Update 10
मेरी आँख खुली तो टाइम देखा सुबह के 8 बज रहे थे...आंख खुलते हिं वही ...रात की इतनी खतरनाक रासलीला देख के जो मैं 4 बार पानी निकाला वो सोच के खुद हिं मुस्करा रहा था। पेसाब बहुत जोर से लगी थी मैं अपने रूम से निकला तो देखा मम्मी , भैया और बबली तीनो की रूम लगी हुई है फिर टॉयलेट कर के बाहर निकला...सबके गेट को पुश कर के देखा सब अंदर से लॉक हिं था फिर मैं अपने रूम का गेट लॉक करके ...
बेड पे लेट गया और सोचने लगा लगता है सब मॉर्निंग शिफ्ट मार के नींद की आगोश में है ।
बिमलेश भैया , राकेश जीजू और पापा तीनो के पास तो गदराई माल है ... जब मन तब चढ़ जाते होंगे गोड़ी पे....खुशी भाभी को नंगी जब से देखा बस वही आंखों के सामने नज़र आती और फिर सोचने लगा भैया सोने से पहले भाभी को ये बोल के सोए थे कि मॉर्निंग में भाभी की गाँड़ मारेंगे ....
आआआह जब बिमलेश भैया का लौड़ा भाभी की गाँड़ में आगे पीछे होता होगा तो भाभी के मुंह से कितनी मस्त का मोनिंग निकलती होगी.. ये सब सोचते हीं मेरा लौड़ा पूरा टाइट एक बार फिर से हो गया..लोअर से निकाल के हाथ से सहलाते हुए सोचने लगा जब भैया का लौड़ा इतना मज़्ज़ा के साथ लेती है खुशी भाभी आआआह मेरा तो भैया से 3" ज्यादा लंबा और 1" ज्यादा मोटा है मैं अपना लौड़ा भाभी की बुर और गाँड़ में डाल दूंगा तो भाभी की चीखें निकाल दूंगा ...यही सब सोच के अपना लौड़ा से खेल रहा था।
उधर...
सुबह के 9 बज रहे थे ....
राकेश जीजू- ओह...जानू कितनी अच्छी मेरे से चिपकी हुई हो...
जुली दीदी- अच्छा ऐसे बोल रहे हो जैसे आज पहली बार चिपकी हूँ...कोई ऐसी रात है जब मैं आपसे चिपकी नही रहती हूं वो भी ठंड का मौसम है गर्मी में थोड़ा ...हो भी जाता है लेकिन ठंड में कोई कंपरमाइज नहीं ।
राकेश जीजू- हां डार्लिंग । बांहों में टाइट से दबाते हुए , कुछ देर और रहो न
जुली दीदी- अपनी मोबाइल की स्क्रीन दिखाते हुए देखिये 9 बज गया..
मम्मी और भाभी लोग क्या सोचेगी अभी तक नही जगी है...
राकेश जीजू- दीदी की एक बूब्स दबाते हुए और अपना कमर दीदी की कमर में हल्का धक्का देते हुए...
मेरी सासु मा तो यही सोच रही होगी मेरी बेटी को मेरे जमाई सेवा दे रहा होगा...
और भाभी क्या वो तो मुझे लगता है जगी भी नही होगी और आज संडे है और ऊपर से तुम जिस तरह से खुशी की बुर पे केक लगाई वो छोड़ दिया होगा क्या आसानी से ...उसे तो मैं जानता हूँ..कितना बड़ा.....
जुली दीदी- हंसती हुई चल झूठे आपसे कम हिं....
राकेश जीजू- आआआह एक फ़ास्ट राउंड हो जाय... आज अपनी जान को ओवरडोज खुराक भी नही लगाया रात में...
जुली दीदी- अभी तो बिल्कुल नही सब समझती हूं आपकी फ़ास्ट राउंड कितनी देर की होती है...कोई ऊपर भी आ सकते हैं. ...दीदी अपनी एक हाथ जीजू के गर्दन के नीचे से और एक ऊपर से पकड़ती है और जीजू के ऊपर आ जाती है बिल्कुल जीजू के आंखों में देखती हुई बोलती है...
