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Fantasy हीरोइन (Completed)

Iron Man

Try and fail. But never give up trying
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पिंकी ने अपनी दो और उंगलियाँ रजनी की चूत में उतार दी....
सिर्फ़ अंगूठा बाहर था बाकी का हाथ और हथेली रजनी की चूत में थी इस वक़्त.


''ओह्ह मेमसाब्.....आप तो सच में एक नंबर की छिनाल औरत हो....मेरे ही मर्द से चुदवाने के बारे में सोच रही हो.....पता भी है कितना मोटा है उसका हथियार....एक ही बार में फाड़ देगा वो आपकी बुर को....''

रजनी का बदन किसी मछली की तरह मचल उठा और वो बोली : "आह्हहह....... तो डरता कौन है...... बुला ले अपने मर्द को...देखती हूँ कितना मोटा है.....राजेश का भी काफ़ी मोटा है....एकदम कड़क लंड है उनका....वो भी अंदर जाता है तो चीखे निकलवा देता है....गोरा चिट्टा लंड चूसने में भी काफ़ी मज़ा आता है....''

एकदम से गेम ही पलट दी थी रजनी ने....
बिरजू के लंड की बात करते-2 राजेश के लंड की तरफ घूम गयी थी वो....
और वो इसलिए ताकि अपनी योजना को अंजाम तक पहुँचा सके.

और उसका असर भी एकदम देखने को मिल गया उसे...
राजेश के लंड की बात करते हुए पिंकी का दूसरा हाथ खुद की छूट पर पहुँच गया...
अब वो एक हाथ से अपनी चूत मसल रही थी और दूसरे हाथ की उंगलियों से रजनी की चूत की गहराई नाप रही थी.

''आआआआआआआआआहह मेमसाआब.......सच में मोटा है क्या साब का लंड ......उम्म्म्मममममममममममम....... गोरा भी है ना....... मुझे पता था..... साब इतने गोरे है तो .....उनका लंड भी गोरा होगा...... उनके टट्टे भी गोरे होंगे.......चूसने में कितना मज़ा आएगा....एकदम रसगुल्ले जैसे गोरे और मीठे....''

रजनी : "हाँ .......साब के रसगुल्ले तू चूस....बिरजू के गुलाब जामुन मैं चुसूंगी.......''

दोनो की हँसी निकल गयी इस बात पर....
और दोनो एक दूसरे को देखकर काफ़ी देर तक हंसते भी रहे....

और हंसते-2 जब दोनो की नज़रें इस बार आपस मे मिली तो अगले ही पल , एक झटके में रजनी ने पिंकी को अपने उपर खींच लिया और उसके होंठो पर अपने होंठ रखकर उन्हे चूसने लगी....
पिंकी भी पागलों की तरह अपनी गोरी मेमसाब् के रसीले बदन को उपर से नीचे तक मसलते हुए, उनके होंठों का रस पीने लगी....
रजनी ने आनन फानन में उसकी साड़ी को खींचकर निकाल फेंका...
उसके कसे हुए ब्लाउज़ को खींचकर चिथड़े -2 करके फाड़ दिया और फटी हुई ब्रा को भी एक झटके में खींचकर तोड़ दिया...
पेटीकोट और पेंटी का भी वही हश्र हुआ....
1 मिनट के अंदर उसका कसा हुआ बदन पूरा नंगा होकर रजनी के सामने था...
और अब दोनो एक दूसरे के शरीर को ऐसे चाट रहे थे मानो खा ही जाएँगे एक दूसरे को.



अब सच में उस कमरे का तापमान पहले से काफ़ी बढ़ चुका था...
जो एक आने वाले तूफान का संकेत था.
Awesome update
Jabarast encounter hone wale hai
 

Rekha rani

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शेफाली के जादू के चक्कर मे रजनी खुद बिरजू से चुदने को रेडी हो रही है, अब देखना है आगे क्या रंग दिखाता है ये नाटक
 

sunoanuj

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Wah yeh kya ho gaya ... Inka plan I ke upar hee pad gaya .. or khud bhi Majdoor se chudne ko tyaar ho gayi hai ...
 

sunoanuj

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Wah yeh kya ho gaya ... Inka plan I ke upar hee pad gaya .. or khud bhi Majdoor se chudne ko tyaar ho gayi hai ...
 

sunoanuj

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Wah yeh kya ho gaya ... Inka plan I ke upar hee pad gaya .. or khud bhi Majdoor se chudne ko tyaar ho gayi hai ...
 
