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Raj_sharma

यतो धर्मस्ततो जयः ||❣️
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Raj_sharma

यतो धर्मस्ततो जयः ||❣️
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Rudra Roy

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Sir aap rahene do aap se na ho payega. Erotica ke nam pe pata nahi kya bc khiche ja rahe ho, there is so much potential in this story to create something realy hot but tumhe unnecessary charecters ko introduce karne me pata nahi kya maja aaraha hai wo v without proper execution. Story me bohot sare hot subplots add kiye ja sakte the jaise ke Aman ka apne bardte age ke sath Shandhya se akarshit hona or uske or karib ana or chhuna ....sath hi me jab Abhay ne Aman ko college me mara to uske bad Aman ko kisi tarah se ye pata chalana ki Abhay hi Shandhya ka beta hai, to usse badala lene ke liye Shandhya ke or karib ana usse masti karna or Abhay ke presence me college me apne dosto ke samne iska show off karna take Abhay v ye sab sun sake or tardpe ki kaise usne uski maa ke sath maje mar raha hai or dusari tarah Shandhya Aman ki sari harkato ko ek beta ka apni maa ke liye pyar samjh kar ignore karna per isase Abhay ke dill me apni maa ke liye or jyada naphrat or ghrina paida hona.
 

Kuchnahi24

त्वयि मे'नन्या विश्वरूपा
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100% ,
Abhi kaam chalu hai :?:
Oops devil wali id se bolna tha

100% ,
Abhi kaam chalu hai :?:
Oops devil wali id se bolna tha bc:runaway:
Are Supreme Raj Sharma update de do chahe kisi bhi id se de do apne devil ko jagao yaar kitna wait karwaoge
Jab dekho dono khandhar mai pade rahte ho
 

Raj_sharma

यतो धर्मस्ततो जयः ||❣️
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Sir aap rahene do aap se na ho payega. Erotica ke nam pe pata nahi kya bc khiche ja rahe ho, there is so much potential in this story to create something realy hot but tumhe unnecessary charecters ko introduce karne me pata nahi kya maja aaraha hai wo v without proper execution. Story me bohot sare hot subplots add kiye ja sakte the jaise ke Aman ka apne bardte age ke sath Shandhya se akarshit hona or uske or karib ana or chhuna ....sath hi me jab Abhay ne Aman ko college me mara to uske bad Aman ko kisi tarah se ye pata chalana ki Abhay hi Shandhya ka beta hai, to usse badala lene ke liye Shandhya ke or karib ana usse masti karna or Abhay ke presence me college me apne dosto ke samne iska show off karna take Abhay v ye sab sun sake or tardpe ki kaise usne uski maa ke sath maje mar raha hai or dusari tarah Shandhya Aman ki sari harkato ko ek beta ka apni maa ke liye pyar samjh kar ignore karna per isase Abhay ke dill me apni maa ke liye or jyada naphrat or ghrina paida hona.
Konsi duniya me hai be?
Agar tujh me jyada hi potential hai to tu bhi likh ek story 👍 gyan pelne me kya time lagta hai,
 

Raj_sharma

यतो धर्मस्ततो जयः ||❣️
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Are Supreme Raj Sharma update de do chahe kisi bhi id se de do apne devil ko jagao yaar kitna wait karwaoge
Jab dekho dono khandhar mai pade rahte ho
Tujhe kya maloom khandhar me kya kya hai :toohappy:
 

DEVIL MAXIMUM

"सर्वेभ्यः सर्वभावेभ्यः सर्वात्मना नमः।"
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UPDATE 21

FLASHBACK CONTINUE


अपनी कार से उतर के रंजीत मेरे सामने आया और बोला...


रंजीत – कैसे हो बेटा कही जा रहे हो आओ मैं छोड़ देता हू


में – जी शुक्रिया में पैदल ही चला जाऊंगा


रंजीत – अरे तुम तो अभी भी नाराज हो मुझसे माफ कर देना उस दिन के लिए मैंने वो सारे काम छोड़ दिए है


मैं – देखिए मुझे उन सब बातो से कोई लेना देना नही है और ना ही मुझे आपकी किसी मदद की जरूरत है मुझे जाने दीजिए यहां से बस


रंजीत – अच्छा ठीक है तुम जाना चाहते हो ठीक है जाओ लेकिन प्लीज मेरी एक मदद कर दो


मैं – (हैरान होके) मदद , लेकिन मैं भला आपकी क्या मदद कर सकता हूं


रंजीत – सिर्फ तुम ही कर सकते हो मेरी मदद प्लीज


मैं – अच्छा ठीक है बताए मैं आपकी क्या मदद कर सकता हूं


रंजीत – एक काम करते है में अभी पास के दुकान में जा रहा हू तुम मेरे साथ चलो वहा बैठ के आराम मैं तुम्हे सब बात बताऊंगा


मैं –(मन में – क्या मुसीबत है यार) अच्छा ठीक है लेकिन मैं ज्यादा देर नहीं रूकुगा घर भी जल्दी जाना है मुझे


रंजीत – ठीक है आओ बैठो कार में..


