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आप केसी सेक्स स्टोरी पढना चाहते है. ??

  • माँ - बेटा

  • भाई - बहेन

  • देवर - भाभी

  • दामाद – सासु

  • ससुर – बहु


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junglecouple1984

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मम्मी और आंटी को एक साथ चोदा


दोस्तो, मेरा नाम अभिषेक है और मैं 19 साल का हूँ.
मैं पंजाब से हूँ और अभी एक इंजीनियरिंग कॉलेज में पढ़ रहा हूँ.


इस घटना के बाद मैं हर रोज़ अपनी मम्मी की चुदाई करता हूँ.
हां दोस्तो, यह चौंकने वाली ही बात है कि मैं अपनी मम्मी की चूत चुदाई करता हूँ.

चलिए आगे बढ़ने से पहले मैं आपको अपनी मम्मी और उनकी एक मदमस्त सहेली के बारे में बता देता हूँ.

दरअसल बचपन में मेरा एक पक्का दोस्त हुआ करता था, उसका नाम आनन्द था.
दुर्भाग्यवश एक कार दुर्घटना में उसकी और उसके पापा की मृत्यु हो गयी थी.

आनन्द से मेरी पक्की दोस्ती की वजह से हमारे घर वाले भी आपस में काफ़ी घनिष्ठ हो गए थे.

उसके और उसके पापा की मृत्यु के बाद मेरी मम्मी की भी बेस्ट फ्रेंड यानि आनन्द की मम्मी कणिका आंटी का और कोई नहीं बचा क्योंकि आनन्द अपने माँ बाप का इकलौता बेटा था.

आनन्द के दादा दादी ने अपनी बहू (मतलब कणिका आंटी) को घर से निकाल दिया.
पर क्योंकि कणिका आंटी के पापा मम्मी की मृत्यु पहले ही हो गई थी तो कणिका आंटी का अब इस दुनिया में कोई नहीं बचा था.

चूंकि मेरी मम्मी कणिका आंटी की बहुत अच्छी सहेली थीं, तो मेरी मम्मी के रिक्वेस्ट पर वे हमारे साथ ही रुक गईं.

फिर समय का कुछ ऐसा चक्र चला कि मेरे जवान होने तक मेरे पापा भी ब्लड कैंसर से गुजर गए.

पापा सरकारी अफसर थे तो उनकी पेंशन से हम सबका घर खर्च बहुत अच्छे से चल जाता था.
दूसरी तरफ आनन्द के पापा की पेंशन भी कणिका आंटी को मिलती थी तो पैसे की कोई कमी नहीं थी.

वैसे भी अब हम सिर्फ़ 3 ही लोग रह गए थे, मेरी मम्मी, कणिका आंटी और मैं!

हम तीनों लोग पंजाब में एक फ्लैट में रहते थे.

अब कहानी में कुछ ऐसा मोड़ आया कि मैं अपनी जवानी में कदम रखने से पहले ही कुछ ग़लत लड़कों की संगत में रहने लगा.

पापा के ना होने से किसी तरह की बंदिश नहीं बची थी तो बहुत ज्यादा बिंदास होकर गंदी हरकतें और गाली वाली भाषा बोलने लगा था.

जवानी की दहलीज पर कदम रखने वाली उम्र कुछ ऐसी होती है कि यदि अंकुश न हो तो भविष्य का सत्यानाश होने में देर नहीं लगती.

यही मेरे साथ हुआ.
मुझे उसी दौरान पॉर्न आदि देखने और हस्त मैथुन की आदत लग गयी.

बात यहीं नहीं रुकी, मैंने अब अपनी मम्मी और आंटी को भी घूरना चालू कर दिया था.

मैं सिगरेट पीते हुए पॉर्न देखता और उसमें भी मॉम एंड सन की चुदाई वाली कहानी व ब्लू-फिल्म देखता.
उसी समय मैं अपनी मम्मी व आंटी को अपनी कल्पना में लेकर मुठ मार लेता.

दोस्तो, मेरी मम्मी का फिगर 34-30-36 का है.
वे अभी भी जवान दिखती हैं और साढ़े पाँच फिट की लंबी हाइट के कारण मम्मी का हुस्न बड़ा ही मदमस्त लगता था.

मम्मी की तरह ही आंटी का फिगर भी 34-32-38 का था.
उनकी उम्र मेरी मम्मी के जितनी ही और हाइट भी लगभग एक समान ही थी.

मेरे ख्याल से आंटी मेरी मम्मी की हाइट से एकाध इंच कम ही रही होंगी.

वे दोनों ही एकदम चुदक्कड़ किस्म की महिलाएं थीं और मैं उन दोनों को याद करके ही दिन भर अपना लंड हिलाता रहता था.

मेरा लंड भी अद्भुत लंबाई मोटाई वाला है. यह 7 इंच लंबा और ढाई इंच मोटा लंड है.

यह उन दिनों की बात है जब गर्मी का मौसम था और मेरी स्कूल की छुट्टियां चल रही थीं.
तब मेरे पापा की मृत्यु को सिर्फ़ चार महीने ही हुए थे.

मैं अपने घर में दिन भर शॉर्ट्स में ही रहता था.

मम्मी और आंटी दोनों अक्सर सलवार सूट में ही होती थीं और वे दोनों बहुत ज़्यादा देर रात तक जागती रहती थीं.

शायद वे लोग टीवी सीरियल्स में बहुत मन लगाती रहती थीं.
मैं भी कुछ नहीं कहता था क्योंकि वे दोनों विधवा औरतें टीवी के अलावा किधर अपना मन लगातीं!

उन दिनों मैं जल्दी सो जाया करता था.

आंटी और मम्मी एक ही कमरे में सोती थीं और मैं दूसरे कमरे में!

उस दिन गर्मी कुछ ज़्यादा थी इसलिए मेरी नींद खुल गयी.

पानी पीने के लिए मैं कमरे से बाहर आया और देखा तो हॉल में मम्मी और आंटी सोफे पर बैठ कर सामने टीवी पर एक पॉर्न मूवी देख रही थीं.
मैं एकदम से हैरान रह गया और चुपचाप उनके पीछे लगे खंबे के पीछे छुप कर देखने लगा.

मम्मी और आंटी दोनों ने अपनी अपनी सलवारें नीचे कर रखी थीं और वे अपनी अपनी चूत में मोटी मोटी मूलियां घुसा रही थीं.

मैं समझ गया कि इन दोनों की चूत में खुजली हो रही है और जल्द ही मुझे इनकी चूत के लिए अपने लंड को पेश करना पड़ेगा वरना कोई बाहरी आदमी इनकी चूत पर धावा बोल देगा.

तब मैं खंबे के पीछे से ही अपना लंड हिलाने लगा.
और कुछ पल बाद ही मैंने सोचा कि क्यों ना मैं मम्मी के सामने जाकर उनको भी अपने मूसल लंड को देखा कर दंग कर दूं.

इसलिए अब मैंने जानबूझ कर थोड़ी आवाज़ की.
तो आंटी ने झट से टीवी का चैनल बदल दिया और मूली अपनी चूत में से निकाल दी.

उसके बाद उन दोनों ने जल्दी से अपनी अपनी सलवार पहन ली.

मैं उनके सामने गया और मैंने वहां की महक से पहचान लिया कि दोनों की चूत में से बहुत प्यारी और सुगंधित महक आ रही है.

मैंने कहा- मम्मी, गर्मी के कारण मुझे नींद नहीं आ रही है, क्या मैं आपके एसी वाले कमरे में आज रात आप दोनों के साथ सो जाऊं?
उन्होंने कहा- हां बिल्कुल, हम दोनों भी बस कुछ ही देर में सोने आ रही हैं.

उस वक़्त रात के 11.00 बज रहे थे.

उसके बाद मैंने जानबूझ कर टेबल की तरफ देखते हुए कहा- अरे आप लोग भी मूलियां खा रही थीं … मैं भी कुछ फ्रेश खाने की सोच रहा था!
मैंने एक मूली को उठाया और उसे सूंघने लगा.

इतने में ही मम्मी ने वह मूली मुझसे छीन ली और कहा- जाओ तुम जाकर सो जाओ.

मैं उनके कमरे में एसी चला कर सोने लगा और सोचा कि आज रात तो मैं इन दोनों की प्यासी चूत की आग बुझा कर ही रहूँगा.
यह सोचने के बाद सबसे पहले मैंने मम्मी के ही कमरे वाले बाथरूम में जाकर अपनी अंडरवियर उतार दी.

फिर वहां पर देखा, तो मम्मी और आंटी की ब्रा और पैंटी पड़ी थी.
मैं काफी देर तक उन दोनों के अंडरगारमेंट्स को सूंघ कर अपना लंड हिलाता रहा और बाद में मैंने उनके अंडरगारमेंट्स पर अपना वीर्य गिरा दिया.

लगभग आधे घण्टे बाद वे दोनों कमरे के अन्दर सोने आईं और आते ही वे दोनों बाथरूम में जाकर अपनी अपनी नाइटी व ब्रा पैंटी बदलने चली गईं.

अन्दर उन्हें शायद मेरी हरकत का पता चल गया.
वे दोनों उधर वॉशरूम में ही इसके बारे में बातें करने लगीं.

पर जब वे बाहर आईं तो उन्होंने मुझसे कुछ नहीं कहा और मेरे दोनों तरफ सो गईं.

15-20 मिनट बाद ही मैंने अपना लंड खड़ा कर दिया और मम्मी की जांघ और गांड पर रगड़ने लगा.

अब मेरा खुद पर से काबू हट गया था और मैं अपना लंड शॉर्ट्स में से निकाल कर हिलाने व रगड़ने लगा था.

तब तक मेरी मम्मी की नींद खुल गयी और उन्होंने मुझे पकड़ लिया.

जैसे ही उन्होंने लाइट जलाई तो देखा कि मेरा 7 इंच वाला लंड बाहर निकला था.

वे लंड को देख कर हैरान हो गईं और उन्होंने मुझसे पूछा- बेटा, तुम ये क्या कर रहे हो?

तो मैंने कह दिया- आप दोनों पॉर्न फिल्म देख रही थी तो मैंने सोचा क्यों ना आपकी खुजली में ही मिटा दूं क्योंकि आख़िर अब मैं भी तो बड़ा हो गया हूँ!

तभी आंटी भी जाग गईं.
जब उन्होंने ये सब बातें सुनी तो उन्होंने मेरी मम्मी को एक तरफ आने का इशारा किया.

मम्मी और आंटी एक कोने में जाकर बात करने लगीं.

आंटी- पायल, वैसे भी कितना समय हो गया, हम दोनों ने अभी तक कोई भी लंड अन्दर नहीं लिया है. वैसे भी इसका लंड हमारे पतियों से बहुत बड़ा है, इससे चुदवा लेती हैं, घर की बात घर में ही रहेगी और हम दोनों की पूरी हवस भी मिट जाएगी!

बस फिर क्या था मम्मी और आंटी ने मेरे पास आकर कहा- बेटा, तुम अपने मैनर्स भूल रहे हो, लगता है तुम्हें इसकी सज़ा देनी पड़ेगी!

उनकी यह बात सुनकर मैं थोड़ा डर गया.
पर इतने में ही मम्मी ने हंसते हुए मेरा लंड पकड़ लिया और कहा- बेटा, तुम्हारी सज़ा यह है कि तुम्हें अब हमारी चूत की सेवा करनी होगी.

बस ऐसा कहते ही मम्मी ने अपने मुँह में लंड ले लिया.
मैं हैरान रह गया.

अब बचा ही क्या था!

मम्मी और आंटी दोनों एकदम हवस से भरी हुई थीं.
उन्होंने मुझे पकड़ कर पूरा नंगा कर दिया और मुझे नीचे बेड पर लिटा कर मेरा लंड चूसने लगीं.

मैंने कहा- आप दोनों क्या मस्त लंड चूसती हो … आह लगता है काफी बड़ी चुसक्कड़ रही हो.
आंटी बोलीं- बेटा देखता जा, थोड़ी देर बाद तू हम दोनों को चुसक्कड़ के साथ साथ बड़ी चुदक्कड़ भी कहेगा!

मैं आंटी के एक दूध को मसलता हुआ बोला- बिल्कुल आंटी, आप दोनों तो हो ही चुदक्कड़ रंडियां! अपने बेटे से चुद रही हो … इससे बड़ी रंडी कौन हो सकती है! आह मस्त चूस रही हो मेरी छिनाल रंडियो, चूसो आह चूसो … मजा आ गया!

आंटी और मम्मी लगभग दस मिनट बाद मेरे लंड से हटीं तो मैंने मम्मी और आंटी के बूब्स पकड़ लिए और उन दोनों के मम्मों को मसलने लगा.
वे दोनों अब तक मेरे सामने अपने आपको पैंटी के अलावा पूरी नंगी कर चुकी थीं.

मैंने बारी बारी से उन दोनों के बूब्स पकड़ कर मुँह में लिए और उनकी मस्त चुसाई की.

अब हम सब चुदास से गर्म हो गए थे.

मैंने फटाफट से मम्मी को धक्का दिया और बिस्तर पर लेटा दिया.
मम्मी ने पैंटी के ऊपर से ही अपनी चूत सहलाते हुए कहा- अब मेरा बेटा असली मर्द हो गया है … अब मैं इसकी पत्नी बन सकती हूँ.

वे दोनों बिल्कुल रंडी के जैसी सेक्सी पोजीशन में चूत खोल कर लेट गईं.

मैंने दोनों की नाइटी पहले ही उतार कर फेंक दी थी और उन दोनों को फर्स्ट टाइम मैं सिर्फ पैंटी में देख रहा था.
मैं तो दो दो माल जैसी रंडियों को नंगी देख कर पागल ही हो गया था.

मैंने सबसे पहले मम्मी की पैंटी को एक ही झटके में उतार कर अलग कर दिया और मम्मी की चूत को सूंघने लगा.
फिर खूब ज़ोर ज़ोर से चाटने लगा.

उनकी तो जैसे चीखें ही निकल गईं और उन्होंने मेरा सर अपनी चूत में दबा लिया.

Xxx टैबू सेक्स विद मॅाम करते हुए थोड़ी ही देर में ही मम्मी झड़ गईं, मैं उनकी चूत का सारा रस चाट गया.

उसके बाद आंटी की चूत पर अपना मुँह लगा दिया.

इस तरह मैंने मम्मी और आंटी की चूत को चाटने के बाद उन्हें अपना असली जलवा दिखाया.

मैंने आंटी से कहा- आंटी, आप तो इतनी सेक्सी हो, पहले ही मुझसे चुदवा सकती थीं!
उन्होंने कहा कि जब जागे तब सवेरा … अभी कौन सी देर हुई है. अब भी मेरी इस प्यासी चूत में अपना हैवान लंड घुसेड़ कर इसको फाड़ दे बेटा और आज मुझे अपनी रंडी बना ले.

मैंने एक झटके में आंटी की चूत में अपना लंड घुसेड़ दिया और खूब ज़ोर ज़ोर से धक्के लगाने लगा.

आंटी लगातार मोटी मोटी मूली अपनी चूत में लेती रहती थीं, तब भी वे मेरे मूसल ब्रांड लंड से जैसे पागल ही हो गयी थीं और उनके मुँह से सिर्फ़ ‘आआहह उईईई साले ने फाड़ डाली रे … मादरचोद तेरा कितना मोटा लंड है … भोंसड़ी वाले … आह’ की ही कामुक आवाज़ें निकल रही थीं.

सच में आंटी तो जैसे मेरे लंड की दीवानी हो गयी थीं.

इतने में मेरी मम्मी ने आंटी से जलते हुए कहा- हट साली रांड, आज बेटा क्या अपनी मम्मी की सेवा नहीं करेगा!

उसी वक्त आंटी तेज आवाज करती हुई झड़ गईं और मैं भी झड़ गया.

तब आंटी ने कहा- आह … अपना सारा पानी इस जवान प्यासी चूत में ही डाल कर बड़ा उपकार किया है बेटा आह!

आंटी की चूत से लंड निकाल कर मैंने अपनी मम्मी को देखा तो उन्होंने अपने ऊपर लिटा लिया.

मैंने कुछ ही देर में वापस चार्ज होकर मिशनरी पोजीशन में ही अपनी मम्मी की चूत में खूब तेज तेज झटके लगाए और झड़ने के लिए रेडी हो गया.

इसी बीच मम्मी की चूत दो बार पानी भी छोड़ चुकी थी.
तीसरी बाद जब मम्मी झड़ीं तो मैं भी झड़ गया.

हालांकि झड़ने के बाद भी मेरा लंड एकदम कड़क था तो मैं रुका ही नहीं.

मम्मी ने आह करते हुए कहा- सच में बेटा, क्या मस्त हैवान लंड है तेरा … मुझे पहले पता होता तो अब तक तेरे इस जादुई लंड से रोज़ चुदवाती. तेरा कमीना बाप तो कभी ढंग से चोदता ही नहीं था. क्या शानदार लंड है तेरा … झड़ने के बाद भी लगातार खूब चोद रहा है!

मैंने मम्मी से कहा- अब तो आपको रोज़ ही चोदूंगा!
तो मम्मी ने आहें निकालते हुए कहा- हां बेटा, अब तो मैं तुम्हारी गुलाम बनकर रहूंगी … पक्का रोज़ चुदवाऊंगी अपनी इस मोटी चूत को तेरे मूसल लंड से!

मम्मी की चूत काफ़ी गद्देदार लगी.
मैंने बारी बारी से दोनों की गांड, चूत और मुँह में लंड पेल कर पूरी रात मस्ती की.

उस दिन के बाद से हम तीनों खूब सेक्स करते हैं.
 
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junglecouple1984

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भाभी की चूत 12 साल बाद भी कुंवारी


दोस्तो, मेरा नाम सनी है.
मेरा कद सवा पांच फुट का ही है लेकिन हथियार पूरे 6 इंच का भरा पूरा है.

यह स्टोरी मेरी और मेरी दुकान पर काम करने वाले एक भैया की पत्नी की है.
तब मैं 22 साल का था और जिस भाभी के साथ मस्ती की थी, वे तब 30 साल की थीं.
भाभी का नाम दीपा (बदला हुआ नाम) था.

मेरी दुकान पर काम करते हुए भैया को लगभग 35 साल से ज्यादा हो गए थे.
उनकी उम्र उस वक्त 43 साल की थी.
मतलब जब वे छोटी उम्र के थे, तभी से हमारे यहां काम करते आ रहे थे.

उस वक्त बाल श्रम अपराध नहीं था इसीलिए वे हमारे यहां काम कर रहे थे.

भैया की शादी को 12 साल हो गए थे और उनको अब तक कोई बच्चा नहीं हो पाया था.
उन्होंने अपना इलाज हर जगह करवाया पर हर जगह से निराशा हाथ लगी.

भाभी की छोटी बहन की भी शादी भैया के छोटे चचेरे भाई से हुई थी.
तब भाभी और उनकी बहन, दोनों ने शायद कसम ली थी कि पहले बच्चा बड़ी वाली करेंगी, तब जाकर छोटी बहन बच्चा पैदा करेगी.

उधर बच्चे को लेकर दोनों घरों में झगड़े होने चालू हो गए.
बाद में भाभी की छोटी बहन की सास ने समझा बुझा कर उसे बच्चे के लिए मना लिया.

उसके बाद भाभी की छोटी बहन आज एक बच्चे की मां भी बन गई.
उसके माँ बन जाने के बाद से दीपा भाभी अपसेट रहने लगीं और वह डिप्रेशन में जाने लगीं.

कुछ दिन बाद दीपा भाभी ने सारी बातें मुझसे साझा कीं. भाभी को मैंने दिलासा देते हुए उन्हें अपना नंबर दे दिया.

मैंने कहा- कोई भी बात हो, आप मुझसे शेयर कर सकती हो.
अब भाभी मुझसे रोजाना बात करने लगीं.

फिर 14 फरवरी को उन्होंने विश किया.
उस दिन वेलेंटाइन डे होता है और वे उस दिन मुझे विश कर रही थीं.
इसका मतलब शायद यही था कि वे मुझसे प्यार करने लगी थीं.

मैंने भी कुछ इस तरह से बात की कि उन्हें अच्छा लगा और वे मुझसे और भी ज्यादा खुलने लगीं.
तब मैंने भी उनकी प्यार की नदिया की धारा को अपनी तरफ बहने दिया.

अब वे मुझसे कुछ ज्यादा ही अंतरंग हो चुकी थीं.
इसी के साथ वे अपने डिप्रेशन से भी बाहर आ गई थीं और मन ही मन मुझसे प्यार करने लगी थीं.

अपने डिप्रेशन वाली बात को लेकर उन्होंने यह सब मुझे बाद में खुद बताया था.

एक दिन मुझे छुट्टी वाले दिन बाजार जाना था.
उस रात को काम खत्म करके भइया गाड़ी अपने घर ले गए जो मेरे घर से कुछ ही मिनट की दूरी पर था.

मुझे चाबी लेने उनके घर जाना पड़ा.

उस दिन जब मैं उनके घर पर गाड़ी की चाबी लेने गया तो मालूम चला कि भइया छुट्टी की वजह से अपनी मम्मी के साथ किसी काम से बाहर गए हुए थे.
घर में उस वक्त अकेली भाभी ही थीं.

मुझे मजबूरी में उनके घर जाना पड़ा था.
मैंने उनके घर पर जाकर कुंडी खटखटाई तो भाभी बाहर आ गईं.

मुझे देखते ही वे बोलीं- आज मेरी याद आ ही गई!
मैं बोला- भाभी, मुझे गाड़ी की चाबी चाहिए.

वे मुझे वहां बैठने की कह कर अन्दर चली गईं.
मैं उनके घर को देख रहा था.

इतने में बाहर आकर बोलीं- मुझे चाबी नहीं मिल रही!
मैं- एक बार अच्छे से भैया के सामान में चैक करो.

भाभी- एक काम करो, भैया को कॉल करके तुम खुद पूछ लो, मुझे नहाने जाना है.
मैं- ठीक है.

मैंने भैया को कॉल किया.
तब भैया ने कहा कि चाबी उनके पास ही गलती से आ गई है.

जब मैंने उनसे पूछा कि आप कितनी देर में आएंगे?
तब उन्होंने बताया कि वे रात को 11 बजे से पहले नहीं आ सकते.

मैं अब बाजार नहीं जा सकता था और वहीं भाभी नहाने चली गई थीं.

मैंने आवाज देकर पूछा- भाभी आपको कितनी देर लगेगी?
भाभी- क्यों तुम्हारी बात नहीं हुई क्या भैया से?
मैं- बात तो हो गई और उनको टाइम लगेगा आने में … उन्हें रात के 11 बजेंगे.
भाभी- हां वह तो मुझे पता है. आप चाबी की बताओ कि क्या कहा! आपको मिली या नहीं?
मैं- नहीं.

भाभी- तो आप एक काम करो … अपनी चाबी चैक करो अपने लॉक के लिए!
मैं- मतलब?

भाभी- दो मिनट रुको, मैं अभी आकर सब मतलब बता देती हूं.

मैं इतना तो समझ गया था कि भाभी डबल मीनिंग भाषा बोल रही हैं.

इतने में भाभी बाहर आ गईं.
वे तौलिया लपेट कर बाहर आ गई थीं.

भाभी- मेरे साथ आओ.
वे मुझे अपने कमरे में पकड़ कर ले गईं.

दोस्तो, अब वक्त आ गया है कि मैं आपको उनका साइज बता दूं.

दीपा भाभी की फिगर 34-28-36 का है. उस वक्त वे तौलिया में बड़ी कयामत लग रही थीं.

मैं तो उन्हें सिर्फ तौलिया में एकदम नंगी सी हालत में देखते ही पागल हो गया था.

उस दिन मेरे मन में पहली बार उनके लिए गलत विचार आने लगे थे.
मन कर रहा था कि भाभी को वहीं दबोच कर चोद दूँ.

भाभी मुझे घूर कर देखने लगीं और बोलीं- क्या हुआ अब बताओ?
मैं- भाभी, भैया ने पूरा काम बिगाड़ दिया.

भाभी- मैं बना दूँ?
मैं- भाभी क्या कहना चाहती हो, ढंग से कहो!

भाभी- मुझे तुम चाहिए हो.
मैं- भाभी आप कैसी बात कर रही हो?
मैंने उनसे ऐसे ही कहा था.

भाभी तौलिया में खड़ी खड़ी ही रोने लगीं और कहने लगीं- सब मर्द एक जैसे होते हैं … औरतों की फीलिंग नहीं समझते हैं.

वे रोती हुई मुझे हल्के हल्के से घूंसे भी मारने लगी थीं.

मैं- भाभी आई एम सॉरी, मुझे आप पर चिल्लाना नहीं चाहिए था.

इस दौरान उनके कोमल कोमल हाथ मेरे हाथों में आ गए थे और मेरे ऊपर उस वक्त चुदाई का पूरा नशा चढ़ गया था.

सामने मस्त भाभी खुद से चुदने का ऑफर दे रही थीं और मैं उन्हें शराफत का पाठ पढ़ा रहा था.

भाभी का मन देख कर अब मुझे एक शरारत सूझी.
मैंने जानबूझ कर उनके हाथ पीछे करने की कोशिश में उनका तौलिया निकाल दिया.
अब वे मेरे सामने ब्रा और पैंटी में आ आ गई थीं.

वे शर्माने की एक्टिंग करने लगीं.
मैं वहां से जाने लगा तो भाभी ने मुझे रोकते हुए कहा- सनी, मुझे तुम्हारी मदद चाहिए.

भाभी ने मेरे हाथ अपने हाथों में लिए और अपने मम्मों पर रख दिए.
मुझसे भी सब्र नहीं हुआ और मैंने उनके आमों को दबा दिया.

भाभी की आह निकल गई और भाभी ने मुझे सीधा धक्का दे दिया.
मैं झटके से बेड पर जा गिरा.

भाभी ने मेरे कपड़े उतारना शुरू कर दिए और मुझे बताने लगीं- आपके भैया मैं बिल्कुल भी जान नहीं है. उनका खड़ा ही नहीं होता है. बहुत कोशिशों के बाद यदि कुछ हुआ भी, तो उतनी देर में तो एक घंटा लग जाता है. उसके बाद सिर्फ दो मिनट की फुच्छ फुच्छ में पानी निकल जाता है.

