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Incest Aaaah Ghar ki rasili bur aur gaand

Story ko kaun si front me likhu?

  • Hindi front

    Votes: 19 43.2%
  • Hinglish front

    Votes: 25 56.8%

  • Total voters
    44
  • Poll closed .

Castle2126

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Update3
घर आने के बाद लंच कर के अपने कमरे में आराम करने लगे और रात की योजना के बारे में सोचने लगा कि आज तक बस भाभी , दीदी और माँ की पेंटी पे अपने लंड पे घिसा हूँ और बहुत बार मम्मी पापा और भैया भाभी के कमरे से सेक्स करते वक्त मोनिंग की आवाज़ सुनकर या फिर कोई भी बतरूम जाती थी उसकी पेसाब की प्रेशर आह यही सब सोच के अपना लंड हिलाया करता था । दिन व दिन घर की चूत के लिए चाहत बढ़ता हिं जा रहा था। आज बहुत हिं उतावला हो रहा था कैसे भैया भाभी को पेलते होंगे क्या भैया भाभी की चूत भी चाटते होंगे या भाभी भैया का लंड चूसती होगी यही सब सोच रहा था कि कोई मेन गेट पीट रहा हो । मैं अपने रूम से बाहर निकल कर ग्रील खोला तो देखता हूँ बाहर जुली दीदी और राकेश जीजू हैं दोनों को देख के बहुत खुश हुआ ।
जुली दीदी- कैसे हो हैंडसम
मैं- ठीक हुन साथ हिं दीदी की पाँव छूते हुए प्रणाम किया पास में खरे जीजू को भी
जुली दीदी- खुश रहो मुस्कराते हुए बोली
और दोनों आगे आगे और मैं समान लिए पीछे से आ रहा था दीदी के शरीर में दिन व दिन बदलाव आ रहा था पीछे से दीदी बिल्कुल मम्मी की तरह लग रही थी ..

दोनों के आवाज सुनकर सब अपने रूम से बाहर निकले सब एक दूसरे से मिले और बात करने लगे । मैं अपने रूम में आ गया बस मैं यही सोच रहा था कि जीजू इन 30 मोन्थ मे किस तरह दीदी की सेवा किये की पतली दुबली दीदी इतना ग़दरा गयी है।
इतने में माँ आवाज देती है

रेखा माँ- ओ राहुल कहाँ हो ये बोलते हुए मेरे कमरे में आई और बोलती है बाजार से कब समान लाओगे जल्दी खाना बनाना है..

मैं- जी मा कुछ देर में जाऊंगा पास में हिं तो है

रेखा- मैं जानती हूं तुम्हारी गोपी के 5 मीनट और हस दी और बाहर चली गयी

मैं- बस मा को देखता रहा पीछे मा की तरबूज को मैं बस यही सोच रहा था कि माँ बिन कपड़े के कैसी लगती होगी आह

जब कोई घर के लोग पास हो तब मैं गलत नहीं सोचता हूँ बिल्कुल अच्छा लड़का की तरह लेकिन जब भी अकेला रहता हूँ बस यही सब सोचते रहता हूँ फिर में मार्केट के लिए निकल गया घर की समान और रात के लिए मटन केक भी लेनी लेकिन पकड़ता कौन इसलिए सोचा केक बाद में लूंगा फिर में सारी समान लेके घर आ गया

शाम में मैं जीजू को साथ लेकर केक लाने चल दिया रास्ते में

राकेश जीजू- तो साले साहब क्या चल रहा


मैं- बस चल रहा है किसी तरह

राकेश जीजू- हँसते हुए किसी तरह क्यों कोई है नही क्या बॉडी की राहत देने वाली

मैं- बस इतना बोला कि मैं इतना लकी नही हूँ जीजू
राकेश जीजू- मेरी बाह को अपनी हाथ से दबाते हुए तो फिर ये बॉडी बस ऐसे हिं खाली कहीं यूज़ नही

मैं- बस थोड़ा हस दिया

दोनों केक लिए और साथ में बलून वगेरा डेकोरेट की समान लिए और घर आ गए
Aah jija bhi usi Tarak ka mara h jo khud writer bhi h🤩
 

Castle2126

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Update4

मैं और जीजू केक लेकर घर मार्केट से आ गए। भैया और पापा भी आ गए थे सब एक दूसरे से बात कर रहे थे मैं मन हिं मन खुश था कि मेरी प्री प्लानिंग काम आएगी की नहीं ....

करीब सात बजे मैं और बबली जो भी डेकोरेशन की समान था उसे लगा रहे थे फिर बाद में बलून फुला रहे थे

बलून फूलने में बबली भी कम नही थी एक बार जो मुंह मे लगती कम्पलीट कर के हिं छोड़ती थी बलून फुलाते टाइम बबली की बूब्स से ऐसा लगता था बड़ी और आगे पीछे हो रही है कड़ा साँस लेने की वजह से

मैं- वाह बबली तुम तो बहुत स्ट्रांग हो अंदर से एक बार मे हिं इतनी बड़ी कर देती हो

बबली- अच्छा (खुश होते हुए) मेरे भाई को मेरी ताकत का पता चला हिं कहाँ है

मैं- हाँ सही बोली आज में गोलगप्पे की दुकान पे भी देखा तुम भी किसी से कम नही हो

बबली- जोश जोश में बलून को और बड़ी कर रही थी और मुझे दिखाते हुए भी और हवा लगेगी इसमे....

मैं- हाँ और दो न ज्यादा बड़ी अच्छा लगता है देखने मे( डबल मीनिंग कर के बोला)

बबली- ऐसा क्या फिर तो मम्मी और दीदी को बुलवा लो वो और भी ज्यादा बड़ी फुला सकती है( आंख नाचते हुए बोली)

इसी तरह दोनों भाई बहन डेकोरेट कर लिए...

रात के करीब 8 बज रहे थे भाभी लोग तैयार होने चली गयी बांकी पापा जीजू भैया और मैं वही थे बाहर का कोई लोग को इनवाइट नहीं किया गया था। करीब 40 मीनट बाद खुशी भाभी मरून साड़ी में गज़ब लग रही थी होंठ पे लिपस्टिक आंख तो मस्त है हिं ऐसा लग रहा था कप वाली ब्रा पहनी हुई थी क्यों कि और दिन की अपेक्षा आज कुछ ज्यादा बड़ी लग रही थी । मम्मी भी गज़ब की लग रही थी दीदी लेंग्गिस पहनी हुई थी उसमें दीदी की मोटी झांग और पीछे से उभार कातिलाना था बबली भी कुछ कम नही थी 3 गदराई माल के बीच मे एक पतली लंबी छरहरे बदन वाली नॉटी गर्ल कुल मिलाकर कर सबको देख के लंड खड़ा करने के लिए काफी था। एक मैं हिं था वहाँ जो बुर का स्वाद नहीं चखा था और दूसरी बबली जो लंड की स्वाद नहीं चखी थी। बांकी तीनो न जाने किस किस स्टाइल में चोदते होंगे सबसे ज्यादा तो एक्सप्रेइंस पापा को हिं था जो 30 साल से गदराई माल को चोदते आ रहे हैं । मैं पुरानी फ़ोटो जो देखा हूँ पापा और मम्मी की उसमे दोनों बहुत पतले थे अब पता नही सादी की बाद लंड और बुर की की मिलन से कैसे मोटापा आ जाती है ।

सब ऊपर सीढ़ी से पहली फ्लोर पे जाने लगे सबसे ऊपर बबली थी उसके पीछे भाभी फिर मम्मी फिर जुली दीदी फिर पाप उसके बाद मैं मेरे पीछे जीजू और भैया ..मैं नोटिस कर रहा था कि पापा की नजर दीदी की लेंगिस पहनी हुई टाइट गांड से नज़र हट हिं नही रही है ..ऐसे करते ही गेस्ट रूम में चले गए वो खाली रूम है उसमें स्पेस भी ज्यादा थी तो वही डेकोरेट किया गया था।

केक टेबल पे रखी हुई थी टेबल के ठीक सामने भैया भाभी थे भैया के बगल में जुली दीदी उसके बगल में पापा दूसरी तरफ भाभी से बिल्कुल सट के मा खड़ी थी मा के बाद बबली मैं भाभी और माँ के पीछे एक हाथ भाभी के कंधे पे और दूसरी हाथ माँ के कंधे पे बहुत हिं मज़्ज़ा आ रहा था मेरी एक जांघ मम्मी की जांघ से सटी हुई और दूसरी जांघ भाभी की जांघ से सटी हुई मेरा शेर भी धीरे धीरे खड़ा हो रहा था और जीजू फ़ोटो क्लिक करने में ...
.
मैं बार बार पापा की नज़र का हिं पीछा कर रहा था पापा की नज़र जुली दीदी की गांड से लग रहा था हट हिं नही रह हो

भैया भाभी दोनों मिल के केक कट करते हीं मेरी हाथ मे जो फोम स्पेरे थी वो चलना शुरू किया भाभी की चूची और हेयर को भर दिया...साथ हिं सब लोग हैप्पी एनावर्सिरी बोल रहे थे फिर

भैया भाभी को और भाभी भैया को केक खिलाये हमलोग भी भाभी के फेस पे केक लगये ,फिर भाभी चाकू से एक एक टुकड़ा काट के सबको अपनी हाथ से खिलाये मेरी मुंह मे जब वैनिला फ्लेवर वाली केक भाभी हाथ से खिलाने लगे तो ( मैं ये सोचने लगा भाभी अपनी चूत रस बिल्कुल गाढ़ा वाइट मुझे पिला रही है) मैं अपनी मुंह बंद कर लिया भाभी की फिंगर मेरे मुंह मे दब गई फिर भाभी मेरी मुंह से ऐसी अदा के साथ अपनी उंगली निकली जैसे बुर में से लंड निकाल रहा हो ( फिंगर यानी लंड अपना गाढ़ा माल मुंह (बुर ) में छोड़ के बाहर निकल रहा हो ....
जैसे ये देख के सब ठहाका के साथ हंसे और जब भाभी पापा को केक खिला रहे थे बहुत हिं रोमांचित करने वाला दृश्य था मुझे ऐसा लग जैसा मैं किया हूँ पापा का भी मन था वैसे करने का लेकिन लाज की वजह से शायद ऐसा नहीं किये फिर ..

फिर बारी आई फ़ोटो शुट करने की मस्त मस्त पोज़ देके फ़ोटो क्लिक किये मा भी कम नही है फ़ोटो खिचवाने में फिर नीचे आने लगे मम्मी बबली और पापा पहले हिं नीचे चले गए भैया और जीजू छत पे हिं बात कर रहे थे ... रूम में मैं दीदी और भाभी थे जो नीचे जाने वाले थे....

सबसे आगे भाभी फिर दीदी और बाद में मैं केक लिए हुए जा रहा था सच मे जुली दीदी की गांड आआआह जब एक सीढ़ी से नीचे उतर रही थी उसकी गांड आआआह कातिलाना लग रहा था बस तभी यही सोच रहा था 2 साल पहले कैसी थी दीदी और जीजू कितना खुराक देते हैं जो दीदी की गांड को तरबूज बना दिये है ठीक तभी दीदी पीछे मुरी और अपनी हाथ आगे बढ़ा के ढेर सारी केक अपनी हाथ मे ले ली दीदी भाभी आगे आगे जा रही थी ...
दीदी भाभी के साथ उसके कमरे में चली गयी और मैं किचन फ्रीज़ में केक रखने

मम्मी और बबली किचन में हिं थी खाना लगाने की तैयारी में थे ...और मैं अपने रूम में आ गया..

खुशी भाभी और जुली दीदी की आपस मे की गई बात...

दोनों भाभी के रूम में जाके गेट लॉक करती है और भाभी कपड़ा चेंज करने लगती है भाभी साड़ी खोल लेती है अब पेटीकोट में आ जाती है और दूसरी सारी पहनने वाली होती है कि
जुली दीदी- भाभी से सट के खड़ी हो जाती है पीछे से एक हाथ से पेटीकोट के अंदर हाथ देती है खुशी भाभी की पेंटी को फैलाते हुए दूसरी हाथ मे जो केक थी उसे भाभी के पूरे बुर पे लगा देती है दीदी को महसूस हुआ कि खुशी भाभी की बुर पे हल्की हल्की झांट है जिसमे सारी केक सन गयी

खुशी भाभी- आआआह दीदी अचानक हमले से खुशी भाभी को क्या हुई पता नही चली जब अपने बुर ठंडक लगी तो समझ गयी दीदी केक लगाई है...

जुली दीदी- भाभी को अपनी बांहों में थी और अपनी मुंह थोड़ा झुक के क्यों कि भाभी से दीदी थोड़ी ज्यादा लंबी है ।
बिल्कुल भाभी के कान में "भाभी मैं पूरी बुर पे केक लगा दी हूँ क्रीम की काम करेगी ताकि भैया का हथियार लेने में आपको कोई दिक्कत न हो"
और हंस दी...

खुशी भाभी-इस बार खुशी भाभी बोलती है जुली दीदी की गर्दन को नीचे करते हुए "नंनद जी अब आपकी भैया का लौड़ा लेने के लिए क्रीम की जरूरत नहीं पड़ती है ऐसे हिं समा लेती हूं अपने बुर में और दोनों ठहाका लगा के हसने लगते हैं।

जुली दीदी- बोलती है अपनी भाभी को कि मेरी तरफ से बेस्ट विशेज है कि इस बार भैया आपको जी जान से पलंग तोड़ चुदाई करे(एक हाथ से खुशी भाभी की बुर और एक हाथ से बूब्स दबाते हुए) और शुबह में मेरी भाभी जी अपनी ननद को पूरी कहानी सुनाएगी न?

खुशी भाभी- शर्माती हुई भाभी बोलती है जी ननद जी बिल्कुक और अपनी चूत से थोड़ा केक हाथ मे लगा के जुली दीदी की बुर में लगा दिए...

जुली दीदी- आह भाभी अपने यहां आज मटन बनी है ना...

खुशी भाभी- हां , लेकिन क्यों

जुली दीदी - अपनी मुंह भाभी के कान के पास बोलती है आपके ननदोई नॉनभेज खाने के ओवर डोज पहले गांड फिर बुर की सेवा देते हैं...

खुशी भाभी- वाह और अपनी हाथ जुली दी कि गांड पे सहलाते हुए तब न मैं सोची पतली दुबली ननद रानी की पिछवाड़ा इतनी जल्दी तरबूज कैसे बन गयी

जुली दीदी- हा हा हा हा


खुशी भाभी- सरारत करते हुए अपनी बुर से कुछ केक हाथ मे लेके भाभी बोली...दीदी की कान में
"ननद रानी की गांड ननदोई के लिए तैयार कर रही हूं केक लगा के तब न ननदोई जी हचक हचक के गांड पेलेंगे "

इतने में बबली गेट पिटती है भाभी जल्दी आइए बाहर...किचन में ....
Wow... Kitni hi madmast anubhav h nanad aur bhabhi k bich dono ek dusre ko chudwane k liye ready kar rhi h... Ek bur k liye to ek non veg khilane k baad gand k liye.... Sahi behno se bhi jyada prem h dono🤩
 

Castle2126

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Update5
बबली की आवाज सुनते हिं दोनों जल्दी जल्दी कपड़े बदल के किचेन में चली गयी खाना लग चुका था । पापा भैया जीजू और मैं एक साथ एक टेबल पे खाये फिर मा लोग भी खाई मुझे तो बहुत बेचैनी हो रही थी कि जल्दी सब खाना कम्पलीट करे और सोने जाय सब के खाने के बाद किचन में-

खुशी भाभी- बर्तन धोने जा रही थी...

जुली दी- भाभी छोड़ दीजिए कल धोया जायेगा आज स्पेशल डे है

रेखा मा- हाँ बहु छोड़ दो ऐसे आज सटरडे है और कल संडे जल्दी जगने का भी लोचा नही.

