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Adultery ☆ प्यार का सबूत ☆ (Completed)

What should be Vaibhav's role in this story..???

  • His role should be the same as before...

    Votes: 19 9.9%
  • Must be of a responsible and humble nature...

    Votes: 22 11.5%
  • One should be as strong as Dada Thakur...

    Votes: 75 39.3%
  • One who gives importance to love over lust...

    Votes: 44 23.0%
  • A person who has fear in everyone's heart...

    Votes: 31 16.2%

  • Total voters
    191

Death Kiñg

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अभिनव के बारे में कुलगुरु के द्वारा की गई भविष्यवाणी, उसके पीछे छुपे रहस्य और अब उसके हो चुके समाधान के बारे में हवेली के सभी सदस्यों को पता चल चुका है। ये तो अच्छा हुआ कि अब अभिनव पर से खतरा टल चुका है अन्यथा ये सच यदि पहले सामने आ गया होता तो वैभव की मां की हालत बद से बदतर हो गई होती। खैर, इस सच से अवगत होने के बाद, जैसा की होना ही था, एक मां का दिल काबू से बाहर हो गया। वैभव की चाची और कुसुम के लिए भी ये सत्य एक बड़ा झटका ही था। परंतु, यदि कोई इस घटनाक्रम से सबसे अधिक प्रसन्न हुआ होगा, तो निश्चित ही वो रागिनी ही है। अभी उसकी उम्र ही क्या है? और इस आयु में विधवा हो जाने की बात, बेशक उसके लिए बेहद ही कठोर रही होगी। परंतु जैसा की वैभव ने उसे वचन दिए था, उसीके अनुरूप उसने अपना वादा और फर्ज़ पूरा भी किया।

रागिनी का वैभव के कमरे में आना और उसके सामने अपनी भावनाओं को प्रकट करना, दिल को स्पर्श कर गया ये प्रकरण। रागिनी ने पिछले कुछ वक्त में एक साथ कई तरह के कष्टों को सहा है परंतु अब लगता है कि उसकी परेशानियों पर एक अल्प विराम तो लग ही गया है। वैभव का अपनी जिम्मेदारियों का यूं निर्वाह करना, रागिनी भी एक बड़ा कारण है इसके पीछे। हवेली में लौटने के बाद, अगर किसीने वैभव को उसकी जिम्मेदारियों के प्रति जागृत किया है तो वो रागिनी ही है। खैर, अब अभिनव भी उससे अच्छे से बात कर रहा है, अर्थात कम से कम रागिनी का जीवन तो फिलहाल के लिए कुशल मंगल है। वैसे SANJU ( V. R. ) भाई, के कहे अनुसार कि रागिनी भी मुख्य षड्यंत्रकारी हो सकती है, यदि ये सच हुआ तो मेरे ख़्याल में इनसेस्ट प्रेमियों से गाली पड़ने वाली है शुभम भाई आपको :D...

वैभव भी कुसुम और जगताप वाले मामले पर विचार कर रहा था और जिस निष्कर्ष पर वो पहुंचा, बहुत हद तक मैं भी उससे सहमत हूं। मसलन, एक बाप खुद अपनी बेटी को इस दलदल में धकेले, ये होना संभव नहीं लगता। परंतु, कलयुग की माया के आगे अच्छे – अच्छे वचन और आदर्श टूट जाया करते हैं। अभी तक की कहानी को पढ़ने के बाद,इन कागजातों को ध्यान में रखते हुए, सबसे अधिक संदेह जगताप पर ही है, हालांकि मुझे कहीं न कहीं लगता है कि वो शायद असली षड्यंत्रकारी नहीं है। इसका सबसे प्रमुख कारण है कि वो नौकरानी, शीला, उसे हवेली में मुख्य षड्यंत्रकारियों द्वारा ही भेजा गया था, तो ये स्पष्ट है की कुसुम और विभोर – अजीत वाला पूरा प्रकरण इन सब तक पहुंचा ही होगा। अब यदि जगताप उनमें से एक होता, तो अपनी खुद की बेटी के साथ उसीके भाइयों द्वारा किए जा रहे अन्याय पर कुछ नहीं करता? चाहे कोई व्यक्ति कितना भी गलत हो, पर ये स्वीकार करना मेरे लिए फिलहाल कठिन हैं। तो, अभी के लिए जगताप मेरे संदेह के घेरे से तो बाहर ही है।

