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आप केसी सेक्स स्टोरी पढना चाहते है. ??

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junglecouple1984

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सबसे छोटी मामी जी को बीहड़ में पेला- 2





स्टोरी के पहले भाग

में आपने पढ़ा कि मैं सबसे छोटी मामी की चूत मारना चाहता था. इसके लिए मैंने बड़ी मामी की मदद ली.

छोटी मामी के साथ मैं जंगल में जा रहा था बेर लाने. बड़ी मामी ने ही उनको मेरे साथ जाने को कहा था.

अब आगे मामी की चुदाई स्टोरी:

मामी जी ने नीले रंग की साड़ी पहनी हुई थी जिसमें वो बहुत ज्यादा कामुक लग रही थी।

हम खेतों के रास्ते से होकर बीहड़ की ओर जा रहे थे। मामी जी मेरे आगे आगे चल रही थी और मैं मामी जी के थोड़ा पीछे पीछे चल रहा था।

जब मामी जी चल रही थी तो उनकी गांड बहुत ज्यादा मटक रही थी। मामी जी की गांड को देख देखकर मेरा लन्ड बेकाबू हो रहा था। मैं मेरे लंड को मसल मसलकर चल रहा था। दिल तो कर रहा था कि यही रास्ते में ही मामी जी की चूत में लंड पेल दूं.
लेकिन मैं मेरे लन्ड को दिलासा दे रहा था कि थोड़ी देर रुक जा, फिर तुझे मामी जी की चूत से ज़रूर मिलवाऊंगा।

इस तरह मामी जी की चूत के ख्यालों में खोता हुआ और मामी जी गांड को मटकाती हुई हम दोनों बीहड़ में पहुंच गए।

बीहड़ में बेर की बहुत सारी झाड़ियां थी जो बेरों से लदी हुई थी। बीहड़ में कुछ खाइयां और बहुत सारे पेड़ों के झुरमुट भी थे।
अब हम दोनों बेर तोड़ तोड़कर खाने लगे।

मामी जी मेरे साथ बातें करती हुई बेर तोड़ रही थी.
लेकिन मेरा ध्यान तो ये सोचने में लगा हुआ था कि अब मैं मामी जी को कैसे पेलूं?

मामी जी बीच बीच में बेर तोड़कर मुझे भी खिला रही थी और कह रही थी- ये खा कर देख, ये बेर बहुत ज्यादा मीठा है।

जब मामी जी बेर तोड़ती तो मैं उनकी मस्त दमदार गांड को घूर रहा था। मामी जी की मस्त गांड को देख देखकर मेरा लन्ड फनफना रहा था।

अब तो बहुत तीव्र इच्छा से मेरा लन्ड मामी जी की चूत मांगने लगा।

लेकिन उर्मिला मामी जी इतनी आसानी से चूत कैसे दे देगी? मुझे इस बात की बड़ी चिंता हो रही थी।
आखिरकार चूत मामी जी की सबसे ज्यादा अनमोल चीज है और वो इस अनमोल चीज को इतनी आसानी से तो नहीं देगी।
यह सोचकर सोचकर मेरी धड़कनें बढ़ रही थी।

तभी मामी जी जैसे ही बेर तोड़कर पीछे की ओर सरकी तो उनका पैर खड्डे में पड़ गया और मामी जी नीचे गिरने लगी. मामी जी के हाथ में से सारे के सारे बेर नीचे बिखर गए।

ठीक उसी समय मैंने तुरंत अपनी मामी जी को हाथों में थाम लिया।

जैसे ही मैंने मामी जी को पीछे से पकड़ा तो मेरा एक हाथ अनायास ही मामी जी के बोबे पर पहुंच गया।

तब मैंने सोचा यही सही मौका है; मसल देता हूं मामी जी के रसीले बोबों को।
मैंने हिम्मत करके मामी जी के बोबों को मसल दिया।

आह … क्या मस्त मुलायम बोबे थे मामी जी के! मुझे तो मज़ा आ गया।
मेरे तो तन बदन में आग लग गई और मेरा लन्ड अब तो मामी जी को पेलने के लिए फड़फड़ाने लगा।

स्तनों को मसलते ही मामी जी गुस्से से लाल पीली हो गई और अपने आप को मेरी बांहों में से छुड़ाकर खड़ी हो गई।

मामी जी मुझे डांटने लगी- तुझे शर्म आनी चाहिए। मैं तेरी मामी हूं और तू मेरे साथ ऐसा कर रहा है। तुझे तो बड़े छोटे और रिश्तों की ज़रा भी लिहाज नहीं है? बहुत बदतमीज हो गया है तू तो!
मैं- मामी जी, वो गलती से हो गया। मैं क्या करूं … आपको देखकर मैं बेकाबू हो गया।

मामी जी- तूने मुझ में ऐसा क्या देखा कि तू बेकाबू हो गया? सम्हाल अपने आप को!
मैं- मामी जी, मुझे आप बहुत अच्छी लगती हो। आप ऊपर से लेकर नीचे तक एकदम मस्त माल हो।

मामी जी- पागल हो गया है तू तो। मैं कोई 18 साल की लड़की नहीं हूं जो तुझे मैं इतनी अच्छी लगती हूं। अगर इतना ही बेकाबू हो रहा है तो कोई लड़की ढूंढ ले। उसके साथ जो जी में आये कर … यहाँ रिश्ते क्यों खराब कर रहा है?
मैं- मामी जी मैं क्या करू? मुझे तो आप ही सबसे अच्छी लगती हो। मामी जी प्लीज एक बार आपकी चूत दे दो ना!

यह सुनकर मामी जी और भी ज्यादा गुस्से से लाल पीली हो गई- अपने मुंह को बंद रख। शर्म नहीं आती तुझे मुझे ऐसा कहते हुए। अभी बच्चा है तू! ये सब करने की तेरी उम्र नहीं है।
मैं- मामी जी एक बार आप मौका तो देकर देखिए फिर आपको पता चल जाएगा कि मैं अभी बच्चा हूं या मर्द?

मामी जी- चुप रह चुप। अब आगे ज्यादा कुछ कहा तो तेरी शिकायत तेरे मामा जी कर दूंगी। चल अब चुपचाप बेर खा ले।

ये सुनकर मैं समझ गया कि मामी जी चूत देने के लिए तो तैयार है लेकिन अभी नखरे दिखा रही है। थोड़ी सी मेहनत और करनी पड़ेगी फिर तो पक्का मामी जी मेरे लन्ड के आगे टांगे चौड़ी कर देगी।

अब हम दोनों नीचे बैठकर गिरे हुए बेर बीनने लगे।

उस समय मामी जी मुझसे नजर नहीं मिला पा रही थी। शायद जो नहीं होना चाहिए था वो हो गया था।

अब हम वहां से आगे बढ़े।
हम बेर तोड़ते हुए आगे बढ़ रहे थे लेकिन अब मामी जी ज्यादा बात नहीं कर रही थी।

तभी मैंने मामी जी से कहा- मामी जी आप बुरा मत मानना। वो तो गलती से मेरा हाथ आपके बोबे पर लग गया था.
तो मामी जी ने कहा- चुप कर तू … मैं सब जानती हूं, तूने जानबूझकर ऐसा किया था।

मैं- नहीं मामी जी, वो गलती से हो गया था। प्लीज आप मामाजी को मत बताना।
मामी जी- तू चिंता मत कर। मैं किसी को नहीं बताऊंगी। लेकिन अपने आप पर काबू रख। ऐसी हरकतें करना तुझे शोभा नहीं देता.
मैं- ठीक है मामी जी। मैं मेरे ऊपर पूरा काबू रखूंगा।

अब मैं मेरे लन्ड को मसलता हुआ बेर खाए जा रहा था।
मैंने सोच लिया था कि मामी जी को आज ही पेलना है; बार बार ऐसा मौका नहीं मिलेगा। जो होना है वो हो गया; मामी जी जान चुकी है कि मैं उनकी चूत लेना चाहता हूं।

मैं बीहड़ में मामी जी को पेलने के लिए सही जगह तलाश करने लगा।

हम आगे बढ़ते जा रहे थे। वहां का सुनसान नजारा देखकर मुझे लगा कि अब मैं यहां मामी जी की चूत में लंड पेल सकता हूं लेकिन तभी गांव की कुछ औरतें और बच्चे बेर खाते हुए नजर आ गए। वो बेर खाकर वापस घर लौट रहे थे।

मामी जी कहने लगी- मैं रोहित को बेर खिलाने लाई हूं। अब ये भी कुछ दिन बाद घर जायेगा ना!

मैंने मन ही मन में सोचा कि मैं बेर नहीं आपकी चूत में लन्ड पेलने आया हूं।

तब मैंने मामी जी से कहा- मामी जी आगे चलते है ना! यहां बेर मीठे नहीं लग रहे है।
मामी जी- अरे ये मीठे ही तो है।
मैं- नहीं है, आपने कहा था कि पूरी बीहड़ में घुमाओगी। चलो मामी जी, आगे चलते हैं।
मामी जी- अच्छा ठीक है। चल।

अब हम बीहड़ में आगे की ओर जा रहे थे। थोड़ी देर में हम बीहड़ में बहुत आगे तक निकल गए।

वहां झाड़ियों पर बहुत सारे बेर लदे हुए थे। मामी जी मेरे आगे खड़े होकर बेर तोड़ रही थी।
मामी जी की मस्त गांड को देखकर मेरी जान हलक में आ रही थी। मामी जी की मस्त गांड के चक्कर में मेरा मुंह सूख रहा था।

तब मैं हिम्मत करके मामी जी के पीछे खड़ा हो गया और मामी जी की गांड में लंड सटाकर बेर तोड़ने लगा।

तभी मामी जी कहने लगी- रोहित तू क्या कर रहा है? मेरे पीछे मत खड़ा हो।
लेकिन मैं नहीं माना और लंड को और ज्यादा सख़्त तरीके से मामी जी की गांड में सेट कर दिया।

मामी जी आगे सरकने लगी।
तब मैंने हिम्मत करके मामी जी को बांहों में दबोच लिया और ज़ोर से मामी जी के उरोजों को मसल दिया।

मामी जी अपने आप को मुझ से छुड़ाने लगी। लेकिन मैं मेरी ऐसी मस्त मामी जी को कैसे छोड़ सकता था। आखिरकार मुझे तो मामी जी की चूत चाहिए थी।
मुझे मामी जी की गांड में लंड रगड़ने में बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था।
अब तक मेरा लंड कठोर औजार बन चुका था।

मामी जी- तू क्यों मेरे पीछे पड़ा हुआ है? आखिर तू चाहता क्या है?
मैं- बस मामी जी, एक बार मुझे आपकी चूत दे दो। मैं बस यही चाहता हूं।

मामी जी- तू तो पूरा पागल हो गया है। मैं तेरी मामी जी हूं और अपने बीच में ऐसा कभी नहीं हो सकता है।
मैं- हो सकता है मामी जी। आजकल तो भाई भी बहिन को चोद देता है तो मैं आपको क्यों नहीं चोद सकता। प्लीज मामी जी, दे दो एक बार। मेरा बहुत ज्यादा मन कर रहा है।
मामी जी- नहीं, बिल्कुल नहीं। तू मुझे छोड़। मैं प्यार से कह रही हूं।

मैं- मामी जी मैं भी प्यार से ही कह रहा हूं। एक बार आपकी चूत दे दो बस।
मामी जी- अरे यार, पहले तू मुझे छोड़!
मैं- लो, मामी जी मैंने आपको छोड़ दिया।

तब मामी जी मुझे समझाने लगी- देख हम दोनों का रिश्ता एक पवित्र रिश्ता है और तू इस रिश्ते को गन्दा मत कर। और अभी तेरी पढ़ने लिखने की उम्र है। इन बातो में ज्यादा ध्यान मत दे। थोड़ा सा खुद पर कंट्रोल रख।
ये सुनकर मैं थोड़ी देर के लिए चुप हो गया और अब हम बेर खाने के लिए आगे बढ़ गए।

ये बात मैं अच्छी तरह से जानता था कि मामी जी की चूत में आग लग चुकी है। बस ये केवल नखरे कर दिखा रही है।
तब मैंने सोचा यहां मामाजी को चोदने का सबसे अच्छा मौका है और अब मैं यह मौका हाथ से नहीं जाने दूंगा।

अब मैंने मामी जी को चोदने का प्लान बनाया। मैंने मन ही मन में सोचा की मामी जी को चोदने से पहले मामी जी को लंड दिखा दूँ जिससे मामी खुद चुदने के लिए तैयार हो जाए।

मामी मेरे आगे आगे चल रही थी। उनकी गांड बहुत ज्यादा मटक रही थी। मेरा लन्ड मामी जी की गांड को देख देख कर बहुत टाइट हो रहा था.

तभी मेरे दिमाग में एक खुरापाती आईडिया आया और मैं लंड को पकड़ कर चिल्लाने लगा.

तो मामी जी मुड़कर मेरे पास आई और मामी जी ने पूछा- अरे रोहित, क्या हो गया?
मैंने कहा- मामी जी मेरे पजामे के अंदर कोई कीड़ा घुस गया है और वो कीड़ा मुझे काट रहा है।
यह कहकर मैं ज़ोर जोर से लंड को मसलने लग गया।

मामी जी- अरे कीड़ा कब घुसा गया?
मैं- आह आह, अभी घुसा है। बहुत ज़लन हो रही है … आह आह!

मामी जी- अरे तो कीड़े को बाहर निकाल दे ना!
मैं- कीड़ा अंदर ही चिपक गया है मामी जी। बाहर नहीं निकल रहा है।

मामी जी- तो पजामे को खोल दे।
मैं तो यही चाहता था कि मामी जी पजामे को खोलने के लिए कहे। मैं तो कब से तैयार था।

मामी जी के कहते ही मैंने तुरंत मेरा पजामा खोल दिया।
आज मैंने जानबूझकर अंडरवीयर नहीं पहनी थी। जैसे ही मैंने पजामा खोला तो मेरा खतरनाक हथियार फुफकार मारता हुआ बाहर निकल आया।

मामी जी बिल्कुल मेरे सामने खड़ी थी। मेरे लन्ड को देखते ही मामी जी के चेहरे की हवाइयां उड़ गई।
उनका चेहरा पसीने से लथपथ हो गया और मुंह सुख गया। मामी जी एकदम से स्तब्ध हो गई।

मामी जी की निगाहें मेरे लन्ड पर टिक गई। शायद मामाजी का लन्ड इतना बड़ा नहीं होगा या फिर मामी जी ने पहली बार इतना मस्त लंड देखा होगा।
अब मामी जी कैसे चुदेगी? ये कहानी के आगे भाग में देखिए।
 
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junglecouple1984

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सबसे छोटी मामी जी को बीहड़ में पेला- 3



अब तक जंगल सेक्स कहानी के पिछले भाग
सबसे छोटी मामी को अपना लंड दिखाया
में आपने जाना कि मैं किस प्रकार उर्मिला मामी जी को चोदने के इरादे से जंगल में लेकर गया और फिर किस तरह से मैंने जानबूझकर मामी जी के उरोजों को दबा दिया था.

हम जंगल में बेर तोड़ते हुए आगे बढ़ रहे थे। मेरा लन्ड मामी जी की चूत की सैर करने के बैचेन हो रहा था लेकिन मामी जी चूत देने के लिए राजी नहीं थी।

दोस्तो, वो लंड ही क्या जो इतनी सुनसान जगह में भी चूत को लंड लेने के लिए नहीं मना सकें।
इतने सुनसान माहौल में तो अगर किसी चूत के पास लंड खड़ा हो तो वो चूत खुद ही लंड लपकने के लिए बेताब हो जाएगी।

मैंने पजामे में कीड़ा घुसाने का बहाना करके अपना पजामा उतार दिया. नीचे कच्छा नहीं होने के कारण मेरा खड़ा लंड मामी ने देख लिया.

अब जंगल सेक्स कहानी आगे:

तभी मैं लंड को मसलता हुआ मामी जी से कहने लगा- देखो मामी जी कीड़े ने मुझे कितना ज्यादा काटा है।
और ये कहकर मैंने मामी जी के पास आकर मेरे लन्ड को मामी जी को पकड़ा दिया।

मामी जी चुप थी। वो चुपचाप मेरे लन्ड को पकड़े हुए थी और लंड को देखने लगी।
मेरा लन्ड बहुत ज्यादा कड़क और गर्म हो रहा था।

शायद मामी जी मेरे लन्ड को देखकर होश खोने लगी थी।

थोड़ी देर बाद होश में आने के बाद मामी जी कहने लगी- कहां है कीड़ा?
मैं- मामी जी वो तो पजामे के साथ ही निकल गया। अब तो मामी जी … आपके सामने बड़ा खीरा है। अब आप ही सोचो इतने मस्त खीरे को खावोगी? या फिर इसे ऐसे ही छोड़ दोगी?

मामी जी ने कुछ नहीं कहा।

मैं समझ गया था कि मामी जी मेरे खीरे को खाने के लिए पूरी तरह से तैयार है।

तब मामी जी ने सोचकर कहा- लेकिन कोई देख लेगा तो मेरी बहुत ज्यादा बदनामी होगी।
मैं- मामी जी, यहां आप और मैं ही हूं। कोई दूसरा नहीं नहीं। तो इस बात की तो आप चिंता करना ही छोड़ दो।

मामी- तू मुझसे पाप मत करवा!
मैं- मामी जी ये कोई पाप नहीं है। मैं तो बस आपकी चूत को मेरे लन्ड से मिलवा रहा हूं।

मामी जी- अरे यार, तू नहीं मानेगा। तू मुझसे पाप करवा कर ही मानेगा।
अब मैं समझ चुका था कि मामी जी की चूत भी मेरे लन्ड को लीलने के लिए कुलबुला रही है।

फिर क्या था … मामी जी के कहते ही मैं तो खुशी से झूम उठा और उर्मिला मामी जी को बांहों में भर लिया।

अब मैं मामी जी के गुलाबी सुर्ख होंठों को खाने लगा। मुझे मामी जी के होंठों को चूसने में बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था।

इधर मेरे हाथ मामी जी की मस्त गदराई हुई गांड पर पहुंच गए और मैं ताबड़तोड़ मामी जी की गांड को मसलने लगा।
आह क्या मस्त गांड थी मामी जी की!
कसम से यारो … मज़ा आ गया।

अब मामी जी भी मेरा साथ देने लगी और वो भी धीरे धीरे मेरे प्यासे होंठों को पीने लगी।
मैं मामी जी के होंठों को ज़ोर ज़ोर से चूसने लगा।

अजब गजब नज़ारा था यारो … जिस उर्मिला मामी जी पर मैं कोई खास ध्यान नहीं दे रहा था आज उन्हीं मामी जी को चोदने के लिए मेरा लन्ड कुलबुला रहा था।
थोड़ी देर पहले जो मामी जी चुदने के लिए इतने नखरे दिखा रही थी वो अब मेरे लन्ड को देखकर चुदने के लिए तड़प उठी थी।

मुझे मामी जी के रसीले होंठों को चूसने में बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था। मामी जी भी लपक लपककर मेरे होंठों से प्यास बुझा रही थी।

इधर मेरा लन्ड मामी जी की चूत को टच कर रहा था।
दिल तो कर रहा था कि अभी के अभी मामी जी की चूत में लंड पेल दूं!
लेकिन फिलहाल मेरे लन्ड को चूत में जाने का कोई रास्ता नजर नहीं आ रहा था।

किस करने के बाद अब मैं मामी जी के साड़ी के पल्लू को उरोजों पर से हटाने लगा.
तभी मामी जी ने कहा- थोड़ा सा बड़ी झाड़ियों की आड़ में चल।

मैंने मामी जी की बात मान ली और मैं मेरा पजामा उठाकर लाया। फिर मैंने मामी जी को बांहों में उठाया और मेरा पजामा मामी जी के मुंह पर रख दिया।
अब मैं मामी जी को बांहों में उठाकर थोड़ी ही दूर बड़ी झाड़ियों के पास में चल दिया।

अजब गजब नज़ारा था यारो!
जो मामी जी थोड़ी देर पहले मुझे इतने प्रवचन दे रही थी; अब वो मामी जी चुदने के लिए चुपचाप मेरी बांहों में थी।
मेरा लन्ड बांस बनकर मामी जी को चोदने के लिए बेताब हो रहा था।

हम बेर की बड़ी बड़ी झाड़ियों की आड़ में पहुंच चुके थे।
मैंने मामी जी को बांहों से उतारकर नीचे घास पर लेटा दिया।

अब मुझसे सब्र नहीं हो रहा था। मेरा लन्ड अब बेकाबू हो चुका था।
मैंने तुरंत मेरी टीशर्ट खोल दी और मैं पूरी तरह से नंगा हो गया।

मामी जी मेरे लन्ड को देख रही थी। अब मामी जी की वासना की आग भभक चुकी थी।

मैंने तुरंत मामी जी की टांगों को ऊपर किया और टांगों को फैला दिया जिससे मामी जी की साड़ी और पेटीकोट खिसक कर कमर पर आ गए.
अब मामी जी की पेंटी बिल्कुल मेरे लंड के सामने आ गई। मामी ने हरे रंग की पैंटी पहनी हुई थी।

मामी जी की पैंटी देखते ही मेरा लंड चूत चोदने के लिए छटपटाने लगा।
अब मैंने मेरा मुंह मामी जी की चूत पे दे मारा और भूखे शेर की तरह पैंटी के ऊपर से ही मामी जी की चूत को किस करने लगा।

आह … पैंटी में से चूत की कितनी शानदार खुशबू आ रही थी। मैं तो चूत की खुशबू से ही पागल हो रहा था।

मैं ताबड़तोड़ मामी जी की चूत को चूम रहा था।

अब मामी जी भी धीरे धीरे मदहोश हो रही थी। मामी जी मेरे सिर में हाथ घुमाने लगी।

इधर मेरा लन्ड मामी जी की चूत में घुसने के लिए बैचेन हो रहा था। अब मैं मामी जी की चूत को नंगी करने के लिए आतुर हो रहा था।

अब मैंने मामी जी की पैंटी को पकड़ा और एक ही झटके में पैंटी को निकाल फेंका।
मामी जी की चूत मेरे सामने नंगी हो चुकी थी।
चूत को देखते ही मेरा लन्ड तूफान मचाने लगा।

गजब नज़ारा था यारो मामी जी की चूत का!

