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Incest ज़िंदगी का सफर दीदी के साथ भाग 2

Riky007

उड़ते पंछी का ठिकाना, मेरा न कोई जहां...
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जिंदगी का सफर दीदी के साथ भाग 3​

मैं बाहर आ कर चुपचाप सोफे पर बैठ कर मैच देखने लगा….. दीदी बोली बड़ी देर लगा दी बाथरूम में मैंने कहा हां हाथ मुह धोने लगा था…. दीदी बोली अभी तो आ कर हाथ मुह धोया था आज बहुत हाथ मुह धोए जा रहा है क्या बात है…. मैंने कहा अरे अब हाथ मुह धोना भी गलत हो गया क्या दुनिया मे अब तुम मेरी टांग मत खींचो दीदी फौरन उठ कर मेरे पास आई और मेरे गाल खींच कर बोली चल ठीक है मैं भी गाल ही खींच लेती हूँ…. फिर दीदी बोली चल मैं तो सोने जा रही…. गुड नाईट मैंने कहा गुड नाईट दीदी…. और वो उठ कर अपने रूम में जाने लगी और रूम के दरवाजे पर रुकी मेरी ओर देखा और मेरी नजर तो उनकी नाइटी में झलकते चूतड़ों पर थी उसे हल्का सा भांप भी लिया उन्होंने मैंने उनके रुकते ही उनके चेहरे की ओर देखा तो वो मुस्कुरा कर बोली थैंक्स मेरे प्यारे भाई आज का दिन वाकई अच्छा था मेरे लिए मैंने हाथ उठा कर उन्हें अंगूठा दिखाते हुए thumbsup किया और कहा दीदी अब से अच्छे दिन हर रोज आएंगे और फिर कहा दीदी ऐसे सूखा सूखा थैंक्स सारा दिन तुम्हे राजकुमारी बना कर घुमाता रहा तो दीदी ने हंस कर कहा गीला वाला थैंक्स बोलना मुझे नही आता उसके लिए कोई गर्ल फ्रेंड ही बना ले और वो रूम में चली गयी मैंने अपना फ़ोन उठाया और उन्हें व्हाट्सएप्प पर एक मैसेज किया…..
दीदी कल से आप घर पर वो ही ड्रेस पहनोगी जो मैं आज लाया हूँ उन पुरानी साड़ी में अब दिखना मत मुझे…. गुड नाईट…. और सेंड कर दिया उनके कमरे से मुझे फ़ोन की मैसेज received टोन सुनाई दी और मैं tv ऑफ कर के अपने रूम में चला गया एक मिनट बाद वो मैसेज सीन हुआ और दीदी का रिप्लाई आया गुड नाईट अब सो जाओ….. और मैं फ़ोन रख कर चैन से सो गया….. हमेशा की तरह सुबह 7 बजे मेरी नींद खुली और दीदी जो कि हमेशा ही मुझसे पहले उठ कर नहा कर नाश्ता बना रही होती थी वो किचन में थी मैं बाहर आ कर सीधा बाथरूम में घुस गया और फटाफट नहा कर टॉवल में ही बाहर आया दीदी टेबल पर नाश्ता तैयार किये बैठी थी और उन्होंने ब्लैक जीन्स और रेड टॉप पहना हुआ था बाल बांध कर एक पोनीटेल बनाई हुई थी और मेकअप के सामान का बढ़िया इस्तेमाल किया था उन्हें देख कर मेरे कदम ठिठक गए मैं उनके पास आ कर उन्हें देखते हुए मुस्कुरा कर गुड मोर्निंग बोला और दीदी ने भी स्माइल करते हुए मुझे रिप्लाई दिया आठ बज रहे थे और एक घण्टा मुझे आफिस पहुंचने में लगना था तो मैं अपने रूम में आ कर कपड़े पहन कर शूज़ पहन के तैयार हुआ और अपना लैपटॉप ले कर नाश्ते के टेबल पर आ गया….. मुझे कुछ मेल चेक करने थे तो मैं सैंडविच कुतरते हुए लैपटॉप ऑन कर के काम भी करने लगा…. तभी दीदी बोली संजू मेरी ड्रेस कैसी लग रही है….. मैंने एकदम झक्कास दीदी मैं तो देख के पहचान ही नही पाया कि ये वही लड़की है जिसे मैं गांव से ले कर आया था दीदी फिर से मुस्कुराते हुए बोली है तो वही लड़की पर अब इस लड़की को शहर की हवा लग गयी है मैंने कहा दीदी अब इस हवा को लगी रहने देना प्लीज ऐसे आप बहोत अच्छी लग रही हो और आपको खुश देख कर मैं भी बहोत खुश हूं….. फिर मैंने नाश्ता करते हुए मेल्स चेक किया और दीदी से थोड़ी बहोत बातचीत भी करता रहा…… फिर मैं नाश्ता खत्म कर के लैपटॉप उठा कर कार की चाभी ले के दीदी को bye बोल कर बाहर आ गया और दीदी दरवाजे तक मुझे छोड़ने आयी मैंने सीढियां उतरते हुए कहा दीदी शाम को तैयार रहना मैं जल्दी आ जाऊंगा….. और मैने नीचे आ कर कार निकाली और आफिस निकल गया ।
आफिस में आज मेरा मन खास लग नहीं रहा था कल से आज तक कि सारी घटनाएं मेरे जेहन में चल रही थीं तभी मेरे ब्रांच का कैशियर मेरे केबिन में आया और गुड मॉर्निंग बोल कर बैठ गया फिर वो बोला सर आज मेरा बर्थडे है और मैंने शाम को छोटी सी पार्टी रखी है घर पर अगर आप भी आते तो मुझे बहोत अच्छा लगता…. मैंने कहा ठीक है पर एक काम करना तुम शाम को 5 बजे मेरे साथ निकलना और मुझे 6 तक फ्री कर देना क्यों कि मुझे 7 बजे दीदी के साथ कही जाना है और मैं लेट हुआ तो वो गुस्सा होंगी…… फिर मैंने उस से कहा यार संजीव एक काम है मुझे वो बोला सर आदेश करिये मैंने कहा मुझे अपने घर मे कैमरे लगवाने हैं दीदी सारा दिन घर मे अकेली रहती हैं और आजकल का माहौल तो तुम जानते ही हो वो बोला एकदम सही आईडिया है सर मैं एक बंदे को जानता हूँ उसकी शॉप पास में ही है मैं उसे बुलवा लेता हूँ वो आपका काम कर देगा आप अपनी requirement उसे बता देना बाकी वो समझदार है…. संजीव भी खुश था कि आज के दिन उसे एक घंटे पहले छुट्टी मिल रही थी….. फिर मैंने दोपहर में कॉल की दीदी को वो बस खाना खा कर लेटी थी मेरी कॉल देख कर उन्होंने पूछा कि आज मेरी याद कैसे आ गयी मैंने कहा बस कल आपके साथ इतना अच्छा वक्त गुजरा की सुबह से ही आपकी याद आ रही थी दीदी ने कहा है ठीक है शाम को टाइम पर आ जाना फिर से वक़्त साथ गुजार लेंगे…. दीदी में मुझे लंच के बारे में पूछा कि मैंने खाना खाया या नही मैं दोपहर को पास की ही एक कैंटीन से टिफ़िन मंगवा लेता था मैंने बताया कि लंच आ गया है बस करने जा रहा हूँ फिर उन्होंने कॉल काट दी और मैंने लंच किया शाम को संजीव 4:40 पर ही मेरे केबिन में आ गया और बोला सर चलें मैंने कहा ठीक है चलो मैं उसके साथ उसके घर आया वहां उसकी बीवी माँ और बच्चे मिले मैं उनसे मिला काफी दिनों बाद किसी परिवार से मिल कर अच्छा लग रहा था उसने मुझे सब से मिलवाया फिर अपने रूम में ले गया बिठाया और बोला सर आपका इंतजाम जल्दी से कर देता हूँ आपको 5 बजे निकलना है…. मैंने कहा ठीक है मुझे लगा वो खाने को कह रहा होगा पर वो बाहर गया और एक व्हिस्की की बोतल ले आया और उसकी बीवी ग्लास और तले हुए काजू प्लेट में रख गयी मैंने कहा ये सब क्या है तो वो बोला सर प्लीज मेरे साथ बस थोड़ी सी मैंने कहा पर मैं नही पीता तो वो बोला सर थोड़ी सी सिर्फ एक pag मैंने फिर से कहा यार मैंने कभी नही पी पहले तो वो बोला सर कैसे मैनेजर हैं आप एक pag लेने में इतना डर रहे हैं और ये सुनते ही मुझे लगा जैसे वो मुझे चैलेंज कर रहा है मैंने ताव में बोल दिया ठीक है बनाओ फिर…. उसने खुश हो के दो तीन बार मुझे थैंक यू बोला अजर बोतल खोल के दो pag बना लिए और एक मुझे दे कर चियर्स किया मैंने एक बार ग्लास में पड़ी हुआ दारू को देखा और मन कड़ा कर के उसे मुह से लगाया उसकी बदबू से लगा कि मुझे उल्टी हो जाएगी पर मैंने सांस रोक ली और गिलास मुह से लगा कर एक सांस में गटक गया वो मेरे तरीके से समझ गया कि मैं पहली बार पी रहा हूँ उसने फौरन मुझे काजू दिये वो मुह में डाल के मेरे मुह के स्वाद कुछ सही हुआ और मैं काजू खाते हुए उस से बातें करने लगा 5 मिनट बाद उसने पूछा सर कोई प्रॉब्लम मैंने कहा नही तो एकदम नही पर मेरे दिमाग में काफी हल्कापन आ रहा था जैसे दुनिया बड़ी रंगीन है और मुझे काफी अच्छा महसूस हो रहा था संजीव ने मुझसे पूछे बिना दोबारा ग्लास भर के दो और pag बना लिए और मेरा ग्लास मुझे पकड़ा के बोला सर बस ये लास्ट फिर खाना लगवाता हूं…. मैंने भी सोचे समझे बिना ग्लास पकड़ लिया और एक बार फिर हिम्मत कर उसे भी किसी तरह गले से उतार लिया… फिर थोड़ी देर में उसकी बीवी ने खाना लगाया अब मुझे नशा से होने लगा था और संजीव की बीवी जिसे मैंने पहले ठीक से देखा भी नही था वो अब मुझे एक मस्त औरत दिखने लगी थी वो जब खाना परोसने झुकती तो उसके ब्लाउज में कसे हुए मम्मे देख कर मेरा मन डोलने लगा था जैसे तैसे खुद पर काबू किये हुए किसी तरह थोड़ा सा खाना खाया और फिर संजीव से बोला यार कोई कैब बुला दो मैं ड्राइव कर के घर नही जा पाऊंगा….. संजीव में कही कॉल कर के एक टैक्सी बुला दी और मुझे बिठा कर घर के लिए रवाना कर दिया…. मैं घर से थोड़ी ही दूर था कि दीदी का कॉल आ गया मैंने कॉल रिसीव को दीदी ने पूछा कहाँ हो मैंने कहा बस 10 मिनट में पहुच रहा फिर दीदी ने कहा मैं खाना बना लेती हूं तब तक मैने फौरन मना किया कि खाना मत बनाना मैं खाना खा चुका हूं और काल काट दी फिर मैं घर पहुंचा मुझे ठीक ठा seeक नशा हो रहा था पर मज़ा भी आ रहा था मैंने ड्राइवर को किराया दे कर भेज दिया और ऊपर आया घंटी बजाई दीदी ने दरवाजा खोला और मैंने उन्हें मुस्कुरा कंसर गुड इवनिंग बोला दीदी ने इस टाइम रेड साड़ी पहनी हुई थी…. और हल्का सा मेकअप किया हुआ था मैं अंदर आया और सोफे पर बैठ गया मैंने कहा दीदी कहाँ की तैयारी है बहोत सुंदर लग रही हो तो दीदी हंसते हुए बोली भूल गया शाम को हमे घूमने जाना था… मैंने कहा ओह्ह हां कहा तो था ठीक है मैं कपड़े बदल लूं फिर चलते है और मैं अपने कमरे में आ कर पंत4 शर्ट निकाल कर बाथरूम में घुस गया हाथ मुह धो कर मैंने एक लोअर और टी शर्ट पहन ली और स्लीपर पहन कर बाहर आ गया…. मैंने अपना पर्स मोबाइल और घर की चाभी जेब मे डाल ली और उसी वक़्त मुझे कल दरवाजे पर जेब से चाभी निकालने वाली बार याद आयी और मेरे दिमाग मे खुराफात सूझने लगी…. मैंने कहा चलो दीदी फिर हम बाहर आये और मैंने गेट लॉक कर के चाभी जेब मे डाल ली और फिर हम बिल्डिंग से बाहर आ के पैदल ही टहलते हुए चल पड़े पार्क की ओर अभी हम कुछ कदम ही चले थे कि मैंने दीदी का हाथ अपने हाथों में पकड़ लिया दीदी ने एक बार मेरी ओर देखा और फिर अच्छे से मेरा हाथ पकड़ कर साथ चलने लगी….. मैंने चलते चलते कहा दीदी कल माल में जब आपके अंडरगार्मेंट्स खरीद रहे थे वो लेडी आपको भाभी जी क्यों बोल रही थी… दीदी बोली लगता है वो हमें पति पत्नी समझ रही थी….. मैंने दीदी को छेड़ते हुए कहा ऐसा लगता है क्या दीदी बोली मैं क्या जानू….. फिर हम ऐसे ही बातें करते हुए पार्क में आ गए ये काफी बड़ा पार्क था मैं रोज आफिस जाते हुए इस पार्क के सामने से गुजरता था पर कभी अंदर नही गया था….. अंदर एक पक्की सड़क पार्क के पिछले हिस्से तक गयी थी और दोनों ओर पेड़ लगे हुए थे कही कही सड़क के किनारे पत्थर के बेंच लगी हुई थी और थोड़ी थोड़ी दूर पर लाइट्स भी लगी हुई थी….. कुछ लोग नजर आ रहे थे ज्यादातर कपल्स ही थे जो एक दूसरे के हाथों में हाथ डाल कर बैठे हुए थे कुछ पेड़ों के नीचे कुछ बेंच पर मैं और दीदी पहली बार आये थे इस पार्क में तो मैंने सोचा पीछे तक घूम के पूरा पार्क देखते हैं तो हम चलते चले गए काफी आगे जाने पर पार्क एकदम सुनसान था और हम चुपचाप चले जा रहे थे तभी मेरे कान में कोई आवाज़ आयी मैंने उधर देखा तो एक 20 साल की लड़की और एक 22-23 साल का लड़का सड़क से थोड़ा हट के एक पेड़ के नीचे आपस मे लिपटे हुए खड़े थे…. लड़की की सलवार नीचे सरकी हुई थी और लड़का शायद उसे खड़े खड़े चोद रहा था वो सीन देख के मैं एक पल के ठिठक से गया दीदी की नजर उस ओर गयी कुछ सेकेंड्स तक वो भी उन्हें देखती रही तभी उस लड़के का ध्यान हमारी ओर गया तो उसने थोड़ा सा शर्मा कर कहा भाई और आगे चले जाओ वहां एकदम खाली है कोई नही होगा….. दीदी ने फौरन मुझे हाथ से खींचते हुए आगे चलना शुरू किया मैं भी उनके साथ चल दिया….. पर चार पांच कदम चलने के बाद मैंने फिर से उस ओर मुड़ कर देखा और मेरे साथ ही दीदी ने भी देखा वो लड़का अब तेज तेज कमर हिलाते हुए लड़की को चोद रहा था… हम अब आगे आ चुके थे और पेड़ो की वजह से वो लोग हमें दिखने बन्द हो गए थोड़ा और आगे पहुंचे तो देखा वहां पार्क की पिछली बाउंडरी थी फिर हम वही एक बेंच पर बैठ गए एकदम शान्त वातावरण था हल्की हवा चल रही थी…. मैं और दीदी एकदम पास बैठे थे….. हमारे हाथ अब भी एक दूसरे को पकड़े हुए थे मैंने कहा शहर के लोग कही भी शुरू रहते हैं…. कोई शर्म नहीं इन्हें दीदी ने कोई जवाब नही दिया वो नीचे देख रही थीं…. मैंने कहा सॉरी दीदी मुझे नही मालूम था यहां ये सब देखने को मिलेगा दीदी ने कहा उसमे तेरी क्या गलती है और उन्होंने मेरी ओर देखा फिर नाक से तेजी से सांस लेते हुए कुछ सूंघने की कोशिश करने लगी और फिर उन्होंने पूछा तूने शराब पी है क्या…. मैंने उन्हें बताया कि आज मेरे स्टाफ की बर्थडे पार्टी थी और वहां कैसे उन्होंने जिद कर के मुझे थोड़ी सी पिला दी….. दीदी ने कहा संजू शराब की आदत मत डालना कभी मैंने इस शराब की वजह से कितने दुख उठाये हैं तू नही जानता मैंने कहा दीदी निश्चिंत रहो मैं कभी इतनी नही पियूँगा की आप को कोई तकलीफ हो…. फिर मैंने कहा दीदी अगर आपको कोई प्रॉब्लम ना हो तो मैं कभी कभी एक दो pag घर पर ही ले लिया करूँ…. दीदी ने थोड़ा सोच कर कहा ठीक है पर वादा कर तू कभी घर से बाहर नही पियेगा घर पर कम से कम मैं नजर तो रखूंगी की कितनी पी रहा है वैसे ना ही पी तो अच्छा है ये कोई अच्छी चीज नही मैंने कहा दीदी मैं कौन सा बेवड़ो जैसे पीने को कह रहा हूँ आजकल तो थोड़ा बहोत सब पीते हैं… दीदी बोली देख संजू तू पढ़ा लिखा है समझदार है अपना अच्छा बुरा खुद समझता है मैं तुझे किसी चीज के लिए रोक टोक तो नही सकती तेरी अपनी जिन्दगी है जैसे चाहे जी पर इतना याद रखना अब तेरे सिवा मेरा कोई नही इस दुनिया मे और तुझे नहीं खो सकती किसी भी कीमत पर ऐसा कहते हुए दीदी के हाथों की पकड़ मेरे हाथों पर सख्त हो गयी थी…. मैंने दूसरे हाथ से दीदी की ठुड्डी पकड़ कर उनका चेहरा ऊपर किया उनकी आंखों में आंसू थे ये देख कर मेरी आंखों भी भर आयी और मैंने दीदी को कंधों से पकड़ कर अपने गले से लगा लिया और कहा दीदी मैं कभी तुम्हारा दिल नही दुखाऊंगा और आपको इतना प्यार दूंगा की आपको किसी कमी का अहसास नहीं होगा दीदी ये सुन कर भावुक हो गईं और मुझे अपनी बाहों में कस लिया….. एक तो शराब का नशा उस पर अभी अभी देखा हुआ वो लाइव सेक्स सीन और दीदी का हसीन बदन मेरी बाहों में मैं बहकने लगा था और मेरे हाथ दीदी की पीठ पर रेंगने लगे और ब्लाउज के नीचे नंगी पीठ पर घूमने लगे….. एक मिनट तक हम ऐसे ही गले लगे रहे दीदी का पता नही पर मुझे ऐसा लग रहा था वक़्त यही रुक जाए और दीदी बस ऐसे ही मेरी बाहों में रहे हमेशा…. फिर दीदी ने थोड़ा कसमसा कर अब छोड़ भी मैंने अलग हो कर दीदी को देखा और धीरे से love you दीदी….. दीदी ने भी मेरी ओर देखा और मुस्कुरा कर बोली love you to मेरे प्यारे भाई….. हमे यहां बैठे 5 मिनट हुए थे मैंने कहा अब वापस चलें दीदी बोली ठीक है और हम उठ कर वापस चल दिये….. दो मिनट में हम फिर से उस जगह को क्रॉस कर रहे थे जहां वो जोड़ा लगा हुआ था और हम दोनों की नजर उधर ही थी पर अब वो वहां नही थे…. मैंने कहा लगता है चले गए वो लोग तो दीदी हड़बड़ा कर सामने देखने लगी….. फिर हम पार्क से बाहर आये और रास्ते मे एक होटल से मैंने खाना पैक करवा लिया दीदी के लिए मैं तो खा ही चुका था और और हम घर आ गए मेरे दोनों हाथों में खाने के पैकेट थे और जब हम घर के दरवाजे पर पहुंचे तो मैंने कहा दीदी चाभी निकालो दीदी के एक पल के लिए मेरी नजरो में देखा फिर मेरी जेब मे हाथ डाला आज मैंने लंड को सेट नही किया था वो लोअर में फ्री नीचे को लटक रहा था….. आज ना मैंने बताया ना दीदी ने पूछा कि चाभी किस जेब मे है और वो दाईं ओर खड़ी थी तो उसी जेब मे हाथ डाल दिया पर चाभी बायीं जेब मे थी… उन्होंने हाथ डाल कर जेब मे टटोला चाभी थी ही नही तो मिलती कैसे और इस टटोलने के चक्कर मे उनकी उंगलियां एक बार फिर मेरे सख्त सुपाड़े को छू ही गईं…. पर उन्होंने बड़े आराम से उसे टच करते हुए जेब मे अच्छे से हाथ घुमाया और बोली चाभी नहीं है मैंने कहा शायद दूसरी जेब मे होगी तो उन्होंने मेरे सामने आ कर दूसरी जेब मे हाथ डाला थोड़ा झटके से और इस बार भी उनका हाथ मेरे लंड को छू गया एक बार तो मुझे लगा दीदी जान बूझ कर ऐसे टच कर रही क्या फिर मैंने इस खयाल को मन से निकाल दिया दीदी ने चाभी निकाल कर दरवाजा खोला और हम अंदर आ गए मैंने उनका खाना टेबल पर रख5 और tv खोल ली और सोफे पर बैठ कर tv देखने लगा….. दीदी अपने रूम में गई और 5 मिनट बाद नाइटी में बाहर आई और उन्हें देख कर ही मेरा लंड गरम हो कर सर उठाने लगा वो किचन में गयी और अपना खाना प्लेट में लगा कर वही ले आयी और मेरे नजर उनके गोल कसे हुए चूतड़ों पर बार बार जा रही थी….. मैंने एक हाथ लंड पर रख कर उसे छिपाया हुआ था ताकि दीदी को पता न चले कि वो खड़ा है…. दीदी मेरे साइड में आ कर बैठ गयी और खाना खाने लगी…. मैंने चार रोटियां पैक कराई थी और दीदी ने कभी 3 से ज्यादा खाई नही इतनी ही इनकी खुराक थी दीदी बोली खाना ज्यादा है अगर भूख लग रही हो तो थोड़ा सा ले लो….. मैंने कहा आप खा लो जो बचेगा मैं खा लूंगा दीदी तुनक कर बोली अरे वाह तू बचा खुचा क्यों खायेगा और उन्होंने रोटी तोड़ कर सब्जी लगा कर कहा मुह खोलो तो मैंने मुह खोल दिया और उन्होंने मुझे खिला दिया….. फिर वो ऐसे ही मुझे भी खिलाते हुए खाने लगी और हमने खाना खत्म किया फिर थोड़ी देर tv देख कर वो मुझे गुड नाईट बोल कर अपने रूम में चली गयी….. मैं भी tv ऑफ कर के अपने रूम में आ गया और लैपटॉप ऑन कर के एक मस्त पोर्न प्ले की आज शराब पीने की वजह से मेरे लंड को ज्यादा ही गर्मी चढ़ रही थी इसकी गर्मी शांत करने का एक ही उपाय था मैंने एकदम नंगा हो कर एक बार मुठ मारी और शांत हो कर लेट गया एक बार फिर से मेरे खयालों में दीदी आ गयी और मैं सोचने लगा अगर दूसरी लड़कियों का नंगा बदन देख कर मुठ मारने में इतना मज़ा आता है तो दीदी का नंगा बदन देख कर ये सोच कर ही मेरे लंड में फिर से गर्मी आने लगी पर किसी तरह मैंने अपने मन को शांत किया और सो गया…..
To be continued






