Sahi mei bhai ,too hot bhaiमै सबसे ज्यादा उत्सुक रहता हूं, कि आपलोग को चैट. पढ़ के रियल फीलिंग आती है ना?
क्यों कि उसे बहुत बारीकी से लिखता हूं...
Sahi mei bhai ,too hot bhaiमै सबसे ज्यादा उत्सुक रहता हूं, कि आपलोग को चैट. पढ़ के रियल फीलिंग आती है ना?
क्यों कि उसे बहुत बारीकी से लिखता हूं...
Superbb Updateअपडेट नंबर 30 मे 29 नंबर अपडेट है....इसलिए अब....
अपडेट 31...
आपने पढ़ा
गेट लगाती हुई ख़ुशी सीढ़ी से ऊपर जाती है अंदर जाते हुए गेट लॉक करती हैँ
बिमलेश - आज बेसब्री से इंतज़ार कर रहा था तो आज हीं लेट करनी थी क्या
ख़ुशी - मुश्कारती हुई किचन कि काम निपटाती तब ना जी
आगे...
ख़ुशी - ऐसे आज बहुत बेचैन हो जी कुछ बात है क्या...
बिमलेश - बेड से निचे उतरते हुए बोलता है एक तो मै पहले से हीं फुल मूड मे हूं ऊपर से विग्रा उसके बाद मटन कि गर्मी...
ख़ुशी - ओह्ह गॉड! इतनी सारी गर्मी एक साथ फिर तो मेरे सांइय्या फुर्सत के साथ चोदियेगा ना मेरी कमसिन बुर को...
बिमलेश - हाँ मेरी रानी पूरी फुरसत के साथ चोदुँगा आज....
बात करते करते हीं ख़ुशी अपनी साडी पेटीकोट खोल देती है पेंटी और ब्रा मे सेक्सी अंदाज़ मे खड़ी थी...
इसी अंदाज़ मे ख़ुशी अपनी हाथ पेंटी के ऊपर ले जाती है और बड़ी हीं कतीलाना अंदाज़ मे फिंगर को अपनी बुर मे दबा देती है
पहले से नंगे बिमलेश से बर्दास्त नहीं होता है वो बेड से उठता है और ख़ुशी कि ब्रा और पेंटी खोल देता है
बिमलेश - आआह जान आज बहुत सेक्सी लग रही हो
ख़ुशी - ओह्ह राजा मै बस अभी सेक्सी लग रही हूं क्या.....
बिमलेश - नहीं मेरी सेक्सी बोम्ब ऐसी अदा मे यदि राकेश देख लेगा तो बिना कुछ किया कहीं उसका पानी ना निकाल जाय.....
ख़ुशी कि नेवल पर किस करते हुए बोलता है....
ख़ुशी - लेकिन ननद रानी तो बता रही थी ननदोई बहुत हीं हचक हचक के चोदता. है उसे...
बिमलेस- हाँ लेकिन मेरी बोम्ब तो लाखो मे एक है उसे सम्भलाना आसाना बात नहीं हैँ
बिमलेश वही बैठ के अपना जीभ खूसी कि बुर से सटा देता है
ख़ुशी भी धीरे धीरे गर्म रही थी ख़ुशी खड़े खड़े हीं अपनी बुर चटवा रही थी और अपनी एक हाथ बिमलेश के सर पे रख के दबा रही थी...
ख़ुशी सिसकते हुए आआह मेरी जान कितना अच्छा लग रहा है आआआह
कुछ इसी तरह ख़ुशी अपना बुर चटवा रही थी फिर बिमलेश और ख़ुशी बेड पे चली जाती है...
बिमलेश लेट जाता है और ख़ुशी दोनों पैर के बिच मे बैठ कर डॉगी पोज़. मे लंड चूस रही थी...
बिमलेश का लोड़ा भी फुल टाइट था आपने हाथ से पकड़े हुए था और ख़ुशी बिमलेश के लोड़ा के जीभ से निचे के ऊपर कूदेर रहा था....
इसी तरह लंड और बुर कि चूसाई चलता रहा
ख़ुशी बोलती है - आह राजा आज लोड़ा कुछ ज्यादा हीं गरम. है....
बिमलेश - आज अपनी प्यारी बीबी कि जम के चुदाई जो करनी है....
ख़ुशी छेरते हुए...
ख़ुशी - सैय्या जी मुझे तो बैडरूम. मे भी चोद सकते थे ना आज ननद के रूम मे कैसे....
बिमलेश - आह खुशी जान बुझ के छेर रही हो सब कुछ जानते हुए भी....
ख़ुशी - बिमलेश के टोपा को चूसते हुए अच्छा...आपको क्या ज्यादा एक्ससाईंटेड कर रहा है अपनी दोस्त कि बीबी चोदने मे या अपनी बहन को चोदने मे
बिमलेश - यदि वो मेरी बहन नहीं होती तो उसे अभी तक चोद चोद के 2 बच्चा पैदा कर दिया होता
ख़ुशी - फिर तो आपके दोस्त भी आपकी बीबी को चोद चोद के बच्चा कि लाइन लगा देता ना
बिमलेश - हां ये बात तो है लेकिन ये सब जुली जो आ बिच मे इसलिए हुआ ना
ख़ुशी - लेकिन आप तो और ज्यादा खुश लग रहे हो बहनचोदने कि ख़ुशी मे......
बिमलेश - अब बर्दास्त नहीं हो रहा है ख़ुशी आआह
ख़ुशी, बिमलेश के कान को अपनी दांत से थोड़ा चाबाती. है और बोलती है दिल से जुली को चोद रहे हो और ऊपर ऊपर मेरी नाम ले रहे हो...
बिमलेश - आआआआआआह तुम्हारी यही सेक्सी अदा मेरी जान ले लेती है. आआआह तुम्हें ये बात पहले बता देता तो कितना मज़्ज़ा देती
ख़ुशी - क्यों नहीं बातये फिर...
बीमलेश - डरता था इतनी अच्छी खासी बीबी मिली कहीं गुस्सा कर गयी तो.....
ख़ुशी - गुस्सा हो मेरे दुशमन इतनी अच्छे पति जिसे मिले वो क्यों गुस्सा होंगी....
