• If you are trying to reset your account password then don't forget to check spam folder in your mailbox. Also Mark it as "not spam" or you won't be able to click on the link.

Fantasy ♥माया♥ (Maya)

आपको क्या पसंद आया? (What did you like)


  • Total voters
    23

naag.champa

Active Member
661
1,804
139
:applause: :applause: :applause:

बहुत सुंदर.............. एक अनूठी........अविस्मरणीय कथा
आपका अंदाज ही निराला है

आपका बहुत-बहुत धन्यवाद मित्र कामदेव,:thanks:

आप जैसे पाठकों कि मूल्यवान कमेंट्स और प्रोत्साहन मेरे लिए बहुत बड़ी है प्रेरणा है| ❣
जल्द ही एक दूसरी कहानी पोस्ट करने वाली हूँ , उस कहानी को पोस्ट करने के बाद ही मैं उसका लिंक स्प्रेड में भी पोस्ट कर दूंगी :online:
आपका बहुत-बहुत धन्यवाद :thankyou:
 
Last edited:
  • Like
Reactions: kamdev99008

Rockstar_Rocky

Well-Known Member
8,943
36,814
219
नमस्कार जी,

क्या तारीफ करूँ आपकी लेखनी की, अलफ़ाज़ ही कम पड़ रहे हैं! एक नई सोच, अनोखी कल्पना और शानदार लेखन शैली का इस्तेमाल! आपका वो शुद्ध हिंदी का प्रयोग करना जो आजकल कहीं देखने को नहीं मिलता! आपके शब्दों को पढ़ कर ही माया की कल्पना की जा सकती है, वो सुंदर बदन जिसे बड़ी मशक्कत से तराशा गया है, वो पैनी आखें....हाय!

आपके तारीफ में एक शेर पढ़ने की गुस्ताखी कर रहा हूँ;

बड़ा हैरान हूँ देखकर आईने का जिगर,
एक तो तेरी कातिल नजर
और
उस पर काजल का कहर!


ये जो आपने सस्पेंस बना कर छोड़ा है न वो न-कबीले-बर्दाश्त है! मैं आपसे अनुरोध करूँगा की जल्द से जल्द कहानी का अगला अध्याय लिखें!
 

naag.champa

Active Member
661
1,804
139
:applause: :applause: :applause:

बहुत सुंदर.............. एक अनूठी........अविस्मरणीय कथा
आपका अंदाज ही निराला है
आपका बहुत बहुत, कामदेव।
:bow: :bow: :bow:
 
  • Like
Reactions: kamdev99008

Iron Man

Try and fail. But never give up trying
42,994
111,829
304
अध्याय १०

उस रात माँठाकुराइन ने मेरे साथ कुल तीन बार सहवास किया... दूसरी और तीसरी बार मुझे इतनी तकलीफ नहीं हुई जितनी कि पहली बार हुई थी... उसके बाद पता नहीं कब मैं सो गई थी| जब उठी तो मैंने देखा कि दिन चढ़ आया है|

मैं उठ कर बैठी और मैंने देखा की चटाई पर जगह-जगह मेरे खून के धब्बे बने हुए थे, माँठाकुराइन ने जब अपना भागंकुर मेरे भग में घुसाया था, तब मेरी कौमर्य झिल्ली फट गई थी… और यह खून के धब्बे उसी का नतीजा था… मैं थोड़ा मुस्कुराई और मैंने सोचा अब मैं खिलती हुई कली से एक फूल बन चुकी हूं... मैं अपनी ज़िंदगी की एक सीधी और चढ़ चुकी हूँ…

लेकिन कल रात जो मेरे साथ हुआ, उसकी वजह से मेरे बदन में हल्का हल्का दर्द सा महसूस हो रहा था| खासकर दो टांगों के बीच में... मेरे गुप्तांग में... कि इतने में पता नहीं कब माँठाकुराइन की भी नींद खुल गई थी|

मैं आगे की तरफ झुकी हुई थी| मेरे खुले बालों से मेरे चेहरे का एक तरफ ढक सा गया था| मैं मन ही मन मुस्कुराती हुई अपने कोमल अंग को सहला रही थी...