जुली दी- भाभी की गांड पे हाथ फेरते हुए मा की तरफ देखते हुए बोली मतलब आप कह रही हो मा की भाभी पूरी रात मस्ती की राउंड चलती रहे स्पेशल डे में और सुबह जल्दी जगने की भी जल्दी नही

खुशी भाभी- शर्मा गयी

रेखा मा- ऐसे मैं तो बहुत खुश हूं अच्छी बहु और अच्छे दामाद मिला है जो सेवा में कोई कमी नही छोड़ता....

जुली दी- और मैं भी खुश हूं जो मुझे इतनी अच्छी मा को इतना अच्छे पापा मिले हैं सादी के 30 साल होने के बाद भी सेवा में कोई कमी नही होती है .... हा हा हा हा

अब सरमाने की बारी थी मम्मी की ...

तब तक खुशी भाभी मम्मी के पास आ के बोलती है अपनी सास के कान के पास

खुशी भाभी- लकी तो मैं हूँ सासु मा जी जो मुझे इतने अच्छे सासु मा पति और परिवार मिला है ...और सरारती अंदाज़ में बोलती है " जब ससुर जी सासु मा की सेवा करने में कोई कटौती नहीं करते सदी के 30 साल तक तो मैं नई हूँ अभी ऐसे पेरेंट्स के बेटे बेटी भी ( जुली दीदी की गांड दबाते हुए) पेरेंट्स पे जाएंगे हिं न वो गुण आ हिं जाता है..

रेखा मा- हंसती हुई परेशान तो नही करता है बिमलेश ..मेरी बहु को

खुशी भाभी- बहुत ज्यादा हर दिन ओवरडोज खुराक चाहिए

रेखा मा- हा हा हा बिमलेश के पिताजी को तो आज तक ओवरडोज सेवा देते आ रही हूं...बेटा भी बाप पे गया है

जुली दी- और बेटी और बहू बिल्कुल अपनी माँ पे...ऐसे हिं बात करते हुए किचन रूम से निकलते हैं और सब अपने अपने रूम की तरफ जाते हैं

जुली दी और जीजू ऊपर वाले गेस्ट रूम में बांकी सब अपने कमरे में सोने जा रहे थे....

मैं अपनी गेट पे संबकी गेट लगने की प्रतीक्षा में था..और गेट लगते हैं मैं अपनी बनाई हुई जगहों में जाने लगा रात थी जंगल बहुत थी डर तो बहुत लग रहा था ..नवंबर के टाइम था न ठंड न गर्मी फैन भी नही चल रही थी ..जब मैं पीछे मम्मी पापा वाला खिड़की के सामने से गुजरा तो एक साउंड आती है......

मम्मी के रूम से एक साउंड आई में देख तो नही पा रहा था ऐसा लग जैसे पापा मम्मी की गांड पे एक तप्पड़ जड़ा हो

रेखा मा- अच्छा बड़ा मूड में हो कुछ देख लिए क्या

शंकर पापा- अच्छा मैं किस दिन मूड में नही रहता हूँ जो

रेखा- हाँ वो बात तो है लेकिन आज कुछ ज्यादे मूड में हो आते हैं गांड पे ठोक दिए चपत ...

शंकर- पता है डार्लिंग अभी एक बहुत बड़ा बबंडर होते होते बचा ....

रेखा- ऐसा क्या हुआ जो

खाना खाने के बाद मैं रूम में गेट के पास था जुली जा रही थी मुझे लगा तुम हो मैं अपनी हाथ जैसे अभी तुम्हारी गांड पे मारी वैसे मारने हिं वाली था कि जुली ,बबली को आवाज लगाई मैं आवाज़ सुन के रुक गया वैसे भी पीछे से तुझ में और जुली में ज्यादा की अंतर नही रही सेम हाइट बॉडी और गांड भी...( पापा जुठ बोले)

रेखा- अच्छा ऐसा क्या मार देते तब देखते क्या होता है और हसने लगे और मम्मी बोली वैसे भी आपको अपने से कम आधी ऐज वाली को चोदने का बहुत शौक है आपकी आफिस में कौन एक लड़की आई है उसको सोच सोच के मेरी बुर और गांड कूट रहे है.... और जुली तो आपकी बेटी है उनको भी ..है राम!

शंकर- आफिस वाली की बात छोड़ न अब मन है तो है मैं क्या करूँ । जुली वाली बात वो तो सही टाइम पे उनकी आवाज़ निकल गया नही तो गजब हो जाता ...ऐसे आज कौन से पोज़ में चोदू...

रेखा- कुछ तो बात है आज पूरा गरम हो

शंकर अपने मन मे- अपनी बेटी जुली की गांड देख के लौड़ा फुल टाइट था लेकिन वो बोलता कैसे चुप रहा

रेखा- शंकर के लंड को दबाते हुए बोली साँप , बिल में जाने के लिए तरस रहा है

शंकर- आज तो अपने यहां तीन सांप बिल में जायेगा

रेखा- हाँ बिमलेश और खुशी की तो स्पेशल होगी सालगिरह जो है...

शंकर- हाँ डार्लिंग तुम भूल गयी हो या याद है वैसे हमदोनो का क्या स्पेशल होगा आज

रेखा- हाँ डार्लिंग सब याद है वो सब भी भूलने वाली बात है जो...हमदोनो की स्पेशल यही है कि " बेटे के सालगिरह पे माँ की गाँड़ में पापा का लौड़ा" हा हा हा हा हा

शंकर- वाह मज़्ज़ा आएगा फिर मैं भी वैसे आज गाँड़ हिं मरता अपनी डार्लिंग का

मैं यही सोच रहा था मा और पापा कितने जोशीले हैं...

फिर मैं अपनी बनाई हुई जगह पे डरते डरते गया और कुर्सी पे चढ़ के देखा बेड की ओर तो देखता हूँ भैया बेड पे लेते हैं चड्डी पहने हुए।
Ohh Bhai yrr kya hi uttejana se bhara update h ye .. aisi sas nanad aur bhabhi rahe agar to har ghar m aise hi chudai ho😜
Aur yaha to roleplay k asar bahit achhe se oya chal rhe.... Aur shadishuda jodo ki chemistry... Writer sahab kafi experienced lag rhe ho🤩
 

Castle2126

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Update 6

भैया बेड पे लेटे थे जांघिया में और खुशी भाभी अपनी साड़ी उतार रही थी...
साड़ी खोल के अब खुशी भाभी ब्लाउज खोल रही है थी दोनों खोलने के बाद पेटीकोट और मरून ब्रा में बेड पे चली गई भाभी । दोनों एक दूसरे को बांहो में लेके किस करने लगे।
अब भैया अपना हाथ नीचे लेजाकर भाभी की पेटीकोट की डोरी को खिंचता है और पेटीकोट नीचे की और चला जाता है। खुशी भाभी अपने हाथ से नीचे की और कर देती है पेटीकोट को और पैर से निकाल लेती है , मैं ये देख के रोमांचित हो रहा था जैसे जैसे पेटीकोट नीचे की और खिसक रही थी भाभी की गौरी केले के खंभे की तरह बिल्कुल दूध जैसी गोरी जांघ को देख के पागल से हो रहा था । पेटीकोट के हटते हिं खुशी भाभी मरून कलर की पेंटी में आ गयी । बुर के पास बिल्कुल फूली हुई । मुझे समझते देर नही लगी मैं सोचने लगा या तो खुशी भाभी की बुर के होंठ मोटी है या फिर बुर झांट से भरी यही सोच के मैं रोमांचित हो रहा था..

खुशी भाभी- भैया के चड्डी के उपर से हिं अपनी चूत लंड पे घिस दी

भैया- अरे खुशी तुम्हारी पेंटी में क्या है ऐसा लग रहा है सॉफ्ट और ठंडक महसूस हो रहा है...

खुशी भाभी- मुस्कराती हुई बिल्कुल प्यार से भैया के फेस को अपनी दोनों हाथों में लेते हुए आंख में आंख डाल के बोलती है आप की लाडली बहन जुली आपकी पत्नी की मुनिया को केक से लथपथ कर दी है

भैया- खुश होते हुए ऐसा क्या इतनी सरारती है जुली

भाभी- और नही तो क्या पता है और क्या बोली..

भैया- क्या बोली

भाभी- यही बोली कि भाभी केक की क्रीम लगा रही हूं ता की भैया का लौड़ा आराम से ले सको कोई दिक्कत न हो

भैया - हट्ट बदमाश फिर तुम क्या बोली...

भाभी- मैं बोली तुम्हारे भैया का लौड़ा लेने के लिए अब क्रीम लगाने की जरूरत नही पड़ती है मेरी बुर ऐसे हिं गटक जाती है लौड़ा को...

और मैं अपनी चूत पे लगी केक जुली की बुर पे लगा दी और बोली ननदोई जी को तैयार बुर मिलेगी चोदने को...

तब जुली बोलती है आज घर मे मटन बनी है तो मेरी चूत नही बल्कि मेरी गाँड़ लेंगे क्यों कि नॉनवेज खाने के बाद मेरी गाँड़ हिं लेते हैं पतिदेव

फिर मैं अपनी पेंटी में हाथ डाल के केक जुली की गाँड़ में लगाते हुए बोली आज ननदोई जी हचक हचक के पेलेंगे

भैया- आह जीजू का भी आईडिया मस्त है नॉनभेज खाने के बाद हा हा हा...

खुशी भाभी- आपका लौड़ा क्यों इतना सख्त हो गया है आज बहन की बात सुन कर क्या

भैया - बस थोड़ा सा मुस्करा दिए...और बोले आज तो स्पेशल डे है ऊपर से जुली तुम्हें तैयार कर के भेजी है ...


भाभी- मतलब फिर कल शुबह चलने लायक भी नही छोड़ोगे और दोनों हसने लगे साथ हिं साथ किस भी चल रही थी


(भैया और भाभी की बात सुनकर तो मेरी लौड़ा का हालात खराब था खाशकर जुली दी भाभी की बुर पे केक लगाए है मतलब सीढ़ी के पास जो हाथ मे केक लिए थे दीदी वो भाभी की बुर में लगाने के लिए हिं आआआह भाभी की बुर केक से भरी हुई कैसी लगती होगी आआआह कैसे भैया के लौड़ा पे घिस रही है आआआह)....

भैया भाभी दोनों एक दूसरे को बांहों में इस कदर जकरे थे और दोनों की होंठ आपस मे चिपकी हुई..कभी भाभी नीचे तो कभी भैया पलंग के इस छोर से उस छोर तक अलट पलट के किस हो रही थी..


अब खुशी भाभी भैया के शरीर से उठकर भैया के जांघ पे बैठ जाती है भैया का लौड़ा चड्डी में से लग रहा था कब बाहर आ जायेगा लंड की शेप बानी हुई थी। भाभी अपनी अपनी दोनों हाथ की एक एक उंगली भैया की चड्डी में फसा दिए और नीचे की और खिसका रही थी चड्डी के हटते हिं भैया का मोटा खड़ा लौड़ा जो करीब 6-7 " की होगी ...

मेरा लौड़ा भैया से काफी बड़ा और ज्यादा मोटा है 9" का... ..

भाभी बड़े प्यार से नजरे गराई हुई थी भैया के लौड़ा पे भाभी मुस्कारते हुए अदा के साथ चड्डी उतार के बाहर निकाल दी भैया पूरी तरह नंगा हो गए और भाभी अभी भी ब्रा पेंटी में थी और अब भाभी भैया के ऊपर लेट गयी और दोनों के फेस एक दूसरे के सामने भाभी एक किस करती हुई बोली..
भाभी- आह जानू आज कैसे प्यार करोगे अपनी हुस्न की परी को?
भैया- तुम तो जानती ही हो पिछले बार कि सालगिरह के दिन हमदोनो में किस लेवल की (भाभी की कान में चुदम चुदाई ) होती है ये सुनते हैं भाभी जोर से अपनी बुर पेंटी के ऊपर से हिं भैया के लौड़ा पे घीस देती है..

भाभी- आआआह पिछली बार तो मायके में सालगिरह मनाए थे ...बाथरूम किचेन और बैडरूम सारी जगह...

भैया- हां यहां और लोग हैं इसलिए नही तो यहां भी घर के हरेक कोने में अपनी हुस्न की पारी को चोदता ...वहां तो बस सास ससुर हैं दोनों अपने ड्यूटी में बिजी और भैया भाभी घर पे रहते नहीं...तो ऐसे में गदराई बीबी को जहां मन वहां चोदने की आजादी

भाभी- हाँ सही बोले वहां का मज़्ज़ा हिं अलग है जब मन तब शुरू हो जाओ ...
और फिर एक लंबी और जोरदार किस होती है।

बाहर मेरी हालत खराब हो रही थी भैया भाभी की बात सुनकर और में सोचने लगा आआआह आज तो मस्त चुदाई देखने को मिलेगी।

अब भैया खुशी भाभी को नीचे कर दिए और भैया ऊपर आ गए दोनों आपस मे लिपटे हुए हैं फिर उसी तरह किस करते करते कभी भाभी ऊपर तो कभी भैया बेड के इस छोड़ से उस छोड़ तक दोनों की ऐसी मस्त किस देखकर मुझे तो काफी मज़्ज़ा आ रहा था।करीब 5 मिनट तक ऐसे हीं किस चलता रहा। अब भाभी नीचे थी और भैया ऊपर इस बार भैया अपना लौड़ा को भाभी की पेंटी के ऊपर से ही घिसने लगे ।

भैया ठीक उसी तरह जैसे भाभी ने भैया की चड्डी खोली उसी तरह 2 फिंगर फसा के भाभी की पेंटी नीचे करने लगे धीरे धीरे पेंटी नीचे होने लगा जैसे हिं हल्का नीचे हुआ....

मेरी नज़र भाभी की की बुर वेनिला केक से भरी हुई है भाभी के बुरे की झांट और बुर सभी जगह केक सनी हुई थी और भैया पेंटी खोलते हुए मुस्करा रहा था पेंटी में भी केक लगी हुई थी भैया ने पेंटी खोल के अपने हाथ में लिया और अपनी सेक्सी मस्तानी बीबी को दिखाते हुए पेंटी पे लगी हुई केक को एक बार चाट लेता है। पेंटी पे अभी भी बहुत सारा केक लगा हुआ था जो भैया ने वही बगल में पेंटी को रख दिये। और साथ हिं भाभी की ब्रा भी खोल दिये..
खुशी भाभी की बड़ी बड़ी चूची जिसे देख के मैं अपना लौड़ा निकल के हाथ से सहलाने लगा एकदम गोरी चूची बड़ी बड़ी भूरे रंग की निप्पल बिल्कुल टाइट ..


अब भैया खुशी भाभी की पैर को फैला के भाभी के बुर के करीब आ गए । इस पोजीशन में थे कि जैसे मानो खुशी भाभी के बुर से आ रही खुशबू ले रहा हो और एक नज़र भाभी पे डालते हैं भाभी मंद मंद मुस्करा रही थी और अचानक हिं भैया का हमला भाभी के ऊपर छलांग लगा दिए और दोनों का लिप्स आपस मे सटे हुए एक और जोरदार किस शुरू हो गयी और नीचे भैया का लौड़ा बिल्कुल भाभी की बुर से सटी हुई किस करते हुए दोनों की बॉडी आपस मे चिपकी हुई जैसे मानो हवा भी पास न हो सके ...

