भाग 5
सुबह मेरी नींद 6 बजे खुल गयी और उठ कर मैं बिस्तर पर पड़ा अंगड़ाइयां ले ही रहा था कि अचनाक मुझे कल रात का दीदी वाला बाथरूम सीन याद आया और मैंने झट से फ़ोन उठा कर चेक किया पहले दीदी का रूम देखा तो वो खाली पड़ा था फिर बाथरूम देखा तो……
दीदी कमोड पर बैठी थी और एकदम नंगी थी एक भी सूत नही था उनके बदन पर और दीदी का वो रूप देख कर मुझे बस उनसे प्यार हो गया….. सांचे में ढला हुआ गोरा बदन कड़े शेप में ढले हुए मस्त चूचे ब्राउन कलर के नुकीले निप्पल….. सपाट पेट और गहरी नाभि…. कोई भी दीदी का ये रूप देख कर होश खो बैठता और मैं तो ये सब देख हैरान भी था और बेहद खुश भी….. कोई तीन मिनट तक दीदी कमोड पर बैठी रही फिर उन्होंने नोजेल ऑन किया और पानी की धार पड़ने से शायद उन्हें भी गुदगुदी हुई होगी वो मुस्कुरा रही थी फिर वो उठी…. और मेरी नजर उनकी बालों से ढकी हुई चूत पर पड़ी…. ढेर सारे घने काले बालों से ढकी हुई थी उनकी चूत और सिर्फ बाल ही नजर आ रहे थे उन्होंने एक बार अपनी झांटो पर हाथ फिराया और फिर शावर के नीचे खड़ी हो गईं….. और शावर खोल दिया पानी की बूंदे उनके नंगे बदन को भिगोने लगी और फिर वो नहाती रहीं और मैं उन्हें देखते हुए बस मुठ मारने लगा…. इधर उनका नहाना खत्म हुआ और उधर मैं एक बार फिर से झड़ चुका था पर अब मेरी प्यास बढ़ रही थी और मैं दीदी को पाना चाहता था….. तभी मैं खयालो से बाहर आया और देखा दीदी नहा चुकी थी और ब्रा पैंटी पहन कर टॉवल लपेट कर बाहर आने वाली थी और मैं कूद कर कमरे से बाहर आ कर सोफे पर ऐसे बैठ गया कि एक नजर में वो मुझे ना देख पाए….. बाथरूम का दरवाजा सोफे के पीछे की ओर है तो दरवाजा खुला और दीदी बाहर आई और वैसे ही मैं सोफे से उठ खड़ा हुआ और मुझसे नजर मिलते ही दीदी सकपका गयी उन्होंने तौलिया लपेटा था जो उनके सीने से उनकी जांघो तक ही था और मेरी नजर एकदम से उनकी नंगी जांघो पर और जांघो के जोड़ पर थी….. दीदी दो सेकेंड्स तो खड़ी रही फिर भाग कर अपने रूम में घुस गई और दरवाजा बंद कर लिया….. और मैं बाथरूम में घुस गया…. मैं फ्रेश हो कर नहा कर बाहर आया तो दीदी किचन में थी फिर मैं तैयार हो कर नाश्ते की टेबल पर आ गया आज मैं ही जल्दी तैयार हो गया था तो दीदी अभी नाश्ता बना ही रही थी मैंने वही से आवाज़ दी…. दीदी कितनी देर लगेगी अभी…. दीदी बोली आज बड़ी जल्दी रेडी हो गया कोई खास बात है क्या…. मैंने कहा हाँ एक लड़की को इम्प्रेस करना है उसे लगता है कि मैं देर तक सोता हूँ आलसी और लापरवाह हूँ उसे दिखाना है कि मैं एक जिम्मेवार और समझदार इंसान हूँ…. ये सुनते ही दीदी हाथ मे कलछी लिए हुए किचन के दरवाजे पे आ गईं और बोली कौन है वो लड़की आफिस में कोई नई आयी है क्या…. मैंने किचन की ओर देखा उफ़्फ़फ़ क्या लग रही थीं दीदी पिंक लैगिंग और स्काई टी शर्ट में उनके जिस्म का एक एक उतार चढ़ाव साफ नजर आ रहा था और उन्हें देख कर मेरा मुह खुला का खुला रह गया….. मुझे ऐसे देखते देख दीदी हंस पड़ी और बोली मुह बन्द कर ले दिख तो मैं