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माफ़ करना दोस्तों थोड़ी समस्या में फंसा हुआ हूं। उम्मीद है जल्द ही समस्या से निपट जाऊंगा और फिर कहानी का अगला अध्याय लिखना शुरू करुंगा।
Shukriya bhai,,,,SUPERB UPDATE BHAI
Bagicha vaibhav ka hai to kya hua. Agar uski jaan ko khatra hai to use bhaag hi jana chahiye na,,,,par ye bagicha to vaibhav ka hi hai aur usko hi waha na aane ka kehna ....
Shukriya bhai,,,,Great Update bhai
Aisa bolenge to aur bhi Sharma jaauga main,,,,अरे नहीं नहीं ! ये सब आर्ट है और इसमें काहे की शर्म । बिंदास लिखिए ।
दसवाँ भाग
तो आखिरकार भाभी रजनी की बात से वैभव का सर चकरा ही गया। भाभी ने बहुत गहरी बात बोल दी थी जिससे वैभव का दिमाग ही हिल गया और इस चक्कर मे वो अनुराधा और सरोज की स्थिति भी भूल गया।
खाने के समय अपने छोटे भाइयों की अपने प्रति बेरुख़ी देखकर वैभव फिर से उग्र हो गया और कुसुम से भी नाराज़ हो गया, लेकिन जल्दी ही अपनी गलती मानकर खाना खाने को राजी हो गया।
कुसुम की बहुत सी बातों ने वैभव को सोचने पर विवश कर दिया। कुसुम ने बिल्कुल सही कहा कि वक्त और हालात इंसान को अच्छे और बुरे की पहचान करवा देते हैं और ये बात कि आपने जो कुछ भी किया डंके की चोट पर किया, लेकिन कुछ ऐसे भी लोग हैं जो छुप छुप कर बुरे कार्य करते हैं और अच्छे बने रहते हैं।
कुसुम की इस बात का क्या आशय था और वो अप्रत्यक्ष रूप से किसकी ओर संकेत कर रही है ये देखना दिलचस्प होगा।
बहुत बढ़िया सर जी
Shukriya bhai,,,,शानदार अपडेट है । कहानी बिल्कुल किसी थ्रिलर फिल्म की तरह चल रही है
ग्यारहवाँ भागभाभी वैभव को झटके पर झटके दिए जा रही है और वैभव चूतिया बना बैठा है। एक पक्का अय्यास इंसान रजनी के इतने इशारे के बाद भी ये कैसे नहीं समझ पा रहा है कि रजनी भाभी को चुल्ल मची हुई है। और वो अपनी चुल्ल उससे शांत करवाना चाहती हैं। काहे का औरतबाज़ है वैभव??
Hamare desh me gaav dehaat gaaliyo ke maamle me bahut aage hain. Yaha par janm lete hi bachcha sabse pahle uchh koti ki gaaliya hi seekhta hai,,,,आप ने एक ही अनुच्छेद में पूरी कहानी की गाली लिख दी है। वैसे इतने स्वर्णिम और उच्चकोटि की गालियां आपको मिलती कहाँ से हैं।
बारहवाँ भाग
बड़े ठाकुर तो पहुँचे हुए खिलाड़ी आदमी निकले। अकेले ही इतना बड़ा प्लान बना लिया और किसी को खबर भी नहीं लगी। वैभव को उन्होंने अपना मोहरा बनाया अपने विरोधियों को पकड़ने के लिये।।
रास्ते मे दादा ठाकुर ने जो भी बातें कहीं वैभव से व्व एकदम सटीक थी और वैभव को माननी भी चाहिए थी, लेकिन एक बात नहीं जची की दरोगा को नहीं रोकना चाहिए था।
रजनी भाभी ने फिर से बुलाया है वैभव को। देखते हैं भाभी अपने देवर को कौन सी सौगात देने वाली हैं।
जबरदस्त कहानी सरजी।
Shukriya bhai,,,,Bahut mast update