Good one, font color ka thoda dhyan rskho bhai
 

Ek number

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सुबह मैं उठा और अपना फ़ोन तकिए के नीचे से निकाल कर देखा सुबह के साढ़े आठ हो गए मैं कूद कर बिस्तर से उतरा कमरे से बाहर आया और सीधा बाथरूम में घुस गया मैं आज लेत उठा था 7 बजे उठ कर मुश्किल से साढ़े 9 तक आफिस पहुंचता था …. दीदी अपने रूम मे थी पर मेरे उठने की आहट से वो बाहर आ गयी और बोली आज इतना लेट क्यों कर दिया मैंने कितनी आवाज़ दी तुम्हे पर तुम उठे ही नही ….. मैंने अंदर से ही जवाब दिया पता नही कैसे आज आंख ही नही खुली दीदी ने कहा तू दरवाजा अंदर से बंद क्यों रखता है खुला होता तो मैं आ कर जगा देती …. मैंने कहा अब से खुला ही रखूंगा दीदी ….. कल से तुम्हारी ड्यूटी मुझे टाइम पर जगाने की फिर मैं जल्दी से 10 मिनट में नहा कर तैयार हुआ ऑयर नाश्ते के लिए मेज पर आ गया जल्दी जल्दी नाश्ता ठूंस कर दीदी को bye बोल के निकल गया आफिस के लिए मैं रास्ते मे ही था कि तभी संजीव का कॉल आ गया उसने कहा सर वो कैमरे वाला लड़का आया हुआ है मैंने उसे बुला लिया था मैंने कहा उसे रोक के रखो मैं आधे घंटे में पहुंच रहा हूँ …… फिर मैं आफिस पहुंचा साढ़े दस बज चुके थे मैं सीधा अपने केबिन में गया और तभी संजीव एक लड़के के साथ अंदर आया मैंने दोनों को बैठने के लिए बोला संजीव ने पूछा सर कल कोई प्रॉब्लम तो नही हुई मैंने कहा नही कुछ खास नही फिर मैंने संजीव से कहा तुम बाहर जाओ मैं इस से बात कर लेता हूं संजीव के जाने के बाद मैंने उस से पूछा कि घर मे दो कैमरे लगवाने हैं कितना पैसा लगेगा उसने सब कैलकुलेट कर के 14000 का खर्चा बताया मैंने फिर कहा कोई ऐसा तरीका है कि किसी को पता ना चले कि कैमरे लगे हैं उसने कहा हाँ माइक्रो कैमरे लगाने पड़ेंगे खर्च ज्यादा लगेगा मैंने कहा पैसे की बात नही है पर मैं चाहता हूं किसी को पता न चले …. उसने कहा हो जाएगा सर जैसा आप चाहते हैं …. फिर मैंने उस से कहा एक सीक्रेट है बात अपने तक ही रखना वो बोला निश्चिंत रहिए सर आप जो चाहते हैं बताइए बात आगे पास नही होगी कही भी मैंने उस से झूठ बोला मैंने कहा मेरी शादी होने वाली है पर मुझे लड़की पर थोड़ा डाउट है इसलिए मैं बाथरूम में भी कैमरा चाहता हूँ क्यों कि कल वो मेरे घर आई थी और उस के फ़ोन पर बार बार कॉल आ रही थी और वो बाथरूम में जा कर किसी से बात कर रही थी ऐसा मुझे डाउट है और मैं इसीलिए एक कैमरा वहां भी चाहता हूं उसने कहा ठीक है सर हो जाएगा फिर मैंने उस से पूछा वो ये काम कितनी देर में निपटा लेगा उसने एक घंटे में मैंने उसे अपने घर एड्रेस दिया और बोला शाम को ठीक साढ़े 6 बजे पहुंच जाना घर लॉक होगा चाभी मैं तुम्हे दे देता हूँ अंदर दो कमरे हैं एक ड्राइंग रूम और उसके आगे दो बैडरूम तुम्हे दाईं ओर वाले बैडरूम में और बाथरूम में कैमरा लगाना है …. उसने कहा ठीक है सर फिर मैंने उसे घर की चाभी दी और एक बार फिर सब अच्छे से समझा के भेज दिया ।
सारा दिन बैंक में माथापच्ची करने के बाद शाम को 5 बजे मैं आफिस से निकला पर रास्ते मे ट्रेफिक की वजह से घर पहुंचते मुझे 6:20 हो रहा था मैंने नीचे से ही दीदी को कॉल की दीदी के रिसीव करते ही मैंने कहा दीदी दो मिनट में तैयार हो जाओ कहीं चलना है दीदी ने कहा भी इतनी जल्दी क्यों कहाँ चलना है और तुम कहाँ हो मैंने कहा मैं नीचे हूँ मेरे ऊपर आते तक तुम फटाफट से तैयार हो लो …. और जब मैं सीढियां चढ़ कर ऊपर पहुंचा तो दीदी ने दरवाजा खोला उन्होंने जीन्स टी शर्ट पहनी हुई थी और कुल मिला कर सेक्सी लग रही थीं … मैं झट से अंदर आया लैपटॉप रखा 6:25 हो चुके थे मेरे पास चेंज करने का भी टाइम नही था मैंने कहा चलो दीदी …. दीदी ने फिर से पूछा कि कहां चलना मैंने कहा चलो ना खुद ही देख लेना …. दीदी मेरे साथ बाहर आई तो मुझे ध्यान आया कि मेरे पास चाभी तो है ही नही मैंने कहा दीदी घर की चाभी मैं बैंक में भूल गया हूँ तुम अपनी चाभी ले लो प्लीज उधर दीदी अंदर गईं चाभी लेने और इधर वो लड़का सीढ़ियों पर बैग लिए हुए दिखा मैं भाग कर उसके पास गया और बोला कि तुम ऊपर चले जाओ और 10 मिनट बाद आना अभी मेरी होने वाली बीवी घर आई हुई है वो सर हिलाता हुआ ऊपर चला गया और तभी दीदी चाभी ले कर बाहर आयी उन्होंने दरवाजा लॉक किया तो चाभी मैंने मांग ली उन्होंने एक पल सोच कर चाभी मुझे दी और मुस्कुरा कर मेरे पैंट के अगले हिस्से को देखने लगी …. मैंने चाभी जेब मे डाली और कहा चलो फिर हम नीचे आये …. मैंने कार निकाली दीदी को बिठाया और मेन रोड पर आ गए पर मुझे खुद नही पता था जाना कहाँ है मैं ऐसे ही सड़क पर गाड़ी चलाता हुआ इधर उधर घूम रहा था फिर मैंने एक गारमेंट्स शो रूम के सामने कार रोकी दीदी ने पूछा क्या लेना है मैंने कहा अपने और आपके लिए कुछ कपड़े लेने हैं ….. दीदी बोली अभी परसों तो शापिंग की थी हमने इतनी जल्दी फिर से मैंने कहा दीदी आप आजकल सवाल बहोत करने लगी हो दीदी गहरी सांस ले कर बोली ठीक है मुझे क्या जो मर्ज़ी कर फिर हम शॉप में दाखिल हुए और काउंटर पर जा कर मैंने अपने लिए जीन्स दिखाने को बोला सेल्स मैन ने कई सारी जीन्स निकाली और मैंने दीदी से कहा कोई एक पसन्द करने को दीदी ने एक ब्लैक जीन्स सेलेक्ट की फिर मैंने एक शर्ट भी दीदी से सेलेक्ट करवाई …. इसके बाद हम लेडीज सेक्शन में गए और मैंने दीदी के लिए दो लेगिंग और दो टी शर्ट ली इस सब खरीददारी में लगभग 1 घण्टा लग गया ….. मुझे तो बस टाइम पास करना था ताकि वो अपना काम आराम से निपटा ले फिर शॉप से सामान ले कर हम बाहर निकले और फिर मैंने कार एक बढ़िया से रेस्टोरेंट में रोकी ….. फिर हमने डिनर किया दीदी खुश थीं जिस तरह से मैं उनका ख्याल रख रहा था …. और उनके चेहरे पर खुशी नजर भी आ रही थी …. डिनर कर के हम बाहर आये और मैंने कार बढ़ाई तभी मेरी नजर सड़क के किनारे एक कुल्फी वाले पर पड़ी ….. मैंने कहा दीदी कुल्फी खाओगी क्या … दीदी बोली हां तू तो जानता है मुझे कुल्फी कितनी पसन्द है …. मैंने कहा ठीक है तुम कार में ही बैठो मैं ले कर आता हूँ …. मैं उतर कर गया और उसे दो कुल्फी देने को बोला और फ़ोन निकाल कर उस लड़के को काल लगाई और पूछा काम हो गया क्या …. उसने कहा सर काफी देर हो गयी काम खत्म किये हुए मैं तो वापस अपनी शॉप पर आ गया मैंने पूछा अब ये बात मैं अपने फ़ोन पर कैसे देख सकता हूँ अपने घर की लाइव वीडियो तो उसने कहा मैं एक app का लिंक सेंड करता हूँ उसे डाउनलोड कर लो और प्रोसेस कंप्लीट कर लो बस ….. फिर मैंने कॉल काटी कुल्फी वाले को पैसे दिए और बस एक मिनट में मेरे व्हाट्सएप्प पर मैसेज आया मैंने उसे ओपन कर के वो app डाऊनलोड किया और जैसे ही प्रोसेस कंप्लीट किया वहां cam1 और cam2 का ऑप्शन आ गया और cam पर क्लिक करते ही मेरे घर का बाथरूम साफ नजर आने लगा मेरे फ़ोन की स्क्रीन पर …… मैं मन ही मन मे इतना खुश हुआ कि जी कर रहा था नाचूँ पर अपनी खुशी को कंट्रोल कर के फ़ोन जेब मे रखा और कुल्फी ले कर दीदी के पास वापस आ गया ।
मैं दीदी को कुल्फी पकड़ा कर अपनी सीट पर आ गया और दोनों कुल्फी के मज़े लेने लगे …. दीदी जैसे जीभ निकाल कर कुल्फी चाट रही थीं मुझे लगा जब ये ऐसे ही किसी का लंड चाटेगी तो कितना मज़ा आएगा ….. ऐसे गौर से मुझे अपनी ओर देखता हुआ देख कर दीदी ने कहा क्या हुआ संजू ऐसे क्या देख रहा है ….. मैंने कहा दीदी कुछ नही बस ये देख रहा हूँ जब पहली बार आपको ससुराल में देखा था तब से अब में कितना फर्क आ गया है …. आपका वो मुरझाया हुआ उदास चेहरा याद आता है …. और फिर आज आपका ये खिला खिला मुस्कुराता हुआ चेहरा ….. मैंने अपना एक हाथ उनकी जांघ पर रखते हुए कहा …. दीदी सच मे मुझे बहोत देर हो गयी आपको उस नरक से निकालने में ….. दीदी ने कुल्फी चूसते हुए कहा संजू …. कोई नही देर हुई पर आखिर में मैं अब खुश हूं अपनी जिंदगी से … जो गलती मम्मी से हुई थी उसे सुधार कर तूने मुझ पर बहुत बड़ा अहसान किया है ….. अपने पति की मौत के बाद मेरी कुछ समझ नही आ रहा था कि अब मेरा क्या होगा कैसे जिंदगी गुजरेगी पर तेरा शुक्रिया जो तू मुझे अपने साथ यहां ले आया …… और दीदी के आंखे भर आयी ये देख कर मुझसे रहा नही गया और मैंने दीदी के गालों पर बह रहे आंसुओं को अपने हाथों से पोछते हुए कहा दीदी अब क्यों रो रही हो अब तो सब ठीक है ना …. दीदी ने कहा ये खुशी के आंसू हैं भाई …. मैंने कहा पर जो भी है तुम्हारी आँखों मे आंसू मुझे एकदम अच्छे नहीं लगते दीदी ….. तो दीदी मुस्कुरा दी …. हमारी कुल्फी खत्म हो चुकी थी मैंने कहा दीदी अब घर चलें …. दीदी ने बार मेरी आँखों मे देखा और मुस्कुरा कर बोली थैंक यू सो मच संजू ….. मैंने कार स्टार्ट की और बढ़ाते हुए कहा …. अब ये किसलिए दीदी …. दीदी बोली जो सपने मैंने देखे थे कि मेरी शादी होगी किसी शहर में रहूंगी एक प्यार करने वाला पति होगा जो मेरी हर छोटी बड़ी जरूरत का ख्याल रखेगा और मुझे खुश रखेगा ….. शादी के बाद उन सब अरमानों पर पानी फिर गया था लेकिन तुम्हारी वजह से अब मेरी वो ख्वाइशें कुछ हद तक पूरी हो पा रही हैं …… मैंने हंसते हुए कहा दीदी तुम्हारे सिवा और है ही कौन मेरा जिसका ख्याल रख सकूं मैं और हां ये आज फिर से सूखा सूखा थैंक्स दे कर ठीक नही कर रही हो आप …. दीदी हंसते हुए बोली शादी कर ले बीवी तुझे गीला गीला थैंक्स बोलेगी ….. ऐसे ही बातें करते हुए हम घर आ गए ….. मैंने कार पार्क की और कपड़ो के पैकेट ले कर बाहर आ गया और हम सीढ़ियों से चढ़ कर ऊपर आये और अपने फ्लैट के सामने पहुंचते ही दीदी ने खुद ही पास आ कर मेरी जेब मे हाथ डाल दिया और चाभी निकालने लगी ….. पर तभी मुझे लगा आज दीदी जान बूझ अपनी उंगलियां अंदर तक ले जा कर टटोल रही हैं पर आज जीन्स पहनी होने की वजह से उनकी उंगलियों के संपर्क मेरे लंड से हुआ नही ….. फिर दीदी ने चाभी निकाली और दरवाजा खोला हम अंदर आ गए ….. मैंने सामान रखा और अपने कमरे में चला गया और जल्दीसँ के चेंज कर के शॉर्ट्स और बनियान में ही अपना फ़ोन ले कर बाहर आया और सोफे पर पसर कर tv ऑन कर लिया ….. दीदी उन पैकेट्स में से अपने कपड़े निकाल कर देख रही थीं …. मैंने कहा देख क्या रही हो जाओ पहन कर चेक कर लो फिटिंग कैसी है …. दीदी सर हिलाते हुए अपने कपड़े ले कर अपने रूम में चली गईं …. और जैसे ही दरवाजा बंद हुआ मैंने झट से फ़ोन में वो app ओपन की और cam1 को क्लिक किया दीदी के कमरे का नजारा मेरे सामने था …. दीदी अपने बेड पर वो लैगिंग और टी शर्ट रखे हुए उन्हें देख रही थी फिर उन्होंने अपनी साड़ी खोल कर तह करी और उसे अलमारी में रख दिया उसके बाद दीदी ने ब्लाउज के हुक खोलने शुरू किए और फिर ब्लाउज को बाहों से निकाल कर बेड पर डाल दिया नीचे उन्होंने व्हाइट कॉटन की ब्रा पहनी हुई थी और उसमे कसी हुई उनकी 34 साइज की मस्त चूचीया बड़ी प्यारी लग रही थी ….. मुझे लग रहा था इस इंतजाम के लिए 14000 रुपये बहोत कम थे …. और दीदी को इस तरह से देख कर मेरा लंड धीरे धीरे सर उठाते हुए सख्त होने लगा था …. मेरा एक हाथ अपने लंड पर आ गया और मैं उसे मसलते हुए ध्यान से दीदी के अगले स्टेप को देखने लगा …. फिर दीदी ने अपने पेटीकोट का नाड़ा खींच दिया और वो सरक कर जमीन पर जा गिरा उफ़्फ़फ़ दीदी की चिकनी जाँघे एकदम चमक रही थीं रोशनी में और मेरा दिल तेजी से धड़क रहा था …. उन्होंने ब्लैक कलर की पैंटी पहनी हुई थी और उसमे कसे उनके गोरे मस्त चूतड़ मेरे लंड की हालत खराब कर रहे थे ….. फिर उन्होंने एक नेवी ब्लू कलर की लैगिंग उठा कर पहन ली और एक येल्लो टी शर्ट डाल ली ….. और अपना ब्लाउज पेटीकोट अलमारी में रख कर दरवाजे की ओर आयी उन्हें आते देख मैने झट से फ़ोन बंद कर के रख दिया और tv देखने लगा …. तभी दरवाजा खुला और दीदी बाहर आ गयी मैंने उन्हें देखा और स्माइल की …. दीदी आ कर मेरे बगल में ही सोफे पर बैठ गईं मैंने कहा दीदी बहोत अच्छी लग रही हो इस ड्रेस में … तो वो हंस कर बोली क्या बात है मैं आजकल हर ड्रेस में अच्छी लगने लगी हूँ तुझे ….. मैंने कहा आप अच्छी हो तो किसी भी ड्रेस में अच्छी ही लगोगी ना …. दीदी ने कोई जवाब नही दिया पर उनकी स्माइल सब कह रही थी ….
फिर हम tv देखते रहे और मैंने कहा दीदी मैं लेट जाऊं तो दीदी ने कहा रोज पूछना जरूरी है क्या …. और मैं दीदी की जांघ पर सर रख कर लेट गया पर एक प्रॉब्लम हो गयी मेरा खड़ा लंड जिसे मैंने अब तक टांगों के बीच दबा रखा था वो झटके से खड़ा हो गया और दीदी ने एक नजर मेरे शॉर्ट्स में बने हुए पर डाली और फिर tv देखने लगी …… मैंने अपना एक हाथ दीदी की जांघ पर रखा हुआ था और उनकी चिकनी मुलायम जांघ का स्पर्श बड़ा सुखद लग रहा था मुझे …. तभी दीदी ने कहा …. संजू हर बार तू बात को मज़ाक में टाल देता है पर मैं चाहती हूं अब तुम अपने बारे में कुछ सोचो …. मेरे ख्याल से तुम्हे अब शादी कर लेनी चाहिए …. मैंने कहा दीदी मुझे अभी इसकी कोई जरूरत नही लग रही और मेरा जवाब वही है आप जैसी लड़की मिलते ही शादी भी कर लूंगा …. उन्होंने एक गहरी सांस ली और कहा संजू मेरे भाई हर वक़्त मज़ाक ठीक नही है मैं सीरियस हूँ …. मैंने उनकी आंखों में देखा और मेरी हंसी निकल गयी मैं जोर जोर से हंसने लगा और हंसते हुए बोला वाह रे सीरियस …. पर आपकी शक्ल से एकदम नही लग रहा कि आप सीरियस हो …. दीदी थोड़ा सा गुस्सा हो गयी और बोली अब मुझे बात ही नही करनी तुझसे …. मैंने कान पकड़ते हुए कहा अच्छा सॉरी पर आपकी सीरियस वाली बात सुन कर मुझे हंसी आ गयी …. तो वो भी मुस्कुराने लगी और बोली तुम कभी सुधरना मत … मैंने कहा दीदी पर मैं बिगड़ा ही कहाँ हूँ …. अपने काम मे लगा रहता हूँ चुपचाप … दीदी बोली वही तो कह रही हूं मैं की कब तक ऐसे मशीन जैसे काम मे लगे रहोगे तुम्हारी भी अपनी जिंदगी है 28 के हो गए हो ये एकदम सही वक्त है शादी का …. मैंने एकदम से बिना कुछ सोचे समझे कह दिया …. दीदी मैंने नही करनी शादी वादी मुझे बस सारी जिंदगी आपके साथ रहना है और मैं आपके साथ खुश हूं ….. दीदी बड़े गौर से मुझे देखने लगी …. फिर बोली मैं तो तेरे साथ ही रहूंगी मैं कहाँ जा रही हूं पर मैं बहन हूँ तेरी और तुझे अब बीवी की जरूरत है …. मैं ये सुन कर उठ कर बैठ गया और दीदी को घूरते हुए देखने लगा …. दीदी थोड़ी परेशान हो गयी मेरे ऐसे देखने से और बोली ऐसे क्यों घूर रहा है ….. मैंने कहा आपको कैसे मालूम हो रहा है मेरी जरूरतों के बारे में …. तो कुछ नही बोली सर नीचे कर ली …. मैंने फिर से कहा बताओ ना आपको कैसे मालूम मुझे किस चीज की जरूरत है …. तो उन्होंने झटके से मेरी ओर देखा और बोली सब समझती हूं मैं बड़ी बहन हूँ तेरी ये जो तू रोज रोज जेब से चाभी निकलवाता है ना उस टाइम मुझे एहसास हो जाता है कि तुझे अब शादी करने की जरूरत है ….. मैंने कहा दीदी हो सकता है आपकी बात सही हो पर मैं अभी इस बारे में कुछ नही कह सकता क्यों कि मेरे मन मे कुछ और है ….. दीदी ने कहा क्या है तेरे मन में मुझे बता मैं तेरी मदद करूंगी जो भी तेरी पसन्द है मुझसे कह दे ….. मैंने कहा दीदी कहूंगा आपसे ही कहूंगा लेकिन अभी नही वक़्त आने पर …. दीदी ने जोर देते हुए पूछा ये वक़्त कब आएगा इतना तो बता दे …. मैंने कहा वो तो मुझे भी पता नही पर आएगा जरूर एक दिन ….. फिर मैंने कहा अब काफी रात हो गयी सोना चाहिए नही तो सुबह आफिस के लिए देर होगी ….. फिर मैं दीदी को गुड नाईट बोल कर अपने रूम में आ गया और लाइट ऑफ कर के बिस्तर पर लेट गया ….. पर मेरे कान बाहर ही लगे हुए थे 10 मिनट बाद tv ऑफ हुआ और दीदी शायद बाथरूम गयी …. मैंने झट से फ़ोन निकाला और बाथरूम वाला cam ऑन किया उफ़्फ़फ़ क्या नजारा था दीदी बाथरूम में अपनी लैगिंग नीचे सरका कर बैठी पेशाब कर रही थी ….. दीदी के मोटे चिकने नंगे चूतड़ देख कर मेरा दिल और लंड दोनों आउट ऑफ कंट्रोल हो गए मैंने अपना लंड बाहर निकाल लिया और उसे सहलाते हुए वो हसीन नजारा देखने लगा …. फिर दीदी उठी और अपनी लैगिंग ऊपर खींच दी और फिर दरवाजा खोल कर बाहर चली गयी ….. मैंने जल्दी से दूसरा cam ऑन किया और दीदी दरवाजा खोल कर अपने कमरे में दाखिल हुई फिर दरवाजा अंदर से बंद कर के लाइट ऑफ कर के नाईट बल्ब जलाया और बिस्तर में चली गयी और चादर ओढ़ कर लेट गयी ….. उनका फेस cam की ओर ही था वो कुछ सोच रही थी और मैं बस उनका प्यारा मासूम चेहरा देखते हुए लंड पर तेजी से हाथ चलाये जा रहा था और कुछ मिनट में ही मैं झड़ गया ….. फिर मैंने फ़ोन चार्ज पर लगाया और सो गया …….