मैं उनके मुँह से यह सब एकदम खुला सुनकर काफी चुदास से भर गया था.

भाभी ने मेरे सीने पर हाथ फेरते हुए कहा- तुम मुझे बहुत अच्छे लगते हो. जब से मैं शादी करके आई हूं, तब से मैंने तुमको बड़े होते हुए देखा है और आज तुम इतने बड़े हो गए हो कि मैं तुम पर अपना हक जताना चाहती हूँ.

मैं- भाभी, क्या ये सब ठीक है?
हालांकि मन में चाहता तो मैं भी यही था … पर अभी कुछ ड्रामा चोदना जरूरी लग रहा था.

भाभी रोती हुई मेरे ऊपर से उतर गईं और कहने लगीं- मैं क्या करूं सनी, तुम्हारे भैया से मुझे सुख नहीं मिलता और मेरी सास, सास कम जेलर ज्यादा हैं. वे मुझे कहीं जाने भी नहीं देती हैं. मैं किसके पास जाऊं, शायद कुदरत को भी यही मंजूर है कि आज तुम यहां आए हो. तुम अगर नहीं चाहते कि मैं मां बनूं, तो तुम जा सकते हो.

मैं- भाभी उठो, मैं आपको वह सब कुछ दूंगा … जो भैया आपको नहीं दे पाए.

मैंने भाभी को उठाया और भाभी ने मुझे गले से लगा लिया. फिर मुझे धक्का देते हुए वे किस करने लगीं.
मैं भी उन्हें किस कर रहा था.

हमारी किस 5 मिनट तक चली.
फिर उसी बीच मैंने पीछे से अपना हाथ उनकी पैंटी में डाल दिया.

ठंड के मौसम के कारण मेरे हाथ ठंडे थे.
गर्म चूतड़ों पर ठंडे हाथ लगने से भाभी एकदम से होश में आ गईं और अपनी ब्रा उतारने लगीं.

मैंने उन्हें रोका और कहा- आप कुछ मत करो.
वे मुस्कुरा दीं और मैंने उनकी ब्रा उतारी.

आह क्या दूध थे … एकदम फक्क सफेद और उन पर ब्राउन कलर के निप्पल.
मैंने झट से अपना मुँह निप्पल पर लगा दिया और चूसने लगा.

भाभी आह आह करने लगीं और मेरे सर पर हाथ रख कर मुझे अपने मम्मों में दबाने लगीं.

मेरा मन तो उनके मम्मों को छोड़ने का हो ही नहीं रहा था.

कुछ देर बाद भाभी ने मेरा अंडरवियर उतार दिया और मुझसे अलग होकर 69 में आ गईं.

मैं भी उनकी चूत में मुँह घुसेड़ कर चूसने लगा और भाभी मेरे हथियार को चूसने लगीं.

अगले दो ही मिनट में भाभी ने पानी छोड़ दिया, मैं उनकी मलाई को पी गया.

भाभी एक बार को निढाल हो गईं, झड़ने के बाद वह बेहोश सी हो गई … उन्हें तो जैसे शराब का नशा सा चढ़ गया था.

वे मेरे लंड से मुँह हटा कर लेट गई थीं.
पर अभी मेरा नहीं हुआ था तो मैंने उठकर चित कर दिया और उनके मुँह को ही चोदना चालू कर दिया.

भाभी की पैंटी अभी भी उनकी टांगों में फंसी थी.
मैंने पैंटी उतारी.

क्या तो मस्त गुलाबी चूत थी, उस पर छोटे छोटे सुनहरे बाल उगे हुए थे.

भाभी सोती हुई बहुत प्यारी लग रही थीं.

मैंने उनकी नग्न अवस्था में 2-3 फोटो ले लीं और फोन का कैमरा ऑन करके रख दिया जिससे सब रिकॉर्ड हो जाए.

यह मेरी पहली चुदाई थी और मैं इसे यादगार बनाना चाहता था.

मैंने अपना लंड भाभी की चूतत पर रख कर ठेल दिया.
पर पहली बार में लंड फिसल गया.

मैंने दुबारा से छेद पर लंड लगाया और धक्का दिया.

अभी मेरे लंड का सुपारा अन्दर गया ही था कि भाभी जो मदहोश थीं, वे एकदम से चिल्ला दीं.

मैंने तुरंत अपने होंठ उनके होंठों पर रख दिए और उन्हें चुप होने के लिए कहा.

भाभी कहने लगीं- सनी, प्लीज थोड़ा आराम से … इनका पतला और छोटा है. मैंने कभी इतना मोटा और बड़ा लंड नहीं लिया है.
मैंने भी भाभी की बात समझते हुए धक्का दे दिया.

इस बार मेरा लंड दो इंच और अन्दर गया होगा कि भाभी रोने लगीं.
भाभी- सनी प्लीज … बाहर निकाल लो, मैं मर जाऊंगी.

मुझे लंड पर कुछ गीला गीला सा लगा.
मैंने हाथ लगा कर देखा तो वह भाभी की चूत से खून निकल आया था.

मैं समझ गया कि भाभी आज भी कुंवारी हैं. भाभी की आज तक असली चुदाई हुई ही नहीं.

तीस साल की उम्र में भी उनकी कुंवारी चूत थी यह देख कर मैं हैरान था.
जबकि उनकी शादी को 12 साल हो गए थे.

भाभी गिड़गिड़ाने लगीं, रहम की भीख माँगने लगी कि निकाल ले.

मैं दो मिनट तक उसी पोजीशन में पड़ा रहा और उन्हें चूमता सहलाता रहा.

जब भाभी शांत हुईं तो मैंने एक और धक्का दिया जिसकी वजह से भाभी ने मेरे होंठों पर जोर से काट लिया.
मेरे होंठों से खून निकलने लगा.

भाभी- सनी रुक जा … मैं और नहीं झेल सकती.
मैं- भाभी आपको थोड़ी देर और दर्द होगा, फिर अच्छा लगने लगेगा.
भाभी- तू पहले बाहर निकाल ले, मैं नहीं झेल सकती.

मैंने एक मिनट रुक कर फिर से धक्का लगाना चालू किया.
भाभी रोती हुई गिड़गिड़ा रही थीं कि रहने दो.
पर मुझे मजा आ रहा था.

पाँच मिनट बाद भाभी भी मेरा साथ देने लगी थीं.
कुछ 15 मिनट की चुदाई के बाद मैं झड़ गया.

इस बीच भाभी दो बार झड़ गई थीं.

चुदाई के बाद हम दोनों की आंख लग गई.

जब आंख खुली तो 4 बज गए थे.
शाम हो गई थी.

मैंने देखा कि बेड पर बहुत सारा खून है, तो मैं बेडशीट हटाने लगा.

भाभी भी चादर खिंचने से हिलीं और उन्हें दर्द हुआ तो वे भी उठ गईं.

उन्हें बहुत दर्द हो रहा था और उठा नहीं जा रहा था.
मैंने उनके लिए पानी गर्म किया और उनकी दवा वाली दराज से पेनकिलर ढूंढ के ले आया.

फिर मैंने ही भाभी को गर्म पानी से साफ किया और उनकी चूत की सिकाई की.
भाभी की चूत सूज गई थी और उनसे खड़ा नहीं हुआ जा रहा था.

मैंने भाभी को गोद में उठाया और वापस बिस्तर पर ले गया.

ठंड की वजह से रजाई में भी भाभी को ठंड लग रही थी और साथ में दर्द भी हो रहा था.

मैंने उनकी चूत पर बोरोलीन लगाई और उनके साथ चिपक कर लेट गया.

भाभी की तबियत खराब ना हो इसलिए मैं उन्हें अपने शरीर से गर्मी दे रहा था.

अब मुझे भूख लग रही थी तो मैंने बाहर से खाना ऑर्डर कर दिया.

बाद में मैंने भाभी को खाना खिलाया और साथ में आराम किया.

फिर 7 बजे मैं जब जाने लगा तो भाभी ने रोक लिया.
वे चल नहीं पा रही थीं तो उन्होंने मुझसे रुकने के लिए कहा.

मैंने भी सोचा कि भैया के आने से पहले चला जाऊंगा और रुक गया.

अब भाभी मेरी गोद में सो रही थीं,
मैंने उनकी नाइटी के ऊपर से बूब्स दबाना चालू कर दिए.
उन्हें भी मजा आने लगा.

कुछ ही देर में भाभी पुनः गर्म हो गई थीं तो उन्होंने एक राउंड और करने को कहा.

मैंने मना कर दिया क्योंकि उनकी चूत से बहुत खून निकल चुका था.

जैसे तैसे मैंने भाभी को रोका, फिर भी एक राउंड ओरल सेक्स का हो गया.

भाभी की चूत में काफी सूजन आ गई थी तो मैंने उनकी अलमारी से पैड निकाल कर उन्हें दिया.

रात 10 बजे तक भाभी काफी ठीक हो चुकी थीं अब मैं वहां से निकल गया.
भाभी और मेरी व्हाट्सैप पर बात चल रही थी.

उन्होंने बताया कि भैया 11.30 बजे घर आ गए थे.
सर्दी के कारण भाभी सोने का नाटक करने लगी थीं तो भैया भी बिना सर्दी दूर किए सो गए.

अगले दिन भाभी लंगड़ाती हुई दुकान पर आईं.
वे भैया का खाना लेकर आई थीं.

मैंने भैया को दुकान पर रुकने की बोल कर भाभी को इशारा किया कि नीचे गोदाम में आ जाएं.
वे वहां आ गईं.

मैं भाभी के साथ सेक्स करना चाहता था.
पर भाभी की चूत अभी भी सूजी हुई थी.

तीन दिन बाद भाभी ने भैया के साथ भी सेक्स किया और वे अगले मौके का इंतजार करने लगीं.

भाभी ने भैया और उनकी सास का भी प्लान फिक्स कर दिया था.
अब वे इस हफ्ते अपने घर पर अकेली रहने वाली थीं.

Xxx देसी भाभी की चूत सच में बहुत टाइट और छोटी थी.
उम्र के हिसाब से उनकी चूत 18 साल की लड़की की चूत जैसी लगती थी.

जैसे ही भाभी अकेली हुईं, मैं उनके घर आ गया.
पूरा दिन मैं और भाभी सेक्स करते रहे.

इस बार मैंने भाभी की गांड भी मारनी चाही पर भाभी ने मुझे नहीं मारने दी.

हम दोनों का सेक्स 3 महीने लगातार चला.
कभी वे मेरे घर आ जातीं, तो कभी गोदाम में, तो कभी मैं उनके घर पर!

लगातार चुदाई के बाद भाभी प्रेग्नेंट हो गईं और उनके गर्भ से जुड़वां बेटों ने जन्म लिया.

भाभी की डिलीवरी भी ऑपरेशन से हुई थी जिस वजह से उनकी चूत आज भी टाइट है और हमारा ये रिश्ता आज भी चल रहा है.

भैया को आज तक कुछ नहीं पता है.
वे अभी भी अपने जुड़वां बच्चों को पैदा करने में अपने मरियल लंड को जिम्मेदार मानते हैं.
 
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सर्दी में मामी की चूत की गर्मी का मजा


मेरा नाम आर्यन है और मैं 19 साल का हूँ।

मैं बारहवीं में हूँ और मैं ऑनलाइन माध्यम से जेईई JEE की तैयारी कर रहा हूँ।

यह न्यू ईयर सेक्स कहानी कुछ दिन पहले मेरी और मेरी मामी के बीच की है।

मेरी मामी का नाम संजना है और उनकी उम्र 33 साल है।
वे दिखने में एक मस्त माल हैं। वे एक शिक्षिका हैं।
उनके दो बच्चे हैं और दोनों अभी स्कूल में पढ़ते हैं।

मेरे मामा दूसरे राज्य में काम करते हैं तो उनका कभी–कभी ही आना होता है।

मेरे घर पर पढ़ाई का माहौल नहीं था तो मेरी मम्मी मुझे मामी के यहां भेज दिया।

मामा जी भी कह रहे थे कि घर में कोई एक मर्द रहना चाहिए।
तो मैं चला आया।

मामी के घर में 2 कमरे है और एक हॉल है।
मुझे एक कमरा मिला हुआ था पढ़ाई के लिए।

कभी–कभी मामी भी मेरी मदद कर देती थी पढ़ाई में!

पहले उनके लिए मेरे मन में कोई गलत विचार नहीं था।
पर एक दिन मैंने उनको कपड़े बदलते हुए देखा।
तब से मैं उन्हें चोदने की योजना बनाने लगा।

पर कभी मौका नहीं मिला और वे भी बहुत ही संस्कारी थी।

बात कुछ दिन पहले की है।
उनके बच्चों की स्कूल में छुट्टी हो गई थी।

तब उनके मामा उन्हें कुछ दिन के लिए अपने घर ले गए।
मैं और मामी घर पर अकेले रह गए थे।

मैंने सोचा कि ‘अब कोई मौका मिलेगा तो इनको चोदूंगा।’
पर तब भी कोई मौका नहीं मिला।

मैं बस कभी–कभी उनके पैंटी और ब्रा को बाथरूम से लाकर उनपर मुठ मारता था।

1 जनवरी को नए साल के दिन उन्होंने मुझसे पूछा– कहीं बाहर जाना है घूमने, किसी दोस्त के साथ?
मैंने कहा– नहीं!

फ़िर उन्होंने खाना बनाया और हम दोनों ने एक साथ खाया।
खाने के बाद वे बोलीं– मेरी बहन अपने पति और बच्चों के साथ घूमने आ रही है पास की ही जगह में तो मैं उनसे मिलने जा रही हूँ! तुम भी चलो घूम लेना!

पर ठंड बहुत थी इसलिए मैंने मना कर दिया।

तब वे बोलीं– तुम खाना खा लेना और घर का ख्याल रखना! मैं 4 बजे से पहले आ जाऊंगी।

उनके जाने के बाद उनके कमरे में जाकर उनकी ब्रा और पैंटी ढूंढ कर मैंने दिन भर में 3 बार मुठ मारी।
फ़िर उस ब्रा और पैंटी को अपने कमरे में छुपा कर सो गया।

कुछ घंटे बाद मेरी नींद फोन की आवाज से खुल गई।
मैंने देखा मामी का कॉल था।

तब शाम के 5 बजने वाले थे और मामी अभी तक घर नहीं आई थी।

मैंने कॉल उठाया तो उन्होंने बोला– मुझे लेट हो गया है और मैं पुल के पास हूँ। कुछ देर में अंधेरा होने वाला है और पुल पर बहुत मर्द है तो तुम आ जाओ, साथ में चलेंगे!

मैं तुरंत तैयार हुआ और निकल गया।

इधर से ऑटो तुरंत मिल गया था तो पुल के पास में मैं 15 मिनट में पहुँच गया।

वहां से मैंने पैदल पुल पार किया और करीब 10 मिनट में मामी के पास पहुँच गया।
वे वहीं खड़ी थी और मुझे देख कर खुश हो गई।

मेरे आते ही वे बोलीं– थैंक गॉड कि तुम आ गए!
तब तक अंधेरा हो चुका था।

वहां से घर करीब 5 किलोमीटर दूर था।
हम पैदल चले जा रहे थे।

मैंने एक शाल ओढ़ा हुआ था।
कुछ दूर चलने के बाद उनको ठंड लगने लगी।

तब मैं बोला– आप इसी शाल में आ जाएं!
वे मान गई।

अब एक ही शाल को हम दोनों ओढ़े हुए थे।

शाल छोटी न पर जाए इसलिए मामी मेरी कमर पर हाथ रख कर मुझसे सटी हुई थी।
मुझे उस समय लग रहा था कि मैं मामी को अभी ही चोद दूं।

दिन भर घूमने के कारण मामी बहुत ही थक चुकी थी और ठंड भी काफी थी।
तो वे मुझसे बोलीं– कहीं 5 मिनट बैठते हैं!

तब तक 6 बज चुके थे और अंधेरा भी हो चुका था तो रोड पर आदमी भी नहीं के बराबर था।

तो मैंने कहा– ठीक है!
और थोड़ी दूर जाने के बाद एक पोल की तरह कुछ था जिस पर बैठा जा सकता था।

पर वह छोटा था तो मैंने उनसे कहा– आप बैठ जाइए!
तो वे बैठ गई।

थोड़ी ही देर बाद उन्हें ठंड लगने लगी और मुझे खड़ा देख उन्होंने कहा– तुम भी बैठ जाओ और मैं भी शाल ओढ़ लूंगी।
मैंने कहा– ठीक है!

मैं बैठने की कोशिश कर रहा था पर जगह कम थी तो बैठने में नहीं बन रहा था।
तो वे बोलीं– तुम मेरी गोद में बैठ जाओ!

मैंने सोचा कि ‘यही सही मौका हो सकता है मामी को पटाने का।’

तब मैंने मामी से कहा– आप थकी हुई हो, तो मैं नीचे बैठ जाता हूँ, आप मेरी गोद में बैठ जाइए।
वे मान गई।

अब मामी मेरे गोद में थी और हम दोनों एक ही शाल ओढ़े हुए थे और मैं मामी की कमर पकड़ा हुआ था।
उस समय मुझे लगा कि मामी को यही चोद दूं।

थोड़ी ही देर में मैं बहुत गर्म होने लगा।
मेरा लंड पूरा खड़ा हो गया था और यह उनको भी पता चल रहा था पर वे कुछ नहीं बोलीं।

कुछ देर बाद मैंने सोचा मामी को भी मन होगा चुदने का पर वे बोल नहीं रही हों गी.
तो मैं ही नीचे से हिलने की कोशिश करने लगा।

पर वे तुरंत उठ गई और चलने को बोलीं।
मैं भी कुछ नहीं बोला और चल दिया।

मुझे डर भी लग रहा था कि ‘मामी क्या सोच रही होगी।’

पर उन्होंने कुछ नहीं बोला और हम बाते करते–करते घर पहुँच गए।

घर आकर मामी ने खाना बनाया।
हमने साथ में बैठ कर खाना खाया और मैं उनकी ब्रा और पैंटी में मुठ मारकर अपने कमरे में सोने चला गया।

वे तब हीटर के सामने बैठ कर टीवी देख रही थी।
अचानक रात में मेरी नींद खुली तो मैंने देखा कि मामी मेरी बगल में बिल्कुल सट कर सोई हुई थी और हम दो कंबल ओढ़े हुए थे, मामी वाला भी।

मैं कुछ भी नहीं समझ सका कि क्या हो रहा है।

अचानक उनको देख कर मेरा लंड खड़ा हो गया।
मैं बहुत खुश हुआ कि आज मैं उनको चोदूंगा पाऊंगा!

मैंने करवट ली और मामी को छुआ तो उनका बॉडी गर्म था।
उनको बुखार था।
शायद इसलिए वे मेरे पलंग पर आई थी।

मामी सोते हुए एकदम कमाल की लग रही थी।

मैंने हिम्मत कर के अपना एक हाथ स्वेटर के ऊपर से ही उनकी एक चूची पर रखा और धीरे–धीरे मसलने लगा।
इसमें मुझे बहुत मजा आ रहा था।

उन्होंने कोई भी हरकत नहीं की.

जिससे मेरी हिम्मत बढ़ गई और मैं अपना एक हाथ नीचे ले जाने लगा।

मामी साड़ी पहन कर ही सोई हुई थी।
मैंने साड़ी के ऊपर से उनकी चूत पर हाथ रख कर दबाने लगा।

पर साड़ी के कारण मजा नहीं आ रहा था तो मैं नीचे से मामी की साड़ी उठाने लगा।
मुझे डर भी लग रहा था, फ़िर भी मैं किए जा रहा था।

फ़िर मैंने साड़ी उठाने की कोशिश की पर घुटनों के पास ही अटक गई क्योंकि उनके पैर से साड़ी दबी हुई थी।
मैंने फ़िर से कोशिश की साड़ी को ऊपर करने की पर नहीं हुआ।

तब मैंने वहीं से हाथ घुसाने की कोशिश की पर उनकी चूत के पास नहीं पहुँच पाया।
मैंने खूब कोशिश की पर मेरा हाथ उनकी चूत तक नहीं पहुँच पाया।

फ़िर मामी हिली और करवट बदल कर सो गई।
इस बार साड़ी और नीचे आ चुकी थी।

मैं कुछ देर इंतजार किया और फ़िर अपना हाथ उनके चूची पर रख कर दबाने लगा और दूसरे हाथ से मुठ मारने लगा।
कुछ देर बाद मैंने अपना सारा माल उनके घुटनों के बीच गिरा दिया और चूची दबाते–दबाते कब मैं सो गया पता ही नहीं चला।

जब मैं सुबह उठा तब मामी मुझसे पहले उठ चुकी थी।

मैंने मामी को देखा, वे खाना बना रही थी।

तब मैंने मामी से पूछा– आप ठीक है ना?
वे बोलीं– हाँ ठीक है, कल रात ठंड लग रही थी और बुखार भी लग रहा था तो तुम्हारे साथ सो गई।
मैंने कहा– कोई बात नहीं है!

मैंने उनसे पूछा– कोई दवा ली आपने?
उन्होंने कहा– नहीं! दवा नहीं है घर पर, तुम खाना खाकर ले आना!
मैंने कहा– ठीक है!

मैं खाना खा कर दवा लेने गया पर मैं मन ही मन प्रार्थना कर रहा था कि मामी आज भी मेरे ही साथ सोए।
मैंने दुकान से दवा खरीदी और घर आकर उनको दी।

पर मैं उसमें से बुखार की गोली निकाल कर हटा दी।

मामी दवा खा कर सोने चल गई और मैं अपने कमरे में चला गया।
शाम को मैंने मामी से पूछा– अब कैसी है आपकी तबीयत?
वे बोलीं– ठीक है पर ठंड लग रही है!

तो मैंने उनकी हालत देख कर उन्हें खाना बनाने से मना कर दिया और ऑनलाइन ऑर्डर कर दिया।
फ़िर हम दोनों खाना खाए और मैंने मामी को दवा खिलाई।

फिर वे सोने चली गई।
थोड़ी देर बाद मैं आकर देखा तो वे कांप रही थी।

तो मैंने उन्हें मेरे कमरे में चलने को कहा।
तब वे बोलीं– तुम ही अपना कम्बल ले के इसी कमरे में आ जाओ।

मैंने वैसे ही किया।
मैंने अपना भी कंबल उनको ओढ़ा दिया और मैं उनके बगल में सो गया।

मामी मुझसे एकदम चिपक कर सोई हुई थी ताकि उन्हें ठंड न लगे।
मैं बहुत खुश हो रहा था।

आज कुछ भी करके मैं कम से कम उनका चूत छूना चाह रहा था।

कुछ घंटे इंतजार करने के बाद जब मैंने देखा कि मामी सो गई।
तब मैंने अपना एक हाथ उनकी चूची पर रखा और धीरे–धीरे दबाने लगा।

कुछ देर बाद मैं अपना हाथ नीचे ले गया।
उन्होंने आज लैगिस पहनी हुई थी।

मैंने धीरे से उनके लैगिस में हाथ डाला और पैंटी के ऊपर से चूत पर हाथ फेरने लगा।

कुछ देर बाद मैंने उनका लैगिस नीचे करके उनके जांघ तक कर दिया और फ़िर पैंटी को नीचे किया।

फ़िर मैंने अपना हाथ उनके चूत पर रखा।
मुझे जैसे जन्नत मिल गई … मैं पहली बार कोई चूत को छू रहा था।

मैं उनकी चूत को मसलने लगा।
फ़िर मैं अपनी एक उंगली उनकी चूत में डाल दी।
मुझे बहुत मजा आ रहा था।

मेरा एक हाथ उनकी चूची पर और दूसरा चूत पर था।
कुछ देर ऐसे ही करने के बाद, मुझे उन्हें चोदने का मन करने लगा।

मैंने अपना पैंट खोला और लंड निकाल कर मामी की चूत पर रगड़ने लगा।
मुझे बहुत मजा आ रहा था।

मैं ऐसे ही करते–करते थोड़ा सा धक्का दिया और लंड का सुपारा चूत में घुसा दिया और आगे–पीछे करने लगा।
थोड़ी देर ऐसे ही करने के बाद उन्होंने थोड़ी हरकत की तो मैं तुरंत अपना लंड निकाल लिया।

मैं डर गया था।
पर तभी मामी बोलीं– आर्यन, अभी जो कर रहे थे, वहीं करो … अच्छा लग रहा था।

मैं एकदम से चौंक गया।
पर मामी की मुंह से यह सुन के लगा जैसे मुझे न्यू ईयर सेक्स की फ्री टिकट मिल गई हो।

मामी मेरे होंठों को चूमने लगी।
मैं भी उनको चूमने लगा।

मैं उनके ऊपर आ गया और उनका स्वेटर और ब्लाउज खोल दिया।
वे अब मेरे सामने गहरे नीले रंग की ब्रा में थी।

मैंने ब्रा को भी निकाल कर उनके चूची को आजाद कर दिया।

जिस चूची को देख कर मैं मूठ मारा करता था आज वह मेरे सामने थी।

मैंने उनकी लैगिस और पैंटी निकाल दी।
उन्होंने भी मेरे सारे कपड़े निकाल दिए।

ठंडी का मौसम था पर अभी हमें थोड़ी भी ठंड नहीं लग रही था।

मैं नीचे जाकर उनकी चूत चाटने लगा।
उनकी चूत की बहुत मस्त खुशबू थी।

कुछ देर बाद मामी झड़ गई और मैंने उनका सारा माल चाट कर साफ कर दिया।

फ़िर मैंने अपना लंड मामी को मुंह में दिया।
वे उसे बहुत बढ़िया तरह से चूस रही थी।

करीब 10 मिनट के बाद मैं मामी के मुंह में ही झड़ गया पर मामी में मेरा सारा माल उगल दिया।

फ़िर मैं उनके बूबे चूसने लगा।

मामी बोलीं– आर्यन, अब मुझे और इंतजार मत कराओ! मेरी चूत बहुत समय से प्यासी है!

