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आप केसी सेक्स स्टोरी पढना चाहते है. ??

  • माँ - बेटा

  • भाई - बहेन

  • देवर - भाभी

  • दामाद – सासु

  • ससुर – बहु


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junglecouple1984

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Writer ji
Please don't use the Sikh Dharmik place in the story clear it immediately pt
Sorry for that .. and its edited ...
 

junglecouple1984

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Hi Friends waiting for your Comments..
 

junglecouple1984

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गांव में चाची के संग मेरी पहली चुदाई


नमस्कार दोस्तो, मेरा नाम सुनील है. यह मेरा बदला हुआ नाम है.
मेरी उम्र 22 साल है. मैं दिखने ठीक-ठाक हूं.
मैं राजस्थान के एक छोटे से गांव का रहने वाला हूं.

काफ़ी समय से मैं अंतर्वासना की कहानी पढ़ रहा हूं.
मुझे भी लगा कि मुझे अपनी एक सच्ची कहानी आपके साथ बांटनी चाहिए.

यह सेक्सी चाची सेक्स कथा मेरे गांव की ही एक चाची की चुदाई की कहानी है.

बात आज से कुछ समय पहले यानि पहले लॉकडॉउन की है.
उस समय मैं घर रह कर ही अपनी पढ़ाई कर रहा था.

लॉकडाउन के कारण शहर वाले लोग गांव में आने लगे थे.
इसी के चलते ही मेरी चाची भी गांव में वापस आ गई थीं.
उन दोनों की शादी कुछ ही समय पहले हुई थी.

गांव में आने के बाद चाचा को शराब पीने की आदत हो गई.
लॉकडाउन में हमारे गांव में कच्ची शराब मिलने लगी थी जिस कारण चाचा दिन भर शराब पीकर पड़े रहते थे.

चाचा की शराब पीने की आदत से चाची भी परेशान हो चुकी थीं.
उन दोनों में दिन भर लड़ाई होने लगी थी.

यूं ही दिन बीतने लगे.
रोज रोज की लड़ाई से परेशान चाची को पापा अपने घर ले आए.

वे हमारे घर के काम करने लगीं.
शादी के बाद अब जाकर मैं और चाची इतना पास आए थे.

चाची की शादी को कुछ साल हो गए थे, तब भी उन्हें कोई संतान नहीं थी.
चाची शहर की थीं और वह शहर में ही रहती थीं … लेकिन वे लॉकडाउन के कारण गांव में आ गई थीं.

चाची दिखने में काफी सुंदर थीं और उनका फिगर कमाल का था.
वे दिखने में किसी हीरोइन से कम नहीं थीं.
एकदम दुबली पतली सी और अपने शरीर का अच्छे से ध्यान रखने वाली चाची बिल्कुल दीपिका पादुकोण जैसी लगती थीं.
आज भी वे मस्त माल दिखती हैं.

धीरे धीरे मैं और चाची पास आने लगे.
मैं टाइम पास के लिए उनके साथ लूडो खेलता था और उनसे डबल मीनिंग बातें भी कर लेता था.

जैसे चाची आप खोलो, मैं आपकी मारता हूँ.

लेकिन मेरी बातों को चाची नादानी भरी बातें समझ कर नजरअंदाज कर देती थीं.

जब उन्होंने कोई प्रतिक्रिया जाहिर नहीं की तो मेरी हिम्मत बढ़ने लगी.
मैं अब हमेशा ही उनसे डबल मीनिंग बातें करने लगा.

चाची भी मेरी बातों को सुनकर मुस्कुराने लगती थीं.

एक दिन मेरे पापा ने चाची से कहा- तुम पढ़ी लिखी हो, थोड़ा बहुत इस नालायक को भी पढ़ा दिया करो!
चाची ने हामी भर दी और वे मुझे पढ़ाने लगीं.

इस बात को लेकर भी मैं चाची से डबल मीनिंग बातें करने लगा.

मेरी किताब में एक चैप्टर सेक्स को लेकर भी था जिसमें पुरुष व मादा के प्राइवेट पार्ट को स्केच के जरिए दिखाया गया था.

चाची ने मुझसे पूछा- बताओ क्या समझ नहीं आ रहा है?
मैंने जानबूझ कर वही चैप्टर समझाने को कहा.
चाची मुझे समझाने लगीं.

मैंने चाची से पूछा- सच में महिलाओं का प्राइवेट पार्ट ऐसा ही होता है?
तो उन्होंने कहा- तुमने नहीं देखा क्या?
मैंने कहा- नहीं!

उन्होंने कहा- क्या तुम्हारी गर्लफ्रेंड की भी नहीं है?
मैंने कहा- कोई गर्लफ्रेंड ही नहीं है!
यह बात सुनकर वे हंसने लगीं.

मैंने उनसे कहा- आप इस चैप्टर का प्रैक्टिकल करवा दो.
उन्होंने मेरे गाल पर धीरे से चपत लगाई और कहा- तुम अभी छोटे हो.
मैंने कहा- किधर से छोटा हूँ … आप बताओ तो मैं कोशिश करूंगा कि उधर से बड़ा हो जाऊं!

इस पर चाची हंस दीं और बात आई गई हो गई.

अब मैं चाची को नंगी देखने के बहाने ढूंढने लगा.

एक बार मैंने बाथरूम में फोन का कैमरा चालू करके लगा दिया जिससे उनका नंगा बदन रिकॉर्डिंग में आ गया.
जब मैं रिकॉर्डिंग देख रहा था, तो हैरान रह गया.
चाची नंगी होकर अपने बूब्स दबा रही थीं और चूत में उंगली कर रही थीं.

मैं समझ गया कि भूसा, आग की लौ दिखाने के इंतजार में है. बस एक चिंगारी दिखाने की जरूरत है.
मैंने उन्हें अपना लंड दिखाने की बात मन में ठान ली.

एक दिन जब वे मुझे पढ़ा रही थीं तो मैंने प्रैक्टिकल की बात शुरू कर दी.
लेकिन वे कुछ बोल ही नहीं रही थीं.

मैंने वीडियो शुरू करके मोबाइल उनके सामने रख दिया.
वे वीडियो देख कर उसे डिलीट करने की बात कहने लगीं.

मैंने उनसे कहा- मैं तो इसे डिलीट नहीं करूंगा!
इससे वे नाराज हो गईं और वहां से उठ कर चली गईं.

अगले दिन मेरा परिवार बुआ की लड़की शादी में भात लेकर जाने वाला था.
लेकिन चाची नहीं जा रही थीं.

मैंने भी जाने से मना कर दिया, बहाना बना दिया- मेरी तबियत ठीक नहीं है.

पापा ने मुझे घर में ही रहने को बोल दिया और कहा- घर का और चाची का ख्याल रखना. हम लोग दो दिन बाद आएंगे.

मैं बहुत खुश था कि आज रात चाची के साथ अकेला रहूँगा तो मामला सैट हो सकता है, सेक्सी चाची सेक्स कथा बन सकती है.
शाम को चाची ने खाना बनाया.

मैंने खाना थोड़ा जल्दी खा लिया और बाहर घूमने चला गया.
जब मैं आया तो चाची खाना खा रही थीं.

वे मुझे देख कर पूछने लगीं- कहां गया था?
मैं- ऐसे ही बाहर घूमने गया था. वैसे भी घर में मुझसे बात करने वाला है कौन!
इस पर चाची बोलीं- मैं हूं ना!

मैंने उनकी बात का कोई जबाव नहीं दिया और अपने कमरे में जाकर फोन चलाने लगा.

थोड़ी देर चाची मेरे कमरे में आईं.
उनके हाथ में पानी का जग था.

वे बोलीं- मुझे अकेले सोने में डर लगता है. मैं यहीं सो जाऊंगी.
यह कह कर चाची मेरे बेड पर लेट गईं.

थोड़ी देर इधर उधर की बातें करने के बाद चाची मुझसे कहने लगीं- तुम नाराज क्यों हो?
मैंने उनसे कहा- उस दिन आप भी तो नाराज हुई थीं.

थोड़ी देर कुछ बातें करने के बाद चाची बोलीं- क्या सच में तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है?
मैंने ना में गर्दन हिला दी.

उन्होंने फिर से पूछा कि इसका मतलब तुमने कभी सेक्स भी नहीं किया?
मैंने बोला- मैंने सेक्स आज तक नहीं किया … मैं कुंवारा हूँ.

इसके बाद चाची कुछ नहीं बोलीं और करवट लेकर सोने लगीं.
मुझे नींद नहीं आ रही थी.

थोड़ी देर बाद जब चाची सो गईं तो मैंने चाची की तरफ करवट कर ली.
अब चाची की गांड मेरी तरफ थी और मैं चाची के पास सरकता चला गया.

जब मैंने देखा कि चाची गहरी नींद में हैं तो मैं उनके मम्मों को हाथ में लेकर दबाने लगा.
चाची के रसीले दूध दबाने से मेरा लंड खड़ा हो गया था और वह चाची की गांड में घुसने की कोशिश करने लगा.

मैं चाची के मम्मों को जोर जोर से दबाने लगा, जिससे चाची की आंख खुल गई.

इसका पता मुझे तब लगा, जब चाची ने पीछे हाथ करके मेरा लंड पकड़ लिया.
मैं एकदम से डर गया.

चाची उठ क
र बैठ गईं और मुझसे बोलने लगीं- तू बिना प्रैक्टिकल के मानेगा नहीं!
मैंने कहा कि हां चाची प्लीज एक बार कर लेने दो!

इस पर चाची कुछ नहीं बोलीं.
वे मेरे पेट में गुलगुली करने लगीं.

मैंने चाची के गाल पर एक किस कर दिया.
चाची ने कोई विरोध नहीं किया.
तो मैं और आगे बढ़ गया और चाची को लिप किस करने लगा.

अब तो चाची भी मुझे पागलों की तरह की चूमने लगीं और मेरे कपड़े खोलने लगीं.

मैं समझ गया कि भूसे ने आग पकड़ ली है; मैं भी चाची के ब्लाउज और कपड़ों को खोलने लगा.

थोड़ी ही देर में मैं और चाची नंगे हो चुके थे.

चाची मेरा लंड देख कर बहुत खुश थीं.
उनकी आंखों में एक अलग ही चमक थी.
चाची मेरे लंड को हाथ में लेकर आगे पीछे करने लगीं.

मैं उनके एक दूध को मुँह में भर कर चूसने लगा.

चाची ने सही पोजीशन सैट की और वे मेरे लंड को मुँह में लेकर चूसने लगीं.
मुझे बहुत मजा आ रहा था.

मैं लगातार चाची को किस करने लगा और उनके बूब्स को दबाने लगा.

थोड़ी देर में चाची बहुत गर्म हो गईं और मुझसे चूत चोदने की विनती करने लगीं.

मैंने भी ज्यादा देर ना करते हुए आसन सैट किया और चाची के दोनों के पैरों के बीच में आ गया.
मैं उनके पैरों को ऊपर करके चूत पर लंड रगड़ने लगा.

चाची बिना पानी के मछली के जैसे तड़पने लगीं और मुझसे जल्दी से लंड पेलने को बोलने लगीं.

मैं भी ज्यादा टाइम ना लेते हुए लंड को चूत में घुसाने लगा.
लेकिन वह चूत में जा नहीं रहा था, बार बार फिसल रहा था.

मैंने थोड़ा सा थूक लंड पर लगाया और चाची की चूत में घुसाने लगा.
मेरे लंड का टोपा चाची की चूत में घुस गया और चाची दर्द से चिल्लाने लगीं.

मैंने चाची के होंठों पर अपने होंठ रख दिए और मम्मों को अपने हाथों से दबाने लगा.

चाची छोड़ने का बोलने लगीं लेकिन मैं अब पीछे नहीं हट सकता था.

मैंने चाची की बातों अनसुना करते हुए एक और झटका दे दिया.
जिससे मेरा आधा से ज्यादा लंड चाची की चूत में घुस गया.

मैंने उनके होंठों को अपने होंठों से लॉक किया हुआ था, नहीं तो चाची बहुत जोर से चिल्ला देतीं.

मैं कुछ समय के लिए रुक गया और चाची मुझे अपने ऊपर से हटाने की कोशिश करने लगीं.
लेकिन मैं मजबूती से चाची के ऊपर पड़ा रहा और उनके बदन को सहलाता रहा.

थोड़ी देर बाद चाची शांत हुईं तो मैंने एक और झटका मार दिया.
इस बार मेरा पूरा लंड चाची की चूत में उतर गया था.

