Nice and superb update....
Update ~ 21
इधर अपुन ये सोचने लगा कि मॉम डैड के आने के बाद से अपुन को थोड़ा सम्हल कर ये सब करना होगा। इसके साथ ही अपुन ये भी सोचने लगा कि साक्षी दी ने अपुन की तरफ एक नजर देखा तो था लेकिन अपुन से कोई बात नहीं की थी। बेटीचोद अपुन की भी हिम्मत नहीं हो रेली थी कि अपुन खुद ही उनसे बात करे। खैर देखते हैं आने वाले समय में क्या होने वाला है?
अब आगे....
सीमा किचेन में रात के लिए डिनर बना रेली थी। वो सात या साढ़े सात बजे तक डिनर बना के चली जाती थी। हालांकि ऐसा तभी होता था जब मॉम नहीं होतीं थी। इधर साक्षी दी भी फ्रेश होने के बाद और चाय पीने के बाद किचेन में उसकी हेल्प के लिए चली गईली थीं।
अपुन ने नोटिस किया कि वो अपुन के सामने आने से परहेज कर रेली थीं। अपुन को थोड़ा बुरा तो लगा लेकिन अपुन कर भी क्या सकता था? तभी अपुन ने फील किया कि अपुन का मोबाइल वाइब्रेट हो रेला है।
अपुन ने मोबाइल निकाल कर स्क्रीन पर फ्लैश हो रहे अमित के नाम को देखा तो समझ गया कि वो शायद अपनी मम्मी को ले कर घर आ गया है। यहां आने के बाद अब वो अपुन से बात करने के लिए कॉल किएला है।
अपुन क्योंकि सोफे में दिव्या और विधी के बीच में बैठा था इस लिए उन दोनों ने भी एक नजर अपुन के मोबाइल स्क्रीन पर डाली और फिर वापस टीवी देखने लगीं। इधर अपुन ने सोचा बाहर जा के अमित से बात किया जाए इस लिए सोफे से उठ कर मेन गेट की तरफ बढ़ चला और साथ ही कॉल पिक कर के कान से लगाते ही बोला।
अपुन ─ घर पहुंच गया क्या बे लौड़े?
अगले ही पल उधर से अपुन के कान में जो आवाज सुनाई दी उसे सुन के अपुन गांड़ तक कांप गया बेटीचोद। अमित के मोबाइल पर दूसरी तरफ साधना थी लौड़ा। उसी की आवाज सुन के अपुन गांड़ तक कांप गयला था, खास कर उसकी बात सुन कर।
साधना ─ मेरे प्यार का क्या खूब सिला दिया है बाबू। तुमसे ये उम्मीद नहीं थी मुझे।
बेटीचोद, पलक झपकते ही अपुन के दिलो दिमाग में हड़कंप सा मच गयला था। अपुन को भी ये उम्मीद नहीं थी कि वो अपने भाई के फोन से अपुन को कॉल कर देगी।
अपुन सोचने लगा कि क्या उसने अपने भाई को सब कुछ बता दिया होगा? ऐसा संभव तो नहीं था लौड़ा लेकिन उसका अमित के मोबाइल से कॉल करना अपुन के मन में शंका पैदा कर रेला था। फिर अपुन ने सोचा कि हो सकता है कि उसने अपने भाई को कुछ भी न बताया हो। ऐसी बात वो उसे बता भी कैसे सकती थी जिसके बाद खुद उसकी भी जान पर बन आती लौड़ा?
इसका मतलब ये हो सकता है कि जब उसे पता चल गया होगा कि अपुन ने ये सब करने के बाद उसका नंबर भी ब्लॉक कर दियेला है तो उसने अपुन से बात करने के लिए अपने भाई से मोबाइल मांगा होगा और अब वो उसी के फोन से अपुन से बात कर रेली थी।
अपुन सोचने लगा कि भले ही उसने अपने भाई को कुछ न बताया हो लेकिन अपुन को तो सतर्क रहना ही होगा न। बोले तो कॉल पर ऐसा कुछ भी नहीं बोलना चाहिए जिससे प्रॉब्लम खड़ी हो जाए बेटीचोद। हो सकता है कि वो लौड़ी अपुन की बातें रिकार्ड कर ले। इस एहसास ने एक बार फिर से अपुन को गांड़ तक कंपा दिया लौड़ा। तभी उसकी आवाज फिर से अपुन के कान में उभरी।
साधना ─ कुछ बोलते क्यों नहीं बाबू? मुझे बताओ कि ऐसा क्यों किया तुमने?