उन्होंने मेरे चेहरे से मेरे बाल हटाए और मेरे गालों को चूमा| मैं जैसे ही उनकी तरफ देखी, उन्होंने प्यार से मेरा चेहरा अपनी दोनों हथेलियों में लेकर मेरे होठों को चूमा और फिर अपनी जीभ से चाटा...

बीती रात की गर्मी मेरे अंदर शायद अभी भी बची हुई थी| इसलिए मैंने अपना मुंह खोल कर उनकी जीभ को अपने मुंह के अंदर के ले कर और चूसने लगी…

कुछ देर बाद उन्होंने मेरे से कहा, “तेरी जवानी का स्वाद तो मैंने चख लिया लड़की… बहुत अच्छा लगा मुझे... लेकिन मुझे एक चीज और भी चाहिए वह मैं तुझे वक्त आने पर ही बताऊंगी… फिलहाल तुझे अपनी छाया मौसी के साथ अपनी जिंदगी बितानी है... और आज के बाद एक बात का साफ साफ ध्यान रखना लड़की, तू अब वैसी नहीं रही जैसा पहले थी आज के बाद ना तो यह तेरी छाया मौसी है और ना ही तू इस की भांजी... आज के बाद से तुम दोनों का रिश्ता बिल्कुल बदल गया है| तेरी छाया मौसी अब तेरी मालकिन है, और तू उसकी नौकरानी- एक दासी, एक बांधी समझ ले एक रखैल है| तेरी छाया मालकिन तुझसे जैसा जैसा कहेगी, आज के बाद तुझे बिल्कुल वैसा वैसा ही करना होगा। आज के बाद तेरी जिंदगी का सिर्फ एक ही मकसद है- अपनी छाया मालकिन का ख्याल रखना, उनकी उनकी सेवा करना और उन को खुश रखना... मैंने अपनी तांत्रिक शक्तियों से ऐसा इंतजाम कर दिया है कि एक महीने के अंदर अंदर तेरी छाया मालकिन का भागांगकुर भी एक पुरुष के लिंग की तरह विकसित हो जायेगा- जैसा कि मेरा हो चूका है- वह भी मेरी तरह तेरे भाग में अपना रूपांतरित भागांगकुर को तेरे भाग में भग में डालकर मैथुन कर पाएगी।।। इसलिए याद रखना, लड़की तू तेरी मालकिन की रखैल है... इसलिए अपनी मालकिन को यौनरूप से संतुष्ट करना भी तेरा कर्त्तव्य है… इसलिए चिंता मत कर तेरे बदन की जो भूख है वह ऐसे ही नहीं मरेगी... मैंने कहा ना? मुझ पर भरोसा रख; मैं तेरी जिंदगी बदल दूंगी...”

न जाने क्यों मुझे ऐसा लग रहा था की माँठाकुराइन मेरे से यह कहना चाह रही हैं कि आज के बाद मुझे और विनम्र हीन और आज्ञाकारी बनकर रहना होगा मुझे अपनी सारी शर्मो-हया को त्यागना होगा और इस लिहाज़ से मुझे अब ज़्यादातर समय नंगी ही रहना होगा...



हाँ, माँठाकुराइन ने जैसे मेरे उपर एक जादू सा कर दिया था... मैं पूरी की पूरी उनके वश में थी...

***

माँठाकुराइन हमारे घर कुल तीन दिन तक रुकी| इन तीन दिनों में हर रात को उन्होंने मुझसे छाया मौसी की मालिश करवाई फिर उन्होंने खुद अपनी मालिश करवाई और उसके बाद उस दिन रात की तरह मुझे अपने साथ लेकर सोई और मेरे साथ लगातार उन्होंने सहवास भी किया...

