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आप केसी सेक्स स्टोरी पढना चाहते है. ??

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junglecouple1984

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मौसी के साथ सेक्स के मज़े- 1


फ्रेंड्स, मेरा नाम सचिन है और ये हॉट सेक्स स्टोरी मेरी और मौसी के बीच हुए सेक्स की है

कहानी उन दिनों की है जब मैं स्कूल में पढ़ता था और उन दिनों में नाना नानी के घर में था.

मेरे नाना जी बैंक में ऑफिसर थे तो मीटिंग आदि के कारण उनका शहर से बाहर आना जाना लगा रहता था.

वे कभी कभी तो 7-8 दिन के लिए भी बाहर चले जाते थे.
उस वक्त मैं नानी के घर में उनके ही साथ में रहा करता था और अपनी स्टडी करता था.

मेरे नाना के दूर के रिश्ते में कोई भतीजी या भानजी है जिनको मैं मौसी बोलता था.
उनकी उम्र 40-42 के बीच की थी और वे किसी पास के गांव में रहती थीं.
उनके पति किसी दूर के शहर में अलग रहते थे.

मौसी के साथ उनका एक लड़का रहता था.
उसकी गांव में मोबाइल की शॉप थी.

मौसी थोड़ी स्थूल थीं और उनका कद भी मध्यम आकार का ही था.
हम उन्हें छोटे कद वाली महिला भी कह सकते हैं.
कम कद के कारण उनके फूले हुए बूब्स बहुत सेक्सी व टाइट थे.
वे साड़ी पहना करती हैं.

उनकी तबीयत कुछ दिन से खराब थी तो उनका बेटा उन्हें दिखाने शहर के बड़े अस्पताल ले आया था.
मौसी को डॉक्टर ने कुछ दिन चैकअप के लिए रोजाना हॉस्पिटल आने के लिए बोला था.

मौसी को गांव से रोजाना शहर के अस्पताल दिखाने आने में कुछ दिक्कत होने लगी थी तो वे अपने बेटे के साथ मेरी नानी के घर आ गई थीं.

भैया ने मौसी को नानी के घर में ही रोक दिया था और मुझसे कहा- मैं शॉप में बिज़ी रहता हूँ, तो तू रोजाना हॉस्पिटल ले ज़ाकर चैकअप करवा दिया कर.
मैंने कहा- ठीक है भैया.

दोस्तो, उस टाइम मौसी के लिए मेरे मन में कुछ भी ग़लत ख्याल नहीं रहता था.
भैया चले गए और मौसी नानी के घर में रुक गईं.

नाना के घर में मैं, नानी और मौसी थे.
उस दिन मौसी और नानी घर के कामों में बिज़ी हो गई थीं.

मैं घर के आखिरी में बने कमरे में आ गया और पढ़ाई करने लगा.

उसके बाद मन नहीं लगा तो टाइम पास के लिए फोन में पॉर्न देखने लगा.
दोस्तो, स्टडी के बाद पॉर्न देखने का मेरा रोजाना का रुटीन था.

उस टाइम फोन में टू जी नेटवर्क चलता था तो पूरे दिन में एक या दो पॉर्न क्लिप्स डाउनलोड हो पाती थीं.
मैं अधिकतर फिल्म्स डाउनलोड करके ही देखता था क्योंकि सीधे देखो, तो हर फिल्म में चलते चलते गोल गोल सर्फिंग वाला पहिया घूमता रहता था.

मैं बहुत दिनों से पॉर्न देख कर हैंडजॉब नहीं कर रहा था, इसी वजह से … या ज़्यादा देर लंड खड़ा रहने की वजह से मेरे लंड की नसों में दर्द रहने लगा था.

उस दिन मेरा लंड कुछ ज्यादा ही दर्द कर रहा था, बहुत देर से अकड़ा हुआ भी था तो मैं किसी तरह से अपना दर्द सहन कर रहा था.

लेकिन जब लंड में बहुत तेज दर्द होने लगा तो मैं घर में पेनकिलर देखने लगा.

तभी मौसी ने पूछा- क्या हुआ, क्या देख रहा है?
मैं शर्म की वजह से कुछ बता नहीं पाया लेकिन मेरा दर्द बढ़ता ही जा रहा था.

मौसी मेरा चेहरा देख कर समझ गईं कि कुछ गड़बड़ है.
उनके बार बार पूछने पर मैंने बता दिया कि मौसी मेरी सुसू में बहुत दर्द हो रहा है.

मौसी ने मुझे बच्चा जैसे समझा और बोलीं- अच्छा तू लेट जा बेड पर, मैं बाम लगा देती हूँ … उससे आराम मिल जाएगा.

मैंने दर्द होने की वजह से हां बोल दिया और अपने रूम में जाकर बेड पर लेट गया.
मौसी रूम में बाम लेकर आईं और मेरी पैंट में एक साइड से हाथ डाल कर पेट के नीचे और जांघ के पास बाम लगाना शुरू कर दिया.

उन्होंने पूछा- यहां हो रहा है क्या?
यह कह कर उन्होंने वहीं बाम लगाना चालू कर दिया.

मैंने उनसे कहा- मौसी मुझे सुसू में और जांघ दोनों में दर्द हो रहा है.

मौसी ने धीरे धीरे एक हाथ से जांघ पर बाम लगाना चालू किया और लंड की नस में लगाती हुई पूछने लगीं- और कहां है?
मैंने उनसे कहा- पूरी सुसू में दर्द हो रहा है.

तो उन्होंने मुझे बच्चा समझ कर मेरे लंड को हाथ से पकड़ लिया.
मैं जोर से चिल्लाया- आह मौसी, बहुत दर्द हो रहा है!

उन्होंने मेरे लंड का अहसास किया और बोलीं- रुक जा, कुछ नहीं होगा.

अब उन्होंने लंड में बाम लगाना चालू कर दिया.
उन्हें बाम लगाने में दिक्कत हो रही थी तो उन्होंने मेरे पैंट और चड्डी को पकड़ कर नीचे खींच दिया.

मेरा लंड का साइज एकदम छोटा हो गया था और लौड़े पर हल्के हल्के बाल भी थे.

मौसी ने धीरे से उंगली से मेरे लंड को बाम लगाना शुरू किया और लौड़े को आगे पीछे करने लगीं.
मुझे दर्द के साथ मज़ा आने लगा.

फिर मेरा लंड धीरे धीरे कड़ा होने लगा.
मौसी के हाथ से लगाने पर मुझे अलग ही फीलिंग आने लगी थी.

कुछ ही पलों में मेरा लंड पूरी तरह से खड़ा हो गया था.

मौसी मेरे लौड़े को देख कर चौंक गईं कि इस झांट बराबर लौंडे का इतना बड़ा आइटम.

फिर उन्होंने लंड सहलाते हुए ही मुझसे पूछ ही लिया- अब कैसा लग रहा है?
मैंने कहा- अब दर्द कम है.

मेरा लंड पूरी लंबाई में खड़ा हो गया था.
मौसी भी देख रही थीं लेकिन उन्होंने कुछ कहा नहीं.

फिर मौसी ने मेरी पैंट और चड्डी ऊपर कर दी और वे रूम से बाहर चली गईं.

उसके बाद मैं सो गया लेकिन मौसी के हाथ का अहसास मुझे नींद में भी हो रहा था.
ये पहली बार था जब मौसी के लिए मुझे कुछ हो रहा था.

फिर रात हुई और हम तीनों यानि नानी, मैं और मौसी डबल बेड में सो गए.
मौसी दीवार की साइड में, बीच में मैं और नानी दूसरे किनारे पर सो गई थीं.

कमरे की बत्ती बंद थी.

लगभग 12 बजे मेरी नींद खुली तो मैंने देखा कि मैं नींद में ही मौसी के करीब आ चुका था.
मौसी गहरी नींद में थीं.

मैंने अपना एक पैर मौसी के पैर के पास ले जाकर टच किया.
लेकिन कोई हलचल नहीं हुई.

अब मैं हिम्मत करके अपना मुँह मौसी के बूब्स के पास ले गया और एक हाथ मौसी के पेट के ऊपर रख दिया.
मौसी अभी भी गहरी नींद में सोई हुई थीं.

मैंने कोशिश करके अपना मुँह मौसी के बूब्स के और करीब ले लिया.
अब मुझे मौसी की बॉडी की महक आ रही थी.

मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया.
मैं मौसी से और करीब होकर चिपक सा गया.

मेरी पोज़िशन इस तरह की थी कि मेरा मुँह मौसी के मम्मों को टच कर रहा था और हाथ कमर के ऊपर था.

मेरा एक पैर मौसी के पैर के ऊपर था.

दोस्तो, उस वक्त मुझे ऐसा लग रहा था जैसे मैं अभी ही मौसी को पकड़ कर चोद दूँ … लेकिन तभी मौसी की नींद खुल गई थी.
अब वे करवट बदल कर मेरी तरफ हो गईं और उन्होंने अपना एक हाथ मेरे ऊपर रख दिया.

हम दोनों एक दूसरे के ऊपर अपना हाथ रखे हुए थे.
मैंने एक कदम आगे बढ़ा कर मौसी के बूब्स के पास जाकर अपना मुँह टच कर दिया.

लेकिन मौसी नींद खुल गई थी, वह समझ गईं और उठ कर बाथरूम चली गईं.
वापस आकर मौसी दीवार की तरफ होकर सो गईं.

मैं डर गया था इसलिए मैं भी सो गया.

दोस्तो, अब अगले दिन मुझसे रहा नहीं जा रहा था.
मैंने आज फिर से नाटक किया कि दर्द हो रहा है.

आज मैं थोड़ा रोने भी लगा.
मौसी ने मुझसे कहा- तू मेरे साथ डॉक्टर के पास चल ही रहा है, तू भी उधर अपना चैकअप करा ले. मैं भी करा लूँगी.
मैंने कहा- मैं अभी नहीं जा सकता, मुझे जब आराम हो जाएगा … मैं तब जाऊंगा.

उन्होंने कहा- चल ठीक है.
उसके बाद वे मुझसे बेड पर सीधा लेटने को बोलीं.
मैं लेट गया.

उसके बाद मैंने खुद ही अपनी पैंट को नीचे कर लिया.
मौसी आज देख के कुछ सटपटा सी गईं क्योंकि रात की हरकत की वजह से उन्हें कुछ समझ में आ गया था.

लेकिन उन्होंने कुछ न कहते हुए बाम लगाना चालू कर दिया और धीरे से लंड में लगाने लगीं.
उनके हाथ का अहसास पाते ही मेरा लंड पूरा कड़क हो गया और मैं धीरे से आह आह की आवाज भी निकालने लगा- आह मौसी, बहुत अच्छा लग रहा है.

यह सब कहते कहते आज मेरा लंड पूरी उत्तेजना में आ गया और मौसी के हाथ में ही लंड का पानी निकल गया.

मैंने कहा- मौसी, आपके हाथ का अहसास पाकर मुझसे कंट्रोल नहीं हुआ!
मौसी कुछ नहीं बोलीं लेकिन उनको अच्छा नहीं लग रहा था.

वे समझ गई थीं कि मैं उनके लिए कुछ ग़लत फीलिंग ले रहा हूँ.
तो वे मुझे ऐसे ही छोड़ कर चली गईं और बाथरूम में हाथ साफ करने लगीं.

वे वापस आकर कहने लगीं- देख सचिन, मैं तेरी मौसी हूँ और तुझे बेटा समझ कर ही ये सब तेरी हेल्प कर रही थी. तू इतना ग़लत क्यों समझ रहा है?
यह कहती हुई मौसी थोड़ी गुस्सा हो गईं.