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Ek number

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जिंदगी का सफर दीदी के साथ भाग 3​

मैं बाहर आ कर चुपचाप सोफे पर बैठ कर मैच देखने लगा….. दीदी बोली बड़ी देर लगा दी बाथरूम में मैंने कहा हां हाथ मुह धोने लगा था…. दीदी बोली अभी तो आ कर हाथ मुह धोया था आज बहुत हाथ मुह धोए जा रहा है क्या बात है…. मैंने कहा अरे अब हाथ मुह धोना भी गलत हो गया क्या दुनिया मे अब तुम मेरी टांग मत खींचो दीदी फौरन उठ कर मेरे पास आई और मेरे गाल खींच कर बोली चल ठीक है मैं भी गाल ही खींच लेती हूँ…. फिर दीदी बोली चल मैं तो सोने जा रही…. गुड नाईट मैंने कहा गुड नाईट दीदी…. और वो उठ कर अपने रूम में जाने लगी और रूम के दरवाजे पर रुकी मेरी ओर देखा और मेरी नजर तो उनकी नाइटी में झलकते चूतड़ों पर थी उसे हल्का सा भांप भी लिया उन्होंने मैंने उनके रुकते ही उनके चेहरे की ओर देखा तो वो मुस्कुरा कर बोली थैंक्स मेरे प्यारे भाई आज का दिन वाकई अच्छा था मेरे लिए मैंने हाथ उठा कर उन्हें अंगूठा दिखाते हुए thumbsup किया और कहा दीदी अब से अच्छे दिन हर रोज आएंगे और फिर कहा दीदी ऐसे सूखा सूखा थैंक्स सारा दिन तुम्हे राजकुमारी बना कर घुमाता रहा तो दीदी ने हंस कर कहा गीला वाला थैंक्स बोलना मुझे नही आता उसके लिए कोई गर्ल फ्रेंड ही बना ले और वो रूम में चली गयी मैंने अपना फ़ोन उठाया और उन्हें व्हाट्सएप्प पर एक मैसेज किया…..
दीदी कल से आप घर पर वो ही ड्रेस पहनोगी जो मैं आज लाया हूँ उन पुरानी साड़ी में अब दिखना मत मुझे…. गुड नाईट…. और सेंड कर दिया उनके कमरे से मुझे फ़ोन की मैसेज received टोन सुनाई दी और मैं tv ऑफ कर के अपने रूम में चला गया एक मिनट बाद वो मैसेज सीन हुआ और दीदी का रिप्लाई आया गुड नाईट अब सो जाओ….. और मैं फ़ोन रख कर चैन से सो गया….. हमेशा की तरह सुबह 7 बजे मेरी नींद खुली और दीदी जो कि हमेशा ही मुझसे पहले उठ कर नहा कर नाश्ता बना रही होती थी वो किचन में थी मैं बाहर आ कर सीधा बाथरूम में घुस गया और फटाफट नहा कर टॉवल में ही बाहर आया दीदी टेबल पर नाश्ता तैयार किये बैठी थी और उन्होंने ब्लैक जीन्स और रेड टॉप पहना हुआ था बाल बांध कर एक पोनीटेल बनाई हुई थी और मेकअप के सामान का बढ़िया इस्तेमाल किया था उन्हें देख कर मेरे कदम ठिठक गए मैं उनके पास आ कर उन्हें देखते हुए मुस्कुरा कर गुड मोर्निंग बोला और दीदी ने भी स्माइल करते हुए मुझे रिप्लाई दिया आठ बज रहे थे और एक घण्टा मुझे आफिस पहुंचने में लगना था तो मैं अपने रूम में आ कर कपड़े पहन कर शूज़ पहन के तैयार हुआ और अपना लैपटॉप ले कर नाश्ते के टेबल पर आ गया….. मुझे कुछ मेल चेक करने थे तो मैं सैंडविच कुतरते हुए लैपटॉप ऑन कर के काम भी करने लगा…. तभी दीदी बोली संजू मेरी ड्रेस कैसी लग रही है….. मैंने एकदम झक्कास दीदी मैं तो देख के पहचान ही नही पाया कि ये वही लड़की है जिसे मैं गांव से ले कर आया था दीदी फिर से मुस्कुराते हुए बोली है तो वही लड़की पर अब इस लड़की को शहर की हवा लग गयी है मैंने कहा दीदी अब इस हवा को लगी रहने देना प्लीज ऐसे आप बहोत अच्छी लग रही हो और आपको खुश देख कर मैं भी बहोत खुश हूं….. फिर मैंने नाश्ता करते हुए मेल्स चेक किया और दीदी से थोड़ी बहोत बातचीत भी करता रहा…… फिर मैं नाश्ता खत्म कर के लैपटॉप उठा कर कार की चाभी ले के दीदी को bye बोल कर बाहर आ गया और दीदी दरवाजे तक मुझे छोड़ने आयी मैंने सीढियां उतरते हुए कहा दीदी शाम को तैयार रहना मैं जल्दी आ जाऊंगा….. और मैने नीचे आ कर कार निकाली और आफिस निकल गया ।
आफिस में आज मेरा मन खास लग नहीं रहा था कल से आज तक कि सारी घटनाएं मेरे जेहन में चल रही थीं तभी मेरे ब्रांच का कैशियर मेरे केबिन में आया और गुड मॉर्निंग बोल कर बैठ गया फिर वो बोला सर आज मेरा बर्थडे है और मैंने शाम को छोटी सी पार्टी रखी है घर पर अगर आप भी आते तो मुझे बहोत अच्छा लगता…. मैंने कहा ठीक है पर एक काम करना तुम शाम को 5 बजे मेरे साथ निकलना और मुझे 6 तक फ्री कर देना क्यों कि मुझे 7 बजे दीदी के साथ कही जाना है और मैं लेट हुआ तो वो गुस्सा होंगी…… फिर मैंने उस से कहा यार संजीव एक काम है मुझे वो बोला सर आदेश करिये मैंने कहा मुझे अपने घर मे कैमरे लगवाने हैं दीदी सारा दिन घर मे अकेली रहती हैं और आजकल का माहौल तो तुम जानते ही हो वो बोला एकदम सही आईडिया है सर मैं एक बंदे को जानता हूँ उसकी शॉप पास में ही है मैं उसे बुलवा लेता हूँ वो आपका काम कर देगा आप अपनी requirement उसे बता देना बाकी वो समझदार है…. संजीव भी खुश था कि आज के दिन उसे एक घंटे पहले छुट्टी मिल रही थी….. फिर मैंने दोपहर में कॉल की दीदी को वो बस खाना खा कर लेटी थी मेरी कॉल देख कर उन्होंने पूछा कि आज मेरी याद कैसे आ गयी मैंने कहा बस कल आपके साथ इतना अच्छा वक्त गुजरा की सुबह से ही आपकी याद आ रही थी दीदी ने कहा है ठीक है शाम को टाइम पर आ जाना फिर से वक़्त साथ गुजार लेंगे…. दीदी में मुझे लंच के बारे में पूछा कि मैंने खाना खाया या नही मैं दोपहर को पास की ही एक कैंटीन से टिफ़िन मंगवा लेता था मैंने बताया कि लंच आ गया है बस करने जा रहा हूँ फिर उन्होंने कॉल काट दी और मैंने लंच किया शाम को संजीव 4:40 पर ही मेरे केबिन में आ गया और बोला सर चलें मैंने कहा ठीक है चलो मैं उसके साथ उसके घर आया वहां उसकी बीवी माँ और बच्चे मिले मैं उनसे मिला काफी दिनों बाद किसी परिवार से मिल कर अच्छा लग रहा था उसने मुझे सब से मिलवाया फिर अपने रूम में ले गया बिठाया और बोला सर आपका इंतजाम जल्दी से कर देता हूँ आपको 5 बजे निकलना है…. मैंने कहा ठीक है मुझे लगा वो खाने को कह रहा होगा पर वो बाहर गया और एक व्हिस्की की बोतल ले आया और उसकी बीवी ग्लास और तले हुए काजू प्लेट में रख गयी मैंने कहा ये सब क्या है तो वो बोला सर प्लीज मेरे साथ बस थोड़ी सी मैंने कहा पर मैं नही पीता तो वो बोला सर थोड़ी सी सिर्फ एक pag मैंने फिर से कहा यार मैंने कभी नही पी पहले तो वो बोला सर कैसे मैनेजर हैं आप एक pag लेने में इतना डर रहे हैं और ये सुनते ही मुझे लगा जैसे वो मुझे चैलेंज कर रहा है मैंने ताव में बोल दिया ठीक है बनाओ फिर…. उसने खुश हो के दो तीन बार मुझे थैंक यू बोला अजर बोतल खोल के दो pag बना लिए और एक मुझे दे कर चियर्स किया मैंने एक बार ग्लास में पड़ी हुआ दारू को देखा और मन कड़ा कर के उसे मुह से लगाया उसकी बदबू से लगा कि मुझे उल्टी हो जाएगी पर मैंने सांस रोक ली और गिलास मुह से लगा कर एक सांस में गटक गया वो मेरे तरीके से समझ गया कि मैं पहली बार पी रहा हूँ उसने फौरन मुझे काजू दिये वो मुह में डाल के मेरे मुह के स्वाद कुछ सही हुआ और मैं काजू खाते हुए उस से बातें करने लगा 5 मिनट बाद उसने पूछा सर कोई प्रॉब्लम मैंने कहा नही तो एकदम नही पर मेरे दिमाग में काफी हल्कापन आ रहा था जैसे दुनिया बड़ी रंगीन है और मुझे काफी अच्छा महसूस हो रहा था संजीव ने मुझसे पूछे बिना दोबारा ग्लास भर के दो और pag बना लिए और मेरा ग्लास मुझे पकड़ा के बोला सर बस ये लास्ट फिर खाना लगवाता हूं…. मैंने भी सोचे समझे बिना ग्लास पकड़ लिया और एक बार फिर हिम्मत कर उसे भी किसी तरह गले से उतार लिया… फिर थोड़ी देर में उसकी बीवी ने खाना लगाया अब मुझे नशा से होने लगा था और संजीव की बीवी जिसे मैंने पहले ठीक से देखा भी नही था वो अब मुझे एक मस्त औरत दिखने लगी थी वो जब खाना परोसने झुकती तो उसके ब्लाउज में कसे हुए मम्मे देख कर मेरा मन डोलने लगा था जैसे तैसे खुद पर काबू किये हुए किसी तरह थोड़ा सा खाना खाया और फिर संजीव से बोला यार कोई कैब बुला दो मैं ड्राइव कर के घर नही जा पाऊंगा….. संजीव में कही कॉल कर के एक टैक्सी बुला दी और मुझे बिठा कर घर के लिए रवाना कर दिया…. मैं घर से थोड़ी ही दूर था कि दीदी का कॉल आ गया मैंने कॉल रिसीव को दीदी ने पूछा कहाँ हो मैंने कहा बस 10 मिनट में पहुच रहा फिर दीदी ने कहा मैं खाना बना लेती हूं तब तक मैने फौरन मना किया कि खाना मत बनाना मैं खाना खा चुका हूं और काल काट दी फिर मैं घर पहुंचा मुझे ठीक ठा seeक नशा हो रहा था पर मज़ा भी आ रहा था मैंने ड्राइवर को किराया दे कर भेज दिया और ऊपर आया घंटी बजाई दीदी ने दरवाजा खोला और मैंने उन्हें मुस्कुरा कंसर गुड इवनिंग बोला दीदी ने इस टाइम रेड साड़ी पहनी हुई थी…. और हल्का सा मेकअप किया हुआ था मैं अंदर आया और सोफे पर बैठ गया मैंने कहा दीदी कहाँ की तैयारी है बहोत सुंदर लग रही हो तो दीदी हंसते हुए बोली भूल गया शाम को हमे घूमने जाना था… मैंने कहा ओह्ह हां कहा तो था ठीक है मैं कपड़े बदल लूं फिर चलते है और मैं अपने कमरे में आ कर पंत4 शर्ट निकाल कर बाथरूम में घुस गया हाथ मुह धो कर मैंने एक लोअर और टी शर्ट पहन ली और स्लीपर पहन कर बाहर आ गया…. मैंने अपना पर्स मोबाइल और घर की चाभी जेब मे डाल ली और उसी वक़्त मुझे कल दरवाजे पर जेब से चाभी निकालने वाली बार याद आयी और मेरे दिमाग मे खुराफात सूझने लगी…. मैंने कहा चलो दीदी फिर हम बाहर आये और मैंने गेट लॉक कर के चाभी जेब मे डाल ली और फिर हम बिल्डिंग से बाहर आ के पैदल ही टहलते हुए चल पड़े पार्क की ओर अभी हम कुछ कदम ही चले थे कि मैंने दीदी का हाथ अपने हाथों में पकड़ लिया दीदी ने एक बार मेरी ओर देखा और फिर अच्छे से मेरा हाथ पकड़ कर साथ चलने लगी….. मैंने चलते चलते कहा दीदी कल माल में जब आपके अंडरगार्मेंट्स खरीद रहे थे वो लेडी आपको भाभी जी क्यों बोल रही थी… दीदी बोली लगता है वो हमें पति पत्नी समझ रही थी….. मैंने दीदी को छेड़ते हुए कहा ऐसा लगता है क्या दीदी बोली मैं क्या जानू….. फिर हम ऐसे ही बातें करते हुए पार्क में आ गए ये काफी बड़ा पार्क था मैं रोज आफिस जाते हुए इस पार्क के सामने से गुजरता था पर कभी अंदर नही गया था….. अंदर एक पक्की सड़क पार्क के पिछले हिस्से तक गयी थी और दोनों ओर पेड़ लगे हुए थे कही कही सड़क के किनारे पत्थर के बेंच लगी हुई थी और थोड़ी थोड़ी दूर पर लाइट्स भी लगी हुई थी….. कुछ लोग नजर आ रहे थे ज्यादातर कपल्स ही थे जो एक दूसरे के हाथों में हाथ डाल कर बैठे हुए थे कुछ पेड़ों के नीचे कुछ बेंच पर मैं और दीदी पहली बार आये थे इस पार्क में तो मैंने सोचा पीछे तक घूम के पूरा पार्क देखते हैं तो हम चलते चले गए काफी आगे जाने पर पार्क एकदम सुनसान था और हम चुपचाप चले जा रहे थे तभी मेरे कान में कोई आवाज़ आयी मैंने उधर देखा तो एक 20 साल की लड़की और एक 22-23 साल का लड़का सड़क से थोड़ा हट के एक पेड़ के नीचे आपस मे लिपटे हुए खड़े थे…. लड़की की सलवार नीचे सरकी हुई थी और लड़का शायद उसे खड़े खड़े चोद रहा था वो सीन देख के मैं एक पल के ठिठक से गया दीदी की नजर उस ओर गयी कुछ सेकेंड्स तक वो भी उन्हें देखती रही तभी उस लड़के का ध्यान हमारी ओर गया तो उसने थोड़ा सा शर्मा कर कहा भाई और आगे चले जाओ वहां एकदम खाली है कोई नही होगा….. दीदी ने फौरन मुझे हाथ से खींचते हुए आगे चलना शुरू किया मैं भी उनके साथ चल दिया….. पर चार पांच कदम चलने के बाद मैंने फिर से उस ओर मुड़ कर देखा और मेरे साथ ही दीदी ने भी देखा वो लड़का अब तेज तेज कमर हिलाते हुए लड़की को चोद रहा था… हम अब आगे आ चुके थे और पेड़ो की वजह से वो लोग हमें दिखने बन्द हो गए थोड़ा और आगे पहुंचे तो देखा वहां पार्क की पिछली बाउंडरी थी फिर हम वही एक बेंच पर बैठ गए एकदम शान्त वातावरण था हल्की हवा चल रही थी…. मैं और दीदी एकदम पास बैठे थे….. हमारे हाथ अब भी एक दूसरे को पकड़े हुए थे मैंने कहा शहर के लोग कही भी शुरू रहते हैं…. कोई शर्म नहीं इन्हें दीदी ने कोई जवाब नही दिया वो नीचे देख रही थीं…. मैंने कहा सॉरी दीदी मुझे नही मालूम था यहां ये सब देखने को मिलेगा दीदी ने कहा उसमे तेरी क्या गलती है और उन्होंने मेरी ओर देखा फिर नाक से तेजी से सांस लेते हुए कुछ सूंघने की कोशिश करने लगी और फिर उन्होंने पूछा तूने शराब पी है क्या…. मैंने उन्हें बताया कि आज मेरे स्टाफ की बर्थडे पार्टी थी और वहां कैसे उन्होंने जिद कर के मुझे थोड़ी सी पिला दी….. दीदी ने कहा संजू शराब की आदत मत डालना कभी मैंने इस शराब की वजह से कितने दुख उठाये हैं तू नही जानता मैंने कहा दीदी निश्चिंत रहो मैं कभी इतनी नही पियूँगा की आप को कोई तकलीफ हो…. फिर मैंने कहा दीदी अगर आपको कोई प्रॉब्लम ना हो तो मैं कभी कभी एक दो pag घर पर ही ले लिया करूँ…. दीदी ने थोड़ा सोच कर कहा ठीक है पर वादा कर तू कभी घर से बाहर नही पियेगा घर पर कम से कम मैं नजर तो रखूंगी की कितनी पी रहा है वैसे ना ही पी तो अच्छा है ये कोई अच्छी चीज नही मैंने कहा दीदी मैं कौन सा बेवड़ो जैसे पीने को कह रहा हूँ आजकल तो थोड़ा बहोत सब पीते हैं… दीदी बोली देख संजू तू पढ़ा लिखा है समझदार है अपना अच्छा बुरा खुद समझता है मैं तुझे किसी चीज के लिए रोक टोक तो नही सकती तेरी अपनी जिन्दगी है जैसे चाहे जी पर इतना याद रखना अब तेरे सिवा मेरा कोई नही इस दुनिया मे और तुझे नहीं खो सकती किसी भी कीमत पर ऐसा कहते हुए दीदी के हाथों की पकड़ मेरे हाथों पर सख्त हो गयी थी…. मैंने दूसरे हाथ से दीदी की ठुड्डी पकड़ कर उनका चेहरा ऊपर किया उनकी आंखों में आंसू थे ये देख कर मेरी आंखों भी भर आयी और मैंने दीदी को कंधों से पकड़ कर अपने गले से लगा लिया और कहा दीदी मैं कभी तुम्हारा दिल नही दुखाऊंगा और आपको इतना प्यार दूंगा की आपको किसी कमी का अहसास नहीं होगा दीदी ये सुन कर भावुक हो गईं और मुझे अपनी बाहों में कस लिया….. एक तो शराब का नशा उस पर अभी अभी देखा हुआ वो लाइव सेक्स सीन और दीदी का हसीन बदन मेरी बाहों में मैं बहकने लगा था और मेरे हाथ दीदी की पीठ पर रेंगने लगे और ब्लाउज के नीचे नंगी पीठ पर घूमने लगे….. एक मिनट तक हम ऐसे ही गले लगे रहे दीदी का पता नही पर मुझे ऐसा लग रहा था वक़्त यही रुक जाए और दीदी बस ऐसे ही मेरी बाहों में रहे हमेशा…. फिर दीदी ने थोड़ा कसमसा कर अब छोड़ भी मैंने अलग हो कर दीदी को देखा और धीरे से love you दीदी….. दीदी ने भी मेरी ओर देखा और मुस्कुरा कर बोली love you to मेरे प्यारे भाई….. हमे यहां बैठे 5 मिनट हुए थे मैंने कहा अब वापस चलें दीदी बोली ठीक है और हम उठ कर वापस चल दिये….. दो मिनट में हम फिर से उस जगह को क्रॉस कर रहे थे जहां वो जोड़ा लगा हुआ था और हम दोनों की नजर उधर ही थी पर अब वो वहां नही थे…. मैंने कहा लगता है चले गए वो लोग तो दीदी हड़बड़ा कर सामने देखने लगी….. फिर हम पार्क से बाहर आये और रास्ते मे एक होटल से मैंने खाना पैक करवा लिया दीदी के लिए मैं तो खा ही चुका था और और हम घर आ गए मेरे दोनों हाथों में खाने के पैकेट थे और जब हम घर के दरवाजे पर पहुंचे तो मैंने कहा दीदी चाभी निकालो दीदी के एक पल के लिए मेरी नजरो में देखा फिर मेरी जेब मे हाथ डाला आज मैंने लंड को सेट नही किया था वो लोअर में फ्री नीचे को लटक रहा था….. आज ना मैंने बताया ना दीदी ने पूछा कि चाभी किस जेब मे है और वो दाईं ओर खड़ी थी तो उसी जेब मे हाथ डाल दिया पर चाभी बायीं जेब मे थी… उन्होंने हाथ डाल कर जेब मे टटोला चाभी थी ही नही तो मिलती कैसे और इस टटोलने के चक्कर मे उनकी उंगलियां एक बार फिर मेरे सख्त सुपाड़े को छू ही गईं…. पर उन्होंने बड़े आराम से उसे टच करते हुए जेब मे अच्छे से हाथ घुमाया और बोली चाभी नहीं है मैंने कहा शायद दूसरी जेब मे होगी तो उन्होंने मेरे सामने आ कर दूसरी जेब मे हाथ डाला थोड़ा झटके से और इस बार भी उनका हाथ मेरे लंड को छू गया एक बार तो मुझे लगा दीदी जान बूझ कर ऐसे टच कर रही क्या फिर मैंने इस खयाल को मन से निकाल दिया दीदी ने चाभी निकाल कर दरवाजा खोला और हम अंदर आ गए मैंने उनका खाना टेबल पर रख5 और tv खोल ली और सोफे पर बैठ कर tv देखने लगा….. दीदी अपने रूम में गई और 5 मिनट बाद नाइटी में बाहर आई और उन्हें देख कर ही मेरा लंड गरम हो कर सर उठाने लगा वो किचन में गयी और अपना खाना प्लेट में लगा कर वही ले आयी और मेरे नजर उनके गोल कसे हुए चूतड़ों पर बार बार जा रही थी….. मैंने एक हाथ लंड पर रख कर उसे छिपाया हुआ था ताकि दीदी को पता न चले कि वो खड़ा है…. दीदी मेरे साइड में आ कर बैठ गयी और खाना खाने लगी…. मैंने चार रोटियां पैक कराई थी और दीदी ने कभी 3 से ज्यादा खाई नही इतनी ही इनकी खुराक थी दीदी बोली खाना ज्यादा है अगर भूख लग रही हो तो थोड़ा सा ले लो….. मैंने कहा आप खा लो जो बचेगा मैं खा लूंगा दीदी तुनक कर बोली अरे वाह तू बचा खुचा क्यों खायेगा और उन्होंने रोटी तोड़ कर सब्जी लगा कर कहा मुह खोलो तो मैंने मुह खोल दिया और उन्होंने मुझे खिला दिया….. फिर वो ऐसे ही मुझे भी खिलाते हुए खाने लगी और हमने खाना खत्म किया फिर थोड़ी देर tv देख कर वो मुझे गुड नाईट बोल कर अपने रूम में चली गयी….. मैं भी tv ऑफ कर के अपने रूम में आ गया और लैपटॉप ऑन कर के एक मस्त पोर्न प्ले की आज शराब पीने की वजह से मेरे लंड को ज्यादा ही गर्मी चढ़ रही थी इसकी गर्मी शांत करने का एक ही उपाय था मैंने एकदम नंगा हो कर एक बार मुठ मारी और शांत हो कर लेट गया एक बार फिर से मेरे खयालों में दीदी आ गयी और मैं सोचने लगा अगर दूसरी लड़कियों का नंगा बदन देख कर मुठ मारने में इतना मज़ा आता है तो दीदी का नंगा बदन देख कर ये सोच कर ही मेरे लंड में फिर से गर्मी आने लगी पर किसी तरह मैंने अपने मन को शांत किया और सो गया…..
To be continued