इधर विभोर – अजीत और गौरव की तिकड़ी की वार्ता से भी कुछ बातें पता चली। दोनो चूतिये वैभव से अपनी निजी खुन्नस के चलते ही ये सब कर रहे थे, ऐसा प्रतीत होता है। दूसरा, कुसुम के प्रति दोनो कमीनों के अंदर रत्ती भर भी प्रेम या अपनापन नहीं है, ये स्पष्ट है। गौरव को कुसुम का राज़ मालूम होना,साफ कर देता है कि किसी भी सूरत में ये दोनों माफी के या किसी भी दया के पात्र नहीं हैं। इसके अलावा ये भी साफ है कि इन दोनों के ऊपर शायद किसी का भी हाथ नहीं, अर्थात ये दोनों केवल अपने बल पर, शीला के साथ मिलकर ही वैभव को नुकसान पहुंचाना चाहते थे।

अब यहां एक और सवाल खड़ा होता है! षड्यंत्रकारी का असली मकसद क्या है? ठाकुरों की जायदाद हड़प करना, उनके बेटों को मारना, उनके वंश की समाप्ति? मेरे खयाल में उन सबका असल मकसद, ठाकुरों की हवेली के आंतरिक टुकड़े कर उन्हे नेस्तनाबूद करने का है। अर्थात, जगताप – दादा ठाकुर के मध्य और अभिनव – वैभव और विभोर – अजीत के मध्य शत्रुता पैदा कर, इन सबको एक – दूसरे के खिलाफ करना, और फिर समाज में इनके रूतबे को खत्म कर इन्हे पूरी तरह से तोड़ देना। मेरी इस सोच का प्रमुख कारण, उन नकाबपोशों का कथन है कि शीला हवेली में अपना काम भली भांति कर रही है (जैसा उस बुजुर्ग ग्रामीण ने वैभव को बताया)! क्या काम था उसका? मेरी नजर में, विभोर और अजीत को वैभव के विरुद्ध करना और इन भाइयों को आपस में ही लड़वाना। बाकी असलियत क्या थी, ये तो आगे चलकर ही पता चलेगा।

खैर, अब विभोर और अजीत की धुलाई नजदीक आती दिख रही है। वैभव से मिलने जो व्यक्ति हवेली के बाहर आया था, वो मेरे खयाल में भुवन हो सकता है, को विभोर और अजीत की खबर देने आया हो? अब इन तीनों के ठिकाने पर भी किसने दस्तक दे दी है, जोकि मेरे अनुसार वैभव ही है। आशा है कि दोनों को कम से कम इस बात का एहसास हो कि अपनी उस बहन के साथ इन दोनों ने क्या किया, बाकी कुछ हो न हो।

बहुत ही खूबसूरत अध्याय था शुभम भाई, हर बार की ही तरह। अभिनव की मां के रूदन वाला प्रकरण काफी बढ़िया था, वहीं रागिनी वाला भाग भी बहुत ही खूबसूरती से लिखा आपने। अब इंतजार केवल एक चीज़ का है, आप जानते ही हो, दोनो कमीनों की तुड़ाई का :D...

अगली कड़ी की प्रतीक्षा में...
 
