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Incest ज़िंदगी का सफर दीदी के साथ भाग 2

abhaysuri0

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जिंदगी का सफर दीदी के साथ भाग 2

माँ की मौत की खबर सुन कर मुझे दुख तो हुआ पर मैंने मानसिक रूप से पहले से खुद को इसके लिए तैयार कर लिया था उनकी बिगड़ती हुई तबियत को देख कर मुझे एहसास था कि माँ अब ज्यादा दिन हमारे साथ नही रहेंगी मैं घर आया और दीदी को सम्हाल दीदी रोते हुए मेरे सीने से लग गयी और मैं उनको दिलासा देता रहा फिर कुछ दोस्तों और पड़ोसियों की मदद से मैंने माँ का अंतिम संस्कार किया और रात को घर वापस आया तो देखा दीदी कमरे में लाइट ऑफ किये बैठी थी एकदम चुप और शान्त मैंने लाइट ऑन की दीदी का चेहरा रो रो कर एकदम मुरझा गया था मैंने दीदी के पास जा कर उनके सर पर हाथ फिराया और उन्हें समझाया कि दीदी ये तो एक दिन होना ही था माँ की तबियत जिस तरह से बिगड़ती जा रही थी दीदी ने सुबकते हुए कहा नही संजय इस सब के लिए कहीं ना कहीं मैं जिम्मेवार हूँ अगर मैं माँ को वो सब ना बताती तो शायद माँ इतनी जल्दी हमे छोड़ कर ना जाती ये सुन कर मैं चौंक गया कि ऐसा क्या बताया होगा दीदी ने मॉ से मैंने दीदी का हाथ अपने हाथों में पकड़ कर पूछा दीदी ऐसा क्या बताया था आपने मां को तो दीदी सर हिलाते हुए बोली अब वो सब तुम्हे बता कर मैं तुम्हे डिस्टर्ब नही कर सकती वैसे ही हमारे जीवन मे बहोत से दुख हैं।
मैंने दीदी का हाथ पकड़ कर अपने सर पर रखा और उन्हें अपनी कसम देते हुए पूछा कि दीदी अब तो बताना ही पड़ेगा मैं जानना चाहता हूं ऐसा क्या है जो माँ को मालूम था और मुझे नहीं तो दीदी ने लाचारी भरी नजरों से मेरी ओर देखा और बताना शुरू किया…. दीदी बोली यहां दिल्ली आने के बाद जब तुम दिन में आफिस चले जाते तो माँ अक्सर मुझसे मेरी ससुराल के बारे में बातें किया करती थी कि मेरे इतने साल वहां कैसे गुजरे मैंने कई बार बात टाली पर एक दिन मेरे मुह से गुस्से में निकल ही गया कि अब क्या करोगी जान कर जब मैं मना कर रही थी कि मैं वहां शादी नही करूंगी तब तो मेरी एक न सुनी अपने मन की कर ली अब वहां मेरे साथ क्या जुल्म हुए जानने की इच्छा क्यों है तुम्हे और जानना ही चाहती हो तो सुनो जिस इंसान से तुमने मेरे ब्याह किया था वो शादी के बाद हर एक रात शराब पी कर मेरा बलात्कार करता था मैं बीमार रहूं य्या पीरियड में पर वो हर रोज किसी दरिंदे की तरह मेरे जिस्म को नोचता था और विरोध करने पर मुझे पीटा जाता पर तुम्हे इस से क्या तुमने तो अपना बोझ हल्का कर लिया और सुनो उसका छोटा भाई भी मेरे साथ कई बार बलात्कार करता रहा और उसकी माँ और मेरे पति को सब मालूम था पर वो जाना कर भी अनजान बने रहते और मुझे चार साल तक उन दोनों भाइयों के हवस की आग बुझानी पड़ी यही जानना चाहती थी ना तुम….. दीदी के मुह से शब्द अंगारों जैसे निकल रहे थे और ये सब सुन कर माँ को ऐसा आघात लगा कि 6 महीनों में ही वो ये दुनिया छोड़ गई।
ये सुन कर मुझे भी बहोत बुरा लगा कि मेरी फूल सी प्यारी बहन पर इतने जुल्म हुए पर मैंने खुद को सम्हालते हुए कहा दीदी अब तक जो भी हुआ वो जिंदगी का एक बुरा दौर था जो बीत चुका मैं उसे तो नही बदल सकता पर अब के बाद हमारे जीवन मे कभी कोई दुख नही आएगा और मैं तुम्हे हर वो खुशी दूंगा जिसकी तुम हकदार हो रही बात माँ की मौत की तो तुमने उन्हें वो ही बताया तो सच था और जो भी हुआ उसका जिम्मेवार वो खुद ही थीं क्यों कि तुम्हारी शादी का फैसला उनका फैसला था इसलिए तुम खुद को दोषी मत मानो।
मेरे शब्दों से दीदी के मन का बोझ कुछ हल्का हुआ फिर मैं बाजार से कुछ खाने को लाया और दीदी को जबरदस्ती खिलाया और खुद भी थोड़ा सा खा कर अपने बिस्तर पर जा लेटा और आने वाले समय के बारे में सोचने लगा।
अगले दिन से मेरी दिनचर्या फिर पहले जैसे चलने लगी सुबह उठना रेडी हो कर आफिस जाना 9 से 5 जॉब और फिर वापस घर अगले 8-9 महीने तक ऐसे ही चलता रहा और अब दीदी भी एकदम सामान्य हो गईं थीं।
अच्छा खाने पीने से और सामान्य माहौल में रहने की वजह से धीरे धीरे दीदी के चेहरे पर लाली आने लगी थी और वो दिन ब दिन निखरती जा रही थीं और मैं भी अपनी सख्त ड्यूटी से ऊब रहा था फिर एक दिन मैं अपने कमरे में बैठा लैपटॉप पर काम कर रहा था और काम से थक कर मैंने कुछ और करने का सोचा और लैपटॉप पर स्टोरी लिख कर सर्च किया मैंने इस से पहले इंटरनेट पर कभी भी सेक्स रिलेटेड कुछ भी देखा सुना नही था और ना ही मुझे कभी वक़्त मिला इन सब चीजों के लिए पर आज वो एक शब्द सर्च करते ही मेरे सामने एक नई दुनिया थी ढेर सारी सेक्स स्टोरीज हर तरह की फैमिली सेक्स भाई बहन की चुदाई वो सब देख कर बाद अजीब सा महसूस हुआ फिर मैंने एक स्टोरी पर क्लिक किया और उसे पढ़ने लगा मेरी उम्र भी 27 की हो गयी थी और कभी सेक्स के बारे में ज्यादा सोच नहीं पाया था पर आज वो पढ़ते ही मेरा बदन गरम होने लगा और मेरा लंड जिसे मैं अब तक सिर्फ मूतने के काम लाता था वो सर उठा कर फुंफकारने लगा मैंने उसे बाहर निकाल कर सहलाया तो बड़ा अच्छा लगा और फिर मैं उसे सहलाते हुए वो पूरी स्टोरी पढ़ गया फिर मेरी और कहानियां पढ़ने की इच्छा हुआ तो मैंने एक एक कर के कई कहानियां पढ़ डाली और आखिर में लंड ने एक झटका खाया और बिस्तर पर ढेर सारा गाढ़ा चिपचिपा पानी फैल गया….. उस दिन से मैं हर रोज रात में सब काम निपटाने के बाद कुछ कहानियां पढ़ता और ऐसे ही लंड सहला कर अपना पानी निकाल देता धीरे धीरे मुझे इसकी आदत पड़ गयी और एक दिन मेरे एक दोस्त ने मुझे अपने फ़ोन पर पोर्न दिखाई तब मुझे पता चला कि इंटरनेट पर मज़े का खजाना है बस ढूंढने की जरूरत है।
अब मैं रोज देर रात तक लैपटॉप पर सेक्स स्टोरीज पड़ता और पोर्न भी देखता पर दो चार दिन ही पोर्न देखने के बाद मुझे सेक्स करने की इच्छा होने लगी अब मैं दीदी के साथ भी ज्यादा वक्त नही बिताता था बस आफिस और घर आ कर अपने रूम में बंद रात में जब दीदी नॉक करती तो खाना खाने निकलता और खा कर फिर से कमरे में बंद जब काफी दिनों तक ये ही चलता रहा तो एक दिन संडे को जब मैं देर रात तक पोर्न देख कर तीन बार हल्का हो के सुबह 11 बजे सो कर उठा और फ्रेश हो कर बाहर आया तो दीदी ड्राइंग रूम में बैठी tv देख रही थी मैं जा कर वही बैठ गया और बोला दीदी चाय पिला दो।
दीदी उठी और चाय बना कर ले आयी मुझे दे कर मेरे पास बैठ गयी और बोली संजय आजकल तुम बहोत व्यस्त रहते हो सारा दिन आफिस और फिर बस अपने कमरे में तुम मुझे भूल ही गए हो कि मैं भी घर मे हूँ सारा दिन अकेले रहते बोर हो जाती हूँ मेरा भी मन होता है किसी से बातें करूँ. ….. ये सुन कर मुझे एहसास हुआ कि मैं दीदी के साथ गलत कर रहा हूँ वो भी इंसान हैं और उन्हें भी किसी के साथ कि जरूरत है मैंने कहा हां दीदी कुछ वर्कलोड ज्यादा था लास्ट मंथ पर अब से आपको शिकायत का मौका नहीं दूंगा दीदी बोली मैं समझती हूं तुम्हारी निजी जिंदगी है काम है पर थोड़ा से वक़्त मुझे भी चाहिए तुम्हारा अकेले जिंदगी काटना बहोत मुश्किल होता है मैंने दीदी का हाथ अपने हाथों में लिया और सहलाते हुए कहा आई एम सॉरी दीदी मैं हमेशा आपके साथ हूँ और मैंने जो गलती की इसकी पेनाल्टी दे देता हूँ आज संडे को फनडे बना कर।
वो मेरी ओर देखने लगी उनकी कुछ समझ में नहीं आया मैंने कहा जल्दी से तैयार हो जाओ आज तुम्हे दिल्ली घुमाते हैं… दीदी खुशी से बोली सच हम घूमने जाएंगे मैंने कहा हां मेरी दीदी जी आज हम घूमने जाएंगे और आज देर रात तक मैं सिर्फ आपके साथ रहूंगा कोई काम नही दीदी के गोर मुखड़े की रौनक बढ़ गयी ये सुन कर सुर वो अपने रूम में चली गयी मैं भी अपने रूम में आया और ब्लू जीन्स व्हाइट शर्ट निकाली बॉडी पर बॉडी स्प्रे डाल कर कपड़े पहने ब्लैक शूज और काला चश्मा…. शक्ल सूरत तो अच्छी थी ही कुल मिला कर मैं जँच रहा था मैं तैयार हो कर बाहर आ गया दीदी के रूम का दरवाजा अब भी बंद था मैं सोफे पर बैठ कर उनका इंतजार करने लगा और जब 10 मिनट तक वो नही आई तो मैंने आवाज़ दी उन्हें….. दीदी कितनी देर लगेगी अब चलो भी दीदी की आवाज़ आयी बस 2 मिनट पर लेडीज का 2 मिनट तो 15 मिनट से पहले होता नहीं और फिर दरवाजा खुला दीदी बाहर आई मैं उन्हें देखता ही रह गया अब तक दीदी घर मे नार्मल से कपड़ो में रहती थी बिना मेकअप के पर पहली बार उन्हें थोड़ा सा सजा सँवरा हुआ देख रहा था मेरा मुह खुला रह गया दीदी ने आसमानी साड़ी पहनी थी और एकदम कसा हुआ ब्लाउज और आंखों में हल्का सा काजल और होठो पर गुलाबी लिपस्टिक कुल मिला कर वो एक कॉलेज गर्ल लग रही थीं जिसने साड़ी पहनी हो…. वो मेरी हालत देख कर हंसते हुए बोली ऐसे क्या देख रहा है पहली बार देखा क्या मुझे मैंने जैसे जागते हुए कहा नही दीदी देखा तो हजारों बार है पर अपनी शादी के दिन तुम इतनी ही खूबसूरत लग रही थी जितनी आज लग रही हो दीदी के गालों पर शर्म की लाली फैल गयी और वो थोड़ी सी उदास भी हो गईं उस शादी की बात सुन कर जिसने उनकी जिंदगी बर्बाद कर दी थी मुझे भी अपनी गलती का अहसास हुआ और मैंने कार की चाभी उठाते हुए कहा चलें प्रिंसेस रुचि जी….
मेरी बात सुन कर वो हल्का सा मुस्कुरा दी उन्हें मुस्कुराते देख मुझे भी राहत मिली फिर हम नीचे आये और मैने कार का आगे वाला गेट खोल कर कहा आइए मैडम प्लीज मेरी इस हरकत पर दीदी खिलखिला कर हंस पड़ी और बैठ गईं मैं घूम कर ड्राइविंग सीट पर आया और कार स्टार्ट की।
पर इतने सब मे ही मुझे दीदी की ओर एक खिंचाव सा होने लगा था और मन मे सोचने लगा कि दीदी कितनी खूबसूरत और अकेली हैं क्या उन कहानियों में बने हुए रिश्ते ऐसी ही स्थितियों में बनते होंगे ये सब सोचते हुए मैं कार चलाते हुए एक मॉल की पार्किंग में कार लगा कर कर बंद कर के बाहर आया और गेट खोल कर बोला प्लीज कम मैडम दीदी बाहर आईं और बोली इतना खुश मत कर मुझे संजू जब भी ज्यादा खुश होती हूँ भगवान कोई न कोई दुख डाल देता है मैंने कहा दीदी अब ये सब बातें भूल भी जाओ जो होना था हुआ पर अब ऐसा कुछ नही होने वाला अब से तुम्हारी जिंदगी सिर्फ खुशियों से भरी होगी और मैं दीदी का हाथ थामे हुए उन्हें ले कर मॉल के अंदर आ गया दीदी बोली यहाँ कहाँ घुमाने लाये हो मैंने कहा सब से पहले आज मैं आपको शॉपिंग करवाउँगा तो दीदी बोली कपड़े तो हैं मेरे पास मैंने कहा अब आप गांव में नही दिल्ली में हो कपड़े भी उसी हिसाब से होने चाहिए दीदी ने फिर कहा फालतू पैसे मत खर्च करो संजय ये सुन कर मेरा मूड खराब हो गया और मैंने उन्हें घूरते हुए कहा चलो वापस घर चलते हैं….. दीदी समझ गयी कि उनकी टोका टाकी से मेरा मूड ऑफ हो रहा है तो बोली अच्छा ठीक है जैसी तुम्हारी मर्ज़ी चलो…. फिर मैं दीदी को ले कर लेडीज सेक्शन में आया और सब से पहले जीन्स और टॉप निकलवाये काउंटर पर मौजूद सेल्स गर्ल ने नए फैशन की ढेर सारी जीन्स और टॉप का ढेर लगा दिया मैंने कहा पसन्द कर लो….. दीदी ने कहा जीन्स तो मैं नही पहनती पर उनकी आंखों में एक लालच नजर आ रहा था उन कपड़ो को देख कर मैंने कहा अब से पहनना शुरू कर दो और फिर दीदी ने दो जीन्स और दो टॉप सेलेक्ट कर लिये फिर मैंने सेल्स गर्ल को कहा नाइटी दिखाओ तो उसने कई सारी सिंपल सी नाइटी निकाल दी मैंने कहा कुछ स्पेशल दिखाओ तो उसने सिल्की कपड़े में कुछ खूबसूरत सी नाइटी दिखाई मैंने उनमें से एक ब्लैक और एक रेड कलर की पसन्द कर ली वो सब पैक करवा कर पेमेंट कर के आगे बढ़े तो दीदी ने कहा संजय मेरे पास अंडर गारमेंट्स नही हैं गाँव मे तो पहनती ही नही थी ना कोई ला कर देता था फिर मैं उन्हें ले कर अंडर गारमेंट्स वाले सेक्शन में गया वहा सेल्स गर्ल एक 35 साल की लेडी थी मैंने कहा इनके लिए अंडर गारमेंट्स चाहिए तो उसने साइज पूछा दीदी ने मुह नीचे झुका के धीरे से बताया 34 साइज की ब्रा और 36 कि पैंटी उसने नार्मल कॉटन की ब्रा पैंटी दिखाई और दीदी ने दो ब्रा और दो पैंटी ले ली मैंने कहा कुछ और दिखाइए कॉस्टली तो उसने नेट की कुछ फैंसी ब्रा पैंटी दिखाई जिनमे सिर्फ नाम का कपड़ा था उसमें से एक रेड कलर का सेट मुझे बहोत अच्छा लगा मैं उसे उठा कर देखने लगा तो वो लेडी बोली भाई साहब ये ले लीजिए ये एकदम लेटेस्ट है और भाभी जी पर खूब जंचेगा…. वो हमें पति पत्नी समझ रही थी दीदी ने हैरानी से मेरी ओर देखा और उसे टोकने के लिए मुह खोला ही था कि मैंने उसे वो सब पैक करने को बोला और दीदी को चुप रहने का इशारा किया दीदी ने धीरे से फुसफुसा कर मेरे कान में कहा कि ये क्यों ले रहे ही मेरे किस काम की ये मैंने कहा पहनने की चीज है तो पहनने के काम ही आएगी और पेमेंट कर के आगे बढ़ गया फिर हम कॉस्मेटिक काउंटर पर गए और मैने ढेर सारा मेकअप का सामान लैक्मे की लिपस्टिक नेल पॉलिश काजल etc खरीदा दीदी ने एक दो बार मुझे मना करने की कोशिश की पर मैंने उनकी एक ना सुनी फिर मैं इलेक्ट्रॉनिक शॉप पर गया और एक बढ़िया सा samsung का स्मार्ट फ़ोन 22000 रुपये का खरीदा और सारा सामान ले कर हम वापस कार में आ गए लगभग 40000 की शॉपिंग हो गयी थी….. कार में बैठते ही दीदी बोली ये सब फालतू का सामान ले कर क्यों पैसे फूंके मैं इसका क्या करूंगी विधवा औरतों को साज श्रृंगार की जरूरत नही होती….. मैंने दो पल के लिए दीदी की आंखों में देखा मेरे चेहरे पर थोड़ी सख्ती थी दीदी ज्यादा देर मुझसे नजर नही मिला पाई और नजरें झुका ली।
