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Incest Aaaah Ghar ki rasili bur aur gaand

Story ko kaun si front me likhu?

  • Hindi front

    Votes: 19 43.2%
  • Hinglish front

    Votes: 25 56.8%

  • Total voters
    44
  • Poll closed .

jjh

Member
111
105
43
Update5
बबली की आवाज सुनते हिं दोनों जल्दी जल्दी कपड़े बदल के किचेन में चली गयी खाना लग चुका था । पापा भैया जीजू और मैं एक साथ एक टेबल पे खाये फिर मा लोग भी खाई मुझे तो बहुत बेचैनी हो रही थी कि जल्दी सब खाना कम्पलीट करे और सोने जाय सब के खाने के बाद किचन में-

खुशी भाभी- बर्तन धोने जा रही थी...

जुली दी- भाभी छोड़ दीजिए कल धोया जायेगा आज स्पेशल डे है

रेखा मा- हाँ बहु छोड़ दो ऐसे आज सटरडे है और कल संडे जल्दी जगने का भी लोचा नही.

जुली दी- भाभी की गांड पे हाथ फेरते हुए मा की तरफ देखते हुए बोली मतलब आप कह रही हो मा की भाभी पूरी रात मस्ती की राउंड चलती रहे स्पेशल डे में और सुबह जल्दी जगने की भी जल्दी नही

खुशी भाभी- शर्मा गयी

रेखा मा- ऐसे मैं तो बहुत खुश हूं अच्छी बहु और अच्छे दामाद मिला है जो सेवा में कोई कमी नही छोड़ता....

जुली दी- और मैं भी खुश हूं जो मुझे इतनी अच्छी मा को इतना अच्छे पापा मिले हैं सादी के 30 साल होने के बाद भी सेवा में कोई कमी नही होती है .... हा हा हा हा

अब सरमाने की बारी थी मम्मी की ...

तब तक खुशी भाभी मम्मी के पास आ के बोलती है अपनी सास के कान के पास

खुशी भाभी- लकी तो मैं हूँ सासु मा जी जो मुझे इतने अच्छे सासु मा पति और परिवार मिला है ...और सरारती अंदाज़ में बोलती है " जब ससुर जी सासु मा की सेवा करने में कोई कटौती नहीं करते सदी के 30 साल तक तो मैं नई हूँ अभी ऐसे पेरेंट्स के बेटे बेटी भी ( जुली दीदी की गांड दबाते हुए) पेरेंट्स पे जाएंगे हिं न वो गुण आ हिं जाता है..

रेखा मा- हंसती हुई परेशान तो नही करता है बिमलेश ..मेरी बहु को

खुशी भाभी- बहुत ज्यादा हर दिन ओवरडोज खुराक चाहिए

रेखा मा- हा हा हा बिमलेश के पिताजी को तो आज तक ओवरडोज सेवा देते आ रही हूं...बेटा भी बाप पे गया है

जुली दी- और बेटी और बहू बिल्कुल अपनी माँ पे...ऐसे हिं बात करते हुए किचन रूम से निकलते हैं और सब अपने अपने रूम की तरफ जाते हैं

जुली दी और जीजू ऊपर वाले गेस्ट रूम में बांकी सब अपने कमरे में सोने जा रहे थे....

मैं अपनी गेट पे संबकी गेट लगने की प्रतीक्षा में था..और गेट लगते हैं मैं अपनी बनाई हुई जगहों में जाने लगा रात थी जंगल बहुत थी डर तो बहुत लग रहा था ..नवंबर के टाइम था न ठंड न गर्मी फैन भी नही चल रही थी ..जब मैं पीछे मम्मी पापा वाला खिड़की के सामने से गुजरा तो एक साउंड आती है......

मम्मी के रूम से एक साउंड आई में देख तो नही पा रहा था ऐसा लग जैसे पापा मम्मी की गांड पे एक तप्पड़ जड़ा हो

रेखा मा- अच्छा बड़ा मूड में हो कुछ देख लिए क्या

शंकर पापा- अच्छा मैं किस दिन मूड में नही रहता हूँ जो

रेखा- हाँ वो बात तो है लेकिन आज कुछ ज्यादे मूड में हो आते हैं गांड पे ठोक दिए चपत ...

शंकर- पता है डार्लिंग अभी एक बहुत बड़ा बबंडर होते होते बचा ....

रेखा- ऐसा क्या हुआ जो

खाना खाने के बाद मैं रूम में गेट के पास था जुली जा रही थी मुझे लगा तुम हो मैं अपनी हाथ जैसे अभी तुम्हारी गांड पे मारी वैसे मारने हिं वाली था कि जुली ,बबली को आवाज लगाई मैं आवाज़ सुन के रुक गया वैसे भी पीछे से तुझ में और जुली में ज्यादा की अंतर नही रही सेम हाइट बॉडी और गांड भी...( पापा जुठ बोले)

रेखा- अच्छा ऐसा क्या मार देते तब देखते क्या होता है और हसने लगे और मम्मी बोली वैसे भी आपको अपने से कम आधी ऐज वाली को चोदने का बहुत शौक है आपकी आफिस में कौन एक लड़की आई है उसको सोच सोच के मेरी बुर और गांड कूट रहे है.... और जुली तो आपकी बेटी है उनको भी ..है राम!

शंकर- आफिस वाली की बात छोड़ न अब मन है तो है मैं क्या करूँ । जुली वाली बात वो तो सही टाइम पे उनकी आवाज़ निकल गया नही तो गजब हो जाता ...ऐसे आज कौन से पोज़ में चोदू...

रेखा- कुछ तो बात है आज पूरा गरम हो

शंकर अपने मन मे- अपनी बेटी जुली की गांड देख के लौड़ा फुल टाइट था लेकिन वो बोलता कैसे चुप रहा

रेखा- शंकर के लंड को दबाते हुए बोली साँप , बिल में जाने के लिए तरस रहा है

शंकर- आज तो अपने यहां तीन सांप बिल में जायेगा

रेखा- हाँ बिमलेश और खुशी की तो स्पेशल होगी सालगिरह जो है...

शंकर- हाँ डार्लिंग तुम भूल गयी हो या याद है वैसे हमदोनो का क्या स्पेशल होगा आज

रेखा- हाँ डार्लिंग सब याद है वो सब भी भूलने वाली बात है जो...हमदोनो की स्पेशल यही है कि " बेटे के सालगिरह पे माँ की गाँड़ में पापा का लौड़ा" हा हा हा हा हा

शंकर- वाह मज़्ज़ा आएगा फिर मैं भी वैसे आज गाँड़ हिं मरता अपनी डार्लिंग का

मैं यही सोच रहा था मा और पापा कितने जोशीले हैं...

फिर मैं अपनी बनाई हुई जगह पे डरते डरते गया और कुर्सी पे चढ़ के देखा बेड की ओर तो देखता हूँ भैया बेड पे लेते हैं चड्डी पहने हुए।
bahut hi jordaar likhte ho aap
 

jjh

Member
111
105
43
Update5
बबली की आवाज सुनते हिं दोनों जल्दी जल्दी कपड़े बदल के किचेन में चली गयी खाना लग चुका था । पापा भैया जीजू और मैं एक साथ एक टेबल पे खाये फिर मा लोग भी खाई मुझे तो बहुत बेचैनी हो रही थी कि जल्दी सब खाना कम्पलीट करे और सोने जाय सब के खाने के बाद किचन में-

खुशी भाभी- बर्तन धोने जा रही थी...

जुली दी- भाभी छोड़ दीजिए कल धोया जायेगा आज स्पेशल डे है

रेखा मा- हाँ बहु छोड़ दो ऐसे आज सटरडे है और कल संडे जल्दी जगने का भी लोचा नही.

जुली दी- भाभी की गांड पे हाथ फेरते हुए मा की तरफ देखते हुए बोली मतलब आप कह रही हो मा की भाभी पूरी रात मस्ती की राउंड चलती रहे स्पेशल डे में और सुबह जल्दी जगने की भी जल्दी नही

खुशी भाभी- शर्मा गयी

रेखा मा- ऐसे मैं तो बहुत खुश हूं अच्छी बहु और अच्छे दामाद मिला है जो सेवा में कोई कमी नही छोड़ता....

जुली दी- और मैं भी खुश हूं जो मुझे इतनी अच्छी मा को इतना अच्छे पापा मिले हैं सादी के 30 साल होने के बाद भी सेवा में कोई कमी नही होती है .... हा हा हा हा

अब सरमाने की बारी थी मम्मी की ...

तब तक खुशी भाभी मम्मी के पास आ के बोलती है अपनी सास के कान के पास

खुशी भाभी- लकी तो मैं हूँ सासु मा जी जो मुझे इतने अच्छे सासु मा पति और परिवार मिला है ...और सरारती अंदाज़ में बोलती है " जब ससुर जी सासु मा की सेवा करने में कोई कटौती नहीं करते सदी के 30 साल तक तो मैं नई हूँ अभी ऐसे पेरेंट्स के बेटे बेटी भी ( जुली दीदी की गांड दबाते हुए) पेरेंट्स पे जाएंगे हिं न वो गुण आ हिं जाता है..

रेखा मा- हंसती हुई परेशान तो नही करता है बिमलेश ..मेरी बहु को

खुशी भाभी- बहुत ज्यादा हर दिन ओवरडोज खुराक चाहिए

रेखा मा- हा हा हा बिमलेश के पिताजी को तो आज तक ओवरडोज सेवा देते आ रही हूं...बेटा भी बाप पे गया है

जुली दी- और बेटी और बहू बिल्कुल अपनी माँ पे...ऐसे हिं बात करते हुए किचन रूम से निकलते हैं और सब अपने अपने रूम की तरफ जाते हैं

जुली दी और जीजू ऊपर वाले गेस्ट रूम में बांकी सब अपने कमरे में सोने जा रहे थे....