अब तो मुझे इसकी लत लग गई थी| माँठाकुराइन को यह समझ में आ गया था, उन्होंने कहा कि वह कुछ महीनों बाद फिर हमारे घर आएँगी… लेकिन इस बार वह छाया मौसी के जोड़ों का दर्द का इलाज करने नहीं आएँगी… बल्कि उन्होंने मुझसे जो वादा किया था वो निभाने आएगी… ताकि छाया मौसी भी इस काबिल हो सके वह मेरे बदन की भूख को मिटा सके...

***

छह महीने बीत गये... माँठाकुराइन हमारे घर आई थी... इस बार वह करीब एक हफ्ता हमारे घर रुकीं... उसके एक महीने के अंदर ही मैंने छाया मौसी के अंदर एक बदलाव सा देखा... छाया मौसी अब इस काबिल हो चुकी थी कि वह मुझे यौनरूप से खुश रख सके… माँठाकुराइन ने अपना वादा पूरा कर दिया था... छाया मौसी का भागंकुर भी अब विकसित हो चुका था| वह भी अब उसे मेरे भग एक लिंग की तरह घुसा कर मैथुन कर सकती थी… न जाने वह मुझ गरीब से अब माँठाकुराइन क्या मांगने वाली थी?

पर कभी कबार मैं सोचती हूँ….

माँठाकुराइन तो एक समकामी औरत थी और पेशे से जादू टोने वाली एक तांत्रिक| तांत्रिक लोगों के तौर-तरीके कुछ और ही होते हैं| वह समाज से लगभग अकेले अपनी ही दुनिया में अलग रहते हैं और माँठाकुराइन जैसी तांत्रिक महिला भी अकेली ही रहा करती थी|

शायद इसीलिए उस रात को उन्हें मेरे सहारे की... मेरी जवानी की जरूरत पड़ी थी... जो उन्हें मिल गई... लेकिन छाया मौसी उनकी बातों आख़िर में क्यों आ गई?

एक आम लड़की की तरह शायद कुछ दिनों बाद मेरी भी शादी हो जाती| तब मुझे भी अपने ससुराल चले जाना पड़ता| क्या छाया मौसी चाहती थी कि मैं अभी कुछ और सालों तक उनके साथ ही रहूं, उनकी देखभाल करूँ और उनका अकेलापन दूर करती रहूं?

जाते जाते माँठाकुराइन ने कहा था कि उनको मुझसे एक और चीज की भी जरूरत है... कहीं उन्होंने ऐसा ही कुछ छाया मौसी से भी तो नहीं कह रखा था?

मैंने छाया मौसी की तरफ एक बार देखा, उनकी सेहत में काफी सुधार आया था, वह रसोई घर में बैठकर सब्जियां काट रही थी और बीच-बीच में अपने गले में पहने हुए चाँदी के लॉकेट को सहला रही थीं|

जहाँ तक मुझे पता है, यह लाकेट उन्होने बचपन से पह्न रखा था पर उनका का नाम लिखा हुआ था- छाया...

पता नहीं शायद कभी ना कभी मुझे इन सवालों का जवाब जरुर मिलेगा…

तभी तेज हवा सी चली और मेरा ध्यान जासे पहले की तरह भटकने लगा….

मुझे अचानक से ध्यान आया… अभी घर के बहुत सारे काम बाकी पड़े हैं... उसके बाद मुझे छाया मौसी का हाथ भी बटाना है और फिर रात को उनकी सेवा भी करनी है... उनकी सेवा का ख्याल मन में आते ही मुझे महसूस होने लगा कि पेट के निचले हिस्से में थोड़ी गुदगुदी सी महसूस होने लगी… मेरी यौनांग के आस-पास का हिस्सा गीला व थोड़ा चिपचिपा सा लग रहा है…