मामी की चूत एकदम कसी हुई थी जिसके चारों ओर झांटों का जंगल था। इन झांटों के जंगल ने चूत को चारों ओर से घेर रखा था। चूत की दोनों फांकों के बीच एक पतली सी, लंबी सी झील थी जिसमें पानी की बूंदें टपकना शुरू हो चुकी थी।

मैंने फिर से मामी जी की टांगों को पकड़कर चौड़ा कर दिया और चूत को चाटने लग गया।

आह … कितना मस्त मज़ा आ रहा था यारो!
कितनी मस्त रसीली चूत है मामी जी की!

मामी भी मदहोश होने लगी और चेहरे को इधर उधर करने लगी।
धीरे धीरे मामी जी सिसकारियां भरने लगी। अब मामी जी ने घास को मुट्ठियों में भींच लिया।

मैं ताबड़तोड़ मामी जी की चूत को चाट रहा था।
मामी जी लगातार सिसकारियां भर रही थी। मुझे मामी जी की चूत चाटने में बहुत ज्यादा मजा आ रहा था।

अब तक मामाजी की चूत बहुत ज्यादा गीली हो चुकी थी। अब मामी जी की चूत ने गरमागरम लावा छोड़ दिया था। मैंने चूत का गरमागरम लावा चाट चाट कर साफ कर दिया था।

तब मैंने मेरा मुंह मामी जी की चूत पर से हटा लिया।

अब मैंने मामी जी की चूत में मेरी एक साथ दो उंगलियां घुसा दी।

मामी जी की चूत में मेरी उंगलियां घुसते ही मामी जी दर्द से एकदम से कुलबुला उठी। मामी जी जोर जोर से चेहरे को इधर उधर करने लगी।

मैं लगातार मामी की चूत में उंगलियां अंदर बाहर करता जा रहा था। मामी जी की सिसकारियां बढ़ती जा रही थी।
मैंने मामी जी की चूत को उंगलियों से अच्छी तरह से चोद दिया।

अब मेरा लंड मामी जी की चूत में घुसने के लिए बेकरार हो रहा था लेकिन मैं मामी जी की चूत में लंड डालने से पहले मामी जी को अच्छी तरह की से निचोड़ना चाहता था ताकि मामी जी को मेरे लंड से हुई चुदाई याद रहे।

मैंने मामी के उरोजों को पकड़ा और जोर से मसल डाला।
मामी मेरे हाथों को उरोजों पर से हटाने लगी लेकिन मैं नहीं माना और जोर जोर से उरोजों को मसलता रहा।

मुझे मामी जी के कसे हुए उरोजों को मसलने में बहुत ज्यादा मजा आ रहा था। मामी जी के बोबे दूध से भरे हुए थे।
मैंने उरोजों को मसल मसल कर बुरी तरीके से कुचल डाला।

अब मुझसे सब्र नहीं हो रहा था। मैं मामी को नंगी करना चाहता था। अब मैं मामी की साड़ी को पेटीकोट में से बाहर निकालने लगा।

तभी मामी ने मेरा हाथ पकड़ लिया और साड़ी निकालने के लिए मना करने लगी।
मामी कहने लगी कि साड़ी मत उतार, ऐसे ही कर लेना।
लेकिन मैं नहीं माना।

मैंने कहा- मामी जी, अगर मैं आपकी साड़ी नहीं खोलूंगा तो मुझे आपको चोदने में मजा नहीं आएगा. इसलिए आप मुझे साड़ी खोलने दो।
मामी जी चुप हो गई।

तब मैंने मामी जी के हाथों को हटाया और साड़ी को पेटीकोट में से निकाल लिया.
लेकिन अभी भी मामी जी की गांड के नीचे साड़ी अटकी हुई थी।

तब मैंने मामी जी की गांड को ऊपर उठाया और पूरी साड़ी को निकाल कर एक तरफ फेंक दिया। अब मामी जी मेरे सामने सिर्फ पेटिकोट और ब्लाउज में ही थी।

तभी मैंने मामी जी को ऊपर उठाया और हाथ पीछे ले जाकर मामी जी के ब्लाउज के हुक खोल दिए।
ब्लाउज के हुक खुलते ही मामी जी का ब्लाउज मेरे हाथ में आ गया और मैंने मामी के ब्लाउज को एक तरह रख दिया।

अब मामी जी सिर्फ ब्रा पहनी हुई थी। तब मैंने ब्रा के ऊपर से ही उरोजों को पकड़कर बुरी तरह से निचोड़ डाला।

मामी के उरोजों को मसलने में मुझे बहुत ज्यादा मजा आ रहा था। अब मैं मामी जी के उरोजों पर ब्रा को नहीं रहने दे सकता था इसलिए मैंने ब्रा को भी उतार कर फेंक दिया।

अब मामी जी के मस्त मुलायम रस से भरे हुए बोबे मेरे सामने नंगे हो गए। मामी के उरोजों को देखते ही मेरा तो लंड फनफना उठा।

मैं मामी जी के स्तनों पर टूट पड़ा और जोर से पकड़ कर उरोजों को मसल डाला; मैं बुरे तरीके से उरोजों को रौंदने लगा।
मुझे मामी जी के रसीले उरोजों को मसलने में बहुत ज्यादा मजा आ रहा था।

जिन मामी जी को मैं इतने दिनों से चोदने के बारे में सोच रहा था वह मामी जी आज मेरे लंड के नीचे थी इसलिए आज मेरा लंड बहुत ज्यादा खुश था।

अब तक मैंने मामी जी के उरोजों को बुरी तरीके से मसल डाला था। मैंने दोनों उरोजों को मसल मसल कर लाल कर दिया था।

मामी जी चुपचाप होकर उरोजों को मसलवा रही थी।

अब मैंने मामी जी के बोबे को मुंह में भर लिया और निप्पल को चूसने लगा।
क्या मस्त बोबा है मामी जी का! कसम से यारो … मजा आ रहा था। बस मजा आ रहा था।
मैं भूखे शेर की तरह मामी जी के बोबे को चूस रहा था।

थोड़ी देर में मामी जी बिखर गई और बोबे में दूध भर आया। मैंने मामी जी के दूध को निचोड़ निचोड़ कर पी लिया। मामी जी का दूध बहुत ज्यादा मीठा था।

अब मैंने दूसरे बोबे को चूसना शुरू कर दिया। थोड़ी देर में बोबे में दूध भर आया और मैंने बोबे को निचोड़ कर पी लिया।
आज मैं अपने आपको बहुत ज्यादा खुश महसूस कर रहा था क्योंकि जिस मामी जी को मैं इतने दिनों से चोदने के बारे में सोच रहा था वह मामी जी आज मुझसे चूत चुदवाने वाली थी।

मामी के दूध को पीने के बाद मैं नीचे आया और मामी जी के पेटिकोट के नाड़े को खोलने लगा।

मैंने तुरंत ही मामी जी के पेटिकोट को खोलकर एक तरफ पटक दिया। अब मामी जी मेरे सामने बिल्कुल नंगी पड़ी हुई थी.
और मामी जी के सामने मेरा लंड चूत में घुसने के लिए तैयार खड़ा था।
 
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मेरी पहली चुदाई भतीजे के साथ




दोस्तो, मेरा नाम प्रिया है. मेरी उम्र 20 साल की है.
मैं अभी कमसिन कली हूं और मेरे छोटे छोटे चूचे और एकदम कसी हुई नन्हीं सी बुर थी.
मेरा गोरा रंग है और मैं दिखने में काफी सुंदर हूं.

मैं मध्य प्रदेश के मुरैना जिले से हूं.

अभी तक मैं सील पैक माल हुआ करती थी मगर अब मेरी चूत का उद्घाटन हो गया है.
यह शुभ काम करने वाला कोई और नहीं मेरा दूर के रिश्ते में लगता भतीजा अभय था.

यह कहानी मेरी और मेरे भतीजे की है जो मेरी ही उम्र का है.

इस कहानी में मैंने बताया है कि किस तरह उसने रात में सोते समय में मेरी चूत मार ली, मुझे फर्स्ट इन्टरकोर्स का मजा दिया. इस तरह से हमारा रिश्ता बुआ भतीजे की जगह बॉयफ्रेंड गर्लफ्रेंड का हो गया.

वह अपने माता पिता के साथ गांव से बाहर एक कस्बे में रहता है और मैं गांव में रहती हूं.

जनवरी का मौसम था.
सर्दी पड़ रही थी.

तभी एक दिन अभय घर आया.
उस समय मेरे घर कोई नहीं था.

उससे बात हुई तो पता लगा कि वह मेरी मम्मी के कहने पर मेरे घर में कुछ दिन रुकने आया है.

सब लोग वृंदावन घूमने के लिए गए हुए थे.
मैं घर पर अकेली थी इसलिए मेरी मां ने अभय को मेरे घर आने के लिए कह दिया था.

इस समय तक मेरे और अभय के बीच चुदाई को लेकर कोई सम्बन्ध या बातचीत नहीं थी.

रात हुई तो मुझे डर लग रहा था क्योंकि मैं अकेली थी.
मैंने अभय को अपने साथ अपने बिस्तर पर सुला लिया था.

रात में सर्दी से बचने के लिए हम दोनों एक ही कम्बल में चिपक कर लेट गए.

रात को उसने मुझे अपने आपसे कुछ ज्यादा ही चिपका लिया.
मैंने उससे इसका कारण पूछा, तो उसने कहा- यह मेरी आदत है. मैं अपने साथ सोने वाले को पकड़ कर सोता हूँ.

मैंने उससे कुछ नहीं कहा.
कुछ देर बाद मेरी नींद लग गई.

रात को मुझे मेरे पीछे कुछ अजीब सा लगा.
मैंने पलट कर देखा तो पाया वह बिना कपड़ों के सो रहा है. उसका लंड एकदम खड़ा था और मेरी पजामी में पीछे से घुसना चाह रहा है.

यह देख कर मुझे अजीब लगा मगर मैं भी यह सही मौका देख कर खुश हो गई.

मैं भी जवान थी और मेरी चुदास भी भड़कने लगी थी.

कुछ देर तक यूं ही उसके लंड की गर्मी का अहसास करने के बाद जब मुझसे न रहा गया तो मैं भी उठ खड़ी हुई और अपने कपड़े उतार दिए.

अब मैं केवल ब्रा और पैंटी में थी और अपने भतीजे से चिपट कर लेट गई.
इस बार मैं उसके सीने से सीना लगा कर लेट गई थी.

वह कड़ियल मर्द था और उसका सख्त सीना मेरे उरोजों को मींज सा रहा था.
उसका नंगा लंड मुझे मेरी पैंटी पर गड़ता सा महसूस होने लगा था.

मैं भी चुत पर कड़क लंड का अहसास पाकर गर्म होने लगी.
उसका लम्बा मोटा लंड था और मेरी बुर में टक्कर मार रहा था.

मैं अपनी पैंटी में छुपी हुई चूत को अभय के लंड पर धीरे धीरे घिसने लगी.
मेरी बुर ने नम होना शुरू कर दिया था और मेरी पैंटी चिपचिपी होने लगी थी.

यह शायद अभय ने समझ लिया था कि मेरी बुर चुदने के लिए तैयार होने लगी है.

थोड़ी ही देर में ही उसका हाथ मेरे चूचों पर आ गया और वह धीरे धीरे मेरे चूचों पर हाथ फेरने लगा.
मैं अपने चूचों पर उसके हाथ का मज़ा लेने लगी.

थोड़ी देर बाद वह मेरे मम्मों को दबाने लगा, जिससे मैं गर्म हो गई.

अब मैंने उसको अपनी बांहों में भर लिया तो वह मुझे किस करने लगा.
‘उम्म्म्मा … उम्ममाह …’

मैं अब तक बहुत गर्म हो चुकी थी और बुर से लगातार रस टपकने लगा था.

तभी उसका एक हाथ मेरी चूत के पास आ गया.
उसने अपनी एक उंगली मेरी पैंटी के बगल से अन्दर की और मेरी चूत में डाल दी.
मुझे हल्का सा दर्द हुआ तो मेरे मुँह से आह निकल गई.

वह ऐसे ही मेरी चूत में उंगली करता रहा और मुझे चूमता रहा.
मैं पानी छोड़ने लगी थी.

उसने मुझसे पूछा- आप पैक माल हो क्या?
मैंने हां में सर हिलाया.

उसने मेरे होंठों पर चुम्मी ली और बोला- अब ऐसे समझो कि हम कोई भी बुआ भतीजे नहीं हैं. बस दो पागल प्रेमी हैं.
मैं बोली- ऐसा क्यों … अगर बुआ भतीजे है तो क्या दिक्कत है?

अभय बोला- दुनिया के लिए हम दोनों बुआ भतीजे हैं. लेकिन अब से तू मेरी जान है … मेरी गर्ल फ्रेंड है.
मैं- हम्म … ऐसा है क्या?
अभय- हां.

मुझे यह सुन कर काफी अच्छा लगा और मैं मुस्कुरा दी.

वह मुझे जोर से गले लगा कर आई लव यू बोलने लगा.

मैं तब तो उससे इसके जवाब में कुछ नहीं बोली.
पर मुझे उसका आई लव यू कहना अच्छा लगा.

उसने भी उस रात कुछ नहीं किया.
बस मेरी बुर में उंगली की और मेरी चुत झाड़ कर अपनी उंगली को चाटने लगा.

मैंने कहा- उंगली क्यों चाट रहे हो?
वह बोला- माल टेस्टी है.

मैं कहना चाहती थी कि बुर का रस टेस्टी लगा रहा है तो सीधे बुर में ही मुँह क्यों नहीं लगा कर चाट ले रहा है.
जब मैं झड़ चुकी तो कुछ ही देर बाद उसने भी अपने लंड की मुठ मारी और माल को अपने कच्छे में ही टपका कर निढाल हो गया.
उस रात इससे अधिक कुछ नहीं हुआ और हम दोनों कपड़े पहन कर एक दूसरे से लिपट कर सो गए.

सुबह भी मैं इस सबके बारे में बहुत सोच रही थी.
तब तक उसने भी पूछ लिया.

अभय- ओहो मैडम जी, कुछ सोचा या फिर मज़े लेकर सो गईं?
मैं धीरे से मुस्कान दी और मैंने कहा- हां सोच लिया है.

अभय- अच्छा जी, फिर तो बताओ क्या सोचा है? अभी तक रात का जवाब तो दिया नहीं है!
मैं- आई लव यू टू.

अभय के चेहरे पर एकदम से मुस्कान आ गई.

मैं बेड पर लेटी हुई थी.
उसने मुझे अपनी ओर खींचा और प्यार करने लगा.

वह कहने लगा कि यदि रात को ही बोल दिया होता, तो रात को ही सिलाई उधेड़ देता.
मैं बस हंस दी.

वह मुझे किस करता हुआ मेरी शर्ट के ऊपर से दोनों चूचे दबाने लगा.

मुझे मजा आने लगा.
मैं भी अब उसको प्यार करने लगी और मैंने उसकी शर्ट खोल दी.

वह ऊपर से नंगा हो गया था.
वह मुझे चिपकाने लगा और चूमने लगा.

कुछ ही पल बाद उसने भी मेरी शर्ट उतार दी.
मैं ब्रा पहने थी … मेरे दोनों दूध बाहर निकलने को मचल रहे थे.

इसी तरह से प्रेमालाप करते हुए हम दोनों ने एक दूसरे के कपड़े उतारे और अपने बदन एक दूसरे से रगड़ने लगे.

कुछ पल वह अपनी अंडरवियर उतारकर मुझे अपना लंड दिखाने लगा.

मुझे लंड देख कर न जाने क्यों ऐसा लगा कि यही है वह यंत्र जो मेरी जरूरत को पूरा करेगा.

उसने धीरे धीरे मुझे किस करते करते मेरी ब्रा पैंटी कब उतार दी, मुझे पता ही नहीं चला.
मैं बस लंड को निहार रही थी.

अब वह मेरी तरफ देख कर बोला- मेरा बच्चा कितना प्यारा है!

उसके मुँह से ये प्रेम भरे शब्द सुनकर मैं थोड़ा शर्मा गई और अपने हाथों से अपनी चूत ओर चूचे छुपाने की नाकाम कोशिश करने लगी.

उसने एकदम से मेरा हाथ पकड़ा और मुझे लिटा कर कम्बल ओढ़ा लिया.

वह मुझे कम्बल के अन्दर लेकर चूमने लगा.
मैं अपने दोनों हाथों से उसकी पीठ दबाए हुई थी और टांगों से उसके पैर जकड़ी हुई थी.
इसलिए उसका लंड मुझे मेरी चूत पर महसूस हो रहा था.

अब वह मेरे एक चूचे को अपने मुँह में लेकर चूसने लगा.

मैं आआह … आह की आवाज़ निकालने लगी और सिसकारियां भरने लगी.
इतनी देर में मेरी चूत झड़ चुकी थी.

अब उसने अपना लंड मेरी चूत पर लगा दिया.
मैं कुछ कहती उससे पहले तो उसने लंड अन्दर कर दिया.

उसके लंड का सुपारा मेरी फांकों को चीरता हुआ जैसे ही अन्दर घुसा, मेरी दर्द भरी चीख निकल गई.
मैं दर्द से तड़फ उठी- आआहां … मर गई आआह … आह मेरी फट गई … आआह!

मगर अभी तो बस सुपारा ही बुर में घुसा था.
उसने जरा और दाब दिया तो उसका आधा लंड मेरी बुर को फाड़ता हुआ अन्दर घुस गया.

मेरी चूत से खून आने लगा था.
बहुत दर्द हो रहा था.
मेरी आंख से आंसू भी आने लगे थे.

अभय थोड़ा रुका और उसने वापस मेरी चूत में एक और तेज झटका देते हुए पूरा लंड अन्दर पेल दिया.
बस अब क्या था. मेरे तो मानो प्राण ही निकल गए थे.

अभय ने मेरे होंठों को चूमना शुरू कर दिया था जिससे मैं चिल्ला भी नहीं पाई.

वह कुछ देर रुका और उसने मुझे पुन: पेलना शुरू कर दिया.

कुछ समय के दर्द के बाद अब मैं लंड की रगड़ कर मज़ा लेने लगी.
मैं भी उसका साथ देती हुई ‘ऊ … आह …’ की आवाज निकालने लगी.

वह मेरी चूत को चोदे जा रहा था.
कभी वह मेरे होंठों को चूसता, तो कभी मेरे चूचे चूसने लगता.

वह यह सब बेहद प्यार से कर रहा था.

करीब आधा घंटा चले इस फर्स्ट इन्टरकोर्स का मजा लेने के बाद मैंने पानी छोड़ दिया.
मगर वह अभी भी मेरी चूत चोद रहा था.

करीब दस मिनट बाद वह भी मेरी चूत में झड़ गया.

कुछ देर बाद जब सांसें सामान्य हुईं तो वह उठ खड़ा हुआ और बिस्तर से नीचे खड़े होकर अपने लंड को सहलाने लगा.
मैं उसके कड़क होते लंड को देख रही थी.

वह लौड़े पर हाथ फेरते हुए बोला- चूसोगी?
मैंने साफ इंकार कर दिया.

उसने भी मुझे ज्यादा फोर्स नहीं किया.

मैं काफी थक चुकी थी और लंबी लंबी सांसें ले रही थी.

उसने बिस्तर में झुक कर मुझे अपनी बांहों में भरा और गोद में लेकर बाथरूम की तरफ चल दिया.

उसने मेरी चूत गर्म पानी से साफ की और चाटी भी.

फिर उसने मुझे वापिस लाकर बिस्तर पर लिटा दिया.

मैं कम्बल को केवल अपने मम्मों तक ओढ़ कर लेटी थी और काफी हॉट माल लग रही थी.

अब हम दोनों ने काफी देर तक बातचीत की.