अपनी मुंह से भाभी की बड़ी बड़ी चूची को चूसने लगे और एक हाथ से भाभी की दूसरी चूची मसलने लगे और साथ हिं साथ किस जोरो पे था और
किस का अंत हुआ और भैया भाभी के ऊपर से उठ रहे थे जैसे हिं उठे भैया का जांघ और लौड़ा पे भाभी की बुर की केक लगी हुई थी ठीक वैसे हिं भाभी की बुर और पूरी गोरी जांघ में केक लगी हुई वाइट वाइट ऐसे लग रहा था जैसे भाभी की बुर से निकली हुई रस से नहा ली हो। सुंदरता कि चार चांद लग गयी थी । भैया नीचे की और हुए और और अपना जीव भाभी की सेक्सी केले के खंभे जैसी जांघ पे लगी हुई केक को चाटने लगे और और पूरी जांघ साफ कर दिए

जांघ बिल्कुल चमक रही थी और अब जीव को भाभी की बुर पे लगा दिए पहले तो भाभी की बुर पे केक लगी होने की वजह से झांट नही दिख रहा था भैया के ऊपर चढ़ने से केक इधर उधर फैल गया

खुशी भाभी की बुर पे हल्की हल्की झांट और उसपे लगी हुई केक काफी सुंदर लग रहा था । भैया के जीव भाभी के बुर पे लगी केक को चाट के साफ करने में लगे हुए थे और झांट के बीच मे फसी केक को चाट चाट कर खाने लगे
खुशी भाभी पास में रखी हुई मोबाइल को उठा के अपनी बुर की चुसाई की फ़ोटो क्लिक कर रही थी और मुस्करा भी रही थी...
ये देख के मेरा लौड़ा से अपने आप माल निकलने लगा और अपनी भाभी की कल्पना करने लगा और आंख बंद हो गयी कुछ देर के लिए और जब मैं अपनी आंख खोलता हूँ तो देख रहा हूँ अभी भी भैया भाभी की बुर को चाट हिं रहे हैं और अब लगभग भाभी की बुर से केक चाट के साफ कर दिए थे और अपनी जीव भाभी की बुर के लिप्स में घुसा के चूस रहे थे

भाभी की बुर पर से केक हटने के बाद भाभी की गोरी जांघ के बीच बिल्कुल गोरी बुर की लिप्स और बुर के अंदर हल्के बुरे कलर की पुट्टी आआआह गजब का मज़्ज़ा आ रहा था जैसे मैं स्वर्ग में हूँ...


अब भाभी को बर्दाश्त होना मुश्किल हो गया था वो अपनी हाथ को आगे कर के भैया की पैर को अपनी तरह खीच रहे थे भैया भाभी मदद किये और पीछे की और हो गए मतलब भाभी पीठ के बल लेटी हुई थी और भैया उनके ऊपर जीव से बुर चूस रहे और ऐसा लग रहा था कि भाभी की आग भड़क गई हो अपनी ताकक लगा के भैया को नीचे किये और वो खुद ऊपर हो गयी....


अब खुशी भाभी अपनी जीभ से भैया के जांघ को जिसपे केक लगा हुआ था जो थोड़ी बहुत सुख चुकी थी और लौड़ा तो लग रहा था जैसे वेनिला केक का क्रीम में ऐसा सना हो दिखने से लग रहा था कि लौड़ा और बुर की माल लगी हो जिसे खुशी भाभी ने बड़े हिं प्यार से चाट रही थी... भाभी की अदा तो जानलेवा थी। ऐसी अदा के साथ भैया का लौड़ा चूस रही थी कि जिसे देखकर एक बार फिर से मेरा लौड़ा का हालात खराब था अपने घर की बुर और गाँड़ को सोच के हिलाने वालो को रियल में देखने को मिल रहा था आह ऐसी सुखद अनुभूति भाभी की ऐसी अदा देख के मेरा लौड़ा कब का टाइट हो गया और लग रहा था कब माल छूट जाएगा

खुशी भाभी का इस अदा से लंड चूसना काफी मस्त लग रहा था । भाभी, भैया के लंड पे सारे क्रीम को चाट के पूरा लौड़ा अपनी मुंह मे लेके मजे से चूस रही थी और भैया आंख मूंद के मज़्ज़ा ले रहे थे अब भैया से बर्दास्त नही हुआ तो भैया खुशी भाभी की एक पैर को खीच के अपने ऊपर कर लिया भाभी भैया के पेट के बल उसपे लेट गयी और लुंड चूसने लगी उधर भैया भाभी की बुर में अपना मुंह लगा के चूसने लगे 69 पोजीशन में दोनों एक दूसरे का मज़्ज़ा ले रहे थे ।बीच बीच मे भाभी फ़ोटो भी क्लिक कर लेती थी। अब भाभी को पटक के नीचे कर दिए और और भैया पूरी जोर जोर से अपना लौड़ा भाभी की मुंह मे गले तक पेल रहे थे और बीच बीच मे भैया , भाभी की मुंह थूक से भर चुकी थी...और फिर भैया अपना लंड बाहर निकाल लेते थे ..दोनों करीब 5 मिनट एक दूसरे का बुर और लौड़ा चूस रहे थे दोनों चरम सीमा पे पहुच गए थे एक बार फिर से पोजीशन चेंज हो गया फिर भैया नीचे भाभी ऊपर आआआह दोनों फुल जोश में भैया भाभी की बुर चाट रहे थे जो पूरी तरह से गीली हो गयी थी खुशी भाभी की बुर के होंठ में कंपन आ रही थी ऐसा लग रहा था कि भाभी बहुत करीब है और भाभी भी कुछ कम नही थी वी भी पूरी जोश के साथ भैया जे लौड़ा को मुंह मे गटक ली । दोनों का स्पीड बढ़ता हिं जा रहा था । भैया भाभी बहुत तेजी से लगे हुए और भाभी बर्दास्त नही कर सकी उनकी बुर से अमृत रस निकलने लगी जो भैया अपनी मुंह मे इक्कठा करने लगे ...

जब खुशी भाभी की चूतरस निकल रही थी बुर की फांके थरथरा रही थी और सारा माल भैया अपने मुंह मे जमा कर लिए और वो भी बर्दाश्त नहीं कर पाए और अपना लौड़ा से एक एक तुरक्का अपनी चुदास से भरी बीबी की मुंह मे छोड़ रहे थे। भैया का माल इतना ज्यादा था कि जैसे भाभी की मुंह भर गई हो दोनों अपनी अपनी मुंह मे माल जमा किये हुए थे । अब खुशी भाभी, भैया की और देखते हुए अपनी मुंह मे माल जमा किये हुए सेक्सी अदा के साथ धीरे धीरे रस अपनी मुंह से भैया के सोये हुए लौड़ा पे निकाल रही थी भैया के लौड़ा से निकला रस हिं भैया के लौड़ा को नहला रहा था। भाभी अपनी पूरी मुंह की रस भैया के लंड पे थूक थी ऐसे करने से भैया का लंड धीरे धीरे खड़ा होने लगा और लास्ट में एक बार फिर खुशी भाभी ने लंड को मुंह मे ले ली और फिर सारा माल लंड पे थूक दी और बाद में पास में रखी पेंटी से माल पोछ दी। उधर भैया भी अपनी मुंह मे भाभी की बुर रस जमा किये हुए थे जो भाभी को पता नही थी फिर भैया ने वैसे हिं नीचे भाभी को लिटा दिए और बुर के पास अपना मुंह थोड़ी उचाई पे रख के भाभी की और देखते हुए अपनी मुंह से बुर रस जो कि कम हिं थी लेकिन भैया की थूक मिल जाने से ज्यादा हो गयी और धीरे धीरे रस भाभी की बुर पे गिराने लगे कभी बुर के होठों पे रस गिरता तो कभी झांटो के बीच मे भाभी बिल्कुल सरप्राइज थी कि उसकी बुर रस भैया अपने मुंह मे रखे थे फिर भैया ने वही पेंटी से बुर पे लगे रस को साफ किये और दोनों एक दूसरे के बांहो में आ गए और किस शुरू हो गयी...
Are urr ye to har ek update m kuch na kuch Aisa masala hota h ki kund diye bina manta hi nhi....
Ekdam majedar update padhane wale ka pura tamtama jaye
 

Castle2126

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Update 7


किस के साथ साथ बूब्स भी दबा रहे थे ऐसा करने से दोनों बहुत जल्द गर्म हो गए और भैया का लौड़ा बिल्कुल तनतना गया था उधर भाभी की बुर भी लंड लेने के लिए मचल रही थी।

खिड़की के पास मेरा हाल बुरा था मैं तो सपने में भी नही सोचा था कि भैया भाभी इतनी जबरदस्त चुदाई का मज़्ज़ा लेते हैं।

अब दोनों चुदाई के लिए तरप रहे थे।
खुशी भाभी- जानू अब बर्दास्त नहीं हो रहा है डाल दो न अपना लौड़ा अपनी डार्लिंग की बुर में आआआह अब मत तड़पाओ डार्लिंग डाल भी दो न......
भैया उधर भाभी की दोनों पैर को अपने कंधे के ऊपर लेकर भाभी की बुर पे अपना लंड की टोपा को सेट किये हुए भाभी की आंखों में देखते हुए ये लो डार्लिंग और एक तेज का ध्क्का मारा बुर तो पहले से गीली थी हिं लौड़ा सट सटा के बुर की जड़ तक चला गया।
भाभी- चिहुँक गयी आहअहहहहहह मार डाले जी
फिर भैया धीरे धीरे लौड़ा आगे पीछे करने लगे 1- 2 मिनट ऐसे हिं चोद रहे ते और फिर अचानक भैया लौड़ा बिल्कुल बुर की मुंह के पास लाकर एक जोर का शार्ट मार भाभी की मुंह खुल गयी फिर लंड पीछे कर के फिर जोर से ऐसे हिं दोनों की चुदाई चलने लगी 2 मिनट ऐसे हिं चलने के बाद भाभी कुछ ज्यादा हिं गरमा गई और बोलने लगी आआआह और जोर से चोदो जानू भैया भी दनादन चोद रहे थे....

भाभी- आआआह आआआह बहुत अच्छा लग रहा है डार्लिंग अभी अभी लौड़ा का पानी अपनी मुंह में ली हुन और फिर से ऐसे चोद रहे हो जानू आआआह पहले तो ऐसा नही चोदते थे।
भैया - हाँ जु......ली ( गलती से ऐसा निकल गया) आआआह बहुत मज़्ज़ा आ रहा है
मेरा बुरा हाल था ये सोच के की भैया भाभी को चोद रहे हैं तो दीदी के नाम क्यों लिए


भाभी- खुशी भाभी भी जुली दी की नाम क्लियर तो नही लेकिन समझ गयी थी और वो ध्यान उधर नही दी चुदाई की मज़्ज़ा लेने में थी और ज्यादा देर रुक न सकी बुर रस छोड़ने लगी थी भाभी की आंख बंद होने लगी और इतनी जोश में आ गयी भाभी की नीचे से हिं धक्का लगाने लगी और ऊपर से भैया दनादन पेल हिं रहे थे और खुशी भाभी रोक नही सकी और रस छोड़ने लगी और भैया अपना चुदाई जारी रखे हुए थे भैया समझ गए थे कि खुशी एक बार झर गयी है और भैया अपना स्पीड कम किये भैया और टाइम तक चोदना चाहते थे इसलिए भैया भाभी की बुर से ले लौड़ा निकल कर भाभी की बुर चूसने लगे और खुशी भाभी को अपनी बुर पे जीव का अहसाह परते हिं बुर की फांके आपस मे कभी खुलती तो कभी बंद होती


ऐसी चुदाई देख कर बुरा हाल था अपनी मैं अपनी भाभी की बुर की फांके की थिरकन को देख के वो रोक नही सका और लौड़ा एक बार फिर से पानी छोड़ दिया ये पहली बार मेरे साथ हो रहा था कि बिना हाथ लगाए लौड़ा से माल निकल रहा था।


उधर भैया भाभी की बुर चाट के एक बार फिर से गर्म कर दिए और भैया का लौड़ा को भाभी अपनी मुंह मे लेकर अपनी थूक से गीली कर दिए और इस बार भैया नीचे पीठ के बल लेट गए पैर फैला के लौड़ा बिल्कुल आसमान की और खड़ा फिर भाभी उसके ऊपर बैठ के एक हाथ से लौड़ा को अपनी बुर में सेट करती थी और ऊपर नीचे होने लगती है पहले धीरे धीरे फिर जोर जोर से पूरा रूम गूंज रहा था...

जब भाभी की केले के खंभे की तरह जांघ भैया के जांघ से टकराती थी तो एक थप थप की साउंड से एक अलग हिं रोमांच पैदा कर रहा था।

खिड़की से देखते हुए मुझे यकीन नही हो रहा था जो देख रहा हूँ सामने बुर में लौड़ा ऊपर नीचे हो रहा था आआआह .....
दोनों की चुदाई चरम पे पहुंच गई थी भैया को ऐसा लग रहा था कि उसका लौड़ा से कभी भी माल निकल सकता है और भाभी लगातार पूरी ताकत के साथ ऊपर नीचे हो रही थी भाभी भी अंतिम दौर में चल रही थी कि भैया का लौड़ा रस उगलना शुरू कर दिया खुशी भाभी को समझते देर नही लगी कि उसकी बुर में गर्म लावा का अहसाह ... और भाभी भी खुद को रोक नही पाई और झरने लगी लौड़ा अपना सारा माल भाभी की बुर में भैया का पानी निकाल दिए कुछ देर बाद भैया का लौड़ा छोटा होक भाभी की चूत से निकल गया

और साथ हिं भाभी के चूत में भारी रास भैया के लौड़ा पे टपकने लगा भैया के लौड़ा को बुर और लंड रस से नाहा रहा था
फिर भाभी अपनी गांड पीछे करते हुए अपनी बुर में बची रस को भैया के लौड़ा पे टप टप गिरा रही थी कुछ देर बाद बुर से माल गिरना बंद हो गया फिर भाभी पास में रखी पेंटी से अपनी बुर के अंदर तक साफ करती है और फिर भैया के लौड़ा पे लगे रस को उसी पेंटी से साफ करती है...

मैं - आआआह ऐसा पल सब दिन देखने को मिले अपने लौड़ा को सहलाते हुए सोच रहा था।....
Har ek kadi m nayi nayi chijo ka ehsas karna....
Kya ji mast chudai huyi bhaiya bhabhi ki... Aur 69 position ek alag andaz m padhkar nasha sa chha gya😍
 

Castle2126

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Update 8

जैसे हिं भाभी बाथरूम गयी मैं गेट से कान लगा दिया रात का समय था तो पूरा शांत था कुछ हिं देर में मेरी कान में..... सरसर...सरसरसरसरसर सर्रर्रर सर्रर्रर सर्रर्रर सर्रर्रर सर्रर्रर सर्रर्रर सर्रर्रर की एक जोरदार साउंड सुनाई दे रहा था । मैं यही सोच रहा था काश मैं भाभी की बुर से पेशाब की तेज धार निकलता देख पाता ...तेज साउंड सुन के रोमांचित हो गया और ये सोचने लगा कैसे खुशी भाभी भैया के लौड़ा पे प्रेशर के साथ पेसाब की होगी आआआह काश मेरे लौड़ा पे भाभी अपनी पेसाब की धार छोड़ती आह मैं तो अपना मुंह सटा देता और भाभी सर कहता आह खुशी भाभी मेरी मुंह मे अपनी प्रेशर से पेसाब कीजिये ...सोच हिं रहा था कि मुझे बाथरूम से साउंड आना बंद हो गया ।

मैं वहाँ से हट गया क्योंकि भाभी कभी भी बाहर निकल सकती थी । मैं अपने गेट से सट के खड़ा हो गया ताकि भाभी मुझे नही देखे उसके कुछ देर बाद गेट खुलने की आवाज सुनाई पड़ा और भाभी जा रही थी। मैंदेखता हूँ कि भाभी के दोनों हाथ मे कुछ नही है और सोचने लगा गंदी पेंटी तो भाभी पहनी नही होगी । हे भगवान काश उसे भाभी नहीं धोया हो । जैसे हिं भाभी गेट बंद की मैं भागता हुआ बाथरूम गया और पेंटी ढूंढने लगा कोने में 2 पेंटी थी लेकिन वो ब्लू कलर और ग्रे कलर की थी दोनों सुखी पेंटी थी। मैं सोचने लगा भाभी तो अभी मरून कलर की पहनी थी मैं कपड़ा को हटा के देखता हूँ तो उस कपड़े के अंदर वो भाभी की अभी वाली पेंटी दिखाई दिया उसे जल्दी मैं लिया जैसे हिं लिया ये तो पता चल गया कि बहुत गीली है मैं अपने जेब मे रख लिया और बाहर निकलने वाला हिं था कि फिर पता नही क्या होता है मैं पीछे घूम के में वो ब्लू पेंटी और ग्रे पेंटी को भी ले लिया और अपने कमरे में आ गया।