अपुन समझ गया कि इस वक्त उससे कुछ भी बोलना खतरे से खाली नहीं है बेटीचोद। इस लिए अपुन ने सीधे कॉल ही डिस्कनेक्ट कर दिया लौड़ा। बात ये नहीं थी कि अपुन उससे डर गयला था बल्कि असल बात ये थी कि अपुन नहीं चाहता था कि वो इस मामले में अपुन की कोई भी बात रिकार्ड कर ले।
अपुन के मन में एक ही खयाल था कि जब वो लौड़ी अपुन को फंसाने के लिए अपुन के साथ खुद का सेक्स वीडियो बना सकती थी तो इसके अलावा भी कुछ भी कर सकती थी। बोले तो अब उस पर अपुन को कोई भरोसा नहीं था बेटीचोद।
कॉल कट करने के बाद अपुन ये सोच ही रेला था कि तभी फिर से उसका कॉल आने लगा लेकिन इस बार अपुन ने उसका कॉल पिक ही नहीं किया।
अब तक अपुन घर से बाहर आ गयला था और गार्डन में टहलते हुए यही सोच रेला था कि इतनी आसानी से इस लौड़ी से पीछा नहीं छूटेगा। मतलब साफ है कि जिसने अपुन का लाइफ पार्टनर बनने के लिए अपना सब कुछ अपुन को सौंप दिया हो और इसके साथ ही ऐसा कदम भी उठा लिया हो तो क्या वो अपुन के सिर्फ ऐसा कर देने से अपुन का पीछा छोड़ देगी?
अपुन ने जब इस बारे में अच्छे से, बोले तो गांड़ तक की गहराई से सोचा तो यही समझ आया कि वो इतनी आसानी से अपुन का पीछा नहीं छोड़ेगी। इस सच्चाई से अपुन एक बार फिर गांड़ तक कांप गया बेटीचोद।
खैर अपुन यही सब सोचते हुए गार्डन में टहलता रहा और साधना का बार बार कॉल आता रहा। अपुन ने दुबारा उसका कॉल पिक ही नहीं किया। वैसे देखा जाए तो सारी की सारी गलती उसी की थी। बोले तो अगर वो अपन दोनों के बीच इतना आसान माहौल न बना देती तो अपन दोनों के बीच ये सब होता ही नहीं।
दूसरी बात, उसको अपुन ने पहले ही बता दियेला था कि अपुन उसके प्यार को एक्सेप्ट नहीं कर सकता और ना ही उससे शादी करने का सोच सकता है। इसके बावजूद उसने खुद को इस तरह परोसा और अपुन को धोखा दे कर अपन दोनों के सेक्स का वीडियो बना लिया। तो कहने का मतलब यही है कि सारी की सारी गलती उसी की थी और अब जब अपुन ने उसका सारा खेल ही खत्म कर दिया तो उल्टा वो अपुन को ही ब्लेम कर रेली थी।
हालांकि अपुन चाहता तो उसे उसकी बातों का बेहतर जवाब दे देता लेकिन दिया इस लिए नहीं क्योंकि अपुन को शक था कि कहीं वो इस मामले में अपन लोग के बीच होने वाली बातें न रिकार्ड कर ले। जाहिर है इस मामले में हुई अपन लोग की बातें उसके लिए इस बात का सबूत बन जातीं कि हां अपुन का उससे इस तरह का संबंध रहा है। इसके बाद जब वो अपने घर वालों को वो सबूत सुनाती तो अपुन की बर्बादी होना तय था बेटीचोद।
खैर अभी के लिए तो अपुन ने इस मुसीबत से पीछा छुड़ा लिया था लेकिन हमेशा के लिए छुड़ाने के लिए कुछ न कुछ जरूर करना होगा। अपुन सोचने लगा कि ऐसा क्या किया जाए बेटीचोद?