बिमलेश - हाँ ये बात तो है लेकिन जान इतनी चुदासी कैसे हो गयी..
ख़ुशी - आप हीं तो चोद चोद के चुदासी बनाये हैँ हर लड़की के माँ बाप इसलिए तो सेटल लड़का ढूंढ़ते है जिसको कोई टेंशन नहीं और पूरी मेहनत से अपनी बीबी को चोद सके....
बिमलेश - वाह मेरी चुदासी बीबी कि कॉन्सेप्ट बहुत अच्छी है....
आह अब ले लो अपनी बुर मे जान
ख़ुशी डॉजी पोज़ मे आ जाती है और पीछे से बिमलेश अपना लोड़ा ख़ुशी कि बुर के ऊपर रखता है
ख़ुशी, बिमलेश को खुश करने के लिए जुली का रोल. करने लगती है...
ख़ुशी - भैया आपको डॉजी पोज़ बहुत पसंद है
बिमलेश - हाँ बहन इस पोज़ मे पूरा लोड़ा अंदर जाता है
ख़ुशी - हाँ भैया अब चोदिए. ना अपनी बहन को क्यों तरपा रहे हैँ...
बिमलेश - अपने मन मे आह मेरी प्यारी बहन आआआआह मै बता नहीं सकता आआह कितनी मस्त मलाई कि टेस्ट थी...यही सोचते हुए इतनी जोर से धक्का मरता है कि ख़ुशी उसके लिए तैयार नहीं थी...
ख़ुशी आआआआआह करते हुए आगे कि और झुक जाती है और बिमलेश का आधा से ज्यादा लोड़ा ख़ुशी कि बुर मे चला गया था
ख़ुशी - आआआआआआह भैया आआआह भला कोई ऐसे धक्का मरता है क्या
बिमलेश - क्या करू बहना ऐसी कमसिन बुर देख के कौन खुद पे काबू रख सकता है...
ख़ुशी - आआआह भैया निचे तकिया लगा दो ना तब बेहरमी से चोदना. आआह आज मै भी खुल के चुदवाना. चाहती हूं
बिमलेश, ख़ुशी के निचे एक तकिया सेट कर देता है
और पूरी रफ़्तार से चोदना शुरू कर दिया
ख़ुशी - आआआआआह मेरे राजा भैय्या यही चुदाई तो पसंद है आआआआह आआआआह इस...लि...ए तो भै.....या को वि....ग्रा खिलाई आआआआआह रा जा
बिमलेश - आह लो बहना ये लो आआआआह कितना मज़्ज़ा आ रहा है चोदने मे आह
ख़ुशी - आआह भैया आआआह और जोर से चोदो. ना विग्रआ खाने के बाद भी....आआह और जोर से
कुछ देर तक इसी पोज़ मे चुदाई चली
फिर ख़ुशी बोली -ओह्ह्ह भैया आप थक गए हो मै चोदुँगी. आपको अब
बिमलेश निचे लेट जाता है और खुशी उसके ऊपर अपनी बुर मे लोड़ा सेट कर के उछलने लगती है...
ख़ुशी - बिमलेश कि आँखों ही आँखों मे इशारा कर के पूछती है कैसा लग रहा है भैया...
बिमलेश - आआआह बहन आआआह बहुत अच्छा लग रहा है
फिर ख़ुशी घूम जाती है अपनी बुर मे लंड लिए हीं
कुछ देर इसी पोज़ मे उछलती है बिच बिच मे बिमलेश भी निचे से धक्का लगाता है
और अपनी हाथ से अपनी दोनों चूची को दबाते हुए मज़्ज़ा लेती है कि
ख़ुशी - आआह भैया आआआह बहुत मज़्ज़ा आ रहा है...
अचानक बिमलेश अपना लंड ख़ुशी कि बुर से निकाल लेता है
बोलता है - आआह आआह मेरा निकालने वाला है
ख़ुशी (अपनी मन मे आहहह मेरी तो अधूरी हीं रह गयी फिर भी मुस्करा रही थी )
लंड पर से निचे उतर जाती है और बिमलेश के लोड़ा पे अपना जीभ लगाती है कि लंड से माल निकलने लगता है
कुछ देर इसी तरह बिमलेश के लंड चुस्ती है...
बिमलेश - डार्लिंग कैसी लगी चुदाई
ख़ुशी - बिमलेश का मन रखती हुई बहुत हीं अच्छी थी...
लेकिन ख़ुशी का मन और था चुदने कि लेकिन वो चाह के भी कुछ नहीं कर सकती थी...
सुबह 4 बजे उसी बेड पे एक राउंड और दमदार चुदाई हुई इस चुदाई मे ख़ुशी के कमड मे मोच आ गयी..
हुआ ये कि ख़ुशी दोनों पैर बेड के निचे और अपनी हाथ बेड पे रख के झुकी हुई थी और बिमलेश के झारते टाइम ख़ुशी अपनी कमार जल्दी से पीछे कि और कि ताकि रस अंदर ना जाय रस तो अंदर नहीं गयी लेकिन अनबालेंस. होने कि वजह से बहुत मोच आ गयी बिमलेश अपनी गोदी मे लेकर निचे बैडरूम मे सुला दिया और खुद सो गया....
मॉर्निंग 7 बजे ख़ुशी लेटे लेटे हीं बबली को कॉल करती है
रिंग बजते हीं बबली अपनी आँख मसलते. हुए स्क्रीन देखती है तो भाभी कि कॉल
बबली - हाँ भाभी
ख़ुशी - सोइ हो
बबली - अभी जगी हूं फ़ोन से
ख़ुशी - भैया के लिए चाय नास्ता बना दो ना आज मेरी तबियत अच्छी नहीं है
बबली - ओह्ह क्या हुआ भाभी आपको आप ठीक तो हैँ ना
ख़ुशी - वो कमर मे मोच आ गयी है
बबली - कोई नहीं आप रेस्ट कीजिये मै कर देती हूं
कॉल कट हो जाती है और बबली लेट से सोने कि वजह से नींद पूरी नहीं हुई और खुद से बुदबदाती हुई बोलती है कस के सर्विसिंग किये होंगे भैया ये...
और मुस्कराती हुई रूम से बाहर निकलती है...
किसी कि भी गेट नहीं खुली थी...