मैंने देर न करते हुए उनके टांगें फैलाई और बीच में आ कर अपना लंड उनकी चूत पर सेट कर के एक जोर से धक्का मारा तो मेरा आधा लंड चूत में घुस गया।

मामी चीख पड़ी क्योंकि वे बहुत महीनों के बाद चुद रही थी और उनकी चूत भी कसी हुई थी।

मैंने एक और जोर से धक्का दिया और पूरा लंड चूत में घुसा दिया।
मामी फ़िर चीख पड़ी।

मैं अब अपने लंड को जोर–जोर से अंदर बाहर करने लगा और उनको चोदने लगा।
मामी गजब की कामुक सिसकारियां ले रही थी- आह … ओओ … और जोर से चोदो, आज फाड़ दो … ओओ … आह!

उनकी सिसकारियां मुझे उत्तेजित कर रही थी।
मैं और तेज़ी से उन्हें चोदने लगा।

मेरे एक हाथ में उनकी चूची थी जिसे मैं मसल रहा था।

करीब 20 मिनट के चुदाई में मामी 2 बार झड़ चुकी थी।

थोड़ी देर बाद मैं भी उनकी चूत में ही झड़ गया।

तब तक उनका शरीर भी गर्म हो चुका था।
उन्हें चोदते समय मुझे लग रहा था कि जैसे मुझे जन्नत मिल गई हो।

उस रात हमने 3 बार सेक्स किया और दिन में भी 2 बार चुदाई की।

फ़िर अभी 2 दिन पहले उनके बच्चे आ गए हैं तो 2 दिन से चुदाई बंद है।
अब बच्चों के स्कूल खुलने का इंतजार है।
 

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प्यासी सौतेली मम्मी की चूत चुदाई का मजा



दोस्तो, मैं राहुल बिहार से हूँ.
मैं अभी 22 साल का हूं.

मेरे परिवार में चार लोग हैं. पापा मम्मी, दीदी और मैं.
मेरी मां एक सुन्दर महिला हैं. उनका साइज 36-32-38 का है. वे 35 साल की ही हैं क्योंकि वे मेरे पापा की दूसरी पत्नी हैं.

पापा करीब 45 साल के हैं और बिज़नेस में काफी व्यस्त रहते हैं. मेरी मां घर में रहती हैं. दीदी 23 साल की हैं, उनकी दो साल पहले शादी हो गई है.
अब घर में मैं और मम्मी ही रहते हैं.

पापा अधिकतर बाहर ही रहते हैं.

मैंने अपनी मम्मी की चुदाई कैसे की, यह Xxx माँ चुदाई कहानी इसी विषय पर आधारित है.

मेरी स्नातक की पढ़ाई पिछले साल पूरी हो गई थी और गांव में ही मैंने बिज़नेस में खुद को व्यस्त कर लिया.

मेरे पापा और मम्मी का मानना था कि इकलौता बेटा काम करने के लिए कहीं बाहर न निकले.

मेरा स्टोर मेरे घर से तीन किलोमीटर दूर स्थित है. मेरा काम चल रहा था.
इससे पापा भी खुश थे. वे अब और ज्यादा बाहर रहने लगे थे.

इसी तरह सात आठ महीने बीत गए.

उन दिनों पापा अपने बिजनेस टूर से कुछ दिन के लिए घर आए हुए थे.
उस शाम हम सबने मिलकर ढेर सारी बातें की खाना खाते हुए मजा कर रहे थे.

रात हुई तो मम्मी पापा अपने कमरे में चले गए और मैं अपने कमरे में जाकर सो गया.

उस रात जब मैं पेशाब करने उठा.
तो मैंने देखा कि पापा मम्मी के कमरे में से कुछ आवाजें आ रही थीं.

मैंने कान लगा कर सुना तो वे दोनों कुछ फुसफुसा कर बात कर रहे थे.
उनकी बातों में एक अजीब सी लहक सी थी.

मुझसे रहा न गया और मैंने उनके कमरे की खिड़की में से अन्दर झांका तो मेरी आंखें खुली की खुली रह गईं.

मैंने देखा कि पापा मम्मी को पूरी नंगी करके धकापेल चोद रहे थे.
मम्मी भी पूरा मजा लेती हुई पापा से चुदवा रही थीं.

उस वक्त मैंने अपनी मम्मी के मस्त रसीले दूध हिलते हुए देखे, जिन्हें पापा अपने मुँह में दबा कर खींचते हुए चूस रहे थे और अपनी गांड उठा उठा कर लंड चूत में पेल रहे थे.
मम्मी की दोनों टांगें हवा में उठी हुई थीं.

उनका जबरदस्त फिगर देख कर मैं बाथरूम में गया और उधर अपना लंड हिला कर मैंने माल निकाल दिया.

अब मेरे दिमाग में चल रहा था कि मैं अपनी मम्मी को कैसे चोदूं.
मैं मम्मी को देखता था और प्लान बनाता था कि किस तरह से सैटिंग करूँ.

दस दिन निकल गए.
पापा जी रोज रात में मम्मी की चुदाई करते और मैं उन्हें चुदाई करते हुए देखता.

उसमें मैंने एक बात नोटिस की कि पापा अपना काम खत्म करके मम्मी के बाजू में लुड़क कर सो जाते थे और मम्मी अपनी चूत सहलाती रहती थीं.

दस दिन बाद पापा मुझसे बोले- मुझको अपने बिजनेस के सिलसिले में कल ही जाना है. मेरा काफी नुकसान हो रहा है.
उसी दिन पापा तैयार हुए और मम्मी ने उनके लिए खाना व नाश्ता तैयार करके उनके बैग में रख दिया.

पापा की ग्यारह बजे की ट्रेन थी.
मैं पापा को लेकर स्टेशन के लिए निकल गया.

ट्रेन सही समय पर थी.
पापा को ट्रेन में बिठा कर मैं वापस घर आ गया.

घर आने के बाद मैंने भी खाना खाया और अपने बिजनेस स्टोर पर चला गया.

उस दिन न जाने क्यों मुझे एक अजीब सी प्रसन्नता हो रही थी कि अब घर में सिर्फ मैं और मम्मी हैं.

क्या मैं मम्मी को चोदकर मजा ले पाऊँगा. यही सब सोचते हुए मेरा काम करने में मन नहीं लग रहा था.
बस बार बार आंखों के सामने मुझे अपनी नंगी मम्मी ही दिखाई देती थीं और पापा के स्थान पर मैं खुद को उनके ऊपर चढ़ा हुआ पाता था.

अब तक मैं रोज अपना लंड हिला कर काम चला रहा था.

शाम को घर आया तो मम्मी काम कर रही थीं.
मुझे देख कर मम्मी ने बड़े प्यार से मुझे अपने पास बिठाया और चाय दी.
मैं उनकी तरफ देख कर मुस्कुरा दिया, तो मम्मी भी मुस्कुरा दीं.

मेरी समझ में नहीं आया कि आज मम्मी इतनी खुश क्यों हैं और मेरे साथ कुछ ज्यादा ही प्यार क्यों जता रही हैं.

हालांकि मैंने उन्हें कुछ कहा नहीं, बस यह देखने लगा कि मम्मी की तरफ से क्या प्रतिक्रिया होती है.

इसी तरह से दिन निकले और पापा को घर से गए अब दो दिन हो चुके थे.

शायद मम्मी को भी चुदवाने का मन हो रहा था क्योंकि मैं अब भी रोज़ चोरी छुपे मम्मी के कमरे में झांक कर उन्हें देखता था.
वे रात को अपने कमरे में नंगी होकर लेटी रहती थीं और अपनी चूची व चूत को रगड़ती रहती थीं.

मैं उन्हें देख कर वहीं खड़े रह कर मुठ मारने लगता था.

चार दिन बाद मम्मी ने मुझे देख लिया कि मैं उनको नंगी देख रहा हूँ.
उन्होंने झट से एक चादर से अपने शरीर को ढक लिया और मैं भी सकपका कर उधर से हट गया.

उस समय तो कुछ नहीं हुआ.
दोनों के मन में चोर था.

मम्मी अपनी चुदास के चलते परेशान थीं कि उन्हें लंड नहीं मिल रहा था और मैं अपनी माँ चोदने के चक्कर में लंड हिला रहा था.

रात को कुछ नहीं हुआ.

सुबह जब मैं उठा तो मैं मम्मी से नजर नहीं मिला पा रहा था.

यह सिलसिला दो दिन तक यूं ही चला.

दो दिन बाद मम्मी ने मुझे अपने बेडरूम में बुलाया.

मैं सकुचाते हुए और हजारों सवाल मन में लिए उनके कमरे के अन्दर गया.

मम्मी ने मुझको अपने पास बैठाया, मेरा माथा सहलाया और मुझसे मेरे बिजनेस के बारे में पूछने लगीं.

उनकी बातों से मुझे लगा कि मम्मी भी माहौल को सहज करना चाहती हैं ताकि हम दोनों के मन के चोर खत्म हो जाएं और जीवन वापस पहले जैसा चलने लगे.

जब मम्मी मुझे व्यापार के सिलसिले को लेकर बात करने लगीं तो मैंने भी धीरे धीरे उनसे बातें करने में अपनी सकुचाहट को खत्म करना शुरू कर दी.

उनसे बातें करते हुए मैंने अपनी मम्मी की छाती में अपना सिर रख दिया.
मैं मम्मी को पकड़ कर बात करने लगा.

तभी मम्मी बोलीं- बेटा कोई तुम्हारी गर्लफ्रेंड नहीं है?
उनके इस अजीब से सवाल से मैं एकदम से चौंक गया.

एक पल उन्हें देखने के बाद मैंने कहा- नहीं मम्मी, मेरी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है.
मम्मी बोलीं- अच्छी बात है बेटा.

मैं चुप होकर उन्हें देख रहा था कि अब अगला सवाल क्या आता है?

फिर मम्मी बोलीं- बेटा, वैसे तेरी उम्र में हर कोई लड़का अपने मन को शांत करने के लिए एक गर्लफ्रेंड रखता है. तुम अपने मन को शांत कैसे करते हो?

मैं समझ गया कि मम्मी लंड शांत करने की बात पूछ रही हैं.
अब मेरे मन में फिर से मम्मी की वही चुदाई के वक्त वाली छवि वापस अंकित हो गई थी.

मैं- बस मम्मी … किसी तरह से मैनेज कर लेता हूं.

मम्मी समझ गईं कि मैं मुठ मारने की बात करके मैनेज करना कह रहा हूँ.

तो मम्मी बोली- फिर भी बेटा तुम्हें एक गर्लफ्रेंड तो रखनी ही चाहिए!

मैं- मम्मी हर लड़की चाहती है कि लड़का उसके साथ काफ़ी समय बिताए. अगर मैं किसी लड़की को अपनी जीएफ बना कर रखूंगा, तो फिर मेरा बिजनेस डूब जाएगा और मेरी सारी मेहनत बेकार हो सकती है.
मम्मी- वाह मेरे बेटे … शाबाश!

यह कह कर मम्मी ने मुझको अपनी बांहों में ले लिया और चूमने लगीं.

मैंने भी अपने गाल मम्मी के गाल से सटा कर उनके साथ अपना प्यार जताया.

मम्मी ने मुझे अपने हाथों से खींचते हुए अपनी गोद में बैठाने का जतन किया.
मैंने भी मम्मी को चूमा और उनकी गोद में बैठ गया.

अब मम्मी बोलीं- बेटा एक बात पूछना चाहती हूँ तुमसे … सच सच बताना!
मैंने कहा- हां मम्मी पूछो न आप! क्या पूछना चाहती हैं आप?

मम्मी- बस यही कि बेटा इच्छा तो होती ही होगी न मन को शांत करने की … तो कैसे करते हो?
मैंने कहा- सच बोलूं तो मम्मी मैं आपको देख कर रोज मुठ मारता हूं.

मम्मी मेरे गाल पर हाथ फेर कर बोलीं- बेटा ये गलत बात है, मैं तेरी मां हूँ!

मैं- तो मम्मी अगर मैंने गर्लफ्रेंड बनाई, तो फिर मैं बिजनेस नहीं कर सकता. उस सूरत में मुझको काम करने के लिए शहर से बाहर जाना होगा. अगर आप बोलो, तो मैं शहर चला जाता हूँ.

यह सुनकर मेरी मां तुरंत ही रोने लगीं और बोलीं- बेटा तू मेरा इकलौता बेटा है. मैं तुझे कभी बाहर नहीं जाने दे सकती हूँ … उसके लिए मुझे चाहे जो करना पड़े.

मैंने मम्मी के गालों पर टपकते हुए आंसुओं को पौंछा और उन्हें अपने सीने से सटा कर बोला- मम्मी, तुम भी बच्चों जैसी रोने लगीं, चुप हो जाओ!

मैं मां की पीठ को सहला रहा था, उनके दूध मेरे सीने में गड़ रहे थे, जिससे मेरे अन्दर मम्मी को चोदने की आग जग रही थी.

तभी मम्मी चुप होकर बोलीं- बेटा, पहले तुम बोलो कि तुम घर छोड़ कर नहीं जाओगे! तुम्हें अपने पास रखने के लिए मैंने सब कुछ तुम्हें दे दूँगी!

मैंने उनके होंठों पर अपने होंठ रख कर देखा कि मम्मी क्या कहती हैं.
मेरे होंठों के चुंबन से मम्मी ने मेरा साथ देना शुरू कर दिया और वे मुझे चूमने लगीं.

एक मिनट के बाद मैं उनके होंठों से अलग हुआ और मैंने कहा- मम्मी, मुझे आपको चोदने का मन कर रहा है!
मम्मी- ठीक है बेटा, तुम जैसे चाहो … जैसे तुम बोलो, मैं तैयार हूँ. पर इस बात को हम दोनों के सिवाए कोई और नहीं जान पाए!
मैं- ठीक है मम्मी, मैं पापा को भी पता नहीं चलने दूंगा.

फिर मम्मी ने मुझको अपनी बांहों में लेकर चूमा और कहा- बेटा, चलो पहले हम दोनों खाना खा लेते हैं, फिर तुम जो चाहो … वही करेंगे.
मैं- ठीक है मम्मी, आई लव यू मम्मी.
मम्मी- लव यू टू राहुल बेटे.

उसके बाद मम्मी ने हम दोनों के लिए एक ही थाली में खाना लगाया.

मैंने कहा- मम्मी, मुझे आपकी गोद में बैठ कर खाना है.
मम्मी हंस कर बोलीं- ठीक है.

मैं उनकी गोद में उनके सीने से अपना सीना लगा कर बैठ गया और मस्ती से मम्मी की चूचियों को दबाने लगा.
मम्मी कामुक भाव से बोलीं- आह बेटा … पहले खाना खा लो, दूध बाद में पी लेना!

मैंने कहा- मम्मी आप खाना खिलाओ … मैं आपकी चूचियों को दबाता हूँ.
मम्मी ने कहा- ठीक है, जैसा तुम्हारा जी चाहे.

अब मैंने मम्मी का ब्लाउज खोल दिया और मम्मी की एक चूची को दबाने लगा.

यह देख कर मम्मी ने चावल का ग्रास अपने एक दूध पर रख दिया और इशारा किया कि लो दूध भात खा लो.

इस तरह से मैं मम्मी की चूचों के माध्यम से खाना खाने लगा.
ऐसे मम्मी ने अपने दोनों मम्मों के जरिए मुझे खाना खिलाना चालू कर दिया.
वे अपने दोनों थनों पर बारी बारी से कभी सब्जी रख कर मुझे खिलातीं, तो कभी अचार को निप्पल पर लगा कर दूध चुसवाने लगतीं.

इस तरह से खाना खाते खिलाते मेरे साथ मम्मी भी एकदम गर्म हो चुकी थीं.

मैंने खाना खत्म करके मम्मी से कहा- चलो मम्मी अब बेडरूम में चलो. अब रहा नहीं जाता.
मम्मी भी बोलीं- हां बेटा मुझसे भी अब रहा नहीं जाता, मुझे खुद तुम्हारी बांहों में समाने का जी कर रहा है.

उन्होंने मेरा हाथ पकड़ा और मुझे बेडरूम में ले आईं.

वे बोलीं- बेटा आज तुम मुझे अपनी गर्लफ्रेंड समझ कर खुल कर अपनी बात बोलो, जो भी तेरा मन चाहे!
मैंने कहा- क्या मैं आपको गाली भी दे सकता हूँ?

मम्मी ने हंस कर गाली देते हुए ही कहा- हां साले … आज तू मादरचोद बन जा!

मैंने भी उनकी एक चूची को खींच कर कहा- ठीक है मेरी रंडी मम्मी. आज मैं आपकी चूत की धज्जियां उड़ा दूंगा.
वे वासना में बोलीं- हां उड़ा दे मेरे मादरचोद लौंडे.

मैंने मम्मी का आधा लटका ब्लाउज और अधखुली ब्रा को उनके बदन से अलग कर दिया और चूची को चूस कर कहा- मैं देखता था कि पापा आपको चोद कर बाजू में लेट कर सो जाते थे और आप अपनी चूत को अपने हाथ से मसलती रहती थीं.

वे भी मेरे लंड को टटोल कर कहने लगीं- हां बेटा, सच में मैं तेरे पापा के लंड से बहुत ज्यादा खुश नहीं हूँ, अब उनकी उम्र हो चली है.

मैं अपनी मां को अपनी बांहों में भर कर किस करने लगा.
मां भी मेरे होंठों को किस करने लगीं.

मैंने उनके मुँह में अपनी जीभ डाल दी तो वे और ज्यादा चुदासी हो गईं.

मम्मी सिसकारियां भरती हुई बोलीं- आह बेटा … अब रुका नहीं जा रहा … प्लीज जल्दी से मेरी चुदाई कर दो अब तो लंड की तड़प से मेरी जान निकल रही है!

मैंने यह सुनते ही मम्मी को पूरी नंगी कर दिया.
मम्मी भी मुझको नंगी करने लगीं.

उन्होंने मेरा अंडरवियर उतारा तो वे मेरा खड़ा लौड़ा देख कर खुश होकर बोलीं- वाह बेटा, तेरा लौड़ा तो पापा से भी अधिक लंबा और मोटा है.

मैंने मम्मी से कहा- हां मेरी रंडी … यह सात इंच का लौड़ा है. बस आप इसको चूस कर जरा चिकना कर दो … फिर मैं आपको इसकी ताकत का अहसास करवाता हूँ.

मेरी मम्मी लंड चूसने लगीं.
पांच मिनट बाद मम्मी बोलीं- बेटा मेरी चूत की क्लिट को भी अपनी जीभ से चाटो न!

मैंने मम्मी को 69 में लिया और उनकी चूत की क्लिट को चाटने लगा.

मम्मी एकदम से भड़क उठीं और मेरा सर पकड़ कर बोलीं- आह बेटा मजा आ गया … आह अब बस तू अपनी मम्मी को चोदना चालू कर दे … मेरी बुर लंड के वियोग से फट रही है, इसको चुदने के चुल्ल हो रही है.
मैंने भी मम्मी को किस करके कहा- ठीक है मम्मी, चलो अब आज आपका बेटा आपकी चूत को चोदने जा रहा है.

मम्मी बोलीं- हां बेटा अपने लौड़े से अपनी मां चोद दो.

मां को सीधा लेटा कर मैंने लौड़ा मां की चूत में पेल दिया.
मैंने एक ही झटके में अपना आधा लौड़ा मम्मी की बुर में घुसेड़ दिया था.

इससे मम्मी दर्द से सिसकने लगीं और बोलीं- आह बेटा, पहले धीरे धीरे से अपना पूरा लौड़ा अन्दर डालो … फिर तेज तेज से पेलो अपनी प्यासी मम्मी को.

मैंने वैसे ही किया.
मैं मम्मी को धकापेल चोदने लगा.

करीब 15 मिनट तक हम दोनों ने Xxx माँ चुदाई का मजा लिया.

अब मैं झड़ने वाला था, मैंने मम्मी से कहा- मैं बस आने वाला हूँ.
मम्मी भी बोलीं- हां बेटा, आ जा मेरी भी चूत से धात आने वाली है.

मैं बोला- मम्मी मैं अपना वीर्य कहां निकालूँ जल्दी बोलो!
मम्मी बोलीं- मेरी चूत में ही निकाल दे मेरे मादरचोद लाल!

मैं मम्मी को जोर जोर से धक्का लगाने लगा.
मम्मी भी आह आह ऊह करने लगीं- आह मेरे मादरचोद बेटे … आह पेल और जोर जोर से चोद अपनी प्यासी मम्मी को!

हम दोनों एक साथ ही झड़ गए.

मैं अपनी मम्मी के ऊपर ही लेटा रहा और अपना लौड़ा उनकी चूत में ही डाले सो गया.

मम्मी भी मुझको प्यार से किस करने लगीं.

कुछ देर बाद मम्मी बोलीं- बेटा, अपनी मां को चोदने में कैसा लगा! जिस छेद से तुम जन्मे हो, आज उसी की चुदाई करने में क्या लगा?
मैं बोला- मम्मी, किस्मत वालों को ही मिलता है ऐसा मौका कि जिस छेद से वह जन्मे … उसी छेद को वह चोद पाए!

मम्मी हंसकर बोलीं- सच कह रहा है बेटा … आई लव यू राहुल बेटा. आज के बाद हम तुम्हारे लिए पत्नी, रंडी, गर्लफ्रेंड, मम्मी सब कुछ हूं. अब तुम मुझे जिस रूप में रखना चाहो, रखो.

मैं बोला- लव यू टू मम्मी. मैं भी आज से आपका पति, बीएफ, बेटा सब कुछ हूँ. अब हम दोनों रोज नए नए स्टाइल में चोदा चोदी कर सकते हैं.

मम्मी मेरे मुँह में अपने एक दूध को देती हुई बोलीं- हां बेटा!

कुछ ही देर में मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया.

मैंने कहा- फिर से चुदाई करें?
मां बोलीं- बेटा, इसमें पूछने की क्या बात है. आ जाओ और फिर से चोद दो अपनी मम्मी को. मैं तो यहीं नंगी ही पड़ी हूँ तुम्हारे नीचे!

मैं माँ की चूत से लंड निकाल कर अलग हुआ और मां फिर से मेरा लौड़ा चूसने लगीं. मैं भी मां की चूत में उंगली डालने लगा.

कुछ ही मिनट बाद मैंने फिर से अपनी मम्मी को चोदना शुरू कर दिया.
इस बार मम्मी भी अपनी गांड उठा उठा कर मेरा खूब साथ दे रही थीं.

मैंने मम्मी को कुछ देर चोदा. उसके बाद उन्हें घोड़ी बना कर चोदने लगा.
मम्मी ‘आह सीसी सीई उन्ह आह …’ कर रही थीं.

मैंने अपनी मम्मी को करीब बीस मिनट तक चोदा.
उसके बाद हम दोनों मां बेटे एक साथ झड़ गए.

मैं अपनी मम्मी के ऊपर ही कुछ देर तक पड़ा रहा और बाद में उनके साथ सेक्सी बातें करने लगा.

मम्मी बोलीं- बेटा, अब तुम मुझे साफ करो और कपड़े पहना दो.

मैंने भी मम्मी को गोदी में उठाया और बाथरूम में ले जाकर उनकी चूत को चाट कर साफ़ कर दिया.

उसके बाद पानी से चूत धोकर बाहर आ गया और उन्हें पैंटी ब्रा ब्लाउज साड़ी आदि सब पहना दिया.

मम्मी ने भी मेरे लंड को चूस कर साफ कर दिया और चड्डी पहना दी.
अब घर में मैं मम्मी को बीवी कह कर बुलाता हूं.
 

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चूत चुदवा कर मां ने दिया सेक्स ज्ञान



मेरा नाम विशाल है और लोग मुझे विशू कह कर बुलाते हैं. मैं गुजरात का रहने वाला हूं. मेरे परिवार में मेरी मां और पापा ही है. मेरा कोई भाई या बहन नहीं है. इसलिए मैं अपने मम्मी पापा का बहुत लाडला हूं.

पिताजी बिजनेस करते हैं और घर में किसी तरह की कोई कमी नहीं है. मेरी मां स्कूल में पढ़ाती है. उनका नाम ममता है. सब मेरी मां को माही कह कर बुलाते हैं.

ये कहानी तब की है जब मैंने अपने स्कूल की पढा़ई खत्म की थी और मैं कॉलेज में एडमिशन के लिए इंतजार कर रहा था. कहानी पर आने से पहले मैं आपको कुछ बताना चाहता हूं.

कई बार मैंने मम्मी पापा की चुदाई देखी थी. आप सोच रहे होंगे कि मैंने उनकी चुदाई कब और कैसे देखी.
तो हुआ यूं कि हमारे घर में मेरा कमरा मम्मी और पापा की बगल में ही है. मैं अलग कमरे में सोता हूं और मम्मी पापा अलग कमरे में सोते हैं.

एक बार रात को उनके कमरे का दरवाजा खुला देख कर मैं उनके कमरे में झांकने लगा. हल्की लाइट में मैंने देखा कि मेरे पापा मेरी मां की चूत को चोद रहे थे. उस दिन के बाद से मुझे पता नहीं क्या हुआ कि मेरा मन बार-बार मम्मी पापा की चुदाई को लाइव देखने के लिए करने लगा.

उसके बाद अक्सर मैं रात में देर से सोता था. जब मुझे उनके कमरे से कुछ आवाजें आती थीं तो मैं छुप कर खिड़की से मम्मी पापा की चुदाई देखा करता था. इसके लिए मैंने खिड़की में एक छोटा सा छेद भी कर लिया था. किसी को उसके बारे में नहीं पता था.

एक बार की बात है कि मैं ऐसे ही छिप कर मम्मी पापा की चुदाई को देख रहा था. उस दिन मेरा लंड पूरा तना हुआ था. मैंने सोचा कि खिड़की को खोल कर देखता हूं. ज्यादा अच्छे तरीके से देख पाऊंगा.

खिड़की को खोलने की कोशिश की तो खिड़की के सरकने से उसकी आवाज मेरे मां-पापा के कानों में चली गई. वो दोनों खिड़की की तरफ देखने लगे. मैं डर के मारे वहां से निकल लिया.

अपने कमरे में आकर लेट गया और आंख बंद करके सोने का नाटक करने लगा. कुछ देर के बाद मां मेरे रूम में आई और लाइट जलाकर मुझे देखने लगी. मैं आंख बंद करके करवट लेकर लेटा हुआ था. उनको मैंने महसूस नहीं होने दिया कि मैं जाग रहा हूं.