मैंने अपना हाथ दीदी के हाथ पर रखा और उनके हाथों को अपने हाथ मे ले कर कहा दीदी मैं चाहता हूं तुम अपनी लाइफ से ये 4 साल डिलीट कर दो ये समझ लो कि तुम्हारी शादी कभी हुई ही नही ये बस एक बुरा हादसा था तुम्हारे जीवन का और बुरे हादसे याद नही रखे जाते….. मेरी बात सुन कर उन्होंने वापस मेरी ओर देखा और इस बार मैं बड़े प्यार से उनकी गहरी आंखों में झांक कर उन्हें समझाते हुए बोला दीदी अभी तुम्हारी उम्र ही क्या है सिर्फ 28 साल और आप सच मे एक कॉलेज गर्ल सी ही लगती हो अगर आप अच्छे से ड्रेस पहन कर मेकअप कर के निकलो तो लड़को की लाइन लग जायेगी आपके पीछे…. ये सुन कर दीदी हल्के से मुस्कुरा दी….. मैंने कहा दीदी वो सब अब भूल जाओ और नई जिंदगी को अपने हिसाब से जियो ये शादी विधवा पति की मौत इस सब को दिमाग से निकाल फेंको खुश रहो और मैं चाहता हूं कि आप दोबारा शादी कर लो….. दीदी ने थोड़ा सा गंभीर होते हुए कहा मुझे पता है तू सारी जिंदगी मेरा बोझ नहीं उठा सकता पर मैं अब दोबारा शादी नहीं करूंगी मेरा पहला अनुभव इतना खराब था कि मुझे शादी शब्द से ही चिढ़ हो गयी है….. मैंने कहा दीदी दोबारा ऐसा मत कहना कि आप बोझ हो मुझ पर… मैं सारी जिंदगी आपको इतनी ही खुशी और प्यार से अपने साथ रखूंगा पर मैं ये सिर्फ इसलिए कह रहा था कि जिंदगी काटी तो कैसे भी जा सकती है पर जीने के लिए एक साथी या लाइफ पार्टनर की जरूरत तो होती ही है…. दीदी बोली तुझे जरूरत नही है लाइफ पार्टनर की तू कर ले शादी मैंने हंस कर कहा कोई आप जैसी खूबसूरत लड़की मिले तो सही शादी भी कर लूंगा पर लड़की एकदम आप जैसी ही चाहिए…… दीदी बोली क्यों मेरे जैसी क्यों चाहिए…. पता नही कैसे मेरे मुह से निकल गया…. क्यों कि आप मुझे बहोत अच्छी लगती हो दीदी आपसे बहोत प्यार करता हूँ मैं….. पर इतना बोलते ही मुझे लगा कि ये कुछ ज्यादा हो गया और मैंने कार स्टार्ट कर के पार्किंग से निकाली और ड्राइव करते हुए एक pvr आ गया कार फिर से पार्किंग में लगा कर हम बाहर आये और मैंने दो टिकट ले ली दोपहर का शो था और ज्यादा भीड़ नही थी….. जिस्म2 का शो था फिर मैंने पॉपकॉर्न और कोल्ड ड्रिंक लिया और हम अंदर चले गए….. एक कार्नर सीट पर जा कर बैठे और थोड़ी देर में ही फ़िल्म शुरू हो गयी…. मैंने पॉपकॉर्न का बॉक्स दीदी की गोद मे रख दिया और फ़िल्म देखने लगे….. मैं बीच बीच मे दीदी की गोद मे रखे हुए बॉक्स में से पॉपकॉर्न निकाल रहा था और ऐसे में ही एक बार मेरा हाथ अंधेरे में उनके ब्लाउज में कसे हुए बूब पर लग गया मैंने फौरन सम्हल कर नीचे देख कर बॉक्स में हाथ डाला और दीदी को सॉरी बोली दीदी बोली कोई नही अंधेरे में हो जाता है….. पॉपकॉर्न खत्म होने पर मैंने दीदी का हाथ अपने हाथ मे ले लिया और हम फ़िल्म देखने लगे फ़िल्म में दो तीन काफी गरम सीन थे पर हमने उस पर कोई बात किये बिना चुपचाप पूरी फ़िल्म देखी और फिर जब फ़िल्म खत्म हुई तो उस टाइम मेरा लंड पूरी तरह से तन कर खड़ा था मुझे दीदी एकदम सनी लियोन नजर आ रही थी मैंने हॉल में ही अपने खड़े लंड को किसी तरह पैंट में एडजस्ट किया और हम बाहर आ गए….. पर मेरे सीट से खड़े होते ही दीदी ने मेरा हाथ कस के अपने हाथ मे पकड़ लिया और वैसे ही हाथ पकड़े हुए बाहर आई हम पार्किंग तक ऐसे ही हाथों में हाथ डाल कर आये और मुझे ऐसा लग रहा था मानो मैं अपनी गर्ल फ्रेंड के साथ मूवी देख कर निकला हूँ….. फिर हम कार में बैठे शाम के साढ़े पांच बजे थे मैंने कार सीधा इंडिया गेट की ओर बढ़ा दी और वहां एक जगह साइड में लगा कर हम बाहर आये मैंने दीदी को बताया कि ये इंडिया गेट है…. वो काफी खुश थीं वहां की रौनक देख कर फिर मैं एक स्टाल से icecream ले आया और हम वही एक खाली जगह पर बैठ कर icecream के मज़े लेते हुए बातें करने लगे…. मैंने जो फ़ोन खरीदा था वो मेरे जेब मे था icecream खत्म होते ही मैंने दीदी से उनका फ़ोन मांगा उन्होंने पर्स से फ़ोन निकाल कर मुझे दिया ये एक पुराना की पैड वाला साधारण फोन था मैंने उसका सिम निकाल कर तोड़ कर फेंक दिया और उस नये फ़ोन में एक जियो सिम जो मैंने फ़ोन के साथ ही लिया था डाल कर दीदी को दिया और बोला ये लीजिए मैडम जी एक छोटा सा गिफ्ट मेरी ओर से दीदी के चेहरे खुशी से भरी हुई मुस्कान थी मैंने कहा दीदी अब से आप घर पर बोर मत होना ये स्मार्ट फोन हर अकेले इंसान का सब से अच्छा दोस्त है….. दीदी के पास शादी से पहले कुछ टाइम तक स्मार्ट फ़ोन था तो उन्हें थोड़ी बहुत नॉलेज थी इंटरनेट के बारे में…. बाकी वो पढ़ी लिखी तो थी ही….. दीदी बोली इतना सब खर्चा कर के कितने अहसान करेगा मुझ पर पहले ही तेरे इतने अहसान है मुझ पर ये सुन कर मेरे चेहरे पर फिर गुस्सा आ गया और मैंने झुंझलाते हुए कहा दीदी आप ये एक ही सड़ा हुआ डायलॉग क्यों बोल रही हो बार बार बहन हो आप मेरी मेरा आप पर और आप का मुझ पर पूरा अधिकार है…. और इस दुनिया मे हम दोनों का एक दूसरे के सिवा कोई नही है मुझे खुशी मिलती है मैं आपके लिए इस से भी ज्यादा बहोत कुछ करना चाहता हूं आप एक बार बोलो तो सही आप क्या चाहती हो मैं आपकी खुशी के लिए कुछ भी कर सकता हूँ जान भी दे सकता हूँ दीदी हैरानी से मेरा मुह देखने लगी और उनकी आंखों से आंसू टपकने लगे उन्होंने मेरे कंधे पर सर रख दिया और डबडबायी आंखों से मुझे देखते हुए बोली संजू इतना प्यार करता है तू मुझे मैंने उनकी पीठ पर हाथ रख कर उन्हें प्यार से सहलाते हुए कहा हां दीदी आप सोच नही सकती उस से भी ज्यादा प्यार करता हूँ मैं आपको….. फिर हम काफी देर तक वहां बैठे बातें करते रहे और अब दीदी काफी हल्की और खुश नजर आ रही थीं बातों बातों में उन्होंने कहा संजय मैं पढ़ना चाहती हूं मैंने कहा इसमे क्या मुश्किल है नेक्स्ट सेशन शुरू होते ही आपका एडमिशन करवा दूंगा कॉलेज में दीदी ने खुशी से कहा तुझे मेरे पढ़ने से कोई प्रॉब्लम नही मैंने कहा एकदम नही ये तो अच्छी बात है कि आप पढ़ना चाहती हो…. दीदी बोली हां सोच रही हूं कि जैसा तुम कह रहे हो नये सिरे से जिंदगी शुरू करूँ….. शाम के साढ़े सात बजे थे अंधेरा हो चुका था मैंने कहा अब चलते हैं दीदी भूख लगी है फिर हम कार में आये और मैंने कार स्टार्ट की और एक अच्छे से रेस्टोरेंट में लगाई दीदी बोली सारा खर्चा आज ही कर लेगा क्या…. मैंने कहा इतना सारा पैसा है क्या करूँगा सर पे ले के थोड़े घूमना है खर्च करने के लिए ही है फिर हम रेस्टोरेंट में आये और आज मैंने दीदी से बोल दिया कि आर्डर आप को ही देना है आप जो खिलाओगी खा लूंगा दीदी ने खाना आर्डर किया हमने खाना खाया और खा पी कर बाहर आये कार में बैठे मैंने कहा और बताओ दीदी…. अब कहाँ चले वो बोली अब बस सीधा घर चलो मैंने कहा ठीक है और फिर हम घर आ गए….. मैं कार से सारे सामान निकाल कर लाया और फिर हम ऊपर अपने फ्लैट में आ गए चाभी मेरी जेब मे थी और मेरे हाथों में सामान था मैंने कहा दीदी मेरी जेब से चाभी निकालो तो दीदी ने मेरे जेब मे हाथ डाला और संयोग से मेरा लंड जो मूवी देखने के बाद से लगातार खड़ा ही था उसे मैंने घुमा कर उसी साइड में किया हुआ था जिस तरफ की जेब मे चाभी थी दीदी ने तेजी में हाथ अंदर डाला और चाभी पकड़ने के लिए उंगलियां घुमाई जेब के अंदर और उनकी उंगलियां चाभी से पहले मेरे लंड पर टकराई….. और कुछ समझने से पहले उन्होंने अच्छे से हाथ से टटोल कर लंड की सख्ती महसूस की ये इतनी जल्दी में हुआ कि उन्हें और मुझे कुछ समझ ही नही आया और जब उन्हें समझ आया कि वो क्या चीज है तो उन्होंने जल्दी से हाथ बाहर निकाल लिया मुझे भी समझ नही आया क्या करूँ तो मैं एकदम से बोला दीदी चाभी निकालो ना क्या कर रही हो उन्होंने एक पल सोचा और फिर से हाथ मेरी जेब मे घुसाया पर ना चाहते हुए भी उनका हाथ मेरे सख्त हुए सुपाड़े को टच करता हुआ ही अंदर गया और उन्होंने एक बार हाथ घुमा कर अच्छे से चाभी को टटोला पर वो रुमाल और फ़ोन के बीच मे उलझी पड़ी थी उन्होंने चाभी पकड़ कर खींची और एक बार फिर से उनकी उंगलियां लंड की सख्ती को महसूस करती हुई बाहर आ गईं….. उन्होंने जल्दी से चाभी लगा कर दरवाजा खोला और अंदर चली गईं मुझे तो इस घटना से बड़ा मजा आया….. मैं भी अंदर आ कर सारा सामान टेबल पर रख कर बोला अब बताओ दीदी कैसा रहा आज का दिन दीदी मेरी ओर देख कर बोली मज़ा तो खूब आया आज इतने दिन बाद घर से बाहर निकल कर मैंने कहा कल से हम रोज शाम को पास वाले पार्क तक घूमने जाया करेंगे और हर संडे को मूवी और डिनर के लिए दीदी एकदम खुश हो कर बोली कितना खयाल है तुझे मेरा….. मैंने थोड़ा शरारती लहजे में कहा अब मेरी कोई गर्ल फ्रेंड तो है नही जिसका ख्याल रखूं ले दे कर एक आप ही हो मेरा परिवार मेरी दोस्त मेरी अपनी आप का भी ना रखूं तो क्या पड़ोसियों का ख्याल रखूं…. दीदी हंस कर बोली बातें बनाना खूब सीख गया है अब तू मैंने कहा मैनेजर हूँ 20 लोगों का स्टाफ सम्हालता हूँ अगर बातें भी नही बनाऊंगा तो कैसे काम चलेगा….. फिर मैं अपने रूम में गया और चेंज कर के बाहर आया मैंने हाफ पैंट और बनियान पहनी थी और मेरा लंड अब कुछ नरम पड़ा था फिर भी इतना सख्त था कि हाफ पैंट में उभार बना हुआ था मैं सोफे पर बैठ कर tv ऑन किया और क्रिकेट मैच देखने लगा आवाज़ सुन कर दीदी भी बाहर आ गयी उन्होंने अब भी वही साड़ी पहन रखी थी मैंने कहा दीदी चेंज तो कर लो अब तो नाइटी भी है तुम्हारे पास दीदी ने कहा अभी पहनू क्या मैंने कहा अभी मत पहनो नेक्स्ट संडे जब घूमने चले तब पहनना तो बोली पागल है क्या कुछ भी….. मैंने कहा लो पागलपन की बात खुद कर रही और पागल मुझे कह रही नाइटी रात में घर मे पहनते हैं तो अभी ही पहनोगी ना दीदी हंसते हुए बोली ठीक है पहन लेती हूं मेरी टांग मत खींच मैं उठ कर दीदी के पास आया और उनका गोरा गाल पकड़ के चुटकी से खींचते हुए बोला ठीक है मेरी प्यारी बहन टांग नही गाल तो खींच लूं ना…. वो शर्मा के अंदर भाग गई और मुझे उनकी ये अदा बड़ी प्यारी लगी…. फिर 10 मिनट बाद दीदी ने दरवाजा खोला और सहमी सी बाहर आई वो नाइटी घुटनो से कुछज इंच नीचे तक ही थी और उसका कपड़ा काफी हल्का था दीदी की ब्रा का शेप साफ नजर आ रहा था ये देख कर मेरे लंड में हल्का सा करंट आया और उसने सर उठा दिया मैंने कहा क्या हुआ दीदी वो बोली ये कुछ ज्यादा ही मॉर्डन है मैंने कभी ऐसे कपड़े पहने नही मैंने कहा तो क्या हुआ ये शहर है पहली बात यहाँ तुम्हे कौन जानता है दूसरी बात घर मे सिर्फ हम दोनों हैं कौन यहां देख रहा तुम्हे तीसरी बात यहाँ सभी ऐसे ही कपड़े पहनते हैं और तुम कौन सा अभी 70 साल की हो गयी हो हाँ अगर मेरी वजह से कोई प्रोब्लम है तो अलग बात है….. इतना बोल के मैं चुप हो के उनके बोलने का इंतजार करने लगा उन्होंने सोफे पर बैठते हुए कहा बात तो ठीक है यहाँ तुम्हारे सिवा कौन है और तुम तो घर के हो तुमसे क्या….. मैंने कहा अब लग रहा है तुम उस गांव से नीकल कर शहर आ रही हो धीरे धीरे मेंटली…. दीदी मुस्कुराने लगी मेरा लंड दीदी को इस रूप में देख कर बगावत कर रहा था वैसे भी ये मेरा पोर्न देख कर मुठ मारने का वक़्त था पर मैंने खुद को और अपने लंड को समझाया कि बाद में और खड़े हो रहे लंड को हाथ से दबा के समझाने की कोशिश की पर हाथ लगने से वो और झटके मारने लगा और मुझे वो दीदी की उंगलियों की छुवन याद आ गयी मैंने उठते हुए कहा दीदी मैं बाथरूम ही के आता हूँ…. और मैं उठ कर बाथरूम आया दरवाजा बंद कर के मैंने लंड बाहर निकाला और उसे सहलाते हुए शीशे में खुद को देखा गोरा चिट्टा लंबा कद छरहरा बदन…. कोई भी लड़की आसानी से पट जाए मुझसे…. पर कभी इस बारे में सोच ही नही पाया…. और मेरी किसी लड़की के जिस्म को पाने की इच्छा प्रबल होने लगी और मैं आंखें मूंद कर लंड को हिलाते हुए मुठ मारने का आनंद लेने लगा आज कुछ ज्यादा ही मज़ा आ रहा था और लंड हिलाते हुए ही मेरे खयालो में दीदी का नाइटी में वो सुहाना रूप छा गया मुझे लगा मैं लंड हिला रहा हूँ और दीदी मुझे लंड हिलाते हुए देख रही है झटके से मैंने आंखे खोली देखा मैं तो बाथरूम में हूँ….. फिर से आंख मूंद कर दीदी के बारे में सोचते हुए लंड हिलाने लगा और मेरे खयालो में आने लगा दीदी की ब्रा के अंदर चूचियाँ कैसी होंगी दीदी की चूत कैसी होगी क्या मैं कभी दीदी को ऐसे देख पाऊंगा और तभी मेरे दिमाग मे एक खयाल आया….. अगर मैं बाथरूम में कैसे भी हिडेन कैमरा लगवा दूँ तो शायद मैं दीदी का नंगा जिस्म तो देख ही सकता हूँ और ये सोचते ही मेरे लंड से धार निकल गयी ढेर सारा माल कमोड में टपका कर मैं हाथ धो कर बाहर आ गया अब पैंट का उभार काम था……
शेष अगले भाग
 