कुछ ही देर में लंड ने फन उठाना शुरू कर दिया और उसका लंड मेरी बुर को प्यार करने लगा.

उसने अपने हाथ से लंड को पकड़ कर मेरी बुर में पेलना चाहा.
मैंने उसे रोका और कहा- उसने रास्ता देख ली है … उसे खुद ही जाने दो.

वह भी मुस्कुरा दिया और मेरी टांगों को अपनी टांगों से रगड़ कर लंड को बुर में ठेलने की कोशिश करने लगा.
मैं भी बुर खोल कर लंड लेने की कोशिश कर रही थी.

मगर जिस पोजीशन में हम दोनों चुदाई करने की कोशिश कर रहे थे, उस पोजीशन में लंड का बुर में घुस पाना संभव नहीं था.

चुदी हुई बुर होती तब भी एक बार लंड घुस सकता था.
पर अभी तो बुर ने अपना उद्घाटन करवाया था तो कसावट ज्यादा थी.

फिर उसने मेरे ऊपर चढ़ कर बुर को चोदने की कोशिश की तो इस आसन में बुर ने लंड को अपने अन्दर समाहित कर लिया.

जिस वक्त लंड ने बुर में खुद से प्रवेश किया, हम दोनों को बेहद प्रसन्नता हुई कि लंड बुर की दोस्ती पक्की हो गई है.

मुझे दर्द हुआ, पर मैं जल्द ही दर्द भूल कर चुदाई का मजा लेने लगी.
कुछ देर बाद वापस स्खलन हुआ और हम दोनों वैसे ही लंड बुर को फंसाए सो गए.

इस तरह से उस रात हम दोनों ने दो बार सेक्स किया था.

इसके बाद जब वह अपने घर वापस चला गया, तब भी हमारी ऑनलाइन चैट, कॉल पर बात होती.

हम एक दूसरे को अपनी नंगी तस्वीर अभी भी भेजते हैं.
 

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इसकी बीवी उसके पास, उसकी बीवी इसके पास



दोस्तो, नमस्कार!
चुदाई का यह एपिसोड वंदना भाभी के घर से शुरू होता है.

वंदना भाभी कल की चुदाई के बारे में सोच रही थीं और वे यह याद करती हुई अपनी चूत सहला रही थीं.

आय हाय … क्या गुलाबी चूत है उनकी … वे चूत रगड़ ही रही थीं कि तभी दरवाज़े पर बेल बज उठी.

हर्षद आया था.
इस कामुकता Xforum कहानी का पहला हिस्सा वंदना और हर्षद की चुदाई का है.

वंदना भाभी ने जल्दी से अपनी नाइटी ठीक की और दरवाजा खोलती हुई बोलीं- अरे हर्षद भाई आप … आइए आइए!
हर्षद- और वंदना भाभी कैसी हैं?
वंदना- मैं एकदम अच्छी हूँ, आप बताइए न … कैसे आना हुआ?

हर्षद- अरे भाभी जी कभी हम से भी चुदवा लो!
वंदना- यह क्या बदतमीज़ी है … आपको शर्म नहीं आती?
हर्षद- शर्म … कैसी शर्म … वह कल आपको सरजू भाई के साथ तो नहीं आई थी!

यह सुन कर वंदना भाभी थोड़ी चौंक गईं, पर वह अभी भी ऐसे दिखा रही थीं जैसे कुछ नहीं जानती हों.

वंदना भाभी- क्या सरजू भाई के साथ?
हर्षद- भूल गईं, कैसे मस्त अंदाज में कह रही थीं कि सरजू भाई मेरी चूत को चाटो … फक्कक मी एआहह!

वंदना भाभी- यह सब क्या बकवास कर रहे हो आप?
हर्षद- बकवास नहीं है भाभी जान … एकदम सच कह रहा हूँ.

वंदना भाभी- अच्छा … और आपके पास इस बात का सबूत क्या है?
हर्षद- सबूत है भाभी जी, मैंने इसका एम एम एस वीडियो बना लिया था!

हर्षद ने ज्यों ही अपने फोन पर भाभी की चुदाई का वह वीडियो क्लिप दिखाया, वंदना भाभी चौंक गईं.

तब हर्षद ने कहा- अब बोलो?
वंदना भाभी हाथ जोड़ती हुई हल्की सी मुस्कुरा दीं- हर्षद भाई … प्लीज!

हर्षद- अरे भाभी, कैसा प्लीज … अब तो मैं इसे पॉर्न साइट पर डालूँगा और सब सोसाइटी वालों को भी दिखाऊंगा कि भाभी तो सनी लियोनी से भी बड़ी चुदक्कड़ रांड हैं.

वंदना- नहीं हर्षद भाई, ऐसा मत करो प्लीज.
हर्षद- तो ठीक है, मुझसे चुदवा लो भाभी!

वंदना भाभी सोचने लगीं कि अब इसका लंड लिए बिना और कोई चारा नहीं है, अब तो इसके सामने अपनी टांगें खोलनी ही पड़ेंगी और चुदवाना ही पड़ेगा.

वंदना भाभी- ठीक है … आ जाओ.

हर्षद भाभी की हां सुनते ही आगे बढ़ा और उसने भाभी के दोनों गालों को अपने एक हाथ से पकड़ कर दबाते हुए उनके होंठों पर एक जबरिया वाला चुंबन कर लिया.

भाभी कसमसा कर हर्षद से छूटने की कोशिश करने लगीं तो हर्षद ने भाभी की कोली भर ली और उन्हें अपनी बांहों में पकड़ कर पूरे दो मिनट तक किस करता रहा.

उतने में वंदना भाभी भी ढीली पड़ गईं और हर्षद ने एक हाथ से भाभी की साड़ी खींच कर उतार दी.

उसने देखा कि वंदना भाभी ने ब्लाउज के नीचे ब्रा नहीं पहनी थी तो वह सीधा भाभी के मम्मों पर झपट पड़ा और भाभी के मम्मों को चाटने लगा और दबाने लगा.
भाभी ने भी गर्म होते हुए अपने ब्लाउज के सारे चिटकनी बटन एक झटके में खोल दिए और हर्षद का सर अपने मम्मों पर दबा दिया.

हर्षद भाभी के दोनों मम्मों का दूध पीने लगा.
वह एक दूध को चूसता तो दूसरे मम्मे को मसलता और उसके निप्पल को मींजता.

इससे भाभी की मादक आहें निकलना शुरू हो गईं और वे हर्षद के साथ बिंदास मजा लेने लगीं.

कुछ देर बाद हर्षद ने भाभी के पेटीकोट का नाड़ा ढीला करके उसे उतार दिया.

वंदना भाभी ने पैंटी भी नहीं पहनी थी क्योंकि वे तो हर्षद के आने से पहले ही वासना से अपनी चूत सहला रही थीं और अपनी चुदाई की बात को सोच रही थीं.

हर्षद को अपनी भाभी की चूत दिख गई तो वह अति कामुक हो उठा और वह अपनी भाभी की टांगों के बीच आ गया और भाभी की गुलाबी चूत को चाटने लगा.
वंदना- आह हर्षद बेबी … ऊहह ईए आहह … मजा आ रहा है आह चाट ले मेरी चूत … आह.

हर्षद बड़े मज़े से भाभी की चूत चाटने लगा था.
वह कभी थोड़ी तेज़ी से चाटने लगता तो कभी थोड़ी धीरे से.

कुछ देर बाद हर्षद ने भाभी की चूत से अपना मुँह हटाया और अपने कपड़े उतारने लगा.

उसका लंड देख कर वंदना भाभी कामुक होकर अपनी चूत को सहलाने लगी थीं.

हर्षद को भी यह बात समझ में आ रही थी कि वह अमीर है और वंदना भाभी उससे पैसे लेती रहती थीं, तो वे चुदने से मना नहीं करेंगी.
वैसे भी पूरी सोसाइटी में इस बात की खबर थी कि वंदना भाभी अपने पति की गैर मौजूदगी में दूसरे मर्दों के साथ चुदवाती हैं.

कुछ ही देर में हर्षद ने अपना लंड बाहर निकाला और भाभी को इशारा किया.
वंदना भाभी समझ गई कि हर्षद अपने लंड को चूसने का इशारा कर रहा है.

वह लपक कर आगे आईं और हर्षद के मोटे लवड़े को मुँह में लेकर चाटने लगीं.

कुछ ही देर में हर्षद वंदना भाभी को लिटा कर उनके ऊपर चढ़ गया और उसने अपने लौड़े को भाभी की चूत में पेल दिया.

हर्षद के मोटे लंड से भाभी को हल्की सी पीड़ा हुई और उनके मुँह आह की मीठी आवाज निकल गई.

हर्षद- क्या हुआ भाभी?
वंदना भाभी- आह तेरा बड़ा मोटा है हर्षद! जैसे ही अन्दर गया, तो मेरी चिर सी गई!

हर्षद ने वंदना भाभी के एक दूध को अपने मुँह में भरा और चूसते हुए खींच कर छोड़ दिया.
अब उसने पूछा- अरे यार भाभी … तुम चूत में तो लंड लिए हुई हो और साफ साफ बताने में शर्मा रही हो … साफ साफ कहो न कि मेरा लंड मोटा है और अन्दर जाते ही तुम्हारी चूत चिर सी गई है!

वंदना ने अपनी गांड हिलाई और हर्षद के लौड़े को अपनी चूत के अन्दर एडजस्ट करती हुई बोली- आह साले हर्षद, तू न … बहुत बेशर्म हो गया है. पहले तो मुझे सैट कर लिया और अब एकदम खुल कर बोलने के लिए उकसा रहा है!

वंदना हर्षद से रंडियों की तरह चुद रही थी, तो वह हर्षद के लंड को अपनी चूत से चूसने लगी थी.
हर्षद को तो वंदना भाभी को चोदने में बड़ा मजा आ रहा था इसलिए वह तो वंदना भाभी की चूचियों को पकड़ कर मस्त झटके मार रहा था.

हर्षद- आअहह ऊव मेरी वंदो रानी … ले लो मेरा हथियार अपनी चूत की जड़ तक ऊओह.

वंदना के लिए तो ये बिल्कुल नया अनुभव था क्योंकि कल ही उसने सरजू के छोटे लंड को लिया था और आज वह हर्षद का बड़ा और मोटा लंड अपनी चूत में ले रही थी- उम्म्म्म मअम्म आह.

कुछ देर बाद हर्षद वंदना की चूत से लंड निकाल कर चित लेट गया और वंदना उसके लंड पर बैठ गयी और गांड उछालने लगी.

वंदना भाभी- आअहह आहह ओह फक्क मी आआह … हर्षद.
हर्षद भी अपनी गांड उठाते हुए तेज़ी से झटके दे रहा था और वह बीच बीच में वंदना भाभी के कान को बाइट भी कर रहा था.

वंदना भाभी- आआह हर्षद भाई ऊओह उह आज तो मरर ही गईईई.

कुछ देर तक हर्षद ने वंदना भाभी को अपने लंड पर कुदवाया और उसके बाद वह उन्हें कुतिया बनाकर चोदने लगा.
वह वंदना भाभी को चोदने के साथ साथ उनके चूतड़ों पर थप्पड़ भी मार रहा था.

हर्षद वंदना भाभी की गांड को लाल करते हुए पूछ रहा था- बता साली कुतिया … तुझे सरजू के साथ मज़ा आया था या मेरे साथ?
वंदना भाभी- आह … तेरे साथ मजा आ रहा है हर्षद आह … मस्त लंड है तेरा.

हर्षद ने वंदना भाभी की गांड पर दो थप्पड़ ज़ोर से मारे और वापस पूछा- जोर से बोल न रंडी साली!
भाभी- आह ऐसे मत बोलो न!

हर्षद- क्या कहा तूने … सुनाई नहीं दिया?
वंदना- हां बहुत मजा आ रहा है.

हर्षद ने फिर से उसकी गांड पर ज़ोर से थप्पड़ मारे और पूछा- फिर से बोल, क्या कहा तूने … सुनाई नहीं दिया?
अब वंदना भाभी अपनी भाषा बदलती हुई बोलीं- आ आहह भोसड़ी के … तू बहुत बड़ा वाला चोदू है.

यह सुन कर हर्षद को मजा आ गया और उसने अपने झटके देना तेज़ कर दिया.

वंदना भाभी- आआहह मार डाला मेरे तनबदन को आग से झुलसा दिया रे … आआहह ऊओ मम्मी मर गई आह.

हर्षद ने झटके और तेज कर दिए.
वंदना- आआहह ऊह चोदते रहो मुझे हर्षद भाई अयाया ऊह उउइई.

यह कहती हुई वंदना झड़ गई.
उसके दस मिनट बाद हर्षद भी झड़ गया … और निढाल होकर वंदना की पीठ पर ही लेट गया.

इस चुदाई के बाद हर्षद और वंदना दोनों थक गए और दोनों किस करते हुए एक दूसरे से लिपट कर वहीं सो गए.

अब तक शाम के छह बज चुके थे.

वंदना भाभी का पति राजेश, अब अपने ऑफिस से घर के लिए निकल गया था.

उसे रास्ते में एक फ्लावर स्टॉल दिखाई दिया.
उसने सोचा क्यों ना आज वंदो रानी के लिए गुलाब के फूल ले जाया जाए.
वहां से उसने एक गुलाब के फूलों का गुलदस्ता ले लिया और घर जाने के लिए अपनी कार में बैठ गया.

इधर हर्षद के घर में उसकी भाभी ज्योति परेशान थी कि हर्षद कहां गया है, सारा दिन से नहीं दिखाई दे रहा है.

राजेश अब तक सोसाइटी में पहुंच गया था.
जैसे ही वह अपने घर की डोरबेल बजाने लगा, पीछे से उसे किसी ने आवाज़ दे दी.

राजेश ने पीछे देखा तो वहां ज्योति भाभी खड़ी थीं.

क्या माल लग रही थीं वे … उस टाइम ज्योति भाभी ने नाइटी पहनी हुई थी.
उन्होंने अन्दर ब्रा और पैंटी भी नहीं पहनी हुई थी, जिस वजह से उनके निप्पल साफ दिख रहे थे.

यह कामुक दृश्य देखकर राजेश का लंड खड़ा हो गया.

अचानक से ज्योति ने अपने आप को संभाला तो राजेश ने भी अपने आप को संभालते हुए कहा- जी बोलिए ज्योति भाभी!

ज्योति भाभी ने उससे पूछा- क्या आपको हर्षद के बारे में पता है कि वह कहां है? सारे दिन से वह घर पर नहीं आया है!
राजेश ने मना किया- मुझे नहीं मालूम … मैं तो अभी ऑफिस से आता जा रहा हूँ!

अब वे दोनों हर्षद को ढूँढने के लिए नीचे सोसाइटी के गार्डन की ओर जाने लगे.
ज्योति भाभी आगे आगे चल रही थीं और राजेश पीछे से उनकी मटकती हुई गांड देख कर पागल हो रहा था.

इधर अब तक वंदना और हर्षद दोनों उठ चुके थे.

वंदना और हर्षद ने एक दूसरे को किस किया.
फिर हर्षद अपने घर चला गया.

इधर राजेश ज्योति भाभी की मटकती मोटी गांड देखकर पागल हो रहा था.

जब वे दोनों गार्डन की तरफ जाने लगे, तभी अचानक से लाइट चली गयी और चारों तरफ अंधेरा हो गया.
चूंकि सर्दियों का समय था तो जल्दी ही अंधेरा हो जाता था.

ज्योति भाभी बहुत डर गयी थीं.
वे हड़बड़ाहट में राजेश से चिपक गईं और राजेश यह देखकर चौंक गया.

उसने धीरे से अपना हाथ ज्योति भाभी की गांड पर रख दिया और उनकी मुलायम गांड को मसलने लगा.
राजेश को बहुत मज़ा आ रहा था.

ज्योति भाभी ने बोला- राजेश भाई ये क्या बदतमीज़ी है!
राजेश ने कहा- और जो आपने मुझे गले से लगाया है … वह क्या है?

इतना कहकर राजेश ने ज्योति की गांड पर एक चमाट लगा दी.
जिससे ज्योति भाभी को दर्द हुआ लेकिन उन्हें मज़ा भी आया.

उन दोनों का मूड बन गया.
वे दोनों एक दूसरे को किस करने लगे और उनकी भी कामुकता Xforum कहानी की शुरुआत हो गयी.

लेकिन तभी अचानक से लाइट आ गयी.
उन्होंने देखा कि वहीं बाजू में गार्डन का स्टोर रूम का दरवाजा खुला है.
वे दोनों वहां अन्दर चले गए और दोनों ने एक दूसरे को काफी देर तक किस की.

अब राजेश ने ज्योति की नाइटी उतारी और वह उनका 34-30-36 का फिगर देखकर पागल हो गया.

जैसा कि आपको पता ही है कि ज्योति भाभी ने ब्रा और पैंटी नहीं पहनी थी.
तो राजेश कामांध होकर भाभी के बड़े बड़े बूब्स दबाने लगा और बारी बारी से उन्हें चूसने लगा.

ज्योति भाभी ‘आह … आह …’ की आवाजें निकालने लगीं.

राजेश ने ज्योति भाभी को वहीं पड़ी एक टेबल पर लिटाया और उनकी नाइटी उठा कर उनकी चूत चाटने लगा.

ज्योति भाभी अब बहुत ही ज़्यादा गर्म हो गयी थीं.
वे राजेश का सिर अपने चूत में दबा रही थीं और साथ ही ‘आह अहह …’ की सिसकारियां भी भर रही थीं.

कुछ ही देर में ज्योति भाभी की चूत का पानी टपकने लगा.
तो राजेश ने उनकी चूत को चाटना बंद कर दिया.

असल में राजेश ज्योति भाभी को तड़पाना चाहता था.

राजेश ने ऐसा 2-3 बार किया.

अब ज्योति भाभी बहुत तड़प रही थीं और वे ज़ोर ज़ोर से सिसकारियां लेने लगी थीं.
उन्होंने कहा- राजेश भाई अब मुझे और मत तड़पाओ … प्लीज आप अपना लंड मेरी गर्म चूत में डाल दो.

राजेश ने एक ही झटके में अपना पूरा लौड़ा ज्योति भाभी की चूत में डाल दिया.

ज्योति भाभी की चीख निकल पड़ी.
लेकिन राजेश ने उनके मुँह पर हाथ रख दिया और वह ज्योति भाभी को तेज गति से चोदने लगा.

ज्योति भाभी भी ज़ोर ज़ोर से आवाज़ करने लगीं ‘आह … आह …’

राजेश भाभी की ऐसी कामुक आवाजों को सुनकर और ज़्यादा तेज गति में उनको चोदने लगा.

कुछ देर बाद राजेश ने ज्योति भाभी के अन्दर ही अपना माल गिरा दिया और वे दोनों निढाल हो गए.

ज्योति भाभी उठने लगीं.
तो राजेश ने उन्हें रोक लिया- अभी मन भरा नहीं है भाभी, एक बार और लेने का मन है.

ज्योति भाभी का मन भी था … वे राजेश के लंड के साथ खेलने लगीं और उठ कर लंड को चूसने लगीं.

जल्द ही राजेश का मूड बन गया और उसका लौड़ा कड़क हो गया.
अब उसने ज्योति भाभी को घोड़ी बनने को कहा.

ज्योति भाभी भी बिना कुछ कहे झट से घोड़ी बन गईं.
राजेश ने एक झटके में ही अपना लौड़ा ज्योति भाभी की चूत में पेल दिया.

ज्योति भाभी को एक बार में ही लंड लेने में बहुत दर्द हुआ.
मगर दूसरी तरफ घुड़सवारी कर रहे राजेश को बहुत मजा आ रहा था.

वह ज्योति भाभी के बाल पकड़ कर उन्हें ताबड़तोड़ चोद रहा था.
एक बार झड़ जाने के बाद उसका वीर्य जल्दी निकलने वाला नहीं था.

उसने 20 मिनट तक ज्योति भाभी को चोदा और फिर से अपना माल उनके अन्दर ही छोड़ दिया.

इस बार ज्योति भाभी घुटने के बल बैठ गईं और वे बड़े प्रेम से राजेश का लंड चूसने लगीं.

राजेश ने भाभी के मुँह में लौड़ा अन्दर तक घुसा दिया.
ज्योति भाभी ने एक बार फिर से राजेश का बचा हुआ सारा माल पी लिया और वे दोनों एक दूसरे को किस करने लगे.

उन दोनों को चुदाई करते करते डेढ़ घण्टा हो गया था.
अब उन्होंने अपने अपने कपड़े पहने और अपने घर को चल गए.
 