हालांकि एक सच ये भी है कि वो अगर ढिंढोरा पीट कर भी सबको बताती तब भी अपुन का झांट बराबर भी कुछ न होता। बोले तो अपुन की फैमिली या ये कहें कि अपुन के डैड अपुन को इस मामले में कुछ भी न होने देते लेकिन ये भी सच है कि इस मामले के ओपन हो जाने से अपुन का कैरेक्टर अभी जो सबके लिए साफ सुथरा है वो गंदा हो जाता।
अमित जो अपुन का जिगरी दोस्त है वो अपुन का दुश्मन हो जाता। हालांकि वो भी अपुन का झांट बराबर भी कुछ न उखाड़ पाता लेकिन बेटीचोद अपुन को बददुआ तो देता ही, हर जगह बदनाम तो करता ही। इसके साथ साथ दोनों फैमिली के बीच जो बेहतर रिलेशन थे वो भी खराब हो जाते। बोले तो इस सबके बाद अपुन की लाइफ पर काफी असर पड़ता।
खैर ये सब तो अभी संभावनाओं की बातें थी लेकिन इस वक्त जो प्रॉब्लम आ कर खड़ी हो गईली थी उससे हमेशा के लिए छुटकारा पाना बहुत जरूरी था अपुन के लिए।
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रात डिनर टेबल पर अपन सब डिनर कर रेले थे। दिव्या और विधी आपस में कुछ न कुछ बोल रेली थीं। बीच बीच में अपुन भी उनसे बोल रेला था लेकिन साक्षी दी चुपचाप खाना खा रेली थीं।
अपुन ये तो समझता था कि वो अपुन से बात नहीं करना चाहती थीं लेकिन उन्हें ये भी तो समझना चाहिए था कि उनका एकदम से अपुन से बात करना बंद कर देना बाकी लोगों के मन में सवाल खड़े कर सकता है। घर के बाकी लोग ये सोचने पर मजबूर हो सकते हैं कि आखिर अपन दोनों के बीच ऐसा क्या हो गयला है जिसकी वजह से अपन दोनों एक दूसरे से बात नहीं कर रेले हैं?
अपुन ने यही सब सोच कर उनसे बात करने का मन बना लिया। बोले तो अपुन नहीं चाहता था कि किसी के मन में अपन दोनों के बारे में ऐसा कोई सवाल पैदा हो जाए बेटीचोद।
अपुन ─ क्या हुआ दी? मैं कल से देख रहा हूं कि आप हम सबके बीच एकदम चुप रहती हैं। कोई प्रॉब्लम हो गई है क्या? अगर ऐसा है तो आप हम लोगों से शेयर कीजिए न।
अपुन की ये बातें सुन कर साक्षी दी ने एकदम से चौंक कर अपुन की तरफ देखा और फिर दिव्या और विधी की तरफ भी। अब क्योंकि उन दोनों के सामने वो अपुन से उल्टा सीधा कुछ बोल नहीं सकती थीं इस लिए खुद को नॉर्मल कर के कहा।
साक्षी दी ─ नहीं भाई, ऐसी तो कोई बात नहीं है।
अपुन ─ अगर सच में ऐसी कोई बात नहीं है तो आप इस तरह हम लोगों के सामने चुप सी क्यों हैं?
साक्षी दी ने इस बार घूर कर देखा अपुन को। फिर जल्दी ही नॉर्मल हो गईं और बोली।
साक्षी दी ─ अरे! दिन भर कंपनी में लोगों से बक बक कर के थक जाती हूं न इस लिए तुम सबके बीच शांत हूं। वैसे भी जब कोई ज़रूरी बात करनी होती है तो करती ही हूं न। तू इस बारे में ज़्यादा मत सोच और आराम से खाना खा।
अपुन उनकी बात सुन कर मन ही मन मुस्कुराया। उन्होंने भले ही नॉर्मली ये सब कहा था लेकिन उनके चेहरे पर उभरी थोड़ी सख्ती इस बात का एविडेंस थी कि उन्हें अपुन का इस तरह से उनसे बात करना अच्छा नहीं लगा था। हालांकि अपुन ये सोच के भी हैरान था कि अपुन की सिर्फ उतनी सी बातों से उन्होंने ऐसा रुख अपना लिया था। बोले तो अगर वो सच में चाहती थीं कि अपुन के मन से उनके लिए ऐसी फीलिंग्स जड़ से ही मिट जाएं तो इसके लिए उन्हें कोई दूसरा रास्ता भी तो अपनाना चाहिए था? यूं एकदम से अपुन से बात करना बंद कर देना या अपुन की तरफ देखना बंद कर देने से क्या प्रॉब्लम मिट जाएगी?