Shandaar update
 
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abhaysuri0

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भाग 5
सुबह मेरी नींद 6 बजे खुल गयी और उठ कर मैं बिस्तर पर पड़ा अंगड़ाइयां ले ही रहा था कि अचनाक मुझे कल रात का दीदी वाला बाथरूम सीन याद आया और मैंने झट से फ़ोन उठा कर चेक किया पहले दीदी का रूम देखा तो वो खाली पड़ा था फिर बाथरूम देखा तो……
दीदी कमोड पर बैठी थी और एकदम नंगी थी एक भी सूत नही था उनके बदन पर और दीदी का वो रूप देख कर मुझे बस उनसे प्यार हो गया….. सांचे में ढला हुआ गोरा बदन कड़े शेप में ढले हुए मस्त चूचे ब्राउन कलर के नुकीले निप्पल….. सपाट पेट और गहरी नाभि…. कोई भी दीदी का ये रूप देख कर होश खो बैठता और मैं तो ये सब देख हैरान भी था और बेहद खुश भी….. कोई तीन मिनट तक दीदी कमोड पर बैठी रही फिर उन्होंने नोजेल ऑन किया और पानी की धार पड़ने से शायद उन्हें भी गुदगुदी हुई होगी वो मुस्कुरा रही थी फिर वो उठी…. और मेरी नजर उनकी बालों से ढकी हुई चूत पर पड़ी…. ढेर सारे घने काले बालों से ढकी हुई थी उनकी चूत और सिर्फ बाल ही नजर आ रहे थे उन्होंने एक बार अपनी झांटो पर हाथ फिराया और फिर शावर के नीचे खड़ी हो गईं….. और शावर खोल दिया पानी की बूंदे उनके नंगे बदन को भिगोने लगी और फिर वो नहाती रहीं और मैं उन्हें देखते हुए बस मुठ मारने लगा…. इधर उनका नहाना खत्म हुआ और उधर मैं एक बार फिर से झड़ चुका था पर अब मेरी प्यास बढ़ रही थी और मैं दीदी को पाना चाहता था….. तभी मैं खयालो से बाहर आया और देखा दीदी नहा चुकी थी और ब्रा पैंटी पहन कर टॉवल लपेट कर बाहर आने वाली थी और मैं कूद कर कमरे से बाहर आ कर सोफे पर ऐसे बैठ गया कि एक नजर में वो मुझे ना देख पाए….. बाथरूम का दरवाजा सोफे के पीछे की ओर है तो दरवाजा खुला और दीदी बाहर आई और वैसे ही मैं सोफे से उठ खड़ा हुआ और मुझसे नजर मिलते ही दीदी सकपका गयी उन्होंने तौलिया लपेटा था जो उनके सीने से उनकी जांघो तक ही था और मेरी नजर एकदम से उनकी नंगी जांघो पर और जांघो के जोड़ पर थी….. दीदी दो सेकेंड्स तो खड़ी रही फिर भाग कर अपने रूम में घुस गई और दरवाजा बंद कर लिया….. और मैं बाथरूम में घुस गया…. मैं फ्रेश हो कर नहा कर बाहर आया तो दीदी किचन में थी फिर मैं तैयार हो कर नाश्ते की टेबल पर आ गया आज मैं ही जल्दी तैयार हो गया था तो दीदी अभी नाश्ता बना ही रही थी मैंने वही से आवाज़ दी…. दीदी कितनी देर लगेगी अभी…. दीदी बोली आज बड़ी जल्दी रेडी हो गया कोई खास बात है क्या…. मैंने कहा हाँ एक लड़की को इम्प्रेस करना है उसे लगता है कि मैं देर तक सोता हूँ आलसी और लापरवाह हूँ उसे दिखाना है कि मैं एक जिम्मेवार और समझदार इंसान हूँ…. ये सुनते ही दीदी हाथ मे कलछी लिए हुए किचन के दरवाजे पे आ गईं और बोली कौन है वो लड़की आफिस में कोई नई आयी है क्या…. मैंने किचन की ओर देखा उफ़्फ़फ़ क्या लग रही थीं दीदी पिंक लैगिंग और स्काई टी शर्ट में उनके जिस्म का एक एक उतार चढ़ाव साफ नजर आ रहा था और उन्हें देख कर मेरा मुह खुला का खुला रह गया….. मुझे ऐसे देखते देख दीदी हंस पड़ी और बोली मुह बन्द कर ले दिख तो मैं आंखों से भी जाऊंगी…. और मैंने सच मे एकदम से मुह बन्द कर लिया और वो जोर जोर से हंसने लगी उन्हें ऐसे हंसते देख कर मैं उठ कर उनके पास गया और उन्हें कस के अपने गले से लगा लिया और कहा…. दीदी बस तुम हमेशा ऐसे ही हंसती रहना और कुछ नही चाहिए मुझे…. मेरे लिए आपकी ये खुशी ही सब कुछ है दीदी ने भी अपनी बाहें मेरी पीठ पर कस दी और बोली बस तू हमेशा ऐसे ही दीदी को खुश रखना तो मैं खुश रहूंगी….. मैंने उन्हें और तेज बाहों में कस लिया और शायद मेरे लंड जो कि थोड़ा सख्त था और वो उन्हें अपने नीचे महसूस हुआ होगा तो वो कसमसा कर बोली अब छोड़ मुझे वरना तुझे देर हो जाएगी आफिस के लिए… मैंने कुछ सेकेंड्स तक फिर भी उन्हें जकड़े रखा और फिर छोड़ दिया….. वो सर झुका चुपचाप वापस किचन में चली गयी….. और मैं वही खड़ा खड़ा उनका मस्त पिछवाड़ा देखता रहा…. पर आज मुझे ऐसा महसूस हो रहा था कि दीदी को कुछ आईडिया हो चुका है कि मैं उनके बारे में क्या सोचता हूँ और किस नजर से देखता हूँ उनको….. तभी दीदी ने मेरी ओर देखा और मुझे अपनी ओर देखते देख कर बोली आज कल बहुत घूरने लगा है मुझे क्या बात है….. मैंने कहा यार दीदी घर मे तुम्हारे सिवा है ही कौन जिसे देखूं…. दीदी ने गोल गोल आंखे नचाते हुए कहा इसीलिए तो कह रही हूं किसी को ले आ घर जिसे जी भर देख सके…. मैंने कहा तुम हो न किसी को लाने की क्या जरूरत है तुम्हे ही देख लेता हूँ…. दीदी ने कहा मैं बहन हूँ तेरी कोई राह चलती लड़की नहीं जिसे देख कर मन बहलाएगा अपना…. मैंने कहा दीदी हो तो लड़की ही ना और मेरा मन बहल जाता है तुम्हे देख कर….. नाश्ता तैयार हो चुका था सो दीदी ने ट्रे उठाई और मेरे बाजू से निकल कर रूम में आ गयी मैं भी आ कर बैठ गया और हम नाश्ता करने लगे…. इस दौरान कोई बात नही हुई फिर मैं नाश्ता कर के निकल गया आफिस के लिए….. और घंटे भर बाद मैं अपने केबिन में था…. कुछ जरूरी काम निपटा के जब थोड़ी देर बाद मैं फ्री हुआ तो मुझे दीदी की याद आने लगी और मैंने फ़ोन निकाला और देखना शुरू किया…. पर दीदी घर मे नही दिखी ना अपने रूम में ना बाथरूम अब या तो वो ड्राइंग रूम में रही होगी या किचन में या फिर हो सकता है वो कही बाहर गयी हो…. और मैंने ना जाने क्या सोच कर उनको कॉल कर दी….. और जैसे ही उन्होंने फ़ोन उठाया बेख्याली में मेरे मुह से निकल गया… दीदी कहा हो गयी हुई हो तुम…. उन्होंने कहा बस कुछ सामान लेना था तो बाजार तक आयी थी लेकिन तुझे कैसे पता चला कि मैं बाजार आयी हूँ….. अब मैं कैसे बताता की मुझे कैसे पता चला…. मैंने झूठ बोलते हुए कहा वो मैंने एक लड़के को घर भेजा था…. मेरी अलमारी में एक फ़ाइल रखी है वो मंगवाने के लिए पर उसने बताया कि घर लॉक है तो…. दीदी बोली उसे बोलो की वो रुके मैं बस दो मिनट में घर पहुंच रही हूं मैं फिर से हड़बड़ा गया और कहा कि…. वो तो निकल गया वहां से वापस… दीदी बोली तो उस से बोल नही सकता था रुकने को मैं तो बस पहुंच ही गयी घर मैंने कहा चलो छोड़ो अब कल ले आऊंगा मैं और फ़ोन काट दिया…..
आज मैं अपनी बेवकूफी से फंसते फंसते बचा था…. और दो मिनट बाद मैंने फिर से फ़ोन पर घर का सीन देखना शुरू किया कुछ सेकेंड्स में ही दीदी अपने रूम में आई उनके हाथ मे कुछ शॉपिंग बैग थे उन्होंने बेड पर रखे और पंखा चलाया धूप से आने की वजह से वो पसीने से तर थीं और उनका ब्लाउज भीग कर उनके बदन से चिपका हुआ था…. काफी सेक्सी सीन था फिर उन्होंने साड़ी खोल कर फेंक दी और ब्लाउज भी निकाल दिया और लास्ट में ब्रा भी खोल दी और दीदी के रसीले चूचे नंगे सर उठाये खड़े थे….. उन्होंने टॉवल लिया और चुचियों पर बहा पसीना पोछा फिर पॉलीथिन से कुछ निकाला… गौर से देखा तो वो हेयर रिमूवर क्रीम थी दीदी ने वही बेड पर बैठ कर क्रीम की शीशी खोली और स्पून से निकाल कर अपना एक हाथ उठा कर अंडर आर्म पर क्रीम लगाने लगी मेरा दिल कर रहा था कि उन्हें कॉल कर के मना कर दूं क्यों कि मुझे औरतों के प्राइवेट पार्ट्स यानी कि चूत और बगलों पर बाल बहोत पसन्द हैं…. और मैं एकदम नही चाहता था कि दीदी अपने बालों को हटायें पर चुपचाप देखने के सिवा मैं क्या कर सकता था….. दीदी ने दोनों आर्म्स पर क्रीम लगाई और फिर खड़ी हो कर पेटीकोट खोल दिया और उसे टांगो से निकाल कर वही जमीन पर बैठ गयी पंजो पर और अपनी चूत के बालों पर हाथ फिराया और फिर क्रीम लगाने लगी…. अच्छी तरह से क्रीम लगा कर वो उठी बेड पर लेट गयी आंखे बंद कर के एकदम रिलैक्स हो कर और दीदी को ऐसे नंगा देख कर मेरा मन एकदम अशांत हो रहा था और मेरे लंड में जबरदस्त तनाव आ चुका था….. तभी एक बन्दा लोन की फ़ाइल ले कर केबिन में आ गया और मैंने फ़ोन चुपचाप जेब मे रख लिया….. और जब वो 10 मिनट बाद गया तो मैंने वापस लिवा एक्शन देखना शुरू किया…. पर दीदी अब रूम में नही थी बस उनके कपड़े बिखरे पड़े थे…. मैंने बाथरूम वाला cam ऑन किया तो देखा दीदी शावर के नीचे खड़ी थी और उनके अंदर आर्म और चूत के बाल एकदम गायब हो चुके थे…. आज पहली बार मुझे दीदी की चूत के दर्शन हुए एकदम गुलाबी पंखुड़ियां और ऊपर अनार के दाने जैसी क्लीट देख कर मेरे मुह में पानी आ गया….. और मैं सोचने लगा कि क्या दीदी को सेक्स की जरूरत नही महसूस होती होगी अभी उनकी उम्र ही क्या है…. और उनका जो पति था वो उन्हें शारीरिक सुख तो क्या देता रहा होगा बस शराब पी कर उनका बदन नोचता था शायद वो…. इन्ही खयालो में डूबा था कि अचानक से वापस मेरी नजर स्क्रीन पर गयी और इस बार जो दिखा वो मेरा खून गरम कर गया…. दीदी शावर के नीचे बैठी थी टांगे खोल कर अपनी चूत की दरार को उंगली से सहला रही थीं और उनका दूसरा हाथ उनके स्तन पर था वो अपने निप्पल को उंगली से रगड़ रही थी….. उनकी पीठ दीवार से टिकी हुई थी और आंखे बंद…. गहरी सांस लेते हुए उनके ठोस चूचियाँ ऊपर नीचे हो रही थी और फिर दीदी ने अपनी उंगली मुह में डाल कर चूसी और गीली उँगली चूत पर रख कर एक झटके से चूत में घुसा ली और फिर उंगली को धीरे धीरे अंदर बाहर करते हुए फिंगरिंग करने लगी….. अभी दो मिनट पहले जो कुछ मैं सोच रहा था उसका जवाब मुझे बड़ी जल्दी मिल गया था…. दीदी का भी सेक्स का मन करता है और वो अपनी प्यास अपने हाथों से मिटा लेती हैं जैसे कि मैं करता हूँ….. कोई 10 मिनट तक दीदी ऐसे ही उंगली को कभी तेजी से कभी धीरे धीरे चूत में डालती रही और फिर उनका बदन अकड़ने लगा और उनका मुह खुल सा गया और फिर एक हल्की कंपकंपी के साथ वो झड़ कर शांत हो गयी झड़ने के बाद भी कुछ देर वो ऐसे ही बैठी रही और फिर नहा कर नंगी ही बाहर निकल गयी…. मैंने वापस रूम वाला cam ऑन किया वो ड्रेसिंग के सामने नंगी खड़ी थी और बड़े गौर से अपना जिस्म देख रही थी…. फिर उन्होंने ब्रा पैंटी पहनी और लोअर टी शर्ट पहन कर बालों को ब्रश करने लगी….. अब आगे देखने जैसा कुछ नही था तो मैं भी अपने काम मे लग गया…. सारा दिन आफिस में निपटा कर जब शाम को मैं घर जाने के लिए उठा तभी संजीव आ गया केबिन में और बोला सर आज बार चलें क्या एक दो pag हो जाये…. मैंने कहा यार मूड तो है पर मैं अब बाहर नही पी सकता हां तुम एक हाफ ला दो तो मैं घर पर ले लूंगा एक दो छोटे छोटे…. वो ok sir बोल कर निकल गया और 5 मिनट में ही व्हिस्की की एक हाफ पेपर में लपेट कर ले आया मैंने उसे बैग में डाला और उसे थैंक्स बोल कर निकल लिया…..
घर पहुंच कर बेल बजायी तो दीदी मानो दरवाजे पर ही थी एक सेकेंड में ही दरवाजा खुला और आज दीदी ने रेड साड़ी पहनी थी स्लीवलेस ब्लाउज और सुर्ख लिपस्टिक मैं बस उन्हें हैरान हो कर देखता ही रह गया…. दीदी मेरी हालत देख कर मुस्कुराने लगी मैंने पूछा कहीं जा रही हो क्या….. ?
