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आप केसी सेक्स स्टोरी पढना चाहते है. ??

  • माँ - बेटा

  • भाई - बहेन

  • देवर - भाभी

  • दामाद – सासु

  • ससुर – बहु


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junglecouple1984

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सौतेली माँ को सैट करके चोद दिया




दोस्तो, कैसे हो आप सब!
मैं राहुल कुमार!
मेरी मां का नाम बबीता देवी है, मेरे पापा मोहन मिश्रा, मेरी बहन राखी कुमारी हैं.
हम लोग मिडल क्लास फैमिली से हैं.

पापा 55 साल के हो गए हैं.
जबकि मां बबीता 38 साल की हैं.
मैं 21 साल का हूँ और मेरी बहन अभी छोटी है.

पापा ने मेरी मां की मृत्यु के बाद बबीता जी से दूरी शादी की थी और उनसे ही मेरी बहन पैदा हुई थी.
मेरे घर में तीन कमरे हैं, एक किचन और एक गेस्ट रूम व एक बाथरूम है.

पापा बाहर जॉब करते हैं. मां घर का काम करती हैं. मैं बीए के सेकंड ईयर में हूँ.

मेरी मां और मेरे बीच काफी खुल्लम खुल्ला बात होती थी.
जब मैं इंटर कालेज में पढ़ता था, तभी से मेरे और मेरी सौतेली मां के बीच चुदाई की बात होना शुरू हो गई थी.
मैं घर का इकलौता जवान बेटा था और मां सौतेली होने के बावजूद हमेशा ही मेरा काफी ख्याल रखती थीं.

यह बात उस समय की है, जब मैं इंटर कॉलेज में पढ़ाई कर रहा था.
उस दिन पापा घर आए हुए थे. वे कुछ दिन की छुट्टी लेकर आए थे.

मम्मी पापा सभी लोग आपस में बातें कर रहे थे. तभी पापा के ऑफिस से उन्हें कॉल आया.

पापा बात करने के बाद बोले- मुझको कल ड्यूटी पर जाना होगा, मेरी छुट्टी कैंसिल हो गई है.
मां बोलीं- ठीक है, मैं नाश्ता तैयार कर देती हूं. आप सामान पैक कर लीजिए.

अगले दिन सुबह मैं पापा को ट्रेन पर चढ़ा कर वापस आ गया.
शाम को मैं और मम्मी आपस में बात कर रहे थे.

मैं मम्मी से बोला- मम्मी, पापा हम लोगों को कभी भी कहीं घुमाते नहीं ले जाते हैं. वे घर में ज्यादा टाइम ही नहीं देते हैं.
यह सुनकर मम्मी ने मुझे अपने गले से लगाया और बोलीं- बेटा क्या करें, पापा की कुछ मजबूरी है. उनका ऑफिस है … वे छोड़ तो सकते नहीं न … पर मैं हूँ ना तुम्हारे पास … बोलो तुम्हें क्या चाहिए, कहां जाना है. मुझे बोलो मैं तुम्हें घुमाने ले जाऊंगी.

मैंने कहा- मां चलो आज मूवी देखने चलते हैं.
मां बोलीं- नहीं बेटा, अभी इंटर की परीक्षा दे लो, तब मैं तुमको खुद लेकर जाऊंगी. अभी पढ़ाई में मन लगाओ.

मैं भी मान गया.
मम्मी बोलीं- बेटा अगर तुम 85% नंबर लाकर दिखाओगे तो तुम जो बोलोगे, मैं वही दूँगी!

मैंने मां से बोला- पक्का मम्मी?
मां बोलीं- हां बेटा प्रॉमिस.

मैंने कहा- तो ठीक है.
मां ने मुझको फिर से अपने गले से लगाया और गाल पर चूमा भी!

मैंने भी मां को ‘लव यू मां’ बोला और बाहर घूमने निकल गया.

मैंने अब अपनी मां की बात को ध्यान में रख कर मन लगा कर पढ़ाई पर ध्यान दिया.
कुछ दिन के बाद पापा को छुट्टी मिली, तो वे घर आए.

रात में काफी देर तक पढ़ने के बाद मैं टॉयलेट जा रहा था.
तभी मैंने देखा कि मम्मी पापा आपस में कुछ फुसफुसा रहे थे.

मैंने बहन को जाकर देखा तो वह दूसरे कमरे में सोई हुई थी.
उसके बाद मैं टॉयलेट चला गया.

जब वापस आ रहा था तब मैंने देखा कि पापा मम्मी एक साथ आपस में किस कर रहे थे.
मेरे मन में उनका यह खेल देखने की ललक पैदा हुई तो मैं उधर ही छिप कर देखने लगा.

कुछ देर बाद पापा बोले- बबीता, आज तुमको चोदने का मन कर रहा है!
तो मम्मी बोलीं- इसमें पूछने की क्या बात है, बहुत दिन बाद घर आते हैं तो बीबी के साथ सेक्स करने का मन तो करेगा ही! मैं तो आपकी हूँ आप जैसे बोलो … मैं आपको दे दूंगी.

पापा ने यह सुनते ही मम्मी को बांहों में भर कर बोला- आई लव यू बबीता!
मम्मी बोलीं- आप बहुत अच्छे हो पिया जी!

पापा बोले- बिना कंडोम के ही करें … कोई दिक्कत तो नहीं!
मम्मी बोलीं- दिक्कत की क्या बात है लेकिन अगर मैं गर्भवती हुई तो अपना जवान बेटा क्या सोचेगा!

पापा बोले- उसकी कोई दिक्कत नहीं है यार. बच्चा पैदा कर लेंगे.
तब मम्मी हंस कर बोलीं- आपको जैसे अच्छा लगे, आप मेरे साथ वैसे चुदाई कीजिए.

यह सब सुनकर मेरे अन्दर भी हलचल पैदा हो गई.
फिर मम्मी बोलीं- आज आप मेरी गोद में बैठिए, आपको बच्चे के जैसे मैं अपना दूध पिलाती हूँ!

यह सुनकर पापा बोले- चलो आज मैं भी तुम्हारी मर्जी से ही तुमको चोदूंगा.
मम्मी बोलीं- ओके फिर जैसा मैं बोलूँ, आप वैसा करते जाना!

अब पापा मम्मी की गोद में सर रख कर लेट गए और मम्मी ने अपना ब्लाउज ऊपर करके पापा का मुँह अपने दूध पर लगा लिया.
वे पापा के सर को अपनी बांहों में लेकर अपना दूध पिलाने लगीं.

पापा भी मां की चूची को दबा कर चूसने लगे.
कुछ देर बाद मां बोलीं- आप धीरे धीरे हमको पूरी नंगी करते जाइए.

पापा ने मां का ब्लाउज खोल दिया, फिर ब्रा को भी खोल दिया.
मां भी पापा के पैंट में अपना हाथ डाल कर उनके लौड़े को हिला रही थीं.

अब मां लेट गईं और पापा से बोलीं- मुझे पूरी नंगी करके मेरे ऊपर चढ़ जाओ!
कुछ देर बाद मम्मी ने पापा को पूरा नंगा कर दिया और वे दोनों एक दूसरे के विपरीत लेट कर गुप्तांगों से खेलने लगे.

पापा मां की चूत चाटने लगे और मम्मी पापा का लंड मुँह में लेकर चूस रही थीं.
कुछ मिनट बाद मम्मी बोलीं- आइए अब आप अपने लंड को मेरी फुदी में पेल दीजिए … मुझसे अब रहा नहीं जा रहा है!

पापा झट से मम्मी की फुद्दी में अपना लौड़ा सैट करके पोजीशन में आ गए.

उन्होंने एक झटका दिया, तो मम्मी चीख उठीं.
पापा उनकी चूची को दबाते हुए बोले- ज्यादा दर्द हुआ क्या?
मां बोलीं- आपका दर्द मुझको अच्छा लगता है … बस आप चोदते रहो.

करीब दस मिनट बाद पापा बोले कि मेरा माल गिरने वाला है!
मम्मी बोलीं- अन्दर ही गिरा दो जान. मैं भी बस झड़ने वाली हूं.

वे दोनों एक साथ झड़ गए.

यह सब देख कर अब मेरे मन में मां को चोदने का ख्याल आने लगा.

कुछ दिन बाद पापा ऑफिस चले गए, मेरा भी एग्जाम अगले महीने से शुरू होने थे.

एग्जाम देने के बाद मैं अपने रिजल्ट आने का इंतजार करने लगा.

तभी मार्च के शुरुआती हफ्ते में रिजल्ट घोषित कर दिया.
मैंने अपना रिजल्ट देखा तो 88% नंबर आए थे.

तो मैंने मां को बताया.
मां ने मुझे अपनी बांहों में भर लिया और बधाई दी.

मैंने मां को उनका वादा याद दिलाया.
मेरे अन्दर तो मां की चुदाई करने का प्लान सैट करना था.

मां बोलीं- हां, अब तुम बोलो क्या चाहिए है … मैं दूंगी.
मैंने कहा- ठीक है, मैं आपसे बाद में मांग लूंगा.

कुछ दिन बाद मेरा जन्मदिन था.
मैंने मां से कहा- मैं अपने हिसाब से इस बार जन्मदिन मनाना चाहता हूँ!
मां ने भी हामी भर दी.

मैंने मां को चोदने की योजना बनाई.
अपने जन्मदिन से एक दिन पहले मैंने मां को बोला- मां, इस बार हम लोग किसी को इनवाइट नहीं करेंगे!
मां बोलीं- ठीक है.

रात में मैं अपने रूम में सोया.
मां बहन एक रूम में सो रही थीं.

मैं जानबूझ कर रात में चड्डी उतार कर और केवल एक गमछा पहन कर सो गया.

अगले दिन मां सुबह मेरे कमरे में आईं तो उन्हें मेरा आधा लंड दिख रहा था.
मैं सोने का नाटक कर रहा था.

मां लंड देख कर बोलीं- उठ बेटा … हैप्पी बर्थडे.
मैंने उठ कर मां को गले लगाया.

मेरा लौड़ा खड़ा था.

मां मुझसे अलग होकर अपना काम करने लगीं.
मैं भी फ्रेश होकर काम निपटाने लगा.

शाम हुई तो घर में सजावट की और सब तैयार हुए.
मैंने केक काटा और मां को खिलाया.
मां ने भी मुझको केक खिलाया.

मैंने मां के गाल पर केक लगाया और आधा केक रख दिया.

मां ने मुझको एक फोन गिफ्ट दिया.
मैं बोला- मां, मेरा अभी मनचाहा गिफ्ट बाकी है.
मां बोलीं- मांगो?

मैं बोला- कुछ देर बाद मांग लूँगा!
तो वे बोलीं- ओके.

फिर हम सब होटल गए और उधर खाना आदि खा कर घर आ गए.

बहन रास्ते में ही सो गई थी.

मैंने बहन को एक अलग कमरे में सुला दिया और मेरा बर्थडे वाला कमरा सजा ही था.

फिर सोने के समय मां मेरे पास आईं और बोलीं- तुम अपना उपहार अभी लोगे या सुबह?
मैं बोला- मम्मी अभी ही मांगना है.

मैंने मां को बेड पर बैठाया और कमरे का गेट बंद कर दिया.
मां बोलीं- बोलो भी अब!

मैं बोला- जो मांगूगा, आपको देना होगा … अगर नहीं दी न … तो मैं कुछ भी कर लूंगा!
मां बोलीं- ठीक है बोल तो सही!

मैंने मां से कहा- आई लव यू बबीता!
मां बोलीं- आज तुमने मेरा नाम क्यों बोला?

मैंने कहा- मां आज आपको मेरी गर्लफ्रेंड बनना होगा.
मां समझ गईं कि मैं क्या बोल रहा हूँ.

वे मुझको डांटने लगीं- मां को भी कोई जीएफ बनाता है क्या?
मैं चुप हो गया और मैंने अपना मुँह लटका लिया.

कुछ देर बाद मां ने मुझको अपने सीने से लगाया और समझाने का प्रयास किया.
पर मैंने कहा- वादा पूरा करो, नहीं तो आप सोने जाओ. मैं क्या करूंगा मुझे खुद भी पता नहीं है.