बाथरूम मे बबली मन मे भाभी को तो मोच आ गयी और ये मम्मी पापा भी इतना लेट से जागते हैँ.....
उधर कमरे मे
बिमलेश - ख़ुशी कि चूची को मसलता है
ख़ुशी - नाराज होते हुए ये तो हुआ नहीं कि बीबी कि तबियत खराब है खुद से चाय नास्ता बना लूँ..और जबकि आता भी है
बिमलेश - ओह्ह डार्लिंग नाराज हो गयी घर मे बस तुम रहती तो मै हर दिन करता लेकिन मै राहुल बबलि सबको आपने हाथ से चाय दूँ ये शोभा नहीं देता और सिर्फ तुम्हें भी तो नहीं दे सकता
ख़ुशी - हाँ सफाई देना कोई आपसे सीखे....
बिमलेश - वो सब छोड़ो देखो कैसे डंडा खरा है
ख़ुशी - बिलकुल भी नहीं अभी मै हिल भी नहीं सकती...
बिमलेश - फिर कैसे शांत करू
खुशी - मजाकिया अंदाज़ मे जाओ किचन मे बबली अकेली होंगी पीछे से डाल देना पूरी गटक जाएगी
बिमलेश - धत्त बेशर्म खुछ भी बोल देती हो...
ख़ुशी - जब बड़ी बहन को चोद के बच्चा देने के लिए तैयार है तो बबली को तो सिर्फ चोदनी. है
बिमलेश - सुबह सुबह मटरगस्ती कर रही हो तबियत ठीक रहती तो ऐसे हुमच. के चोदता कि
ख़ुशी - ओह्ह्ह बड़ा आया चोदने......ऐसे जब से ये बात मेरे से शेयर किये हो आपका लोड़ा खड़ा. हीं रहता है क्या जादू कर दि जुली
बिमलेश - आआह जुली का नाम ना लो ऐसे हीं मूड मे हूँ चढ़ जाऊंगा......
ख़ुशी - ना बाबा ना मुझे अभी नहीं चुदवानी. है
बिमलेश - अच्छा फिर जुली जो गाढ़ा. मलाई खिलाई वही खिला दो ना
ख़ुशी - मस्का मारते हुए अच्छा गाढ़ा मलाई आपकी बहन कि बुर से निकलती है आपकी बीबी के बुर से नहीं
बिमलेश - जब तक उसकी मिल नहीं जाती तब तक के लिए ये बहन कि हीं बुर है मेरे लिए
ख़ुशी - आआआह कितने बड़ा बहिनचोद हैँ आप..कहीं इसलिए तो नहीं बहन कि सादी दोस्त से करवा दिए
बिमलेश -
ख़ुशी - चाट. लो मेरे शोना भैया चाट लो अपनी बहन कि बुर और पी जाओ गाढ़ा मलाई
बिमलेश - ये हुई ना बात.....
करीब 10 मिनट.बिमलेश मेहनत किया ख़ुशी के बुर पे फिर भी ख़ुशी के बुर से मलाई नहीं निकली...
बिमलेश - आह आआह आआआह मै गया आआआह मै गया पेंट पे हीं निकाल गया मेरा
ख़ुशी -हो गए शांत अब खुश ( बहन चोदने के चक्कर मे मुझे गरम. कर छोड़ देते हैँ )
बिमलेश - आआह बहुत मज़्ज़ा आया लेकिन बुर से मलाई निकलती तब बहुत मज़्ज़ा आता...मेरी चड्डी भी गन्दी हो गयी...
ख़ुशी - कोई नहीं...खोल के रख दीजिये
वैसे मेरी जो ये हाल हुई है क्या बोलूंगी कैसे हुई...
बिमलेश - बोल देना चुदवाते चुदवाते हो गयी...
ख़ुशी - बड़ा आया चोदने वाला अब आपको 2 विग्रआ दूंगी तब चुदवाउंगी.....
बिमलेश - ओके मेरी जान.
इसी तरह चाय नास्ता करने के बाद ऑफिस के लिए निकाल जाता है
ऑफिस निकालने से पहले
बिमलेश पैनकिलर दे देता है...
ख़ुशी - हुई निगल जाती है..
उसके बाद बबली कमरे मे आती है
बबली - कैसी हो भाभी
ख़ुशी - अच्छी हूं..
बबली - थोड़ा गर्म पानी लाई हूं सेक लगा लीजिये...
ख़ुशी - मुश्कराती. हुई भाभी कि इतनी सेवा
बबली - क्यों नहीं भाभी कोई दुख देता है तो किसी को तो उसका निपटारा करनी चाहिए
ख़ुशी - वाह मारने वाला भी इलाज करने वाला भी
बबली - सही पकड़ी भाभी जी सारी व्यवस्था है...
इसी तरह.. बबली सेक लगा देती है और भाभी को लेते रहने को बोल किचन मे चली जाती है...
उधर राहुल जागने के बाद फ्रेश हो के किचन कि और जाता है
राहुल -आते हीं गुड मॉर्निंग भाभी
लेकिन वहाँ भाभी नहीं थी बबली थी...
बबली कुछ भी रिप्लाई नहीं देती है..
राहुल - ओह्ह बाबा इतनी छोटी बात पे गुस्सा करोगी तो हो गया...
फिर भी बबली कुछ नहीं बोलती है..
राहुल खुद से चाय कि बर्तन उठाता. है लेकिन ओस बार बबली राहुल के हाथ से केन ले लेती हैँ कुछ देर के लिए दोनों एक दूसरे के आँखों मे देखता है...
बबली - कितना गुस्सा कर लूँ लेकिन...
राहुल - लेकिन क्या..
बबली कि हाथ दबाते हुए बोलता है अभी एग्जाम है इसलिए मान गयी
बबली - अच्छा बच्चू..
राहुल - ऐसे भाभी कहाँ हैँ
बबली - उनकी तबियत खराब है
राहुल - क्या हुआ जो?
बबली - जा के देख लो
राहुल , ख़ुशी भाभी के रूम मे आता है
ख़ुशी आँखे बंद किये हुए कुछ सोच रही थी
ख़ुशी को आभास हो गया कि कोई रूम आया है...