तो वो बोली….. क्यों मैं घर पर ऐसे नही रह सकती क्या…. मैंने कहा नही ऐसा तो मैंने नही कहा पर आज तो गजब लग रही हो…. वो बोली अब अंदर आओगे या दरवाजे पर ही खड़े रहोगे, मैं अंदर आया और बैग रख कर वही बैठ गया दीदी बोली पानी लाऊँ…. मैंने कहा हां ले आओ पर जग में लाना और थोड़ी सी बर्फ भी….. उन्होंने सवालिया नजरो से देखा तो मैंने कहा आपसे वादा किया था ना कि पियूँगा तो घर पर ही बाहर नही…. वो मुह बना कर चली गयी और फिर जग में पानी ग्लास और आइस क्यूब ल कर रख दिये…. मैंने बैग से बोतल निकाल कर एक हल्का सा pag बनाया और सिप करते हुए कहा दीदी कुछ खाने को तो दे दो या ऐसे ही पियूँ…. उन्होंने पूछा क्या बना दूँ मैंने कहा बनाओ कुछ मत जो बना हुआ हो वो ही ले आओ….. वो किचन में गयी और 5 मिनट बाद एक प्लेट में सलाद और थोड़े से काजू ले कर आई और रख दिये बोली इतने से काम चलेगा या और कुछ लाऊँ मैंने कहा बस इतना काफी है….. मेरा pag खत्म हो चुका था मैं सलाद खाने लगा और दीदी चुपचाप मुझे देख रही थीं…. वो थोड़ी परेशान लग रही थीं….. मैंने पूछा क्या हुआ दीदी चुप क्यों हो…. वो बोली संजू ये मत समझ की मैं बड़ी होने की वजह से तुझे रोक टोक रही हूं पर इस शराब की वजह से मैंने बहोत दुख देखे हैं मुझे ये सब ठीक नही लग रहा मैं उठ कर उनके पास आ गया और उनका हाथ अपने हाथों में ले कर बोला दीदी मैं वादा करता हूँ कभी भी इसकी आदत नही डालूंगा बस कभी कभी थोड़ी सी केवल मूड बनाने के लिए….. बाकी मेरी जिंदगी में है कि क्या काम के सिवा…. दीदी ने कहा संजू अपना अच्छा बुरा तुम खुद समझते हो इसलिए आज के बाद मैं कभी तुम्हे टोकूँगी तो नही पर तुम इतना ध्यान जरूर रखना की कभी मुझे दुख मत देना… मैंने कहा दीदी निश्चिंत रहो…. फिर मैंने एक लाइट pag और बना लिया और एक काजू ले कर दीदी के मुह में डाल दिया वो काजू चबाने लगी और मैं अपना pag चुसकने लगा दूसरा pag खत्म होते ही मैंने कहा…. दीदी मेरा लोअर और टी शर्ट ला दो चेंज कर लूं फिर घूमने चलते हैं पार्क तक और जैसे ही दीदी अंदर गयी मैंने जल्दी से एक छोटा pag और खींच दिया और बोतल बंद कर दी जब दीदी वापस आयी तो मैंने बोतल उन्हें दी और कहा इसे आप ही रखो अब दो चार दिन बाद जरूरत पड़ेगी इसकी…. दीदी थोड़ा सा मुस्कुराई मेरा मन भी हल्का हुआ उन्हें मुस्कुराता देख कर वो बोतल ले कर अपने कमरे में गयी और मैं खड़ा हो कर अपनी बेल्ट खोलने लगा और जैसे ही मैंने पैंट एक टांग से निकाली दीदी वापस आ गयी कमरे में पर मैंने उनकी खास परवाह ना करते हुए पैंट उतार दी और फ्रेंची में खड़ा हो गया दीदी की नजर कई बार मेरी फ्रेंची के उभार पर गयी पर वो चुप ही थी मैंने शर्ट भी निकाल कर डाल दी और फिर लोअर टी शर्ट पहन कर जूते पहन कर तैयार हो गया….. घर की चाभी पर्स और फ़ोन जेब मे डाली और हम निकल पड़े पार्क की ओर ……. हल्की फुल्की बातें करते जब हम पार्क के गेट पर पहुंचे तो देखा कि उस दिन वाली लड़की आज किसी और लड़के के साथ पार्क में दाखिल हो रही थी…. वो थोड़ा आगे थी और हम उसके पीछे….. उसे देख कर दीदी थोड़ा सा ठिठक गयी…. मैं भी रुक गया और दीदी की ओर देखने लगा…. मैंने कहा क्या हुआ दीदी बोली कुछ नही तो मैंने कहा चलो फिर रुक क्यों गयी…. दीदी एकदम धीरे धीरे चलने लगी और फिर जब हम चलते हुए उस पॉइंट पर पहुंचे तो देखा कि वो लड़की और लड़का उसी पेड़ के नीचे एक दूसरे को बाहों में भरे हुए किसिंग कर रहे थे….. हमारे आने की आहट से उन्होंने एक बार हमारी ओर देखा पर हमें पहचानते ही वो वापस से उस लड़के को चूमने लग गयी और उन्हें देख दीदी ने बुरा सा मुह बनाया और फिर हम टहलते हुए वहीं पार्क के आखिरी सिरे के पास आ गए और वही बनी बेंच पर बैठ गए…. मुझे हल्का हल्का नशा हो रहा था मैं बस चुपचाप बैठा हो रही घटनाओं के बारे में सोच रहा था…. और मुझे टेंशन सी हो रही थी कि आखिर इस सब का अंत कहाँ जा कर होगा क्यों जो मैं चाह रहा था वो सामाजिक दृष्टि से गलत था पर मैं भी अपने दिल के हाथों मजबूर था जिसमे दीदी के सिवा किसी के लिए जगह बन ही नही पा रही थी…. अचानक से मेरे मन मे ख्याल आया अगर कहीं दीदी मुझसे शादी कर लें तो सब कुछ कितना आसान हो जाये…. पर अगले ही पल मुझे खयाल आया कि ये नशे की हालत में सोची गयी एक ऐसी बात है जो सिर्फ खयालो तक ही सिमट कर रह जानी है हकीकत में ऐसा होने की कोई संभावना दिख तो नही रही…..
तभी दीदी की आवाज़ कानों में पड़ी….. क्या सोच रहे हो संजू….. मैंने जल्दी से खुद को सम्हालते हुए कहा कुछ नही दीदी बस इन लोगों के बारे में सोच रहा था कही भी शुरू हो जाते हैं…. ये भी ख्याल नही करते कि कोई देख रहा है दीदी बोली मुझे तो वो लड़की ठीक नही लगती उस दिन कोई और लड़का था उसके साथ आज कोई और है…. मैंने कहा हां मुझे भी वो कॉलगर्ल लग रही…. फिर मैंने दीदी का हाथ पकड़ लिया अपने हाथों में और दूसरे हाथ से उनका हाथ सहलाते हुए कहा दीदी आज आप कुछ खास सी लग रही हो… दीदी ने मुस्कुरा कर कहा…. ऐसा क्यों…. मैंने कहा वो तो नही मालूम पर जो लगा वो कह दिया…. दीदी बोली पीने के बाद सब ऐसे ही बातें करते हैं…. मैंने थोड़ा झुंझलाते हुए कहा…. मैं किधर से आपको पिया हुआ लग रहा हूँ आप तो बस किसी बात के पीछे ही पड़ जाती हो…. ठीक है आज के बाद मैं कभी नही छुउँगा हाथ भी नही लगाऊंगा….. मैं थोड़ा आवेश में आ कर इतना बोल गया और जब दीदी की ओर देखा तो उनके चेहरे पर अजीब से भाव थे वो दुखी लग रही थी मेरे गुस्से से…. दीदी बोली नाराज क्यों हो रहा मेरे कहने का वो मतलब नही था…. मैं तो बस इतना कह रही थी कि थोड़ा सा सुरूर में हो इसलिए तुम्हे मैं खास लग रही आज वरना मैं तो वही हूं जो रोज होती हूँ…..
मुझे भी अहसास हुआ कि मैं कुछ ज्यादा ही उत्तेजना में बोल गया हूँ…. तो मैंने बात बदलते हुए कहा दीदी आप समझने की कोशिश करो मैं कोई आदतन शराबी नही हूँ और ना कभी बनूंगा बस कभी कभी काम की थकान और थोड़ा सा मूड बदलने के लिए एन्जॉय कर लेता हूँ और आप बार बार उस बात का ताना देती हो तो अच्छा नही लगता ना….. दीदी ने कोशिश कर के थोड़ा सा मुस्कुरा कर मेरी ओर देखा और फिर अपने कानों को हाथ लगाते हुए बोली….. समझ गयी मैनेजर साहब आज के बाद नहीं टोकूँगी कभी भी…. उनकी इस अदा पर मुझे भी जोर से हंसी आ गयी…. और मैं हंसते हुए बोला दीदी आप भी पूरी नौटंकी हो गयी हो…. फिर थोड़ा रुक कर मैंने कहा दीदी अगर कभी आपको लगे कि मैं कुछ गलत कर रहा हूँ तो मुझे रोकने टोकने और दो थप्पड़ भी लगाने का पूरा हक है आपको पर हर टाइम नही प्लीज….. दीदी ने कहा अब खत्म करो उस बात को…. मैंने कहा फिर कोई नई बात शुरू करो…. पता नही क्या सोच कर दीदी ने फिर से वही बात शुरू कर दी कि अब मुझे शादी कर लेनी चाहिए…. मैंने भी एकदम से बोल दिया ठीक है पर आपको भी शादी करनी पड़ेगी ऐसा थोड़े है कि एक इंसान गलत था तो सारी दुनिया गलत ही है मेरे जैसे भी बहोत पड़े हैं दुनिया मे…. दीदी एकदम से चुप हो गयी फिर बोली संजू मेरे लिए ये सब मुश्किल है मैं एक विधवा हूँ कौन करेगा मुझसे शादी मैंने कहा दीदी एक बात कहूँ अगर आप मेरी बहन ना होती तो….. और एकदम मुझे अंदर से किसी ने रोक दिया आगे बोलने से…. दीदी ने दो पल इंतजार किया और बोली रुक क्यों गया बोल ना मैं तेरी दीदी ना होती तो क्या होता….. मैंने कहा आप गुस्सा तो नही करोगी…. दीदी ने थोड़ा सोच कर कहा नहीं मैं गुस्सा नही करूंगी तू बोल….. मैंने कहा आप मेरी बहन ना होती तो मैं ही आपसे शादी कर लेता…. दीदी हैरत से मुझे देखने लगी फिर बोली तुझे चढ़ गई है ना…. मैंने कहा एकदम नही दीदी…. मैं पूरे होश में हूँ और एकदम अपने दिल की बात कह रहा हूँ आप मुझे बहोत अच्छी लगती हो और इसीलिए मैंने पहले भी कई बार कहा है कि आप जैसी लड़की मिलेगी तो ही शादी करूँगा…. दीदी ने अगला सवाल दाग दिया…. और अगर मेरे जैसे लड़की ना मिली तो….. मैंने पता नही कैसे हिम्मत कर के कह दिया…. तो फिर आपको ही पटा लूंगा…. हांलाकि ये बोलते हुए मेरी फट रही थी पर शायद शराब ने ये बात बोलने में मेरी बड़ी मदद की और अगर उस दिन मैं ये हिम्मत ना दिखाता तो सारी जिंदगी हिलाता रह जाता….. दीदी का चेहरा एकदम सपाट था मैं समझ नही पा रहा था मेरी बात का क्या असर हुआ उन पर…. कुछ देर तक वो यूं ही मेरी आँखों मे देखती रही…. फिर बोली संजू मैं बहन हूँ याद है ना मैंने हकलाते हुए कहा हां याद है दीदी…. दीदी फिर बोली हम जिस समाज मे रहते हैं वहां ऐसे किसी रिश्ते को लोग गाली कहते हैं ।
मैंने कहा सब जानता हूँ दीदी पर जो सच है उसे बदल भी तो नही सकता…. दीदी का हाथ अभी भी मेरे हाथों में था…. जिसे मैं सहला रहा था….. दीदी ने फिर कहा संजू तू मज़ाक कर रहा है ना…. और पता नही क्यों मेरा दिल भर आया और मैंने एकदम से दीदी को खींच कर अपनी बाहों में ले लिया और जोर से अपने सीने से लगा लिया और उनके कानों पर होंठ रगड़ते हुए कहा…. ये एकदम सच है दीदी….. I love you…. कितना वो तो नही बता सकता पर हां तुम्हे कभी दुख नही दूंगा तुम्हारी हर ख्वाइश हर खुशी के लिए अपना सब कुछ कुर्बान कर दूंगा….. और फिर दीदी ने भी अपनी बाहें कस दी मेरी पीठ पर अंधेरा घिर चुका था हल्की हवा चल रही थी…. और दीदी मेरी बाहों में थी हमारे सीने में दिल जोरो से धड़क रहे थे…. वक़्त मानो थम सा गया था हम कितनी देर ऐसे ही बैठे रहे…. और हमे होश तब आया जब किसी को पास आते महसूस किया…. मैंने दीदी से अलग हो कर देखा तो वो ही लड़की जो दो बार उस पेड़ के नीचे अलग अलग लड़को के साथ मिली थी वो हमारी ओर आ रही थी…. हम थोड़ा सम्हल कर बैठ गए वो हमारे पास आई और बोली आप लोग रोज आते हो यहां…. दीदी ने कहा हां यही पास में रहते हैं तो शाम को घूमने आ जाते हैं…. लेकिन तुम यहाँ खुले में ये सब क्यों करती हो घर नही है क्या…. वो लड़की बोली मैं तो धंधा करती हूं अब कस्टमर को घर तो नही ले जा सकती…. मुझे लगा तुम भी मेरे टाइप की हो…. मैंने कहा ये मेरी बीवी है कोई धंधे वाली नही और तू निकल यहां से इस से पहले मैं पुलिस बुलाऊँ…. उसने तुरंत सॉरी बोला और कहने लगी मैं तो सिर्फ ये कहने आयी थी कि आप किसी से यहाँ जो होता है उस बारे में मत बताना वरना मेरा काम बंद हो जाएगा इस इलाके में यही एक ऐसी जगह है जहां काम बन जाता है….. मैंने उसे जाने का इशारा किया और वो फौरन पलट कर निकल ली उसके दूर जाते ही दीदी में आंखे दिखाते हुए मुझसे कहा…. अभी क्या बोला तुमने उसे मैं बीवी हूँ तुम्हारी….. मैंने कहा जैसे हम बैठे थे क्या बताता उसे की आप दीदी हो मेरी और वैसे भी उसे क्या फर्क पड़ता है आप कौन हो…..
दीदी ने उठते हुए कहा अब चलें…. मैंने जैसी आपकी इच्छा मेम साब और उठ कर दीदी का हाथ पकड़ कर चल दिया…. फिर वापसी में हमने एक होटल से खाना पैक करवाया…. तो दीदी ने फिर से अपनी आदत से मजबूर हो कर टोका की रोज रोज होटल का खाना ठीक नही पैसे भी ज्यादा लगते हैं…. मैंने धीरे से कहा अब तो घर का तभी खाउंगा जब मेरी बीवी मुझे खाना बना कर खिलाएगी……. दीदी ने गुस्से से मेरी ओर देखा और फिर मुह घुमा कर मुस्कुराने लगी…. फिर हम घर पहुंचे और दरवाजे के सामने पहुंचते ही मैंने दोनों हाथ उन्हें दिखाए जिनमे खाने के पैकेट्स थे और उन्हें चाभी निकालने का इशारा किया…. दीदी ने दाईं जेब मे हाथ डाला पर चाभी बायीं जेब मे थी और आज तो मैंने लोअर पहना हुआ था सो एक बार उनकी उंगलियां लंड को छू गयी उन्होंने एक बार और लंड पर उंगलियां फिराते हुए कहा इसमे तो चाभी नही है मैंने कहा ढूंढती रहो मिल ही जाएगी…. दीदी ने एक बार और शरारत से लंड को टच किया और हाथ निकाल कर दूसरी जेब मे डाल दिया और चाभी निकाल ली बोली कल से पहले ही बता देना किस जेब मे है चाभी…. मैंने कहा क्यों आपको ढूंढने में मज़ा नही आता क्या तो वो नकली गुस्सा दिखाते हुए बोली मार खायेगा क्या…. और मैंने उन्हें चिढ़ाते हुए कहा वाह होने वाले पति को मरोगी तो लोग क्या कहेंगे… दीदी ने दरवाजा खोला और कोई जवाब दिए बिना अंदर चली गईं……