मैं रंजीत के साथ उसकी कार में बैठ गया मुझे नही पता था वो मुझे कहा लेके जा रहा है कुछ देर बाद उसने कार को रोका एक सुनसान हाईवे पर कहा पर दूर दूर तक किसी का नामोनिशान तक नही था...


मैं – आप तो किसी दुकान में चल के बात करने वाले थे लेकिन यहां पे...


रंजीत – (हस के) बात ऐसी है की मुझे तुमसे जो जरूरी बात करनी है वो सिर्फ यही हो सकती है मिस्टर अभय


मैं –(चौक के) क्या कहा आपने अभी अभय ये कॉन है


रंजीत – (हस्ते हुए) मिस्टर अभय नाटक करने की जरूरत नही है अब तुम्हे मै अच्छे से जान चुका हू तुम्हारी असलीयत


मैं – (रंजीत की आखों में आखें डाल के) जब जान चुके हो तो अब मतलब की बात करो


रंजीत – देखो मुझे इन सब बातो से कोई लेना देना नही है हा अगर मेरा काम कर दोगे तो सही सलामत यहां से जा सकते हो तुम वर्ना


मैं – वर्ना क्या...


इतना बोला था मैने की तभी सड़क की साइड की झाड़ियों से 4 आदमी नकल के सामने आ गए मेरे


मैं – (चारो को देख के रंजीत से) तो आप मुझे मरना चाहते हो यही ना


रंजीत –(हस्ते हुए) अरे नही नही तुम्हे क्यों मरुगा मैं भला सोने के अंडा देने वाली मुर्गी को कोई मरता है क्या


मैं – (कुछ ना समझते हुए) क्या मतलब है आपका...


तभी रंजीत ने अपनी कार से बंदूत निकाली और फिर उन चारो को मार दिया और बंदूक मेरे ऊपर फेकी जल्द बाजी में मैने गलती से उस बंदूक को पकड़ लिया...


मैं –(चौक के) ये क्या किया आपने क्यों मार दिया इनको


रंजीत –(मेरे पास आके अपने रूमाल से बंदूक को मेरे हाथ से लेके बोला) इनको मैने नही तुमने मारा है अभय


मैं –(चौकते हुए) मैने नही तुमने मारा है इन चारो को मेरे सामने


रंजीत – (अभय को हाथ में हटकड़ी पहना के) तुमने मारा है


मैं – मुझे हटकड़ी क्यों पहनाई आपने


रंजीत – (हस्ते हुए) मुजरिमों को हटकड़ी पहनाई जाति है मिस्टर अभय


मैं – लेकिन आप तो मुझे बात करने के लिए...


रंजीत – बात और काम यही था अब जिंदीगी भर जेल में रहोगे तब बताते रहना की ये तुमने नही किया लेकिन कोई नही मानेगा हा अगर मेरी बात मानोगे तो ये सब यही खतम समझो


मैं – क्या मतलब है तुम्हारा


रंजीत –(हस्ते हुए) ओह तो आप से तुम पे आ गए तुम कोई बात नही तो सुन अभी इस वक्त तू शालिनी को कॉल करेगा और बोलेगा की मैने तुझे गुडो से बचाया है ताकि...


मैं – ताकी शालिनी आंटी तुम्हे अच्छा समझे और घर में रहने दे यही ना


रंजीत – समझदार हो तुम अब जल्दी से कॉल करके बोलो और ये किस्सा यही खत्म समझे अभय


मैं – तुझे जो करना है कर ले मैं एसा कुछ नही करने वाला हू और तूने जो अभी किया मैं नही डरता क्यों की मैं जानता हूं शालिनी आंटी कभी नही मानेगी इस बात को


रंजीत – ठीक है चल तेरी शालिनी आंटी तो क्या कानून भी मानेगा जब मैं ये वीडियो दिखाऊंगा तब पता चलेगा तेरी बात सच है या झूठ


फिर रंजीत मुझे अपनी कार में लेजा के जेल में बंद कर दिया लेकिन जल्द बाजी में एक गलती की गया रंजीत मेरे मोबाइल के बारे में भूल गया था जबकि ना जाने कैसे इस वक्त मेरा माइंड काम कर गया जब रंजीत मुझे लेके जा रहा था अपनी मदद के बहाने से तभी मैंने अपने मोबाइल पे वीडियो रिकॉर्डिंग शुरू करके मोबाइल अपनी शर्ट की पॉकेट में डाल दिया था लॉक अप में आते ही मैंने वीडियो रिकॉर्डिंग बंद की ओर चुपके से शालिनी आंटी को वीडियो भेज दी साथ में मैसेज में सब बात बता दी...


थोड़ी देर बाद शालिनी आंटी आई अपनी पुलिस टीम के साथ आते ही उनकी नजर लॉकअप में पड़ी जहा मैं बैठा था गेट से ही शालिनी आंटी ने चिल्ला के बोला....