खैर अपुन को अच्छा तो नहीं लग रेला था लेकिन कर भी क्या सकता था बेटीचोद? डिनर के बाद सब अपने अपने रूम की तरफ चल पड़े।
रात कुछ खास नहीं हुआ। अपुन के रूम में न विधी आई और ना ही दिव्या। हालांकि अपुन ऐसा चाहता भी नहीं था क्योंकि अपुन को साधना वाले मैटर पर सोच विचार करना था। बोले तो अपुन को जल्द से जल्द उससे हमेशा के लिए पीछा छुड़ाना था बेटीचोद।
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अगली सुबह काफी अच्छे तरीके से हुई। बोले तो अपुन सो रेला था और विधी अपुन के चेहरे पर झुकी अपुन के होठों पर किस कर रेली थी। उसकी गर्म सांसें अपुन के चेहरे पर पड़ रेली थीं जिससे कुछ ही देर में अपुन की आंख खुल गई।
अपुन ने जब उसे ये सब करते देखा तो पहले तो चौंक ही पड़ा लेकिन फिर खुश हो कर अपुन ने झट से उसे दोनों हाथ से पकड़ कर अपने ऊपर ही गिरा लिया। अपुन की इस हरकत से वो बुरी तरह डर गई और घबरा कर चीखने ही वाली थी कि अपुन ने झट से अपने होठ उसके गुलाबी होठों पर रख दिए जिससे उसकी चीख अपुन के मुंह में ही दब गई लौड़ा।
सुबह सुबह अपनी जुड़वा बहन के शहद जैसे मीठे होठों का स्वाद चखने से अलग ही फील आने लग गयला था। उधर वो अपुन की गिरफ्त से खुद को छुड़ाने की कोशिश में लगी थी। हालांकि उसकी कोशिश बस दिखावा जैसी ही लग रेली थी इसी लिए तो अपुन भी उसे नहीं छोड़ रेला था और उसके होठों को चूसने में लगा था बेटीचोद।
थोड़ी देर बाद जब अपन दोनों की ही सासें फूलने लग गईं तो अपुन ने उसे छोड़ दिया। अपुन के छोड़ देने पर भी वो बेसुध सी अपुन के ऊपर ही लेटी रही। उसके सीने के उभार अपुन के सीने में धंसे रहे। अपुन का लन्ड जो पहले ही पेशाब के प्रेसर से खड़ा था वो और भी ज्यादा अकड़ गयला था बेटीचोद। शुक्र था कि विधी के बदन का निचला हिस्सा अपुन के लन्ड के ऊपर नहीं था। वो बस पेट और सीने के साथ ही अपुन के ऊपर लेटी थी।
अपुन ─ क्या हुआ मेरी जान को? अब यूं ही अपुन के ऊपर लेटी रहेगी या उठेगी भी? या अगर और किस करने का मन हो तो बता।
अपुन की बात सुनते ही विधी हड़बड़ा कर अपुन के ऊपर से उठ कर नीचे फर्श पर खड़ी हो गई। उसका खिला हुआ चेहरा शर्म की वजह से हल्का सुर्ख पड़ गयला था। कुछ पलों तक वो अपुन से शर्म के मारे नजरें चुराती रही फिर जैसे उसने खुद को नॉर्मल किया और अपुन को घूरते हुए मुस्कुरा कर बोली।
विधी ─ तू न बहुत गंदा है। माना कि तेरी गर्लफ्रेंड हूं लेकिन इसका मतलब ये थोड़ी है कि तू मेरे साथ ऐसा करे। गंदा कहीं का, हां नहीं तो।
अपुन (हंस कर) ─ लो कर लो बात। खुद तो अपुन को सोते में किस किए जा रेली थी और जब अपुन ने कुछ किया तो अपुन को गंदा बोल रेली है। वाह! खुद को अच्छा और सच्चा साबित करने का क्या मस्त तरीका अपनाया है मेरी इस खूबसूरत गर्लफ्रेंड ने।
अपुन की ये बात सुन कर विधी फिर से शर्मा गई। उसके गुलाबी होठों की मुस्कान कुछ ज्यादा ही गहरी हो गई। फिर एकदम से बेड के किनारे पर बैठ कर बोली।
विधी ─ हां तो मैं क्या करती? तू सोते हुए इतना प्यारा लग रहा था तो मुझसे रहा ही नहीं गया और फिर मैं तुझे किस करने लगी। क्या तुझे मेरे किस करने से बुरा लगा?
अपुन ─ नहीं मेरी जान। अपुन को सच में बहुत अच्छा लगा। अपुन तो चाहता है कि अपुन की हर सुबह ऐसे ही हो। बोले तो हर सुबह जब अपुन की आंख खुले तो अपुन तुझे ही देखे और हां तू ऐसे ही अपुन को किस कर के उठाए।
विधी का चेहरा शर्म से वैसे ही सुर्ख था अब ये बातें सुन कर और भी हो गया। इस वक्त वो सच में बहुत प्यारी लग रेली थी। खिले हुए चेहरे पर शर्म की लाली। गुलाब की पंखुड़ियों पर गहरी मुस्कान और हल्के हल्के कांपते होठ। उफ्फ अपुन का मन मचल उठा। मन किया कि फिर से उसके होठों को मुंह में भर चूसना शुरू कर दे लेकिन फिर अपुन ने अपनी इस इच्छा को सख्ती से दबाया।
विधी ─ क्या तू सच कह रहा है भाई? मतलब क्या सच में तू यही चाहता है?