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मम्मी के साथ चेन्नई यात्रा- 1




दोस्तो, यह कहानी विक्टर और उसकी मम्मी नैंसी के ऊपर आधारित है।

पूरी सेक्स इन मॉम स्टोरी आप खुद विक्टर के नज़रिए से पढ़िए।

मेरा नाम विक्टर है और मै 19 साल का लड़का हूं। मैं अपनी मम्मी के साथ अपनी वासना के अनुभव को यहाँ साझा कर रहा हूँ।
यह एक शृंखला है जहां मैंने अपनी कहानी को कुछ एपिसोड में विभाजित किया है। मुझे उम्मीद है कि आप इसे पसंद करेंगे और इसका आनंद लेंगे।

यह मम्मी के साथ मेरा पहले दिन का अनुभव है और मैंने इसे ‘नग्न रात’ नाम दिया है।

लंबे समय के बाद मैंने अपनी हायर सेकंडरी की पढ़ाई पूरी की और अपने घर वापस चला गया।
मैंने एक ऐसे शहर में पढ़ाई की जो मेरे शहर से बहुत दूर है। मुझे अपने परिवार के साथ समय बिताये बहुत साल हो गए।

अब मैं पूरी तरह से बड़ा हो गया हूं। मैं अपने मम्मी और पापा से अलग होने के 8 साल बाद अपने घर वापस जाकर बहुत खुश हूँ।

घर पहुंचने के बाद मुझे अपने माता-पिता के प्यार और देखभाल के कारण स्वर्ग जैसा अनुभव महसूस हो रहा है।
यह मेरे जैसे बैचलर के लिए बहुत कुछ है। मेरे घर में मेरे लिए एक अलग कमरा है जो कि मेरा अपना पर्सनल रूम है।

मेरी मम्मी का नाम नैंसी है। वह 42 साल की खूबसूरत और एक आदर्श महिला है। वह मुझे हर चीज से ज्यादा प्यार करती है।

मैं जानता हूं कि घर वापस आने के बाद उन्होंने मुझे कितना याद किया। वह मुझे मेरी जरूरत की हर चीज मुहैया कराती है उनके प्यार और देखभाल ने मुझे बहुत खुश कर दिया है।

घर आने के एक हफ्ते के बाद हमें अपने एक रिश्तेदार से शादी का निमंत्रण मिला जो चेन्नई में रहते थे। हम सभी ने चेन्नई जाने के लिए एयर टिकट बुक किया।
लेकिन अचानक मेरे पिताजी को ऑफिस प्रोजेक्ट के काम के सिलसिले में विदेश जाना पड़ा।
पापा आने में असमर्थ थे इसलिए मैंने और मेरी मम्मी ने शादी के लिए जाने का फैसला किया।

मैं अपनी मम्मी के साथ यात्रा करने के लिए बहुत उत्साहित था और मैं देख सकता था कि मेरी मम्मी भी बहुत खुश थी।

आखिरकार वह दिन आ गया जब हम हवाई जहाज के द्वारा चेन्नई पहुँच गए।

हम शादी से दो दिन पहले वहाँ पहुँच गए थे इसीलिए हमने शहर की यात्रा करने की योजना बनाई थी.
हमारे रिश्तेदार यह नहीं जानते थे कि हम 2 दिन पहले वहां आ गए हैं।

हम एक स्टार होटल में गए जो कि हमने पहले ही बुक कर लिया था।
जैसे ही मेरे पिताजी विदेश गए, उन्होंने एक कमरा रद्द कर दिया और मुझे और मम्मी को एक कमरा दे दिया।

अब यहाँ समस्या आती है जब से मैं अलग रह रहा था तब से मुझे नंगा सोने की आदत है। मैं अपने कमरे में कभी दूसरों के साथ नहीं सोया था। मुझे लगा कि मेरे पास एक अलग कमरा होगा लेकिन दुर्भाग्य से नहीं था।

मेरा मन विचलित था। हम कमरे में चले गए और हमारे पास दो तकियों और एक कंबल के साथ एक बड़े आकार का बिस्तर था। अब मैं अपनी निजता को लेकर तनाव में था।

कमरे में आने के बाद मेरी मम्मी ने कहा- क्या तुमको कमरा पसंद है?
मैं- हाँ माँ! लेकिन, मुझे लगता है कि पिताजी ने 2 कमरे बुक किए थे। नहीं?
नैंसी- हाँ … लेकिन, उन्होंने एक कमरे को रद्द कर दिया क्योंकि वह हमारे साथ नहीं आये।
मैं- ओह!

नैंसी- क्या हुआ… सब ठीक है?
मैं- हाँ माँ। मैं बहुत खुश हूँ।

नैंसी ने कहा- ठीक है, फ्रेश हो जाओ और रात के खाने के लिए तैयार हो जाओ।

जैसा कि मैने आपको बताया कि मैं अपनी मम्मी के साथ अपने कमरे को साझा करने के लिए तैयार नहीं था। तो हमेशा की तरह मैंने अपने किसी भी नाइट पैंट और शॉर्ट्स को पैक नहीं किया था।

मैं वॉशरूम के अंदर गया और मैंने अपना तौलिया उतारा, मैंने स्नान किया और अपने तौलिया को अपनी कमर पर लपेटकर बाहर आ गया।

नैंसी- हनी हो गया तुम्हारा … ठीक है. अब मैं भी नहा कर आती हूँ।
मम्मी बाथरूम के अंदर चली गई।

मैंने अपना तौलिया निकाल दिया और कुछ पार्टी के कपड़े पहन लिए।

कुछ देर बाद मम्मी अपने शरीर पर एक बाथरोब और अपने सिर के चारों ओर तौलिया लगाए हुए बाहर आईं।
उन्होंने अपना तौलिया अपने सिर से हटा दिया और अपने गीले बालों को सुखाने लगी।

मैं उनके बूब्स को उनके बाथरोब के अंदर उछलते हुए देख सकता था।

मम्मी का बाथरोब उनको घुटनों तक ढके हुए था। उनके कड़क बूब्स ने मुझे थोड़ा सा कामुक कर दिया था। मम्मी काफी सुंदर और हॉट लग रही थी।

नैंसी- हनी, क्या तुम थोड़ी देर के लिए पीछे घूम सकते हो? मैं दो मिनट के भीतर तैयार हो जाऊंगी।

मैं- प्लीज़ मम्मी आप चालू रखिये, मैं बाहर इंतजार करूँगा आपका!

नैंसी- कोई ज़रूरत नहीं हनी, तुम यहाँ ठहर सकते हो. बस अपनी आँखें बंद कर लो या पीछे मुड़ जाओ।
तो मैंने कहा- ठीक है माँ।

मैं पीछे घूम गया।

लेकिन मैं मेरे सामने लगी खिड़की के शीशे से देख सकता था। उन्होंने अपना बाथरोब उतार दिया था।

मम्मी ने अपनी ब्रा और पैंटी पहन रखी थी। वे बहुत सेक्सी थी।

उनके सेक्सी शरीर ने मुझे उत्तेजित कर दिया और अचानक मेरे दिमाग में कई शरारती विचार आने लगे।
लेकिन वह मेरी मम्मी है और मैंने उनके बारे में सोचना बंद कर दिया।

पर मैं अपनी आँखें बंद नहीं कर सकता था क्योंकि वह अपनी ब्रा और पैंटी के अंदर बहुत सेक्सी लग रही थी।

अब मम्मी ने अपनी जींस और एक टी-शर्ट ली और उन्हें पहन लिया। यह सब देखकर मेरा लण्ड खड़ा हो गया था।

मम्मी ने मुझसे पूछा- तुमने पार्टीवियर क्यों पहने हैं? तुम रात के खाने के लिए कुछ और कपड़े भी पहन सकते थे।
पर मैं चुप रह गया।

हम दोनों रात के खाने के लिए गए।
यह मेरे लिए काफी अच्छा समय था और हम दोनों मेरी ग्रेजुएशन लाइफ के बारे में बात कर रहे थे।

डिनर करके हम वापस अपने कमरे में चले गए।

मेरी मम्मी ने मुझे वॉशरूम जाने के लिए कहा ताकि वह अपनी ड्रेस बदल सके।
मैं बाथरूम के अंदर गया और दो मिनट के बाद उन्होंने मुझे बाहर बुला लिया।

मम्मी ने अपनी ट्रैक पैंट और वही टी-शर्ट पहनी हुई थी।

नैंसी- ठीक है अब मैं वाशरूम के अंदर जाती हूँ तुम अपनी ड्रेस बदल लो और फिर मुझे बुला लेना।

मैं- नहीं माँ, मैं इस ड्रेस में ही ठीक हूँ मैं इसी में सो जाऊंगा।
नैंसी- हा हा! क्या बात कर रहे हो बेबी? ये पार्टी वाले कपड़े हैं उन्हें शादी के लिए रखो। अब अपने नाईटड्रेस लो और उन्हें पहन कर आओ।

मैं- नहीं, माँ, मैं ठीक हूँ।
नैंसी- तुम्हें कोई परेशानी क्या?

उन्होंने मेरा बैग लिया और मेरी नाईटड्रेस तलाशने लगी।
नैंसी- हनी, तुम अपने साथ कोई नाइटड्रेस क्यों नहीं लाये हो?

मैं- मम्मी वास्तव में, मैं उन्हें अपने साथ नहीं ले जाता। क्योंकि आठ सालों से मैने किसी के साथ कमरा शेयर नहीं किया तो मुझे नग्न सोने की आदत है। मुझे नहीं पता था कि हम यहां इस कमरे को शेयर करेगे … लेकिन मैं ठीक हूँ. मैं इसी में सो सकता हूं।

नैंसी- हनी! क्या तुम सच कह रहे हो? हे भगवान! तुमने मुझे इस बारे में पहले क्यों नहीं बताया। अब तुम अपने पार्टीवियर के साथ कैसे सोओगे? जबकि तुमको तो नग्न सोने की आदत है। अच्छा ऐसा करो … अपने कपड़े उतारो और कंबल के अंदर हो जाओ।

उनकी बात ने मुझे चौंका दिया- मम्मी! आप कुछ भी बोल रही हो? ये कपड़े पूरी तरह से ठीक है और मैं इनमें भी आराम से सो सकता हूँ।

नैंसी- हनी … यह सब ठीक है। मैं तुम्हारी मम्मी हूँ मुझसे शर्म करने की जरूरत नहीं है। नग्न होकर सोने में कुछ भी गलत नहीं है और कुछ अलग भी नहीं है। तुम नग्न होकर सो सकते हो … फील फ्री बेबी।

मैं- मम्मी, मैं आपके सामने कैसे नंगा हो सकता हूँ? और जब आप भी मेरे पास हो तो मैं बिना कपड़ों के कैसे सो सकता हूं?

नैंसी- हनी … यह ठीक है। मुझे कोई समस्या नहीं है कि तुम मेरे बगल में नग्न सो रहे हो। एक मम्मी के लिए अपने बच्चे को नग्न देखना सामान्य बात है। अपने आराम को खराब मत करो, चुपचाप मेरी बात मानो।

उनकी बातों ने मुझे काफी सहज बना दिया था।
लेकिन मुझे शर्मिंदगी भी महसूस हो रही थी। मुझे पता था कि मैं अपने पार्टीवियर के साथ नहीं सो सकता हूं।

धीरे-धीरे मैंने अपनी शर्ट उतार दी। जब मैं अपनी पैंट खोल रहा था तो मेरे हाथ कांप रहे थे पर फिर भी मैंने अपनी पैंट उतार दी।
मैं अब सिर्फ अंडरवियर में ही खड़ा था।

मेरी मम्मी पानी पी रही थीं और फिर उन्होंने मेरी तरफ देखा।

नैंसी- हम्म, चलो, अपनी अंडरवियर भी उतारो और बिस्तर पर आ जाओ।

मेरा अंडरवियर टाइट था। धीरे-धीरे मैंने उसे उतारा और पूरी तरह से नंगा खड़ा हो गया। मेरा छह इंच का लंड मेरी मम्मी की तरफ इशारा कर रहा था।

मैंने अपनी मम्मी के चेहरे को धीरे से देखा … वो मुझे ही देख रही थी और मुझे देख कर मुस्कुरा रही थी।

उन्होंने कहा- मेरा प्यारे छोटे बेटे, यह सब ठीक है। तुम हमेशा मेरे छोटे बेटे हो। अपनी मम्मी के साथ बिल्कुल फ्री रहो. ये लो, पानी पी लो और बिस्तर पर आ जाओ।

मम्मी ने मुझे पानी की बोतल दी।
मैंने पानी पिया और शरमाते हुए बिस्तर पर लेट गया।

बाद में उन्होंने लाइट बंद कर दी और बेड लैंप चालू कर दिया। अब वो बिस्तर पर आई और मेरे बगल में लेट गई।

उन्होंने मेरे कंधे पर हाथ रखा और कहा- हनी … मेरे साथ तुम्हारा पूरा कम्फर्ट ज़ोन होगा। मेरे लिए बिल्कुल ठीक है कि तुम नग्न रह सकते हो और तुम भी अपनी मम्मी के साथ सहज महसूस कर सकते हो।
मैं- ठीक है माँ।

जैसा कि मौसम बहुत गर्म था पर एसी की ठंडक भी बहुत थी। मैंने मम्मी को कंबल दिया और मैं उनके बगल में पूरी तरह से नंगा लेट गया।

हमने कुछ देर तक काफी बातें की और मेरी मम्मी ने मेरी शर्म को कब कम्फर्ट में बदल दिया पता ही नहीं चला।
कुछ समय के बाद में उत्तेजित होने लगा और मेरा लण्ड खड़ा होने लगा जो कि छत की ओर मुंह करके खड़ा था।

मैंने देखा कि मेरी मम्मी ने कुछ सेकंड के लिए मुझे ऐसी अवस्था मे देख लिया था।
मैं शर्मिंदा हो गया और विपरीत दिशा में करवट लेकर लेट गया. मेरे नितम्ब मम्मी के सामने थे।

कुछ देर बाद मम्मी सो गई और कुछ मिनट बाद मैं भी सो गया।

जल्द ही अगला भाग आएगा। तब तक मेरे साथ बने रहें और कहानी का मजा लेने के लिए तैयार रहे।

यह पहले दिन की ही कहानी है. बाद में और भी बातें हुई जो अगले भाग में बताऊँगा।
 
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मम्मी के साथ चेन्नई यात्रा- 2



अगले दिन जब मैंने अपनी आँखें खोलीं तो मैंने देखा कि मेरी मम्मी मेरे पास बैठी थी और पापा से फोन पर बात कर रही थी।
उनकी मधुर आवाज ने मेरी सुबह को और अधिक सुखद बना दिया।

मैं बिस्तर पर उनके बगल में पूरा नंगा लेटा हुआ था और वह मेरे पास थी।
जिससे मैं थोड़ा असहज हो गया।

कुछ देर बाद उन्होंने फोन रख दिया और अपना तौलिया लिया और बाथरूम में चली गई।
मैं अभी भी गहरी नींद में सोने का नाटक कर रहा था।

कुछ समय बाद वह बाथरूम से बाहर निकली, उनका सुंदर शरीर चारों तरफ से तौलिये से ढका हुआ था।
मैंने अपनी आँखें थोड़ी और खोली और उन्हें देखने लगा।

मैं कल रात के बारे में सोच रहा था जब मैंने उन्हें खिड़की के कांच में उनकी ब्रा और पैंटी के साथ देखा था और अब मेरे लिए उन्हें सच में ब्रा पैंटी के साथ देखने का समय आ गया था।

मम्मी ने अपने बैग से एक जोड़ी कपड़े निकाले और अपना तौलिया हटा लिया।

हे भगवान! मैं चौंक गया। मुझे उम्मीद से ज्यादा कुछ दिखाई दे रहा था।
मम्मी ने अपनी ब्रा नहीं पहनी हुई थी।

उनके स्तन आज़ाद होते देख मैं चौंक गया।
मैं उनके गोल और दूधिया स्तन साफ तौर पर देख सकता था।

यह सब मुझे पागल कर रहा था, मुझे अपनी अपने दिल की धड़कन तक सुनाई दे रही थी।

मेरा लण्ड खड़ा होने लगा था ओर कमरे की छत की ओर इशारा कर रहा था। मैं मम्मी के नँगे जिस्म से अपनी नज़र नहीं हटा पा रहा था।

मम्मी की सेक्सी पैंटी उनकी आधी गांड को ही कवर कर रही थी। उनके नितम्ब मुलायम और गोल थे। मैं उनके बूब्स को उछलते हुए देख सकता था जब वो हिल रही थी.

ये सब मुझे पागल कर रहा था। मैं अपने खड़े लण्ड को छत की तरफ इशारा करते हुए नहीं रोक पा रहा था।
मुझे टेंशन थी कि वह मेरे इरेक्शन को नोटिस ना कर ले।

उन्होंने बैग से अपनी ब्रा निकाली और पहन ली और फिर वह कपड़े पहनने लगी।
फिर भी मेरा लण्ड पूरी तरह से खड़ा था। मैं वहाँ बिलकुल असहाय पड़ा था।

मम्मी तैयार हो गई थी.

और तभी अचानक दरवाजे की घंटी बजी। मम्मी ने अपना सिर मेरी तरफ घुमाया और मेरे शरीर को कंबल से ढक दिया और फिर उन्होंने दरवाजा खोला।

सामने एक सर्विस बॉय था जो नाश्ता ले कर खड़ा था।
मम्मी ने उसे कमरे में बुलाया।

उसने वहाँ नाश्ता छोड़ दिया और कमरे से बाहर चला गया.

फिर मम्मी ने दरवाजा बंद कर दिया।

वह धीरे से मेरी ओर आई और कुर्सी खींच कर मेरे पास बैठ गई। वो मेरे सीने पर हाथ फेरते हुए मुझे पुकारने लगी।
मैंने धीरे से अपनी आँखें खोली जैसे मैं अभी ही जागा हूं।

नैंसी- हनी, गुड मॉर्निंग, उम्मीद है तुम आराम से सोये होंगे।

मैं- मॉर्निंग, मॉम! हां, अच्छे से।

नैंसी- ओके स्वीटहार्ट, फ्रेश हो जाओ। हमें शहर को देखने और बाहर जाने की जरूरत है। चेन्नई में कई घूमने लायक जगह हैं।

मैं बिस्तर से उठ कर उनके पास खड़ा हो गया और साथ ही मेरा लण्ड भी उनकी तरफ इशारा करते हुए खड़ा था।

मैंने अपने शरीर को एक तौलिया से ढक लिया और वाशरूम में चला गया।

मैं मम्मी के सेक्सी शरीर और सुंदर स्तन के बारे में सोचना बंद नहीं कर पा रहा था। वे किसी ताजे रसदार खरबूजे की तरह थे जिन्होंने मुझे सुबह सुबह ही गर्म कर दिया था।

लेकिन कहीं न कहीं मुझे शर्मिंदगी भी महसूस हो रही थी कि इस तरह अपनी मां के बारे में सोचना बहुत बुरा है।

मैंने अपना दैनिक काम खत्म किया और नहाकर तौलिया पहन कर बाथरूम से बाहर निकल आया।

मम्मी टीवी न्यूज़ देख रही थी।

मैंने बैग में से कपड़े लिए और अपना तौलिया हटा दिया। मैं उन्ही के सामने तैयार नंगा होकर कपड़े पहन रहा था।

फिर उन्होंने मुझे नाश्ता परोसा और खाकर हम शहर को घूमने के लिए निकल गए।

उस दिन हमने खूब मस्ती की, मैंने अपनी मम्मी के साथ बहुत ही अच्छा समय बिताया था।

शाम को 7:30 बजे हम होटल के कमरे में वापस आ गए थे। गर्म मौसम के कारण हम थके हुए थे और पूरी तरह से पसीने से तर थे तो हम दोनों ने नहाने का फैसला किया।

सबसे पहले, मेरी मम्मी अपने तौलिया और ब्रा पैंटी की जोड़ी के साथ बाथरूम के अंदर गई. और कुछ समय बाद वह अपने शरीर के चारों ओर तौलिया लपेटकर बाहर आ गयी।

उन्होंने मुझे भी शॉवर लेने के लिए कहा।
मैंने भी अपना तौलिया लिया और अंदर चला गया।

मैं अपनी मम्मी के बारे में सोच रहा था कि वह बाहर अपने कपड़े बदल रही होगी।

मैंने शावर लिया और अपनी टावल अपनी कमर के चारों ओर लपेटकर बाहर आ गया।
मैं जल्दी से तैयार हो गया।

मेरी मम्मी ने ट्रैक पैंट और ढीली टॉप पहन रखी थी। वो उस ड्रेस में काफी सेक्सी लग रही थी।
मैं उनके पास जाकर बैठ गया।

फिर उन्होंने मुझसे पूछा- हनी, मैं बोर हो रही हूं। क्या हम ताश खेलें?

मैं- यह अच्छा विचार है माँ। चलो खेलते हैं।

फिर उन्होंने अपने हैंडबैग से पोकर कार्ड लिए और मेरे बगल में आकर बैठ गई और हमने खेल शुरू कर दिया।
अचानक मुझे याद आया कि मैं और मेरे दोस्त पढ़ते समय स्ट्रिप पोकर खेलते थे.

तो कुछ देर बाद मैंने कहा- मम्मी, यह खेल बहुत बोरिंग है।
नैंसी- हाँ हनी! तो ऐसा कुछ आईडिया दो जिससे हमारा मनोरंजन हो।

मैं- क्या हम स्ट्रिप पोकर खेलें?
नहीं जानता मैं कि मैंने ऐसा क्यों कहा. क्योंकि यह सरासर पागलपन था.