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sunoanuj

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Nice restarting…. Bahut hi behtarin updates… waiting for next update 👏🏻👏🏻👏🏻👏🏻
 

karan77

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जिंदगी का सफर दीदी के साथ भाग 2

माँ की मौत की खबर सुन कर मुझे दुख तो हुआ पर मैंने मानसिक रूप से पहले से खुद को इसके लिए तैयार कर लिया था उनकी बिगड़ती हुई तबियत को देख कर मुझे एहसास था कि माँ अब ज्यादा दिन हमारे साथ नही रहेंगी मैं घर आया और दीदी को सम्हाल दीदी रोते हुए मेरे सीने से लग गयी और मैं उनको दिलासा देता रहा फिर कुछ दोस्तों और पड़ोसियों की मदद से मैंने माँ का अंतिम संस्कार किया और रात को घर वापस आया तो देखा दीदी कमरे में लाइट ऑफ किये बैठी थी एकदम चुप और शान्त मैंने लाइट ऑन की दीदी का चेहरा रो रो कर एकदम मुरझा गया था मैंने दीदी के पास जा कर उनके सर पर हाथ फिराया और उन्हें समझाया कि दीदी ये तो एक दिन होना ही था माँ की तबियत जिस तरह से बिगड़ती जा रही थी दीदी ने सुबकते हुए कहा नही संजय इस सब के लिए कहीं ना कहीं मैं जिम्मेवार हूँ अगर मैं माँ को वो सब ना बताती तो शायद माँ इतनी जल्दी हमे छोड़ कर ना जाती ये सुन कर मैं चौंक गया कि ऐसा क्या बताया होगा दीदी ने मॉ से मैंने दीदी का हाथ अपने हाथों में पकड़ कर पूछा दीदी ऐसा क्या बताया था आपने मां को तो दीदी सर हिलाते हुए बोली अब वो सब तुम्हे बता कर मैं तुम्हे डिस्टर्ब नही कर सकती वैसे ही हमारे जीवन मे बहोत से दुख हैं।
मैंने दीदी का हाथ पकड़ कर अपने सर पर रखा और उन्हें अपनी कसम देते हुए पूछा कि दीदी अब तो बताना ही पड़ेगा मैं जानना चाहता हूं ऐसा क्या है जो माँ को मालूम था और मुझे नहीं तो दीदी ने लाचारी भरी नजरों से मेरी ओर देखा और बताना शुरू किया…. दीदी बोली यहां दिल्ली आने के बाद जब तुम दिन में आफिस चले जाते तो माँ अक्सर मुझसे मेरी ससुराल के बारे में बातें किया करती थी कि मेरे इतने साल वहां कैसे गुजरे मैंने कई बार बात टाली पर एक दिन मेरे मुह से गुस्से में निकल ही गया कि अब क्या करोगी जान कर जब मैं मना कर रही थी कि मैं वहां शादी नही करूंगी तब तो मेरी एक न सुनी अपने मन की कर ली अब वहां मेरे साथ क्या जुल्म हुए जानने की इच्छा क्यों है तुम्हे और जानना ही चाहती हो तो सुनो जिस इंसान से तुमने मेरे ब्याह किया था वो शादी के बाद हर एक रात शराब पी कर मेरा बलात्कार करता था मैं बीमार रहूं य्या पीरियड में पर वो हर रोज किसी दरिंदे की तरह मेरे जिस्म को नोचता था और विरोध करने पर मुझे पीटा जाता पर तुम्हे इस से क्या तुमने तो अपना बोझ हल्का कर लिया और सुनो उसका छोटा भाई भी मेरे साथ कई बार बलात्कार करता रहा और उसकी माँ और मेरे पति को सब मालूम था पर वो जाना कर भी अनजान बने रहते और मुझे चार साल तक उन दोनों भाइयों के हवस की आग बुझानी पड़ी यही जानना चाहती थी ना तुम….. दीदी के मुह से शब्द अंगारों जैसे निकल रहे थे और ये सब सुन कर माँ को ऐसा आघात लगा कि 6 महीनों में ही वो ये दुनिया छोड़ गई।
ये सुन कर मुझे भी बहोत बुरा लगा कि मेरी फूल सी प्यारी बहन पर इतने जुल्म हुए पर मैंने खुद को सम्हालते हुए कहा दीदी अब तक जो भी हुआ वो जिंदगी का एक बुरा दौर था जो बीत चुका मैं उसे तो नही बदल सकता पर अब के बाद हमारे जीवन मे कभी कोई दुख नही आएगा और मैं तुम्हे हर वो खुशी दूंगा जिसकी तुम हकदार हो रही बात माँ की मौत की तो तुमने उन्हें वो ही बताया तो सच था और जो भी हुआ उसका जिम्मेवार वो खुद ही थीं क्यों कि तुम्हारी शादी का फैसला उनका फैसला था इसलिए तुम खुद को दोषी मत मानो।
मेरे शब्दों से दीदी के मन का बोझ कुछ हल्का हुआ फिर मैं बाजार से कुछ खाने को लाया और दीदी को जबरदस्ती खिलाया और खुद भी थोड़ा सा खा कर अपने बिस्तर पर जा लेटा और आने वाले समय के बारे में सोचने लगा।
अगले दिन से मेरी दिनचर्या फिर पहले जैसे चलने लगी सुबह उठना रेडी हो कर आफिस जाना 9 से 5 जॉब और फिर वापस घर अगले 8-9 महीने तक ऐसे ही चलता रहा और अब दीदी भी एकदम सामान्य हो गईं थीं।
अच्छा खाने पीने से और सामान्य माहौल में रहने की वजह से धीरे धीरे दीदी के चेहरे पर लाली आने लगी थी और वो दिन ब दिन निखरती जा रही थीं और मैं भी अपनी सख्त ड्यूटी से ऊब रहा था फिर एक दिन मैं अपने कमरे में बैठा लैपटॉप पर काम कर रहा था और काम से थक कर मैंने कुछ और करने का सोचा और लैपटॉप पर स्टोरी लिख कर सर्च किया मैंने इस से पहले इंटरनेट पर कभी भी सेक्स रिलेटेड कुछ भी देखा सुना नही था और ना ही मुझे कभी वक़्त मिला इन सब चीजों के लिए पर आज वो एक शब्द सर्च करते ही मेरे सामने एक नई दुनिया थी ढेर सारी सेक्स स्टोरीज हर तरह की फैमिली सेक्स भाई बहन की चुदाई वो सब देख कर बाद अजीब सा महसूस हुआ फिर मैंने एक स्टोरी पर क्लिक किया और उसे पढ़ने लगा मेरी उम्र भी 27 की हो गयी थी और कभी सेक्स के बारे में ज्यादा सोच नहीं पाया था पर आज वो पढ़ते ही मेरा बदन गरम होने लगा और मेरा लंड जिसे मैं अब तक सिर्फ मूतने के काम लाता था वो सर उठा कर फुंफकारने लगा मैंने उसे बाहर निकाल कर सहलाया तो बड़ा अच्छा लगा और फिर मैं उसे सहलाते हुए वो पूरी स्टोरी पढ़ गया फिर मेरी और कहानियां पढ़ने की इच्छा हुआ तो मैंने एक एक कर के कई कहानियां पढ़ डाली और आखिर में लंड ने एक झटका खाया और बिस्तर पर ढेर सारा गाढ़ा चिपचिपा पानी फैल गया….. उस दिन से मैं हर रोज रात में सब काम निपटाने के बाद कुछ कहानियां पढ़ता और ऐसे ही लंड सहला कर अपना पानी निकाल देता धीरे धीरे मुझे इसकी आदत पड़ गयी और एक दिन मेरे एक दोस्त ने मुझे अपने फ़ोन पर पोर्न दिखाई तब मुझे पता चला कि इंटरनेट पर मज़े का खजाना है बस ढूंढने की जरूरत है।
अब मैं रोज देर रात तक लैपटॉप पर सेक्स स्टोरीज पड़ता और पोर्न भी देखता पर दो चार दिन ही पोर्न देखने के बाद मुझे सेक्स करने की इच्छा होने लगी अब मैं दीदी के साथ भी ज्यादा वक्त नही बिताता था बस आफिस और घर आ कर अपने रूम में बंद रात में जब दीदी नॉक करती तो खाना खाने निकलता और खा कर फिर से कमरे में बंद जब काफी दिनों तक ये ही चलता रहा तो एक दिन संडे को जब मैं देर रात तक पोर्न देख कर तीन बार हल्का हो के सुबह 11 बजे सो कर उठा और फ्रेश हो कर बाहर आया तो दीदी ड्राइंग रूम में बैठी tv देख रही थी मैं जा कर वही बैठ गया और बोला दीदी चाय पिला दो।
दीदी उठी और चाय बना कर ले आयी मुझे दे कर मेरे पास बैठ गयी और बोली संजय आजकल तुम बहोत व्यस्त रहते हो सारा दिन आफिस और फिर बस अपने कमरे में तुम मुझे भूल ही गए हो कि मैं भी घर मे हूँ सारा दिन अकेले रहते बोर हो जाती हूँ मेरा भी मन होता है किसी से बातें करूँ. ….. ये सुन कर मुझे एहसास हुआ कि मैं दीदी के साथ गलत कर रहा हूँ वो भी इंसान हैं और उन्हें भी किसी के साथ कि जरूरत है मैंने कहा हां दीदी कुछ वर्कलोड ज्यादा था लास्ट मंथ पर अब से आपको शिकायत का मौका नहीं दूंगा दीदी बोली मैं समझती हूं तुम्हारी निजी जिंदगी है काम है पर थोड़ा से वक़्त मुझे भी चाहिए तुम्हारा अकेले जिंदगी काटना बहोत मुश्किल होता है मैंने दीदी का हाथ अपने हाथों में लिया और सहलाते हुए कहा आई एम सॉरी दीदी मैं हमेशा आपके साथ हूँ और मैंने जो गलती की इसकी पेनाल्टी दे देता हूँ आज संडे को फनडे बना कर।
वो मेरी ओर देखने लगी उनकी कुछ समझ में नहीं आया मैंने कहा जल्दी से तैयार हो जाओ आज तुम्हे दिल्ली घुमाते हैं… दीदी खुशी से बोली सच हम घूमने जाएंगे मैंने कहा हां मेरी दीदी जी आज हम घूमने जाएंगे और आज देर रात तक मैं सिर्फ आपके साथ रहूंगा कोई काम नही दीदी के गोर मुखड़े की रौनक बढ़ गयी ये सुन कर सुर वो अपने रूम में चली गयी मैं भी अपने रूम में आया और ब्लू जीन्स व्हाइट शर्ट निकाली बॉडी पर बॉडी स्प्रे डाल कर कपड़े पहने ब्लैक शूज और काला चश्मा…. शक्ल सूरत तो अच्छी थी ही कुल मिला कर मैं जँच रहा था मैं तैयार हो कर बाहर आ गया दीदी के रूम का दरवाजा अब भी बंद था मैं सोफे पर बैठ कर उनका इंतजार करने लगा और जब 10 मिनट तक वो नही आई तो मैंने आवाज़ दी उन्हें….. दीदी कितनी देर लगेगी अब चलो भी दीदी की आवाज़ आयी बस 2 मिनट पर लेडीज का 2 मिनट तो 15 मिनट से पहले होता नहीं और फिर दरवाजा खुला दीदी बाहर आई मैं उन्हें देखता ही रह गया अब तक दीदी घर मे नार्मल से कपड़ो में रहती थी बिना मेकअप के पर पहली बार उन्हें थोड़ा सा सजा सँवरा हुआ देख रहा था मेरा मुह खुला रह गया दीदी ने आसमानी साड़ी पहनी थी और एकदम कसा हुआ ब्लाउज और आंखों में हल्का सा काजल और होठो पर गुलाबी लिपस्टिक कुल मिला कर वो एक कॉलेज गर्ल लग रही थीं जिसने साड़ी पहनी हो…. वो मेरी हालत देख कर हंसते हुए बोली ऐसे क्या देख रहा है पहली बार देखा क्या मुझे मैंने जैसे जागते हुए कहा नही दीदी देखा तो हजारों बार है पर अपनी शादी के दिन तुम इतनी ही खूबसूरत लग रही थी जितनी आज लग रही हो दीदी के गालों पर शर्म की लाली फैल गयी और वो थोड़ी सी उदास भी हो गईं उस शादी की बात सुन कर जिसने उनकी जिंदगी बर्बाद कर दी थी मुझे भी अपनी गलती का अहसास हुआ और मैंने कार की चाभी उठाते हुए कहा चलें प्रिंसेस रुचि जी….
मेरी बात सुन कर वो हल्का सा मुस्कुरा दी उन्हें मुस्कुराते देख मुझे भी राहत मिली फिर हम नीचे आये और मैने कार का आगे वाला गेट खोल कर कहा आइए मैडम प्लीज मेरी इस हरकत पर दीदी खिलखिला कर हंस पड़ी और बैठ गईं मैं घूम कर ड्राइविंग सीट पर आया और कार स्टार्ट की।
पर इतने सब मे ही मुझे दीदी की ओर एक खिंचाव सा होने लगा था और मन मे सोचने लगा कि दीदी कितनी खूबसूरत और अकेली हैं क्या उन कहानियों में बने हुए रिश्ते ऐसी ही स्थितियों में बनते होंगे ये सब सोचते हुए मैं कार चलाते हुए एक मॉल की पार्किंग में कार लगा कर कर बंद कर के बाहर आया और गेट खोल कर बोला प्लीज कम मैडम दीदी बाहर आईं और बोली इतना खुश मत कर मुझे संजू जब भी ज्यादा खुश होती हूँ भगवान कोई न कोई दुख डाल देता है मैंने कहा दीदी अब ये सब बातें भूल भी जाओ जो होना था हुआ पर अब ऐसा कुछ नही होने वाला अब से तुम्हारी जिंदगी सिर्फ खुशियों से भरी होगी और मैं दीदी का हाथ थामे हुए उन्हें ले कर मॉल के अंदर आ गया दीदी बोली यहाँ कहाँ घुमाने लाये हो मैंने कहा सब से पहले आज मैं आपको शॉपिंग करवाउँगा तो दीदी बोली कपड़े तो हैं मेरे पास मैंने कहा अब आप गांव में नही दिल्ली में हो कपड़े भी उसी हिसाब से होने चाहिए दीदी ने फिर कहा फालतू पैसे मत खर्च करो संजय ये सुन कर मेरा मूड खराब हो गया और मैंने उन्हें घूरते हुए कहा चलो वापस घर चलते हैं….. दीदी समझ गयी कि उनकी टोका टाकी से मेरा मूड ऑफ हो रहा है तो बोली अच्छा ठीक है जैसी तुम्हारी मर्ज़ी चलो…. फिर मैं दीदी को ले कर लेडीज सेक्शन में आया और सब से पहले जीन्स और टॉप निकलवाये काउंटर पर मौजूद सेल्स गर्ल ने नए फैशन की ढेर सारी जीन्स और टॉप का ढेर लगा दिया मैंने कहा पसन्द कर लो….. दीदी ने कहा जीन्स तो मैं नही पहनती पर उनकी आंखों में एक लालच नजर आ रहा था उन कपड़ो को देख कर मैंने कहा अब से पहनना शुरू कर दो और फिर दीदी ने दो जीन्स और दो टॉप सेलेक्ट कर लिये फिर मैंने सेल्स गर्ल को कहा नाइटी दिखाओ तो उसने कई सारी सिंपल सी नाइटी निकाल दी मैंने कहा कुछ स्पेशल दिखाओ तो उसने सिल्की कपड़े में कुछ खूबसूरत सी नाइटी दिखाई मैंने उनमें से एक ब्लैक और एक रेड कलर की पसन्द कर ली वो सब पैक करवा कर पेमेंट कर के आगे बढ़े तो दीदी ने कहा संजय मेरे पास अंडर गारमेंट्स नही हैं गाँव मे तो पहनती ही नही थी ना कोई ला कर देता था फिर मैं उन्हें ले कर अंडर गारमेंट्स वाले सेक्शन में गया वहा सेल्स गर्ल एक 35 साल की लेडी थी मैंने कहा इनके लिए अंडर गारमेंट्स चाहिए तो उसने साइज पूछा दीदी ने मुह नीचे झुका के धीरे से बताया 34 साइज की ब्रा और 36 कि पैंटी उसने नार्मल कॉटन की ब्रा पैंटी दिखाई और दीदी ने दो ब्रा और दो पैंटी ले ली मैंने कहा कुछ और दिखाइए कॉस्टली तो उसने नेट की कुछ फैंसी ब्रा पैंटी दिखाई जिनमे सिर्फ नाम का कपड़ा था उसमें से एक रेड कलर का सेट मुझे बहोत अच्छा लगा मैं उसे उठा कर देखने लगा तो वो लेडी बोली भाई साहब ये ले लीजिए ये एकदम लेटेस्ट है और भाभी जी पर खूब जंचेगा…. वो हमें पति पत्नी समझ रही थी दीदी ने हैरानी से मेरी ओर देखा और उसे टोकने के लिए मुह खोला ही था कि मैंने उसे वो सब पैक करने को बोला और दीदी को चुप रहने का इशारा किया दीदी ने धीरे से फुसफुसा कर मेरे कान में कहा कि ये क्यों ले रहे ही मेरे किस काम की ये मैंने कहा पहनने की चीज है तो पहनने के काम ही आएगी और पेमेंट कर के आगे बढ़ गया फिर हम कॉस्मेटिक काउंटर पर गए और मैने ढेर सारा मेकअप का सामान लैक्मे की लिपस्टिक नेल पॉलिश काजल etc खरीदा दीदी ने एक दो बार मुझे मना करने की कोशिश की पर मैंने उनकी एक ना सुनी फिर मैं इलेक्ट्रॉनिक शॉप पर गया और एक बढ़िया सा samsung का स्मार्ट फ़ोन 22000 रुपये का खरीदा और सारा सामान ले कर हम वापस कार में आ गए लगभग 40000 की शॉपिंग हो गयी थी….. कार में बैठते ही दीदी बोली ये सब फालतू का सामान ले कर क्यों पैसे फूंके मैं इसका क्या करूंगी विधवा औरतों को साज श्रृंगार की जरूरत नही होती….. मैंने दो पल के लिए दीदी की आंखों में देखा मेरे चेहरे पर थोड़ी सख्ती थी दीदी ज्यादा देर मुझसे नजर नही मिला पाई और नजरें झुका ली।