राहुल बड़े प्यार से आवाज़ लगता है भाभी भाभी
ख़ुशी - अपनी आँख खोलती है जी देवर जी
राहुल - आप ठीक तो है ना
ख़ुशी - जी हाँ
राहुल - वो बबली बोल रही थी भाभी कि तबियत खराब है
ख़ुशी - जी वो थोड़ी से मोच आ गयी
राहुल - ओहो! अभी ठीक तो है ना भाभी जी
ख़ुशी - दवाई ली हूं अभी ठीक है थोड़ी सोची रेस्ट कर लेती हूं
राहुल - हाँ बिलकुल भाभी
ख़ुशी - खड़े क्यों हैँ देवर जी बैठीये
राहुल - बेड पे बैठ जाता है और थोड़ा मुश्कारा रहा था
ख़ुशी - क्या हुआ जो मुश्कारा रहे हो देवर जी
राहुल - कुछ नहीं भाभी वो तो वैसे हीं......
ख़ुशी मज़ाक करती हुई..वैसे देवरनी को ये सब दर्द मत दीजियेगा....
राहुल - धत्त भाभी वो तो समय कि बात है आगे किसने देखा है क्या होगा.....
ख़ुशी - वो तो है....
इसी तरह दोनों मे कुछ देर नार्मल बात चलती है......
वहीँ दूसरी तरफ ऑफिस पहुँच के बिमलेश को मन नहीं लगता है...तो वो अपना व्हाट्सप्प ओपन करता है देखता है जुली ऑनलाइन थी....उसे मेसेज करता है...
बहुत ही रीयलिस्टिक थ्रेड है।अपडेट नंबर 30 मे 29 नंबर अपडेट है....इसलिए अब....
अपडेट 31...
आपने पढ़ा
गेट लगाती हुई ख़ुशी सीढ़ी से ऊपर जाती है अंदर जाते हुए गेट लॉक करती हैँ
बिमलेश - आज बेसब्री से इंतज़ार कर रहा था तो आज हीं लेट करनी थी क्या
ख़ुशी - मुश्कारती हुई किचन कि काम निपटाती तब ना जी
आगे...
ख़ुशी - ऐसे आज बहुत बेचैन हो जी कुछ बात है क्या...
बिमलेश - बेड से निचे उतरते हुए बोलता है एक तो मै पहले से हीं फुल मूड मे हूं ऊपर से विग्रा उसके बाद मटन कि गर्मी...
ख़ुशी - ओह्ह गॉड! इतनी सारी गर्मी एक साथ फिर तो मेरे सांइय्या फुर्सत के साथ चोदियेगा ना मेरी कमसिन बुर को...
बिमलेश - हाँ मेरी रानी पूरी फुरसत के साथ चोदुँगा आज....
बात करते करते हीं ख़ुशी अपनी साडी पेटीकोट खोल देती है पेंटी और ब्रा मे सेक्सी अंदाज़ मे खड़ी थी...
इसी अंदाज़ मे ख़ुशी अपनी हाथ पेंटी के ऊपर ले जाती है और बड़ी हीं कतीलाना अंदाज़ मे फिंगर को अपनी बुर मे दबा देती है
पहले से नंगे बिमलेश से बर्दास्त नहीं होता है वो बेड से उठता है और ख़ुशी कि ब्रा और पेंटी खोल देता है
बिमलेश - आआह जान आज बहुत सेक्सी लग रही हो
ख़ुशी - ओह्ह राजा मै बस अभी सेक्सी लग रही हूं क्या.....
बिमलेश - नहीं मेरी सेक्सी बोम्ब ऐसी अदा मे यदि राकेश देख लेगा तो बिना कुछ किया कहीं उसका पानी ना निकाल जाय.....
ख़ुशी कि नेवल पर किस करते हुए बोलता है....
ख़ुशी - लेकिन ननद रानी तो बता रही थी ननदोई बहुत हीं हचक हचक के चोदता. है उसे...
बिमलेस- हाँ लेकिन मेरी बोम्ब तो लाखो मे एक है उसे सम्भलाना आसाना बात नहीं हैँ
बिमलेश वही बैठ के अपना जीभ खूसी कि बुर से सटा देता है
ख़ुशी भी धीरे धीरे गर्म रही थी ख़ुशी खड़े खड़े हीं अपनी बुर चटवा रही थी और अपनी एक हाथ बिमलेश के सर पे रख के दबा रही थी...
ख़ुशी सिसकते हुए आआह मेरी जान कितना अच्छा लग रहा है आआआह
कुछ इसी तरह ख़ुशी अपना बुर चटवा रही थी फिर बिमलेश और ख़ुशी बेड पे चली जाती है...
बिमलेश लेट जाता है और ख़ुशी दोनों पैर के बिच मे बैठ कर डॉगी पोज़. मे लंड चूस रही थी...
बिमलेश का लोड़ा भी फुल टाइट था आपने हाथ से पकड़े हुए था और ख़ुशी बिमलेश के लोड़ा के जीभ से निचे के ऊपर कूदेर रहा था....
इसी तरह लंड और बुर कि चूसाई चलता रहा
ख़ुशी बोलती है - आह राजा आज लोड़ा कुछ ज्यादा हीं गरम. है....
बिमलेश - आज अपनी प्यारी बीबी कि जम के चुदाई जो करनी है....
ख़ुशी छेरते हुए...
ख़ुशी - सैय्या जी मुझे तो बैडरूम. मे भी चोद सकते थे ना आज ननद के रूम मे कैसे....
बिमलेश - आह खुशी जान बुझ के छेर रही हो सब कुछ जानते हुए भी....
ख़ुशी - बिमलेश के टोपा को चूसते हुए अच्छा...आपको क्या ज्यादा एक्ससाईंटेड कर रहा है अपनी दोस्त कि बीबी चोदने मे या अपनी बहन को चोदने मे
बिमलेश - यदि वो मेरी बहन नहीं होती तो उसे अभी तक चोद चोद के 2 बच्चा पैदा कर दिया होता
ख़ुशी - फिर तो आपके दोस्त भी आपकी बीबी को चोद चोद के बच्चा कि लाइन लगा देता ना
बिमलेश - हां ये बात तो है लेकिन ये सब जुली जो आ बिच मे इसलिए हुआ ना
ख़ुशी - लेकिन आप तो और ज्यादा खुश लग रहे हो बहनचोदने कि ख़ुशी मे......