शालिनी –(चिल्ला के गुस्से में) किसकी इतनी हिम्मत हुए जिसने मेरे बेटे को लॉकअप में बंद किया है


उनकी आवाज सुन के 2 हवलदार दौड़ते हुए आंटी के सामने आए तुरंत सैल्यूट किया...


हवलदार –(सैल्यूट करके) जय हिंद मैडम , इनको रंजीत सिर ने लॉकअप में डाला है


शालिनी – अभी के अभी निकालो बाहर इसे


हवलदार – जी मैडम


बोल के लॉकअप से मुझे निकला मैं तुरंत गया शालिनी आंटी के पास मैं कुछ बोलता तभी आंटी ने बोला....


शालिनी – अभय जाके कार में बैठो


तभी रंजीत सामने आया मुझे लॉकअप से बाहर देख हवलदार से बोला...


रंजीत –(हवलदार से) इस खूनी को बाहर किसके कहने से निकाला तूने


शालिनी –(बीच में बोली) मेरे कहने पर निकला गया है इसे तुम्हे कोई तकलीफ


रंजीत – ये खूनी है इसने चार लोगो का मर्डर किया है मैने इसे रंगे हाथो पकड़ा है साथ में बंदूक जिसमे इसकी उंगलियों के निशान है ये अब कही नही जा सकता है (हवलदार से) डालो इस खूनी को जेल में


शालिनी – (बीच में रोकते हुए) बड़ी जल्दी तुमने फिंगर प्रिंट मिला लिए , खेर तुम्हारे लिए अच्छा ये होगा इसे जाने दो...


रंजीत – (बीच में) हा ये जाएगा जरूर लेकिन जेल में क्यों की मैने एफ आई आर लिख दी है


शालिनी – (हस्ते हुए अपने मोबाइल में कुछ करती है तभी रंजीत के मोबाइल में मैसेज टोन बजती है जिसके बाद) कुछ और बोलने से पहले जरा अपना मोबाइल चेक कर लेना फिर बात करना मुझसे


रंजीत जैसे अपना मोबाइल देखता है तो देखता ही रह जाता है और तभी एक नजर मुझे देखता है मै मुस्कुरा के रंजीत को देख रहा था जिसके बाद रंजीत कुछ नही बोलता बस सिर नीचे करके के खड़ा रहता है शालिनी आंटी के सामने फिर आंटी बोली...


शालिनी – (हवलदार से बोली) अपने साहेब को बोल देना की डी आई जी शालिनी सिन्हा अपने बेटे को लेके जा रही है...


इसके बाद शालिनी आंटी मेरा हाथ पकड़ के मुझे लेके चलने लगी और मैं सिर्फ शालिनी आंटी को देखे जा रहा था रास्ते भर घर के बाहर कार रोकते ही शालिनी आंटी कुछ बोल रही थी लेकिन मैं सिर्फ उनको देख रहा था और शायद आंटी को भी मेरी स्तिथि समझ आई तभी आंटी बोली...


शालिनी – (अभय के गाल में हाथ रख के मुस्कुरा के) घर आगया अभय


मैं – (होश में आते हुए घर की तरफ देखा बोला) जी....जी आंटी मैं वो...


शालिनी – (गाल पे हाथ रख हल्का सा हस के) कोई बात नही बेटा तुम घर में जाके आराम करो मैं काम निपटा के आती हू फिर बात करेगे..


मैं कार से उतरा जबकि शालिनी आंटी मुस्कुरा के देख रही थी उसके बाद उनकी कार आगे चली गई मैं बस उनकी कार को जाते हुए देखता रहा जब तक मेरी नजरो से ओझल ना हो गई उनकी कार , घर आके मैं एक बात सोच रहा था की कैसे आंटी ने पुलिस स्टेशन में चिल्ला के मुझे अपना बेटा बताया दिल में अजीब सी बेचैनी थी या खुशी समझ नहीं पा रहा था मैं जाने कितनी देर तक हाल में खड़ा सोचता रहा दरवाजे की घंटी बजने से मैं होश में आया देखा तो आंटी आई थी मुझे देख के बोली...


शालिनी – तुम अभी तक इन्ही कपड़ो में हो , बदले नही


मैं – हा....वो....नही...


कुछ समझ ही नही आ रहा था क्या बोलूं मैं शायद आंटी इस बात को समझ गई थी तभी बोली...


शालिनी – कोई बात नही जल्दी से चेंज कर लो तुम मैं भी फ्रेश हो के आती हू फिर रेस्टोरेंट में चलते है वही साथ में खाना खायेंगे..


बोल के आंटी चली गई मैं भी कमरे में चला गया थोड़ी देर में तयार होके हमदोनो रेस्टोरेंट गए खाना ऑर्डर करने की बात में मैं बोला...


मैं – आज दीदी कहा है आई नही ना कॉल आया


शालिनी – (मुस्कुरा के) तेरी दीदी किसी काम से बाहर गई है तुझे कॉल किया था तूने रिसीव नहीं किया...


जब मैंने मोबाइल देखा तो सच में दीदी के मिस कॉल थे...