मैं अपने कमरे में आते ही गेट लॉक किया और अपने दोनों जेब मे से तीनों पेंटी को निकल लिया और बेड पे चढ़ गया भाभी वाली पेंटी बिल्कुल गीली थी बुर और लंड के रस से और बहुत सारी केक भी लगी हुई थी बुर के सामने वाली जगह पे बहुत केक था । फिर मेरा ध्यान इलास्टिक पे गया जहां साइज L लिखा हुआ था।


मेरे से बर्दास्त नही हुआ मैं पहले अपने नाक के पास ले गया और सूंघा मुझे बहुत मज़्ज़ा आया , फिर मैं पेंटी को जहां बुर के पास केक लगा था उसे चाटने लगा मीठा लग रहा था और कुछ खटमिठा भी भैया और भाभी की लंड और बुर रस से भरी थी पेंटी । जिसे मैं पुरी सिद्दत के साथ चाट रहा था । ऐसा फील हो रहा था कि मैं भाभी की बुर चाट रहा हूँ अभी ताज़ा तरीन भाभी की बुर मेरे आंखों के सामने आ रही थी बहुत मज़्ज़ा आ रहा था खाश कर अपनी खुशी भाभी की मस्त पेंटी उसपे अभी अभी लगी हुई ताज़ा बुर रस आआआह पागल सा हो गया मैं अच्छे से चाट लेने के बाद

मैं पेंटी को अपने लंड पे लपेट के आगे पीछे करने लगा बहुत मज़्ज़ा आ रहा था लौड़ा फुल टाइट हो गया था । अब पेंटी को पलटा के जो बुर के चिपकी हुई रहती है उस तरफ़ कर के बेड बे पेंटी को फैला दिया और पूरा नंगा हो के अपना लौड़ा को पेंटी के ऊपर जहां ठीक बुर होता है उसके ऊपर आगे पीछे करने लगा । मैं अपनी आंख बंद कर खुशी भाभी की थोड़ी देर पहले जो बुर देखा था वो मानो मेरे आंखों के सामने आ गया था अपनी भाभी की बुर में अपना लौड़ा पेल रहा हूँ यही सोच के आगे पीछे करने लगा फिर मुझे याद आया की दो और पेंटी थी ग्रे कलर की जो पेंटी थी उसे लेता हूँ और पलटा के बुर वाली जगह पे दाग लगी हुई थी फिर पलटा के इलास्टिक में साइज देखा तो उसमें M लिखा हुआ था आआआह ये तो मेरी छोटकी की पेंटी है आआआह बबली मैं पेंटी को नाक के पास लेके सूंघने लगा और मन हिं मन सोचने लगा एक बबली हिं थोड़ी पतली है आह उसको उसका भाई राहुल चोद के बिल्कुल मा ,भाभी और दीदी की तरह बना दूंगा साथ हिं भाभी के पेंटी पे लंड घिस रहा था.... बबली की पेंटी को रख के दूसरी पेंटी जो थी ब्लू कलर की उसको लिया देखने से हिं लग रहा था बड़ी है पेंटी को पलटा दिया और बुर वाली जगह देखने लगा आआआह इस पेंटी में बहुत ज्यादा वाइट वाइट दाग था ब्लू पेंटी पे दाग चमक रहा था फिर में इलास्टिक में देखा तो साइज XL था ...आआआह भाभी तो L पहनती है छोटकी M ये मम्मी या जुली दीदी में से किसी एक कि है, लेकिन जुली दीदी तो दोपहर के बाद आई वो तो नहाई नही है
आआआह ये मम्मी की हिं पेंटी है आआआह और मैं बुर वाली जगह को चाटने लगा पता नही क्या हो गया मम्मी की पेंटी को जीव से जैसे हिं चाटने लगा एक अलग हिं मज़्ज़ा आ रहा था फिर मैं ठीक वैसी हिं जैसे भाभी की पेंटी को बेड पे रख के बुर वाली जगह पे अपना लंड घिसने लगा कुछ ज्यादा हिं मज़्ज़ा आ रहा था फिर मुझे भाभी की रूम जाते टाइम पापा मम्मी की बात याद आ गयी कैसे दोनों जुली दीदी के बारे में बात कर रहे थे इधर मेरा लौड़ा मम्मी की पेंटी पे ठीक बुर वाली जगह पे आगे पीछे हो रहा था.....

मेरे मन मे ये बात आते हिं की मम्मी जब बोली थी " बेटे के सालगिरह पे मम्मी की गाँड़ में पापा का लंड"


मैं तुरंत उठ के पेंटी को पलटा दिया और गाँड़ वाली जगह पे लंड घिसने लगा आआआह आआआह मम्मी तो आज गाड़ मरवाई होगी पापा से आआआह आआआह .....

मुझे ऐसा लग रहा था मेरा लौड़ा कभी भी पानी छोड़ देगा इसलिए मैं मम्मी की पेंटी को हटा के भाभी की हिं पेंटी को रख के उसपे लंड घिसने लगा उसमे पानी गिर जाता तो कोई दिक्कत नही थी क्यों वो तो पहले से हिं लंड बुर रस से गीली थी....


बंद कमरे में घर की गाँड़ और बुर को सोच के मुठ मारने वाला मैं आज थोड़ा प्लान किया कि घर की इतनी बात पता चल गई आआआह

वो सारी एक्सट्रीम बात आआआह

कैसे भैया बुर चाट रहे थे बुर पे लगी केक खा रहे थे आआआह

कैसे भाभी भैया के लंड के पानी को मुंह पे रख के बाद में भैया के लौड़ा को हिं नहला रही थी आआआह....

जुली दीदी भाभी की बुर पे केक लगाई और ऐसी बात की जो भाभी भैया को बता रहे थे आआआह दोनों की बीच कितनी अच्छी बात होती होगी आआआह

आआआह तभी भैया को जो पूछे थे भाभी आआआह जानू कैसा लग रहा है और भैया के मुंह से आआआह जु....ली निकल गया था मतलब भैया भाभी को जुली दीदी समझ कर चोद रहे थे आआआह आआआह आआआह ये सोचते हैं मेरे लौड़ा से पानी निकलने लगा आआआह मेरा तो आंख के आगे अंधेरा छाने लगा पिछले 1-2 घंटे में तीन बार मुठ निकल चुका था

कुछ देर ऐसे हिं लेटा रहा मैं फिर उठ के भाभी की पेंटी पे ढेर सारा माल गिरा था पता नही आज क्या हो गया था मुझे फिर लंड को भाभी की पेंटी से हिं पोछा....

मा और बबली की पेंटी को भी एक बार हाथ मे लेके

मा की पेंटी को हाथ मे लेकर ठीक बुर वाली जगह देखते हुए मेरे मुंह से इतना निकला आआआह पापा आप बहुत लकी हो जो इतना गदराई हुई माल को रोज चोदने को मिलता है आपको


ठीक उसी तरह मैं बबली की पेंटी को ठीक बुर वाली जगह देखते हुए बोला आआआह नॉटी बहन मेरी तरह हिं तुम्हारी भी हाल है मैं हाथ से हिलाता हूं और तुम फिंगर डालती हो ...

ये तो पक्का है तुम फिंगर डालती हो क्यों कि मैं वो दिन नही भूल सकता उस दिन घर मे बस तुम थी और मैं बाहर से आया था और जब बतरूम जाने के लिए गेट के पास पहुंचा तो अंदर से आआआह आआआह की साउंड आई मतलब खुद से कोई और तो था नही

आआआह बहन वादा करता हूं तुम्हारी खयाल मैं रखूंगा और चोद चोद के दीदी और भभी के तरह बना दूंगा ....और बुर वाली जगह चुम लिया...

मैं तीनो पेंटी को पॉकेट में लिए बाथरूम में पहले पेसाब किया और बस आज की हिं बात याद आ रहा था मेरा दिमाग काम कर हिं नही रह था पेसाब कर लिया और ऐसे हिं खडा था फिर अपने पॉकेट से पेंटी निकाला और उसे निकाल कर देखने लगा


आआआह घर की बुर ढकने वाली कपड़ा में इतना मज़्ज़ा आया आआआह और जब उसे चोदा जाय तो कितना मज़्ज़ा आएगा आआआह ये सोचते हिं एक बार फिर मेरा लौड़ा टाइट होने लगा मैं हैरत में पड़ गया कि पहले तो ऐसा नही होता था सच मे घर की बुर और गाँड़ में एक अलग हिं मज़्ज़ा है

बस सोचने से हिं लौड़ा टाइट हो जाता है भाभी की पेंटी गीली थी उसे दूसरी हाथ में रेखा माँ और बबली की पेंटी को एक हाथ मे लेके लौड़ा पे लपेट के हिलाने लगा दोनों पेंटी लौड़ा पे जैसे हिं गया मेरे दिमाग मे बस ये बात आई आआआह जब मा और बहन को एक साथ चोदा जाय तो कितना मज़्ज़ा आएगा आआआह

तब ना पापा जिस लौड़ा से चोद के बेटी पैदा किये वही लौड़ा बेटी की बुर और गाँड़ में जाने के लिए तड़पता है तब न पापा जुली दीदी की गाँड़ को देख रहे थे आआआह कितना अच्छा रखता एक फैमिली में सब एक दूसरे को चोदने की आज़ादी रहती आआआह लगता है फिर माल गिर जाएगा आआआह आआआह आआआह बहन आआआह .....

मेरी होश आई और अचानक ही जल्दी से पेंटी को लंड से हटाया और दूसरी हाथ मे जो पेंटी थी वो लंड पे रख दिया लौड़ा से माल निकल रहा था पेंटी पे और मेरी आँख बंद थी ऐसा लग रहा था कि खड़े खड़े गिर जाऊंगा मैं एक हाथ से दीवाल पकड़ के खड़ा था....कुछ देर बाद मेरी आँख खुली कमजोरी तो बहुत लग रही थी....किसी तरह भाभी की पेंटी से लंड को पोछा भाभी की पेंटी भी बहुत गीली हो गयी थी एक तो पहले से गीली थी ऊपर से 2 बार मेरी मुठ से गिला हो गया...फिर मैं मा और बहन की पेंटी को अल्टा पलटा के देखा उसपे माल नही गिरा था जो पेंटी जहां था वही रख के बाहर निकलने लगा....

जैसे हिं गेट खोल के बाहर निकला कि गेट से कुछ हिं दूर पे बबली खड़ी है....
Pehli kadi ka sampurn sarth ek hi update m kaise piroya jata h koi tumse sikhe😍 ab dekhna hai ki babli ke sath kya hita h😜😜
 

Castle2126

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Update 9

बबली शायद बाथरूम के लिए जा रही थी मैं अपने रूम के तरफ जाने लगा और सोचने लगा और डर से सकपका गया कहीं वह गेट के पास खड़ी तो नही थी क्यों कि मुझे इस बात का डर था कि मेरे मुंह से आआआह आआआह बहन जो निकल गया था तभी । मैं अपने आप को समझाने लगा नहीं बबली अभी आ ही रही थी तो कैसे सुन लेगी

तब तक मुझे बाथरूम की गेट लगने की आवाज़ आती है और मेरा ध्यान उधर गया और सोचने लगा आआआह बबली भी मूतने गयी है गेट के पास जा के उसके बुर से पेशाब का साउंड सुनने को मिलेगा भाभी की बुर से निकलती हुई पेसाब की साउंड तो आज सुन हिं लिया हुन और अभी बबली की पेसाब की धार सुन के कॉमपेयर करूंगा किसकी मस्त थी

ऐसा सोचते हैं पता नही मुझे कहाँ से एनर्जी मिल गयी तुरंत दबे पाँव गेट के पास पहुंच गया और अपना कान लगा दिया कुछ देर तक ऐसे हिं लगाया रहा लेकिन मुझे कुछ सुनाई नही दिया और डर भी लग रहा था थकान तो बहुत थी तो मैं अपने कमरे में सोने चला गया आज की बात सोचते सोचते कब सो गया पता नहीं।

बाथरूम के अंदर बबली ....

बबली अंदर जाते हुए सोचने लगी है ये राहुल भाई क्या कर रहा था अंदर उसकी मुंह से आआआह आआआह बहन क्यों बोल रहा था उसकी नज़र पेंटी पे जाती है देखती है वहां रखी हुई पेंटी निचोरी हुई मतलब ढेर सारा लाइन जैसे कोई अपनी मुठी में लेकर दबाया हो बबली को सक होने लगा कहीं राहुल तो नही उसी वक्त उसकी नज़र दीवाल पे जाती है और देखती है एक धार वाइट वाइट क्रीम की वो पास जा के देखती है कि उसे समझते देर नही लगती की ये लौड़ा से निकली हुई माल है आआआह मैं भी फिंगेरिंग करती हूं तो ऐसी हि क्रीम निकलती है और इतना सारा वीडियो में तो देखी हिं हुन लड़की को लड़का के लंड का रस को पीते हुए .... ऐसा सोचते हि बबली मदहोश होने लगी
और सोचने लगी भाई बहन को सोच के हिला रहे थे मतलब की राहुल भाई मुझे या जुली दीदी को सोच के ये माल निकाले है आआआह भाई अपनी बहन को चोदना चोदना चाहते हैं आआआह

बबली की अंतरआत्मा - ये मैं क्या सोच रही हूँ वो मेरा भाई है...

ठीक दूसरे पल उसे वो वीडियो और कहानी सब याद आ जाती है कैसे स्टोरी में अपने घर के लोग को हिं चोदने की स्टोरी लिखते हैं क्या सच मे ऐसा होता है आआआह आआआह और ललचाई निगाह से दीवाल पे पड़ी राहुल के लंड की माल को देख रही थी और अपनी जीव को अपने मुंह से बाहर निकाल रही थी

बबली एक बार फिर सोचती है - आह लेकिन ये गलत है अपने परिवार में ऐसे थोड़ी करते होंगे कोई...

दूसरी तरफ - इंटरनेट पे पढ़ी स्टोरी याद आ जाती खुद को रोक नही पाई बबली और खुद बडबडाते हुए कोई गैर का थोड़ी है अपना भाई का है और अपनी जीव दीवाल पे लगी राहुल के लौड़ा रस को चाटने लगती है जैसे हिं पहली बार जीव दे लौड़ा का रस टच हुआ बबली की बुर में हलचल होने लगी ये पहली दफा था कि ऐसा हो रहा था नही तो बबली आज तक रियल में लंड कैसा होता है किसी की भी नही देखी थी ये सब सोचते हुए सारा रस चाट के मुंह मे जमा कर ली और सोचने लगी पी जाऊ या बाहर फेंक दूँ


आआआह भाई की अमृत है ये फेकूँगी क्यों और पी गयी आआआह मस्त गजब का स्वाद है

और हाथ मे पेंटी को देखते हुए क्या अपने लंड पे रख के हिला रहा था क्या राहुल और वो पेंटी को वही रखने लगी की उसकी नज़र कपड़े के अंदर पेंटी पे नज़र गयी उस पेंटी को जैसे हिं हाथ मे ली पूरी गीली थी....