मैं अपनी गेट पे संबकी गेट लगने की प्रतीक्षा में था..और गेट लगते हैं मैं अपनी बनाई हुई जगहों में जाने लगा रात थी जंगल बहुत थी डर तो बहुत लग रहा था ..नवंबर के टाइम था न ठंड न गर्मी फैन भी नही चल रही थी ..जब मैं पीछे मम्मी पापा वाला खिड़की के सामने से गुजरा तो एक साउंड आती है......

मम्मी के रूम से एक साउंड आई में देख तो नही पा रहा था ऐसा लग जैसे पापा मम्मी की गांड पे एक तप्पड़ जड़ा हो

रेखा मा- अच्छा बड़ा मूड में हो कुछ देख लिए क्या

शंकर पापा- अच्छा मैं किस दिन मूड में नही रहता हूँ जो

रेखा- हाँ वो बात तो है लेकिन आज कुछ ज्यादे मूड में हो आते हैं गांड पे ठोक दिए चपत ...

शंकर- पता है डार्लिंग अभी एक बहुत बड़ा बबंडर होते होते बचा ....

रेखा- ऐसा क्या हुआ जो

खाना खाने के बाद मैं रूम में गेट के पास था जुली जा रही थी मुझे लगा तुम हो मैं अपनी हाथ जैसे अभी तुम्हारी गांड पे मारी वैसे मारने हिं वाली था कि जुली ,बबली को आवाज लगाई मैं आवाज़ सुन के रुक गया वैसे भी पीछे से तुझ में और जुली में ज्यादा की अंतर नही रही सेम हाइट बॉडी और गांड भी...( पापा जुठ बोले)

रेखा- अच्छा ऐसा क्या मार देते तब देखते क्या होता है और हसने लगे और मम्मी बोली वैसे भी आपको अपने से कम आधी ऐज वाली को चोदने का बहुत शौक है आपकी आफिस में कौन एक लड़की आई है उसको सोच सोच के मेरी बुर और गांड कूट रहे है.... और जुली तो आपकी बेटी है उनको भी ..है राम!

शंकर- आफिस वाली की बात छोड़ न अब मन है तो है मैं क्या करूँ । जुली वाली बात वो तो सही टाइम पे उनकी आवाज़ निकल गया नही तो गजब हो जाता ...ऐसे आज कौन से पोज़ में चोदू...

रेखा- कुछ तो बात है आज पूरा गरम हो

शंकर अपने मन मे- अपनी बेटी जुली की गांड देख के लौड़ा फुल टाइट था लेकिन वो बोलता कैसे चुप रहा

रेखा- शंकर के लंड को दबाते हुए बोली साँप , बिल में जाने के लिए तरस रहा है

शंकर- आज तो अपने यहां तीन सांप बिल में जायेगा

रेखा- हाँ बिमलेश और खुशी की तो स्पेशल होगी सालगिरह जो है...

शंकर- हाँ डार्लिंग तुम भूल गयी हो या याद है वैसे हमदोनो का क्या स्पेशल होगा आज

रेखा- हाँ डार्लिंग सब याद है वो सब भी भूलने वाली बात है जो...हमदोनो की स्पेशल यही है कि " बेटे के सालगिरह पे माँ की गाँड़ में पापा का लौड़ा" हा हा हा हा हा

शंकर- वाह मज़्ज़ा आएगा फिर मैं भी वैसे आज गाँड़ हिं मरता अपनी डार्लिंग का

मैं यही सोच रहा था मा और पापा कितने जोशीले हैं...

फिर मैं अपनी बनाई हुई जगह पे डरते डरते गया और कुर्सी पे चढ़ के देखा बेड की ओर तो देखता हूँ भैया बेड पे लेते हैं चड्डी पहने हुए।
bahut hi jordaar likhte ho aap
Update 7


किस के साथ साथ बूब्स भी दबा रहे थे ऐसा करने से दोनों बहुत जल्द गर्म हो गए और भैया का लौड़ा बिल्कुल तनतना गया था उधर भाभी की बुर भी लंड लेने के लिए मचल रही थी।

खिड़की के पास मेरा हाल बुरा था मैं तो सपने में भी नही सोचा था कि भैया भाभी इतनी जबरदस्त चुदाई का मज़्ज़ा लेते हैं।

अब दोनों चुदाई के लिए तरप रहे थे।
खुशी भाभी- जानू अब बर्दास्त नहीं हो रहा है डाल दो न अपना लौड़ा अपनी डार्लिंग की बुर में आआआह अब मत तड़पाओ डार्लिंग डाल भी दो न......
भैया उधर भाभी की दोनों पैर को अपने कंधे के ऊपर लेकर भाभी की बुर पे अपना लंड की टोपा को सेट किये हुए भाभी की आंखों में देखते हुए ये लो डार्लिंग और एक तेज का ध्क्का मारा बुर तो पहले से गीली थी हिं लौड़ा सट सटा के बुर की जड़ तक चला गया।
भाभी- चिहुँक गयी आहअहहहहहह मार डाले जी
फिर भैया धीरे धीरे लौड़ा आगे पीछे करने लगे 1- 2 मिनट ऐसे हिं चोद रहे ते और फिर अचानक भैया लौड़ा बिल्कुल बुर की मुंह के पास लाकर एक जोर का शार्ट मार भाभी की मुंह खुल गयी फिर लंड पीछे कर के फिर जोर से ऐसे हिं दोनों की चुदाई चलने लगी 2 मिनट ऐसे हिं चलने के बाद भाभी कुछ ज्यादा हिं गरमा गई और बोलने लगी आआआह और जोर से चोदो जानू भैया भी दनादन चोद रहे थे....

भाभी- आआआह आआआह बहुत अच्छा लग रहा है डार्लिंग अभी अभी लौड़ा का पानी अपनी मुंह में ली हुन और फिर से ऐसे चोद रहे हो जानू आआआह पहले तो ऐसा नही चोदते थे।
भैया - हाँ जु......ली ( गलती से ऐसा निकल गया) आआआह बहुत मज़्ज़ा आ रहा है
मेरा बुरा हाल था ये सोच के की भैया भाभी को चोद रहे हैं तो दीदी के नाम क्यों लिए


भाभी- खुशी भाभी भी जुली दी की नाम क्लियर तो नही लेकिन समझ गयी थी और वो ध्यान उधर नही दी चुदाई की मज़्ज़ा लेने में थी और ज्यादा देर रुक न सकी बुर रस छोड़ने लगी थी भाभी की आंख बंद होने लगी और इतनी जोश में आ गयी भाभी की नीचे से हिं धक्का लगाने लगी और ऊपर से भैया दनादन पेल हिं रहे थे और खुशी भाभी रोक नही सकी और रस छोड़ने लगी और भैया अपना चुदाई जारी रखे हुए थे भैया समझ गए थे कि खुशी एक बार झर गयी है और भैया अपना स्पीड कम किये भैया और टाइम तक चोदना चाहते थे इसलिए भैया भाभी की बुर से ले लौड़ा निकल कर भाभी की बुर चूसने लगे और खुशी भाभी को अपनी बुर पे जीव का अहसाह परते हिं बुर की फांके आपस मे कभी खुलती तो कभी बंद होती


ऐसी चुदाई देख कर बुरा हाल था अपनी मैं अपनी भाभी की बुर की फांके की थिरकन को देख के वो रोक नही सका और लौड़ा एक बार फिर से पानी छोड़ दिया ये पहली बार मेरे साथ हो रहा था कि बिना हाथ लगाए लौड़ा से माल निकल रहा था।


उधर भैया भाभी की बुर चाट के एक बार फिर से गर्म कर दिए और भैया का लौड़ा को भाभी अपनी मुंह मे लेकर अपनी थूक से गीली कर दिए और इस बार भैया नीचे पीठ के बल लेट गए पैर फैला के लौड़ा बिल्कुल आसमान की और खड़ा फिर भाभी उसके ऊपर बैठ के एक हाथ से लौड़ा को अपनी बुर में सेट करती थी और ऊपर नीचे होने लगती है पहले धीरे धीरे फिर जोर जोर से पूरा रूम गूंज रहा था...

जब भाभी की केले के खंभे की तरह जांघ भैया के जांघ से टकराती थी तो एक थप थप की साउंड से एक अलग हिं रोमांच पैदा कर रहा था।

खिड़की से देखते हुए मुझे यकीन नही हो रहा था जो देख रहा हूँ सामने बुर में लौड़ा ऊपर नीचे हो रहा था आआआह .....
दोनों की चुदाई चरम पे पहुंच गई थी भैया को ऐसा लग रहा था कि उसका लौड़ा से कभी भी माल निकल सकता है और भाभी लगातार पूरी ताकत के साथ ऊपर नीचे हो रही थी भाभी भी अंतिम दौर में चल रही थी कि भैया का लौड़ा रस उगलना शुरू कर दिया खुशी भाभी को समझते देर नही लगी कि उसकी बुर में गर्म लावा का अहसाह ... और भाभी भी खुद को रोक नही पाई और झरने लगी लौड़ा अपना सारा माल भाभी की बुर में भैया का पानी निकाल दिए कुछ देर बाद भैया का लौड़ा छोटा होक भाभी की चूत से निकल गया

और साथ हिं भाभी के चूत में भारी रास भैया के लौड़ा पे टपकने लगा भैया के लौड़ा को बुर और लंड रस से नाहा रहा था
फिर भाभी अपनी गांड पीछे करते हुए अपनी बुर में बची रस को भैया के लौड़ा पे टप टप गिरा रही थी कुछ देर बाद बुर से माल गिरना बंद हो गया फिर भाभी पास में रखी पेंटी से अपनी बुर के अंदर तक साफ करती है और फिर भैया के लौड़ा पे लगे रस को उसी पेंटी से साफ करती है...