शालिनी – चल छोड़ ये बता क्या ऑर्डर करें आज का खाना तेरी पसंद का खायेगे


ऑर्डर देने के बाद खाना खा रहे थे हम दोनो तभी दूसरे टेबल पर कोई कपल बैठा था 3 लड़के उनके पास आके लड़की को छेड़ रहे थे आंटी और मैने देखा तो आंटी मुझे एक मिनिट बोल के उस तरफ गई बात करने मैं भी उनके पीछे गया , आंटी तक आता के तभी आंटी ने कुछ बोला लड़के को तो लड़के ने आंटी को जोर से धक्का दिया जिससे आंटी दिसबैलेंस हुई लेकिन मैने पकड़ लिया आंटी को गिरने से गुस्से में मैं गया उन लड़को के पास बिना कुछ बात किया उन तीनो को मारने लगा बिना उन्हें कोई मौका दिए लेकिन आंटी ने आके मुझे रोक लिया...


शालिनी – रुक जा बेटा मर जाएगा वो रुक जा


मैं – इनकी हिम्मत कैसे हुई आपको धक्का देने की , है कॉन ये तीनों , औकात क्या है इनकी आपसे बतमीजी की...


बोल के तभी मैंने देखा एक लड़का खड़ा हुआ था गुस्से में उसको एक लात मार दी वो टेबल पे जाके गिरा जोर से लेकिन आंटी मेरा हाथ पकड़ के अपनी टेबल पर ले गई मेरे बगल में बैठ के अपने हाथो से पानी पिलाया थोड़ा शांत हुआ मैं तब हम दोनो खाना खा रहे थे तभी पुलिस आई वहा पर आंटी को देख के सैल्यूट किया और आंटी ने उन्हें तीनों लड़को की तरफ इशारा किया बात को समझ के पुलिस उन तीनो को लेके गई मैं और आंटी खाना खा के घर निकल गए घर आते ही...


शालिनी – तूने लड़ना कहा से सीखा , अगर एक पल की देरी होती मुझे तो तूने उसे मार दिया होता कहा से सीखा तूने ये सब


मैं – वो आंटी फिल्मे देख देख के सीखा साथ साथ ही एक्सरसाइज के वक्त प्रैक्टिस करता था लड़ने की , रेस्टोरेंट में गुस्सा आ गया था मुझे जब आपको धक्का दिया उसने


शालिनी – (अभय से सिर में हाथ फेर के) अपनी ताकत का इस्तमाल करना है तो सही से करो अभय गुस्से में या जोश में होश खो के कही कोई गलती मत कर बैठना


मैं – जी (थोड़ा रुक के) आपसे एक बात पूछना चाहता हू


शालिनी – यही ना मुझे कैस पता तेरा नाम अभय है (मुस्कुरा के) पहली बार तुझे मिलने पर जब तूने बोला कोई नही तेरा तभी मुझे शक हुआ तुम झूठ बोल रहे हो मैने पता लगाया था इस बात का लेकिन मुझे तुम्हारा अंदाज और भोला पन बहुत अच्छा लगा इसीलिए मैंने सोच लिया तुम मेरे साथ रहोगे 3 से 4 दिन में मुझे मेरे सूत्रों से पता चल गया था तुम्हारे बारे में , जान के यकीन नही हुआ क्योंकि तुम्हारा वहवार बिल्कुल वैसा था जैसा मुझे जानकारी मिली थी , हा अब तक इंतजार में थी की कब तुम खुद बोलोगे अपने बारे में....


बोल के आंटी मुस्कुरा रही थी उनकी बात सुन के मैने उनको सब कुछ सच सच बता दिया अपने बारे में जिसे सुन के आंटी बोली..


शालिनी – अभय जो भी हो ये घर तेरा है और तुझे वहा नही जाना है ना मत जा कोई तेरे से जबरदस्ती नही करेगा ये तेरी जिंदीगी है , तुझे जो अच्छा लगे वो कर मैं तेरे साथ हूं हमेशा।


खाने के बाद हम अपने कमरे में गए सोने लेकिन आज नीद कोसो दूर थी मेरी आखों से मन बेचने था जिस खुशी को मैं डूडता फिर रहा था वो मिली लेकिन बेचनी मेरे मन में चल रहे थी की करू तो क्या करूं मैं बाबा की कही बात नही मानता तो मेरे अपनो को खो ने का डर था और मानता हू तो शालिनी आंटी और दीदी से दूर होने का डर सता रहा था मुझे कुछ समझ नही आ रहा था तो उठ के चला गया आंटी के कमरे में कमरे को खटखटाया..


शालिनी –आजाओ अभय खुला है कमरा


मैं कमरे में गया आंटी बेड में बैठी लैपटॉप में काम कर रही थी मुझे देख बोली....


शालिनी – आओ अभय क्या हुआ आज नीद नही आ रही है क्या


मैं – नही आंटी जाने क्यों मन में अजीब बेचनी सी हो रही है


शालिनी – (चौक के) क्यों क्या हुआ अभय तेरी तबीयत ठीक है ना


फिर मैने आंटी को बाबा वाली बात बताई आंटी बोली....