उसके बाद मां वापस चली गई. मेरा लंड अभी खड़ा हुआ था. जब मां लाइट बंद करने के बाद वापस चली गई तो मैंने अपने लंड को निकाल कर उसकी मुठ मारी और मैं सो गया.

अब मुझे अपनी मां के बदन को ताड़ने की आदत सी हो गई थी. उनका फीगर 34-38-34 का है और जब वो स्कूल में पढ़ाने के लिए तैयार होकर जाती हैं तो एकदम मस्त माल लगती है. उनकी गांड को देख कर मेरे मन में कुछ कुछ होने लगता है.

उनकी चुदाई देखने की लत लग गई थी मुझे और मैं रोज खिड़की के पास पहुंच जाता था. एक दिन सुबह मां को स्कूल नहीं जाना था. मैं भी घर में ही रहता था.

नाश्ते की टेबल पर बैठ कर मैं नाश्ता कर रहा था और मां मेरी तरफ घूर रही थी. मैं थोड़ा डर रहा था कि मां मेरी तरफ इस तरह से क्यों देख रही है. फिर पापा अपनी कपड़े की दूकान पर चले गये. उनके जाने के बाद घर में केवल मां और मैं ही थे.

पापा के जाने के बाद मां ने अचानक ही मुझसे पूछा- विशू, तुम रात को हमारे रूम के पास क्या करते रहते हो?
मां का सवाल सुन कर मैं एकदम से सहम सा गया. मैंने अन्जान बनने का नाटक किया और बोला- क्या मम्मी! आप ये क्या बोल रही हो, मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा.

वो थोड़े गुस्से में बोली- ज्यादा शरीफ बनने की कोशिश मत करो. मैंने कई बार तुमको खिड़की अंदर झांकते हुए देखा है. अब या तो तुम सच बता दो या फिर मैं तुम्हारे पापा को तुम्हारी हरकतों के बारे में बता दूंगी.

मां की बात सुनकर मैं डर गया. मैंने डर के मारे सारा सच उनके सामने उगल दिया. वो मेरी बात को पहले तो सुनती रही और नाश्ता करती रही. मैं सोच रहा था कि आज तो मेरी पिटाई होना पक्का है. मेरी मां टीचर है और आज मुझे अच्छा सबक सिखाएगी.

फिर वो बोली- पहले तुमने कभी किया है?
मैंने पूछा- क्या?
वो बोली- सेक्स!
उनके सवाल पर मैंने थोड़ा हैरान होते हुए जवाब दिया- न … नहीं मां. मैंने तो कभी नहीं किया.

वो बोली- इसीलिये तुम अपने पापा और मुझे रात को सेक्स करते हुए देखते हो?
मैंने कहा- मम्मी, प्लीज आप पापा को इस बारे में कुछ मत कहना. वो मेरी बहुत पिटाई करेंगे.

मां ने हंसते हुए कहा- नहीं मेरे बच्चे, मैं नहीं बताऊंगी. तू डर मत. मैं जानती हूं कि तेरे मन में सेक्स को लेकर काफी सवाल उठ रहे होंगे. तेरी उम्र ही ऐसी है.
मैंने कहा- मम्मी, जब मैंने कभी किया ही नहीं तो मुझे कुछ पता कैसे हो सकता है.

वो बोली- तो फिर तुम सीखना चाहते हो कि सेक्स में क्या-क्या होता है!
मैंने हां में गर्दन हिला दी.
मां ने कहा- तो फिर कोई लड़की क्यों नहीं देखते. ऐसे मां और पापा का सेक्स देखना अच्छी बात नहीं है.

मैंने कहा- मगर मां, मैंने तो आज तक किसी लड़की से बात भी नहीं की है. उसके साथ सेक्स करना तो बहुत दूर की बात है.
मां ने अपने सिर पर हाथ मारते हुए कहा- तेरा कुछ नहीं हो सकता बेटा.
मैंने कहा- मां आपके साथ करूं क्या?

उन्होंने मुझे घूर कर देखा और मेरे गाल पर एक चांटा जड़ दिया. उसके बाद वो उठ कर चली गई. मैं वहीं चुपचाप बैठा रह गया.
कुछ देर के बाद मैं अपने कमरे में चला गया और सोचने लगा कि मैंने मां को नाराज कर दिया.

मगर कुछ ही देर के बाद मां ने मुझे आवाज लगा कर अपने कमरे में बुलाया.
मैं उनके पास बेड पर सिर झुका कर बैठ गया.
वो मेरे बालों में हाथ फेरती हुई कहने लगी- देख विशू, इस तरह अपने मां और पापा का सेक्स देखना अच्छी बात नहीं है. मैं तेरे भले के लिए कह रही हूं. अगर तुझे सेक्स करना है तो किसी लड़की से बात कर ले.

मैंने मां को सॉरी बोला और कहा कि आगे से मैं आप दोनों को नहीं देखूंगा.
मेरी बात पर मां खुश हो गई.
फिर वो बोली- अच्छा ठीक है. मैं आज तुम्हें कुछ सिखा देती हूं. तुम भी जवान हो रहे हो और कल को जब तुम किसी लड़की के साथ सेक्स करोगे तो तुम्हें आसानी होगी.

इतना कह कर मां ने अपने गाउन को उतारना शुरू कर दिया. उन्होंने अपनी नीचे से ब्रा और पैंटी पहनी हुई थी. मैं नीचे नजर करके मां के गोरे बदन को देख रहा था. फिर अपनी ब्रा को खोलने लगी. देखते ही देखते उन्होंने अपनी ब्रा को अपने शरीर से अलग कर दिया.

मां की चूचियां मेरे सामने ही नंगी हो गईं.
वो बोली- अब नीचे क्या देख रहा है, यहां देख ऊपर.
मैंने उनकी तरफ हवस भरी नजरों से देखा.
वो अपनी चूचियों को हाथ में लेते हुए बोली- देख जब कोई मर्द किसी लड़की या औरत की चूचियों को दबाता है तो उसको अच्छा लगता है. इसमें दोनों को मजा आता है.

वो अपनी चूचियों को मेरे सामने ही अपने हाथों से दबा कर दिखा रही थी. मेरे शार्ट्स में मेरा लौड़ा तन गया था. मगर मैंने खुद को काबू करके रखा हुआ था. फिर मां ने अपनी पैंटी को भी उतार दिया.

मां की चूत देख कर मेरे होंठ खुले के खुले रह गये. उनकी चूत एकदम से चिकनी थी. वो अपनी चूत को खोल कर मेरे सामने दिखाने लगी. अपनी चूत की फांकों को खोलते हुए मां ने चूत का छेद दिखाया.
वो बोली- देख विशू, जब मर्द का लंड यहां पर अंदर जाता है तो उसको सेक्स करना कहते हैं. जब कोई इस छेद के अंदर लंड डालता है तो औरत को मजा मिलता है.

मैंने कहा- मर्द को मजा नहीं मिलता क्या मां?
वो बोली- मर्द को भी बहुत मजा मिलता है. मगर औरत को लंड लेने में ज्यादा मजा आता है.
मां मेरी पैंट में तने हुए लौड़े को देखने लगी और बोली- अरे तुम्हारा लंड भी खड़ा हुआ है!

मां ने मेरे लंड को पकड़ लिया.
वो बोली- बाहर निकाल इसको.
मैंने तुरंत अपने शॉर्ट्स की चेन को नीचे कर दिया और लंड को बाहर निकाल लिया.
मेरा लंड फटने को हो रहा था.

मां अपनी टांगों को फैला कर बोली- अपने लंड को एक बार इस पर लगा कर देख. मां ने अपनी चूत की तरफ इशारा किया.
मैं उठ कर मां की चूत पर लंड को लगाने लगा तो मेरे अंदर की हवस और ज्यादा भड़क गयी. मैं तो पहले से ही उनकी जवानी का दीवाना था.

मैंने जोश में आकर मां की चूत में लंड को अंदर घुसा दिया और उनकी चूचियों को एकदम से पीने लगा.
वो मुझे पीछे हटाने लगी, मगर मैं अब रुकने वाला नहीं था.
मैंने जोर से उसकी चूचियों को दबाते हुए उसकी चूत को चोदना शुरू कर दिया.

कुछ ही पल के बाद मां को भी मजा आने लगा. अब वो भी मेरा साथ देने लगी. हम दोनों एक दूसरे के होंठों को चूसने लगे. मैंने अभी तक अपने पूरे कपड़े नहीं उतार थे. मैं बस शॉर्ट्स की चेन में से ही उनकी चूत में लंड को पेल रहा था.

फिर मां खड़ी हो गई और मेरी शर्ट को उतारने लगी. उसने मुझे पूरा नंगा कर दिया. अब वो मेरे जिस्म को चूमने लगी. फिर मां ने मेरे गाल को किस किया और नीचे की तरफ जाकर मेरे लंड को अपने मुंह में ले लिया.

मेरे मुंह से आह्ह … करके एक सिसकारी निकल गयी. वो मेरे लंड को मुंह में लेकर चूसने लगी. दो-तीन मिनट में ही मेरे लंड ने पानी छोड़ दिया. मां उसको पी गई. उसने मुंह से लंड को निकाला और मुस्कराने लगी.

फिर वो बेड से उठ कर चली गई. अलमारी के पास गई और उसको खोल कर अंदर से एक डिब्बा निकाला. मैं बेड पर लेटा हुआ मां की गांड देख रहा था. उनकी गांड सच में बहुत मस्त थी. पहली बार मैंने मां को इतने करीब से बिल्कुल नंगी देखा था.

फिर मां ने अलमारी बंद कर दी और मेरे पास आई. मुझे एक गोली दी और उसे खाने के लिए कहा. मैंने बेड के पास रखे पानी के गिलास को उठाया और गोली को गटक गया. गोली खाने के पांच मिनट बाद ही मेरा लंड फिर से टनटना गया.

तने हुए लंड को देख कर मां ने उसे फिर से मुंह में ले लिया और उसको जोर से चूसने लगी. मुझे अब ज्यादा मजा आ रहा था. एक बार पानी निकलने के बाद लंड में अजीब ही गुदगुदी हो रही थी. कुछ देर तक मां ने मेरे लंड को चूसा. फिर मुंह से लंड को बाहर निकाल दिया.

अब वो नीचे लेट गई और मेरे मुंह को अपनी चूत पर टिका दिया. मैं उनका इशारा समझ गया. मैंने मां की चूत को चाटना शुरू कर दिया. वो अपनी चूत को मेरे मुंह पर पटकने लगी. मैं भी पूरी जीभ को अंदर डाल कर उनकी चूत को चोदने लगा.

कुछ देर तक चूत को जीभ से चोदने के बाद मेरा मन उनकी चूत मारने को करने लगा. मां भी इसी के लिए मचल उठी थी. फिर हम दोनों ने चुदाई वाली पोजीशन ले ली. मैंने उनकी टांगों को दोनों तरफ फैलाया और मां ने अपनी मस्त सी गांड के नीचे तकिया लगा लिया.

मैंने एक झटका दिया और अपना लंड उनकी चूत में घुसा दिया. मां के मुंह से हल्की सी आह्ह निकली और मैंने तभी दूसरा धक्का मार दिया. मेरा पूरा लंड उनकी चूत के अंदर चला गया था. फिर मैंने चूत की चुदाई शुरू कर दी.

तेजी के साथ मैं अपनी मम्मी की चूत को चोदने लगा. कुछ देर तक उन्होंने इसी पोजीशन में चुत चुदवाई. फिर वो उठने लगी. अब मां ने मुझे नीचे कर दिया और खुद मेरे लंड पर बैठ गई. वो मेरे लंड पर बैठ कर उछलने लगी. मेरे लंड में दर्द होने लगा मगर साथ ही मजा भी आ रहा था.

मैंने मां की गांड को पकड़ कर उनको उछालना जारी रखा. दोनों चुदाई का पूरा मजा ले रहे थे. कुछ ही देर में मां और मैं दोनों ही मदहोश होने लगे. कभी वो अपनी चूत को अपने हाथ से सहला रही थी और कभी मेरे ऊपर झुक जाती थी.

उनकी चूचियां मेरी छाती से आकर सट जाती थी. मैं भी उनकी चूचियों को पी रहा था. साथ ही लंड के धक्के भी लगा रहा था. हमारी चुदाई 20 मिनट तक चली. फिर मेरा दोबारा पानी निकलने को हो गया और एकदम से मैंने उनकी चूत में पानी छोड़ दिया. अबकी बार उनकी चूत से भी पानी निकल गया था.

कुछ देर तक हम लेटे रहे. उसके बाद मुझे नींद आ गयी. मां भी सो गयी. जब मैं उठा तो दो घंटे बीत गये थे. मैंने देखा कि मां मेरी बगल में नंगी सो रही थी. उसकी गांड ऊपर की तरफ थी. मैंने उनकी गांड को हाथ में लेकर दबाया तो मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया.

अभी मां नींद में थी. वो थक कर सो रही थी. मगर मेरा लंड पूरा तन गया था. अब मेरा मन मम्मी की गांड को चोदने के लिए कर रहा था. मैंने उनकी गांड को दोनों हाथों से फैलाया और छेद को देखा. फिर मैंने तेल की शीशी उठा कर अपने लंड पर तेल लगा लिया.
Mammi Ki Gand
Mammi Ki Gand

थोड़ा सा तेल मैंने मम्मी की गांड के छेद पर भी लगा दिया. अपने लंड को गांड के छेद पर रख कर मैंने लंड को अंदर धकेल दिया तो मां चीख उठी ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह…’
मगर मेरे लंड का टोपा मम्मी की गांड में जा चुका था. मैंने उनकी चूचियों को पीछे से पकड़ लिया और दबाने लगा.
मैं चूचियों को मसलने लगा और लंड को और अंदर तक धकेलने लगा. ऐसे ही धक्का देते हुए मैंने माँ की गांड में पूरा लंड उतार दिया. मां की गांड बहुत टाइट थी. उन्होंने कभी शायद पापा के लंड से गांड की चुदाई नहीं करवाई थी.

पूरा लंड जाने के बाद मैं मां के ऊपर चढ़ गया और उसकी गांड को चोदने लगा. वो छटपटाने लगी. मुझे गुजराती में गाली देने लगी- छोड़ी नाख … लौड़ा तारी माने तारो … तारा पपा करता य… मोटो नाख मारी गांड मा!
मैं उनकी बात नहीं सुन रहा था और लगातार गांड में धक्का-पेल कर रहा था.

आह्ह … आह्ह … ओह्ह …स्सआई करते हुए मैं उनकी गांड को चोदने लगा और थोड़ी देर में मां को भी गांड चुदाई करवाने में मजा आने लगा. अब दोनों ही जोश में थे. मैंने 25 मिनट तक उनकी गांड चोदी और फिर उनकी गांड में झड़ गया. उसके बाद हम दोनों लेट गये और हांफने लगे.

अब शाम होने वाली थी और पापा के आने का समय भी हो गया था. उसके बाद हम उठे और अपने कपड़े पहन लिये. शाम का खाना बनाते हुए मां ने बताया कि पापा एक हफ्ते के लिए अहमदाबाद जा रहे हैं. मैं ये सुन कर खुश हो गया.


 

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बेटे के लंड ने मां की चुत चोद दी




मेरा नाम सुप्रिया है. मेरा एक बेटा है. उसका नाम विशाल है, वो अभी 21 साल का है. मेरे पति इंजीनियर हैं, जो दुबई में एक कंपनी में काम करते हैं. उनको छुट्टी बहुत कम मिलती है, इसलिए वो साल दो साल में दस दिन के लिए ही घर आते हैं.
पति का संग न मिलने के कारण मैं सेक्स के लिए तड़पती रहती थी.

मेरे दो घर हैं, एक पुराना वाला और एक नया फ्लैट, जिसमें मेरा बेटा विशाल रहता था. पुराने वाले घर में मैं और मेरे पति रहते थे.

एक दिन की बात है, मैं विशाल के पास कुछ काम से गई थी. जब मैं वहां गई, तो गेट खुला था. मैं सीधे अन्दर चली गई. अन्दर जाते ही मेरी आंखें खुली की खुली रह गईं. विशाल आंख बंद करके मुठ मार रहा था. उसका लंड बहुत बड़ा था.

उसके बड़े और खड़े लंड को देख कर मेरी चूत गीली हो गई. मैंने किसी तरह अपने आप पर कंट्रोल किया और एक जोर से आवाज लगाई- विशाल ये क्या कर रहे हो?

अचानक से मेरी आवाज सुनकर विशाल डर गया और जल्दी से एक तौलिया लपेट कर अपने लंड को ढकता हुआ खड़ा हो गया. वो डर के मेरे कांप रहा था.

मैंने कहा- ये क्या कर रहे थे?
उसने सर झुकाते हुए कहा- सॉरी मॉम, अब ऐसा गलती कभी नहीं करूंगा.
मैंने कहा- अच्छा ठीक है … सुनो पुराने घर में कुछ रिपेयरिंग का काम हो रहा है. ये कुछ सामान की लिस्ट है, इसे मार्केट से ले आओ.

विशाल ने कपड़े पहने और बाइक स्टार्ट करके सामान लेने बाजार चला गया.

उसके जाते ही मेरे दिमाग में अपने बेटे का लंड घूमने लगा. विशाल का लगभग 8 इंच का लौड़ा मेरे दिमाग में घर कर चुका था और उसका खड़ा लंड एक तस्वीर की तरह से मेरी आंखों के सामने घूम रहा था. मेरे दिमाग में अनेक तरह के सवाल पैदा हो रहे थे. काश इस दमदार लंड से मैं अपनी चुत की प्यास बुझा पाती. फिर सोचती कि नहीं विशाल मेरा बेटा है, ये ग़लत काम है.

मैं बस इसी सोच में उलझी हुई थी कि तभी अचानक मेरे दिमाग में आया कि विशाल भी जवान हो गया है. उसको भी एक चूत की जरूरत है. इसलिए वह मुठ मार रहा था. इधर मैं भी लंड के लिए बहुत दिन से तड़प रही हूं.

हालांकि मुझे विशाल को राज़ी करना मुश्किल था. इसलिए मैंने विशाल को पटाने का निर्णय किया.

मैं नाटक करके सो गई और अपने पल्लू को अपनी चूचियों पर से हटा कर अलग कर दिया. इसी के साथ मैंने अपने ब्लाउज के एक बटन खोल दिया … ताकि मेरा चूचे उसे साफ साफ दिखाई दे जाएं. मैंने अपनी साड़ी को भी जांघों तक उठा दिया और सोने का नाटक करते हुए लेट गई.

जब तक विशाल नहीं आया, तब तक मैं अपने मम्मों को सहलाते हुए दबाती रही और अपनी चुत पर हाथ फेरती रही.

कोई दस मिनट बबाद बाइक की आवाज़ सुनाई दी, तो मैं शांत होकर ऐसे लेट गई … जैसे विशाल को लगे कि मॉम सोई हैं.

विशाल अन्दर आया और मुझे ऐसी हालत में देख कर सन्न रह गया. वो मेरे सेक्सी जवानी को निहारता रहा. मैंने अपनी आंखों की झिरी से देखा कि उसका लंड उसके पैंट में तम्बू बनाने लगा था. उसने अपने आपको कंट्रोल किया और आवाज देकर मुझको जगाया.

मैं अंगड़ाई ले कर उठी और मैंने अपने पल्लू को वैसे ही रहने दिया.
वो बोला- मॉम मैं सामान ले आया हूँ.
मैंने उठ कर सामान लिया और लेकर वहां से चली आयी. पुराने वाले घर में मरम्मत का काम हो रहा था. इसी बहाने मैंने नए वाले फ्लैट में सोने का प्लान बना लिया.

रात को 10 बजे मैं नए फ्लैट के लिए चली. तभी बीच रास्ते में बारिश आ गई, जिससे मैं पूरी तरह भीग गई. मेरे पूरे कपड़े शरीर में चिपक गए थे, जिससे मैं बहुत सेक्सी लग रही थी. मैं इसी तरह भीगी हुई अवस्था में घर पहुंची और डोर बेल बजाई.

विशाल ने दरवाज़ा खोला और मुझे देख कर बोला- मॉम आप यहां … वो भी बारिश में?
मैंने कहा- हां देखो विशाल … उधर घर में काम चल रहा है. वहां सोने के लिए जगह ही नहीं है … इसलिए मैं सोने के लिए यहां आ गयी. रास्ते में बारिश होने लगी और मैं भीग गई.

विशाल मेरी सेक्सी जवानी को गौर से निहार रहा था.

मैंने विशाल से कहा तुम्हारे पास कोई कपड़ा है, तो दो … मैं चेंज कर लूं.
विशाल ने कहा- मॉम, मैंने शाम को ही सभी कपड़े धोए हैं … अभी रात में पहनने के लिए कोई कपड़े नहीं सूख सके हैं … फिलहाल मेरी एक बनियान और एक तौलिया ही है. वही पहन लो.

मैंने उसी के सामने अपनी साड़ी खोल दी. ब्लाउज भी निकाल दिया. मैं सिर्फ ब्रा और पेटीकोट में रह गई थी.

विशाल मुझे बहुत गौर से देख रहा था. मैं ये सब नोटिस कर रही थी. इसके बाद मैंने अपना पेटीकोट भी निकाल दिया. अब मैं सिर्फ पैंटी और ब्रा में थी. उसका लंड तनकर खड़ा हो गया था और झटका मार रहा था.

मैंने तौलिया लपेटा और झुक कर पैंटी को निकाल दिया. उसके बाद बिना बनियान पहने मैंने ब्रा को भी खोल दिया. अब मैं एक सिर्फ एक तौलिया बांधे खड़ी थी. मेरी चूचियां पूरी तरह से नंगी थीं. विशाल मेरे मस्त मम्मों को बहुत गौर से देख रहा था. वो अपनी नजर ही नहीं हटा रहा था.

मैंने विशाल की बनियान को पहना, जिसमें से मेरी चूचियों का बहुत कम ही भाग ढका हुआ था. मैंने विशाल को अपनी तरफ घूरते हुए देखा तो उससे कहा- क्या कभी किसी औरत को नहीं देखा … जो तू मेरे ऊपर से नजर नहीं हटा रहा है. ऐसा क्या खास है मुझमें?

विशाल- मॉम आप बहुत सेक्सी हो … मैंने अब तक आपके जैसी किसी को नहीं देखा है … सच में आप बहुत सुंदर हो.
मैंने हंस कर कहा- चल रहने दे … तारीफ़ कम करो और चलो खाना खाने चलते हैं.

वो हामी भरता हुआ मेरे साथ डाइनिंग टेबल के पास आ गया. चलने से मेरा सारा शरीर हिल रहा था. मेरी चूचियां थिरक रही थीं. जिसे विशाल बिना रुके देखे जा रहा था.

हम लोग टेबल पर एक दूसरे के सामने बैठ गए और खाना खाने लगे.

विशाल अब भी मेरे मम्मों पर ही आंख गड़ाए हुए था. हम लोग खाकर, सोने की तैयारी करने लगे. विशाल ने अपने सभी कपड़े निकाल दिए और हम दोनों एक ही बेड पर सो गए. मैंने अपनी आंखें बंद कर लीं. सोते समय मेरा टॉवेल खुल गया था. मेरी चूत नंगी हो गई थी. ये सब देख कर अब विशाल से रहा नहीं गया.

उसने एक हाथ मेरी चूची पर रख दिया और उसको दबाने लगा. मैं दिखावे में मना करने लगी कि बेटा मुझे सोने दे … ये क्या कर रहे हो … मैं तेरी मॉम हूं.
विशाल बोला- मॉम, आपके फिगर को देख कर मैं पागल हो गया हूं.

मैंने आंखें उसकी तरफ की … और पूछा- क्या तेरी कोई गर्ल फ्रेंड नहीं है जिससे तुम अपनी बेचैनी मिटा लो.
उसने मेरी चूची को दबाते हुए कहा- मॉम आपको भी तो एक मर्द की जरूरत होती होगी … आप क्या करती हो?
मैंने उससे खुलना ठीक समझा और आह भरते हुए कहा- मैं अकेली क्या कर सकती हूँ.

विशाल ने कहा- मॉम क्या मैं आपकी मदद कर सकता हूँ?
मैंने पूछा- कैसे?
विशाल ने साफ़ साफ़ कह दिया- आपको चोदने के लिए मेरा लंड बेचैन हो गया है.
मैंने कहा- लेकिन तू मेरा बेटा है. किसी को पता चल गया तो बड़ी बदनामी होगी.

विशाल ने मुझे अपनी बांहों में खींचते हुए मुझे होंठों पर चूमा और बोला- हम दोनों किसको बता सकते हैं.
मैं उससे लिपट गई और बोली- हां ये ठीक रहेगा. आज मैं तेरे लम्बे लंड को देख कर खुद पर संयम न रख सकी और मुझे चुदने का मन हो गया.
विशाल ने कहा- मॉम अब तुम प्यासी नहीं रहोगी. मैं पापा की कमी पूरी कर दूँगा.

मैंने उसे चूम लिया. उसने मेरे मम्मों पर चिपकी बनियान को उतार कर मेरे तन से अलग कर दिया और मुझे पर चढ़ गया.

उससे रहा नहीं जा रहा था. उसने मेरी चूचियों को अपने मुँह में भर लिया और दूध पीने लगा. मुझे बड़ी बेचैनी हो रही थी. मैंने उसके लंड को हाथ में लिया और अपनी चुत में लगा दिया. उसने भी अपने लंड को मां की चुत में लगा महसूस किया तो मेरी चूची चूसते हुए चूत में लंड को जबरदस्त धक्का मारते हुए पेल दिया.

बेटे का लंड मां की चुत क्या घुसा, मेरी तो चीख निकल गई. मैं चिल्लाने लगी- उम्म्ह… अहह… हय… याह… आह मर गई … निकालो … बहुत दर्द हो रहा है.

मैं चिल्लाती रही, लेकिन उसने मेरी एक ना सुनी. अगले ही पल उसने एक और झटका दे मारा और अपना पूरा लंड मां की चुत में पेल दिया. उसका लम्बा लंड चुत को चीरता हुआ मेरी बच्चेदानी तक पहुंच गया.

मैं चिल्लाती रह गई- आह बेटा … निकाल ले … मैं मर जाऊंगी.