आंखों से भी जाऊंगी…. और मैंने सच मे एकदम से मुह बन्द कर लिया और वो जोर जोर से हंसने लगी उन्हें ऐसे हंसते देख कर मैं उठ कर उनके पास गया और उन्हें कस के अपने गले से लगा लिया और कहा…. दीदी बस तुम हमेशा ऐसे ही हंसती रहना और कुछ नही चाहिए मुझे…. मेरे लिए आपकी ये खुशी ही सब कुछ है दीदी ने भी अपनी बाहें मेरी पीठ पर कस दी और बोली बस तू हमेशा ऐसे ही दीदी को खुश रखना तो मैं खुश रहूंगी….. मैंने उन्हें और तेज बाहों में कस लिया और शायद मेरे लंड जो कि थोड़ा सख्त था और वो उन्हें अपने नीचे महसूस हुआ होगा तो वो कसमसा कर बोली अब छोड़ मुझे वरना तुझे देर हो जाएगी आफिस के लिए… मैंने कुछ सेकेंड्स तक फिर भी उन्हें जकड़े रखा और फिर छोड़ दिया….. वो सर झुका चुपचाप वापस किचन में चली गयी….. और मैं वही खड़ा खड़ा उनका मस्त पिछवाड़ा देखता रहा…. पर आज मुझे ऐसा महसूस हो रहा था कि दीदी को कुछ आईडिया हो चुका है कि मैं उनके बारे में क्या सोचता हूँ और किस नजर से देखता हूँ उनको….. तभी दीदी ने मेरी ओर देखा और मुझे अपनी ओर देखते देख कर बोली आज कल बहुत घूरने लगा है मुझे क्या बात है….. मैंने कहा यार दीदी घर मे तुम्हारे सिवा है ही कौन जिसे देखूं…. दीदी ने गोल गोल आंखे नचाते हुए कहा इसीलिए तो कह रही हूं किसी को ले आ घर जिसे जी भर देख सके…. मैंने कहा तुम हो न किसी को लाने की क्या जरूरत है तुम्हे ही देख लेता हूँ…. दीदी ने कहा मैं बहन हूँ तेरी कोई राह चलती लड़की नहीं जिसे देख कर मन बहलाएगा अपना…. मैंने कहा दीदी हो तो लड़की ही ना और मेरा मन बहल जाता है तुम्हे देख कर….. नाश्ता तैयार हो चुका था सो दीदी ने ट्रे उठाई और मेरे बाजू से निकल कर रूम में आ गयी मैं भी आ कर बैठ गया और हम नाश्ता करने लगे…. इस दौरान कोई बात नही हुई फिर मैं नाश्ता कर के निकल गया आफिस के लिए….. और घंटे भर बाद मैं अपने केबिन में था…. कुछ जरूरी काम निपटा के जब थोड़ी देर बाद मैं फ्री हुआ तो मुझे दीदी की याद आने लगी और मैंने फ़ोन निकाला और देखना शुरू किया…. पर दीदी घर मे नही दिखी ना अपने रूम में ना बाथरूम अब या तो वो ड्राइंग रूम में रही होगी या किचन में या फिर हो सकता है वो कही बाहर गयी हो…. और मैंने ना जाने क्या सोच कर उनको कॉल कर दी….. और जैसे ही उन्होंने फ़ोन उठाया बेख्याली में मेरे मुह से निकल गया… दीदी कहा हो गयी हुई हो तुम…. उन्होंने कहा बस कुछ सामान लेना था तो बाजार तक आयी थी लेकिन तुझे कैसे पता चला कि मैं बाजार आयी हूँ….. अब मैं कैसे बताता की मुझे कैसे पता चला…. मैंने झूठ बोलते हुए कहा वो मैंने एक लड़के को घर भेजा था…. मेरी अलमारी में एक फ़ाइल रखी है वो मंगवाने के लिए पर उसने बताया कि घर लॉक है तो…. दीदी बोली उसे बोलो की वो रुके मैं बस दो मिनट में घर पहुंच रही हूं मैं फिर से हड़बड़ा गया और कहा कि…. वो तो निकल गया वहां से वापस… दीदी बोली तो उस से बोल नही सकता था रुकने को मैं तो बस पहुंच ही गयी घर मैंने कहा चलो छोड़ो अब कल ले आऊंगा मैं और फ़ोन काट दिया…..