मॉर्निंग शिफ्ट इसलिए नही हुई क्यों कि मेरे सोना का पेट मे दर्द जो था , पहले शरीर की रक्षा, फिर बीबी की रक्षा( सेवा) और दीदी जीजू के फोरहैड पे किश कर लेती है
फिर जीजू भी दीदी के फोरहैड पे किस करते हैं।
जुली दीदी- अपनी शरीर पर से चादर हटाती हुई अपनी हाथ के सहारे जीजू के बॉडी पे अपनी बॉडी रगड़ती हुई बिल्कुल जीजू के जांघ पे बैठ जाती है ....
कुछ सेकंड तक सरसरी निगाह से जीजू के लौड़ा को देखती है और बोलती है....नाराज हो सोना फिर जीजू के लंड के टोपा को एक किस करती है ...
फिर लंड को देखती हुई बोलती क्या अब भी नाराज है मेरा बाबू...
राकेश जीजू- सरारती अंदाज में हल्का सा लंड को हिला देता है बिना टच किये ....देखने से ऐसे लग रहा था मानो लंड "हाँ" का इशारा दिया हो कि मैं नाराज़ हूँ....
जुली दीदी- जीजू की लंड की हरकत देखते हुए अपनी कोमल हाथ से पकड़ती हुई बोलती है- अले मेला सोना बाबु मेले से नाराज है( बिल्कुल बच्ची जैसी तोतली आवाज़ में पुचकारते हुए बोलती है) और पूरा लौड़ा को 2-3 सेकंड के लिए पूरा मुंह मे ले लेती है।
और फिर लंड को देखते हुए पूछती है अब भी नाराज है मेरा बाबू...
" जुली दीदी अपनी दोनों पैर दोनों तरफ कर देती है और अपनी बुर थोड़ा ऊपर उठाड़ती हुई ठीक लंड के सामने रखती हुई अपनी एक हाथ अपनी बुर पर दो तीन बार चपत लगती हुई बोलती है बेटू( बुर) जागो देखो सामने तुम्हारा बाबू( लंड ) नाराज है उसे सॉरी बोलो ...और अपनी बुर जीजू के लंड से सटा देती है और अपनी एक आंख मरती हुई जीजू से बोलती देखिये दोनों दोस्त कैसा बात कर रहा है और कुछ देर ऐसे हिं अपनी बुर लंड पे सटाती हुई कुछ देर तक रहती है ...बीच मे जीजू बोल परते हैं
जीजू- क्या बात कर रहा है बाबू और बेटू...
जुली दीदी- बात नही प्लानिंग कर रहा है देखो न कैसे चोंच में चोंच सटा के बात कर रहा है.. (जुली दीदी बिल्कुल अपनी बुर की होंठ जीजू के लंड के टोपा में सटाये हुए)
जीजू- मैं बोलू क्या प्लानिंग कर रहा है..
जुली दीदी- हां बोलिये क्या प्लान कर रहा है...
जीजू- दोनों रात में होने वाले मैच के बारे में बात कर रहा है दोनों आपस मे शर्त लगा रहा है बाबू बोल रहा है मैं जीतूंगा बेटू बोल रही है मैं जीतूंगी....
जुली दीदी- अच्छा ऐसा क्या फिर तो मैच बहुत रोमांचक होगी...और दीदी, जीजू के मुंह पे अपनी बुर रगड़ दी ....
और नीचे बेड से नीचे उतर गई अपने हाथ मे ब्रा पेंटी लिए हुए खड़ी थी...
जीजू- अपनी मोबाइल उठा के फोटो क्लिक कर लिए ...
जुली दीदी- अपनी चूची पे ब्रा की हुक लगा रही थी.... और पेंटी पहनने वाली थी..
जीजू- जुली नीचे देखो न झांट बड़ी हो गयी है चाटने में बहुत दिक्कत होती है...