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भाग 6
दीदी के पीछे पीछे मैं भी अंदर आया और पैकेट्स टेबल पर रख कर दरवाजा बंद किया …. दीदी सीधा अपने रूम में चली गईं और थोड़ी देर में चेंज कर के आगयी उन्होंने नाइटी पहनी थी और बाल खोल लिए थे …… इस रूप में वो एक सेक्सी जवान औरत नजर आ रही थी मुझे ….. मैं तो पहले से शराब के नशे में था ऊपर से पार्क में हुई बातों ने मुझे और गरम किया हुआ था …… जैसे ही दीदी रूम में आई मैंने एक सीटी मार दी उन्हें देख कर और सीटी सुन कर उन्होंने मेरी ओर देखा तो मैंने उन्हें आंख मार दी ….. दीदी हल्का सा मुस्कुराई और मेरे पास आ कर बैठ गईं …… शाम से जितना कुछ हुआ था वो मेरे लिए बहुत बड़ी बात थी और अगर मैंने पी ना होती तो मैं कभी भी इतना सब बोलने की हिम्मत ना कर पाता ….. और सब से बड़ी बात इस सब बातों के दौरान दीदी एक भी बार अपसेट या नाराज़ नही लगी मुझे ……
दीदी के पास बैठते ही मैंने उनका हाथ पकड़ लिया दीदी ने मेरी ओर देखा और वो कुछ गंभीर सी लगी ….. फिर उन्होंने कहा संजू मैं कुछ दिन से कुछ महसूस कर रही हूं मैंने कहा क्या महसूस कर रही हो दीदी …… उन्होंने कहा ….. ये की आजकल तुम मुझे अजीब सी नजरो से देखते हो …….. मैंने मासूम सा मुह बना कर कहा पता नही मैं तो बस आपको देखता हूँ अब अजीब सी नजर क्या है वो मैं समझ नही पा रहा …… दीदी बोली देखो संजय तुम अब बच्चे नही हो बड़े हो चुके हो जवान हो और शायद तुम्हारी भी कुछ जरूरतें हैं जिन्हें पूरी करने के लिए तुम्हे कोई पार्टनर चाहिए …… और मैं तुम्हारी बहन हूँ पर मुझे ऐसा लग रहा है कि तुम मुझे बहन के अलावा कुछ और भी समझते हो …. क्या ये सही है ….. मैं थोड़ा सम्हल कर बैठ गया और मेरे नशे में उड़ रहे दिमाग ने मुझे थोड़ा सचेत किया कि अब वक्त आ गया है य्या तो आज दिल की बात कह ही दो या बस हिलाते रहो …… मैंने कहा दीदी मैं आपसे इस बारे में सब सच सच कहना चाहता हूं पर डरता हूँ कहीं आप नाराज़ ना हो जाओ और मैं आपसे बहोत प्यार करता हूँ और आपको नाराज नही देख सकता …… दीदी ने मेरी आँखों मे देखते हुए कहा संजय तू दुनिया मे एक तुम ही मेरे अपने हो तुमसे नाराज तो नही हो सकती मैं कभी भी पर मैं तुम्हे सिर्फ अपने भाई के रूप में ही देखती हूँ …… फिर भी जो भी तुम सोचते हो या चाहते हो कह दो मैं तुमसे नाराज नही होउंगी ……
मैंने दीदी का हाथ पकड़े हुए कहा …… दीदी आप जानती हो बचपन से ही हमने कितनी प्रॉब्लम झेली है पापा के ना रहने के बाद घर की गरीबी और हालात देख कर मुझे बस एक ही ख्याल आया था कि मुझे बहोत पढ़ना है मेहनत करनी है और अपनी मम्मी और दीदी को वो हर खुशी वापस देनी है जो पापा के रहते उन्हें हासिल थी …… पर हालात ने ऐसा होने नही दिया क्यों कि तब मैं इस लायक था ही नही फिर भी मैं लगा रहा जी जान से मैंने उस उम्र में जब कि कॉलेज के लड़के लड़कियों के साथ मौज मस्ती करते हैं रिक्शा चलाया ताकि पढ़ाई पूरी कर के अपने परिवार को एक बेहतर जिंदगी दे सकू …… पर अफसोस कि जैसे ही मैं इस काबिल हुआ मम्मी भी छोड़ कर चली गईं ….. और बचे सिर्फ हम दोनों …… अब मेरे लिए सब कुछ आप ही हो ….. हाँ आपकी ससुराल में आपके साथ हो रहे सुलूक ने मुझे इतनी तकलीफ़ दी थी कि मैंने एक प्लान बनाया अपने बचपन के दोस्त रवि के साथ मिल के ……… मैं चाहता था कि कैसे भी तुम उस नरक से बाहर निकल आओ इसलिए हमने तुम्हारे पति को मारने का प्लान बनाया और उस शराब की दुकान वाले को 50000 रुपये दिए और उसे एक ऐसा केमिकल दिया जिसे वो हर रोज तुम्हारे पति की शराब में मिलाने लगा और कुछ दिनों में ही वो जहरीली शराब पी पी कर तुम्हारा पति मर गया ….. दीदी हैरत से मेरा मुह देखने लगी ….. दीदी ने कहा तुमने इतना बड़ा कदम क्यों उठाया संजू …. मैंने कहा सिर्फ तुम्हारे लिए दीदी तुम्हारी आँखों मे आंसू देख कर मेरा दिल रो उठता था दीदी ….. दीदी की आंखे भर आयी और उन्होंने कहा …. इतना प्यार करता है तू अपनी दीदी से ….. मैंने दीदी के आंसू पोंछते हुए कहा ….. दीदी मैं सीना चीर के तो नही दिखा सकता पर हां मुझस ज्यादा प्यार तुम्हे इस दुनिया मे कोई नही कर सकता …… दीदी ने मेरा हाथ अपने हाथों में जोर से कस लिया ….. दीदी ने कहा पर इसके लिए तुम्हे उन्हें मारने की क्या जरूरत थी तुम मेरा तलाक भी करवा सकते थे ….. मेरी चेहरा अचानक गुस्से से लाल हो गया और मैंने नफरत भरे लहजे में कहा ….. जितने जुल्म उस कमीने ने तुम पर किये थे उसकी सजा भी तो देनी थी उसे और सब से बड़ी बात अगर वो जिंदा रहता तो उसे छोड़ने के बाद भी तुम उसे भूल ना पाती पर मरे हुए लोगों को भूलना ज्यादा आसान होता है ……
दीदी ने कहा शायद तुम ठीक कह रहे हो तुम्हारे साथ यहां आने के महीनों बाद तक भी वो इंसान मेरे दिमाग मे घूमता रहा पर हर बार ये सोच कर की वो अब मर चुका है धीरे धीरे मैं उसके खयालो से बाहर आ पाई …..
मैंने कहा दीदी जब मैं पहली बार तुम्हारी ससुराल गया था तो जब तुम्हे देखा था तभी पहली नजर में ही तुमसे प्यार हो गया था और अब तो साथ रहते हुए धीरे धीरे गए ये प्यार पागलपन में बदल गया और मुझे अपनी सारी जिंदगी सिर्फ तुम्हारे साथ गुजारनी है रुचि …..
पहली बार मैंने दीदी को उनके नाम से बुलाया था …. दीदी भी प्यार से मुझे देखे जा रही थीं …. फिर एक गहरी सांस ले कर वो बोली मुझे समझ नही आ रहा मैं तुमसे बड़ी भी हूँ शादीशुदा भी हूँ विधवा भी हूँ ….. फिर तुम्हे मुझमें ऐसा क्या दिखा जो यूं मेरे दीवाने हो गए …. मैं उठ खड़ा हुआ और दीदी का हाथ थामे हुए उन्हें उठाया वो भी खड़ी हुई और सवालिया नजरो से मुझे देखने लगी …. मैं उनका हाथ पकड़े हुए उन्हें उनके कमरे में ले आया और उन्हें ड्रेसिंग के सामने खड़ा किया …. और पीछे से उनकी कमर में हाथ डाल कर उनसे लिपट गया …… मैंने कहा रुचि देखो शीशे में ये प्यारी सी लड़की जिस से मैं प्यार करता हूँ …. रही बात बड़ी होने की तो सचिन तेंदुलकर की बीवी उस से 5 साल बड़ी है आप सिर्फ डेढ़ साल बड़ी हो मुझसे रही बात शादी शुदा होने की तो तुम्हारा पति मर चुका है और तुम अब सिंगल हो और रही बात विधवा होने की तो मैं फिर से तुम्हे दुल्हन बनाना चाहता हूं ….. हां भाई जरूर हूँ मैं तुम्हारा पर उस से मुझे कोई प्रॉब्लम नही तुम्हे हो तो और बात है ….. दीदी के गाल सुर्ख हो गए मेरी बातें सुन कर और वो थोड़ा शरमा गयी …. ऐसे में दीदी और भी खूबसूरत लगने लगी थीं …. और मेरा लंड तो की सख्त हो चुका था उनकी गांड़ की नरमी से वो खूंटे जैसे खड़ा हो कर उनके चूतड़ों में चुभ रहा था …… उसकी चुभन महसूस कर के दीदी थोड़ा सा कसमसाई पर मैंने उन्हें छोड़ा नहीं …..
और उनके कानों पर होंठ रगड़ते हुए धीरे से कहा ….. i love you रुचि …. बहोत प्यार करता हूँ तुमसे जान …. और उनकी गर्दन पर होंठ रख कर चूम लिया ….. दीदी ने खुद को मुझसे छुड़ाया और बोली संजय मेरे लिए ये सब इतना आसान नही थोड़ा वक्त दो मुझे ….. मैं उदास सी नजरो से उन्हें देखने लगा ….. उन्होंने कहा देख तू मुझे अच्छा लगता है मैं भी तुझे प्यार करती हूं पर इस रिश्ते का क्या नाम होगा मैं समझ नही पा रही हूं ….. मैंने दीदी का हाथ पकड़ा और कहा रुचि मेरी बीवी बनोगी शादी करोगी मुझसे ….. दीदी ने कुछ पल सोचा और कहा ….. पर कैसे दुनिया को क्या बताएंगे …. मैंने कहा बस अपना जवाब दो बाकी मुझ पर छोड़ दो …. दीदी ने कहा थोड़ा सा टाइम दे दो मुझे सोचने का …. मैंने कहा कितना टाइम चाहिए ? दीदी बोली बस कल तक का …. मैंने कहा ठीक है दिया पर ना मत करना दीदी नही तो मैं मर जाऊंगा ….. दीदी ने गुस्से से मेरी तरफ देखा और मेरे मुह पर हाथ रख लार बोली …. दोबारा ऐसी फालतू बात की तो मार खायेगा ….. मैंने हंसते हुए कहा बीवियां तो मारती ही हैं शादी के बाद …. दीदी भी मेरी बात सुन कर हंसने लगी …. उनकी हंसी में उनकी हां की झलक मिल गयी मुझे फिर भी मैंने कहा अच्छा चलो तुम कल तक सोच कर जवाब दे देना अभी खाना दे दो भूख लग रही है ….. और दीदी कमरे से निकल गयी किचन में ….. मैं भी बाहर आ कर सोफे पर बैठ गया औ सोचने लगा कैसे होगा ये सब ….. मैं सोच में डूबा था कि तभी दीदी की आवाज़ ने मेरा ध्यान भंग किया खाना लग चुका था …. और वो बुला रही थीं मैं जा का खाने की मेज पर बैठा और दीदी भी बगल में बैठ गईं मैंने रोटी उठाई और एक कौर ले कर दीदी के मुह में लगा दिया दीदी ने एक नजर मुझे देखा और मुह खोल दिया और खाने लगी ….. मैं दीदी को खिलाता रहा और खुद भी खाता रहा …. बिना एक भी शब्द बोले हमने खाना खत्म किया और फिर दीदी बर्तन ले का किचन में चली गईं ….. जब वो सब निपटा कर आईं तो मैं वही बैठा था …. दीदी बोली आज tv नही देख रहे मैंने कहा अब tv कौन देखेगा अब तो बस बीवी दिख रही …. दीदी फिर से हंस दी ….. और उनके गालों में पड़े गढ्ढे में मेरा दिल खो गया …. सच तो ये था अब दीदी के लिए मेरे दिल मे वासना के साथ बहोत सारा प्यार भी था …. मैंने कहा मैं सोने जा रहा गुड नाईट रुचि डिअर …. दीदी ने मुस्कुरा कर कहा गुड नाईट संजू …. मैंने अपने रूम में घुसते हुए एक बार मुड़ कर देखा और दीदी को आंख मार कर बोला love you sweety और रूम का दरवाजा बंद कर लिया …. कुछ सेकेंड्स बाद दीदी की आवाज़ आयी love you too sanjay …. मैं तो खुशी से उछल पड़ा मुझे दीदी का जवाब मिल चुका था ….. बिस्तर पर लेट कर मैंने अपने सारे कपड़े निकाल दिए और फ़ोन उठाया और दीदी के रूम का cam ऑन किया पर वो रूम में नही थी मुझे लगा शायद बाथरूम में हो तो दूसरा cam ऑन किया और वो बाथरूम में ही थीं ….. वो पेशाब कर रही थी और उनका चेहरा cam की ओर ही था और उनकी गुलाबी बुर से निकलती मूत की धार दूर तक जा रही थी वो सीन देख कर मेरा हाथ खुद ब खुद लंड पर पहुंच गया और मैं उसे सहलाते हुए सोचने लगा कि अब जल्दी ही मेरे लंड को भी चूत नसीब होगी वो भी मेरी प्यारी दीदी की चूत ….. पेशाब करने के बाद दीदी ने पानी से बुर को अच्छी तरह धोया और टॉवल से पोछ कर पैंटी ऊपर सरका ली फिर वो बाहर निकल गयी और मैंने उनके रूम वाला cam ऑन किया ….. पर दीदी रूम में नही आई 2-3-4 मिनट हो गए फिर 5 मिनट पूरे होने के बाद दीदी रूम में घुसी और उनके हाथ मे कुछ था गौर से देखा तो वो एक केला था ….. पीले रंग का पका हुआ लंबा मोटा केला दीदी के हाथ मे था और वो देखते मेरे दिमाग मे झमाका हुआ कि आज तो दीदी केले से अपनी चूत चोदेगी और मेरा लंड झटके खाने लगा …..
उधर दीदी ने केले के बिस्तर पर फेंक दिया और गुनगुनाती हुई नाइटी उतारने लगी नाइटी निकाल कर बिस्तर पर फेंकने के बाद दीदी ने अपनी ब्रा और पैंटी भी उतार दी और एकदम नंगी हो कर आईने के सामने खड़ी ही गयी कमर पर हाथ रख कर और खुद को गौर से देखने लगी अपनी चूचियाँ सहलाई फिर पेट पर हाथ फिराया और फिर घूम कर अपने चूतड़ देखने लगी …. मैं बड़ी दिलचस्पी से उनकी हरकते देख रहा था ….. फिर दीदी बेड पर आ गयी और लेट कर आंखे मूंद कर अपना बदन सहलाने लगी ….. वो अपनी चिकनी जांघो से हाथ फिराते हुए चूत तक हाथ को ले जाती फिर पेट को सहलाते हुए अपने सुडौल चुचो को मसलती कभी निप्पल्स को रगड़ती तो कभी चूत के दाने को उंगलियों से छेड़ती ….. कुछ देर तक ऐसे ही अपने बदन को गरम करने के बाद उन्होंने आंखे मूंदे ही हाथों से टटोल कर वो केला उठाया और उसे अपने निप्पल्स पर फिराने लगी केला फ्रीज में रखा हुआ था तो काफी ठंडा रहा होगा और ठंडे ठंडे केले को बदन से लगाते ही उनके होठो से सिसकी निकल गयी और वो मोनिंग करते हुए मस्ती में डूबी केले को अपने अपने पूरे बदन पर फिराने लगी और आखिर में केले की नोक से चूत के दाने को रगड़ने लगी ….. ये सब देख कर मैं खुश भी था और हैरान भी …. खुश इसलिए कि बिस्तर पर मेरे लंड को बहोत देने वाली थी मेरी बहन और हैरान इसलिए कि मैंने कभी नही सोचा था कि दीदी इतनी सेक्सी होंगी ….. मेरा लंड गरम हो कंसर झटके ले रहा था मानो कह रहा हो दीदी मैं हूँ तो केले की क्या जरूरत है पर मैं अपने हाथों से उसके अरमानों का गला घोंटते हुए उसे समझा रहा था कि बस थोड़ा सब्र और कर …. तभी दीदी ने तकिए के नीचे से अपना फ़ोन निकाला और कुछ करने लगी और एक मिनट बाद फ़ोन को कवर पर स्टैंड कर के अपने सीने पर रख कर वापस से केले से चूत रगड़ने लगी …. मुझे दिख तो नही रहा था पर sure था कि फ़ोन पर पोर्न चल रही है …. दीदी पोर्न देखते हुए मस्ती में चूत को लंड जैसे केले से रगड़ रही थी फिर उन्होंने केले को अपने मुह में ले कर चूसना शुरू कर दिया और थोड़ा सा चूस कर उसे अपनी चूत पर टिका कर धीरे धीरे चूत में डालने लगी जैसे ही 5 इंच केला उनकी चूत में घुसा दीदी की आंखे बंद हुई और उनका दूसरा हाथ उनके निप्पल पर आ गया वो बारी बारी से दोनों निप्पल मसलते हुए केले को तेजी से चूत में अंदर बाहर करने लगी ….. तभी मुझे एक शरारत सूझी मैंने फ़ोन उठा कर उनका नंबर डायल कर दिया …. और 4-5 रिंग जाने के बाद उन्होंने कॉल रिसीव की और झुंझलाई आवाज़ में बोली क्या है क्यों काल कर रहे हो इस टाइम मैंने अपनी हंसी पर काबू करते हुए कहा दीदी मेरा केला खाने का मन कर रहा है …. दीदी के आवाज़ थोड़ा सा लड़खड़ा गयी बोली इस टाइम केला खायेगा …. मैंने कहा हां आप इस टाइम केला खा सकती हो तो मैं क्यों नही खा सकता …..” उन्होंने कहा तो फ्रीज में से ले कर खा ले मुझे कॉल क्यों कि …. मैंने कहा मैंने तो बस ये पूछने के लिए कॉल की है कि केले बचे हैं या तुम सब खा गई …. तो दीदी ने कहा कि मैं तो एक ही लायी थी बाकी तो रखे ही होंगे ….. मैंने भी मज़े लेते हुए कहा हां आपका काम तो एक से ही चल जाएगा पर मैं तो दो तीन खाउंगा कम से कम …. दीदी ने खीझते हुए कहा रखे हैं जितने मर्ज़ी हो खा पर मुझे सोने दे …. और कॉल काट दी उन्होंने मैंने वापस से देखना शुरू किया तो वो दोबारा से पोर्न प्ले कर के देखने लगी थी …. और केला अभी भी उनकी चूत में फंसा पड़ा था …. फिर उन्होंने दोबारा से उसी तरह अपने जिस्म से खेलते हुए केले से अपनी चूत चोदनी शुरू कर दी और जल्दी ही उनका बदन अकड़ने लगा और वो तेजी से हाथ चलाते हुए झड़ने लगी ….. और एकदम शांत हो कर लेट गयी फिर कुछ देर उन्होंने चूत से केला निकाला और … उसे वही बेड के नीचे डाल दिया और नंगी ही चादर ओढ़ कर सो गई ….. उन्होंने लाइट भी ऑफ नही की थी ….. अब देखने को कुछ नही बचा था सो मैं भी फ़ोन चार्ज पर लगा कर सोने की कोशिश करने लगा और सोचते सोचते कब मेरी आँख लग गयी कुछ पता नही चला …….