पर उसने मेरी एक सुनी और वो मुझे चोदता रहा. एक मिनट बाद मेरे बेटे के लंड ने अपनी मां की चुत में जगह बना ली थी. अब मुझे भी उसके लंड से चुदने में मज़ा आ रहा था. मैं भी गांड उछाल उछाल कर अपने बेटे से चुद रही थी.

मैं- आह … बेटा आज अपनी मॉम की बरसों की प्यास को बुझा दे … और अन्दर तक डाल दे अपनी मां की चुत में … आह बच्चेदानी को फाड़ दो … मैं तुझसे कबसे चुदवाने के लिए बेचैन थी.
विशाल- मॉम, आज मैं तुझे ऐसा चोदूंगा कि ये माँ बेटे की चुदाई आपको ज़िन्दगी भर याद रहेगी.

मैं अपनी गांड उठाते हुए चिल्ला रही थी- आह … और तेज़ विशाल … आंह और तेज़ हां हां … ऐसे ही … आह … इतनी बढ़िया चुदाई करना तूने कहां से सीखी है?
विशाल मेरी चूचियों को मसलते हुए लंड की चोट मार रहा था और कह रहा था- आह … मॉम आपका फिगर इतना कमाल का है कि अपने आप चुदाई करना आ गई.

अब तक मैं चार बार झड़ चुकी थी, मगर मेरा बेटा अब भी मुझे फुल स्पीड में चोद रहा था.
मैं- विशाल तूने बेटा आज साबित कर दिया है कि मैंने शेर बेटा को पैदा किया है.

काफी देर तक मुझे चोदने के बाद विशाल ने कहा- मॉम मैं अपनी मलाई कहां निकालूं?
मैंने कहा- अपनी मां की चुत के अन्दर ही डाल दे.

मेरा बेटा अपनी माँ की चूत में तेज़ तेज धक्के लगाने लगा. मैं ‘उई आह ऊऊह … आईआ..’ कर रही थी. फचा फच की आवाज़ से रूम गूंज रहा था. विशाल ने मुझे चोदने की स्पीड और बढ़ा दी और अपने रस से मेरी पूरी चूत को भर दिया. उसके लंड के पानी इतना ज्यादा निकला था कि मेरी पूरी चूत भर गई थी और रस बाहर निकलने लगा था.

उस रात विशाल ने मुझे 4 बार चोदा और मेरी चूत को अपने वीर्य का दरिया बना दिया.

अब मैं अपने बेटे का लंड बड़ी मस्ती से चूसती हूँ और वो मेरी चुत को खूब चाटता है. हम दोनों चुदाई का भरपूर मजा लेते हैं.

 

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मेरी मॉडर्न विधवा मॉम की चुत चुदाई



नमस्ते, मेरा नाम पुष्पक है. मेरा घर का नाम मुन्ना है, मैं पुणे का रहने वाला हूँ. ये कहानी तब की है, जब मैं इक्कीस साल का था. मेरी लंबाई छह फुट की है और मेरा औजार साढ़े आठ इंच लम्बा और साढ़े तीन इंच मोटा है.

ये कहानी मेरे साथ घटी एक सत्य घटना पर आधारित है. मेरी मॉम की उम्र उस वक्त लगभग ब्यालीस साल की थी और वह विधवा हैं. मैं जब छोटा था, तभी मेरे पिताजी चल बसे थे. मेरी मॉम का रंग सांवला है और उनके स्तन अब अड़तीस इंच के हैं. मॉम की कमर चौंतीस इंच की होगी और नितंब ब्यालीस के हैं. वह हमेशा स्लीबलैस ब्लाउज पहनती हैं और वो उसमें बहुत मादक लगती हैं.

जब की ये घटना है, तब मेरी मॉम की फिगर बड़ी मादक थी. पापा की मौत के बाद मॉम ने अपनी लाइफ स्टाइल बदली नहीं थी. हम लोग एक रईस परिवार से हैं और पापा ने मेरी मॉम के लिए अपार धन दौलत छोड़ी थी. मेरी मॉम ने मुझे हमेशा ही खुली छूट दी थी, जिससे मेरा बचपन भी बड़ा मस्त गुजरा था. मुझे किसी बात की कमी नहीं रही थी.

मैं और मेरी मॉम हम हमेशा एक दूसरे से बहुत खुले रहे हैं … और इसी वजह से हम हमेशा एक दूसरे से अपना सब कुछ शेयर करते हैं. मैं उनसे अपनी एक एक बात शेयर करता हूँ. जैसे मेरे प्रॉब्लम्स, लड़कियों से दोस्ती … या और भी सब कुछ, मैं अपनी मॉम से बता देता हूँ.

मॉम भी मुझसे सब बातें शेयर करती हैं. जब से पापाजी चल बसे हैं, शायद तभी से हम दोनों बहुत क्लोज़ हो गए थे. मेरी मॉम ने मुझसे इतना खुलापन शायद इसीलिए रखा था ताकि हमारी दौलत का कोई नाजायज फायदा न उठाए और हमे ब्लैकमेल आदि न करे.

पापा के जाने के बाद मेरी मॉम ने अपनी जिस्मानी भूख मिटाने के लिए एक आदमी को सैट कर रखा था. वो हमारे ही घर आता था और उनके साथ सेक्स करके चला जाता था. मैंने उस आदमी को एक बार घर में घुसते देखा था, उस समय मैं अपने कॉलेज जा रहा था. मुझे आश्चर्य हुआ कि मेरी मॉम ने मुझसे इस आदमी के बारे में कभी नहीं बताया था जबकि हम दोनों एक दूसरे से हर तरह की बात कर लेते थे.

मैंने कुछ नहीं कहा और छिप कर उस आदमी को चैक करने लगा. वो आदमी घर के अन्दर गया और मेरी मॉम से बात करने लगा. मैं छिप कर उन दोनों को देखने लगा. मेरी मॉम उससे चूमाचाटी करने लगीं और कुछ ही देर में उन दोनों के बीच सेक्स होने लगा. करीब एक घंटे बाद वो आदमी अपने कपड़े पहन कर मेरे घर से चला गया.

इस घटना को मैंने बहुत सामन्य तरीके से लिया क्योंकि मैं भी समझता था कि मेरी मॉम अब भी जवान हैं और उनको अपनी जिस्मानी भूख को शांत करने का अधिकार है.

मैं मॉम के साथ सामान्य जीवन बिताने लगा. वो आदमी भी हफ्ते में दो बार मेरी मॉम के पास आता रहा. वो उनको चोद कर चला जाता था. मॉम उसको कुछ पैसे भी देती थीं.

एक बार ऐसे ही मॉम के साथ बातचीत मसला सेक्स की तरफ मुड़ गया. लेकिन तब मुझे उनके बारे में ऐसा कुछ नहीं लगता था कि मॉम को सेक्स की लत है. मैं सिर्फ उनकी जिस्मानी भूख को एक सामान्य भूख समझ कर चुप रहना उचित समझता था.

मैं आपको बता दूँ कि पापा के समय से ही मेरी मॉम को शराब पीने की आदत है … जिसके चलते उन्होंने मुझे भी अठारह साल का होते ही साथ में बैठ कर पिलाना शुरू कर दिया था. वो शराब के साथ सिगरेट भी पीती थीं. उन्होंने ही मुझे सिगरेट पीना सिखा दिया था.

शुरुआत में एक दिन मॉम ने मुझसे सिगरेट जला कर देने का कहा, मैं मॉम को सिगरेट जलाते हुए देखता था, सो मैंने भी उनके जैसे ही सिगरेट जला कर एक कश खींच कर उनको दे दी थी. उसके बाद से मैं अपनी मॉम के साथ शराब और सिगरेट का मजा लेने लगा था.

एक़ बार हम दोनों पीने बैठे थे. मेरी मॉम को व्हिस्की पीना बहुत पसंद है और मुझे भी उनके साथ ही पीने में मज़ा आता है. हम दोनों हफ्ते में दो तीन बार एक साथ बैठ कर शराब और सिगरेट का मजा लेते रहते थे.

इस बार मेरे जन्मदिन पर मॉम ने मेरे लिए व्हिस्की की तीन बॉटल का सैट गिफ्ट किया. मुझे उनका ये गिफ्ट बहुत पसंद आया और मैंने उनको अपनी बांहों में भरके खूब लाड़ जताया. जब भी मैं मॉम को हग करता था, तो मुझे उनके मम्मे बेहद मस्त लगते थे.

कुछ देर बाद मैंने केक काटा और मॉम को केक खिलाने के बाद हम दोनों ने पीना शुरू कर दिया. हम दोनों ने दारू पीते पीते बहुत ज्यादा पी ली. सिगरेट का मजा भी हमारी पार्टी में रंग जमा रही थी. हम दोनों ने करीब चार घंटे तक दारू पी और पूरी बॉटल खत्म कर दी.

अब हम दोनों को दारू चढ़ी हुई थी और उसी समय हम दोनों के बीच बात होते होते सेक्स लाइफ को लेकर बातचीत होने लगी.

उस दिन मॉम ने मुझे बताया कि वो उस समय किसी के साथ सेक्स का मजा ले लेती हैं, जब मैं कॉलेज में होता था.
मैंने भी नशे में कहा- हां मॉम, मुझे इस बारे में पहले से पता है.
मॉम ने मुझसे पूछा- तुझे कैसे पता है? मैंने बिंदास कह दिया कि मैंने आपको एक बार उस मरियल से आदमी से चुदते हुए देखा था.
उस आदमी को मरियल कहने पर मॉम हंसने लगीं.

मैंने आगे कहा कि जब से मैंने आपको उसके साथ नग्न अवस्था में देखा, तब से मैं भी आपको चोदना चाहता हूँ.
ये सुनकर मेरी मॉम दो मिनट के लिए शांत हो गईं. फिर उन्होंने मुझे चूमना शुरू कर दिया.

मैंने भी मॉम को अपनी गोद में खींच लिया. हम दोनों ने करीब पन्द्रह मिनट तक किस किया. उन पन्द्रह मिनट में मैंने अपनी मॉम के मम्मे भी खूब दबाए. उसके बाद मैंने उनको नंगी करना शुरू कर दिया. उसके बाद मैंने उनको चूमना शुरू कर दिया.

मॉम भी मेरे लंड को पकड़ने लगी थीं. मैंने उनके एक मम्मे को अपने मुँह में लेकर चूसना शुरू कर दिया और उन्हें काटना भी शुरू कर दिया. मॉम ने अपने दूध चुसवाते समय सिसकारियां भरनी शुरू कर दीं. फिर मैंने मॉम की नाभि को चाटना शुरू कर दिया.

मेरी मॉम ने उस दिन केसरी रंग की साड़ी पहनी थी. उसके अन्दर उन्होंने लाल रंग की ब्रा और उसी रंग पेंटी पहनी थी. साड़ी पेटीकोट हटाने के बाद मैंने उनके मम्मे चूसने के लिए उनकी ब्रा भी उतार दी थी.

अब मेरी मॉम के ऊपरी कपड़े उतर गए थे. वो मेरी गोद में बैठी थीं. मैंने उनकी पेंटी के ऊपर से चूत के साथ खेलना शुरू कर दिया. उनकी चूत भी गीली होना शुरू हो गयी थी.

कुछ देर बाद मैंने मॉम की पेंटी भी उतार दी. पेंटी हटते ही मेरी मॉम की सफाचट चूत मेरे सामने आ गई थी. मैंने एक पल की भी देर नहीं की और उनकी चूत चाटना शुरू कर दी. वो मेरी गोद से उठीं और बेड पर लेट गईं. मैंने उनके पैरों के पास जाकर अपनी जीभ को चुत के आस पास फिराना शुरू कर दिया. मॉम ने अपनी टांगें फैला ली थीं. मैंने जीभ से चुत चाटने की तकनीक ऑनलाइन सीखी थी, उसे इस्तेमाल कर दिया.

इससे मेरी मॉम और भी पागल हो गयी थीं और उनके मुँह से अब आह आह की आवाज़ निकलने लगी थी. मॉम मेरा चेहरा अपनी चूत पर मेरा मुँह दबाने लगी थीं.

अब तक मेरा औजार भी सलामी देने लगा था. मॉम ने मुझे साइड में खींच कर मेरे कपड़े उतारे और मुझे 69 की पोज़िशन में आने को कहा.

मैं मॉम के ऊपर उल्टा होकर लेट गया. इसके बाद मैंने उनकी चूत में अपने मुँह को लगा दिया और मेरा औजार उनके मुँह में चला गया था. वह मेरा लंड चूसने लगीं और मैं उनका छेद चाटने लगा.

कोई पांच मिनट चुत चटवाने के बाद मेरी मॉम झड़ गईं.

झड़ने के बाद भी वो मेरा लंड चूसने में लगी थीं. कोई दो मिनट लंड चूसने के बाद मैं भी झड़ने वाला हो गया था. मैंने अपना लंड निकालने की कोशिश की, पर उन्होंने ज़बरदस्ती मेरे लंड अपने मुँह में रखे रखा और लगातार लंड चूसती रहीं.

मैं समझ गया कि मॉम को मेरे लंड की मलाई खाने का मन है. मैंने मेरा पूरा वीर्य छोड़ दिया और मॉम ने मेरे लंड का रस अपने मुँह में भर लिया और वो उसको स्वाद लेकर एकदम से पूरा गटक गईं.

माल खा लेने के बाद भी उन्होंने मेरा लंड नहीं छोड़ा. उन्होंने तब तक मेरे लंड को चूसा, जब तक मेरा लंड फिर से सलामी ना देने लगा. अब मेरा लंड दोबारा खड़ा हो गया था.

अब मेरी मॉम ने कहा- बेटा अब और मत जलाओ … मेरी चूत में आग लगी है. तुम जल्दी से मेरी चुत की प्यास बुझा दो.

मैंने अपना लंड उनके चूत पर सैट किया और धक्का दे दिया. मेरा आधा लंड तो बड़ी आसानी से घुस गया. लेकिन जब मैं बाकी का आधा लंड घुसाने लगा, तब मॉम चिल्लाने लगीं. मैं उन्हें चूमने लगा और उनके दूध सहलाने लगा. मैं तब तक रुका रहा, जब तक उनका दर्द कम नहीं हो गया. थोड़ी देर बाद जैसे उनका दर्द कम हुआ.

मैंने पूछा- मॉम मुझे लगा कि आप तो हमेशा चुदवाती रहती हो, तो आपको दर्द क्यों हुआ?
उन्होंने कहा कि जिस मरियल का लंड मैं लेती हूँ, उस चूतिये का लंड इतना मोटा और बड़ा नहीं है … इसलिए मुझे दर्द हुआ.
मैंने पूछा- मेरे लंड से कितना कम है?
मॉम ने गांड उठाते हुए कहा- उस भैन के लौड़े का लंड तुमसे तीन इंच कम है और साले का मोमबत्ती सा है. वो तो मैं संकोच के चलते किसी और का लंड नहीं ले पा रही थी, इसलिए मेरी उससे चुदना मजबूरी थी.
मैंने कहा- अब उसको गांड पर लात मारके भगा देना. मैं ही आपकी चुत की सेवा करूंगा.

मॉम ने मुझे चूमा और लंड के धक्के देने के लिए कहा. उसके बाद मैंने धक्के मारना शुरू कर दिया. मैं पन्द्रह मिनट तक मॉम की चुत में धक्के मारता रहा.

कुछ देर बाद मैंने मॉम को घोड़ी बनाया और पीछे से भी उनकी चूत चुदाई शुरू कर दी.

पन्द्रह मिनट बाद जब मैं झड़ने वाला था, तो मैंने पूछा कि क्या करूं?
मॉम ने कहा कि मेरी चूत में ही झड़ जाओ.
मैं मॉम की चुत में ही झड़ गया.

झड़ने के बाद हम दोनों ने कोई दस मिनट तक एक दूसरे को चूमा. उसके बाद हम दोनों एक एक सिगरेट फूंक कर सो गए.

फिर अगले दिन उठ कर हम दोनों ने सुबह से ही पहले चुदाई की. अब मॉम और मैं एक दूसरे की शारीरिक जरूरतें पूरी कर लेते हैं. मैंने कई बार मॉम को होटल में ले जाकर उनके लिए मोटे लंड की व्यवस्था भी की और उनके सामने लड़कियों को लाकर भी थ्री-सम चुदाई का मजा लिया.

 

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पति ने कराई बहू ससुर की चुदाई



मेरा नाम सुमीना (बदला हुआ) है और मैं कोलकाता की रहने वाली हूँ. मेरी उम्र 29 साल है. मेरा फिगर 38 34 42 है. मेरे पति का नाम अभिजीत है. मैं शुरू से ही सेक्स को बहुत पसंद करती हूँ और लंड देखते ही मुझे सेक्स चढ़ने लगता है.

मैं शादी से पहले ही कई लंडों की सवारी कर चुकी हूँ. मेरे पति से भी मुलाकात कॉलेज में ही हुई थी और दूसरी मुलाकात में ही मैं अपने पति से चुद गयी थी. फिर कई बार सेक्स करके पति ने मुझे प्रोपोज़ कर दिया.
मगर मैंने पति से कह दिया- मुझे सेक्स बहुत पसंद है और मुझे दूसरे लड़कों से भी चुदना पसंद है.

यह कहकर तो जैसे मैंने पति के मुँह की बात कह दी. उनका भी यही कहना था कि मैं भी एक चूत से खुश नहीं रह सकता. मेरी और पति की सोच एक जैसे थी तो हमने शादी कर ली आज हमारी शादी को 3 साल हो गये हैं.

ससुराल में सिर्फ मेरे ससुर हैं, वे देखने में ठीक ठाक हैं, मेरे ससुर का प्रॉपर्टी का काम है जो वो घर से ही करते हैं, कभी कभी ही बाहर जाते हैं. मेरे ससुर का डाइवोर्स हो गया था इसीलिए वो अकेले ही हैं और पति भी उनके साथ ही रहते हैं. मेरी पति की मम्मी ने दूसरी शादी कर ली थी और वो आपने पति के साथ रहती है.

मेरे पति एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं, घर में किसी चीज की कमी नहीं है और शादी के 1 साल के अंदर पति ने कई लेडीज के साथ सेक्स किया और मुझे बताया. यहाँ तक कि कुछ की तो वीडियो भी दिखाई.

अब पति आगे हैं तो मैं कहाँ पीछे थी, मैंने भी कई नए लड़कों के लंड चूत और गांड में लिए. यहाँ तक कि मैं और पति कई बार सेक्स पर शर्त लगाते थे. पति ने मुझे खुद के सीनियर को पटाने की शर्त लगायी जिसे मैंने जल्दी ही जीत लिया.

इसी शर्त के चलते पति ने मुझे मेरी बड़ी बहन को चोदने की इच्छा जाहिर की. मैं अपनी बहन को जानती थी, वो बहुत सीधी है, वो ऐसा काम नहीं करेगी.
मगर पति बोले- अगर मैंने चोद दिया तो तुम मेरी एक बात मानोगी!
मैंने थोड़ा सोचने के बाद हां बोल दिया.

फिर पति की इसी शर्त ने मेरी लाइफ में काफी कुछ बदल दिया.

इस बात को 1 महीना ही बीता था. मैं पति को रोज शर्त के बारे में पूछती थी तो एक रात पति ने मुझे एक वीडियो दिखाई जिसे देखकर मुझे अपनी आँखों पर यकीन नहीं हुआ. उस वीडियो में मेरी बहन मेरे पति का लंड चूस रही थी. फिर कुछ देर बाद पति ने मेरी बहन की जबरदस्त चुदाई की.

फिर मैंने पति से पूछा- अब मुझे क्या करना है?
पति बोले- पहले मेरी कसम खाओ कि तुम नाराज नहीं होगी और मैं जो कहूंगा, वो करोगी.
मैंने पति की कसम खायी और वादा किया.

पति बोले- मैंने तुम्हारी चुदाई बहुत लोगों के साथ देखी है मगर अब मैं तुम्हारी चुदाई अपने पापा के साथ देखना चाहता हूँ.
अपने पति की यह बात सुनकर तो मुझे बहुत जोर से झटका लगा. मैंने पति से कहा- क्या तुम मुझे पापा जी के साथ चुदाई करते देखना चाहते हो?
पति बोले- तुमने वादा किया था कि तुम नाराज नहीं होगी.
मैंने कहा- मैं नाराज नहीं हूँ मगर आपके मन में ये सब कैसे आया?

तो पति ने मुझे बताया कि उन्होंने कई ऐसे वीडियो देखी है जिसमें ससुर अपनी बहू को रगड़ के चोदते हैं. बस इसीलिए मैं भी यही देखना चाहता हूँ कि क्या तुम मेरे पापा को चुदाई के लिए राज़ी कर पाओगी. क्योंकि तुम उन्हें अच्छी तरह से जानती हो.

अपने ससुर के बारे में आप लोगों को कुछ बातें बता दूँ. मेरे ससुर जिनकी सही उम्र मुझे नहीं पता मगर अंदाज़े से 55 या 56 साल के होंगे. देखने में ठीक ठाक मगर काफी मॉडर्न ख्याल रखने वाले हैं.
मेरे ससुर का नेचर बहुत शांत है, मुझे कभी भी बुरी नज़र से नहीं देखा. यहाँ तक कि मैं घर में मॉडर्न कपड़े भी पहनती हूँ उस पर भी कोई पाबन्दी नहीं लगायी.

मैंने भी आज तक आपने ससुर को सेक्स वाली नज़र से नहीं देखा. मगर आज मेरे पति ने ही मुझे ये टास्क दिया कि मैं उनका लंड अपनी चूत मैं ले लूं.
मैंने पति से पूछा- वैसे क्या पापा जी इस उम्र में मेरी चुदाई कर पाएंगे?
पति बोले- अगर एक बार पापा से चुदवा लिया तुमने … तो शायद रोज रात को उनका ही लंड लेना पसंद करोगी.

अपने पति की यह बात सुन कर मेरे चूत से भी पानी आने लगा.

पति ने बताया कि उन्होंने कई बार अपनी मम्मी की चुदाई की चीखें सुनी थी. मगर डाइवोर्स के बाद से पापा अकेले ही रह रहे हैं. शायद ही उनकी लाइफ में कोई औरत हो! अगर है भी तो उन्हें नहीं पता.

अपने पति की बातें सुन कर मैं बहुत गर्म हो गयी थी. मैंने पति का लोअर नीचे किया और उनका लंड चूसने लगी. पति समझ गए कि मैं गर्म हो गयी. पति भी मेरा मुँह पकड़ के मेरे मुँह में धक्के लगाने लगे, पति का लंड मेरे गले तक आ रहा था.

थोड़ी ही देर में मेरे पति ने मेरी लेग्गिंग उतार दी और मेरी पेंटी को साइड करके आपने लंड मेरी चूत में पेल दिया.
पति बोले- मेरे पापा के लंड की बारे में सुन के जब तुम्हारी चूत का ये हाल हो गया तो सोचो जब वो तुम्हारी चुदाई आपने लंड से करेंगे तो तुम्हारा क्या हाल होगा?

मेरी आँखें बंद थी और मुझे ऐसा लग रहा था जैसे पापा जी ही मुझे चोद रहे हैं. मेरे मुँह से भी यही निकल रहा था- और जोर से चोदो पापा जी … फाड़ दो अपनी बहू की चूत!
मेरे मुँह से ये बातें सुनके पति भी और जोश में आ गए और उनके धक्के और तेज हो गए.

सच में दोस्तो, आज से पहले मेरा पानी इतनी जल्दी कभी नहीं गिरा था. मगर उस दिन पापा जी की चुदाई की कल्पना करने से ही मेरी चूत पानी पानी हो गयी थी.

थोड़ी ही देर में पति भी मेरी चूत में अपना पानी गिरा के शांत हो गए और फिर वे बोले- मज़ा आया जान तुम्हें या नहीं?
मैंने कहा- बहुत … बहुत मज़ा आया!
तो पति बोले- अब जल्दी ही पापा को पटा लो. मुझे तुम दोनों की चुदाई देखनी है.

मगर मैंने कहा- आप चुदाई देखोगे कैसे? दिन में तो आप जॉब पर होते हो!
पति बोले- मैं पूरे घर में छोटे कैमरे लगा दूंगा और तुम्हारी चुदाई कहीं से भी देख लूंगा.

मैं भी अब हर बात मान गयी और अगले दिन से पापा जी को पटाने की तरकीब सोचने लगी.

अगले दिन सुबह से मैंने अपना काम शुरू कर दिया.

सुबह 6 बजे पापा जी सैर करने जाते हैं और 7 बजे तक वापस आकर मेरे कमरे का दरवाजा नॉक करते हैं. मुझे इसी मौके का इंतज़ार था.

मेरे पति सुबह 7 बजे जिम जाते हैं और उनके जाने के बाद में गेट लॉक कर करती हूँ. मगर उस दिन मैंने पति को 20 मिनट पहले जिम भेज दिया और बिना दरवाजा लॉक किये नंगी लेट गयी.

7 बजे पापा जी आये तो मुझे उनके चलने से पता चल गया. दरवाजा तो मैंने बंद किया नहीं था तो जैसे ही वो मेरे कमरे के पास आये और उनकी नज़र मेरे कमरे में गयी; उनकी तो आँखें जैसे पूरी फ़ैल गयी.
पापा जी ने सोचा नहीं होगा कि उन्हें सुबह सुबह इतना गर्म नजारा देखने को मिलेगा.

मैं सीधी लेटी थी ताकि पापा जी को मेरी चूत जरूर दिख जाये. पापा जी मेरी पूरे बदन पर अपनी नज़र घुमा रहे थे. तभी मैंने एकदम से करवट ली तो पापा जी शायद डर गए और वहाँ से हट गये. मुझे लगा कि शायद वो चले गए. मगर वो फिर से मुझे देखने आये और थोड़ी देर देखते रहे, फिर चले गए.

थोड़ी देर बाद मैं उठी और अपने कपड़े पहने. फिर बाहर आयी तो पापा जी बाहर बैठे पेपर पढ़ रहे थे. तभी मैंने उन्हें गुड मॉर्निंग विश किया और कहा- पापा जी, आज अपने मुझे उठाया नहीं?
तभी पापा जी बोले- बहू, बस चाय पीने का मन नहीं हुआ इसीलिए!
मैंने कहा- पापा जी, अब बना दूँ आपके लिए चाय?
तो वे बोले- बना दो!

