लोग कॉलेज पहुंच गए। दिव्या तो बहुत खुश थी लेकिन विधी का चेहरा थोड़ा मायूस था। शायद वो अभी भी अपुन को दिव्या के साथ बांटना नहीं चाहती थी लेकिन मजबूरी के चलते उसने इतना एक्सेप्ट कर लिया था।

पार्किंग में बाइक और स्कूटी खड़ी करने के बाद अपन लोग कॉलेज के अंदर की तरफ चल दिए। अपुन के अगल बगल दोनों कमसिन और नाजुक बदन की परियां चल रेली थीं और अपुन ऐसा फील कर रेला था जैसे अपुन कहीं का महाराज है बेटीचोद।

थोड़ी ही देर में जब दिव्या अपनी क्लास की तरफ चली गई तो विधी ने इधर उधर देखने के बाद अपुन से कहा।

विधी ─ तूने उसको किस करने के लिए हां क्यों किया?

अपुन ─ यार तू अभी भी उसी सोच को ले के बैठी है? खुद सोच कि दुनिया में ऐसी कौन सी लड़की है जो किसी की गर्लफ्रेंड बनने के बाद ऐसी चाहत नहीं करेगी? तू भी तो यही चाहती है न, इसके अलावा भी और न जाने क्या क्या।

विधी ─ हां ये तो तू सही कह रहा है। अच्छा ठीक है तू उसे भी किस कर लेना।

अपुन ─ देख, अब तू और वो दोनों ही एक जैसी सिचुएशन में हो इस लिए तुझे उसके साथ अच्छे से मिल जुल के रहना होगा। न तू उसे किसी बात के लिए रोकेगी और ना ही वो रोकेगी। ऐसे में होगा ये कि अपन लोग के बीच कभी भी कोई प्रॉब्लम नहीं आएगी और अपन लोग खूब एंजॉय कर सकेंगे।

विधी ─ अच्छा क्या सच में?

अपुन ─ और नहीं तो क्या?

विधी ─ फिर ठीक है। अब से मैं ऐसा ही करूंगी लेकिन तू सबसे पहले मुझे ही किस किया करेगा और....और मॉर्निंग में भी मैं ही तुझे जगाने आऊंगी। देख ये बात तो तुझे माननी ही होगी वरना मैं नाराज हो जाऊंगी तुझसे, हां नहीं तो।

अपुन ─ ठीक है। अब चल क्लास का टाइम हो रेला है।

उसके बाद अपन दोनों खुशी खुशी क्लास की तरफ चल दिए। अभी कुछ ही कदम चले थे कि सामने से रीना आती दिखी और उसके पीछे शनाया भी।

उन दोनों को देख विधी का मुंह बन गया लेकिन उसने कहा कुछ नहीं। थोड़ी ही देर में वो दोनों अपन लोग के पास आ गईं और अपन लोग को हैलो हाय करने लगीं।

अपुन लड़कियों के बीच से निकल कर आगे बढ़ गया। असल में अपुन को अमित से मिलने का था। अपुन उससे मिल के ये देखना चाहता था कि वो अपुन से कैसा बिहेव करता है? असल में अपुन ये सोच रेला था कि कहीं साधना ने उसे कुछ बता तो नहीं दिया है जिसकी वजह से अमित का बर्ताव अपुन के लिए चेंज हो गया हो।


To be continued....
 

TheBlackBlood

शरीफ़ आदमी, मासूमियत की मूर्ति
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Shaandar Mast Lajwab Update 👌 💓 🔥 💓
Divya kuchh jyada hi shyani hai 😊 samhal kar rahna padega Virat ko 🤣 Shanya bhi Virat ke pichhe hai 😏 kabhi girl ke bich cat fight karo 😊😊
Thanks iron bruu....
Let's see
Shandar update bro
To virat ne divya ko bhi apni girlfriend banane ke liye vidi ko mana hi liya
Thanks

Next update posted :check:
 