आज मैं अपनी बेवकूफी से फंसते फंसते बचा था…. और दो मिनट बाद मैंने फिर से फ़ोन पर घर का सीन देखना शुरू किया कुछ सेकेंड्स में ही दीदी अपने रूम में आई उनके हाथ मे कुछ शॉपिंग बैग थे उन्होंने बेड पर रखे और पंखा चलाया धूप से आने की वजह से वो पसीने से तर थीं और उनका ब्लाउज भीग कर उनके बदन से चिपका हुआ था…. काफी सेक्सी सीन था फिर उन्होंने साड़ी खोल कर फेंक दी और ब्लाउज भी निकाल दिया और लास्ट में ब्रा भी खोल दी और दीदी के रसीले चूचे नंगे सर उठाये खड़े थे….. उन्होंने टॉवल लिया और चुचियों पर बहा पसीना पोछा फिर पॉलीथिन से कुछ निकाला… गौर से देखा तो वो हेयर रिमूवर क्रीम थी दीदी ने वही बेड पर बैठ कर क्रीम की शीशी खोली और स्पून से निकाल कर अपना एक हाथ उठा कर अंडर आर्म पर क्रीम लगाने लगी मेरा दिल कर रहा था कि उन्हें कॉल कर के मना कर दूं क्यों कि मुझे औरतों के प्राइवेट पार्ट्स यानी कि चूत और बगलों पर बाल बहोत पसन्द हैं…. और मैं एकदम नही चाहता था कि दीदी अपने बालों को हटायें पर चुपचाप देखने के सिवा मैं क्या कर सकता था….. दीदी ने दोनों आर्म्स पर क्रीम लगाई और फिर खड़ी हो कर पेटीकोट खोल दिया और उसे टांगो से निकाल कर वही जमीन पर बैठ गयी पंजो पर और अपनी चूत के बालों पर हाथ फिराया और फिर क्रीम लगाने लगी…. अच्छी तरह से क्रीम लगा कर वो उठी बेड पर लेट गयी आंखे बंद कर के एकदम रिलैक्स हो कर और दीदी को ऐसे नंगा देख कर मेरा मन एकदम अशांत हो रहा था और मेरे लंड में जबरदस्त तनाव आ चुका था….. तभी एक बन्दा लोन की फ़ाइल ले कर केबिन में आ गया और मैंने फ़ोन चुपचाप जेब मे रख लिया….. और जब वो 10 मिनट बाद गया तो मैंने वापस लिवा एक्शन देखना शुरू किया…. पर दीदी अब रूम में नही थी बस उनके कपड़े बिखरे पड़े थे…. मैंने बाथरूम वाला cam ऑन किया तो देखा दीदी शावर के नीचे खड़ी थी और उनके अंदर आर्म और चूत के बाल एकदम गायब हो चुके थे…. आज पहली बार मुझे दीदी की चूत के दर्शन हुए एकदम गुलाबी पंखुड़ियां और ऊपर अनार के दाने जैसी क्लीट देख कर मेरे मुह में पानी आ गया….. और मैं सोचने लगा कि क्या दीदी को सेक्स की जरूरत नही महसूस होती होगी अभी उनकी उम्र ही क्या है…. और उनका जो पति था वो उन्हें शारीरिक सुख तो क्या देता रहा होगा बस शराब