फिर मैं चाय बनाने जाने लगी.
तो पापा जी की नज़र मेरे नाईट सूट पर थी जो मेरी गांड में फंसा हुआ था. यानि मेरा पहला दाँव बिलकुल सही था.

उसके बाद मैंने और पापा जी ने चाय पी.
मगर पापा जी चोर नज़र से मुझे देख रहे थे, यह मैं जानती थी. अगले कुछ दिन मैंने पापा जी को रोज सुबह अपने नंगे जिस्म का नज़ारा दिखाया. जिसका असर उनके ऊपर दिख रहा था.

मगर इतने से शायद बात नहीं बननी थी, मुझे पापा जी को अपनी खुली चूत दिखानी पड़ेगी. इसलिए मैंने अपनी एक लेग्गिंग को अपनी चूत के पास से पूरा फाड़ दिया और उसके ऊपर एक टी शर्ट पहन ली. मेरी टी शर्ट सिर्फ मेरी कमर तक थी जिससे मेरी कमर में पड़ी चैन और मेरी नाभि पड़ा सोने का छल्ला साफ़ दिख रहा था.

दोपहर का टाइम था, पापा जी टीवी देख रहे थे और मैं खाना लगा रही थी. तभी मैं पापा जी के पास गयी और उन्हें खाना खाने के लिए बोलने लगी.
पापा जी बोले- चलो खाते हैं.

खाने पर पापा जी को बुला के मैं जैसे ही मुड़ी, मैंने अपना मोबाइल नीचे गिरा दिया और मोबाइल उठाने के लिए नीचे पूरी झुक गयी और हल्की सी अपनी टांगें भी फैला दी. पापा जी की नज़र मेरी फटी हुई लेग्गिंग पर थी जहाँ से उन्हें मेरी चूत के पूरे दर्शन हो रहे थे.

मैंने जान के अपनी टांगें थोड़ी फैला दी और टेबल के नीचे घुस के मोबाइल खोजने लगी.
करीब 2 मिनट मैं इसी तरह झुकी रही और फिर मैंने मोबाइल उठा लिया.

जैसे ही मैं मोबाइल उठा के पीछे मुड़ी, मैंने देखा कि पापा जी के पजामे में उनका लंड पूरा खड़ा हो चुका था.

तभी मैं डाईनिंग टेबल पर जाकर खाना लगाने लगी. फिर पापा जी भी आ गए मगर वो अपने हाथ से अपना लंड छुपा रहे थे. मैं पापा जी का लंड देखने के लिए मरी जा रही थी मगर मुझे कोई मौका नहीं मिल रहा था.

खाना खाते हुए भी पापा जी का एक हाथ नीचे था यानि वो अपना लंड सहला रहे थे. और यहाँ मेरी चूत पानी छोड़ रही थी.

खाना खत्म करके पापा जी दुबारा टीवी देखने लगे और मैं उनके लिये रसगुल्ला लेकर आयी- पापा जी, ये लीजिये!
पापा जी बोले- कोई खास बात है क्या आज?
मैंने कहा- नहीं पापा जी, बस थोड़ा स्वीट खाने का मन था.

तभी पापा जी ने अपनी कटोरी मेज पर रख दी.
मैंने कहा- पापा जी, खा लीजिये, ये मैं रखने के लिए नहीं लायी हूँ.

तभी पापा जी अपनी कटोरी उठाने लगे तो उनका चम्मच नीचे गिर गया. मगर मैंने साफ़ देखा कि पापा जी ने जानबूझ के चम्मच नीचे गिराया था.
मैंने कहा- पापा जी, मैं दूसरा लेकर आती हूँ.
तो पापा जी ने मुझे रोक दिया, बोले- बहू इसे ही उठा दो, कहाँ जाओगी लेने!


मैं समझ गयी कि पापा जी मेरी चूत फिर से देखना चाहते हैं.
और मैं तुरंत नीचे झुक गयी और अपनी टांगें थोड़ी सी खोल दी. इस बार मेरी चूत पापा जी से बस एक हाथ की दूरी पर थी. थोड़ी देर मैं इसी पोज़ में रही और चम्मच ढूँढने का नाटक करती रही.
इस बार भी पापा जी ने मेरी गीली चूत के दर्शन खुल के किये. जब मैंने उन्हें चम्मच उठा कर दिया तो पापा जी फिर से अपना लंड छुपाने लगे.
फिर पापा जी बोले- बहू आज शाम को रिसेप्शन पार्टी में जाना है; याद तो है न?
मैंने कहा- याद है.

फिर पापा जी बोले- हमारे लाडले साहब जायेंगे या नहीं?
मैंने कहा- पापा जी, मैं कॉल करके पूछ लेती हूँ.

फिर मैंने पति को कॉल किया और उनसे चलने के बारे में पूछने लगी.
पति बोले- अपने रूम में जाओ, वहाँ जाकर बात करो.
मैं अपने कमरे में आ गयी.

पति बोले- दिखा दी पापा को अपनी चूत जान?
मैंने कहा- आपको कैसे मालूम?
पति बोले- मैं वहाँ पहले से ही कैमरा लगा चुका हूँ. आज शाम भी इसीलिए नहीं जा रहा हूँ ताकि बाकी जगह भी कैमरा लगा दूँ. वैसे अभी तुम रूम में हो तो पापा अपना लंड निकाल के हिला रहे हैं. लगता है जल्दी ही तुम मेरी मम्मी बन जाओगी.
तो मैंने कहा- मैं तो कब से तैयार हूँ आपकी मम्मी बनने को … मगर आपके पापा देर कर रहे हैं.
पति बोले- थोड़ी देर तो लगेगी. तुम उनकी बहू हो, इतनी जल्दी कोई भी ससुर अपनी बहू को चोद सकता है क्या?

तब मेरे पति बोले- आज शाम को पार्टी में वो काली साड़ी और काला ब्लाउज पहनना!
मैंने कहा- पक्का वही पहनूनगी. वैसे अभी पापा क्या कर रहे हैं?
पति बोले- अभी भी अपना लंड सहला रहे हैं.

फिर मैं बाहर गयी और पापा जी को बता दिया कि पति पार्टी में नहीं चलेंगे.
मैं दोबारा अपने रूम में चली गयी और सो गयी.

और शाम 6 बजे मेरी आँख खुली जब पापा जी ने मेरा रूम नॉक किया.
पापा जी बोले- बहू तैयार हो जाओ, हम लोग 7.30 तक निकलेंगे. वैसे भी तुम्हें तैयार होने में इतना इतना टाइम तो लगेगा.
मैंने कहा- पापा जी आप मेरा मजाक उड़ा रहे हैं.
पापा जी बोले- नहीं बहू, बस लेडीज को तैयार होने में टाइम तो लगता है. वैसे भी मेरी बहू तो पहले से ही बहुत सुन्दर है.

मैंने पापा जी को थैंक्स कहा और मैं बोली- पापा जी, आपके लिए कौन सा सूट निकाल दूँ?
पापा जी बोले- कोई भी निकाल दो.

तो मैं उनके रूम में गयी और एक नेवी ब्लू सूट निकाल दिया. जो मेरी साड़ी के साथ भी अच्छा लगता.
फिर मैं बाथरूम में गयी और शावर ऑन करके नहाने लगी. मैंने अपनी आँखें बंद की हुई थी और मेरे हाथ मेरे बूब्स को जोर जोर से मसल रहे थे.

मैं अपने मन में सोच रही थी कि जब पापा जी मेरे बूब्स अपने मुँह में भर के पिएंगे तो मुझे कैसा लगेगा. जब उनका लंड मुँह में होगा तो कैसा लगेगा. मेरा दिमाग अब पापा जी के बारे में ही सोच रहा था और मेरी चूत गीली होती जा रही थी.

फिर मैंने वही शावर में खड़े खड़े अपनी चूत में उंगली करना शुरू कर दिया और थोड़ी ही देर में मेरा पानी निकल गया.

नहाने के बाद मैं अपने रूम में आयी और खुद को शीशे में देखने लगी. फिर मैंने अपनी बॉडी पर सेंट लगाया और अपनी लाल ब्रा और पेंटी पहन ली. मेरी ब्रा पेंटी ब्रांडेड होती है. कई ब्रा पेंटी तो विदेश की भी हैं. और मेरे पति कभी कभी एक नंबर छोटी ब्रा लाते हैं ताकि मेरे बूब्स और ज्यादा नुमाया हों.
आज भी मैंने एक नंबर छोटी ब्रा ही पहनी थी.

फिर साड़ी ब्लाउज पहन लिया. ब्लाउज में से मेरी आधी से भी ज्यादा पीठ दिख रही थी और उस पर बना मेरा टैटू भी साफ़ दिख रहा था. साड़ी नाभि से नीचे और कमर में पड़ी मेरी चैन(कमरबंद या तगड़ी) और नाभि में पड़ा छल्ला हर चीज मुझे और भी ज्यादा हॉट बना रही थी.

तभी पापा जी की आवाज आयी- बहू तैयार हो गयी?
मैंने कहा- हां पापा जी, बस अभी आयी!

जब मैं बाहर गयी तो पापा जी टीवी देख रहे थे. मैं उनके पीछे खड़ी हो गयी.
फिर मैंने कहा- चलें पापा जी?
उन्होंने कहा- देखा, मैंने बोला था कि टाइम तो लगता है लेडीज को!

मेरे ससुर की नजर जैसे ही मुझ पे पड़ी, वो मुझे ऊपर से नीचे तक देखने लगे. मेरे बूब्स की लाइन ज्यादा दिख रही थी जिसे मैंने अपनी साड़ी से हल्का सा कवर किया.
तभी पापा जी बोले- बहुत सुन्दर लग रही हो बहू!
मैंने उन्हें थैंक्स कहा- वैसे पापा जी, आप भी बहुत हैंडसम लग रहे हैं सूट में … आइये एक सेल्फी लेते हैं.

पापा जी मेरे पास आ गए और वो भी बिल्कुल नजदीक … मगर उन्होंने मुझे अभी तक टच नहीं किया था.
मैंने कहा- पापा जी थोड़ा पास आइये, अपना हाथ यहाँ रख लीजिये.
मैंने उनका हाथ पकड़ के अपनी कमर के पीछे से लाते हुए आगे रख दिया. अब ससुर का हाथ मेरे नंगे पेट पर था. पापा जी को भी मज़ा आ रहा ठस.

तभी मैंने कुछ फोटो क्लिक की और उन्हें अपलोड कर दिया. फिर मैं और पापा जी पार्टी के लिए निकल गए.

कुछ ही देर में हम पार्टी में पहुंच गए. पापा जी अपने दोस्तों के साथ मिलने लगे और मैं अपनी फ्रेंड्स के साथ मिलने लगी. वहाँ मेरी फ्रैंड्स ने भी मेरा और पापा जी का फोटो देखा सोशल मीडिया पर!
फ्रेंड्स बोली- बहुत हॉट लग रही हो आज तो!

तभी पति का भी कॉल आया. पति बोले- क्या बात है जान … तुमने तो आग लगा दी आज! एक घंटे में 4 हजार लाइक मिले हैं. वैसे पापा जी के साथ ज्यादा अच्छी लग रही हो. और उनका हाथ तो जन्नत पर रख दिया तुमने!

फिर पति बोले- आज रात घर आने के बाद तुम्हें एक ड्रामा भी करना है. आज हमारा एक झगड़ा होगा जिसमें मैं तुम्हें रूम से निकाल दूंगा. बस आगे तुम संभाल लेना.
मैंने कहा- ठीक है.

तब मैंने पति से पूछा- आपने कैमरे लगा दिये?
पति बोले- सब लग चुके हैं. वैसे आज रात तुम कुछ बड़ा करना. वैसे भी काफी टाइम हो गया है पापा को अपना नंगा जिस्म दिखाते हुए. वो शायद अभी भी थोड़ा डर रहे हैं इसलिए वो आगे नहीं बढ़ रहे हैं.
मैंने कहा- आज मैं कुछ तो जरूर करुँगी.
फिर पति ने कॉल कट कर दिया.
और मैं पार्टी में एन्जॉय करने लगी.

थोड़ी देर बाद पापाजी आये और बोले- बहू खाना खा लो, टाइम काफी हो गया. फिर लौट चलते हैं.
खाना खाते हुए भी हमें 10.30 बज गए थे.

फिर पापा जी बोले- बहू अब चलें!
हम सबसे मिल कर निकलने लगे.
तो पापाजी की मुँह बोली बहन पापाजी से कहने लगी- भाई आपको तो शादी कर लेनी चाहिए थी तभी जब भाभी ने आपको छोड़ दिया था. वरना आज आपको अपनी बहू के साथ नहीं आना पड़ता.
यह बात सुन कर शायद पापाजी को बुरा लगा.
पापाजी से पहले मैं बोल पड़ी- बुआ जी, मैं और मेरे पति भी तो पापाजी के साथ है और हमेशा रहेंगे उनका ख्याल रखने के लिए!

फिर मैं और पापा जी कार पार्किंग में चले गए.
पापा जी इस बात से थोड़ा परेशान लग रहे थे तो मैं पापाजी के पास गयी और उनसे कहा- पापाजी, आप दुनिया की बातों पर ध्यान मत दिया करो. इनका तो काम ही होता है जले पर नमक लगाना!
मैंने इसी मौके का फायदा उठाया और देखा कि पार्किंग में कोई नहीं है तो मैंने पापाजी को गले लगा लिया.

शायद पापाजी को इस बात की उम्मीद नहीं थी. पापाजी ने भी मुझे अपनी बांहों में पकड़ लिया. मैंने नोटिस किया कि पापा जी के दोनों हाथ मेरी कमर पर थे और मैं अपने बूब्स पापाजी की छाती पर दबा रही थी. मेरे जिस्म की गर्मी से पापा जी का लंड खड़ा होने लगा था जिसका अहसास मुझे मेरी जाँघों पर हो रहा था.

हम 5 मिनट ऐसे ही गले लगे रहे. फिर मैं पापाजी से अलग हो गयी. फिर हम दोनों कार में बैठ गए और मैंने अपनी साड़ी का पल्लू सामने से हटा दिया. मेरे बूब्स पूरे बाहर आ रहे थे जिसे पापाजी देख रहे थे.

मैंने पापाजी से कहा- पापाजी एक बात पूछूँ अगर आप बुरा न मानें तो?
पापा जी बोले- यही न कि मैंने शादी क्यों नहीं की.
मैंने कहा- हां!

पापाजी बोले- बहू सबने बहुत जिद की कि शादी कर लो. मगर मेरे दिल से मेरी वाइफ कभी निकल ही नहीं पायी.
मैंने कहा- पापाजी, मगर लाइफ अकेले जीना भी तो मुश्किल है?
पापाजी बोले- बहू, अब तो थोड़ी ही लाइफ बची है, बस वो तुम्हारे और बेटे के साथ निकाल दूंगा.

मैंने कहा- पापाजी, ख़बरदार ऐसे बातें की तो! अभी तो आपने अपने पोतों के साथ खेलना है, उन्हें बड़े होते हुए देखना है. पापाजी सच कहूँ … अगर मेरी शादी आपके बेटे से नहीं होती तो मैं आपसे शादी कर लेती.
पापाजी मेरी बात सुन कर हंसने लगे, बोले- तुम भी मेरा मजाक बना रही हो.
मैंने कहा- नहीं पापाजी, सच में आप हैंडसम हैं. अच्छा कमाते भी हैं. तो कर लेती आपसे शादी!

फिर हम बातें करते करते घर आ गए. पापाजी ने कार पार्क की और मैंने गेट खोला. फिर पापा अपने रूम में चले गए और मैं अपने रूम में … जहाँ मेरे पति पहले से मेरा इन्तजार कर रहे थे.

तभी पति ने मुझे बांहों में पकड़ लिया और मेरी साड़ी उठा के मेरी चूत में उंगली कर दी.
मैंने कहा- मुझे कपड़े तो उतारने दो.
पति बोले- देख रहा हूँ कि मेरे पापा के साथ रहकर कितनी गीली हो रही है.
तो मैंने कहा- क्या देखा?

पति ने मुझे अपनी उंगली दिखाई जो मेरी चूत के पानी से भीगी हुई थी. पति बोले- ये देखो कितनी गीली है.
फिर मेरे पति ने तो उंगली चूस कर साफ़ कर दी.

मैं कपड़े उतरने लगी तो पति लैपटॉप देखने लगे,
मैंने कहा- क्या देख रहे हो?
पति बोले- बस देख रहा हूँ कि पापा क्या कर रहे हैं.
तो मैंने कहा- मुझे भी दिखाओ.

मैंने देखा तो पापाजी सिर्फ अंडरवियर में थे और कपड़े पहन रहे थे.

फिर मैंने अपने कपड़े उतार दिए और पति बोले- आज वो ट्रांसपेरेंट नाईटी पहन लो और ब्रा उतार दो, सिर्फ पेंटी पहने रहना.
मैंने वैसा ही किया. मेरी नाईटी मेरे जाँघों के थोड़ा सा नीचे खत्म हो जाती थी और ऊपर से काफी डीप थी जिसमें मेरे बूब्स लगभग पूरे दिख ही जाते हैं.

पति बोले- जाओ पापा को पानी की बोतल दे आओ.

मैं पापा जी के लिए एक बोतल ले गयी और उनके रूम के बाहर जाके नॉक किया.
पापाजी बोले- कौन?
तो मैं दरवाजा खोल के अंदर चली गयी. पापाजी मोबाइल में कुछ देख रहे थे.

तभी पापाजी की नजर मुझपे पड़ी. पापाजी मेरे बूब्स देखने लगे जो ट्रांसपेरेंट नाईटी में साफ़ दिख रहे थे.
मैं पापा जी के पास गयी और उनके बैड पर बैठ गयी. मेरे बैठने से मेरी नाईट मेरी जाँघों तक आ गयी थी.

पापाजी का ध्यान मेरी जाँघों और मेरे बूब्स पर था.

तभी मैंने कहा- पापाजी, आपके लिए पानी लेके आयी थी. वैसे अभी तक सोये नहीं आप? क्या देख रहे हैं मोबाइल में?
पापाजी बोले- बस अपनी बहू को देख रहा हूँ.
मैंने कहा- मुझे तो दिखाओ!

पापा जी वही फोटो देख रहे थे जो मैंने अपलोड की थी.
“देखो बहू कितने हजारों लाइक मिले हैं. और कमेंट भी बहुत हैं. मेरे कई दोस्तों ने भी लाइक किया है.”

फिर मैंने कहा- पापा जी, अब तो आपका मूड ठीक है न?
पापाजी बोले- वो तो जब तुमने गले लगाया था तभी ठीक हो गया था.
अपने ससुर जी की बात सुनके मैं हंसने लगी.

मैंने कहा- इसमें कौन सी बड़ी बात है पापाजी … मैं तो कभी भी गले लग सकती हूँ आपके!
फिर मैंने आगे बढ़के पापाजी को गले लगा लिया.

पापाजी के भी हाथ मेरी पीठ पर आ गए और मेरे बूब्स उनके हाथ पर हल्के हल्के टच हो रहे थे. मैं थोड़ी देर गले लगी रही. मैंने कहा- बस पापाजी, अब आप और ठीक हो जाओ.

तब मैं वापस अपने कमरे में आ गयी. वहाँ मेरे पति लंड निकाल कर मेरी प्रतीक्षा कर रहे थे. मैं उनके पास गयी और उनके लंड पर किस करने वाली थी.
तभी पति बोले- अब ये तुम्हें तब ही मिलेगा जब तुम पापा का लंड अपनी चूत में ले चुकी होगी.

मैंने कहा- ठीक है. वैसे लड़ाई किस बात पर करनी है?
पति बोले- सेक्स के लिए … तुम थोड़ी देर में बाहर जाना और रोने लगना. पापा पूछें तो कह देना कि मैं आजकल तुमको टाइम नहीं देता हूँ. और मेरा अफेयर चल रहा है.

फिर पति ने अपने मोबाइल से मुझे एक वीडियो सेंड की जिसमें वो एक औरत की चुदाई कर रहे थे.

मैंने कहा- यह सही रहेगा.

रात के 1 बजे मैं अपने रूम का दरवाजा जोर से बंद करके बाहर ड्राइंगरूम में आकर रोने लगी. जैसा मुझे अंदाज़ा था, पापाजी दरवाजे की आवाज से जाग गए और थोड़ी ही देर में पापाजी मेरे पीछे खड़े थे.
उन्होंने मेरे कंधे पर हाथ रखा, बोले- क्या हुआ बहू?
तो मैं रोने लगी.

पापा जी बार बार पूछ रहे थे मगर में रो रही थी.
फिर उन्होंने मुझे गले लगा लिया और शांत करने की कोशिश करते रहे.

फिर बोले- बहू क्या हुआ?
मैंने कहा- पापाजी, अभिजीत ने मुझे रूम से बाहर निकल दिया है. हमारा झगड़ा हो गया.
पापाजी बोले- किस बात पर हुआ झगड़ा बहू?
मैं बोली- पापाजी, अभिजीत पीकर आये हैं. और मैं उनके साथ थोड़ा क्लोज हुई तो वो मुझे डांटने लगे और फिर हमारा झगड़ा होने लगा.

पापाजी बोले- ये पहली बार हुआ है या हमेशा होता है?
मैंने कहा- कई बार होता है.
पापा जी बोले- चलो, अभी इसकी क्लास लगाता हूँ मैं!
मैंने कहा- पापाजी, अभी वो पिए हुए हैं.

पापाजी बोले- चलो बहू … मेरे कमरे में चलो. मैं गेस्ट रूम में सो जाऊंगा.

फिर पापाजी मुझे अपने रूम में ले गए और वहाँ मुझे पीने के लिए पानी दिया. पानी पीते पीते मैंने पापाजी जी से कहा- मुझमें कोई कमी है क्या पापाजी?
“ऐसा क्यों पूछ रही हो बहू? तुम में तो कोई कमी नहीं … सुन्दर हो, पढ़ी लिखी हो!”

मैं फिर रोने लगी.
पापाजी मेरे बगल में बैठ गए, बोले- बहू सच बताओ कि क्या बात है?
मैंने कहा- पापाजी, अभिजीत का किसी के साथ अफेयर चल रहा है.
पापाजी बोले- बहू, तुम्हें कैसे पता चली ये बात? किसी ने कुछ कहा तुमसे क्या?
मैंने कहा- पापाजी, मैंने उनके मोबाइल में कुछ देखा है.
वे बोले- क्या देखा है?

तो मैंने अपना मोबाइल निकाल के वो वीडियो चला दी और पापा जी को दे दी- ये देखिये अभिजीत क्या कर रहे हैं.
पापाजी वो वीडियो देखने लगे. उन्होंने 2 मिनट वो वीडियो देखा और पापाजी का भी लंड उसे देखकर खड़ा होने लगा था.

मगर पापाजी बोले- बहू, मुझे माफ़ कर दो. कल मैं अपने बेटे की क्लास लगाऊंगा.
तभी मैं रोने लगी.

पापाजी बोले- बहू, तुम रो मत, गलती तो उसकी है.
मैंने कहा- पापाजी, लगता है मुझमें कोई कमी है, इसीलिए अभिजीत को बाहर जाना पड़ा.

पापाजी बोले- बहू, तुझमें कोई कमी नहीं, पहले तुम रोना बंद करो.
और फिर पापाजी ने मुझे गले लगा लिया. इस बार में पूरी तैयार हो गयी थी.

मैं पापाजी से पूरी चिपक गयी थी, मेरे बूब्स उनकी छाती में दब रहे थे और पापा जी का लंड खड़ा होने लगा था. फिर मैं पापा जी से जैसे ही अलग हुई, मेरे बाल मेरे चेहरे पर आ गए थे. तभी पापा जी ने मेरे बाल अपने हाथों से साइड किये. उनका मेरे चेहरे को छूना मुझे अलग ही मज़ा दे रहा था. तब मैंने अपनी आँखें बंद की हुई थी.

जब मैंने अपनी आँखें खोली तो पापाजी के चेहरे पर भी मुझे कामुकता के भाव दिखाई दिए. इससे पहले पापा जी कुछ समझ पाते, मैंने उनका चेहरा पकड़ के अपने होंट उनके होंठों से लगा दिए.

2 मिनट तक तो उनको कुछ समझ नहीं आया और मैं 2 मिनट उनके होंठों को चूसती रही.
फिर पापा जी ने मुझे धक्का दे दिया- बहू, ये तुम क्या कर रही हो? तुम्हें शर्म नहीं आती है अपने पापा की उम्र के इंसान के साथ ऐसा करते हुए जोकि तुम्हारा ससुर भी है?
मैं बोली- शर्म तो आपके बेटे को भी नहीं आयी पापाजी. मुझे छोड़ के वो बाहर अफेयर चला रहे थे.
पापाजी मेरे बातों को सोचने लगे.

फिर पापाजी बोले- वो गलत है बहू! और मैं उससे बात करूँगा. मगर जो तुमने किया वो गलत है.
मैंने कहा- पापा जी, सच कहूँ … जितनी इज़्ज़त आप मुझे देते हैं, वो मुझे आपके बेटे से शादी के बाद कभी नहीं मिली. वो मुझे अपनी प्रॉपर्टी की तरह ट्रीट करते हैं. और आप भी तो मुझे छुपके देखते हैं.

मेरी इस बात पर पापाजी की नज़र नीचे हो गयी.

फिर मैं उनके पास गयी और उनका हाथ पकड़ के अपनी कमर पर रख दिया और खुद उनके गले में हाथ डाल कर खड़ी हो गयी. पापाजी मेरी इस हरकत से चौंक गए थे. फिर मैंने उनके होंठों को दुबारा किस करने लगी. पापाजी मेरा साथ नहीं दे रहे थे मगर रोक भी नहीं रहे थे. पर उनका लंड मुझे बता रहा था कि उन्हें मज़ा आ रहा है.

मैं लगातार उनके होंठों को चूस रही थी.

फिर जब पापाजी से बर्दाश्त नहीं हुआ तो उनके हाथ मेरी कमर को दबाने लगे और उनके होंट भी मेरे होंठों को चूसने लगे. मैंने समझ गयी कि अब पापाजी लाइन पर आ गए हैं.