अपुन ─ हां, अगर तुझे कोई प्रॉब्लम न हो तो।
विधी ─ मुझे तो कोई प्रॉब्लम नहीं है।
अपुन ─ तो ठीक है फिर। अब से तू अपुन को हर सुबह ऐसे ही उठाएगी।
विधी का चेहरा खुशी के मारे और भी खिल उठा लौड़ा। फिर मुस्कुराते हुए बोली।
विधी ─ पक्का भाई। अब से मैं हर सुबह तुझे ऐसे ही उठाऊंगी, हां नहीं तो।
अपुन ─ अच्छा एक बात और है। मतलब कि अगर अपुन दिव्या को भी अपनी गर्लफ्रेंड बना लेगा तो तेरी तरह वो भी तो अपुन के साथ ऐसा ही करने का सोचेगी।
विधी ─ अरे! ऐसे कैसे सोचेगी वो? न, मैं उसे तेरे साथ कुछ भी नहीं करने दूंगी। मेरी जान को सिर्फ मैं ही किस करूंगी, हां नहीं तो।
अपुन समझ गया कि एक बार फिर से वो अपुन पर सिर्फ अपना ही हक जता रेली है और चाहती भी है कि हर कीमत पर ऐसा ही हो। जबकि अपुन अच्छी तरह समझता था कि अगर उसके अनुसार अपुन चला तो आगे मामला बिगड़ जाएगा लौड़ा।
अपुन ─ अच्छा तुझे एक बात बताता है अपुन।
विधी ─ कौन सी बात भाई?
अपुन ─ सुन तो। अपुन ने कहीं पढ़ा था कि सच्चा प्यार जो होता है न वो कभी भी किसी पर अपना हक नहीं जताता और ना ही प्यार करने वाला ये सोचता है कि अगर उसके प्रेमी को किसी और ने भी प्रेम कर लिया तो क्या होएगा? बोले तो सच्चा प्यार करने वाला ये सब सोचता ही नहीं है। वो तो सिर्फ प्यार करना जानता है। उसे तब भी खुशी मिलती है जब कोई और भी उसके प्रेमी को प्रेम करने लगता है।
विधी ─ ये तू कैसी बात कर रहा है भाई? कोई ऐसा कैसे हो सकता भला? और वो प्यार करने वाला ऐसे में कैसे खुश हो सकता है? तू न कुछ भी बोलता है और सोचता है कि मैं मान लूंगी? इतनी बुद्धू नहीं हूं मैं, हां नहीं तो।
अपुन उसकी इन बातों पर मन ही मन हंस पड़ा लेकिन फिर उसे समझाते हुए कहा।
अपुन ─ अभी तूने अपुन की बात को अच्छे से सुना ही नहीं है। बोले तो तुझे अपुन की इस बात की गहराई में जाना था और फिर समझना था कि अपुन की इन बातों में कितनी बड़ी बात छुपी है।
विधी ─ तू ये गोल मोल बात कर के मुझे कन्फ्यूज क्यों कर रहा है? साफ साफ बता न क्या कहना चाहता है?
अपुन ─ देख, अपुन का मतलब ये था कि जो किसी से सच्चा प्यार करता है उसकी नजर में उसका प्रेमी या प्रेमिका दुनिया में सबसे खास होते हैं। ये बात तू भी समझती है कि नहीं, बता?
विधी ─ हां ये तो तू सही कह रहा है।
अपुन ─ गुड, यानि प्यार करने वाला ये समझता है कि उसके प्रेमी से अच्छा दुनिया में कोई नहीं है। तभी तो उसके दिल में उसके लिए इतना प्रेम होता है। अब तू खुद सोच कि जिसकी नजर में उसका प्रेमी दुनिया का सबसे अच्छा इंसान हो उसे अगर कोई गलत बोले या गाली दे तो कैसा लगेगा?
विधी ─ फिर तो बिल्कुल भी अच्छा नहीं लगेगा भाई।
अपुन ─ और अगर कोई उसके प्रेमी को सबसे अच्छा कहे और उसे नफरत की जगह प्यार से देखे तो कैसा लगेगा?
विधी ─ बहुत अच्छा लगेगा भाई।
अपुन ─ वेरी गुड। अब तू खुद सोच कि तू क्या कर रेली थी?
विधी एकदम से चकरा गई। जैसे उसे समझ ही न आया कि अपुन ने अभी क्या बोला उसको?
विधी ─ मैं कुछ समझी नहीं भाई? तू क्या कह रहा है ये?