फिर से तेज़ हवा का एक झोंका आया… और मुझे यह एहसास हुआ खड़े खड़े ना जाने मैं क्या सोच रही थी... अभी घर के बहुत सारे काम बाकी पड़े हैं... मुझ रखैल को तो अभी अपनी छाया मौसी की सेवा करनी है... उन्हें शिकायत का कोई मौका नहीं देना है... उनको और माँठाकुराइन को हमेशा खुश रखना है|

मुझे सब कुछ त्यागना होगा... अपना सारा गर्व... अपना सारा सनमान... माँठाकुराइन के अनुसार जब तक मैं घर के अंदर हूं, मुझे उन लोगों के सामने बिल्कुल नंगी होकर रहना पड़ेगा और हां मुझे तो अपने बालों को भी बांधने की इजाजत नहीं है...

फिलहाल मैं एक जवान सुंदर लड़की हूं... मेरा भविष्य मेरे दो टांगों के बीच में ही है... मेरा तन मन धन सब कुछ छाया मौसी और माँठाकुराइन के अधीन है|


-x-x-x- समाप्त -x-x-x-
:reading:
 

Iron Man

Try and fail. But never give up trying
42,994
111,829
304
अध्याय १०

उस रात माँठाकुराइन ने मेरे साथ कुल तीन बार सहवास किया... दूसरी और तीसरी बार मुझे इतनी तकलीफ नहीं हुई जितनी कि पहली बार हुई थी... उसके बाद पता नहीं कब मैं सो गई थी| जब उठी तो मैंने देखा कि दिन चढ़ आया है|

मैं उठ कर बैठी और मैंने देखा की चटाई पर जगह-जगह मेरे खून के धब्बे बने हुए थे, माँठाकुराइन ने जब अपना भागंकुर मेरे भग में घुसाया था, तब मेरी कौमर्य झिल्ली फट गई थी… और यह खून के धब्बे उसी का नतीजा था… मैं थोड़ा मुस्कुराई और मैंने सोचा अब मैं खिलती हुई कली से एक फूल बन चुकी हूं... मैं अपनी ज़िंदगी की एक सीधी और चढ़ चुकी हूँ…

लेकिन कल रात जो मेरे साथ हुआ, उसकी वजह से मेरे बदन में हल्का हल्का दर्द सा महसूस हो रहा था| खासकर दो टांगों के बीच में... मेरे गुप्तांग में... कि इतने में पता नहीं कब माँठाकुराइन की भी नींद खुल गई थी|

मैं आगे की तरफ झुकी हुई थी| मेरे खुले बालों से मेरे चेहरे का एक तरफ ढक सा गया था| मैं मन ही मन मुस्कुराती हुई अपने कोमल अंग को सहला रही थी...

उन्होंने मेरे चेहरे से मेरे बाल हटाए और मेरे गालों को चूमा| मैं जैसे ही उनकी तरफ देखी, उन्होंने प्यार से मेरा चेहरा अपनी दोनों हथेलियों में लेकर मेरे होठों को चूमा और फिर अपनी जीभ से चाटा...

बीती रात की गर्मी मेरे अंदर शायद अभी भी बची हुई थी| इसलिए मैंने अपना मुंह खोल कर उनकी जीभ को अपने मुंह के अंदर के ले कर और चूसने लगी…