पापाजी मुझे गर्दन पर किस करने लगे. मगर शायद वो अभी भी डर रहे थे. मैंने पापाजी का हाथ पकड़ के अपनी छाती पर रख दिया. पापाजी मेरे बूब्स जोर जोर से मसलने लगे. मुझे सच में बहुत मज़ा आ रहा था. मैंने भी पापाजी की छाती पर अपने नाखूनों से निशान बना दिए थे.

फिर पापाजी ने मेरी नाईटी निकाल दी. अब मैं पापाजी के सामने सिर्फ एक पेंटी में खड़ी थी. पापाजी मेरे जिस्म को निहार रहे थे.
मुझे थोड़ी शर्म भी आ रही थी उनके सामने ऐसे खड़े होने में तो मैं पीठ घुमा के खड़ी हो गयी फिर पापाजी मेरे पास आये और मेरी कमर में हाथ डाल कर मेरी पीठ पर किस करने लगे.

फिर पापाजी ने मुझे बेड पर लिटा दिया और वो खुद के कपड़े उतारने लगे. अब पापा जी सिर्फ अंडरवियर में मेरे सामने थे. उनका अंडरवियर आगे से काफी उठा हुआ था. फिर पापा मेरे बगल में आ गए और मेरे बूब्स को पकड़ के अपने मुँह में भर लिया और जोर जोर से उसे चूसने लगे. मेरे मुँह से हल्की हल्की आह आहा निकलने लगी.

पापाजी मेरे बूब्स से होते हुए मेरे पेट पर आ गए और मेरी कमर को चाटने लगे. फिर पापाजी ने मेरी नाभि में पड़े छल्ले को अपने दांतों से हल्का सा खींच लिया, सच में उस हल्के से दर्द में भी मुझे मज़ा मिल रहा था.

फिर पापाजी मेरी जाँघों को चाटने लगे. पापाजी का फोरप्ले बहुत ज्यादा जबरदस्त था जिसे मैं बर्दाश्त नहीं कर पा रही थी.

अब पापाजी ने अपने हाथ मेरी पेंटी के ऊपर से ही मेरी चूत पर रख दिया और मेरी चूत रगड़ने लगे. थोड़ी देर रगड़ने से ही मैं छटपटाने लगी और मेरे मुंह से आअह अह्ह की आवाज के साथ मेरा पानी निकल गया, मैं जोर जोर से साँसें लेने लगी.

फिर पापाजी जाने लगे; उन्हें लगा मेरा पानी निकल गया था तो शायद अब मैं सेक्स न करूं. मैंने उनका हाथ पकड़ लिया और उन्हें अपनी जगह बेड पर लिटा दिया अब मैंने उनके अंडरवियर पर हाथ लगाया ही था कि पापा जी मेरा हाथ पकड़ लिया.

इस चुदाई के बीच हमारे बीच कोई बात नहीं हो रही थी, बस आँखों के इशारे थे.

मैंने पापाजी का हाथ हटा दिया और उनका अंडरवियर नीचे कर दिया. पापाजी का लंड मेरी आँखों के सामने था. सच कहूँ दोस्तो … मैं ये नहीं कहूँगी कि लंड 8 इंच लम्बा था या 9 इंच लम्बा था. पापाजी का लंड इंडियन साइज के हिसाब से 6.5 इंच का था मगर उसकी मोटाई काबिले तारीफ थी.

ससुर जी का लंड मैंने पकड़ लिया और अपनी जीभ तुरंत उसके मोटे सुपारे पर चलाने लगी. पापाजी ने अपनी आँखें बंद कर ली थी और मेरी लंड चुसाई का मज़ा ले रहे थे. थोड़ी ही देर में उनका हाथ मेरे सर पर था और वो मेरा सर अपने लंड पर दबा रहे थे.
मैंने भी ससुर के लंड को पूरा मुँह के अंदर लेना चाहा मगर कामयाब नहीं हो पायी. उसकी मोटाई मेरे पति के लंड से ज्यादा थी. थोड़ी देर लंड चूसने के बाद मैंने पापा जी का लंड चूसना बंद कर दिया तो पापाजी ने आँखें खोली.

उन्होंने देखा कि मैं उनके लंड पर अपनी चूत रगड़ रही थी. मगर इससे पहले पापाजी मुझे रोकते, मैंने अपनी पेंटी साइड करके उनके लंड का सुपारा अपनी चूत में घुसा लिया था और मेरे मुँह से एक चीख निकल गयी ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह…’

मैं जैसे ही चीखने वाली थी, पापाजी ने मेरा मुँह बंद कर दिया. पापाजी हल्के हल्के धक्के लगा रहे थे और उनका लंड मुझे एक एक इंच तक महसूस हो रहा था. उनके लंड की मोटाई के आगे मेरी चूत बहुत टाइट थी.

पापाजी ने अपना लंड बाहर निकाल लिया और फिर से उसे थूक लगा कर मेरी चूत में घुसा दिया. इस बार मुझे ज्यादा दर्द नहीं हुआ और पापाजी लंड अंदर बाहर करने लगे. मुझे भी मज़ा आने लगा मैं और पापा जी किस करने लगे.

ससुर का लंड मुझे बहुत मज़ा दे रहा था और मेरी चूत उनके लंड पर रगड़ मार रही थी. थोड़ी ही देर बाद पापाजी के धक्के तेज होते चले गए और मैंने अपने पैर उनकी पीठ पर बांध दिए. पापाजी के हर धक्के में मेरी आअह्ह आअह्ह निकल रही थी.

कुछ देर इस पोज़ में चुदाई के बाद पापाजी ने लंड चूत डले डले ही मेरे नीचे आ गए और मैं उनके ऊपर आ गयी. अब मैं अपनी कमर आगे पीछे चलाने लगी और पापाजी मेरे बूब्स बहुत जोर जोर मसल रहे थे. पापाजी के हाथों के निशान मेरे बूब्स पर साफ़ दिख रहे थे.

हम दोनों ससुर बहू को चुदाई करते हुए 10 मिनट हो चुके थे और फिर मेरा पानी एक बार फिर निकल गया था. मैं पापाजी के सीने पर लेट गयी. 1 मिनट में जब मैं उनके सीने से उठी तो उनका लंड भी बाहर निकल गया जो मेरे पानी से भीगा हुआ था.

मैं तुरंत उसे अपने मुँह में लेकर चूसने लगी. पापाजी को शायद इसकी उम्मीद नहीं थी, पापाजी ने मुझे कुतिया बना दिया और पीछे से अपना लंड डाल दिया. अब वो मुझे डॉगी स्टाइल में चोदने लगे.

जब पापाजी का पानी निकलने को होता तो वो चुदाई रोक देते और फिर से थोड़ी देर में चुदाई शुरू कर देते. ऐसा उन्होंने कई बार किया तो मैं समझ गयी पापा सच में खिलाड़ी हैं.
कुछ देर डॉगी स्टाइल में चोदने के बाद पापा जी ने मुझे फिर से सीधा लिटा दिया और अपना लंड फिर से डाल दिया.

अब पापाजी के धक्के काफी तेज हो गए थे, लगता था कि वो झड़ना चाहते थे. मैं उन्हें किस करने लगी और वो तेज तेज धक्के लगाते रहे. थोड़ी ही देर में पापाजी और मैं साथ में झड़ गए. पापाजी का मोटा लंड अभी भी मेरी चूत में था और वो मेरे ऊपर ही लेटे रहे.

थोड़ी देर में पापाजी साइड हो गए और उनका लंड मेरी चूत से बाहर आ गया. पापाजी का माल मेरी चूत से बह रहा था और बैड पर गिर रहा था. पापाजी का सुपारा अभी भी पूरा खुला हुआ था और उस पर बहुत सारा माल लगा हुआ था.

मैं उठी और पापाजी के लंड पर लगे माल को चाट के साफ़ कर दिया. पापाजी की आँखें मेरी आँखों से मिली तो वो हल्की सी स्माइल देने लगे और फिर मैं उनके बगल में लेट गयी.
हम दोनों कब सो गए हमें पता भी नहीं चला.

सुबह मेरी आँख 6 बजे खुली तो पापाजी सो रहे थे मगर उनका लंड जाग चुका था. जैसे ही मैंने उनका लंड पकड़ा, पापाजी की आँख खुल गयी और वो मुझे देखने लगे.
फिर पापा जी उठ कर बाथरूम चले गए. मैं वैसे ही नंगी वहीं बैठी रही.

थोड़ी देर में पापाजी बाहर आये तो वो ट्रैक सूट पहने थे और मुझे नंगी देखकर पापाजी बोले- बहू अपने कपड़े पहन लो और अपने रूम में जाओ.

फिर पापाजी चले गए और मैं नंगी ही अपने कपड़े लेकर अपने कमरे में चली गयी. वहाँ जाकर देखा तो पति नंगे सो रहे थे और उनके पास टिश्यू पेपर पड़े थे. उन्होंने पक्का 2 बार तो मुठी मारी थी.

मैंने पति को उठाया तो मुझे नंगी देखकर बोले- आ गयी मम्मी बनके तुम?
इस पर मैंने कहा- हाँ मेरा बेटा भी तो मुठ मारकर सो रहा था.

तभी पति ने मुझे बेड पर लिटा दिया और मेरी टांगें खोलकर देखने लगे जहां पापाजी का माल सूख चुका था. पति मेरी चूत सूंघने लगे. फिर पति बोले- मज़ा आया या नहीं?
मैंने कहा- आपने सच कहा था; पापाजी का लंड वाकई बहुत मोटा है और मज़ा देता है.

फिर मेरे पति बोले- अब तो रोज करोगी?
मैंने कहा- पापाजी शायद अभी इस बात को समझ नहीं पाए हैं. उन्हें लगता है कि ये सब सिर्फ एक बार जल्दबाजी में हुआ है.
पति बोले- मैं जानता हूँ कि तुम उन्हें मना लोगी. वैसे सच कहूँ, पापा जब तुम्हें चोद रहे थे तो मुझे देखकर बड़ा मज़ा आ रहा था.

फिर मैं पति को किस करने लगी तो पति ने मना कर दिया, बोले- अब कुछ दिन तुम सिर्फ पापा से चुदवाओ. वैसे आज चुदाई रूम से बाहर करना.

तब मेरे पति जिम चले गए और कुछ टाइम बाद पापाजी आ गए. मैं उनके लिए चाय बना कर ले गयी तो उन्होंने अपने रूम नहीं खोला. शायद वे मुझसे नज़र नहीं मिला पा रहे थे.
फिर पति भी आ गए और मैंने उन्हें सब बात बता दी.

पति बोले- थोड़ी झिझक है यार … निकल जाएगी.

कुछ देर के बाद मैंने पापा को नाश्ते के लिए बुलाया तो वे आ गए. हम सबने नाश्ता किया और वहाँ भी पापाजी कुछ नहीं बोले, नाश्ता करके वो अपने कमरे में चले गए.
और फिर मेरे पति ऑफिस चले गए. मैं अपने रूम में आ गयी और सारे कपड़े उतारकर सिर्फ एक गाउन पहन लिया, आगे से मैंने डोरी से बांध लिया. अंदर से मैं बिल्कुल नंगी थी.

ये सब तैयारी करके फिर मैं पापाजी के रूम के पास गयी और नॉक किया- पापाजी, खोलिये न … मैं जानती हूँ कि आप सुन रहे हैं. प्लीज पापाजी!
काफी बार कोशिश करने पर भी पापाजी ने दरवाजा नहीं खोला तो मैं रोने लगी.

मेरे रोने की आवाज सुनकर थोड़ी ही देर में उन्होंने गेट खोल दिया और मैं सिर्फ गाऊन में उनके पास चली गयी. वो बैड पर बैठे थे और मैं भी उनके साथ बैठ गयी. हम दोनों के बीच चुप्पी छायी हुई थी.
फिर पापाजी बोले- बहू, जो कल हमारे बीच हुआ; वो सही नहीं था. मैं भी रात को बहक गया था, मुझे वैसा नहीं करना चाहिए था.
इस पर मैंने कहा- पापाजी जो हमारे बीच हुआ वो इसीलिए हुआ क्योंकि मैं आपको दिल से पसंद करती हूँ. आपकी नज़रों में मुझे इज़्ज़त मिलती है. एक आप है जो मम्मी के जाने के बाद भी उन्हें प्यार करते हैं. और एक अभिजीत है जो मेरे रहते हुए बाहर किसी और के साथ सेक्स कर रहे हैं.

मैंने पापाजी का हाथ पकड़ लिया- सच कहूँ पापाजी जी, आपसे तो कोई भी लड़की प्यार करने लगे; और मैंने भी अपनी खुशी से अपने जिस्म को आपको दिया है.
पापाजी बोले- बहू, यह गलत रिश्ता है.
मैंने कहा- पापाजी, गलत सही करने वाले हम कौन हैं. ये दुनिया तो सबको गलत ही समझती है और गलत तो अभिजीत भी कर रहे हैं. ख़ैर वो जो कर रहे हैं, करने दो. मुझे आपसे प्यार है और मैंने अपनी मर्जी से आपके साथ सेक्स किया.

पापाजी मेरी आँखों में देख रहे थे.

तभी मैंने अपने गाउन की डोरी खोल दी और में उनके सामने पूरी नंगी हो गयी. ससुर जी की नजर बहू के जिस्म पर थी.
मैंने पापाजी से कहा- ये जिस्म मेरा है और मैंने इसे आपको सौम्पा है.

यह सब बोल कर मैं रूम से बाहर चली गयी और ड्राइंग रूम में नंगी ही बैठ गयी.

थोड़ी देर बाद पापाजी अपने रूम के बाहर आये और मेरे पास सोफे पर बैठ गए. फिर पापाजी ने मेरी आँखें में देखा और मैंने उनकी आँखों में देखा.
फिर पापाजी ने मुझे किस करना शुरू कर दिया. हम दोनों एक दूसरे को बहुत देर तक किस करते रहे. फिर पापाजी अलग हुए और बोले- बहू मुझे नहीं पता था कि तुम मुझे इतना प्यार करती हो.

मैं पापा जी की बात पर हंसने लगी.
फिर पापाजी बोले- हंस क्यों रही हो बहू?
मैंने कहा- आपकी बातों पर! पापाजी कल रात आपके लंड ने मेरी चूत माल से भर दी थी.

मेरे मुँह से ये सब सुनकर पापा जी भी हंसने लगे, बोले- मतलब तुम्हें भी ये गंदे शब्द बोलना पसंद है?
मैंने कहा- हाँ पापाजी, मुझे फ्रैंक बोलना पसंद है.

फिर मैं पापाजी की गोदी में बैठ गयी और उनका हाथ मेरे गांड पर था.
मैंने पापाजी से कहा- मुझे गोली की जरूरत नहीं है.
फिर मैंने पापाजी से पूछा- आपको कल रात मज़ा आया या नहीं?
पापाजी बोले- सच कहूँ बहू तो मज़ा बहुत आया. मगर एक बात बताओ, तुम्हारी चूत बहुत टाइट है, क्या मेरा बेटा तुम्हारी चुदाई नहीं करता है क्या?
मैंने कहा- करता तो है मगर उसका लंड आपके लंड जैसा मोटा नहीं है.

पापाजी बोले- अब मैं तुम्हारी चूत का ख्याल रखूँगा.
फिर पापाजी मेरे बूब्स को पकड़ के उन्हें चूसने लगे.
मैंने कहा- पापाजी, मैं तो नंगी हूँ, आप भी कपड़े उतार दो अब!

पापाजी ने भी अपने कपड़े उतार दिए. पापाजी का लंड अभी पूरी तरह से खड़ा नहीं था मगर फिर भी बहुत मोटा और बड़ा लग रहा था.
मैंने पापाजी से कहा- वैसे पापाजी, आप भी बड़े खिलाड़ी हो. कल रात जब आपका निकलने वाला था तो चुदाई बंद कर देते थे और फिर थोड़ी देर में शुरू!
पापाजी हंसने लगे, बोले- वो तो तरीका है देर तक चोदने का!

तब पापाजी ने मुझे एक गोली दी बोले- ये खा लो बहू!
मैंने पूछा- ये क्या है?
मेरे ससुर बोले- बहू, कल मेरा वो तुम्हारे उसमें निकल गया था. कहीं तुम प्रेग्नेंट न हो जाओ.

फिर मैंने पापाजी का लंड मुँह में ले लिया और चूसने लगी.
पापाजी बोले- बहू सोफे पर लेट जाओ.
मैं सोफे पर लेट गयी.

पापाजी रसोई में गए और कटोरे में कुछ लेके आये.
मैंने पूछा- ये क्या है?
पापाजी बोले- बस देखती जाओ बहू!

मेरे ससुर ने उस कटोरे में से कुछ मेरे बॉडी पर गिराया. जब मैंने उसे चखा तो वो रसगुल्ले का रस था. मेरी पूरी बॉडी पर पापाजी ने रसगुल्ले का रस गिरा दिया था.

फिर पापाजी ने एक रसगुल्ला मेरे होंठों पर रखा, एक मेरी बूब्स के बीच में रखा, एक मेरी नाभि में रखा और थोड़ा रस मेरी चूत पर भी डाल दिया. फिर पापाजी ने मेरी जाँघों से मुझे चाटना शुरू किया. जाँघों से फिर चूत चाटने लगे. फिर मेरी नाभि में रखे रसगुल्ले को खा गए और मेरी नाभि में भरा सारा रस पी गए. फिर मेरे बूब्स और मेरी होंठों तक पापाजी ने सब चाट के साफ़ कर दिया.

पापाजी का ऐसा फोरप्ले बर्दाश्त नहीं हुआ और मेरी चूत ने पानी छोड़ दिया. पापाजी सारा पानी पी गए जो रसगुल्ले के रस से मीठा था.


फिर मैंने पापाजी का लंड उसी कटोरे के रस में डाल दिया और उनके लंड से बहता हुआ रस मैंने चाट के साफ़ किया और फिर उनका लंड जोर जोर से चूसने लगी.
10 मिनट में पापाजी ने अपना माल मेरे मुँह और मेरे चेहरे पर निकाल दिया. पापाजी का सारा माल मैं चाट गयी.

फिर मैं पापाजी की गोदी में चढ़ के बैठ गयी. सब चिपचिपा हो रहा था. पापाजी मेरे बूब्स चूस रहे थे.

और तभी मेरे पति का कॉल आया. पापाजी डर गए और मुझे हटाने लगे.
मैंने कहा- आप बैठो और हमारी बातें सुनो.

मैंने पति का कॉल पिक करके उसे स्पीकर पर डाल दिया और पापाजी का मुँह अपने बूब्स पर लगा दिया.

पति बोले- सॉरी जान, कल ज्यादा हो गयी थी इसीलिए रात तुमसे झगड़ा हो गया. मुझे माफ़ कर दो, आगे से ऐसा नहीं होगा.
मैंने कहा- कोई बात नहीं!

फिर पति बोले- क्या कर रही हो जान?
मैंने कहा- कुछ नहीं … बस नंगी बैठी हूँ तुम्हारे पापाजी की गोदी में!
पापाजी ये बात सुनकर चौंक गए.

पति हंसने लगे, बोले- अच्छा फिर बताओ पापाजी का लंड बड़ा है या मेरा?
मैंने कहा- पापाजी का लंड आपसे ज्यादा मोटा है.
पति फिर हंसने लगे, बोले- बहुत मजाक हो गया. वैसे आज रात मछली बना लेना.
मैंने कहा- ठीक है.

फिर पति ने कॉल कट कर दिया.

पापाजी बोले- ये कैसी बातें करते हो तुम दोनों?
मैंने कहा- आपका बेटा ही करता है. वैसे लगता है कि हमारी बात सुनके आपका लंड भी खड़ा हो गया है.
पापाजी बोले- बहू, अब बर्दाश्त नहीं होता है यार!
तो मैंने कहा- आपको रोका किसने है?

पापाजी बोले- जाओ कंडोम ले आओ!
मैंने कहा- पापाजी, आप मेरे हो और आपके साथ चुदाई में मुझे कंडोम की जरुरत नहीं.
पापाजी बोले- बहू, अगर तुम प्रेग्नेंट हो गयी तो प्रॉब्लम हो जाएगी.
मैंने कहा- मैं तो चाहती हूँ कि मेरा पहला बेटे आपसे हो. वैसे भी आपके नालायक बेटे से तो कोई उम्मीद नहीं है. वैसे भी खून तो एक ही है!

पापाजी ने अपना लंड मेरी चूत में डाल दिया और वहीं बैठे बैठे मेरी चुदाई शुरू कर दी.

मैं जानती थी मेरे पति सब देख रहे थे और मज़े भी ले रहे थे. मुझे भी इस बात की खुशी थी कि पति की वजह से मुझे एक लंड घर में ही मिल गया.

ससुर बहू की यह दूसरी चुदाई 20 मिनट चली. फिर पापाजी मेरी चूत में ही झड़ गए. उनका लंड अभी भी मेरी चूत में था.
पापाजी बोले- बहू, तुमने मेरी लाइफ कम्पलीट कर दी है.
मैंने पापाजी से कहा- वैसे पापाजी, मम्मी के बाद में फर्स्ट लेडी हूँ या और भी थी?
पापाजी हंसने लगे, बोले- तुम्हें क्या लगता है?
मैंने कहा- आपकी चुदाई देखकर लगता है कि मैं पहली तो नहीं हूँ.

पापाजी बोले- बहू, बस एक सेक्स ऐसी चीज है जिसके बिना इंसान रह नहीं सकता है. वैसे सच ये है कि तुमसे पहले भी कई औरतों को चोद चुका हूँ.
मैंने कहा- किस किस को पापाजी?
वो बोले- कुछ कस्टमर की वाइफ थी और एक हमारी फैमिली से है.
मैंने पूछा- फैमिली में कौन है?
पापाजी बोले- तुम्हें वो पार्टी वाली बुआ याद है?
मैंने कहा- हाँ याद है.
“बस उसकी बहू को चोदता हूँ यार!”

अपने ससुर जी की यह बात सुनकर मैं समझ गयी थी कि ये बहुत बड़े चोदू हैं.

फिर पापाजी मुझे उठाके बाथरूम में ले गए, वहाँ हम दोनों ने शावर लिया और एक बार और चुदाई की.

फिर हम दोनों ने लंच किया. पापाजी ने मुझे पूरे दिन नंगी रखा. लंच के बाद पापाजी मेरे रूम में ही सो गए. शाम 6 बजे मेरी आँख खुली तो पापाजी सो रहे थे और उनका लंड खड़ा हुआ था.

मैंने उसे किस करके पापाजी का उठाया. पापाजी ने मुझे अपने ऊपर खींच लिया और बोले- बहू, मुझे आज रात तुम्हारी चुदाई करनी है.
तो मैंने कहा- मैं आ जाऊंगी.
पापाजी बोले- और अभिजीत का क्या करोगी?
मैंने कहा- वो जब सो जायेंगे, तब आऊंगी. वैसे भी वो रात में कभी नहीं उठते हैं.

पापाजी ने मुझे किस किया और रूम से चले गए. फिर मैंने अपने कपड़े पहन लिए और घर के सारे काम करने लगी.

फिर थोड़ी देर में पति आ गए और हम सबने शाम की चाय पी. पापा जी अभी भी मुझे घूर रहे थे. मेरे पति रूम में चले गए और पापाजी मुझे वहीं किस करने लगे. मैं भी उनका पूरा साथ दे रही थी.

तभी पति के आने की आहट से पापाजी अलग हो गए. फिर थोड़ी देर में पति मुझे रूम में ले गए.
मैंने पति से पूछा- कैसा लगा दिन में चुदाई देखकर?
मेरे पति बोले- मुझे तो यकीन नहीं हुआ कि पापा इतने ज्यादा एक्सपीरियंसड होंगे. वैसे आज रात भी तुम उनसे चुदाई करवाओगी.
मैंने कहा- हाँ!

पति बोले- ठीक है, मगर यह चुदाई मैं लाइव देखूंगा.
मैंने कहा- कैसे देखोगे?
पति बोले- पापाजी को गेस्ट रूम में लेकर आना. वहां मैं खिड़की से सारी चुदाई देख लूंगा.
मैंने कहा- ठीक है.

फिर रात के खाने के बाद मैंने पति से पूछा- क्या पहन कर जाऊं यार आज?
तो पति ने मुझे एक स्टॉकिंग पहनने के लिए कहा और कहा- ये पूरी फाड़ के चुदाई करवाना!

12 बजे रात मैंने पापाजी को मैसेज किया और उन्हें गेस्ट रूम में बुलाया. मेरे पति पहले से ही गेस्ट रूम की खिड़की पर आ गए थे. फिर थोड़ी देर में पापाजी भी रूम में आ गए. मुझे इस सेक्सी स्टॉकिंग में देखकर पापाजी का लंड उनके अंडरवियर में खड़ा हो गया था.

तभी पापाजी मुझे किस करने लगे. पापाजी का किस बहुत डीप था उनकी जीभ मेरे मुँह में घूम रही थी और मैं उनके लिप्स चूस रही थी.
पापाजी बोले- बहू आज तो तुम एकदम क़यामत लग रही हो!
मैंने कहा- पापाजी, सब आपके लिए है.

मेरे ससुर के हाथ बहू की गांड को दबा रहे थे और बाहर पति अपने लंड हिला रहे थे. फिर पापाजी ने मुझे नीचे झुका दिया और मेरी स्टॉकिंग उतारने लगे.
मैंने कहा- पापाजी उतारो मत, फाड़ दो इसे!
पापाजी ने वैसे ही किया. उन्होंने मेरी स्टॉकिंग पीछे से फाड़ दी. अब मेरी गांड पूरी खुल गयी थी.

फिर पापाजी ने पीछे से ही मेरी गांड में अपना मुँह लगा दिया और मेरी चूत चाटने लगे. मैं आगे झुकी हुई आहें भर रही थी और पापाजी मेरी चूत चाट रहे थे.
पापाजी बोले- बहू मज़ा तो आ रहा है ना?
मैंने कहा- पापाजी बहुत मज़ा आ रहा है. इतना मज़ा तो अभिजीत ने भी कभी नहीं दिया.

फिर पापाजी ने 10 मिनट मेरी चूत चाटी और मेरा पानी निकाल दिया.