यह सुनकर मां चुप हो गईं और बोलीं- ठीक है, लो मैं तेरी जीएफ बन गई. अब बोलो क्या करें!

मैं बोला- आज रात भर आपको मैं जो कहूँ, वह करना होगा!
मां ने हामी भर दी.

फिर मैं आधा बचा केक लाया और मां के गाल और होंठों पर लगा दिया.
अब मैं मां के जिस्म को चाट कर केक खाने लगा.
अपनी सौतेली मां को बांहों में भरकर मैं उनके होंठ खाने लगा.

कुछ देर बाद मां भी मेरा साथ देने लगीं.
मैं बोला- मां, आपको कैसा लग रहा है?

मां धीमी आवाज में बोलीं- अच्छा लग रहा है राहुल बेटा! बस तुम करते जाओ.

यह सुनते ही मैंने मां का ब्लाउज खोल दिया और उनके एक दूध पीने लगा.

मां भी बोलीं- बेटा, अब सब कुछ खोल दो मेरा … मुझे भी मजा लेना है.
मैंने मां को नंगी कर दिया.

मां का 36-32-38 का फिगर देख कर मैं पागल हो गया.

तभी मां ने भी मेरा सब कुछ खोल दिया.

फिर मां मेरा मोटा लंड देख कर हैरान रह गईं और बोलीं- बेटा, आज जी भर के मजा ले लो अपनी मम्मी के!

मैं मां को बोला- मां मेरे लंड पर केक लगा कर चूसो ना!
मां बोलीं- हां अभी करती हूं बेटा!

मां ने मेरे लंड पर केक लगाया और उसे मुँह में डाल कर चूसना चालू कर दिया.
मुझे तो ऐसा लगा मानो मैं जन्नत में पहुंच गया हूँ.

फिर मां बोलीं- तुम भी मेरी चूत पर केक लगा कर चाटो ना!
मैं बोला- मां आपकी चूत में काफी बाल हैं.
मां बोलीं- आज भर कर लो … कल तुम खुद साफ कर देना.

मैं भी मां की चुत केक लगा कर चाटने लगा.

पांच मिनट बाद मां बोलीं- बेटा आ जा … अब अपनी मां को चोद दे!
मैंने भी मां को बेड पर लिटा दिया.

मेरी सौतेली मां बोलीं- बेटा पहले अपने लंड के मुँह पर केक लगाओ … और मेरी चूत के मुँह को खोल कर छेद में थोड़ा सा ऊपर रखो … फिर जोर से धक्का देना.

मैं बोला- ठीक है मां.
मैंने वैसा ही किया और जोर से धक्का लगा दिया.

मां चीख उठीं.
मेरा आधा लंड अन्दर चला गया था.

मैंने मां को किस किया तो मां बोलीं- फिर से धक्का लगा!
मैंने फिर से जोर का धक्का दे दिया.

Xxx मॅाम्मी सेक्स में उनको मजा आया, उन्होंने तुरंत मुझको कसके बांहों में भर लिया और चूमने लगीं.

कुछ देर बाद वे बोलीं- बेटा तुम्हारा लंड काफी बड़ा है. यह मेरी बच्चादानी तक पहुंच गया है … अब तुम बस चोदते रहो मुझको … जितना मन करे अपनी मां को चोदो!
मैंने धकापेल में लग गया.

मां कामुकता भरी बातें करती हुई बोलीं- आह, आज तुम मेरी चूत को चोद रहे हो, जिस चूत ने शुरू से ही तुमसे चुदाई की चाहत की थी. आह मैं बहुत खुश हूं आज … आह आह अब तेरे बूढ़े बाप के लंड में दम नहीं बचा है … आह राहुल बेटा आज मेरी चूत को फाड़ दे पूरा … हचक कर चोदो अपनी मां को!

मैंने कहा- हां मां … मुझको भी आपकी चूत को चोदने में पूरा मजा आ रहा है. मैं भी बहुत खुशनसीब हूं, जो तुम जैसी मां मिली मुझको … आह मां लो अपने जवान बेटे का लंड लो.

मां- बेटा यह बात हम दोनों के अलावा कहीं और नहीं जानी चाहिए, मुझसे वादा करो!
मैं- वादा है मां, मैं किसी को नहीं बताऊंगा.

वे खुश होकर मुझे चूमने लगीं.

मैं- मां क्या आज के बाद मैं आपको जब मन किया तब चोद सकता हूँ?
मां- ओह मेरे प्यारे राहुल बेटा, आज के बाद मैं तेरी मां, बीवी, गर्लफ्रेंड, रंडी सब कुछ हो गई हूँ!

मैं- इतना प्यार करने लगी मां मुझसे! तो मैं भी आज से आपका बेटा, पति बॉयफ्रेंड सब कुछ हूँ और मैं आपको अकेले में बबीता नाम से ही बुलाऊँगा.
मां- ओके राजा बेटे!

कुछ देर बाद मां ने कहा- राहुल बेटे, अब तुम बेड पर लेटो, मैं ऊपर से चुदूंगी … तुम थक गए हो न!
‘ओके मां … मेरा मन करता है कि मैं आपकी चूत में अपना लंड डाले ही रखूँ!

मां मेरे लौड़े पर चूत सैट करके बैठ गईं- आह बेटा मजा आ गया … तेरा लंड बहुत बड़ा है मेरे पेट में अन्दर तक जाता हुआ महसूस हो रहा है.
कुछ ही देर में मैं मां के मम्मों को पकड़ कर उन्हें चोदने लगा और मां थक कर मेरे सीने पर गिर गईं.

वे कहने लगीं- आह मैं झड़ने वाली हूं राहुल … तुम भी तेज रफ्तार से चोदो मुझे … हम दोनों साथ में ही झड़ेंगे.
‘हां मां यस येस मां कहां गिराऊं मैं अपना माल मां!’

‘बेटा, मेरी चूत के अन्दर ही डाल दे.’
मैं- कोई दिक्कत तो नहीं होगी मां?

मां- नहीं बेटा, आओ साथ दो मेरा!
‘हां मां यस ऊह!’

‘हां बेटा … आह यस बेटा!’
हम दोनों झड़ गए.

मां- बेटा कुछ देर मेरी बांहों में ही रहो, मेरे दोनों को बूब्स को सहलाओ … मुझे कमजोरी महसूस नहीं होगी!
‘ओके मां.’

कुछ मिनट बाद मां बोलीं- बेटा रात काफी हो गई है अब सो जा!
मैं बोला- मां नंगे ही सोते हैं न!
मां बोलीं- ठीक है.

मैंने मां से कहा- मां, सुबह में एक बार से और चोदना है!
मां बोलीं- ठीक है बेटा, अगर तुम पहले उठो तो मुझको चोद लेना, नहीं तो मैं तुम्हें उठा दूँगी फिर अपनी मां को चोद लेना.

‘आई लव यू मां.’
मां- आई लव यू बेटा गुड नाईट.

फिर सुबह में मां ने मुझको साढ़े चार बजे जगा दिया और मां ने मेरा लंड को चूस कर खड़ा कर दिया.
मैंने उनके ऊपर चढ़ कर उन्हें काफी देर तक चोदा.

चुदाई के बाद हम दोनों झड़ गए और मां उठ कर अपने दैनिक काम करने लगीं.
 

junglecouple1984

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जेठ के बेटे को पटाकर धमाधम चुदी




हैलो, मेरा नाम रिजवाना है। मेरी उम्र 40 साल है. मैं एक शादीशुदा औरत हूं. हमारी ज्वाइंट फैमिली थी और घर में मेरे और मेरे शौहर व बेटे के अलावा मेरा जेठ, जेठानी, उसकी बेटी और बेटा भी रहते थे.

मेरी शादी के बाद से ही मेरे शौहर ज्यादातर काम की वजह से बाहर ही रहते थे।


अब मैं आपको अपने बारे में बता दूं कि मेरा रंग गोरा है. मेरा साइज 38-32-36 का है.

बच्चा होने के बाद मेरे शौहर मुझे वो मजा नहीं दे रहे थे जो पहले दिया करते थे. अब उनको भी मेरी चूत में कम मजा आने लगा था. वो चुदाई भी कम करने लगे थे. मैं अब अक्सर प्यासी ही रहती थी.

वैसे भी मेरे शौहर ज्यादा समय तो काम के कारण बाहर ही रहते थे. जब घर में होते तब भी ज्यादा चुदाई नहीं करते थे.

जब मेरा मन चूत में उंगली करने का करता तो मैं अपने जेठ और जेठानी की चुदाई देखा करती थी. मैं उनकी चुदाई देखकर अपनी चूत में उंगली किया करती थी.

उनकी चुदाई देखने के लिए मैं देर रात तक जागा करती थी. मेरे शौहर के मुकाबले मेरे जेठ का लंड ज्यादा लम्बा और मोटा था और उसके शरीर में ताकत भी काफी ज्यादा थी।

कई बार मैंने अपने जेठ को पटाने की कोशिश भी की थी. उसकी बीवी यानि कि मेरी जेठानी उससे बहुत खुश रहती थी. इसलिए वो मेरी तरफ ज्यादा ध्यान भी नहीं देता था.

फिर ऐसे ही वक्त गुजरने लगा और हम दोनों के बच्चे बड़े होने लगे. मेरी चूत को मैं जैसे तैसे करके शांत करती रही. कभी गाजर मूली से काम चलाती तो कभी उंगली या बेलन से।

हमारी जवानी ढलने लगी और बच्चों में जवानी आने लगी.
मेरे जेठ का बेटा अब 19 साल का हो गया था. मेरा बेटा भी उसी की उम्र का हो गया था.

मेरी चूत की आग अभी भी वैसे ही जलती रहती थी.

मेरे जेठ की जवानी भी ढल गयी थी मगर अब घर में कई जवान बच्चे हो गये थे.

एक बार की बात है कि मेरी जेठानी उसके मायके में गयी हुई थी. उसकी बेटी भी साथ में गयी थी. जबकि उसका बेटा समर घर में ही था. वो मुझे चाची कहता था.
इधर मेरा बेटा अपने पिता के साथ ही कुछ दिन के लिए बाहर चला गया था.

मेरा जेठ सुबह जाता था और शाम को घर लौटता था. घर में मैं और समर ही रहते थे. मैं ही उसके लिए खाना बनाती थी. उसके कॉलेज की छुट्टियां चल रही थीं.

समर की आदत थी कि वो अक्सर वो जब नहाने के लिए जाता था तो तौलिया भूल जाता था. फिर वो अपनी अम्मी को आवाज लगाता था.

उस दिन भी ऐसा ही हुआ।
वो नहाने गया लेकिन तौलिया नहीं ले गया. उसकी अम्मी तो घर में थी नहीं तो उसने मुझे आवाज लगाई- चाची, मेरा तौलिया ला दो.

मैं उसका तौलिया लेकर गयी. उसने दरवाजा खोला और तौलिया ले लिया. उसने अपने लंड के सामने अपनी लोअर लगा रखी थी.
जैसे ही वो दरवाजा बंद करने लगा तो उसकी लोअर हाथ से छूटकर गिर गयी.

मेरी नजर उसके लंड पर पड़ी तो वहीं ठहर गयी. उसका लंड बहुत ही लम्बा और मोटा था जो किसी खीरे की तरह उसकी जांघों के बीच में लटक रहा था.

मुझे वो लंड देखते ही ये सोचते देर न लगी कि इसका लंड तो इसके बाप से भी ज्यादा आगे निकल गया है.
मेरे जेठ का लंड भी बहुत मोटा-लम्बा था. मगर समर का लंड तो अभी से इतना लम्बा और मोटा हो गया था.

मैं वहीं पर ठिठक सी गयी और नजर वहां से हटी ही नहीं.
समर अपने लंड को तौलिया से ढकते हुए बोला- चाची जाइये. मैंने तौलिया ले लिया है.

उसने जब मेरा नाम लिया तो मुझे होश सा आया और मैं वहां से आ गयी.
मगर अब मेरी चूत में जबरदस्त खुजली होने लगी थी.

जेठानी का जवान बेटा घर में अकेला था. उसकी जवानी भी चुदाई के लिए तड़प रही होगी. उसको भी चूत चोदने की ललक मची होगी … क्यों न मैं अपनी चूत की प्यास उसी के लंड से ही बुझा लूं?