बिमलेश - अब बर्दास्त नहीं हो रहा है ख़ुशी आआह
ख़ुशी, बिमलेश के कान को अपनी दांत से थोड़ा चाबाती. है और बोलती है दिल से जुली को चोद रहे हो और ऊपर ऊपर मेरी नाम ले रहे हो...
बिमलेश - आआआआआआह तुम्हारी यही सेक्सी अदा मेरी जान ले लेती है. आआआह तुम्हें ये बात पहले बता देता तो कितना मज़्ज़ा देती
ख़ुशी - क्यों नहीं बातये फिर...
बीमलेश - डरता था इतनी अच्छी खासी बीबी मिली कहीं गुस्सा कर गयी तो.....
ख़ुशी - गुस्सा हो मेरे दुशमन इतनी अच्छे पति जिसे मिले वो क्यों गुस्सा होंगी....
बिमलेश - हाँ ये बात तो है लेकिन जान इतनी चुदासी कैसे हो गयी..
ख़ुशी - आप हीं तो चोद चोद के चुदासी बनाये हैँ हर लड़की के माँ बाप इसलिए तो सेटल लड़का ढूंढ़ते है जिसको कोई टेंशन नहीं और पूरी मेहनत से अपनी बीबी को चोद सके....
बिमलेश - वाह मेरी चुदासी बीबी कि कॉन्सेप्ट बहुत अच्छी है....
आह अब ले लो अपनी बुर मे जान
ख़ुशी डॉजी पोज़ मे आ जाती है और पीछे से बिमलेश अपना लोड़ा ख़ुशी कि बुर के ऊपर रखता है
ख़ुशी, बिमलेश को खुश करने के लिए जुली का रोल. करने लगती है...
ख़ुशी - भैया आपको डॉजी पोज़ बहुत पसंद है
बिमलेश - हाँ बहन इस पोज़ मे पूरा लोड़ा अंदर जाता है
ख़ुशी - हाँ भैया अब चोदिए. ना अपनी बहन को क्यों तरपा रहे हैँ...
बिमलेश - अपने मन मे आह मेरी प्यारी बहन आआआआह मै बता नहीं सकता आआह कितनी मस्त मलाई कि टेस्ट थी...यही सोचते हुए इतनी जोर से धक्का मरता है कि ख़ुशी उसके लिए तैयार नहीं थी...
ख़ुशी आआआआआह करते हुए आगे कि और झुक जाती है और बिमलेश का आधा से ज्यादा लोड़ा ख़ुशी कि बुर मे चला गया था
ख़ुशी - आआआआआआह भैया आआआह भला कोई ऐसे धक्का मरता है क्या
बिमलेश - क्या करू बहना ऐसी कमसिन बुर देख के कौन खुद पे काबू रख सकता है...
ख़ुशी - आआआह भैया निचे तकिया लगा दो ना तब बेहरमी से चोदना. आआह आज मै भी खुल के चुदवाना. चाहती हूं
बिमलेश, ख़ुशी के निचे एक तकिया सेट कर देता है
और पूरी रफ़्तार से चोदना शुरू कर दिया
ख़ुशी - आआआआआह मेरे राजा भैय्या यही चुदाई तो पसंद है आआआआह आआआआह इस...लि...ए तो भै.....या को वि....ग्रा खिलाई आआआआआह रा जा
बिमलेश - आह लो बहना ये लो आआआआह कितना मज़्ज़ा आ रहा है चोदने मे आह
ख़ुशी - आआह भैया आआआह और जोर से चोदो. ना विग्रआ खाने के बाद भी....आआह और जोर से
कुछ देर तक इसी पोज़ मे चुदाई चली
फिर ख़ुशी बोली -ओह्ह्ह भैया आप थक गए हो मै चोदुँगी. आपको अब
बिमलेश निचे लेट जाता है और खुशी उसके ऊपर अपनी बुर मे लोड़ा सेट कर के उछलने लगती है...
ख़ुशी - बिमलेश कि आँखों ही आँखों मे इशारा कर के पूछती है कैसा लग रहा है भैया...
बिमलेश - आआआह बहन आआआह बहुत अच्छा लग रहा है
फिर ख़ुशी घूम जाती है अपनी बुर मे लंड लिए हीं
कुछ देर इसी पोज़ मे उछलती है बिच बिच मे बिमलेश भी निचे से धक्का लगाता है
और अपनी हाथ से अपनी दोनों चूची को दबाते हुए मज़्ज़ा लेती है कि
ख़ुशी - आआह भैया आआआह बहुत मज़्ज़ा आ रहा है...
अचानक बिमलेश अपना लंड ख़ुशी कि बुर से निकाल लेता है
बोलता है - आआह आआह मेरा निकालने वाला है
ख़ुशी (अपनी मन मे आहहह मेरी तो अधूरी हीं रह गयी फिर भी मुस्करा रही थी )
लंड पर से निचे उतर जाती है और बिमलेश के लोड़ा पे अपना जीभ लगाती है कि लंड से माल निकलने लगता है
कुछ देर इसी तरह बिमलेश के लंड चुस्ती है...
बिमलेश - डार्लिंग कैसी लगी चुदाई
ख़ुशी - बिमलेश का मन रखती हुई बहुत हीं अच्छी थी...
लेकिन ख़ुशी का मन और था चुदने कि लेकिन वो चाह के भी कुछ नहीं कर सकती थी...
सुबह 4 बजे उसी बेड पे एक राउंड और दमदार चुदाई हुई इस चुदाई मे ख़ुशी के कमड मे मोच आ गयी..
हुआ ये कि ख़ुशी दोनों पैर बेड के निचे और अपनी हाथ बेड पे रख के झुकी हुई थी और बिमलेश के झारते टाइम ख़ुशी अपनी कमार जल्दी से पीछे कि और कि ताकि रस अंदर ना जाय रस तो अंदर नहीं गयी लेकिन अनबालेंस. होने कि वजह से बहुत मोच आ गयी बिमलेश अपनी गोदी मे लेकर निचे बैडरूम मे सुला दिया और खुद सो गया....