मैं - आआआह ऐसा पल सब दिन देखने को मिले अपने लौड़ा को सहलाते हुए सोच रहा था।....
vaah ekdum mast aur naya concept hai
 

jjh

Member
111
105
43
Update7


बिमलेश भैया और खुशी भाभी की ऐसी जर्बदस्त बुर चटाई ,चुदाई देख के मेरा 2 बार पानी निकल गया था। मेरे पैर में इतना मच्छर काटा उसका ज़रा भी पता नहीं चल भैया भाभी को दिलचस्प बातें और चुदाई देख के अब मैं वहाँ से निकलने हिं वाला था कि.....

देखता हूँ खिड़की से बिमलेश भैया खुशी भाभी को खींच के अपने बांहों में जकड़ लिए दोनों बिल्कुल नंगे थे । भैया खुशी भाभी की फोरहैड पे एक किश किये जबाब में भाभी भी भैया के फोरहैड पे किस किये...

खुशी भाभी- आआआह आपकी यही अदा पे मैं फ़िदा हूँ.....चुदाई करने के बाद जो इस तरह का प्यार देते हैं और अपनी बांहों में हिं सुला लेते है

बिमलेश भैया- ओह जान! तुम हो हिं हसीन इतना तुम मुझे इतना प्यार देती हो मेरा भी तो फ़र्ज़ बनाता है ना अपनी बीबी को वो प्यार दूँ

खुशी भाभी- भगवान की लाख लाख शुक्रिया की मुझे ऐसे पति मिले हर लड़की चाहती है कि उसे एक ऐसी पति मिले जो उसे सब कुछ से खुशी मिले...इसमे तो मैं बहुत लकी हूँ और भैया के फोरहैड पे एक बार फिर किस कर लेती है

बिमलेश भैया- तुम लकी नही हो बल्कि लकी मैं हूँ जो मुझे इतनी खूबसूरत बीबी के साथ साथ बेहद समझदार बीबी मिली है.....

(भैया भाभी की ऐसी बात सुन के मुझे बेहद खुशी मिल रहा था और बस यही सोच रहा था कि भाभी की तरह हिं मुझे भी बीबी मिले....)

खुशी भाभी- भैया के बांहों में हिं अपनी एक हाथ भैया के सीने के बाल पे उंगली चलाती हुई बोलती है " ये मेरे राजा मुझे चुनु मुन्नू की मम्मी कब बनाओगे आप"

बिमलेश भैया- मैं भी चाहता हूं अब लेकिन मैं ये भी चाहता हूं पहले जुली की सादी हुई है तो पहले मैं मामा मन जाऊ फिर पापा..

खुशी भाभी- अच्छा ऐसा क्या वैसे राकेश तो आपके बाद में जीजू बने हैं आप दोनों तो बहुत दिनों से दोस्त हैं ...शेयर करते हिं होंगे आपस मे कोई भी बात

बिमलेश- हाँ खुशी शेयर तो बहुत करते थे लेकिन मुझे क्या पता था कि राकेश की सादी जुली से हो जायेगी...

खुशी भाभी- क्यों कितना अच्छा लड़का तो है आप और राकेश जीजू एक हिं कंपनी में जॉब करते हैं सब कुछ एक जैसा हिं फिर दुखी किस बात की...

बिमलेश भैया- अरे वो बात नही है वो तो बिल्कुल अच्छा और सुखी सम्पन्न है। हमदोनो सादी से पहले एक शर्त लगा लिए थे जिसे अब मैं पूरा नही कर पा रहा हूँ...

खुशी भाभी- वो क्या शर्त है जी...

बिमलेश भैया- छोड़ो न वो बात को

खुशी भाभी- देखिये ये गलत बात है हमदोनो में कोई भी बात नही छुपती है और एक पति पत्नी में ऐसा हिं होना चाहिए मन मे रखने से बेहतर है बोल देनी चहिये चाहे वो सही बात हो या बुरी...

बिमलेश भैया- खुशी भाभी की एक हाथ अपने हाथ मे लेते हुए बोलते हैं कि खुशी मैंने कोई भी बात नही छुपाई है मैं बता दूंगा कभी...

खुशी भाभी- अच्छा जी। कोई बात नहीं। ऐसे मैं एक बात बोलू...

बिमलेश भैया- हां बोलो..

खुशी भाभी- राकेश ननदोई बोले या आपके दोस्त ..... मेरे पे चढ़ने के लिए ऐसा लगता हो बेताब है ऐसा मैं नोटिस कि हूँ।

बिमलेश भैया- हाँ जी ये बात मुझे पता है..

खुशी भाभी- क्या ? आपकी बीबी पे कोई चढ़ना चाहता है और वो बात आपको भी पता है ..अजीब नही लगता आपको...

बिमलेश भैया- खुशी भाभी को अपनी बांहों में टाइट से दबाते हुए अरे डार्लिंग बात हिं ऐसी है मैं बोल भी नही सकता उनको कुछ इस बारे में तुम्हें विस्तार से बतलायेंगे...और गाँड़ में एक उंगली से दबाते हुए बोलते हैं कब दोगी ये....

खुशी भाभी- आआआह अभी तो बिल्कुल नही ऐसे पता नही आपको क्या हो गया था इतना तेज धक्का लगा रहे थे कि बच्चेदानी में ठोकर मार रहा था...

बिमलेश भैया- तुम हो हिं ऐसी और आज स्पेशल डे भी था न....

खुशी भाभी- अच्छा मुस्कराते हुए स्पेशल डे था तो अपनी बीबी को चोदते हुए बहन का नाम कैसे ले लिए ही ही ही ही ही.....

बिमलेश भैया- कब...मुझे तो याद नही है

खुशी भाभी- जब मैं पूछ रही थी कैसा लग रहा है जानू तो आप बोले बहुत अच्छा और आपके मुंह से जु....ली निकल गया..

बिमलेश भैया- थोड़ा सोचते हुए ( ये सोचने का नाटक था) ओह याद आया पता नही कैसे निकल गया और शरमाने लगे भैया....

खुशी भाभी- ऐसे जब आपकी बहन आपकी बीबी की बुर पे केक की क्रीम लगा के तैयार कर के भेजे तो भैया के मुंह से बहन का नाम निकलेगा हिं ...हा हा हा हा हा हा हा..


(इधर मेरा बुरा हाल हो रहा था भैया भाभी की ऐसी बात सुनके शॉक्ड हो रहा था एक हिं दिन में मुझे इस घर मे इतनी बड़ी बड़ी बात पता चल रहा था )


बिमलेश भैया- भक्क तो तो गलत हिं मीनिंग निकाल ली वो तो एक बहन का भाई के प्रति प्यार थी...जुली मेरे से बेहद खुश है कि मैं उन्हें एक अच्छा पति के रूप में अपना दोस्त दिया...जिस तरह वो खुश रहती है उसी तरह अपनी खुरापाती दिमाग लगा के मुझे भी खुश देखना चाहती है उसे तो पता नही न है कि मेरी बीबी पहले से हिं बहुत समझदार है...

खुशी भाभी- हाँ ये बात तो सही बोले ..वैसे उसको पति तो सही में जबरदस्त मिली है जो ढाई तीन साल में आगे पीछे ऊपर नीचे सभी और से फुला के बलून बना दिये है....

बिमलेश भैया- थोड़ा मुश्कराते हुए धत तुम भी न...और भाभी की गाँड़ को दबा बोलते हैं मैं भी तो अपनी बीबी की फुला रहा हूँ बलून की तरह...

खुशी भाभी- हा हा हा हा हा सही पकड़े भाई का लौड़ा अपनी बीबी की चूत में और ठीक अपने छत के उपर वाले कमर में बहन की गाँड़ में ननदोई का लौड़ा...

बिमलेश भैया- तुम्हें कैसे पता जुली की गाँड़ में ....

खुशी भाभी- इतना जल्दी भूल गए बताई थी न तबी नॉनभेज खाने के बाद.....इतना भुलक्कड़ हो गए हैं आप की कहीं मुझे नही भूल जाईएगा


बिमलेश भैया- मैं अपनी जान को कभी भूल सकता हूँ जो मुझे इतना प्यार देती है। ऐसे मुझे तुम्हें थैंक्स कहना चाहिए...

खुशी भाभी- सबसे पहली बात पति पत्नी में थैंक्स और सॉरी वर्ड की कोई अहमियत हिं नही लेकिन फिर भी थैंक्स किस लिए...

भैया - भाभी को जकड़ते हुए बोलते हैं जिस तरह मेरी बहन अपनी भाभी को भैया के लिए तैयार की ठीक उसी तरह मैं न सही मेरी बीबी हिं मेरी बहन को तैयार की....इसके लिए

खुशी भाभी- अच्छा आपकी बीबी एक कदम आगे है मैं तो आपकी बहन की बुर और गाँड़ दोनों में केक लगा दी ताकि ननदोई जी को कोई दिक्कत न हो...

भैया- भाभी को अपनी बांहों में दबाते हुए दबाते हुए तब न मुझे अपनी खुशी डार्लिंग पे इतना गर्व है...