मैंने मौसी से माफी मांगते हुए कहा- मौसी सॉरी, मेरे मन में आपके लिए कोई गलत फीलिंग नहीं थी लेकिन मैं रोजाना पॉर्न देखता था और हैंडजॉब नहीं करता था … शायद इसी की वजह से मेरे लंड की नस दुखना चालू हो गई. फिर जब आपने टच किया तो मैं खुद पर कंट्रोल ही नहीं कर पाया. सॉरी … आप बहुत अच्छी लगने लगी हो मुझे.

उन्होंने मुझसे कहा- ये ग़लत है. तेरी मम्मी के बराबर की हूँ मैं … और तू ये सोच रहा है … और तू ये गंदी वीडियो मत देखा कर, अपनी पढ़ाई पर ध्यान दे. इस बार तेरे बोर्ड के एग्जाम हैं.
मैंने हां बोला और मौसी चली गईं.

लेकिन मेरे दिमाग में मौसी की चुदाई चल रही थी.
मैं कैसे भी मौसी को चोदना चाहता था.

अब मौसी नहाने चली गई थीं.
क्योंकि उन्हें डॉक्टर के पास जाना था और घर में कोई नहीं था इसलिए मुझे ही उनको लेकर जाना था.

भैया तो अपनी शॉप में बिज़ी रहने लगे थे.
मौसी नहाने चली गईं और वे दरवाजे को लगा कर नहाने लगीं.

घर के बाथरूम की कुण्डी थोड़ी ढीली थी, तो दरवाजा पूरी तरह से बंद नहीं होता था.
नानी बगीचे में काम कर रही थीं.

मैं किचन में पानी पीने आया तो किचन की विंडो से देखा कि मौसी के बाथरूम का दरवाजा थोड़ा खुला है.
बाथरूम की लाइट ऑन थी, इसलिए मुझे सब कुछ साफ दिख रहा था.

मौसी ने अपनी साड़ी उतार कर टांग दी थी. वे अब अपना ब्लाउज खोल रही थीं. कुछ ही पलों में ब्लाउज को भी उतार दिया और वे अपनी ब्रा को ढीला करके उसे उतार कर खूंटी पर लटका कर अपने दूध सहलाने लगीं.
मौसी सिर्फ पेटीकोट में थीं और बाल्टी से पानी डाल कर खुद को गीली करना चालू कर दिया.

फिर मौसी ने अपना पेटीकोट ढीला करके उसके अन्दर हाथ डालकर साबुन लगाना चालू किया.
वे शायद अपनी चड्डी में हाथ डाल कर छेद में साबुन लगा रही थीं. फिर उन्होंने अपने मम्मों को भी साबुन लगाया.

उसके बाद मौसी बैठ कर पानी डाल कर नहाने लगीं.
ये सीन देख के मैं अपने पैंट में हाथ डाल कर लंड हिलाने लगा.

मौसी का नहाना हो गया था. उन्होंने अपना पेटीकोट नीचे गिरा दिया और वे अब केवल एक गीली पैंटी में खड़ी थीं.
वे खूंटी से तौलिया लेकर शरीर पौंछने लगीं और फिर चड्डी उतार कर पूरी नंगी हो गईं.

न्यूड आंटी को देख मैं वासना की अग्नि में जल उठा.

उसके बाद मौसी ने पेटीकोट पहना और ब्लाउज पहन कर बाहर आ गईं.
बाहर साड़ी पहन कर मौसी तैयार होने लगीं.

उसी वक्त उन्होंने मुझे आवाज दी- सचिन, तू नहाने चला जा.
मैंने कहा- हां मौसी.

मैं बाथरूम में घुस गया और देखा मौसी कि ब्रा टंगी हुई थी और उनकी उतारी हुई गीली चड्डी नीचे पड़ी हुई थी.
मैंने चड्डी उठाई और हाथ में लेकर सूंघने लगा.

उनकी ब्रा को अपने लंड पर रख कर हिलाने लगा.
तभी मौसी की आवाज आई- कितना टाइम लगेगा, जल्दी कर … डॉक्टर के पास जाना है.

मैं नहा कर तैयार हो गया और मौसी के साथ डॉक्टर के पास जाने के निकलने लगा.
 
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junglecouple1984

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मौसी के साथ सेक्स के मज़े- 2


कहानी के पहले भाग

में अब तक आपने पढ़ा था कि मैंने मौसी को नंगी नहाते हुए देख लिया था और उन्हें अपने साथ ले जाने के लिए तैयार हो गया था.

अब आगे वाटर सेक्स का मजा:

मैंने बाइक निकाली और उन्हें इशारा किया तो मौसी मेरी पीठ से चिपक कर बैठ गईं.

हम चल दिए और जल्दी ही हम दोनों डॉक्टर के पास आ गए और उन्हें दिखा कर वहां से वापस घर आए.

घर वापसी में हमें कुछ टाइम लग गया था तो नानी कहीं चली गई थीं.

वे शायद अपने साथ वाली महिलाओं के साथ किसी कीर्तन मंडली में गई थीं.
अब घर में मैं और मौसी ही थे.

डॉक्टर ने मौसी को पीठ में लगाने के लिए क्रीम दी थी लेकिन मौसी खुद से नहीं लगा पा रही थीं.

चूंकि उस वक्त नानी भी नहीं थीं तो उन्होंने मुझे बुला कर कहा- तू ये क्रीम मेरे पीछे लगा दे.
मैंने कहा- हां लाओ.

मौसी बेड पर औंधी लेट गईं.
क्रीम लगाते हुए थोड़ी दिक्कत हो रही थी तो मैंने उनसे कहा- मौसी, ये क्रीम आपकी पूरी पीठ पर नहीं लग पा रही है.

यह सुनकर उन्होंने लेटे हुए ही अपने ब्लाउज के बटन खोल कर ब्लाउज को ढीला कर दिया और ब्रा का हुक खोल दिया.

अब मैं मौसी की पीठ में क्रीम को धीरे धीरे लगाने लगा और उनके मम्मों को साइड से टच करने लगा.
उनके पीछे बैठ कर अपने लंड को उनकी गांड से टच करने लगा.

मैंने धीमे से कहा- मौसी, आप अभी भी बहुत सेक्सी हो.
इतना सुनते ही वे मेरा इरादा समझ गईं और बोलीं- तू अभी बच्चा है, ये सब मत सोचा कर!

मैं बोला- कल से आप बहुत अच्छी लगने लगी हो.
वे बोलीं- कैसी अच्छी लगने लगी हूँ? क्या कल से पहले अच्छी नहीं थी?

मैं बोला- नहीं, पहले आपके लिए मेरे मन में कोई फीलिंग नहीं थी. पर जब से आप मेरे लंड को बाम लगाने लगी हो, तब से बहुत जबरदस्त फीलिंग आने लगी है.

वे मुझे सुनती रहीं मगर कुछ बोली नहीं!
तो मैंने उनको यह भी बोल दिया- मौसी, मैंने आज आपको नहाते हुए भी देखा था, सच में आप बिना कपड़ों के बहुत सेक्सी लग रही थीं.

मौसी ने मेरी तरफ़ गुस्से वाली निगाहों से देखा और बोलीं- तू कितना बेशर्म हो गया है!
मेरे से रहा नहीं गया और मैंने कह दिया- मौसी, मैं आपके साथ सेक्स करना चाहता हूँ.

इतना सुनते वे चुप हो गईं और उठ कर बैठ गईं.
मौसी कुछ पल रुक कर बोलीं- मैं ये सब तेरे साथ नहीं कर सकती.

यह कहते हुए उन्होंने मेरे गाल पर एक चांटा मार दिया और उठ कर अपनी ब्रा और ब्लाउज ठीक करके रूम से चली गईं.

उतने में डोरबेल बज गई.
नानी आ गई थीं.

मैं भी बाहर घूमने चला गया.

रात में नानी को बुखार आ गया था तो वे बोलीं- मैं पंखे में नहीं सोऊंगी.
यह कह कर वह सबसे आखिरी वाले कमरे में सोने चली गईं.

अब आगे वाले कमरे में मैं और मौसी एक ही बेड पर सोए हुए थे.

रात के एक बजे मैं मौसी के करीब आया और उनके पेट पर हाथ रख दिया.
साथ ही एक पैर को उनकी जांघ के ऊपर रख दिया और गहरी नींद में होने का नाटक करने लगा.

कुछ देर तक मौसी की तरफ से कोई हलचल नहीं हुई तो मैंने अपना मुँह मौसी के गाल के पास टच कर दिया और सो गया.

मैंने भी मन बना लिया था कि आज कुछ भी हो जाए, मैं मौसी को चोद कर ही रहूँगा.

अब मैंने मौसी के गाल को किस किया तो वे नींद से उठ गईं और बोलीं- क्या कर रहा है नालायक!

मैंने कहा- शांत रहो मौसी, मैं आपके बिना नहीं रह सकता हूँ. आप बहुत अच्छी लगती हो मुझे!

बस इतना बोल कर मैं उनके मम्मों को एक हाथ से दबाने लगा और गाल पर किस कर दिया.
जब वे कुछ नहीं बोलीं.

तो मैं मौसी के ऊपर चढ़ गया और अपने दोनों पैरों से उनके पैरों को दबा कर अपने दोनों हाथों से उन के दोनों हाथों को पकड़ लिया.
अब मौसी मुझे हटाना चाहती थीं लेकिन मैंने उनको लॉक सा कर दिया और गाल पर किस करना चालू कर दिया. साथ ही उनके होंठों पर किस करने लगा.

मौसी ने मेरा ज़्यादा विरोध नहीं किया और मेरे होंठों पर जोर से काट कर मुझे धक्का देकर खुद को छुड़ा लिया.
वे बाथरूम की तरफ भाग गईं, मैं उनके पीछे आ गया.

मौसी ने बिना बाथरूम की लाइट ऑन किए अन्दर जाकर बैठ गईं और पेशाब करने लगीं.
उन्होंने दरवाजा भी नहीं लगाया था.

मैं पीछे से गया और उनको बैठ कर घुमा दिया और उनके पीछे बैठ गया.

मौसी की पेशाब की आवाज आ रही थी ‘सर्र शर्र सुर्र …’

मैं उनके दूध दबाने लगा और एक हाथ को उनकी चूत में लगा दिया.
मेरा हाथ उनकी पेशाब से गीला हो गया.

मैं उनको पीछे से किस कर रहा था.
उनका मूतना खत्म हुआ तो वे अपनी चूत को पानी से साफ करने लगीं.

मैंने उनके हाथ से पानी का मग्गा छुड़ा कर उनको मना कर दिया.
वे खड़ी होकर चड्डी पहनने लगीं.

मैंने एक हाथ से उनकी चड्डी को पकड़ कर उन्हें पहनने से रोक दिया और पेटीकोट के अन्दर अपना मुँह डाल कर चूत में अपनी जीभ को रगड़ने लगा.

उनकी पेशाब से मेरा मुँह कुछ नमकीन और कसैला सा हो गया.
मैं उनकी चूत को चाटने लगा.

लगातार चूत चाटने की वजह से वे भी गर्म हो गईं और आवाजें निकालने लगीं.
उनकी तेज होती आवाजों से मुझे यह डर लगने लगा था कि कहीं तेज आवाजें सुनकर नानी ना आ जाएं.

मैंने मौसी का हाथ पकड़ा और हम दोनों बिस्तर पर आकर लेट गए.
अब मैं उनको पकड़ कर किस करने लगा और उनके दूध दबाने लगा.

