बहुत ही सुंदर लाजवाब और अद्भुत रमणिय अपडेट है भाई मजा आ गयाUpdate 13
सूरज – प्रणाम गुरुदेव...
गुरुदेव – बैठो बेटा...(ध्यान मुद्रा में बिना आखें खोले बोले)
सूरज अनेक सामने ही जमीन पे बैठ गया....
गुरदेव – सूरज बेटा ध्यान मुद्रा में बैठो...और अपना मन शांत करो...
सूरज अपनी आखें बंद कर ध्यान में बैठ गया....
गुरुदेव – बेटा अपनी ध्यान केंद्रित करो...
सूरज सारा दिन ध्यान में बैठा रहा...बार बार उसका ध्यान भटक भी रहा था...लेकिन गुरुदेव की मदद से वो कुछ दिनों में सिख जाता है...
सूरज – गुरुदेव और कितने दिन... मुझ से अब नही रहा जाता...में इसे ही उसका सामना कर सकता हु...और मुझे पुलिस से पता चला कि वो खून पारुल का नही था...यानी वो सही सलामत है...और पता नही उसके साथ क्या हुआ है...और ने यहां बैठा हु....
गुरुदेव – में समझ रहा हु बेटा...तुम चिंता न करो अगली पूर्णिमा मां तक पारुल बेटी के साथ कुछ गलत नही होगा...
धीरे धीरे सूरज को वो शारीरिक रुक से भी तैयार करते है... धीरे धीरे कड़ी मेहनत से सूरज के शरीर में बदलाव आने लगे थे...उसका सरीर अब पहले जैसा दुबला पतला नही था...वो एक योद्धा जैसा हो ने लगा था...और उसके शरीर में एक और बदलाव आया था जिस पे उसका ध्यान नहीं था...अब उसका लिंग पहले से काफी लम्बा मोटा हो चुका था...
उसे ऊपर से देखने से उसके अंदर की बॉडी का इतना पता नही चल रहा था लेकिन कुछ कुछ बदलाव साफ दिख रहे थे...
सूरज अब मानसिक और शारीरिक दोनो तरह से परिपूर्ण था...उसका मन अब बहोत शांत हो चुका था...उसे अपनी पत्नी की फिकर थी लेकिन उसका ध्यान अब भटक नही रहा था...
कुछ दिन ने सूरज पूरी तरह से तैयार हो गया....
गुरदेव – बेटा अब तुम तैयार हो...
सूरज – गुरुदेव लेकिन वो ये सब क्यों कर रहा है...क्या करना चाहता है वो....
गुरुदेव – संभोग बेटा...वो संभोग क्रिया कर उसकी काली सक्ति को कही गुना बड़ाना चाहता है....और उसे जैसी लड़की चाइए वैसी बस तुम्हारी पत्नी ही है....
सूरज – गुरुदेव वो कहा है...मुझे जल्द से जल्द जाना चाहिए कल ही पूर्णिमा की रात्रि है...
गुरुदेव – बेटा उसका पता तुझे खुद मिल जाएगा कल...बस याद रहे.. अपना मन शांत रखना और उसे भटकने न देना....
सूरज वहा से निकल अपने घर की और जा रहा था की... खेत में उसके गांव के कुछ लड़के उसे अजीब तरह से देख रहे थे उसे कुछ समझ नहीं आया और वो उनको नजर अंदाज करते हुए अपने घर की और जाने लगा...
कुछ दूर जाके उसे उसका दोस्त मिला जो उसकी को खोज रहा था...वो सूरज को बड़ा परेशान और दुखी मालूम हुआ...
वो कुछ बोले बिना सूरज को एक वीडियो देखा देता है..
वीडियो देख सूरज रोने लगा...वो वही बैठ गया...और जोर से चिलाने लगा..."पारुल...पारुल..." हा पारुल को वीडियो में बुरी तरह से चोदा जा रहा था और वो बेचारी बस रो रो के उन्हे माना कर रही थी उसेक साथ हो रहे खिलवाड़ को...किसी भी मर्द का चहरा वीडियो में नहीं दिख रहा था... तीन लोग ने बारी बारी पारुल को चोद चोद के उसकी हालत को अधमरी कर दिया था...
सूरज गुस्से में अपना आपा खो चुका था वो भागता हुआ गुरुदेव के पास पहुंच के उन्हे बहोत बुरा भला सुना रहा था...वो भी चुप रहे...."क्या बोला था आप ने सब जूठ..मेरी पारुल की क्या हालत कर दी उन जानवरो ने गुरदेव...आप तो सब जानते थे... फिर भी जूठ बोलते रहे..."
गुरदेव – बेटा मुझे माफ कर दो...सारी गलती मेरी है...मेने ही देरी कर दी आने वाले खतरे को समझने में...और उसके साथ सब पिछली पूर्णिमा को ही...और अब वो और ताकतवर है बेटा...और अभी खतरा टला नहीं..कल की रात भयंकर रूप ले सकती है....में उन्हें देख नही पा रहा बेटा उनकी शक्ति अथिक शक्तिशाली है...लेकिन तुम पहले रेल्व स्टेशन जाओ वहा कोई तुम्हारा इंतजार कर रहा है... तुम्हारी पारुल....
सूरज वहा से भागता हुआ स्टेशन पहुंच गया...उसे कही पारुल नही दिख रही थी....
To be Continue....