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Thx Mahi for the review. Actually the original story is of 50K words which is cut short to 7K words here. So it is not possible to clear all your questions and doubts in this limited scope why n what was happened. Neither Naina is characterless nor Siraj is a womanizer......कहानी- एक्सीडेंटली एक्सीडेंट
रचनाकार- Blue Bull महोदय
कहानी तो अच्छी है महोदय, लेकिन कहानी में जो घटनाक्रम दर्शाए गए हैं वो बड़े ही अजीब हैं।।
नैना जो एक शादीशुदा औरत है और एक बच्चे की मां है। जिसका पति अस्पताल में भर्ती है। जिसके साथ वो अस्पताल में है। जहां पर उसकी मुलाकात सिराज से हुई। जो बड़ोदरा किसी काम से आया था और किसी कारणवश उसे अस्पताल में आना पड़ा। अब इसे संयोग कहें या किस्मत का लिखा कि सिराज की भी पत्नी का नाम नैना ही था। जिसके कारण सिराज नैना के पीछे ही पड़ गया। ये जानते हुए भी की वो शादीशुदा और एक बच्चे की मां है। उसकी देखभाल और चिंता अपनी पत्नी की तरह करने लगा।।
नैना जिसका पति अस्पताल में है उसे एक रात सिराज के साथ एक कमरे में गुजारनी पड़ी। नैना न सिराज को जानती है और न ही सिराज नैना को, लेकिन एक कमरे में रात गुजारने के बाद अगले दिन नैना सिराज से सेक्स कर लेती है जबकि उसका पति अस्पताल के बिस्तर पर असहाय पड़ा हुआ है। ये तो बिल्कुल भी अच्छा नहीं हुआ। नैना ने अपने पति को धोखा दिया। साथ ही उसने अपने चारित्रिक गन का भी प्रदर्शन कर दिया कि वो किस तरह की लड़की है।।
Thank you Mahi kahani ko pasand karne ke liyeकहानी- दिस शैल टू पास
रचनाकार- Sasha! महोदया।
बहुत बढ़िया कहानी है महोदया। कहानी आपने अंग्रेजी में लिखी है। मुझे अंग्रेजी नहीं आती तो मुझे ये कहानी गूगल करके पढ़ना पड़ा। वो इसलिए करना पड़ा क्योंकि कहानी में आ रही समीक्षा में कहानी को बहुत अच्छा बताया जा रहा था। चूंकि हमने कहानी को गूगल करके पढ़ा है तो मेरी प्रतिक्रिया में अगर कुछ कमीं राह जाए तो उसे नजरअंदाज कर दीजिएगा।
कहानी वाकई में बहुत ही औवल दर्जे की है। कहानी में प्यार, धोखा, दर्द, खुशी, दुःख, हत्या, और भावनाएं कूट कूट कर भरी हैं जो बहुत ही कम कहानियों में देखने को मिलती हैं। कहानी की नायिका जो अमन से प्यार करती है और बाद में उससे गर्भवती भी हो जाती है, लेकिन गर्भवती हो जाने के बाद उसे अमन का वास्तविक चेहरा पता चलता है, उसे अमन के फरेब का पता चलता है। बाद में जब उसे अपनी सहेली सुजाता की धोखेबाजी का एहसास होता है तो वो टूट जाती है आखिर दोस्ती ही तो वो रिश्ता है जो हर रिश्ते से बड़ा होता है।।
नायिका ने अमन से शादी करने का फैसला बहुत ही जल्दबाज़ी में और बिना सूझबूझ दिखाए लिया जिसके लिए उसे बाद में बहुत पछताना पड़ा। उसने अपनी माँ की बात भी नहीं मानी जो उसे समझा रही थी। इसलिए कहते हैं कि बड़े बुजुर्गों की नसीहत झूठी नहीं होती, उसमे सच्चाई छिपी रहती है।। आखिर में नायिका ने बहुत ही साहसिक कदम उठाया और अमन की उसके बच्चे पर छाया भी न पड़े, इसलिए उसने अमन को अपने आपसे और अपने बच्चे से हमेशा हमेशा के लिए दूर कर दिया।
व्यक्तिगत रूप से मुझे लगता है कि संजू सर की ये कैसी विदाई के बाद आपकी कहानी पुरस्कार की हकदार है। अगर आपने ये कहानी हिंदी भाषा में लिखी होती तो मैं और ज्यादा अच्छी समीक्षा दे पाती।।
Sabse pehle to aapka dhanyavad ki aapne meri kahani par review diya. Sanju bhai asal mein contest ki jaankari mujhe der se hui. Main likhna to nahi chahta tha kyonki time kam tha. Mujhe pata tha itne kam samay mein main dhang se likh nahi paaunga. Itna bhi samay nahi Mila mujhe ki main khud ek Baar read kar loon. Lekin plot achha Laga to likh diya. Anyway Likhai mein hui galtiyon ke liye kshama chahunga. Aur Han mujhe apna waada yaad hai. Bas samay Anukul nahi hai.Story - " Pre - Plan "
Writer - Prem pyasa .
