Story - Balatkari se mohabbat....ek choti si prem kahani.
Writer - Mahi Maurya.
ये कहानी है राजा और हया की जो एक दूसरे से बहुत ही नफरत करते थे । इन दोनों की नफरत प्यार में बदलने की कहानी है यह ।
राजा एक मध्यम वर्गीय परिवार से ताल्लुक रखने वाला वहीं हया एक धनाढ्य परिवार से सम्बंधित । एक हिंदू तो एक मुस्लिम ।
इन दोनों का मेल तो कभी हो ही नहीं सकता था लेकिन प्रारब्ध पर थोड़ी न किसी का जोर रहता है । इन दोनों की शादी हुई और फिर किस तरह से दोनों एक दूसरे से प्यार करने लगे , इसे बड़ी खुबसूरती से इस स्टोरी के माध्यम से दिखाया है ।
हया के धोखे में उसकी सहेली रानी की इज्जत लुट ली जाती है और गलतफहमी के तहत हया इल्जाम लगा देती है राजा पर । उसकी गलतफहमी राजा पर काफी भारी पड़ती है । उसे गिरफ्तार कर लिया जाता है । पुलिस उसे बुरी तरह टार्चर करती है । यही नहीं बल्कि वो पुरे शहर में बदनाम भी हो जाता है ।
पर शुक्र था कि रानी ऐन मौके पर अदालत में उसकी बेगुनाही का ढाल बन जाती है।
राजा बच तो गया लेकिन हया के लिए उसके मन में नफरत की भावना और बढ़ गई । वो बदले की आग में जलने लगा । उसने हया को किडनैप किया फिर उसके साथ बलात्कार किया । हया रोती रही , बिलखती रही , बार बार अपने आप को बेकसूर की दुहाई देती रही मगर राजा के कानों पर जूं तक नहीं रेंगी ।
एक जघन्य अपराध करने के बाद राजा को अपनी गलती का अहसास हुआ और वो शर्मिंदगी महसूस करते हुए उससे माफी मांगने लगा । लेकिन ऐसे अपराध पर भला कौन लड़की दोषी को माफ कर सकती है !
कुछ दिनों बाद हया के पिता के हस्तक्षेप और दबाव से उन दोनों की शादी हो जाती है । राजा को इस रिश्ते से कोई परेशानी नहीं थी लेकिन हया को थी । वो अपने बलात्कारी को कैसे माफ कर सकती थी ! उसके लिए शादी महज एक समझौता था । वो उसे कभी भी अपने तन और मन से प्यार कर ही नहीं सकती थी ।
शादी के बाद दोनों के बीच कुछ भी ठीक नहीं था । हया बातों बातों में उसे जलील करते रहती थी । राजा चुपचाप उसकी तीखे शब्दों को सुनता और फिर वहां से निकल जाता ।
इसी बीच उनकेे घर रानी आती है । वो वहां की परिस्थितियां देख समझ जाती है । वो हया को बहुत ही अच्छे तरह से समझाती है कि राजा ही उसके लिए योग्य वर है । वो अपना एग्जाम्पल देकर समझाती है कि उसने उस हादसे के बाद भी जीना सीख लिया था ।
( रानी सच में एक साहसी और एक अच्छी लड़की है )
रानी की बातों का असर हया पर होने लगा था । एक दिन उसकी तबीयत खराब होती है । उसे हास्पिटल एडमिट कराना पड़ता है । उस समय राजा उसका हर तरह से ख्याल रखता है । इसके बाद तो हया के दिलों दिमाग से राजा के प्रति सारी नफरत खतम हो गई ।
वो शादी के बाद पहली बार अपने साजन के नाम पर श्रृंगार करती है पर उसी दिन राजा को गोली लग जाती है और वो मौत से जुझते हुए हास्पिटल में एडमिट हो जाता है ।
ये सुनकर हया के दिल को धक्का लगता है । वो रोने लगती है । वो राजा को अब किसी भी कीमत पर खोना नहीं चाहती है । वो हास्पिटल पहुंचती है । जब उसे पता चलता है कि राजा खतरे से बाहर है तब उसे भारी शुकून मिलता है ।
उसका प्यार राजा के लिए श्रद्धा में बदल जाती है जब वो सुनती है कि उसे गोली मारने वाला और कोई नहीं बल्कि उसी का भाई जैद था और राजा ने सब कुछ जान कर भी जैद के खिलाफ पुलिस को कोई गवाही नहीं दी ।
बहुत ही खूबसूरत कहानी है । बलात्कार एक ऐसा अपराध है जिसके लिए अपराधी कभी भी दया का पात्र नहीं हो सकता । उसे उसकी करनी का फल अवश्य मिलना चाहिए ।
रानी के साथ किया गया गैंगरेप ...... सभी आरोपियों को फांसी होनी चाहिए थी ।
हया के साथ बलात्कार.....राजा अपने आपको कितना भी पाक साफ साबित करें मगर वो भी एक अपराधी था । उसे इसकी सजा मिलनी चाहिए थी ।
लोग बदनामी से बचने के लिए समझौता कर लेते हैं । यहां भी हया के पिता ने बदनामी और अपने इज्जत खोने के डर से अपनी बेटी की शादी उसी से कर दी जो उसका बलात्कारी था ।
उन्हें अपनी बेटी के दुःख दर्द का एहसास नहीं हुआ ।
मेरे ख्याल से उसके पिता का यह कदम सही नहीं था । लड़कियों के इज्जत का सम्मान न करने वाले लोग वहशी और शैतान के श्रेणी में आते हैं ।
लड़की की इजाजत के बगैर उसकी शादी नहीं होनी चाहिए ।
राजा ने वक्ति जूनून में आकर हया का रेप नहीं किया था । उसने प्लान बनाकर उसे पहले किडनैप किया फिर उसके साथ बलात्कार किया । और प्लान बनाकर किया गया ऐसा काम कैसे सही हो सकता है !
कुदरत ने औरतों के अन्दर बहुत सारी खूबियां दी है । वो अपने पर किए गए जूल्म बहुत जल्दी भुला देती है। सहनशीलता , ममता , त्याग की देवी होती है वो ।
शायद इसी कारण हया ने राजा के अपराध को क्षमा कर दिया । और दुसरी वजह राजा के पश्चाताप की आग में जलने की होगी । तीसरी वजह उसकी अच्छाइयां होगी जो उसके कुछ बुराईयों से कहीं अधिक थी ।
A outstanding story
Mahi Maurya ji.