खुशी भाभी- आआआह डार्लिंग छोड़ो न...
भाभी अपनी चूत भैया के लंड पे घिसते हुए बोलती है.." चूत फड़फड़ा रही है टंकी खाली कर के आती हूँ बहुत जोर की प्रेशर लगी है बात हिं ऐसी होने लगी कि मैं बहुत देर से पेसाब को रोकी हुई हूँ अब नही रोक पाऊंगी...

बिमलेश भैया- आआआह तुम्हारी प्रेशर अच्छी तरह पता है मुझे किस तरह अपने मायके में मेरी लौड़ा को नहला रही थी...

खुशी भाभी- बोलियेगा तो अभी नहला दूँ एक हाथ से भैया के लौड़ा को पकड़ते हुए बोली...

बिमलेश भैया- आआआह यहां वैसा आजादी नहीं है और भाभी की गाँड़ को दबाते हुए बोलते हैं मॉर्निंग शिफ्ट में इसी में जायेगा साँप... और गुड नाईट बोल के सो जाते हैं...

खुशी भाभी- ओक डार्लिंग बोल के एक एक किस फोरहैड पे करती है ...

जल्दी जल्दी पेटीकोट और ब्लाउज पहनती है...और हाथ मे वो पैंटी लिए बाहर की और निकलने वाली होती है...


मैं जल्दी से वहां से भागता हूँ और अपने मन मे यही सोच रहा था काश वो पेंटी भाभी बाथरूम में छोड़ दे...

जल्दी मैं अंदर आता है और जैसे हिं अंदर आता है कि सुनता हूँ गेट लगाने की आवाज़ ...मैं बतरूम के गेट से अपनी कान सटा देता हूँ......
bahut hi shaandar shuruaat hui hai
 

jjh

Member
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43
Update 8

जैसे हिं भाभी बाथरूम गयी मैं गेट से कान लगा दिया रात का समय था तो पूरा शांत था कुछ हिं देर में मेरी कान में..... सरसर...सरसरसरसरसर सर्रर्रर सर्रर्रर सर्रर्रर सर्रर्रर सर्रर्रर सर्रर्रर सर्रर्रर की एक जोरदार साउंड सुनाई दे रहा था । मैं यही सोच रहा था काश मैं भाभी की बुर से पेशाब की तेज धार निकलता देख पाता ...तेज साउंड सुन के रोमांचित हो गया और ये सोचने लगा कैसे खुशी भाभी भैया के लौड़ा पे प्रेशर के साथ पेसाब की होगी आआआह काश मेरे लौड़ा पे भाभी अपनी पेसाब की धार छोड़ती आह मैं तो अपना मुंह सटा देता और भाभी सर कहता आह खुशी भाभी मेरी मुंह मे अपनी प्रेशर से पेसाब कीजिये ...सोच हिं रहा था कि मुझे बाथरूम से साउंड आना बंद हो गया ।

मैं वहाँ से हट गया क्योंकि भाभी कभी भी बाहर निकल सकती थी । मैं अपने गेट से सट के खड़ा हो गया ताकि भाभी मुझे नही देखे उसके कुछ देर बाद गेट खुलने की आवाज सुनाई पड़ा और भाभी जा रही थी। मैंदेखता हूँ कि भाभी के दोनों हाथ मे कुछ नही है और सोचने लगा गंदी पेंटी तो भाभी पहनी नही होगी । हे भगवान काश उसे भाभी नहीं धोया हो । जैसे हिं भाभी गेट बंद की मैं भागता हुआ बाथरूम गया और पेंटी ढूंढने लगा कोने में 2 पेंटी थी लेकिन वो ब्लू कलर और ग्रे कलर की थी दोनों सुखी पेंटी थी। मैं सोचने लगा भाभी तो अभी मरून कलर की पहनी थी मैं कपड़ा को हटा के देखता हूँ तो उस कपड़े के अंदर वो भाभी की अभी वाली पेंटी दिखाई दिया उसे जल्दी मैं लिया जैसे हिं लिया ये तो पता चल गया कि बहुत गीली है मैं अपने जेब मे रख लिया और बाहर निकलने वाला हिं था कि फिर पता नही क्या होता है मैं पीछे घूम के में वो ब्लू पेंटी और ग्रे पेंटी को भी ले लिया और अपने कमरे में आ गया।

मैं अपने कमरे में आते ही गेट लॉक किया और अपने दोनों जेब मे से तीनों पेंटी को निकल लिया और बेड पे चढ़ गया भाभी वाली पेंटी बिल्कुल गीली थी बुर और लंड के रस से और बहुत सारी केक भी लगी हुई थी बुर के सामने वाली जगह पे बहुत केक था । फिर मेरा ध्यान इलास्टिक पे गया जहां साइज L लिखा हुआ था।


मेरे से बर्दास्त नही हुआ मैं पहले अपने नाक के पास ले गया और सूंघा मुझे बहुत मज़्ज़ा आया , फिर मैं पेंटी को जहां बुर के पास केक लगा था उसे चाटने लगा मीठा लग रहा था और कुछ खटमिठा भी भैया और भाभी की लंड और बुर रस से भरी थी पेंटी । जिसे मैं पुरी सिद्दत के साथ चाट रहा था । ऐसा फील हो रहा था कि मैं भाभी की बुर चाट रहा हूँ अभी ताज़ा तरीन भाभी की बुर मेरे आंखों के सामने आ रही थी बहुत मज़्ज़ा आ रहा था खाश कर अपनी खुशी भाभी की मस्त पेंटी उसपे अभी अभी लगी हुई ताज़ा बुर रस आआआह पागल सा हो गया मैं अच्छे से चाट लेने के बाद

मैं पेंटी को अपने लंड पे लपेट के आगे पीछे करने लगा बहुत मज़्ज़ा आ रहा था लौड़ा फुल टाइट हो गया था । अब पेंटी को पलटा के जो बुर के चिपकी हुई रहती है उस तरफ़ कर के बेड बे पेंटी को फैला दिया और पूरा नंगा हो के अपना लौड़ा को पेंटी के ऊपर जहां ठीक बुर होता है उसके ऊपर आगे पीछे करने लगा । मैं अपनी आंख बंद कर खुशी भाभी की थोड़ी देर पहले जो बुर देखा था वो मानो मेरे आंखों के सामने आ गया था अपनी भाभी की बुर में अपना लौड़ा पेल रहा हूँ यही सोच के आगे पीछे करने लगा फिर मुझे याद आया की दो और पेंटी थी ग्रे कलर की जो पेंटी थी उसे लेता हूँ और पलटा के बुर वाली जगह पे दाग लगी हुई थी फिर पलटा के इलास्टिक में साइज देखा तो उसमें M लिखा हुआ था आआआह ये तो मेरी छोटकी की पेंटी है आआआह बबली मैं पेंटी को नाक के पास लेके सूंघने लगा और मन हिं मन सोचने लगा एक बबली हिं थोड़ी पतली है आह उसको उसका भाई राहुल चोद के बिल्कुल मा ,भाभी और दीदी की तरह बना दूंगा साथ हिं भाभी के पेंटी पे लंड घिस रहा था.... बबली की पेंटी को रख के दूसरी पेंटी जो थी ब्लू कलर की उसको लिया देखने से हिं लग रहा था बड़ी है पेंटी को पलटा दिया और बुर वाली जगह देखने लगा आआआह इस पेंटी में बहुत ज्यादा वाइट वाइट दाग था ब्लू पेंटी पे दाग चमक रहा था फिर में इलास्टिक में देखा तो साइज XL था ...आआआह भाभी तो L पहनती है छोटकी M ये मम्मी या जुली दीदी में से किसी एक कि है, लेकिन जुली दीदी तो दोपहर के बाद आई वो तो नहाई नही है
आआआह ये मम्मी की हिं पेंटी है आआआह और मैं बुर वाली जगह को चाटने लगा पता नही क्या हो गया मम्मी की पेंटी को जीव से जैसे हिं चाटने लगा एक अलग हिं मज़्ज़ा आ रहा था फिर मैं ठीक वैसी हिं जैसे भाभी की पेंटी को बेड पे रख के बुर वाली जगह पे अपना लंड घिसने लगा कुछ ज्यादा हिं मज़्ज़ा आ रहा था फिर मुझे भाभी की रूम जाते टाइम पापा मम्मी की बात याद आ गयी कैसे दोनों जुली दीदी के बारे में बात कर रहे थे इधर मेरा लौड़ा मम्मी की पेंटी पे ठीक बुर वाली जगह पे आगे पीछे हो रहा था.....

मेरे मन मे ये बात आते हिं की मम्मी जब बोली थी " बेटे के सालगिरह पे मम्मी की गाँड़ में पापा का लंड"


मैं तुरंत उठ के पेंटी को पलटा दिया और गाँड़ वाली जगह पे लंड घिसने लगा आआआह आआआह मम्मी तो आज गाड़ मरवाई होगी पापा से आआआह आआआह .....

मुझे ऐसा लग रहा था मेरा लौड़ा कभी भी पानी छोड़ देगा इसलिए मैं मम्मी की पेंटी को हटा के भाभी की हिं पेंटी को रख के उसपे लंड घिसने लगा उसमे पानी गिर जाता तो कोई दिक्कत नही थी क्यों वो तो पहले से हिं लंड बुर रस से गीली थी....


बंद कमरे में घर की गाँड़ और बुर को सोच के मुठ मारने वाला मैं आज थोड़ा प्लान किया कि घर की इतनी बात पता चल गई आआआह

वो सारी एक्सट्रीम बात आआआह

कैसे भैया बुर चाट रहे थे बुर पे लगी केक खा रहे थे आआआह

कैसे भाभी भैया के लंड के पानी को मुंह पे रख के बाद में भैया के लौड़ा को हिं नहला रही थी आआआह....