मैंने अपना हाथ दीदी के हाथ पर रखा और उनके हाथों को अपने हाथ मे ले कर कहा दीदी मैं चाहता हूं तुम अपनी लाइफ से ये 4 साल डिलीट कर दो ये समझ लो कि तुम्हारी शादी कभी हुई ही नही ये बस एक बुरा हादसा था तुम्हारे जीवन का और बुरे हादसे याद नही रखे जाते….. मेरी बात सुन कर उन्होंने वापस मेरी ओर देखा और इस बार मैं बड़े प्यार से उनकी गहरी आंखों में झांक कर उन्हें समझाते हुए बोला दीदी अभी तुम्हारी उम्र ही क्या है सिर्फ 28 साल और आप सच मे एक कॉलेज गर्ल सी ही लगती हो अगर आप अच्छे से ड्रेस पहन कर मेकअप कर के निकलो तो लड़को की लाइन लग जायेगी आपके पीछे…. ये सुन कर दीदी हल्के से मुस्कुरा दी….. मैंने कहा दीदी वो सब अब भूल जाओ और नई जिंदगी को अपने हिसाब से जियो ये शादी विधवा पति की मौत इस सब को दिमाग से निकाल फेंको खुश रहो और मैं चाहता हूं कि आप दोबारा शादी कर लो….. दीदी ने थोड़ा सा गंभीर होते हुए कहा मुझे पता है तू सारी जिंदगी मेरा बोझ नहीं उठा सकता पर मैं अब दोबारा शादी नहीं करूंगी मेरा पहला अनुभव इतना खराब था कि मुझे शादी शब्द से ही चिढ़ हो गयी है….. मैंने कहा दीदी दोबारा ऐसा मत कहना कि आप बोझ हो मुझ पर… मैं सारी जिंदगी आपको इतनी ही खुशी और प्यार से अपने साथ रखूंगा पर मैं ये सिर्फ इसलिए कह रहा था कि जिंदगी काटी तो कैसे भी जा सकती है पर जीने के लिए एक साथी या लाइफ पार्टनर की जरूरत तो होती ही है…. दीदी बोली तुझे जरूरत नही है लाइफ पार्टनर की तू कर ले शादी मैंने हंस कर कहा कोई आप जैसी खूबसूरत लड़की मिले तो सही शादी भी कर लूंगा पर लड़की एकदम आप जैसी ही चाहिए…… दीदी बोली क्यों मेरे जैसी क्यों चाहिए…. पता नही कैसे मेरे मुह से निकल गया…. क्यों कि आप मुझे बहोत अच्छी लगती हो दीदी आपसे बहोत प्यार करता हूँ मैं….. पर इतना बोलते ही मुझे लगा कि ये कुछ ज्यादा हो गया और मैंने कार स्टार्ट कर के पार्किंग से निकाली और ड्राइव करते हुए एक pvr आ गया कार फिर से पार्किंग में लगा कर हम बाहर आये और मैंने दो टिकट ले ली दोपहर का शो था और ज्यादा भीड़ नही थी….. जिस्म2 का शो था फिर मैंने पॉपकॉर्न और कोल्ड ड्रिंक लिया और हम अंदर चले गए….. एक कार्नर सीट पर जा कर बैठे और थोड़ी देर में ही फ़िल्म शुरू हो गयी…. मैंने पॉपकॉर्न का बॉक्स दीदी की गोद मे रख दिया और फ़िल्म देखने लगे….. मैं बीच बीच मे दीदी की गोद मे रखे हुए बॉक्स में से पॉपकॉर्न निकाल रहा था और ऐसे में ही एक बार मेरा हाथ अंधेरे में उनके ब्लाउज में कसे हुए बूब पर लग गया मैंने फौरन सम्हल कर नीचे देख कर बॉक्स में हाथ डाला और दीदी को सॉरी बोली दीदी बोली कोई नही अंधेरे में हो जाता है….. पॉपकॉर्न खत्म होने पर मैंने दीदी का हाथ अपने हाथ मे ले लिया और हम फ़िल्म देखने लगे फ़िल्म में दो तीन काफी गरम सीन थे पर हमने उस पर कोई बात किये बिना चुपचाप पूरी फ़िल्म देखी और फिर जब फ़िल्म खत्म हुई तो उस टाइम मेरा लंड पूरी तरह से तन कर खड़ा था मुझे दीदी एकदम सनी लियोन नजर आ रही थी मैंने हॉल में ही अपने खड़े लंड को किसी तरह पैंट में एडजस्ट किया और हम बाहर आ गए….. पर मेरे सीट से खड़े होते ही दीदी ने मेरा हाथ कस के अपने हाथ मे पकड़ लिया और वैसे ही हाथ पकड़े हुए बाहर आई हम पार्किंग तक ऐसे ही हाथों में हाथ डाल कर आये और मुझे ऐसा लग रहा था मानो मैं अपनी गर्ल फ्रेंड के साथ मूवी देख कर निकला हूँ….. फिर हम कार में बैठे शाम के साढ़े पांच बजे थे मैंने कार सीधा इंडिया गेट की ओर बढ़ा दी और वहां एक जगह साइड में लगा कर हम बाहर आये मैंने दीदी को बताया कि ये इंडिया गेट है…. वो काफी खुश थीं वहां की रौनक देख कर फिर मैं एक स्टाल से icecream ले आया और हम वही एक खाली जगह पर बैठ कर icecream के मज़े लेते हुए बातें करने लगे…. मैंने जो फ़ोन खरीदा था वो मेरे जेब मे था icecream खत्म होते ही मैंने दीदी से उनका फ़ोन मांगा उन्होंने पर्स से फ़ोन निकाल कर मुझे दिया ये एक पुराना की पैड वाला साधारण फोन था मैंने उसका सिम निकाल कर तोड़ कर फेंक दिया और उस नये फ़ोन में एक जियो सिम जो मैंने फ़ोन के साथ ही लिया था डाल कर दीदी को दिया और बोला ये लीजिए मैडम जी एक छोटा सा गिफ्ट मेरी ओर से दीदी के चेहरे खुशी से भरी हुई मुस्कान थी मैंने कहा दीदी अब से आप घर पर बोर मत होना ये स्मार्ट फोन हर अकेले इंसान का सब से अच्छा दोस्त है….. दीदी के पास शादी से पहले कुछ टाइम तक स्मार्ट फ़ोन था तो उन्हें थोड़ी बहुत नॉलेज थी इंटरनेट के बारे में…. बाकी वो पढ़ी लिखी तो थी ही….. दीदी बोली इतना सब खर्चा कर के कितने अहसान करेगा मुझ पर पहले ही तेरे इतने अहसान है मुझ पर ये सुन कर मेरे चेहरे पर फिर गुस्सा आ गया और मैंने झुंझलाते हुए कहा दीदी आप ये एक ही सड़ा हुआ डायलॉग क्यों बोल रही हो बार बार बहन हो आप मेरी मेरा आप पर और आप का मुझ पर पूरा अधिकार है…. और इस दुनिया मे हम दोनों का एक दूसरे के सिवा कोई नही है मुझे खुशी मिलती है मैं आपके लिए इस से भी ज्यादा बहोत कुछ करना चाहता हूं आप एक बार बोलो तो सही आप क्या चाहती हो मैं आपकी खुशी के लिए कुछ भी कर सकता हूँ जान भी दे सकता हूँ दीदी हैरानी से मेरा मुह देखने लगी और उनकी आंखों से आंसू टपकने लगे उन्होंने मेरे कंधे पर सर रख दिया और डबडबायी आंखों से मुझे देखते हुए बोली संजू इतना प्यार करता है तू मुझे मैंने उनकी पीठ पर हाथ रख कर उन्हें प्यार से सहलाते हुए कहा हां दीदी आप सोच नही सकती उस से भी ज्यादा प्यार करता हूँ मैं आपको….. फिर हम काफी देर तक वहां बैठे बातें करते रहे और अब दीदी काफी हल्की और खुश नजर आ रही थीं बातों बातों में उन्होंने कहा संजय मैं पढ़ना चाहती हूं मैंने कहा इसमे क्या मुश्किल है नेक्स्ट सेशन शुरू होते ही आपका एडमिशन करवा दूंगा कॉलेज में दीदी ने खुशी से कहा तुझे मेरे पढ़ने से कोई प्रॉब्लम नही मैंने कहा एकदम नही ये तो अच्छी बात है कि आप पढ़ना चाहती हो…. दीदी बोली हां सोच रही हूं कि जैसा तुम कह रहे हो नये सिरे से जिंदगी शुरू करूँ….. शाम के साढ़े सात बजे थे अंधेरा हो चुका था मैंने कहा अब चलते हैं दीदी भूख लगी है फिर हम कार में आये और मैंने कार स्टार्ट की और एक अच्छे से रेस्टोरेंट में लगाई दीदी बोली सारा खर्चा आज ही कर लेगा क्या…. मैंने कहा इतना सारा पैसा है क्या करूँगा सर पे ले के थोड़े घूमना है खर्च करने के लिए ही है फिर हम रेस्टोरेंट में आये और आज मैंने दीदी से बोल दिया कि आर्डर आप को ही देना है आप जो खिलाओगी खा लूंगा दीदी ने खाना आर्डर किया हमने खाना खाया और खा पी कर बाहर आये कार में बैठे मैंने कहा और बताओ दीदी…. अब कहाँ चले वो बोली अब बस सीधा घर चलो मैंने कहा ठीक है और फिर हम घर आ गए….. मैं कार से सारे सामान निकाल कर लाया और फिर हम ऊपर अपने फ्लैट में आ गए चाभी मेरी जेब मे थी और मेरे हाथों में सामान था मैंने कहा दीदी मेरी जेब से चाभी निकालो तो दीदी ने मेरे जेब मे हाथ डाला और संयोग से मेरा लंड जो मूवी देखने के बाद से लगातार खड़ा ही था उसे मैंने घुमा कर उसी साइड में किया हुआ था जिस तरफ की जेब मे चाभी थी दीदी ने तेजी में हाथ अंदर डाला और चाभी पकड़ने के लिए उंगलियां घुमाई जेब के अंदर और उनकी उंगलियां चाभी से पहले मेरे लंड पर टकराई….. और कुछ समझने से पहले उन्होंने अच्छे से हाथ से टटोल कर लंड की सख्ती महसूस की ये इतनी जल्दी में हुआ कि उन्हें और मुझे कुछ समझ ही नही आया और जब उन्हें समझ आया कि वो क्या चीज है तो उन्होंने जल्दी से हाथ बाहर निकाल लिया मुझे भी समझ नही आया क्या करूँ तो मैं एकदम से बोला दीदी चाभी निकालो ना क्या कर रही हो उन्होंने एक पल सोचा और फिर से हाथ मेरी जेब मे घुसाया पर ना चाहते हुए भी उनका हाथ मेरे सख्त हुए सुपाड़े को टच करता हुआ ही अंदर गया और उन्होंने एक बार हाथ घुमा कर अच्छे से चाभी को टटोला पर वो रुमाल और फ़ोन के बीच मे उलझी पड़ी थी उन्होंने चाभी पकड़ कर खींची और एक बार फिर से उनकी उंगलियां लंड की सख्ती को महसूस करती हुई बाहर आ गईं….. उन्होंने जल्दी से चाभी लगा कर दरवाजा खोला और अंदर चली गईं मुझे तो इस घटना से बड़ा मजा आया….. मैं भी अंदर आ कर सारा सामान टेबल पर रख कर बोला अब बताओ दीदी कैसा रहा आज का दिन दीदी मेरी ओर देख कर बोली मज़ा तो खूब आया आज इतने दिन बाद घर से बाहर निकल कर मैंने कहा कल से हम रोज शाम को पास वाले पार्क तक घूमने जाया करेंगे और हर संडे को मूवी और डिनर के लिए दीदी एकदम खुश हो कर बोली कितना खयाल है तुझे मेरा….. मैंने थोड़ा शरारती लहजे में कहा अब मेरी कोई गर्ल फ्रेंड तो है नही जिसका ख्याल रखूं ले दे कर एक आप ही हो मेरा परिवार मेरी दोस्त मेरी अपनी आप का भी ना रखूं तो क्या पड़ोसियों का ख्याल रखूं…. दीदी हंस कर बोली बातें बनाना खूब सीख गया है अब तू मैंने कहा मैनेजर हूँ 20 लोगों का स्टाफ सम्हालता हूँ अगर बातें भी नही बनाऊंगा तो कैसे काम चलेगा….. फिर मैं अपने रूम में गया और चेंज कर के बाहर आया मैंने हाफ पैंट और बनियान पहनी थी और मेरा लंड अब कुछ नरम पड़ा था फिर भी इतना सख्त था कि हाफ पैंट में उभार बना हुआ था मैं सोफे पर बैठ कर tv ऑन किया और क्रिकेट मैच देखने लगा आवाज़ सुन कर दीदी भी बाहर आ गयी उन्होंने अब भी वही साड़ी पहन रखी थी मैंने कहा दीदी चेंज तो कर लो अब तो नाइटी भी है तुम्हारे पास दीदी ने कहा अभी पहनू क्या मैंने कहा अभी मत पहनो नेक्स्ट संडे जब घूमने चले तब पहनना तो बोली पागल है क्या कुछ भी….. मैंने कहा लो पागलपन की बात खुद कर रही और पागल मुझे कह रही नाइटी रात में घर मे पहनते हैं तो अभी ही पहनोगी ना दीदी हंसते हुए बोली ठीक है पहन लेती हूं मेरी टांग मत खींच मैं उठ कर दीदी के पास आया और उनका गोरा गाल पकड़ के चुटकी से खींचते हुए बोला ठीक है मेरी प्यारी बहन टांग नही गाल तो खींच लूं ना…. वो शर्मा के अंदर भाग गई और मुझे उनकी ये अदा बड़ी प्यारी लगी…. फिर 10 मिनट बाद दीदी ने दरवाजा खोला और सहमी सी बाहर आई वो नाइटी घुटनो से कुछज इंच नीचे तक ही थी और उसका कपड़ा काफी हल्का था दीदी की ब्रा का शेप साफ नजर आ रहा था ये देख कर मेरे लंड में हल्का सा करंट आया और उसने सर उठा दिया मैंने कहा क्या हुआ दीदी वो बोली ये कुछ ज्यादा ही मॉर्डन है मैंने कभी ऐसे कपड़े पहने नही मैंने कहा तो क्या हुआ ये शहर है पहली बात यहाँ तुम्हे कौन जानता है दूसरी बात घर मे सिर्फ हम दोनों हैं कौन यहां देख रहा तुम्हे तीसरी बात यहाँ सभी ऐसे ही कपड़े पहनते हैं और तुम कौन सा अभी 70 साल की हो गयी हो हाँ अगर मेरी वजह से कोई प्रोब्लम है तो अलग बात है….. इतना बोल के मैं चुप हो के उनके बोलने का इंतजार करने लगा उन्होंने सोफे पर बैठते हुए कहा बात तो ठीक है यहाँ तुम्हारे सिवा कौन है और तुम तो घर के हो तुमसे क्या….. मैंने कहा अब लग रहा है तुम उस गांव से नीकल कर शहर आ रही हो धीरे धीरे मेंटली…. दीदी मुस्कुराने लगी मेरा लंड दीदी को इस रूप में देख कर बगावत कर रहा था वैसे भी ये मेरा पोर्न देख कर मुठ मारने का वक़्त था पर मैंने खुद को और अपने लंड को समझाया कि बाद में और खड़े हो रहे लंड को हाथ से दबा के समझाने की कोशिश की पर हाथ लगने से वो और झटके मारने लगा और मुझे वो दीदी की उंगलियों की छुवन याद आ गयी मैंने उठते हुए कहा दीदी मैं बाथरूम ही के आता हूँ…. और मैं उठ कर बाथरूम आया दरवाजा बंद कर के मैंने लंड बाहर निकाला और उसे सहलाते हुए शीशे में खुद को देखा गोरा चिट्टा लंबा कद छरहरा बदन…. कोई भी लड़की आसानी से पट जाए मुझसे…. पर कभी इस बारे में सोच ही नही पाया…. और मेरी किसी लड़की के जिस्म को पाने की इच्छा प्रबल होने लगी और मैं आंखें मूंद कर लंड को हिलाते हुए मुठ मारने का आनंद लेने लगा आज कुछ ज्यादा ही मज़ा आ रहा था और लंड हिलाते हुए ही मेरे खयालो में दीदी का नाइटी में वो सुहाना रूप छा गया मुझे लगा मैं लंड हिला रहा हूँ और दीदी मुझे लंड हिलाते हुए देख रही है झटके से मैंने आंखे खोली देखा मैं तो बाथरूम में हूँ….. फिर से आंख मूंद कर दीदी के बारे में सोचते हुए लंड हिलाने लगा और मेरे खयालो में आने लगा दीदी की ब्रा के अंदर चूचियाँ कैसी होंगी दीदी की चूत कैसी होगी क्या मैं कभी दीदी को ऐसे देख पाऊंगा और तभी मेरे दिमाग मे एक खयाल आया….. अगर मैं बाथरूम में कैसे भी हिडेन कैमरा लगवा दूँ तो शायद मैं दीदी का नंगा जिस्म तो देख ही सकता हूँ और ये सोचते ही मेरे लंड से धार निकल गयी ढेर सारा माल कमोड में टपका कर मैं हाथ धो कर बाहर आ गया अब पैंट का उभार काम था……
शेष अगले भाग
good start
 
