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★☆★ Xforum | Ultimate Story Contest 2021 ~ Reviews Thread ★☆★

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Title: The Theory

Chapter-1: Missing


" रविवार को यानी कि 17 सितंबर को मैं, Black Swan theory पर सेमिनार के सिलसिले में पुणे के लिए रवाना हुआ, तब मधुलिका घर पर थी. पुणे पहुंचकर जब मैंने मधुलिका को कॉल किया तो उसका मोबाइल स्विच ऑफ था. उस वक़्त तो मैने इस पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया और सेमिनार अटेंड करने के लिए निकल गया और सेमिनार खत्म होने के बाद मधुलिका को दोबारा कॉल किया लेकिन मधुलिका का मोबाइल तब भी स्विच ऑफ ही था. इसलिए मैंने सोचा कि मधुलिका जरूर अपने किसी फ्रेंड के साथ पार्टी कर रही होगी या फिर कहीं घूमने गई होगी

" आपको कैसे पता कि मैं अपने किसी दोस्त के यहां होगी... मेरा मतलब.. आप तो पुणे में थे....फिर आपको कैसे.. "मुझे बीच में ही रोक कर इंस्पेक्टर माधुरे ने पूछा..

"मैं उसका हस्बैंड हूं, इंस्पेक्टर.और उसकी आदत है कि वह जब भी किसी पार्टी या फंक्शन में होती है तो अपना मोबाइल बंद कर लेती है"

"और वह ऐसा क्यों करती है ?"

"मधुलिका को उस दौरान कोई डिस्टर्ब करें,यह उसे पसंद नहीं... लेकिन अक्सर वह ऐसा करने से पहले मुझे बता देती थी.." अपने सर पर हाथ फेर कर मैंने माधुरे से कहा

"लीजिए करन साहब, चाय पीजिए... "चाय का कप मेरी तरफ बढ़ाते हुए माधुरे बोला.... "फिर आगे आपने क्या किया, जब मधुलिका का फोन बंद ही रहा तो...?"

"फिर मैंने उसके अगले दिन कॉल किया, यह सोचकर कि शायद वह मुझे बताना भूल गई हो... लेकिन मधुलिका का मोबाइल दूसरे दिन भी....."

" स्विच ऑफ था... "चाय की चुस्कियां लेते हुए माधुरे ने मेरी बात पूरी की.... "खैर, कंटिन्यू कीजिए"

"जब अगले दिन भी मधुलिका का मोबाइल स्विच ऑफ आ रहा तो मैंने अपने कुछ दोस्तों को कॉल किया जिनके यहां मधुलिका अक्सर जाया करती थी. पर उनमें से किसी को भी मधुलिका के बारे में कुछ नहीं मालूम था और तब मैंने मधुलिका के मम्मी पापा से बात की.... पर मधुलिका वहां भी नहीं थी और ना ही उन्हें उसके बारे में कुछ पता था. मैंने अपने एक दोस्त अजय को मेरे घर जाने के लिए कहा जिसके थोड़ी देर बाद अजय ने मुझे बताया कि मेरे घर पर तो ताला लगा हुआ है."

" मुझे उन सभी लोगों के नंबर और एड्रेस दीजिए, जिनसे मिलने मधुलिका जी जाया करती थी... "चाय का खाली कप टेबल पर सरकाते हुए माधुरे बोला...

मैंने इंस्पेक्टर को मधुलिका के सभी दोस्तों की जानकारी दी और पुलिस स्टेशन से बाहर आ गया.

मधुलिका से मेरी शादी को 2 साल हो चुके थे और यदि पिछले कुछ महीनों को छोड़ दिया जाए तो हम दोनों ही बहुत खुशी जीवन बिता रहे थे. पर पिछले कुछ दिनों से मधुलिका का व्यवहार थोड़ा अजीब हो गया था. वह मुझसे हर छोटी छोटी बात पर झगड़ा करने लगी थी. मुझे मालूम है कि इंसान को अपनी गलती कभी नहीं दिखती लेकिन वही झगड़ों में सच में मेरी कोई गलती नहीं थी. अब भला दूध वाला देरी से दूध पहुंचाए तो इसमें मेरी क्या गलती ? कई बार तो मुझे ऐसा लगता जैसे वह जानबूझकर यह सब कर रही थी. जानबूझकर मुझे से झगड़ रही थी.

CHAPTER-2: The Affair

मैं आज भी कोसता हूं उस दिन को जब यह सब शुरू हुआ था. मैं कुछ महीने पहले अपने एक पुराने दोस्त देवेंद्र की शादी की सालगिरह में मधुलिका के साथ गया था. वही मधुलिका की मुलाकात देवेंद्र से हुई थी और जब सालगिरह का जश्न खत्म हुआ, तो मैं वापस अपने घर जाने की तैयारी करने लगा. लेकिन तभी देवेंद्र ने मुझे थोड़ी देर और रुकने के लिए कहा और मैं मान गया. मैं, मधुलिका, देवेंद्र और देवेंद्र की पत्नी लावन्या.... स्विमिंग पूल के पास बैठे हुए हंसी मजाक कर रहे थे और उसी समय जब मेरी बीयर खत्म हुई तो मैंने देवेंद्र को इशारा किया कि वह और बीयर लाए...

" कितना पीता है बे...सब खत्म कर दिया"

" मुफ्त की जो है.. जा जल्दी से दूसरी लेकर आ.. "खाली हो चुकी बीयर की बोतल को स्विमिंग पूल में फेंक कर मैंने कहा...

"और भाभी, सब बढ़िया.... ये बकलोल, आपको ज्यादा परेशान तो नहीं करता"

जिसके बाद लावन्या हंसने लगी थी. मैंने उस रात और भी बहुत फिजूल की बातें करके सबका दिल बहलाया और जब वहां रखी बियर की आखिरी बोतल, आखरी बूंद भी खत्म हो गई तो मैं वहां से उठा... और बिना कुछ बोले उठ कर सीधे अंदर जाने लगा...

" कहां जा रहा है बेवड़े..."

" मुझे मालूम था कि ऐसा कुछ होगा... मुझे मालूम था कि तू कंजूसी करेगा... इसीलिए थोड़ा माल मैं अपने कार में लेकर आया हूं.. तुम सब रुको मैं आता हूं..."

" देवेंद्र, मैं सोने जा रही हूं...." मैं अभी वहां से चलकर थोड़ी दूर ही आया था कि मुझे लावन्या की आवाज सुनाई दी


कार के डिग्गी से ब्लैक डॉग का एक बंपर निकाल कर मैं वापस मुड़ा ही था कि... लावन्या मुझे ठीक मेरे सामने खड़ी हुई दिखाई दी. जिसे देखकर मैं मुस्कुराया... क्योंकि हम दोनों के बीच एक ऐसा रिश्ता पनप चुका था, जो समाज की नजर में, मेरे दोस्त की नजर में, मेरी बीवी की नजर में, यहां तक कि मेरी नजर में भी गलत था.. लेकिन फिर भी मुझे यह अच्छा लगता था और यही चीज मेरे लिए मायने रखती थी... बाकी सही गलत का फैसला मैंने किस्मत पर छोड़ दिया था.

"जब कोई औरत ज्यादा मुस्कुराए, तो उस पर भरोसा नहीं करना चाहिए.... लड़खड़ाते हुए लावण्या के पास जाकर मैंने कहा... कहीं आपका कोई गलत इरादा तो नहीं, मैम.. मैं शादीशुदा हूं...."

"शादीशुदा तो मैं भी हूं..." मेरे करीब आकर लावन्या बोली. लावन्या मेरे करीब आते हुए इतने करीब आ गई कि उसका सीना मेरे सीने से इस पर सोने लगा था.. हम दोनों बहुत देर तक एक दूसरे को देखते रहे और फिर मैंने अपने पैंट के ऊपर लावन्या का हाथ महसूस किया...

Chapter-3: The Investigation

मधुलिका के गुमशुदा होने की रिपोर्ट दर्ज कराने के 4 दिन बाद मैं आज फिर पुलिस स्टेशन में था और मुझे पुलिस स्टेशन में देखते ही माधुरे बोल पड़ा...

" अच्छा हुआ आप आ गए, थोड़ा और देरी करते तो मैं राउंड पर निकल जाता... चाय पिएंगे..? अरे पिएंगे ही... द्विवेदी जी, दो कप चाय भेजना तो..."

" नहीं.. मैं नहीं पियूंगा.."

" अरे तो हम ही पी लेंगे 2 कप... कौनो नुकसान थोड़ी है.... "अपना दांत फाड़ते हुए इंस्पेक्टर माधुरे ने कहा.". जी हमें, मधुलिका जी की कॉल डिटेल चेक की है. इसमें एक नंबर पर बहुत बार कॉल किया गया है... शुरू में हमने सोचा कि वह आपका नंबर होगा.. लेकिन फिर जब नंबर की जांच पड़ताल किया तो वह आपके दोस्त देवेंद्र का था..."

" शायद, लावन्या की वजह से... दोनों दोस्त थी..."

" कमाल है करन साहब... लावन्या तो पिछले 1 महीने से देवेंद्र के साथ नहीं रह रही है... वह दोनों अब अलग-अलग रहते हैं, फिर मधुलिका जी ने बार-बार देवेंद्र को कॉल क्यों किया ? चलो, मान लेते हैं कि एक दो बार जब लावन्या जी का फोन नहीं लगा होगा तब उन्होंने देवेंद्र जी का नंबर मिला दिया होगा गलती से.. लेकिन इतनी गलती...? अब मेरा एक सवाल है... क्या आपको अपनी पत्नी और आपके दोस्त के बीच में क्या चल रहा था.. इसके बारे में कुछ पता था ? या कुछ पता है ? "

"यह आप क्या बात कर रहे हैं... मधु को आपने समझ क्या रखा है.. वह मेरी पत्नी है और... "गुस्से से कांपते हुए मैं चीखा

" कंट्रोल.. करन जी.. हम शांत हैं इसका मतलब यह नहीं कि शांत ही रहेंगे. द्विवेदी जी.. साहब के लिए एक और चाय मंगाओ... " मेरे कंधे पर हाथ रखते हुए इंस्पेक्टर माधुरे बोला
"मुझे नहीं पीनी कोई चाय..."

"अरे हम पी लेंगे... द्विवेदी जी, एक कप का आर्डर फिर मारो तो.. वह क्या है कि चाय पीने में कौनो नुकसान थोड़ी है... तो कहां थे हम.. हां ! क्या आपको मालूम था कि मधुलिका जी और देवेंद्र जी का अवैध संबंध था... और अबकी बार ठंडे दिमाग से जवाब दीजिएगा.. वरना कहीं हम गर्म हो गए तो... खैर कोई बात नहीं.. मुझे यकीन है कि हम जवाब देंगे"

" नहीं.. मुझे कोई जानकारी नहीं थी, और ना ही ऐसा कुछ उन दोनों के बीच था..."

