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अपडेट -१
हमारे हीरो का नाम शिवांश चार्य । शास्त्रों के अनुसर केहेटे है शिवांश बड़े ही शुब दिन और शुभ घड़ी में पैदा हुए है जेइसे त्रिलोक भी चाहते थे कि शिवांश की पैदाइश सूभ ग्रह नसत्र के ताल मिल के साथ शुभ घरी पैदा हो। बड़े ही संत स्वाभाव सतित्र के अपनी दिल की बात मानने वाला । कोई अगर कुछ उल्टा बोले तो उसको भी हाशके के उत्तर देता था। दिखने में भी स्वस्थ सुंदर। हर पल चेहरे पे खुशनुमा रौनक रहता था ।हाल ही में 18 साल का हया हे और बारहवीं की परिक्षा भी दे चुका है।
नागेश्वरी चार्य । 5८ साल की शिवांश की दादी । बोहोत ही कम उम्र शादी हो गई थी इनकी। जैसा नाम वैसा ही इनकी रुतबा । गुस्सैल उग्रवादी स्वभाव लेकिन नेक दिल की थी । शिवांश के बिना एक पल भी नेही रह पाती है।इनके पति यानी शिवांश के दादाजी के 20 साल पहले डायरिया के कारण स्वर्गवास हो सुका है। तब से घर की मुखिया नागेश्वरी ही हैं।
शंकार चार्य । शिवांश के पिता उम्र ४२ साल । ये शहर में आज की स्थिति में बोहोत बड़े बिल्डर हैं । अपने परिवार के प्रति बोहोत शंबेदनशील हैं। लेकिन इसको हमेशा से येयास किस्म के जिंदगी चाहिए थी इसलिये ये शेहेर जा के घर वासा लिया।
रोहिनी चार्य । शिवांश की मां ४० की उम्र में बला की खूबसूरती की मालकिन । हमेशा अपने परिवार की भले के लिऐ इस्सर से प्रथान करने संस्कारी गृहीनी ।
सुप्रिया चार्य । उम्र 20 साल शिवांश से बड़ी । बला की खूबसूरती अपनी मां को तरह जो पढाई से ज़्यादा अपनी जिस्म पे ध्यान देती हे ।
रघुनाथ चार्य । शिवांश के चाचा ।उम्र ३९ साल । बोहत ही मेहनती इन्सान हैं । अपनी जमीन पे खेती वारी करता है ।और गाय भैंसों को पाल के परिवार का पालन हार करता है ।
चमेली चार्य । उम्र ३८ साल । शिवांश की चाची । वैसे तो ये भी बला की खूबसूरत ही लेकिन घर की काम काज के कारण अपनी ध्यान रख नहीं पाती हे ।
शोभा चार्य । 20 साल की कच्ची उम्र । बारहवी के बाद पढ़ाई छोड़ दी । और अपनी दादी और मां का हाथ बताती है ।
अन्य पात्र की परिशय कहानी के माध्यम से आएंगे ।
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