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Svin

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Update to thik hai lekin kuch point hai suggest karna chahunga.
1. Kya abhi didi jo has rahi hai yeh uper ka dikhava hai.
2. Pati our dever ne balatkar kiya.
3. Saas sasur ne bhi support kiya.
4.pati to mar gaya . dever to hai jinda.
Jise yaad kar ke atma to bhul nahi apyegi

Yeh sab jan ne ke bad ki bahen ke bhitar ke ghav taja hai. Our uski bhai ki harkat se dukhi nahi hogi. Shyad bhai ke pyar ko hawas na same.


Our dino ko milana hai to bhai ko pahle bhitar ke ghav bharne hoge.
Tab uska pyar jahir ho nahi to wah wasna hi samze gi.
 

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बहुत ही सुंदर लाजवाब और मस्त कहानी है भाई मजा आ गया
अगले धमाकेदार और चुदाईदार अपडेट की प्रतिक्षा रहेगी जल्दी से दिजिएगा
 

abhaysuri0

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जिंदगी का सफर दीदी के साथ भाग 3​

मैं बाहर आ कर चुपचाप सोफे पर बैठ कर मैच देखने लगा….. दीदी बोली बड़ी देर लगा दी बाथरूम में मैंने कहा हां हाथ मुह धोने लगा था…. दीदी बोली अभी तो आ कर हाथ मुह धोया था आज बहुत हाथ मुह धोए जा रहा है क्या बात है…. मैंने कहा अरे अब हाथ मुह धोना भी गलत हो गया क्या दुनिया मे अब तुम मेरी टांग मत खींचो दीदी फौरन उठ कर मेरे पास आई और मेरे गाल खींच कर बोली चल ठीक है मैं भी गाल ही खींच लेती हूँ…. फिर दीदी बोली चल मैं तो सोने जा रही…. गुड नाईट मैंने कहा गुड नाईट दीदी…. और वो उठ कर अपने रूम में जाने लगी और रूम के दरवाजे पर रुकी मेरी ओर देखा और मेरी नजर तो उनकी नाइटी में झलकते चूतड़ों पर थी उसे हल्का सा भांप भी लिया उन्होंने मैंने उनके रुकते ही उनके चेहरे की ओर देखा तो वो मुस्कुरा कर बोली थैंक्स मेरे प्यारे भाई आज का दिन वाकई अच्छा था मेरे लिए मैंने हाथ उठा कर उन्हें अंगूठा दिखाते हुए thumbsup किया और कहा दीदी अब से अच्छे दिन हर रोज आएंगे और फिर कहा दीदी ऐसे सूखा सूखा थैंक्स सारा दिन तुम्हे राजकुमारी बना कर घुमाता रहा तो दीदी ने हंस कर कहा गीला वाला थैंक्स बोलना मुझे नही आता उसके लिए कोई गर्ल फ्रेंड ही बना ले और वो रूम में चली गयी मैंने अपना फ़ोन उठाया और उन्हें व्हाट्सएप्प पर एक मैसेज किया…..
दीदी कल से आप घर पर वो ही ड्रेस पहनोगी जो मैं आज लाया हूँ उन पुरानी साड़ी में अब दिखना मत मुझे…. गुड नाईट…. और सेंड कर दिया उनके कमरे से मुझे फ़ोन की मैसेज received टोन सुनाई दी और मैं tv ऑफ कर के अपने रूम में चला गया एक मिनट बाद वो मैसेज सीन हुआ और दीदी का रिप्लाई आया गुड नाईट अब सो जाओ….. और मैं फ़ोन रख कर चैन से सो गया….. हमेशा की तरह सुबह 7 बजे मेरी नींद खुली और दीदी जो कि हमेशा ही मुझसे पहले उठ कर नहा कर नाश्ता बना रही होती थी वो किचन में थी मैं बाहर आ कर सीधा बाथरूम में घुस गया और फटाफट नहा कर टॉवल में ही बाहर आया दीदी टेबल पर नाश्ता तैयार किये बैठी थी और उन्होंने ब्लैक जीन्स और रेड टॉप पहना हुआ था बाल बांध कर एक पोनीटेल बनाई हुई थी और मेकअप के सामान का बढ़िया इस्तेमाल किया था उन्हें देख कर मेरे कदम ठिठक गए मैं उनके पास आ कर उन्हें देखते हुए मुस्कुरा कर गुड मोर्निंग बोला और दीदी ने भी स्माइल करते हुए मुझे रिप्लाई दिया आठ बज रहे थे और एक घण्टा मुझे आफिस पहुंचने में लगना था तो मैं अपने रूम में आ कर कपड़े पहन कर शूज़ पहन के तैयार हुआ और अपना लैपटॉप ले कर नाश्ते के टेबल पर आ गया….. मुझे कुछ मेल चेक करने थे तो मैं सैंडविच कुतरते हुए लैपटॉप ऑन कर के काम भी करने लगा…. तभी दीदी बोली संजू मेरी ड्रेस कैसी लग रही है….. मैंने एकदम झक्कास दीदी मैं तो देख के पहचान ही नही पाया कि ये वही लड़की है जिसे मैं गांव से ले कर आया था दीदी फिर से मुस्कुराते हुए बोली है तो वही लड़की पर अब इस लड़की को शहर की हवा लग गयी है मैंने कहा दीदी अब इस हवा को लगी रहने देना प्लीज ऐसे आप बहोत अच्छी लग रही हो और आपको खुश देख कर मैं भी बहोत खुश हूं….. फिर मैंने नाश्ता करते हुए मेल्स चेक किया और दीदी से थोड़ी बहोत बातचीत भी करता रहा…… फिर मैं नाश्ता खत्म कर के लैपटॉप उठा कर कार की चाभी ले के दीदी को bye बोल कर बाहर आ गया और दीदी दरवाजे तक मुझे छोड़ने आयी मैंने सीढियां उतरते हुए कहा दीदी शाम को तैयार रहना मैं जल्दी आ जाऊंगा….. और मैने नीचे आ कर कार निकाली और आफिस निकल गया ।
आफिस में आज मेरा मन खास लग नहीं रहा था कल से आज तक कि सारी घटनाएं मेरे जेहन में चल रही थीं तभी मेरे ब्रांच का कैशियर मेरे केबिन में आया और गुड मॉर्निंग बोल कर बैठ गया फिर वो बोला सर आज मेरा बर्थडे है और मैंने शाम को छोटी सी पार्टी रखी है घर पर अगर आप भी आते तो मुझे बहोत अच्छा लगता…. मैंने कहा ठीक है पर एक काम करना तुम शाम को 5 बजे मेरे साथ निकलना और मुझे 6 तक फ्री कर देना क्यों कि मुझे 7 बजे दीदी के साथ कही जाना है और मैं लेट हुआ तो वो गुस्सा होंगी…… फिर मैंने उस से कहा यार संजीव एक काम है मुझे वो बोला सर आदेश करिये मैंने कहा मुझे अपने घर मे कैमरे लगवाने हैं दीदी सारा दिन घर मे अकेली रहती हैं और आजकल का माहौल तो तुम जानते ही हो वो बोला एकदम सही आईडिया है सर मैं एक बंदे को जानता हूँ उसकी शॉप पास में ही है मैं उसे बुलवा लेता हूँ वो आपका काम कर देगा आप अपनी requirement उसे बता देना बाकी वो समझदार है…. संजीव भी खुश था कि आज के दिन उसे एक घंटे पहले छुट्टी मिल रही थी….. फिर मैंने दोपहर में कॉल की दीदी को वो बस खाना खा कर लेटी थी मेरी कॉल देख कर उन्होंने पूछा कि आज मेरी याद कैसे आ गयी मैंने कहा बस कल आपके साथ इतना अच्छा वक्त गुजरा की सुबह से ही आपकी याद आ रही थी दीदी ने कहा है ठीक है शाम को टाइम पर आ जाना फिर से वक़्त साथ गुजार लेंगे…. दीदी में मुझे लंच के बारे में पूछा कि मैंने खाना खाया या नही मैं दोपहर को पास की ही एक कैंटीन से टिफ़िन मंगवा लेता था मैंने बताया कि लंच आ गया है बस करने जा रहा हूँ फिर उन्होंने कॉल काट दी और मैंने लंच किया शाम को संजीव 4:40 पर ही मेरे केबिन में आ गया और बोला सर चलें मैंने कहा ठीक है चलो मैं उसके साथ उसके घर आया वहां उसकी बीवी माँ और बच्चे मिले मैं उनसे मिला काफी दिनों बाद किसी परिवार से मिल कर अच्छा लग रहा था उसने मुझे सब से मिलवाया फिर अपने रूम में ले गया बिठाया और बोला सर आपका इंतजाम जल्दी से कर देता हूँ आपको 5 बजे निकलना है…. मैंने कहा ठीक है मुझे लगा वो खाने को कह रहा होगा पर वो बाहर गया और एक व्हिस्की की बोतल ले आया और उसकी बीवी ग्लास और तले हुए काजू प्लेट में रख गयी मैंने कहा ये सब क्या है तो वो बोला सर प्लीज मेरे साथ बस थोड़ी सी मैंने कहा पर मैं नही पीता तो वो बोला सर थोड़ी सी सिर्फ एक pag मैंने फिर से कहा यार मैंने कभी नही पी पहले तो वो बोला सर कैसे मैनेजर हैं आप एक pag लेने में इतना डर रहे हैं और ये सुनते ही मुझे लगा जैसे वो मुझे चैलेंज कर रहा है मैंने ताव में बोल दिया ठीक है बनाओ फिर…. उसने खुश हो के दो तीन बार मुझे थैंक यू बोला अजर बोतल खोल के दो pag बना लिए और एक मुझे दे कर चियर्स किया मैंने एक बार ग्लास में पड़ी हुआ दारू को देखा और मन कड़ा कर के उसे मुह से लगाया उसकी बदबू से लगा कि मुझे उल्टी हो जाएगी पर मैंने सांस रोक ली और गिलास मुह से लगा कर एक सांस में गटक गया वो मेरे तरीके से समझ गया कि मैं पहली बार पी रहा हूँ उसने फौरन मुझे काजू दिये वो मुह में डाल के मेरे मुह के स्वाद कुछ सही हुआ और मैं काजू खाते हुए उस से बातें करने लगा 5 मिनट बाद उसने पूछा सर कोई प्रॉब्लम मैंने कहा नही तो एकदम नही पर मेरे दिमाग में काफी हल्कापन आ रहा था जैसे दुनिया बड़ी रंगीन है और मुझे काफी अच्छा महसूस हो रहा था संजीव ने मुझसे पूछे बिना दोबारा ग्लास भर के दो और pag बना लिए और मेरा ग्लास मुझे पकड़ा के बोला सर बस ये लास्ट फिर खाना लगवाता हूं…. मैंने भी सोचे समझे बिना ग्लास पकड़ लिया और एक बार फिर हिम्मत कर उसे भी किसी तरह गले से उतार लिया… फिर थोड़ी देर में उसकी बीवी ने खाना लगाया अब मुझे नशा से होने लगा था और संजीव की बीवी जिसे मैंने पहले ठीक से देखा भी नही था वो अब मुझे एक मस्त औरत दिखने लगी थी वो जब खाना परोसने झुकती तो उसके ब्लाउज में कसे हुए मम्मे देख कर मेरा मन डोलने लगा था जैसे तैसे खुद पर काबू किये हुए किसी तरह थोड़ा सा खाना खाया और फिर संजीव से बोला यार कोई कैब बुला दो मैं ड्राइव कर के घर नही जा पाऊंगा….. संजीव में कही कॉल कर के एक टैक्सी बुला दी और मुझे बिठा कर घर के लिए रवाना कर दिया…. मैं घर से थोड़ी ही दूर था कि दीदी का कॉल आ गया मैंने कॉल रिसीव को दीदी ने पूछा कहाँ हो मैंने कहा बस 10 मिनट में पहुच रहा फिर दीदी ने कहा मैं खाना बना लेती हूं तब तक मैने फौरन मना किया कि खाना मत बनाना मैं खाना खा चुका हूं और काल काट दी फिर मैं घर पहुंचा मुझे ठीक ठा seeक नशा हो रहा था पर मज़ा भी आ रहा था मैंने ड्राइवर को किराया दे कर भेज दिया