अब मेरे दिमाग में हर वक्त समर का लंड ही घूम रहा था. उसका मोटा लम्बा बैंगन जैसा लंड मैंने देख लिया था और मुझे अब किसी भी वक्त चैन नहीं था. मैं बस उसके लंड को अपनी चूत में चखना चाह रही थी.

अब मैंने समर को चेक करने का सोचा कि देखती हूं कि ये क्या सोचता है मेरे बारे में?

जब मैं नहाने के लिए गयी तो मैं जानबूझकर अपने कपड़े वहीं बाहर ही छोड़ गयी.

नहाने के बाद मैंने उसे आवाज लगाई.
फिर वो मेरे कपड़े लेकर आ गया.

मैंने उससे नये कपड़े ले लिये पर अपने उतारे हुए कपड़े उसे दे दिये, कहा कि वाशिंग मशीन में डाल दे.
मेरे पुराने पहने हुए कपड़ों में मेरी ब्रा और पैंटी भी थी.
मैंने जानबूझकर उसको वो पैंटी और ब्रा दी थी.

फिर मैंने उसके सामने दरवाजा बंद कर लिया मगर अंदर से लॉक नहीं किया.
मैं जाते हुए चुपके से उसको देखने लगी.

वो मेरी ब्रा और पैंटी को सूंघता हुआ जा रहा था और अपने लंड को सहला रहा था.
मुझे पता चल गया कि वो भी चूत के लिए प्यासा है. अब मेरा काम बहुत आसान था.

उस दिन तो मुझे फिर मौका नहीं मिला लेकिन उसने अपना मौका नहीं छोड़ा.
बाद में मैंने देखा कि मशीन में पड़ी उस पैंटी पर उसके लंड का माल लगा हुआ था और उसके लंड के माल की खुशबू भी आ रही थी उसमें से!

फिर अगले दिन मैंने वही किया.
मैं जानबूझकर अपने कपड़े भूल गयी. कुछ देर बाद मैंने दरवाजा खोल दिया. मैंने आधा दरवाजा खोला था ताकि उसको ये लगे कि दरवाजा अपने आप ही हल्का सा खुल गया है.
मैंने समर को मेरे कपड़े लाने के लिए कहा.

मैं अपनी गांड को उसकी ओर करके नहाने लगी. मैं जानती थी कि बाहर से वो मुझे देख सकता था. मैं नहाती रही और वो कुछ नहीं बोला.

फिर मैं अचानक से उसकी तरफ घूमी तो वो दूसरी ओर घूम गया और एकदम से बोला- चाची … ये … ये आपके कपड़े लीजिये.
मैंने दरवाजा ढालकर मुस्कराकर कपड़े उसके हाथ से ले लिये. मैंने उसको अपनी गांड के दर्शन करवा दिये थे और उसने वो पूरा नजारा लिया.

अगले दिन तकरीबन 10 बजे वो उठकर चाय पी रहा था। तब मैं उसके सामने झुक झुककर झाड़ू पौंछा लगा रही थी.
मैंने देखा कि वो घूर घूरकर मेरे चूचों को देख रहा था.

तो मैंने उससे कहा- समर, मुझे आजकल रात में डरावने सपने आते हैं. मैं अकेली हूं और डर जाती हूं. अपने पापा से बोलकर तुम आज मेरे रूम में ही सो जाना. नहीं तो मैं रातभर जागती रहूंगी.

वो बोला- ठीक है चाची. मैं सो जाऊंगा.
अब मेरा काम हो गया था. आज मैं किसी भी हाल में रात को उसका लंड अपनी चूत में लेने वाली थी.

फिर वो रात को शॉर्ट्स पहन कर मेरे रूम में आया.
वो पूछने लगा- मैं कहां सोऊंगा?
मैं बोली- मेरे बेड पर ही सो जाना. तुम तो मेरे बेटे जैसे ही हो. तुम्हें कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए मेरे साथ एक ही बेड पर सोने में?

वो बोला- हां, बिल्कुल चाची, मुझे क्या तकलीफ हो सकती है. मैं सो जाऊंगा इसी बेड पर।

मैं कपड़े चेंज करने के लिए बाथरूम में चली गई.
मुझे पता था कि समर को लाल रंग बहुत अच्छा लगता है इसलिए मैंने लाल रंग की ब्रा-पैंटी और मैक्सी पहनी।

जब मैं बाथरूम से बाहर आई तो वो मुझे देखता रह गया।

फिर मैं उसके पास जाकर बैठ गयी. वो टीवी देख रहा था. मैं भी टीवी देखने लगी.

मैं बीच बीच में उसके साथ बातें करने लगी. मैंने पूछा- समर कोई लड़की है तुम्हारी जिन्दगी में?
वो बोला- नहीं चाची, मेरी जिन्दगी में तो अभी कोई नहीं है.
ये कहते हुए भी उसकी नजर मेरे चूचों पर ही जा रही थी.

मैंने अपने चूचों को उसके सामने ही हाथों से एडजस्ट किया.
ऐसा करते ही उसने मेरे चूचों से नजर हटा ली.
मैं बोली- अरे शर्मा क्यों रहा है तू … अगर मन कर रहा है तो देख ले. मैं एक औरत हूं और तू एक जवान मर्द है … ये सब तो आम सी बात है.

वो शर्मा गया. फिर मैं उसके पास आकर बैठ गयी. मैंने उसका हाथ पकड़ लिया और सहलाने लगी.
मैं बोली- अगर तेरे दिल में कुछ बात है तो तू मुझसे बेझिझक कह सकता है. मैं किसी को नहीं कहूंगी. मुझे तू अपनी दोस्त ही मान ले.

इस पर भी वो कुछ नहीं बोला.
मैंने उसके हाथ को अपने हाथ में लिये हुए ही अपना हाथ उसके शॉर्ट्स के ऊपर उसके लंड की जगह पर टिका दिया और मेरा हाथ ठीक उसके लंड पर जा टिका.

कुछ ही पलों के अंदर उसके लंड में आ रहा तनाव मुझे अपने हाथ पर महसूस होने लगा.
देखते ही देखते उसका लंड नीचे ही नीचे तन गया और मेरे हाथ पर दबाव बढ़ाने लगा.

उसकी सांसें तेज हो गयी थीं. वो अपने तनाव को रोक नहीं पा रहा था क्योंकि मेरी चूचियों की घाटी भी उसके सामने ही खुली हुई थी.
मैं बोली- तेरा मन कर रहा है ना?
वो कुछ नहीं बोल पा रहा था.

फिर मैंने उसका लंड अपने हाथ में उसके शॉर्ट्स के ऊपर से पकड़ लिया. उसका लंड हाथ में लेते ही मेरी चूत में तो खलबली मच गयी. इतना मोटा ताजा लंड था और वो भी एक 19 साल के जवान लड़के का।

मैं उसके लंड को सहलाने लगी और बोली- मुझे पता है तू मुझे चाहता है. तू शर्मा मत. कल मैंने तुझे मेरी पैंटी को सूँघते हुए देख लिया था.
उसने हैरानी से मेरी तरफ देखा और फिर मैं उसके करीब सरक गयी.

उसके दोनों हाथों को मैंने अपनी कमर पर लपेटा और उसकी गोद में जाकर उसके होंठों पर होंठों रखकर उसे किस करने लगी.
पहले तो उसने साथ नहीं दिया और शर्माता रहा.

फिर मैंने उसके हाथ अपने चूचों पर रखवा दिये और धीरे धीरे वो उनको दबाने लगा. अब उसके होंठ भी खुल गये और हम दोनों एक दूसरे को किस करने लगे.

कुछ ही देर में दोनों एक दूसरे को बेतहाशा चूम रहे थे. वो मेरे पूरे बदन पर हाथ फिरा रहा था और मैंने उसके शॉर्ट्स में हाथ डालकर उसके लंड को पकड़ लिया था.

अब मैंने अपनी मैक्सी खोल दी. मैं उसके सामने लाल ब्रा पैंटी में थी.

वो मेरी चूचियों पर टूट पड़ा. नया नया जवान हुआ था और उससे इंतजार नहीं हो रहा था.

फिर उसने मेरी चूचियों को ब्रा के ऊपर से ही दबाया. मेरी चूत को हाथ से सहलाया.
मेरी चूत पहले से ही गीली होना शुरू हो गयी थी.

फिर मैंने अपनी ब्रा उतार डाली. अब वो मेरे मम्मों को चूसने लगा बिल्कुल एक छोटे बच्चे की तरह। बीच बीच में वो निप्पलों को काट भी लेता था।

तब हम दोनों पूरे नंगे हो गए। मैं उसका लंड हाथ में लेकर हिलाने लगी।

वो बोला- मुंह में नहीं लोगी मेरी जान … मुंह में ले लो ना … एक बार इसको अपने मुंह की गर्मी दे दो. आज तक मैंने किसी के मुंह में लंड नहीं दिया है.

मैं बोली- ये तो है ही चूसने लायक. इसको कौन नहीं चूसना चाहेगी. ऐसा मोटा ताजा रसीला लंड बहुत ही कम मर्दों के पास होता है. तुम उन्हीं में से एक हो।

ये कहते ही मैं उसके लंड पर झुक गयी और उसके लंड को मुंह में पूरा भरकर चूसने लगी.
मैंने अपने शौहर का लंड बहुत चूसा था लेकिन कभी इतना बड़ा लंड मुंह में नहीं लिया था.

समर का लंड मेरे मुंह में समा भी नहीं रहा था. मैं उसे मुंह में लेने लगी. मुझे बहुत अच्छा लग रहा था।
वो मेरे बाल पकड़ कर लंड को धकेलने लगा.
मैं पूरा लंड गले तक लेने की खुद ही कोशिश कर रही थी.

मगर समर को अभी भी चैन नहीं था; वो मेरे बालों को खींचते हुए पूरे लंड को अंदर धकेल देना चाहता जबकि उसका लंड पहले ही मेरे गले में जाकर फंसा हुआ था.

दम मिनट तक किसी तरह मैंने उसका लंड चूसा और मेरी हालत खराब हो गयी. फिर उसने मुझे जोर से धक्का देकर पटक लिया.

मैं मन ही मन खुश हो रही थी कि जेठ के लंड से चुदाई का सपना आज उसका बेटा पूरा करेगा. मैं जानती थी कि समर आज मेरी चूत को फाड़कर रख देगा और मैं भी यही चाहती थी.

फिर उसने मेरी टांगों को पकड़ कर फैला दिया. उसने मेरी दोनों टांगों के बीच उसका मुंह डाला और मेरी चूत को बेतहाशा चूसने और चाटने लगा.

मेरे मुंह से एकदम से सीत्कार फूट पड़े- आह्ह … आह्ह … ओह्ह … समर … मेरे बच्चे … ओह्ह … यही तो चाहती थी मैं … आह्ह … हाह्ह … हाये … ओह्ह … स्स्स … आह्ह और जोर से चूस … आह्ह … मेरी चूत की प्यास मिटा दे … आह्ह … चोद दे … फाड़ दे … आह्ह।

उसके चाटने की वजह से मेरी चूत एकदम से धधक उठी. मैंने मुश्किल से कंट्रोल किया नहीं तो उस रात मैं समर को अपनी चूत में ही घुसा लेती.
मैं बोली- बस कर … अब चोद दे … अपने मोटे लंड से मेरी चूत फाड़ दे … चोद मुझे जल्दी.

वो बोला- हां चाची, मैं आपकी चूत का भोसड़ा कर दूंगा आज!
फिर उसने मुझे कुत्तिया की तरह खड़ी कर दिया और मेरी चूत पर उसका लंड सेट करने लगा।

लंड लगाकर उसने मेरी कमर से मुझे पकड़ लिया और एक जोर का धक्का दे मारा.
उसका लंड मेरी चूत में आधा जा घुसा.

मेरी तो बांछें खिल गयीं. इतने सालों के बाद कोई दमदार लंड चूत में गया था.

फिर उसने मुझे चोदना शुरू कर दिया और मैंने अपनी चूत को पूरी तरह से ढीली छोड़ दिया ताकि उसका लंड जितना हो सके मेरी चूत में आ सके.
उसने दो तीन झटकों में पूरा का पूरा लंड मेरी चूत में उतार दिया था.