पी कर उनका बदन नोचता था शायद वो…. इन्ही खयालो में डूबा था कि अचानक से वापस मेरी नजर स्क्रीन पर गयी और इस बार जो दिखा वो मेरा खून गरम कर गया…. दीदी शावर के नीचे बैठी थी टांगे खोल कर अपनी चूत की दरार को उंगली से सहला रही थीं और उनका दूसरा हाथ उनके स्तन पर था वो अपने निप्पल को उंगली से रगड़ रही थी….. उनकी पीठ दीवार से टिकी हुई थी और आंखे बंद…. गहरी सांस लेते हुए उनके ठोस चूचियाँ ऊपर नीचे हो रही थी और फिर दीदी ने अपनी उंगली मुह में डाल कर चूसी और गीली उँगली चूत पर रख कर एक झटके से चूत में घुसा ली और फिर उंगली को धीरे धीरे अंदर बाहर करते हुए फिंगरिंग करने लगी….. अभी दो मिनट पहले जो कुछ मैं सोच रहा था उसका जवाब मुझे बड़ी जल्दी मिल गया था…. दीदी का भी सेक्स का मन करता है और वो अपनी प्यास अपने हाथों से मिटा लेती हैं जैसे कि मैं करता हूँ….. कोई 10 मिनट तक दीदी ऐसे ही उंगली को कभी तेजी से कभी धीरे धीरे चूत में डालती रही और फिर उनका बदन अकड़ने लगा और उनका मुह खुल सा गया और फिर एक हल्की कंपकंपी के साथ वो झड़ कर शांत हो गयी झड़ने के बाद भी कुछ देर वो ऐसे ही बैठी रही और फिर नहा कर नंगी ही बाहर निकल गयी…. मैंने वापस रूम वाला cam ऑन किया वो ड्रेसिंग के सामने नंगी खड़ी थी और बड़े गौर से अपना जिस्म देख रही थी…. फिर उन्होंने ब्रा पैंटी पहनी और लोअर टी शर्ट पहन कर बालों को ब्रश करने लगी….. अब आगे देखने जैसा कुछ नही था तो मैं भी अपने काम मे लग गया…. सारा दिन आफिस में निपटा कर जब शाम को मैं घर जाने के लिए उठा तभी संजीव आ गया केबिन में और बोला सर आज बार चलें क्या एक दो pag हो जाये…. मैंने कहा यार मूड तो है पर मैं अब बाहर नही पी सकता हां तुम एक हाफ ला दो तो मैं घर पर ले लूंगा एक दो छोटे छोटे…. वो ok sir बोल कर निकल गया और 5 मिनट में ही व्हिस्की की एक हाफ पेपर में लपेट कर ले आया मैंने उसे बैग में डाला और उसे थैंक्स बोल कर निकल लिया…..
घर पहुंच कर बेल बजायी तो दीदी मानो दरवाजे पर ही थी एक सेकेंड में ही दरवाजा खुला और आज दीदी ने रेड साड़ी पहनी थी स्लीवलेस ब्लाउज और सुर्ख लिपस्टिक मैं बस उन्हें हैरान हो कर देखता ही रह गया…. दीदी मेरी हालत देख कर मुस्कुराने लगी मैंने पूछा कहीं जा रही हो क्या….. ?