मैंने मौसी के पेटीकोट को उठाया और उनके पैरों में फंसी उनकी पैंटी को निकाल लिया.
फिर मौसी का ब्लाउज खोल कर ब्रा को भी उतार दिया.

मैंने एक चादर भी पास में रख ली ताकि चुदाई करते टाइम नानी आ भी जाएं तो हम लोग जल्दी से खुद को ठीक से ढक लें.

कुछ देर बाद मैं मौसी से बोला- सोफे पर चलते हैं. अगर रात में नानी रूम में आईं तो मुझे सोफे के पास वाले दरवाजे से दिख जाएंगी.
अब मैंने मौसी को सोफ़े पर लेटा दिया और उनकी साड़ी ऊपर करके चूत चाटना शुरू कर दिया.

मैंने अपनी जीभ को उनकी चूत के दाने में रगड़ना शुरू कर दिया; साथ ही एक उंगली को भी चूत के अन्दर पेल दिया.

तब मैंने मौसी की चूत को लगातार चाटना शुरू किया.
तो मौसी पूरी तरह से उत्तेजित हो गईं और तेज तेज सांसों से सौं सौं करने लगीं.

मैंने देखा कि मौसी की भट्टी सुलगने लगी है.
तो मैंने उनकी एक टांग को उठाया और अपने एक कंधे पर रख लिया.

अब मैं उनकी चूत के साथ गांड के छेद को भी चाटने लगा.
वे बेहद कसमसाने लगी थीं.

कुछ ही देर में मैंने मौसी की जांघ को भी चाटना शुरू कर दिया.
मौसी की जांघों पर मूत की बूँदें लग गई थीं इसलिए उनकी जांघों को चाटने पर मुझे एकदम खट्टा सा स्वाद आ रहा था.

जांघ चूमने और चूसने के बाद मैंने मौसी को उठा दिया और उनके चूतड़ पर काटना शुरू कर दिया.
मौसी चिल्लाईं- आह कुत्ते … मत कर हरामी …

मैं पलट कर बोला- चुप कुतिया … बोल मत रंडी.
मैंने ऐसा कहा तो मौसी चुप हो गईं.

अब मैं उनके पेट को किस करने लगा और उनकी नाभि में अपने मुँह से थूक डाल कर चाटने लगा.
मौसी पूरी गर्म हो गई थीं और चोदने की कहने लगी थीं.

मैं उनके पेट पर मुँह से काटते हुए मम्मों के ऊपर मुँह से चाटना चालू किया और एक निप्पल को धीरे धीरे चूसने लगा.
फिर दोनों निप्पलों को एक साथ करके अपने मुँह में लेकर चूसने लगा.

उसके बाद मैंने अपना लोवर नीचे कर दिया और लंड को खोल कर आजाद कर दिया.
मौसी लंड देखने लगीं, तो मैंने उनके हाथ में लंड दे दिया.

अब मौसी मेरे लंड को सहलाने लगीं और मुँह खोलती हुई बोलीं- आज तो तेरा कुछ ज़्यादा ही बड़ा हो गया है.
मैंने कहा- हां साली, तेरी चूत देख कर मूसल सा हो गया है. यह तेरा इंतज़ार कर रहा था कि कब मौसी को चोदने मिलेगा.
वे हंस दीं.

अब मैं दरवाजे की तरफ खड़ा हो गया और मौसी को घुटने के बल बिठा दिया.
वे समझ गईं और उन्होंने अपना मुँह खोल दिया.

मैंने उनके मुँह में लंड दे दिया.
मौसी धीरे धीरे मेरा लंड चूसने लगीं.

ये सब मैं पॉर्न देख कर याद कर रहा था और मौसी के साथ वैसा ही करता जा रहा था.
लंड चुसवाने के बाद मैंने मौसी के मुँह को एक हाथ से दबाया और दूसरे हाथ से उनके बालों को जोरों से पकड़ कर लंड को मुँह में तेजी से अन्दर बाहर करने लगा.

लगभग 5 मिनट तक मौसी के मुँह में लंड पेला और उसके बाद में चूत में लंड डाल कर उन्हें चोदना चालू कर दिया.
मैं मौसी के मुँह से मुँह लगा कर उन्हें किस करते हुए उन्हें चोद रहा था.

लगभग 20 मिनट की चुदाई के बाद मुझे पीछे से आवाज आई.
ऐसा लगा कि शायद नानी जाग गई थीं, तो हम दोनों बेड में आकर लेट गए.

नानी पानी पीने आई थीं.
कुछ देर बाद नानी के वापस सोने के बाद मैंने अपना लंड मौसी के मुँह में डाल दिया और मौसी लेटी हुई ही जोर जोर से लंड हिलाने लगीं.

मेरे लंड का माल उनके मुँह में गिर गया और मौसी तुरंत बाथरूम की तरफ भागीं.
फिर वे अपना मुँह साफ करके वापस आई और मेरे बाजू में लेट गईं.

हम दोनों चिपक कर सो गए.

अगले दिन मैं उठा तो देखा मौसी और नानी घर का काम कर रही थीं.

मुझे पता चला कि आज कोई रिश्तेदार के घर में कुछ कार्यक्रम था, तो हम दोनों को भी जाना था.
लेकिन नानी को उन्होंने जल्दी बुला लिया था, उस वजह से नानी सुबह से ही चली गई थीं.

अब घर में मैं और मौसी ही रह गए थे.
उस वक्त तक डॉक्टर के पास जाने का समय हो गया था तो मैं मौसी को लेकर डॉक्टर के पास आ गया.
वहां से जल्दी ही घर वापस आ गए.

घर में आते ही मैंने दरवाजे को बंद किया और मौसी से कहा- आज आपको कुछ नया खेल सिखाता हूँ.
वे बोलीं- क्या?

मैंने कहा- आज हम दोनों वॉटर सेक्स करेंगे.
वे बोलीं- कहां?

मैंने कहा- यहीं घर में.
हमारे घर के गार्डन में एक बड़ा सा टैंक था, जो जमीन के अन्दर बना था.

मैं बचपन से ही उसी टैंक में किसी लड़की के साथ नहाना चाहता था और आज मेरी वह कामना पूरी होने वाली थी.

मैंने और मौसी दोनों ने कपड़े उतार लिए.
मैं पूरा नंगा हो गया जबकि मौसी ब्रा और पैंटी में थीं.

उसके बाद हम दोनों सीढ़ी से टैंक में उतर गए. दोनों ने पहले एक दूसरे को हग किया और डुबकी लगाना चालू किया.

मौसी पानी के अन्दर मेरा लंड पकड़ कर हिलाने लगीं.
मैं उन्हें किस करने लगा.

हम दोनों किस करते हुए डुबकी लगाने लगे.
मैंने मौसी की ब्रा निकाल कर बाहर फेंक दी और उनके मम्मों को चूसने लगा.

फिर मौसी को मैंने सीढ़ी पर बैठा दिया और नीचे से चड्डी के ऊपर से चूत को चाटने लगा.
फिर मौसी की चड्डी को भी निकाल कर फेंक दिया.

फिर सीढ़ी पर ही मौसी की टांगें फैला कर मैंने पोजीशन बनाई और उनके साथ सेक्स करना चालू कर दिया.
चूत में लंड पेलते समय उनके दूध दबाने लगा.

लगातार दस मिनट तक चुदाई करने के बाद हम दोनों टैंक में घुस गए.
वहां मैंने मौसी को खड़े खड़े चोदा, उनको पीछे घुमा कर पीछे से सेक्स करने लगा.

हम दोनों एक लम्बी चुदाई करने के बाद टैंक से बाहर निकले.

उसके बाद मैं मौसी को दूसरे रूम ले गया और उन्हें एक चेयर पर बैठा कर सैटिंग बनाई.

ये चेयर वैसी थी, जो ब्यूटी पार्लर में इस्तेमाल होती है, जो पूरी खुल कर फ्लैट हो जाती है, मौसी को उस पर बैठा कर चेयर को फ्लैट कर दिया.
मौसी की जांघ के नीचे वाला भाग नीचे था, बाकी सब फ्लैट था. वे चित लेटी हुई थीं.

मैंने दोनों हाथ और पैर चेयर से बांध दिए और आंखों पर कपड़े की पट्टी बांध दी.
उसके बाद मैंने फ़्रिज से आइसक्रीम निकाल कर मौसी की पूरी बॉडी में लगा दी, कुछ चूत और गांड के पास भी लगा दी.

उसके बाद मैंने मौसी को चाटना शुरू कर दिया.
पूरी तरह से चाटने के बाद मौसी क्लीन हो गईं.

अब मैंने मौसी के हाथ पैर खोले और उनको उल्टी लेटा दिया. उनकी गांड में नारियल तेल लगा कर फिर से दोनों हाथ पैर बांध दिए.

अब वे कुछ नहीं कर सकती थीं.
मैंने लंड को उनकी गांड में पेल दिया.

हम दोनों ही बहुत जोर से चीखे और धीरे धीरे मैंने मौसी की गांड मारना चालू कर दिया.
काफी देर तक मौसी की गांड मारने के बाद मेरा माल झड़ने वाला था तो मैं मौसी की और जोर से गांड बजाने लगा.

अंतत: मैंने अपने लंड का माल मौसी की गांड में निकाल दिया और उनके ऊपर लेट गया.
कुछ देर बाद हम दोनों वापस फ्रेश होकर उसी रिश्तेदार के घर के कार्यक्रम में चले गए.

अगले दिन भैया आ गए और मौसी अपने गांव चली गईं.
 
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Satyaultime123

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Story3 :- सास, ननद और भाई भौजाई का मजेदार सेक्स​



अब तक आपने मेरी पिछली सेक्स कहानी
सासू मां के बाद ननद भौजाई का मजेदार सेक्स
में पढ़ा था



मेरी सासू मां और मैं कैसे एक दूसरे को चूम रहे थे.
दूसरे रूम में मेरी ननद श्रेया सोई हुई थी. उसने अपना जेंडर बदलवा लिया था और बीती रात को अपने लंबे मोटे लंड से मेरी चूत की चुदाई की थी.

अब आगे गर्ल सेक्स चेंज कहानी:

हम दोनों सास बहू की आवाजों से श्रेया की नींद खुल चुकी थी.
उसने नींद खुलते ही आवाज़ लगाई- भाभी आप कहां हो?
फिर वह बुदबुदाने लगी कि भाभी कहां चली गईं.

उसकी आवाजों से मुझे कुछ पता नहीं चला और ना ही मेरी सास ने श्रेया की आवाज़ सुनी.
क्योंकि हम दोनों ही एक दूसरे के साथ अपने लेस्बियन सेक्स में इतने ज़्यादा पागल हो चुके थे कि कुछ होश ही नहीं था.

उस वक्त हम दोनों बिल्कुल नंगे बेड पर एक दूसरे को चाट चूम रहे थे.

तभी मेरी ननद ने कमरे में एंट्री मारने के लिए दरवाजे को हल्का सा धक्का दिया तो वह वहीं ठिठक गई.

उसने दरवाजे पर आकर चुपके से कमरे के अन्दर का नजारा देखा तो वह शॉक्ड हो गई.

उस समय मैं और सास 69 में लगे थे.
मैं सास के ऊपर थी और वे मेरे नीचे अपनी चूत पसारे पड़ी थीं.

मैंने उसी समय श्रेया को देख लिया और उसको वापिस जाने का इशारा कर दिया.
मगर उस छिनाल ने अपने सिर को ना में हिला दिया.