मॉर्निंग 7 बजे ख़ुशी लेटे लेटे हीं बबली को कॉल करती है
रिंग बजते हीं बबली अपनी आँख मसलते. हुए स्क्रीन देखती है तो भाभी कि कॉल
बबली - हाँ भाभी
ख़ुशी - सोइ हो
बबली - अभी जगी हूं फ़ोन से
ख़ुशी - भैया के लिए चाय नास्ता बना दो ना आज मेरी तबियत अच्छी नहीं है
बबली - ओह्ह क्या हुआ भाभी आपको आप ठीक तो हैँ ना
ख़ुशी - वो कमर मे मोच आ गयी है
बबली - कोई नहीं आप रेस्ट कीजिये मै कर देती हूं
कॉल कट हो जाती है और बबली लेट से सोने कि वजह से नींद पूरी नहीं हुई और खुद से बुदबदाती हुई बोलती है कस के सर्विसिंग किये होंगे भैया ये...
और मुस्कराती हुई रूम से बाहर निकलती है...
किसी कि भी गेट नहीं खुली थी...
बाथरूम मे बबली मन मे भाभी को तो मोच आ गयी और ये मम्मी पापा भी इतना लेट से जागते हैँ.....
उधर कमरे मे
बिमलेश - ख़ुशी कि चूची को मसलता है
ख़ुशी - नाराज होते हुए ये तो हुआ नहीं कि बीबी कि तबियत खराब है खुद से चाय नास्ता बना लूँ..और जबकि आता भी है
बिमलेश - ओह्ह डार्लिंग नाराज हो गयी घर मे बस तुम रहती तो मै हर दिन करता लेकिन मै राहुल बबलि सबको आपने हाथ से चाय दूँ ये शोभा नहीं देता और सिर्फ तुम्हें भी तो नहीं दे सकता
ख़ुशी - हाँ सफाई देना कोई आपसे सीखे....
बिमलेश - वो सब छोड़ो देखो कैसे डंडा खरा है
ख़ुशी - बिलकुल भी नहीं अभी मै हिल भी नहीं सकती...
बिमलेश - फिर कैसे शांत करू
खुशी - मजाकिया अंदाज़ मे जाओ किचन मे बबली अकेली होंगी पीछे से डाल देना पूरी गटक जाएगी
बिमलेश - धत्त बेशर्म खुछ भी बोल देती हो...
ख़ुशी - जब बड़ी बहन को चोद के बच्चा देने के लिए तैयार है तो बबली को तो सिर्फ चोदनी. है
बिमलेश - सुबह सुबह मटरगस्ती कर रही हो तबियत ठीक रहती तो ऐसे हुमच. के चोदता कि
ख़ुशी - ओह्ह्ह बड़ा आया चोदने......ऐसे जब से ये बात मेरे से शेयर किये हो आपका लोड़ा खड़ा. हीं रहता है क्या जादू कर दि जुली
बिमलेश - आआह जुली का नाम ना लो ऐसे हीं मूड मे हूँ चढ़ जाऊंगा......
ख़ुशी - ना बाबा ना मुझे अभी नहीं चुदवानी. है
बिमलेश - अच्छा फिर जुली जो गाढ़ा. मलाई खिलाई वही खिला दो ना
ख़ुशी - मस्का मारते हुए अच्छा गाढ़ा मलाई आपकी बहन कि बुर से निकलती है आपकी बीबी के बुर से नहीं
बिमलेश - जब तक उसकी मिल नहीं जाती तब तक के लिए ये बहन कि हीं बुर है मेरे लिए
ख़ुशी - आआआह कितने बड़ा बहिनचोद हैँ आप..कहीं इसलिए तो नहीं बहन कि सादी दोस्त से करवा दिए
बिमलेश -
ख़ुशी - चाट. लो मेरे शोना भैया चाट लो अपनी बहन कि बुर और पी जाओ गाढ़ा मलाई
बिमलेश - ये हुई ना बात.....
करीब 10 मिनट.बिमलेश मेहनत किया ख़ुशी के बुर पे फिर भी ख़ुशी के बुर से मलाई नहीं निकली...
बिमलेश - आह आआह आआआह मै गया आआआह मै गया पेंट पे हीं निकाल गया मेरा
ख़ुशी -हो गए शांत अब खुश ( बहन चोदने के चक्कर मे मुझे गरम. कर छोड़ देते हैँ )
बिमलेश - आआह बहुत मज़्ज़ा आया लेकिन बुर से मलाई निकलती तब बहुत मज़्ज़ा आता...मेरी चड्डी भी गन्दी हो गयी...
ख़ुशी - कोई नहीं...खोल के रख दीजिये
वैसे मेरी जो ये हाल हुई है क्या बोलूंगी कैसे हुई...
बिमलेश - बोल देना चुदवाते चुदवाते हो गयी...
ख़ुशी - बड़ा आया चोदने वाला अब आपको 2 विग्रआ दूंगी तब चुदवाउंगी.....
बिमलेश - ओके मेरी जान.
इसी तरह चाय नास्ता करने के बाद ऑफिस के लिए निकाल जाता है
ऑफिस निकालने से पहले
बिमलेश पैनकिलर दे देता है...
ख़ुशी - हुई निगल जाती है..
उसके बाद बबली कमरे मे आती है
बबली - कैसी हो भाभी
ख़ुशी - अच्छी हूं..
बबली - थोड़ा गर्म पानी लाई हूं सेक लगा लीजिये...
ख़ुशी - मुश्कराती. हुई भाभी कि इतनी सेवा
बबली - क्यों नहीं भाभी कोई दुख देता है तो किसी को तो उसका निपटारा करनी चाहिए
ख़ुशी - वाह मारने वाला भी इलाज करने वाला भी
बबली - सही पकड़ी भाभी जी सारी व्यवस्था है...
इसी तरह.. बबली सेक लगा देती है और भाभी को लेते रहने को बोल किचन मे चली जाती है...
उधर राहुल जागने के बाद फ्रेश हो के किचन कि और जाता है
राहुल -आते हीं गुड मॉर्निंग भाभी
लेकिन वहाँ भाभी नहीं थी बबली थी...
बबली कुछ भी रिप्लाई नहीं देती है..
राहुल - ओह्ह बाबा इतनी छोटी बात पे गुस्सा करोगी तो हो गया...
फिर भी बबली कुछ नहीं बोलती है..
