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Thriller 100 - Encounter !!!! Journey Of An Innocent Girl (Completed)

DARK WOLFKING

Supreme
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shayad un dono ko manish ne ya menka ke baap ne gayab kar diya ho 🤔🤔..agar rupa n nahi kiya hai to .

par wo aurat kaun thi manish ke saath jisko menka aur rupa dono jaante hai 🤔🤔 .kahi badi bhabhi to nahi 🤔🤔(
sorry .😁😁incest nahi hai par shak karna aadat hai ) .
aur wo 2 aurte bhi kaun thi 🤔🤔🤔..

aur agar anuj ko jaan se maar diya hai to menka ko kaise pata nahi chala 🤔🤔 ...matlab rishtedaro me maut ki khabar .
 

DARK WOLFKING

Supreme
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waise aap font size itna chhota kyu rakhte ho ??? padhne me bas thodi si dikkat hoti hai 😌😌..
 

nain11ster

Prime
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Aapki bat sahi hai, par agar Anuj ne Galat karne ki Kosis bhi ki to use MARWA Dena galat Faisla tha,

jo ANUJ Menka ke Rone aur Dusro ke pata chal jane ke Dar se Dum-Dabakar bhag jane wale ko yadi RUPA Sakhti se DANT Deti ki yadi wo Kabhi bhi MENKA ke pas jayega, to wo sabko uska KAND bata degi, ye kah dene se Aapko lagta hai ki ANUJ kabhi Zindagi me bhi MENKA ke sath koi galti karta ? - Nahi, kabhi Nahi.

yaha RUPA ka Updesh dena ki Jabardast karne wale ko Saza milni chahiye, GHATIYA laga.

ANUJ ko DANT kar samjhaya ja sakta tha, MARNE ki Jarurat nahi thi, kya ANUJ pahle Din bhi Ganda tha? Nahi, Nahate samay hue Ghatna ke bad ki 1 Galatfahmi ke karan ANUJ ne waisa kiya, Jisse Sudharne ka Mouka diya ja sakta tha. :waiting1:

Par RUPA ko bhi MENKA ki Najar me Bahut Acchi Dikhna tha to ANUJ ko hi MARWA diya.

Lakin jis wajah se ye sab KAND hua Apne un LUND Walo ko kuch nahi kiya, aage bhi unse CHUDNE ka Rasta barkarar rakha hua hai, sayad ab Jyada savdhani rakhte hue apne KUKARMO ka MENKA ko pata na chalne de. :hukka:

Perfect ... Ye hidden samiksha hai jo reders ke liye hai.. but yahan abhi jawab dena jayaj nahi... Kahni aage badhne dete hai :bow: :bow: :bow: ..

Aur swabhawik si samiksha hai jise maine complete open chhoda hai.. kuch ajib .. jo anpach wale dikhta rahe ...
 
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DARK WOLFKING

Supreme
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rupa ne kiske saath manish ke rishte ka khulasa kar diya tha aur baadme usne baaki ke affair ka bhi bata diya 🤔🤔..
aur lagta hai unka rishta ab shayad theek ho jaaye 🤔.
aur jaise rupa ko shak hua apne bhai par sirf rone se menka ke waise hi manish ya uske baap ko shak hua ho murli par ki shayad rupa ki suicide ke pichhe uska haath ho 🤔🤔🤔 isliye dono ko gayab kiya 🤔..
 

nain11ster

Prime
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kahi badi bhabhi to nahi 🤔🤔( sorry .😁😁incest nahi hai par shak karna aadat hai

Incest means the blood relation only ... Pahle to ye clear hona chahiye ki incest hota kya hai... Baki anaitik sambandh kisi ke sath bhi ho sakte hai.. aur itni harbari kyon hai ki wo aurat kaun hai.. menka aur rupa bhabhi ko pata hi hoga hume bhi pata chal jayega :D ..
 
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DARK WOLFKING

Supreme
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Incest means the blood relation only ... Pahle to ye clear hona chahiye ki incest hota kya hai... Baki anaitik sambandh kisi ke sath bhi ho sakte hai.. aur itni harbari kyon hai ki wo aurat kaun hai.. menka aur rupa bhabhi ko pata hi hoga hume bhi pata chal jayega :D ..
haa sahi kaha ..incest ka matlab pata tha ..par me bhabhi ko bhi incest me rakhta hu 😁😁..

aur jaldi nahi hai aurat kaun hai jaanne ki bas guess karne ka socha :dontknow: .
 