फिर मैंने सास की चूत चाटते हुए देखा कि श्रेया भी नंगी हो गई और उस कुतिया ने अपना लंड निकाल कर मुठ मारना चालू कर दिया था.
तभी सासू मां बोलीं- चल जल्दी से उस दिन जैसे लगा चूत से चूत को … और रगड़ दे मेरी जान!

श्रेया अपनी मां की आवाज को सुनकर समझ गई कि अब हम दोनों सास बहू अपना आसान बदलेंगी.
वह छिप गई और जब उसने सासू मां का चेहरा देखा तो वह दंग रह गई.

वह सोचने लगी कि मेरी मां भी ऐसा कर रही हैं, तो उसने सब कुछ भूल कर फिर से मुठ मारनी शुरू कर दी.

उसने देखा कि हम दोनों कैसे चूत से चूत रगड़ कर मजा ले रही हैं तो उसने भी अपनी टी-शर्ट उतार दी और सिर्फ पैंटी पहन कर रूम में आ गई.

सासू मां उसे देख कर डर गईं और बोलीं- बेटा तुम … बेटा सॉरी.
इतने में श्रेया ने उनके मुँह पर हाथ रखा और बोली- मुझे भी आप दोनों को जॉइन करना है.

मां ने हाथ हटाया और बोलीं- नहीं बेटा, मुझसे गलती हो गई.

तभी श्रेया ने अपने लौड़े पर हाथ फेरा तो मां की नज़र उसकी उभरी हुई पैंटी पर टिक गई.
वे अजीब सी नजरों से देखने लगीं.

तभी श्रेया ने अपनी पैंटी निकाल दी और सास के मुँह पर पैंटी रख दी.
सास ने अपनी बेटी की टांगों के बीच में लंड देखा तो एक पल के लिए वे भी कोमा में होने जैसी हो गईं.

फिर हम दोनों ने मां को सब बताया.

उन्होंने पूछा- तुम लोगों ने कल रात को सेक्स किया था क्या?
हमारा हां में जबाव सुनकर वे बोलीं- हे भगवान, ये तो गजब हो गया!

अब तक श्रेया शुरू हो गई थी.
उसने अपनी मां का मुँह पकड़ कर लंड चुसवाना शुरू कर दिया.
बस कुछ ही सेकेंड के बाद सासू मां भी उसका साथ देने लगीं.

मैंने भी देर नहीं की.
मैं नीचे लेट कर सासू मां की चूत के पास पहुंच गई और चूत चाटने लगी.

मुझे आज उनकी चूत का पानी कुछ ज्यादा ही अच्छा लग रहा था. आज से पहले मुझे उनकी चूत चाटने में इतना मजा कभी नहीं आया था, जितना आज आ रहा था.

सामने मां बेटी थीं मगर आज मां अपनी बेटी के लंड को चूस रही थी.
ये एकदम नया अहसास था.

थोड़ी देर बाद श्रेया मां के मुँह में ही झड़ गई.
फिर हम सब लेट गए और हम दोनों सास बहू ने देखा कि श्रेया का लंड अभी भी तना हुआ है. जबकि श्रेया आंख मूँद कर सो चुकी थी.
मैं और सासू मां बात करने लगे.

सासू मां बोलीं- मुझे इसके लंड को अपनी चूत के अन्दर लेना है.
मैंने कहा- तो दिक्कत क्या है मां. जाओ खड़ा तो है ही … चढ़ जाओ घोड़े पर … अपनी बेटी के खड़े लौड़े पर.

सासू मां ने भी देर ना करते हुए छलांग सी लगाई.
वे ऐसे झपटीं जैसे पहले कभी लंड देखा ही नहीं हो.

सासू माँ लपक कर लंड के ऊपर आ गईं और लंड को पकड़ कर टांगों के बीच में डाल लिया, चूत में लंड लिया और झटका दे दिया.

श्रेया का आधा लंड चूत के अन्दर चला गया.
मां ने अपने हाथ पैर सब मोड़ लिए, उन्हें इतना मजा आने लगा जैसे उन्होंने कभी लंड लिया ही ना हो.

ऐसे करते करते दो तीन झटके नीचे को लगाए और बेटी का पूरा लंड सास की रसीली चूत में घुस गया.

जब पूरा लौड़ा गटक लिया, तब सासू मां कराहती हुई बोलीं- उई मां, कितना बड़ा लगवाया है इसने!

तभी श्रेया उठ गई और बोली- अरे मेरी हॉर्नी मॉम … आप लेटो, मैं ऊपर आती हूँ.

श्रेया ने मां को उठाया और बेड पर चित लेटा दिया.
उनकी दोनों टांगों को उठा कर अपने कंधों पर रखा और अपनी टांगों को फैला दिया.

श्रेया मुझसे बोली- चल भाभी, मेरा लंड डाल मां की चूत में!
मैंने ननद का लंड पकड़ कर सास की चूत के अन्दर डाल दिया.

मुझे यह सीन देखने में इतना मजा आ रहा था कि क्या बताऊं.

मैं सोच रही थी कि सासू मां को अपनी बेटी से चुदाई करवाने में कितना मजा आ रहा होगा.
तो मैं भी जल्दी से उठी और सासू मां के ऊपर बैठ कर अपनी चूत चटवाने लगी.

कुछ मिनट के बाद श्रेया ने मुझे खुद के ऊपर बिठा कर चोदा.
मुझे चोदते समय वह अपनी मां की चूत को चाट रही थी.

ऐसा करने के बाद श्रेया आउट ऑफ कंट्रोल हो गई थी.
उसने मेरी चूत में अपने लंड का सारा माल डाल दिया.

चुदाई के बाद हम सभी आराम करने लगे.

फिर मैं नहाने जाने लगी तो मैंने देखा कि मेनडोर न जाने कैसे खुला रह गया था.

उसी वक्त मेरे पति के बॉस का फोन आया- आपके पति घर आए हैं, जरा उनसे बात कराना. वे फोन यहीं भूल गए थे.

मुझे यह अटपटी सी बात कुछ समझ में नहीं आई.
मैंने फोन काट दिया और नहाने लगी.

हम सब अभी सामान्य हो चुके थे.
जबकि आपस में हम तीनों ऐसी हो गई थीं कि किसी के भी साथ कुछ भी कर लो … कोई फर्क पड़ने वाला नहीं था.

मेरे पति के आने का टाइम हो गया था.
पति आए और सबसे मिले.

हम दोनों ने सब वैसे ही सामान्य रह कर खाना खाया.
ऐसे ही शाम को सोने का टाइम हुआ, तो हम अभी प्लान कर रहे थे कि अभी कैसे क्या करना है.

तभी सासू मां बोलीं- मैं तो अभी घर जा रही हूँ, अब कल करेंगे. हम कल हमारे घर ही आ जाना. आज तुम्हारे पापा भी दो दिनों के लिए बाहर चले जाएंगे.

उसी समय मेरे पति ने मुझे आवाज़ लगाई.
मैं गई तो बोले- तुम सब सुबह क्या कर रही थीं?
तो मैं घबरा कर बोली- कुछ नहीं, बस बैठे थे. बातें कर रहे थे.

तभी उन्होंने मुझे पकड़ा और बेड पर पटक दिया.
उन्होंने कहा- मुझे सब पता है.

मैंने बोला- सॉरी जी, गलती हो गई. आगे से नहीं करूंगी.
वे बोले- जानेमन डरती क्यों हो, बस मेरी एक मदद कर दो.

मैं बोली- जी हां बोलिए!
वे बोले कि मुझे मां की चूत मारनी है!

पहले तो मैं चौंक गई. फिर मैंने सोचा कि जब इनको सब कुछ पता है ही तो खेल हो जाने दो.
मैंने कहा- लाइए फोन दीजिए.

मैंने मम्मी को फोन लगाया ‘सासू मां पापा चले गए?’
वे बोलीं- हां चले गए, आ जाओ अगर अभी आना है. सारी रात मज़े करेंगे.

मैंने कहा- मम्मी मज़े आज हम चारों मिल कर करेंगे!
मम्मी बोलीं- चारों मतलब … चौथा कौन?
मैं बोली- आपका बेटा.

मां बोलीं- वह कैसे!
मैंने बताया कि उनको हमारे बारे में सब पता है. वे कह रहे हैं कि बस मुझे अपनी मां की चूत चोदनी है.

मां बोली- अरे, मैं उसकी मां हूँ.
मैंने कहा- श्रेया भी तो आपकी बेटी है.

मां बोलीं- हां यह तो है. मगर ये सब कैसे होगा?
मैं बोली कि अभी इनको आपके घर भेजती हूँ. हम दोनों भी साथ में आएंगी. सब मज़े करेंगे.

मां बोलीं- ठीक है आ जाओ.
हम घर को लॉक लगा कर सासू मां के घर आ गए.

मैंने देखा कि मां बाहर ही बैठी थीं.
वे हम सबको आया देख कर खुश हो गईं और सबको अन्दर ले गईं.

मैंने अन्दर जाते ही श्रेया से कहा- श्रेया तुम दो मिनट रूम के बाहर बैठो.
श्रेया बोली- ओके भाभी.

वह बाहर चली गई.

मैंने मां और पति से कहा- जल्दी से दोनों अपने कपड़े खोलो.
पति बोले- मां कसम से कह रहा हूँ, मैं बचपन से पापा और आपको सेक्स करते देखता था. मुझे आप इतनी ज्यादा पसंद हो कि अभी आपसे शादी कर लूं.

हम सब हंसने लगे.

वे दोनों गले लगे और किस करनी शुरू कर दी.
धीरे धीरे वे दोनों नंगे हो गए.

सासू मां ने ब्रा पैंटी नहीं पहनी थी तो मैं बाहर आ गई.

श्रेया बाहर नहीं थी.

मैंने दूसरे रूम में देखा कि श्रेया नंगी पड़ी थी.
हम दोनों भी शुरू हो गए.

तभी सासू मां और पति आए.
वे बोले- आज की रात सास और बहू दूसरे रूम में रहो. आज की रात मेरी और श्रेया की!

श्रेया बोली- हां, वैसे भी मेरी गांड में खुजली हो रही है. मार लो भाई.
उसे क्या पता था कि मेरे पति के दिमाग़ में क्या है.

हम दोनों सास बहू दूसरे रूम में गए और इधर पति और श्रेया किस कर रहे थे.
दोनों के लंड तने थे.

तभी पति बोले- श्रेया एक बात बोलूं, किसी को मत बोलना. आज तुम एक बार मेरी गांड मार दो प्लीज.
श्रेया हंस कर बोली- भाई, तुम भी मेरे जैसे ही निकले. आ जाओ भाई, तुम जल्दी से आ जाओ.

वे घोड़ी बन गए और श्रेया ने लंड घुसाया.
उसका मोटा लंड मेरे पति की गांड में जा ही नहीं रहा था.

श्रेया ने तेल उठा कर अपने लंड पर लगाया और अपने भाई की गांड में भी.

फिर उसने लंड डाला. बड़ी मुश्किल के बाद लंड को गांड के अन्दर प्रवेश मिला.

मेरे पति ऐसे रिएक्ट कर रहे थे मानो वह गांड नहीं, चूत मरवा रहे हों.

कुछ देर के बाद पति उठे और उन्होंने अपना लंड श्रेया से चुसवाना स्टार्ट कर दिया.
फिर उन्होंने भी अपना लंड अपनी बहन की गांड में डाला. साथ में उसके लंड की मुठ मारना भी स्टार्ट कर दिया.

श्रेया तो पहले ही बहुत गर्म थी.
कुछ ही देर में उसके लंड का लावा मेरे पति के मुँह पर जा गिरा.