शालिनी – इसमें सोचने वाली क्या बात है अभय आखिर वो भी तेरे अपने है उनके लिए भी तेरा फर्ज बनता है इसीलिए मेरा तो कहना है तुझे जाना चाहिए वहा पर एक बार अगर तुझे न अच्छा लगे तो आ जाना यहां इसमें इतना सोचने की जरूरत नहीं है तुझे


मैं – आंटी एक बात और बतानी है उस दिन जब आप रंजीत अंकल से चिल्ला के बात कर रहे थे तब मैं दीदी से बात कर रहा था कॉल पर और गलती से....


शालिनी –(मुस्कुरा के) चांदनी ने सब सुन लिया यही ना , में पहले से जानती थी अगर चांदनी ना भी सुनती तो तू जरूर बता देता उसको मुझे उसकी चिंता नहीं है अभय एक ना एक दिन चांदनी को सच जानना ही था और हा तुझे उस रंजीत को अंकल कहने की कोई जरूरत नहीं है समझा कोई नही लगता है वो हमारा अब से


में – आंटी आज मैं आपके साथ सो जाऊ


शालिनी – (मुस्कुरा के) इसमें पूछना क्या तेरा घर है हम भी तेरे अपने है जहा मन की वहा सो जा पूछने की जरूरत नहीं हक से बोल बस।


उस रात आंटी के साथ सोया जाने कब नीद आई पता नही चला सुबह आंख खुली आंटी मुझे पीछे से गले लगा के सो रही थी मन जाने क्यों बहुत खुश था मेरा आज कुछ समय बाद हम तयार होके नाश्ता कर रहे थे की दीदी आ गई हमने साथ में नाश्ता साथ में किया फिर दीदी ने बोला.....


चांदनी – मां आज शहर के बाहर *** गांव के पास मेला लगा हुआ है वहा एक छोटा सा फंक्शन भी है आप और अभय चलो साथ में मजा करेगे वहा पर


शालिनी – अरे ना ना आज मेरी बहुत इंपोर्टेंट मीटिंग है ऑफिस में तुम दोनो चले जाओ मस्ती करो।


आंटी बोल कर चली गई फिर दीदी और मैं तयार होके निकल गए मेले की तरफ रास्ते में दीदी और मैं आपस में बाते करते जा रहे थे तभी मैने दीदी को मेरी मन में पड़ी उलझन और आंटी की सारी बात बता दी तब दीदी बोली....


चांदनी – तुझे पता है अभय मैं पुलिस फोर्स की सी बी आई टीम का हिस्सा हू मुझे भी सब जानकारी है तेरे बारे में लेकिन अभी कोई सवाल मत पूछना प्लीज शायद मैं समझा ना पाऊं तुझे हा तुझे यहीं सलाह दुगी तू अपने गांव जाके एडमिशन लेले कॉलेज में तू अकेला नहीं रहेगा वहा पर मैं भी वही आउगी तेरे पास जल्द ही


में – आप गांव में आओगे


चांदनी – हा वही आके बात बताऊगी तुझे , अब इन सब बातो को छोड़ अभय चल के आज दिन भर मस्ती करते है मेले में......


मुस्कुराते हुए हम हम आ गए मेले में घूमने क्योंकि मुझे हैरानी से ज्यादा हसी आ रही थी अपने आप पे की मेरे इलावा मेरे बारे में सब जानते है दीदी और आंटी और मैं उनके साथ रहने के बाद आज तक अंजान था इन बातो से यह सोचते हुए चल रहा था दीदी के साथ तभी मेरे मोबाइल पर प्राइवेट नंबर से कॉल आने लगा....


मैं – (दीदी से थोड़ा साइड में जाके कॉल रिसीव करके) हेलो कॉन


SEANIOUR – अपनी दीदी के साथ घूमने आए हो मेले में बहुत खूबसूरत लग रही है तेरी दीदी


मैं – फालतू की बकवास मत कर कॉन है तू क्यों कॉल किया तूने


SEANIOUR –(हस्ते हुए) तुझे ताकत चाहिए थी बदले में मेरी डील याद आया


मैं – तुम हो , लेकिन तुमने मुझे कॉन सा लड़ना सिखाया जो डील की बात कर रहे हो


SEANIOUR – बिना एक मौका दिए तूने कैसे मारा तीनों लड़को को रेस्टोरेंट में बता क्या बिना ताकत के कर सकता था तू


उसकी बात सुन के मैं सच में रात के बारे में सोच कर हैरान था शायद इसीलिए शालिनी आंटी ने मुझे कहा था ताकत का सही इस्तमाल करने के लिए यही सब बात सोच रहा था तभी फोन में आवाज आई...