और ऊपर आया घंटी बजाई दीदी ने दरवाजा खोला और मैंने उन्हें मुस्कुरा कंसर गुड इवनिंग बोला दीदी ने इस टाइम रेड साड़ी पहनी हुई थी…. और हल्का सा मेकअप किया हुआ था मैं अंदर आया और सोफे पर बैठ गया मैंने कहा दीदी कहाँ की तैयारी है बहोत सुंदर लग रही हो तो दीदी हंसते हुए बोली भूल गया शाम को हमे घूमने जाना था… मैंने कहा ओह्ह हां कहा तो था ठीक है मैं कपड़े बदल लूं फिर चलते है और मैं अपने कमरे में आ कर पंत4 शर्ट निकाल कर बाथरूम में घुस गया हाथ मुह धो कर मैंने एक लोअर और टी शर्ट पहन ली और स्लीपर पहन कर बाहर आ गया…. मैंने अपना पर्स मोबाइल और घर की चाभी जेब मे डाल ली और उसी वक़्त मुझे कल दरवाजे पर जेब से चाभी निकालने वाली बार याद आयी और मेरे दिमाग मे खुराफात सूझने लगी…. मैंने कहा चलो दीदी फिर हम बाहर आये और मैंने गेट लॉक कर के चाभी जेब मे डाल ली और फिर हम बिल्डिंग से बाहर आ के पैदल ही टहलते हुए चल पड़े पार्क की ओर अभी हम कुछ कदम ही चले थे कि मैंने दीदी का हाथ अपने हाथों में पकड़ लिया दीदी ने एक बार मेरी ओर देखा और फिर अच्छे से मेरा हाथ पकड़ कर साथ चलने लगी….. मैंने चलते चलते कहा दीदी कल माल में जब आपके अंडरगार्मेंट्स खरीद रहे थे वो लेडी आपको भाभी जी क्यों बोल रही थी… दीदी बोली लगता है वो हमें पति पत्नी समझ रही थी….. मैंने दीदी को छेड़ते हुए कहा ऐसा लगता है क्या दीदी बोली मैं क्या जानू….. फिर हम ऐसे ही बातें करते हुए पार्क में आ गए ये काफी बड़ा पार्क था मैं रोज आफिस जाते हुए इस पार्क के सामने से गुजरता था पर कभी अंदर नही गया था….. अंदर एक पक्की सड़क पार्क के पिछले हिस्से तक गयी थी और दोनों ओर पेड़ लगे हुए थे कही कही सड़क के किनारे पत्थर के बेंच लगी हुई थी और थोड़ी थोड़ी दूर पर लाइट्स भी लगी हुई थी….. कुछ लोग नजर आ रहे थे ज्यादातर कपल्स ही थे जो एक दूसरे के हाथों में हाथ डाल कर बैठे हुए थे कुछ पेड़ों के नीचे कुछ बेंच पर मैं और दीदी पहली बार आये थे इस पार्क में तो मैंने सोचा पीछे तक घूम के पूरा पार्क देखते हैं तो हम चलते चले गए काफी आगे जाने पर पार्क एकदम सुनसान था और हम चुपचाप चले जा रहे थे तभी मेरे कान में कोई आवाज़ आयी मैंने उधर देखा तो एक 20 साल की लड़की और एक 22-23 साल का लड़का सड़क से थोड़ा हट के एक पेड़ के नीचे आपस मे लिपटे हुए खड़े थे…. लड़की की सलवार नीचे सरकी हुई थी और लड़का शायद उसे खड़े खड़े चोद रहा था वो सीन देख के मैं एक पल के ठिठक से गया दीदी की नजर उस ओर गयी कुछ सेकेंड्स तक वो भी उन्हें देखती रही तभी उस लड़के का ध्यान हमारी ओर गया तो उसने थोड़ा सा शर्मा कर कहा भाई और आगे चले जाओ वहां एकदम खाली है कोई नही होगा….. दीदी ने फौरन मुझे हाथ से खींचते हुए आगे चलना शुरू किया मैं भी उनके साथ चल दिया….. पर चार पांच कदम चलने के बाद मैंने फिर से उस ओर मुड़ कर देखा और मेरे साथ ही दीदी ने भी देखा वो लड़का अब तेज तेज कमर हिलाते हुए लड़की को चोद रहा था… हम अब आगे आ चुके थे और पेड़ो की वजह से वो लोग हमें दिखने बन्द हो गए थोड़ा और आगे पहुंचे तो देखा वहां पार्क की पिछली बाउंडरी थी फिर हम वही एक बेंच पर बैठ गए एकदम शान्त वातावरण था हल्की हवा चल रही थी…. मैं और दीदी एकदम पास बैठे थे….. हमारे हाथ अब भी एक दूसरे को पकड़े हुए थे मैंने कहा शहर के लोग कही भी शुरू रहते हैं…. कोई शर्म नहीं इन्हें दीदी ने कोई जवाब नही दिया वो नीचे देख रही थीं…. मैंने कहा सॉरी दीदी मुझे नही मालूम था यहां ये सब देखने को मिलेगा दीदी ने कहा उसमे तेरी क्या गलती है और उन्होंने मेरी ओर देखा फिर नाक से तेजी से सांस लेते हुए कुछ सूंघने की कोशिश करने लगी और फिर उन्होंने पूछा तूने शराब पी है क्या…. मैंने उन्हें बताया कि आज मेरे स्टाफ की बर्थडे पार्टी थी और वहां कैसे उन्होंने जिद कर के मुझे थोड़ी सी पिला दी….. दीदी ने कहा संजू शराब की आदत मत डालना कभी मैंने इस शराब की वजह से कितने दुख उठाये हैं तू नही जानता मैंने कहा दीदी निश्चिंत रहो मैं कभी इतनी नही पियूँगा की आप को कोई तकलीफ हो…. फिर मैंने कहा दीदी अगर आपको कोई प्रॉब्लम ना हो तो मैं कभी कभी एक दो pag घर पर ही ले लिया करूँ…. दीदी ने थोड़ा सोच कर कहा ठीक है पर वादा कर तू कभी घर से बाहर नही पियेगा घर पर कम से कम मैं नजर तो रखूंगी की कितनी पी रहा है वैसे ना ही पी तो अच्छा है ये कोई अच्छी चीज नही मैंने कहा दीदी मैं कौन सा बेवड़ो जैसे पीने को कह रहा हूँ आजकल तो थोड़ा बहोत सब पीते हैं… दीदी बोली देख संजू तू पढ़ा लिखा है समझदार है अपना अच्छा बुरा खुद समझता है मैं तुझे किसी चीज के लिए रोक टोक तो नही सकती तेरी अपनी जिन्दगी है जैसे चाहे जी पर इतना याद रखना अब तेरे सिवा मेरा कोई नही इस दुनिया मे और तुझे नहीं खो सकती किसी भी कीमत पर ऐसा कहते हुए दीदी के हाथों की पकड़ मेरे हाथों पर सख्त हो गयी थी…. मैंने दूसरे हाथ से दीदी की ठुड्डी पकड़ कर उनका चेहरा ऊपर किया उनकी आंखों में आंसू थे ये देख कर मेरी आंखों भी भर आयी और मैंने दीदी को कंधों से पकड़ कर अपने गले से लगा लिया और कहा दीदी मैं कभी तुम्हारा दिल नही दुखाऊंगा और आपको इतना प्यार दूंगा की आपको किसी कमी का अहसास नहीं होगा दीदी ये सुन कर भावुक हो गईं और मुझे अपनी बाहों में कस लिया….. एक तो शराब का नशा उस पर अभी अभी देखा हुआ वो लाइव सेक्स सीन और दीदी का हसीन बदन मेरी बाहों में मैं बहकने लगा था और मेरे हाथ दीदी की पीठ पर रेंगने लगे और ब्लाउज के नीचे नंगी पीठ पर घूमने लगे….. एक मिनट तक हम ऐसे ही गले लगे रहे दीदी का पता नही पर मुझे ऐसा लग रहा था वक़्त यही रुक जाए और दीदी बस ऐसे ही मेरी बाहों में रहे हमेशा…. फिर दीदी ने थोड़ा कसमसा कर अब छोड़ भी मैंने अलग हो कर दीदी को देखा और धीरे से love you दीदी….. दीदी ने भी मेरी ओर देखा और मुस्कुरा कर बोली love you to मेरे प्यारे भाई….. हमे यहां बैठे 5 मिनट हुए थे मैंने कहा अब वापस चलें दीदी बोली ठीक है और हम उठ कर वापस चल दिये….. दो मिनट में हम फिर से उस जगह को क्रॉस कर रहे थे जहां वो जोड़ा लगा हुआ था और हम दोनों की नजर उधर ही थी पर अब वो वहां नही थे…. मैंने कहा लगता है चले गए वो लोग तो दीदी हड़बड़ा कर सामने देखने लगी….. फिर हम पार्क से बाहर आये और रास्ते मे एक होटल से मैंने खाना पैक करवा लिया दीदी के लिए मैं तो खा ही चुका था और और हम घर आ गए मेरे दोनों हाथों में खाने के पैकेट थे और जब हम घर के दरवाजे पर पहुंचे तो मैंने कहा दीदी चाभी निकालो दीदी के एक पल के लिए मेरी नजरो में देखा फिर मेरी जेब मे हाथ डाला आज मैंने लंड को सेट नही किया था वो लोअर में फ्री नीचे को लटक रहा था….. आज ना मैंने बताया ना दीदी ने पूछा कि चाभी किस जेब मे है और वो दाईं ओर खड़ी थी तो उसी जेब मे हाथ डाल दिया पर चाभी बायीं जेब मे थी… उन्होंने हाथ डाल कर जेब मे टटोला चाभी थी ही नही तो मिलती कैसे और इस टटोलने के चक्कर मे उनकी उंगलियां एक बार फिर मेरे सख्त सुपाड़े को छू ही गईं…. पर उन्होंने बड़े आराम से उसे टच करते हुए जेब मे अच्छे से हाथ घुमाया और बोली चाभी नहीं है मैंने कहा शायद दूसरी जेब मे होगी तो उन्होंने मेरे सामने आ कर दूसरी जेब मे हाथ डाला थोड़ा झटके से और इस बार भी उनका हाथ मेरे लंड को छू गया एक बार तो मुझे लगा दीदी जान बूझ कर ऐसे टच कर रही क्या फिर मैंने इस खयाल को मन से निकाल दिया दीदी ने चाभी निकाल कर दरवाजा खोला और हम अंदर आ गए मैंने उनका खाना टेबल पर रख5 और tv खोल ली और सोफे पर बैठ कर tv देखने लगा….. दीदी अपने रूम में गई और 5 मिनट बाद नाइटी में बाहर आई और उन्हें देख कर ही मेरा लंड गरम हो कर सर उठाने लगा वो किचन में गयी और अपना खाना प्लेट में लगा कर वही ले आयी और मेरे नजर उनके गोल कसे हुए चूतड़ों पर बार बार जा रही थी….. मैंने एक हाथ लंड पर रख कर उसे छिपाया हुआ था ताकि दीदी को पता न चले कि वो खड़ा है…. दीदी मेरे साइड में आ कर बैठ गयी और खाना खाने लगी…. मैंने चार रोटियां पैक कराई थी और दीदी ने कभी 3 से ज्यादा खाई नही इतनी ही इनकी खुराक थी दीदी बोली खाना ज्यादा है अगर भूख लग रही हो तो थोड़ा सा ले लो….. मैंने कहा आप खा लो जो बचेगा मैं खा लूंगा दीदी तुनक कर बोली अरे वाह तू बचा खुचा क्यों खायेगा और उन्होंने रोटी तोड़ कर सब्जी लगा कर कहा मुह खोलो तो मैंने मुह खोल दिया और उन्होंने मुझे खिला दिया….. फिर वो ऐसे ही मुझे भी खिलाते हुए खाने लगी और हमने खाना खत्म किया फिर थोड़ी देर tv देख कर वो मुझे गुड नाईट बोल कर अपने रूम में चली गयी….. मैं भी tv ऑफ कर के अपने रूम में आ गया और लैपटॉप ऑन कर के एक मस्त पोर्न प्ले की आज शराब पीने की वजह से मेरे लंड को ज्यादा ही गर्मी चढ़ रही थी इसकी गर्मी शांत करने का एक ही उपाय था मैंने एकदम नंगा हो कर एक बार मुठ मारी और शांत हो कर लेट गया एक बार फिर से मेरे खयालों में दीदी आ गयी और मैं सोचने लगा अगर दूसरी लड़कियों का नंगा बदन देख कर मुठ मारने में इतना मज़ा आता है तो दीदी का नंगा बदन देख कर ये सोच कर ही मेरे लंड में फिर से गर्मी आने लगी पर किसी तरह मैंने अपने मन को शांत किया और सो गया…..
To be continued