चाची को दर्द हो रहा था और वह छटपटा रही थीं.
लेकिन मैं लंड पेले हुए रुका रहा और मम्मों को दबाता रहा.

थोड़ी देर में जब चाची का दर्द कुछ कम हुआ तो वे गांड उचका कर इशारा करने लगीं और मैंने झटके लगाने शुरू कर दिए.

मुझे एक्सप्रेस बनने में जरा भी समय नहीं लगा, मैं जोर जोर से झटके लगाने लगा.
उधर चाची भी गांड उठा उठा कर मेरा लंड लेने लगीं.

चाची को मजा आने लगा.
मुझे भी बहुत मजा आ रहा था.

थोड़ी देर में चाची का शरीर अकड़ने लगा और वे मुझे पकड़ने कर आह आह करने लगीं.
मादक आवाजें करती हुई चाची झड़ गईं.

लेकिन मैं अभी नहीं झड़ा था. मैं लगातार झटके देता रहा.

चाची दोबारा गर्म होने लगीं और मुझे तेज तेज करने को बोलने लगीं.

मैंने चाची को डॉगी स्टाइल में आने को बोला और उनके कुतिया बनते ही लंड घुसेड़ कर झटके देने लगा.
थोड़ी ही देर में चाची फिर से अपने चरम पर पहुंच गईं और झड़ने लगीं.

चाची के झड़ने से चूत कुछ ज्यादा ही गीली हो गई थी.
इस कारण लंड जल्दी जल्दी फिसल रहा था और अब मेरा भी निकलने को होने लगा था.

मैंने चाची से पूछा- कहां निकालूँ?
चाची ने कहा- अन्दर ही निकाल दो, मैं तुम्हारे बच्चे की मां बनना चाहती हूं.

मैं भी स्पीड बढ़ाते हुए चाची की चूत में झड़ गया.
चाची मुझे किस करने लगीं.

इसके बाद जब भी हम दोनों को मौका मिलता, हम लोग चुदाई शुरू कर देते.
 

junglecouple1984

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मॉम की चुत चुदाई का सवाल


दोस्तो, मेरा नाम मोहित पंडित है और मैं 21 साल का हूँ.
हम लोग लखनऊ के रहने वाले हैं.

हमारी इलेक्ट्रॉनिक आइटम की दुकान है. उसमें हम लोग टीवी, फ्रिज और मोबाइल आदि चीजें बेचते हैं.

मेरा बड़ा परिवार है, जिसमें मैं, मेरे दादा- दादी, मॉम-डैड, भैया-भाभी और उनके दो बच्चे हैं.

मेरी मॉम का नाम मोहिनी पंडित है. वे 43 साल की हैं. मेरी मॉम न ज्यादा मोटी हैं … न ज्यादा पतली हैं.
वे गोरी बहुत ज्यादा हैं और उनके बड़े बड़े चूचे व बड़ी सी गोल गांड है.

मॉम कभी पैंटी-ब्रा नहीं पहनती हैं जिससे कभी साड़ी का पल्लू गिर जाने से उनके चूचे साफ़ दिखायी देते हैं.
इसी वजह से मेरा उनकी ओर सेक्स आकर्षण बढ़ता जा रहा था.

मेरा घर तीन मंजिला है जिसमें नीचे एक हॉल, किचन और मंदिर है.
उसके ऊपर की मंजिल में दो कमरे और गुसलखाना है.
एक कमरे में दादा दादी और दूसरे में भैया भाभी रहते हैं.

तीसरी मंजिल में एक कमरा है जिसमें मैं, मॉम-डैड रहते हैं.
इसी कमरे में ट्रिपल बेड है. उस बेड पर एक बाजू डैड, बीच में मॉम और दूसरी बाजू मैं सोता हूँ.

मॉम नहा कर निकल कर कमरे में साया ब्लाउज में तैयार होती थीं.
उनके पैंटी-ब्रा न पहनने के कारण मुझे उनके चूचे तो दिखाई देते थे पर मैं किसी बहाने से मॉम की चूत देखने की कोशिश करता था.

मेरी मॉम को रात में नाईटी और कभी-कभी साया ब्लाउज पहन कर सोती थीं.
मुझे अंधेरे में सोने की आदत है तो मेरे डैड लाइट बंद कर देते हैं.

मेरे सो जाने के बाद मॉम-डैड सेक्स करते हैं.
उन्हें लगता है कि मैं सो गया हूँ पर अधिकतर बार मैं उन दोनों की चुदाई देखता था.

एक रात में मैं रोज की तरह 10 बजे लाइट बंद करके बेड पर लेट गया.
मुझे नींद नहीं आ रही थी; मैं बिना किसी हलचल के शांत लेटा रहा.

तभी मुझे अहसास हुआ कि मॉम ने अपनी नाईटी ऊपर की और एक टांग डैड के ऊपर रख दी.
मेरे डैड कुर्ता पजामा पहनते हैं.

तो डैड ने पोजीशन बनाई और अपने पजामा का नाड़ा खोलकर मॉम की चूत में लंड डाल दिया.

लंड लेते ही मॉम के मुँह से ‘आ…ह …’ की तेज आवाज निकल गई जो मैंने सुन ली.
मैं समझ गया कि मॉम डैड की चुदाई चालू हो गई है.

मैंने मॉम की चूत को देखना चाहा पर अंधेरे के कारण मुझे कुछ साफ तो नहीं दिख रहा था.

मैंने देखा कि डैड मॉम के ऊपर चढ़ चुके थे और आराम आराम से धक्के मार रहे थे … ताकि मैं जग ना जाऊँ.

फिर डैड मॉम उठे और बेड के नीचे चटाई बिछाने लगे.

उनके नीचे आने के बाद मॉम ने अपनी नाइटी निकाल दी और वे भी नीचे आ गईं.

मैंने दबी आंख से देखा तो पाया कि डैड ने भी अपने पूरे कपड़े निकाल दिए थे.
वे दोनों पूरी तरह नंगे हो गए.

फिर डैड मॉम एक दूसरे को कुछ मिनट तक कसके पकड़ कर चूमते रहे.

इसके बाद मॉम डैड के लंड को कुल्फी की तरह चूसने लगीं.
कुछ मिनट बाद मॉम को लिटा कर डैड उनकी चूत चाटने लगे.

इसके बाद डैड चुपचाप से अलमारी में से कंडोम लेकर आए और मॉम को दे दिया.

मॉम ने कंडोम हाथ में लिया और एक बार फिर से लंड को मुँह में लेकर एक पोर्न स्टार की तरह चाटने लगीं.
अब डैड ने मॉम से इशारे में चूत में लेने के लिए कहा और मॉम उनके साथ चुदाई के लिए खुद की चुत को रगड़ने लगीं.

उन दोनों की चुदाई की तैयारी देख कर मेरा सात इंच का लंड खड़ा हो चुका था.

फिर मॉम ने वही कंडोम डैड के लंड पर चढ़ा दिया और डैड ने अपना लंड मॉम की चूत में डाल दिया.
डैड सब कुछ भूल कर जोर जोर से मॉम की चूत चोदने लगे और थप थप की आवाज़ों से पूरा कमरा गूंजने लगा.

मॉम ने डैड से कहा- धीरे-धीरे धक्के मारो, नहीं तो मोहित जग जाएगा. वैसे भी हम दोनों रोज ही तो चुदाई करते हैं. मैं कहीं भागी थोड़ी जा रही हूँ. ऐसी जल्दी क्यों कर रहे हो?

अब डैड ने अपने धक्के धीरे कर दिए थे पर तब भी वे कभी कभी तेज तेज चुदाई करने लगते थे.
ऐसे ही धक्के मारते मारते डैड झड़ गए.

मॉम ने कंडोम को निकाल कर अलग कर दिया और डैड का लंड मुँह लेकर चूसने लगीं.
उन्होंने लंड को चाट चाट कर साफ़ कर दिया.

चुदाई के बाद दोनों नंगे ही बेड पर लेट गए.

अब मॉम अपनी गांड डैड की तरफ करके लेटी हुई थीं तो डैड ने अपना लंड वापस मॉम की चूत में डाल कर रज़ाई ओढ़ ली और वे दोनों सो गए.
कुछ देर बाद मैं चुपके से उठा और गुसलखाने में जाकर मुठ मारने लगा.

मैंने अपने लंड को झाड़ कर शांत किया और लौट कर आकर सो गया.

हमारे घर में सबसे पहले मॉम और भाभी उठती हैं क्योंकि घर की साफ़ सफाई और भगवान का भोग व नाश्ता वगैरह बनाना पड़ता है.

भैया सरकारी टीचर हैं. वे 9 से 12 के बच्चों को इंग्लिश पढ़ाते हैं.
उनका स्कूल लखनऊ से लगभग 15 किलोमीटर की दूरी पर है.

मैं बीबीए भी कर चुका हूँ और मैं अपने डैड के साथ शोरूम संभालता हूँ.

मॉम ने मुझे 9 बजे उठाया और कहा- उठ जल्दी, तेरे डैड शोरूम पर चले गए हैं, तू जल्दी नहा ले और नाश्ता करके जल्दी चला जा!
मैं जल्दी उठकर तैयार होकर अपनी केटीएम बाइक निकाल कर शो रूम में चला गया.

शोरूम में आकर दिन भर में कल रात के बारे में सोचता रहा.

अब मैं रोज मॉम डैड की चुदाई देखने लगा.
एक दिन मैंने सोचा कि क्यों न आज रात में लाइट जलती छोड़ दूँ, फिर देखता हूं कि मॉम-डैड चुदाई करते हैं या नहीं.

मैंने ऐसा ही किया और सोने का नाटक करने लगा.
फिर ज्यादा रात हुई तो मॉम-डैड ने अपना चुदाई का कार्यक्रम चालू कर दिया.

डैड ने कहा- उजाले में चुदाई में अलग ही मजा आता है, अंधेरे में तो पता ही नहीं चलता कि गांड का छेद है या चूत का. अब से हम उजाले में ही चुदाई करेंगे.

जैसे ही मुझे पता चला कि मॉम डैड अब उजाले में चुदाई करने वाले हैं, तभी मुझे आइडिया आया और मैं अगले दिन में शोरूम पर गया और एक कैमरा ले आया.

मैंने कैमरा चुपचाप कमरे में ऐसी जगह लगा दिया कि अच्छी तरह से वीडियो बन जाए.

फिर मॉम डैड ने चुदाई की तो वीडियो बन गयी होगी.
ऐसा सोच कर मैं जानबूझ कर 9:30 बजे तक उठा क्योंकि उस समय पर कमरे में कोई नहीं रहता था.

फिर मैं उठा और कैमरे को निकाल कर मैंने देखा तो वीडियो बन चुकी थी.

वीडियो में मॉम घोड़ी और डैड घोड़े के जैसे मॉम के ऊपर चढ़ के धक्के मार रहे थे.

कैमरा शोरूम में ले जाकर मैंने उस वीडियो को अपने मोबाइल में डाल लिया.
अब मैं उस वीडियो को देखने लगा और जब मेरा लंड खड़ा हो जाता तो मैं मुठ मार लेता था.

पहले से ही मॉम के चूचे देख कर मैं मॉम की ओर आकर्षित हो रहा था, अब तो मैं मॉम के शरीर के हर छेद को देख चुका था.
मैं अब अपनी मॉम को चोदना चाहता था.

पर मॉम को चोदना भी एक कठिन कार्य था क्योंकि मॉम को आसानी से सैट कर पाना काफी मुश्किल काम था.

मैंने सेक्स कहानियों में पढ़ा था कि जिन मॉम को डैड नहीं चोदते थे या मॉम डैड से दूर रहती थीं, या डैड मॉम को संतुष्ट नहीं कर पाते थे या मॉम स्वाभाव से चुदक्कड़ किस्म की महिला हों. उनकी चुदाई आसानी से हो सकती थी.

ऊपर सभी बातें मेरी मॉम के लिए सही नहीं थीं.
मेरे डैड मॉम को रगड़ कर चोदते थे और मॉम को पूरी तरह से संतुष्ट कर देते थे.

मॉम एक घरेलू महिला भी हैं, उनके चाल चलन में भी कोई रंडी जैसी बात नहीं है.

अब मैं अपनी मॉम को किस तरह से चोद सकता हूँ, यह मेरे लिए एक विचरणीय प्रश्न था.
 

junglecouple1984

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सौतेली मां की वासना और चुदायी- 1



नमस्कार दोस्तो, मेरा नाम मनु है. मैं राजस्थान के जयपुर का रहने वाला हूँ.

मैं पहले आपको मेरे बारे में बता देता हूँ.