Arv313

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Adbhut kahani hai bhai ji full maza aa gya lag hi nhi raha ki ye nyi kahani hai matlab aisa lag raha hai jaise kitne time se chal rahi ho.
love you bhaiya
Waiting for the next update.
 

zopion

Happiness of life : to love & be loved
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Awesome updates nain bhai :dost:
Anuj to pura tharki nikla ladki ek baar usko nanga dekhkar room kya band kar li futiye ne isko uski rajamandi samajh li
Prachi ka role mujhe bahut pasand aaya wo modern jamane ki bahadur ladki malum hoti hai :love: aur usne sare situation ko bahut ache se handle kiya .... Aur to aur usne menka ko kafi kuch sikhaya bhi ..... :superh:
Nakul aur neetu bade wale aashik ban chuke hain .... Kisi famous insan ne sahi hi kaha hai Pyar me log jhandu ho jate hain :hehe:
Yaha Rupa bhabhi to savita bhabhi form se nikalkar justice rupa ban gayi hai :lol:

Chaliye chapter 3 is completed :applause: waiting for another 97 chapters :waiting:
 

Chutiyadr

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तीसरी घटना:- आखरी भाग








भाभी भी लगभग ठीक हो चुकी थी और अब चल फिर कर सकती थी, भारी काम छोड़कर छोटे बड़े काम वो कर रही थी. मै अपने कमरे में बैठकर लैपटॉप चला रही थी, देखा जाए तो प्राची दीदी ने ही सिखाया था चलाना, और मै एक्सेल के काम को सीख रही थी…


"मेनका, क्या हम बात कर सकते है"… डेढ़ महीने बाद वो अपने मायके से लौट रही थी और मेरे ख्याल से आते के साथ ही उन्होंने मुझसे बात करने की इक्छा जताई थी…


मै:- हां शायद मै भी आपसे नजरे मिलाकर बात करने की स्थिति में हूं भाभी, चलो आपके ही कमरे में चलते है, यहां हमारी बाते कोई सुन ना ले…


हम दोनों ही भाभी के कमरे में पहुंचे, भाभी ने कमरे का दरवाजा लगा दिया और शीशे के पर्दे खोल दिए और मेरे पास आकर बैठ गई… शायद कहां से शुरू करें इसी उधेड़बुन में हम दोनों चल रहे थे, इसलिए दोनो के बीच खामोशी छाई रही… "मेनका क्या सब कुछ पहले जैसा नहीं हो सकता है."..


मै:- सब कुछ पहले जैसा ही है भाभी, बस कुछ बदलाव चल रहा है, उसे हम दोनों को स्वीकारना होगा. मैंने तो बहुत पहले ही कहा था आगे बढ़ो..


भाभी:- कुणाल और किशोर के नाम पर तुमने आत्महत्या करने से तो रोक लिया, लेकिन तुम्हारी नाराजगी मुझे रोज मारती है मेमनी, भुल भी जाओ उन बातो को..


मै:- भाभी क्या भुल जाऊं मै.. जिनकी हैसियत नहीं इस आंगन में बिना पूछे आने की, उसके साथ आप इसी कमरे में.. छी.. कुछ तो लिहाज किया होता.. क्या आपको जारा भी एहसास नहीं हुआ की मै जान जाऊंगी तो मेरी क्या हालत होगी..

मेरा विश्वास टूटा था भाभी. मुझे पल-पल ऐसा लग रहा था, जैसे मेरी श्वांस अटक रही हो. मां से बढ़कर थी आप मेरे लिए, आपको जारा भी इस बात का एहसास ना रहा.. मै पूछती हूं, आपकी जहग मै होती और आपने ये सब अपनी आखों से देखा होता तो आपको कैसा लगता बताओ ना..


हम दोनों ही रो रहे थे.. आशु जैसे फुट-फुट कर निकल रहे थे.. गुस्से में मेरे मुंह से कुछ ऐसा निकल गया कि भाभी अपना ही सर दीवार से मारने लगी.. किसी तरह मैंने उन्हें रोका, और दोनो बच्चो का वास्ता देकर चुपचाप बैठने के लिए कहा..


हम दोनों बहुत देर तक रोए.. भाभी सुबकती हुई कहने लगी.. "3 लोग इस दुनिया से गायब हो गए है."…


मैंने आश्चर्य से उनकी ओर देखा.. मानो मेरे नजरो में सवाल के बौछार लगे हो… भाभी मेरे आशु पोछती हुई कहने लगी… "तुमने जो देखा उससे तुम्हारी नफरत की वजह समझ में आती है और तुमने रास्ता भी वो चुन लिया, लेकिन मेरा क्या जो अपने ही नजरो के सामने अपने पति को ये सब करते देखी हो. आखिर क्या कमी थी मुझेमें, या मैंने कभी खुश नहीं रखा था उन्हें."