" हमने मधुलिका जी के मोबाइल में, कॉल रिकॉर्डिंग चेक की..., जिससे पता चला कि आपके वाइफ का आपके करीबी मित्र देवेंद्र के साथ अवैध संबंध था. देवेंद्र अक्षर मधुलिका जी के मोबाइल में कॉल किया करता था. पर एक बार उसने आपके घर के टेलीफोन में भी कॉल किया था. पर आप उस वक्त अपने ऑफिस में थे.... " बोलते हुए माधुरी अचानक चुप हो गया और बाहर बैठे हवलदार को आवाज देकर कहा कि वह कॉल रिकॉर्डिंग वाले सारे टेप लेकर आए


मैंने मधु और देवेंद्र के बीच हुई बातचीत कि कई रिकॉर्डिंग सुनी.. जिससे यह साफ हो गया कि मधुलिका और देवेंद्र के बीच अफेयर था और देवेंद्र, मधुलिका को ब्लैकमेल कर रहा था की या तो वह उसे दो करोड़ रुपए दे या फिर मुझे छोड़ दे उसके पास आ जाए.. माधुरे ने मुझे मधुलिका और देवेंद्र के बीच हुई बातचीत की आखिरी टेप भी सुनाया.. जिसमें मधुलिका, देवेंद्र से कहती है कि वह पहले देवेंद्र के घर जाएगी और फिर वहां से दोनों बैंक जाएंगे.. पुलिस स्टेशन में वह सभी रिकॉर्डिंग सुन कर मेरा दिल बैठ गया और रह रह कर मुझे मधुलिका से हुई मेरी झड़प याद आ रही थी.

"मैं देवेंद्र को छोडूंगा नहीं.... "रिकॉर्डिंग सुनने के बाद मैं गुस्से से काँप उठा

" देवेंद्र को मारने का मन कर रहा है ना, मेरा भी किया था. दरअसल, मैं तो उसके घर भी गया था... लेकिन फिर मुझे पता चला कि देवेंद्र तो खुद 17 सितंबर से लापता है..."

"देवेंद्र भी लापता है....? " मैं चौका...

"देवेंद्र भी उसी दिन से गायब है जिस दिन से आपकी पत्नी... है ना मजेदार.. मेरा मतलब आप समझ गए होंगे कि मैं क्या कहना चाह रहा हूं... आपकी पत्नी यानी की मधुलिका जी, उस दिन प्लान के मुताबिक देवेंद्र के यहां गई थी... लेकिन फिर उसके बाद दोनों मानो छूमंतर हो गए... ना तो वह दोनों बैंक गए और ना ही उन दोनों को उसके बाद किसी ने देखा... वैसे देवेंद्र से आपकी आखरी बार बात कब हुई थी...?"

"ठीक से याद नहीं पर शायद 10-12 दिन पहले मेरी उससे बात हुई थी... वह मुझ से उधार मांग रहा था पर मैंने उसे मना कर दिया.. जिसके बाद हम दोनों की बहस भी हुई थी..."

" कैसे दोस्त हो आप, करन साहब... अपने दोस्त की मदद नहीं की... यदि आप मदद कर देते तो फिर वह मधुलिका जी को परेशान नहीं करता और आज आपकी पत्नी आपके साथ होती. पर क्या मैं जान सकता हूं कि देवेंद्र ने कितने पैसे मांगे थे और आपने क्यों मना कर दिया... क्योंकि, दोस्तों को जरूरत के वक्त धोखा देने वाले इंसान तो नहीं लगते आप..."

" देवेंद्र मुझसे 50 लाख मांग रहा था. उसने मुझसे कहा कि अबकी बार शेयर मार्केट उसका है और बदले में वह मुझे 60 लाख रिटर्न करेगा..."

" फिर तो आपको दे देना चाहिए था.."

" यही बोल कर देवेंद्र पहले भी मुझसे ₹30 लाख ले चुका था... तो फिर मैं उसे और 50 लाख कैसे दे सकता था. यह जानते हुए भी कि वह वापस नहीं कर पाएगा.. बस इसीलिए मैंने उस दिन उसे मना कर दिया"

" बस इसीलिए...." अपनी आंखें छोटी करके मुझे घूरते हुए माधुरे माधुरे ने कहा.... "खैर अब आप जा सकते हैं.. या फिर कहे तो.. एक एक कप चाय हो जाए.. वो क्या है कि चाय पीने में कौनो नुकसान थोड़ी है..."


Chapter-4:THE THIEF

कॉल रिकॉर्डिंग से यह बात साफ हो गई थी कि मधुलिका और देवेंद्र के बीच नाजायज संबंध थे और यही जवाब काफी है उन सारे सवालों के लिए जो मैं मधुलिका से पूछना चाहता था.. जबसे मधुलिका मेरी जिंदगी से गई है तब से मेरा दिमाग मुझे हर वक्त यही कहता रहता है कि मुझे उस दिन देवेंद्र की शादी की सालगिरह पर नहीं जाना चाहिए था. लेकिन मधुलिका तो उस दिन पूरे समय मेरे साथ थी. फिर उसका टाका देवेंद्र से कैसे भिड़ा ? क्योंकि वह दोनों तो उस दिन से पहले दूसरे को जानते तक नहीं थे... याद आया, जब मैं कार से शराब लेने आया था.. तब लावण्या के कारण मुझे बहुत देर हो गई थी और जब मैं वापस आया तो.. देवेंद्र और मधु स्विमिंग पूल के पास नहीं थे. मैं शराब के नशे में बहुत धुत था, जिसकी वजह से मैं मनी सेविंग पुल के पास रखें लौंजर चेयर मैं थोड़ी देर के लिए लेट गया था... जिसके बाद मधुलिका नहीं मुझे उठाया...

" वूह... मैं सो गया था शायद... तुम दोनों कहां थे"

"पहले यह बता कि तू कहां था इतनी देर"

" कार का ट्रंक नहीं खुल रहा था..."

"और मैं मधुलिका भाभी को अपना घर दिखा रहा था..."

"अच्छा घर है तेरा... पर वह जो बेसमेंट है. वह दाग की तरह है.. उसे साफ क्यों नहीं करवाता तू.. ना जाने कितने जन्म से बंद पड़ा है... अबे बस कर, पागल है क्या.. इतना हार्ड पेग... थोड़ा और पानी डाल..."

उस दिन यदि मै देवेंद्र के घर नहीं गया होता तो शायद आज मधुलिका मेरे पास होती, क्योंकि यदि मैं ऐसा करता तो ना तो मधुलिका और देवेंद्र के पीछे अफेयर होता और ना ही देवेंद्र, मधुलिका को पैसों के लिए ब्लैकमेल करता और ना ही मधुलिका गायब होती और ना ही मधुलिका के गायब होने के 3 हफ्ते बाद मैं एक बार फिर से पुलिस स्टेशन में होता.. और ना ही इंस्पेक्टर माधुरे एक बार फिर मुझे चाय पीने का प्रस्ताव दे रहा होता....

"चाय लीजिएगा क्या करन साहब....? "मुझे चाय पीने का प्रस्ताव देते हुए माधुरे ने कहा, जिसे मैंने तुरंत खारिज कर दिया

"नहीं, मैंने अब चाय पीना बंद कर दिया है..."

"अरे वाह... स्वास्थ्य जागरूकता... लेकिन चाय पीने में कोनो नुकसान थोड़ी ही है... क्यों द्विवेदी जी..."

" हां साहब... कौनो नुकसान नहीं"

"आपने मुझे यहां क्यों बुलाया है... "सीधे पॉइंट पर आते हुए मैंने पूछा

" एक बंदा हमारे हाथ लगा है, लेकिन मैं उसे आपको मिलवाऊ.. उसके पहले जरा चाय शाय हो जाए.. आधे घंटे हो गए, मुझे चाय पिए हुए.. द्विवेदी जी, एक कप चाय भिजवाना तो..."

माधुरे पूरे 5 मिनट तक चाय की चुस्कियां मारते हुए मुझे उकसाता रहा और फिर कप नीचे रखकर रुमाल से अपना मुंह साफ करने के बाद मुझसे बोला

"भाई मजा आ गया... करन जी, एक फिल्म आई थी एक डेढ़ साल पहले.. उसका नाम था..गुड्डू की गन.. मतलब क्या कमाल कि गन थी उस गुड्डू के पास. उसी तरह अपने गुड्डू की चाय है, साला क्या बनाता है... कितना भी पियो मन ही नहीं भरता... खैर छोड़िए.. आप भी किन बातों में पड़ जाते हो.. मेरे साथ चलिए..."


माधुरे ने अंदर एक लॉकअप में 25-26 साल के एक लड़के को बंद करके रखा हुआ था जिसे दो तीन पुलिसवाले बुरी तरह पीट रहे थे. माधुरे न्यून पुलिस वालों को रोकने के लिए कहा और फिर अंदर जाकर उस लड़के के सर का बाल पकड़कर बोला..

"करन साहब... इनका नाम है पुदुर... है ना चुतिया नाम. पर यह अपने नाम से भी ज्यादा चुतिया है... इन महाशय को चोरी करने में बहुत मजा आता है.... बाल पकड़कर उसे ऊपर उठाते हुए माधुरे बोला... साले ने पूरे एरिया में आतंक मचा रखा है जब देखो तब किसी का मोबाइल पेल देता है तो किसी का पर्स...."

" मधुलिका का इससे... इस पुदुर.. जो भी इसका नाम है... इससे क्या लेना देना...?"

" लेना देना है ना... हम लोग मधुलिका जी का मोबाइल, IMEI नंबर शुरू से ट्रेस कर रहे थे. शुरु शुरु में तो हमें कोई सफलता नहीं मिलेगी लेकिन कुछ दिन पहले मधुलिका जी के मोबाइल को किसी दूसरी सिम से ऑन किया गया और तब जाकर यह पुदुर हमारे हाथ लगा..."

"मधुलिका का मोबाइल इसके पास मिला है ?"

" और नहीं तो क्या... और मजे की बात यह है कि यह हरामखोर देवेंद्र सक्सेना का नौकर है..." पुदुर को एक थप्पड़ मारते हुए माधुरे ने कहा. माधुरे के एक थप्पड़ में इतना दम था कि पुदुर वही नीचे जमीन पर लोट गया और माधुरे का पैर पकड़ कर रोने लगा.. लेकिन माधुरे नहीं रुका और उसे कुत्तों की तरह पीटने लगा...

" साला, मादर***.. हरामखोर... बोलता है कि मोबाइल गिरा हुआ पाया था... हरामी कही का.. द्विवेदी जी, पानी से नहलाओ इसे और मेरा डंडा दो मुझे, अभी इससे सच उगलवाता हु...."

मैं वहां से बाहर आ गया लेकिन उस लड़की की चीज मुझे लगातार सुनाई दे रही थी वह ठीक है मुझे बहुत देर तक सुनाई देती नहीं और फिर जब वह चीखे शांत हुई तो पसीने से तरबतर अपना माथा पूछते हुए माधुरे बाहर मेरी तरफ आया....