जैसा कि आपने ऊपर पढ़ा कि मेरा नाम मनु है. मेरी उम्र 19 साल है मेरा कद 5 फुट 7 इंच का है.
मैं दिखने में थोड़ा सांवला हूँ लेकिन मेरी बॉडी बड़ी ही हॉट है और मैं काफी स्मार्ट भी हूँ.

मेरे औजार की साइज सामान्य से बड़ा है.
मेरा मानना है कि मेरा औजार किसी भी स्त्री को संतुष्ट करने के लिए काफी है.

यह हॉट स्टेप मदर स्टोरी मेरे और मेरी सेक्सी मॉम के बीच की है.
मेरी मॉम सौतेली हैं, जिनके साथ डैडी ने दूसरी शादी की थी.

यह शादी उन्होंने मेरी मां की मृत्यु के बाद की थी.
उस समय मैं छोटा था तो मुझे अहसास ही नहीं था कि यह मेरी सौतेली मां हैं.
मॉम ने भी मुझे अपना बेटा समझ कर ही पाला था.

मेरी मॉम का नाम शारदा (बदला हुआ नाम) है. उनकी उम्र 44 साल की है.
वे दिखने में बिल्कुल कड़क माल़ लगती हैं. उनका फिगर 38-30-40 का है.

मेरे परिवार में हम 4 सदस्य हैं. मेरे डैडी शहर से बाहर रह कर अपना काम करते हैं. वे एक कॉन्ट्रेक्टर हैं.
मॉम घरेलू कामकाजी महिला हैं.

मेरी एक बड़ी बहन है, जिसकी उम्र अभी 22 साल है. वे अपनी कॉलेज पूरी कर चुकी हैं और अब कंपटीशन की तैयारी कर रही हैं.
मैं अभी 12वीं पास करके कॉलेज कर रहा हूँ.

पिछले कुछ महीनों से मेरे डैडी का काम धंधा नहीं चल रहा था इसलिए वे घर पर ही रहते थे.
मॉम डैड रोजाना रात को चुदायी करते थे.
यह मुझे इसलिए मालूम है क्योंकि मेरे बाजू में ही उनका कमरा है, तो रात को डैडी जब भी मॉम की चुदायी करते तो मॉम जोर जोर से आह आह … की आवाजें निकालती.

मॉम की आवाजें मुझे साफ साफ सुनाई देती हैं.

इस बार डैडी को घर आए 6 महीने से अधिक हो गए थे.
अब उनका जाना भी जरूरी हो गया था क्योंकि सिर्फ डैडी ही हमारा घर चलाते थे.

थोड़े ही दिन बाद डैडी के लिए बाहर से फोन आ गया कि उनके लिए एक काम आया है.
डैडी बिना देर किए कमाने के लिए घर से चले गए.

दोस्तो, आपको भी मालूम है कि एक औरत 40 के बाद भी और भी सेक्सी हो जाती है और उसका मन ज्यादा सेक्स के लिए करने लगता है.

जैसा कि मैंने बताया कि डैडी को आए 6 महीने हो गए थे और डैडी मॉम को रोजाना चोदते थे … इसलिए मॉम को भी अब चुदाई की लत लग गई थी.

यह महीना मार्च का था और सर्दी अभी पूरी तरह खत्म नहीं हुई थी इसलिए हम अभी भी रात को कंबल ओढ़ कर ही सोते थे.
हालांकि अब सर्दी इतनी नहीं रही थी इसलिए रात को पंखा चलाकर सोते थे.

मैं जब छोटी क्लास में था, तभी से मुठ मारने लग गया था जिससे मेरे लिंग का साइज और भी बड़ा हो गया था.

इससे पहले भी मैं अपनी जीएफ के साथ सेक्स कर चुका हूँ और अपने बड़े लंड की जरूरत के चलते कुछ और लड़कियों की चूत का भोसड़ा बना चुका हूँ.

एक दिन की बात है मैं अपने कमरे में पंखा चलाकर मोबाइल में ब्लू फिल्म देख रहा था और अपने लंड को हिला रहा था.
कि तभी अचानक लाइट चली गई और कमरे में अंधेरा हो गया.

तभी मुझे अहसास हुआ कि बाहर बारिश होना शुरू हो गई थी, जिसके कारण लाइट चली गई थी.
उस समय 10 बज रहे थे.

खैर … मुझे किसी बात से क्या लेना देना था, मैं तो बस अपनी मस्ती में अपना लंड हिला रहा था.

तभी अचानक से मॉम ने मेरे कमरे का दरवाजा खोला और अन्दर आ गईं.
मैं अपने कमरे को लॉक करना भूल गया था.

जैसे ही मॉम ने मेरे रूम का दरवाजा खोला, मैं झट से कंबल के अन्दर सर करके सोने का नाटक करने लगा.
मॉम वहीं दरवाजे के पास खड़ी होकर मुझे आवाज देने लगीं लेकिन मैंने कुछ नहीं बोला और चुपचाप सोता रहा.

फिर मॉम कमरे से चली गईं.

उनके जाने का अहसास करते ही मैंने अपना मुँह बाहर निकाल कर देखा तो मॉम वहां से जा चुकी थीं.
लेकिन मुझको ऐसा लगा कि मॉम ने मुझको हिलाते हुए देख लिया था.
मुझे अब डर भी लग रहा था.

कुछ देर बाद मॉम के चले जाने की तसल्ली करने के बाद मैंने दुबारा वीडियो चालू किया और ब्लू-फिल्म देखना चालू कर दिया.
मैं पुनः लंड हिलाने लगा.

अब तक बारिश और भी तेज हो चुकी थी.
फिर थोड़े समय बाद मॉम फिर से मेरे कमरे में आईं और मैं चुपचाप सोने का नाटक करने लगा.

मॉम ने मुझको आवाज दी- उठ मनु उठ!
मैं नींद में होने का नाटक करते हुए उठा और बोला- क्या बात है मॉम … आप इतनी रात को क्यों उठा रही हो?

तब उन्होंने कहा- मेरे कमरे में पानी टपक रहा है और बाहर बिजली भी कड़क रही है, जिससे मुझको डर लग रहा है.
मैं चुप रहा.

फिर उन्होंने कहा- आज मैं तुम्हारे पास ही सो जाती हूँ.

मैं हमेशा रात को एक छोटा सा हाफ पैंट पहनकर सोता हूँ.
उस दिन भी मैंने वही पहना हुआ था और वह भी नीचे हो रखा था क्योंकि मैं उससे पहले अपना सामान हिला रहा था.

फिर अचानक से मॉम आ गईं, इसलिए मैंने पैंट ऊपर नहीं किया और वैसे ही रहने दिया.
इतने में मॉम मेरे कंबल में ही आ गईं.

मुझे डर लग रहा था कि अब पैंट को कैसे ऊपर करूँ.
मैं चुपचाप आंख को हल्के से बन्द करके सोता रहा.

अचानक से मॉम ने करवट ली और वे अपनी गांड मेरी तरफ करके सो गईं.

करीब रात को 11:30 बजे लाइट और पंखा चालू हो गया, फिर बारिश के कारण मॉम को ठंड लगने लगी.
उन्होंने कंबल में मुँह ढक लिया और सो गईं.

मुझे डर लगने लगा कि कहीं मॉम मुझको नग्न हालत में ना देख लें क्योंकि अभी मेरा लंड पैंट से ही बाहर था.
थोड़ी बाद उन्होंने कंबल को साइड में कर दिया और बिना कंबल के ही सोने लगीं.

मैंने कंबल ओढ़ लिया.
फिर मैंने देखा कि उन्होंने ब्लाउज और पेटीकोट पहन रखा है.
वे रात को सोने के समय साड़ी नहीं पहनती थीं.

मेरी मॉम के बूब्स कुछ ज्यादा ही बड़े हैं जो उनके ब्लाउज में फिट नहीं आ रहे थे.

मैंने देखा कि उनके आधे बूब्स ब्लाउज से बाहर निकले हुए थे और उनका पेटीकोट भी घुटनों तक उठ गया था.

उनके गोरे गोरे बूब्स देखकर मेरा लंड फिर से खड़ा होना शुरू हो गया और मैं नीचे देखने लगा.

मॉम की गोरी जाघें देखकर मेरा लंड बिल्कुल सख्त और बड़ा हो गया.
मेरे लौड़े ने सांप की तरह फन फैला लिया था और वह फनफनाने लगा था.

फिर मैंने थोड़ी सी हिम्मत करके उनके बूब्स पर हाथ रख दिया और सोने का नाटक करने लगा.
मॉम की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं हुई इसलिए मैं थोड़ी और हिम्मत करके उनके बूब्स को सहलाने लगा और बीच बीच में दबा भी देता था.

अब धीरे धीरे मेरे अन्दर हवस जागना शुरू हो गई और उधर से भी कोई हलचल नहीं हो रही थी.

फिर थोड़े वक्त के बाद मॉम ने करवट ली तो मुझे लगा कि मॉम जाग गई हैं.
मैं चुपचाप सोने का नाटक करने लगा.

फिर थोड़े टाइम बाद मुझे लगा कि मॉम सो गई हैं … तो मैं अपना एक हाथ मॉम की जांघों पर फेरने लगा; उनकी जांघों को सहलाने लगा.

शायद मॉम जागी हुई थीं क्योंकि उनके मुँह से सिसकारियां निकल रही थीं.
पर अब मुझे कोई डर नहीं था क्योंकि अब मॉम भी गर्म होने लगी थीं और वे भी मेरा पूरा साथ दे रही थीं.

थोड़े समय बाद मैंने सहलाना बंद कर दिया.

तो मॉम उठीं और मेरे कान में धीरे से बोलीं- रुक क्यों गए बेटे, अभी तो शुरू हुआ है.
मैंने मॉम की तरफ देखा और कहा कि क्या शुरू हुआ है?

उन्होंने मेरे लंड को सहलाते हुए कहा- चुदाई का खेल!
यह कह कर उन्होंने मेरे ऊपर से कंबल हटा दिया और मेरे होंठों पर अपने होंठ रख कर मुझे किस करने लगीं.

मैंने मॉम से कहा- यह सब गलत है, आप मेरी मॉम हो … और मैं आपके साथ यह सब नहीं कर सकता!

तो हॉट स्टेप मदर ने कहा- मैं नहीं चाहती कि मेरा बेटा अपनी जवानी हिला हिला कर खराब करे. मैंने थोड़ी देर पहले सब कुछ देख लिया था और इसलिए तुम्हारे कमरे में आई हूँ … और मैं शुरू से तभी से ही जागी हुई हूँ, जब तुम मेरे मम्मे दबा रहे थे.

उनके मुँह से यह सुनकर मैं चुपचाप रहा.
अब मैं मन में सोचने लगा कि जब घर में ही चूत मिल रही और वह भी सामने से सेक्स की पेशकश मिल रही है, तो देर क्यों की जाए.

मैंने मॉम को अपनी तरफ खींचा और उनको होंठों को चूसने लगा.
करीब दस मिनट तक हम एक दूसरे के होंठ चूसते रहे.

फिर मॉम उठीं और कमरे को अन्दर से कुंडी लगा आईं … ताकि मेरी बहन न आ सके.

मॉम ने कहा- चल दिखा अपना जलवा, मैं भी तो देखूँ कि तेरे लंड में कितना दम है!
वे बेड पर आकर मेरे लंड को सहलाने लगीं.

उनके हाथ लगाते ही मेरा लंड पूरी तरह से खड़ा हो गया.

मेरी मॉम ने लंड पर किस करते हुए कहा- वाह बेटे, तू तो सच में जवान हो गया है, तुम्हारा लंड तो बहुत बड़ा है … तेरे डैडी का तो इससे आधा ही है … और यह उनसे मोटा भी बहुत है.
मैं उनके मम्मों को दबाने लगा और उनका ब्लाउज खोल दिया.

मॉम ने अन्दर काले रंग की ब्रा पहनी हुई थी जो उनके मम्मों को आधा ही ढक पा रही थी.

मेरी मॉम के मम्मों की साइज ज्यादा थी और ब्रा को उन्होंने ऊपर कर रखा था.
मैं मॉम के मम्मों को जोर जोर से दबाने लगा.

उनके मुँह से गर्म सिसकारियां निकलने लगीं- आह … आह … बेटे आराम से दबाओ … दर्द होता है!

मैंने कहा- क्यों डैडी नहीं दबाते हैं क्या?
उन्होंने कहा कि कहा- उनको तो सिर्फ चोदने की जल्दी रहती है.

मॉम अब आह आह आह की आवाजें कुछ ज्यादा ही निकालने लगी थीं.