नैंसी- स्ट्रिप पोकर! यह क्या होता है? क्या तुम्हारा मतलब है, जो व्यक्ति हार जाता है उसे अपने कपड़े से कुछ उतारना होता है?

मैं- रहने दो मम्मी! जब हम कॉलेज में थे तब हम लड़के इसे खेला करते थे तो मुझे याद आया और गलती से मेरे मुह से निकल गया। मुझे लगता है कि यह एक अच्छा विचार नहीं था।

नैंसी- हनी, क्यों ना हम भी इसे खेलें. इसमें कुछ भी गलत नहीं है। चलो खेलते हैं, इसमें काफी मजा आने वाला है।

मैं चौंक गया!
मम्मी मेरे साथ स्ट्रिप पोकर खेलने के लिए तैयार थी और मैं भी काफी उत्साहित था।

मैं- ठीक है मम्मी, चलो खेलते हैं. पर पहले खेल के नियमों को सुनो … हमें कुछ राउंड खेलने हैं, और जो भी कोई राउंड हारता है उसे अपने किसी कपड़े को उतारना पड़ेगा। जो खेल के अंत तक अधिक कपड़े पहना होगा, वही यह गेम जीतेगा।

नैंसी- ठीक है यह सुनने में तो बहुत रोमांचक लग रहा है। चलो शुरू करते हैं।

हमने पहले राउंड के लिए कार्ड बांटना शुरू कर दिया।

पहले राउंड में मैं गेम हार गया।

मेरी मम्मी बहुत खुश लग रही थी- अरे! मैंने तुम्हें हरा दिया, अब कुछ उतारो।
मैं- माँ, इतनी ख़ुश मत होइए, अभी हमारे पास खेलने के लिए और भी राउंड है और मैंने अपनी शर्ट उतार दी।

नैंसी- मैं तुम्हे आगे भी हरा दूं। चलो शुरू करते हैं।
मैं- ऑल द बेस्ट।

हमने अगले दौर के लिए कार्ड बांटना शुरू कर दिया। इस बार मेरी मम्मी हार गई।

नैंसी- अरे नहीं! ठीक है, मैं अपना टॉप निकालने जा रही हूं!

और उन्होंने अपना टॉप उतार दिया।

मम्मी ने सफ़ेद ब्रा पहनी हुई थी जो उनके बदन पर बहुत सेक्सी लग रही थी।
मैं उनके स्तन का आकार साफ साफ देख सकता था।

उनको टॉप उतरते देखकर मेरा लण्ड खड़ा हो गया था।

उन्होंने भी तुरंत अपने शरीर को तकिये से ढक लिया- खेल बहुत ही दिलचस्प मोड़ पर है। यह बहुत दिलचस्प है।

मैं- लेकिन मम्मी आप सावधान रहें। आप पहले ही अपना टॉप खो चुकी हो। और अब आप आगे भी गेम हारने वाली हो और अपने कपड़े भी।
नैंसी- तुम भी हनी! तुम भी गेम को हारने वाले हो, सावधान रहो।
मैं- ठीक है. चलो देखते हैं।

हमने अगले दौर के लिए कार्ड बांटना शुरू कर दिया।
इस बार मैं राउंड हार गया।

मैंने खड़े होकर अपनी पैंट उतार दी। मैं अब सिर्फ अपने अंडरवियर में ही बचा था।
मेरी मम्मी मुझे देख कर मुस्कुरा रही थी।

नैंसी- हनी, देखो तुम गेम हार रहे हो।

मैं- बेस्ट ऑफ लक, मॉम।

हमने अगला दौर शुरू किया। मैं केवल अंडरवियर में था, अगर मैं हार जाता हूं तो खेल खत्म हो जाएगा और मुझे अपने सारे कपड़े गंवाने पड़ जाएगे।
अगर वह हारती है तो उन्हें अपनी पैंट उतारनी होगी।

सौभाग्य से मेरी मम्मी वो राउंड हार गई।
मैं बहुत उत्तेजित हो गया था कि मम्मी अपनी पैंट को हटाने जा रही है और हम अपने इनर के साथ बाकी खेल खेलने वाले थे।

मम्मी खड़ी हो गई। वह अपने बैग के पास गई। उन्होंने उसमें से एक बॉक्सर को लिया।

मैंने अपनी मम्मी से पूछा- क्या कर रही हो मॉम?
नैंसी- मुझे बस एक मिनट दो हनी।

वह बाथरूम के अंदर चली गई और एक सेक्सी सफेद अंडरवियर के साथ बाहर आई जो उनके नितम्बों और उनकी जांघों को कवर कर रहा था।

मैं उनको उनके इनर में देखकर कुछ समय के लिए खो गया। मैं सोच रहा था कि पापा कितने लकी है जो उन्हें इस तरह की हॉट और सेक्सी महिला के साथ शादी करने का मौका मिला।

वह अपने इनरवियर में किसी तीस साल की लड़की के समान लग रही थी। उनकी खूबसूरत नाक की नथुनी ने मुझे पागल कर दिया था।

मम्मी वहाँ आकर बैठ गई और उन्होंने अपने शरीर को तकिये से ढक लिया।

नैंसी- हनी, हम दोनों अपने इनर के साथ रह गए हैं। मेरे पास दो कपड़े हैं और तुम्हारे पास एक ही है। तो अब अंतिम राउंड खेलते हैं। जो खेल हार जाएगा वह नग्न हो जाएगा और दूसरा विजेता होगा। ठीक है?

मैं- ज़रूर मॉम … शुभकामनाएं।

मम्मी ने कार्ड बांटना शुरू कर दिया। मेरी धड़कन काफी तेज थी। यहां तक कि मैं अपनी मम्मी को भी चिंतित महसूस कर पा रहा था।

हमने अपना अंतिम दौर खेलना शुरू किया।
अंतिम राउंड के अंत तक किस्मत ने मेरा साथ दिया और मैंने गेम जीत लिया।

मेरी मम्मी ने अपने दोनों हाथ अपने माथे पर रखे और कहा- ओह शिट! मुझे विश्वास नहीं हो रहा है कि मैं ये गेम हार चुकी हूं। हालांकि, मैं खेल के नियमों का पालन करूगी। हनी, बस तुम खड़े हो जाओ।

मैं खड़ा हो गया। मैं बहुत उत्साहित था कि मम्मी मेरे सामने नग्न होने जा रही हैं।
मुझे विश्वास नहीं हो रहा था और मेरे दिल की धड़कन अपनी उच्चतम सीमा तक पहुँच गई थी।

अचानक मम्मी मेरे सामने आ खड़ी हुई। उन्होंने दोनों हाथ मेरे कंधों पर रख दिए। वह मुझे पीछे की तरफ मोड़ दिया और उन्होंने अपने दोनों हाथों से मेरी आँखें कस कर बंद कर लीं।

मैं- मम्मी, ये क्या कर रही हो?

नैंसी- मैंने कहा था कि मैं हारने पर अपने कपड़े उतार दूंगी. लेकिन मैंने यह नहीं कहा कि मैं अपना शरीर दिखाऊंगी।

उनकी बातें सुनने के बाद मैं उन्हें अपना शरीर दिखाने के लिए मजबूर नहीं कर सकता था और मेरा ऐसा करना भी काफी अजीब होता।

मैं- ठीक है मम्मी मैं आपसे सहमत हूँ. लेकिन क्या सबूत है कि आपने अपने कपड़े उतार दिए?

तो मम्मी ने अपना एक हाथ मेरी आँखों से हटा लिया।
कुछ सेकंड के बाद, उन्होंने मेरा एक हाथ पकड़ा और उन्होंने अपने दोनों इनर मुझे दे दिए।

हे भगवान! मैं यह नहीं मान ही नहीं पा रहा था कि मेरी खूबसूरत मम्मी पूरी तरह से नंगी खड़ी हैं और अपने हाथों से मेरे चेहरे को छू रही हैं।

हालाँकि मैं उनके शरीर को नहीं देख सकता था लेकिन इन सबने मुझे बहुत खुशी दी।
मेरा लण्ड अंडरवियर के अंदर बहुत कड़ा हो गया। मुझे नहीं पता कि मेरी मम्मी ने ये देखा या नहीं।

उन्होंने दूसरा हाथ मेरे कंधे पर रखा और मुझे धीरे से बाथरूम में धकेल दिया और दरवाजा बाहर से बंद कर दिया।

मैंने अपनी आँखें खोली तो मेरे पास उनकी ब्रा और पैंटी थी।

करीब दो मिनट के बाद उन्होंने बाथरूम का दरवाजा खोला।
उन्होंने अपना स्लीवलेस गाउन पहना हुआ था।

मैंने पहले भी घर पर उन्हें कई बार वो गाउन पहने देखा था। मुझे मम्मी को उस हल्के गुलाबी गाउन में फूलों के डिजाइन के साथ देखने काफी पसंद था।

गाउन उनके घुटनों तक कवर करता था जब मम्मी खड़ी होती थी. और जब वह बैठती थी तो वह उनकी जांघों के आधे हिस्से को कवर करता था।

लेकिन पहले जब मैंने उन्हें इस गाउन में देखा था तो वो अपनी ब्रा पहने हुई थी, जो साइड से दिखाई देती थी। लेकिन आज मुझे यकीन था कि उन्होंने कोई ब्रा नहीं पहनी थी।

मैं उनके आधे स्तन देख पा रहा था, इसलिए वह पहले से अधिक कामुक लग रही थी।

फिर मैं बाहर आया और अपने कपड़े पहन लिए।

कमरा बहुत गर्म था क्योंकि यहा काफी गर्मी थी और हमारे कमरे का एयर कंडीशनर पर्याप्त ठंडक नहीं दे रहा था।

मैं- मम्मी इस कमरे में बहुत गर्मी है, इस लग रहा है जैसे मै जल रहा हूँ।
नैंसी- हाँ हनी! मैंने भी इस तरह के मौसम की कभी उम्मीद नहीं की थी।

अचानक दरवाजे की घंटी बजी।

मैंने दरवाजा खोला।
सर्विस बॉय हमारे लिए खाना लाया था।

हमने उससे दूसरा कमरा देने के लिए कहा क्योंकि यह कमरा बहुत गर्म था।
लेकिन उसने कहा कि सभी कमरों में एक ही तापमान है और एयर कंडीशनिंग में कोई अंतर नहीं आएगा.
और वह चला गया।

नैंसी- हनी, चलो एक फिल्म देखते हैं।

मैंने मूवी डाउनलोड करने के लिए अपना मोबाइल खोला और फिर मैंने वो फिल्म टीवी स्क्रीन पर लगा दी।

हम अपना डिनर करने लगे और मूवी देखने लगे।

मेरी मम्मी पूरी तरह से फिल्म देखने में मशगूल थीं और मैं उनके पास बैठे हुए उनकी सुंदरता देख रहा था।
मैं उनके आधे बूब्स को साइड से देख पा रहा था।

हमारे रात के खाने के बाद वह बिस्तर पर आकर लेट गयी। उन्होंने अपने घुटने मोड़ लिए थे जिससे उनका गाउन उनकी गांड तक नीचे आ गया था। मैं उनकी सेक्सी जांघें देख रहा था।

मैं सोच रहा था कि मैंने उसके बूब्स तो देखे हैं लेकिन मैंने उनकी गांड और चूत नहीं देखी।

मम्मी के बगल में मूवी देखते हुए मैं बिना गाउन के उनकी कल्पना करने लगा।
उनके खुले बाल उनके स्तन के कुछ हिस्से को ढक रहे थे और वह बहुत हॉट लग रही थी।

फिल्म में अचानक एक सीन आया कि एक महिला अपना टॉप निकालती है. वह दीवार की तरफ झुकती है और एक व्यक्ति अपने हाथों से उसके स्तन दबा रहा होता है।

मैं उस दृश्य को देखकर चौंक गया। फिल्म एक दो प्रेम दृश्यों के साथ अच्छी थी लेकिन अचानक यह दृश्य मैंने सोचा नहीं था।
यह दृश्य सिर्फ 2 मिनट का था।

मेरी मम्मी ने मुझे उस दृश्य को देखने के दौरान देखा. पर मैं अपना फोन देखने का नाटक करने लगा।

कुछ मिनटों के बाद एक और दृश्य आया। वहाँ एक युगल पूरी तरह से नग्न बिस्तर पर सेक्स कर रहा था और कुछ लोग इसे फिल्मा रहे थे।
वे दोनों पूरी तरह से नग्न थे और उनके नग्न शरीर स्पष्ट रूप से दिखाए गए थे।

मुझे नहीं पता क्या करना चाहिए क्योंकि मुझे बहुत शर्मिंदगी महसूस हो रही थी।

मेरी मम्मी मेरे बगल में थी और हम एक दृश्य देख रहे थे जिसमें युगल नग्न है और चुदाई कर रहा है।
यह दृश्य पिछले दृश्य की तुलना में थोड़ा लंबा था।

मेरी मम्मी ने मेरा चेहरा देखा और एक मुस्कान दी।
वह मेरी अजीब चेहरा देखकर जोर से हँस पड़ी।

नैंसी- मुझे लगता है कि तुम इस फिल्म के बारे में नहीं जानते थे?
मैं- नहीं मम्मी, क्या हम अब यह फिल्म देखना बंद कर दें।

नैंसी- नहीं हनी, हम लगभग पूरी फिल्म देख चुके हैं। इन दृश्यों के अलावा ये फ़िल्म काफी दिलचस्प हैं। बेहतर है कि हम इसे पूरा देखें।

हम माँ बेटे ने फिल्म को कुछ नग्न दृश्यों और सेक्स दृश्यों के साथ पूरा देख लिया था। लेकिन ओवरऑल फिल्म अच्छी थी।

मूवी के बाद हम सोने के लिए तैयार हो गए थे।

नैंसी- हनी, बहुत गर्मी है। मुझे नहीं लगता कि तुम इन कपड़ों के साथ नहीं सो सकते हो।

तो मैं अपनी शर्ट, पैंट और अंडरवियर निकाल कर खड़ा हो गया। मैं पूरी तरह से नंगा हो गया और मेरी मम्मी अपनी पीठ मेरी तरफ किये हुए थी।

मैं बिस्तर पर लेट गया तो मम्मी मेरी तरफ घूम गई।

उन्होंने लाइट बंद कर दी। मैं उनकी गांड की तरफ देख रहा था जो उनके गाउन के अंदर सेक्सी शेप में दिख रही थी।

उनका गाउन सिर्फ उनकी गांड को ढके हुए था और उनकी जांघें पूरी तरह से खुली हुई थी।
मैं सोच रहा था कि उन्होंने अपनी पैंटी पहनी है या नहीं।

उन्हें देखकर मैं फिर से गर्म होने लगा था. मैंने सोचा कि उनका गाउन थोड़ा ऊपर आ जाए तो बेहतर होगा और मैं उनकी गांड और चूत देख पाऊंगा।

मैं पूरी तरह से उनकी सुंदरता, नग्नता के बारे में सोच रहा था।

मेरे पिताजी वास्तव में भाग्यशाली हैं कि उनके पास है ऐसी बीवी है।

हम पूरी तरह से थक गए थे तो मेरी मम्मी लेटते ही नींद में चली गईं।
मैं कुछ देर तक उनकी सुंदरता को देखते देखते सो गया और उनके साथ बिताए गए पूरे दिन के बारे में सोचता रहा कि आज का दिन कितना मस्त था.

यह दूसरे दिन की कहानी है बाद में और भी बातें हुई जो अगले भाग में बताऊँगा।
जैसा कि यह मेरी असली फ्री सेक्स मॉम स्टोरी है, मैं अपना अनुभव उसी तरह शेयर करूँगा।
 
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मम्मी के साथ चेन्नई यात्रा- 3




मेरी मम्मी के साथ यात्रा का दूसरे दिन रात में सोने के बाद मेरी मम्मी और मेरे बीच वास्तव में क्या हुआ था।

रात को मैं अपने खड़े लण्ड के साथ सोया था।
आधी रात को करीब 2:00 बजे अचानक बिजली चली गई।

पहले से ही कमरे में बहुत गर्मी थी, भले ही एयर कंडीशनिंग चालू था। पर अब स्थिति बहुत खराब हो गई थी। कमरे में घुटन के कारण मैं उठ गया था और मेरा पूरा शरीर पसीने से तर था, मैं अभी भी पूरी तरह से नग्न ही था।

मैंने अपनी मम्मी को अपने बगल में देखा।
हे भगवान! मैंने जो देखा उसने मुझे सदमे में डाल दिया था।

मुझे अपनी आँखों पर बिल्कुल भी विश्वास नहीं हो रहा था। मम्मी का नाइटगाउन उनकी कमर तक आ गया था और उनकी पीठ मेरे सामने थी।
उनकी खूबसूरत गांड पूरी तरह से उजागर हो चुकी थी।

मेरा अनुमान सही था कि उन्होंने कोई अंडरवियर नहीं पहना हुआ था।

उनके नर्म और कड़क नितम्बों ने मुझे पागल कर दिया।
मेरे दिल की धड़कन बढ़ने लगी इतनी कि मैं अपने दिल की धड़कन सुन सकता था।

मेरा लण्ड भी बहुत बड़ा और कठोर हो गया। मैं कम से कम एक बार उसकी गांड को छूना चाहता था। उनका नाइटगाउन उनके पसीने से भीग गया था। वह बहुत खूबसूरत और हॉट लग रही थी।

अचानक मम्मी हिलने लगी, और मैं वापस सोने का नाटक करने लगा।

कुछ सेकंड में वह उठकर बिस्तर पर बैठ गई और उन्होंने अपने माथे पर से पसीना पोंछा।
वह बहुत असहज महसूस कर रही थी।
वो खड़ी हुई और बाथरूम के अंदर चली गई।

लगभग एक मिनट के बाद मम्मी बाहर आई। उन्होंने हेंगर पर से एक अपना तौलिया लिया और बिस्तर के पास आ गई।

उन्होंने मुझे देखा कि मैं सो रहा हूँ या नहीं।
मैं उन्हें अपनी आँखों से थोड़ा खोल कर देख रहा था जैसे मैं सो रहा था।

अचानक उन्होंने अपनी नाइटी उतार दी और पूरी तरह से नग्न मेरे पास खड़ी थी।

मैं एक बड़े सदमे में चला गया। उनके सुंदर शरीर का हर इंच मुझे उजागर हो रहा था। पहले से ही मेरा लण्ड पूरी तरह से खड़ा था।

उनके गोल स्तन ताजा खरबूजे की तरह लग रहे थे। उनका शरीर चमक रहा था, यहां तक कि अंधेरे में भी। अंधेरे के कारण, मुझे बस उनकी चूत ठीक से नहीं दिख रही थी।

उन्होंने अपने खुले बाल पकड़े और अधिक आरामदायक महसूस करने के लिए उनमें गाँठ बांध ली।
फिर मैंने महसूस किया कि मेरी मम्मी भी मेरी तरह है जो कि अपने आराम को प्राथमिकता देती है।

उन्होंने अपने तौलिये से अपने शरीर से पसीना पौंछना शुरू कर दिया।

कुछ सेकंड के बाद, वह अलमारी के पास चली गई और उसमें से एक पैंटी ले ली और उसे पहन लिया।

बाद में वह मेरे पास चली आयी और मुझे बिस्तर पर लेटे हुए मेरे शरीर को पूरी तरह पसीने से भीगा देखा।

उन्होंने अपने हाथों से मेरे माथे पर लगे पसीने को पौंछा और फिर अपना तौलिया बिस्तर पर रख कर मेरे पास बैठ गयी।

मैं अपने दिल की धड़कन सुन सकता था। मेरा ब्लड प्रेशर बहुत तेज चल रहा था।

मेरी हॉट और खूबसूरत मम्मी मेरे बगल में बैठी थी, केवल पैंटी पहने हुए और मैं उनके पास बिल्कुल नंगा लेटा था. और मैं ऐसे नाटक कर रहा था जैसे मैं सो रहा हूँ।

उन्होंने धीरे से मेरे शरीर पर से पसीना पोंछना शुरू कर दिया। उन्होंने मेरे चेहरे, कंधों, मेरी छाती और पेट को साफ किया.