उसका लंड मुझे मेरे पेट में चोट करता हुआ अलग से महसूस हो रहा था. मेरी चूत की दीवारें चरमरा गयी थीं लेकिन ऐसा सुकून मिल रहा था जो जन्नत में भी नसीब न हो.

चूत को केवल लंड चाहिए होता है. मेरी चूत को समर का लंड मिल गया था. लंड इतना दमदार था कि मेरी चूत से खुशी के आंसू गिरने लगे थे.
मेरी चूत ने पानी छोड़ना शुरू कर दिया था और वो पच पच की आवाज के साथ समर के लंड से चुद रही थी.

उसने दस मिनट तक मुझे कुतिया बनाकर चोदा.
फिर उसने मुझे बेड के नीचे धकेल दिया; मुझे दीवार के साथ ले गया और मेरी एक टांग उठाकर अपनी कमर पर रखवा ली और नीचे से अपना लंड मेरी चूत में चढ़ा दिया.

नीचे ही नीचे धक्के देते हुए वो मेरी चूत में लंड को नापने लगा. मेरी चूचियां उसके हर धक्के के साथ फुटबाल की तरह उछल जाती थीं.
मेरी चूत अंदर तक तृप्त हो रही थी.

फिर वो मेरी चूचियों को काटते हुए चोदने लगा.
अब मुझसे रुका न गया और मैं झर झर झरने की तरह कामरस की धारा बहाने लगी.
मेरी चूत का रस पच पच … होती चुदाई के साथ ही मेरी जांघों पर बह निकला.

अब समर ने मुझे बेड की ओर धक्का मारा और झुकाकर पीछे से मेरी चूत में लंड दे दिया.
वो पीछे से मुझे चोदने लगा. मेरा सिर बेड से टकराते हुए धम धम कर रहा था. मगर वो मुझे चोदे जा रहा था.

उसका लंड अब मुझे चूत में बर्दाश्त नहीं हो रहा था और मैं दर्द से कराहने लगी थी.
फिर पांच मिनट तक किसी तरह मैंने उसको बर्दाश्त किया और वो भी मेरी चूत में झड़ता हुआ मेरे ऊपर लेट गया.

इस घमासान चुदाई के बाद मेरा अंग अंग समर को दुआ दे रहा था. ऐसी चुदाई न जाने कितने सालों के बाद हुई थी.
मैं तो समर की दीवानी हो गयी.

उसके बाद हम दोनों ऐसे ही नंगे लिपट कर सो गये.

तीन चार दिनों तक जब तक कि मेरा बेटा वापस न आ गया मैं अपने जेठ के बेटे से खूब चुदी.
हम दोनों ने खूब इंजॉय किया.

फिर सबके आने के बाद भी हम स्टोर रूम में चुदाई कर लेते थे.
 

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विधवा मामी की वासना तृप्ति




मित्रो, मेरा नाम राजेन्द्र सिंह है लेकिन मेरे घर वाले प्यार से मुझे राजा बुलाते हैं. मैं अभी 23 साल का हूं और शरीर ठीक-ठाक है. मैं एक मध्यम वर्गीय परिवार से हूं और एक अंतर्राष्ट्रीय कम्पनी में इंजीनियर हूं.

मैं दिल्ली में अपने परिवार के साथ रहता हूं. अब देर ना करते हुए सीधे देसी गांव की चुदाई कहानी पर आता हूं. यह कहानी मेरे और मेरी मामी के बीच की है. ये कोरोना में लॉकडाउन के समय की बात है.

जब देश में कोरोना की वजह से लॉकडाउन हो गया था तो उसके बाद मेरी कंपनी में घर से काम करने की इजाजत मिल गई. उसके बाद मेरा भी ऑफिस जाना बंद हो गया.

उस वक्त मैंने पापा से बोला कि क्यों न हम गांव चलें कुछ दिनों के लिए? वैसे भी दिल्ली में कोरोना बहुत तेजी से बढ़ रहा था.
गांव जाने की बात को सुनकर मम्मी भी खुश हो गई क्योंकि हम लोग अपने गांव वाले घर काफी अरसे से नहीं गए थे.

मम्मी और मेरी रजामंदी देखकर पापा भी मान गए और फिर हमने इमरजेंसी पास बनवाया और गाड़ी से निकल गये.
गांव जाने के बाद हमें पता चला कि गांव में हमारे पास वाले घर में ही किसी को कोरोना हो गया था.

उसके बाद हम वहां से अपनी नानी के घर चले गये. नानी के घर में सब लोग हमें अचानक देखकर काफी खुश हो गये. मैं अब मेरे ननिहाल के सदस्यों का परिचय आपको दे देता हूं.

ननिहाल में मेरे नाना (70), नानी (65) और उनकी छोटी बहू अपनी बेटी के साथ रहती थी. बड़े मामा (45) के थे और छोटे मामा (41) के थे मगर छोटे मामा की मौत कुछ समय पहले बाइक एक्सीडेंट में हो गयी थी.

अब घर में मेरे नाना-नानी और छोटी मामी व उनकी बेटी रिया ही थे. मेरी छोटी मामी का नाम दीक्षा था और वह 38 साल की थी. वो इतनी कम उम्र में ही विधवा हो गयी थी.

मेरे बड़े मामा मुम्बई में जॉब करते थे इसलिए वो अपने परिवार के साथ काफी समय से वहीं मुंबई में ही रह रहे थे. वो गांव में कभी कभार ही आते थे.
यहां पर केवल ये चार लोग ही थे.

दीक्षा मामी ने घर की इज्जत बनाये रखने और अपनी बेटी की वजह से दूसरी शादी नहीं की थी.
वो अकेली ही मेरे नानी के साथ अपनी बेटी की परवरिश कर रही थी.

तो हम लोग वहां पहुंच गये थे और काफी खुश थे.

सब कुछ सही चल रहा था. सब लोग काफी खुश थे.

फिर दो दिन बाद मैंने मम्मी से कहा कि मौसी के यहां भी घूम आते हैं. मामी को भी ले चलेंगे.

सब लोग तैयार हो गये. अगली सुबह जब हम जाने लगे तो रिया के पैर में चोट लग गयी.
मामी ने जाने से मना कर दिया. फिर मेरे नाना ने मुझे भी वहीं रोक लिया क्योंकि रिया की देखभाल अच्छे से हो जाती.

इसलिए मां मेरी मौसी के यहां चली गयी और नाना-नानी भी अपनी दूसरी बेटी से मिलने के लिए चले गये.
अब घर में हम तीन ही लोग थे.

मैंने मामी से कहा कि रिया को डॉक्टर के पास ले चलते हैं.
मामी बोली- तुम्हें परेशान होने की जरूरत नहीं है. थोड़ी ही चोट है. मेरे पास घर में दवाई रखी है. वैसे भी कोरोना में अस्पताल जाना ठीक नहीं है. अगर वहां से संक्रमण हो गया तो मुसीबत बहुत बढ़ जायेगी.

मुझे भी मामी की बात समझ में आ गयी.

मामी ने रिया को दवाई लगा दी और वो कुछ देर के बाद सो गयी.
सब कुछ नॉर्मल हो गया.

उसके बाद मैं और मामी बैठकर बातें करने लगे.

अचानक से मामी पूछ पड़ी- अपनी शादी में तो बुलायेगा ना मुझे?
मैं उनके सवाल पर हंसने लगा और बोला- कैसी बात कर रही हो मामी, आपको नहीं बुलाऊंगा तो किसे बुलाऊंगा?

फिर हम यहां वहां की बातें करने लगे.
मैं मामी के साथ अब थोड़ा खुलने लगा था क्योंकि घर में भी कोई नहीं था और हम दोनों अकेले ही थे.
उनकी बेटी रिया भी दूसरे कमरे में सो रही थी.

तभी मामी ने पूछा- और बताओ, अभी तक कोई पसंद आई है या वैसे ही घूम रहे हो?
मामी के इस सवाल पर मैं शर्मा गया.
मैं कुछ नहीं बोला और बस मुस्कराता रहा.

वो बोलीं- अरे … तू तो ऐसे शर्मा रहा है जैसे मैं कल ही तेरी शादी करवा रही हूं? तेरी उम्र में तो गर्लफ्रेंड होना अब आम बात है … बता दे अगर कोई है तो?

मैं बोला- नहीं, कोई नहीं है.
वो बोली- मैं बन जाऊं फिर?
मैंने मामी की ओर हैरानी से देखा तो वो जोर जोर से हंसने लगी.

वो बोलीं- शर्मा मत … मजाक कर रही हूं. अब मैं तेरे नाना नानी के साथ तो मजाक कर नहीं सकती इसलिए आज थोड़ा हल्का महसूस कर रही हूं.

मुझे भी अब इस बात पर ध्यान गया कि मामी तो अकेली हैं.
भले ही नाना नानी हैं लेकिन दिल की बात सुनने या सुनाने के लिए तो उनके पास कोई है ही नहीं. उनकी जिन्दगी में तो केवल उनकी बेटी ही है.

इसलिए मुझे मामी की बातों का बुरा नहीं लगा और मुझे उनके साथ सहानुभूति हुई.

मगर इस सहानुभूति के साथ ही मेरे मन में एक और भावना भी साथ साथ पनप रही थी.
वो भावना थी कि मामी की सेक्स इच्छाओं के बारे में सोचने की.
कितने ही दिनों से वो अकेली थीं. उनके पास उनकी शारीरिक इच्छाओं को पूरी करने वाला कोई नहीं था.

अचानक ही मेरा ध्यान इस बात पर चला गया कि कहीं मामी मुझमें अपनी सेक्स इच्छाओं को पूरी करने का साधन तो नहीं ढूंढ रही?
इसीलिए तो मामी मुझसे मेरी गर्लफ्रेंड के बारे में पूछ रही थी.

अब मेरा नजरिया मामी के लिए थोड़ा बदलने लगा. मेरा ध्यान उनके जिस्म पर जाने लगा.
उनकी चूचियां 36 के साइज की थीं और उनके सूट में उनके सीने पर पूरी कसी हुई रहती थीं.

उनकी गांड बहुत ज्यादा बड़ी तो नहीं थी लेकिन कम से कम 36 की तो रही होगी. मगर पूरी गोल गोल शेप में थी.
जांघें भी काफी सुडौल थीं. उनकी कमर लगभग 32 के साइज की लग रही थी.
आप इनके फीगर से ही अन्दाजा लगा सकते हैं कि कितने सुडौल बदन की मालकिन होगी वो!

उसके बाद वो अपने काम में लग गयीं.
वो किचन में खाना बनाने लगीं.

मैं वहीं हॉल में बैठकर टीवी देखने लगा. मेरी नजर मामी की गांड पर ही जा रही थी.
वो भी बीच बीच में मुझे देखने लगती थीं और मैं केवल मुस्करा देता था.

एकदम से उनके मुंह से निकला- आऊच … आह्ह …
मैं जल्दी से उठकर उनकी तरफ दौड़ा तो मैंने देखा कि मामी का हाथ प्रेशर कुकर से लगकर जल गया था और कई इंच जगह में से लाल हो गया था. उनको बहुत दर्द हो रहा था.

फिर मैंने जल्दी से पूछा- मामी, जलन वाली क्रीम है क्या घर में?
वो बोली- देख वहां बेडरूम में मेरे ड्राअर में पड़ी होगी.
मैं अंदर मामी के रूम में गया तो क्रीम ढूंढने लगा.

वहां पर मुझे उनके बेड के ड्राअर में कुछ कॉन्डोम मिले. मैं सोच में पड़ गया कि जब मामा ही नहीं है तो मामी कॉन्डोम का क्या करती है?

फिर वहीं पास में एक अखबार के टुकड़े में लिपटा हुआ मुझे एक छोटा बेलनाकार लकड़ी का डंडा मिला. वो ठीक उतनी ही मोटाई का था जितना एक औसत लंड होता है.

वहीं पास में तेल की एक शीशी भी पड़ी हुई थी. मुझे समझते देर नहीं लगी कि ये अपनी चूत को बेलन से शांत करती होगी. ये कॉन्डम भी उसी के लिए रखे हैं.