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सुबह मैं उठा और अपना फ़ोन तकिए के नीचे से निकाल कर देखा सुबह के साढ़े आठ हो गए मैं कूद कर बिस्तर से उतरा कमरे से बाहर आया और सीधा बाथरूम में घुस गया मैं आज लेत उठा था 7 बजे उठ कर मुश्किल से साढ़े 9 तक आफिस पहुंचता था …. दीदी अपने रूम मे थी पर मेरे उठने की आहट से वो बाहर आ गयी और बोली आज इतना लेट क्यों कर दिया मैंने कितनी आवाज़ दी तुम्हे पर तुम उठे ही नही ….. मैंने अंदर से ही जवाब दिया पता नही कैसे आज आंख ही नही खुली दीदी ने कहा तू दरवाजा अंदर से बंद क्यों रखता है खुला होता तो मैं आ कर जगा देती …. मैंने कहा अब से खुला ही रखूंगा दीदी ….. कल से तुम्हारी ड्यूटी मुझे टाइम पर जगाने की फिर मैं जल्दी से 10 मिनट में नहा कर तैयार हुआ ऑयर नाश्ते के लिए मेज पर आ गया जल्दी जल्दी नाश्ता ठूंस कर दीदी को bye बोल के निकल गया आफिस के लिए मैं रास्ते मे ही था कि तभी संजीव का कॉल आ गया उसने कहा सर वो कैमरे वाला लड़का आया हुआ है मैंने उसे बुला लिया था मैंने कहा उसे रोक के रखो मैं आधे घंटे में पहुंच रहा हूँ …… फिर मैं आफिस पहुंचा साढ़े दस बज चुके थे मैं सीधा अपने केबिन में गया और तभी संजीव एक लड़के के साथ अंदर आया मैंने दोनों को बैठने के लिए बोला संजीव ने पूछा सर कल कोई प्रॉब्लम तो नही हुई मैंने कहा नही कुछ खास नही फिर मैंने संजीव से कहा तुम बाहर जाओ मैं इस से बात कर लेता हूं संजीव के जाने के बाद मैंने उस से पूछा कि घर मे दो कैमरे लगवाने हैं कितना पैसा लगेगा उसने सब कैलकुलेट कर के 14000 का खर्चा बताया मैंने फिर कहा कोई ऐसा तरीका है कि किसी को पता ना चले कि कैमरे लगे हैं उसने कहा हाँ माइक्रो कैमरे लगाने पड़ेंगे खर्च ज्यादा लगेगा मैंने कहा पैसे की बात नही है पर मैं चाहता हूं किसी को पता न चले …. उसने कहा हो जाएगा सर जैसा आप चाहते हैं …. फिर मैंने उस से कहा एक सीक्रेट है बात अपने तक ही रखना वो बोला निश्चिंत रहिए सर आप जो चाहते हैं बताइए बात आगे पास नही होगी कही भी मैंने उस से झूठ बोला मैंने कहा मेरी शादी होने वाली है पर मुझे लड़की पर थोड़ा डाउट है इसलिए मैं बाथरूम में भी कैमरा चाहता हूँ क्यों कि कल वो मेरे घर आई थी और उस के फ़ोन पर बार बार कॉल आ रही थी और वो बाथरूम में जा कर किसी से बात कर रही थी ऐसा मुझे डाउट है और मैं इसीलिए एक कैमरा वहां भी चाहता हूं उसने कहा ठीक है सर हो जाएगा फिर मैंने उस से पूछा वो ये काम कितनी देर में निपटा लेगा उसने एक घंटे में मैंने उसे अपने घर एड्रेस दिया और बोला शाम को ठीक साढ़े 6 बजे पहुंच जाना घर लॉक होगा चाभी मैं तुम्हे दे देता हूँ अंदर दो कमरे हैं एक ड्राइंग रूम और उसके आगे दो बैडरूम तुम्हे दाईं ओर वाले बैडरूम में और बाथरूम में कैमरा लगाना है …. उसने कहा ठीक है सर फिर मैंने उसे घर की चाभी दी और एक बार फिर सब अच्छे से समझा के भेज दिया ।
सारा दिन बैंक में माथापच्ची करने के बाद शाम को 5 बजे मैं आफिस से निकला पर रास्ते मे ट्रेफिक की वजह से घर पहुंचते मुझे 6:20 हो रहा था मैंने नीचे से ही दीदी को कॉल की दीदी के रिसीव करते ही मैंने कहा दीदी दो मिनट में तैयार हो जाओ कहीं चलना है दीदी ने कहा भी इतनी जल्दी क्यों कहाँ चलना है और तुम कहाँ हो मैंने कहा मैं नीचे हूँ मेरे ऊपर आते तक तुम फटाफट से तैयार हो लो …. और जब मैं सीढियां चढ़ कर ऊपर पहुंचा तो