अब पापाजी बेड पर बैठ गए और मैंने उनका अंडरवियर निकाल दिया. पापाजी ने भी मेरी ब्रा निकाल कर फेंक दी. अब मैं सिर्फ फटी हुई स्टॉकिंग में उनके सामने थी. मैं पापाजी का लंड चूसने लगी. पापाजी का लंड मैं बार बार थूक लगाकर गीला कर देती और अपने मुँह से निकल देती ताकि मेरे पति उसे देख सकें. मेरे पति भी मुझे ऐसा करते देख रहे थे.

फिर पापाजी बोले- बहू, मेरा बेटा सो गया था क्या? आज उसने तुम्हारी चुदाई नहीं की?
मैंने कहा- वो बहुत कम ही चुदाई करते हैं पापाजी. इसीलिए तो मेरी चूत अभी भी टाइट है.
पापाजी बोले- चिंता मत कर बहू! उसे सोने दे. अब से मैं तेरी चूत का ख्याल रखूँगा और एक महीने में इसकी पूरी चुदास निकाल दूंगा.

ससुर जी का लंड चूस के मैं उनके ऊपर आ गयी और किस करने लगी. फिर पापाजी ने मुझे लिटा दिया और मेरी कमर के नीचे तकिया रख दिया और मेरी चूत अब ऊपर आ गयी.
पापाजी बोले- बहू, तेरी चूत सच में बहुत अच्छी है एकदम चिकनी और गोरी … मन करता है इसे हमेशा चूसता रहूँ.
मैंने कहा- आज से ये चूत और मैं आपकी हूँ. जब आपका मन हो मुझे नंगी करके चोद लेना आप!

फिर मैंने पापाजी से कहा- क्या मैं आपको आपके नाम से बुला लूं?
तो पापाजी बोले- बहू, ये सही नहीं है. अगर मेरे बेटे के सामने गलती से ऐसा हो गया तो वो शक करेगा.
मैंने मन में सोचा ‘पापाजी कहाँ जानते हैं कि उनके बेटे ने ही मुझे उनके लंड के नीचे लिटाया है.’

पापाजी बोले- वैसे भी जब तू मुझे बोलती है ‘और जोर से करो पापाजी’ तो मुझे और ज्यादा मज़ा आता है.
मैंने कहा- फिर देर किस बात की पापाजी? अब घुसा दो ये मोटा मूसल लंड मेरे चूत में!

फिर पापाजी ने अपना लंड मेरी चूत घुसा दिया और हल्के हल्के धक्के लगाने लगे. मैं भी अब मोअन कर रही थी और ‘जोर से पापाजी … तेज तेज धक्के मारो पापाजी!’
मेरी बातों से और ज्यादा तेज से धक्के लगाने लगे और थोड़ी देर में मेरी चूत ने ढेर सारा पानी निकाल दिया. मगर पापाजी अभी भी लगे हुए थे.

फिर पापाजी ने अपने अंडरवियर से मेरी चूत का पानी साफ़ किया, मुझे कुतिया बनाया और पीछे से मेरी चूत में लंड डाल दिया और मेरी चुदाई करने लगे. पापाजी किसी पोर्नस्टार की तरह मेरी चुदाई कर रहे थे.

तभी पापाजी ने मेरी गांड में एक उंगली डाल दी और उसे अंदर बाहर करने लगे. मेरा मज़ा और ज्यादा हो गया था.
पापाजी बोले- बहू, कभी गांड में लंड लिया है?
मैंने कहा- पापाजी, बस आपके बेटे का लिया. अगर आप चाहें तो आप भी कर लेना!

पापाजी बोले- इस राउंड के बाद वहीं करूँगा.

मेरे ससुर के धक्के मेरी चूत में तेज होते चले गए और थोड़ी देर में उनका माल भी मेरी चूत में निकल गया.
फिर हम दोनों लेट गए.
पापाजी बोले- बहू. सच में रात में सेक्स का अलग ही मज़ा है.
मैंने कहा- हां पापाजी … और खासकर चुदाई करने वाला आप जैसा हो तो क्या बात है!
पापाजी बोले- बहू, अब तो हर दिन रात तुम्हारी चुदाई पक्की है.

मैंने पापाजी से कहा- अगर हो सके तो हम दोनों हनीमून पर चलें?
पापाजी बोले- चल तो सकते हैं अगर मेरा बेटा न हो घर में!
तो मैंने कहा- वो तो वैसे भी कहीं जाने वाले हैं. तो क्यों ना हम दोनों भी हनीमून पर मौज करके आते हैं.

पापाजी बोले- ठीक है बहू … मगर जाओगी कहाँ?
मैंने कहा- पापाजी आप बताओ?
पापाजी बोले- गोआ चलते हैं, वहाँ तुम्हें बिकिनी में भी देखूंगा.
मैंने कहा- जरूर पापाजी!

फिर पापाजी का लंड दुबारा खड़ा हो गया और मैं उसे चूसने लगी.
पापाजी बोले- बहू, थोड़ा घी ले आओ वरना तुम्हें दर्द होगा.
मैं जाकर घी ले आयी.

फिर पापाजी ने ढेर सारा घी अपने लंड पर लगा लिया और थोड़ा घी मेरी गांड के छेद पर लगाकर उसमें 2 उंगली घुसा दी. फिर उंगली अंदर बाहर करने लगे. जब मेरी गांड में चिकनाहट सही हो गयी तो उन्होंने अपना लंड मेरी गांड में घुसा दिया.

मेरी तो चीख निकल गयी ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह…’
पापाजी बोले- बहू, बस हो गया … थोड़ी देर में सही हो जायेगा.
फिर पापाजी हल्के हल्के मेरी गांड में धक्के लगाने लगे और कुछ टाइम बाद मुझे भी सही लगने लगा तो पापाजी ने अपने धक्के तेज कर दिए.

हर थोड़ी देर बाद पापाजी अपना लंड मेरी गांड से बाहर निकाल देते थे और मेरी गांड को देखते थे.
मैंने पापाजी से पूछा- क्या देख रहे हैं पापाजी बार बार?
वो बोले- बहू तुम्हारी गांड का छेद बड़ा हो गया है.
अब मैंने कहा- वो तो होना ही था पापाजी. आपका लंड कौन सा कम मोटा है.

फिर पापाजी ने 20 मिनट मेरी गांड मारी और अपना माल मेरी गांड में ही निकाल दिया.

मैंने टाइम देखा तो 2 बज रहे थे. मैंने कहा- पापाजी अब चलें रूम में?
पापाजी बोले- बहू, आज मेरे साथ ही सो जाओ.
फिर मैंने कहा- आप अपने रूम में चलो, मैं आपके सुपुत्र को चेक करके आती हूँ.

मैंने बाहर देखा तो वहाँ अभिजीत नहीं थे. पापाजी अपने रूम में चले गए और मैं अपने रूम में गयी तो पति मुझे देखकर बहुत खुश हुए. मेरे बूब्स पर पापाजी के दांतों के निशान थे. मेरी जाँघों और मेरी चूत पर पापाजी का माल लगा हुआ था.

पति ने मुझे डोगी स्टाइल में खड़ी कर दिया और मेरी गांड को देखने लगे. मेरी गांड का छेद अभी भी बहुत खुला हुआ था.
मेरे पति बोले- आज से मैं तुम्हें मम्मी बुलाया करूँगा.
मैंने कहा- ठीक है. और मैं आपको बेटा बोला करुँगी.

पति बोले- मम्मी, पापा ने तो आपकी रगड़ के चुदाई करी है.
मैंने कहा- हाँ बेटा, बहुत जोर से वैसे आपकी मम्मी आपके पापा के साथ सोने जा रही है. आप सो जाओ.

फिर मैंने पति को एक किस किया और मैं पापाजी के रूम में चली गयी, वहाँ जाकर हमारे बीच एक बार और चुदाई हुई फिर हम दोनों सो गए.

सुबह को मैंने पति को हनीमून वाली बात बताई तो वे बोले- चली जाओ, मैं भी तुम्हारी बहन के घर जा रहा हूँ. तुम्हारे जीजा जी भी कहीं बाहर गए हुए हैं.

फिर अगले हफ्ते मैं और पापाजी हनीमून पर गोआ चले गए और वहाँ हम दोनों ने बहुत चुदाई की.

गोआ से वापस आयी तो मुझे पता चला कि मैं प्रेग्नेंट हूँ. मैंने पति को भी ये बात बताई तो बोले- बधाई हो मम्मी, मेरा छोटा भाई आ रहा है.
फिर मैंने पापाजी को ये बात बताई तो वो भी बहुत खुश हुए.

आज इस बात को 2 साल हो चुके हैं और मैं पापाजी के बच्चे की माँ बन चुकी हूँ. मगर पति और पापाजी की चुदाई में कोई कमी नहीं हुई है.

बल्कि पापाजी, मैंने और उनकी बहन की बहू ने थ्रीसम भी किया. वो कहानी मैं आपको बाद में बताऊंगी.
वैसे यह कहानी आपको कैसे लगी?
 
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karthik90

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भाई बहन की चुदाई का सपना हुआ साकार




मेरा नाम निधान है . मुझे रिश्तों में चुदाई की कहानियां बहुत पसंद है. मगर मैं ये नहीं जानता था कि एक दिन मेरे साथ भी ऐसा ही हो जायेगा. आज मैं आपको अपने जीवन की उसी घटना के बारे में बताने जा रहा हूं.

कहानी पर आने से पहले मैं आपको अपने बारे में कुछ बता देता हूं. मेरी उम्र 28 साल है. मैं मूल रूप से कानपुर का रहने वाला हूं. वर्तमान समय में मैं हैदराबाद में रह रहा हूं. वहीं पर एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर का काम करता हूं.

कानपुर वाले घर में मेरी मां, पापा और छोटी बहन रहती थी. मेरी बहन का नाम सुषमा है. उम्र में वो मुझसे तीन साल छोटी है. वो घर में सबकी लाडली है. ये कहानी जो मैं आप लोगों को आज बताने जा रहा हूं, यह करीबन दो साल पुरानी है.

उस वक्त मेरी बहन ने अपनी एमबीए की पढ़ाई पूरी की थी. पढ़ाई में हम दोनों भाई-बहन ही अच्छे थे. एमबीए की पढ़ाई पूरी करने के बाद मेरी बहन अब जॉब की तलाश में थी.

चूंकि मैं हैदराबाद जैसे बड़े शहर में रह रहा था तो मैंने उससे कहा कि तुम मेरे ही शहर में जॉब ढूंढ लो. मेरी यह बात मेरे माता-पिता को भी ठीक लगी. मेरे शहर में रहने से उनको भी अपनी बेटी की सेफ्टी की चिंता करने की आवश्यकता नहीं थी.

हैदराबाद में पी.जी. रूम लेकर मैं रह रहा था. मगर अब सुषमा भी साथ में रहने वाली थी तो मैंने एक बीएचके वाला फ्लैट ले लिया. कुछ दिन के बाद बहन भी मेरे साथ मेरे फ्लैट में शिफ्ट हो गई.

सुषमा के बारे में आपको बता दूं कि वो काफी खुलकर बात करने वालों में से है. उसकी हाइट 5.6 फीट है और मेरी हाइट 6 फीट के लगभग है. मेरी बहन के बदन की बात करूं तो उसकी गांड काफी उठी हुई है. जब वो अपनी कमर को लचकाते हुए चलती है तो किसी भी मर्द को घायल कर सकती है.

मेरी बहन का फीगर 36-30-38 का है. आप अंदाजा लगा सकते हैं कि उसकी चूचियां भी कितनी बड़ी होंगी. उसकी चूचियां हमेशा उसके कपड़ों से बाहर झांकती रहती थीं. मैंने सुना था कि जवान लड़की की चूत चुदाई होने के बाद उसकी चूचियों का साइज भी बढ़ जाता है.

अपनी बहन की चूचियों को देख कर कई बार मेरे मन में ख्याल आता था कि कहीं यह भी अपनी चूत चुदवा रही होगी. मगर मैं इस बारे में विश्वास के साथ कुछ नहीं कह सकता था. मेरी बहन खुले विचारों वाली थी तो दोनों तरह की बात हो सकती थी.

जब वो मेरे साथ फ्लैट में रहने लगी तो अभी उसके पास जॉब वगैरह तो थी नहीं. वो अपना ज्यादातर समय फ्लैट पर ही बिताती थी. मैं सुबह ही अपने काम पर निकल जाता था. पूरा दिन फ्लैट पर रह कर वो बोर हो जाती थी.

एक रोज वो कहने लगी कि वो सारा दिन फ्लैट पर रह कर बोर हो चुकी है. उसका मन कहीं बाहर घूमने के लिए कर रहा था. उसने मुझसे कहीं बाहर घूमने चलने के लिए कहा.
मैंने कह दिया कि हम लोग मेरी छुट्टी वाले दिन चलेंगे.

फिर वीकेंड पर मैंने अपनी बहन के साथ बाहर घूमने का प्लान किया. अभी तक मेरे मन में मेरी बहन के लिए कोई गलत ख्याल नहीं था. हम लोग पास के ही एक मॉल में घूमने के लिए गये. मेरी बहन उस दिन पूरी तैयार होकर बाहर निकली थी.

उसके कुर्ते में उसकी चूचियां पूरे आकार में दिखाई दे रही थीं. हम लोगों ने साथ में घूमते हुए काफी मस्ती की और फिर घर वापस लौटने लगे. मगर रास्ते में बारिश होने लगी. इससे पहले कि हम लोग बारिश से बचने के लिए कहीं रुकते, हम दोनों ऊपर से लेकर नीचे तक पूरे भीग चुके थे.

बारिश काफी तेज थी इसलिए मैंने सोचा कि बारिश रुकने का इंतजार करना ही ठीक रहेगा. हम दोनों बाइक रोक कर एक मकान के छज्जे के नीचे खड़े हो गये. सुषमा के बदन पर मेरी नजर गई तो मैं चाह कर भी खुद को उसे ताड़ने से नहीं रोक पाया.

उसकी मोटी चूचियों की वक्षरेखा, जिस पर पानी की बूंदें बहती हुई अंदर जा रही थी, मेरी नजरों से कुछ ही इंच की दूरी पर थी. उसको देख कर मेरे लौड़े में अजीब सी सनसनी होने लगी. मैंने उसकी सलवार की तरफ देखा तो उसकी भीगी हुई गांड और जांघें देख कर मेरे लंड में और ज्यादा हलचल होने लगी.

मैं बहाने से उसको घूरने लग गया था. ऐसा मेरे साथ पहली बार हो रहा था. फिर कुछ देर के बाद बारिश रुक गयी और हम अपने फ्लैट के लिए निकल गये. उस दिन के बाद से मेरी बहन के लिए मेरा नजरिया बदल गया था.

अपनी बहन की चूचियों को मैं घूरने लगा था. बहन की गांड को ताड़ना अब मेरी आदत बन चुकी थी. मेरी हाइट उससे ज्यादा थी तो जब भी वो मेरे सामने आती थी उसकी चूचियां ऊपर से मुझे दिखाई दे जाती थीं. कई बार हंसी-मजाक में मैं उसको गुदगुदी कर दिया करता था.

इस बहाने से मैं उसकी चूचियों को छेड़ दिया करता था. कभी उसकी गांड को सहला देता था. यह सब हम दोनों के बीच में अब नॉर्मल सी बात हो गई थी. जब भी वो नहा कर बाहर आती थी तो वह तौलिया में होती थी. ऐसे मौके पर मैं जानबूझकर उसके आस-पास मंडराने लगता था.

जब मैं उसके साथ छेड़खानी करता था तो वो मेरी हर हरकत को नोटिस किया करती थी. उसको मेरी हरकतें पसंद आती थीं. इस बात का पता मुझे भी था. जब भी मैं उसको छेड़ता था तो वो मेरी हरकतों को हंसी में टाल दिया करती थी.

वो भी कभी-कभी मुझे यहां-वहां से छूती रहती थी. कई बार तो उसका हाथ मेरे लंड पर भी लग जाता था या फिर यूं समझें कि वो मेरे लंड बहाने से छूने की कोशिश करने लगी थी. अब आग दोनों तरफ शायद बराबर की ही लगी हुई थी.

ऐसे ही मस्ती में दिन कट रहे थे. एक दिन की बात है कि मैं उस दिन ऑफिस से जल्दी आ गया. हम दोनों के पास ही फ्लैट की एक-एक चाबी रहती थी. मैंने बाहर से ही लॉक खोल लिया था.

जब मैं अंदर गया तो उस वक्त सुषमा बाथरूम के अंदर से नहा कर बाहर आ रही थी. मैंने उसे देख लिया था मगर उसकी नजर मुझ पर नहीं पड़ी थी. उसने अपने बदन पर केवल एक टॉवल लपेटा हुआ था.


वो सीधी कबॉर्ड की तरफ जा रही थी. मैं भी उसको जाते हुए देख रहा था. अंदर जाकर उसने अलमारी से एक ब्रा और पैंटी को निकाला. उसने अपना टॉवल उतार कर एक तरफ डाल दिया. बहन के नंगे चूतड़ मेरे सामने थे.

मेरे सामने ही वो ब्रा और पैंटी पहनने लगी. उसका मुंह दूसरी तरफ था इसलिए उसकी नंगी चूत और चूचियां मैं नहीं देख पाया. मगर जल्दी ही उसको किसी के होने का आभास हो गया और वो पीछे मुड़ गई.

जैसे ही उसने मुझे देखा वो जोर से चिल्लाई और मैं भी घबरा कर बाहर हॉल में आ गया. कुछ देर के बाद वो कपड़े पहन कर बाहर आई और मुझ पर गुस्सा होते हुए कहने लगी कि भैया आपको नॉक करके आना चाहिए था.

मैंने उसकी बात का जवाब देते हुए कहा- अगर मैं नॉक करके आता तो क्या तुम मुझे वैसे ही अंदर आने देती?
उसने मेरी बात का कोई जवाब नहीं दिया. मैं समझ गया कि उसकी इस खामोशी में उसकी हां छुपी हुई है.

अब मैंने थोड़ी हिम्मत की और उसके करीब आकर उसको अपनी बांहों में भर लिया. वो मेरी तरफ हैरानी से देख रही थी. मैंने उसकी आंखों में देखा और देखते ही देखते हम दोनों के होंठ आपस में मिल गये. मैंने उसके होंठों को चूमना शुरू कर दिया.

पहले तो मेरी बहन दिखावटी विरोध करती रही. फिर कुछ पल के बाद ही उसने विरोध करना बंद कर दिया. शायद उसको भी इस बात का अंदाजा था कि आज नहीं तो कल ये सब होने ही वाला है. इसलिए अब वो मेरा पूरा साथ दे रही थी.

दस मिनट तक हम दोनों एक दूसरे के होंठों को पीते रहे. उसके बाद मैंने उसके कपड़ों उतारना शुरू कर दिया. उसका टॉप उतारा और उसको ब्रा में कर दिया. फिर मैंने उसकी जीन्स को खोला और उसकी जांघों को भी नंगी कर दिया.

अब मैंने उसकी ब्रा को खोलते हुए उसकी चूचियों को नंगी कर दिया. उसकी मोटी चूचियां मेरे सामने नंगी हो चुकी थीं. उसकी चूचियों को मैंने अपने हाथों में भर लिया.

उसके नर्म-नर्म गोले अपने हाथ में भर कर मैंने उनको दबा दिया. अब एक हाथ से उसकी एक चूची को दबाते हुए मैं दूसरे हाथ को नीचे ले गया. उसकी पैंटी के अंदर एक उंगली डाल कर मैंने उसकी चूत को कुरेद दिया.

बहन की चूत पानी छोड़ कर गीली हो रही थी. मैंने उसकी चूत को कुरेदना जारी रखा. उसका हाथ अब मेरे लंड पर आ गया था. मेरा लंड भी पूरा तना हुआ था. वो अब मेरे लंड को पैन्ट के ऊपर से ही पकड़ कर सहला रही थी.

मैं भी उत्तेजित हो चुका था और मैंने अपनी पैंट को खोल दिया. पैंट नीचे गिर गयी. सुषमा ने मेरी पैन्ट को मेरी टांगों में से निकलवा दिया. वो अब खुद ही आगे बढ़ रही थी. उसने मेरे अंडरवियर को भी निकाल दिया.

मेरे लंड को पकड़ कर वो उसकी मुठ मारने लगी. मैं तो पागल ही हो उठा. मैं उसकी चूचियों को जोर से भींचने लगा. फिर मैंने झुक कर उसकी चूचियों को मुंह में भर लिया और उसके निप्पलों को काटने लगा.

इतने में ही मेरी बहन ने अपनी पैन्टी को खुद ही नीचे कर लिया. उसकी चूत अब नंगी हो गई थी. मैं उसकी चूचियों को चूस रहा था. उसके निप्पलों को काट रहा था. बीच-बीच में चूचियों के निप्पलों को दो उंगलियों के बीच में लेकर दबा रहा था.

सुषमा अब काफी उत्तेजित हो गई थी. अचानक ही वो मेरे घुटनों के बीच में बैठ गई और अपने घुटनों के बल होकर उसने मेरे लंड को अपने मुंह में भर लिया. मेरी बहन मस्ती से मेरे 8 इंची लंड को चूसने लगी. ऐसा लग रहा था जैसे उसको मेरा लंड बहुत पसंद है.

वो जोर से मेरे लंड को चूसती रही और मेरे मुंह से अब उत्तेजना के मारे जोर की आवाजें सिसकारियों के रूप में बाहर आने लगीं. आह्ह … सुषमा, मेरी बहन, मेरे लंड को इतना क्यों तड़पा रही हो!
मैंने उसके सिर को पकड़ कर अपने लंड पर अंदर दबाना और घुसाना शुरू कर दिया.

दो-तीन मिनट तक लंड को चुसवाने के बाद मैं स्खलन के करीब पहुंच गया. मैंने बहन के मुंह में लंड को पूरा घुसेड़ दिया और मेरे लंड से वीर्य की पिचकारी बहन के मुंह में जाकर गिरने लगी.

मेरी बहन मेरा सारा माल पी गयी. मैंने उसको बेड पर लिटा लिया और उसकी चूत में उंगली करने लगा. वो तड़पने लगी. उसकी चूत पानी छोड़ रही थी. मगर उसकी चूत की चुदाई शायद पहले भी हो चुकी थी. चूत भले ही टाइट थी लेकिन कुंवारी चूत की बात ही अलग होती है. मुझे इस बात का अन्दाजा हो गया था.

मैं उसकी चूत को चाटने लगा. उसकी चूत का सारा रस मैंने चाट लिया.
जब उससे बर्दाश्त न हुआ तो वो कहने लगी- भैया, अब चोद दो मुझे… आह्ह … अब और नहीं रुका जा रहा मुझसे.
मैंने उसकी चूत में अन्दर तक जीभ घुसेड़ दी और वो मेरे मुंह को अपनी चूत पर जोर से दबाने लगी.

फिर मैंने मुंह हटा लिया. अब उसकी टांगों को मैंने बेड पर एक दूसरे की विपरीत दिशा में फैला दिया. बहन की चूत पर अपने लंड को रख दिया और रगड़ने लगा. मेरा लंड फिर से तनाव में आ गया. देखते ही देखते मेरा पूरा लंड तन गया.

मैंने अपने तने हुए लंड के सुपाड़े को चूत पर रखा और एक झटका दिया. पहले ही झटके में लंड को आधे से ज्यादा उसकी चूत में घुसा दिया. वो दर्द से चिल्ला उठी- उम्म्ह… अहह… हय… याह…
मगर मैं अब रुकने वाला नहीं था. मैंने लगातार उसकी चूत में झटके देना शुरू कर दिया. बहन की चूत की चुदाई शुरू हो गई.

सुषमा की चूत में अब मेरा पूरा लंड जा रहा था. वो भी अब मजे से मेरे लंड को अंदर तक लेने लगी थी. मैं पूरे लंड को बाहर निकाल कर फिर से पूरा लंड अंदर तक डाल रहा था. दोनों को ही चुदाई का पूरा आनंद मिल रहा था.

अब मैंने उसको बेड पर घोड़ी बना दिया और पीछे से उसकी चूत में लंड को पेलने लगा. उसकी चूत में लंड घुसने की गच-गच आवाज होने लगी. मेरे लंड से भी कामरस निकल रहा था और उसकी चूत भी पानी छोड़ रही थी इसलिए चूत से पच-पच की आवाज हो रही थी.

फिर मैंने उसको सीधी किया और उसके मुंह में लंड दे दिया. मेरे लंड पर उसकी चूत का रस लगा हुआ था. वो फूल चुके लंड को चूसने-चाटने लगी. उसकी लार मेरे लंड पर ऊपर से नीचे तक लग गई.

अब दोबारा से मैंने उसकी टांगों को फैलाया और उसकी चूत में जोर से अपने लंड के धक्के लगाने लगा. पांच मिनट तक इसी पोजीशन में मैंने उसकी चूत को चोदा और वो झड़ गई. अब मेरा वीर्य भी दोबारा से निकलने के कगार पर पहुंच गया था.

मैंने उसकी चूत में तेजी के साथ धक्के लगाना शुरू कर दिया. उसकी चूत मेरे लंड को पूरा का पूरा अंदर ले रही थी. फिर मैंने दो-तीन धक्के पूरी ताकत के साथ लगाये और मैं अपनी बहन की चूत में ही झड़ने लगा. उसकी चूत को मैंने अपने वीर्य से भर दिया.

हम दोनों थक कर शांत हो गये. उस दिन हम दोनों नंगे ही पड़े रहे. शाम को उठे और फिर खाना खाया. उसके बाद रात में एक बार फिर से मैंने अपनी बहन की चूत को जम कर चोदा. उसने भी मेरे लंड को चूत में लेकर पूरा मजा लिया और फिर हम सो गये.

उस दिन के बाद से हम भाई-बहन में अक्सर ही चुदाई होने लगी. अब उसको मेरे साथ रहते हुए काफी समय हो गया है लेकिन हम दोनों अभी भी चुदाई करते हैं. मुझे तो आज भी ये सोच कर विश्वास नहीं होता है कि मैं इतने दिनों से अपनी बहन की चूत की चुदाई कर रहा हूं.
Wah
 
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