जुली दीदी- आप न बहुत खडूस हो न मुझे खुद बनाने देते हो और न आपको बनाने का फुर्सत रहता है मैं उसी दिन ट्रीमिंग करने जा रही थी न आप मना कर दिए मैं अच्छे से बना दूंगा और 10 दिन हो गए अभी तक बना हिं रहे हैं...
जीजू- हां यहां से जाते हिं पक्का बना दूंगा...
जुली दीदी- कपड़ा पहन कर जीजू के कान में बोलती है -" अपने लौड़ा को तैयार रखियेगा आपकी लौड़ा की सारी रस निचोड़ लुंगी...
और नीचे की और आने लगती है सीढ़ी से...
उधर खुशी भाभी भी ठीक उसी वक्त अपने रूम से निकलती है....
राकेश जीजू को मजा आ रहा था जीजू फिर से वैसा हिं किये जैसे बोल रहा हो हां नाराज हूँ
जुली दीदी- जीजू की आंखों में देखते हुए बोलती है मुझे मेरी बाबू को मनाना आता है ...
फिर जुली दीदी बिल्कुल सरारती अन्दाज में...
" जुली दीदी अपनी दोनों पैर दोनों तरफ कर देती है और अपनी बुर थोड़ा ऊपर उठाड़ती हुई ठीक लंड के सामने रखती हुई अपनी एक हाथ अपनी बुर पर दो तीन बार चपत लगती हुई बोलती है बेटू( बुर) जागो देखो सामने तुम्हारा बाबू( लंड ) नाराज है उसे सॉरी बोलो ...और अपनी बुर जीजू के लंड से सटा देती है और अपनी एक आंख मरती हुई जीजू से बोलती देखिये दोनों दोस्त कैसा बात कर रहा है और कुछ देर ऐसे हिं अपनी बुर लंड पे सटाती हुई कुछ देर तक रहती है ...बीच मे जीजू बोल परते हैं
जीजू- क्या बात कर रहा है बाबू और बेटू...
जुली दीदी- बात नही प्लानिंग कर रहा है देखो न कैसे चोंच में चोंच सटा के बात कर रहा है.. (जुली दीदी बिल्कुल अपनी बुर की होंठ जीजू के लंड के टोपा में सटाये हुए)
जीजू- मैं बोलू क्या प्लानिंग कर रहा है..
जुली दीदी- हां बोलिये क्या प्लान कर रहा है...
जीजू- दोनों रात में होने वाले मैच के बारे में बात कर रहा है दोनों आपस मे शर्त लगा रहा है बाबू बोल रहा है मैं जीतूंगा बेटू बोल रही है मैं जीतूंगी....
जुली दीदी- अच्छा ऐसा क्या फिर तो मैच बहुत रोमांचक होगी...और दीदी, जीजू के मुंह पे अपनी बुर रगड़ दी ....
और नीचे बेड से नीचे उतर गई अपने हाथ मे ब्रा पेंटी लिए हुए खड़ी थी...
जीजू- अपनी मोबाइल उठा के फोटो क्लिक कर लिए ...
जुली दीदी- अपनी चूची पे ब्रा की हुक लगा रही थी.... और पेंटी पहनने वाली थी..
जीजू- जुली नीचे देखो न झांट बड़ी हो गयी है चाटने में बहुत दिक्कत होती है...
जुली दीदी- आप न बहुत खडूस हो न मुझे खुद बनाने देते हो और न आपको बनाने का फुर्सत रहता है मैं उसी दिन ट्रीमिंग करने जा रही थी न आप मना कर दिए मैं अच्छे से बना दूंगा और 10 दिन हो गए अभी तक बना हिं रहे हैं...
जीजू- हां यहां से जाते हिं पक्का बना दूंगा...
जुली दीदी- कपड़ा पहन कर जीजू के कान में बोलती है -" अपने लौड़ा को तैयार रखियेगा आपकी लौड़ा की सारी रस निचोड़ लुंगी...
और नीचे की और आने लगती है सीढ़ी से...
उधर खुशी भाभी भी ठीक उसी वक्त अपने रूम से निकलती है....
जुली दीदी- गुड मॉर्निंग भाभी...