भाभी की बात सुनकर मै बिल्कुल ख़ामोश हो गई. फिर उन्होंने अपने मोबाइल से कुछ तस्वीरें निकाल कर दिखाई, जिसके एक तस्वीर में मनीष भईया एक औरत को चूम रहे थे, और ऐसी चूमने कि 3-4 तस्वीरें थी. वो औरत कौन थी हम दोनों जानते थे.. और उनकी सिर्फ एक रास लीला की तस्वीर नहीं थी, बल्कि ऐसे ही 1 लड़की और 2 औरतों के साथ संबंध थे..


भाभी:- इसके आगे की भी तस्वीरें है, केवल चूमने कि ही नहीं.. लेकिन ये उचित नहीं की मै तुम्हे वो सब दिखाऊं… मै बस फंस गई मुरली के चंगुल में, और वहां से वंशी भी उस खेल में सामिल हो गया..

कभी ऐसा नहीं हुआ कि मै अपनी मर्जी से मर्यादा को लांघ गई, लेकिन जब उनके हाथ मेरे जिस्म से लगते, तो मै चाहकर भी उन्हें मना नहीं कर पाती. मेरी नजर में मैंने कोई गलती नहीं की.. मुझे इन सब चक्करों में केवल अपने पति की बेवफ़ाई से फसी.. पहले तस्वीर और वीडियो बाहर गांव में दिखाने की धमकी ने मुझे आत्मसमर्पण करने पर मजबूर किया, बाद में कभी-कभी उन्हें अपनी मर्जी से ढील दे दी..

मुझे कैसा लगता होगा होगा जब मै एक बेवफा के साथ रात गुजार रही हूं और पलटकर पूछने पर ऐसा क्यों किए, तो रात भर थप्पड़ और लात खाते रहो. फिर अंत में एक प्यारी सी धमकी भी मिल जाती है, कि यदि कोई नाटक किया तो दूसरी बीवी ले आऊंगा…


मैं इस वक़्त प्राची दीदी की कहीं बात को याद कर रही थी. उस दिन बिल्कुल सही कहा था उन्होंने… सेक्स के मुद्दे पर बहस करना ही बेकार है कि कौन सही कौन गलत, बस अपना दामन बचाकर चलो. देखा जाए तो भाभी की गलती थी भी और नहीं भी, सब नजरिए का खेल है. मुद्दा ये नहीं की पहले कौन फिसला, मुद्दा ये था कि दोनो ही गलत थे, या फिर दोनो ही सही.. मुझमें इतनी आकलन करने की शक्ति नहीं थी और होती भी तो मै नहीं कर सकती थी…


मैंने तो सोच लिया जो जिसके कर्म, मै अपने रिश्ते खराब क्यों करूं फिर भईया हो या भाभी.. रात के अंधेरे में इस गांव में क्या कहानी रची जाती है उससे मुझे कोई सरोकार ही नही. फिर भाभी से तो मुझे सबसे ज्यादा लगाव था, इसलिए वो वाकया शायद मेरा दम घोंट गया, और यही हाल मेरी भाभी का था. तभी तो वो खुद को गोली मारने जितना बड़ा कदम उठा ली. वरना यहां बेशर्मी का आलम तो ऐसा है की खुद करप्शन करते पड़के गए तो या तो पकड़ने वाले को करप्ट बाना दो या फिर उसे रास्ते से ही हटा दो…


और मै अपनी छोटी भाभी को जानती हूं, वो इन दोनों में ही काफी सक्षम है. फिर इन मामलों में कोई उनका पार नहीं पा सकता. यदि उन्होंने ठान लिया कि किसी को साफ ही कर देना है तो उसकी भलाई इसी में है कि वो जगह छोड़ दे, वरना अंधेरी रात कब उसे निगल ले कोई समझ नहीं पाता. आगे श्याद उसी के किस्से आने वाले है क्योंकि वो डेढ़ महीने बाद विश्वास के साथ लौट रही थी…


"कौन से तीन लोग गायब हो गए भाभी"… मै बस अब इस मुद्दे पर ज्यादा बहस नहीं करना चाहती थी, और मुझे लग चुका था कि भाभी भी अपना दामन साफ करने के लिए 3 लोग को गायब करवा चुकी है, मै बस उनके विषय में जानती और भाभी से मुस्कुराकर कहती हम पहले जैसे ही है अब.. जो कि सही भी था..