अपुन ─ तुझे उस बात से प्रॉब्लम थी कि दिव्या अपुन को न प्यार करे और ना ही और कुछ करे। यानि अपुन के साथ जो भी करे सिर्फ तू ही करे। अरे! सिंपल सी बात है कि जब तेरा ब्वॉयफ्रेंड तेरी नजर में सबसे खास है तो उससे हर कोई प्यार करना चाहेगा न। अब अगर तेरे सामने कोई अपुन को ये कह देगा कि अपुन बहुत गंदा है और वो अपुन से नफरत करती है तो क्या तुझे ये अच्छा लगेगा, नहीं न? यानि तू यही चाहेगी कि जिसे तू पसंद करती है उससे कोई भी नापसंद न करे और ना ही उससे कोई नफरत करे।
विधी ─ हां मैं तो यही चाहूंगी भाई।
अपुन ─ तो अब तू खुद सोच कि जब तू यही चाहती है तो फिर लोग अपुन से क्या करेंगे? बोले तो प्यार ही करेंगे न? जैसे तू अपुन से करती है और अपुन के साथ किस करती है ठीक वैसे ही दिव्या भी तो चाहेगी। अब कुछ समझ आया तुझे?
विधी को शायद अब बात समझ आ गईली थी लेकिन फिर भी थोड़ी झिझक के साथ ही उसने हां में सिर हिलाया।
विधी ─ बात तो तू सही कह रहा भाई लेकिन पता नहीं क्यों मुझे ये अच्छा नहीं लगता कि मेरे सिवा कोई और भी तुझे मेरे जैसे पसंद करे।
अपुन ─ क्योंकि तू अपुन पर सिर्फ अपना हक समझती है। जबकि सच्चा प्रेम करने वाला कभी अपने चाहने वाले पर हक नहीं जताता। बल्कि वो यही चाहता है कि जैसे वो चाहती है उसी तरह हर कोई उसके चाहने वाले को चाहे। एक बात और, अगर सच्चाई की बात करे तो अपुन पर तेरे अलावा भी न जाने कितनों का हक है। सबसे पहले तो अपन लोग के मॉम डैड का, क्योंकि उन्होंने अपुन को पैदा किएला है, फिर दी लोग का, तेरा और अपन लोग के सभी फैमिली का। ऐसे में क्या तू ये कहेगी कि नहीं, वो सब लोग अपुन को न चाहें, सिर्फ तू अपुन पर अपना हक समझे?
विधी ─ तू सच कह रहा है भाई। मैं सच में सिर्फ अपने बारे में ही सोच रही थी। माय गॉड कितनी बुद्धू थी मैं। तुझ पर तो सच में सबका हक है। मॉम डैड, दी लोग भी तो तुझे प्यार करते हैं तो जाहिर है उनका भी तुझ पर हक होगा ही।
अपुन ─ वेरी गुड। अब जा कर तू अच्छे से समझ पाई है।
विधी ─ अरे! वो तो मैं पहले ही अच्छे से समझ जाती। इतनी बुद्धू नहीं हूं मैं। तुझे ही अच्छे से समझाना नहीं आ रहा था तो इसमें मेरी क्या गलती है, हां नहीं तो।
अपुन मन ही मन हंस पड़ा। खैर अपन लोग को फ्रेश होने के बाद और ब्रेकफास्ट करने के बाद कॉलेज भी जाने का था इस लिए अपुन ने विधी को जाने को बोला और खुद बाथरूम में घुस गया लौड़ा।
आज मॉम डैड आने वाले थे। उनके आने के बाद अपुन को थोड़ा सम्हल के रहना होगा, खास कर मॉम से क्योंकि वो घर पर ही रहती हैं और कभी भी किसी के भी रूम में आ जा सकती हैं।
ब्रेकफास्ट के लिए अपन लोग डायनिंग टेबल पर बैठेले थे। आज साक्षी दी भी अपन लोग के साथ ही बैठी थीं। अपुन को एक नज़र देखने के बाद उन्होंने अपना ब्रेकफास्ट करना शुरू कर दिया था। इधर अपुन सोच रेला था कि साक्षी दी से बात करने का जुगाड़ बनाना ही होगा। बोले तो उन्हें ये एहसास करवाना ही होगा कि अपुन से बात चीत न करने से बाकी लोग जाने कैसे कैसे सवाल खड़े करने लगेंगे। विधी और दिव्या ने तो फिलहाल अभी कुछ नहीं सोच था लेकिन मॉम जल्दी ही फील कर लेंगी कि अपन दोनों के बीच कोई प्रॉब्लम जरूर है।
कॉलेज जाने का टाइम हुआ तो अपन लोग निकल पड़े। हर रोज की तरह दिव्या अपुन के साथ बाइक में पीछे बैठ गई जबकि विधी अपनी स्कूटी से चल पड़ी।
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रास्ते में एक जगह प्लान के अनुसार अपुन ने अपनी बाइक की स्पीड कम कर दी ताकि विधी के साथ साथ ही चल सके और दिव्या उसके सामने अपुन से गर्लफ्रेंड बना लेने की बात बोल सके
थोड़ी देर में जब अपुन विधी के बराबर से बाइक चलाने लगा तो दिव्या ने थोड़ा ऊंची आवाज में अपुन से कहा।
दिव्या ─ भैया, विधी दी की तरह आप मुझे भी अपनी गर्लफ्रेंड बना लीजिए न।
उसकी बात सुनते ही स्कूटी चला रही विधी ने चौंक कर उसकी तरफ देखा और फिर अपुन की तरफ। इधर अपुन ने एक नजर विधी को देखने के बाद कहा।
अपुन ─ अरे! ये क्या बोल रेली है तू? पागल है क्या?