पति ने अपना लंड निकाला और श्रेया का लंड मुँह में ले लिया.
भाई ने बहन के लंड का सारा माल चाट लिया.

कुछ देर बाद उन्होंने फिर से अपनी बहन की गांड मारनी शुरू की.

थोड़े टाइम के बाद मेरे पति ने भी अपना पानी अपनी बहन की गांड में ही छोड़ दिया.
फिर वे दोनों उठे और हमारे कमरे में आ गए.

हम दोनों नंगे लेटे थे.

तभी उन्होंने अपनी बहन को इशारा किया.
श्रेया ने मेरी चूत में लंड डाल दिया, पति ने मां की चूत में.
ऐसे ही हम चारों ने रात भर सेक्स किया.

हम सब अभी भी मिल कर सेक्स करते हैं.
Bahut hi shandar story
 

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Hi
 

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devil6

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Hi Friends all short story collected from internet, if you like story please comment ,, your comment will incourage me to post more story.

All characters are imaginary. None of the stories are related to anyone's life.
Also check my other threads

My Wife with milk Boobs



STORY INDEX

161) लंड चुत गांड चुदाई का रसिया परिवार- 4171) लंड चुत गांड चुदाई का रसिया परिवार- 14181) जंगल में बड़ी चाची की चूत का मंगल191) जवान सौतेली मां की चूत चुदाई की लालसा-4
162) लंड चुत गांड चुदाई का रसिया परिवार- 5172) लंड चुत गांड चुदाई का रसिया परिवार- 15182) ससुराल में बीवी और उसकी भानजी संग- 1192) जवान सौतेली मां की चूत चुदाई की लालसा-5
163) लंड चुत गांड चुदाई का रसिया परिवार- 6173) पहली चुदाई नवविवाहिता मामी के साथ183) ससुराल में बीवी और उसकी भानजी संग- 2193) जवान सौतेली मां की चूत चुदाई की लालसा-6
164) लंड चुत गांड चुदाई का रसिया परिवार- 7174) शादीशुदा दुधारू बहन की चुत चुदाई184) मां ने मुझसे जमकर अपनी चुत चुदवाई194) अम्मियों ने एक बेड पर एक दूसरी के बेटे से चुदवाया
165) लंड चुत गांड चुदाई का रसिया परिवार- 8175) मामी ने मेरी चड्डी में हाथ डाला185) बीवी के धोखे में दूसरी चूत मिल गयी195) मेरी सुहागरात में मेरी सास ननद दोनों मेरे साथ चुदीं
166) लंड चुत गांड चुदाई का रसिया परिवार- 9176) ताई और भाभी की एक साथ चुत चुदाई- 1186) घर में मिला भतीजे का जवान लंड196) सोसाइटी वाली भाभी की चूत चुदाई
167) लंड चुत गांड चुदाई का रसिया परिवार- 10177) ताई और भाभी की एक साथ चुत चुदाई- 2187) लॉकडाउन में भाई की ससुराल में चुदाई धमाल197) बड़ी बहन को पटाया और चोदा
168) लंड चुत गांड चुदाई का रसिया परिवार- 11178) मेरी सास की वासना मेरे लंड से शांत हुई188) जवान सौतेली मां की चूत चुदाई की लालसा-1198) बर्थडे गिफ्ट में मिली मामी की चूत
169) लंड चुत गांड चुदाई का रसिया परिवार- 12179) मां बेटे का नाजायज वाला प्यार- 1189) जवान सौतेली मां की चूत चुदाई की लालसा-2199) कुंवारी लड़की की चुदाई सगे छोटे भाई के लंड से
170) लंड चुत गांड चुदाई का रसिया परिवार- 13180) मां बेटे का नाजायज वाला प्यार- 2190) जवान सौतेली मां की चूत चुदाई की लालसा-3200) जवान मामी की चुत को लंड की जरूरत-1
201) जवान मामी की चुत को लंड की जरूरत-2211) पारिवारिक चुदाई की कहानी-7221) मामी की बहन की चूत की खुजली231) सास बहू बेटियों की खुल्लम खुल्ला चुदाई241) पति-पत्नी को दिया मां बेटा ने चुदाई का सुख
202) जवान मामी की चुत को लंड की जरूरत-3212) पारिवारिक चुदाई की कहानी-8222) रसीली चाची की चूत का रस निकाला232) ट्रेन में स्टेप मॅाम के साथ चुदाई का मजा 242) जवान ताई और भतीजे की चुदाई कहानी- 1
203) जवान मामी की चुत को लंड की जरूरत-4213) मेरी वासना और पागल भिखारी का लंड-1223) पहली चुदाई में चाची को चोदा233) मैंने अपने बेटे को जिस्म दिखाकर उत्तेजित किया243) जवान ताई और भतीजे की चुदाई कहानी- 2
204) भाभी माँ का देवर … नादान214) मेरी वासना और पागल भिखारी का लंड-2224) सेक्सी चाची की चूत गांड चुदाई234) अनजान बनकर अंधेरे में चूत चुदाई का मजा244) मौसी के साथ सेक्स के मज़े- 1
205) पारिवारिक चुदाई की कहानी-1215) मेरा भानजा भी है और बेटा भी225) भाभीजान के साथ मेरी पहली लम्बी चुदाई235) मम्मी पापा की चुदाई देखी245) मौसी के साथ सेक्स के मज़े- 2
206) पारिवारिक चुदाई की कहानी-2216) मैं और मेरी प्यासी चाची-1226) मामी की चुत चुदाई की चाहत236) भाभी की चुदाई देखी पहली बार
207) पारिवारिक चुदाई की कहानी-3217) मैं और मेरी प्यासी चाची-2227) खेत में चुदाई करके मिटाई बुआ की चूत चुदास237) बेटे से पहले मैं चुदी फिर मेरी बेटी चुदी
208) पारिवारिक चुदाई की कहानी-4218) चाचा दुबई में.. चाची मेरे लंड के नीचे228) पति पत्नी की अदला बदली और मस्त चुदाई238) लॉकडाउन में सासू माँ को चोदा
209) पारिवारिक चुदाई की कहानी-5219) आपा यानि बहन के साथ सुहागरात229) एक दूसरे की बीवी चोद कर मनाया नया साल239) ससुर ने मेरी ननद की चूत में लंड पेला
210) पारिवारिक चुदाई की कहानी-6220) चूत चाटने का ख्वाब पूरा हुआ230) जवान मामी की गांड मारी240) झांटें साफ करवा कर प्यासी चूत चुदवा ली


My Wife with milk Boobs

Nice
 

junglecouple1984

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मौसी-मौसा के साथ थ्री-सम सेक्स का मजा



दोस्तो, मेरा नाम राजा है. ये मौसी की चूत की चुदाई कहानी मेरी, मौसी और मौसा के बीच की है.
मैं अपनी ट्रेनिंग के सिलसिले में मौसा जी के साथ आकर रहने लगा था.

पहले मैं आपको अपनी मौसी के बारे में बता देता हूँ.
मेरी मौसी की उम्र 43 साल है और वो बहुत सेक्सी हैं. मेरी मौसी रात में जब पारदर्शी नाइटी पहनती हैं, तो उन्हें देख कर मेरा लंड खड़ा हो जाता है.
उनके बूब्स भी बहुत सेक्सी हैं. मैंने बहुत बार इस तरह की पारदर्शी नाइटी में देखा है.
वो मुनमुन सेन सी लगती हैं.

उनकी एक लड़की है जिससे मेरी खूब बनती है.
हम दोनों सेक्स के टॉपिक पर खुल कर खूब बात करते हैं.
हालांकि वो सिटी से बाहर जॉब करती है तो वो बाहर ही रहती है.

रात में मौसा मौसी अपने कमरे में घुस कर बिंदास चुदाई करते हैं. उनकी चुदाई की आवाजें कमरे के बाहर सबको सुनाई देती हैं लेकिन वो दोनों इस बात की जरा भी फ़िक्र नहीं करते हैं.

चूंकि अब घर में मैं ही तीसरा सदस्य था तो मैं उन दोनों की चुदाई की आवाजों का लुत्फ़ लेता था.
मुझे उस समय उनकी इस बिंदास चुदाई का मतलब समझ नहीं आया था. वो मुझे बाद में मालूम चला था.

जब ये बात मैंने अपनी मौसी की बेटी को बताई, तो वो भी हंसने लगी.

इसका मतलब ये था कि अपनी मम्मी की चुदाई की इस आदत का उसको भी पता था.

अब मैं ही घर में था, तो उन दोनों के रास रंग देखता रहता था.

एक दिन मैंने देखा कि मौसी जी किचन में थीं और मेरे मौसा जी अन्दर घुस गए.
मैंने देखा कि मौसा जी तो इतने बड़े वाले ठरकी हैं कि वो मौसी को किचन में आकर भी चोद देते हैं.

मेरी मौसी अक्सर सोने से पहले अपनी चड्डी ब्रा बाथरूम में टांग देती हैं और मैं उसको अपने कमरे में लाकर रात में मुठ मारता रहता हूँ और मौसी की पैंटी को चूत वाली जगह से चाट भी लेता हूँ.

मुझे बहुत मन होता है कि मैं अपनी मौसी के साथ सेक्स करूं.

ये बात उन गर्मियों के मौसम की है जब मैं, मेरी मौसी मौसा और उनकी बेटी किसी रिश्तेदार की शादी में 3-4 दिन के लिए गांव गए हुए थे.
उस वजह से मौसा जी को चुदाई करना नहीं मिल पाया था.

जब हम सब लोग वापस अपने शहर आ गए तो मैंने देखा कि मेरे कमरे का एसी काम नहीं कर रहा था.
उस रात ज्यादा गर्मी थी तो उस वजह से हम सब मौसा जी के ही रूम में सो गए.

बिस्तर पर पहले मौसा, फिर मौसी लेट गईं और उनकी बेटी में साइड में सोफे में सो गई.

रात के एक बजे के करीब मेरी नींद खुली तो मैं बाथरूम से आकर सो गया.
मुझे नींद नहीं आ रही थी.

मैंने देखा कि मौसा मौसी के बीच कुछ हलचल होने लगी थी.
मैं पहले तो बस यूं ही देखता रहा.

एसी की एलईडी की हल्की रोशनी कमरे में उजाला सा कर रही थी. मुझे कुछ कुछ समझ आ रहा था.

मैंने देखा कि मौसा ने मौसी की जांघ के ऊपर हाथ रखा और मौसी के गाउन को ऊपर कर दिया.

फिर धीरे से मौसा जी ने मौसी की गांड के पास से गाउन उठाया.
मौसा को लग रहा था कि उनकी बेटी और मैं सो रहे हैं लेकिन मैं जाग रहा था.

फिर मौसा ने गाउन को ऊपर किया तो मौसी की पैंटी दिखने लगी.

मैं तो देख कर चकित रह गया कि मौसी ने थोंग चड्डी पहनी हुई थी जो उनकी गांड की दरार में फंसी हुई बड़ी ही मादक लग रही थी.

मौसी ने अपनी चड्डी को उतार दिया.
तब तक मौसा का लंड उनकी चड्डी में से एकदम खड़ा हो गया था.

मौसी ने मौसा का लंड बाहर निकाला.
उनका लंड एकदम कड़ा हो गया था. ऐसा लग रहा था कि लंड मौसी की चुत का प्यासा हो गया था.

इतने में मौसी ने अपनी बेटी की तरफ देखा, फिर मेरी तरफ़ देखा कि हम दोनों जाग तो नहीं रहे हैं.

उन्होंने चादर को अपने पैर के ऊपर लिया और पीछे से खुला ही रखा.