फिर वो बाहर से चिल्लाई- कहां रह गया राजा … मिली नहीं क्या क्रीम?
फिर मैं जल्दी से क्रीम उठाकर वापस चला गया.
मैं मामी के हाथ पर क्रीम लगाने लगा.

मैं मामी के बदन से लगभग सटकर खड़ा था.
उनके कमरे में वो बेलन, कॉन्डम और तेल की शीशी देखने के बाद मेरे अंदर भी वासना के भाव आ गये थे और मैं मामी के बदन से अपने लंड को टच करने की कोशिश कर रहा था.

मेरा लौड़ा खड़ा हो गया था. मेरे हाथ में मामी का हाथ था. उनका हाथ बहुत ही कोमल सा था. मैं उसको पकड़ कर सहलाते हुए क्रीम लगा रहा था.

मैं बोला- जलन हो रही है क्या?
वो बोली- हां, बहुत हो रही है.
मैंने कहा- क्रीम लगाने से जलन नहीं होती है. आराम से हो जाता है।

वो नीचे ही नीचे हंसने लगी.
मैं भी समझ गया कि वो मेरी बात का मतलब समझ गयी है.

अब तक मेरा लंड पूरा तनाव में आ गया था. मामी का जो हाथ नीचे लटक रहा था उससे मैं अपने लंड को टच कर रहा था.

मामी मेरे लंड को पकड़ना तो चाहती थी लेकिन हिचक रही थी. वो बस हाथ को लंड से टच करवाये हुए खड़ी थी.
मैं भी और जोर से लंड को उसके हाथ पर दबा रहा था.

अब मैं सोच रहा था कि किसी तरह मामी को पूरी गर्म कर दूं और वो खुद ही मेरे लंड को पकड़ ले.
मगर ऐसा नहीं हुआ.

मामी के चेहरे पर घबराहट तो थी लेकिन उसने लंड को हाथ में पकड़ने की कोशिश नहीं की मगर लंड से हाथ हटाया भी नहीं.

फिर मैंने कहा- आप अपने रूम में जाकर आराम कर लो पहले. खाना तो बाद में भी बन जायेगा.
वो बोली- मगर तुझे भूख लगी होगी.
मैं बोला- मुझे आप दूध पिला देना. उसी में हो जायेगा मेरा!

फिर से मैंने उसके सामने अपनी इच्छा जताई और वो समझ भी गयी.
उसने मेरे तने हुए लंड की ओर देखा और मुस्कराकर बोली- काफी बदमाश हो गया है तू!

उसके बाद मैं उसको रूम में ले गया. रूम में ले जाते वक्त मेरा हाथ मामी की कमर में था.
मैं उसकी कमर को सहलाते हुए जा रहा था और वो कुछ नहीं बोल रही थी.

फिर मैंने उसको रूम में लेटा दिया. वो अभी भी चोर नजर से मेरे लंड की ओर ही देख रही थी.
मुझे पता चल गया कि आग तो उसके अंदर भी लगी हुई है.
मगर मैं फिर मन मारकर बाहर आ गया.

अब मैं वहां से गया नहीं बल्कि वहीं दरवाजे के पास खड़ा रहा. मामी के बदन में वासना की आग जल चुकी थी और मैं जानता था कि या तो वो मेरे पास आयेगी या फिर अपनी चूत में वो बेलन डालेगी.

हुआ भी वैसा ही. दो मिनट बाद उसने यहां वहां देखा और अपना ड्राअर खोला.
उसने वो डंडा निकाला और फिर उस पर कॉन्डम चढ़ा लिया.
उसके बाद उसने वो तेल लगाया और अपनी सलवार खोल ली और साथ में चड्डी भी सरका दी.

मामी ने सलवार नीचे करके अपनी टांगें ऊपर उठा लीं. अब इस मुद्रा में उनका चेहरा उनकी टांगों के पीछे ढ़क गया क्योंकि उसने सलवार पूरी तरह से बाहर नहीं निकाली थी इसलिए उसको टांगें उठानी पड़ रही थीं.

फिर उसने वो डंडा लिया और धीरे धीरे अपनी चूत पर उसको रगड़ने लगी.
मैं तो देखकर बावला सा होने लगा.
मामी की बालों वाली चूत बहुत ही सेक्सी लग रही थी.

धीरे धीरे उसने वो डंडा चूत में घुसाना शुरू किया. फिर उसने वो डंडा अपनी चूत में डाल लिया और उसको धीरे धीरे आगे पीछे करने लगी.

उसके मुंह से सिसकारियां निकलने लगीं.
जब भी डंडा उसकी चूत में जाता तो वो आह्ह … करके सिसकार उठती.

इधर मुझसे अब कंट्रोल में रहना मुश्किल होता जा रहा था. मैं सोच रहा था कि काश इस डंडे की जगह मेरा लंड मामी की चूत में जा रहा होता.

कुछ देर तक तो मैं इस नजारे को देखता रहा. मगर फिर मुझसे रुकना मुश्किल हो गया.
मैंने सोचा कि अभी नहीं तो फिर कभी नहीं.

मैं एकदम से रूम में दाखिल हुआ और आवाज दी- मामी …

वो एकदम से उछलकर उठ बैठी थी. उसकी सलवार उसकी अधनंगी टांगों में फंसी थी और बेलन हाथ में था. उसका चेहरा लाल हो गया.
मैं बेशर्म होकर उसके पास चला गया और उसकी चूत को देखने लगा.

मैंने कहा- मैं कुछ मदद करूं क्या मामी?
मैंने मेरी पैंट में तने लंड को रगड़कर मामी को दिखाते हुए कहा.
उसने मेरे मोटे मूसल लंड को पैंट में तना देखा और मुस्करा दी.

वो बोली- अब जब तूने सब देख ही लिया है तो पूछ क्यों रहा है?
मैं भी मुस्करा दिया.

मैंने उसकी सलवार पकड़ी और पूरी तरह से खींचकर निकाल दी.
मामी अब नीचे से पूरी नंगी हो गयी थी.

मगर मैं उसको ऊपर से भी नंगी देखना चाहता था.
मैंने उसके पास जाकर उसे लिटा लिया और उसके होंठों को पीने लगा.

उसने वो बेलन एक तरफ डाल दिया और मेरे सिर को पकड़ कर मेरे होंठों का रस पीने लगी.

फिर मैंने उसका कमीज उतरवा दिया और फिर ब्रा भी खोल दी. उसके मोटे मोटे 36 के चूचे मैंने आजाद कर दिये.
अब मैं उन मोटे चूचों को दबाते और मसलते हुए उनके निप्पलों को काटने लगा.

मैंने बारी बारी से एक एक बोबे को मुंह लगाकर पीया और मामी मेरी पैंट को खोलने लगी.
उसने मेरी पैंट खोलकर मेरे लंड को हाथ में लिया तो उसके मुंह से आह्ह … स्स्स … करके एक कामुक आवाज निकली.

शायद उसने बहुत दिनों के बाद लंड पकड़ा था. फिर वो मेरे लंड की मुठ मारने लगी.
मैं पहले से ही अपने लंड को रगड़ कर आया था. मेरे लंड में तनाव के कारण दर्द हो रहा था.

मेरी नजर मामी के चेहरे पर ही बनी हुई थी. वो पूरी चुदासी हो चुकी थी.
अब वो मेरे हाथ पकड़ कर अपने बूब्स के ऊपर रखकर दबाने लगी.

मैंने कभी किसी लड़की के बूब्स दबाये नहीं थे इसलिए मैं बहुत उत्तेजित हो गया और चूचों को जोर जोर से दबाने लगा और किस करने लगा.

मेरा जोश बहुत ज्यादा था तो मामी कराहने लगी और बोली- आराम से कर राजा … मैं यही हूं. कहीं नहीं जा रही … मगर मेरी प्यास आज अच्छे से बुझा दे … मैं बहुत दिनों से सूखी ही तड़प रही हूं.
मैंने जोश में कहा- हां मामी, आज मैं आपकी आग को बुझाकर ही दम लूंगा.

मैं और जोर जोर से बूब्स दबाने लगा. फिर कभी पेट पर तो कभी नाभि पर चूमने लगा. फिर ऊपर आकर वैसे ही उसके होंठों को चूसने लगता.

किस करते करते मेरा हाथ मामी की चूत पर गया तो मामी सिहर सी गयी.
उसकी चूत पूरी गीली और चिकनी हुई पड़ी थी.

मैं तेजी से उसकी चूत पर हथेली से सहलाने लगा.
वो हर पल और ज्यादा गर्म होती जा रही थी.
मैं उसकी चूत को तेजी से रगड़ता जा रहा था.

फिर मैं नीचे की ओर गया और उसकी टांगों को फैलाकर मैंने उसकी बालों वाली चूत को चाटना शुरू कर दिया. उसकी चूत की मादक खुशबू और झांटों की महक में मैं खो सा गया.

उसकी चूत बाहर से सांवली लेकिन अंदर से पूरी गुलाबी थी. मैंने जीभ अंदर दे दी और उसकी चूत के रस को चूसने लगा.

वो एकदम सिसिया उठी और मेरे मुंह को जोर से अपनी चूत में दबाने लगी.

मैंने उसकी चूत में जीभ दे दी और उसकी चूत को जीभ से ही चोदने लगा.
उसने टांगें मेरे सिर पर लपेट लीं और तेजी से चूत में मेरे सिर को घुसाने लगी.

मुझे सांस आना बंद हो गया लेकिन फिर भी मैं चूत को जीभ से चोदता रहा.
जब उससे रुका न गया तो उसने मुझे 69 की पोजीशन में कर लिया और मेरे लंड को चूसते हुए अपनी चूत को चुसवाने लगी.

अब हम दोनों ही स्वर्ग की सैर कर रहे थे. कुछ देर तक हम एक दूसरे को चूसते चाटते रहे मगर फिर उसने चूत हटा ली और टांगें फैलाकर मेरे सामने चूत खोलकर लेट गयी.

वो बोली- बस राजा … अब मेरी चूत में ये लंड डाल दे. मुझे लंड चाहिए … अब जीभ से काम नहीं चलेगा. मुझे चोद दे … प्लीज।
मैंने उसकी चुदास को समझा और चुदाई के लिये तैयार हो गया.

मैंने लंड का सुपारा उनकी चूत पर रखा और थोड़ा जोर लगाया तो मामी के मुंह से आह्ह … निकल गई लेकिन फिर भी वो- अंदर डाल … अंदर डाल … करके बड़बड़ाती रही.

उसके बाद मैंने थोड़ा और जोर लगाया और एक ही बार में पूरा लन्ड चूत में उतार दिया.
मामी की आंखों में एक सुकून सा तैर गया. उसने अपनी चूत में लंड को एडजस्ट किया और मुझे अपने ऊपर लिटा लिया.

मैंने उसके होंठों पर होंठों को चिपका लिया और दोनों के नंगे बदन एक दूसरे के बदन से चिपक गये.
हाथों में मैंने उसके बूब्स थाम लिये और उसकी चूत चोदने लगा.

वो मस्ती में आकर सिसकारने लगी- आह्ह … राजा … आह्ह … कितने दिनों के बाद ये सुख मिला है … चोद राजा … आह्ह … चोद मुझे … ओह्ह … घुसा दे पूरा … फाड़ दे छेद … चोद दे मुझे।

मैं भी वासना में सिसकार रहा था- हां मामी … तुम्हारी गर्म चूत में मेरा लंड … ये चोद देगा तुम्हें … ओह्ह … कितना मजा है चूत चोदने में … मेरी रखैल बन जाओ मामी … मैं आपको खुश रखूंगा.
मामी- हां … बना ले अपनी रखैल … रोज मेरी चूत को चोदना … रोज मैं तुझे अपना दूध पिलाऊंगी.

इस तरह से हम दोनों एक दूसरे को कामुक बातें सुनाते हुए चुदाई का मजा लेने लगे.

फिर मैंने अपना मुंह उसके बूब्स पर लगाया और गचागच मामी की चूत में लंड के धक्के लगाने लगा.
वो भी मेरे लंड से चुदकर मस्त होने लगी.