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sunoanuj

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Wah yeh kya ho gaya ... Inka plan I ke upar hee pad gaya .. or khud bhi Majdoor se chudne ko tyaar ho gayi hai ...
 
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aman rathore

Enigma ke pankhe
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Amazing update ashok bhai,
ye rajni to birajoo ke baare mein sonch kar hi gili ho gayi hai,
kahi pinki ko rajesh ke niche laane ke liye vo khud birajoo ke niche na chal jaaye dekhte hain ab aage kya hota hai,
Waiting for next update
 
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ruby mittal

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राजेश के इस गिफ्ट को पाकर उसका चेहरा खिल उठा...वो भी सोचने लगी की इस खड़ूस को अचानक क्या हो गया...आज तक उसे ढंग से देखा तो है नही और आज एकदम से उसे गिफ्ट दे रहा है...कही उसपर लाइन तो नही मार रहा...वैसे मार भी रहा है तो उसे बुरा थोड़े ही लगेगा...इतने हेंडसम है साहब.

ये सोचकर वो खुद ही शर्मा गयी और उसने तुरंत राजेश के दिए गिफ्ट को अपने गले में डाल लिया...
और फिर गुनगुनाते हुए घर की सफाई करने लगी.राजेश भी मुस्कराते हुए कमरे से निकलकर बाहर आया और डाइनिंग टेबल पर बैठकर उसने नाश्ता किया और फिर टिफ़िन लेकर वो अपने हॉस्पिटल की तरफ चल दिया....उसने अपना जाल फेंक दिया था, अब बाकी का काम शेफाली के हार ने करना था.

***********
अब आगे
***********

हार पहेन्ने के बाद टोपींकी खुद को कहीं की महारानी समझ रही थी...उसने अपनी सॅडी का आँचल तोड़ा और नीचे किया ताकि हार पूरा दिखाई दे...बातरूम मे जाकर वो काफ़ी देर तक उसे निहारती भी रही.

फिर वो एक गाना गुनगुनाती हुई घर का काम करने लगी...
आज सच में उसे अंदर से खुशी हो रही थी...
शादी को 5 साल हो चुके थे उसकी पर आज तक उसके बेवड़े पति ने एक भी गिफ्ट नही दिया था उसे...
हालाँकि दूसरे घरों में काम करने की वजह से वहां की मेमसाब् पुराने कपड़े दे दिया करती थी पर आज तक किसी ने ऐसा नया हार नही दिया था.

ईशा अपने रूम में नाश्ता करने के बाद दवाई लेकर फिर से सो गयी..
रजनी बैठ कर अपना सीरियल देख ही रही थी की तभी उसकी नज़र पिंकी के गले में पड़े नेकलेस पर गयी...
और उसे देखते ही उसके तोते उड़ गये.

वो लगभग चिल्लाते हुए बोली : "अर्रे पिंकी.....ये....ये हार तेरे पास कैसे....''

वो मुस्कुराते हुए बोली : "ये....ये तो साहब ने दिया है मुझे....''

रजनी ने अपना माथा पीट लिया...
ये राजेश को क्या हो गया है...
ये उसे क्यों दे दिया...
आज तक की जो प्लानिंग उन लोगो ने की थी वो इसी हार के इर्द गिर्द ही तो थी...
अगर ये हार पिंकी के पास चला गया तो उनका सारा प्लान ही खराब हो जाएगा...
वैसे तो राजेश को इस बात का अब भरोसा हो चुका था की सिर्फ़ हार को पहनने मात्र से ही शेफाली की आत्मा उस शरीर पर जादू सा कर देती है, बाद में वो हार पहना हो या ना पहना हो, शेफाली का वो जादू बरकरार ही रहता है...
और अभी तक वो, ईशा और चाँदनी तो उस हार को पहन कर मज़े भी ले चुके थे...
पर अभी तो राधिका भी बची थी और हो सकता है बाद में भी वो हार काम आता.

लेकिन राजेश ने वो हार पिंकी को देकर उनके सारे मंसूबों पर पानी ही फेर दिया था.

और पिंकी को वो हार देने के 2 ही मतलब ही सकते थे....
एक, वो उस हार को उसे देकर अपने घर से शेफाली के साए को दूर करना चाहता था ,
दूसरा, वो शायद ये हार पिंकी को देकर उसके उपर भी शेफाली का असर देखना चाहता था...
यानी राजेश का मन पिंकी को चोदने का था.