"साला चोर कहीं का... मेरे बगल में बैठकर माधुरे बड़बडाया"

"मधुलिका के बारे में कुछ पता चला.."

"बोलता है कि इसे यह मोबाइल देवेंद्र ने दिया था... और बोला था कि मोहित एक ही ठिकाने लगा दे. लेकिन इस चूतिये ने मोबाइल की सिम तो फेंक दी लेकिन कुछ हफ्तों बाद नई सिम से मोबाइल ऑन कर लिया... पुलिस वालों को चुतिया समझ रखा है, इन सड़क छाप चोरों ने..". बोलते हुए माधुरे रुका.. और लंबी लंबी सांस लेने लगा और थोड़ी देर सुस्ताने के बाद वापस बोलना शुरू किया...

"देवेंद्र ने इसे मोबाइल के साथ ₹30000 भी दिए थे और इससे कहा था कि उसने यहां जो कुछ भी देखा है वह किसी को ना बताएं..."

" जो देखा है मतलब..? क्या देखा है ? उसने वहां.. क्या देखा था..? " किसी अनहोनी की आशंका से घबराते हुए मैंने माधुरे से पूछा..

" यह बोलता है कि जब वह दोपहर में देवेंद्र के यहां काम करने गया तो देवेंद्र अपने घर के पिछले वाले से ही सफाई कर रहा था.. और पूरे फ्लोर में खून था. देवेंद्र उसे देखकर शुरू में तो घबरा गया लेकिन फिर उसने मामला संभाला और पुदुर को मधुलिका जी के मोबाइल के साथ ₹30000 दिए. आप साथ चलो, देवेंद्र के घर की तलाशी लेनी है.. पर उसके पहले एक चाय.. गुड्डू की चाय... द्विवेदी जी, ऑर्डर पेलो तो एक चाय का...."


Chapter-5: The Basement

पुलिस की एक पूरी टीम माधुरी के साथ देवेंद्र के बंगले पर पहुंची और उनके पीछे पीछे मैं भी कार से वहां पहुंचा मदुरै ने मार खा खा कर अधमरे हो चुके पुदुर का बाल पकड़ कर पुलिस जीप से उतारा और उसे उस जगह चलने के लिए कहा जहां बेसमेंट था. इंस्पेक्टर ने लावन्या को भी इन्फॉर्म कर दिया था और वह भी वहां पहुंच गई थी. पुदुर लंगड़ाते हुए, स्विमिंग पूल से होते हुए उस कमरे में पहुंचा जहां नीचे बेसमेंट बना हुआ था. बेसमेंट के दरवाजे पर कोई ताला नहीं लगा था और ना ही वह बाहर से बंद था.. वह तो सिर्फ ढका हुआ था और जैसे ही पुलिस वालों ने बेसमेंट का दरवाजा खोला एक बहुत तेज दुर्गंध पूरे वातावरण में फैल गई. वह दुर्गंध इतनी भयानक थी कि लावन्या वही उल्टी करने लगी... जिसे फिर कुछ पुलिस वाले वहां से दूर ले गए. पुलिस वाले मास्क लगाकर आगे बढ़े. इतनी तेज बदबू के कारण मेरी हिम्मत नहीं हुई कि मैं अंदर जाऊं और वैसे भी मुझे अब अंदाजा हो चला था कि अंदर क्या होगा और किस हालत में होगा.. इसलिए मैं आप ऊपर ही रहा और ऊपर ही रहता यदि मुझे माधुरे मैं नीचे आने के लिए ना कहा होता तो....


मैं अपने मुंह और नाक को रुमाल से ढक कर धीरे-धीरे सीढ़ियों के रास्ते बेसमेंट के अंदर गया वह बेसमेंट जितना बुरा था वहां का दृश्य उससे भी ज्यादा बुरा था. जमीन पर एक कोने में एक औरत की लाश थी. जिसके कपड़े मधुलिका के कपड़े जैसे थे... और उसके पास में उसका पर्स खुला हुआ पड़ा था... जिससे स्टेट बैंक की चेक बुक मुझे साफ दिख रही थी. मैं धीरे-धीरे उसकी तरफ बढ़ा, मधुलिका की गोरी त्वचा पूरी तरह नीली.. अबे कहीं की काली पड़ चुकी थी. उसका मुंह हल्का खुला हुआ था और सर पर बहुत भयानक निशान थे.. जैसे किसी ने बहुत भारी चीज से उसके सर पर हमला किया हो और मैं जानता था कि यह किसने किया है. मधुलिका की यह हालत देखकर मैं वही उसके पास बेजुबान सा होकर बैठ गया

"दूसरी बॉडी ऊपर से उतारो... और एंबुलेंस को कॉल करो"
और साथ मेरी आस पास कोई चाय की दुकान हो तो उसे चाय लेकर आने के लिए कहो... इंस्पेक्टर माधुरे के यह सब मेरे कानों में पड़े लेकिन मेरा दिमाग जो सुन पाया.. जो समझ पाया, वह था...

" दूसरी बॉडी...?"

मैं पीछे पलटा और बेसमेंट के दूसरे हिस्से की तरफ देखा.. जहां माधुरे मास्क लगाए दो हवलदार के साथ खड़ा था. मैंने देखा कि वहां बेसमेंट की छत में लगे एक हुक से देवेंद्र की बॉडी लटकी हुई थी. और उसका पूरा शरीर भी मधुलिका के शरीर की तरह नीला पड़ चुका था. यहां तक कि उसके दांतो के बीच फंसी उसकी जीभ भी.

दोनों डेड बॉडी को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया. मैं और लावन्या बाहर गार्डन में खड़े होकर उसे एंबुलेंस को चाहता हुआ देख रहे थे कि तभी माधुरे हमारे पास आया और मुझसे बोला...

"करन साहब, आपके पुणे जाने के बाद मधुलिका जी, देवेंद्र जी के पास आई होंगी. उनके पास में आप दोनों के ज्वाइंट अकाउंट का चेक बुक और पासबुक था. हनी कि वह दोनों यहां से बैंक जाने वाले थे. लेकिन फिर किसी बात को लेकर उनके बीच झड़प हुई होगी और देवेंद्र ने मधुलिका का खून कर दिया. उसने मधुलिका की बॉडी बेसमेंट में छुपाई और जहां पर मारपीट हुई थी वहां की सफाई करते वक्त पुदुर वहां आ पहुंचा. जिसे देवेंद्र ने आनन-फानन में मधुलिका का मोबाइल और ₹30000 देकर वहां से भेज दिया और फिर मधुलिका की बॉडी बेसमेंट में छुपाई और वही खुद को फांसी लगा ली... देवेंद्र की बॉडी में संघर्ष के फिलहाल तो कोई निशान नहीं मिले.. यानी इतने फांसी खुद लगाई थी. बाकी उनके किस बात पर बहस हुई और उनकी लड़ाई कैसे इतनी सीरियस हो गई यह शायद हमें कभी पता ना चले... मेरा तो यही मानना है, आपके दिल में कुछ और हो तो बोल दीजिए उसकी भी जांच कर लेंगे..."

"प्लीज, जाइए आप यहां से..."

"ओके, करन साहब... चलता हूं... द्विवेदी जी, वह चाय वाला कहां है.. अभी तक चाय व्हाय नहीं लाया"

THE KILLER

पोस्टमार्टम रिपोर्ट में यह आया कि मधुलिका और देवेंद्र ने शराब पी रखी थी जिसके बाद इंस्पेक्टर माधुरे की मधुलिका और देवेंद्र के बीच हुई लड़ाई वाली परिकल्पना एकदम फिट बैठ गई की बैंक जाने से पहले दोनों ने शराब पी और फिर किसी बात पर दोनों की बहस ने सीरियस मोड़ ले लिया, जिसका नतीजा मधुलिका के मर्डर और देवेंद्र के सुसाइड के रूप में सामने आया. पर मेरी मानो तो.. इंस्पेक्टर माधुरे कि यह थ्योरी गलत थी और मैं ऐसा कह सकता हूं क्योंकि मेरे पास एक दूसरी थ्योरी है और जो सच भी है....

THE BLACK SWAN THEORY (Combination of unexpected events, impact and explainable ending)

मुझे मधुलिका और देवेंद्र के अफेयर के बारे में मालूम चला, मेरे घर के टेलीफोन में दोनों के बीच हुई बातचीत से.. यूं तो वह दोनों आपस में बात कर रहे थे और जब वो दोनों बात कर रहे थे तब मैं घर में रहता भी नहीं था पर उन दोनों को यह नहीं पता था कि मेरे घर के टेलीफोन से होने वाली हर बातचीत में रिकॉर्ड करता हूं...

एसबीआई बैंक का ब्रांच मैनेजर या फिर कहेगी मेरा बहुत अच्छा दोस्त.. अजय.. जो की शुरुआत में मेरे कहने पर मेरे घर मधुलिका को ढूंढने गया था.. उसने मुझे वह तारीख बताई, जिस दिन मधुलिका बैंक से पैसे निकालने वाली थी और मैंने उसी दिन दोपहर 1:00 बजे पुणे के लिए फ्लाइट बुक की. लेकिन मैं घर से 10:00 बजे ही निकल गया और देवेंद्र के घर पहुंचा.

बेशुमार कर्ज में डूबा मेरा दोस्त देवेंद्र, जिसे मैंने 50 लाख देने का वादा किया और फिर उसे बेहिसाब शराब पिलाया. जिसके बाद मुझे उसे बेसमेंट में ले जाकर बेसमेंट की छत से लटकन में कोई खास दिक्कत नहीं हुई और फिर मैंने इंतजार किया अगले 1 घंटे तक अपनी जान से प्यारी बीवी का... जिसकी मैं जान लेने वाला था. मुझे अभी याद है की कैसे वह मुझे देवेंद्र के घर में देखकर वह बुरी तरह चौक गई थी. उसने वहां से भागने की भी कोशिश की... लेकिन मैंने उसे पकड़कर शराब की बोतल जबरदस्ती उसके मुंह मे ठेली और फिर उसका सर फ्लोर से पटक पटक कर उसे मार दिया....