कहानी निःसंदेह बढ़िया थी । शीर्षक भी कहानी से मैच करता है । राइटिंग स्किल भी आउटस्टैंडिंग थी । मालिनी के हाव भाव को भी बहुत बढ़िया तरीके से पेश किया गया । नरेशन भी उम्दा था ।
लेकिन कहीं कहीं कुछ मिसिंग भी रहा स्टोरी में । हल्की फुल्की गलतियां भी हो गई थी । जैसे रिवाल्विंग चेयर की जगह ह्वील चेयर का इस्तेमाल कर दिया आपने ।
आप एक उच्च दर्जे के राइटर है । आप की लिखी हुई कहानी पढ़ा है मैंने । बहुत ही बढ़िया लिखते हैं आप । लास्ट डेट होने की वजह से शायद जल्दबाजी में ध्यान न रहा होगा ।
मालिनी की मां बचपन में ही गुजर गई थी और पिता ने कभी उसे बाप का प्यार दिया ही नहीं । बीस साल तक ममता को तरसती रही । लेकिन पार्क में एक दिन एक्सरसाइज करने के दौरान उसकी मुलाकात एक बुजुर्ग ज्ञानचंद जी से हुई । ज्ञानचंद जी तजुर्बेकार व्यक्ति थे । उनके नजरों से मालिनी की वेदना छिपी न रही । मालिनी की सादगी , सच्चरित्र और सेवा भाव से वो बहुत प्रभावित हुए और उन्होंने उसे अपने नाती सुरज के लिए पसंद कर लिया ।
लेकिन वो जानते थे कि युवा पीढ़ी की सोच शादी को लेकर कैसी है । इसलिए मरने से पहले उन्होंने एक ऐसी वसियत बनवाई जिससे सुरज और मालिनी को ज्यादा से ज्यादा समय एक साथ बिताने का मौका मिले ।
किताब की दुकान बेचने की मंशा न तो सुरज को थी और न ही मालिनी को । पर इसी बहाने सुरज को भी मालिनी के चरित्र को समझने का मौका मिल गया । सुरज न एक काबिल बिजनेस मैन ही था बल्कि एक अच्छा इंसान भी था ।
और जब दो अच्छे इंसान मिलते हैं तो उनके बीच एक प्यारा सा एहसास जन्म ले ही लेता है ।
यही प्लान था बुजुर्ग वर का । और उनका प्लान सफल हुआ भी ।
बहुत ही खूबसूरत कहानी थी यह । जैसा कि मैंने कहा मालिनी का किरदार बहुत अच्छी तरह से उभर कर आया ।
आउटस्टैंडिंग एंड अमेजिंग स्टोरी प्रेम भाई ।
अब जल्दी से अपनी कहानी पर भी अपडेट देना शुरू कीजिए ।
कहानी- ब्रेकर ऑफ चैन
रचनाकार- Dungeon master
बहुत ही बेहतरीन कहानी महोदय। मुझे sci fi कहानियां समझ में बहुत कम आती हैं लेकिन आपकी ये कहानी समझ में आई।।
एक परिवार जो विपरीत परिस्थितियों में अपने तरीके से जीवंत रहने की कोशिश कर रहा है लड़ाई के दृश्य, अच्छे विवरण, जादू का काम और रहस्यवादी विषय को कहानी का रूप दिया है आपने। कहानी का नायक जो है उसकी सोच तो बहुत अच्छी थी, लेकिन वो अपनी इसी सोच के कारण बहुत बड़ी मुसीबत में फंस गया और खुद के द्वारा खुद ही कैद कर लिया गया। उसका कोई हमशक्ल दूसरी दुनिया से आ गया जिसने इस काम को अंजाम दिया।। कभी कभी अच्छी सोच और अच्छे उद्देश्य से भी किये गए कार्य मुसीबत ला सकते हैं ये इस कहानी में देखने को मिला।
इसलिए प्रकृति के बनाए हुए नियमों में दखलंदाजी नहीं करनी चाहिए जो नायक ने की और उसका परिणाम बहुत बुरा हुआ। बुराई कितनी भी ताकतवर हो लेकिन अंत मे जीत सच्चाई और ईमानदारी की ही होती है। ऐसा बड़े बुजुगों ने कहा है जो वर्तमान समय में 99 फीसदी लागू ही नहीं होती, ये तो बस किस्से कहानियों तक ही सीमित रह गई है। इस कहानी में भी सच्चाई की जीत हुई और नायक ने अपने हमशक्ल को आखिरकार मार ही दिया, लेकिन आखिरकार सच्चाई की जीत में उसे अपने पिता की कुर्बानी देनी पड़ी।।