मुसकराती हुई अभी जगी हो भाभी ...
खुशी भाभी- गुड मॉर्निंग..ननद रानी
मुस्कराते हुए हां ऐसे मेरी ननद रानी भी अभी हिं जगी है...
जुली दी- हाँ भाभी...
दोनों की आगे बढ़ती है...देखती ही माँ की गेट अभी लगी हुई हिं थी...
जुली कन्फर्म करने के लिए हाथ से हल्का धक्का देती है तो पता चल जाता है गेट अंदर से हिं लगी है...दोनों मुस्कराते हुए बाथरूम की और जाती है....
बाथरूम में ..
जुली दीदी- हँसते हुए.... भाभी सालगिरह की रात थी आपकी और गेट लगी है अभी तक मम्मी की....
खुशी भाभी- याद है ननद रानी रात में किचन में मम्मी बोल रही न पापा के बारे में ओवरटाइम वाली बात...कहीं कुछ ज्यादा ओवरटाइम हो गयी होगी...
टायलेट के साथ अटैच बाथरूम है एक गेट अंदर से हिं है....
जुली दीदी को जोर की पेसाब लगी थी और तेज सर्सरसर सरसर्रा सर्सरसर सरसर की आवाज़ आती है
इधर भाभी ब्रश कर रही थी ...दीदी अनादर से निकलती है
भाभी- ननद रानी कुछ जादें जोर से प्रेशर थी रात में पेसाब करने के लिए भी समय नही दिए क्या ननदोई जी...
जुली दीदी- हंसती हुई रात में बैकग्राउंड की सेवा हुई ..थोड़ी बहुत लगी थी रोक ली और ओवरटाइम ड्यूटी लगी नही थी इसलिए ....हाथ धो के जुली भाभी से सट के खड़ी थी अचानक कुछ याद आता है और बोलती है...
अपनी एक हाथ साड़ी के ऊपर ठीक बुर पे रखते हुए...भाभी के कान में बोलती है भाभी रात में केक जो लगाई थी कुछ दिक्कत तो नही हुआ न....
भाभी- अपनी मुंह से थूक फेक के जुली के कान के पास सरारती अन्दाज़ में वो तो आपके भैया चाट लिए सारे के सारे....
जुली दी- ऐसी बात सुन के साड़ी के ऊपर से हिं भाभी की बुर को निचोड़ दी...
दोनों बाथरूम से फ्रेश हो के निकल रहे थे कि दोनों की नज़र रेखा मम्मी पे पड़ी जो एक हाथ आंख मलते हुए और दूसरी हाथ पिछवाड़े खुजला रही थी और बाथरूम की तरफ हिं आ रही थी
दोनों मम्मी को गुड मॉर्निंग किये...
रेखा माँ- गुड मॉर्निंग कहते हुए जल्दी से अंदर घुस गए..
आपस मे धीरे दोनों एक दूसरे से-
खुशी भाभी- ऐसा लग रहा है मम्मी अभी जगी हिं है
जुली दी- देख नही रहे थे भाभी बैकग्राउंड हिं खुजलाते हुए आ रही थी लगता है मम्मी की सेवा पीछे से हिं हुई है और आगे की और बढ़ती है...
खुशी भाभी- मुंह पे उंगली डाल के चुप रहने का इशारा की और दोनों गेट के पास कान लगा दी
अंदर से तेज पेसाब की धार सरर सर्रर्रर सर्रर्रर सर्रर्रर सर्रर्रर.......
सर्रर्रर सर्रर्रर सर्रर्रर सर्रर्रर
फिर दोनों किचन की और आ जाती है
खुशी भाभी- ननद रानी मैं इसलिए रोक ली कि सुनना चाहती थी कि किसकी प्रेशर तेज है मेरी ननद जी की या सासु मा की...
जुली दी- तो किसी तेज थी....
खुशी भाभी- मम्मी की
.इसी तरह हसी माजक चला दोनों के नास्ता बनाने लगे...इधर सब कोई फ्रेश भी हो गया
11 Am नास्ता के टेबल पे....