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TheBlackBlood

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अजीत , विभोर और गौरव की तिकड़ी ने आखिर प्लानिंग क्या किया है और किस लिए ?
क्या वैभव के बड़े भाई को तंत्र मंत्र की मदद से इन्होंने ही मारने का षडयंत्र रचा था ?
क्या इन्होंने ही कुसुम के थ्रू वैभव को स्लो प्वाइजन देने का काम किया था ?
क्या इन के कारनामों की खबर जगताप चाचा को है ?
क्या कुसुम भी इनके षड्यंत्र में शामिल है ?
क्या गौरव के साथ उसकी फेमिली में और कोई भी इस साजिश में शामिल है ?
Aapke in sawaalo me se kuch ke jawaab next update me milenge :declare:
और सबसे बड़ा प्रश्न कि वह चौथा प्राणी कौन है जिसने नौकरानी की हत्या की थी ? क्या वह अप्रत्यक्ष रूप से इनकी मदद कर रहा है या , क्या उसकी अलग कोई कहानी है मतलब बड़े ठाकुर और उनके बच्चों से दुश्मनी ?
इसके पहले जितनी मौतें हुई थी , उन सभी में क्या इन्हीं का हाथ था और यदि था तो क्यों ?

सवालों की बरसात सी लग गई है । देखते हैं यह बरसात कब थमती है !
Next update me bahut kuch clear ho jaayega bhaiya ji. Rahi baat pahle huyi mauto ki to sambhav hai ki wo maamla alag ho is wale se. Waise bhi agar murari ke hatyare ka pata lag jaye to bahut had tak mumkin hai ki asal villain ka bhi pata chal jaye. Agar sach me aisa hi hai to zaahir hai ki murari ke hatyare ka pata itna jaldi lagne wala nahi hai aur jab uska pata hi nahi lagega to asal villain ka bhi pata nahi lag paayega. Well dekhte hain vaibhav ki koshishe aur uski kismat use kaha le kar jati hai...
वैसे आप ने सही कहा तंत्र मंत्र की भी अपनी शक्ति होती है । चूंकि कहानी थ्रीलर होती तो मैं तंत्र और मंत्र को सिरे से नकार देता पर यह कहानी एडल्टरी में हैं इसलिए इन चीजों से इनकार नहीं किया जा
:approve:
आउटस्टैंडिंग एंड अमेजिंग एंड ब्रिलिएंट अपडेट शुभम भाई ।
Shukriya bhaiya ji is khubsurat sameeksha ke liye :hug:
 

TheBlackBlood

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Bhaisahab ab to Bada Bhai theek ho gaya hai.... ab to is chutiye ko koi dhang ka role de dena 🤣
:lol1: Bade bhai ke role me hai to wo. Thik hone ke baad ab shayad koi achha kaam bhi kare :D
Sab log Chacha par hi Shaq kar rahe hain...
Par jaisa twist ke shaukeen writer sahab hain, Chacha ko villain bana kar thaali mein chupdi hui roti na parosenge balki agar twist dene hoga to apne ladko ko maalik banane ke liye ye khel CHACHI khel rahi hain aisa googli phenge...😎
Hai na bhaisahab 🤣
Lagta hai meri fitrat se achhi tarah waakif ho bhai, par khabardaar andar ki baat aise mat bataao sabko :D
Vaibhav ko bhi seedha mar-peet karne ki baja ye koi game plan se Chote bhaiyon ko nanga karna chahiye sabke saamne!!!
:approve:
Kusum kahati to Vaibhav ko sabse Pyara bhai hai par uski harkaton se to apne sage bhaiyon ki taraf zyada jhukaav lagta hai...🤔
Asal mein shayad vo sabse jyada pyar khud se karti hai!! Kyu ki agar Vaibhav ne uske sage bhaiyon ko peeta to kusum ki lesbo hone ki baat bhi sabke saamne aa sakti hai, isi liye Kusum nahi chah ti ki Vaibhav uske bhaiyon ko koi bhi saza de!!!
baaki agle episode ka wait rahega aur har bar ki tarah hats off sir 🎩
Sabki apni apni soch hai dost, har cheez ko dekhne ka sabka alag alag nazariya hota hai. Kisi bhale maanus me kaha hai ki kisi ke bare me koi raay tab tak na banaao jab tak ki uske bare me puri tarah jaan na lo. Well shukriya is Khubsurat sameeksha ke liye :hug:
 
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