तो वो बोली….. क्यों मैं घर पर ऐसे नही रह सकती क्या…. मैंने कहा नही ऐसा तो मैंने नही कहा पर आज तो गजब लग रही हो…. वो बोली अब अंदर आओगे या दरवाजे पर ही खड़े रहोगे, मैं अंदर आया और बैग रख कर वही बैठ गया दीदी बोली पानी लाऊँ…. मैंने कहा हां ले आओ पर जग में लाना और थोड़ी सी बर्फ भी….. उन्होंने सवालिया नजरो से देखा तो मैंने कहा आपसे वादा किया था ना कि पियूँगा तो घर पर ही बाहर नही…. वो मुह बना कर चली गयी और फिर जग में पानी ग्लास और आइस क्यूब ल कर रख दिये…. मैंने बैग से बोतल निकाल कर एक हल्का सा pag बनाया और सिप करते हुए कहा दीदी कुछ खाने को तो दे दो या ऐसे ही पियूँ…. उन्होंने पूछा क्या बना दूँ मैंने कहा बनाओ कुछ मत जो बना हुआ हो वो ही ले आओ….. वो किचन में गयी और 5 मिनट बाद एक प्लेट में सलाद और थोड़े से काजू ले कर आई और रख दिये बोली इतने से काम चलेगा या और कुछ लाऊँ मैंने कहा बस इतना काफी है….. मेरा pag खत्म हो चुका था मैं सलाद खाने लगा और दीदी चुपचाप मुझे देख रही थीं…. वो थोड़ी परेशान लग रही थीं….. मैंने पूछा क्या हुआ दीदी चुप क्यों हो…. वो बोली संजू ये मत समझ की मैं बड़ी होने की वजह से तुझे रोक टोक रही हूं पर इस शराब की वजह से मैंने बहोत दुख देखे हैं मुझे ये सब ठीक नही लग रहा मैं उठ कर उनके पास आ गया और उनका हाथ अपने हाथों में ले कर बोला दीदी मैं वादा करता हूँ कभी भी इसकी आदत नही डालूंगा बस कभी कभी थोड़ी सी केवल मूड बनाने के लिए….. बाकी मेरी जिंदगी में है कि क्या काम के सिवा…. दीदी ने कहा संजू अपना अच्छा बुरा तुम खुद समझते हो इसलिए आज के बाद मैं कभी तुम्हे टोकूँगी तो नही पर तुम इतना ध्यान जरूर रखना की कभी मुझे दुख मत देना… मैंने कहा दीदी निश्चिंत रहो…. फिर मैंने एक लाइट pag और बना लिया और एक काजू ले कर दीदी के मुह में डाल दिया वो काजू चबाने लगी और मैं अपना pag चुसकने लगा दूसरा pag खत्म होते ही मैंने कहा…. दीदी मेरा लोअर और टी शर्ट ला दो चेंज कर लूं फिर घूमने चलते हैं पार्क तक और जैसे ही दीदी अंदर गयी मैंने जल्दी से एक छोटा pag और खींच दिया और बोतल बंद कर दी जब दीदी वापस आयी तो मैंने बोतल उन्हें दी और कहा इसे आप ही रखो अब दो चार दिन बाद जरूरत पड़ेगी इसकी…. दीदी थोड़ा सा मुस्कुराई मेरा मन भी हल्का हुआ उन्हें मुस्कुराता देख कर वो बोतल ले कर अपने कमरे में गयी और मैं खड़ा हो कर अपनी बेल्ट खोलने लगा और जैसे ही मैंने पैंट एक टांग से निकाली दीदी वापस आ गयी कमरे में पर मैंने उनकी खास परवाह ना करते हुए पैंट उतार दी और फ्रेंची में खड़ा हो गया दीदी की नजर कई बार मेरी फ्रेंची के उभार पर गयी पर वो चुप ही थी मैंने शर्ट भी निकाल कर डाल दी और फिर लोअर टी शर्ट पहन कर जूते पहन कर तैयार हो गया….. घर की चाभी पर्स और फ़ोन जेब मे डाली और हम निकल पड़े