पेंटी को पलटा के देखी नंबर देख के समझ गयी ये भाभी की पेंटी है और जैसे कि पेंटी को पलटाई बबली देखती है पूरी पेंटी पे वाइट वाइट क्रीम है और सोचने लगी क्या अभी राहुल हिं इसपे अपना पानी छोड़ा है

हां वही होगा क्यों कि ये तो बिल्कुल गर्म है आआआह आआआह अपनी एक हाथ पेंटी में ले के बुर सहलाने लगी आआआह

सोचने लगी इतना रस एक बार मे निकलता है आआआह फिर लंड कितना बड़ा होगा आआआह सच मे बहुत बड़ा होगा घर मे मुझे छोड़ के सब तो हट्टे कट्टे हैं

एक दीदी पतली दी पता नहीं जीजू किस तरह प्यार करते हैं जो दीदी को फुला दिए आआआह आआआह मुझे कौन फुलायेगा आआआह और पेंटी खोल के नीचे फर्श वे बैठ के अपनी बुर देखने लगी बुर पे झांट से भरी थी और अपनी हाथ से झांट को हटाते हुए अपनी बुर के होंठ को हटाते हुए अपनी छेद देखने लगी और सोचने लगी आआआह जब राहुल का लौड़ा से इतना पानी निकाला तो लौड़ा कितना मस्त होगा सारा पानी मेरी बुर में छोड़ता तो मेरी बुर तो ओवर फ़्लो हो जाती आआआह आआआह अपनी एक फिंगर बुर में घुसाते हुए आगे पीछे करने लगी और सोचने लगी आआआह मैं जो ये सोच रही हूं अपनी बुर में इतनी रस लेने की सबसे पहले तो इतनी छोटी छेद में वो मोटा लौड़ा कैसे लुंगी आआआह और वो भाभी की पेंटी पे लगा लंड रस को जीव से चाटने लगी आआआह भाई कितना मस्त टेस्ट है आआआह....आआआह आआआह (बबली को क्या पता कि जो पेंटी पे लगी रस चाट रही है वो बस राहुल का हिं नही बल्कि उसके बड़े भैया बिमलेश और खुशी भाभी की भी रस है) और अपनी उंगली अंदर बाहर तेजी से करने लगी और रोक नही पाई बबली ..और बुर से एक तेज फुहार की तरह बुर रस निकल गयी कुछ देर तक ऐसी हिं बैठी रही और फिर उसी पेंटी से बुर पोछ के पेंटी जहां थी वही रख के पेसाब कर के अपने रूम में सो गई....
Wahh lagta h Ghar k sab sadasyo ke gene h kamukta😜 ab lagta h babli aur rahul ko bhi ek dusre ke sath thukai ka mauka Milne wala h😜
 

Castle2126

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Update 10

मेरी आँख खुली तो टाइम देखा सुबह के 8 बज रहे थे...आंख खुलते हिं वही ...रात की इतनी खतरनाक रासलीला देख के जो मैं 4 बार पानी निकाला वो सोच के खुद हिं मुस्करा रहा था। पेसाब बहुत जोर से लगी थी मैं अपने रूम से निकला तो देखा मम्मी , भैया और बबली तीनो की रूम लगी हुई है फिर टॉयलेट कर के बाहर निकला...सबके गेट को पुश कर के देखा सब अंदर से लॉक हिं था फिर मैं अपने रूम का गेट लॉक करके ...

बेड पे लेट गया और सोचने लगा लगता है सब मॉर्निंग शिफ्ट मार के नींद की आगोश में है ।

बिमलेश भैया , राकेश जीजू और पापा तीनो के पास तो गदराई माल है ... जब मन तब चढ़ जाते होंगे गोड़ी पे....खुशी भाभी को नंगी जब से देखा बस वही आंखों के सामने नज़र आती और फिर सोचने लगा भैया सोने से पहले भाभी को ये बोल के सोए थे कि मॉर्निंग में भाभी की गाँड़ मारेंगे ....
आआआह जब बिमलेश भैया का लौड़ा भाभी की गाँड़ में आगे पीछे होता होगा तो भाभी के मुंह से कितनी मस्त का मोनिंग निकलती होगी.. ये सब सोचते हीं मेरा लौड़ा पूरा टाइट एक बार फिर से हो गया..लोअर से निकाल के हाथ से सहलाते हुए सोचने लगा जब भैया का लौड़ा इतना मज़्ज़ा के साथ लेती है खुशी भाभी आआआह मेरा तो भैया से 3" ज्यादा लंबा और 1" ज्यादा मोटा है मैं अपना लौड़ा भाभी की बुर और गाँड़ में डाल दूंगा तो भाभी की चीखें निकाल दूंगा ...यही सब सोच के अपना लौड़ा से खेल रहा था।


उधर...

सुबह के 9 बज रहे थे ....

राकेश जीजू- ओह...जानू कितनी अच्छी मेरे से चिपकी हुई हो...

जुली दीदी- अच्छा ऐसे बोल रहे हो जैसे आज पहली बार चिपकी हूँ...कोई ऐसी रात है जब मैं आपसे चिपकी नही रहती हूं वो भी ठंड का मौसम है गर्मी में थोड़ा ...हो भी जाता है लेकिन ठंड में कोई कंपरमाइज नहीं ।

राकेश जीजू- हां डार्लिंग । बांहों में टाइट से दबाते हुए , कुछ देर और रहो न

जुली दीदी- अपनी मोबाइल की स्क्रीन दिखाते हुए देखिये 9 बज गया..

मम्मी और भाभी लोग क्या सोचेगी अभी तक नही जगी है...

राकेश जीजू- दीदी की एक बूब्स दबाते हुए और अपना कमर दीदी की कमर में हल्का धक्का देते हुए...
मेरी सासु मा तो यही सोच रही होगी मेरी बेटी को मेरे जमाई सेवा दे रहा होगा...
और भाभी क्या वो तो मुझे लगता है जगी भी नही होगी और आज संडे है और ऊपर से तुम जिस तरह से खुशी की बुर पे केक लगाई वो छोड़ दिया होगा क्या आसानी से ...उसे तो मैं जानता हूँ..कितना बड़ा.....

जुली दीदी- हंसती हुई चल झूठे आपसे कम हिं....

राकेश जीजू- आआआह एक फ़ास्ट राउंड हो जाय... आज अपनी जान को ओवरडोज खुराक भी नही लगाया रात में...

जुली दीदी- अभी तो बिल्कुल नही सब समझती हूं आपकी फ़ास्ट राउंड कितनी देर की होती है...कोई ऊपर भी आ सकते हैं. ...दीदी अपनी एक हाथ जीजू के गर्दन के नीचे से और एक ऊपर से पकड़ती है और जीजू के ऊपर आ जाती है बिल्कुल जीजू के आंखों में देखती हुई बोलती है...

मॉर्निंग शिफ्ट इसलिए नही हुई क्यों कि मेरे सोना का पेट मे दर्द जो था , पहले शरीर की रक्षा, फिर बीबी की रक्षा( सेवा) और दीदी जीजू के फोरहैड पे किश कर लेती है
फिर जीजू भी दीदी के फोरहैड पे किस करते हैं।

जुली दीदी- अपनी शरीर पर से चादर हटाती हुई अपनी हाथ के सहारे जीजू के बॉडी पे अपनी बॉडी रगड़ती हुई बिल्कुल जीजू के जांघ पे बैठ जाती है ....
कुछ सेकंड तक सरसरी निगाह से जीजू के लौड़ा को देखती है और बोलती है....नाराज हो सोना फिर जीजू के लंड के टोपा को एक किस करती है ...

फिर लंड को देखती हुई बोलती क्या अब भी नाराज है मेरा बाबू...

राकेश जीजू- सरारती अंदाज में हल्का सा लंड को हिला देता है बिना टच किये ....देखने से ऐसे लग रहा था मानो लंड "हाँ" का इशारा दिया हो कि मैं नाराज़ हूँ....

जुली दीदी- जीजू की लंड की हरकत देखते हुए अपनी कोमल हाथ से पकड़ती हुई बोलती है- अले मेला सोना बाबु मेले से नाराज है( बिल्कुल बच्ची जैसी तोतली आवाज़ में पुचकारते हुए बोलती है) और पूरा लौड़ा को 2-3 सेकंड के लिए पूरा मुंह मे ले लेती है।

और फिर लंड को देखते हुए पूछती है अब भी नाराज है मेरा बाबू...
" जुली दीदी अपनी दोनों पैर दोनों तरफ कर देती है और अपनी बुर थोड़ा ऊपर उठाड़ती हुई ठीक लंड के सामने रखती हुई अपनी एक हाथ अपनी बुर पर दो तीन बार चपत लगती हुई बोलती है बेटू( बुर) जागो देखो सामने तुम्हारा बाबू( लंड ) नाराज है उसे सॉरी बोलो ...और अपनी बुर जीजू के लंड से सटा देती है और अपनी एक आंख मरती हुई जीजू से बोलती देखिये दोनों दोस्त कैसा बात कर रहा है और कुछ देर ऐसे हिं अपनी बुर लंड पे सटाती हुई कुछ देर तक रहती है ...बीच मे जीजू बोल परते हैं

जीजू- क्या बात कर रहा है बाबू और बेटू...

जुली दीदी- बात नही प्लानिंग कर रहा है देखो न कैसे चोंच में चोंच सटा के बात कर रहा है.. (जुली दीदी बिल्कुल अपनी बुर की होंठ जीजू के लंड के टोपा में सटाये हुए)

जीजू- मैं बोलू क्या प्लानिंग कर रहा है..

जुली दीदी- हां बोलिये क्या प्लान कर रहा है...

जीजू- दोनों रात में होने वाले मैच के बारे में बात कर रहा है दोनों आपस मे शर्त लगा रहा है बाबू बोल रहा है मैं जीतूंगा बेटू बोल रही है मैं जीतूंगी....

जुली दीदी- अच्छा ऐसा क्या फिर तो मैच बहुत रोमांचक होगी...और दीदी, जीजू के मुंह पे अपनी बुर रगड़ दी ....

और नीचे बेड से नीचे उतर गई अपने हाथ मे ब्रा पेंटी लिए हुए खड़ी थी...

जीजू- अपनी मोबाइल उठा के फोटो क्लिक कर लिए ...

जुली दीदी- अपनी चूची पे ब्रा की हुक लगा रही थी.... और पेंटी पहनने वाली थी..

जीजू- जुली नीचे देखो न झांट बड़ी हो गयी है चाटने में बहुत दिक्कत होती है...

जुली दीदी- आप न बहुत खडूस हो न मुझे खुद बनाने देते हो और न आपको बनाने का फुर्सत रहता है मैं उसी दिन ट्रीमिंग करने जा रही थी न आप मना कर दिए मैं अच्छे से बना दूंगा और 10 दिन हो गए अभी तक बना हिं रहे हैं...

जीजू- हां यहां से जाते हिं पक्का बना दूंगा...

जुली दीदी- कपड़ा पहन कर जीजू के कान में बोलती है -" अपने लौड़ा को तैयार रखियेगा आपकी लौड़ा की सारी रस निचोड़ लुंगी...

और नीचे की और आने लगती है सीढ़ी से...

उधर खुशी भाभी भी ठीक उसी वक्त अपने रूम से निकलती है....

राकेश जीजू को मजा आ रहा था जीजू फिर से वैसा हिं किये जैसे बोल रहा हो हां नाराज हूँ


जुली दीदी- जीजू की आंखों में देखते हुए बोलती है मुझे मेरी बाबू को मनाना आता है ...

फिर जुली दीदी बिल्कुल सरारती अन्दाज में...
" जुली दीदी अपनी दोनों पैर दोनों तरफ कर देती है और अपनी बुर थोड़ा ऊपर उठाड़ती हुई ठीक लंड के सामने रखती हुई अपनी एक हाथ अपनी बुर पर दो तीन बार चपत लगती हुई बोलती है बेटू( बुर) जागो देखो सामने तुम्हारा बाबू( लंड ) नाराज है उसे सॉरी बोलो ...और अपनी बुर जीजू के लंड से सटा देती है और अपनी एक आंख मरती हुई जीजू से बोलती देखिये दोनों दोस्त कैसा बात कर रहा है और कुछ देर ऐसे हिं अपनी बुर लंड पे सटाती हुई कुछ देर तक रहती है ...बीच मे जीजू बोल परते हैं

जीजू- क्या बात कर रहा है बाबू और बेटू...

जुली दीदी- बात नही प्लानिंग कर रहा है देखो न कैसे चोंच में चोंच सटा के बात कर रहा है.. (जुली दीदी बिल्कुल अपनी बुर की होंठ जीजू के लंड के टोपा में सटाये हुए)

जीजू- मैं बोलू क्या प्लानिंग कर रहा है..

जुली दीदी- हां बोलिये क्या प्लान कर रहा है...

जीजू- दोनों रात में होने वाले मैच के बारे में बात कर रहा है दोनों आपस मे शर्त लगा रहा है बाबू बोल रहा है मैं जीतूंगा बेटू बोल रही है मैं जीतूंगी....

जुली दीदी- अच्छा ऐसा क्या फिर तो मैच बहुत रोमांचक होगी...और दीदी, जीजू के मुंह पे अपनी बुर रगड़ दी ....

और नीचे बेड से नीचे उतर गई अपने हाथ मे ब्रा पेंटी लिए हुए खड़ी थी...

जीजू- अपनी मोबाइल उठा के फोटो क्लिक कर लिए ...

जुली दीदी- अपनी चूची पे ब्रा की हुक लगा रही थी.... और पेंटी पहनने वाली थी..

जीजू- जुली नीचे देखो न झांट बड़ी हो गयी है चाटने में बहुत दिक्कत होती है...

जुली दीदी- आप न बहुत खडूस हो न मुझे खुद बनाने देते हो और न आपको बनाने का फुर्सत रहता है मैं उसी दिन ट्रीमिंग करने जा रही थी न आप मना कर दिए मैं अच्छे से बना दूंगा और 10 दिन हो गए अभी तक बना हिं रहे हैं...

जीजू- हां यहां से जाते हिं पक्का बना दूंगा...

जुली दीदी- कपड़ा पहन कर जीजू के कान में बोलती है -" अपने लौड़ा को तैयार रखियेगा आपकी लौड़ा की सारी रस निचोड़ लुंगी...

और नीचे की और आने लगती है सीढ़ी से...

उधर खुशी भाभी भी ठीक उसी वक्त अपने रूम से निकलती है....

जुली दीदी- गुड मॉर्निंग भाभी...
मुसकराती हुई अभी जगी हो भाभी ...

खुशी भाभी- गुड मॉर्निंग..ननद रानी
मुस्कराते हुए हां ऐसे मेरी ननद रानी भी अभी हिं जगी है...

जुली दी- हाँ भाभी...


दोनों की आगे बढ़ती है...देखती ही माँ की गेट अभी लगी हुई हिं थी...

जुली कन्फर्म करने के लिए हाथ से हल्का धक्का देती है तो पता चल जाता है गेट अंदर से हिं लगी है...दोनों मुस्कराते हुए बाथरूम की और जाती है....

बाथरूम में ..

जुली दीदी- हँसते हुए.... भाभी सालगिरह की रात थी आपकी और गेट लगी है अभी तक मम्मी की....

खुशी भाभी- याद है ननद रानी रात में किचन में मम्मी बोल रही न पापा के बारे में ओवरटाइम वाली बात...कहीं कुछ ज्यादा ओवरटाइम हो गयी होगी...

टायलेट के साथ अटैच बाथरूम है एक गेट अंदर से हिं है....
जुली दीदी को जोर की पेसाब लगी थी और तेज सर्सरसर सरसर्रा सर्सरसर सरसर की आवाज़ आती है

इधर भाभी ब्रश कर रही थी ...दीदी अनादर से निकलती है

भाभी- ननद रानी कुछ जादें जोर से प्रेशर थी रात में पेसाब करने के लिए भी समय नही दिए क्या ननदोई जी...

जुली दीदी- हंसती हुई रात में बैकग्राउंड की सेवा हुई ..थोड़ी बहुत लगी थी रोक ली और ओवरटाइम ड्यूटी लगी नही थी इसलिए ....हाथ धो के जुली भाभी से सट के खड़ी थी अचानक कुछ याद आता है और बोलती है...

अपनी एक हाथ साड़ी के ऊपर ठीक बुर पे रखते हुए...भाभी के कान में बोलती है भाभी रात में केक जो लगाई थी कुछ दिक्कत तो नही हुआ न....

भाभी- अपनी मुंह से थूक फेक के जुली के कान के पास सरारती अन्दाज़ में वो तो आपके भैया चाट लिए सारे के सारे....

जुली दी- ऐसी बात सुन के साड़ी के ऊपर से हिं भाभी की बुर को निचोड़ दी...