नही नही....
ऐसा नही हो सकता....
जब राजेश के सामने इतने अच्छे विकल्प है, कच्ची जवानियां है तो वो उस कामवाली के पीछे क्यों भागेगा.

पर ये भी तो हो सकता है की वो देखना चाहता हो की उस हार का असर पिंकी पर होता है या नही...
हाँ , ये पासिबल है,
और शायद इसलिए उसने ऑफीस जाने से पहले वो हार उसे दिया हो ताकि शाम तक या कल उसका असर देखने को मिल जाए..

पर कोई जादू या शेफाली की आत्मा हो तभी तो असर होगा,
ये तो उन सबका प्लान था जो आपस में मिलकर बनाया गया था...
पर अब पिंकी के बीच में आ जाने से उस प्लान की ऐसी तैसी हो चुकी थी.

उसने तुरंत राधिका को कॉल मिलाया और उसे विस्तार से सारी बाते बताई...
और जिन बातों का उसे अंदेशा हो रहा था वो भी बताया.

राधिका भी चकरा गयी इस बात को सुनकर...
फिर दोनो ने यही उपाय निकाला की या तो पिंकी को अपने खेल में शामिल कर लो या फिर उसे एक्टिंग करने के लिए कहा जाए ताकि राजेश का भरोसा उस हार पर बना रहे. और साथ ही उससे वो हार भी वापिस ले लिया जाए.

उस कामवाली को अपने प्लान में शामिल करने का तो सवाल ही नही उठता था,
वो 10 घरों में काम करने वाली औरत अगर बाहर जाकर ये बोल दे की राजेश की बीबी और बेटी ने उसका लंड लेने के लिए ये सब प्लानिंग की है तो वो दुनिया को मुँह दिखाने लायक नही रहेगी.

इसलिए उसे पटाकर राजेश के साथ चुदाई के लिए तैय्यार करवाना पड़ेगा...
और उससे वो हार भी वापिस लेना पड़ेगा
यही सही ऑप्शन था.

कुछ देर बाद जब पिंकी घर का सारा काम निपटा कर जाने लगी तो रजनी ने उसे अपने कमरे में आने के लिए कहा...

उसके अंदर आते ही रजनी ने उसके हाथ में 500 का नोट रख दिया और बोली : "ये पैसे रख ले और आज से अगले 3-4 दिन तक मेरे बदन की मालिश भी कर दिया कर...पिछले कुछ दिनों से काफ़ी दर्द हो रहा है..''

पहले हार और अब 500 रुपय पाकर पिंकी तो खुशी के मारे चहकने ही लगी...

वो बोली : "ठीक है मेमसाब्....आप कपड़े निकालो, मैं तेल गर्म करके लाती हूँ ''

और वो पैसे अपने ब्लाउज़ में ठूसकर वो किचन में चल दी.
Bahut der kar di writer ji aate aate
 
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ruby mittal

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रजनी भी इन लोगो का नेचर अच्छे से जानती थी, इसलिए पहले ही पैसे दिखाकर उसे खुश कर दिया ताकि बाद में वो उस काम के लिए मना ना कर पाए..

एक बार पहले भी उसने पिंकी से मालिश करवाई थी, तब उसे 50 रुपय दिए थे.और तब उसने ब्लाउज़ और पेटीकोट पहन कर मालिश करवाई थी...
पर आज उसने वो दोनो चीज़े भी उतार दी और सिर्फ़ पेंटी और ब्रा में अपने बेड पर लेट गयी.

जब पिंकी अंदर आई तो एक पल के लिए रजनी को ऐसी अवस्था में लेटे देखकर वो चोंक गयी...
पर फिर मंद-2 मुस्कुराते हुए वो बेड के किनारे पर बैठी और गर्म तेल लेकर रजनी के कंधे और बाजुओं को रगड़ने लगी.

पिंकी : "आप तो कपड़ो के अंदर और भी ज़्यादा सुंदर दिखते हो मेमसाब्...साहब तो देखकर पागल हो जाते होंगे इतने गोरे जो हो आप...''

रजनी : "होरे रंग से क्या होता है...दिखने में सैक्सी होना चाहिए...छाती और गांड में चर्बी होनी चाहिए, कोई भी मर्द खुश हो जाएगा...''

पिंकी भी अपनी रजनी के मुंह से इतनी खुली बातों को सुनकर खिलखिला कर हंस दी..