मैं बहुत उत्साहित था कि वह मेरे लण्ड को भी साफ करेंगी।
लेकिन उन्होंने उसे छोड़ दिया और जांघों के पास आ गई।
उन्होंने मेरी टांगों तक मेरा पसीना पोंछ दिया।

मैं धीरे से बिस्तर पर हिलने लगा तो फिर उन्होंने अपना तकिया लिया और अपने स्तन को ढक लिया।

उन्होंने मेरे सीने पर धीरे से हाथ फेरा और फिर वह उठकर अपने बैग के पास गई और एक छोटा बैटरी पंखा निकाल लिया जिसका उपयोग वह मेकअप करते समय करती थी।

मेरे सिर के पास उन्होंने पंखा लगा दिया ताकि मैं थोड़ा बेहतर महसूस कर सकूं और मेरी नींद बाधित ना हो।

जैसा कि बहुत गर्मी थी, वह जानती थी कि अगर बिजली चली गई तो मैं सो नहीं पाऊंगा।

मुझे लगा कि अगर मैं सोता रहा तो वह मुझ पर शक करेगी, इसलिए मैंने ऐसे नाटक करने का फैसला किया जैसे मैं अभी जाग रहा हूं।

मैं बस थोड़ा सा हिल गया और जाग गया।
उन्होंने अपने शरीर को अपने कंबल से ढक लिया।

मैंने आँखें खोलीं और पंखे की तरफ देखा, फिर मैंने उनकी तरफ देखा।
उन्होंने अपने हाथों से मेरी आँखें बंद कर लीं और बोली- सो जाओ हनी, सब कुछ ठीक है।

मैंने उनका हाथ अपनी आँखों से हटा दिया और उनकी तरफ देखने लगा।
वो अपने बदन को पूरी तरह से कंबल से ढके हुई थी और मेरी तरफ देख रही थी।

मैं- मम्मी, क्या हुआ?
नैंसी- कुछ नहीं हनी, बिजली चली गई है।

मैं- अरे यार! मुझे बहुत पसीना आ रहा है। बहुत गर्मी है।
नैंसी- रुको हनी, मुझे रिसेप्शन पर कॉल करने दो। तुम बस आराम करो।

उन्होंने रिसेप्शन पर कॉल किया और उन्हें जनरेटर चालू करने के लिए कहा।
उन्होंने कहा कि वे उसी पर काम कर रहे हैं।

नैंसी- हनी, जनरेटर चालू हो रहा है। मुझे लगता है कि बिजली जल्द ही वापस आ जाएगी, तुम सोने की कोशिश करो हनी।
मैं- ठीक है मॉम … मैं सोने की कोशिश करूंगा।

मम्मी अपने शरीर को कंबल से ढक रही थी और वो भी काफी तरह पसीना बहा रही थी।

मुझे पता था कि वह सिर्फ पैंटी पहने हुई है।
लेकिन मुझे दिखावा करना होगा जैसे मैंने कुछ नहीं देखा है तो मैंने उनसे पूछा- मॉम, पहले से ही बहुत गर्मी और घुटन है, आप अपने आप को कंबल से क्यों कवर कर रही हो?

उन्होंने एक मुस्कान दी और अपने नाइटगाउन को हाथों में ले लिया।

नैंसी- मुझे भी बहुत पसीना आ रहा है, इसलिए मैंने अपनी नाइटी को हटा दिया था जो पहले से ही गीली थी। इस बीच, मैंने देखा कि तुम भी काफी असहज महसूस कर रहे थे और पूरे शरीर पर पसीना था। इसलिए मैंने तुम्हारे पसीने को भी पौंछ दिया और तुमको बैटरी पंखा से हवा दी ताकि तुम सोते रहो। लेकिन तुम जाग गए इसलिए मैंने खुद को कंबल से ढक लिया।

मैं- उफ़! सॉरी मॉम! मुझे नहीं पता कि आप अपने कपड़ों में नहीं हैं।

नैंसी- ओह हनी, इसमे सॉरी वाली कोई बात नहीं है। मुझे पता है कि इस गर्म मौसम में अच्छी नींद लेना असंभव है।

मैं- मॉम, मैं कमरे से बाहर चला जाता हूं जब तक कि बिजली न आ जाए, ताकि आप अंदर बिल्कुल आराम से रह सको!

नैंसी- कोई ज़रूरत नहीं है हनी, मैं अच्छी हूँ, तुम अंदर रह सकते हो। लेकिन लड़के वास्तव में भाग्यशाली होते हैं।
मैं- भाग्यशाली क्यों?
नैंसी- तुम ही देखो, हनी। लड़के असहज महसूस करते हुए कम से कम नग्न होकर सो सकते हैं। लेकिन लड़कियों के पास वे विकल्प नहीं हैं।

मैं- मॉम, मुझे लगता है कि आप असहज महसूस कर रही हैं। मैं थोड़ी देर के लिए कमरे से बाहर जा रहा हूँ, आप अपने आप को कम्फर्ट करें।

नैंसी- नहीं हनी, तुम्हें बाहर जाने की जरूरत नहीं है। बस अपनी आँखें बंद कर लो और सोने की कोशिश करो। मैं कंबल हटा लूंगी।

मेरी भोली मम्मी नहीं जानती कि मैंने उन्हें पहले ही नग्न देख लिया है।

मैं वापस पलंग पर लेट गया और आँखें बंद कर लीं।

जैसा कि कमरे में बहुत अंधेरा था, मेरी मम्मी यह नहीं देख सकती थी कि क्या मेरी आँखें खुली है या नहीं।

कुछ सेकंड के बाद, उन्होंने अपना कंबल हटा दिया और वहीं बिस्तर पर लेट गई, केवल अपनी पैंटी पहने हुए।

मैं बेसब्री से बिजली के आने का इंतज़ार कर रहा था ताकि मैं लैंप की कम रोशनी में उनके अर्ध-नग्न शरीर को देख सकूँ।

कुछ मिनटों के बाद बिजली वापस आ गई और मैंने अपनी आँखें थोड़ी खोलीं और अपनी मम्मी को मेरे पास देखा।
उनका शरीर अब अधिक सुंदर लग रहा था।

बस एकमात्र निराशा थी कि मैं उसकी चूत का जायज़ा नहीं ले पाया क्योंकि उन्होंने अपना अंडरवियर पहना हुआ था।

नैंसी- हनी, क्या तुम जाग रहे हो?
मैं- हाँ, मॉम!

नैंसी- मुझे लगता है कि जब तक कमरा ठंडा नहीं हो जाता, तब तक कुछ समय लगेगा। क्या तुमको बुरा तो नहीं लगेगा, अगर मैं नग्न रहूं?
मैं- ज़रूर, मॉम! चिंता मत करो। जब तक आप कपड़े नहीं पहन लोगी, मैं अपनी आंखें नहीं खोलूंगा। बस आप आराम से लेटिये।

नैंसी- इट्स ओके बेटा … तुम आराम से अपनी आँखें खोल सकते हो। मुझे लगता है कि मुझे नग्न देखना तुम्हारे लिए अजीब होगा, इसलिए मैं तुमसे आंखें बंद करने के लिए कह रही थी। यदि तुम मुझे देखते हो तो मुझे कोई समस्या नहीं है। मैं उसी तरह महसूस करूगी जैसा कि तुम मेरे सामने अपनी नग्नता के बारे में महसूस करते हो।

उनकी बातें सुनकर मैं चौंक गया। वह खुद को मेरे साथ सहज बनाने की कोशिश कर रही है।

मैंने धीरे से अपनी आँखें खोली और उनके चेहरे की तरफ देखा। वह मेरे चेहरे को मुस्कान के साथ देख रही थी।

मैं- मुझे कोई समस्या नहीं है, मॉम! आपने मुझे अपने सामने सहज महसूस कराया, इसलिए मैं भी यही करूंगा।
नैंसी- यह हुई मेरे बेटे वाली बात।

वाह, मुझे विश्वास नहीं हो रहा था कि मैं और मेरी मम्मी एक दूसरे के पास बिस्तर पर नग्न पड़े थे। इससे मेरा लण्ड बैठने का नाम ही नहीं ले रहा था।

मैं बहुत खुशनसीब हूं कि मुझे ऐसी खूबसूरत मां मिली, जो प्रकृतिवाद से उतना ही प्यार करती है जितना मुझसे।

मैं और मेरी पोर्न मॉम बिस्तर पर एक सामान्य बातचीत कर रहे थे। हम बस एक दूसरे का चेहरा देख रहे थे।

मैंने उनके शरीर के बाकी हिस्सों को नहीं देखा क्योंकि वह मेरे बारे में गलत भी सोच सकती थी। मैंने इन दो दिनों में अपनी मॉम को कभी भी अपने प्राईवेट को घूरते नहीं देखा था।

बाद में वह खड़ी हुई और खिड़की के पर्दे बंद करने के लिए खिड़की की ओर चल पड़ी ताकि कोई और हमें नग्न ना देख ले।

मैंने उनके शरीर को कम रोशनी में स्पष्ट रूप से देखा, जिससे मैं पागल होने लगा।

बाद में कई चीजें हुईं जो मैं आपको आगे के एपिसोड में बताऊंगा। जैसा कि ये मेरी असली पोर्न मॉम हॉट स्टोरी है, मैं अपना अनुभव उसी तरह शेयर करूँगा। आशा करता हूँ कि आपको ये कहानी पसंद आई होगी।
 
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मम्मी के साथ चेन्नई यात्रा- 4



उस रात मैंने अपनी मम्मी को अपने बगल में केवल पैंटी पहने हुए देखकर बहुत मज़ा लिया।

बाद में हम दोनों गहरी नींद में चले गए।

सुबह मैं 7:00 बजे उठा। मैंने देखा कि मेरी मम्मी अभी भी मेरे बगल में सोई हुई थीं केवल पैंटी पहने हुए। वह गहरी नींद में थी।

अब समय आ गया था कि मैं उनकी भरी जवानी को ठीक से देख लूं।
कल रात अंधेरा था, और मैं उन्हें देख नहीं पा रहा था। लेकिन अब कमरा उजाले से भर गया था और मैं उनके सुंदर शरीर को बहुत स्पष्ट रूप से देख पा रहा था।
मैंने उसके गोल स्तन देखे, जो मीठे दूध से भरे ताज़े फलों की तरह लग रहे थे।

मैं उन्हें छूने के लिए मर रहा था लेकिन मैं जोखिम नहीं लेना चाहता था।
उनका सपाट पेट एक छोटे से तालाब की तरह था जहाँ मैं अपना सर रखकर आराम करना चाहता था और उनकी नाभि को चाटना चाहता था।

उनकी काली पैंटी केवल उनकी चूत और उसकी गांड को ही ढक रही थी। उनकी मुलायम गांड पूरी तरह से बिस्तर की तरफ दब गई थी।

मॉम की पतली जांघें और साफ सफेद पैर खरगोश के पैरों की तरह लग रहे थे। वह एक सेक्सी परी की तरह लग रही थी जो मेरे पास सो रही थी।

मैंने 5 मिनट के लिए दृश्य का आनंद लिया और मेरा लण्ड पूरी तरह खड़ा हो गया।

मुझे नहीं पता कि वह अपने शरीर का रखरखाव कैसे कर रही थी कि मम्मी 42 साल की उम्र में भी इतनी खूबसूरत थी।

मैंने अपने मोबाइल से उनकी एक तस्वीर लेली।

अचानक दरवाजे की घंटी ने मुझे डरा दिया। मम्मी भी अचानक जाग गई और अपने हाथों से अपने शरीर को ढक लिया। कम नींद की वजह से उनकी आँखें लाल थीं।

मम्मी चिल्लाई- कौन है?
दरवाजे के बाहर वाले व्यक्ति ने जवाब दिया- रूम सर्विस मैडम!

वह बिस्तर से उठी, एक तौलिया लिया और मुझे दिया।

नैंसी- गुड मॉर्निंग बेटा … रूम बॉय को अभी कमरे की सफाई करने दो. उनके जाने के बाद मुझे बुला लेना। तब तक मैं बाथरूम में इंतजार करती हूं।
मैं- ठीक है, मॉम!

वह बाथरूम में घुस गई।
मैंने अपना तौलिया अपनी कमर पर बाँध लिया और दरवाज़ा खोल दिया।

कर्मचारी ने अंदर आकर रूम सर्विस की और रूम साफ करके चला गया।

मैं- मॉम, वे चले गए। अब आप बाहर आ सकती हो।
नैंसी- ठीक है हनी, मैं बस अभी नहाकर आयी।
मैं- ठीक है, मॉम!

30 मिनट के बाद मम्मी वही अंडरवियर पहन कर बाहर आई।

मैं बिस्तर पर बैठा हुआ था पूरी तरह से नंगा। वो आई और मेरे पास बैठ गई और अपना मोबाइल फोन ले लिया।

नैंसी- हनी, जाओ और फ्रेश हो जाओ। हमें खरीदारी करने और कपड़े खरीदने भी जाना है। हम कल सुबह अपने रिश्तेदार के घर के लिए रवाना हो जायेंगे।

मैं- ठीक है, मॉम! आपकी आंखें लाल हैं। मुझे लगता है कि आपने कल रात पर्याप्त नींद नहीं ली है।
नैंसी- हाँ हनी, कमरे में बिजली कटौती और गर्म मौसम के कारण मैं ठीक से नहीं सो पायी हूं। पर जब मैंने अपने कपड़े उतार दिए तो मुझे काफी बेहतर लगा, उसके बाद मैं काफी आराम से सोई हूं।

मैं- यही कारण है मम्मी कि मैं नग्न सोना पसंद करता हूँ। यह एक अच्छी नींद में बहुत मदद करता है।
नैंसी- हाँ, हनी, यहां तक कि मैं भी गर्मियों में नग्न सोती हूं और जब तुमने कहा कि तुम्हें बिना कपड़ों के सोने की आदत है तो मुझे लगा कि तुम बिल्कुल मेरी तरह हो। पर मुझे लगा कि अगर मैं तुम्हारे सामने नग्न सोऊं तो तुम असहज महसूस करोगे। इसलिए मैं अपने शरीर पर कम कपड़े पहनकर सो रही थी, लेकिन कल बहुत गर्मी थी, जिससे मैंने कपड़े उतार दिए।

मैं- नहीं, मॉम, बिल्कुल नहीं। मैं आपकी नग्नता के साथ ठीक हूं। जब मैं आपके साथ होता हूं तो आप मेरे साथ अपना कम्फर्ट जोन बना सकती हो।

नैंसी- हाँ बेटा, मुझे करना पड़ा। अन्यथा यहाँ सबसे गर्म क्षेत्र में रहना असंभव है। ठीक है, अब तुम जल्दी से फ्रेश हो जाओ हनी। आज हमारे पास शॉपिंग और ब्यूटी पार्लर के सेशन हैं, हमें देर हो जाएगी।

मैं बाथरूम में गया, अपना काम खत्म किया और बाहर आ गया।

मेरी मम्मी ने एक सुंदर गुलाबी टॉप और सेक्सी टाइट जीन्स पैंट पहन रखी थी।

हमने नाश्ता किया और खरीदारी के लिए निकल गए।

हम उस शहर के सबसे बड़े शॉपिंग मॉल में गए। मेरी मम्मी ने 3 जोड़ी कपड़े लिए। जिनमें एक साड़ी थी, दूसरी जींस और टॉप थी, और पटियाला सेट।
बाद में वह मुझे पुरुषों के कंपार्टमेंट में ले गई और विक्रेता को मुझे एक सूट दिखाने के लिए कहा।

मम्मी ने मेरे लिए पार्टी वियर सूट पसंद किया। वो मुझे काफी पसंद आया।
उन्होंने 2 और जोड़ी कपड़े भी मेरे लिए चुने।

फिर वह मुझे महिला अंडरगारमेंट्स सेक्शन में ले गई।
वहां उन्होंने सेक्सी अंडरवियर और ब्रा पसंद की।
मैंने उनकी कल्पना की कि वह इसमें कितनी सेक्सी लगेगी।

फिर उन्होंने मुझसे पूछा- विकी, क्या तुम अंडरवियर खरीदना चाहते हो?
मैं- हाँ, मॉम! मैं केवल दो लाया हूं। मुझे और भी चाहिये।

फिर वह मुझे पुरुषों के अंडरगारमेंट्स सेक्शन में ले गई। मैंने वहां अपने इनर खरीदे।

जब हम शॉपिंग सेक्शन से बाहर आए तो शाम के 5 बज चुके थे। फिर वह मुझे एक यूनिसेक्स ब्यूटी पार्लर ले गई। उन्होंने वहां हम दोनों के लिए अपॉइंटमेंट बुक कर लिया।

नैंसी- विकी, तुम अभी अंदर जाओ और अपने बाल कटवाओ और जो कुछ भी चाहते हो, करवा लो। मैं महिलाओं के अनुभाग में जा रही हूं और मेरा फेस पैक होगा तो समय लगेगा।
मैं- ठीक है मम्मी।

मैं अंदर गया और मेरे बाल कटवा लिए।
ब्यूटीशियन ने मुझसे पूछा- कुछ और सर?

मैंने उनसे पूछा कि क्या वे आंतरिक अंगों की हेयर वैक्सिंग कराते हैं।
उन्होंने हां कह दिया।

तो मैंने अपने आंतरिक अंगों के हेयर के लिए वैक्सिंग करने का फैसला किया।
यह पहली बार है जब मैं अपने झांट के बालों को हटा रहा था।

मेरे लण्ड के ऊपर कम और भूरे रंग के बाल थे। मैं उन्हें नियमित रूप से शेव नहीं करता था, इसलिए मेरी स्किन बहुत सॉफ्ट और सेंसिटिव थी।

उन्होंने मेरे झांट के बालों को वैक्स करना शुरू कर दिया। यह बहुत दर्दनाक था कि मेरी आँखों से आँसू आ गए।

सबसे दुखद बात यह थी कि मेरे लिंग के ऊपर एक बड़ा लाल निशान पड गया था और मुझे बहुत दर्द हो रहा था।

थोड़ी देर बाद हमने अपना ब्यूटी सेशन खत्म किया और रात को 8 बजे अपने होटल के कमरे में वापस चले गए।
हम वास्तव में थके हुए और बेचैन थे।

हमने कल की शादी के लिए सब कुछ व्यवस्थित करना शुरू कर दिया।

मेरी मम्मी ने अपने नए कपड़ों को पहनना शुरू कर दिया। उन्होंने मेरे सामने अपनी टॉप और टाइट जींस उतार दी।
उन्होंने सफ़ेद ब्रा और पैंटी पहन रखी थी।

तब उन्होंने अपनी नई साड़ी पहन ली और मुझसे पूछा- कैसी लग रही हूं मैं?
मैं- मॉम, आप बहुत खूबसूरत लग रही हो। यह साड़ी आपको पूरी तरह से सूट कर रही है।

फिर उन्होंने अपनी साड़ी निकाल दी और उसने अपने बचे हुए कपड़ों को आज़माना शुरू कर दिया।

उनके बाद मैंने भी अपने कपड़े उतार दिए और अपना नया सूट ट्राई किया।

मैं- मॉम, ये कैसा है?
नैंसी- वाह हनी, तुम इसमें बहुत सुंदर लग रहे हो। मैंने तुम्हें पहले कभी इस तरह संवरता नहीं देखा है। शादी में हर कोई बस तुम्ही को घूरने वाला है। मेरे शब्द याद रखना बेटे।

मैं- बेशक, यह आपकी ही पसंद के कपड़े है मम्मी। इसका श्रेय आपको ही जाता है। मुझे ऐसे कपड़े दिलवाने के लिए धन्यवाद।
नैंसी- मैं हमेशा अपने बेटे के लिए सबसे अच्छा ही चयन करूंगी।

मम्मी ने अपनी चूड़ीदार जीन्स निकालना शुरू कर दिया। उन्होंने अपना टॉप और जीन्स निकाल दिया।

फिर वो अपनी ब्रा उतारने लगी, मेरा लण्ड उन्हें देखकर फिर खड़ा होने लगा। उन्होंने अपनी ब्रा निकाल दी और पैंटी में खड़ी हो गयी। उन्होंने अपने कपड़े ठीक करने शुरू किए और उन्हें एक बैग में व्यवस्थित कर के रख दिया।

नैंसी- विकी, अपनी ड्रेस निकालो और मुझे दे दो। मैं उन्हें ठीक करके बैग में रख दूंगी।

कपड़े मोड़ते हुए वह बहुत सुंदर लग रही थी।

मैंने अपना सूट निकाल कर उन्हें दे दिया। मैंने भी अपना अंडरवियर निकाल दिया और उनके सामने पूरा नंगा हो गया।
उन्होंने कपड़ों को पूरी तरह से जमा दिया था।

वह उठकर बिस्तर के पास चली आयी और आराम से बिस्तर पर गिर गई। मैंने उनके स्तन देखे और उनके शरीर के सभी अंग बिस्तर पर गिरते ही उछल पड़े थे।

वह छत की तरफ देख रही थी और फिर मुझसे पूछा- वाह, इतनी गर्मी में नग्न रहना कितना सुकून देता है।
मैं भी बिस्तर पर चला गया और अपनी मम्मी के पास बैठ गया।

मेरी मम्मी ने देखा कि मेरे नीचे के बाल क्लीन शेव्ड थे। जब मैंने मम्मी को मेरे निजी अंगों को घूरते हुए देखा तो मैं थोड़ा शर्मनाक महसूस करने लगा।

नैंसी- हनी, क्या तुमने ब्यूटी पार्लर पर अपने लिंग के बाल कटवाये हैं?
मैं- नहीं मम्मी, मैंने उनसे वैक्सिंग करने को कहा था। मुझे लगा कि गर्मियों में यह अधिक आरामदायक होगा।