भाभी:- मुरली, वंशी और अनुज..


"अनुज"… लेकिन ये क्यों… भाभी के खुद का अपना भाई गायब है, और घर में किसी को पता तक नहीं… मै हैरानी से भाभी को देखने लगी… मन में खुद से चार बार सोची, चार बार खुद से ही दोहराया… "अपने ही सगे छोटे भाई को"… भाभी बिल्कुल सामान्य दिख रही थी, ऐसा की उसने अपने सारे आशु और चिंता कहीं पीछे छोड़ आयी हो… लेकिन मेरे चेहरे के बदलते भाव उनके सामने थे और उनका शांत रूप मेरे सामने…


भाभी, शायद मेरे अंदर चल रहे अनगिनत सवाल को पढ़ चुकी थी….. "तुम्हारा नकुल को रात में बुलाना, मुझे सोचने पर मजबूर कर गया… उसी के अगले दिन तुम इस बात को याद करके रोई की मैंने खुद को गोली मार ली, वो रोना तुम किसी को दिखा नहीं सकती थी ये हम दोनों जानते हैं"…

"कमाल की बात थी मेरा भाई गया था घर, लेकिन तुम्हारे रोने वक़्त वो वापस हॉस्पिटल आ गया था, वो भी ऐसी हालात की देखकर ही संदेह हो जाए. बिखरे बाल, जैसे तैसे पहने कपड़े और चेहरे पर चिंता के भाव, "कहीं मै पकड़ा ना जाऊं"….

मज़े की बात सुनो, वो अगले दिन सुबह निकालने वाला था लेकिन आनन फानन में, मां को लेकर उसी के 1 घंटे बाद निकल गया. 2 दिन बाद मेरी मां का कॉल लगाकर ये पूछना कि…. "क्या कोई कान की बूंदी मेरे पास छूट गई है, क्योंकि अनुज के शर्ट से एक कान की बूंदी निकली है, जो शायद उसने अपनी बीवी के लिए लिया था, लेकिन एक ही कान का है"… मैंने वीडियो कॉल लगाकर देखा तो मेरे पाऊं के नीचे से जमीन खिसकी हुई थी"

खैर उस बूंदी को तो मैंने फिकवा दिया, ताकि किसी को उसकी जानकारी ना हो लेकिन सच्चाई क्या थी, ये शायद तुम नहीं बताती… क्योंकि कहीं ना कहीं इस परिस्थिति में तुम मेरी ही वजह से फसी थी… प्राची को बुलाया मैंने, फिर उससे पूरी सच्चाई का पता चले. मै हर रिश्ते निभाने से पहले एक औरत हूं और जबरस्ती करने के घाव कैसे होते है भाला मै नहीं समझूंगी…

दिल को बहुत मजबूत बनाया, भाई था ना वो भी, साथ में उसकी एक बीवी और एक नवजात बच्चा भी, लेकिन काम उसके माफी लायक नहीं थे. मैंने मुरली और वंशी को 50 हजार दिए थे इस काम को सफाई से करने के लिए. उसे समझ में ना आए की मामला क्या है, इसलिए मैंने कह दिया, बड़े भैया मेरे ज्यादा करीबी है और मेरा छोटा उसी के साथ गद्दारी कर रहा… काम पूरा करो… मुरली और वंशी ने अनुज का काम खत्म कर दिया और इन दोनों को किसी और ने गायब कर दिया…


मै:- ये क्यों नहीं कहती की अपना दामन आपने साफ करने के लिए उनको भी साफ करवा दिया, खुद को तो गोली मार ही ली थी, फिर इस खेल के रचयता को क्यों माफी दे दी…


भाभी:- तू पागल है क्या ? तुम्हारे भैया ने किसी के साथ जबरदस्ती नहीं की समझी… हां हमारे रिश्ते में वो बेवफा थे, लेकिन किसी के साथ बलात्कार का मानसिक बीमारी उनमें नहीं… मुरली और वंशी ने मुझे पहले ब्लैकमेल किया था, शायद उस वक़्त उन्हें या खुद को गोली मार लेती, तो हमारे बीच का किस्सा नहीं बढ़ता, बस मुझे अपनी पति को सुधारना होता. कहीं ना कहीं उन दोनों के साथ होने में मेरी भी मर्जी थी, बस कोई मां नहीं चाहती कि उसके सीक्रेट रिलेशन उसके बेटी को पता चले, इस दर्द ने मुझे तोड़ दिया.. हमने अपनी मर्जी से गलती की थी, फिर मनीष हो, मुरली हो या फिर मै. तो उन दोनों को गायब क्यों करवाती.. तेरी कसम मेरा हाथ नहीं है..