लालच और गरीबी से मार खाया हुआ देवेंद्र का नौकर, पुदुर... जो उस वक्त वहां आ जाता है जब मैं फ्लोर से मधुलिका का खून साफ कर रहा होता हूं. उसे नाराज देना 20 लाख का, जिसके बदले में उसे सिर्फ दो-तीन साल जेल की हवा खानी थी... जो ना तो उसके लिए बुरा सौदा था और ना ही मेरे लिए. मैंने उसे वह कहानी बताई जो उसे पुलिस के सामने बतानी थी. और फिर सिम निकाल कर मधुलिका का मोबाइल उसे दे दिया, यह बोलकर कि वह इसे 3 हफ्ते बाद चालू करें. इसके बाद में 12:00 बजे तक एयरपोर्ट पहुंचा और फ्लाइट पकड़कर पुणे रवाना हो गया.. जहां से मैंने मधुलिका को दो-तीन कॉल किए और फिर 3 दिन बाद आकर पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कराई कि मेरी जान से प्यारी बीवी मधुलिका गुमशुदा है......
.
पर मेरी यह चालाकी, मेरी यह बेरहमी.. बात को बदल नहीं सकती कि मुझे मत लिखा कि मरने का बहुत अफसोस है. मैं उसे मारना नहीं चाहता था. पर मैं उसे खोना भी नहीं चाहता था और ना ही डिवोर्स के बाद जी जान से कमाए हुए अपने रुपयों को. यह सब कुछ THE BLACK SWAN THEORY के अंदर हुआ था. जिसमें मधुलिका का गुम हो जाना, outside expectation था. पुदुर का पकड़े जाना और उसकी झूठी कहानी ने इसे powerful impact दीया और फिर बेसमेंट के दृश्य ने इसे unexpected but explainable ending के साथ खत्म कर दिया था.

मैंने अपना मोबाइल उठाया और लावन्या को आज रात डिनर के लिए बुलाया. जिसे लावन्या ने स्वीकार कर लिया. हम वह आखिरी ऐसी शख्स थी. जो मुझे परेशानी में डाल सकती थी. आज रात को डिनर के बाद लावन्या डार्लिंग को भी सही से ठिकाने लगाने वाला था...
romanchak kahani ...
karan ko pata lag gaya tha apne biwi ke affair ka ..
aur usne bahut planning ke saath devendra aur madhulika ko khatm kar diya ..
pudur ka sahi istemaal kiya ...
par kya karan lavanya se pyar nahi karta tha jo ab usko bhi raste se hatanewala hai ...
aur ye madhulika apne pati ke hote huye devendra ke saath pyar kar rahi thi iska koi reason to hoga na 🤔🤔..
aur kya maadure ne itni aasani se case ko close kar diya uski baato se laga ki uska shak karan ke upar hai ..

karan ne ek best plan banake dono ko upar pahucha diya ...
agar lavanya ko bhi thikane lagane ki soch raha hai to kya pudur aage jaake mooh nahi khol sakta ..usko bhi maar dena chahiye ..
 
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romanchak kahani ...
karan ko pata lag gaya tha apne biwi ke affair ka ..
aur usne bahut planning ke saath devendra aur madhulika ko khatm kar diya ..
pudur ka sahi istemaal kiya ...
par kya karan lavanya se pyar nahi karta tha jo ab usko bhi raste se hatanewala hai ...
aur ye madhulika apne pati ke hote huye devendra ke saath pyar kar rahi thi iska koi reason to hoga na 🤔🤔..
aur kya maadure ne itni aasani se case ko close kar diya uski baato se laga ki uska shak karan ke upar hai ..

karan ne ek best plan banake dono ko upar pahucha diya ...
agar lavanya ko bhi thikane lagane ki soch raha hai to kya pudur aage jaake mooh nahi khol sakta ..usko bhi maar dena chahiye ..
Jab jail se aayega toh uska bhi khel khatam
 

HalfbludPrince

मैं बादल हूं आवारा
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Hahaha ... Hahahaha ... Wapas dekhkar achha laga... :hug:...

Hilerious and 100% true... Baki abhi aur baki hain under pipe line honge
Meri hamesha kosish rahi hai ki story ke bare me sacchi feeling likhu
 

Adirshi

Royal कारभार 👑
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Title: The Theory

Chapter-1: Missing


" रविवार को यानी कि 17 सितंबर को मैं, Black Swan theory पर सेमिनार के सिलसिले में पुणे के लिए रवाना हुआ, तब मधुलिका घर पर थी. पुणे पहुंचकर जब मैंने मधुलिका को कॉल किया तो उसका मोबाइल स्विच ऑफ था. उस वक़्त तो मैने इस पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया और सेमिनार अटेंड करने के लिए निकल गया और सेमिनार खत्म होने के बाद मधुलिका को दोबारा कॉल किया लेकिन मधुलिका का मोबाइल तब भी स्विच ऑफ ही था. इसलिए मैंने सोचा कि मधुलिका जरूर अपने किसी फ्रेंड के साथ पार्टी कर रही होगी या फिर कहीं घूमने गई होगी

" आपको कैसे पता कि मैं अपने किसी दोस्त के यहां होगी... मेरा मतलब.. आप तो पुणे में थे....फिर आपको कैसे.. "मुझे बीच में ही रोक कर इंस्पेक्टर माधुरे ने पूछा..

"मैं उसका हस्बैंड हूं, इंस्पेक्टर.और उसकी आदत है कि वह जब भी किसी पार्टी या फंक्शन में होती है तो अपना मोबाइल बंद कर लेती है"

"और वह ऐसा क्यों करती है ?"

"मधुलिका को उस दौरान कोई डिस्टर्ब करें,यह उसे पसंद नहीं... लेकिन अक्सर वह ऐसा करने से पहले मुझे बता देती थी.." अपने सर पर हाथ फेर कर मैंने माधुरे से कहा

"लीजिए करन साहब, चाय पीजिए... "चाय का कप मेरी तरफ बढ़ाते हुए माधुरे बोला.... "फिर आगे आपने क्या किया, जब मधुलिका का फोन बंद ही रहा तो...?"

"फिर मैंने उसके अगले दिन कॉल किया, यह सोचकर कि शायद वह मुझे बताना भूल गई हो... लेकिन मधुलिका का मोबाइल दूसरे दिन भी....."

" स्विच ऑफ था... "चाय की चुस्कियां लेते हुए माधुरे ने मेरी बात पूरी की.... "खैर, कंटिन्यू कीजिए"

"जब अगले दिन भी मधुलिका का मोबाइल स्विच ऑफ आ रहा तो मैंने अपने कुछ दोस्तों को कॉल किया जिनके यहां मधुलिका अक्सर जाया करती थी. पर उनमें से किसी को भी मधुलिका के बारे में कुछ नहीं मालूम था और तब मैंने मधुलिका के मम्मी पापा से बात की.... पर मधुलिका वहां भी नहीं थी और ना ही उन्हें उसके बारे में कुछ पता था. मैंने अपने एक दोस्त अजय को मेरे घर जाने के लिए कहा जिसके थोड़ी देर बाद अजय ने मुझे बताया कि मेरे घर पर तो ताला लगा हुआ है."

" मुझे उन सभी लोगों के नंबर और एड्रेस दीजिए, जिनसे मिलने मधुलिका जी जाया करती थी... "चाय का खाली कप टेबल पर सरकाते हुए माधुरे बोला...

मैंने इंस्पेक्टर को मधुलिका के सभी दोस्तों की जानकारी दी और पुलिस स्टेशन से बाहर आ गया.

मधुलिका से मेरी शादी को 2 साल हो चुके थे और यदि पिछले कुछ महीनों को छोड़ दिया जाए तो हम दोनों ही बहुत खुशी जीवन बिता रहे थे. पर पिछले कुछ दिनों से मधुलिका का व्यवहार थोड़ा अजीब हो गया था. वह मुझसे हर छोटी छोटी बात पर झगड़ा करने लगी थी. मुझे मालूम है कि इंसान को अपनी गलती कभी नहीं दिखती लेकिन वही झगड़ों में सच में मेरी कोई गलती नहीं थी. अब भला दूध वाला देरी से दूध पहुंचाए तो इसमें मेरी क्या गलती ? कई बार तो मुझे ऐसा लगता जैसे वह जानबूझकर यह सब कर रही थी. जानबूझकर मुझे से झगड़ रही थी.

CHAPTER-2: The Affair

मैं आज भी कोसता हूं उस दिन को जब यह सब शुरू हुआ था. मैं कुछ महीने पहले अपने एक पुराने दोस्त देवेंद्र की शादी की सालगिरह में मधुलिका के साथ गया था. वही मधुलिका की मुलाकात देवेंद्र से हुई थी और जब सालगिरह का जश्न खत्म हुआ, तो मैं वापस अपने घर जाने की तैयारी करने लगा. लेकिन तभी देवेंद्र ने मुझे थोड़ी देर और रुकने के लिए कहा और मैं मान गया. मैं, मधुलिका, देवेंद्र और देवेंद्र की पत्नी लावन्या.... स्विमिंग पूल के पास बैठे हुए हंसी मजाक कर रहे थे और उसी समय जब मेरी बीयर खत्म हुई तो मैंने देवेंद्र को इशारा किया कि वह और बीयर लाए...

" कितना पीता है बे...सब खत्म कर दिया"

" मुफ्त की जो है.. जा जल्दी से दूसरी लेकर आ.. "खाली हो चुकी बीयर की बोतल को स्विमिंग पूल में फेंक कर मैंने कहा...

"और भाभी, सब बढ़िया.... ये बकलोल, आपको ज्यादा परेशान तो नहीं करता"

जिसके बाद लावन्या हंसने लगी थी. मैंने उस रात और भी बहुत फिजूल की बातें करके सबका दिल बहलाया और जब वहां रखी बियर की आखिरी बोतल, आखरी बूंद भी खत्म हो गई तो मैं वहां से उठा... और बिना कुछ बोले उठ कर सीधे अंदर जाने लगा...

" कहां जा रहा है बेवड़े..."

" मुझे मालूम था कि ऐसा कुछ होगा... मुझे मालूम था कि तू कंजूसी करेगा... इसीलिए थोड़ा माल मैं अपने कार में लेकर आया हूं.. तुम सब रुको मैं आता हूं..."

" देवेंद्र, मैं सोने जा रही हूं...." मैं अभी वहां से चलकर थोड़ी दूर ही आया था कि मुझे लावन्या की आवाज सुनाई दी


कार के डिग्गी से ब्लैक डॉग का एक बंपर निकाल कर मैं वापस मुड़ा ही था कि... लावन्या मुझे ठीक मेरे सामने खड़ी हुई दिखाई दी. जिसे देखकर मैं मुस्कुराया... क्योंकि हम दोनों के बीच एक ऐसा रिश्ता पनप चुका था, जो समाज की नजर में, मेरे दोस्त की नजर में, मेरी बीवी की नजर में, यहां तक कि मेरी नजर में भी गलत था.. लेकिन फिर भी मुझे यह अच्छा लगता था और यही चीज मेरे लिए मायने रखती थी... बाकी सही गलत का फैसला मैंने किस्मत पर छोड़ दिया था.

"जब कोई औरत ज्यादा मुस्कुराए, तो उस पर भरोसा नहीं करना चाहिए.... लड़खड़ाते हुए लावण्या के पास जाकर मैंने कहा... कहीं आपका कोई गलत इरादा तो नहीं, मैम.. मैं शादीशुदा हूं...."