SEANIOUR – ज्यादा सोचने का वक्त नहीं है तेरे पास डील पूरी करने का वक्त आ गया है


मैं – क्या मतलब है


SEANIOUR – मतलब इस मेले में चीफ गेस्ट बन के आने वालें को मरना होगा तुझे


में – (गुस्से में धीरे से) दिमाग खराब तो नही हो गया है तुम्हारा मैं कोई कातिल नही हू


SEANIOUR – तो तू डील कैंसल करना चाहता है यही ना


मैं – डील जरूर हुई है हमारी इसका मतलब ये नही की तेरे कहने पर किसी को भी मार डालूं


SEANIOUR – (हस्ते हुए) ठीक है आखरी बार देख ले अपनी प्यारी दीदी को कुछ ही देर में एक गोली तेजी से आके तेरे दीदी के भेजे को पार कर जाएगी फिर क्या जवाब देगा अपनी आंटी को एक अंजान के लिए मरने दिया अपनी दीदी को तूने


में – तुम ऐसा नहीं कर सकते


SEANIOUR – चिंता मत जब तेरी दीदी के भेजे को गोली पार करेगी तब तुझे यकीन आ जाएगा


मैं – देख प्लीज ऐसा मत करना बहुत मुश्किल से खुशी का एक पल मिली है मुझे उसे तू बर्बाद मत करना मैं कर दुगा तेरा काम


SEANIOUR – ठीक है दिखा अपना कमाल मैभी तो देखू तेरा निशाना कितना सटीक है


कॉल कट होने के बाद मैं दीदी के साथ घूमते घूमते फंक्शन की तरफ चला गया जहा पर चीफ गेस्ट आने वाला था कुछ वक्त बाद कुछ कार आई पुलिस के साथ एक आदमी चलते हुए स्टेज में आया जहा भाषण हुआ जिससे पता चला मुझे चीफ गेस्ट का नाम देवेन्द्र ठाकुर है कुछ वक्त तक बाकी लोगो की तरह मैं और दीदी वही रहे रबी देवेंद्र ठाकुर जाने लगा पुलिस वालो के साथ....


मैं –(दीदी से) दीदी मैं जरा वाशरूम होके आता हू


चांदनी – (एक तरफ इशारा करके) उस तरफ है जल्दी आना


हा बोल के मैं चला गया दीदी से नजर बचा के देवेंद्र ठाकुर की तरफ जाने लगा के तभी कही से कुछ नकाब पोषो ने आके हमला कर दिया देवेंद्र ठाकुर पर जिसके चलते कुछ पुलिस वाले मारे गए मेले के बाहर भगदड़ मच गई थी देवेंद्र ठाकुर अपनी कार में चुप के बैठा था दो नकाबपोशों ने कार में गोली चलाने लगे लेकिन बुलेटप्रूफ होने की वजह से कुछ नहीं हुआ देवेंद्र ठाकुर को बाकियों की तरह मैं भी छुप के सब देख रहा था तभी एक नकाबपोश पे मेरी नजर पड़ी जिसकी पीठ मेरी तरफ थी मौका देख....



GIF-20240808-111610-102
मैं दौड़ के उस तक गया उसके दोनो पैर को पकड़ के गिरा दिया और उसकी बंदूक से उसके सिर में गोली मर दी , गोली की आवाज से उसके बाकी के साथियों की नजर मुझ पर पड़ी जब तक वो कुछ करते मैने उसके पच साथियों को एक एक कर के मार दिया...


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तभी उसके एक साथी ने मुझ पर झपटा मरने के लिए लेकिन उसे भी मैने पटक दिया उसपे काबू कर लिया लेकिन उस नकाब पोश के बाकी के दो साथी भागे अपनी कार से उसपे गोली चलाने की कोशिश की लेकिन गोलियां खत्म हो गई थी बंदूक की इस बीच पुलिस ने आके उसे पकड़ लिया तभी मैंने देखा देवेंद्र ठाकुर मुझे देख रहा है उस तक जाता तभी सामने से दीदी को देखा जो भागते हुए आ रही थी उन्हे देख मजबूरन मुझे वहा से भागना पड़ा वर्ना दीदी को समझना मुश्किल हो जाता मेरे लिए...


कुछ देर बाद मैं दीदी के पीछे से आया तब तक देवेंद्र ठाकुर की कार जा चुकी थी दीदी मुझे देख के बोली....

चांदनी – अभय घर चल जल्दी से मां बुला रही है हमे

मैं – ठीक है दीदी

हम घर के लिए निकल गए रास्ते भर दीदी ने कुछ नही बोला नॉर्मल तरीके से कार चलती रही घर आते ही हम अन्दर गए जहा शालिनी आंटी हाल के सोफे में बैठी थी हमे देख आंटी मुस्कुरा के कुछ बोलने वाली थी की तभी एक चाटे की आवाज गूंज उठी हाल में.....CCCHHHHAAAATTTTAAAAKKKKKKK

चांदनी –(अभय को चाटा मार गुस्से में चिल्ला के) क्या कर रह था तू वहा पे हीरो बनने का बड़ा शौक है तुझे किसने कहा था तुझे बीच में पड़ने के लिए मरने देता उसे तू क्यों गया उसे बचाने के लिए बोल