मै:- कुत्ति हरकत का यही नतीजा होता है, गया होगा किसी का घर उजाड़ने इस बार सामनेवाले ने उसे लपेटना है बेहतर समझा… भाभी मुझे कोई गिला नहीं, शायद मुझे इन बातो को ज्यादा जानना नहीं चाहिए.. इसलिए अब से मै दूर हूं इन मुद्दों से.. बस मुझे रुलाना मत कभी… दुनिया भार में जाए वो क्या करती है. आप मेरे लिए मां से बढ़कर हो. अगली बार शायद मै बर्दास्त नहीं कर पाऊं. आप अपनी अधूरी कोशिश की थी और मै कोशिश नहीं मर कर दिखा दूंगी… फिर आप भी चिंता मुक्त हो जाना…


भाभी:- एक तूफान आया था जो अब थम गया है… मैने मनीष को उसके एक रिश्ते के बारे में बताया था, तुम समझ सकती हो किसके बारे में बताया होगा.. लेकिन हाथ बंधे वो अपने सारे संबंध के बारे में बता दिया और बस इतना ही कहे. तुम्हरा फैसला ही मै मानूंगा.. कहकर यकीन तो नहीं दिला सकता लेकिन एक बार माफ करके गले लगाओगी, तो मै फिर कभी ऐसे सिचुएशन नहीं आने दूंगा..


मैंने इससे आगे उन विषयों पर बात करना उचित नहीं समझा, बस भाभी को दरवाजा खोलने कह दी और जब वो लौटकर आयि, तो उसकी गोद में लेटकर मुझे सुलाने के लिए कहने लगी.. उनके मुसकुराते चेहरे पर आशु थे और वो अपने हाथ से प्यार से बाल को सहला रही थी..


ना जाने क्यों मै भी आशु बहा रही थी. हम दोनों ख़ामोश थे जैसे दिल का बोझ बहते आशुओं से निकल रहा हो… दुनिया की ये इकलौती भाभी होंगी शायद, जिसने ये नहीं सोचा कि उसकी ननद के जलवे से मेरा भाई फिसला. शायद मैं उनकी सच में बेटी ही थी, इसलिए मेरी नाराजगी से टूटकर वो पहले खुद की ही जान ले ली, बाद में अपने भाई की.


देखा जाए तो जैसे मैंने सबसे छिपाया था उनसे भी छिपा लिया… प्राची दीदी को भी भरोसा हुआ ही होगा भाभी पर, वरना वो मूर्ख नहीं की एक भाभी को उसके ननद के साथ हुई घटना को बता दे. वो इतनी समझदारी तो रखती ही थी कि इन मुद्दों में भाभी का भाई बच जाएगा और ननद फंसेगी, फिर भी उन्होंने बता दिया. ये थी मेरे प्रति मेरी भाभी के लगाव और विश्वास की कहानी… जिंदगी में आपके साथ जब ऐसे लोग हो ना, फिर कभी जिंदगी से सिकायात नहीं होती.


परिवार में कभी कभी उथल पुथल हो जाती है.. संयम ही एक मात्र उपाय है जिससे हर बुरी सिचुएशन से निकला जा सकता है, ये हम दोनों ही सोच रहे थे.. बहुत दिन बाद हमारी खुशियां लौटी थी.. 5 महीने के करीब हो गए थे उन घटनाओं को, पहले भाभी बाद में उसका भाई….. अब कहीं जाकर मै शायद सुकून की श्वंस ले रही थी. भाभी मेरी मां ही थी क्योंकि लाचारी का फायदा उठाने वाले उस दुष्ट अनुज को मैं भी मरते हुए ही देखना चाहती थी, बस भाभी की तरह मुझमें करने की हिम्मत नहीं थी….
apne bhai aur 2 premi ko hi nipta diya :yikes:
romance-drama likhane wale jab erotica likhte hai to aisa hi hota hai :lol1:
abhi koi adultry likhne wala hota to anuj to shayad nipt leta lekin baki ke dono murli aur bansi abhi bhi aish kar rahe hote bhabhi ke sath , kya pata anuj bhi bhabhi ke sath aish karta :hinthint2:
chaliye badiya hai ladki to itni sidhi sadhi hai ki samjh hi nahi aa raha ye jismani sambandh kaise banayegi 🤔 prem me to pad chuki hai lekin sambhog ki bat aane par menka ko dikkat hone wali hai .....
 
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