दिव्या ─ अच्छा तो अब आप मुझे पागल कहेंगे? वाह! भैया, मैं आपकी सगी बहन नहीं हूं इस लिए आप मुझे अपनी गर्लफ्रेंड नहीं बनाना चाहते और मुझे पागल कह रहे हैं।
अपुन ─ अरे! यार ऐसी कोई बात नहीं है।
दिव्या ─ ऐसी ही बात है भैया। मैं अच्छे से समझ गई हूं कि आप सिर्फ विधी दी को ही अपनी बहन मानते हैं और उन्हें दिल से प्यार करते हैं।
अपुन ─ यार तू कैसी बात कर रेली है? अपुन तुझे भी उतना ही प्यार करता है जितना विधी को।
दिव्या ─ अगर ये सच है तो फिर मुझे भी दी के जैसे अपनी गर्लफ्रेंड बनाईए, तभी मानूंगी नहीं तो नहीं।
विधी हैरानी से कभी दिव्या को देखती कभी अपुन को। अपुन जानता था कि विधी को ये उम्मीद नहीं थी कि दिव्या अचानक से इस तरह खुद को अपुन की गर्लफ्रेंड बना लेने की बात बोल देगी।
अपुन ─ अच्छा ठीक है। अगर तुझे गर्लफ्रेंड बना लेने पर ही यकीन आएगा तो ठीक है। अपुन तुझे भी अपनी गर्लफ्रेंड बना लेता है।
दिव्या ये सुन कर खुशी से उछलने लगी जिससे उसके बूब्स अपुन की पीठ पर रगड़ने लगे। अपुन के पूरे जिस्म में रोमांच की लहरें दौड़ने लगीं लौड़ा। उधर विधी स्कूटी चलाते हुए थोड़ा शॉक से देखने लगती थी अपन दोनों को। तभी दिव्या अपने बूब्स को और भी ज्यादा अपुन की पीठ पर धंसाती हुई बोली।
दिव्या ─ वॉव! भैया, क्या सच कह रहे हैं आप? मतलब क्या सच में आपने मुझे भी अपनी गर्लफ्रेंड बना किया है?
अपुन ─ हां यार। क्या अब भी तुझे अपुन पर यकीन नहीं है?
दिव्या ─ है भैया। अब मुझे यकीन हो गया है आप मुझे भी विधी दी के जैसे प्यार करते हैं।
विधी ─ चल इतना ज्यादा खुश होने की जरूरत नहीं है तुझे और हां ये बात घर में किसी को मत बताना वरना बहुत बड़ी गड़बड़ हो जाएगी, हां नहीं तो।
दिव्या ─ डोंट वरी दी। मुझे भी पता है कि ये बात किसी को पता चलने लायक नहीं है।
अपुन सोच रेला था कि अब इसके बाद पता नहीं क्या होने वाला है? बोले तो कुछ तो खास जरूर होगा ये पक्की बात है। मतलब कि कोई लड़की अगर किसी की गर्लफ्रेंड बन जाती है तो उस रिश्ते के चलते कुछ तो चेंज होता ही है।
खैर देखते हैं क्या होता है, फिलहाल तो अपुन मजे में था क्योंकि दिव्या कुछ ज्यादा ही अपुन से चिपकी हुई थी। उसके बूब्स के निप्पल तक अपुन को फील हो रेले थे। अपुन का लन्ड जाने कब का सिर उठा बैठा था बेटीचोद। तभी दिव्या ने थोड़ा ऊंची आवाज में मुझसे कहा।
दिव्या ─ अच्छा भैया, आपने और विधी दी ने तो गर्लफ्रेंड बॉयफ्रेंड बनने के बाद एक दूसरे को किस किया था तो क्या अब मैं भी आपको किस कर सकती हूं? और...और आप भी मुझे किस करेंगे न?