शालिनी – (दीदी और मेरे बीच में आके) ये क्या बात्मीजी है चांदनी क्यों हाथ उठा रही है तू अभय पर

चांदनी – (गुस्से में सारी बात बता दी फिर बोली) मां ये बात आप इसे पूछो मेले में देवेंद्र ठाकुर पर हमला किया कुछ नकापोशो ने वो भी मशीनगन से और ये महाशय हीरो बन के बीच में कूद गए उसे बचाने के लिए , एक मिनट मां (अभय से) तूने बंदूक चलाना कहा से सीखा

शालिनी – मैने सिखाया इसे बंदूक चलाना

चांदनी – (हैरानी से) मां आपको इसे पढ़ने के लिए समझना चाहिए और आप इसे गन चलाना सीखा रहे हो , इसने एक पल के लिए भी नही सोचा (आंख में आसू लिए अभय से) अगर तुझे कुछ हो जाता वहा पर तो तेरी ये बहन वही खड़े खड़े अपना दम तोड़ देती...

दीदी के आसू देख और बात सुन के मैं खुद को रोक नहीं पाया और रोते हुए गले लग गया दीदी के...

मैं – (रोते हू) मुझे माफ कर दो दीदी मैं सच में पागल हू जो बिना सोचे इतनी बड़ी बेवकूफी कर गया माफ कर दो दीदी

शालिनी – (हम दोनो के सिर पर हाथ रख के बोली) चलो अब चुप हो जाओ दोनो इतने बड़े हो गए हो दोनो बच्चो की तरह रोते हो बस , (अभय से) एक बात बता सच सच तूने सच में 6 लोगो को मारा एक बार में

चांदनी – मां आप फिर से

शालिनी – तू चुप कर , तू बोल अभय

मैं – जी आंटी

शालिनी –(मुस्कुरा के) शाबाश बहुत अच्छा किया तूने काश मैं भी वहा पर होती देखने के लिए खेर , लेकिन अभय अब तुझे जाना पड़ेगा यहां से क्योंकि उसके दो साथी भाग गए है और उन्होंने तुझे देख लिया है वो कोई मामूली मुजरिम नही है अभय मोस्ट वांटेड है मेले में फिलहाल किसी को नही पता ये सब कैसे हुआ है

चांदनी – मां आगे की पढ़ाई के लिए अभय का गांव जाना ही बेहतर रहेगा वहा इसे कोई नही जानता इसके लिए वही सेफ जगह रहेगी

शालिनी – हा ये अच्छा तरीका है (अभय से) तू जाने की तयारी कर बेटा कल ही , मैं ट्रेन की टिकट बुक करती हू..

बोल के शालिनी आंटी कॉल पे किसी से बात करने लगी मैं और दीदी कमरे में चले गए...

मैं – (दीदी से) अभी भी नाराज हो आप दीदी

चांदनी – (गुस्से में) हा तूने मुझ से क्यों छुपाया की तूने बंदूक चलाना सीखा है , मैं मना कर देती क्या

मैं – नही दीदी बात ये नही है लेकिन आपसे एक बात और भी करनी है मुझे , आपको मेरी कसम है दीदी ये बात आप किसी को नहीं बोलोगे अपने तक रखोगे आप इस बात को

चांदनी – आखिर ऐसी क्या बात है जो मुझे कसम दे रहा है तू अपनी..

तब मैंने दीदी को अपनी ओर SEANIOUR की हुए मुलाकात और डील के बारे में बता दिया साथ ही मेले में जो हुआ वो भी जिसे सुन के दीदी बोली...

चांदनी – (गुस्से में) तेरा दिमाग तो नही खराब हो गया है अभय ये किस तरह की डील हुए ऐसा कैसे हो सकता है एक इंजेक्शन से ताकत देना किसी को (कुछ मिनट चुप हो गई दीदी जैसे कुछ सोच रही हो फिर कमरे से बाहर चली गई जब वापस आई बोली) अपने हाथ आगे बड़ा अभय..

हाथ आगे करते ही दीदी ने मेरे खून का 5 सैंपल लेके उसे एक बॉक्स में बंद कर दिया और बोली...

चांदनी – कहा है वो आदमी मैं अभी मिल के आती हू उससे

मैं – वो वहा नही है दीदी आप उसे नही जानती हो वो मेरे हर मूवमेंट को जनता है साथ ही मेरे बारे में भी जनता है पता नही कैसे

चांदनी – तेरे बारे में सब जानता है इसका मतलब.... खेर ये सब बाद में अपनी पैकिंग कर कल निकलना है तुझे अपने गांव के लिए..

बोल के दीदी चली गई अपने बाग अटैची पैक करके रात सबने साथ में खाना खाया अगले दिन सुबह सुबह 5 बजे मेरी ट्रेन थी स्टेशन में ट्रेन खड़ी थी समान रख दिया मैने अपना ट्रेन चलने से पहले मैं शालिनी के गले लगा उन्होंने मुस्कुरा के मेरे सिर पे हाथ फेरा और बोली..