हम दोनों चुदाई में जैसे खो ही गये. ये ध्यान भी नहीं रहा कि उनकी बेटी भी दूसरे रूम में सो रही है.

हम दोनों के मुंह से तेज तेज आवाज में सिसकारी निकल रही थी. मैं एक ही पोजीशन में मामी को चोदता जा रहा था. वो भी पूरा जोर लगाकर मुझे अपनी बांहों में कसकर भींचे हुए थी.

अगर मैं उठने की कोशिश भी करता तो वो मुझे अपने से और ज्यादा जोर से चिपका लेती थी. मैं भी पूरी ताकत के साथ उसकी चूत में धक्के लगा रहा था.

फिर एकाएक मामी ने मेरी पीठ को नोंचना शुरू कर दिया. वो मेरी गर्दन और कानों पर काटने लगी. वो नीचे से दोगुनी तेजी से अपनी चूत को मेरे लंड पर चोद रही थी.

15-20 मिनट हो गये थे हमें चुदाई में लगे हुए. दोनों का बदन पसीने में पूरी तरह से भीग गया था. चूत से पच पच की आवाज आने लगी थी.

और तभी मामी की चूत ने ढे़र सारा पानी छोड़ दिया.
चूत के गर्म पानी का अहसास पाकर मेरी भी चरम सीमा आ गयी और मैंने मामी से पूछा- कहां गिराना है?
वो बोली- चूत में नहीं, कल ही मेरे पीरियड्स खत्म हुए हैं.

फिर मैंने लंड को चूत से बाहर खींच लिया और मामी ने खुद ही मेरे लंड को मुंह में ले लिया.
वो घुटनों के बल होकर मेरे लंड को चूसने लगी और मैं मामी के मुंह को चोदने लगा.

दो चार धक्कों के बाद ही मेरा लावा फूटा और मैं मामी के मुंह में स्खलित होने लगा.
मेरे लंड से ढे़र सारा माल निकला और मामी उसको पूरा पी गयी.

उसके बाद हम दोनों थक कर निढाल हो गये. कुछ देर तक ऐसे ही पड़े रहे और फिर हम उठ गये. हमने अपने कपड़े पहने और फिर नहा धोकर खाना खाया.

इस तरह से मैं जब तक गांव में रहा मैंने मामी के साथ बहुत मजे लिये.
हर रोज तो चुदाई नहीं हो पाई लेकिन जब देर रात में मौका मिलता तो हम चुपके से घर के किसी कोने में जाकर चुदाई कर लेते थे.
 

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मामी की फड़कती चुत में लंड पेला



मेरा नाम रॉकी है. मैं जलगांव का रहने वाला हूँ.
ये मेरी पहली हॉट फैमिली Xxx स्टोरी है. लिखने में को कोई गलती नजर आ जाए तो माफ कर दीजिएगा. ये सेक्स कहानी मेरे और मेरी मामी के बीच हुई एक सेक्स घटना पर आधारित है.

मेरी उम्र 21 साल है. मैं दिखने में ज्यादा हैंडसम तो नहीं हूँ, बस साधारण सा दिखने वाला एक स्वस्थ युवक हूँ.
मैं अभी स्नातक कर रहा हूँ.

अब मैं आपको अपनी मामी के बारे में बता देता हूँ. मेरी मामी की उम्र 32 साल है, वो दिखने में इतनी खूबसूरत है कि क्या बताऊं.

शुरुआत में मैंने अपनी मामी के बारे में कभी गलत ख्याल नहीं सोचा था. मुझे रिश्तों में चुदाई की बात सोचने की तरफ ध्यान तक नहीं जाता था. मैं सोचता था कि सेक्स सिर्फ बाहर की किसी महिला या लड़की के साथ ही करना चाहिए.

लेकिन मेरे दोस्तों ने मुझे रिश्तों में चुदाई के बारे में बताया तो तब से मेरे दिमाग में मामी को चोदने का ख्याल आग गया.

मेरी खाला के बेटे की शादी थी. हम सब वहां गए थे. शादी हो गयी, फिर दूसरे दिन हम सब एक दूसरे के ऊपर पानी फेंक कर मस्ती कर रहे थे.

मैंने अपने भैया को बोला कि रूबैया मामी के ऊपर पानी फेंकते हैं.
मेरे भैया ने हां बोल दिया.

फिर मैं और मेरे भैया पानी लेकर रूबैया मामी के पीछे गए, तो मामी भागने लगीं.
मैं मामी को पकड़ने को उनके पीछे भागने लगा.

मैंने मामी को पकड़ा, तो मामी मेरी पकड़ से छूटने लगीं, लेकिन मैंने उन्हें कसके पकड़ा हुआ था.

कुछ देर बाद शायद मेरी बांहों की मजबूती और बदन की गर्मी के चलते मामी ने छूटने की कोशिश बंद कर दी.
वो खुद ही अपनी गांड को मेरे जिस्म से रगड़ने लगीं.

एक बार को तो मुझे कुछ अजीब सा लगा मगर मैं उन्हें जोर से पकड़े रहा.

फिर मेरे भैया ने मामी के ऊपर पानी डाल दिया.
मामी पूरी भीग गयी थीं.
मैं भी भीग गया था मगर मैंने अभी भी मामी को छोड़ा नहीं था.

वो कसमसाने लगीं तो इसी में गलती से मेरा हाथ मामी के चूचों से टच हो गया.
लग गया तो लग गया … मैंने उनके एक दूध को जोर से मसल ही दिया था.

मामी ने इस पर मुझसे कुछ नहीं बोला. मैं उनके पीछे से उन्हें जकड़े रहा.

तभी मेरा भाई और पानी लेकर आ गया. मामी फिर से छूटने की कोशिश करने लगीं.
मगर मैंने मामी को पकड़ कर रखा था.

अब तक और मेरा हाथ अभी तक मामी के चूचों पर ही था. उनके मस्त चुचों के नरमाहट से मेरा लंड खड़ा हो गया था और मामी की गांड को टच हो रहा था.

मामी को भी मेरा खड़ा लंड अपनी गांड में फील हो रहा था लेकिन मामी ने लंड को नजरअंदाज कर दिया.
क्योंकि सब मस्ती कर रहे थे और इसी मस्ती में सब हो रहा था.

वो मुझे धीमे स्वर में बोलीं- बड़ी कड़क मस्ती की तूने!
मैंने कहा- कड़क मतलब!
मामी ने हंस कर कहा- क्या कड़क का मतलब नहीं समझते हो?

मैं समझ गया कि मामी मेरे कड़क हो उठे लंड की बात कर रही हैं.

कुछ देर बाद ये सब खत्म हो गया और हम सब खाना खाकर आराम करने लगे.

उस समय मामी मेरे सामने ही अपनी साड़ी को उतार कर कपड़े खोलने लगीं.
तो मैं शर्मवश बाहर को चल दिया.
मामी बोलीं- क्यों अब क्या हुआ .. उस समय तो शर्म नहीं आ रही थी.

मैं हंसते हुए उन्हें देखने लगा.

तभी किसी के आने की आहट हुई तो मामी बाथरूम में चली गईं और मैं भी बाहर निकल गया.

दूसरे दिन सभी के साथ हम अपने घर वापस आ गए. हमारे साथ मामी और उनका पूरा परिवार भी आया हुआ था.

अगले दिन दोपहर को सब हॉल में सोए हुए थे. मामी मेरे बगल में सोयी हुयी थीं.

मेरा शैतानी दिमाग मुझे सोने नहीं दे रहा था. मैंने हिम्मत करके मामी की तरफ अपना हाथ बढ़ा दिया.
हालांकि मेरी गांड तो फट रही थी लेकिन मैंने रिस्क ले ही ली.

पहले तो मैंने मामी के हाथ को टच किया और इंतजार किया.
लेकिन मामी कुछ नहीं बोलीं.

इससे मेरी हिम्मत बढ़ गयी. फिर मैंने अपना हाथ मामी की एक चूची पर रख दिया.

मामी थोड़ी सी हिलीं तो मैंने झट से अपना हाथ हटा दिया. मामी ने उसी समय मेरी तरफ देखा और आंख दबा दी.

मैंने इशारे से पूछा कि क्या हुआ तो मामी ने धीमे से कहा- क्या फिर से पानी डालना है?
मैं समझ गया कि मामी लंड के पानी डालने की बात कह रही हैं.

अब मैं उनके सामने सिर्फ अपना लंड सहलाता रहा, मगर मेरी फिर से हिम्मत नहीं हुई कि मैं मामी की चूची को टच करूं.

मामी ने भी अपनी चूची दबा कर मुझे आंख मारी, तो मैंने उनके मम्मों के तरफ हाथ बढ़ाने की सोची.

तभी बाजू से अम्मी के उठने की आवाज आ गई.
फिर सब उठ गए.

फिर अगले दिन सुबह मामी और मामा अपने घर जाने लगे तो मेरा मन उदास हो गया.

जाते वक्त मामी ने मुझे 2000 रूपए दिए और एक नॉटी स्माइल पास की.
मैं भी मुस्करा दिया.

मामी ने कहा- तू जल्दी हमारे घर आना.
मैंने हंस कर पूछा- क्यों कोई ख़ास बात है?

मामी बोलीं- ख़ास बात नहीं है मगर तू तो मेरे लिए ख़ास है.
मैं हंस दिया.
मामा भी जल्द आने के लिए बोल कर चले गए.

अब मेरे मन में तो लड्डू फूट रहे क्योंकि मामी ने कभी भी मुझसे ऐसा नहीं कहा था.

उन्होंने इस बार बोला, तो मेरी तो रातों की नींद उड़ गयी. मैं धूलिया जाने का इन्तजार कर रहा था.

फिर मेरे एग्जाम खत्म हो गए. मैंने घर पर बोला कि मुझे मामा जी घर पर जाना है.
घर वालों ने भी हां कर दिया.

अगले दिन सुबह मैं धूलिया जाने के लिए घर से निकल गया. जलगांव बस स्टैंड से गाड़ी पकड़ी और निकल गया.

मैंने धूलिया पहुंच कर मामा को कॉल किया.
दस मिनट बाद वो मुझे लेने के लिए आ गए.

मैं मामा के साथ घर पहुंचा तो मामी मुझे देख कर बहुत खुश हो गईं.

फिर मामी ने मेरे लिए कॉफी बनाई. मैं भी सोफे पर बैठ गया. मामा जी अपने काम से चले गए थे.

मामी मेरे पास आकर बैठ गईं. मामी को पता था कि मैं किस काम के लिए आया हूँ.

वे मेरी तरफ देख कर नॉटी स्माइल पास कर रही थीं.
इस समय घर पर मैं और मामी की एक बेटी ही रह गए थे.

मामा की बेटी अभी छोटी थी.
उनका एक बेटा भी है जो उनकी बेटी से दो साल छोटा है.

मामी की बेटे बेटी को मैंने अपना मोबाइल दे दिया और वो दोनों उसमें गेम खेलने लगे.
अब मैं और मामी एक दूसरे की तरफ देख रहे थे.

मैंने बातों बातों में ही मामी का हाथ पकड़ लिया.
मामी कुछ नहीं बोलीं.

मैं मामी के हाथ को सहलाने लगा. मामी भी मुझे हवस भरी नजरों से देखने लगीं.
उनके दोनों बच्चे एक साइड में मोबाइल में मस्त थे.

तभी मैंने मामी को अपनी तरफ खींचा और मामी के कंधे पर हाथ रख कर उनकी चूची दबाने लगा.
मामी मादक सिसकारियां भरने लगीं. मैं जोर जोर से उनकी चुची दबा रहा था.

तभी मामी अचानक उठीं और किचन की तरफ जाने लगीं.
मैं भी उनके पीछे आ गया.

वहां मामी काम करने लगीं. मैंने मामी को पीछे से पकड़ लिया.

मामी बोलीं- बच्चे आ जाएंगे, अभी मत करो.
मैं बोला- वो गेम खेलने में बिजी हैं.

मैंने मामी को अपनी तरफ घुमाया और किस करने लगा. चुम्बन में मामी भी मेरा साथ दे रही थीं.