जुली दीदी भाभी की बुर पे केक लगाई और ऐसी बात की जो भाभी भैया को बता रहे थे आआआह दोनों की बीच कितनी अच्छी बात होती होगी आआआह

आआआह तभी भैया को जो पूछे थे भाभी आआआह जानू कैसा लग रहा है और भैया के मुंह से आआआह जु....ली निकल गया था मतलब भैया भाभी को जुली दीदी समझ कर चोद रहे थे आआआह आआआह आआआह ये सोचते हैं मेरे लौड़ा से पानी निकलने लगा आआआह मेरा तो आंख के आगे अंधेरा छाने लगा पिछले 1-2 घंटे में तीन बार मुठ निकल चुका था

कुछ देर ऐसे हिं लेटा रहा मैं फिर उठ के भाभी की पेंटी पे ढेर सारा माल गिरा था पता नही आज क्या हो गया था मुझे फिर लंड को भाभी की पेंटी से हिं पोछा....

मा और बबली की पेंटी को भी एक बार हाथ मे लेके

मा की पेंटी को हाथ मे लेकर ठीक बुर वाली जगह देखते हुए मेरे मुंह से इतना निकला आआआह पापा आप बहुत लकी हो जो इतना गदराई हुई माल को रोज चोदने को मिलता है आपको


ठीक उसी तरह मैं बबली की पेंटी को ठीक बुर वाली जगह देखते हुए बोला आआआह नॉटी बहन मेरी तरह हिं तुम्हारी भी हाल है मैं हाथ से हिलाता हूं और तुम फिंगर डालती हो ...

ये तो पक्का है तुम फिंगर डालती हो क्यों कि मैं वो दिन नही भूल सकता उस दिन घर मे बस तुम थी और मैं बाहर से आया था और जब बतरूम जाने के लिए गेट के पास पहुंचा तो अंदर से आआआह आआआह की साउंड आई मतलब खुद से कोई और तो था नही

आआआह बहन वादा करता हूं तुम्हारी खयाल मैं रखूंगा और चोद चोद के दीदी और भभी के तरह बना दूंगा ....और बुर वाली जगह चुम लिया...

मैं तीनो पेंटी को पॉकेट में लिए बाथरूम में पहले पेसाब किया और बस आज की हिं बात याद आ रहा था मेरा दिमाग काम कर हिं नही रह था पेसाब कर लिया और ऐसे हिं खडा था फिर अपने पॉकेट से पेंटी निकाला और उसे निकाल कर देखने लगा


आआआह घर की बुर ढकने वाली कपड़ा में इतना मज़्ज़ा आया आआआह और जब उसे चोदा जाय तो कितना मज़्ज़ा आएगा आआआह ये सोचते हिं एक बार फिर मेरा लौड़ा टाइट होने लगा मैं हैरत में पड़ गया कि पहले तो ऐसा नही होता था सच मे घर की बुर और गाँड़ में एक अलग हिं मज़्ज़ा है

बस सोचने से हिं लौड़ा टाइट हो जाता है भाभी की पेंटी गीली थी उसे दूसरी हाथ में रेखा माँ और बबली की पेंटी को एक हाथ मे लेके लौड़ा पे लपेट के हिलाने लगा दोनों पेंटी लौड़ा पे जैसे हिं गया मेरे दिमाग मे बस ये बात आई आआआह जब मा और बहन को एक साथ चोदा जाय तो कितना मज़्ज़ा आएगा आआआह

तब ना पापा जिस लौड़ा से चोद के बेटी पैदा किये वही लौड़ा बेटी की बुर और गाँड़ में जाने के लिए तड़पता है तब न पापा जुली दीदी की गाँड़ को देख रहे थे आआआह कितना अच्छा रखता एक फैमिली में सब एक दूसरे को चोदने की आज़ादी रहती आआआह लगता है फिर माल गिर जाएगा आआआह आआआह आआआह बहन आआआह .....

मेरी होश आई और अचानक ही जल्दी से पेंटी को लंड से हटाया और दूसरी हाथ मे जो पेंटी थी वो लंड पे रख दिया लौड़ा से माल निकल रहा था पेंटी पे और मेरी आँख बंद थी ऐसा लग रहा था कि खड़े खड़े गिर जाऊंगा मैं एक हाथ से दीवाल पकड़ के खड़ा था....कुछ देर बाद मेरी आँख खुली कमजोरी तो बहुत लग रही थी....किसी तरह भाभी की पेंटी से लंड को पोछा भाभी की पेंटी भी बहुत गीली हो गयी थी एक तो पहले से गीली थी ऊपर से 2 बार मेरी मुठ से गिला हो गया...फिर मैं मा और बहन की पेंटी को अल्टा पलटा के देखा उसपे माल नही गिरा था जो पेंटी जहां था वही रख के बाहर निकलने लगा....

जैसे हिं गेट खोल के बाहर निकला कि गेट से कुछ हिं दूर पे बबली खड़ी है....
aapki kahaani padhkar mazaa hi aa jaata hai
 

sidx569

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Mast story hai maja aa gaya. Bhai Behan ke beech isi tarah gandi baate continue rakhna. Rahul se bhi juli ko jaldi hi chudwana
 
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Raj incest lover

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पर्सनल मेसेज कर के कुछ रीडर इस तरह बीहेव किया कि मै सोच लिए अब लिखूंगा हीं नहीं लेकिन उसे इग्नोर करके फिर मैंने सोचा टाइम निकाल कर लिखू...मुझे जब जब समय मिलेगा तब तब पोस्ट करता रहूंगा...
आज एक अपडेट दे रहा हूं....
Rahul kya ho gaya
Update kyo nhi de rahe ho yaar
 

Raj incest lover

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अपडेट 29

आपने अभी तक पढ़ा कि बिमलेश के जाते हिं जुली अपने मे बुदबदाती है आह भैया अपनी मलाई तो आपको इतना बार खिलाई आआआह आज आपकी मलाई चखने को मिलेगी आआआह भैया आपका इतना ज्यादा मलाई निकलती है एक हाथ से पेंटी को मुंह के पास रखते हुए थोड़ा रस जुली चाट लेती है आआह भैया क्या टेस्ट है आआआह और एक हाथ से अपनी बुर सहलाती हुई बोलती है आआआह भैया ये सारी रस आप जब मेरी बुर में डाल के गाभिन कर के अपना सपना पूरा करोगे भैया उस दिन का इंतजार रहेगा...

आगे...

बिमलेश करीब 6 बजे शाम में अपने घर पहुंचता है ..
गेट के अंदर जाते हीं

रेखा- अभी आ हिं रहे हो बिमलेश बेटा..

बिमलेश- हाँ माँ अभी आ हिं रहा हूँ

रेखा- कोई दिक्कत तो नहीं हुई न बेटा

बिमलेश- नहीं माँ कोई दिक्कत नहीं हुईं जुली दे दी थी नास्ता वगेरा...

रेखा- हाँ जुली बेटी बहुत समझदार है

रेखा के जस्ट बगल में खड़ी खुशी बस सरसरी निगाह से बिमलेश को देख रही थी और मन हिं मन सोच रही थी इनदोनो की बात पे की दिक्कत कैसे होगी जब भाई सगी बहन की मलाईदार सेवा करे

बिमलेश अपने कमरे में चला जाता है...

खुशी जल्द से जल्द बिमलेश से मिलना चाहती थी लेकिन अपनी सास के साथ कुछ काम मे हाथ बटा रही थी...

बिमलेश स्नान करने बाथरूम जाता है करने के बाद कपड़ा पहन हिं रहा था कि खुशी चाय लिए रूम में आती है

बिमलेश- खुशी को देखते हुए बहुत मुस्करा रही हो..

खुशी- आप जो आ गए हो ..

बिमलेश- बेड पे बैठ कर चाय की एक चुस्की लेता है

खुशी- धीरे से अपनी एक हाथ बिमलेश के लोढ़ा पे रख के दबाती है हुई बोलती है जुली की दी हुई मलाईदार स्वाद तो नहीं होगी न

बिमलेश- अपनी एक हाथ से खुशी की गांड दबाते हुए बोलता है मेरी मलाईदार तो तुम हो जानू आज जरा बच के रहना..

खुशी- लंड को जोर से मरोररती हुई बोलती है बचने की जरूरत मुझे नहीं है बच्चु बस जरा अच्छे से तैयार रहिएगा...

वैसे बाजार से सामान भी लानी है और आपको मम्मी बुला रही थी..

बिमलेश बाहर निकलता है अपने मम्मी के पास जाता है

रेखा- बेटा तुम्हारे पापा आज थोड़ा लेट से आएंगे और बोले हैं मटन बना के रखने के लिए

बिमलेश- ठीक है माँ वो मैं ले आता हूँ

रेखा- वो तो मैं राहुल को भेज रही थी लेकिन तुम आ गए हो तो तुम हिं चले जाओ..

बिमलेश- कोई नहीं ..हम्म मैं ला रहा हूँ


इतने में बिमलेश मार्केट के लिए निकल जाता है..


दूसरी तरफ राहुल और बबली दोनो पढ़ाई कर रहे थे दोनो के एग्जाम नजदीक आ गया था.....