दोनों बाथरूम से फ्रेश हो के निकल रहे थे कि दोनों की नज़र रेखा मम्मी पे पड़ी जो एक हाथ आंख मलते हुए और दूसरी हाथ पिछवाड़े खुजला रही थी और बाथरूम की तरफ हिं आ रही थी
दोनों मम्मी को गुड मॉर्निंग किये...

रेखा माँ- गुड मॉर्निंग कहते हुए जल्दी से अंदर घुस गए..

आपस मे धीरे दोनों एक दूसरे से-

खुशी भाभी- ऐसा लग रहा है मम्मी अभी जगी हिं है

जुली दी- देख नही रहे थे भाभी बैकग्राउंड हिं खुजलाते हुए आ रही थी लगता है मम्मी की सेवा पीछे से हिं हुई है और आगे की और बढ़ती है...

खुशी भाभी- मुंह पे उंगली डाल के चुप रहने का इशारा की और दोनों गेट के पास कान लगा दी

अंदर से तेज पेसाब की धार सरर सर्रर्रर सर्रर्रर सर्रर्रर सर्रर्रर.......
सर्रर्रर सर्रर्रर सर्रर्रर सर्रर्रर

फिर दोनों किचन की और आ जाती है

खुशी भाभी- ननद रानी मैं इसलिए रोक ली कि सुनना चाहती थी कि किसकी प्रेशर तेज है मेरी ननद जी की या सासु मा की...

जुली दी- तो किसी तेज थी....

खुशी भाभी- मम्मी की

.इसी तरह हसी माजक चला दोनों के नास्ता बनाने लगे...इधर सब कोई फ्रेश भी हो गया

11 Am नास्ता के टेबल पे....

Update 10

मेरी आँख खुली तो टाइम देखा सुबह के 8 बज रहे थे...आंख खुलते हिं वही ...रात की इतनी खतरनाक रासलीला देख के जो मैं 4 बार पानी निकाला वो सोच के खुद हिं मुस्करा रहा था। पेसाब बहुत जोर से लगी थी मैं अपने रूम से निकला तो देखा मम्मी , भैया और बबली तीनो की रूम लगी हुई है फिर टॉयलेट कर के बाहर निकला...सबके गेट को पुश कर के देखा सब अंदर से लॉक हिं था फिर मैं अपने रूम का गेट लॉक करके ...

बेड पे लेट गया और सोचने लगा लगता है सब मॉर्निंग शिफ्ट मार के नींद की आगोश में है ।

बिमलेश भैया , राकेश जीजू और पापा तीनो के पास तो गदराई माल है ... जब मन तब चढ़ जाते होंगे गोड़ी पे....खुशी भाभी को नंगी जब से देखा बस वही आंखों के सामने नज़र आती और फिर सोचने लगा भैया सोने से पहले भाभी को ये बोल के सोए थे कि मॉर्निंग में भाभी की गाँड़ मारेंगे ....
आआआह जब बिमलेश भैया का लौड़ा भाभी की गाँड़ में आगे पीछे होता होगा तो भाभी के मुंह से कितनी मस्त का मोनिंग निकलती होगी.. ये सब सोचते हीं मेरा लौड़ा पूरा टाइट एक बार फिर से हो गया..लोअर से निकाल के हाथ से सहलाते हुए सोचने लगा जब भैया का लौड़ा इतना मज़्ज़ा के साथ लेती है खुशी भाभी आआआह मेरा तो भैया से 3" ज्यादा लंबा और 1" ज्यादा मोटा है मैं अपना लौड़ा भाभी की बुर और गाँड़ में डाल दूंगा तो भाभी की चीखें निकाल दूंगा ...यही सब सोच के अपना लौड़ा से खेल रहा था।


उधर...

सुबह के 9 बज रहे थे ....

राकेश जीजू- ओह...जानू कितनी अच्छी मेरे से चिपकी हुई हो...

जुली दीदी- अच्छा ऐसे बोल रहे हो जैसे आज पहली बार चिपकी हूँ...कोई ऐसी रात है जब मैं आपसे चिपकी नही रहती हूं वो भी ठंड का मौसम है गर्मी में थोड़ा ...हो भी जाता है लेकिन ठंड में कोई कंपरमाइज नहीं ।

राकेश जीजू- हां डार्लिंग । बांहों में टाइट से दबाते हुए , कुछ देर और रहो न

जुली दीदी- अपनी मोबाइल की स्क्रीन दिखाते हुए देखिये 9 बज गया..

मम्मी और भाभी लोग क्या सोचेगी अभी तक नही जगी है...

राकेश जीजू- दीदी की एक बूब्स दबाते हुए और अपना कमर दीदी की कमर में हल्का धक्का देते हुए...
मेरी सासु मा तो यही सोच रही होगी मेरी बेटी को मेरे जमाई सेवा दे रहा होगा...
और भाभी क्या वो तो मुझे लगता है जगी भी नही होगी और आज संडे है और ऊपर से तुम जिस तरह से खुशी की बुर पे केक लगाई वो छोड़ दिया होगा क्या आसानी से ...उसे तो मैं जानता हूँ..कितना बड़ा.....

जुली दीदी- हंसती हुई चल झूठे आपसे कम हिं....

राकेश जीजू- आआआह एक फ़ास्ट राउंड हो जाय... आज अपनी जान को ओवरडोज खुराक भी नही लगाया रात में...

जुली दीदी- अभी तो बिल्कुल नही सब समझती हूं आपकी फ़ास्ट राउंड कितनी देर की होती है...कोई ऊपर भी आ सकते हैं. ...दीदी अपनी एक हाथ जीजू के गर्दन के नीचे से और एक ऊपर से पकड़ती है और जीजू के ऊपर आ जाती है बिल्कुल जीजू के आंखों में देखती हुई बोलती है...

मॉर्निंग शिफ्ट इसलिए नही हुई क्यों कि मेरे सोना का पेट मे दर्द जो था , पहले शरीर की रक्षा, फिर बीबी की रक्षा( सेवा) और दीदी जीजू के फोरहैड पे किश कर लेती है
फिर जीजू भी दीदी के फोरहैड पे किस करते हैं।

जुली दीदी- अपनी शरीर पर से चादर हटाती हुई अपनी हाथ के सहारे जीजू के बॉडी पे अपनी बॉडी रगड़ती हुई बिल्कुल जीजू के जांघ पे बैठ जाती है ....
कुछ सेकंड तक सरसरी निगाह से जीजू के लौड़ा को देखती है और बोलती है....नाराज हो सोना फिर जीजू के लंड के टोपा को एक किस करती है ...

फिर लंड को देखती हुई बोलती क्या अब भी नाराज है मेरा बाबू...

राकेश जीजू- सरारती अंदाज में हल्का सा लंड को हिला देता है बिना टच किये ....देखने से ऐसे लग रहा था मानो लंड "हाँ" का इशारा दिया हो कि मैं नाराज़ हूँ....

जुली दीदी- जीजू की लंड की हरकत देखते हुए अपनी कोमल हाथ से पकड़ती हुई बोलती है- अले मेला सोना बाबु मेले से नाराज है( बिल्कुल बच्ची जैसी तोतली आवाज़ में पुचकारते हुए बोलती है) और पूरा लौड़ा को 2-3 सेकंड के लिए पूरा मुंह मे ले लेती है।

और फिर लंड को देखते हुए पूछती है अब भी नाराज है मेरा बाबू...
" जुली दीदी अपनी दोनों पैर दोनों तरफ कर देती है और अपनी बुर थोड़ा ऊपर उठाड़ती हुई ठीक लंड के सामने रखती हुई अपनी एक हाथ अपनी बुर पर दो तीन बार चपत लगती हुई बोलती है बेटू( बुर) जागो देखो सामने तुम्हारा बाबू( लंड ) नाराज है उसे सॉरी बोलो ...और अपनी बुर जीजू के लंड से सटा देती है और अपनी एक आंख मरती हुई जीजू से बोलती देखिये दोनों दोस्त कैसा बात कर रहा है और कुछ देर ऐसे हिं अपनी बुर लंड पे सटाती हुई कुछ देर तक रहती है ...बीच मे जीजू बोल परते हैं

जीजू- क्या बात कर रहा है बाबू और बेटू...

जुली दीदी- बात नही प्लानिंग कर रहा है देखो न कैसे चोंच में चोंच सटा के बात कर रहा है.. (जुली दीदी बिल्कुल अपनी बुर की होंठ जीजू के लंड के टोपा में सटाये हुए)

जीजू- मैं बोलू क्या प्लानिंग कर रहा है..

जुली दीदी- हां बोलिये क्या प्लान कर रहा है...

जीजू- दोनों रात में होने वाले मैच के बारे में बात कर रहा है दोनों आपस मे शर्त लगा रहा है बाबू बोल रहा है मैं जीतूंगा बेटू बोल रही है मैं जीतूंगी....

जुली दीदी- अच्छा ऐसा क्या फिर तो मैच बहुत रोमांचक होगी...और दीदी, जीजू के मुंह पे अपनी बुर रगड़ दी ....

और नीचे बेड से नीचे उतर गई अपने हाथ मे ब्रा पेंटी लिए हुए खड़ी थी...

जीजू- अपनी मोबाइल उठा के फोटो क्लिक कर लिए ...

जुली दीदी- अपनी चूची पे ब्रा की हुक लगा रही थी.... और पेंटी पहनने वाली थी..

जीजू- जुली नीचे देखो न झांट बड़ी हो गयी है चाटने में बहुत दिक्कत होती है...

जुली दीदी- आप न बहुत खडूस हो न मुझे खुद बनाने देते हो और न आपको बनाने का फुर्सत रहता है मैं उसी दिन ट्रीमिंग करने जा रही थी न आप मना कर दिए मैं अच्छे से बना दूंगा और 10 दिन हो गए अभी तक बना हिं रहे हैं...

जीजू- हां यहां से जाते हिं पक्का बना दूंगा...

जुली दीदी- कपड़ा पहन कर जीजू के कान में बोलती है -" अपने लौड़ा को तैयार रखियेगा आपकी लौड़ा की सारी रस निचोड़ लुंगी...

और नीचे की और आने लगती है सीढ़ी से...

उधर खुशी भाभी भी ठीक उसी वक्त अपने रूम से निकलती है....

राकेश जीजू को मजा आ रहा था जीजू फिर से वैसा हिं किये जैसे बोल रहा हो हां नाराज हूँ


जुली दीदी- जीजू की आंखों में देखते हुए बोलती है मुझे मेरी बाबू को मनाना आता है ...

फिर जुली दीदी बिल्कुल सरारती अन्दाज में...
" जुली दीदी अपनी दोनों पैर दोनों तरफ कर देती है और अपनी बुर थोड़ा ऊपर उठाड़ती हुई ठीक लंड के सामने रखती हुई अपनी एक हाथ अपनी बुर पर दो तीन बार चपत लगती हुई बोलती है बेटू( बुर) जागो देखो सामने तुम्हारा बाबू( लंड ) नाराज है उसे सॉरी बोलो ...और अपनी बुर जीजू के लंड से सटा देती है और अपनी एक आंख मरती हुई जीजू से बोलती देखिये दोनों दोस्त कैसा बात कर रहा है और कुछ देर ऐसे हिं अपनी बुर लंड पे सटाती हुई कुछ देर तक रहती है ...बीच मे जीजू बोल परते हैं

जीजू- क्या बात कर रहा है बाबू और बेटू...

जुली दीदी- बात नही प्लानिंग कर रहा है देखो न कैसे चोंच में चोंच सटा के बात कर रहा है.. (जुली दीदी बिल्कुल अपनी बुर की होंठ जीजू के लंड के टोपा में सटाये हुए)

जीजू- मैं बोलू क्या प्लानिंग कर रहा है..

जुली दीदी- हां बोलिये क्या प्लान कर रहा है...

जीजू- दोनों रात में होने वाले मैच के बारे में बात कर रहा है दोनों आपस मे शर्त लगा रहा है बाबू बोल रहा है मैं जीतूंगा बेटू बोल रही है मैं जीतूंगी....

जुली दीदी- अच्छा ऐसा क्या फिर तो मैच बहुत रोमांचक होगी...और दीदी, जीजू के मुंह पे अपनी बुर रगड़ दी ....

और नीचे बेड से नीचे उतर गई अपने हाथ मे ब्रा पेंटी लिए हुए खड़ी थी...

जीजू- अपनी मोबाइल उठा के फोटो क्लिक कर लिए ...

जुली दीदी- अपनी चूची पे ब्रा की हुक लगा रही थी.... और पेंटी पहनने वाली थी..

जीजू- जुली नीचे देखो न झांट बड़ी हो गयी है चाटने में बहुत दिक्कत होती है...

जुली दीदी- आप न बहुत खडूस हो न मुझे खुद बनाने देते हो और न आपको बनाने का फुर्सत रहता है मैं उसी दिन ट्रीमिंग करने जा रही थी न आप मना कर दिए मैं अच्छे से बना दूंगा और 10 दिन हो गए अभी तक बना हिं रहे हैं...

जीजू- हां यहां से जाते हिं पक्का बना दूंगा...

जुली दीदी- कपड़ा पहन कर जीजू के कान में बोलती है -" अपने लौड़ा को तैयार रखियेगा आपकी लौड़ा की सारी रस निचोड़ लुंगी...

और नीचे की और आने लगती है सीढ़ी से...

उधर खुशी भाभी भी ठीक उसी वक्त अपने रूम से निकलती है....

जुली दीदी- गुड मॉर्निंग भाभी...
मुसकराती हुई अभी जगी हो भाभी ...

खुशी भाभी- गुड मॉर्निंग..ननद रानी
मुस्कराते हुए हां ऐसे मेरी ननद रानी भी अभी हिं जगी है...

जुली दी- हाँ भाभी...


दोनों की आगे बढ़ती है...देखती ही माँ की गेट अभी लगी हुई हिं थी...

जुली कन्फर्म करने के लिए हाथ से हल्का धक्का देती है तो पता चल जाता है गेट अंदर से हिं लगी है...दोनों मुस्कराते हुए बाथरूम की और जाती है....

बाथरूम में ..

जुली दीदी- हँसते हुए.... भाभी सालगिरह की रात थी आपकी और गेट लगी है अभी तक मम्मी की....

खुशी भाभी- याद है ननद रानी रात में किचन में मम्मी बोल रही न पापा के बारे में ओवरटाइम वाली बात...कहीं कुछ ज्यादा ओवरटाइम हो गयी होगी...

टायलेट के साथ अटैच बाथरूम है एक गेट अंदर से हिं है....
जुली दीदी को जोर की पेसाब लगी थी और तेज सर्सरसर सरसर्रा सर्सरसर सरसर की आवाज़ आती है

इधर भाभी ब्रश कर रही थी ...दीदी अनादर से निकलती है

भाभी- ननद रानी कुछ जादें जोर से प्रेशर थी रात में पेसाब करने के लिए भी समय नही दिए क्या ननदोई जी...

जुली दीदी- हंसती हुई रात में बैकग्राउंड की सेवा हुई ..थोड़ी बहुत लगी थी रोक ली और ओवरटाइम ड्यूटी लगी नही थी इसलिए ....हाथ धो के जुली भाभी से सट के खड़ी थी अचानक कुछ याद आता है और बोलती है...

अपनी एक हाथ साड़ी के ऊपर ठीक बुर पे रखते हुए...भाभी के कान में बोलती है भाभी रात में केक जो लगाई थी कुछ दिक्कत तो नही हुआ न....

भाभी- अपनी मुंह से थूक फेक के जुली के कान के पास सरारती अन्दाज़ में वो तो आपके भैया चाट लिए सारे के सारे....

जुली दी- ऐसी बात सुन के साड़ी के ऊपर से हिं भाभी की बुर को निचोड़ दी...

दोनों बाथरूम से फ्रेश हो के निकल रहे थे कि दोनों की नज़र रेखा मम्मी पे पड़ी जो एक हाथ आंख मलते हुए और दूसरी हाथ पिछवाड़े खुजला रही थी और बाथरूम की तरफ हिं आ रही थी
दोनों मम्मी को गुड मॉर्निंग किये...