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भाग 7
सुबह 7 बजे मेरी नींद खुली और नींद खुलते ही कल की सारी घटनाएं मेरी आँखों के सामने घूम गयी हांलाकि आज संडे था पर फिर भी जाग जाने के बाद मैं वक़्त बर्बाद करना ठीक नही समझा और आज तो मेरी जिंदगी का अहम फैसला होने वाला था …. और मेरे होठो पर मुस्कान आ गयी सुबह सुबह लंड एकदम सख्त था मैंने उसे एक बार दबा कर आश्वासन दिलाया कि जल्दी ही तुझे चूत नसीब होगी …. और फिर फोन उठा कर दीदी के रूम चेक किया वो रोज की तरह उठ चुकी थीं और रूम में नही थी फिर मैंने बाथरूम चेक किया तो वो शावर के नीचे एकदम नंगी थी और बदन पर साबुन लगाते हुए गुनगुना रही थीं ….. उनका नहाना खत्म होने तक मैं बैठा लंड सहलाते हुए उन्हें देखता रहा और फिर कल की ही तरह जा कर सोफे पर बैठ गया …. दो मिनट बाद दीदी कल जैसे ही टॉवल लपेट कर बाहर निकली पर आज मुझे देख कर अनदेखा करते हुए अपने रूम में चली गयी …. और उनके जाने के एक मिनट बाद ही मैं भी पीछे से रूम में चला गया अंदर घुसते ही मुझे झटका सा लगा दीदी ने टॉवल बेड पर डाला हुआ था और वो झुक कर पैंटी पहन रही थीं और उनकी नंगी गांड़ जो झुकने की वजह से उभर और खुल कर सामने आ गयी थी मुझे दिख रही थी …. मेरे आने की आहट से दीदी ने मुड़ कर मेरी ओर देखा और लगभग चिल्ला कर बोली …. अरे पागल हो गए हो ऐसे कैसे घुसे आ रहे हो ….. और जल्दी से पैंटी पहनने के चक्कर मे उनका पैर पैंटी में उलझ गया और वो जमीन पर लुढ़क गईं ….. मैंने पास जा कर उनका हाथ पकड़ कर उन्हें उठाते हुए कहा सॉरी दीदी मुझे लगा आप कपड़े पहन ली होगी ….. उन्होंने हाथ छुड़ाते हुए कहा इतनी जल्दी कैसे कोई मशीन लगी है क्या और तू बाहर निकल अब जल्दी से ….. उन्होंने हाथों से अपने बूब्स को छिपाने का असफल प्रयास किया हुआ था …. मैंने कोई बहस ना करते हुए बाहर जाना ही ठीक समझा और चुपचाप बाहर चला आया …. लगभग 10 मिनिट बाद दीदी बाहर आई उन्होंने एक पाजामा और ब्लैक टी शर्ट पहनी थी खुले गीले बाल और हल्की लिपस्टिक ….. एकदम माल लग रही थी दिल तो किया वही पकड़ कर होठो को चूस लूं पर मैं मुह बनाये बैठा रहा …. दीदी मुझे देखती हुई किचन में घुस गई और कुछ देर में दो कॉफ़ी ले कर मेरे पास आ कर बैठ गईं …. पर मैं वैसे ही सड़ा सा मुह बनाये बैठा रहा …. उन्होंने कॉफ़ी का मग उठा कर मुझे दिया और बोली क्या हुआ …..
मैंने कहा कुछ नही और कॉफ़ी ले कर पीने लगा दो मिनट मैं चुपचाप कॉफ़ी पीता रहा तो वो बोली …. ऐसे किसी के रूम में घुसते हैं क्या मैंने किसी के रूम में नही घुसा था आपके रूम में घुसा था …. अपने घर मे घुसा था …. दीदी ने कुछ सेकेंड्स मेरी ओर देखा घूर कर फिर बोली मैं कौन हूँ …. मैंने कहा मेरी दीदी और होने वाली बीवी …. दीदी बोली संजू तू सच मे सीरियस है इस बारे में या मेरी टांग खींच रहा है … मैंने कहा अभी शादी करोगी आज ही …. दीदी बोली पर कैसे मैंने वो सोचना मेरा काम है …. मैंने कहा दीदी कुछ दिन से मेरे ट्रांसफर की बाते हो रही है ….. सीनियर ऑफिसर मुझे किसी और जगह भेजना चाहते हैं अगर आप हाँ बोलो तो किसी और स्टेट में ट्रांसफर ले लूं जहां हमे कोई ना जानता हो और फिर वही शादी कर के सेटल हो जायेंगे …. पर सब से पहले आप बताओ आपको ये रिश्ता मंजूर है या नही….?
दीदी बोली अभी भी बताने को कुछ बाकी है क्या मैंने दीदी का हाथ हाथों में पकड़ कर पूछा दीदी मैं एक बार आपके मन की बात जानना चाहता हूं मैंने तो अपने मन की आपको बता दी थी पर मैं ये नही चाहता आपकी मर्जी के बिना कुछ हो …. दीदी बोली ऐसा है तो सुनो मैं काफी टाइम से महसूस कर रही हूं तुम मुझे बहन के अलावा एक औरत की नजर से देख रहे हो …. हांलाकि मेरा दोबारा शादी का कोई इरादा तो नही था पर तुम्हारा अपने प्रति लगाव देख कर मैं मना नही कर पा रही हूं और सब से बड़ी प्रॉब्लम है हमारा असली रिश्ता …. मैंने कहा दीदी हम अपने नंबर बदल देंगे यहां किसी को नही बताएंगे अपना नया एड्रेस बस आफिस के एक दो लोगो को पता होगा कि हम किस शहर में हैं कोई रिश्तेदार कभी हम तक नही पहुंच पायेगा और नई जगह हमारा रिश्ता जो हम रखेगे वही जानेंगे लोग फिर प्रॉब्लम कहाँ है …. दीदी ने सर हिलाते हुए कहा बात तो सही है तुम्हारी ऐसे में तो कोई प्रॉब्लम नही होगी …. मैंने कहा अब कह भी दो रुचि …. दीदी ने कहा संजू या तो दीदी कह ले या रुचि मैंने कहा अकेले में दीदी य्या रुचि जो चाहे कहूँ पर आज से सबके सामने रुचि ही कहूंगा …. दीदी बोली जब बीवी बनाने का इरादा कर लिया है तो रुचि ही बोलो ना मैंने कहा दीदी को बीवी बनाने का क्या मज़ा है ये तुम नही समझोगी दीदी …. दीदी हंसने लगी …. मैंने कहा फिर मैं हां समझू दीदी ने मेरा हाथ पकड़ कर सहलाते हुए कहा हां मेरे होने वाले पतिदेव …. मेरी हां है मैं खुशी से उछल पड़ा और दीदी को खड़ा कर के गोद मे उठा कर नाचने लगा दीदी बोली छोड़ दे गिर जाऊंगी …. मैंने कहा मेरे होते कैसे गिर जाओगी और दीदी को नीचे उतार कर उन्हें जोर से बाहों में कस लिया दीदी ने भी अपनी बाहें मेरे जिस्म पर कस दी ऑयर लिपट गईं मुझसे मैंने दीदी के गालों को चूम लिया और कहा ….. Love you ruchi मेरी जान …. दीदी ने शर्माते हुए मेरे गाल पर किस किया और बोली love you too संजू …. मैंने कहा दीदी शादी आज ही करनी है दीदी बोलो इतनी जल्दी क्या है मैंने कहा 28 साल हो गए अब बड़ी जोर से सुहागरात मनाने का मन कर रहा है ….. दीदी ने कहा संजय जब मैंने हाँ कर ही दी है तो जो करना है आराम से कर ना बाकी तो अब मैं तेरी हूँ ही मना थोड़े करूंगी अपने हबी को …. मैंने कहा दीदी पर मैं बिना शादी के आपके साथ आपके साथ सेक्स नही करना चाहता …. तो दीदी ने नीचे की ओर देखते हुए कहा पागल लड़के सिर्फ सेक्स ही सब कुछ नही होता उसके अलावा भी बहोत कुछ किया जा सकता है ….. मैंने कहा पर कुछ और करने के बाद मैं खुद को रोक नही पाऊंगा …. दीदी बोली रोक तो शायद मैं भी नही पाऊंगी खुद को ….. फिर मैंने संजीव को कॉल किया और पूछा कोई पंडित का इंतजाम हो जाएगा उसने पूछा क्या करना है मैंने कहा शादी करनी है उसने कहा सर पर शादी अचानक कैसे मैंने कहा मेरी गर्ल फ्रेंड है और हम आज ही एकदम सिंपल तरीके से मंदिर में शाम को शादी करना चाहते हैं …. संजीव बोला ठीक है सर पंडित का इंतजाम तो।मैं कर दूंगा बाकी इंतजाम का क्या मैंने कहा भाई बाकी कोई इंतजाम नही करना बस पंडित जी से पूछ लेना क्या इंतजाम करना है और हम दोनों का कोई है नही दुनिया मे वो भी अनाथ मैं भी अनाथ …. असल मे मैंने आफिस में किसी को नही बता रखा था कि मेरी कोई बहन भी है और ना ही कभी कोई मेरे घर आया था पड़ोसियों से हमारी बस गुड मॉर्निंग ही होती थी तो उन्हें भी कोई आईडिया नही था …….. संजीव ने कहा सर मैं 5 बजे तक सारा इंतजाम कर लेता हूँ और आपको कॉल करता हूँ …. मैंने कहा ठीक है और कॉल काट कर मैंने कहा दीदी जल्दी से तैयार हो जाओ शॉपिंग करने चलना है …. और मैं बाथरूम में घुस गया …. जल्दी से नहा कर तैयार हो कर आधे घण्टे में मैं हाल में आया तो दीदी अभी अपने रूम में ही थीं …. मैंने आवाज़ दी बोली बस आ रही हूं और दो मिनट में वो आ गईं …. उन्होंने ब्लू साड़ी पहनी थी और सिंपल से मेकअप …. मैंने कहा दीदी वैसे जरूरत तो किसी चीज की नही है तुम वैसे ही इतनी खूबसूरत पर आज तुम्हारी शादी है तो चलो सब इंतजाम करने हैं दीदी बोली नाश्ता बना दूँ मैंने कहा दुल्हन कही काम करती है क्या आज से हफ्ते भर की छुट्टी बस शादी करो मज़े करो …. और अपने पति को खुश करो बाकी सब काम भूल जाओ …. दीदी बोली जो आज्ञा पतिदेव और हंस दी …. मैंने उनका हाथ पकड़ा चाभियां ली और घर लॉक कर के आ गया ….. दीदी को कार में बिठा कर 10 बजे मैं घर से निकल लिया और एक शॉपिंग माल में आया दीदी के लिए एक डिजाइनर लहंगा और 5 खूबसूरत साड़ियों के अलावा ढेर सारी सेक्सी लिंगरी के साथ मेकअप का ढेर सारा सामान खरीदते हमे 12 बज गए …. मैंने सेल्स गर्ल से कहा कि ये सब आज ही कंप्लीट तैयार करवा के दो ब्लाउज वगैरह उसने दीदी को ले जा कर नाप दिलवाया और बोली बस 3 बजे तक सब तैयार मिलेगा उसके बाद मैंने अपने लिए शेरवानी ली और उसे भी फिटिंग करने के लिए दे कर 65000 बिल चुका कर निकला तो दीदी बोली इतने पैसे क्यों खर्च कर रहा मैंने कहा दीदी मुझे पति और भाई दोनों का फर्ज निभाना है पिछली शादी में तो कुछ नही कर पाया आपकी खुशी के लिए पर आज मत रोको मुझे ….. दीदी कुछ नही बोली मैंने उन्हें कार में बिठाया और फिर हम ज्वैलरी शॉप में आ गए …. वहां मैंने दीदी के लिए एक खूबसूरत हार कंगन झुमके नथ और दो खूबसूरत घुंघरू वाली पायल खरीदी और दोनों के लिए एक एक डायमंड रिंग भी ले ली इस सबका बिल लगभग ढाई लाख बना वो भी पे कर के सब पैक करवा के मैंने फिर से दीदी को लिया और फिर हम एक अच्छे पार्लर में पहुंचे मैंने वहाँ की ओनर से जा कर बात की और बताया कि आज हमारी शादी है और इनका फुल ब्राइडल मेकअप करना है उसने कहा फुल पैकेज का 18000 बताया मैंने उसे पैसे ट्रांसफर किये और दीदी को वही छोड़ कर आने लगा तो दीदी मुझे रोक कर बोली यार संजू भूख लगी है क्या शादी के दिन भूखा मारेगा ….. तब मुझे याद आया कि सब भाग दौड़ मैं नाश्ता करना भी भूल गया तो पार्लर वाली लेडी बोली भाई साहब आप परेशान ना हो भाभी जी को मैं नाश्ता करवा दूंगी आप बस 5 बजे तक ले जाना इन्हें …. मैंने कहा अभी तो कपड़े नहीं आये इनके वो बोली आप चार बजे तक कपड़े ले कर आ जाना तो मैं इन्हें 5 बजे एकदम रेडी कर दूंगी …… अभी 2 बज रहे थे मैं वहाँ से निकल कर आया और एक जगह हल्का सा नाश्ता कर के ढाई बजे तक वापस मॉल पहुंच गया और 10 मिनट में सारा सामान पैक करवा कर मैं भी एक पार्लर में घुस गया शेव करवा के थोड़ा बहोत और ट्रीटमेंट ले कर मैं लगभग 4 बजे पार्लर आ गया और दीदी का लहंगा और गहने उन्हें दे कर कार में ही उनका इंतजार करने लगा …. साढ़े चार बजे संजीव का कॉल आया उसने मंदिर का एड्रेस दिया …. और बोला सब तैयार है बस आप लोग आ जाओ …. मैंने कहा ok आता हूँ तभी पार्लर वाली लेडी दीदी को ले कर आ गईं …. और मैं दिन भर की सारी थकान भूल कर बस दीदी को देखता रह गया …. मेरी प्यारी मासूम ख़ूबसूरत बहन एकदम चांद का टुकड़ा लग रही थी …… लाल सुर्ख लहंगे में मेहंदी लगे हाथों में भरी हुई लाल चूड़ियां नाक में नथ होठो पर लिपस्टिक माथे पर बिंदिया ….. सब मिला कर दीदी को उस रूप में देख कर मेरे मन मे ढेर सारा प्यार उमड़ आया उनके लिए ….. दीदी ने कार का दरवाजा नॉक किया तब मुझे होश आया कि मैंने उन्हें अंदर भी बिठाना है मैंने डोर खोला दीदी को बिठाया और उस लेडी को thanks बोल कर कार बढ़ा दी …. मैंने दीदी को देख कर कहा जानेमन कमाल लग रही हो दिल कर रहा है पहले सुहागरात मना लूं शादी बाद में …. दीदी के गाल आओए सुर्ख हो गए पर वो सिर्फ इतना बोली …. संजू एक चीज भूल गए हो तुम मैंने कहा क्या ….. दीदी बोली मंगलसूत्र ….. मैंने माथे पर हाथ मारा और कहा सॉरी यार पहली बार शादी कर रहा हूँ ना …. दीदी ने कहा पर मैं तो दूसरी बार कर रही हूं इसीलिए जो तुम्हे याद नही मैं याद दिला रही हूँ मैंने कहा दीदी तुम खुश हो ना इस रिश्ते से …. दीदी ने कहा मेरी आँखों मे देखते कहा हां संजू मैं बहोत खुश हूं …. तभी एक ज्वेलरी शॉप दिखी मुझे रास्ते मे और मैं दीदी को कार में ही छोड़ कर भाग कर एक मंगलसूत्र ले कर आ गया …… उसे जेब मे डाल कर मैंने कार बढ़ाई और सीधा मंदिर पर ही रोकी वहां संजीव अपनी बीवी के साथ खड़ा था मुझे देखते ही मेरे पास आया और बोला सर अचानक कैसे सब प्रोग्राम बना लिया ….. मैंने दीदी को नीचे उतरते हुए कहा यार संजीव बस कुछ ऐसी बात हो गयी कि आज के आज ही सब करना पड़ा ….. और इस मदद के लिए धन्यवाद ….. वो बोला सर शर्मिंदा ना करें …. उसने कहा भाभी जी तो तैयार हैं पर आप ये किस हाल में घूम रहे मैंने कहा कपड़े हैं ना मैं कार में ही बदल लेता हूँ मैंने कहा तुम रुचि को ले कर अंदर जाओ मैं आता हूँ 5 मिनट में ….. उसकी बीवी दीदी को ले कर अंदर चली गयी और मैं गाड़ी में घुस कर किसी तरह कपड़े बदल कर संजीव के साथ अंदर आ गया मंदिर में पंडित जी एक कोने में सारा इंतजाम किए हुए बैठे थे …. मैं पहुंचा और कहा पंडित जी शुरू कराइये ….. फिर उन्होंने दीदी को बिठाया और मुझे भी ….. और रस्मे शुरू की ….. शादी हुई संजीव की बीवी ने हमारी गांठ बांधी …. मैंने दीदी की मांग में सिंदूर भरा मंगलसूत्र पहनाया और फिर हमने फेरे लिए ….. उसके बाद संजीव ने एक बड़े लिफाफे से दो वरमाला निकाली और हमने एक दूसरे को वरमाला पहना कर विवाह संपन्न किया ….. पंडित जी को दक्षिणा में 21000 रुपये मिले तो वो भी खुशी खुशी आशीर्वाद दिए और चले गए ….. मैंने कहा संजीव भाई आपका शुक्रिया …. तो उसकी बीवी बोली भाई साहब अभी तो पार्टी बाकी है मैंने कहा जरूर भाभी जी आज तो पार्टी होगी ही चलिए किसी अच्छे होटल चलते हैं तो वो बोली नही भैया आज की पार्टी तो मेरे घर पर होगी मैंने सब इंतजाम कर लिया है बस चलिए आप लोग …. मैंने कहा पर आज …. वो बोली अभी 7 बजे हैं 9 बजे तक आपको फ्री कर देंगे बस चलिए बढ़िया डिनर करिये और फिर घर जाइये …. मैंने कहा ठीक है और मैं दीदी के साथ कार में आ गया …. संजीव अपनी कार में अपनी बीवी के साथ चला गया और मैंने भी उनके पीछे अपनी गाड़ी लगा दी …. रास्ते मे एक जगह सुनसान और अंधेरा देख कर मैंने कार रोकी दीदी आगे ही बैठी थीं मैंने उनका हाथ पकड़ कर अपनी ओर खींचा …. वो बोली क्या हुआ यहाँ कई रुक गए मैंने कहा मुझसे रहा नही जा रहा अपनी बीवी को थोड़ा सा प्यार करना है ….. और दीदी को सीने से लगा लिया …. दीदी मुझसे चिपकते हुए बोली बस थोड़ा इंतजार और कर लो फिर जी भर के प्यार करना अपनी बीवी को …. मैंने कहा डिनर तो बाद में होगा अभी थोड़ा सा स्नैक्स ही दे दो और दीदी के ब्लाउज के ऊपर से ही उनकी चूची मसल दी …. दीदी आहहह भर कर बोली संजू अभी मत करो ना ये जगह भी ठीक नही है और अभी हम लेट भी हो रहे हैं ….. मैंने चूची को और मसलते हुए कहा ठीक है अभी तो छोड़ रहा हूँ पर रात में तुम्हारी एक नही सुनूंगा ….. दीदी बोली रात में मैं तुम्हे रोकूंगी भी नही …. मेरे पतिदेव …
मैने कहा दीदी आज रात में हम क्या करेंगे दीदी मुस्कुरा कर बोली आज रात में हम प्यार करेंगे …. मैंने कहा प्यार तो हम बचपन से ही करते हैं एक दूसरे से आज क्या करेंगे तो दीदी बोली आज हम पति पत्नी वाला प्यार करेंगे संजू ….. मैंने पति पत्नी वाले प्यार को क्या कहते हैं दीदी बताओ ना ….. तो दीदी नीचे को देख कर बोली सेक्स … मैंने कहा दीदी प्लीज मेरी ओर देख कर हिंदी में साफ साफ ठीक से बताओ ना आज हम क्या करेंगे ….. दीदी ने कहा मैं इतनी बेशर्म नही हूँ ….. मुझे लगा अभी दीदी का मूड खराब करने से क्या फायदा शायद एक बार सब हो जाने के बाद वो थोड़ी सहज होंगी मेरे साथ फिर मैंने कार बढ़ा दी और थोड़ी देर में हम बातें करते हुए संजीव के घर पहुंच गए ….. वो हमें अंदर ले गया और हमे अपने रूम में ले जा कर बिठाया …. थोड़ी देर में उसकी बीवी आयी और बोली भाई साहब खाना लगाऊं मैंने कहा हां लगाइए और वो चली गयी संजीव नही दिख रहा था मैं और दीदी वही बैठे थे अकेले तभी मैंने दीदी को पकड़ कर एक बार फिर से उनके गाल चूमने शुरू किए मन तो होंठ चूमने का था पर लिपस्टिक की वजह से नहीं कर रहा था ….. मुझे लगा कही मेरे कही लग गयी तो सबके सामने मैं कार्टून बन जाऊंगा …. तभी मुझे किसी के आने की आहट मिली और मैं अलग हो कर बैठ गया उसी वक़्त संजीव अंदर आया उसके हाथों में एक बड़ी सी बोतल थी जिस पर रिबन बंधा हुआ था उसमें बोतल मुझे दी और बधाई दी …. मैंने पूछ लिया ये क्या है तो वो बोला सर ये वाइन है …. बहोत महंगी मैंने यूं ही पूछ लिया कितने की है तो उसने बताया कि ये 4000 की एक बोतल है ….. खैर मैंने कौन से पैसे देने थे सो मैंने बोतल उसे वापस देते हुए कहा खाने के साथ ही इसे भी ….. वो बोला हां सर जरूर मैं यही सोच के लाया ही था ….. वो बाहर चला गया और दीदी ने मुझसे कहा आज भी पियोगे ?
मैने कहा दीदी वो दारू थोड़े गया वाइन है और आज तो आप को भी थोड़ी सी पीनी पड़ेगी …. प्लीज मना मत करना …. तभी संजीव की बीवी आयी और दीदी से बोली चलिए भाभी सब तैयार है …. और वो हम दोनों के ले कर रूम में आई टेबल एकदम भरी पड़ी खाने से …. मैंने देख कर कहा रुचि देख लो इतना सब तुम्हे खाना है …. दीदी बोली क्यों अकेले मैं ही खा जाऊंगी क्या …. आप लोगो का व्रत है आज ??? ऐसे ही हंसी मजाक करते हुए हम बैठे और संजीव ने बोतल मुझे पकड़ा दी बोला सर खोलिए मैंने कहा भाई ये शुभ काम तुम ही कर लो मेरे बस का नही है …. उसने बोतल खोल कर अपनी बीवी को दी टेबल कांच के खूबसूरत ग्लास रखेल हुए थे उसने सबके गिलास भरे और हम तीनों ने अपने अपने गिलास उठा लिए और दीदी की ओर देखने लगे …. उन्होंने भी अपना गिलास उठा लिया और हमने चियर्स किया …. दीदी बोली मुझे भी पीनी है क्या तो संजीव की बीवी बोली कुछ नही होता भाभी पियो आप परेशान ना हो मैं तो कभी कभी पी लेती हूं ….. और वाइन पीते हुए खाना खाने लगे गिलास खाली होते ही दुबारा भर गए और दीदी ने दूसरा गिलास भी खत्म कर दिया खाना बहुत ही शानदार था और वाइन ने खाने का मज़ा दोगुना कर दिया ….. हांलाकि दो ग्लास वाइन पी कर मुझे कुछ महसूस नही हो रहा था …. और मैंने एक और गिलास भर लिया ….. और तीसरा गिलास खत्म होते होते मुझे हल्का नशा महसूस होने लगा मुझे बस अब और नही पीनी चाहिए …. साढ़े 9 बज रहे थे और मुझे अब बस घर पहुंचने की जल्दी थी ….. मैंने कहा संजीव भाई अब हम चलते हैं उसने कहा ok सर और उसने धीरे से मेरी जेब मे कुछ डाल दिया …. मैंने पूछा क्या है उसने कहा घर पर देखना .…. और फिर हम उन लोगो से विदा ले कर निकल लिए …. मैंने कार स्टार्ट की और दीदी आज आगे बैठ गयी मेरी बगल में मैंने कार आगे बढ़ाई और संजीव के घर से मुड़ते ही दीदी का हाथ पकड़ के अपनी ओर खींच लिया दीदी भी मुझसे चिपक कर बैठ गयी …… मैने एक हाथ से ड्राइव करते हुए दूसरा हाथ दीदी के गले मे डाल कर उनकी चूची पर रख दिया …. दीदी पर भी वाइन असर कर रही थी और वो आंखे मूंद कर मेरे कंधे पर सर टिका दी थीं मैंने हल्के हल्के से उनकी ब्लाउज में कसी चूची को कई बार सहलाया और फिर एक बार जोर मसल दिया …. दीदी ने सिसकी ली और आंख खोल कर मेरी ओर देखा मैंने कहा दीदी चूची मस्त है आपकी ….. दीदी मुस्कुराई और बोली बाकी सब भी मस्त ही है ….. मैने कहा हां देखने मे तो मस्त ही है बाकी तो इस्तेमाल करने के बाद ही पता चलेगा मैंने फिर से पूछा दीदी बताओ ना आज हम क्या करेंगे रात में …. दीदी ने नशीली आंखों से मुझे देखा और फिर से वही जवाब दिया हम प्यार करेंगे ….. मैंने बस प्यार और कुछ नही दीदी बोली और बहुत कुछ भी करेंगे ना …. दीदी ने पूछा और क्या करेंगे तुम ही बता दो ….. मैंने दीदी के कान में फुसफुसा कर कहा ….. आज मैं अपनी दीदी की चुदाई करूँगा ये सुनते ही दीदी फिर से आंख मूंद ली मैने कहा क्या हुआ दीदी बोली मुझे शर्म आ रही है ….. मैंने कहा पर मुझे तो बेशर्म बीवी चाहिए …. जो मुझे पूरे मज़े दे ….. और हम घर पहुंच गए मैंने रोज की तरह कार पार्किंग में लगाई और सारा सामान कार से निकाल कर कार दीदी से ही लॉक करवाई और हम आज लिफ्ट से ऊपर आये सामान ज्यादा था इसलिए …. फिर घर के दरवाजे पर पहुंच कर मैंने दीदी से कहा चाभी निकालो ….. इस वक़्त मेरा लंड एकदम सख्त हो कर झटके ले रहा था ….. दीदी ने मेरी जेब मे हाथ डाला और उनकी उंगलियां सीधा लंड से टकराई लेकिन आज दीदी ने एकदम अलग तरीके जेब मे हाथ डाले हुए ही लंड को पकड़ लिया और हल्के से दबाने लगी और मेरी हालत खराब होने लगी फिर भी मैं कुछ बोला नही जब दीदी कुछ टाइम ऐसे ही लंड मसलती रही तो मैंने कहा दीदी क्या कर रही हो चाभी निकालो ना जल्दी से हम घर से बाहर हैं दीदी ने कहा क्यों रोज तू यही तो करवाता है मुझसे अब आज मैं खुद कर रही हूं तो क्या हुआ मैंने कहा हुआ कुछ नही अच्छा बहोत लग रहा है पर मैं कितना सारा सामान लिए हूँ हाथों में दर्द हो रहा है तो दीदी ने हंसते हुए दूसरी जेब मे से चाभी निकाल कर लॉक खोला और हम अंदर आ गए मैंने सारा सामान एक तरफ रखा और ये सम्हालो अपना सामान दीदी और जल्दी से इसे ठिकाने लगा कर मेरे रूम में आ जाओ …. दीदी अब मेरा तेरा क्या है सब हमारा है …. मैंने कहा ये बात भी सही है तो दीदी बोली अभी तो मेरा सर घूम रहा है ये सब कल करूंगी ….. मैंने ठीक है पर अभी क्या करोगी दीदी मेरे पास आई और बोली अभी जो तुम चाहो वो करे मैंने दीदी का हाथ पकड़ कर अपनी ओर खींचा और उन्हें गोद मे उठा लिया और ले कर अपने रूम में आ गया और बेड पर लिटा दिया और खुद भी लेट गया मैंने रूम की सारी लाइट्स ऑन कर दी और जेब से हीरे के अंगूठी निकाली और दीदी की उंगली में पहना दी ….. दीदी उस अंगूठी की चमक देख कर और भी चमकने लगी और बोली ये किसलिए मैंने कहा ये मेरी ओर से मेरी बीवी को पहला गिफ्ट और फिर मैंने उनका हाथ पकड़ कर अपने सख्त लंड पर रख दिया और कहा ये दूसरा गिफ्ट मेरी बीवी …. और दीदी के लिए ….. दीदी बोली अभी तो दीदी मत बोला मैंने कहा दीदी असल मे मुझे सेक्स स्टोरीज पढ़ने की आदत है और खास कर भाई बहन की सेक्स स्टोरीज मुझे बहोत पसन्द है और मैंने भले ही शादी कर ली है तुमसे अब बीवी हो तुम मेरी पर मैं तुम्हे चोदते हुए ये अहसास ही चाहता हूं कि तुम मेरी दीदी हो ना कि बीवी ….. दीदी बोली पर हूँ तो मैं अब तुम्हारी बीवी ही मैंने कहा हां बीवी भी हो पर मैं हमेशा अपनी बहन की ही चूत चोदूगा और मैंने दीदी के होठो पर होंठ रख दिये …