राहुल - वाह बबली ये अच्छा स्कोर है ऐसे हीं स्कोर करोगी तो पीटी मे रिजल्ट पक्की है

बबली - लेकिन भाई तुम्हारी तरह मुझे स्कोर करनी है

राहुल - हाँ बिलकुल कर लोगी कुछ और मेहनत की जरुरत है खास कर मैथ्स मे

बबली - अच्छा ये सेट का डिसकशन कर लो भाई इतनी गलती कैसे हो गयी

राहुल - अभी मन ऊब गया है बबली रात मे करेंगे ना

बबली - हा हा हा हा यदि फ़ोन चलाते तो मन उबता भाई

राहुल - वो सब काम करने मे मन उबता नहीं है बल्कि मज़्ज़ा आता है

बबली - हा हा हा ह क्यों हर वक्त वैसी हीं साइट खुली रहती है क्या

राहुल - और नहीं तो क्या बस अकेले रहना चाहिए ना चाहते हुए भी खुल जाता है

बबली - ही ही ही ही ही इसलिए तो भाई इस रूम मे आ के पढ़ रही हूं साथ मे एग्जाम तक कण्ट्रोल कर लू किसी तरह

राहुल - हाँ कर लो लाइफ तो पूरी पड़ी हीं है
आता हूं मै कुछ देर मे

राहुल कमरे से निकलते हुए किचन की और बढ़ता है बिच मे राहुल को अपने मम्मी पापा के कमरे से रेखा माँ की आवाज़ सुनाई पडता है

रेखा - कोई एनर्जी ड्रिंक ले लीजियेगा..

फ़ोन................

रेखा - हा हा हा हा हा हा हा मै कमजोर थोड़ी हूं जो

फ़ोन...................................

रेखा - उसकी जरूरत क्यों पढ़ती है वो तो आपको पता है ना फिर


फ़ोन -..........................................


रेखा - बिमलेश बेटा आ गया है वही गया है मार्केट मटन के लिए बोल दी हूं

फ़ोन -....................................


रेखा - आपको तैयार रहने की जरुरत है मुझे नहीं ही ही ही...

फ़ोन.................................


रेखा - धत्त बहिनचोद


राहुल अपने मन मे ओह्ह पापा का कॉल है...दोनों अभी भी सच मे कितने रोमांटिक है.....ओह्ह मम्मी पापा को गाली भी दी वो भी वैसी

क्या सच मे सेक्स करना इतना हीं मस्त होता है मै कब करूँगा अपने लंड को दबाते हुए बच्चू अभी जगो नहीं रात मे जगना

किचन की और बढ़ा राहुल...

अंदर ख़ुशी भाभी बेसिन के पास हाथ धो रही थी

राहुल - क्या हुआ भाभी रो क्यों रही हो

ख़ुशी - वो प्याज़ काट रही थी

राहुल - अच्छा मै सोचा अब किचेन मे भी आपकी आंसू निकल जाती है

ख़ुशी - ऐसे और कहाँ आंसू निकल जाती है देवर जी

राहुल - बेड रूम मे तो भैया निकालते हीं होंगे ना हा हा हा हा

ख़ुशी - धत्त बेशर्म ऐसे आपके भैया वो दम नहीं जो मेरी आँशु निकल दे हा हा हा हा हा हा

राहुल - हा हा हा हा क्यों फिर मेरी प्यारी भाभी खुश नहीं रहती है क्या

ख़ुशी - नहीं जी मै बहुत खुश हूं

राहुल - फिर ये क्यों बोली भाभी की आपके भैया मे वो दम नहीं

ख़ुशी - लोल हो मै आँशु निकालने वाली बात पे बोली

राहुल - अच्छा मै समझ गया हा हा हा हा

ख़ुशी - वो तो समझदार हो हीं देवर जी

राहुल - इसी बात पे एक कड़क चाय हो जाय तो मज़्ज़ा आ जाय इस ठण्ड मे

ख़ुशी - मुश्कराते. हुए हाँ देवर जी इसके अलवा कोई ऑप्शन भी तो नहीं है ना अभी बनाती हूं

राहुल - वैसे आपकी ऑप्शन तो आज अवेलेबल है वैसे आज कुछ ज्यादा हीं मूड मे हो भाभी आज

ख़ुशी - हा हा हा हा हा हा हा हा

राहुल - फिर तो भाभी आज पलंग बहुत चरररररर. चररररररररर होने वाली है

ख़ुशी - हा हा हा हा लगता है देवर जी बस किये नहीं हो बांकी पता सब कुछ है

राहुल - क्या भाभी अब इतनी भी पता नहीं रहेगा क्या......

ख़ुशी - बात तो सही है इस मॉडर्न युग मे पता ना हो ये तो आश्रचर्य वाली बात होंगी

राहुल - वैसे भाभी एक बात मै पूछना चाह रहा हूं लेकिन पूछ नहीं पता

ख़ुशी - ओह्ह देवर जी निःसंकोच पूछिए

राहुल जस्ट ख़ुशी के बगल मे खड़ा था और दोनों की बात चल रही थी राहुल अपना चेहरा थोड़ा आगे करते हुए ख़ुशी के कान के पास ले जाता है ऐसे करने से राहुल रोमांचित हो उठा क्यों की ख़ुशी के बालो से मस्त खुशुबू आ रही थी


राहुल - भाभी आप मुझे चा...चा कब बना रहे हैँ

ख़ुशी - ये सुनते हीं एक पल के लिए पूरी शरीर मे झुरझुरी सी हो गयी लेकिन ख़ुशी खुद पे काबू रखते हुए बोलती है हसते हुए क्यों देवर जी अभी देरी क्या है जरा और मज़्ज़े कर लू

राहुल - हा हा हा हा हा हा सही बोले भाभी देरी क्या है मेरी सादी के बाद तो कम से कम 5 साल के बाद सोचूंगा होगा या नहीं वो पता नहीं लेकिन भाभी...

ख़ुशी - लेकिन क्या देवर जी

राहुल -वो इन 5 साल मे एक चीज पे खर्च भी बहुत आएगी

ख़ुशी - समझ तो रही थी जान बुझ के पूछती है किसपे खर्च आयेगी

राहुल - हा हा हा हा क्या भाभी आप भी ना समझती हो फिर भी

ख़ुशी - हा हा हा हा हा हा हा लेकिन उतना भी खर्च नहीं आती है

राहुल - नहीं भाभी आती है ना फलेबर वाली थोड़ी कॉस्टली होता है ना

ख़ुशी - वाह क्या बात है देवर जी सादी से पहले हीं प्लानिंग

राहुल - और नहीं तो क्या भाभी और कितनी राउंड लग जाय एक दिन मे हर बार नया तो लगेगा ना

ख़ुशी - सच्ची मे देवर जी देवरानी बहुत खुश रहेगी और मज़ाक मे बोलती है ये खर्च उठाने के लिए थोड़ा एक्स्ट्रा काम कर लीजियेगा


राहुल - ये खर्च मे कमी नहीं होंगी मुझे
हसते हुए..ओवरटाइम हीं काम क्यों ना करना पढ़े.

ख़ुशी - देवर जी जब ओवरटाइम काम हीं करोगे तो देवरानी को ओवरडोज़ कैसे

राहुल - हा हा हा भाभी वाह....

ख़ुशी - लेकिन लग रहा है जल्द हीं देवरानी लाने की जरुरत है

राहुल - इतनी भी जल्दी नहीं है लेकिन जब भी आएगी वो बिलकुल आपकी तरह होनी चाहिए एकदम क्यूट सी प्यारी सी नटखट...

ख़ुशी - धत्त उतनी भी अच्छी नहीं हूं देवर जी

राहुल - आपको क्या पता भाभी आप क्या चीज हो

राहुल चाय की चुस्की ले रहा था और और ख़ुशी रात की खाना बनाने की तैयारी मे लगी थी


ख़ुशी - आजकल कुछ ज्यादा हीं पढ़ाई चल रही है ननद रानी और आपकी

राहुल- हाँ भाभी एग्जाम नजदीक आ गयी है ना

ख़ुशी मज़्ज़ा लेते हुए राहुल को छेड़ते हुए बोलती है

ख़ुशी - राहुल के कान के पास धीरे से वो तो समझ गयी एग्जाम है लेकिन ये गेट लॉक कर के कहीं ननद पे चढ़ के पढ़ाई तो नहीं हो रही है हा हा हा हा हा

राहुल - क्या भाभी आप भी ना टांग खींचती हो

ख़ुशी - मै सोची 2 जोड़ी घर मे हैँ हीं तीसरी भी कहीं सेट ना हो जाय हा हा हा हा हा

राहुल - हाँ करवा दीजिये ना भाभी धीरे से कान के पास बोलता है बहुत हीं अच्छी लगती है वो


ख़ुशी - ना बाबा मेरी बस की बात नहीं उसको पाने के लिए नौकरी चाहिए नौकरी


राहुल - हा हा हा हा फिर इंतज़ार हीं सही

इसी तरह हंसी मज़ाक कुछ देर और चलता है और राहुल किचन से निकल जाता है


कुछ हीं देर बाद बिमलेश मार्केट से सामान ले के आ जाता है और किचन की और जाता है

ख़ुशी, बिमलेश को देख के मुस्कराती है

बिमलेश - इशारे से पूछता है ये आज इतना मुस्करा क्यों रही हो..