रेखा माँ- गुड मॉर्निंग कहते हुए जल्दी से अंदर घुस गए..

आपस मे धीरे दोनों एक दूसरे से-

खुशी भाभी- ऐसा लग रहा है मम्मी अभी जगी हिं है

जुली दी- देख नही रहे थे भाभी बैकग्राउंड हिं खुजलाते हुए आ रही थी लगता है मम्मी की सेवा पीछे से हिं हुई है और आगे की और बढ़ती है...

खुशी भाभी- मुंह पे उंगली डाल के चुप रहने का इशारा की और दोनों गेट के पास कान लगा दी

अंदर से तेज पेसाब की धार सरर सर्रर्रर सर्रर्रर सर्रर्रर सर्रर्रर.......
सर्रर्रर सर्रर्रर सर्रर्रर सर्रर्रर

फिर दोनों किचन की और आ जाती है

खुशी भाभी- ननद रानी मैं इसलिए रोक ली कि सुनना चाहती थी कि किसकी प्रेशर तेज है मेरी ननद जी की या सासु मा की...

जुली दी- तो किसी तेज थी....

खुशी भाभी- मम्मी की

.इसी तरह हसी माजक चला दोनों के नास्ता बनाने लगे...इधर सब कोई फ्रेश भी हो गया

11 Am नास्ता के टेबल पे....
Oooo kya hi story likhne ka style h yrr har chij pe achhe se likhi gyi h.... Aur jo inn sab charector k bich candid conversation lajawab h... 😍😍
 

Castle2126

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UPDATE 11

subah ke 11 baj rahe the...

juli didi aur khushi bhabhi..dono nasta bana ke ready kr liye aur sabko nasta ke table pe bulane gye...

khushi bhabhi ...upar kamre me apne nadoi ko bulane gye room ke andar...

khushi bhabhi- dekhti hai ki rakesh nandoi bed pe let hue mobile chala rahe the...

rakesh jiju- aayea bhabhi ji ..thora bed pe biche ghiskte hue...ishra krta h baithiye bhabhi ji...

khushi bhabhi- are nandoi ji abhi baithe ki time nhi ha sab nasta ke table pe intajar kr rahe hain..

rakesh jiju- are bhabhi ji thora der baitiye to sahi..

khushi bhabhi- ye sun ke apni chauri gaand bed pe rakhti hui baith gyi..

jiju- pith ke bal lete hue the nirchi nigah se ek baar bhabhi ki gaand ki traf dekhte hue karwat badal liye ab aisa position tha ki bhabhi ki gaand ke thik piche jiju ka hatiyaar tha...haste hue sadi saal girah mubarak bhabhi ji....

khushi bhabhi- hasti hui nandoi ji saalgirah bit gyi hai ..

rakesh jiju- hahahah..mai tabhi wish krta jab safalata mil jati hai .....aur bachho ki trah late latif se nhi manata hun...

khushi bhabhi- bachcho ki trah mai samjhi nhi ..

jiju- yahi ki jis trah chhote bachche ki birthday hoti hai aur sham me cake katati hai waise nhi...

bhabhi- fir kaise mante hain nandoi ji

jiju- apne nanad se puchh lijiyega kaise mante hain mujhe lagta hai apdono to har trah ki baat kr hin lete hain aur haste hue jb dono ek dusre ke ..gufa ko cake se bhar diye to aur kya..

khushi bhabhi- sharmati hui haan baat hoti hai lekin jada khul ke nhi waise mai puchhungi jarur nanad se ki..aakhir kaise manate hain aplog salgirah..

jiju- haan puchh lijiyega haste hue... aur bhabhi ji raat me khusti me koi kami to nhi chhore bhaiya ji..

khushi bhabhi- muskarati hui jara bhi kasar nhi isliye to 9 baje nind khuli ...

jiju- aashray jatate hue bss 9abje hin...

bhabhi- hahahhaah

jiju- aise bhabhi ap matkuri me dahi jama rahi ho ki nhi

bhabhi- thora dukhi mann se kal bhi boli hun...lekin apke dost ko pata nhi abhi kyu nhi chahte hain bachcha pata nhi kyu..

jiju- khushi masus krte hue achcha matlb matkuri khali hai aise bhaiya kya bolte hain..

khushi- wo to ap janoge ba apka hin to dost hai..yahi bolte hain ki pahle mai mama banuga fir papa...

jiju- achcha aisa bolte hain bhaiya waah fir to mai abhi juli ki matkuri me dahi jamane wala nhi hun..

bhabhi - wo kyu

jiju- abhi to khelne khane ka samay hai

aur hasne lage...


bhabhi- 2-3 saal ho gye aur abhi tk khelne khane tk hin samay hai kya....kya bachche bone ke baad khelne ka samy nhi rahta hai kya?

jiju- haan rahta hai lekin bachche ho jane ke baad usme involved ho jate hain log jaise gaay pe saand chadha ho aur bachche jag gye ...

bhabhi- ap bhi na dono dost ek jaise hin pata nhi kya kya planning krte rahte hain..
aur bhabhi achnak se apna hath aage pdhate hue jor se khitchti hai jiju ko ...

bhabhi ke achnak aisa kichne se jiju bilkul aage ki trah aa jate hain aur jiju ka laura aisi baat se tight ho gaya tha pahle se hin. aur bhabhi ke aise karne se laura bilkul bhabhi ki gaand se thokar khai ...

kaise hin kuchh der rahe aur bhabhi boli ab chaliye bhi sab niche wait kr rahe hain...
dono sidhi se niche aane lage..

aage bhabhi thi pichhe jiju ..
jiju bhabhi ki gaand ko aage piche hote dekh yahi soch rahe the ki juli ki trah hin inki bhi gaand marne ko mil jaay kash...

sabhi nasta ke table pe aa chuke the...

papa meri aur dekhte hue..
to rahul kya chal raha hai aaj kal

mai- taiyari chal rahi hai 2 exam ka PT ka result aaya hai aur ek mains ka result aana banki hai....

papa- haan wo to bataya the tum...ummid kya hai

mai- mai abhi bata to nhi sakta mains wali ka 50-50 chance hai banki ..mains ki taiyaari kar raha hun...

papa- haan ab din w din compitition badhta chala ja raha hai...

mai- haan wo to hai..

juli didi- bhagwan kare isi baar wala me tumhara gov. job lag jaay fir gov. job wali ko to man pasand wife ka option rahata hai...

iss baat pe sb hasne lage...

bimlesh bhaiya- rahul mai to bolta hun pvt. job hin part time wahi company me kro achchi selery hai...

mai- haan bhaiya baat to ap thik kah rahe hain lekin mai chahta hun jb tk time karta hun mai ummid nhi chhor sakta hun...

babli- muskrte hue haan bimlesh bhaiya rahul bhai ko taiyaari krni chahiye didi thik hin kh rahi h gov. job ke baat achchi ladki choose krne ki option rahti hai...


rekha maa- haan tum ye baat achche se janti ho bhr din to bhai ke sath hin rahti ho.....bahiya ye sawal batao fo bhaiya wo sawal bata do .hme to lag raha hai tum bhi gov. job lene ki chhkar me ho taki apni pasand ke ladke se...

sab hasne lagte hain...

mai- haan maa sahi boli mai to soya rahta hun aur whatsapp pe photo click kr ke bhej deti hai aur ...aise bolti hai ans. bhejo yadi soya rahta hun msg nhi dekh pata to aa ke gate pitati hai...inke liye raat ke 2 baje bhi subah ke 10 baje jaisi lagti hai...

babli-nazar hote hue ok ab nhi puchhungi...

mai - are chhotki mai to bss aise majak kiya jaisi tumhri lagan hai padhne me waisa mehnat mai kr diya yo samjho aaj hin naukri pakki...but hota hin nhi hai..

babli- hun...

mai- maa dekho na chhotki mere se naraz ho gyi..

maa- are naraj wo nhi ho sakti hai khash kr tumse kyu ki tumhare bina nhi wo rah sakti hai na aur na tum uske bina..


juli didi- waah aisi pyar dekh ke to meri aankhe bhar aai..

mai- waah didi taang achcha khich rahi ho...

juli didi- mai sabko janti hun 2 saal hin hue hain mujhe iss ghar se jana
papa- haan beti bss isi trah sabka pyar bana rahe..aise abhi to rahogi na..

juli di- apne daamd se puchh lijiye.....

rakesh jiju- mere pe kyu chhor rahi ho..tumhara mann h rah sakti ho...

juli didi- hasti hui nhi papa kal chali jaungi ab inki aadat chhut gyi hai khana banae ki ....bechara...

rakesh jiju- chalo apne miya mittu matt bano...ab bhi tumse achcha bana leta hun.. puchh lo apne bhaiya se

bimlesh bhaiya- haan ye khana to sach me jabrdast banata tha ab bhul gaya ho alag baat hai...


juli didi- bada aaya khana banane heheh lol jiju ko dekhte hue..

rekha maa- papa se kb nikaliye ga...

shankar papa- abhi hin..ohh mai to bhul hin gaya bachcho tumhari nani ki tabiyat khrab hai to rekha bol rahi hai jane ko...

mai man hin mann- ohh papa aur mammi pata nhi 10 din 15 din pe kahan jate hain aur koi na koi bahana bana dete hain...iss baar bhi pakka nani ke yahan nhi jayenge ab bata nhi kahan jate hain......

sabka nasta ho gaya tha...papa aur mammi taiyar ho ke nikalne wale the...


idhar bimlesh bhaiya aur rakesh jijy apne ek dost se milne ko bol ke nikalne wale the...

khushi bhabhi bolti hai bimlesh bhaiya se kb tk aayega lunch bhi taiyaar krni hai na..

bimlesh bhaiya l bole- abhi 12 baj raha hai aur itni nasta kara di ho aur lunch ki baat kr rahi ..mai to nhi khane wala 4 ghante baad hin aaunga kuchh nasta lete aaunga tum log ko bhukh lage to bana lena ...

khushi bhabhi- achcha hua ab banani nhi paregi ...aur mujhe bhuk kyu lagegi itni bhukkar mai hin hun jo...

jiju- majakiya andaz me bole bhabhi se haan khana ki to nhi lekin kuch aur chij ki bukhakhad jarur hain bhabhi ji...


khushi bhabhi- sharmati hui..dhatt ap bhi na..

aur dono bahar nikal gye...

mammi papa bhi niakl gye sabko bye kr ke...

mai idhar udhar tahal raha tha ...

babli apni room me study krna ya fir sone chali gyi..

idhar mujhe didi ki aawaj dunai di- chaliye bhabhi ab apko lunch banane ki bhi jhanjhat nhi...chaliye baate krte hain..

khushi bhabhi- haan nand ji mujhe bhi kuchh puchhni thi...

itna to mai sun liya dono bhabhi ke room me gye mai sochne laga bhabhi aur didi kis trah ki baat karenge dono to apas me khule hain mujhe dono ki baat sunane ki bhut iksha ho rahi thi lekin kaise karta ...

fir ek idea aaya ...

jaldi se mai apni ek simple set wali mobile nikala on kiya..apne bade wala no. pe call kr diya apne mobile ki mick off kr diya.....

ab kisi trah mobile ko bhabhi ke bed ke pass rakhna tha ...

tb mai itna kaam kr ke jaldi se bhabhi ke gate ke pass gaya mujhe aisa laga bhabhi gate lagane wali thi ..

mai- bhabhi ek saman lena tha kal ek page diye the bhaiya ko usme ek mobile no. hai wo lena hai..

bhabhi- oho dekho kahan rakhe hain..

mai - idhar udhar dekhne laga.. didi bed pe leti hui apni phone me khuchh kr rahi thi..

mai dhundhne ka natak krne laga idhar udhar dekhne ke baad bed ke anadr dekhne laga jaise hin bed uthaya anadar dekha ek used comdom bilkul lakdi se chipki hui thi . fir mai dusri aur bed sirhane wali jagah pe uss traf ja ke ..pahle didi ke traf dekha wo mobile me busy aur bhabhi dusre traf dekh rahi thi..


mai jaldi se mobile ek chadar ke andar rakh diya ....aur apne pocket se ek page nikal kr hath me le liya aur bhabhi ko dikhate hue bahbhi mil gaya aur mai apne kamre me aa gaya....
Excellent chapter yrr.... Bhai puri kahani aisi chal thi h jaise sab sach ho.... Kya imagination hai yrr rahul
 

Gary1511

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अपडेट नंबर 30 मे 29 नंबर अपडेट है....इसलिए अब....

अपडेट 31...


आपने पढ़ा

गेट लगाती हुई ख़ुशी सीढ़ी से ऊपर जाती है अंदर जाते हुए गेट लॉक करती हैँ

बिमलेश - आज बेसब्री से इंतज़ार कर रहा था तो आज हीं लेट करनी थी क्या

ख़ुशी - मुश्कारती हुई किचन कि काम निपटाती तब ना जी

आगे...

ख़ुशी - ऐसे आज बहुत बेचैन हो जी कुछ बात है क्या...

बिमलेश - बेड से निचे उतरते हुए बोलता है एक तो मै पहले से हीं फुल मूड मे हूं ऊपर से विग्रा उसके बाद मटन कि गर्मी...

ख़ुशी - ओह्ह गॉड! इतनी सारी गर्मी एक साथ फिर तो मेरे सांइय्या फुर्सत के साथ चोदियेगा ना मेरी कमसिन बुर को...

बिमलेश - हाँ मेरी रानी पूरी फुरसत के साथ चोदुँगा आज....

बात करते करते हीं ख़ुशी अपनी साडी पेटीकोट खोल देती है पेंटी और ब्रा मे सेक्सी अंदाज़ मे खड़ी थी...

इसी अंदाज़ मे ख़ुशी अपनी हाथ पेंटी के ऊपर ले जाती है और बड़ी हीं कतीलाना अंदाज़ मे फिंगर को अपनी बुर मे दबा देती है



70-324

पहले से नंगे बिमलेश से बर्दास्त नहीं होता है वो बेड से उठता है और ख़ुशी कि ब्रा और पेंटी खोल देता है

बिमलेश - आआह जान आज बहुत सेक्सी लग रही हो

ख़ुशी - ओह्ह राजा मै बस अभी सेक्सी लग रही हूं क्या.....

बिमलेश - नहीं मेरी सेक्सी बोम्ब ऐसी अदा मे यदि राकेश देख लेगा तो बिना कुछ किया कहीं उसका पानी ना निकाल जाय.....


ख़ुशी कि नेवल पर किस करते हुए बोलता है....


181769

ख़ुशी - लेकिन ननद रानी तो बता रही थी ननदोई बहुत हीं हचक हचक के चोदता. है उसे...

बिमलेस- हाँ लेकिन मेरी बोम्ब तो लाखो मे एक है उसे सम्भलाना आसाना बात नहीं हैँ

बिमलेश वही बैठ के अपना जीभ खूसी कि बुर से सटा देता है

ख़ुशी भी धीरे धीरे गर्म रही थी ख़ुशी खड़े खड़े हीं अपनी बुर चटवा रही थी और अपनी एक हाथ बिमलेश के सर पे रख के दबा रही थी...



181768

ख़ुशी सिसकते हुए आआह मेरी जान कितना अच्छा लग रहा है आआआह

कुछ इसी तरह ख़ुशी अपना बुर चटवा रही थी फिर बिमलेश और ख़ुशी बेड पे चली जाती है...

बिमलेश लेट जाता है और ख़ुशी दोनों पैर के बिच मे बैठ कर डॉगी पोज़. मे लंड चूस रही थी...

बिमलेश का लोड़ा भी फुल टाइट था आपने हाथ से पकड़े हुए था और ख़ुशी बिमलेश के लोड़ा के जीभ से निचे के ऊपर कूदेर रहा था....



181780

इसी तरह लंड और बुर कि चूसाई चलता रहा

ख़ुशी बोलती है - आह राजा आज लोड़ा कुछ ज्यादा हीं गरम. है....

बिमलेश - आज अपनी प्यारी बीबी कि जम के चुदाई जो करनी है....