मामी को अपनी गोद में उठा कर मैंने किचन के स्लैब पर बैठा दिया और किस करने लगा.
पांच मिनट की किस के बाद मैं ब्लाउज के ऊपर से ही मामी की चूचियां दबाने लगा.

मामी मादक सिसकारियां ले रही थीं- आह इसस्स हुंनम्म्म!

फिर मैंने मामी के पेट पर किस किया, नाभि पर किस किया और मैंने मामी की साड़ी को ऊपर करके उनकी पैंटी पर चुम्मी कर दी.
मामी सिहर गईं.

कुछ देर पैंटी के ऊपर से ही चुत का मजा लेने के बाद मैंने मामी की पैंटी को नीचे सरका दिया और मामी की चुत चाटने लगा.

मामी अब कामुक सिसकारियां ले रही थीं- अम्म हाआआ हमम.

मैं उन्हें चाटे जा रहा था.
वो बोले जा रही थीं- तुमने ये सब कहां से सीखा .. आह आज मेरी पहली बार कोई मेरी चुत चाट रहा है .. तुम्हारे मामा तो बस खोल कर चढ़ जाते हैं और उनका दो मिनट में ही काम तमाम हो जाता है. मैं प्यासी ही सो जाती हूँ. आज तुम मेरी प्यास बुझा दो हम्म अह ह आआआह!

मामी ऐसे गर्म आवाजें भरते हुए चोदने के लिए बोल रही थीं.
मैं चुत चाटता रहा.
कुछ देर बाद उनका पानी छूट गया और वो ढीली पड़ गईं.

अब ऊपर के माले की मस्ती करने की बारी थी. मैंने मामी को किस किया और उनके चुचे ब्लाउज के ऊपर से ही दबाने लगा.

कोई 5 मिनट के बाद वो फिर से गर्म हो गईं.
फिर मैंने देर ना करते हुए अपना आधा लंड मामी के चूत में डाल दिया.
मामी जोर से चीख पड़ीं और कराह कर बोलीं- धीरे कर … तेरा बहुत बड़ा है.

मैंने धीरे धीरे लंड चुत में डाला और धक्के मारने लगा.
कुछ ही देर बाद मामी मज़े लेने लगी थीं.

मेरा लंड अब उनकी चुत में गहराई तक जाकर मामी को मजा दे रहा था.
मामी की मस्त चूचियों को भींचते हुए मैं उन्हें ताबड़तोड़ चोदने में लगा था.

मेरी मामी के मुँह से मस्त आवाजें निकल रही थीं, जिससे मेरा जोश और भी तेज होता जा रहा था.
मामी- अम्मम हहहहह आआआ और तेज चोदो मुझे … आह और जोर से आह फाड़ ही दो आज मेरी चुत को.

मैं भी अपनी पूरी ताकत से मामी को चोदे जा रहा था.

अब हमारी चुदाई को दस मिनट हो चुके थे. मामी अब तक दो बार झड़ चुकी थीं. मैं अब तक नहीं झड़ सका था.

तभी अचानक से मामा की गाड़ी का हॉर्न बजा, मैं और मामी हड़बड़ा उठे.
मैं और मामी झट से एक दूसरे से अलग हो गए.

मामी ने अपनी साड़ी ठीक की.
और मैंने भी अपने कपड़े ठीक किए और बाहर हॉल में जा कर बैठ गया.

मामी बाहर के दरवाजे के पास गईं और उन्होंने गेट खोल दिया.
मामा अन्दर आ गए.

मुझे उस समय पसीना आ रहा था. मामा ने मेरी तरफ देखा और एसी ऑन कर दिया. मामा को लगा कि मुझे गर्मी लग रही है क्योंकि उन दिनों गर्मी के दिन थे.
लेकिन मामा जी को कौन बताता कि मुझे पसीना क्यों आ रहा था.

मामी मेरी तरफ देख कर हंस रही थीं.

फिर मामी किचन में खाना बनाने चली गईं.

मैं और मामा बातें करने लगे.
कुछ पल बाद मैं उठा और बोला- मैं मामी की थोड़ी मदद कर देता हूँ.

मामा ने भी हां बोल दिया, मैं किचन में आ गया.

मामी ने मुझे देखा और हंस कर बोलीं- मामा को तो शक नहीं हुआ न?
मैंने न बोल दिया.

मैंने मामी को बोला- मामी आपका काम तो हो गया, पर मेरा क्या होगा?
मामी बोलीं- रात का इंतजार करो.

मैंने ना बोला, तो मामी बोलीं- अभी हॉल में तेरे मामा हैं … अभी कुछ नहीं हो सकता है.
मैं बोला- नहीं मामी, मुझे अभी करना है.
मामी ओके बोलते हुए कहने लगी- चल एक मिनट रुक … मैं अभी आती हूँ.

फिर मामी हॉल में गईं तो देखा कि मामा क्या कर रहे हैं.

वो वापिस किचन में आईं और बोलीं- जो करना है, जल्दी कर ले.

मैंने मामी को घोड़ी बनाया और साड़ी ऊपर करके अपना लंड मामी की चूत पर सैट कर दिया.
मेरे लंड ने चुत की फांकों में अपनी मुंडी फंसाई और मैंने जोर का झटका दे मारा.

लंड चुत दोनों ही गीले थे इसलिए मेरा पूरा लंड मामी की चूत में घुसता चला गया. मैंने झटके देने शुरू कर दिए और मैं मामी की चुत चुदाई करता रहा.

करीब 5 मिनट में मैं मामी की चुत की गर्मी से झड़ गया. मैंने पूरा वीर्य रस मामी की चुत में ही डाल दिया.

मैंने लंड चुत में खाली करके बाहर निकाला और जल्दी से पजामा में कर लिया.

मामी ने भी अपनी साड़ी आदि सब ठीक किया और मैं वापस हॉल में आ गया.

उस रात मुझे मामी के साथ फिर से चुत चुदाई का मजा लेना था, तो मैं उसकी प्लानिंग बनाने लगा.
 

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भाभी की चुदाई के बाद बहन को भी चोदा




पहले मेरे परिवार के बारे में आपको बता दूं. मेरे परिवार में हम पांच लोग रहते हैं. मेरी मां जिसकी उम्र 46 साल है वो एक खूबसूरत औरत है. वह एक सरकारी दफ्तर में काम करती है.

मेरा एक बड़ा भाई है और उसकी शादी हो चुकी है. मेरी भाभी का नाम सबीना है. मेरी एक छोटी बहन भी है जिसकी उम्र 19 साल है. मैं 23 साल का हूं और मेरा भाई 25 साल का है.

शारीरिक परिचय की बात करूं तो मेरी लम्बाई 6 फीट है और रंग से हल्का सांवला हूं. मेरा लंड लम्बाई में 8 इंच का है और मोटा 3 इंच का है.

मेरी बहन का नाम रुहाना है और वो अपनी स्कूल की तालीम पूरी कर चुकी है. उसकी चूची अभी छोटी हैं लेकिन इतनी हैं कि हाथ में लेकर दबाओ तो मजा आ जाये.
दोस्तो, मेरी बहन मेरी भाभी की अपेक्षा बहुत ही हॉट लगती है.

अब ये वाकया कैसे हुआ वो मैं आपको बताता हूं. मेरा भाई इलेक्ट्रिकल इंजीनियर है और वह शादी के 2 महीने बाद अपनी जॉब पर चला गया था.

चार महीने में उसका मुश्किल से एक या दो बार आना होता था. मगर इस बार कोरोना के चलते लॉकडाउन हुआ तो वो बिल्कुल ही घर नहीं आ पा रहा था.

गुजरते दिनों के साथ भाभी उदास सी रहने लगी थी. मेरा भाभी के साथ मजाक होता था रहता था इसलिए मुझे पता चल रहा था कि भाभी खुश नहीं है आजकल!

कई बार मैं भाभी को कह भी देता था कि अपनी बहन के साथ मेरी सेंटिग करवा दो.
इस तरह से हमारा मजाक चलता रहता था.

मगर अब भाभी उदास रहती थी और मैं जान गया था कि उसको भाई की कमी लग रही है.

एक दिन की बात है कि मैं सुबह बाजार गया हुआ था और काफी समय अपने दोस्तों के साथ व्यतीत किया.
मैं दोपहर को 2:00 बजे अपने घर पहुंचा. उस दिन मेरे अब्बा और अम्मी भी घर में नहीं थे.

मेरे घर का दरवाजा खुला हुआ था और मेरी छोटी बहन अपने कमरे में सो रही थी.

मैं सीधा बाथरूम की तरफ पेशाब करने जा रहा था तभी मुझे अचानक सिसकारी की आवाज सुनाई दी.
वह आवाज मेरी भाभी के रूम से आ रही थी.

मेरी भाभी के रूम का दरवाजा लगा हुआ था तो मैंने दरवाजे के छोटे छेद से देखा. भाभी बिल्कुल नंगी लेटी हुई थी.
उनका यह रूप देख कर मेरी आंखें फटी की फटी रह गईं और मैं चाबी के छेद से देखने लगा.

भाभी अपने मोबाइल में कुछ उत्तेजक देख रही थी और अपनी चूत में उंगली कर रही थी.

मैं काफी उत्तेजित हो गया और वहीं भाभी को नंगी होकर चूत में उंगली करते देख अपने लंड को निकाल कर हिलाने लगा.
मेरी हालत खराब हो गई थी और कंट्रोल करना मुश्किल हो गया.

हवस के जोश में हिम्मत पता नहीं कहां से आयी कि मैं दरवाजा खोल कर भाभी के रूम में पहुंचा.

भाभी मुझे अपने रूम में देखकर घबरा गई और उठ कर खड़ी हो गई और बोली- तुम यहां क्या कर रहे हो?
मैंने जवाब दिया- भाभी भाई बाहर रहते हैं, इसीलिए आप उदास रहती हो. मुझे बता दिया होता … शायद मैं आपकी मदद कर पाता?

वो बोली- ये क्या बकवास कर रहे हो तुम? जाओ यहां से … मैंने कपड़े भी नहीं पहने हैं.
मैं बोला- हां तभी तो बोल रहा हूं. मुझे बता दिया होता … मैं मदद कर देता.

भाभी का नंगा जिस्म मेरे सामने था. भाभी की चूत फूली हुई थी और चूचियां तनकर लटक रही थीं.

रुका न गया और मैं भाभी के पास चला गया. मैंने उसका हाथ पकड़ा और अपने लंड पर रखवाते हुए उसके नंगे जिस्म से लिपटने लगा.

वो पहले तो हटाने लगी लेकिन मैंने उसकी चूत को जोर जोर से सहलाना शुरू कर दिया. फिर उसकी चूचियों को पकड़ कर पीने लगा. उसको शायद मेरा स्पर्श अच्छा लगने लगा और विरोध नहीं किया.

अब मेरे हाथ भाभी के जिस्म पर पूरी तरह से ऊपर से नीचे घूम रहे थे. उसके हर अंग को सहला रहे थे.

भाभी तो पहले से ही बहुत गर्म हो चुकी थी. वो मेरे हाथ को अब खुद ही अपनी चूत पर रगड़ने लगी थी.

मैं भी उसकी चूचियों को जोर जोर से पी रहा था. उसके मुंह से सिसकारियां निकलने लगी थीं- आह्ह … रहमान … आह्ह … स्स्स … अपने भाई को मत कहना … ओह्ह … मुझे उनकी बहुत याद आ रही थी … आह्ह … मेरी चूत में आग लगी है … बुझा दे इसको!

ये सुनकर मैं अब और जोर से उसको सहलाने लगा और चूचियों को काटने लगा.

फिर मैंने भाभी को पकड़कर उनके बेड पर लिटाया और उनकी चूत को चाटने लगा.

5 मिनट तक चूत चाटने के बाद भाभी की चूत से पानी निकलने लगा.

फिर भाभी ने मेरा लंड पकड़ा और उसे चूसने लगी.
मुझे भी बहुत मजा आ रहा था.

फिर मैंने भाभी की कमर के नीचे एक तकिया लगाया और अपने लंड का टोपा भाभी की चूत पर रखा और रगड़ने लगा.
भाभी तेज सिसकारी ले रही थी- ओह्ह … उईई … स्स्स … आह्ह … जल्दी डाल ना … आग लगी है चूत में … आह्ह … बहुत प्यास है … चोद दे राजा।

अब भाभी मुझसे रहम मांगने लगी तो मैंने एक जोरदार झटका मारा.