ख़ुशी - बस यू हीं और फिर मुश्कारा देती है

बिमलेश ख़ुशी के पास जाकर एक हाथ ख़ुशी के कूल्हे को सहलाता हुआ प्यार से पूछता है बोलो ना क्या हुआ

ख़ुशी - मुझे समझ नहीं आ रही है जब से आप बताये हो

बिमलेश - अच्छा ये बात है

ख़ुशी - जी, हाँ इसलिए ना आप मेरे से बता नहीं रहे थे

बिमलेश - सही टाइम का इन्तजार कर रहा था


अपनी गांड पीछे की और दबा देती है जिससे बिमलेश के लोड़ा पे दबाब बनता है

बिमलेश अपना दोनों हाथ आगे बढ़ा के ख़ुशी की बूब्स को दबाते हुए बोलता है बहुत मूड मे हो

ख़ुशी - और नहीं तो क्या घर से बाहर रहते हो और सेक्सी सेक्सी चैट. करते हो जी और गर्मी बढ़ जाती है

बिमलेश - ख़ुशी को बूब्स को थोड़ा जोर से दबाते हुए आज सारी गर्मी ठंढा कर दूंगा जान

खुशी - आआआह छोड़ो ना मम्मी आ जाएगी गेट खुली हुई हीं है

बिमलेश - तो क्या हुआ देखेगी तो खुद बाहर चली जाएगी

ख़ुशी - मतलब आपको कोई लाज शर्म नहीं...

बिमलेश - जब इतनी ग़दराई. बीबी हो तो कैसी लाज शर्म पापा भी अपनी ऐज. मे तो करते होंगे ना

ख़ुशी - ही ही ही ही क्यों अभी इस ऐज मे काम नहीं करती होंगी क्या

बिमलेश - मुझे क्या पता

ख़ुशी - आपको थोड़ी ना कुछ पता होगा मेरे से ज्यादा जल्दी तो सासु माँ को बैडरूम मे जाने की जल्दी रहती है

बिमलेश - धत्त बेसरम यही सब देखती हो क्या


ख़ुशी - देखती नहीं हूं जी सुनती हूं आपकी प्रोग्राम खत्म हो जाती है और वहाँ चलती हीं रहती है

बिमलेश - तुम्हें कैसे पता

ख़ुशी -मै बाथरूम के लिए जाती हूं तो साउंड आती है


बिमलेश - कमरे से बाहर तक और सब दिन


ख़ुशी - सब दिन तो नहीं लेकिन बहुत बार


बिमलेश - अच्छा छोड़ो वो कुछ चखना तैयार करो ना मै ऊपर जुली के कमरे मे हूं

ख़ुशी - ठीक है आती हूं कुछ देर मे

करीब 40 मिनट बाद...

ख़ुशी एक कटोरे मे मटन लेती है और ऊपर जुली के कमरे मे जाती है जहाँ बेड पे चखना का इंतज़ार बिमलेश कर रहा था

ख़ुशी को देखते हीं बिमलेश बेड से उठता है और बोलता है इतना देर कर दी

ख़ुशी - बनती भी तब ना

बिमलेश बियर की कैन खोलता है पिने लगता है ख़ुशी वही बेड पे बैठ जाती है

बिमलेश - ख़ुशी डार्लिंग थोड़ी सी लो ना

ख़ुशी - नहीं जी मेरे बस की बात नहीं ये सब

बिमलेश - ले लो ना डार्लिंग फिर बेड पे आतंक मचेगा

ख़ुशी - कभी एक घुट भी नहीं ली हूं

बिमलेश - ख़ुशी को अपनी गोदी मे लेते हुए बियर की कैन ख़ुशी की मुंह मे देता है

ख़ुशी ना चाहते हुए भी एक घुट ले लेती है जिसे निगलने मे बहुत हीं कडवी लगी किसी तरह निगल गयी

बिमलेश - वाह क्या बात है एक बार और लो ना

ख़ुशी - नहीं नहीं अब नहीं

बिमलेश - फिर आज फूल मूड मे हो ना..

ख़ुशी - बड़ी सेक्सी अंदाज़ मे बोलती है बार बार आप बोल रहे हैँ मूड मे. हो ना कभी मेरे से जीत पाते हैँ आप

बिमलेश - जब चिख निकलवा देता हूं तब

ख़ुशी- वो चीख नहीं वो मस्ती और मज़्ज़े के चीख है लोल

बिमलेश - आज यही बेड पे चीखे निकलवाऊंगा

ख़ुशी - मेरी या मेरी ननद की ही ही ही ही ही

बिमलेश - जो समझो मेरी जान

ख़ुशी - फिर तो आपको बहुत जरुरत है

बिमलेश - किसकी

ख़ुशी - अभी आई

और जल्दी से ख़ुशी निचे आती है और अपने रूम मे *********** लेती है और ऊपर आती है

बिमलेश - किसकी जरुरत

ख़ुशी बड़ी हीं सेक्सी अंदाज़ मे अपनी ब्रा से विग्रा निकल के देती है और बोलती है-मुझे पता है आप किस मूड मे हो आप आज

लीजिये 💊
" इसको खाने के बाद तब ना रगड़ के चोदियेगा जानू


बिमलेश - तुम ना बहुत समझदार हो गयी हो (हाथ से विग्रा की टेबलेट लेते हुए )

ख़ुशी - इसमें समझदार की क्या बात है बहन की रूम मे बीबी को चोदियेगा तो जरूरत है हीं इसकी

बिमलेश - टेबलट निगलते हुए, फिर जरा बच के रहना रे बाबा


ख़ुशी - बिमलेश के कान के पास -"मेरी बुर मे तो अभी से हीं गुदगुदी हो रही है "

ये बोल ले निचे चली जाती है किचेन मे बांकी बचे. हुए काम करने के लिए


उधर दूसरी तरफ शंकर आ गया था अपने कमरे मे फ्रेश हो के

रेखा टीवी देख रही थी... शंकर के आते हीं रूम मे चली जाती है...

रेखा - मुश्कारते हुए क्या जी

शंकर - क्या

रेखा - किसी को देख लिए क्या जो इस कदर मूड मे हो वही से फरमाइश

शंकर - क्या कहु ( पेंट के ऊपर से हीं अपना लोड़ा दबाते हुए ये साला का क्या करू )

रेखा - हा हा हा हा हा हा हा हा ऑफिस वाली हीं जो नई लड़की ज्वाइन की है वही ऐसा की क्या

शंकर - हाँ, लेकिन

रेखा - लेकिन क्या

शंकर - उसमे मुझे किसी की छवि. दिखाई पड़ता. है

रेखा - अच्छा वो छवि किसकी

शंकर - ये मत पूछो..

रेखा - वो क्यों जी आज तक हमदोनो मे छुपा क्या है जो मै की वो आप जानते हो और जो आप किये हो वो मै जानती हूं

शंकर - हाँ वो बात तो है कुछ नहीं छुपा है.......

रेखा - कोई बात नहीं जब आपको लगे तब बोलियेगा

ऐसे चाय पीजियेगा

शंकर - नहीं बहुत लेट हो गयी है अब डायरेक्ट खाना हीं लेकिन चाय के बदले कुछ और हीं पीला दो

रेखा - वो क्या?

शंकर - जान की रस

रेखा - शर्माते हुए आप भी ना अब उस ऐज के नहीं रहे जो कभी भी कहीं भी स्टार्ट हो जाऊ पता नहीं और क्या क्या रह गए हैँ करने को हा हा हा हा

शंकर - हा हा हा बहुत कुछ है और अपनी अपनी लोड़ा की और इशारा करते हुए कहा ये अभी बहुत जवान है

रेखा - हाहाहाहाहा
रेखा गेट की तरफ देखि कोई नहीं आ रहा था गेट को थोड़ा सटाते हुए अपनी नाभि के पास से हाथ डाल कर पेंटी फैलाते हुए अंदर बुर मे 2 फिंगर डाल के आगे पीछे की और फिंगर शंकर की और बढाई.


शंकर - एक हाथ से रेखा की कलाई पकड़ता है और अपना मुंह खोल के रेखा के दोनों ऊँगली अपना मुंह मे ले के चूस लेता है

आआआआह आज भी वही स्वाद है

रेखा - मुझे भी एक किस्सू नहीं मिलेगी जनाब

शंकर - हाँ क्यों नहीं

रेखा - शंकर के लोडे. के टोपा पे एक किश करती है

ये सब जल्दवाजी मे हो रहा था...गेट खुला रहने के कारण

शंकर - कोई आ रहा है क्या देखो तो

रेखा - गेट के पास जाते हुए नहीं

शंकर - पास आओ ना

रेखा - नहीं अभी नहीं बहु आ सकती है कभी भी... रात मे जी भर कर चोद लीजियेगा...


शंकर - आआह यही अदा जान लेवा है तुम्हारी


9:30 डिनर टेबल

का खाना लग गया था...

टेबल पे शंकर, बिमलेश, राहुल और बबली एक साथ खाना खा. रही थी

शंकर - वाह बहु क्या टेस्ट है मज़ा आ गया...

बबली - सच मे मज़्ज़ा आ गया भाभी बहुत हीं स्वादिस्ट बना है मटन..

राहुल - आखिर भाभी किसकी है... सबसे पहले भाभी को पसंद मैंने हीं किया था जब पहली बार देखने गए थे


बबली - अच्छा बच्चू हमलोग रिजेक्ट कर दि थी क्या

राहुल - नहीं....लेकिन अपनी सोचो क्या होगा होगा...

बबली - जो होगा देखा जायेगा....

राहुल - फिर तुम देखती हीं रहना हा हा हा हा हा

बबली - राहुल के इस बात से थोड़ी नाराज़ हो जाती है....

इसी तरह खाना हो गया...

ख़ुशी को बहुत हीं जल्दी थी आज बैडरूम मे जाने कि वही दूसरी तरफ रेखा भी उत्सुक थी आज उसपे कहर बरसने. वाली है दोनों किचन का काम जल्दी जल्दी कर रही थी...