पार्क की ओर ……. हल्की फुल्की बातें करते जब हम पार्क के गेट पर पहुंचे तो देखा कि उस दिन वाली लड़की आज किसी और लड़के के साथ पार्क में दाखिल हो रही थी…. वो थोड़ा आगे थी और हम उसके पीछे….. उसे देख कर दीदी थोड़ा सा ठिठक गयी…. मैं भी रुक गया और दीदी की ओर देखने लगा…. मैंने कहा क्या हुआ दीदी बोली कुछ नही तो मैंने कहा चलो फिर रुक क्यों गयी…. दीदी एकदम धीरे धीरे चलने लगी और फिर जब हम चलते हुए उस पॉइंट पर पहुंचे तो देखा कि वो लड़की और लड़का उसी पेड़ के नीचे एक दूसरे को बाहों में भरे हुए किसिंग कर रहे थे….. हमारे आने की आहट से उन्होंने एक बार हमारी ओर देखा पर हमें पहचानते ही वो वापस से उस लड़के को चूमने लग गयी और उन्हें देख दीदी ने बुरा सा मुह बनाया और फिर हम टहलते हुए वहीं पार्क के आखिरी सिरे के पास आ गए और वही बनी बेंच पर बैठ गए…. मुझे हल्का हल्का नशा हो रहा था मैं बस चुपचाप बैठा हो रही घटनाओं के बारे में सोच रहा था…. और मुझे टेंशन सी हो रही थी कि आखिर इस सब का अंत कहाँ जा कर होगा क्यों जो मैं चाह रहा था वो सामाजिक दृष्टि से गलत था पर मैं भी अपने दिल के हाथों मजबूर था जिसमे दीदी के सिवा किसी के लिए जगह बन ही नही पा रही थी…. अचानक से मेरे मन मे ख्याल आया अगर कहीं दीदी मुझसे शादी कर लें तो सब कुछ कितना आसान हो जाये…. पर अगले ही पल मुझे खयाल आया कि ये नशे की हालत में सोची गयी एक ऐसी बात है जो सिर्फ खयालो तक ही सिमट कर रह जानी है हकीकत में ऐसा होने की कोई संभावना दिख तो नही रही…..
तभी दीदी की आवाज़ कानों में पड़ी….. क्या सोच रहे हो संजू….. मैंने जल्दी से खुद को सम्हालते हुए कहा कुछ नही दीदी बस इन लोगों के बारे में सोच रहा था कही भी शुरू हो जाते हैं…. ये भी ख्याल नही करते कि कोई देख रहा है दीदी बोली मुझे तो वो लड़की ठीक नही लगती उस दिन कोई और लड़का था उसके साथ आज कोई और है…. मैंने कहा हां मुझे भी वो कॉलगर्ल लग रही…. फिर मैंने दीदी का हाथ पकड़ लिया अपने हाथों में और दूसरे हाथ से उनका हाथ सहलाते हुए कहा दीदी आज आप कुछ खास सी लग रही हो… दीदी ने मुस्कुरा कर कहा…. ऐसा क्यों…. मैंने कहा वो तो नही मालूम पर जो लगा वो कह दिया…. दीदी बोली पीने के बाद सब ऐसे ही बातें करते हैं…. मैंने थोड़ा झुंझलाते हुए कहा…. मैं किधर से आपको पिया हुआ लग रहा हूँ आप तो बस किसी बात के पीछे ही पड़ जाती हो…. ठीक है आज के बाद मैं कभी नही छुउँगा हाथ भी नही लगाऊंगा….. मैं थोड़ा आवेश में आ कर इतना बोल गया और जब दीदी की ओर देखा तो उनके चेहरे पर अजीब से भाव थे वो दुखी लग रही थी मेरे गुस्से से…. दीदी बोली नाराज क्यों हो रहा मेरे कहने का वो मतलब नही था…. मैं तो बस इतना कह रही थी कि थोड़ा सा सुरूर में हो इसलिए तुम्हे मैं खास लग रही आज वरना मैं तो वही हूं जो रोज होती हूँ…..
