aman rathore
Enigma ke pankhe
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सामने ही बिस्तर पर पड़ी पिंकी भी अपनी काले रंग की चूत को बुरी तरह से मसल रही थी….
और बुदबुदा रही थी..
‘’अहह…….क्या चोद रहा है रे बिरजू…..ऐसे मुझे तो ना चोदा तूने आज तक…..जल्दी निपटा मालकिन को….मेरी चूत की प्यास भी बुझानी है तुझे…..अहह’’
रजनी तो अपने ऑर्गॅज़म के काफ़ी करीब थी….
पहले अपनी गांड मरवाते हुए भी उसकी चूत से काफ़ी रस निकला था…
और अब भी उसकी चूत फटने के कगार पर थी….
और जल्द ही उसने अपनी दोनो टांगे बिरजू के गठीले बदन के चारों तरफ लेपेटी और अपने मुम्मे उसके गले से लगाकर उसे अपने उपर खींच लिया…..
और झड़ते हुए ज़ोर से चिल्ला उठी..
‘’आआआआआआआआआआआआआहह……. मैं तो गयी …..बिरजू………अहह…… मैं तो गयी रे…..’’
बिरजू ने जब अपना तना हुआ लॅंड रजनी की चूत से बाहर खींचा तो पिंकी लपक कर उसके करीब आई और उस रस से सने लॅंड को अपने मुँह में लेकर उसे चूसने लगी…
ये उसने इसलिए किया क्योंकि उसे लॅंड चूसना पसंद था
और इसलिए भी क्योंकि उसे रजनी के जूस का स्वाद और भी ज़्यादा पसंद था…
अपने पति के लॅंड को चूसने में शायद उसे आज तक इतना रोमांच महसूस नही हुआ था जितना आज हो रहा था…
सामने गहरी साँसे ले रही रजनी उन दोनो की प्रेम लीला देखकर अपने आप को संभालने की कोशिश कर रही थी..
बिरजू के लॅंड को पूरा सॉफ करके उसने उसे बेड पर धक्का दिया और टांगे तिरछी करके उसपर चढ़ गयी…
और उसकी आँखो में देखते हुए बोली
‘’तुझे पता है ना…मुझे उपर बैठकर करवाना ज़्यादा पसंद है…’’
और फिर मुस्कुराते हुए उसने लॅंड को चूत पर टीकाया और उसपर फिसलती चलयी गयी…..
ऐसा लागास जैसे वॉटर पार्क में किसी स्लाइड से पूल में फिसल रही हो..
और फिर दोनो ने एक दूसरे के हाथ पकड़े और लय से लय मिलाकर चुदाई करने लगे…
बिरजू के झटके नीचे से उपर आ रहे थे और पिंकी के उपर से नीचे..
दोनो की चुदाई देखकर रजनी को भी काफ़ी मज़ा आ रहा था..
और जल्द ही उस चुदाई का फल दोनो के चेहरे पर दिखाई देने लगा…
बिरजू तो दूसरी चूत मारने के कारण झड़ने के कगार पर पहुँच गया और पिंकी इतनी देर से अपनी चूत में उत्तेजना के सैलाब को दबाए रखने के बाद उसे निकालने की जल्दी में ..
और जब दोनो एक साथ झडे तो उनकी सिसकारियों ने पूरे घर को सिर पर उठा लिया…
पूरा कमरा सैक्स से भरी सिसकारियो से गूँज उठा..
‘’आआआआआआआआआअहह………बिरजू………आअह्ह्हहह…… मैं तो गयी रे…….अहह……..’’
सब कुछ शांत होने के बाद वो बिरजू के साइड में लूड़क गयी….
एक तरफ रजनी थी और दूसरी तरफ पिंकी….
और बीच में दोनो की चुदाई के बाद गहरी साँसे लेता हुआ बिरजू…
आज उसे शायद अपनी किस्मत पर विश्वास नही हो रहा था…
पर जो भी था…
आज का दिन उसका था.
बाद में वो कपड़े पहन कर बाहर निकल गया..
ऐसी मस्ती से भरी चुदाई करवाने के बाद रजनी का अंग-2 टूट रहा था…
उसने तो उठने की भी जहमत नही उठाई…
वैसे ही नंगी अवस्था में सो गयी.
पिंकी ने सारे कपड़े समेत कर साइड में रखे और खुद अपने कपड़े पहन कर नीचे जाकर काम करने लगी.
आज के दिन का रोमांच पूरे दिन रहने वाला वाला था
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