ख़ुशी छेरते हुए...

ख़ुशी - सैय्या जी मुझे तो बैडरूम. मे भी चोद सकते थे ना आज ननद के रूम मे कैसे....


बिमलेश - आह खुशी जान बुझ के छेर रही हो सब कुछ जानते हुए भी....


ख़ुशी - बिमलेश के टोपा को चूसते हुए अच्छा...आपको क्या ज्यादा एक्ससाईंटेड कर रहा है अपनी दोस्त कि बीबी चोदने मे या अपनी बहन को चोदने मे

बिमलेश - यदि वो मेरी बहन नहीं होती तो उसे अभी तक चोद चोद के 2 बच्चा पैदा कर दिया होता 😂😂

ख़ुशी - फिर तो आपके दोस्त भी आपकी बीबी को चोद चोद के बच्चा कि लाइन लगा देता ना


बिमलेश - हां ये बात तो है लेकिन ये सब जुली जो आ बिच मे इसलिए हुआ ना

ख़ुशी - लेकिन आप तो और ज्यादा खुश लग रहे हो बहनचोदने कि ख़ुशी मे......


बिमलेश - अब बर्दास्त नहीं हो रहा है ख़ुशी आआह

ख़ुशी, बिमलेश के कान को अपनी दांत से थोड़ा चाबाती. है और बोलती है दिल से जुली को चोद रहे हो और ऊपर ऊपर मेरी नाम ले रहे हो...

बिमलेश - आआआआआआह तुम्हारी यही सेक्सी अदा मेरी जान ले लेती है. आआआह तुम्हें ये बात पहले बता देता तो कितना मज़्ज़ा देती

ख़ुशी - क्यों नहीं बातये फिर...

बीमलेश - डरता था इतनी अच्छी खासी बीबी मिली कहीं गुस्सा कर गयी तो.....

ख़ुशी - गुस्सा हो मेरे दुशमन इतनी अच्छे पति जिसे मिले वो क्यों गुस्सा होंगी....

बिमलेश - हाँ ये बात तो है लेकिन जान इतनी चुदासी कैसे हो गयी..

ख़ुशी - आप हीं तो चोद चोद के चुदासी बनाये हैँ हर लड़की के माँ बाप इसलिए तो सेटल लड़का ढूंढ़ते है जिसको कोई टेंशन नहीं और पूरी मेहनत से अपनी बीबी को चोद सके....😍😂

बिमलेश - वाह मेरी चुदासी बीबी कि कॉन्सेप्ट बहुत अच्छी है....

आह अब ले लो अपनी बुर मे जान

ख़ुशी डॉजी पोज़ मे आ जाती है और पीछे से बिमलेश अपना लोड़ा ख़ुशी कि बुर के ऊपर रखता है



181771


ख़ुशी, बिमलेश को खुश करने के लिए जुली का रोल. करने लगती है...

ख़ुशी - भैया आपको डॉजी पोज़ बहुत पसंद है

बिमलेश - हाँ बहन इस पोज़ मे पूरा लोड़ा अंदर जाता है

ख़ुशी - हाँ भैया अब चोदिए. ना अपनी बहन को क्यों तरपा रहे हैँ...



181770


बिमलेश - अपने मन मे आह मेरी प्यारी बहन आआआआह मै बता नहीं सकता आआह कितनी मस्त मलाई कि टेस्ट थी...यही सोचते हुए इतनी जोर से धक्का मरता है कि ख़ुशी उसके लिए तैयार नहीं थी...

ख़ुशी आआआआआह करते हुए आगे कि और झुक जाती है और बिमलेश का आधा से ज्यादा लोड़ा ख़ुशी कि बुर मे चला गया था



181773

ख़ुशी - आआआआआआह भैया आआआह भला कोई ऐसे धक्का मरता है क्या

बिमलेश - क्या करू बहना ऐसी कमसिन बुर देख के कौन खुद पे काबू रख सकता है...

ख़ुशी - आआआह भैया निचे तकिया लगा दो ना तब बेहरमी से चोदना. आआह आज मै भी खुल के चुदवाना. चाहती हूं


बिमलेश, ख़ुशी के निचे एक तकिया सेट कर देता है




181772


और पूरी रफ़्तार से चोदना शुरू कर दिया

ख़ुशी - आआआआआह मेरे राजा भैय्या यही चुदाई तो पसंद है आआआआह आआआआह इस...लि...ए तो भै.....या को वि....ग्रा खिलाई आआआआआह रा जा

बिमलेश - आह लो बहना ये लो आआआआह कितना मज़्ज़ा आ रहा है चोदने मे आह

ख़ुशी - आआह भैया आआआह और जोर से चोदो. ना विग्रआ खाने के बाद भी....आआह और जोर से


कुछ देर तक इसी पोज़ मे चुदाई चली

फिर ख़ुशी बोली -ओह्ह्ह भैया आप थक गए हो मै चोदुँगी. आपको अब

बिमलेश निचे लेट जाता है और खुशी उसके ऊपर अपनी बुर मे लोड़ा सेट कर के उछलने लगती है...



181777

ख़ुशी - बिमलेश कि आँखों ही आँखों मे इशारा कर के पूछती है कैसा लग रहा है भैया...


181779


बिमलेश - आआआह बहन आआआह बहुत अच्छा लग रहा है


फिर ख़ुशी घूम जाती है अपनी बुर मे लंड लिए हीं



181775


कुछ देर इसी पोज़ मे उछलती है बिच बिच मे बिमलेश भी निचे से धक्का लगाता है

और अपनी हाथ से अपनी दोनों चूची को दबाते हुए मज़्ज़ा लेती है कि


181776


ख़ुशी - आआह भैया आआआह बहुत मज़्ज़ा आ रहा है...


अचानक बिमलेश अपना लंड ख़ुशी कि बुर से निकाल लेता है



181774


बोलता है - आआह आआह मेरा निकालने वाला है

ख़ुशी (अपनी मन मे आहहह मेरी तो अधूरी हीं रह गयी फिर भी मुस्करा रही थी )

लंड पर से निचे उतर जाती है और बिमलेश के लोड़ा पे अपना जीभ लगाती है कि लंड से माल निकलने लगता है




181781


कुछ देर इसी तरह बिमलेश के लंड चुस्ती है...


181782


बिमलेश - डार्लिंग कैसी लगी चुदाई

ख़ुशी - बिमलेश का मन रखती हुई बहुत हीं अच्छी थी...

लेकिन ख़ुशी का मन और था चुदने कि लेकिन वो चाह के भी कुछ नहीं कर सकती थी...

सुबह 4 बजे उसी बेड पे एक राउंड और दमदार चुदाई हुई इस चुदाई मे ख़ुशी के कमड मे मोच आ गयी..

हुआ ये कि ख़ुशी दोनों पैर बेड के निचे और अपनी हाथ बेड पे रख के झुकी हुई थी और बिमलेश के झारते टाइम ख़ुशी अपनी कमार जल्दी से पीछे कि और कि ताकि रस अंदर ना जाय रस तो अंदर नहीं गयी लेकिन अनबालेंस. होने कि वजह से बहुत मोच आ गयी बिमलेश अपनी गोदी मे लेकर निचे बैडरूम मे सुला दिया और खुद सो गया....


मॉर्निंग 7 बजे ख़ुशी लेटे लेटे हीं बबली को कॉल करती है

रिंग बजते हीं बबली अपनी आँख मसलते. हुए स्क्रीन देखती है तो भाभी कि कॉल

बबली - हाँ भाभी

ख़ुशी - सोइ हो

बबली - अभी जगी हूं फ़ोन से

ख़ुशी - भैया के लिए चाय नास्ता बना दो ना आज मेरी तबियत अच्छी नहीं है

बबली - ओह्ह क्या हुआ भाभी आपको आप ठीक तो हैँ ना

ख़ुशी - वो कमर मे मोच आ गयी है

बबली - कोई नहीं आप रेस्ट कीजिये मै कर देती हूं

कॉल कट हो जाती है और बबली लेट से सोने कि वजह से नींद पूरी नहीं हुई और खुद से बुदबदाती हुई बोलती है कस के सर्विसिंग किये होंगे भैया ये...
और मुस्कराती हुई 🥰रूम से बाहर निकलती है...


किसी कि भी गेट नहीं खुली थी...

बाथरूम मे बबली मन मे भाभी को तो मोच आ गयी और ये मम्मी पापा भी इतना लेट से जागते हैँ.....

उधर कमरे मे

बिमलेश - ख़ुशी कि चूची को मसलता है

ख़ुशी - नाराज होते हुए ये तो हुआ नहीं कि बीबी कि तबियत खराब है खुद से चाय नास्ता बना लूँ..और जबकि आता भी है

बिमलेश - ओह्ह डार्लिंग नाराज हो गयी घर मे बस तुम रहती तो मै हर दिन करता लेकिन मै राहुल बबलि सबको आपने हाथ से चाय दूँ ये शोभा नहीं देता और सिर्फ तुम्हें भी तो नहीं दे सकता

ख़ुशी - हाँ सफाई देना कोई आपसे सीखे....

बिमलेश - वो सब छोड़ो देखो कैसे डंडा खरा है

ख़ुशी - बिलकुल भी नहीं अभी मै हिल भी नहीं सकती...

बिमलेश - फिर कैसे शांत करू

खुशी - मजाकिया अंदाज़ मे जाओ किचन मे बबली अकेली होंगी पीछे से डाल देना पूरी गटक जाएगी 😄🤣

बिमलेश - धत्त बेशर्म खुछ भी बोल देती हो...

ख़ुशी - जब बड़ी बहन को चोद के बच्चा देने के लिए तैयार है तो बबली को तो सिर्फ चोदनी. है 😄🤣

बिमलेश - सुबह सुबह मटरगस्ती कर रही हो तबियत ठीक रहती तो ऐसे हुमच. के चोदता कि


ख़ुशी - ओह्ह्ह बड़ा आया चोदने......ऐसे जब से ये बात मेरे से शेयर किये हो आपका लोड़ा खड़ा. हीं रहता है क्या जादू कर दि जुली

बिमलेश - आआह जुली का नाम ना लो ऐसे हीं मूड मे हूँ चढ़ जाऊंगा......


ख़ुशी - ना बाबा ना मुझे अभी नहीं चुदवानी. है

बिमलेश - अच्छा फिर जुली जो गाढ़ा. मलाई खिलाई वही खिला दो ना

ख़ुशी - मस्का मारते हुए अच्छा गाढ़ा मलाई आपकी बहन कि बुर से निकलती है आपकी बीबी के बुर से नहीं

बिमलेश - जब तक उसकी मिल नहीं जाती तब तक के लिए ये बहन कि हीं बुर है मेरे लिए


ख़ुशी - आआआह कितने बड़ा बहिनचोद हैँ आप..कहीं इसलिए तो नहीं बहन कि सादी दोस्त से करवा दिए 🤣🤣🤣🤣🤣

बिमलेश -🤣🤣🤣🤣🤣🤣

ख़ुशी - चाट. लो मेरे शोना भैया चाट लो अपनी बहन कि बुर और पी जाओ गाढ़ा मलाई

बिमलेश - ये हुई ना बात.....




Screenshot-20220330-223233-2


करीब 10 मिनट.बिमलेश मेहनत किया ख़ुशी के बुर पे फिर भी ख़ुशी के बुर से मलाई नहीं निकली...

बिमलेश - आह आआह आआआह मै गया आआआह मै गया पेंट पे हीं निकाल गया मेरा

ख़ुशी -हो गए शांत अब खुश ( बहन चोदने के चक्कर मे मुझे गरम. कर छोड़ देते हैँ )

बिमलेश - आआह बहुत मज़्ज़ा आया लेकिन बुर से मलाई निकलती तब बहुत मज़्ज़ा आता...मेरी चड्डी भी गन्दी हो गयी...

ख़ुशी - कोई नहीं...खोल के रख दीजिये
वैसे मेरी जो ये हाल हुई है क्या बोलूंगी कैसे हुई...

बिमलेश - बोल देना चुदवाते चुदवाते हो गयी...

ख़ुशी - बड़ा आया चोदने वाला अब आपको 2 विग्रआ दूंगी तब चुदवाउंगी.....


बिमलेश - ओके मेरी जान.

इसी तरह चाय नास्ता करने के बाद ऑफिस के लिए निकाल जाता है

ऑफिस निकालने से पहले


बिमलेश पैनकिलर दे देता है...

ख़ुशी -🥰 हुई 💊 निगल जाती है..


उसके बाद बबली कमरे मे आती है

बबली - कैसी हो भाभी

ख़ुशी - अच्छी हूं..

बबली - थोड़ा गर्म पानी लाई हूं सेक लगा लीजिये...

ख़ुशी - मुश्कराती. हुई भाभी कि इतनी सेवा

बबली - क्यों नहीं भाभी कोई दुख देता है तो किसी को तो उसका निपटारा करनी चाहिए

ख़ुशी - वाह मारने वाला भी इलाज करने वाला भी

बबली - सही पकड़ी भाभी जी सारी व्यवस्था है...

इसी तरह.. बबली सेक लगा देती है और भाभी को लेते रहने को बोल किचन मे चली जाती है...

उधर राहुल जागने के बाद फ्रेश हो के किचन कि और जाता है
राहुल -आते हीं गुड मॉर्निंग भाभी
लेकिन वहाँ भाभी नहीं थी बबली थी...

बबली कुछ भी रिप्लाई नहीं देती है..

राहुल - ओह्ह बाबा इतनी छोटी बात पे गुस्सा करोगी तो हो गया...

फिर भी बबली कुछ नहीं बोलती है..

राहुल खुद से चाय कि बर्तन उठाता. है लेकिन ओस बार बबली राहुल के हाथ से केन ले लेती हैँ कुछ देर के लिए दोनों एक दूसरे के आँखों मे देखता है...

बबली - कितना गुस्सा कर लूँ लेकिन...

राहुल - लेकिन क्या..
बबली कि हाथ दबाते हुए बोलता है अभी एग्जाम है इसलिए मान गयी 🤣🤣🤣

बबली - अच्छा बच्चू..🤣🤣

राहुल - ऐसे भाभी कहाँ हैँ

बबली - उनकी तबियत खराब है

राहुल - क्या हुआ जो?

बबली - जा के देख लो



राहुल , ख़ुशी भाभी के रूम मे आता है

ख़ुशी आँखे बंद किये हुए कुछ सोच रही थी


ख़ुशी को आभास हो गया कि कोई रूम आया है...

राहुल बड़े प्यार से आवाज़ लगता है भाभी भाभी

ख़ुशी - अपनी आँख खोलती है जी देवर जी

राहुल - आप ठीक तो है ना

ख़ुशी - जी हाँ

राहुल - वो बबली बोल रही थी भाभी कि तबियत खराब है

ख़ुशी - जी वो थोड़ी से मोच आ गयी

राहुल - ओहो! अभी ठीक तो है ना भाभी जी

ख़ुशी - दवाई ली हूं अभी ठीक है थोड़ी सोची रेस्ट कर लेती हूं

राहुल - हाँ बिलकुल भाभी

ख़ुशी - खड़े क्यों हैँ देवर जी बैठीये

राहुल - बेड पे बैठ जाता है और थोड़ा मुश्कारा रहा था 😊

ख़ुशी - क्या हुआ जो मुश्कारा रहे हो देवर जी

राहुल - कुछ नहीं भाभी वो तो वैसे हीं......

ख़ुशी मज़ाक करती हुई..वैसे देवरनी को ये सब दर्द मत दीजियेगा....

राहुल -🤣🤣 धत्त भाभी वो तो समय कि बात है आगे किसने देखा है क्या होगा.....

ख़ुशी - 😊 वो तो है....

इसी तरह दोनों मे कुछ देर नार्मल बात चलती है......




वहीँ दूसरी तरफ ऑफिस पहुँच के बिमलेश को मन नहीं लगता है...तो वो अपना व्हाट्सप्प ओपन करता है देखता है जुली ऑनलाइन थी....उसे मेसेज करता है...


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Nice
 
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