कुछ देर बाद उन्होंने मेरे से कहा, “तेरी जवानी का स्वाद तो मैंने चख लिया लड़की… बहुत अच्छा लगा मुझे... लेकिन मुझे एक चीज और भी चाहिए वह मैं तुझे वक्त आने पर ही बताऊंगी… फिलहाल तुझे अपनी छाया मौसी के साथ अपनी जिंदगी बितानी है... और आज के बाद एक बात का साफ साफ ध्यान रखना लड़की, तू अब वैसी नहीं रही जैसा पहले थी आज के बाद ना तो यह तेरी छाया मौसी है और ना ही तू इस की भांजी... आज के बाद से तुम दोनों का रिश्ता बिल्कुल बदल गया है| तेरी छाया मौसी अब तेरी मालकिन है, और तू उसकी नौकरानी- एक दासी, एक बांधी समझ ले एक रखैल है| तेरी छाया मालकिन तुझसे जैसा जैसा कहेगी, आज के बाद तुझे बिल्कुल वैसा वैसा ही करना होगा। आज के बाद तेरी जिंदगी का सिर्फ एक ही मकसद है- अपनी छाया मालकिन का ख्याल रखना, उनकी उनकी सेवा करना और उन को खुश रखना... मैंने अपनी तांत्रिक शक्तियों से ऐसा इंतजाम कर दिया है कि एक महीने के अंदर अंदर तेरी छाया मालकिन का भागांगकुर भी एक पुरुष के लिंग की तरह विकसित हो जायेगा- जैसा कि मेरा हो चूका है- वह भी मेरी तरह तेरे भाग में अपना रूपांतरित भागांगकुर को तेरे भाग में भग में डालकर मैथुन कर पाएगी।।। इसलिए याद रखना, लड़की तू तेरी मालकिन की रखैल है... इसलिए अपनी मालकिन को यौनरूप से संतुष्ट करना भी तेरा कर्त्तव्य है… इसलिए चिंता मत कर तेरे बदन की जो भूख है वह ऐसे ही नहीं मरेगी... मैंने कहा ना? मुझ पर भरोसा रख; मैं तेरी जिंदगी बदल दूंगी...”

न जाने क्यों मुझे ऐसा लग रहा था की माँठाकुराइन मेरे से यह कहना चाह रही हैं कि आज के बाद मुझे और विनम्र हीन और आज्ञाकारी बनकर रहना होगा मुझे अपनी सारी शर्मो-हया को त्यागना होगा और इस लिहाज़ से मुझे अब ज़्यादातर समय नंगी ही रहना होगा...



हाँ, माँठाकुराइन ने जैसे मेरे उपर एक जादू सा कर दिया था... मैं पूरी की पूरी उनके वश में थी...

***

माँठाकुराइन हमारे घर कुल तीन दिन तक रुकी| इन तीन दिनों में हर रात को उन्होंने मुझसे छाया मौसी की मालिश करवाई फिर उन्होंने खुद अपनी मालिश करवाई और उसके बाद उस दिन रात की तरह मुझे अपने साथ लेकर सोई और मेरे साथ लगातार उन्होंने सहवास भी किया...

अब तो मुझे इसकी लत लग गई थी| माँठाकुराइन को यह समझ में आ गया था, उन्होंने कहा कि वह कुछ महीनों बाद फिर हमारे घर आएँगी… लेकिन इस बार वह छाया मौसी के जोड़ों का दर्द का इलाज करने नहीं आएँगी… बल्कि उन्होंने मुझसे जो वादा किया था वो निभाने आएगी… ताकि छाया मौसी भी इस काबिल हो सके वह मेरे बदन की भूख को मिटा सके...

***

छह महीने बीत गये... माँठाकुराइन हमारे घर आई थी... इस बार वह करीब एक हफ्ता हमारे घर रुकीं... उसके एक महीने के अंदर ही मैंने छाया मौसी के अंदर एक बदलाव सा देखा... छाया मौसी अब इस काबिल हो चुकी थी कि वह मुझे यौनरूप से खुश रख सके… माँठाकुराइन ने अपना वादा पूरा कर दिया था... छाया मौसी का भागंकुर भी अब विकसित हो चुका था| वह भी अब उसे मेरे भग एक लिंग की तरह घुसा कर मैथुन कर सकती थी… न जाने वह मुझ गरीब से अब माँठाकुराइन क्या मांगने वाली थी?

पर कभी कबार मैं सोचती हूँ….