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सुबह 7 बजे मेरी नींद खुली और नींद खुलते ही कल की सारी घटनाएं मेरी आँखों के सामने घूम गयी हांलाकि आज संडे था पर फिर भी जाग जाने के बाद मैं वक़्त बर्बाद करना ठीक नही समझा और आज तो मेरी जिंदगी का अहम फैसला होने वाला था …. और मेरे होठो पर मुस्कान आ गयी सुबह सुबह लंड एकदम सख्त था मैंने उसे एक बार दबा कर आश्वासन दिलाया कि जल्दी ही तुझे चूत नसीब होगी …. और फिर फोन उठा कर दीदी के रूम चेक किया वो रोज की तरह उठ चुकी थीं और रूम में नही थी फिर मैंने बाथरूम चेक किया तो वो शावर के नीचे एकदम नंगी थी और बदन पर साबुन लगाते हुए गुनगुना रही थीं ….. उनका नहाना खत्म होने तक मैं बैठा लंड सहलाते हुए उन्हें देखता रहा और फिर कल की ही तरह जा कर सोफे पर बैठ गया …. दो मिनट बाद दीदी कल जैसे ही टॉवल लपेट कर बाहर निकली पर आज मुझे देख कर अनदेखा करते हुए अपने रूम में चली गयी …. और उनके जाने के एक मिनट बाद ही मैं भी पीछे से रूम में चला गया अंदर घुसते ही मुझे झटका सा लगा दीदी ने टॉवल बेड पर डाला हुआ था और वो झुक कर पैंटी पहन रही थीं और उनकी नंगी गांड़ जो झुकने की वजह से उभर और खुल कर सामने आ गयी थी मुझे दिख रही थी …. मेरे आने की आहट से दीदी ने मुड़ कर मेरी ओर देखा और लगभग चिल्ला कर बोली …. अरे पागल हो गए हो ऐसे कैसे घुसे आ रहे हो ….. और जल्दी से पैंटी पहनने के चक्कर मे उनका पैर पैंटी में उलझ गया और वो जमीन पर लुढ़क गईं ….. मैंने पास जा कर उनका हाथ पकड़ कर उन्हें उठाते हुए कहा सॉरी दीदी मुझे लगा आप कपड़े पहन ली होगी ….. उन्होंने हाथ छुड़ाते हुए कहा इतनी जल्दी कैसे कोई मशीन लगी है क्या और तू बाहर निकल अब जल्दी से ….. उन्होंने हाथों से अपने बूब्स को छिपाने का असफल प्रयास किया हुआ था …. मैंने कोई बहस ना करते हुए बाहर जाना ही ठीक समझा और चुपचाप बाहर चला आया …. लगभग 10 मिनिट बाद दीदी बाहर आई उन्होंने एक पाजामा और ब्लैक टी शर्ट पहनी थी खुले गीले बाल और हल्की लिपस्टिक ….. एकदम माल लग रही थी दिल तो किया वही पकड़ कर होठो को चूस लूं पर मैं मुह बनाये बैठा रहा …. दीदी मुझे देखती हुई किचन में घुस गई और कुछ देर में दो कॉफ़ी ले कर मेरे पास आ कर बैठ गईं …. पर मैं वैसे ही सड़ा सा मुह बनाये बैठा रहा …. उन्होंने कॉफ़ी का मग उठा कर मुझे दिया और बोली क्या हुआ …..
मैंने कहा कुछ नही और कॉफ़ी ले कर पीने लगा दो मिनट मैं चुपचाप कॉफ़ी पीता रहा तो वो बोली …. ऐसे किसी के रूम में घुसते हैं क्या मैंने किसी के रूम में नही घुसा था आपके रूम में घुसा था …. अपने घर मे घुसा था …. दीदी ने कुछ सेकेंड्स मेरी ओर देखा घूर कर फिर बोली मैं कौन हूँ …. मैंने कहा मेरी दीदी और होने वाली बीवी …. दीदी बोली संजू तू सच मे सीरियस है इस बारे में या मेरी टांग खींच रहा है … मैंने कहा अभी शादी करोगी आज ही …. दीदी बोली पर कैसे मैंने वो सोचना मेरा काम है …. मैंने कहा दीदी कुछ दिन से मेरे ट्रांसफर की बाते हो रही है ….. सीनियर ऑफिसर मुझे किसी और जगह भेजना चाहते हैं अगर आप हाँ बोलो तो किसी और स्टेट में ट्रांसफर ले लूं जहां हमे कोई ना जानता हो और फिर वही शादी कर के सेटल हो जायेंगे …. पर सब से पहले आप बताओ आपको ये रिश्ता मंजूर है या नही….?
दीदी बोली अभी भी बताने को कुछ बाकी है क्या मैंने दीदी का हाथ हाथों में पकड़ कर पूछा दीदी मैं एक बार आपके मन की बात जानना चाहता हूं मैंने तो अपने मन की आपको बता दी थी पर मैं ये नही चाहता आपकी मर्जी के बिना कुछ हो …. दीदी बोली ऐसा है तो सुनो मैं काफी टाइम से महसूस कर रही हूं तुम मुझे बहन के अलावा एक औरत की नजर से देख रहे हो …. हांलाकि मेरा दोबारा शादी का कोई इरादा तो नही था पर तुम्हारा अपने प्रति लगाव देख कर मैं मना नही कर पा रही हूं और सब से बड़ी प्रॉब्लम है हमारा असली रिश्ता …. मैंने कहा दीदी हम अपने नंबर बदल देंगे यहां किसी को नही बताएंगे अपना नया एड्रेस बस आफिस के एक दो लोगो को पता होगा कि हम किस शहर में हैं कोई रिश्तेदार कभी हम तक नही पहुंच पायेगा और नई जगह हमारा रिश्ता जो हम रखेगे वही जानेंगे लोग फिर प्रॉब्लम कहाँ है …. दीदी ने सर हिलाते हुए कहा बात तो सही है तुम्हारी ऐसे में तो कोई प्रॉब्लम नही होगी …. मैंने कहा अब कह भी दो रुचि …. दीदी ने कहा संजू या तो दीदी कह ले या रुचि मैंने कहा अकेले में दीदी य्या रुचि जो चाहे कहूँ पर आज से सबके सामने रुचि ही कहूंगा …. दीदी बोली जब बीवी बनाने का इरादा कर लिया है तो रुचि ही बोलो ना मैंने कहा दीदी को बीवी बनाने का क्या मज़ा है ये तुम नही समझोगी दीदी …. दीदी हंसने लगी …. मैंने कहा फिर मैं हां समझू दीदी ने मेरा हाथ पकड़ कर सहलाते हुए कहा हां मेरे होने वाले पतिदेव …. मेरी हां है मैं खुशी से उछल पड़ा और दीदी को खड़ा कर के गोद मे उठा कर नाचने लगा दीदी बोली छोड़ दे गिर जाऊंगी …. मैंने कहा मेरे होते कैसे गिर जाओगी और दीदी को नीचे उतार कर उन्हें जोर से बाहों में कस लिया दीदी ने भी अपनी बाहें मेरे जिस्म पर कस दी ऑयर लिपट गईं मुझसे मैंने दीदी के गालों को चूम लिया और कहा ….. Love you ruchi मेरी जान …. दीदी ने शर्माते हुए मेरे गाल पर किस किया और बोली love you too संजू …. मैंने कहा दीदी शादी आज ही करनी है दीदी बोलो इतनी जल्दी क्या है मैंने कहा 28 साल हो गए अब बड़ी जोर से सुहागरात मनाने का मन कर रहा है ….. दीदी ने कहा संजय जब मैंने हाँ कर ही दी है तो जो करना है आराम से कर ना बाकी तो अब मैं तेरी हूँ ही मना थोड़े करूंगी अपने हबी को …. मैंने कहा दीदी पर मैं बिना शादी के आपके साथ आपके साथ सेक्स नही करना चाहता …. तो दीदी ने नीचे की ओर देखते हुए कहा पागल लड़के सिर्फ सेक्स ही सब कुछ नही होता उसके अलावा भी बहोत कुछ किया जा सकता है ….. मैंने कहा पर कुछ और करने के बाद मैं खुद को रोक नही पाऊंगा …. दीदी बोली रोक तो शायद मैं भी नही पाऊंगी खुद को ….. फिर मैंने संजीव को कॉल किया और पूछा कोई पंडित का इंतजाम हो जाएगा उसने पूछा क्या करना है मैंने कहा शादी करनी है उसने कहा सर पर शादी अचानक कैसे मैंने कहा मेरी गर्ल फ्रेंड है और हम आज ही एकदम सिंपल तरीके से मंदिर में शाम को शादी करना चाहते हैं …. संजीव बोला ठीक है सर पंडित का इंतजाम तो।मैं कर दूंगा बाकी इंतजाम का क्या मैंने कहा भाई बाकी कोई इंतजाम नही करना बस पंडित जी से पूछ लेना क्या इंतजाम करना है और हम दोनों का कोई है नही दुनिया मे वो भी अनाथ मैं भी अनाथ …. असल मे मैंने आफिस में किसी को नही बता रखा था कि मेरी कोई बहन भी है और ना ही कभी कोई मेरे घर आया था पड़ोसियों से हमारी बस गुड मॉर्निंग ही होती थी तो उन्हें भी कोई आईडिया नही था …….. संजीव ने कहा सर मैं 5 बजे तक सारा इंतजाम कर लेता हूँ और आपको कॉल करता हूँ …. मैंने कहा ठीक है और कॉल काट कर मैंने कहा दीदी जल्दी से तैयार हो जाओ शॉपिंग करने चलना है …. और मैं बाथरूम में घुस गया …. जल्दी से नहा कर तैयार हो कर आधे घण्टे में मैं हाल में आया तो दीदी अभी अपने रूम में ही थीं …. मैंने आवाज़ दी बोली बस आ रही हूं और दो मिनट में वो आ गईं …. उन्होंने ब्लू साड़ी पहनी थी और सिंपल से मेकअप …. मैंने कहा दीदी वैसे जरूरत तो किसी चीज की नही है तुम वैसे ही इतनी खूबसूरत पर आज तुम्हारी शादी है तो चलो सब इंतजाम करने हैं दीदी बोली नाश्ता बना दूँ मैंने कहा दुल्हन कही काम करती है क्या आज से हफ्ते भर की छुट्टी बस शादी करो मज़े करो …. और अपने पति को खुश करो बाकी सब काम भूल जाओ …. दीदी बोली जो आज्ञा पतिदेव और हंस दी …. मैंने उनका हाथ पकड़ा चाभियां ली और घर लॉक कर के आ गया ….. दीदी को कार में बिठा कर 10 बजे मैं घर से निकल लिया और एक शॉपिंग माल में आया दीदी के लिए एक डिजाइनर लहंगा और 5 खूबसूरत साड़ियों के अलावा ढेर सारी सेक्सी लिंगरी के साथ मेकअप का ढेर सारा सामान खरीदते हमे 12 बज गए …. मैंने सेल्स गर्ल से कहा कि ये सब आज ही कंप्लीट तैयार करवा के दो ब्लाउज वगैरह उसने दीदी को ले जा कर नाप दिलवाया और बोली बस 3 बजे तक सब तैयार मिलेगा उसके बाद मैंने अपने लिए शेरवानी ली और उसे भी फिटिंग करने के लिए दे कर 65000 बिल चुका कर निकला तो दीदी बोली इतने पैसे क्यों खर्च कर रहा मैंने कहा दीदी मुझे पति और भाई दोनों का फर्ज निभाना है पिछली शादी में तो कुछ नही कर पाया आपकी खुशी के लिए पर आज मत रोको मुझे ….. दीदी कुछ नही बोली मैंने उन्हें कार में बिठाया और फिर हम ज्वैलरी शॉप में आ गए …. वहां मैंने दीदी के लिए एक खूबसूरत हार कंगन झुमके नथ और दो खूबसूरत घुंघरू वाली पायल खरीदी और दोनों के लिए एक एक डायमंड रिंग भी ले ली इस सबका बिल लगभग ढाई लाख बना वो भी पे कर के सब पैक करवा के मैंने फिर से दीदी को लिया और फिर हम एक अच्छे पार्लर में पहुंचे मैंने वहाँ की ओनर से जा कर बात की और बताया कि आज हमारी शादी है और इनका फुल ब्राइडल मेकअप करना है उसने कहा फुल पैकेज का 18000 बताया मैंने उसे पैसे ट्रांसफर किये और दीदी को वही छोड़ कर आने लगा तो दीदी मुझे रोक कर बोली यार संजू भूख लगी है क्या शादी के दिन भूखा मारेगा ….. तब मुझे याद आया कि सब भाग दौड़ मैं नाश्ता करना भी भूल गया तो पार्लर वाली लेडी बोली भाई साहब आप परेशान ना हो भाभी जी को मैं नाश्ता करवा दूंगी आप बस 5 बजे तक ले जाना इन्हें …. मैंने कहा अभी तो कपड़े नहीं आये इनके वो बोली आप चार बजे तक कपड़े ले कर आ जाना तो मैं इन्हें 5 बजे एकदम रेडी कर दूंगी …… अभी 2 बज रहे थे मैं वहाँ से निकल कर आया और एक जगह हल्का सा नाश्ता कर के ढाई बजे तक वापस मॉल पहुंच गया और 10 मिनट में सारा सामान पैक करवा कर मैं भी एक पार्लर में घुस गया शेव करवा के थोड़ा बहोत और ट्रीटमेंट ले कर मैं लगभग 4 बजे पार्लर आ गया और दीदी का लहंगा और गहने उन्हें दे कर कार में ही उनका इंतजार करने लगा …. साढ़े चार बजे संजीव का कॉल आया उसने मंदिर का एड्रेस दिया …. और बोला सब तैयार है बस आप लोग आ जाओ …. मैंने कहा ok आता हूँ तभी पार्लर वाली लेडी दीदी को ले कर आ गईं …. और मैं दिन भर की सारी थकान भूल कर बस दीदी को देखता रह गया …. मेरी प्यारी मासूम ख़ूबसूरत बहन एकदम चांद का टुकड़ा लग रही थी …… लाल सुर्ख लहंगे में मेहंदी लगे हाथों में भरी हुई लाल चूड़ियां नाक में नथ होठो पर लिपस्टिक माथे पर बिंदिया ….. सब मिला कर दीदी को उस रूप में देख कर मेरे मन मे ढेर सारा प्यार उमड़ आया उनके लिए ….. दीदी ने कार का दरवाजा नॉक किया तब मुझे होश आया कि मैंने उन्हें अंदर भी बिठाना है मैंने डोर खोला दीदी को बिठाया और उस लेडी को thanks बोल कर कार बढ़ा दी …. मैंने दीदी को देख कर कहा जानेमन कमाल लग रही हो दिल कर रहा है पहले सुहागरात मना लूं शादी बाद में …. दीदी के गाल आओए सुर्ख हो गए पर वो सिर्फ इतना बोली …. संजू एक चीज भूल गए हो तुम मैंने कहा क्या ….. दीदी बोली मंगलसूत्र ….. मैंने माथे पर हाथ मारा और कहा सॉरी यार पहली बार शादी कर रहा हूँ ना …. दीदी ने कहा पर मैं तो दूसरी बार कर रही हूं इसीलिए जो तुम्हे याद नही मैं याद दिला रही हूँ मैंने कहा दीदी तुम खुश हो ना इस रिश्ते से …. दीदी ने कहा मेरी आँखों मे देखते कहा हां संजू मैं बहोत खुश हूं …. तभी एक ज्वेलरी शॉप दिखी मुझे रास्ते मे और मैं दीदी को कार में ही छोड़ कर भाग कर एक मंगलसूत्र ले कर आ गया …… उसे जेब मे डाल कर मैंने कार बढ़ाई और सीधा मंदिर पर ही रोकी वहां संजीव अपनी बीवी के साथ खड़ा था मुझे देखते ही मेरे पास आया और बोला सर अचानक कैसे सब प्रोग्राम बना लिया ….. मैंने दीदी को नीचे उतरते हुए कहा यार संजीव बस कुछ ऐसी बात हो गयी कि आज के आज ही सब करना पड़ा ….. और इस मदद के लिए धन्यवाद ….. वो बोला सर शर्मिंदा ना करें …. उसने कहा भाभी जी तो तैयार हैं पर आप ये किस हाल में घूम रहे मैंने कहा कपड़े हैं ना मैं कार में ही बदल लेता हूँ मैंने कहा तुम रुचि को ले कर अंदर जाओ मैं आता हूँ 5 मिनट में ….. उसकी बीवी दीदी को ले कर अंदर चली गयी और मैं गाड़ी में घुस कर किसी तरह कपड़े बदल कर संजीव के साथ अंदर आ गया मंदिर में पंडित जी एक कोने में सारा इंतजाम किए हुए बैठे थे …. मैं पहुंचा और कहा पंडित जी शुरू कराइये ….. फिर उन्होंने दीदी को बिठाया और मुझे भी ….. और रस्मे शुरू की ….. शादी हुई संजीव की बीवी ने हमारी गांठ बांधी …. मैंने दीदी की मांग में सिंदूर भरा मंगलसूत्र पहनाया और फिर हमने फेरे लिए ….. उसके बाद संजीव ने एक बड़े लिफाफे से दो वरमाला निकाली और हमने एक दूसरे को वरमाला पहना कर विवाह संपन्न किया ….. पंडित जी को दक्षिणा में 21000 रुपये मिले तो वो भी खुशी खुशी आशीर्वाद दिए और चले गए ….. मैंने कहा संजीव भाई आपका शुक्रिया …. तो उसकी बीवी बोली भाई साहब अभी तो पार्टी बाकी है मैंने कहा जरूर भाभी जी आज तो पार्टी होगी ही चलिए किसी अच्छे होटल चलते हैं तो वो बोली नही भैया आज की पार्टी तो मेरे घर पर होगी मैंने सब इंतजाम कर लिया है बस चलिए आप लोग …. मैंने कहा पर आज …. वो बोली अभी 7 बजे हैं 9 बजे तक आपको फ्री कर देंगे बस चलिए बढ़िया डिनर करिये और फिर घर जाइये …. मैंने कहा ठीक है और मैं दीदी के साथ कार में आ गया …. संजीव अपनी कार में अपनी बीवी के साथ चला गया और मैंने भी उनके पीछे अपनी गाड़ी लगा दी …. रास्ते मे एक जगह सुनसान और अंधेरा देख कर मैंने कार रोकी दीदी आगे ही बैठी थीं मैंने उनका हाथ पकड़ कर अपनी ओर खींचा …. वो बोली क्या हुआ यहाँ कई रुक गए मैंने कहा मुझसे रहा नही जा रहा अपनी बीवी को थोड़ा सा प्यार करना है ….. और दीदी को सीने से लगा लिया …. दीदी मुझसे चिपकते हुए बोली बस थोड़ा इंतजार और कर लो फिर जी भर के प्यार करना अपनी बीवी को …. मैंने कहा डिनर तो बाद में होगा अभी थोड़ा सा स्नैक्स ही दे दो और दीदी के ब्लाउज के ऊपर से ही उनकी चूची मसल दी …. दीदी आहहह भर कर बोली संजू अभी मत करो ना ये जगह भी ठीक नही है और अभी हम लेट भी हो रहे हैं ….. मैंने चूची को और मसलते हुए कहा ठीक है अभी तो छोड़ रहा हूँ पर रात में तुम्हारी एक नही सुनूंगा ….. दीदी बोली रात में मैं तुम्हे रोकूंगी भी नही …. मेरे पतिदेव …
मैने कहा दीदी आज रात में हम क्या करेंगे दीदी मुस्कुरा कर बोली आज रात में हम प्यार करेंगे …. मैंने कहा प्यार तो हम बचपन से ही करते हैं एक दूसरे से आज क्या करेंगे तो दीदी बोली आज हम पति पत्नी वाला प्यार करेंगे संजू ….. मैंने पति पत्नी वाले प्यार को क्या कहते हैं दीदी बताओ ना ….. तो दीदी नीचे को देख कर बोली सेक्स … मैंने कहा दीदी प्लीज मेरी ओर देख कर हिंदी में साफ साफ ठीक से बताओ ना आज हम क्या करेंगे ….. दीदी ने कहा मैं इतनी बेशर्म नही हूँ ….. मुझे लगा अभी दीदी का मूड खराब करने से क्या फायदा शायद एक बार सब हो जाने के बाद वो थोड़ी सहज होंगी मेरे साथ फिर मैंने कार बढ़ा दी और थोड़ी देर में हम बातें करते हुए संजीव के घर पहुंच गए ….. वो हमें अंदर ले गया और हमे अपने रूम में ले जा कर बिठाया …. थोड़ी देर में उसकी बीवी आयी और बोली भाई साहब खाना लगाऊं मैंने कहा हां लगाइए और वो चली गयी संजीव नही दिख रहा था मैं और दीदी वही बैठे थे अकेले तभी मैंने दीदी को पकड़ कर एक बार फिर से उनके गाल चूमने शुरू किए मन तो होंठ चूमने का था पर लिपस्टिक की वजह से नहीं कर रहा था ….. मुझे लगा कही मेरे कही लग गयी तो सबके सामने मैं कार्टून बन जाऊंगा …. तभी मुझे किसी के आने की आहट मिली और मैं अलग हो कर बैठ गया उसी वक़्त संजीव अंदर आया उसके हाथों में एक बड़ी सी बोतल थी जिस पर रिबन बंधा हुआ था उसमें बोतल मुझे दी और बधाई दी …. मैंने पूछ लिया ये क्या है तो वो बोला सर ये वाइन है …. बहोत महंगी मैंने यूं ही पूछ लिया कितने की है तो उसने बताया कि ये 4000 की एक बोतल है ….. खैर मैंने कौन से पैसे देने थे सो मैंने बोतल उसे वापस देते हुए कहा खाने के साथ ही इसे भी ….. वो बोला हां सर जरूर मैं यही सोच के लाया ही था ….. वो बाहर चला गया और दीदी ने मुझसे कहा आज भी पियोगे ?
मैने कहा दीदी वो दारू थोड़े गया वाइन है और आज तो आप को भी थोड़ी सी पीनी पड़ेगी …. प्लीज मना मत करना …. तभी संजीव की बीवी आयी और दीदी से बोली चलिए भाभी सब तैयार है …. और वो हम दोनों के ले कर रूम में आई टेबल एकदम भरी पड़ी खाने से …. मैंने देख कर कहा रुचि देख लो इतना सब तुम्हे खाना है …. दीदी बोली क्यों अकेले मैं ही खा जाऊंगी क्या …. आप लोगो का व्रत है आज ??? ऐसे ही हंसी मजाक करते हुए हम बैठे और संजीव ने बोतल मुझे पकड़ा दी बोला सर खोलिए मैंने कहा भाई ये शुभ काम तुम ही कर लो मेरे बस का नही है …. उसने बोतल खोल कर अपनी बीवी को दी टेबल कांच के खूबसूरत ग्लास रखेल हुए थे उसने सबके गिलास भरे और हम तीनों ने अपने अपने गिलास उठा लिए और दीदी की ओर देखने लगे …. उन्होंने भी अपना गिलास उठा लिया और हमने चियर्स किया …. दीदी बोली मुझे भी पीनी है क्या तो संजीव की बीवी बोली कुछ नही होता भाभी पियो आप परेशान ना हो मैं तो कभी कभी पी लेती हूं ….. और वाइन पीते हुए खाना खाने लगे गिलास खाली होते ही दुबारा भर गए और दीदी ने दूसरा गिलास भी खत्म कर दिया खाना बहुत ही शानदार था और वाइन ने खाने का मज़ा दोगुना कर दिया ….. हांलाकि दो ग्लास वाइन पी कर मुझे कुछ महसूस नही हो रहा था …. और मैंने एक और गिलास भर लिया ….. और तीसरा गिलास खत्म होते होते मुझे हल्का नशा महसूस होने लगा मुझे बस अब और नही पीनी चाहिए …. साढ़े 9 बज रहे थे और मुझे अब बस घर पहुंचने की जल्दी थी ….. मैंने कहा संजीव भाई अब हम चलते हैं उसने कहा ok सर और उसने धीरे से मेरी जेब मे कुछ डाल दिया …. मैंने पूछा क्या है उसने कहा घर पर देखना .…. और फिर हम उन लोगो से विदा ले कर निकल लिए …. मैंने कार स्टार्ट की और दीदी आज आगे बैठ गयी मेरी बगल में मैंने कार आगे बढ़ाई और संजीव के घर से मुड़ते ही दीदी का हाथ पकड़ के अपनी ओर खींच लिया दीदी भी मुझसे चिपक कर बैठ गयी …… मैने एक हाथ से ड्राइव करते हुए दूसरा हाथ दीदी के गले मे डाल कर उनकी चूची पर रख दिया …. दीदी पर भी वाइन असर कर रही थी और वो आंखे मूंद कर मेरे कंधे पर सर टिका दी थीं मैंने हल्के हल्के से उनकी ब्लाउज में कसी चूची को कई बार सहलाया और फिर एक बार जोर मसल दिया …. दीदी ने सिसकी ली और आंख खोल कर मेरी ओर देखा मैंने कहा दीदी चूची मस्त है आपकी ….. दीदी मुस्कुराई और बोली बाकी सब भी मस्त ही है ….. मैने कहा हां देखने मे तो मस्त ही है बाकी तो इस्तेमाल करने के बाद ही पता चलेगा मैंने फिर से पूछा दीदी बताओ ना आज हम क्या करेंगे रात में …. दीदी ने नशीली आंखों से मुझे देखा और फिर से वही जवाब दिया हम प्यार करेंगे ….. मैंने बस प्यार और कुछ नही दीदी बोली और बहुत कुछ भी करेंगे ना …. दीदी ने पूछा और क्या करेंगे तुम ही बता दो ….. मैंने दीदी के कान में फुसफुसा कर कहा ….. आज मैं अपनी दीदी की चुदाई करूँगा ये सुनते ही दीदी फिर से आंख मूंद ली मैने कहा क्या हुआ दीदी बोली मुझे शर्म आ रही है ….. मैंने कहा पर मुझे तो बेशर्म बीवी चाहिए …. जो मुझे पूरे मज़े दे ….. और हम घर पहुंच गए मैंने रोज की तरह कार पार्किंग में लगाई और सारा सामान कार से निकाल कर कार दीदी से ही लॉक करवाई और हम आज लिफ्ट से ऊपर आये सामान ज्यादा था इसलिए …. फिर घर के दरवाजे पर पहुंच कर मैंने दीदी से कहा चाभी निकालो ….. इस वक़्त मेरा लंड एकदम सख्त हो कर झटके ले रहा था ….. दीदी ने मेरी जेब मे हाथ डाला और उनकी उंगलियां सीधा लंड से टकराई लेकिन आज दीदी ने एकदम अलग तरीके जेब मे हाथ डाले हुए ही लंड को पकड़ लिया और हल्के से दबाने लगी और मेरी हालत खराब होने लगी फिर भी मैं कुछ बोला नही जब दीदी कुछ टाइम ऐसे ही लंड मसलती रही तो मैंने कहा दीदी क्या कर रही हो चाभी निकालो ना जल्दी से हम घर से बाहर हैं दीदी ने कहा क्यों रोज तू यही तो करवाता है मुझसे अब आज मैं खुद कर रही हूं तो क्या हुआ मैंने कहा हुआ कुछ नही अच्छा बहोत लग रहा है पर मैं कितना सारा सामान लिए हूँ हाथों में दर्द हो रहा है तो दीदी ने हंसते हुए दूसरी जेब मे से चाभी निकाल कर लॉक खोला और हम अंदर आ गए मैंने सारा सामान एक तरफ रखा और ये सम्हालो अपना सामान दीदी और जल्दी से इसे ठिकाने लगा कर मेरे रूम में आ जाओ …. दीदी अब मेरा तेरा क्या है सब हमारा है …. मैंने कहा ये बात भी सही है तो दीदी बोली अभी तो मेरा सर घूम रहा है ये सब कल करूंगी ….. मैंने ठीक है पर अभी क्या करोगी दीदी मेरे पास आई और बोली अभी जो तुम चाहो वो करे मैंने दीदी का हाथ पकड़ कर अपनी ओर खींचा और उन्हें गोद मे उठा लिया और ले कर अपने रूम में आ गया और बेड पर लिटा दिया और खुद भी लेट गया मैंने रूम की सारी लाइट्स ऑन कर दी और जेब से हीरे के अंगूठी निकाली और दीदी की उंगली में पहना दी ….. दीदी उस अंगूठी की चमक देख कर और भी चमकने लगी और बोली ये किसलिए मैंने कहा ये मेरी ओर से मेरी बीवी को पहला गिफ्ट और फिर मैंने उनका हाथ पकड़ कर अपने सख्त लंड पर रख दिया और कहा ये दूसरा गिफ्ट मेरी बीवी …. और दीदी के लिए ….. दीदी बोली अभी तो दीदी मत बोला मैंने कहा दीदी असल मे मुझे सेक्स स्टोरीज पढ़ने की आदत है और खास कर भाई बहन की सेक्स स्टोरीज मुझे बहोत पसन्द है और मैंने भले ही शादी कर ली है तुमसे अब बीवी हो तुम मेरी पर मैं तुम्हे चोदते हुए ये अहसास ही चाहता हूं कि तुम मेरी दीदी हो ना कि बीवी ….. दीदी बोली पर हूँ तो मैं अब तुम्हारी बीवी ही मैंने कहा हां बीवी भी हो पर मैं हमेशा अपनी बहन की ही चूत चोदूगा और मैंने दीदी के होठो पर होंठ रख दिये …
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