तभी मौसा जी ने मौसी की चूत में उंगली डाल दी और मौसी ने मौसा के लंड को पकड़ लिया.
अपने एक हाथ से मौसा जी ने मौसी की चड्डी को जांघों के नीचे सरका दिया और मौसी के गाउन को पेट के ऊपर कर दिया.

मौसी की चुत एकदम गोरी थी, अन्दर से एकदम गुलाबी दिख रही थी.
मुझे तो ऐसा लग रहा था कि अभी ही मौसी के पास जाकर उनकी चूत चाट लूं.

फिर मौसा जी ने मौसी को अपने पास खींचा और उन्हें पलट कर मौसी का मुँह उनकी बेटी की तरफ़ कर दिया और पीछे से लंड पेल दिया.
उन दोनों की इसी पोजीशन में चुदाई होने लगी.

दस मिनट तक उन दोनों ऐसे ही चुदाई की और मौसा जी अपना माल मौसी की चूत में निकाल दिया.
वो झड़ कर पीछे हट गए.

मैंने देखा कि मौसी कुछ गुस्सा हो गई थीं, शायद वो झड़ी नहीं थीं और मौसा जी ने उन्हें प्यासा छोड़ दिया था.

मौसी एक मिनट तक मौसा को गुस्से से देखती रहीं. फिर अपनी चड्डी ऊपर करके वो बाथरूम में चली गईं और चूत को साफ करके अपनी चड्डी ब्रा को उतार कर बाथरूम से वापस आ गईं.

वो बाथरूम से आकर मौसा को देखने लगीं.
मौसा जी थक कर आंख बंद करके लेट गए थे.

मौसी जी मुँह बनाए हुए उनके बाजू में सो गईं.

यह नजारा देख कर मेरा हाल खराब हो रहा था. मैं सोच रहा था कि काश मौसा की जगह मैं होता, तो अभी मौसी को चोद कर ठंडी कर देता.

तभी मौसा जी की आंख खुल गई और वो फिर से मौसी जी के मम्मों को अपने मुँह में दबा कर चूसने लगे.

कुछ मिनट बाद मौसा जी फिर से सो गए.

फिर अगले दिन मेरे कमरे का एसी सही हो गया.

उस दिन शाम को मैं और मेरी मौसी की बेटी मिलकर छत पर मस्ती कर रहे थे.

मैंने उससे कहा- रात को मैंने मौसी मौसा को सेक्स करते हुए देखा था.
वो पूछने लगी- अरे वाह … क्या क्या और कैसे हुआ था?

मैंने उसे सारी स्टोरी बता दी.

वो बोली- यार, मैंने भी उन दोनों को बहुत बार चुदाई करते हुए देखा है. एक दिन तो मुझे बेड में पापा का यूज्ड कंडोम भी मिल गया था.

उसने मुझे एक बात और भी बताई कि मौसी मौसा को अपनी चुदाई में तीसरा पर्सन भी चाहिए.
बहुत बार मौसी अपने घर में पीजी में रहने वाली लड़की को फंसा कर मौसा जी के पास लाती हैं और मौसा उसके साथ सेक्स करते हैं.

फिर लगभग 5 दिन बाद मेरी मौसी की बेटी भी अपनी जॉब पर वापस चली गई.

मैं अपने ट्रेनिंग सेंटर चला गया था.

जब मैं घर वापस आया तो देखा कि दरवाजा खुला है, केवल जाली वाला दरवाजा लगा है.
मैंने हल्का सा धक्का देकर खोलने की कोशिश की तो वो खुल गया.

मौसा मौसी को इस बात का पता नहीं चला.
मैं अन्दर आया और देखा कि मौसा के रूम का दरवाजा जरा खुला सा था.

मैंने झांक कर अन्दर देखा तो मौसा मौसी अपने बेड में नंगे लेटे हुए थे.

मौसी बड़ी ही सेक्सी लग रही थीं. उनके जिस्म पर कपड़े की एक धजी भी नहीं थी. उनके हाथ की चूड़ियां आवाज कर रही थीं.

आज दिन की रोशनी में मेरी मौसी बहुत ही गोरी दिखाई दे रही थीं.
वो अपने एक हाथ से मौसा जी के लंड को सहला रही थीं और मौसा जी ने मौसी की चुत में उंगली डाल रखी थी.

ये नजारा देख कर मेरी आंखें खुली की खुली रह गईं लेकिन मेरे आने की आहट शायद उन्हें मिल गई थी.

मौसी जी ने आवाज लगाई- कौन है?

मैं जल्दी से दूर हुआ और अपने आने की बात कह कर अपने रूम में जाने लगा.

तभी मौसी ने जल्दी से अपना गाउन पहना और बाहर आ गईं.

मैं कमरे की जगह किचन में चला गया था ताकि उनको पता न चले कि मैंने सारा सीन देख लिया है.

फिर मैं बाथरूम में चला गया और सीन याद करके मुठ मारने लगा.

उस दिन मैं मौसी को याद कर रहा था कि काश मुझे मौसी की चूत चोदने मिल जाती और मैं उन्हें चोद लेता.

फिर रात में हम सब खाना खाकर सो गए.
मैं अपने कमरे में आकर सो गया और मौसी मौसा अपने रूम में.

रात में मुझे एसी में ठंड सी लगी तो मैं कंबल लेने के लिए मौसी के रूम में आ गया.

उनके रूम का दरवाजा जैसे ही मैंने खोला तो देखता ही रह गया.
मेरी मौसी बेड में नंगी कुतिया बनी हुई थीं और मौसा जी मौसी की गांड मार रहे थे.

मेरी मौसी की चड्डी ब्रा और गाउन सब ज़मीन में पड़े हुए थे.

मैं ये जताते हुए उनके रूम में घुस गया कि मैंने अन्दर आने से पहले देखा ही नहीं था.

मुझे देखते ही वो दोनों हट गए और मौसी ने चादर ढक ली.

मैं बोला- आप लोग करो … मैं तो बस कम्बल लेने आया था.
और मैं हंसता हुआ रूम से बाहर निकल गया.

मुझे हंसता देख कर मेरे मौसा ने आवाज़ लगाई- राजा रूम में आना!

मैं फिर से रूम में गया तो मौसी चादर के अन्दर थीं और मौसा जी ने चड्डी पहन ली थी.

मौसा ने मुझसे कहा- तुझे ऐसा देख कर कोई दिक्कत तो नहीं हुई?

मैंने उनके मुँह से ऐसा सुन कर जरा शर्माने का नाटक किया.

मौसा ने लंड सहलाते हुए कहा- मैं तेरी मौसी को बहुत प्यार करता हूँ, इसी लिए अभी तक उनके साथ सेक्स करता हूँ. यदि तू ये सब हमारी बेटी को नहीं बताएगा तो तेरे लिए एक गिफ्ट है.
मैंने कहा- क्या है?

मौसा बोले- तुझे अपनी मौसी कैसी लगती है?
मैंने कहा- अच्छी.

मौसा ने कहा- और मैं अच्छा नहीं लगता तुझे?
मैंने कहा- आप भी अच्छे लगते हो.

तो मौसा ने कहा- चल आ जा, आज तू भी हम लोगों के साथ सेक्स का मजा ले ले. तुम, मैं और तेरी मौसी एक साथ सेक्स का मजा लेते हैं.
मुझे तो मौसा जी की बात सुन कर विश्वास ही नहीं हो रहा था.

तभी मौसी जी ने भी कहा- हां आ जा राजा, तू भी हमारे साथ एन्जॉय कर ले.

एक मिनट सोचने के बाद मैंने कपड़े उतारे और बेड में चला गया.

मैं मौसी मौसा के बीच में आ गया.

मौसी जी मेरे लंड को सहलाने लगीं और लंड खड़ा करने लगीं. मौसा मेरे एक हाथ को अपने लंड पर रखवा कर लंड हिलवाने लगे.

मौसा जी कहने लगे- आज हम थ्रीसम सेक्स करेंगे.

मैंने मजा लेना शुरू कर दिया, मैं अपने मुँह से मौसी के एक निप्पल को चूसने लगा.
मौसी जी अपना दूध मुझे पिलाने लगीं तो मैं उनकी चुत में उंगली करने लगा.

हम तीनों को बहुत मजा आ रहा था.

कुछ ही देर में सेक्स की मस्ती बढ़ गई और मेरी मौसी जी अपनी टांगें फैला कर चित लेट गईं.
मैं मौसी की टांगों के बीच में आकर उनकी चुत चाटने लगा. मैं अपनी जीभ से अपनी मौसी की झांट रहित गोरी चूत को चाटने लगा.

लगभग दस मिनट में मौसी पूरी तरह से गर्म हो गई थीं.

मौसी की चुत से जो पानी निकल रहा था उसमें मौसी की पेशाब भी मिल रही थी.
मुझे एकदम नमकीन जूस जैसा स्वाद लग रहा था.

फिर मैं और मौसी जी 69 की पोजीशन में आ गए.
अब मौसी मेरा लंड चूस रही थीं और मैं मौसी की चुत चाट रहा था.

मौसा जी साइड में लेट कर हम दोनों का सेक्स गेम देख रहे थे.

फिर मौसा जी बोले- राजा अब सेक्स करो … अपनी मौसी की चुत में लंड पेल दो.

मैंने मौसी की टांगें चुदाई की पोजीशन में खोलीं और अपना लंड डाल दिया.
लंड लेते ही मौसी की मादक आवाज निकल गई और मैं लंड चूत में पेल कर आगे पीछे करने लगा.

फिर मौसा जी मेरे ऊपर चढ़ गए और मेरी गांड के छेद में अपना लंड रगड़ने लगे.
मेरे आगे पीछे होने से मौसा का लंड मेरी गांड से लड़ रहा था.

मैंने समझ लिया कि मौसा जी का मूड कुछ और ही है. मैंने मौसी की चूत से लंड बाहर निकाला और हम तीनों खड़े हो गए.

खड़े होकर मैंने मौसी की एक टांग उठाई और उनकी चुत में लंड डाल दिया.
मौसा ने पीछे से आकर मौसी की गांड में लंड पेल दिया.

मौसी को डबल लंड का मजा आ रहा था. मौसी ‘आ ऑश …’ कर रही थीं और बोल रही थीं- आंह राजा … आज तो तेरी वजह से मेरे दोनों छेदों को एक साथ डबल मजा मिल गया.

फिर कुछ देर बाद मौसी घोड़ी बन गईं और मौसा जी के लंड को मुँह में लेने लगीं.
मैं डॉगी स्टाइल में मौसी की गांड मार रहा था.

ऐसे ही 15 मिनट तक मौसी की गांड मारने के बाद मैंने देखा कि मौसा ने अपना माल मौसी के मुँह में निकाल दिया और अलग हो गए.

मौसा बोले- अब तुम दोनों मजा लो.
वे कमरे से बाहर निकल कर हॉल में सोफे पर जाकर लेट गए.

अब मैं और मौसी ही चुदाई का मजा ले रहे थे. हम दोनों जानवर बन गए थे.

मैंने मौसी जी कहा- मेरा मन आपको किचन में चोदने का कर रहा है.
वो बोलीं- हां उधर ही चलते हैं.

हम दोनों रसोई में आ गए.

मैंने मौसी को प्लॅटफॉर्म पर बिठा दिया और मौसी की टांगें खोल कर उनकी चुत में लंड पेल दिया.

मैंने उधर मौसी के साथ हचक कर सेक्स किया.
फिर झड़ने को हुआ तो मैंने मौसी के मुँह में लंड दे दिया.