मैंने उनको अपने नीचे लेटा दिया और उनके मम्मों को ब्रा के ऊपर से ही दबाने लगा और किस करने लगा.

मॉम और ज्यादा गर्म होने लगी थीं.
वे बार बार मेरे सर पर हाथ रखकर मेरे बालों में उंगली चला रही थीं.

फिर मैं नीचे आता गया और उनके पेट को किस करने लगा.
वे तड़फने लगीं और बेड पर पैर झटकने लगीं.

दोस्तो, मेरी सौतेली मां की चुत चुदाई में किस तरह से मैंने मजा लिया, यह मैं आपको हॉट स्टेप मदर स्टोरी के अगले भाग में विस्तार से लिखूँगा.
 

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सौतेली मां की वासना और चुदायी- 2



कहानी के पहले भाग

में अब तक आपने पढ़ा था कि मैं अपनी मॉम को चोदने के लिए गर्म कर रहा था.

मैं भी अपना एक हाथ मॉम की जांघों पर रखकर फेरने लगा और दूसरे हाथ से उनके मम्मों को दबाने लगा.
अब मैं अपने नीचे वाले हाथ से उनकी चूत टटोलने लगा.

मॉम ने कहा- रुको मेरे राजा बेटे, मैं पेटीकोट निकाल देती हूँ.

उन्होंने अपना पेटीकोट निकाल दिया … मॉम ने काले रंग की पैंटी पहनी हुई थी जिसमें वे और भी सेक्सी लग रही थीं.

मैं मॉम की पैंटी के ऊपर से हाथ फेरने लगा.
तो मॉम ने कहा- बेटा, इतना मत तड़पा, अभी जल्दी से एक बार मेरा काम उठा दे … फिर कभी तड़पा लेना … अभी जल्दी से अपना लौड़ा मेरी चूत में डाल दे.
मैं कुछ नहीं बोला, उनकी चूत पर हाथ फेरता रहा.

फिर मॅाम ने कहा- अब से मैं सिर्फ तेरी ही हूँ, जब चाहे ठोक लेना बेटा!
मैंने कहा- मॉम मेरी टेंशन ना लो, मेरे पास बहुत छेद हैं. आज पूरी रात हमारी ही है, मैं आपकी सही से चुदाई करूंगा.

अब मैंने उनकी ब्रा पैंटी निकाल दी और अपने भी सारे कपड़े निकाल दिए.
मेरी मॉम मेरे सामने बिल्कुल नंगी थीं.

मैंने उनकी दोनों टांगें अलग करके जोड़ को देखा तो देखता ही रह गया.
क्या चूत थी … बिल्कुल साफ की हुई; उस पर एक भी बाल नहीं था.

मैंने सिर नीचे करके देखा तो उनकी चूत बिल्कुल गुलाबी थी.

मॉम ने वासना से कहा- देख ले मेरे राजा बेटे, तू इसके जैसी एक दूसरी चूत से बाहर निकला था, आराम से देख ले बेटा … उंगली करके देख न!

मैंने उनकी गुलाबी चूत में अपनी एक उंगली डाल दी और अन्दर बाहर करने लगा.
मैं उनके होंठों को किस करने लगा और होंठ से मन भर जाता तो उनके बूब्स को पीने लगता.

इससे मेरी मॉम और गर्म होने लगीं और ‘आह … आह … सीसीई …’ की आवाजें निकालने लगीं.

मैंने अपनी दो उंगलियां उनकी चूत में डाल दीं और जोर जोर से अन्दर बाहर करने लगा.

बीच बीच में मैं उनके भूरे निप्पल को काट भी लेता था.
जिससे मॉम सिसक उठतीं और मुझसे हटने की बोलने लगतीं.

लेकिन मैंने उनकी एक ना सुनी और अपने काम में लगा रहा.

अब मैंने अपनी तीसरी उंगली भी अन्दर डाल दी और जोर जोर से अन्दर बाहर करने लगा.

फिर मैंने उंगली बाहर निकाल कर मॉम के मुँह में दे दी जो पूरी तरह से चूत के रस से गीली हो चुकी थी.

इसके बाद मैं नीचे गया और उनकी गुलाबी चूत को किस करके कहा- वाह मेरी रंडी … क्या चूत है तेरी! इसे तो चाटे बिना मजा ही नहीं आएगा.
यह कह कर मैंने अपनी जीभ चूत में डाल दी और चूत चाटने लगा.

वे और ज्यादा गर्म होने लगीं और सेक्सी आवाजें निकालने लगीं- आह … आह … आह … मेरे राजा बेटे पी जा अपनी मॉम की चूत को … आह … हां बेटे पियो और जोर से … बहुत मजा आ रहा है!

ऐसा करते करते उन्होंने एक लंबी सांस ली और अपना सारा शरीर कड़क कर लिया.
अगले ही पल मॉम की चूत ने नमकीन पानी छोड़ दिया, जिसे मैंने पीकर उनकी चूत को साफ कर दिया.

मॉम झड़ गई थीं लेकिन अभी मेरा नहीं हुआ था.
इसलिए मैंने कहा- चल रंडी, अब तेरी बारी है … चूस मेरा लौड़ा और निकाल दे इसका भी पानी!

वे मना करने लगीं और बोलीं- नहीं, मुझे मुँह में लेना अच्छा नहीं लगता!

लेकिन मैं कहां मानने वाला था … जैसे तैसे करके मैंने उनको राजी कर लिया.

मेरा लौड़ा हाथ में लेकर मॉम ने कहा- बेटे तेरा लौड़ा तो बहुत बड़ा है, मेरे मुँह में नहीं जाएगा!
मैंने उनका एक दूध मसलते हुए कहा- एक बार ट्राई तो करो!

वे हाथ से लंड हिलाकर मुँह में लेने लगीं.
लेकिन वे सिर्फ आगे वाला ही हिस्सा ही अपने मुँह में ले रही थीं.

इसलिए मैंने उनका सर पकड़कर अन्दर लंड डाल दिया.

थोड़े टाइम बाद खुद ब खुद लौड़ा अच्छी तरह से अन्दर बाहर करने लगीं.

कुछ देर तक लंड चूसने की बाद मेरा निकलने वाला हुआ तो मैंने मॉम से कहा- मेरा होने वाला है!
उन्होंने कहा- निकल जाने दे मेरे राजा बेटा … मुझे तेरा रस पीना है!

मैंने हंस कर कहा- कहां लंड चूसने से मना कर रही थीं और कहाँ अब वीर्य पीने को राजी हो गई हो?

मॉम लंड को जीभ से चाटती हुई बोलीं- तेरा लंड मस्त है और स्वादिष्ट है. अब तू देर न कर … जल्दी से मुझे रबड़ी चटा दे.

मैंने भी धकापेल मचा दी और 8-10 झटकों के बाद मेरा माल निकल गया.
मेरी रंडी मॉम मेरा पूरा रस पी गईं.
उन्होंने लंड को चाट कर साफ भी कर दिया.

थोड़ी देर तक मैं यूं ही उनके ऊपर वैसे ही पड़ा रहा.

हम फिर से एक दूसरे को गर्म करने लग गए.
मैं मॉम के होंठों को किस कर रहा था और अपने हाथों से उनके बड़े बड़े मम्मे दबा रहा था.

मॉम मेरे लंड को पकड़कर हिला रही थीं और बोल रही थीं- मेरे राजा बेटे, तेरा लौड़ा तो बहुत अच्छा है … काश ये मुझे पहले मिला होता. आज के बाद तुझे कभी हिलाने नहीं दूंगी. जब भी तेरा मन हुआ करे, मुझको चोद लेना. तू मेरी प्यास बुझा देना, मैं तेरी बुझा दूँगी.

मैंने कहा- मॉम, घर में दीदी रहती हैं, उनके सामने कैसे करूंगा?
तो मॉम ने कहा- तू टेंशन ना ले मेरे चांद … मैं उसको भी पटा लूंगी. तुझे उसकी चूत भी दिला दूँगी, पर अभी पहले मुझे शांत कर दे मेरे बेटे!

इतना सुनते ही मैंने मॉम को नीचे लेटाया और उनकी चूत पर अपना लौड़ा रगड़ने लगा.

मॉम के मुँह से गर्म गर्म सिसकारियां निकलने लगीं.
वे कहने लगीं- बेटे बस बेटे इतना मत तड़पा … अब जल्दी से चोद भी दे अपनी मॉम को … और बन जा मादरचोद.

इतना सुनते ही मैंने अपना लौड़ा उनकी चूत में पेल दिया.
अभी मेरे लौड़े का सुपारा ही अन्दर गया था कि मॉम तेज स्वर में सिसकारियां भरने लगीं- आह आह आह … सीई ई … आह आह ओह बहुत मोटा है तेरा … बापरे … लंड है या आफत … बेटे आराम से डाल … तेरा बहुत मोटा है!

मैं रुक कर उनके बूब्स दबाने लगा और होंठों को चूसने लगा.
फिर वह जैसे ही सामान्य हुईं, मैंने एक झटका और दे मारा.
इस बार मेरा पूरा लौड़ा उनकी चूत में समा गया.

मॉम जोर जोर से मादक सिसकारियां लेने लगीं- आह आह ओह … सीई … निकाल मादरचोद बाहर … मार डाला … जल्दी बाहर निकाल … मैं मर जाऊंगी!
लेकिन मैंने उनकी एक ना सुनी और उनके होंठों को किस करते हुए उनकी तेज गति से चुदाई करने लगा.

मेरी मॉम की आंखों से आंसू निकल रहे थे लेकिन मुझे उसकी कोई परवाह नहीं थी.
मैं लगा रहा और उनके बूब्स दबाने लगा.

धीरे धीरे मॉम को भी मजा आने लगा.
वे भी अपनी गांड उठाकर चुदाने लगीं और गंदी गंदी गालियां देने लगीं- चोद भोसड़ी के … आह और तेज और तेज आह आह … मेरे राजा बेटे फाड़ दे अपनी मॉम की चूत को … दिखा दे कितना दम है तेरे अन्दर आह आह आह … चोद मादरचोद हरामी के जने!

मॉम और जोर जोर से मादक सिसकारियां भरने लगी थीं.
उनके मुँह से यह सब सुनकर मैं भी जोश में आ गया और जोर जोर ठोकने लगा- ले मेरी रंडी मॉम … तूने आज तक डैडी से चुदवाया है … आज मैं भी तो देखूं कितना चुद सकती है … ये ले मेरी रंडी और ले!

मैं जोर जोर से पूरे जोश में उनको चोदने लगा.
कमरे में सिर्फ मॉम की मादक सिसकारियां की आवाज आ रही थी … और पूरे कमरे में पच पच की आवाज गूंज रही थी.

कुछ ही देर में मेरा लौड़ा मॉम की चूत में आसानी से अन्दर बाहर होने लगा.

वे बोलीं- हरामी साले … चूत चोदने क्या दे दी … बहन के लौड़े ने तो धकापेल मचा दी … थोड़ी आराम से चोद ले साले मादरचोद … मैं कोई बाजारू रंडी नहीं हूं … तेरी मॉम हूं!
मैंने कहा- रोज तो डैडी से चुदवाती थी, तब तो इतना नहीं चिल्लाती थी … मेरे लंड में क्या कांटे लगे हैं साली रंडी.

मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी और सटासट सटासट लंड अन्दर बाहर करने लगा.

अब मॉम भी अपनी कमर उठा उठा कर चुदाई में भरपूर साथ देने लगी थीं.

मैंने मॉम को इशारा किया- चल अब कुतिया बन जा.
वे झट से कुतिया बन गईं और मुझे अपने ऊपर चढ़वा कर लंड को चूत में ले लिया.

चूत में लंड सैट होते ही मैंने झटका मारा और मॉम की ‘ऊईई ऊईई …’ की आवाज के साथ लंड अन्दर घुसता चला गया.

मैं अपनी कुतिया बनी मॉम की सवारी करने लगा और उसे सड़क छाप कुतिया के जैसे चोदने लगा.
वे भी अपनी रफ़्तार से गांड आगे पीछे करके पूरी मस्ती में आकर साथ देने लगी थीं.

हमारी ताबड़तोड़ चुदाई के बीच में मॉम की चूत ने रस की धारा छोड़ दी.
अब लंड और आसानी से अन्दर बाहर आने जाने लगा.

मेरी जांघें मॉम के चूतड़ों से टकरा कर ‘थप थप …’ का मधुर संगीत बिखेरने लगीं.
चूत में से फच्च फच्च की आवाज आने लगी.

मैंने लंड चूत से निकाला और मॉम को चुसाने लगा.
मॉम एक पोर्नस्टार की तरह मजे से लंड को चूस रही थीं.