राहुल खुद से चाय कि बर्तन उठाता. है लेकिन ओस बार बबली राहुल के हाथ से केन ले लेती हैँ कुछ देर के लिए दोनों एक दूसरे के आँखों मे देखता है...
बबली - कितना गुस्सा कर लूँ लेकिन...
राहुल - लेकिन क्या..
बबली कि हाथ दबाते हुए बोलता है अभी एग्जाम है इसलिए मान गयी
बबली - अच्छा बच्चू..
राहुल - ऐसे भाभी कहाँ हैँ
बबली - उनकी तबियत खराब है
राहुल - क्या हुआ जो?
बबली - जा के देख लो
राहुल , ख़ुशी भाभी के रूम मे आता है
ख़ुशी आँखे बंद किये हुए कुछ सोच रही थी
ख़ुशी को आभास हो गया कि कोई रूम आया है...
राहुल बड़े प्यार से आवाज़ लगता है भाभी भाभी
ख़ुशी - अपनी आँख खोलती है जी देवर जी
राहुल - आप ठीक तो है ना
ख़ुशी - जी हाँ
राहुल - वो बबली बोल रही थी भाभी कि तबियत खराब है
ख़ुशी - जी वो थोड़ी से मोच आ गयी
राहुल - ओहो! अभी ठीक तो है ना भाभी जी
ख़ुशी - दवाई ली हूं अभी ठीक है थोड़ी सोची रेस्ट कर लेती हूं
राहुल - हाँ बिलकुल भाभी
ख़ुशी - खड़े क्यों हैँ देवर जी बैठीये
राहुल - बेड पे बैठ जाता है और थोड़ा मुश्कारा रहा था
ख़ुशी - क्या हुआ जो मुश्कारा रहे हो देवर जी
राहुल - कुछ नहीं भाभी वो तो वैसे हीं......
ख़ुशी मज़ाक करती हुई..वैसे देवरनी को ये सब दर्द मत दीजियेगा....
राहुल - धत्त भाभी वो तो समय कि बात है आगे किसने देखा है क्या होगा.....
ख़ुशी - वो तो है....
इसी तरह दोनों मे कुछ देर नार्मल बात चलती है......
वहीँ दूसरी तरफ ऑफिस पहुँच के बिमलेश को मन नहीं लगता है...तो वो अपना व्हाट्सप्प ओपन करता है देखता है जुली ऑनलाइन थी....उसे मेसेज करता है...
vaah sir ekdum shaandar opening ki haiUpdate 1
आज सुबह से हिं घर मे चहल पहल थी क्यों कि आज भाभी की दूसरी सालगिरह जो थी । पापा और भैया ऑफिस चले गए और मम्मी भाभी और बबली पास वाले मंदिर गयी हुई थी । मैं घर मे बैठ के सोच रहा था आआआह किस तरह भैया और खुशी भाभी की सालगिरह की स्पेशल चुदाई कैसे लाइव देखी जाय। अब मैं अपने घर के बारे में बता रहा हूँ 3 साल पहले गाँव से शहर में शिफ्ट हुए हैं शहर से 6 किमी दूर एक इलाके में अभी ये पूरी तरह से इलाका भरा नही है छिट पूट घर है मेरे घर के एक साइड घर है और दूसरी साइड पेड़ लगे हुए हैं और बहुत जंगल भी हो गयी है । नीचे 4 कमरे हैं और 2 कमरे पहली फ्लोर पे हैं। नीचे वाले कमरे में 1 मम्मी पापा उसके बगल वाली भैया भाभी की और अपोजिट साइड एक मे मैं और दूसरी में बबली रहती है । ऊपर वाले 1 रूम में थोड़ा बहुत समान और एक गेस्ट रूम है। मैं इतना एकसाईटेड हो गया कि किसी तरह आज भैया और भाभी की चुदाई देखने के लिए। मैं अपने घर से बाहर निकल कर पीछे जंगल की तरफ गया बहुत हिं जंगल था सांप न हो इसका डर लग रहा था फिर भी हिम्मत कर के गया बिल्कुल खिड़की के पास लेकिन मैं खिड़की तक पहुंच नही पा रहा था मेरे घर से लेवल काफी नीचे था फिर में वहां एक पुरानी कुर्सी ला के चढ़ के देखा तो रूम की बेड क्लियर दिखाई दे रही थी मैं वो कुर्सी वही जंगल मे हिं छोर के आ गया और मन हिं मन बहुत खुश था कि आज भैया भाभी लाइट जला के अपनी प्रोग्राम करे। फिर मैं नहा के रेडी हो गया । तब तक भाभी लोग भी मंदिर से आ गयी थी जाते टाइम तो मैं नही देखा था और जब मैं तीनो को देखा आआआह गजब की लग रही थी मैं तो आज सबसे ज्यादा भाभी को देख रहा था और मन हिं मन सोच रहा था आह भैया कैसे पेलते होंगे गदराई माल को फिर मेरी नजर मम्मी पे गयी जो अपनी रूम जा रही थी आआआह मम्मी की गांड चलते हुए कहर ढाह रही थी और फिर बबली की पतली कमर और निकली हुई गांड काफी सेक्सी लग रही थी । मेरी मुन्ना तो ये सब देख के हिं खड़ा हो जाता है किसी को सक न हो मैं अपने रूम जल्दी से घुस गया। और फिर वही सोचने लगा क्या रात में मैं देख पाऊंगा कि नही यही सब सोचते मैं मोबाइल देखने लगा । कुछ हिं देर में बबली की मेसेज आती है
बबली- हेलो मेरे प्यारे भाई...
मैं- वाह प्यार भाई कब से बन गया हर वक्त तो लड़ते रहती हो
बबली- वो तो प्यार है लेकिन हो तो मेरे प्यारे भाई न
मैं- अच्छा बड़ा प्यार आ रहा है कुछ काम है क्या?