"शादीशुदा तो मैं भी हूं..." मेरे करीब आकर लावन्या बोली. लावन्या मेरे करीब आते हुए इतने करीब आ गई कि उसका सीना मेरे सीने से इस पर सोने लगा था.. हम दोनों बहुत देर तक एक दूसरे को देखते रहे और फिर मैंने अपने पैंट के ऊपर लावन्या का हाथ महसूस किया...

Chapter-3: The Investigation

मधुलिका के गुमशुदा होने की रिपोर्ट दर्ज कराने के 4 दिन बाद मैं आज फिर पुलिस स्टेशन में था और मुझे पुलिस स्टेशन में देखते ही माधुरे बोल पड़ा...

" अच्छा हुआ आप आ गए, थोड़ा और देरी करते तो मैं राउंड पर निकल जाता... चाय पिएंगे..? अरे पिएंगे ही... द्विवेदी जी, दो कप चाय भेजना तो..."

" नहीं.. मैं नहीं पियूंगा.."

" अरे तो हम ही पी लेंगे 2 कप... कौनो नुकसान थोड़ी है.... "अपना दांत फाड़ते हुए इंस्पेक्टर माधुरे ने कहा.". जी हमें, मधुलिका जी की कॉल डिटेल चेक की है. इसमें एक नंबर पर बहुत बार कॉल किया गया है... शुरू में हमने सोचा कि वह आपका नंबर होगा.. लेकिन फिर जब नंबर की जांच पड़ताल किया तो वह आपके दोस्त देवेंद्र का था..."

" शायद, लावन्या की वजह से... दोनों दोस्त थी..."

" कमाल है करन साहब... लावन्या तो पिछले 1 महीने से देवेंद्र के साथ नहीं रह रही है... वह दोनों अब अलग-अलग रहते हैं, फिर मधुलिका जी ने बार-बार देवेंद्र को कॉल क्यों किया ? चलो, मान लेते हैं कि एक दो बार जब लावन्या जी का फोन नहीं लगा होगा तब उन्होंने देवेंद्र जी का नंबर मिला दिया होगा गलती से.. लेकिन इतनी गलती...? अब मेरा एक सवाल है... क्या आपको अपनी पत्नी और आपके दोस्त के बीच में क्या चल रहा था.. इसके बारे में कुछ पता था ? या कुछ पता है ? "

"यह आप क्या बात कर रहे हैं... मधु को आपने समझ क्या रखा है.. वह मेरी पत्नी है और... "गुस्से से कांपते हुए मैं चीखा

" कंट्रोल.. करन जी.. हम शांत हैं इसका मतलब यह नहीं कि शांत ही रहेंगे. द्विवेदी जी.. साहब के लिए एक और चाय मंगाओ... " मेरे कंधे पर हाथ रखते हुए इंस्पेक्टर माधुरे बोला
"मुझे नहीं पीनी कोई चाय..."

"अरे हम पी लेंगे... द्विवेदी जी, एक कप का आर्डर फिर मारो तो.. वह क्या है कि चाय पीने में कौनो नुकसान थोड़ी है... तो कहां थे हम.. हां ! क्या आपको मालूम था कि मधुलिका जी और देवेंद्र जी का अवैध संबंध था... और अबकी बार ठंडे दिमाग से जवाब दीजिएगा.. वरना कहीं हम गर्म हो गए तो... खैर कोई बात नहीं.. मुझे यकीन है कि हम जवाब देंगे"

" नहीं.. मुझे कोई जानकारी नहीं थी, और ना ही ऐसा कुछ उन दोनों के बीच था..."

" हमने मधुलिका जी के मोबाइल में, कॉल रिकॉर्डिंग चेक की..., जिससे पता चला कि आपके वाइफ का आपके करीबी मित्र देवेंद्र के साथ अवैध संबंध था. देवेंद्र अक्षर मधुलिका जी के मोबाइल में कॉल किया करता था. पर एक बार उसने आपके घर के टेलीफोन में भी कॉल किया था. पर आप उस वक्त अपने ऑफिस में थे.... " बोलते हुए माधुरी अचानक चुप हो गया और बाहर बैठे हवलदार को आवाज देकर कहा कि वह कॉल रिकॉर्डिंग वाले सारे टेप लेकर आए


मैंने मधु और देवेंद्र के बीच हुई बातचीत कि कई रिकॉर्डिंग सुनी.. जिससे यह साफ हो गया कि मधुलिका और देवेंद्र के बीच अफेयर था और देवेंद्र, मधुलिका को ब्लैकमेल कर रहा था की या तो वह उसे दो करोड़ रुपए दे या फिर मुझे छोड़ दे उसके पास आ जाए.. माधुरे ने मुझे मधुलिका और देवेंद्र के बीच हुई बातचीत की आखिरी टेप भी सुनाया.. जिसमें मधुलिका, देवेंद्र से कहती है कि वह पहले देवेंद्र के घर जाएगी और फिर वहां से दोनों बैंक जाएंगे.. पुलिस स्टेशन में वह सभी रिकॉर्डिंग सुन कर मेरा दिल बैठ गया और रह रह कर मुझे मधुलिका से हुई मेरी झड़प याद आ रही थी.

"मैं देवेंद्र को छोडूंगा नहीं.... "रिकॉर्डिंग सुनने के बाद मैं गुस्से से काँप उठा

" देवेंद्र को मारने का मन कर रहा है ना, मेरा भी किया था. दरअसल, मैं तो उसके घर भी गया था... लेकिन फिर मुझे पता चला कि देवेंद्र तो खुद 17 सितंबर से लापता है..."

"देवेंद्र भी लापता है....? " मैं चौका...

"देवेंद्र भी उसी दिन से गायब है जिस दिन से आपकी पत्नी... है ना मजेदार.. मेरा मतलब आप समझ गए होंगे कि मैं क्या कहना चाह रहा हूं... आपकी पत्नी यानी की मधुलिका जी, उस दिन प्लान के मुताबिक देवेंद्र के यहां गई थी... लेकिन फिर उसके बाद दोनों मानो छूमंतर हो गए... ना तो वह दोनों बैंक गए और ना ही उन दोनों को उसके बाद किसी ने देखा... वैसे देवेंद्र से आपकी आखरी बार बात कब हुई थी...?"

"ठीक से याद नहीं पर शायद 10-12 दिन पहले मेरी उससे बात हुई थी... वह मुझ से उधार मांग रहा था पर मैंने उसे मना कर दिया.. जिसके बाद हम दोनों की बहस भी हुई थी..."

" कैसे दोस्त हो आप, करन साहब... अपने दोस्त की मदद नहीं की... यदि आप मदद कर देते तो फिर वह मधुलिका जी को परेशान नहीं करता और आज आपकी पत्नी आपके साथ होती. पर क्या मैं जान सकता हूं कि देवेंद्र ने कितने पैसे मांगे थे और आपने क्यों मना कर दिया... क्योंकि, दोस्तों को जरूरत के वक्त धोखा देने वाले इंसान तो नहीं लगते आप..."

" देवेंद्र मुझसे 50 लाख मांग रहा था. उसने मुझसे कहा कि अबकी बार शेयर मार्केट उसका है और बदले में वह मुझे 60 लाख रिटर्न करेगा..."

" फिर तो आपको दे देना चाहिए था.."

" यही बोल कर देवेंद्र पहले भी मुझसे ₹30 लाख ले चुका था... तो फिर मैं उसे और 50 लाख कैसे दे सकता था. यह जानते हुए भी कि वह वापस नहीं कर पाएगा.. बस इसीलिए मैंने उस दिन उसे मना कर दिया"

" बस इसीलिए...." अपनी आंखें छोटी करके मुझे घूरते हुए माधुरे माधुरे ने कहा.... "खैर अब आप जा सकते हैं.. या फिर कहे तो.. एक एक कप चाय हो जाए.. वो क्या है कि चाय पीने में कौनो नुकसान थोड़ी है..."


Chapter-4:THE THIEF

कॉल रिकॉर्डिंग से यह बात साफ हो गई थी कि मधुलिका और देवेंद्र के बीच नाजायज संबंध थे और यही जवाब काफी है उन सारे सवालों के लिए जो मैं मधुलिका से पूछना चाहता था.. जबसे मधुलिका मेरी जिंदगी से गई है तब से मेरा दिमाग मुझे हर वक्त यही कहता रहता है कि मुझे उस दिन देवेंद्र की शादी की सालगिरह पर नहीं जाना चाहिए था. लेकिन मधुलिका तो उस दिन पूरे समय मेरे साथ थी. फिर उसका टाका देवेंद्र से कैसे भिड़ा ? क्योंकि वह दोनों तो उस दिन से पहले दूसरे को जानते तक नहीं थे... याद आया, जब मैं कार से शराब लेने आया था.. तब लावण्या के कारण मुझे बहुत देर हो गई थी और जब मैं वापस आया तो.. देवेंद्र और मधु स्विमिंग पूल के पास नहीं थे. मैं शराब के नशे में बहुत धुत था, जिसकी वजह से मैं मनी सेविंग पुल के पास रखें लौंजर चेयर मैं थोड़ी देर के लिए लेट गया था... जिसके बाद मधुलिका नहीं मुझे उठाया...

" वूह... मैं सो गया था शायद... तुम दोनों कहां थे"

"पहले यह बता कि तू कहां था इतनी देर"

" कार का ट्रंक नहीं खुल रहा था..."

"और मैं मधुलिका भाभी को अपना घर दिखा रहा था..."

"अच्छा घर है तेरा... पर वह जो बेसमेंट है. वह दाग की तरह है.. उसे साफ क्यों नहीं करवाता तू.. ना जाने कितने जन्म से बंद पड़ा है... अबे बस कर, पागल है क्या.. इतना हार्ड पेग... थोड़ा और पानी डाल..."

उस दिन यदि मै देवेंद्र के घर नहीं गया होता तो शायद आज मधुलिका मेरे पास होती, क्योंकि यदि मैं ऐसा करता तो ना तो मधुलिका और देवेंद्र के पीछे अफेयर होता और ना ही देवेंद्र, मधुलिका को पैसों के लिए ब्लैकमेल करता और ना ही मधुलिका गायब होती और ना ही मधुलिका के गायब होने के 3 हफ्ते बाद मैं एक बार फिर से पुलिस स्टेशन में होता.. और ना ही इंस्पेक्टर माधुरे एक बार फिर मुझे चाय पीने का प्रस्ताव दे रहा होता....

"चाय लीजिएगा क्या करन साहब....? "मुझे चाय पीने का प्रस्ताव देते हुए माधुरे ने कहा, जिसे मैंने तुरंत खारिज कर दिया

"नहीं, मैंने अब चाय पीना बंद कर दिया है..."

"अरे वाह... स्वास्थ्य जागरूकता... लेकिन चाय पीने में कोनो नुकसान थोड़ी ही है... क्यों द्विवेदी जी..."

" हां साहब... कौनो नुकसान नहीं"

"आपने मुझे यहां क्यों बुलाया है... "सीधे पॉइंट पर आते हुए मैंने पूछा

" एक बंदा हमारे हाथ लगा है, लेकिन मैं उसे आपको मिलवाऊ.. उसके पहले जरा चाय शाय हो जाए.. आधे घंटे हो गए, मुझे चाय पिए हुए.. द्विवेदी जी, एक कप चाय भिजवाना तो..."