माँठाकुराइन तो एक समकामी औरत थी और पेशे से जादू टोने वाली एक तांत्रिक| तांत्रिक लोगों के तौर-तरीके कुछ और ही होते हैं| वह समाज से लगभग अकेले अपनी ही दुनिया में अलग रहते हैं और माँठाकुराइन जैसी तांत्रिक महिला भी अकेली ही रहा करती थी|

शायद इसीलिए उस रात को उन्हें मेरे सहारे की... मेरी जवानी की जरूरत पड़ी थी... जो उन्हें मिल गई... लेकिन छाया मौसी उनकी बातों आख़िर में क्यों आ गई?

एक आम लड़की की तरह शायद कुछ दिनों बाद मेरी भी शादी हो जाती| तब मुझे भी अपने ससुराल चले जाना पड़ता| क्या छाया मौसी चाहती थी कि मैं अभी कुछ और सालों तक उनके साथ ही रहूं, उनकी देखभाल करूँ और उनका अकेलापन दूर करती रहूं?

जाते जाते माँठाकुराइन ने कहा था कि उनको मुझसे एक और चीज की भी जरूरत है... कहीं उन्होंने ऐसा ही कुछ छाया मौसी से भी तो नहीं कह रखा था?

मैंने छाया मौसी की तरफ एक बार देखा, उनकी सेहत में काफी सुधार आया था, वह रसोई घर में बैठकर सब्जियां काट रही थी और बीच-बीच में अपने गले में पहने हुए चाँदी के लॉकेट को सहला रही थीं|

जहाँ तक मुझे पता है, यह लाकेट उन्होने बचपन से पह्न रखा था पर उनका का नाम लिखा हुआ था- छाया...

पता नहीं शायद कभी ना कभी मुझे इन सवालों का जवाब जरुर मिलेगा…

तभी तेज हवा सी चली और मेरा ध्यान जासे पहले की तरह भटकने लगा….

मुझे अचानक से ध्यान आया… अभी घर के बहुत सारे काम बाकी पड़े हैं... उसके बाद मुझे छाया मौसी का हाथ भी बटाना है और फिर रात को उनकी सेवा भी करनी है... उनकी सेवा का ख्याल मन में आते ही मुझे महसूस होने लगा कि पेट के निचले हिस्से में थोड़ी गुदगुदी सी महसूस होने लगी… मेरी यौनांग के आस-पास का हिस्सा गीला व थोड़ा चिपचिपा सा लग रहा है…

फिर से तेज़ हवा का एक झोंका आया… और मुझे यह एहसास हुआ खड़े खड़े ना जाने मैं क्या सोच रही थी... अभी घर के बहुत सारे काम बाकी पड़े हैं... मुझ रखैल को तो अभी अपनी छाया मौसी की सेवा करनी है... उन्हें शिकायत का कोई मौका नहीं देना है... उनको और माँठाकुराइन को हमेशा खुश रखना है|

मुझे सब कुछ त्यागना होगा... अपना सारा गर्व... अपना सारा सनमान... माँठाकुराइन के अनुसार जब तक मैं घर के अंदर हूं, मुझे उन लोगों के सामने बिल्कुल नंगी होकर रहना पड़ेगा और हां मुझे तो अपने बालों को भी बांधने की इजाजत नहीं है...

फिलहाल मैं एक जवान सुंदर लड़की हूं... मेरा भविष्य मेरे दो टांगों के बीच में ही है... मेरा तन मन धन सब कुछ छाया मौसी और माँठाकुराइन के अधीन है|


-x-x-x- समाप्त -x-x-x-
Awesome update.
Shandar ant halaki ye ant nahi ye to maya ne jeevan ki nayi shuruaat hai .
 
  • Like
Reactions: naag.champa

naag.champa

Active Member
661
1,804
139
नमस्कार जी,

क्या तारीफ करूँ आपकी लेखनी की, अलफ़ाज़ ही कम पड़ रहे हैं! एक नई सोच, अनोखी कल्पना और शानदार लेखन शैली का इस्तेमाल! आपका वो शुद्ध हिंदी का प्रयोग करना जो आजकल कहीं देखने को नहीं मिलता! आपके शब्दों को पढ़ कर ही माया की कल्पना की जा सकती है, वो सुंदर बदन जिसे बड़ी मशक्कत से तराशा गया है, वो पैनी आखें....हाय!