TheBlackBlood

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Nice and superb update....
Thanks
Bahut hi badhiya update diya hai TheBlackBlood bhai....
Nice and beautiful update....
Thanks
Mast update bhai.ek request hai story main pics or gif bhi add karo chahe do char hi karo pls pls pls
Pic and gif download kar ke send kar diya karo, apan update me daal dega. Apan ke paas pic gif search karne ka time nahi hai bhai...
Nice update....
Thanks
1st story and gazab story.
Thanks
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TheBlackBlood

शरीफ़ आदमी, मासूमियत की मूर्ति
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Shaandar jabardast Romanchak Update 👌 💓 💓 🔥
Saadhna ki jabardast planning thi par kahte hai na insan ki marzi kaha chalti hai 😏
Virat ne video chat delete kar diye ab dekhna hoga ki aaj ke baad dono ka rishta kya hoga 😀 😀
Thanks men...

Gaand bachi lakho paye wali baat hai Virat ki, ab shayad hi wo uske kareeb jayega :D
 
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TheBlackBlood

शरीफ़ आदमी, मासूमियत की मूर्ति
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Bhaai sirf tujhe reply krne k lie maine id bnai.... kuch suggestion dunga please maan lena....
Kahe itna jhooth bolte ho bhai, 3 July 2021 ko tune is forum me register kiya tha aur bol raha hai ki apan ko reply dene ke liye ID banayi hai...Bhakk :buttkick:
Vidhi se isko jaldi mat chudwana please.. us k saath abhi kiss hui hai but hugging phir kuch din raat bhar saath lipat k sona kbhi only night derss me sona wagera wagera phir boobs k saath entry tab jaa k full nude dono ek dusre se kuch din full nude ho k enjoy krenge ladka ladki ko fingering kr dega satsfy k lie choot chaat dega ladki phle srf handjob ko agree kregi phir baad me blowjob kregi
Aur rahi baat divya ki toh use phle chudwa do thora sa foreplay k baad hi aur yeh baat vidhi k saamne ho toh jyada mazaa hoga done k saath foreplay ka threesome.. phir divya khud zid kar k chudwaaye aur phir kai raat apne bhaai ki pyaas bujhaye vidhi k saamne aur bilkul randi ki trah bn jaaye... bas yahi request hai bhaailog aap logo k bhi agr yeh suggestn acchi lgi ho toh batana please.. aur har raat in teeno k beech kuch na kuch hona hi chiye.. bhale hi din me woh kuch bhi kare kisi ko bhi chode...
Us k baad veena ko chudwao woh bhi vidhi k saamne aur ek threesome bhot last me vidhi aur veena ki
Sakshi tab chude jab vidhi chud jaaye aur sakshi ko pata chal jaaye aur woh dono ko bula k samjhaaye ki aisa nhi krna chiye but khud dono ki chudaai dekh k chud jaaye
Phir soniya ko in sab k baare me pata ho ki yeh sab log chudte hai but woh bhot sareef ban k rahe aur ek din jb koi naa ho ghar par toh filmy style me bike ride phir poori trh bheeg jaana aur us k baad nanga lopat k sona aur chudaai
Last me sabhi 3 behno ka saath foresome... kisi ek cousin sister ki chudaai rape ki trah ho chahe jo bhi situation bnao but rape hona chiye
Agar ma jyada bol rha hu toh sorry
Gif images bhi dete rho taaki sab kuch real lage padhne waale ko maa kasam yeh best story banega
Ek kaam kar bhai iske aage ki story tu hi likhna shuru kar de :chalnikal:
 
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Shaandar super hot erotic update 🔥 🔥 🔥
Saadhna ko Anitm baar khub dba ke pel diye 😊 😊 ab shayad hi dono ka milan ho.
Ab Vidhi ke sath sath Divya ko bhi sambhalna :kiss: pad raha hai 😊 🔥
Thanks men...
Shaandar Mast Lajwab Romantic Update 💓 💓 🔥 🔥
Divya & Vidhi dono ko sambhal liye ab dekhte hai Sakshi ke sath kaise Manage karte hai 😏
Thanks bro...
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