माधुरे पूरे 5 मिनट तक चाय की चुस्कियां मारते हुए मुझे उकसाता रहा और फिर कप नीचे रखकर रुमाल से अपना मुंह साफ करने के बाद मुझसे बोला

"भाई मजा आ गया... करन जी, एक फिल्म आई थी एक डेढ़ साल पहले.. उसका नाम था..गुड्डू की गन.. मतलब क्या कमाल कि गन थी उस गुड्डू के पास. उसी तरह अपने गुड्डू की चाय है, साला क्या बनाता है... कितना भी पियो मन ही नहीं भरता... खैर छोड़िए.. आप भी किन बातों में पड़ जाते हो.. मेरे साथ चलिए..."


माधुरे ने अंदर एक लॉकअप में 25-26 साल के एक लड़के को बंद करके रखा हुआ था जिसे दो तीन पुलिसवाले बुरी तरह पीट रहे थे. माधुरे न्यून पुलिस वालों को रोकने के लिए कहा और फिर अंदर जाकर उस लड़के के सर का बाल पकड़कर बोला..

"करन साहब... इनका नाम है पुदुर... है ना चुतिया नाम. पर यह अपने नाम से भी ज्यादा चुतिया है... इन महाशय को चोरी करने में बहुत मजा आता है.... बाल पकड़कर उसे ऊपर उठाते हुए माधुरे बोला... साले ने पूरे एरिया में आतंक मचा रखा है जब देखो तब किसी का मोबाइल पेल देता है तो किसी का पर्स...."

" मधुलिका का इससे... इस पुदुर.. जो भी इसका नाम है... इससे क्या लेना देना...?"

" लेना देना है ना... हम लोग मधुलिका जी का मोबाइल, IMEI नंबर शुरू से ट्रेस कर रहे थे. शुरु शुरु में तो हमें कोई सफलता नहीं मिलेगी लेकिन कुछ दिन पहले मधुलिका जी के मोबाइल को किसी दूसरी सिम से ऑन किया गया और तब जाकर यह पुदुर हमारे हाथ लगा..."

"मधुलिका का मोबाइल इसके पास मिला है ?"

" और नहीं तो क्या... और मजे की बात यह है कि यह हरामखोर देवेंद्र सक्सेना का नौकर है..." पुदुर को एक थप्पड़ मारते हुए माधुरे ने कहा. माधुरे के एक थप्पड़ में इतना दम था कि पुदुर वही नीचे जमीन पर लोट गया और माधुरे का पैर पकड़ कर रोने लगा.. लेकिन माधुरे नहीं रुका और उसे कुत्तों की तरह पीटने लगा...

" साला, मादर***.. हरामखोर... बोलता है कि मोबाइल गिरा हुआ पाया था... हरामी कही का.. द्विवेदी जी, पानी से नहलाओ इसे और मेरा डंडा दो मुझे, अभी इससे सच उगलवाता हु...."

मैं वहां से बाहर आ गया लेकिन उस लड़की की चीज मुझे लगातार सुनाई दे रही थी वह ठीक है मुझे बहुत देर तक सुनाई देती नहीं और फिर जब वह चीखे शांत हुई तो पसीने से तरबतर अपना माथा पूछते हुए माधुरे बाहर मेरी तरफ आया....

"साला चोर कहीं का... मेरे बगल में बैठकर माधुरे बड़बडाया"

"मधुलिका के बारे में कुछ पता चला.."

"बोलता है कि इसे यह मोबाइल देवेंद्र ने दिया था... और बोला था कि मोहित एक ही ठिकाने लगा दे. लेकिन इस चूतिये ने मोबाइल की सिम तो फेंक दी लेकिन कुछ हफ्तों बाद नई सिम से मोबाइल ऑन कर लिया... पुलिस वालों को चुतिया समझ रखा है, इन सड़क छाप चोरों ने..". बोलते हुए माधुरे रुका.. और लंबी लंबी सांस लेने लगा और थोड़ी देर सुस्ताने के बाद वापस बोलना शुरू किया...

"देवेंद्र ने इसे मोबाइल के साथ ₹30000 भी दिए थे और इससे कहा था कि उसने यहां जो कुछ भी देखा है वह किसी को ना बताएं..."

" जो देखा है मतलब..? क्या देखा है ? उसने वहां.. क्या देखा था..? " किसी अनहोनी की आशंका से घबराते हुए मैंने माधुरे से पूछा..

" यह बोलता है कि जब वह दोपहर में देवेंद्र के यहां काम करने गया तो देवेंद्र अपने घर के पिछले वाले से ही सफाई कर रहा था.. और पूरे फ्लोर में खून था. देवेंद्र उसे देखकर शुरू में तो घबरा गया लेकिन फिर उसने मामला संभाला और पुदुर को मधुलिका जी के मोबाइल के साथ ₹30000 दिए. आप साथ चलो, देवेंद्र के घर की तलाशी लेनी है.. पर उसके पहले एक चाय.. गुड्डू की चाय... द्विवेदी जी, ऑर्डर पेलो तो एक चाय का...."


Chapter-5: The Basement

पुलिस की एक पूरी टीम माधुरी के साथ देवेंद्र के बंगले पर पहुंची और उनके पीछे पीछे मैं भी कार से वहां पहुंचा मदुरै ने मार खा खा कर अधमरे हो चुके पुदुर का बाल पकड़ कर पुलिस जीप से उतारा और उसे उस जगह चलने के लिए कहा जहां बेसमेंट था. इंस्पेक्टर ने लावन्या को भी इन्फॉर्म कर दिया था और वह भी वहां पहुंच गई थी. पुदुर लंगड़ाते हुए, स्विमिंग पूल से होते हुए उस कमरे में पहुंचा जहां नीचे बेसमेंट बना हुआ था. बेसमेंट के दरवाजे पर कोई ताला नहीं लगा था और ना ही वह बाहर से बंद था.. वह तो सिर्फ ढका हुआ था और जैसे ही पुलिस वालों ने बेसमेंट का दरवाजा खोला एक बहुत तेज दुर्गंध पूरे वातावरण में फैल गई. वह दुर्गंध इतनी भयानक थी कि लावन्या वही उल्टी करने लगी... जिसे फिर कुछ पुलिस वाले वहां से दूर ले गए. पुलिस वाले मास्क लगाकर आगे बढ़े. इतनी तेज बदबू के कारण मेरी हिम्मत नहीं हुई कि मैं अंदर जाऊं और वैसे भी मुझे अब अंदाजा हो चला था कि अंदर क्या होगा और किस हालत में होगा.. इसलिए मैं आप ऊपर ही रहा और ऊपर ही रहता यदि मुझे माधुरे मैं नीचे आने के लिए ना कहा होता तो....


मैं अपने मुंह और नाक को रुमाल से ढक कर धीरे-धीरे सीढ़ियों के रास्ते बेसमेंट के अंदर गया वह बेसमेंट जितना बुरा था वहां का दृश्य उससे भी ज्यादा बुरा था. जमीन पर एक कोने में एक औरत की लाश थी. जिसके कपड़े मधुलिका के कपड़े जैसे थे... और उसके पास में उसका पर्स खुला हुआ पड़ा था... जिससे स्टेट बैंक की चेक बुक मुझे साफ दिख रही थी. मैं धीरे-धीरे उसकी तरफ बढ़ा, मधुलिका की गोरी त्वचा पूरी तरह नीली.. अबे कहीं की काली पड़ चुकी थी. उसका मुंह हल्का खुला हुआ था और सर पर बहुत भयानक निशान थे.. जैसे किसी ने बहुत भारी चीज से उसके सर पर हमला किया हो और मैं जानता था कि यह किसने किया है. मधुलिका की यह हालत देखकर मैं वही उसके पास बेजुबान सा होकर बैठ गया

"दूसरी बॉडी ऊपर से उतारो... और एंबुलेंस को कॉल करो"
और साथ मेरी आस पास कोई चाय की दुकान हो तो उसे चाय लेकर आने के लिए कहो... इंस्पेक्टर माधुरे के यह सब मेरे कानों में पड़े लेकिन मेरा दिमाग जो सुन पाया.. जो समझ पाया, वह था...

" दूसरी बॉडी...?"

मैं पीछे पलटा और बेसमेंट के दूसरे हिस्से की तरफ देखा.. जहां माधुरे मास्क लगाए दो हवलदार के साथ खड़ा था. मैंने देखा कि वहां बेसमेंट की छत में लगे एक हुक से देवेंद्र की बॉडी लटकी हुई थी. और उसका पूरा शरीर भी मधुलिका के शरीर की तरह नीला पड़ चुका था. यहां तक कि उसके दांतो के बीच फंसी उसकी जीभ भी.

दोनों डेड बॉडी को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया. मैं और लावन्या बाहर गार्डन में खड़े होकर उसे एंबुलेंस को चाहता हुआ देख रहे थे कि तभी माधुरे हमारे पास आया और मुझसे बोला...

"करन साहब, आपके पुणे जाने के बाद मधुलिका जी, देवेंद्र जी के पास आई होंगी. उनके पास में आप दोनों के ज्वाइंट अकाउंट का चेक बुक और पासबुक था. हनी कि वह दोनों यहां से बैंक जाने वाले थे. लेकिन फिर किसी बात को लेकर उनके बीच झड़प हुई होगी और देवेंद्र ने मधुलिका का खून कर दिया. उसने मधुलिका की बॉडी बेसमेंट में छुपाई और जहां पर मारपीट हुई थी वहां की सफाई करते वक्त पुदुर वहां आ पहुंचा. जिसे देवेंद्र ने आनन-फानन में मधुलिका का मोबाइल और ₹30000 देकर वहां से भेज दिया और फिर मधुलिका की बॉडी बेसमेंट में छुपाई और वही खुद को फांसी लगा ली... देवेंद्र की बॉडी में संघर्ष के फिलहाल तो कोई निशान नहीं मिले.. यानी इतने फांसी खुद लगाई थी. बाकी उनके किस बात पर बहस हुई और उनकी लड़ाई कैसे इतनी सीरियस हो गई यह शायद हमें कभी पता ना चले... मेरा तो यही मानना है, आपके दिल में कुछ और हो तो बोल दीजिए उसकी भी जांच कर लेंगे..."

"प्लीज, जाइए आप यहां से..."