शालिनी – (मुस्कुरा के) वहा जाके घबराना मत जल्द ही तेरी दीदी भी वहा पर आएगी तेरे पास मन लगा के पढ़ाई करना बीच बीच मैं आऊंगी मिलने तुझसे...

तभी ट्रेन का सिग्नल हो गया मैं जाने लगा ट्रेन में बैठने तभी रुक के शालिनी आंटी के पास गया उनके पैर छू के ट्रेन में बैठ चढ़ गया मुस्कुरा के देखता रहा हाथो से बाय बाय का इशारा करते रहे हम एक दूसरे को जब तक एक दूसरे की आखों से ओझल ना हो गए जैस हे पलट के मैं अंदर जाने लगा तभी पीछे से किसी ने मेरे कंधे पर हाथ रखा जैस हे पलटा उसने मेरे सिर में बंदूक रख दी...

मैं –(उसे देख के) तुम यहां

SEANIOUR – भाग रहा है मुझ से बच के..

तभी मैंने उसके हाथ से उसकी गन छीन ली जिसके बाद मैं बोला...

मैं –(SEANIOUR को बंदूत दिखा के) अब क्या लेने आया है तू यहां पर

SEANIOUR – (हस्ते हुए) बहुत खूब Mr HERO बहुत खूब , अंदाज अच्छा है तुम्हारा

मैं – हस क्यों रहा है चुटकला सुनाया क्या

SEANIOUR – (हस्ते हुए) तेरी इस हरकत से मुझे एक किस्सा याद आ गया एक बार एक होटल में एक आदमी में जाता है और वेटर से बोलता है भाई गरमा गर्म क्या तो वेटर बोला है सर गरम खाना है फिर आदमी बोला भाई उससे ज्यादा गरम क्या है तो वेटर बोला सर दूध है फिर आदमी अरे भाई उससे ज्यादा गर्म क्या है तब वेटर बोला सर गरमा गर्म तवा है कहिए तो ले आऊं (जोर से हस्ते हुए) देखा जैस को तैसा मिल ही गया , बेटा तूने जो ये बंदूक पकड़ी है ना वो बिना उसके मालिक के उंगली के निशान के बिना नही चलती है..

मैने उसकी बात झूठ समझ बंदूक का ट्रिगर दबाने की कोशिश की लेकिन नही दबा तब उसने में हाथ से बंदूक लेके ट्रेन के बाहर एक गोली चलाई और बोला....

SEANIOUR – मजाक मैं करता नही किसी से जो बोलता हू वही करता हू अब एक बात अच्छे से अपने दिमाग में उतार दे तू मैने तुझे ताकत दी बदले में एक सौदा जो अभी तक बाकी है उसे कर देगा तो डील खतम हमारी

मैं – बातो से मामूली नही लगते तुम हो कॉन इतना सब कैसे जानते हो मेरे बारे में

SEANIOUR – KING 👑 हू मै , नाम सुना होगा न्यूज पेपर में लेकिन देखा किसी ने नहीं आज तूने देख लिया मुझे मामूली काम करना मेरी शान की खिलाफ है इसीलिए दोस्तो से करवाता हू काम अपने करने वालो को इनाम और माना करने वालो को जिंदीगी भर का कलंक देना मेरा काम है मेरे कॉल का इंतजार करना डील जब तक पूरी नहीं होती तब तक अपनी असलियत छुपा के रखना वर्ना कही कोई और मारा गया तो मुझे ब्लेम मत करना और ये बैग तेरे लिए रख ले काम आएगा जल्द ही...

बोल के चला गया SEANIOUR उसके बाद का तो तुझे पता है....

PRESENT

राज – अच्छा एक बात तो बता अभय शनाया मैडम का क्या हुआ

मैं – उनका ट्रांसफर हो गया किसी कॉलेज में अब वो वहा पर प्रिंसिपल ही

राज – तेरी बात सुन के मेरा मन होने लगा है शालिनी आंटी से मिलने का जैसे तूने बताए उससे तो यही लगता है तुझे अपना ही बेटा मानती है शालिनी आंटी

मैं – मैने कल कई साल बाद आंटी को मां बोला है बहुत खुश हुई रोई भी साथ में

राज – सही कहा है किसी ने जहा चाह होती है वहा राह मिल ही जाति है , जैसे शालिनी आंटी को चाह थी तेरे जैसे बेटे की ओर तुझे उनकी चाह में अपनी राह मिल गई , तो अब आगे क्या सोचा है तूने

मैं – सच बोलूं तो अभी कुछ नही सोचा मैने किसी के बारे में

राज – अच्छा क्या सच में एक इंजेक्शन लगाने से ताकत मिलती है क्या तेरी दीदी को पता चला तेरे खून के सैंपल से कुछ

मैं – कुछ भी नही भाई अगर ऐसी कोई बात होती तो दीदी कब का मुझे बता देती

राज – चल घर में साथ खाना खाते है वक्त भी हो गया है मां इंतजार कर रही होगी तुझे दिखेगी तो खुश हो जाएगी मां
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जारी रहेगा ✍️✍️✍️
 
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