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मेरा सादर नमस्कार आप सभी से । एक नया कहानी लिखने जा रहा हूँ उमीद है आप सभी को बेहद पसंद आये । पहले तो बात दू की मेरे लिए हिंदी टायपिंग करना थोड़ा मुश्किल है । इसलिये लिखते वक़्त थोड़ा टाइम लगेगा।
कहनी इंकास्ट थीम पर बेस है । कहानी में पारिवारिक रोमान्स होगा ज़्यादातर । जिसमें भोरपुर सेक्स होगा ज़ाज़बाद के साथ । कहानी पूरी तरह से काल्पनिक होगा । आशा है किसी को किसी प्रकर की शिकायत अबसर ना हो ।और लिखीत सब्द मेरे बोहोत सी गलतिया होगी इसलिये पहले ही माफी मांग के रखता हूँ।
आज की विकसीत दुनिया मे बड़ी तेजी से विकाश हो रहा है । जैसे कोई नई टेक्नोलॉजी बाजार में प्रदान होता है ठीक अगले ही दिन उसकी कॉपी पेस्ट सारों तरफ देखा जाता है । थोग भी टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल से बड़ी तरक्की पा रहा है। सब्जीया भी आज काल टेक्नोलॉजी के द्वारा बनाया जाने लगा है । हर चीज़ में टेक्नोलॉजी की उपसर ऐसे में कोई टेक्नोलॉजी का अच्छाई के निबारण करता है कोई बुराई के लिए ।
आज काल के हर छोटे बड़े गाओ शहर जैसा लगने लगा है । हर तरह की सुविधा जो आ गयी है । जिसके पास कम पैसा है वास् वही थोरा पीछे रह जाते है । लोगो के ज़ाज़बाद धीरे धीरे कम होते जा रहे है। एक दूसरे की प्रति आत्मीयता खत्म होते जा रहे है । एक दूसरे के लिए किसी के पास फुरसत ही नही है ।
वैसे में कोई बन्दा बाइक से कही जा रहा है अगर रास्ते मे कोई दोस्त या कोई खास सड़क पे मिल जाये और सामने वाला बोले भाई तेरे से बेहद जरुरी बात करनी है तो बोलता है भाई वॉचआप कर दियो में चलता हूँ। हर जगह पे टेक्नोलॉजी घुस जाते है।
लेकीन आज भी कुछ गाओ ऐसे है जो अपनी परम्परा अपनी सांस्कृतिक आज तक भूले नही है। भले ही ज़रूरत मंद की टेक्नोलॉजी का ब्याबहार करते हो लेक़िन लेकिन अपनी पूर्बजों की रीति रिवाज परम्परा भूले नही आज भी सच्चें मन से पालन हार है। वरना आज काल तो कागजों पे अपना नाम लिख के शदी कर लेते है और नाम के लिए वास् एक माला।
और ऐसे ही गाँव मे हमरा हीरो रेहता है जिसमे उस गाँव के मिट्टि उस गाँव की प्रकृतिक खुसबू उसके रोगों में कोन कोंन बसता है। अपने मात्र भूमी से इतना प्यार है कि लाख कशिश के बाद भी अपनी आत्मा अपनी गांव में छोड आता है।
कहनी इंकास्ट थीम पर बेस है । कहानी में पारिवारिक रोमान्स होगा ज़्यादातर । जिसमें भोरपुर सेक्स होगा ज़ाज़बाद के साथ । कहानी पूरी तरह से काल्पनिक होगा । आशा है किसी को किसी प्रकर की शिकायत अबसर ना हो ।और लिखीत सब्द मेरे बोहोत सी गलतिया होगी इसलिये पहले ही माफी मांग के रखता हूँ।
आज की विकसीत दुनिया मे बड़ी तेजी से विकाश हो रहा है । जैसे कोई नई टेक्नोलॉजी बाजार में प्रदान होता है ठीक अगले ही दिन उसकी कॉपी पेस्ट सारों तरफ देखा जाता है । थोग भी टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल से बड़ी तरक्की पा रहा है। सब्जीया भी आज काल टेक्नोलॉजी के द्वारा बनाया जाने लगा है । हर चीज़ में टेक्नोलॉजी की उपसर ऐसे में कोई टेक्नोलॉजी का अच्छाई के निबारण करता है कोई बुराई के लिए ।
आज काल के हर छोटे बड़े गाओ शहर जैसा लगने लगा है । हर तरह की सुविधा जो आ गयी है । जिसके पास कम पैसा है वास् वही थोरा पीछे रह जाते है । लोगो के ज़ाज़बाद धीरे धीरे कम होते जा रहे है। एक दूसरे की प्रति आत्मीयता खत्म होते जा रहे है । एक दूसरे के लिए किसी के पास फुरसत ही नही है ।
वैसे में कोई बन्दा बाइक से कही जा रहा है अगर रास्ते मे कोई दोस्त या कोई खास सड़क पे मिल जाये और सामने वाला बोले भाई तेरे से बेहद जरुरी बात करनी है तो बोलता है भाई वॉचआप कर दियो में चलता हूँ। हर जगह पे टेक्नोलॉजी घुस जाते है।
लेकीन आज भी कुछ गाओ ऐसे है जो अपनी परम्परा अपनी सांस्कृतिक आज तक भूले नही है। भले ही ज़रूरत मंद की टेक्नोलॉजी का ब्याबहार करते हो लेक़िन लेकिन अपनी पूर्बजों की रीति रिवाज परम्परा भूले नही आज भी सच्चें मन से पालन हार है। वरना आज काल तो कागजों पे अपना नाम लिख के शदी कर लेते है और नाम के लिए वास् एक माला।
और ऐसे ही गाँव मे हमरा हीरो रेहता है जिसमे उस गाँव के मिट्टि उस गाँव की प्रकृतिक खुसबू उसके रोगों में कोन कोंन बसता है। अपने मात्र भूमी से इतना प्यार है कि लाख कशिश के बाद भी अपनी आत्मा अपनी गांव में छोड आता है।
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