फिर मैंने मॉम को लिटाकर उनकी गांड के नीचे एक तकिया लगाया और लंड चूत में घुसा कर उन्हें दबादब चोदने लगा.

मॉम चिल्लाने लगीं- आंह चोद मुझे … और फास्ट चोद बेटे … आह और तेज पेल!
मैं भी अपनी पूरी रफ्तार से मॉम को चोदने लगा.

मॉम की बड़ी बड़ी चूचियों को हिलता देख कर मैं एक दूध को चूसने लगा और काटने लगा.
वे उत्तेजना से कमर को ऊपर उठा दे रही थीं और मेरे लौड़े की मार खाकर फिर से नीचे हो जातीं.

मैं भ ऐसे ही मस्ती से हॉट स्टेप मॅाम फक का मजा लेता रहा.

अब मेरा लंड सीधा बच्चेदानी में टकराने लगा और मॉम की सिसकारियां मधुर संगीत बन कर निकलने लगीं.

करीब 30 मिनट की चुदायी के बाद मेरा रस निकलने वाला हुआ, तो मॉम ने कहा- बेटे अपना रस मेरी चूत के अन्दर ही डाल दे!
मैं बिंदास धक्के मारने लगा.

कोई 15 20 झटकों के बाद मैं उनकी चूत में ही निकल गया और उन्हीं के ऊपर लेट गया.

30 मिनट बाद हम दोनों फिर से गर्म हो गए और चुदायी करने लगे.

हम दोनों ने सुबह 4 बजे तक चुदायी की और थक कर सो गए.

उसके बाद तो जब भी मौका मिलता, मैं मॉम को चोद देता हूँ.
अब मुझे लवड़ा हिलाने की कोई जरूरत नहीं थी क्योंकि घर में ही चूत चोदने को मिल रही थी.

मैं आपको अगली कहानी में बताऊंगा कि कैसे मैंने मॉम की गांड की सील तोड़ी और मॉम ने बहन की चूत चाटने का मजा दिलाया.

यह मेरी पहली सेक्स कहानी थी, इसलिए यदि कोई गलती हो गई हो तो माफ कर देना दोस्तो.
 

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चाची की प्यासी चूत मुझसे चुदकर ढीली हुई


दोस्तो, मेरा नाम रेहान है. मैं उत्तर प्रदेश का रहने वाला हूँ. मेरी उम्र 23 साल है. मेरा कद 5’7″ है.

अम्मी अब्बू और चाचा चाची सब लोग एक साथ ही रहते हैं. चाचा का निकाह हुए दो साल हो गए थे अभी तक नूरी चाची को औलाद का सुख नहीं मिला था.

अब्बू और चाचा की अपनी अपनी दूकान है. मैं अब्बू के साथ अपनी दुकान पर बैठता हूँ.

नूरी चाची मेरी अम्मी की बहन भी हैं, उस रिश्ते से वे मेरी खाला भी हैं.

आपको अपनी सेक्सी चाची की वासना की कहानी सुना रहा हूँ.
यह बात दो साल पहले की है.

हमारा पूरा परिवार साथ बैठ कर खाना खा रहा था. हमारा लंच का खाना खत्म होने वाला था, तभी मेरे अब्बू उठ कर चले गए.

चाची चाचा से बोलीं- चलो ना आज मूवी देख कर आते हैं!

लेकिन चाचा दुकान चलाते हैं तो चाचा ने कहा- दो दिन बाद संडे है, तब चलेंगे … अभी मैं दुकान जा रहा हूँ और आज रात को मुझे माल लेने बाहर भी जाना है. तुम चाहो तो रेहान के साथ जाकर देख आओ.
चाचा की इस बात पर चाची कुछ नाराज़ सी हो गईं.

तभी मेरी अम्मी बोलीं- हां नूरी यह भी ठीक है, तू रेहान के साथ चली जा ना!
इस पर चाची मान गईं.

चाची मुझसे बोलीं- कब चलेगा रेहान?
मैंने कहा- शाम में 6 से 9 वाला शो देखने चलते हैं.

चाची बोलीं- हां ठीक है.
मैं- शाम तक मैं भी दुकान से फारिग होकर आ जाऊंगा!

चाचा बोले- हां यही ठीक रहेगा.
चाची बोलीं- ठीक है.

सब लोग अपने अपने काम में लग गए.

जब शाम हुई तो मैं दूकान से आकर रेडी हो गया और मैंने चाची को आवाज़ लगाई- चलो, नहीं तो मूवी निकल जाएगी!
चाची बोलीं- हां बस आ रही हूँ.

कुछ देर बाद चाची आईं और हम दोनों निकल गए.

मॉल में जाने के बाद चाची बोलीं- टिकट ले लो.
मैं टिकट लेने गया, तो हाउस फुल हो गया था इसलिए टिकट नहीं मिला.

मैंने चाची से बताया कि टिकट तो नहीं मिले … अब क्या करें?
चाची मुँह बना कर बोलीं- सारा मूड ऑफ हो गया.

मैंने कहा- दूसरी मूवी का टिकट ले लूँ?
वे बोलीं- हां ठीक है, ले लो.

तो मैंने BA पास का टिकट ले लिया.
चाची पूछने लगीं- यह मूवी कैसी है?

मैंने कहा- मुझको नहीं मालूम है.
चाची बोलीं- ठीक है, चलो देखते हैं.

फिर हम दोनों हॉल में अन्दर आ गए और मूवी देखने लगे.

दस मिनट देखने के बाद एक चुंबन का सीन आया तो मुझे सनसनी होने लगी.

मूवी देखने वाले और भी लोग बैठे थे वे मजा लेते हुए चिल्लाने लगे और गालियां देने लगे- चोद दे … लंड पेल दे उसकी चूत में!

उनकी इस तरह की आवाजें आईं तो मैं सकपका गया और मैंने चाची की तरफ़ देखा.

चाची मस्ती से मूवी देख रही थीं.

कुछ देर के बाद ऐसा लगा कि कोई मेरे लंड को सहला रहा है.

मैंने देखा तो चाची मेरे लंड को पैंट के ऊपर से ही हिला रही थीं.

इससे पहले मेरे और चाची के बीच ऐसा कुछ नहीं था.

मैं कुछ बोलता, तब तक चाची ने मेरा हाथ उठा कर अपनी चूत पर रख दिया.
तब भी मैं कुछ नहीं बोला, बस हाथ को उनकी टांगों के बीच में रखे हुए बैठा रहा.

तभी इंटरवल हो गया.
चाची बोलीं- चलो रेहान घर चलें.

यह सुनकर मेरा दिमाग खराब हो गया, मैंने कहा- अभी तो मूवी बाकी है न!
चाची बोलीं- नहीं बस अब और देखने का मूड नहीं है, तुम बाइक लेकर आओ.

यह कह कर चाची उठ कर बाहर जाने लगीं.

मैं भी उठ गया और पार्किंग से अपनी बाइक लेकर गेट के पास आ गया.
अब हम दोनों घर जाने लगे.

कुछ ही देर में हम दोनों घर पहुंच गए.
हमें आया देख कर अम्मी बोलीं- क्या हुआ. बड़ी जल्दी आ गए तुम दोनों? मूवी ठीक नहीं थी क्या?

मैं कहा- अरे बकवास मूवी थी.
चाची बोलीं- हां आपा, देखने में मन ही नहीं लगा.

अम्मी कुछ नहीं बोलीं और उधर से चली गईं.
चाची मेरे कान में बोलीं- आज रात को घपाघप के लिए तैयार रहना.

मैंने कुछ नहीं कहा और बाहर निकल गया.

बाहर आकर मैंने पनवाड़ी से एक सिगरेट ली और सुलगा कर सेक्सी चाची की वासना के बारे में सोचने लगा कि चाची को चोदूं या नहीं!

कुछ देर बाद मैं वापस आया और टीवी देखने लगा.

रात होने पर सब लोग आ गए. सबने खाना आदि खाया और सब लोग सोने जाने लगे.

मैं भी अपने कमरे में आ गया.
रात के दस बजे चाची मेरे कमरे में आईं और बोलीं- रेहान … सो गया क्या?
मैं बोला- नहीं चाची, नींद नहीं आ रही है.

चाची बोलीं- अच्छा, मैं सुला दूँ क्या?
मैं कुछ नहीं बोला.

चाची मेरे पास आकर बैठ गईं.
उसी वक्त उनके फोन पर चाचा का फ़ोन आ गया.
वह भी वीडियो कॉल आया था.

चाची ने कॉल उठाया और चाचा से बात करने लगीं.

चाचा बोले- कहां पर हो तुम?
चाची बोलीं- रेहान के पास!

चाचा बोले- वहां क्या कर रही हो?
तो चाची बोलीं- बाथरूम गई थी, तो मैंने देखा कि रेहान के कमरे की लाइट चालू है, तो मुझे लगा कि यह बिना बत्ती बुझाए सो गया है.
चाचा बोले- ठीक है.

चाची बोलीं- ठीक है, मैं कमरे में जाती हूँ, उधर बात करेंगे.

तब चाची मुझसे कुछ दूर हो गईं.
चाचा बोले- काफ़ी हॉट लग रही हो, पास में होता तो तुम्हें खूब चोदता!

मैंने यह सुन लिया.
चाची ने मोबाईल से मुँह हटाया और मेरी तरफ़ देख कर आंख मार दी.

अब वे अपने कमरे में चली गईं.
मैं समझ गया कि अब चाचा चाची नंगे होकर सेक्स चैट करेंगे.

चाची के जाते ही मैंने दरवाजा बंद कर लिया और सोने का नाटक करने लगा.

कुछ देर बाद मेरा मन नहीं माना तो मैं चाची के कमरे के पास गया और देखा.
चाची के कमरे का दरवाजा खुला हुआ था.

चाचा अपना लंड हाथ में लेकर चाची को दिखा रहे थे. चाची औंधी लेट कर अपने दूध दबा रही थीं.
उसके बाद वे कपड़े उतार कर ब्रा और पैंटी में हो गईं.

चाची के सामने आईना लगा हुआ था तो उसमें उन्होंने मुझे देख लिया.
कुछ देर बाद चाची ने चाचा को चुम्मी दी और फ़ोन कट हो गया.

अब चाची मुझको देख कर उंगली के इशारे से बुलाने लगीं.
मुझको मालूम ही नहीं था कि चाची मुझको देख चुकी हैं.

मैं उनके पास आ गया और मैंने उनकी गांड को दबा दिया.

चाची ने कहा- तुम तो जवान हो गए हो मेरे रेहान राजा … आ जाओ आज तुम्हारा फीता काट देती हूँ.

यह कह कर चाची ने मेरा हाथ पकड़ कर अपनी तरफ खींच कर बाजू में लिटा लिया.

मैं जब तक कुछ समझ पाता, तब तक चाची ने पलटी मारी और मेरे मुँह में अपनी चूत रख दी.

वे मेरे मुँह पर अपनी चूत रगड़ने लगीं और बोलीं- चल मेरी चूत चूस … तेरे चाचा ने मेरी चूत में आग लगा दी है और दिन में तूने सेक्स मूवी दिखा कर मेरी चूत में आग लगा दी थी. मादरचोद अब मेरी चूत भभक रही है … चल अब जल्दी से चूत को चोद कर ठंडी कर भोसड़ी के … आह पहले चाट मां के लौड़े आह जल्दी जल्दी चाट ऊं ऊं … आह घुसेड़ न अपनी जीभ चूत में आह!

मैं पिल पड़ा और चाची की चिकनी चूत चाटते चाटते ही मैंने अपना लंड पैंट से बाहर निकाल लिया.
चाची ने मेरा लंड देखा तो तुरंत 69 में घूम गईं और लौड़े को मुँह में लेकर चूसने लगीं.

मुझे लंड चुसवाने में मजा आने लगा था.

चाची भी पक्की छिनाल रांड की तरह लौड़े को चूस रही थीं.
उन्होंने लंड को चूस चूस कर लाल कर दिया.

उसके बाद वे घूम कर मेरे सामने आ गईं और अपने एक मम्मे को मेरे मुँह में दे दिया.

वे अपने दूध चुसवाती हुई गाली देने लगीं- ऊऊ हू … ओह मादरचोद चूस बहन के टके … आह चोद कुत्ते आह आज मेरी चूत फाड़ दे हरामी.

मैं उनकी दोनों चूचियों को चूसने लगा और निप्पल को दांतों से पकड़ कर खींचते हुए काटने लगा.
चाची की चीखें निकलती रहीं और वे गाली देती हुई मुझसे अपनी चूचियों का हलवा बनवाती रहीं.