"ओके, करन साहब... चलता हूं... द्विवेदी जी, वह चाय वाला कहां है.. अभी तक चाय व्हाय नहीं लाया"

THE KILLER

पोस्टमार्टम रिपोर्ट में यह आया कि मधुलिका और देवेंद्र ने शराब पी रखी थी जिसके बाद इंस्पेक्टर माधुरे की मधुलिका और देवेंद्र के बीच हुई लड़ाई वाली परिकल्पना एकदम फिट बैठ गई की बैंक जाने से पहले दोनों ने शराब पी और फिर किसी बात पर दोनों की बहस ने सीरियस मोड़ ले लिया, जिसका नतीजा मधुलिका के मर्डर और देवेंद्र के सुसाइड के रूप में सामने आया. पर मेरी मानो तो.. इंस्पेक्टर माधुरे कि यह थ्योरी गलत थी और मैं ऐसा कह सकता हूं क्योंकि मेरे पास एक दूसरी थ्योरी है और जो सच भी है....

THE BLACK SWAN THEORY (Combination of unexpected events, impact and explainable ending)

मुझे मधुलिका और देवेंद्र के अफेयर के बारे में मालूम चला, मेरे घर के टेलीफोन में दोनों के बीच हुई बातचीत से.. यूं तो वह दोनों आपस में बात कर रहे थे और जब वो दोनों बात कर रहे थे तब मैं घर में रहता भी नहीं था पर उन दोनों को यह नहीं पता था कि मेरे घर के टेलीफोन से होने वाली हर बातचीत में रिकॉर्ड करता हूं...

एसबीआई बैंक का ब्रांच मैनेजर या फिर कहेगी मेरा बहुत अच्छा दोस्त.. अजय.. जो की शुरुआत में मेरे कहने पर मेरे घर मधुलिका को ढूंढने गया था.. उसने मुझे वह तारीख बताई, जिस दिन मधुलिका बैंक से पैसे निकालने वाली थी और मैंने उसी दिन दोपहर 1:00 बजे पुणे के लिए फ्लाइट बुक की. लेकिन मैं घर से 10:00 बजे ही निकल गया और देवेंद्र के घर पहुंचा.

बेशुमार कर्ज में डूबा मेरा दोस्त देवेंद्र, जिसे मैंने 50 लाख देने का वादा किया और फिर उसे बेहिसाब शराब पिलाया. जिसके बाद मुझे उसे बेसमेंट में ले जाकर बेसमेंट की छत से लटकन में कोई खास दिक्कत नहीं हुई और फिर मैंने इंतजार किया अगले 1 घंटे तक अपनी जान से प्यारी बीवी का... जिसकी मैं जान लेने वाला था. मुझे अभी याद है की कैसे वह मुझे देवेंद्र के घर में देखकर वह बुरी तरह चौक गई थी. उसने वहां से भागने की भी कोशिश की... लेकिन मैंने उसे पकड़कर शराब की बोतल जबरदस्ती उसके मुंह मे ठेली और फिर उसका सर फ्लोर से पटक पटक कर उसे मार दिया....

लालच और गरीबी से मार खाया हुआ देवेंद्र का नौकर, पुदुर... जो उस वक्त वहां आ जाता है जब मैं फ्लोर से मधुलिका का खून साफ कर रहा होता हूं. उसे नाराज देना 20 लाख का, जिसके बदले में उसे सिर्फ दो-तीन साल जेल की हवा खानी थी... जो ना तो उसके लिए बुरा सौदा था और ना ही मेरे लिए. मैंने उसे वह कहानी बताई जो उसे पुलिस के सामने बतानी थी. और फिर सिम निकाल कर मधुलिका का मोबाइल उसे दे दिया, यह बोलकर कि वह इसे 3 हफ्ते बाद चालू करें. इसके बाद में 12:00 बजे तक एयरपोर्ट पहुंचा और फ्लाइट पकड़कर पुणे रवाना हो गया.. जहां से मैंने मधुलिका को दो-तीन कॉल किए और फिर 3 दिन बाद आकर पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कराई कि मेरी जान से प्यारी बीवी मधुलिका गुमशुदा है......
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पर मेरी यह चालाकी, मेरी यह बेरहमी.. बात को बदल नहीं सकती कि मुझे मत लिखा कि मरने का बहुत अफसोस है. मैं उसे मारना नहीं चाहता था. पर मैं उसे खोना भी नहीं चाहता था और ना ही डिवोर्स के बाद जी जान से कमाए हुए अपने रुपयों को. यह सब कुछ THE BLACK SWAN THEORY के अंदर हुआ था. जिसमें मधुलिका का गुम हो जाना, outside expectation था. पुदुर का पकड़े जाना और उसकी झूठी कहानी ने इसे powerful impact दीया और फिर बेसमेंट के दृश्य ने इसे unexpected but explainable ending के साथ खत्म कर दिया था.

मैंने अपना मोबाइल उठाया और लावन्या को आज रात डिनर के लिए बुलाया. जिसे लावन्या ने स्वीकार कर लिया. हम वह आखिरी ऐसी शख्स थी. जो मुझे परेशानी में डाल सकती थी. आज रात को डिनर के बाद लावन्या डार्लिंग को भी सही से ठिकाने लगाने वाला था...
copied story :sigh:
original story written by Yug Purush in a story contest on xossip, pdf of story is available on xforum's pdf section, unknown bhai ne original hinglish font ki story ko devnagari main chapa hai
link of original story :- the black swan theory :declare:
 

Asif khan

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***PYAR EK EHSAAS.**

me ek doctor hu ..mera naam sanju hai ...me ek middle class pariwar se hu ,,,mera baap ek sarkari karmachari hai jisko monthly 20000 salary milti hai aur meri maa kapdo ki silaai karti hai ..
mere maa baap ne garibi kya hoti hai ye dekha hai aur garib ka saath koi bhi nahi deta ye unko pata hai ..
mere maa baap ne sapna dekha tha ki me doctor banunga aur unka naam uncha karunga isliye maine bhi doctor banne ka socha aur apni mehnat se doctor bann gaya ...

is kahani ke kuch important kirdaar ----
naina aur swati 2 amir ladkiya ...baaki kuch kirdar baadme aayenge ..

jab maine padhai complete ki aur dr. banke shahar ke sabse best hospital me naukri join ki to mere maa baap bahut khush huye ..

par mera ek dost bahut bigda hua amir ladka tha jiska naam kaamdev tha ,,wo bhi doctor tha . ..wo ladkiyo ke jism ko istemaal karta apni sex ki pyaas bujhane ke liye ...aur me uske sangat me fanske galat raste par chal pada ...kaamdev mere liye kabhi uske saath sex karnewali ladki yaa kabhi randi ka bandobast kar deta tha ,,aur mujhe paise bhi kharch nahi karne padte aur maja bhi mil jaata ...

aur ab mujhe bhi sex karne ki pyaas lag gayi aur ye aisi waisi nahi balki kisi ladki ke saath sex karo 4 ya 5 baar aur usko bhul jao chahe wo mujhse sachcha pyar hi kyu naa karti ho ..
aur maine aise bahut se ladkiyo ko apne prem jaal me fasake bhoga tha ..
jab maine job join ki tab mere hospital me ek patient aayi jiska naam naina tha aur wo highly drug addict thi ,,amir khandan se thi naina par maa baap ke dhyaan ne dene se bigad gayi aur galat raste par nikal padi ..

jab uska case mere paas aaya to naina ko dekhkar me uski khubsurti ka diwana ho gaya 😍😍.. mujhe lagne laga ki aisi ladki agar mujhe mil jaaye to mere bhagya khul jaaye ...
maine naina se dosti ki aur usse pyari pyari baate karta ...
naina ko kabhi apne amir maa baap ka pyar nahi mila ,,wo pyar ke liye tarasti thi par uske maa baap partiyo me busy rehte ....
to hua ye ki naina bhi mere se ghul mil gayi aur usko bhi mujhse pyar ho gaya 😍...
par me usse pyar nahi balki apni hawas mitana chahta tha aur uske amiri se bhi mera lagaaw tha 😈...
aur mere dimaag me amir banne ka sapna tha 😈 ..isliye maine usko drug se alag to kar diya par apne prem jaal me fasaya ..
jab naina theek ho gayi to maine usse pyar bhari baate karke uske saath sex kar liya ,aur wo mujhse pyar karti thi to usne koi naa nukur nahi kiya ...par uske maa baap ko ye baat pata cha gayi aur unhone mere saamne shadi ka prastaw rakha aur me naa nahi keh paaya kyunki mere maa baap ko bhi koi problem nahi thi naina ko apni bahu banane me . ...
...mere maa baap ko koi aitraaz nahi hua kyunki unko pata nahi tha ki naina drug addict thi aur itni khubsurat ladki ko koi naa kaise keh sakta hai ..

hamari shadi ho gayi aur hum dono khushi se apni life jeene lage ...par me thehra tharki insaan kab tak ek hi biwi ko jhelta 😡..me naina ko maarpit karke pareshan karne laga kyunki mujhe laga ab uski property itne jaldi mujhe nahi milnewali ...
me naina ko bahut maarta tha par wo samajhti thi ki me tension me hu aur uska drug addict hona( past me ) ,isliye usse nafarat karne laga hu ..
shadi ko 3 month huye the ki ek aur case mere ( matlab jaha me kaam karta tha ) hospital me aaya ,,wo bhi ek ladki thi jiska naam swati tha ...
swati ek amir khandaan se thi ,par bure sangat ki wajah se wo psycho ho gayi thi ...
is ke pichhe bhi ek reason hai ki swati ke dosto ne usko ek challege diya ki amavasya ki raat me jungle jaake dance karte huye video banana hai ..
jungle me jaake swati ne video banaya par uske dosto ne usko darane ke liye bahut si trick apnayi aur aisa daraya ki swati psycho ho gayi ..

jab patient ko maine dekha to dekhta hi reh gaya 🥲🥲.. swati behad hi khubsurat ladki thi 🥰🥰..

aur me thehra khubsurti ka deewana ..

maine swati ke case pe kaam chalu kiya aur usko theek karne ke liye achchi treatment dene laga ....
after 2 months swati normal hone lagi aur jab usko pata chala ki maine usko theek karne ke liye kitni mehnat ki hai to wo mujhse pyar kar baithi ....par usko ye pata nahi tha ki me usse pyar nahi karta bas usko istemaal karna chahta hu 😁..
bhale me shadi shuda hu par tharki bhi hu ..aur jab swati ne mujhe propose kiya to maine usko saari sachchai bata di ki me married hu aur 5 month ho gaye mere shadi ko ,,phir bhi usne kaha ki wo mujhse hi shadi karna chahti hai ,,warna wo khudkhushi kar legi 😔..maine usko is tarah jaal me fasaya tha ki wo nikal naa paaye ..

ye baat ghar aake maine naina ko batayi ,pehle wo bahut gussa huyi par jab usne swati se mulakat ki to usko laga ki wo bhi meri tarah hai akeli aur tanhaa ...
aur naina ko laga ki swati ke aane ke baad me sudhar jau 🤔..
sabki rajamandi se swati se bhi meri shadi ho gayi 😍😍..

ab mera sapna kuch tootta najar aane laga ,,jaha pehle maine socha tha ki naina ko pagal banake maar dunga aur uski saari property apne kabje me kar lunga par ab uske saath swati aa gayi thi aur wo dono sab bhulke achchi patni banne ki soch rahi thi ,,,dono me koi jhagda nahi hota tha aur mere maa baap ko bhi khush rakhte the 😍..