दीदी ने दरवाजा खोला उन्होंने जीन्स टी शर्ट पहनी हुई थी और कुल मिला कर सेक्सी लग रही थीं … मैं झट से अंदर आया लैपटॉप रखा 6:25 हो चुके थे मेरे पास चेंज करने का भी टाइम नही था मैंने कहा चलो दीदी …. दीदी ने फिर से पूछा कि कहां चलना मैंने कहा चलो ना खुद ही देख लेना …. दीदी मेरे साथ बाहर आई तो मुझे ध्यान आया कि मेरे पास चाभी तो है ही नही मैंने कहा दीदी घर की चाभी मैं बैंक में भूल गया हूँ तुम अपनी चाभी ले लो प्लीज उधर दीदी अंदर गईं चाभी लेने और इधर वो लड़का सीढ़ियों पर बैग लिए हुए दिखा मैं भाग कर उसके पास गया और बोला कि तुम ऊपर चले जाओ और 10 मिनट बाद आना अभी मेरी होने वाली बीवी घर आई हुई है वो सर हिलाता हुआ ऊपर चला गया और तभी दीदी चाभी ले कर बाहर आयी उन्होंने दरवाजा लॉक किया तो चाभी मैंने मांग ली उन्होंने एक पल सोच कर चाभी मुझे दी और मुस्कुरा कर मेरे पैंट के अगले हिस्से को देखने लगी …. मैंने चाभी जेब मे डाली और कहा चलो फिर हम नीचे आये …. मैंने कार निकाली दीदी को बिठाया और मेन रोड पर आ गए पर मुझे खुद नही पता था जाना कहाँ है मैं ऐसे ही सड़क पर गाड़ी चलाता हुआ इधर उधर घूम रहा था फिर मैंने एक गारमेंट्स शो रूम के सामने कार रोकी दीदी ने पूछा क्या लेना है मैंने कहा अपने और आपके लिए कुछ कपड़े लेने हैं ….. दीदी बोली अभी परसों तो शापिंग की थी हमने इतनी जल्दी फिर से मैंने कहा दीदी आप आजकल सवाल बहोत करने लगी हो दीदी गहरी सांस ले कर बोली ठीक है मुझे क्या जो मर्ज़ी कर फिर हम शॉप में दाखिल हुए और काउंटर पर जा कर मैंने अपने लिए जीन्स दिखाने को बोला सेल्स मैन ने कई सारी जीन्स निकाली और मैंने दीदी से कहा कोई एक पसन्द करने को दीदी ने एक ब्लैक जीन्स सेलेक्ट की फिर मैंने एक शर्ट भी दीदी से सेलेक्ट करवाई …. इसके बाद हम लेडीज सेक्शन में गए और मैंने दीदी के लिए दो लेगिंग और दो टी शर्ट ली इस सब खरीददारी में लगभग 1 घण्टा लग गया ….. मुझे तो बस टाइम पास करना था ताकि वो अपना काम आराम से निपटा ले फिर शॉप से सामान ले कर हम बाहर निकले और फिर मैंने कार एक बढ़िया से रेस्टोरेंट में रोकी ….. फिर हमने डिनर किया दीदी खुश थीं जिस तरह से मैं उनका ख्याल रख रहा था …. और उनके चेहरे पर खुशी नजर भी आ रही थी …. डिनर कर के हम बाहर आये और मैंने कार बढ़ाई तभी मेरी नजर सड़क के किनारे एक कुल्फी वाले पर पड़ी ….. मैंने कहा दीदी कुल्फी खाओगी क्या … दीदी बोली हां तू तो जानता है मुझे कुल्फी कितनी पसन्द है …. मैंने कहा ठीक है तुम कार में ही बैठो मैं ले कर आता हूँ …. मैं उतर कर गया और उसे दो कुल्फी देने को बोला और फ़ोन निकाल कर उस लड़के को काल लगाई और पूछा काम हो गया क्या …. उसने कहा सर काफी देर हो गयी काम खत्म किये हुए मैं तो वापस अपनी शॉप पर आ गया मैंने पूछा अब ये बात मैं अपने फ़ोन पर कैसे देख सकता हूँ अपने घर की लाइव वीडियो तो उसने कहा मैं एक app का लिंक सेंड करता हूँ उसे डाउनलोड कर लो और प्रोसेस कंप्लीट कर लो बस ….. फिर मैंने कॉल काटी कुल्फी वाले को पैसे दिए और बस एक मिनट में मेरे व्हाट्सएप्प पर मैसेज आया मैंने उसे ओपन कर के वो app डाऊनलोड किया और जैसे ही प्रोसेस कंप्लीट किया वहां cam1 और cam2 का ऑप्शन आ गया और cam पर क्लिक करते ही मेरे घर का बाथरूम साफ नजर आने लगा मेरे फ़ोन की स्क्रीन पर …… मैं मन ही मन मे इतना खुश हुआ कि जी कर रहा था नाचूँ पर अपनी खुशी को कंट्रोल कर के फ़ोन जेब मे रखा और कुल्फी ले कर दीदी के पास वापस आ गया ।
मैं दीदी को कुल्फी पकड़ा कर अपनी सीट पर आ गया और दोनों कुल्फी के मज़े लेने लगे …. दीदी जैसे जीभ निकाल कर कुल्फी चाट रही थीं मुझे लगा जब ये ऐसे ही किसी का लंड चाटेगी तो कितना मज़ा आएगा ….. ऐसे गौर से मुझे अपनी ओर देखता हुआ देख कर दीदी ने कहा क्या हुआ संजू ऐसे क्या देख रहा है ….. मैंने कहा दीदी कुछ नही बस ये देख रहा हूँ जब पहली बार आपको ससुराल में देखा था तब से अब में कितना फर्क आ गया है …. आपका वो मुरझाया हुआ उदास चेहरा याद आता है …. और फिर आज आपका ये खिला खिला मुस्कुराता हुआ चेहरा ….. मैंने अपना एक हाथ उनकी जांघ पर रखते हुए कहा …. दीदी सच मे मुझे बहोत देर हो गयी आपको उस नरक से निकालने में ….. दीदी ने कुल्फी चूसते हुए कहा संजू …. कोई नही देर हुई पर आखिर में मैं अब खुश हूं अपनी जिंदगी से … जो गलती मम्मी से हुई थी उसे सुधार कर तूने मुझ पर बहुत बड़ा अहसान किया है ….. अपने पति की मौत के बाद मेरी कुछ समझ नही आ रहा था कि अब मेरा क्या होगा कैसे जिंदगी गुजरेगी पर तेरा शुक्रिया जो तू मुझे अपने साथ यहां ले आया …… और दीदी के आंखे भर आयी ये देख कर मुझसे रहा नही गया और मैंने दीदी के गालों पर बह रहे आंसुओं को अपने हाथों से पोछते हुए कहा दीदी अब क्यों रो रही हो अब तो सब ठीक है ना …. दीदी ने कहा ये खुशी के आंसू हैं भाई …. मैंने कहा पर जो भी है तुम्हारी आँखों मे आंसू मुझे एकदम अच्छे नहीं लगते दीदी ….. तो दीदी मुस्कुरा दी …. हमारी कुल्फी खत्म हो चुकी थी मैंने कहा दीदी अब घर चलें …. दीदी ने बार मेरी आँखों मे देखा और मुस्कुरा कर बोली थैंक यू सो मच संजू ….. मैंने कार स्टार्ट की और बढ़ाते हुए कहा …. अब ये किसलिए दीदी …. दीदी बोली जो सपने मैंने देखे थे कि मेरी शादी होगी किसी शहर में रहूंगी एक प्यार करने वाला पति होगा जो मेरी हर छोटी बड़ी जरूरत का ख्याल रखेगा और मुझे खुश रखेगा ….. शादी के बाद उन सब अरमानों पर पानी फिर गया था लेकिन तुम्हारी वजह से अब मेरी वो ख्वाइशें कुछ हद तक पूरी हो पा रही हैं …… मैंने हंसते हुए कहा दीदी तुम्हारे सिवा और है ही कौन मेरा जिसका ख्याल रख सकूं मैं और हां ये आज फिर से सूखा सूखा थैंक्स दे कर ठीक नही कर रही हो आप …. दीदी हंसते हुए बोली शादी कर ले बीवी तुझे गीला गीला थैंक्स बोलेगी ….. ऐसे ही बातें करते हुए हम घर आ गए ….. मैंने कार पार्क की और कपड़ो के पैकेट ले कर बाहर आ गया और हम सीढ़ियों से चढ़ कर ऊपर आये और अपने फ्लैट के सामने पहुंचते ही दीदी ने खुद ही पास आ कर मेरी जेब मे हाथ डाल दिया और चाभी निकालने लगी ….. पर तभी मुझे लगा आज दीदी जान बूझ अपनी उंगलियां अंदर तक ले जा कर टटोल रही हैं पर आज जीन्स पहनी होने की वजह से उनकी उंगलियों के संपर्क मेरे लंड से हुआ नही ….. फिर दीदी ने चाभी निकाली और दरवाजा खोला हम अंदर आ गए ….. मैंने सामान रखा और अपने कमरे में चला गया और जल्दीसँ के चेंज कर के शॉर्ट्स और बनियान में ही अपना फ़ोन ले कर बाहर आया और सोफे पर पसर कर tv ऑन कर लिया ….. दीदी उन पैकेट्स में से अपने कपड़े निकाल कर देख रही थीं …. मैंने कहा देख क्या रही हो जाओ पहन कर चेक कर लो फिटिंग कैसी है …. दीदी सर हिलाते हुए अपने कपड़े ले कर अपने रूम में चली गईं …. और जैसे ही दरवाजा बंद हुआ मैंने झट से फ़ोन में वो app ओपन की और cam1 को क्लिक किया दीदी के कमरे का नजारा मेरे सामने था …. दीदी अपने बेड पर वो लैगिंग और टी शर्ट रखे हुए उन्हें देख रही थी फिर उन्होंने अपनी साड़ी खोल कर तह करी और उसे अलमारी में रख दिया उसके बाद दीदी ने ब्लाउज के हुक खोलने शुरू किए और फिर ब्लाउज को बाहों से निकाल कर बेड पर डाल दिया नीचे उन्होंने व्हाइट कॉटन की ब्रा पहनी हुई थी और उसमे कसी हुई उनकी 34 साइज की मस्त चूचीया बड़ी प्यारी लग रही थी ….. मुझे लग रहा था इस इंतजाम के लिए 14000 रुपये बहोत कम थे …. और दीदी को इस तरह से देख कर मेरा लंड धीरे धीरे सर उठाते हुए सख्त होने लगा था …. मेरा एक हाथ अपने लंड पर आ गया और मैं उसे मसलते हुए ध्यान से दीदी के अगले स्टेप को देखने लगा …. फिर दीदी ने अपने पेटीकोट का नाड़ा खींच दिया और वो सरक कर जमीन पर जा गिरा उफ़्फ़फ़ दीदी की चिकनी जाँघे एकदम चमक रही थीं रोशनी में और मेरा दिल तेजी से धड़क रहा था …. उन्होंने ब्लैक कलर की पैंटी पहनी हुई थी और उसमे कसे उनके गोरे मस्त चूतड़ मेरे लंड की हालत खराब कर रहे थे ….. फिर उन्होंने एक नेवी ब्लू कलर की लैगिंग उठा कर पहन ली और एक येल्लो टी शर्ट डाल ली ….. और अपना ब्लाउज पेटीकोट अलमारी में रख कर दरवाजे की ओर आयी उन्हें आते देख मैने झट से फ़ोन बंद कर के रख दिया और tv देखने लगा …. तभी दरवाजा खुला और दीदी बाहर आ गयी मैंने उन्हें देखा और स्माइल की …. दीदी आ कर मेरे बगल में ही सोफे पर बैठ गईं मैंने कहा दीदी बहोत अच्छी लग रही हो इस ड्रेस में … तो वो हंस कर बोली क्या बात है मैं आजकल हर ड्रेस में अच्छी लगने लगी हूँ तुझे ….. मैंने कहा आप अच्छी हो तो किसी भी ड्रेस में अच्छी ही लगोगी ना …. दीदी ने कोई जवाब नही दिया पर उनकी स्माइल सब कह रही थी ….
फिर हम tv देखते रहे और मैंने कहा दीदी मैं लेट जाऊं तो दीदी ने कहा रोज पूछना जरूरी है क्या …. और मैं दीदी की जांघ पर सर रख कर लेट गया पर एक प्रॉब्लम हो गयी मेरा खड़ा लंड जिसे मैंने अब तक टांगों के बीच दबा रखा था वो झटके से खड़ा हो गया और दीदी ने एक नजर मेरे शॉर्ट्स में बने हुए पर डाली और फिर tv देखने लगी …… मैंने अपना एक हाथ दीदी की जांघ पर रखा हुआ था और उनकी चिकनी मुलायम जांघ का स्पर्श बड़ा सुखद लग रहा था मुझे …. तभी दीदी ने कहा …. संजू हर बार तू बात को मज़ाक में टाल देता है पर मैं चाहती हूं अब तुम अपने बारे में कुछ सोचो …. मेरे ख्याल से तुम्हे अब शादी कर लेनी चाहिए …. मैंने कहा दीदी मुझे अभी इसकी कोई जरूरत नही लग रही और मेरा जवाब वही है आप जैसी लड़की मिलते ही शादी भी कर लूंगा …. उन्होंने एक गहरी सांस ली और कहा संजू मेरे भाई हर वक़्त मज़ाक ठीक नही है मैं सीरियस हूँ …. मैंने उनकी आंखों में देखा और मेरी हंसी निकल गयी मैं जोर जोर से हंसने लगा और हंसते हुए बोला वाह रे सीरियस …. पर आपकी शक्ल से एकदम नही लग रहा कि आप सीरियस हो …. दीदी थोड़ा सा गुस्सा हो गयी और बोली अब मुझे बात ही नही करनी तुझसे …. मैंने कान पकड़ते हुए कहा अच्छा सॉरी पर आपकी सीरियस वाली बात सुन कर मुझे हंसी आ गयी …. तो वो भी मुस्कुराने लगी और बोली तुम कभी सुधरना मत … मैंने कहा दीदी पर मैं बिगड़ा ही कहाँ हूँ …. अपने काम मे लगा रहता हूँ चुपचाप … दीदी बोली वही तो कह रही हूं मैं की कब तक ऐसे मशीन जैसे काम मे लगे रहोगे तुम्हारी भी अपनी जिंदगी है 28 के हो गए हो ये एकदम सही वक्त है शादी का …. मैंने एकदम से बिना कुछ सोचे समझे कह दिया …. दीदी मैंने नही करनी शादी वादी मुझे बस सारी जिंदगी आपके साथ रहना है और मैं आपके साथ खुश हूं ….. दीदी बड़े गौर से मुझे देखने लगी …. फिर बोली मैं तो तेरे साथ ही रहूंगी मैं कहाँ जा रही हूं पर मैं बहन हूँ तेरी और तुझे अब बीवी की जरूरत है …. मैं ये सुन कर उठ कर बैठ गया और दीदी को घूरते हुए देखने लगा …. दीदी थोड़ी परेशान हो गयी मेरे ऐसे देखने से और बोली ऐसे क्यों घूर रहा है ….. मैंने कहा आपको कैसे मालूम हो रहा है मेरी जरूरतों के बारे में …. तो कुछ नही बोली सर नीचे कर ली …. मैंने फिर से कहा बताओ ना आपको कैसे मालूम मुझे किस चीज की जरूरत है …. तो उन्होंने झटके से मेरी ओर देखा और बोली सब समझती हूं मैं बड़ी बहन हूँ तेरी ये जो तू रोज रोज जेब से चाभी निकलवाता है ना उस टाइम मुझे एहसास हो जाता है कि तुझे अब शादी करने की जरूरत है ….. मैंने कहा दीदी हो सकता है आपकी बात सही हो पर मैं अभी इस बारे में कुछ नही कह सकता क्यों कि मेरे मन मे कुछ और है ….. दीदी ने कहा क्या है तेरे मन में मुझे बता मैं तेरी मदद करूंगी जो भी तेरी पसन्द है मुझसे कह दे ….. मैंने कहा दीदी कहूंगा आपसे ही कहूंगा लेकिन अभी नही वक़्त आने पर …. दीदी ने जोर देते हुए पूछा ये वक़्त कब आएगा इतना तो बता दे …. मैंने कहा वो तो मुझे भी पता नही पर आएगा जरूर एक दिन ….. फिर मैंने कहा अब काफी रात हो गयी सोना चाहिए नही तो सुबह आफिस के लिए देर होगी ….. फिर मैं दीदी को गुड नाईट बोल कर अपने रूम में आ गया और लाइट ऑफ कर के बिस्तर पर लेट गया ….. पर मेरे कान बाहर ही लगे हुए थे 10 मिनट बाद tv ऑफ हुआ और दीदी शायद बाथरूम गयी …. मैंने झट से फ़ोन निकाला और बाथरूम वाला cam ऑन किया उफ़्फ़फ़ क्या नजारा था दीदी बाथरूम में अपनी लैगिंग नीचे सरका कर बैठी पेशाब कर रही थी ….. दीदी के मोटे चिकने नंगे चूतड़ देख कर मेरा दिल और लंड दोनों आउट ऑफ कंट्रोल हो गए मैंने अपना लंड बाहर निकाल लिया और उसे सहलाते हुए वो हसीन नजारा देखने लगा …. फिर दीदी उठी और अपनी लैगिंग ऊपर खींच दी और फिर दरवाजा खोल कर बाहर चली गयी ….. मैंने जल्दी से दूसरा cam ऑन किया और दीदी दरवाजा खोल कर अपने कमरे में दाखिल हुई फिर दरवाजा अंदर से बंद कर के लाइट ऑफ कर के नाईट बल्ब जलाया और बिस्तर में चली गयी और चादर ओढ़ कर लेट गयी ….. उनका फेस cam की ओर ही था वो कुछ सोच रही थी और मैं बस उनका प्यारा मासूम चेहरा देखते हुए लंड पर तेजी से हाथ चलाये जा रहा था और कुछ मिनट में ही मैं झड़ गया ….. फिर मैंने फ़ोन चार्ज पर लगाया और सो गया …….


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