मुझे भी अहसास हुआ कि मैं कुछ ज्यादा ही उत्तेजना में बोल गया हूँ…. तो मैंने बात बदलते हुए कहा दीदी आप समझने की कोशिश करो मैं कोई आदतन शराबी नही हूँ और ना कभी बनूंगा बस कभी कभी काम की थकान और थोड़ा सा मूड बदलने के लिए एन्जॉय कर लेता हूँ और आप बार बार उस बात का ताना देती हो तो अच्छा नही लगता ना….. दीदी ने कोशिश कर के थोड़ा सा मुस्कुरा कर मेरी ओर देखा और फिर अपने कानों को हाथ लगाते हुए बोली….. समझ गयी मैनेजर साहब आज के बाद नहीं टोकूँगी कभी भी…. उनकी इस अदा पर मुझे भी जोर से हंसी आ गयी…. और मैं हंसते हुए बोला दीदी आप भी पूरी नौटंकी हो गयी हो…. फिर थोड़ा रुक कर मैंने कहा दीदी अगर कभी आपको लगे कि मैं कुछ गलत कर रहा हूँ तो मुझे रोकने टोकने और दो थप्पड़ भी लगाने का पूरा हक है आपको पर हर टाइम नही प्लीज….. दीदी ने कहा अब खत्म करो उस बात को…. मैंने कहा फिर कोई नई बात शुरू करो…. पता नही क्या सोच कर दीदी ने फिर से वही बात शुरू कर दी कि अब मुझे शादी कर लेनी चाहिए…. मैंने भी एकदम से बोल दिया ठीक है पर आपको भी शादी करनी पड़ेगी ऐसा थोड़े है कि एक इंसान गलत था तो सारी दुनिया गलत ही है मेरे जैसे भी बहोत पड़े हैं दुनिया मे…. दीदी एकदम से चुप हो गयी फिर बोली संजू मेरे लिए ये सब मुश्किल है मैं एक विधवा हूँ कौन करेगा मुझसे शादी मैंने कहा दीदी एक बात कहूँ अगर आप मेरी बहन ना होती तो….. और एकदम मुझे अंदर से किसी ने रोक दिया आगे बोलने से…. दीदी ने दो पल इंतजार किया और बोली रुक क्यों गया बोल ना मैं तेरी दीदी ना होती तो क्या होता….. मैंने कहा आप गुस्सा तो नही करोगी…. दीदी ने थोड़ा सोच कर कहा नहीं मैं गुस्सा नही करूंगी तू बोल….. मैंने कहा आप मेरी बहन ना होती तो मैं ही आपसे शादी कर लेता…. दीदी हैरत से मुझे देखने लगी फिर बोली तुझे चढ़ गई है ना…. मैंने कहा एकदम नही दीदी…. मैं पूरे होश में हूँ और एकदम अपने दिल की बात कह रहा हूँ आप मुझे बहोत अच्छी लगती हो और इसीलिए मैंने पहले भी कई बार कहा है कि आप जैसी लड़की मिलेगी तो ही शादी करूँगा…. दीदी ने अगला सवाल दाग दिया…. और अगर मेरे जैसे लड़की ना मिली तो….. मैंने पता नही कैसे हिम्मत कर के कह दिया…. तो फिर आपको ही पटा लूंगा…. हांलाकि ये बोलते हुए मेरी फट रही थी पर शायद शराब ने ये बात बोलने में मेरी बड़ी मदद की और अगर उस दिन मैं ये हिम्मत ना दिखाता तो सारी जिंदगी हिलाता रह जाता….. दीदी का चेहरा एकदम सपाट था मैं समझ नही पा रहा था मेरी बात का क्या असर हुआ उन पर…. कुछ देर तक वो यूं ही मेरी आँखों मे देखती रही…. फिर बोली संजू मैं बहन हूँ याद है ना मैंने हकलाते हुए कहा हां याद है दीदी…. दीदी फिर बोली हम जिस समाज मे रहते हैं वहां ऐसे किसी रिश्ते को लोग गाली कहते हैं ।