राहुल, बबली के रूम मे जाता है बबली मोबाइल चला रही थी राहुल को देखते हीं बबली अपनी स्क्रीन ऑफ कर देती है..

राहुल - डिसकशन नहीं करनी है क्या

बबली -- कोई रिप्लाई नहीं...

राहुल - क्या हुआ बोलो तो सही...

बबली - कोई रिप्लाई नहीं

राहुल - कोई नहीं मै चलता हूं पता नहीं किस बात से गुस्सा हो
और हसते हुए बोलता है चलाने का मन है मोबाइल तो बहाना हज़ार....

बबली - मन हीं मन इस बात से मुस्करा रही थी और खुश थी कि राहुल चला गया था अपने कमरे मे उठ के गेट लॉक कर ली

दूसरी तरफ राहुल भी आज कि रात कि पढ़ाई को इग्नोर करते हुए बेड पे लेट जाता है और अपनी मोबाइल पे पोर्न साइट ओपन कर लेता है...

पोर्न साइट खुलते हीं राहुल के मन मे ढेर सारी बात आने लगा...अपने घर के बारे मे

एक तो भैया दो दिन बाद आते हैँ भाभी कि जम के मज़्ज़ा लेंगे ( उस दिन कि लाइव सेक्स और सेक्स चैट मन मे आते हीं राहुल का लोड़ा फनफना जाता है )

वही दूसरी ख़्याला ये आया कि शाम मे जब मम्मी पापा से बात कर रही थी कितनी सेक्सी बात कर रही थी आआआह पापा और भैया अपना मटन कि गर्मी तो माँ और भाभी पे निकाल देंगे. आआआआआह आअज जब देखने मे इतना मज़्ज़ा आता है चोदने कितना मज़्ज़ा आता होगा आआह और ज़ब इतनी मस्त माल हो.....ना चाहते हुए भी राहुल बाथरूम जाता है और वहाँ से ख़ुशी भाभी कि पेंटी को लेते आता है



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.....वो सेक्स चैट वाली स्क्रीन शार्ट निकाल के ख़ुशी भाभी कि बुर देखने लगता है और इमेजिन करने लगता है....

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भाभी कि बुर देख देख के लंड को हिला रहा था....


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शंकर अपने रूम मे ब्लेंकेट के अंदर एक हाथ से अपनी लोड़ा को सहलाते हुए सोच रहा था आह बहुत कुछ उसके जैसा हीं हैँ कितना मज़्ज़ा आएगा जब ये लोड़ा उसकी गांड और बुर का रगर के कुटाई करेगा आआह इतने मे हीं शंकर के मोबाइल बजता है....

शंकर - कैसी हो ****

फ़ोन - **************.......

शंकर - अच्छा और बताओ जी क्या चल रहा है नया कुछ क्या है


फ़ोन - **************************



इतने मे हीं रेखा कमरे मे आती है...आने के साथ गेट लॉक करती है सामने शंकर को फ़ोन पे बात करती हुई देखती है

रेखा - इशारे से पूछती है कौन है


शंकर - धीरे से बोलता है ******

रेखा - मुश्कारा देती है और अपना साड़ी खोलने लगती है

फ़ोन -***********************************


शंकर - हा हा हा हा हा रेखा साडी खोल रही है


फ़ोन - ******************


शंकर - आज साडी गर्मी निकालनी है डार्लिंग कि बुर और गांड मे बहुत गर्मी है साली कि

शंकर फ़ोन लाउडस्पीकर मे कर देता है..

फ़ोन -*********************

रेखा - इसे संभालना अच्छी तरह आता है जी

फ़ोन - ********************

इसी तरह फोन पे बाते भी हो रही थी साथ मे रेखा, शंकर के लोड़ा को अपने मुंह मे लेकर चूस रही थी

फ़ोन अब वीडियो कॉल पे आ चुकी थी...

शंकर - फ़ोन पे इसे इस तरह मत चिढ़ाओ मेरे लंड को दांत से काट रही है

फ़ोन - *********************


अब शंकर से बर्दास्त नहीं हो रहा था....


फ़ोन -******************

शंकर - अभी करता हूं रेखा के साथ वैसा हीं करता हूं

रेखा - हाँ हाँ करो मेरी भी बारी आएगी

शंकर, रेखा को डॉगी पोज मे कर देता है और अपना मोटा लंड रेखा कि बुर मे पेल देता है और पीछे से रेखा के बाल को खींचते हुए जोर जोर का धक्का लगाता है

रेखा - आआआह आआआआआह आआआह बहिनचोद आआआह लंड मे दम नहीं है जो ठीक से चोद सको आआआह बाल क्यों खींच रहे हैँ

फ़ोन पे वीडियो कॉल मे सामने वाला देख के बहुत हीं ख़ुश होता है है

रेखा को भी चुदवाने मे बहुत मज़्ज़ा आ रही थी


शंकर - ओह्ह्ह्ह आआह बहुत आग है ना तुम्हारी बुर मे जान लो और जोर से लो और शंकर अपनी धक्का कि स्पीड बढ़ा देता है...

पूरा कमरा फच फच कि आवाज़ से गूंज रहा था....करीब 10 मिनट कि ताबरतोड़ चुदाई के बाद रेखा पोज़ बदल लेता है अब

शंकर अब निचे लेट जाता है और रेखा लंड को अपनी बुर मे सेट कर के लंड पे कूदने लगती है

रेखा अपनी दोनों हाथ आगे बढ़ाते हुए शंकर के छोटी निप्पल को जोर. से अपनी नाख़ून दबाती है शंकर के मुंह से चीख निकलता है

रेखा - अब मज़्ज़ा आ रहा है ना

शंकर - आआआआह जान ले ली....आआह

एक तो रेखा फूल मूड मे थी पूरी ताकत से अपनी गांड पटक रही थी साथ हीं निप्पल पे हमला

रेखा फ़ोन कि और देखती हुई बोलती है अब किसकी कुटाई हो रही है.....


शंकर - आह रेखा दिन व दिन तुम्हारी ताकत और गर्मी बढ़ती हीं जाती है आआआआह जान ले लोगी थोड़ा धीरे धक्का लगाओ ना.....

अब रेखा लंड पर से उठ जाती है सीधे शंकर के मुंह पे अपनी बुर घिसने लगती है शंकर कुछ बोल भी नहीं पता है

शंकर कि ऐसी हाल हो गयी थी जैसे ठीक से सांस भी नहीं ले पा रहा हो

रेखा अपना वजन थोड़ा ऊपर करती है तब जाके शंकर को थोड़ी राहत महसूस होता है...

शंकर अपनी जीव से रेखा कि बुर कूदरने लगता है

रेखा अब घूम जाती है 69 के पोज़ मे आ जाती है अपनी बुर रस से चमकता हुआ लोड़ा को अपनी मुंह मे ले के आगे पीछे करने लगता है...

शंकर अपने दोनों हाथ से रेखा कि कमर को हल्का तौलते हुए बोलता है जान आज तुम्हें नहीं मुझे एनर्जी ड्रिंक कि जरुरत पड रही है....

रेखा अपनी मुंह से लोड़ा निकालते हुए बोलती है आआह राजा मेरी बुर से एनर्जी ड्रिंक हीं निकलेगी आआह पी लो आआह ये बोलते हीं रेखा कि शरीर मे एक तेज झुरझुरी हुई और झरने लगी शंकर बुर से निकलती हुई रस को पिने लगा इसके साथ शंकर भी झरने लगा जिसे रेखा पी ली......

शंकर और रेखा एकदूसरे को देख के मुश्कारा रहे थे

फ़ोन भी कट हो गया था....

रेखा - कैसा लगा राजा

शंकर - आआआह पूछो मत आज भी तुम्हारी बुर मे वही गर्मी है

रेखा - और आपके लोडा मे भी वही पावर है

शंकर मेरा दिल नहीं भरा है जान

रेखा क्या सच मे नहीं भरा है ऐसा क्या देख लिए जो

मुझे गांड लेने का मन हो रहा है उससे पहले वो एनर्जी ड्रिंक पी लेते हैँ....तब तुम्हारी गांड का भरता बनाता हूं

रेखा -बड़ा आया गांड का भरता बनाने मै कौन सा पीछे रहने वाली हूं जो....करीब 1 घंटे के बाद शकर और रेखा कि एक और भिरंत हुई जिसमे......


वही दूसरी तरफ

खाना खाये हुए करीब 30 मिनट हो चूका था बिमलेश बेसब्री से ख़ुशी का इंतज़ार कर रहा था बिमलेश के लोड़ा पे विग्रा का असर शुरू हो गया था...

ख़ुशी जल्दी से अपना काम निपटा के रोज कि तरह अपनी बेडरूम मे आई बेड कि और देखती है और अपने सर पे हाथ रखती हुई खुद से बोलती है बहिनचोद तो बहन के रूम मे इंतज़ार कर रहे हैँ आज....

गेट लगाती हुई ख़ुशी सीढ़ी से ऊपर जाती है अंदर जाते हुए गेट लॉक करती हैँ

बिमलेश - आज बेसब्री से इंतज़ार कर रहा था तो आज हीं लेट करनी थी क्या

ख़ुशी - मुश्कारती हुई किचन कि काम निपटाती तब ना जी



क्रमश: आगे - अगले पार्ट मे एक बेहद रोमांचित कर देने वाला अपडेट....
वाह बहुत ही गरमा गरम अपडेट था
 

Hrk6513

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Awesome update. Keep it up. Waiting 4 next
 
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