पिंकी : "आप सही बोली मेमसाब्...पर मेरा मरद है ना...वो तो गोरे रंग को देखकर लार टपकाता है....वो तो एक दिन आपके बारे में भी...''

कहते-2 वो रुक गयी...

रजनी के पूरे शरीर में चींटियां सी रेंगने लगी जब उसने ये सुना तो....

वो बोली : "क्या बोला तेरा मरद ....बोल ना....क्या बोला बिरजू''

पिंकी : "वो...वो कुछ नहीं ...बस ऐसे ही....सॉरी...ग़लती से निकल गया...''

रजनी : "देख, जल्दी से बोल, मैं कुछ नही कहूँगी...''

पिंकी (डरते-2 बोली) : "वो...वो उस दिन जब घर की चाबी लेने यहाँ आया था और आपको देखा था तो..तो....रात को...मेरे उपर चड के....वो...बोल रा था....की...''

रजनी : "अर्रे, आगे भी बोल, क्या बोल रहा था....तेरी तो गाड़ी ही रुक गयी...''

पिंकी : "वो बोल रहा था की तेरी मेमसाब् कितनी चिकनी है...मेरे नीचे आए तो फाड़ कर रख दूँ उनकी...''

पिंकी का पति बिरजू दिहाड़ी पर काम करने वाला एक मजदूर था, जो कंस्ट्रक्शन साइट्स पर काम करता था

रजनी का दिल धक्क से रह गया ये सुनकर...
वैसे वो अक्सर रिक्शे वाले या धोबी को देखकर उत्तेजित हो जाया करती थी...
पर इस तरह एक मजदूर के दिल की बात अपने बारे में सुनकर उसकी चूत में पानी ज़रूर भर आया...
और निप्पल भी गर्व के मारे फूल कर कुप्पा हो गये..

पिंकी ने उसके बाद कोई वैसी बात नही की...
बस धीरे-2 रजनी के बदन पर तेल लगाती रही...
जब वो कमर से नीचे तेल लगा रही थी तो रजनी ने हाथ नीचे करके अपनी पेंटी उतार दी....
अब उसकी नंगी और चिकनी गांड पिंकी की आँखो के सामने थी.




एक पल के लिए तो बेचारी पिंकी की समझ में भी नही आया की उसकी मेमसाब् ऐसा क्यों कर रही है...
पर अभी जो वाक़या हुआ था उसके बाद उसकी ज़ुबान पर जैसे ताला लग गया था,
इसलिए गर्म तेल लेकर वो उसके दोनो चूतड़ों को रगड़ने लगी.

रजनी की चूत इस वक़्त बुरी तरह पनिया रही थी....
शायद बिरजू की बात सुन सुनकर और उसके बारे में सोचकर...
वो आँखे बंद किए सोच रही थी की बिरजू उसे घोड़ी बनाकर, पीछे से उसकी चूत को बुरी तरह से चोद रहा है.



वो अपनी जाँघो को आपस में रगड़कर चूत को सहलाने का काम भी कर रही थी,
बाकी की कसर पीछे से पिंकी के हाथ उसकी गांड को रगड़कर कर रहे थे....
एक अलग ही सेंसेशन फील हो रहा था उसे इस वक़्त.

फिर अपनी नशीली आवाज़ में रजनी बोली : "तेरे पति को तो गोरे रंग वाली मेमसाब् पसंद आती है....तुझे भी तो आते होंगे गोरे रंग वाले साब लोग पसंद...''

पिंकी ये सुनते ही मुस्कुरा उठी और बेझिझक बोली : "हाँ ...आते है ना....गोरे-2 साब लोगो का हथियार भी तो गोरा होता होगा...उसे चूसने में कितना मज़ा आएगा....''

और एक बार फिर से अपनी कही बात को बोलकर वो पछता गयी....
और अपनी जीभ को दांतो तले दबाकर अपने सिर पर एक चपत लगाई और मन ही मन खुद पर कंट्रोल करने को कहा..

और यहाँ रजनी के ख्यालात उससे अलग थे...
उसे काला पसंद था...
हालाँकि राजेश का भी कोई गोरा चिट्टा नही था...
पर उसे काला नही कहा जा सकता था...
रजनी के हिसाब से तो मोटा, काला , घने बालो से घिरा हुआ लंड उसकी उत्तेजना को किसी दूसरी ही दुनिया में ले जाएगा...
Uffff ye kitni naughty h dono
 
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