आपके तारीफ में एक शेर पढ़ने की गुस्ताखी कर रहा हूँ;

बड़ा हैरान हूँ देखकर आईने का जिगर,
एक तो तेरी कातिल नजर
और
उस पर काजल का कहर!


ये जो आपने सस्पेंस बना कर छोड़ा है न वो न-कबीले-बर्दाश्त है! मैं आपसे अनुरोध करूँगा की जल्द से जल्द कहानी का अगला अध्याय लिखें!

नमस्ते Rockstar_Rocky जी,

आपका शायराना अंदाज ए बयां मुझे बेमिसाल लगा| आपका बहुत-बहुत शुक्रिया|

आप मेरी कहानी को पढ़कर के की कहानी के किरदार माया की खूबसूरती का अंदाजा लगा सकते हैं इसको मैं अपनी कामयाबी मांगती हूं| फिर आज यह कहानी यहीं तक है| इसकी दूसरी किस्त के बारे में मैंने कुछ सोचा नहीं है| अगर कभी ऐसा ख्याल आए तो मैं इस पर जरूर अमल करूंगी|


giphy.gif
 
  • Love
Reactions: Rockstar_Rocky

naag.champa

Active Member
661
1,804
139
Awesome update.
Shandar ant halaki ye ant nahi ye to maya ne jeevan ki nayi shuruaat hai .
आपका बहुत-बहुत धन्यवाद Iron man इस कहानी को लिखने के दौरान आपके दिए हुए कमेंट्स और लाइक्स मेरे लिए बहुत बड़ा प्रोत्साहन प्रोत्साहन था|
giphy.gif
 

Rahul

Kingkong
60,514
70,679
354
jaisa ki aapne mujhe bataya tha ki meri sab abhilasa puri hogi waise kuch na hua ab tak mujhe awrat aur purush ka milan pasand hai mai kudrat ke niyamo ke khilaaf chejen pasand nahi karta hun please story me kisi mard ko bhi entry den :dost:
 

Rockstar_Rocky

Well-Known Member
8,943
36,814
219
नमस्ते Rockstar_Rocky जी,

आपका शायराना अंदाज ए बयां मुझे बेमिसाल लगा| आपका बहुत-बहुत शुक्रिया|

आप मेरी कहानी को पढ़कर के की कहानी के किरदार माया की खूबसूरती का अंदाजा लगा सकते हैं इसको मैं अपनी कामयाबी मांगती हूं| फिर आज यह कहानी यहीं तक है| इसकी दूसरी किस्त के बारे में मैंने कुछ सोचा नहीं है| अगर कभी ऐसा ख्याल आए तो मैं इस पर जरूर अमल करूंगी|


giphy.gif

हम इंतज़ार करेंगे क़यामत तक
खुदा करे कि क़यामत हो, और आप कहानी का अगला भाग लिखें
हम इंतज़ार करेंगे क़यामत तक

न देंगे हम आपको इलज़ाम हमें तड़पाने का
मगर गिला तो करेंगे आपका अगला भाग न लिखने का

बुझी-बुझी सी नज़र में आपकी कहानी की तलाश लिये
भटकते फिरते हैं हम आज अपनी लाश लिये
यही ज़ुनून यही वहशत हो और आप कहानी का अगला भाग ले कर आएं|

♥ ♥ ♥
 
  • Like
Reactions: naag.champa

naag.champa

Active Member
661
1,804
139
jaisa ki aapne mujhe bataya tha ki meri sab abhilasa puri hogi waise kuch na hua ab tak mujhe awrat aur purush ka milan pasand hai mai kudrat ke niyamo ke khilaaf chejen pasand nahi karta hun please story me kisi mard ko bhi entry den :dost:

इस लिए मैंने दूसरी स्टोरी पोस्ट की है शायद वह आपको अच्छी लगे....
 
Top