कुछ देर बाद चाची बोलीं- बहन के लौड़े, इतना लंबा लंड लिए घूमता है तू … मुझे एक बार दिखला तो देता साले … अब तक न जाने कितनी बार तेरे लौड़े पर झुला झूल चुकी होती.

मैंने कहा- क्यों चाचा के लंड पर झूला झूलने में मजा नहीं आता है क्या?
वे बोलीं- अरे तेरे चाचा का लंड है ही नहीं … उसकी टांगों में तो कटी हुई लुल्ली है.

मैं आप पाठिकाओं को बता दूँ कि मेरा लंड पूरे आठ इंच का है और यह किसी खीरे के जैसे मोटा है … सुपारा भी बिना छिलके के एकदम लाल है.

कुछ देर बाद चाची बोलीं- अब मुझसे बर्दाश्त नहीं हो रहा है. तू मेरी चूत में अपना लौड़ा पेल दे जल्दी से और घपाघप चालू कर दे.
मैंने भी पोज बनाया और चाची की दोनों टांगें ऊपर उठा कर चूत के छेद पर लंड टिका दिया.

चाची लंड लीलने के लिए गांड हिलाने लगीं.
मैंने शॉट मार दिया और एक बार में ही अपना आधा लंड चाची की चूत में उतार दिया.

चाची एकदम से चीखने लगीं और चिल्लाती हुई बोलीं- ऊऊ हू ओह मार दिया रे … आह मादरचोद … आराम से चोद न बहन के लौड़े … मैं कहीं भाग नहीं रही हूँ … आह फट गई मेरी चूत आह अपना लंड बाहर निकाल साले … आह.

मैंने कहा- क्या हुआ बहन की लौड़ी … बहुत चिल्ला रही थी लंड लेने के लिए … अब क्या हुआ गांड फट गई रंडी तेरी … साली आज तो मैं तुझे अपनी रांड बना कर ही रहूँगा … आह चाचा का साले का लंड वास्तव में लुल्ली ही है … उसने तेरी चूत को अब तक चौड़ा ही नहीं किया … बड़ा मजा आ रहा है कुतिया तेरी लेने में … आह बस कुछ देर बर्दाश्त कर ले साली कुतिया … ऊओह.

मैं लगा रहा और चाची के मुँह पर हाथ रख कर मैंने एक दूसरा झटका दे दिया.
तो चाची की आंखों से से आंसू आ गए.
वे छटपटाती हुई इशारे से बोलीं- अब नहीं बस कर … आह.

मैंने उनके मुँह से हाथ हटाया तो वे रोने लगीं और फफकती हुई बोलीं- अब तुझसे कभी नहीं चुदवाऊंगी … भोसड़ीवाले मादरचोद … तूने मेरी चूत फाड़ दी है आह ऑह साले मर गई … ऊऊह.

कुछ देर तक मैं चाची की चूत में लंड पेले पड़ा रहा और उन्हें चूमता सहलाता रहा.

इसके बाद उन्हें दर्द में कुछ आराम हुआ, तो बोलीं- अब चोद ना मादरचोद … अब चोदने का न्यौता दूँ क्या!

तो मैंने कमर आगे पीछे करते हुए चाची को चोदना चालू कर दिया.

मैंने उनसे पूछा- चाचा नहीं चोदते क्या आपको?

तो उन्होंने कहा- तेरे चाचा का इतना लंड नहीं है … वह तो साला चूत में अपनी लुल्ली डालकर पुल्ल पुल्ल करेगा और अपना पानी फेंक देगा. आज तेरे लंड से मुझे चैन मिल गया है.

मैंने चाची के दूध मसलते हुए कहा- अभी तो कह रही थीं कि चूत फट गई है, बाहर निकाल लो!
चाची हंसने लगीं और बोलीं- पहली बार में तो दर्द होता ही है मेरी जान!

उसके बाद तो चाची ने अपनी गांड उठा उठा कर जो चुदाई करवाना शुरू की, मेरे लौड़े को तो समझो तरन्नुम आ गई.

चाची मस्ती से चूत चुदवाने लगीं.
उनकी चुदाई से पूरे कमरे में घप घप फ़च फ़च के अलावा चाची की ‘आह आह और जोर से मेरे शेर पेल दो आह … मजा आ गया’ की आवाजें आ रही थीं.

मैं 20 मिनट तक ऐसे ही ताबड़तोड़ चोदता रहा.

चाची अपने बदन को अकड़ाती हुई बोलीं- आह, क्या कर रहा है … मेरा तो दो बार निकल गया है … तेरा अब तक क्यों नहीं हुआ मादरचोद … क्या दवा खाकर आया है?
मैंने कहा- रुक जा मेरी रंडी कुतिया साली … बस अब होने वाला है … आह मेरा अब निकलने वाला है जल्दी बोल … कहां निकालूँ?

चाची बोलीं- चूत में निकाल दे आह.
मैं- ओह निकल गया … ले साली कुतिया ऊओह!

हम दोनों एक साथ स्खलित हो गए.
वे मेरे सीने से चिपक कर अपनी सांसें नियंत्रित करने लगीं.

उस रात मैंने चाची को एक बार और चोदा.

अब चाचा जब भी घर से बाहर जाते हैं, मैं चाची की चूत का भोसड़ा बनाने के लिए उनके ऊपर चढ़ जाता हूँ और चाची को भी मेरे साथ अपनी चूत ढीली करवाने में मजा आता है.
 

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मामी की चूत और मेरे लंड की प्यास




दोस्तो, कैसे हो सब!
उम्मीद करता हूं कि आप सब अच्छे होंगे।

मेरा नाम उदय है (बदला हुआ नाम) और मैं यू.पी. के गोरखपुर का रहने वाला हूं।

मैं शुरू से ही अपने मामा के घर पर रहता हूँ।
मेरे नाना नानी मुझसे बहुत प्यार करते थे इसलिए उन्होंने मुझे अपने पास ही रख लिया।
वही मेरी देख-रेख करते थे और वही मुझे पढ़ाते थे।

यह कहानी उस समय की है जब मैं 19 साल का था, मैं स्कूल के आखिरी दिनों में था।
मैं नया नया जवान हुई था और सेक्स का बहुत मन करता था।
इसी हवस ने मुझे मेरी मामी को चोदने पर मजबूर कर दिया।

दोस्तो, मामी की बात करें तो मेरी दो मामियां हैं- एक बड़ी, दूसरी छोटी।

मुझे छोटी मामी बहुत पंसद है।
उन्हें कोई एक बार देख ले तो देखता ही रह जाए।

उनकी सुंदरता ऐसी थी कि किसी का भी लौड़ा तुरंत खड़ा होकर सलामी देने लग जाए।

उनके बूब्स तो जैसे पहाड़ थे।
बूब्स का उभार इतना बड़ा था कि कोई भी दबाने के लिए मचल उठे।
होंठ इतने रसीले थे कि एक बार किसी के हाथ लग जाए, तो वो चूस-चूसकर होंठों से खून निकाल दे।

मामी की कमर इतनी पतली थी जैसे बांस की डंडी हो।
कोई उन्हें नज़र भर देख ले तो वहीं पानी छोड़ दे।

एक दिन मैं अपने कॉलेज से आया।
मुझे बाथरूम जाना था लेकिन बाथरूम में कोई नहा रहा था।

मैंने झांक कर देखा तो मामी नहा रही थी, और वो भी बिल्कुल नंगी।

मेरी आंखों ने जो देखा मुझे उस पर विश्वास नहीं हुआ। मेरी नज़र उनकी चूत पर पड़ी, उनकी चूत बहुत छोटी सी थी, किसी 18 साल की लड़की की तरह … दिखने में बहुत टाइट लग रही थी।

मैं पहली बार किसी की चूत के दर्शन कर रहा था।
बस फिर क्या था, मैंने भी ठान लिया कि मुझे इनकी चूत चाटनी है और इनकी गोल-गोल चूचियां दबानी हैं।

उसी दिन मैंने उनको चोदने का फैसला कर लिया।
मैं जब भी उनको सामने देखता तो मेरा लंड तनकर खड़ा हो जाता था।
दिमाग में उनकी टाइट चूत और बड़े-बड़े, भरे हुए चूचों की छवि आने लगती थी।

मैं वहीं उनके सामने ही पैंट के अंदर हाथ डालकर उनको दिखाने के लिए लौड़ा सहलाने लगता था।
वे देखकर चली जाती थी, न कुछ बोलती थी।
इससे मेरा हौंसला और बढ़ रहा था।

मैं बताना भूल गया कि मेरे मामा बाहर जॉब करते थे इसलिए वो हमेशा बाहर ही रहते थे। वे कभी-कभी ही घर आते थे।

एक बार की बात है कि मैं अपने कमरे में पढ़ रहा था।
मैं आपको बता दूं कि मामा के घर केवल एक ही टी.वी. था जो मेरे कमरे में था।

तो मामी मेरे कमरे में आई और बोली- क्या कर रह रहे हो?
मैंने कहा कि- मामी प्रोजेक्ट फाइल पूरी कर रहा हूं, एग्जाम आ गए हैं।

उन्होंने कहा- ज़रा टी.वी. ऑन कर दो, मुझे सीरियल देखना है।
वे ज़्यादातर सास-बहू सीरियल ही देखती थी।
तो बोली- वही लगा दो।

मैंने लगा दिया।
फिर मैं लिखने लगा, तभी टी.वी. पर विज्ञापन आ गए।

मामी ने चैनल चेंज कर दिया।

आगे देखा कि ‘क्राइम अलर्ट’ करके एक प्रोग्राम आ रहा था।
उसमें एक लड़का, लड़की के साथ रोमांस कर रहा था।

मैंने भी देखा और अपने हाथ से लौड़ा सहलाने लगा।

तभी मामी की नज़र मेरे हाथ पर पड़ी।
उन्होंने पूछा- उदय, क्या कर रहा है?
मैंने चालाकी से जवाब देते हुए कहा- मामी, मच्छर ने काट लिया इसलिए सहला रहा हूं।

मामी बोली- तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड है क्या?
मैंने ना में सिर हिला दिया।

उन्होंने कहा- क्या लिख रहे हो?
मैंने कहा- औरतों के संस्कार के बारे में।
वो बोली- मैं कुछ बताऊं औरतों के बारे में?
मैंने कहा- हां, बता दो।

उन्होंने पूछा- औरतों के प्रेम के बारे में कुछ जानते हो?
मैंने कहा- नहीं।

वो बोली- सुहागरात का नाम सुना है?
मैंने कहा- नहीं।
तो उन्होंने कहा- मैं बताती हूं।

वो बोली- औरत की सबसे ख़ास रात सुहागरात होती है। वो इस पल का इंतज़ार बहुत बेसब्री से करती है।
मैंने पूछा- आपने मनाई थी सुहागरात?

मैं बोला- कैसे मनाते हैं?
मामी बताते हुए बोली- मैं अपने बिस्तर पर थी। तेरे मामा रूम में आए और दरवाजा बंद करके मेरे पास आ गए। फिर मेरा घूंघट ऊपर किया और फिर वो सब करने लगे जो अभी टीवी में यह लड़का कर रहा था। पहले वो मेरे होंठ चूसने लगे और फिर गर्दन पर किस करने लगे।

मामी के मुंह से ये शब्द सुनते ही मेरा लंड तनतना गया।
मैं मामी के बिल्कुल करीब आ गया और धीरे-धीरे अपना लंड सहलाने लगा।

मामी ने फिर टोका- ये क्या कर रहे हो?
मैंने कहा- कुछ नहीं, खुजली हो रही है।
मामी बोली- अच्छा, इतनी ज्यादा? बहुत देर से लगे हुए हो, मैं खुजला दूं क्या?

मैं थोड़ा शर्मा गया।
इतने में मामी ने मेरे लंड पर हाथ रख दिया।
मेरे लंड में तो जैसे आग लग गई।

मामी का नर्म हाथ लगते ही लंड फनफनाने लगा।
उन्होंने लंड को हाथ में भर लिया और उसको भींचकर देखने लगी।
लंड पूरा अकड़ा हुआ था।

मामी मेरे लंड को सहलाने लगी।
मेरे अंदर वासना की आग भभक उठी और मैंने मामी को कसकर अपनी बांहों में भींच लिया।

वे बोली- क्या कर रहे हो!
मैंने कहा- कुछ नहीं।

शायद मामी के अंदर भी सेक्स की आग थी।
उन्होंने मेरे होंठों पर होंठ से किस कर दिया।

मुझे भी अब हिम्मत मिल गई।
मैंने उनकी गर्दन को अपनी तरफ करके होंठों पर होंठ कस दिए और चूसने लगे।
दोनों एक दूसरे के मुंह में जीभ डालने लगे।
बहुत मजा आ रहा था।

नीचे से मामी लंड को सहला रही थी और ऊपर से हमारे होंठ मिले हुए थे।
लगभग 10 मिनट तक होंठों की चुसाई चलती रही।

फिर मैंने होंठ हटा दिए।
वो बोली- क्या हुआ?
मैंने कहा- कुछ नहीं, मुझे पता है कि आपको भी सेक्स करना है।
वो बोली- कैसे?