mera baap retire ho gaya aur pension utni nahi aati thi ,,maa ne bhi ab silaai kaam karna chhod diya tha ,unko lagta tha ki me bahut paise kama raha hu par aisa nahi tha ...
me apni aiyashiyo par jyada paise kharch karta tha kaamdev ke saath ...

to ab mujhe ek hi rasta najar aaya ki dono biwiyo ko maar do aur unke naam par jo property hai usko hathiya lo ,,insurance bhi tha dono ka ...
dono ke maa baap zinda the to baaki kuch milnewala nahi tha siway bank balance ,insurance ,aur jo property dono ke naam par hai ..

isliye me dono ke saath marpit karne laga ,un dono ko bewajah bahut maarta tha ,sabji best bani ho tab bhi usme galti nikalta tha ki namak kam hai ,,mirch jyada hai ,etc..

ghar me har din jhagda hota tha ,ab mujhe un dono se chhutkara chaiye tha par divorce nahi ..
maine dono ke bich jhagda karane ki sochi aur kabhi naina se swati ki chugli karta aur kehta ki usne tumhara haq cheen liya hai aur swati se bhi yahi baate karta ....

mera maksad tha ki dono ke bich jhagda ho jaaye aur koi ek kisi ek ko maar de aur jail chala jaaye aur phir saare paise mere akele ke 😁😁😁..

par in dono ke upar koi chaal chal hi nahi rahi thi meri 😔..

to maine ek plan banaya aur dono biwiyo se kaha ki hum ghumne jayenge aur dono ne haa keh diya ...me dono ko ek aisi jahah lekar gaya jaha pe agar unki maut bhi ho jaaye to koi mujhpe shak naa kare ..

jab hum us jagah pahuche to waha pe dur dur tak koi najar nahi aa raha tha ..wo ek jungle ilaaka tha ....
humne wahi pe camp lagane ka socha aur raat wahi gujarne ki sochi ....

aur mera yahi plan tha ki in dono ko yahi maar dunga aur sabko bataunga ki haadse me dono aurte marr gayi ..

wo jagah bahut ki suhani thi 🎄🎄 ..ped paudhe ,patthar ,,aur kuch duri par ek behti nadi ,,jiski gehrai ka pata abhi tak koi laga nahi paya ,kyunki jo us nadi me gaya kabhi lautke nahi aaya ...

me dono ke saath gaya us nadi me par me ye bhul gaya ki mujhe tairna nahi aata 😔...
hum enjoy kar rahe the par mere dimaag me dono ko maarne ka plan bann raha tha 😈..

par kismat bhi kuch hoti hai .....jab hum nadi ke kinare enjoy kar rahe the to achanak kahi se aisi baadh aayi ki hum teeno usme behne lage ,mujhe tairna nahi aata tha par dono achchi tairak thi ,un dono ne apni jaan pe khelke mujhe paani se bahar laaya 😥.

me bahut buri tarah ghayal tha par dono me meri achchi dekhbhal ki aur me kuch waqt me theek ho gaya ..

jab me theek hua to naina aur swati ne kaha ki aapko paise chahiye to le lo par hum dono ko aapse alag mat karo 😔😔..aur wo dono buri tatah rone lagi ,,jisse mere dil me ek dard saa utha ...

un dono ne kaha ki unko pata hai maine unke property ke liye unse shadi ,,aur mujhe aiyyashi ka shauk hai ,,ek ladki se mera mann nahi bharta ,,maine unke jism ke liye unse shadi ki :cry: ki aur ab unko maarkar sab hathiyana chahta hu ..
( ye baat tab ki hai jab me kaamdev ke saath sharab pee raha tha aur maine property ko hadapne ki baat kahi aur kaamdev ne mujhe idea diya ki biwiyo ko maar do , aur ye sab baate swati aur naina ne sun li thi)

aur unhone ye bhi kaha ki mere bahut se affair ke baare me unhe pata hai par unhone kabhi mujhe toka nahi ..

ye baate sunkar mujhe itna bura feel hua ki aise laga mujhe us nadi me dubkar marr jana chahiye tha 😔😔..

me apni jagah se utha aur nadi ki taraf jaane laga par un dono ne mujhe pakda aur kaha ki agar aap nahi rahoge to hum jeekar kya karenge 😢..

aur tab mujhe ehsaas hua ki me kitna galat tha ,,jinko me maarna chahta tha ,jinke jism ko bhogkar unhe chhod dena chahta tha aur unki property hadapna chahta tha wo mujhe sab dene ke liye taiyar hai aur mujhse pyar bhi karti hai ...

uske baad hum sab ghar aa gaye aur hansi khushi apni jindagi jeene lage 🥰🥰..
paise ki baat kare to naina aur swati dono job karne lagi ....ab maine paise ka lalach aur aiyyashi ko chhodke pariwar ko apna pyar dene ka soch liya hai ..

sach me pyar hone ke liye sirf ek lamhaa kaafi hai 😍😍.

****THE END ****

jindagi sirf paise se nahi chalti uske liye ek sachcha saathi bhi hona chahiye ..( sanju yaani me sirf aiyyashi karne ki aur jyada amir banne ki khwahish rakhta tha ) .aur mere paas 2 saathi hai 🥰🥰🥰...

aur drugs sharab ka over nasha karna bhi galat hai ..( naina )

aur aise dosto ki sangati me mat raho jo hamari barbaadi chahte ho ...( swati ko pata chal gaya ki usko jungle me dosto ne daraya aur usi wajah se wo psycho ho gayi darrne ki wajah se ,,uske ladkiya dost uski khubsurti se jalte the aur amiri .. aur ladke isliye kyunki wo kisika proposal accept nahi karti thi ) ..
Bahi apki story best se bhi oper h
Ap ne sabit kr dia k
Pesa,dokebazi,sex,lalach,or ese dost Jo Sirf ap ko barbad kerna chahte Hain
Un sab se oper h ,,,,piyar ka rishta,itbar ka rishta,

Zindgi Mai jb koi chahne Wala ho,ap k 7 dukh sukh ka 7athi ho to zindgi haseen ho jati h

Or yaha to Naina or sawati jese Humsafar Hain Jo ye jante hoy bhi k un ka husband un ki property k peche h ,un ko marna chahta h ,us k life partner k najayez sambandh Hain phir bhi wo piyar kerti Hain apne husband se

Ap ki story se boht kuch sekhne ko Mila h agr koi samjhne Wala ho to

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gamechanger5

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RASHMI KA DARD


achi stroy hai ek baat jo aaj bhi kaafi jagah per hai aur dekhne milti hai ki aksar log sagun aur apsagun ke chakkar mai insaan ki bhawna ko hani pahuchate hai jesse story mai rashmi ki saas ne apne bete ki mout ka karan rashmi ko maana

Lekin title rashmi ka dard kis baat ke regarding diya gaya hai kya uski saas ne usse apne bete ki mout ka jimmedar mana iss liye ya woh piyasi thi iss liye

Aur ek baat mujhe lagta hai ki yeb story ko writer toh lamba karna chahiye tha kyuki 7000 word tak ki story likhni thi toh i thik writer iss mai rashmi ki feeling aur ussi condition ko uske dard ek vidwa ke sath samj mai kya kya saluk hota woh batate toh kaafi acha lagta

Agar yaha per rating de sakte hai toh mai isse 5/10 duga
 

Mahi Maurya

Dil Se Dil Tak
Supreme
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कहानी का नाम- Pornstar se facebook par dosti.
लेखक- SmartyAbdul

आपकी कहानी आधुनिक दुनिया और डिजिटल दुनिया का काला सच दिखती है।

आज लोग लड़कियों को बस एक भोग की वस्तु समझते हैं। आपकी कहानी सबक है उन लड़कों के लिए। जो दिन रात चैट पर लगे रहते हैं। बाद में उसका परिणाम भयानक होता है।

किसी चीज़ की अति हमेशा खतरनाक होती है।
इंटरनेट की दुनिया में डायना, सामंथा और मारिया जैसी बहुत लड़कियां मिल जाएंगी। जो अपनी इच्छापूर्ति के लिए किसी भी हद तक जा सकती हैं।

और लड़के भी इस मामले में पीछे नहीं हैं।
तो सभी पाठक मित्रों इस कहानी से कुछ सबक लो और और ऐसा करने से पहले अपने माँ बाप भाई बहन के बारे में अवश्य विचार करें।
 
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Mahi Maurya

Dil Se Dil Tak
Supreme
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कहानी का नाम- प्यार का एहसास
लेखक- लियोन 32(मैं मासूम हूँ)

आपने बिल्कुल सही कहानी चुनी है अपने हिसाब की,
क्योंकि आप मासूम नहीं हैं🤣😃😂😅😄

अब आते हैं कहानी पर।

पैसा और हवस अच्छे अच्छों को बिगाड़ देता है। डॉ. जिसे लोग दूसरा भगवान मानते हैं। उस पेशे को बदनाम कर उसकी आंड में कामदेव के साथ मिलकर संजू लड़कियों के जिस्म से खेलता है।

उसने पैसों के लिए नैना और स्वाती से शादी की जो पागल और नशेड़ी थी।

बावजूद इसके वो इस संजू से ज्यादा समझदार थी और रिश्तों की पवित्रता को पहचानने वाली थीं
तभी तो संजू की पूरी हक़ीक़त जानते हुए भी कि वो अय्यास और धोखेबाज़ है, उनको मारना चाहता है उसे डूबने से बचा लेती हैं।

बाद में संजू को रिश्ते की गहराई का एहसास होता है।
बहुत बढ़िया कहानी है आपकी।।

कुछ रिश्ते और मर्यादा पैसों से बढ़कर होती हैं।।
 

Moon Light

Prime
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Porn Star Se Facebook per Dosti

Porn Star se Apne bat karna start ki
chlo maan liya ynha tak to thik hai
pr uski id pr porn website ka jikr tha, aur jb is bare me use btaya to use bura lga :wtf:
Esa Bhi Hota hai Kya..
Kher Chhodo
Online Ke chakkar me privacy bhul jata h insan fir bad me pchtaba hotaa hi hai..
 

Moon Light

Prime
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पार्टी के बाद

कॉल गर्ल की कहानी जो खुद को कंट्रोल नही कर पाती और एक बुड्ढे के साथ यौन सम्बन्ध बना लेती है..
कुछ खाश तो नही पर लिखने का प्रयाश किया ये काफी है...
यंहा भी उसकी मजबूरी थी कॉल गर्ल बनने के लिए,
अक्सर ऐसा ही होता है लोग मजबूरियों का फायदा उठा लेते हैं..
मैं तो यही कहूंगी खुद को कभी बेसहारा महसूस मत करने दो ताकि कोई भी आपको अपने मीठी मीठी बातों में रिझा ले
 
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