मैंने कहा सब जानता हूँ दीदी पर जो सच है उसे बदल भी तो नही सकता…. दीदी का हाथ अभी भी मेरे हाथों में था…. जिसे मैं सहला रहा था….. दीदी ने फिर कहा संजू तू मज़ाक कर रहा है ना…. और पता नही क्यों मेरा दिल भर आया और मैंने एकदम से दीदी को खींच कर अपनी बाहों में ले लिया और जोर से अपने सीने से लगा लिया और उनके कानों पर होंठ रगड़ते हुए कहा…. ये एकदम सच है दीदी….. I love you…. कितना वो तो नही बता सकता पर हां तुम्हे कभी दुख नही दूंगा तुम्हारी हर ख्वाइश हर खुशी के लिए अपना सब कुछ कुर्बान कर दूंगा….. और फिर दीदी ने भी अपनी बाहें कस दी मेरी पीठ पर अंधेरा घिर चुका था हल्की हवा चल रही थी…. और दीदी मेरी बाहों में थी हमारे सीने में दिल जोरो से धड़क रहे थे…. वक़्त मानो थम सा गया था हम कितनी देर ऐसे ही बैठे रहे…. और हमे होश तब आया जब किसी को पास आते महसूस किया…. मैंने दीदी से अलग हो कर देखा तो वो ही लड़की जो दो बार उस पेड़ के नीचे अलग अलग लड़को के साथ मिली थी वो हमारी ओर आ रही थी…. हम थोड़ा सम्हल कर बैठ गए वो हमारे पास आई और बोली आप लोग रोज आते हो यहां…. दीदी ने कहा हां यही पास में रहते हैं तो शाम को घूमने आ जाते हैं…. लेकिन तुम यहाँ खुले में ये सब क्यों करती हो घर नही है क्या…. वो लड़की बोली मैं तो धंधा करती हूं अब कस्टमर को घर तो नही ले जा सकती…. मुझे लगा तुम भी मेरे टाइप की हो…. मैंने कहा ये मेरी बीवी है कोई धंधे वाली नही और तू निकल यहां से इस से पहले मैं पुलिस बुलाऊँ…. उसने तुरंत सॉरी बोला और कहने लगी मैं तो सिर्फ ये कहने आयी थी कि आप किसी से यहाँ जो होता है उस बारे में मत बताना वरना मेरा काम बंद हो जाएगा इस इलाके में यही एक ऐसी जगह है जहां काम बन जाता है….. मैंने उसे जाने का इशारा किया और वो फौरन पलट कर निकल ली उसके दूर जाते ही दीदी में आंखे दिखाते हुए मुझसे कहा…. अभी क्या बोला तुमने उसे मैं बीवी हूँ तुम्हारी….. मैंने कहा जैसे हम बैठे थे क्या बताता उसे की आप दीदी हो मेरी और वैसे भी उसे क्या फर्क पड़ता है आप कौन हो…..
दीदी ने उठते हुए कहा अब चलें…. मैंने जैसी आपकी इच्छा मेम साब और उठ कर दीदी का हाथ पकड़ कर चल दिया…. फिर वापसी में हमने एक होटल से खाना पैक करवाया…. तो दीदी ने फिर से अपनी आदत से मजबूर हो कर टोका की रोज रोज होटल का खाना ठीक नही पैसे भी ज्यादा लगते हैं…. मैंने धीरे से कहा अब तो घर का तभी खाउंगा जब मेरी बीवी मुझे खाना बना कर खिलाएगी……. दीदी ने गुस्से से मेरी ओर देखा और फिर मुह घुमा कर मुस्कुराने लगी…. फिर हम घर पहुंचे और दरवाजे के सामने पहुंचते ही मैंने दोनों हाथ उन्हें दिखाए जिनमे खाने के पैकेट्स थे और उन्हें चाभी निकालने का इशारा किया…. दीदी ने दाईं जेब मे हाथ डाला पर चाभी बायीं जेब मे थी और आज तो मैंने लोअर पहना हुआ था सो एक बार उनकी उंगलियां लंड को छू गयी उन्होंने एक बार और लंड पर उंगलियां फिराते हुए कहा इसमे तो चाभी नही है मैंने कहा ढूंढती रहो मिल ही जाएगी…. दीदी ने एक बार और शरारत से लंड को टच किया और हाथ निकाल कर दूसरी जेब मे डाल दिया और चाभी निकाल ली बोली कल से पहले ही बता देना किस जेब मे है चाभी…. मैंने कहा क्यों आपको ढूंढने में मज़ा नही आता क्या तो वो नकली गुस्सा दिखाते हुए बोली मार खायेगा क्या…. और मैंने उन्हें चिढ़ाते हुए कहा वाह होने वाले पति को मरोगी तो लोग क्या कहेंगे… दीदी ने दरवाजा खोला और कोई जवाब दिए बिना अंदर चली गईं……