मैं बोला- मैं आपको बस उकसा कर देख रहा था। आपको भी चुदाई का मन हो रहा है, मुझे पता चल गया है। अब आ जाओ मेरे पास!

यह बोलकर मैंने मामी को अपनी तरफ खींच लिया और ब्लाउज के ऊपर से ही चूचियों को दबाने लगा।
मैंने ब्लाउज को खोल दिया और चूचियां नंगी कर लीं।

अब मैं मामी की नंगी चूचियां पीने लगा।
कुछ देर चूची पीने के बाद मैंने उनका पेटीकोट भी निकलवा दिया।
वे अब केवल पैंटी में थी।

मैंने मामी को नीचे पटक कर पागल कुत्ते की तरह उनके बदन पर हमला बोल दिया, उनके बदन को जहां-तहां चूमने लगा … कभी गर्दन तो कभी चूची, कभी पेट तो कभी जांघें!

मामी जैसे तड़प उठी।
वे भी बार-बार मेरे बालों को सहला रही थी।
कभी मुझे अपने ऊपर खींच कर मुझे बांहों में कस लेती थी और चूमने लगती थी।

मामी की चूत की गर्मी अब बढ़ती ही जा रही थी।

अब बारी मामी की चूत नंगी करने की थी।
मैंने मामी की पैंटी को खींचकर अलग कर दिया।

अब मामी पूरी तरह से नंगी थी।
मैंने भी अपने कपड़े निकाल फेंके और पूरा नंगा हो गया।

एक बार फिर से मैं मामी के बदन पर टूट पड़ा।
फिर किस करते हुए धीरे-धीरे चूत तक चला आया।

मामी की चूत पर हल्के बाल थे और वो बहुत प्यारी लग रही थी।
मैंने चूत को हथेली से सहला दिया तो मामी सिहर उठी।

तब मैंने चूत में उंगली से हल्का सा कुरेद कर देखा तो चूत अंदर से गीली लगी जिससे मेरा जोश और ज्यादा बढ़ गया।

मैंने चूत में मुंह लगा दिया और उसको चाटने लगा।
मामी का बदन सिहर उठा।
वे मेरी जीभ के हर वार के साथ मचल जाती थी।

मैं भी चूत में जीभ दे-देकर चूत के रस का स्वाद ले रहा था।
मामी पागल सी होती जा रही थी, मेरे सिर को बार-बार चूत में दबा रही थी।
कभी वे अपनी जांघों को भींच लेती तो कभी अपनी चूचियों को खुद ही सहलाने लगती थी, कभी निप्प्लों को मरोड़ देती थी।

चुदाई के लिए मामी तैयार हो चुकी थी।
या यूं कहूं कि मामी को अब बिना लंड के चैन नहीं मिलने वाला था।

मैंने मामी की चूत को चाट चाटकर पाव रोटी की तरह फुला दिया था।

चूत और ज्यादा रसीली लग रही थी।

फिर मैंने अपना लंड मामी की चूत पर लगा दिया, उनकी फूली हुई चूत पर मैं अपना लंड ऊपर नीचे फिराने लगा।

दोस्तो, कसम से बड़ा मजा आ रहा था ऐसी चुदासी चूत पर लंड फिराने में!

वे बोली- अब ऐसे ही करते रहोगे या चुदाई का मजा भी दोगे?
मैं बोला- पहले मेरे हथियार को तो थोड़ा मजा दे दो मामी … इसे तैयार तो कर दो चूत में खुदाई करने के लिए!

मामी समझ गई।
वे उठी और लंड को मुंह में भरकर चूसने लगी।

आह्ह … मामी ने गर्म मुंह में लंड लिया तो मैं जन्नत की सैर पर निकल गया।
ऐसा मजा दे रही थी मामी कि बस चूत फाड़ने का मन कर रहा था।

मेरे मुंह से सिसकारियां फूटने लगीं- आह्ह … आह्ह … आह ओह्ह मामी … मस्त चूस रही हो यार … आह्ह!
मैंने अब देर न की और लंड मुंह से निकलवा कर मामी को घोड़ी बना लिया।

पीछे से मैंने चूत में लंड को घुसा दिया।
मामी को लंड लिये शायद काफी समय हो गया था; मामी की चूत काफी टाइट थी।

मैंने एक धक्का जोर से मारा तो लंड मामी की चूत में पूरा घुस गया।
मामी की जोर से चीख निकल गई- आई ईईई मर गईई ईई … आआ आआ … ऊईईई निकाल कुत्ते … फाड़ दी।

मगर मैंने मामी पर कोई दया नहीं की।
मैंने मामी के बाल पकड़ लिए और लगा चूत चोदने!

मामी को दर्द हो रहा था और वे हर धक्के के साथ आह-आह … आह्ह आईई … करके चिल्ली रही थी।

मुझे चीखों का भी कोई डर नहीं था क्योंकि घर पर हमारे अलावा कोई भी नहीं था।

मैं मामी को चोदता रहा और 5 मिनट बाद उन्हें भी मजा आने लगा।

मैंने मामी को अब नीचे धकेल दिया और वे पेट के बल लेट गई।
मैं ऊपर लेट कर मामी की चुदाई करने लगा।

लंड चूत में जाकर गहराई नापता तो मैं जन्नत के अहसास में डूब जाता था।

चोदते हुए मैं मामी के बूब्स भी दबा रहा था।

फिर मैंने मामी को पलटा और मिशनरी में कर लिया।
मैं पेट पर लेटकर मामी की चुदाई करने लगा और चोदते हुए होंठ चूसने लगा।

मामी अब लंड के नशे में मस्त हो गई और बोली- आह्ह … ओहह आह्ह … और करो … करते रहो … आआह्ह चोदो … मजा आ रहा है … ऐसी चुदाई कोई और नहीं कर सकता … आह!

आधे घंटे तक मामी की चूत मारने के बाद मैं अंदर ही झड़ गया।
फिर मैं उनके ऊपर ही लेट गया।

हम दोनों ऐसे ही नंगे सो गए।

जब नींद खुली तो हम दोनों साथ में नहाने गए।
दोनों ने एक दूसरे को साबुन लगाया और फिर सहलाया।
उसके बाद हम नहाकर बाहर आ गए।

फिर हमने कपड़े पहने।

मैंने देखा कि मामी लंगड़ा कर चल रही थी।
तो मैंने पूछा- क्या हुआ मामी?
वो बोली- कुछ नहीं, दर्द हो रहा है थोड़ा!

फिर मैंने उनको एक दर्द की गोली दे दी।
वे दवाई लेकर चली गई अपने रूम में!

उसके बाद मैंने कई बार मामी की चूत चुदाई की।

मामी की गांड चोदना अब मेरा अगला मकसद था।

 

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शादी में मॉम को लंड की गर्मी दी- 1



मेरा नाम राज है और मैं 20 साल का हूँ. मेरी हाइट 5 फीट 7 इंच है. मैं अभी कॉलेज में पढ़ता हूँ.

मेरी फैमिली में 4 लोग हैं. मैं, मेरी दीदी सोनिया, मॉम आरती और मेरे पापा सुमित (57 साल) हैं. पापा अपनी जॉब के सिलसिले में बाहर रहते हैं और कभी कभार ही घर आ पाते हैं.
वे साल में एक या दो बार ही घर आ पाते हैं.

जब भी वे घर आते हैं, उस दिन पूरी रात मॉम की चीखें और कामुक सिसकारियों की आवाज़ घर में गूँजती है.
उनकी मदभरी आवाजों को सुनकर मैं और मेरी दीदी समझ जाती हैं कि क्या चल रहा है.
मैं और मेरी दीदी आपस में एक दूसरे से सब तरह की बातें साझा कर लेते हैं.

यह मां बेटे का सेक्स कहानी मेरी और मेरी मॉम के बीच की है और हमारे बीच का यह रिश्ता सितंबर 2022 से चल रहा है.
यह मॅाम सन एडल्ट स्टोरीज एक सच्ची घटना है.

अब पापा का रूटीन कुछ और ज्यादा बदल गया है, वे 2 या 3 साल में कुछ दिन के लिए ही आ पाते हैं.
जब पापा घर पर नहीं होते हैं, तो मॉम चुप-चुप सी ही रहती हैं क्योंकि उनको उनके विवाहित जीवन का सुख नहीं मिल पाता है.

मेरी मॉम की फिगर 36-30-38 की है और उनके दूध एकदम कसे हुए हैं.
मैंने देखा है कि उनके स्तनों का रंग एकदम दूधिया है और निप्पल किशमिशी रंग के हैं.

मॉम अपने शरीर की साफ सफाई का बहुत ख्याल रखती हैं.
वैक्सिंग तो उनको हर महीने करवानी ही होती है.

उनके चेहरे पर एक प्यारी सी स्माइल और होंठों पर एक तिल किसी का भी मन मोह लेगी.
उनकी पैंटी भी एकदम मस्त होती है.

वे साड़ी एकदम चुस्त पहनती हैं, जिस वजह से उनकी साड़ी के ऊपर से ही उनकी पैंटी की लाइन साफ दिखाई देती है.

मेरी मॉम घर में साड़ी ही पहनती हैं. वे साड़ी अपनी नाभि से थोड़ा नीचे ही पहनती हैं, जिसे देख कर मैं मुठ मारने पर मजबूर हो जाता हूँ.
कभी कभी मेरी मॉम कुर्ती और लैंगिंग्स भी पहनती हैं जिसमें से उनकी पैंटी का आकार साफ साफ दिखाई देता है.

तब तक मैंने उनकी चूत ढंग से नहीं देखी थी लेकिन कभी कभी उनकी चूत की झलक दिख जाती थी.
जब वे पौंछा लगाती हैं या घर के अन्य काम करती हैं, जैसे कपड़े धोते हुए … तब उनकी चूत की पंखुड़ियां दिखने लगती हैं.

उनकी चूत की फांकें किसी गुलाब की पंखुड़ियों की तरह लाल दिखाई देती हैं. बिल्कुल ऐसी, जैसे किसी ने स्ट्रॉबेरी कलर की टॉपिंग उनकी चूत पर मल दी हो.

मॉम की चूत का रंग आम चूतों की तरह काला नहीं है, उनकी चूत एकदम गोरी है. बिल्कुल उनके शरीर की तरह.

उनका लेज़र हेयर रिडक्शन ट्रीटमेंट यानि झांट व अन्य बाल का स्थाई रूप से सफाई वाला कार्यक्रम भी चल रहा है.

यही हाल मेरी दीदी सोनिया का है, उनका भी यही ट्रीटमेंट चल रहा है.

मेरी दीदी भी मॉम पर ही गई हैं, गोरा बदन, पतली कमर एकदम शोला बदन.

मेरी दीदी की उम्र 24 साल की है, वह भी अभी आर्ट्स कॉलेज में स्टडी कर रही हैं.

मैं अपनी मॉम से बहुत प्यार करता हूँ और वे भी मुझसे बहुत प्यार करती हैं.
वे मुझे दीदी से थोड़ा ज़्यादा चाहती हैं.
लेकिन उनकी केमिस्ट्री दीदी के साथ ज़्यादा अच्छी बैठती है.
चूंकि वे दोनों महिलाएं हैं और मैं एक मर्द हूँ.

तब भी दीदी मुझसे बहुत ज़्यादा दोस्ताना होकर बात करती हैं और मेरा बहुत ख्याल भी रखती हैं.

मैं हमेशा अपनी मॉम के साथ शरारतें करता रहता हूँ. इसी बहाने कभी कभार मैं उनके स्तन, उनकी गांड और उनकी बॉडी को छूने व महसूस करने की कोशिश करता रहता हूँ … साथ ही उनके शरीर की खुशबू लेने का मौका भी मिल जाता है, तो छोड़ता नहीं हूँ.