मौसी ने लंड चूस कर रस खा लिया.

मैं नशे से मौसी को देख रहा था.
मौसी भी शायद अभी एक पारी और खेलने के मूड में थीं.

उन्होंने फ्रिज से केक निकाला और मुझे दिखाया.
मैं समझ गया कि क्या करना है.

मैंने उनसे केक लेकर मौसी के मम्मों पर मल दिया, उनकी चुत और गांड में केक लगा दिया.
फिर मौसी जी की गांड को चाटा, तो केक चाट कर मुझे बहुत मजा आया. फिर चुत चाटी और मम्मों से पूरा केक चाट कर साफ़ कर दिया.

इसके बाद मौसी ने मेरे लंड में केक लगाया और लंड चाटने लगीं.
केक के साथ मेरा एक बार फिर से माल निकल गया और मौसी के मुँह में निकल गया.

फिर हम दोनों ने पानी पिया और हॉल में आ गए.

सोफे पर मौसा सोए हुए थे. उनके एक साइड में मौसी लेट गईं और मैं मौसी के ऊपर लेट गया.

फिर कुछ देर बाद हम लोगों का बाथरूम में सेक्स करने का प्लान बना.

हम तीनों बाथरूम में चले गए और शॉवर खोलकर गीले होने लगे.

मौसी खड़ी हुईं तो फिर से मौसा ने उनकी चूत में लंड पेल दिया.
मैं मौसी की चुत में उंगली करने लगा.
मौसी की चूत में लंड और उंगली एक साथ चलने लगे थे.

मौसा बोले- राजा, तू अपनी मौसी की गांड में अपने लंड को रगड़ कर पेल दे.
मैंने मौसी की गांड में लंड पेल दिया.

एक बार फिर से मौसी की सैंडविच चुदाई होने लगी.

कुछ दस मिनट बाद हम दोनों मर्दों ने मौसी के मुँह में एक साथ लंड डाल दिए और मौसी ने हम दोनों के लंड को चूस कर रस पी लिया.

चुदाई के बाद हम तीनों मस्ती भरी बातें करने लगे.

मौसी मौसा कहने लगे- इसके पहले हम दोनों को इतना मज़ा कभी नहीं आया था, जितना आज आया.

अब मौसा जी ने मौसी से कहा- कुछ पिलाओ यार, बड़ी थकान हो रही है.
मौसी जी व्हिस्की की बोतल ले आईं और हम तीनों ने दो दो पैग लेकर फिर से चुदाई का मन बना लिया.

इस बार मैंने अकेले ही मौसी की गांड में लंड डाला और उनकी गांड मारने लगा.

फिर मौसी ने कहा- राजा, तुम मेरी चूत में लंड डालो और पीछे से तेरे मौसा मेरी गांड में लंड पेल कर मुझे चोदें.

मैं मान गया.
मुझे उन दोनों की स्कीम समझ नहीं आ सकी थी. मैं मौसी की चूत में लंड डालकर उन्हें चोद रहा था.

तभी मौसा जी अपना लंड मेरी गांड में पेल दिया.
मेरी जोर से आंह निकल गई मगर उन दोनों ने मुझे पकड़ रखा था तो मैं कुछ नहीं कर सका.

कुछ देर बाद मुझे अपने लंड से मौसी की चूत की चुदाई का मजा मिलने लगा और मेरी गांड को मौसा जी के लंड का मजा आने लगा.

इस तरह से हम तीनों ने एक दूसरे की गांड मारी और सो गए.

सुबह में मौसा जी अपनी जॉब पर चले गए और मौसी घर के कामों में लग गईं.

मैं अभी भी बेडरूम के अन्दर नंगा सोया पड़ा था. मैं सोकर उठा तो बाहर आ गया.
मैंने देखा कि मौसी किचन में थीं. मैंने उन्हें गुड मॉर्निंग बोला.

मौसी ने गुड मॉर्निंग के साथ प्यारी सी स्माइल दी और बोलीं- उठ गया मेरा राजा.
मैं पीछे से मौसी की गांड पर हाथ फेरते हुए उनसे चिपक गया और अपनी मौसी को पीछे से हग करके बोला- हां मेरी प्यारी मौसी.

मैंने अपने लंड को उनकी गांड में रगड़ कर पीछे से उनके गाल पर किस किया.

मेरी मौसी केवल गाउन में थीं और मेरे लिए नाश्ता बना रही थीं.

मैंने पूछा- मौसा जी कहां हैं?
तो वो बोलीं- ड्यूटी पर गए हैं, दो बजे तक आएंगे.

मैंने कहा- तब तक हम दोनों ही मस्ती करते हैं.
वो हंस दीं.

फिर मैंने मौसी के गाउन नीचे से उठाया और देखा तो मौसी ने वी-शेप वाली चड्डी पहनी हुई थी.

मैंने पीछे से मौसी की चड्डी के ऊपर से गांड चाटनी शुरू की.

तो मौसी बोलीं- पहले फ्रेश तो हो जा … जा, जाकर नहा ले.
मैंने बोला- मेरी जान आज तो मैं आपके साथ ही नहाऊंगा.

मैंने मौसी जी का गाउन उतार दिया.
मौसी ने ब्रा नहीं पहनी थी. अब मौसी चड्डी में रह गई थीं.

मैंने मौसी जी की चड्डी भी उतार दी.
अब मौसी जी नंगी ही रह कर मेरे लिए नाश्ता बना रही थीं.

मैंने भी अपने बॉक्सर को उतारा और मौसी के साथ मस्ती करने लगा.

कुछ देर में नाश्ता रेडी हो गया तो मैंने उन्हें गोदी में उठाया और बाथरूम में ले गया.
फिर शॉवर के नीचे खड़ी करके मैं बैठ गया और उनकी एक टांग को अपने कंधे पर रख कर उनकी चुत को चाटना शुरू कर दिया.

कुछ मिनट तक चूत चाटने के बाद मौसी का पानी निकलने लगा तो मैंने खड़े होकर फव्वारे के नीचे ही उनकी चुत में लंड पेल दिया.

मैंने दस मिनट तक मौसी को हचक कर चोदा और उनकी चूत में लंड का पानी निकाल दिया.
मौसी मस्त हो गई थीं.

उसके बाद से हम तीनों रोज रात को थ्री-सम चुदाई का मजा लेने लगे.


 
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मौसी के साथ डर्टी सेक्स का मजा



मित्रो, आपने मेरी सेक्स कहानी

मौसी-मौसा के साथ थ्री-सम सेक्स का मजा

में पढ़ा था कि कैसे मैंने अपनी मौसी मौसा के साथ थ्रीसम सेक्स किया था.

दोस्तो, अब आगे गन्दा सेक्स:

उस दिन मौसा अपनी ड्यूटी पर गए थे और मैं और मौसी चुदाई में लगे थे.

चुदाई के बाद हम दोनों काफी थक गए थे इसलिए सेक्स करके हम दोनों बेडरूम में आकर सो गए.

मौसी ने नीली ब्रा और लाल पैंटी पहनी और मैंने मौसी की पिंक पैंटी पहन ली.
केवल इन्हीं कपड़ों में हम दोनों सो गए.

थकान की वजह से पता ही नहीं चला कि कब मौसा जी आ गए.
वे आकर फ्रेश हुए और खाना खाकर हमारे बाजू में ही आकर सो गए.

मौसा मौसी मेरे दोनों अगल बगल में सोये हुए थे और मैं बीच में था.
हम तीनों चड्डी में सोए हुए थे.

जब मेरी नींद खुली तो मैंने देखा कि मौसा जी हॉल में सोफे में चड्डी में बैठे थे और मौसी किचन में गाउन पहने हुई खाना बना रही थी.
उनकी पीजी की लड़कियां ऊपर से नीचे आकर मौसी से बात कर रही थीं.

मैं उठा और बाथरूम से फ्रेश होकर किचन में आकर पानी पीने लगा.
मौसी ने मुझे देख कर स्माइल दी और मैं वापस आ गया.

फिर लड़कियां अपने रूम में चली गईं.
हम तीनों सोफे में आकर बैठ गए.

मैं मौसा जी से बोला- मेरी गांड दर्द हो रही है.
वो हंस दिए जबकि मौसी बोलीं- मुझे तो बहुत मज़ा आया.

इसी तरह से हम तीनों की फिर से सेक्स के टॉपिक में बात होने लगी.
अब मैं भी मौसी मौसा से खुल कर बातें करने लगा.

मैंने पूछा- आप लोगों की पहली सुहागरात कैसी रही थी?
मौसी बोलीं- इन्होंने तो मुझे इतना पटक कर चोदा था कि मेरी सील तोड़ कर खून की नदी बहा दी थी.

मैंने पूछा- अरे वाह मौसी जी, इसका मतलब ये हुआ कि आपको शादी से पहले किसी और ने नहीं चोदा था?
मौसी- हां, मैंने किसी से नहीं चुदवाया था.

मैंने कहा- चुदवाया नहीं था आ कोई मिला नहीं था?
उन्होंने हंस कर कहा- मन तो बहुत था मगर कोई ढंग का मर्द मिला ही नहीं था. मेरा बहुत मन था कि कोई ऐसा अपना दोस्त रहे, जिसके साथ फ्री होकर सेक्स कर सकूँ.

मैंने पूछा- ओके मौसी, इसका मतलब ये था कि आपका मन तो था मगर लंड नहीं मिला जिसके वजह से आप मौसा को पैक माल के जैसी मिल गई थीं.
मौसी- हां.

अब मैंने मौसा जी से पूछा- और आपका क्या सीन था मौसा जी? क्या आपने शादी से पहले किसी की ली थी?
मौसा जी ने कहा- हां. एक की क्या … मैंने तो कई को अपने नीचे से निकाला था.

मेरे मौसा की पर्सनॅलिटी बहुत मस्त थी; पीजी में रहने वाली लड़कियां उनसे सैट हो जाती थीं.

फिर मौसी किसी भी बहाने से उन लड़कियों को किचन में बुला लेती थीं और उनसे कहती थीं- जा, मैं काम करती हूँ. तू जब तक तेरे अंकल के पैर दबा दे. उन्हें बहुत तकलीफ़ हो रही है.
बस लड़कियां रूम में जाकर मौसा जी के पैर दबा देती थीं.

उस समय मौसा जी चड्डी में सोए रहते थे.
मौसा जी धीरे से लड़कियों को पकड़ कर अपने ऊपर भी तेल लगाने बोलते थे.

वे तेल लगाने लगती थीं तो मौसा जी धीरे धीरे लड़कियों को टच करके पकड़ लेते थे और अपनी बातों में फंसा कर उनके साथ सेक्स करते थे.

फिर मैंने पूछा- मौसी आप कहां रहती थीं उस टाइम?
वो बोलीं- मैं अपनी सहेली के घर चली जाती थी. मैं तुम्हारे मौसा के लिए कुछ भी कर सकती हूँ.

इसी तरह से हमारे बीच चुदाई की बातें होती रहीं.

शाम हुई तो महफ़िल जम गई.
मौसा जी ने शराब की बोतल खोल ली और हम तीनों दारू का मजा लेने लगे.
धीरे धीरे पैग चलते रहे और दो घंटे में हम तीनों के चार चार पैग हो गए थे.

अब हम तीनों खाना खाकर न्यूड हो गए. नशा काफी ज्यादा हो गया था तो हम सब एक दूसरे को चिपक कर सो गए.

मैंने मौसी के एक दूध को मुँह में दबा लिया और उनकी चूत में उंगली डाल कर सो गया.