मम्मी ने मेरे लिंग के ऊपर लाल निशान को देखा तो वो मेरे पास बैठ गई।

नैंसी- हनी, तो यह लाल निशान किस तरह है? क्या तुम्हें चोट पहुंची?
मैं- हाँ मम्मी, मैंने पहली बार अपने लिंग के बाल निकाले है। तो इससे मुझे बहुत दर्द हुआ, और मुझे चोट भी लग गयी।

नैंसी- ओह हनी, वैक्सिंग तुम्हारे लिए ठीक नहीं है। यह तुम्हारी त्वचा को नुकसान पहुंचाता है। तुम्हारे लिए यही ठीक है कि तुम अपने लिंग के बालों को नियमित रूप से शेव किया करो।

मम्मी के द्वारा मेरे प्राइवेट पार्ट के बारे में बात करने से मैं और उत्तेजित होने लगा था।
मेरा लण्ड धीरे धीरे अपना असली रूप दिखाना चाह रहा था पर जैसे तैसे मैं खुद को रोक रहा था।

मैं- मॉम, लेकिन मुझे नहीं पता कि इन्हें शेव कैसे करते है। मैंने कई बार कोशिश की है और मुझे ब्लेड से चोट भी लगी है। इसलिए मैंने इन्हें ऐसे ही छोड़ दिया। अब मुझे जब इन्हें हटाने का मौका मिला तो मैंने ऐसा किया। मुझे उम्मीद नहीं थी कि यह मुझे इतना दर्द देगा और मुझे चोट पहुँचाएगा।

मेरी मम्मी बिस्तर से उठी और अपने बैग की तरफ जाने लगी और एक मरहम निकाल कर लायी।
उन्होंने मुझे वो जेल दिया और इसे लगाने के लिए कहा।

नैंसी- इस जेल को लगा लो जहां कभी भी तुम्हें दर्द महसूस हो रहा हो और उस लाल निशान पर भी। यह बहुत तेजी से तुम्हें ठीक कर देगा। अगली बार ऐसी चीजें मत करना। अगर तुम्हें नहीं पता कि लिंग के बाल कैसे शेव करते है तो मुझसे कहना, मैं तुम्हारी मदद कर दूंगी।

मम्मी से यह सुनकर मैं चौंक गया।
मेरी मम्मी कह रही थी कि वह मेरे लिंग और अण्डकोषों को शेव करेगी।

वाह … मैंने बस कल्पना मात्र की ही थी कि मेरा लण्ड अब पूरी तरह सख्त हो गया। मैं अपनी मम्मी को अपने लण्ड को घूरते हुए देख सकता था, मैंने मरहम लगाया और बिस्तर पर लेट गया। मेरी मम्मी बिस्तर पर आ गई और मेरे पास बैठ गईं।

नैंसी- सुबह तक अब कोई भी कपड़े नहीं पहनना, नहीं तो ये ठीक नहीं होगा। इसे हवा लगने दो।

मेरा लण्ड पूरी तरह खड़ा था जो कि मेरे पेट से चिपक गया था, मम्मी ने भी अब मेरे खड़े लण्ड को देख लिया था। जिसे मैं कब से उनसे छिपाने की कोशिश कर रहा था।

मेरी Xxx मम्मी बाथरूम के अंदर चली गईं। वह नहा कर और तौलिया पहन कर बाहर आई।

बाहर आकर मम्मी ने अपना तौलिया हटा दिया और जो मैंने देखा वह अविश्वसनीय था।
वो पूरी तरह से नंगी थी। उन्होंने अपनी पैंटी भी नहीं पहनी हुई थी। उन्होंने एक तौलिया से अपना शरीर पोंछा और बिस्तर पर आ गई।

यह पहली बार था जब मैं उनकी चूत देख रहा था। हे भगवान! उनकी चूत क्लीन शेव्ड और गोरी थी।

उनकी चूत के होंठ गुलाबी थे और मैं उनकी नर्म चूत को उनकी जांघों के बीच देख सकता था। वह काफी कसी हुई और मुलायम लग रही थी।

यह सब देखने के बाद मुझे लगभग दिल का दौरा पड़ने वाला था। ऐसी खूबसूरती मैंने पहले कभी पोर्न वीडियो में भी नहीं देखी थी।

उनकी गांड उनके शरीर का सबसे अच्छा हिस्सा है। उनके नितम्ब उछल रहे थे, जब वो चल रही थी।
मैं पागल हो रहा था। मेरा लण्ड आज से पहले कभी इतना खड़ा नहीं हुआ था।

मेरा मुँह गीला हो रहा था। मुझे विश्वास नहीं हो रहा था कि मेरी मम्मी मेरे बगल में पूरी तरह से नग्न बैठी हैं और मैं अपने खड़े लण्ड के साथ उनके बगल में बैठा हूँ।

मुझे उन्हें नंगा देखने में मज़ा आ रहा था। लेकिन उनकी चूत और गांड देखने के बाद अब मुझसे रुका नहीं जा रहा था। मैं इतना उत्तेजित था कि मेरे प्री-कम से मेरा लण्ड का सुपारा गीला हो गया था। मैं उन्हें चोदना चाहता था, लेकिन मैंने उनसे पूछने की हिम्मत नहीं की। मैंने उनकी तरफ देखा।

वह अपने मोबाइल में देख रही थी। फिर Xxx मॉम ने भी मुझे घूर कर देखा। मैंने अपना चेहरा घुमा लिया और सामान्य व्यवहार करने लगा। मैंने अपना तकिया लिया और अपने खड़े लण्ड को ढक लिया।

नैंसी- हनी, अब हमें सोना चाहिए। कल हमें जल्दी निकलना होगा।

हम बिस्तर पर लेट गए। उन्होंने लाइट बंद कर दी।

मैं बस उन्हें घूर रहा था और मेरे बगल में नंगा लेटी रही।
उनके पैर खुले हुए थे और उनके शरीर का हर हिस्सा मुझे दिख रहा था।

करीब एक घंटे तक उन्हें देखने के बाद मैं सो गया।
 
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मम्मी के साथ चेन्नई यात्रा- 5





पिछले भाग में आपने पढ़ा कि मैं और मेरी मामी दोनों नंगे होटल के कमरे में एक बेड पर सो रहे थे.

अचानक मुझे मेरे दोस्त का फोन आया।
उसने कहा कि आज सुबह हमारा रिजल्ट आ गया है.

मेरी आवाज सुनकर मम्मी भी जाग गयी।
मम्मी ने कमरे में रोशनी चालू की और पूछा- क्या हुआ, हनी? फोन पर कौन था?
मैं- मेरा रिजल्ट आ गया है मॉम!
नैंसी- तो जल्दी से अपना रिजल्ट देख कर बताओ।

मम्मी अपना मोबाइल फोन मेरे करीब ले आयी। उनका दाहिना कंधा मेरे बायें कंधे को छू रहा था।

उन्होंने मेरा रोल नंबर पूछा। उन्होंने मेरा रिजल्ट खोला और तुरंत वह मुस्कराते हुए मेरे और नजदीक आयी और मेरे गाल पकड़ कर उसको चूम लिया।

नैंसी- मेरा बेटा हमेशा सबसे आगे होता है।

मैं- प्रतिशत क्या है?
नैंसी- तुम्हें 93% मिला है। तुमने बहुत मेहनत की है, हनी। मुझे तुम्हारे पिताजी को बताने दो। वह बहुत खुश हो जाएंगे।

उनका चेहरा खुशी से भर गया था और वह और अधिक सुंदर लग रही थी।
वह पूरी तरह से नग्न वज्रासन में बैठी थी और उनके पैर खुले हुए थे।
मैंने अपना दिमाग पूरी तरह से खो दिया।

उन्होंने डैडी को कॉल किया और कहा- विकी को बोर्ड में 93% मिले हैं।
पापा को बहुत खुशी हुई।

मम्मी ने मुझे फोन दिया और पाप ने मुझे बधाई दी।

मैंने वापस मम्मी को फोन दे दिया। वह बिस्तर से उठ खड़ी हुई और मेरे पिताजी से बात करने लगी। कुछ मिनटों के बाद मम्मी ने फोन कॉल काट दिया।

मैं खड़ा हुआ और उन्हें पीछे से गले लगा लिया। मेरा बड़ा तना हुआ लण्ड उनकी गांड की दरार में जा रहा था और मेरे हाथ उनके स्तन को छू रहे थे।

मम्मी पीछे की तरफ घूम गयी और उन्होंने मुझे गाल पर चूमा।

मैंने धीरे से अपना लंड उनकी चूत पर दबाया।
मुझे यकीन था कि उन्होंने उसे अपनी चूत पर महसूस किया होगा।

वह थोड़ा पीछे हट गई और मेरे लण्ड की तरफ नीचे देखने लगी।

मैं- उफ़! सॉरी मम्मी! मैं खुशी में भूल गया कि हम नंगे हैं।

नैंसी- ठीक है हनी, तुम मेरे प्यारे छोटे बेटे हो. क्या तुम अपनी मम्मा को गले लगाना चाहते हो? इधर आओ।

और उन्होंने अपने हाथ चौड़े कर दिए और मुझे अपने गले लगाने के लिए बुलाया। मैंने उन्हें बहुत कसकर गले लगा लिया।
मेरा कड़क लंड उसकी चूत को छू गया।
मैंने अपने सीने को उनके बूब्स और मेरे लण्ड को उनकी चूत पर दबा दिया।

मम्मी ने भी मुझे मेरे गाल पर चूम लिया।
हम दोनों एक दूसरे को गले लगाकर बिस्तर पर गिर गए।

मम्मी मेरे ऊपर ही गिर पड़ी थी। मैंने थोड़ा उठकर उनके होंठों को चूमना शुरू कर दिया।

मम्मी ने भी मेरा सिर पकड़ लिया और जोर से उसे अपने चेहरे की तरफ खींच लिया। हम कुछ मिनट के लिए एक दूसरे को चूमते रहे।

मुझे ऐसा लग रहा था कि मैं स्वर्ग में हूं।
उत्तेजना में मैंने अपनी मम्मी के स्तन को छू लिया और मैं थोड़ा घबरा गया।

मैंने उनके चेहरे की तरफ देखा।
वो मुस्कुराई और वापस मेरे हाथ को अपने बूब्स पर रख दिया।

नैंसी- मैं तुम्हारी खुशी को बर्बाद नहीं करना चाहती बेबी। बस जो चाहो वो करो!

मैंने पूरे जोर से उनके स्तन दबाए और मेरी मम्मी ने मेरे होंठों को अपनी जीभ से चाटा।

हमने फिर कुछ मिनट तक एक दूसरे को चूमा।

बाद में मेरी मम्मी मुझसे अलग हो गईं और बिस्तर पर लेट गईं।
उन्होंने अपने दोनों हाथ उठाकर कहा- चलो हनी, मम्मा के ऊपर सो जाओ।

मैं उनके उपर लेट गया और उनके स्तन चूमने शुरू कर दिये। मैंने उनके निप्पलों को दूध पीते बच्चे की तरह चूसा।

मेरी मम्मी स्माइली चेहरे के साथ मुझे देख रही थी और अपने सारे प्यार से मेरे बालों को सहला रही थी।

फिर मैं थोड़ा नीचे आया और उनकी नाभि को चाटने लगा।

उन्होंने अपने दोनों हाथों को मेरे सिर के पीछे रख दिया और जोर से अपने पेट की ओर दबाया।

मैंने धीरे से उनकी चूत को छुआ और उंगलियों से उसे रगड़ने लगा।

पहली बार मैंने अपनी मम्मी को थोड़ा सिसकारते हुए सुना।
इससे मुझे और खुशी मिली।

मैंने अपनी बीच की उंगली उनकी चूत के अंदर घुसा दी। उनकी चूत गर्म और रसीली थी।
मैं अपनी उंगली उनकी चूत के अंदर तक घुमाने लगा।

वह कराहने लगी।

मैंने उनकी चुत में उंगली अंदर बाहर करना शुरू कर दिया और वो और भी जोर जोर से कराहने लगी।

मैं उनके पेट को चाट रहा था और साथ में उसकी चूत में उंगली कर रहा था।

तब मैंने धीरे से मेरे होंठ से उनकी चूत को धीरे से चूम लिया और मम्मी के चेहरे की तरफ देखने लगा।

उनका चेहरा पसीने से भीग गया था। उन्होंने बस अपनी आँखें बंद कर ली और इन सबका आनंद लेने लगी।

फिर मैंने अपनी जीभ उनकी चूत के अंदर घुसा दी और उनकी चूत के होंठों को अपने होंठों से छू लिया।
मम्मी मेरे सर को अपनी चूत में दबाने लगी।

मैंने 15 मिनट तक उनकी चूत को चाटा और किस किया। उनकी चूत काफी गीली हो गई थी।

फिर मम्मी उठकर बिस्तर पर बैठ गई ओर मुझे धक्का देकर बिस्तर पर लेटाकर मेरे घुटनों पर बैठ गई।
वो मेरे लंड को धीरे से छूने लगी।

मम्मी ने अपने एक स्तन को मेरे लण्ड के ऊपर रखा और मेरे लण्ड को अपने निप्पल के चारों ओर घुमाने लगी।

फिर उन्होंने मेरा लण्ड अपने मुंह में रखा, उसे अपने सुंदर होंठों से चूमा और फिर धीरे से मेरा प्रीकम चाट लिया।

उन्होंने फिर अपने हाथों से मेरे अण्डकोषों को छुआ और धीरे-धीरे उन्हें सहलाना शुरू कर दिया।
फिर उन्होंने मेरा लंड अपने मुँह में ले लिया और उसे चूसने लगी।

मुझे ऐसा लग रहा था कि मैं स्वर्ग में हूं।

मैंने अपनी मम्मी के सिर को अपने लण्ड की तरफ झुकाया और मेरा लण्ड उनके गले में गहराई तक उतर गया।

उन्होंने 5 मिनट तक मेरा लण्ड चूसा और मेरे लंड को हाथों से सहलाया।
फिर उन्होंने धीरे अपनी खूबसूरत क्लीन शेव्ड गुलाबी चूत को मेरे लण्ड के पास रखा।
उन्होंने मेरा चेहरा देखा और मुस्कुरा दी।

मम्मी ने धीरे से मेरा लंड अपनी चूत के छेद पर रगड़ा और मेरे लंड के ऊपरी भाग को अपनी चूत में घुसाया और अपनी गांड को हिलाना शुरू कर दिया।

वह झुकी और उन्होंने मेरे सीने को चूम लिया. फिर गर्दन और फिर मुंह को चूमने लगी.

जब तक कि मेरा पूरा लण्ड उनकी चूत में समा गया।
फिर वह समुद्र में उठती लहर की तरह अपने शरीर को मेरे शरीर के ऊपर हिलाने लगी। उनके स्तन मेरी छाती पर उछल रहे थे।

वो कराहने लगी और अपना पूरा शरीर मेरे शरीर से रगड़ने लगी। उनकी गर्म साँसें मेरे चेहरे से टकरा रही थी।

उन्होंने 15 मिनट तक मुझे चोदना जारी रखा और फिर मैं उनके अंदर झड़ने लगा।
मेरा सारा माल अंदर लेने के बाद वो मेरे ऊपर गिर पड़ी और अपना सर मेरे सीने पर टिका दिया।

हम दोनों वहीं लेटे थे और जोर से सांस ले रहे थे।

मेरी मम्मी ने अपने दोनों हाथों से मुझे पुचकारा, बाद में उन्होंने एक खूबसूरत मुस्कान दी।

नैंसी- विकी, क्या यह तुम्हारा पहली बार है?
मैं- हाँ, मॉम!

नैंसी- तुम्हारी मम्मी के साथ ये सब करने की तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई?
मैं चौंक गया। मैं नहीं जानता कि मैं क्या कहूं।

मैं- सॉरी मॉम! मेरा आपके बारे में ऐसा कोई इरादा नहीं है। मैंने बस आपको उत्साह में गले लगाया था। मैं नहीं जानता था की यह सब इस तरह खत्म होगा।
नैंसी- हा हा हा … मेरे भोले छोटे बेटे को उसकी मम्मा से गिफ्ट मिल गया आज।
और उन्होंने मेरे माथे पर चूम लिया।

नैंसी- इसे हमारे एक राज की तरह रखना। किसी को भी इस बारे में जानकारी नहीं मिलनी चाहिए और यह मत भूलो कि यह बस एक बार की बात है।
मैं- मैं आपसे वादा करता हूँ मॉम! मैं कभी किसी को नहीं बताऊँगा।

अचानक मेरी मम्मी का फ़ोन बजा।
उन्होंने फोन लिया और कहा- शश…! तुम्हारे पापा का कॉल है, चुप रहो।

वह बगल में लेट गई और फोन उठा लिया।
जब वह मेरे पिताजी के साथ बात कर रही थी, मैं अचानक उनकी पैरों के बीच बैठ गया और उनकी चूत चाटने लगा।

उन्होंने अपना मुंह खोला और मुझे दूर करने की कोशिश की। लेकिन मैंने उनकी चूत को जोर से चाटना जारी रखा।

जब मैं उनकी चूत चाट रहा था तब वह पिताजी के साथ ठीक से बात करने में सफल रही।

थोड़ी देर बाद उन्होंने अपना फोन काट दिया।
उन्होंने मुझे अपने दोनों हाथों से यह कहते हुए पकड़ लिया- तुम बहुत शरारती लड़के हो।

मम्मी ने मुझे बिस्तर पर लेटा दिया और अपनी चूत मेरे मुँह पर रख दी।

मेरा चेहरा पूरी तरह से उनकी गांड की दरार के अंदर था, और मेरा मुँह और नाक उसकी चूत के अंदर थी और वो मेरा लंड चूसने लगी।

हम 69 की स्थिति में थे। मेरा चेहरा उनकी चूत और गांड से पूरी तरह से ढका हुआ था। मैं सांस नहीं ले पा रहा था।

वो जोर जोर से मेरे चेहरे पर अपनी गांड रगड़ने लगी। उन्होंने मेरा लंड अपने मुँह में ले लिया।

सांस ना ले पाने के कारण में तड़पने लगा और अपने हाथ पैर बिस्तर पर पटकने लगा।

अचानक मम्मी ने मेरे लंड को जोर से काट लिया और मैंने उन्हें खुद से दूर धकेल दिया।

मैं बेहोश हो गया और मेरा शरीर कोई हिलाने लगा।

मैंने अपनी आँखें खोली और अचानक सब कुछ काला हो गया। मैं हांफ रहा था और रो रहा था। मेरा शरीर पसीने से भीग गया था।

तभी मैंने अपनी मम्मी की आवाज़ सुनी- विकी, क्या तुम ठीक हो बेबी? क्या हुआ हनी? क्या तुम मुझे सुन सकते हो?

मैं उलझन में था और मैंने अपने बगल में देखा।
मेरी मम्मी मेरे बगल में बैठी थी। हम दोनों नंगे थे और उन्होंने अपने दोनों हाथ मेरे कंधों पर रख दिए और मुझसे पूछा- क्या हुआ?

तब मुझे महसूस हुआ कि हमने जो कुछ भी किया, वह सिर्फ एक सपना था।

नैंसी- विकी … मुझे उत्तर दो, क्या हुआ? क्यों चिल्ला रहे हो?
मैं- मुझे एक बुरा सपना आया, मॉम!

मेरी मम्मी ने मेरा सर अपने दोनों हाथों से पकड़ कर अपने नंगे कंधे पर रखा और बोली- कूल हनी, कुछ नहीं हुआ। तुम ठीक हो। मम्मा तुम्हारे साथ हैं।

उन्होंने मुझे पीने के लिए थोड़ा पानी दिया और मुझे बिस्तर पर लेटा दिया।

मम्मी भी मेरे काफी पास आकर लेट गयी और मेरे सीने पर हाथ रख कर कहा- सब कुछ ठीक है हनी! तुमने बस एक बुरा सपना देखा था। घबराओ मत। बस सो जाओ।

मुझे बहुत बुरा लगा कि यह सिर्फ एक सपना था। लेकिन यह बहुत अच्छा सपना था जब हम दोनों नग्न थे।

मेरी मम्मी मेरे काफी करीब थी, उन्होंने मुझे खूब लाड़ किया और अपना हाथ मेरे ऊपर रख कर मेरे सीने ओर पेट को सहलाने लगी।

मेरा पेट मेरे वीर्य से गीला था जो कि सपने में मम्मी को चोदते समय मैंने सच में बहा दिया था। मम्मी को और मुझे दोनों को इस बात का अनुभव हुआ कि मेरा पेट गीला और चिपचिपा है, पर मम्मी ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी और उसी तरह मुझे सहलाना जारी रखा।

उनके गीले हाथ ने मुझे सीने तक मेरे वीर्य से मल दिया और कुछ समय बाद वह सूख गया और मम्मी के लाड़ ने मुझे सुला दिया था।

मुझे अपने रिजल्ट के बारे में अपने मित्र से कोई फ़ोन कॉल नहीं आया था। यह सिर्फ एक सपना था।
मैं उम्मीद रखता हूँ कि कहानी के अंत तक मेरा सपना सच होगा या नहीं।

यह मेरी मम्मी का नग्न शरीर ही था जिसने मुझे उत्तेजित कर दिया था और मुझे इस तरह का सपना दिखा दिया।

यह मेरे लिए सबसे ख़ूबसूरत दौर था, जहाँ मैंने मम्मी के साथ पूरी तरह से नग्न होकर दो रातें बिताईं थी।
वह पहली महिला थी जिसे मैंने अपने जीवन में वास्तविक रूप से नग्न देखा। और अब मेरे पास एक सुंदर सपना है।
 
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junglecouple1984

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मेरी विधवा बहन की जवानी का भोग




मेरी बहन सुधा एक सीधी सी लड़की थी. मगर वो देखने में बहुत सुंदर थी.