जैसे मैं कभी मॉम की गोद में सिर रखकर उनकी नाभि को किस करने लगता हूँ और उनकी गोद में लेटे लेटे ही उनकी चूत की खुशबू लेने लगता हूँ.
जब कभी मॉम किचन में होती हैं, तो उन्हें पीछे से हग कर लेने में मैं एक मिनट की भी देरी नहीं करता हूँ.

वे भी मुझे कभी नहीं रोकती हैं.

कभी कभी मॉम को गाल पर किस करना या उनके होंठों पर किस कर देना भी आम बात है.
मेरी मॉम बचपन से ही मेरे होंठों पर किस करती आ रही हैं तो यह सब स्वाभाविक ही लगता है.
इसी बहाने से मैं मॉम की गांड को भी टच कर लेता हूँ.

मुझे पता नहीं था कि मॉम को यह सब किस तरह से महसूस होता था.
लेकिन हां, कभी कभी वे गुस्सा ज़रूर हो जाती थीं और कभी कभी हमारे बीच छोटी मोटी लड़ाई भी हो जाती थी.

फिर मुझे ही मॉम को मनाना पड़ता था.

मेरी ये सारी हरकतें मेरी दीदी नोटिस कर रही थीं, यह बात मुझे नहीं मालूम थी.

एक दिन जब मैं घर पहुंचा तो उस वक्त मेरी मॉम पौंछा लगा रही थीं.
उस वक्त मॉम की साड़ी घुटनों तक थी और वे झुक कर अपना काम बिंदास कर रही थीं. उस तरह से झुके होने से उनके मम्मों की घाटी भी मस्त दिखाई दे रही थी.

मैं उनके सामने ही सोफ़े पर बैठ गया और अपना फोन चलाने का नाटक करने लगा.
दरअसल मैंने मॉम की गोरी गोरी चूत को देखने को कोशिश कर रहा था.
हालांकि मॉम ने भी मुझे नोटिस कर लिया था लेकिन वे कुछ नहीं बोलीं.

उसी दरमियान ये सब मेरी दीदी भी नोटिस कर रही थीं.
तभी अचानक से मेरी दीदी उसी टाइम मेरे पास आईं और मुझे खींच कर अपने रूम में ले गईं.

उस दिन दीदी ने दो तीन थप्पड़ मार दिए.
दीदी बोलीं- सोनू तुझे शर्म भी नहीं आती है क्या? तुझे पता भी है कि तू क्या कर रहा था? वे हमारी मॉम हैं और तू उनके साथ ऐसी हरकतें कर रहा था? मैं तुझे बहुत टाइम से नोटिस कर रही थी. मुझे लगा कि तू अभी छोटा है, अभी छोड़ो … लेकिन तुम तो यार एकदम … छी: हो सोनू!

मैं रोते हुए बोला- सॉरी दीदी, प्लीज आप मॉम को मत बताना!
दीदी- लेकिन सोनू, तू ये सब क्यों करता है … मुझे साफ-साफ बता!

मैं- दीदी सॉरी अब फिर से नहीं होगा!
दीदी- मैंने जो पूछा है, वह बता!

मैं- दीदी मुझे मॉम अच्छी लगती हैं. मैं उन्हें बहुत प्यार करता हूँ.

दीदी- सोनू ये लव नहीं, लस्ट है … तू बहुत बिगड़ गया है … कंट्रोल कर खुद पर!
मैं- सॉरी दीदी.

दीदी मुझे चुप करवाती हुई बोलीं- देख सोनू … पापा दो साल से घर नहीं आए हैं. इस वजह से मॉम कभी कभी दुखी रहती हैं. तू यह सब तो जानता ही होगा?
मैं- हां दीदी!

दीदी- तेरी हरकतों कि वजह से कभी कभी मॉम खुश हो जाती हैं, तो कभी-कभी गुस्सा भी होती हैं.
मैं- दीदी मैं समझा नहीं!

दीदी- मैं चाहती हूँ कि तू ये सारी हरकतें जारी रख, इसी बहाने मॉम खुश रहेंगी. लेकिन बस लिमिट में … आख़िर कर वे मॉम है हमारी. उन्होंने हमारे लिए इतना कुछ किया है!

मैं दीदी की तरफ हैरान होकर देख रहा था कि मां बेटे का सेक्स पर दीदी के क्या विचार हैं.
दीदी मुस्कान देती हुई देखने लगीं.

मैंने कहा- ठीक है दीदी.
इस पर दीदी ने आंख दबा दी.

उसी दिन मेरे गांव से मेरे भाई यानि कि मेरी बड़ी मम्मी के लड़के की शादी की खबर भी आ गई.
उस शादी में हमारी पूरी फैमिली को जाना था.

बड़ी मम्मी ने हमें दो दिन पहले आने का बोल दिया था.

मेरी मॉम और बड़ी मम्मी आपस में बहनों जैसा प्यार है.

बड़ी मम्मी मेरी मॉम को अपनी छोटी बहन जैसा ही मानती हैं और बहुत ख्याल भी रखती हैं.

हम दोनों ने भी गांव जाने की तैयारी शुरू कर दी और शादी के लिए शॉपिंग भी कर ली थी.

मैंने शाम को ट्रेन के टिकट भी बुक कर लिए.
हम सभी को गांव के लिए दूसरे दिन सुबह निकलना था.

सुबह मॉम ने ब्रेकफास्ट बनाया और रास्ते के लिए खाना भी.
हम लोग रेलवे स्टेशन पर पहुंच गए और ट्रेन का इंतजार कर रहे थे.

समय पर ट्रेन आ गई और हम लोग ट्रेन में बैठ गए.
करीब 6 घंटे बाद हम सब अपने गांव पहुंच गए.

मेरा भाई, जिसकी शादी थी, वह हमें स्टेशन पर लेने आया था.
जैसे ही हम सब अपने गांव वाले घर पर पहुंच कर सब बहुत खुश लग रहे थे.

लेकिन मेरे बड़े पापा थोड़े उदास थे कि मेरे पापा नहीं आए थे.
बड़ी मम्मी ने मॉम को हग करके हम सबका स्वागत किया.

फिर हम दोनों ने खाना खाया और आपस में बातचीत करने लगे.

दीदी और मॉम का बिस्तर बड़ी मम्मी ने एक कमरे में लगवा दिया.
उस टाइम गांव में बहुत ठंड पड़ रही थी.

हम दोनों ने अपने कमरे का दरवाजा लगा दिया ओर मैंने मॉम को एक टाइट हग किया क्योंकि पूरे दिन मैं मॉम से दूर था.
उस टाइम मेरा लंड भी टाइट हो गया था जिसे मॉम ने नोटिस कर लिया था.

दीदी ये सब देख कर हंसने लगीं- मॉम, सोनू तो आपके बिना एक दिन भी नहीं रह सकता!
मॉम ताना मारती हुई बोलीं- मैंने ही इसकी हालत खराब कर रखी है.

उनकी बात को हम दोनों भाई बहन सुनकर चुप रह गए.

फिर हम तीनों लोग सो गए क्योंकि हम बहुत थके हुए थे.
सुबह जल्दी उठना भी था और शादी की तैयारियां करनी थीं.

अगले दिन शादी थी और गांव में ही एक बड़ा सा गार्डन बुक हो चुका था.

मॉम शादी की तैयारियों में व्यस्त थीं और इधर मैं उनको चोदने का प्लान बना रहा था.

मैं अपनी मॉम की हेल्प भी कर रहा था सारा काम भी मुझे ही करना था क्योंकि मेरी भाई की शादी जो थी.
काम के दौरान मैं मॉम की गांड और कमर को देख रहा था.

थोड़ी देर बाद मैं काम करते करते काफ़ी थक गया था.
तो मॉम बोलीं- बेटा कितना काम करेगा, थोड़ी देर आराम भी कर ले. तू कमरे में जा, मैं तेरे लिए कॉफी लेकर आती हूँ.

फिर मैं अपने काम खत्म करके अपने कमरे में आ गया.
जल्द ही मैं फ्रेश हो गया क्योंकि मुझे अब फ़ंक्शन में जाना था.

शाम के आठ बज गए थे तो मैं अपने कपड़े ढूंढ रहा था.
मुझे जीन्स तो मिल गई थी, पर शर्ट नहीं मिल रही थी.

इतने में मॉम रूम में आईं और वे बोलीं- क्या हुआ?
मैं- मुझे मेरी शर्ट नहीं मिल रही है.

मॉम- तुम कॉफी पियो … तब तक मैं ढूंढ देती हूँ.

मैंने कॉफी खत्म की, तब तक उनको मेरी शर्ट मिल गई.
वे शर्ट के बटन खोल रही थीं.

मैं- लाइये मुझे दे दीजिए, यह मैं खुद कर लूँगा.

वे कुछ नहीं बोलीं और बटन खोलती रहीं.
फिर वे मेरे करीब आईं और मुझे शर्ट पहनाने लगीं.

मैं बस उनके बदन से आ रही महक का आनन्द ले रहा था.
अब वे खुद मेरी शर्ट के बटन भी लगा रही थीं.

इतने में वे मेरे इतने पास आ गई थीं कि मुझे उनके पर्फ्यूम की महक अन्दर तक मदहोश करने लगी थी.
आज मॉम कुछ ज़्यादा ही हॉट लग रही थीं.

मैं- मॉम, आपका पर्फ्यूम तो काफ़ी अच्छा है!
यह सुन कर वे शर्मा गईं.

वे बोलीं- पागल … तूने कितनी बार इस पर्फ्यूम की तारीफ की है लेकिन थैंक्यू … अब मुझे कपड़े चेंज करने हैं.
मैं- क्यों कपड़े क्यों चेंज कर रही हो? आप तो इन कपड़ों में ही काफ़ी अच्छी लग रही हो.
मॉम- नहीं रे पागल, मैं नई ड्रेस पहनूँगी.

बस अब उन्होंने मुझे ऐसे ही नॉर्मली हग करके छोड़ दिया.
पर हग करते हुए मेरा लंड अब खड़ा हो गया था इसलिए मेरा हाथ खुद ब खुद उनकी कमर पर चला गया.
इस पर वे कुछ नहीं बोलीं.

फिर मैं वहां से बाहर आ गया और वे अपने कपड़े चेंज करके फ़ंक्शन में आ गईं.
वहां पर मेहमानों का स्वागत करने की ज़िम्मेदारी मेरी थी.

करीब दस बजे मैरिज गार्डन में मॉम ओर दीदी की एंट्री हुई.
मॉम को देख कर मेरा मुँह सूख गया था और लंड भी खड़ा हो गया था.

मॉम ने बेबी पिंक कलर की साड़ी के साथ सफेद फूलों वाला स्लीवलेस और बॅकलेस ब्लाउज पहना था.
इस ड्रेस में मॉम बहुत हॉट लग रही थीं.
इतनी ठंड में उनके पास सिर्फ़ एक छोटी सी शॉल थी.

दीदी ने भी पिंक कलर का लहंगा पहना हुआ था.

मैं गेट पर खड़ा था.
मॉम और दीदी भी करीब आ गए थे और दोनों ही मुझे देख कर हंस रही थीं.

दीदी मेरे कान में आकर बोलीं- ओए पागल, नीचे देख … अपने पप्पू को शांत करा!

बस दीदी स्माइल देती हुई चली गईं.
मैं भी उन दोनों के पीछे पीछे चल दिया.

पूरे फ़ंक्शन में मैं मॉम के साथ रहा और उनके पीछे पीछे ही घूमता रहा.

मैं बार बार मॉम को ही नोटिस कर रहा था.
मॉम भी मुझे नोटिस कर चुकी थीं.

तभी दीदी ने मॉम को आवाज़ दी क्योंकि बारात आ चुकी थी.
मैं भी मॉम के पीछे पीछे चला गया.

मॉम के स्लीवलेस व बैकलेस ब्लाउज को देख कर मन ही मन अपनी वासना को पंख लगा रहा था.

उनकी बाहर को निकली हुई गांड देख कर मेरा दिल मचल रहा था.
मैंने सोचा क्यों ना आज चांस लिया जाए और मैंने मॉम की गांड को अपने हाथों से दबा दिया.

मॉम झटके से मेरी तरफ़ पलटीं और पूछने लगीं- क्या हुआ?
मैं बहुत डर गया था लेकिन मैंने कुछ दूसरी बात शुरू कर दी, जैसे दुल्हन अच्छी लग रही है.
लेकिन मॉम को वह सब महसूस हो गया था जो मैं कर रहा था.

मॉम ने मुझे हल्का सा थप्पड़ मारा और वे चली गईं.
जाते हुए उन्होंने एक स्माइल भी दी.

उनकी स्माइल मुझे कुछ कर गुजरने पर मजबूर कर रही थी.
 
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