सुबह को मौसा जी अपनी ड्यूटी पर चले गए.
मैं ट्रैनिंग पर चला गया.
मौसी घर के काम में बिज़ी हो गईं.

फिर मैं वापस आया और फ्रेश होकर बेडरूम में आ गया.
मौसी लेटी हुई थीं.

मैंने मौसी के ऊपर चढ़ कर प्यार से उन्हें किस किया और बाजू में लेट गया.
मैंने अपना मोबाइल निकाला और मौसी और मैं साथ में पॉर्न देखने लगे.
पॉर्न देखते हुए बहुत मजा आ रहा था.

मौसी मुझे किस करने लगीं.
मैंने पूछा- मौसी, आप पॉर्न देखती हो?
मौसी ने मुझसे कहा- हां तेरे मौसा मुझे दिखाते हैं, जब हम दोनों बेड में न्यूड लेटे हुए होते हैं.

मैंने मौसी से पूछा- आपको किस केटेगरी की पॉर्न वीडियो पसन्द है?
मौसी ने कहा- मुझे थ्रीसम और बाथरूम सेक्स बहुत पसंद है.

मैंने कहा- अच्छा तो आपने कभी थ्रीसम सेक्स किया है?
मौसी ने हां कहा.

अब मौसी ने मुझसे पूछा- तुझे किस टाइप की चुदाई की फिल्म देखना पसन्द है?
मैंने कहा- मौसी, मुझे तो दो ही केटेगरी बहुत पसंद हैं. एक है बंगाली वाइट रेड साड़ी वाली औरत के साथ चुदाई होते देखना और दूसरी फिल्म वो, जिसमें बुरका और हिजाबी लड़की की चुदाई हो रही हो. ये दो तरह की सेक्स वीडियो मुझे बहुत पसंद आती हैं.

अब मेरी प्यारी मौसी ने मुझसे कहा- चल आज मैं तेरी ये दोनों ख्वाहिशें पूरी कर देती हूँ. पहले तू मुझे हिजाब पहनना सिखा दे.
मैंने कहा- हिजाब बाजार से लाना पड़ेगा.

मौसी ने ओके कहा और मैं बाजार चला गया.

मैंने मौसी के लिए हिजाब और बुरका की शॉपिंग की.
साथ ही मैंने मौसी के लिए सेक्सी ब्रा पैंटी भी खरीद लीं.
हॉट सी नाइटी के साथ कुछ मेकअप का सामान भी ले लिया जैसे आइ-लाइनर, काजल और फेसक्रीम आदि.
उसके अलावा मैंने कुछ मोगरा के गजरा आदि भी ले लिए.

जब तक मैं घर आया तो मौसा भी आ गए थे.
मैंने बाजार से खरीदा हुआ सब सामान मौसा जी को भी दिखाया और आज रात का प्लान भी बताया.

मौसा जी ने कहा- आज तो मैं बेहद थक गया हूँ. तुम दोनों मजा करो.
हम दोनों ने एक साथ ही उनसे कहा- कोई बात नहीं.

जब एक साथ हमारे मुख से ये बात निकली, तो मैंने मौसी की तरफ देखा और उनकी हल्की सी मुस्कान ने बता दिया था कि वो मेरे साथ ये सब करने में कितनी उत्सुक थीं.

फिर रात में हम सब डिनर आदि से फ्री हुए.
मैंने मौसी को वीडियो में सारा हिजाब और बुरका पहन कर तैयार होने का बता दिया था.

मौसी ने मुझसे कहा- तू रूम में जाकर इन्तजार कर … मैं आधे घंटे में तैयार होकर आती हूँ.

मैं रूम में जाकर खुद भी तैयार हुआ और लेट कर मौसी का इंतजार करने लगा.

तब तक मैं हिजाब वाली पॉर्न देखता रहा और साथ में अपने लौड़े के साथ खेलना शुरू कर दिया.

मौसी ने रूम में सारा मेकअप किया और नई चड्डी ब्रा पहन ली.
उसके बाद उन्होंने काला बुरका पहना और मेरे कमरे में आ गईं.

मैं तो मौसी को देख कर एकदम से चौंक गया और खड़ा हो गया कि ये कौन सी मोहतरमा आ गई हैं.
मौसी मेरे पास आईं तो उनकी चाल से मैं समझ गया कि ये मौसी हैं.

मैंने आगे बढ़ कर मौसी को अपनी बांहों में ले लिया और किस किया, उनसे कहा- आओ मेरी बेगम … बड़ी देर से आपका इंतजार कर रहा था.
मैं उनकी गर्दन में किस करने लगा.
मौसी भी मुझे चूमने लगीं.

कुछ मिनट तक किस करने के बाद मौसी ने मुझे अपने बुरके के नीचे से अन्दर ले लिया और मैंने मौसी की चूत चाटना शुरू कर दिया.

मौसी मुझसे कामुक आवाज में कहने लगीं- आह चाट ले … आह आज तो अपनी हिजाबी मौसी को खा जा पूरा!

मैं कुछ देर तक चूत चाटने के बाद बाहर निकला और मौसी को खड़ी करके बुर्क़े के ऊपर से ही उनके बूब्स दबाने लगा और गांड दबाने लगा.
कुछ मिनट तक मौसी को चाटने चूमने और दूध मसलने के बाद मैंने काम आगे बढ़ाने की सोची.

मौसी बुर्क़े में खड़ी थीं.
उनका चेहरे का नकाब होंठों से नीचे सरक आया था.

मैंने अपने सारे कपड़े निकाल दिए और मौसी के सामने नंगा हो गया.
मौसी मेरे सामने हाथ बांध कर खड़ी थीं.

मैं मौसी के पीछे आ गया और उनके बुर्क़े के ऊपर से ही उनकी फूली हुई गांड को दांतों से चबाना और दबाना शुरू कर दिया.

मौसी लगातार आहें और कराहें भर रही थीं.
मैं अपना काम आगे बढ़ाता हुआ उनके दूध तक आ गया और पीछे से हाथ आगे लाकर उनके मम्मों का मलींदा बनाने लगा.
धीरे धीरे एक हाथ से मौसी की चूत को भी दबाना शुरू कर दिया.

कुछ देर के बाद मैंने मौसी का बुरका उठाना शुरू कर दिया.
सबसे पहले उनकी गांड दिखी तो मैं चड्डी के ऊपर से ही गांड को चाटने लगा.

मौसी लगातार अपने पैर आगे पीछे करती हुई हटा रही थीं.
फिर मैंने मौसी की गांड के छेद के पास से चड्डी हटाई और अपनी जीभ मौसी की गांड में घुसेड़ दी.

मौसी की मादक आह निकल गई और मैंने उनकी गांड के छेद को चाटना शुरू कर दिया.
वे खड़ी खड़ी ही ‘आह आह …’ की आवाज़ करने लगीं.

मौसी की गांड चाटने के बाद मैंने चूत को चाटना शुरू किया.
मैंने मौसी की चूत चाटना चालू ही किया था कि मौसी ने मुझे हटने के लिए कहा.

तब मैंने कहा- अभी तो मजा आना शुरू हुआ है मौसी, आप मुझे क्यों हटा रही हैं?
मौसी ने कहा- मुझे सुसू आ रही है. जरा हटो मुझे पहले मूत आने दो.

मैंने चूत से मुँह नहीं हटाया तो मौसी की चूत से उनकी पेशाब की कुछ बूंदें चूत से टपक आईं.

मैंने चूत से निकला मूत चाट कर गन्दा सेक्स किया.
मुझे उनकी सुसू का स्वाद बहुत ही मस्त लग रहा
था.

मैंने अपनी पूरी जीभ मौसी की चूत में डाल दी और मुँह से लगभग चूत को अपने मुँह से ढक कर ऐसे मुँह लगा दिया मानो मैं उनकी चूत से निकली हर एक बूंद को खराब नहीं होने दूंगा.

मौसी मुझे हटाने कि चेष्टा कर रही थीं और लगातार ‘पेशाब आ रही है, हट जाओ …’ कह रही थीं.
मैंने हाथ के इशारे से उन्हें कह दिया कि आ जाओ मेरे मुँह में ही मूत दो.
और मैंने मौसी उनकी चूत को चाटना शुरू कर दिया.

मौसी की पेशाब रोक पाने की क्षमता खत्म हो गई और उन्होंने अपनी चूत का नल खोल दिया.
चूत से मूत टपकना शुरू हो गया.
मैं मौसी की चूत का सारा पानी पी गया.

पेशाब पीने के बाद मैं कभी मौसी की चूत चाट रहा था तो कभी मौसी की चूत का पानी उनकी जांघों पर जीभ से लगा रहा था.

उसी दरमियान मेरी एक उंगली मौसी की गांड में भी अन्दर बाहर हो रही थी.
फिर मैंने मौसी से कहा- आज आपकी गांड भी मारनी है.

मौसी ने अपनी पेशाब से गीला हो चुका बुर्क़ा उतार कर फर्श पर फेंक दिया और अपनी गीली चड्डी को मेरे मुँह में डाल दी.
तब मौसी सिर्फ़ नकाब और ब्रा में थीं और फर्श पर मौसी की पेशाब फैली हुई थी.

मैंने मौसी से कहा- आप फर्श पर लेट जाओ.
मौसी अपनी पेशाब के ऊपर लेट गईं.

मैं आज उनके साथ पूरी मस्ती करने के मूड में आ गया था इसलिए कुछ सोच कर मैं किचन में गया और केक पर लगाने वाली क्रीम लेकर आ गया.
मैंने क्रीम को मौसी की चूचियों और चूत में लगा दी.
फिर कुछ क्रीम मैंने अपने लंड में लगा ली.

अब मैंने मौसी के ऊपर उनकी पेशाब को हाथ से समेट कर डाला और मौसी को चाटना शुरू कर दिया.
मौसी ने मेरे लंड को चूसना शुरू किया और लंड पर लगी सारी क्रीम खा ली.

मैंने कहा- आपकी क्रीम में कुछ स्वाद की कमी रह गई है शायद.
मौसी समझ नहीं सकीं कि क्या कमी रह गई है.

मैंने मौसी के मुँह में लंड दिया और पेशाब टपका दी.
उन्होंने जरा सी पेशाब पी और लंड हटा दिया.

अब फर्श पर हर तरफ़ हम दोनों की पेशाब फैल गई थी और हम दोनों गीले हो गए थे.

फिर मैंने उसी पेशाब में मौसी को चुदाई की पोजीशन में लेकर उनकी चूत में लंड पेल दिया और धकाधक चोदना शुरू कर दिया.

हम दोनों गीले थे इसी लिए फछ फछ की आवाज़ आने लगी थी.

कुछ ही देर में वासना का सैलाब बढ़ने लगा और मैंने मौसी को घोड़ी बना कर चोदना चालू कर दिया.
काफी देर तक ताबड़तोड़ चुदाई करने के बाद मेरा लंड पानी फेंकने वाला हो गया था.

मैंने मौसी की चूत से लंड खींचा और उनके मुँह में दे दिया.
लंड अपनी चरम सीमा पर था तो ज्यादा देर रुक नहीं सका और मौसी के मुँह में ही फट पड़ा.

मैंने लंड का सारा माल मौसी के मुँह में निकाल दिया.
मौसी ने भी लंड को चूस कर सारा माल चाट लिया और खा लिया.

उसके बाद हम दोनों बाथरूम में गए और फव्वारे के नीचे खड़े होके नहाने लगे.
फिर वापस रूम में आकर बेड पर लेट गए.

कुछ ही देर में हमें नींद आ गई और हम दोनों नंगे ही चिपक कर सो गए.
 
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