बबली- हा हा हा हा बिल्कुल सही पकड़े
मैं- मुझे पहले हिं पता चल गया था कि कुछ काम होगा तब हिं मस्का लगा रही है बोलो क्या बात है
बबली- पैसे चाहिए कुछ भाभी को गिफ्ट देनी है
मैं- अच्छा मैं कौन सा कमाता हूँ जो पैसा मेरे पास रहेगा हा हा हा
बबली- माजक न करो तुम्हारे पास पैसा हर वक्त रहता है तो बहुत जुगाड़ी हो न
मैं- ऐसा क्या अच्छा क्या दोगी भाभी को गिफ्ट मुझे भी देनी है
बबली- मैं क्यों बताऊंगी जो पसंद आएगी वो दूंगी ऐसे तुम क्या दोगे
मैं- मेरा तो मन हुआ मेसेज कर दूं कि मैं कंडोम का बड़ा डब्बा गिफ्ट कर दूं ताकि भैया को बार बार नही खरीदना परे (ये तो मैं अपने मन मे सोच रहा था जो मैं दे नही सकता था क्यों कि भैया को जो पता चल जाता) बबली को मैं बोला जो अच्छा लगेगा वो दे दूंगा
बबली- अच्छा कब जा रहे हो
मैं- अभी हिं जाना होगा क्योंकि भैया बोल दिए है केक भी मुझे हिं लाना होगा और घर का सामान भी तो टाइम नही मिलेगा
बबली- फिर चलो मुझे भी जानी है
मैं- फिर तैयार हो जाओ
बबली- मैं तैयार हिं हूं
मैं- ओक मैं रेडी हो रहा हूँ
और मैं मम्मी को ये बोल के मार्केट जा रहा हूँ।
रेखा मा- बबली तुम भी जा रही हो
बबली- हां मा धीरे से बोली भाभी के लिए गिफ्ट लाना है।
मैं बाइक निकाला और बबली पीछे की सीट पे दोनों दोनों तरफ कर के बैठ गयी और अपनी एक हाथ मेरी कंधे पे रख दी
और बोलती है
बबली- भाई मुझे कब सिखला दोगे बाइक चलना
मैं- तुम तो खुद बहुत टैलेंटेड हो खुद सिख लो
बबली- मेरी पीठ पे एक जपत लगते हुए मैं माजक नही कर रही हूं कभी सिखला दो न
मैं- ये तुम्हारे बस की बात नही है ये बहुत भारी बाइक है इससे सीख नही पाओगी
बबली- क्यों भारी है तो क्या हुआ मैं चला लुंगी मुझे खुद पे भरोसा है बस दिखने में पतली हुन अंदर से बहुत स्ट्रांग हूँ
मैं- हा हा हा बहुत स्ट्रांग हो ऐसे क्या लोगी गिफ्ट भाभी के लिए
बबली- चल न दुकान पे देखती हूँ ....
aapka fan ho gaya hu sir gUpdate3
घर आने के बाद लंच कर के अपने कमरे में आराम करने लगे और रात की योजना के बारे में सोचने लगा कि आज तक बस भाभी , दीदी और माँ की पेंटी पे अपने लंड पे घिसा हूँ और बहुत बार मम्मी पापा और भैया भाभी के कमरे से सेक्स करते वक्त मोनिंग की आवाज़ सुनकर या फिर कोई भी बतरूम जाती थी उसकी पेसाब की प्रेशर आह यही सब सोच के अपना लंड हिलाया करता था । दिन व दिन घर की चूत के लिए चाहत बढ़ता हिं जा रहा था। आज बहुत हिं उतावला हो रहा था कैसे भैया भाभी को पेलते होंगे क्या भैया भाभी की चूत भी चाटते होंगे या भाभी भैया का लंड चूसती होगी यही सब सोच रहा था कि कोई मेन गेट पीट रहा हो । मैं अपने रूम से बाहर निकल कर ग्रील खोला तो देखता हूँ बाहर जुली दीदी और राकेश जीजू हैं दोनों को देख के बहुत खुश हुआ ।
जुली दीदी- कैसे हो हैंडसम
मैं- ठीक हुन साथ हिं दीदी की पाँव छूते हुए प्रणाम किया पास में खरे जीजू को भी
जुली दीदी- खुश रहो मुस्कराते हुए बोली
और दोनों आगे आगे और मैं समान लिए पीछे से आ रहा था दीदी के शरीर में दिन व दिन बदलाव आ रहा था पीछे से दीदी बिल्कुल मम्मी की तरह लग रही थी ..
दोनों के आवाज सुनकर सब अपने रूम से बाहर निकले सब एक दूसरे से मिले और बात करने लगे । मैं अपने रूम में आ गया बस मैं यही सोच रहा था कि जीजू इन 30 मोन्थ मे किस तरह दीदी की सेवा किये की पतली दुबली दीदी इतना ग़दरा गयी है।
इतने में माँ आवाज देती है
रेखा माँ- ओ राहुल कहाँ हो ये बोलते हुए मेरे कमरे में आई और बोलती है बाजार से कब समान लाओगे जल्दी खाना बनाना है..
मैं- जी मा कुछ देर में जाऊंगा पास में हिं तो है
रेखा- मैं जानती हूं तुम्हारी गोपी के 5 मीनट और हस दी और बाहर चली गयी
मैं- बस मा को देखता रहा पीछे मा की तरबूज को मैं बस यही सोच रहा था कि माँ बिन कपड़े के कैसी लगती होगी आह
जब कोई घर के लोग पास हो तब मैं गलत नहीं सोचता हूँ बिल्कुल अच्छा लड़का की तरह लेकिन जब भी अकेला रहता हूँ बस यही सब सोचते रहता हूँ फिर में मार्केट के लिए निकल गया घर की समान और रात के लिए मटन केक भी लेनी लेकिन पकड़ता कौन इसलिए सोचा केक बाद में लूंगा फिर में सारी समान लेके घर आ गया
शाम में मैं जीजू को साथ लेकर केक लाने चल दिया रास्ते में
राकेश जीजू- तो साले साहब क्या चल रहा
मैं- बस चल रहा है किसी तरह
राकेश जीजू- हँसते हुए किसी तरह क्यों कोई है नही क्या बॉडी की राहत देने वाली
मैं- बस इतना बोला कि मैं इतना लकी नही हूँ जीजू
राकेश जीजू- मेरी बाह को अपनी हाथ से दबाते हुए तो फिर ये बॉडी बस ऐसे हिं खाली कहीं यूज़ नही
मैं- बस थोड़ा हस दिया
दोनों केक लिए और साथ में बलून वगेरा डेकोरेट की समान लिए और घर आ गए