जैसे ही जवान हुई तो शहर से उसके लिए एक रिश्ता आया.
लड़के वाले अच्छे थे और बहन के लिए रिश्ता बहुत लायक था. इस वजह से मां और पापा ने उसकी शादी कर दी.

मेरे जीजा दिल्ली में ही अपनी कपड़े रंगने की फैक्ट्री चलाते थे. उसमें जीन्स और शर्ट को कलर किया जाता है.
उनकी शादी अच्छे तरीके से हुई और शादी के बाद सब कुछ सही चल रहा था.

एक दिन मेरे जीजा का एक एक्सिडेंट हुआ और उनके सिर में चोट लग गई.
हम सब उनका हाल चाल लेने गए.

उनकी हालत बहुत गंभीर थी.
डॉक्टर ने साफ बोल दिया कि ये कितने दिन जिन्दा रहेंगे कुछ नहीं कहा जा सकता.

हम उनको घर ले आये लेकिन उनकी हालत बिगड़ती चली गयी क्योंकि दिमाग में चोट आई थी.
दो हफ्ते के बाद उन्होंने दम तोड़ दिया.

दीदी के घर में मातम छा गया. कुछ दिन बाद दीदी के ससुर भी बेटे के दुख में बीमार पड़ गये.

जीजा की तेरहवीं के बाद मैं वहीं पर रुक गया क्योंकि दीदी के ससुर को अस्पताल भी लेकर जाना होता था और फैक्ट्री का काम भी बंद पड़ा था.
मैं दीदी के पास ही सोता था.

फिर उसकी सास ने मुझे फैक्ट्री का काम समझा दिया.
वो खुद भी वहां जाती थी और काम देखती थी.

इस तरह मेरे दिन वहीं बीतने लगे.

कई बार रात को मेरी आँख खुल जाती थी तो दीदी जाग रही होती थी.
उसको नींद आनी बंद हो गयी थी.
मैं उनसे रात भर बातें करता रहता था.

मुझे काफी दिन हो गए थे.
एक रात में मैं सोने के लिए गया तो दीदी अपनी साड़ी उतार रही थी। उन्होंने फिर ब्लाउज उतार दिया.

मुझे उनकी नंगी कमर दिखी और मैं ध्यान से देखने लगा.

फिर उन्होंने अपना पेटीकोट भी उतार दिया।
अब वो ब्रा और पैंटी में थी और झुकी हुई थी. पेटीकोट और साड़ी उठा कर फोल्ड कर रही थीं. मैं उनकी छोटी सी पैंटी को देखने लगा।

दीदी की पैंटी इतनी छोटी थी कि उनके चूतड़ भी नहीं ढक पा रहे थे. शायद दीदी के चूतड़े थे ही बड़े. इसलिए पैंटी से बाहर निकल रहे थे.

फिर दीदी ने अपनी मैक्सी निकालकर पहन ली.

मैं दरवाजे पर खड़ा था तो पीछे हो गया.

फिर मैं अंदर आया और बेड पर लेट गया.
दीदी भी आकर बेड पर लेट गयी.

कुछ देर के बाद उसे नींद आ गयी.
मगर मैं नहीं सो सका.

आज मुझे दीदी का नंगा बदन दिखा था और वो मेरे साथ ही लेटी थी. मेरे मन में हवस जाग गयी थी.
मैं दीदी के करीब सरक गया.

मेरे हाथ उनके बदन को छूने के लिए तड़प रहे थे लेकिन आगे बढ़ते हुए गांड भी फट रही थी.

फिर हिम्मत करके मैंने अपना हाथ दीदी के चूचों पर रख दिया और एकदम से आंख बंद कर लीं.
दीदी उठ गयी और उन्होंने मेरा हाथ हटाकर नीचे मेरे पैर की तरफ रखवा दिया और फिर करवट बदल कर सो गयी.

कुछ देर तक मैं ऐसे ही लेटा रहा.
मैं हिला नहीं.

फिर आधे घंटे के बाद दीदी ने करवट ली और फिर से मेरी ओर घूम गयी.
मैंने फिर उनकी चूची पर हाथ रख दिया.
मैं देखना चाहता था कि अबकी बार वो क्या करती है.

मगर दीदी ने कुछ नहीं किया और सोती रही.

फिर मैंने अपना हाथ दूसरी चूची पर रखा और सोने की एक्टिंग करता रहा.
अबकी बार भी जब वो नहीं उठी तो मेरी हिम्मत बढ़ गयी.

मैं अब उनकी चूची को पकड़ कर सहलाने लगा मगर मैंने आंखें बंद ही रखी.

दीदी उठ गयी और उसने फिर से मेरा हाथ हटा दिया.
मेरी हवा टाइट हो गयी और मैं चुपचाप सोने का नाटक करते हुए लेटा रहा.

उसके बाद मैं करवट बदल कर सो गया.

पता नहीं कब अचानक मुझे सिसकारियां सुनाई दीं तो मेरी नींद टूट गयी.
मैंने हल्की सी आंख खोलकर देखा तो दीदी की मैक्सी ऊपर उठी थी और हाथ चूत पर था. वो अपनी चूत को सहला रही थी.

फिर पता नहीं उसे क्या हुआ कि वो उठी और बाथरूम में चली गयी.
अंदर जाकर उसने दरवाजा ढाल लिया और मैं भी पीछे पीछे चला गया.

मैं बाहर से झांकने की कोशिश करने लगा.
मैंने देखा कि दीदी ने एक मोमबत्ती ली और अपनी चूत में डालने लगी.

मैं मजे से देखने लगा.
दीदी अब जोर से मोमबत्ती पेल रही थी.

मेरा लंड भी खड़ा हो गया था और मैं भी वहीं पर खड़ा हुआ लंड को सहलाने लगा.

दीदी का रस निकल गया तो वो अपनी चूत को पानी से धोने लगी.
मैं धीरे से चलकर बेड पर वापस आ गया।

फिर दीदी आई और मेरे पास लेट गई।
कुछ देर बाद दीदी सो गई तो मैंने उनकी मैक्सी को ऊपर सरकाया मगर वो घुटनों तक ही आ पाई.
मैं उनकी करवट बदलने का इंतजार करने लगा.

काफी देर बाद उसने दूसरी तरफ करवट ली तो मैंने मैक्सी ऊपर की.
अबकी बार वो जांघ तक आ गई।

मैं अपनी बहन की चिकनी नंगी जांघें देख कर कामुक हो गया।
अब मैं सोच रहा था कि उसको और ऊपर कैसे करूं?

मैंने हाथ से ही मैक्सी को ऊपर उठाने की कोशिश की पर वो उठी नहीं. दीदी की जांघों के नीचे दबी थी मैक्सी।

कामुकता में मेरा हाथ दीदी की जांघ पर चला गया. मैं सावधानी से जांघों को छूने लगा.
मुझे बहुत मज़ा आ रहा था.

तभी दीदी ने करवट बदली और मेरा हाथ मैक्सी में अंदर घुस गया।
मुझे दीदी की चूत के बाल महसूस हुए तो मैं समझ गया कि दीदी ने पैंटी उतार दी है।

मैंने अब और रिस्क नहीं लिया और बाथरूम में घुस गया. वहां दीदी की पैंटी उठाई और उसे सूंघने लगा.
अजीब सी खुशबू थी।
मैंने लम्बी सांस ली और फिर से सूंघने लगा।

अब पैंटी का बीच वाला हिस्सा देखा तो वो गीला था और मैंने उसी हिस्से को चूसना शुरू कर दिया।
दूसरे हाथ से मैंने लोवर नीचे कर दिया और लंड को हाथ में पकड़ कर मसलने लगा. आह्ह … मुझे बहुत मज़ा आ रहा था।

फिर मेरी गांड तब फटी जब पीछे से दीदी ने आवाज दी.
मैं कामुकता में इतना पागल था कि दरवाजा बंद नहीं किया.

पीछे मुड़ा तो दीदी बोली- बस पैंटी को चाटता रहेगा? अरे तू थोड़ी हिम्मत करता तो मैं तुझे चूत ही दे देती मेरे भाई.

एक बार तो मैं घबराया क्योंकि दीदी ने मेरे हाथ में मेरा लंड देख लिया था.
फिर वो मुस्करा कर बोली- आ … बाहर आजा.

मैं खुश हो गया और दीदी ने मेरे हाथ में से पैंटी ली और फेंक दी.
तभी उन्होंने मेरा हाथ लंड से हटाया और बोली- तुझे तो मुट्ठी मारना भी नहीं आया. बस दबाए जा रहा है। चल छोड़, तुझे सीखने की जरूरत भी नहीं. अब तो चूत चोदना सीख तू।

इतना बड़ा सरप्राइज देख कर सोच मैं सकते में आ गया. मैं कुछ नहीं बोल सका।

दीदी ने मेरा लौड़ा मुंह में भर लिया और चूसने लगी.
मुझे तो मज़ा आ गया।

मैंने दीदी का सिर पकड़ा और लंड अंदर गले तक धकेल दिया. दीदी ने पूरा गले तक ले लिया लंड.

मैं तो इस आनंद को रोक कर रख ही नहीं पाया और मेरा वीर्य निकल गया।
दीदी ने उसको पूरा गटक लिया और चूसती रही.

फिर दीदी ने लंड छोड़ दिया और बोली- चल, बेड पर चल. मैं गेट लॉक कर दूं कि कभी सासू मां आकर तुझे बहनचोद बनता हुआ देख ले.

मैं हंसने लगा और अपनी लोवर निकाल दी और अंडरवियर भी। मैं बेड पर आ गया.
दीदी ने कहा- सब उतार दे भाई।
मैंने कहा- दीदी आप भी उतार दो.

दीदी बोली- पैन्टी तो उतार चुकी. बाकी भी उतार दूंगी तेरे से पहले.
मैंने अपने कपड़े उतारे तो दीदी ने भी ब्रा खोल दी.

वो चूचे मसलते हुए बोली- मैं कब से इस जवान लंड का इंतजार कर रही थी. अब मैं सब्र नहीं कर पाऊंगी. चल जल्दी से मेरी चूत चाट ले.

दीदी बेड पर आई और चूत खोलकर लेट गयी.
मैं उनकी टांगों के बीच में आ गया और चूत देखने लगा.

दीदी की चूत का बिल्कुल भोसड़ा बना हुआ था जैसे कोई मोटी मूली दीदी रोज पेलती हो।

वो बोली- अरे भाई … चूस … क्या देख रहा है?
मैं बोला- दीदी आपकी तो खुल गई है।
दीदी बोली- साले, तेरा जीजा रोज 9 इंच का लंड पेलता था।

मैं अब दीदी की चूत चूसने लगा.

वो अपनी सुहागरात की कहानी बताने लगी और बोली- तेरा जीजा बहुत चोदू इन्सान था. पहली रात में ही उसने मेरी चूत फाड़ दी थी. मुझे इतना दर्द हुआ कि मैं पूरी रात रोती ही रही. उसने मुझे सोने नहीं दिया और रात में तीन बार चोदा. अगले दिन मैं उठ भी नहीं पायी. मेरी सास भी मेरा मजाक बनाती थी.

दीदी ने आगे बताया- एक हफ्ते के बाद उसने मेरी गांड भी फाड़ दी. अगर वो एक्सीडेंट में मरता नहीं तो मेरी बहुत मौज थी.

अब मैं ये सुन कर रुक गया और बोला- दीदी मेरा लंड भी तो इतना बड़ा हो जाएगा ना?
वो बोली- हां, कुछ भी करना पड़े चाहे, तेरा लंड तो मैं उससे भी बड़ा बनाना चाहती हूं. नहीं तो मुझे मजा नहीं आयेगा.

मैं फिर से दीदी की चूत को चाटने लगा.
वो बोली- चल, अब ऊपर का सामान भी देख ले।

मैं उठ गया. दीदी अपनी चूची पर हाथ रख कर सहला रही थी.
मैंने भी अपने हाथ से दूसरी चूची पकड़ ली और सहलाने लगा.

दीदी बोली- चूची को अब मुंह में ले ले. अभी तो ये चूची कुंवारी है. कोई बच्चा भी नहीं जो इन्हें पीता हो.
अपने मुंह में चूची लेने लगा मैं … मगर पूरी अंदर नहीं आती थी.

मैं चूसता रहा और मेरा लंड खड़ा हो गया.

मैंने कहा- दीदी, खड़ा हो गया।
दीदी बोली- अरे भाई, चल अब अंदर डाल दे।

मैंने अपना लंड अंदर डाल दिया और धक्के लगाने लगा.
दीदी बोली- साले, तेज तेज धक्के मार।

मैं बहुत तेज धक्के लगाने लगा.
अब दीदी से झेला नहीं गया और वो ऊह्ह … आह्ह … करती हुई थोड़ी ही देर में झड़ गयी.
मैं चूत में लंड को पेलता ही रहा.

वो मेरी कमर पर हाथ रख कर सहलाने लगी और मैं उसको चोदता ही रहा.
फिर मैं और दीदी एक बार फिर से साथ में झड़ गये.

दीदी बोली- साले, तू तो जवान हो गया. मेरा दो बार पानी निकाल दिया तूने।

मैं बोला- दीदी आपका भाई हूं. कम थोड़े ही ना हूं?
फिर हम नंगे ही चिपक कर सो गए.

कुछ देर बाद मेरी नींद खुली तो दीदी मेरा लंड चूस रही थी.
हरकत से मैं भी उठ गया और दीदी बोली- चल एक राउंड और करते हैं.

मैं बोला- दीदी अभी तो किया था।
वो बोली- साले सुबह होने वाली है. हमने रात में किया था.

वो मेरे लंड को हाथ में लेकर जोर जोर से हिलाने लगी और बोली- तेरा ये औजार और तू अब दोनों ही जवान होने वाले हो.
मैं बोला- कैसे दीदी?

उसने कहा- कल मेरी सास बोल रही थी कि मैं उनकी बहन के छोटे बेटे से शादी कर लूं. अभी मैं जवान हूं और बाद में फिर जिन्दगी खराब हो जायेगी.
मैं बोला- तो फिर आपने क्या कहा?

दीदी- मैं अब उनको मना कर दूंगी कि मुझे शादी नहीं करनी. मैं ऐसे ही ठीक हूं.
मैं- तो उससे क्या होगा?
दीदी- मैं तेरे साथ ही रहूंगी.
मैं- फिर तो मजा आयेगा. हम रोज ही किया करेंगे.

वो इस बात पर हंसने लगी और फिर लंड को मुंह में लेकर चूसने लगी. मेरे लंड में तनाव आ गया. फिर मैं दीदी के ऊपर चढ़ गया और चूत में लंड डालकर राजधानी एक्सप्रेस के जैसे धक्के मारने लगा.

दीदी अपनी गांड उठाकर मुझे ही चोदने लगी.
दस मिनट में फिर से दीदी की चूत ने पानी छोड़ दिया.
वो बोली- साले तू तो बहुत पानी निकलवाता है. ऐसे तो तू जल्दी ही मामा बन जायेगा.

मैं उसको चोदने में ही लगा था. दीदी ने फिर से मेरी कमर सहलाई और मज़े लेती रही।

कुछ देर बाद दीदी फिर झड़ गई. करीब आधे घंटे तक मेरा पानी नहीं निकला मगर मैं थक गया और रुक गया.

दीदी बोली- एक दिन में ही थक गया बेटा, रोज कैसे करेगा?
मैं बोला- दीदी अब क्या करूं? आप इतना तेज करने को बोलती हो कि मैं थक जाता हूं.

ये कहकर मैं फिर से धक्के लगाने लगा.
दीदी भी बहन चुदाई के मजे ले रही थी.

मैंने फिर दीदी की चूत के अंदर ही पानी भर दिया.
दीदी ने मुझे अपने सीने से चिपका लिया.

कुछ देर फिर हम बातें करने लगे.
दीदी- भाई, तू आज से फैक्ट्री का काम देख लेना. मैं सास को बोल दूंगी कि पापा का ध्यान वो रखे। फिर हम दोनों को कोई दिक्कत नहीं होगी. पैसे भी आयेंगे और मज़े भी लेंगे।

मैं दीदी की चूची दबा कर बोला- दीदी, अगर आपकी सास को पता चला गया आपके और मेरी बहन चुदाई के बारे में?
दीदी- वो भी देख लेंगे. अब मैं पूरी जिन्दगी मोमबत्ती तो नहीं पेल सकती ना? चूत को लंड तो चाहिए ही होगा. मैं दूसरी शादी नहीं कर सकती.

फिर मैंने पूछा- आपको मोमबत्ती से मजा आता है क्या?
दीदी- अरे भाई, जब लंड ना हो तो उंगली भी डालनी पड़ती है।

इस तरह से उस रात दीदी और मेरे बीच में सेक्स संबंध बन गये.
हम रोज भाई बहन चुदाई करने लगे.

कुछ दिन बाद दीदी प्रेग्नेंट हो गयी.
वो बोली- एक बात समझ नहीं आ रही. मैं तेरे लंड से मां बनने वाली हूं। मगर सास को कैसे समझाएंगे?
मैं- दीदी, तो फिर गिरवा दो!

दीदी- पागल है तू? बच्चा तो पैदा करना ही पड़ेगा. वर्ना हमारा परिवार तो बर्बाद हो जाएगा बिना बच्चे के।
मैं- दीदी फिर अपनी सास को कैसे बताओगे कि किससे चुदवायी है?
वो बोली- कोई बात नहीं. मैं साफ बता दूंगी. उसके बाद जो होगा देखा जायेगा.

मैंने दीदी को पकड़ कर चूम लिया और बोला- ठीक है दीदी। चलो एक बार पापा बनने की खुशी में चुदाई तो करने दो?
दीदी- अरे मम्मी आ जाएगी.

इस पर मैं बोला- दीदी कोई बात नहीं. वैसे भी तो हम बताने ही वाले हैं कि बच्चा हम भाई बहन की चुदाई से ही पैदा हुआ है.
दीदी- हां बात तो ठीक कह रहा है.

हम फिर से चुदाई करने बेडरूम में गए और मैं दीदी की ब्रा उतारते ही चूचियों पर टूट पड़ा और चूसने लगा.
दीदी भी मेरा लंड हाथ से सहला रही थी.

मैंने दीदी को बोला- दीदी, आज तो पीछे करने दो. कितनी खुशी की बात है।
दीदी बोली- चल कर ले। वैसे मुझे मज़ा नहीं आएगा. अभी तेरा छोटा है.

मैं बोला- आपने नाप कर कब देखा?
वो बोली- अभी नाप देती हूं.
फिर उसने अपना हाथ फैलाया और नापा तो देखा कि लंड उनकी हथेली से भी ज्यादा लंबा था.

दीदी- अरे वाह … तू तो जवान हो गया है. तेरा तो अब 8 इंच का होने ही वाला है.
मैं बोला- अब तो गांड चोदने दो?

दीदी घोड़ी बन गई और बेड के किनारे पकड़ लिये. मैंने पीछे से लंड घुसा दिया और दीदी को चोदने लगा.
वो भी सिसकारी भर कर चुदवाती रही.

फिर मेरा पानी गांड में ही निकल गया।

दीदी ने लंड मुंह में लिया और चूसने लगी.
मैं बोला- एक बार और करोगे न?
वो बोली- साले पापा बनने की चुदाई तो ही गई. अब मामा बनने की भी करनी पड़ेगी।

मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया. मैं दीदी को चोदने लगा. वो मजे से चूत में लंड लेती रही. हमने बहुत देर तक चुदाई की और पानी निकाल लिया.

फिर देखा तो उसकी सास हमें देख रही थी.
वो बोली- क्या बात है मधु? आज तो तुमने दरवाजा भी बंद नहीं किया?

दीदी समझ गई कि आज बहन चुदाई की फिल्म बन गई है.

मैं तो घबरा कर कमरे में आ गया मगर दीदी वहीं रही. दीदी ने सब अपनी सास को बता दिया तो सास खुश हो गई कि वो दादी बनने वाली हैं।

अब दीदी कमरे में आई और उसने बताया कि उसकी सास को बहुत दिनों से पता है कि हम भाई बहन चुदाई करते हैं.
मैं ये सुनकर और ज्यादा खुश हो गया.

दीदी ने मुझे चूम लिया और बांहों में भरकर बेड पर लेट गयी.

उसके बाद तो हमारी लाइफ और ज्यादा रंगीन हो गई।
मैं और दीदी रोज चुदाई करते रहे और दीदी ने मेरे लंड से दो बच्चे पैदा कर दिये.
अब तीसरा बच्चा दीदी के पेट में है.
 
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