Update 2
हमदोनो मार्केट पहुंच गए थे बाइक लगा के पैदल जा रहे थे गिफ्ट कार्नर से पहले कपड़े की दुकान दी जिसमे 2 डमी थी एक मे एक डमी में ब्रा पेंटी पहनी हुई थी और दूसरे डमी में सेक्सी पारदर्शी नाईट ड्रेस थी मैं आंखों की इशारा से बबली को बोला
मैं- अपनी आंख ब्रा पेंटी वाली डमी की और इशारा करते हुए बोला ये तुम दे दो और दूसरी डमी की और ये मैं दे देता हूँ । भाभी रात में अच्छे से सालगिरह मना लेगी
बबली- मुस्कराते हुए पीठ पे चपत लगते हुए बोलती है बहुत बदमाश हो गए हो लगता है अब तुम्हारी भी सदी कराने को मम्मी से बोलनी पड़ेगी ध्यान भटक रहा है
मैं- हँसते हुए इस ऐज में ध्यान भटक ही जाता है ऐसे मेरा आईडिया बुरा नही था मैं तो दे दूंगा भाभी से तो कोई डर नही लेकिन भाभी जब भैया से बोलेगी देवर जी ये गिफ्ट दिया है बस वही लाज के कारण
बबली- मुस्कराती हुई फिर तुम यही गिफ्ट दे दो हा हा हा हा हा....
मैं- देख बबली मेरी टांग खिंच रही हो तुम , तुम हिं देदो हा हा मैं दूँ या तुम बात तो एक हिं है
बबली- मुझे कोई शौक नही ये सब देने की
मैं- हँसते हुए तुम किसी को नही दोगी तो तुम्हें कौन देगा ऐसी गिफ्ट
बबली- ये सुन के शर्मा गयी और बोलती है नही मुझे देनी है नही लेनी है
तब तक गिफ्ट कार्नर पे पहुंच गए
मैं- दुकानदार से कोई अच्छी गिफ्ट दिखाइये ...
दुकानदार- एक कपल वाली स्टेटच्यू दिखाया और बोलता है बबली की तरफ इशारा कर के ये मैडम को बहुत पसंद आएगी
बबली- पूरी तरह शौक हो गयी
मैं- दुकानदार से थोड़ा मुस्कराते हुए ये मेरी मैडम नहीं बल्कि बहन है
दुकानदार- ओह सॉरी सर् मैं गलत समझ लिया
मैं- इट्स ओक
और दोनों गिफ्ट लिए और बाहर निकल गए
बबली- चल न गोलगप्पा खाते है
मैं- चल और दोनों गोलगप्पे की दुकान पे गए
एक तरफ मैं और दूसरी तरफ बबली थी और एक एक कर के देना स्टार्ट किया मैं दुकानदार हो इशारा कर दिया बड़ा साइज का देने के लिए बबली को ...
दुकानदार भी यंग था वो समझा होगा गर्ल फ्रेंड से मस्ती के मूड में है
और मुझे छोटा और बबली को बरी साइज वाली गोलगप्पे देने लगा मैं तो खा लेता और बबली की तरफ देखता बड़ा साइज का गोलगप्पे खाने के लिए बबली अपनी मुंह पूरी तरह खोलती और फिर खा लेती थी देखने मे बहुत मज़्ज़ा आ रहा था दुकानदार बार बार ऐसा हिं कर रहा था मुझे छोटा और बबली को बड़ी गोलगप्पे दे रहा था बबली भी इस बात को नोटिस कर रही थी ...फिर दोनों घर के लिए निकल गए
रास्ते मे बबली बोलती है
बबली- राहुल तुम नोटिस किये मुझे बड़े बड़े और तुम्हें छोटे गोलगप्पे क्यों दे रहे थे
मैं- हँसते हुए बोला वो चेक कर रहा था तुम बड़ी खा सकती हो कि नही एक तो तुम पहले से हिं दुबली पतली हो
बबली- थोड़ा गुस्सा करते हुए तुम न पिटाओगे मेरे हाथों ये पतली दुबली बार बार जो बोलते हो ...
मैं- अच्छा
बबली- और नही तो क्या वैसे वो देख के हिं क्या कर लिया मैं तो सारे गोलगप्पे खा हिं तो ली मैं वो सारी कुछ कर सकती हूं जो आम लोग कर सकते हैं उससे ज्यादा हिं कर सकती हूं मैं पूरी तरह फिट हूं....
मैं- बबली को छेड़ते हुए अच्छा ये बताओ उस दुकानदार ने तो तुम्हें मेरी गर्लफ्रेंड समझ लिया
बबली- शरमाते हुए छोड़ न वो बात और दोनों घर पहुंच गए।