उसकी ये बात सुनते ही जहां अपुन की धड़कनें बढ़ गईं वहीं स्कूटी चला रही विधी ने उसको घूर कर देखा। जबकि विधी के घूरने की परवाह किए बिना दिव्या ने मुस्कुराते हुए फिर से कहा।
दिव्या ─ बताइए न भैया, अब हम भी एक दूसरे को किस करेंगे न?
अपुन ─ अच्छा ठीक है कर लेंगे लेकिन यहां नहीं बल्कि घर में और वो भी अपने सामने।
दिव्या ये सुन कर और भी ज्यादा खुशी से झूम उठी और इस बार अपने दोनों हाथों को अपुन की छाती और पेट के बीच ला कर अपुन को कस लिया। इससे उसके बूब्स और भी ज्यादा अपुन की पीठ पर जैसे पिस गए लौड़ा। अपुन के मन में खयाल उभरा कि ये लौड़ी अपुन को यहीं पर झड़ा देगी लगता है।
खैर ऐसी ही बातों के साथ अपन लोग कॉलेज पहुंच गए। दिव्या तो बहुत खुश थी लेकिन विधी का चेहरा थोड़ा मायूस था। शायद वो अभी भी अपुन को दिव्या के साथ बांटना नहीं चाहती थी लेकिन मजबूरी के चलते उसने इतना एक्सेप्ट कर लिया था।
पार्किंग में बाइक और स्कूटी खड़ी करने के बाद अपन लोग कॉलेज के अंदर की तरफ चल दिए। अपुन के अगल बगल दोनों कमसिन और नाजुक बदन की परियां चल रेली थीं और अपुन ऐसा फील कर रेला था जैसे अपुन कहीं का महाराज है बेटीचोद।
थोड़ी ही देर में जब दिव्या अपनी क्लास की तरफ चली गई तो विधी ने इधर उधर देखने के बाद अपुन से कहा।
विधी ─ तूने उसको किस करने के लिए हां क्यों किया?
अपुन ─ यार तू अभी भी उसी सोच को ले के बैठी है? खुद सोच कि दुनिया में ऐसी कौन सी लड़की है जो किसी की गर्लफ्रेंड बनने के बाद ऐसी चाहत नहीं करेगी? तू भी तो यही चाहती है न, इसके अलावा भी और न जाने क्या क्या।
विधी ─ हां ये तो तू सही कह रहा है। अच्छा ठीक है तू उसे भी किस कर लेना।
अपुन ─ देख, अब तू और वो दोनों ही एक जैसी सिचुएशन में हो इस लिए तुझे उसके साथ अच्छे से मिल जुल के रहना होगा। न तू उसे किसी बात के लिए रोकेगी और ना ही वो रोकेगी। ऐसे में होगा ये कि अपन लोग के बीच कभी भी कोई प्रॉब्लम नहीं आएगी और अपन लोग खूब एंजॉय कर सकेंगे।
विधी ─ अच्छा क्या सच में?
अपुन ─ और नहीं तो क्या?
विधी ─ फिर ठीक है। अब से मैं ऐसा ही करूंगी लेकिन तू सबसे पहले मुझे ही किस किया करेगा और....और मॉर्निंग में भी मैं ही तुझे जगाने आऊंगी। देख ये बात तो तुझे माननी ही होगी वरना मैं नाराज हो जाऊंगी तुझसे, हां नहीं तो।
अपुन ─ ठीक है। अब चल क्लास का टाइम हो रेला है।
उसके बाद अपन दोनों खुशी खुशी क्लास की तरफ चल दिए। अभी कुछ ही कदम चले थे कि सामने से रीना आती दिखी और उसके पीछे शनाया भी।
उन दोनों को देख विधी का मुंह बन गया लेकिन उसने कहा कुछ नहीं। थोड़ी ही देर में वो दोनों अपन लोग के पास आ गईं और अपन लोग को हैलो हाय करने लगीं।
अपुन लड़कियों के बीच से निकल कर आगे बढ़ गया। असल में अपुन को अमित से मिलने का था। अपुन उससे मिल के ये देखना चाहता था कि वो अपुन से कैसा बिहेव करता है? असल में अपुन ये सोच रेला था कि कहीं साधना ने उसे कुछ बता तो नहीं दिया है जिसकी वजह से अमित का बर्ताव अपुन के लिए चेंज हो गया हो।
To be continued....