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Adultery ☆ प्यार का सबूत ☆ (Completed)

What should be Vaibhav's role in this story..???

  • His role should be the same as before...

    Votes: 19 9.9%
  • Must be of a responsible and humble nature...

    Votes: 22 11.5%
  • One should be as strong as Dada Thakur...

    Votes: 75 39.3%
  • One who gives importance to love over lust...

    Votes: 44 23.0%
  • A person who has fear in everyone's heart...

    Votes: 31 16.2%

  • Total voters
    191

TheBlackBlood

αlѵíժα
Supreme
78,684
115,212
354
माफ़ करना दोस्तों थोड़ी समस्या में फंसा हुआ हूं। उम्मीद है जल्द ही समस्या से निपट जाऊंगा और फिर कहानी का अगला अध्याय लिखना शुरू करुंगा। :verysad:
 

TheBlackBlood

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दसवाँ भाग

तो आखिरकार भाभी रजनी की बात से वैभव का सर चकरा ही गया। भाभी ने बहुत गहरी बात बोल दी थी जिससे वैभव का दिमाग ही हिल गया और इस चक्कर मे वो अनुराधा और सरोज की स्थिति भी भूल गया।

खाने के समय अपने छोटे भाइयों की अपने प्रति बेरुख़ी देखकर वैभव फिर से उग्र हो गया और कुसुम से भी नाराज़ हो गया, लेकिन जल्दी ही अपनी गलती मानकर खाना खाने को राजी हो गया।

कुसुम की बहुत सी बातों ने वैभव को सोचने पर विवश कर दिया। कुसुम ने बिल्कुल सही कहा कि वक्त और हालात इंसान को अच्छे और बुरे की पहचान करवा देते हैं और ये बात कि आपने जो कुछ भी किया डंके की चोट पर किया, लेकिन कुछ ऐसे भी लोग हैं जो छुप छुप कर बुरे कार्य करते हैं और अच्छे बने रहते हैं।

कुसुम की इस बात का क्या आशय था और वो अप्रत्यक्ष रूप से किसकी ओर संकेत कर रही है ये देखना दिलचस्प होगा।

बहुत बढ़िया सर जी

Shukriya mahi madam aapki is khubsurat sameeksha ke liye,,,,:hug:
 

TheBlackBlood

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ग्यारहवाँ भाग
भाभी वैभव को झटके पर झटके दिए जा रही है और वैभव चूतिया बना बैठा है। एक पक्का अय्यास इंसान रजनी के इतने इशारे के बाद भी ये कैसे नहीं समझ पा रहा है कि रजनी भाभी को चुल्ल मची हुई है। और वो अपनी चुल्ल उससे शांत करवाना चाहती हैं। काहे का औरतबाज़ है वैभव??
:lotpot:
Ye sahi kaha aapne, main personally vaibhav ko ye baat samjhaauga ki bhai jaisa tu samajh raha hai vaisa nahi hai balki kuch aisa hai jiske liye upar wale dimaag se nahi balki neeche wale dimaag se sochna chahiye,,,,, :D
आप ने एक ही अनुच्छेद में पूरी कहानी की गाली लिख दी है। वैसे इतने स्वर्णिम और उच्चकोटि की गालियां आपको मिलती कहाँ से हैं।
Hamare desh me gaav dehaat gaaliyo ke maamle me bahut aage hain. Yaha par janm lete hi bachcha sabse pahle uchh koti ki gaaliya hi seekhta hai,,,,:lol:
 

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बारहवाँ भाग

बड़े ठाकुर तो पहुँचे हुए खिलाड़ी आदमी निकले। अकेले ही इतना बड़ा प्लान बना लिया और किसी को खबर भी नहीं लगी। वैभव को उन्होंने अपना मोहरा बनाया अपने विरोधियों को पकड़ने के लिये।।

रास्ते मे दादा ठाकुर ने जो भी बातें कहीं वैभव से व्व एकदम सटीक थी और वैभव को माननी भी चाहिए थी, लेकिन एक बात नहीं जची की दरोगा को नहीं रोकना चाहिए था।

रजनी भाभी ने फिर से बुलाया है वैभव को। देखते हैं भाभी अपने देवर को कौन सी सौगात देने वाली हैं।

जबरदस्त कहानी सरजी।

Shukriya mahi madam,,,,:hug:
Daroga ko rokne ki vajah bhi unhone bataai hai,,,,:declare:
Rajni bhabhi ke man me kuch to hai devar ke liye,,,,:hint:
 
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