मेरा 3 इंच लंड भाभी की चूत को चीरता हुआ घुस गया.
भाभी तेज आवाज में चिल्लाई- उउउ उई मां … उउउउई … मार डाला … मेरी चूत को फाड़ दिया।

दोस्तो, मैं डर गया कि कहीं मेरी छोटी बहन जाग न जाए.
फिर मैंने भाभी के होंठों पर होंठ रखे और एक जोरदार झटका मारा. आधा लंड चूत में उतारा और फिर रुक गया.

उसकी चूचियों को सहलाया और फिर पूरा लंड उसकी चूत में ठोक दिया.
अब पूरा लंड अंदर घुस चुका था. भाभी की आंखों में पानी आ गया. दर्द के मारे उसका हाल बेहाल था.

भाभी धक्का मार कर मुझे हटाने की नाकाम कोशिश करने लगी.
मैं कहां मानने वाला था. मैं धक्के लगाता रहा और भाभी रोती रही.

5 मिनट की चुदाई के बाद भाभी को भी मज़ा आने लगा और वह नीचे से गांड उठा उठा कर चुदवाने लगी.

अब उसके मुंह से मजे की सिसकारियां निकल रही थीं- आह्ह … उफ्फ … अम्म … आह्ह … और करो … आह्ह … और जोर से … चोदते रहो.

वो मुझे गाली देने लगी- तू अपनी बहन को चोद दे बहनचोद … उसकी भी चूत में खुजली होती होगी … उसे भी ऐसे ही चोदना.
मेरा ध्यान मेरी बहन की चूत की ओर भी जाने लगा.

मैं सोच रहा था कि शायद भाभी और बहन की इस बारे में बात होती होगी.

फिर मैं चुदाई में लग गया. 20 मिनट तक मैं भाभी को चोदता रहा.

फिर भाभी का पानी निकलने लगा. उसकी चूत पूरी गीली हो गयी.
अब मैंने भी भाभी की टांगों को कंधे पर रखकर 5-6 जोरदार धक्के लगाए और भाभी की चूत में ही झड़ गया और भाभी के ऊपर लेट गया।

दोस्तो, इससे पहले मैंने अपनी बहन के बारे में कभी ऐसा नहीं सोचा था लेकिन भाभी ने गाली दी जिससे मेरा भी मन बदल गया.

फिर वो बोली- तू सच में अपनी बहन को चोदना चाहता है क्या?
मैंने कहा- कैसी बातें कर रही हो भाभी?

वो बोली- तुम्हारी बहन अब जवान हो चुकी है और वह बाहर जाकर किसी के साथ मुंह काला करे इससे अच्छा यह रहेगा कि तुम उसे चोद दो.
मैंने भाभी से कहा- क्या वह मुझे चोदने देगी?

भाभी ने कहा- मैं उसे तैयार करूंगी. तुम आज की तरह कल मेरे रूम में आना और रंगे हाथों पकड़ लेना उसको.
मैंने ऐसा ही किया.

उस दिन मेरी अम्मा पड़ोस में कहीं गयी हुई थी और अब्बा भी अपने किसी खास के पास गये हुए थे.

मैं बाजार से घर आया तो मैंने भाभी के रूम में झांक कर देखा.
मेरी भाभी और मेरी बहन दोनों बेड पर नंगी बैठी हुई थीं और ब्लू फिल्म देख रही थीं.

वो एक दूसरे को किस कर रही थी.
मैंने दरवाजे में धक्का मारा और अंदर घुस गया.

इससे मेरी बहन काफी घबरा गई और अपने छोटे-छोटे नींबू जैसे चूचों को हाथ से ढकने लगी.

मैंने उससे कहा- यह क्या हो रहा है? मैं तुम्हारी यह करतूत अम्मी को बताऊंगा.
इस पर भाभी मुझसे बोली- तुम अम्मी को कुछ मत बताना. अगर तुम चाहो तो हमारे साथ सेक्स का मजा ले सकते हो।

ये प्लान था और मैं बोला- ठीक है, मैं किसी को कुछ नहीं बताऊंगा लेकिन तुम दोनों को आज मेरे लंड से चुदवाना पड़ेगा।

बहन ने भाभी की ओर देखा.
भाभी ने हां में सिर हिला दिया.
बहन भी तैयार हो गयी.

फिर मैंने अपनी बहन को पकड़ा और उसके होंठों को किस करने लगा.

भाभी मेरे कपड़े उतारने लगी और मुझे नंगा कर दिया.

अब भाभी मेरे लंड को चूसने लगी और मेरा लंड पूरा तन गया.

फिर मैंने अपनी छोटी बहन की नाजुक चूत पर मुंह लगाया लगाया और उसकी चूत को चाटने लगा.

मेरी बहन बोली- भैया, यह सब क्या ठीक है? मैं तुम्हारी छोटी बहन हूं.
मैंने कहा- चूत और लंड का रिश्ता भाई-बहन का नहीं होता है.

मैं उसकी चूत को चूसता रहा, चाटता रहा और कुछ देर बाद वह तेज तेज सिसकारने लगी.
फिर उसने अपनी चूत का पानी एक अंगड़ाई के साथ छोड़ दिया।

तब भाभी बोली- रहमान … लोहा गर्म है … हथौड़ा मार दो.
मैंने अपनी बहन रुहाना की टांगों को फैलाया और उसकी चूत पर लंड रखा.

अब मैंने एक जोरदार धक्का मारा लेकिन मेरा लंड फिसल गया.
फिर भाभी ने मेरे लंड को पकड़ा और उसकी चूत पर लगाया. फिर मुझको इशारा दिया तो मैंने फिर से एक जोरदार धक्का मारा.

इस बार मेरा लंड 2 इंच उसकी चूत को चीरता हुआ घुस गया.
रुहाना बहुत तेज चिल्लाने लगी और कहने लगी- चूत में जलन हो रही है … निकालो इसे … आह्ह … बहुत दर्द हो रहा है.

वो ये कहते हुए छटपटाने लगी.

मगर मैंने उसकी एक न सुनी. मैंने अपने लंड को थोड़ा पीछे हटाकर एक और धक्का मारा. इससे मेरा लंड 4 इंच उसकी चूत में घुस गया.
उसकी चूत से खून निकलने लगा था और वह रोने लगी.

वो छूटने की कोशिश कर रही थी लेकिन भाभी ने उसके हाथों को पकड़ लिया.
वह पैरों को फड़फड़ाने लगी.

फिर मैंने एक और जोरदार धक्का मारा. इस बार मेरा लंड पूरा उसकी चूत में सरक गया.

वह एकदम से बेहोश हो गई.

फिर भाभी ने उसके चेहरे पर पानी डाला और उसको होश आया.
वह रोने लगी तो भाभी ने उसे चुप कराया.

फिर मैंने रुहाना को सहलाया और उसको चोदने लगा.
उसकी चूत वाकई में फट चुकी थी और उसकी चूत से खून बह रहा था.

भाभी बोली- सीधे इसके ऊपर लेट जाओ और लंड को चूत के अंदर ही डाले रहो.

मैंने वैसा ही किया.

5 मिनट लंड उसकी चूत में रहने के बाद उसको भी मज़ा आने लगा.
फिर नीचे से वो अपनी गांड को उठाने लगी. मैं समझ चुका था.

फिर मैंने उसकी दोनों टांगों को कंधों पर रखा और उसकी चूत में लंड को आगे पीछे करने लगा.

थोड़ी देर बाद रुहाना बोली- भाई दर्द हो रहा है लेकिन थोड़ा थोड़ा मजा भी आ रहा है.
भाभी बोली- चिंता मत करो मेरी ननद … तुम्हारे भाई का लंड बहुत अच्छा है. थोड़ी देर बाद फुल मजा आएगा.

फिर मैं मस्ती में आकर बहन की चुदाई करने लगा और वो भी मेरे लंड से चुदते हुए मस्त हो गयी.

अब वो तेज तेज सिसकारने लगी और तेजी से चोदने के लिए कहने लगी.

कुछ देर बाद वह अकड़ने लगी और उसकी चूत का पानी निकलने लगा.
मेरी बहन की चूत ने मेरे लंड को पूरा भिगो दिया.

उसकी चूत के पानी से चिकना होकर मेरा लंड पकापक उसकी चूत में जाने लगा और मैं दोगुने जोश से उसको चोदने लगा.
कुछ देर के धक्कों के बाद मेरे लंड ने भी उसकी चूत में पानी छोड़ दिया.

सारा वीर्य उसकी चूत में गिराते हुए मैं उसके ऊपर ही लेट गया.

हम तीनों नंगे ही पड़े रहे. भाभी उसकी चूचियों को पीती रही और मैं भाभी की चूत में उंगली दिये हुए लेटा रहा.

ऐसे ही करते करते कुछ देर बाद मेरा लंड फिर से खड़ा होने लगा.
फिर मैंने भाभी को डॉगी स्टाइल में किया और उसकी चूत में लंड डालकर चोदने लगा.

बहन की चुदाई करने के बाद भाभी की चुदाई करने में अब और ज्यादा मजा आ रहा था.

20-25 मिनट बाद हम दोनों का एक साथ पानी छूट गया.

उस दिन मेरी बहन की हालत बहुत खराब हो गयी. उसकी चूत मेरे 8 इंची लंड से चुदकर सूज गयी थी. उससे ठीक ढंग से चला भी नहीं जा रहा था.

मगर मेरी तो जैसा लॉटरी लग गयी थी.
मेरे पास घर में ही दो दो टाइट चूत थी.

उसके बाद मैंने कई बार भाभी की चुदाई की और साथ ही बहन की चुदाई भी की.
हमें जब भी मौका मिलता हम चुदाई करने लगे और तीनों घर में ही मजे लेते रहे.
 

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बेऔलाद भाभी को चोदकर मां बनाया



दोस्तो, मेरी उम्र 22 साल है. कद 5 फुट 8 इंच है. मैं दिखने में अच्छा और रंग गोरा है. इसी के साथ ही राष्ट्रीय खिलाड़ी होने की वजह से बहुत चुस्त और फिट हूँ.

मेरा लंड में इतना दम है कि ये किसी भी आंटी औरत और भाभी और लड़की की चुत प्यास बुझाने को काफ़ी है.

मेरी पिछली सेक्स कहानी पढ़ कर मुझे बहुत मेल आयी थीं, ये सेक्स कहानी उसी मेल से जुड़ी है.

मुझे एक दिल्ली से मेल आया कि उन्हें मेरी भाभी की चुदाई की कहानी बहुत पसन्द आई थी.

आज की इस भाभी जी की चुत चुदाई कहानी की नायिका सोनिया (बदला हुआ नाम) है. उसकी लम्बाई 5 फुट 5 इंच है और 32-30-36 का उभरा हुआ बदन है. सच में बहुत ही सेक्सी भाभी थी.

सोनिया भाभी की शादी को 3 साल हो गए थे, पर अब तक कोई बच्चा नहीं हुआ था.
भाभी इस बात से बहुत परेशान थीं. उनके पति के शुक्राणुओं की कमी से भाभी मां नहीं बन पा रही थीं. इस बात से परेशान होकर उन्होंने मुझसे बात करना सही समझा.
उनके पति एक बिजनेसमैन थे.

सोनिया भाभी ने मुझे जैसे ही मेल पर अपनी समस्या बताई, मैं समझ गया कि क्या करना है. मैंने भाभी की मदद करने के लिए बोल दिया, जिससे वो बहुत खुश हुईं.

मैंने उनसे फोटो और बाकी की डिटेल भेजने के लिए कहा. तो उन्होंने मुझे अपनी फोटो भेज दी.

मुझे समझ आ गया कि सोनिया भाभी बहुत ही सेक्सी माल हैं. कसम से उनकी फोटो भर को देखते ही मेरा लंड खड़ा हो गया था. मेरा लंड आन्दोलन करने लगा था और दिल ने बोला कि भाभी को चोद कर उनके बच्चे का बाप मैं ही बनूंगा.

मैंने भाभी से बात करनी शुरू कर दी. उसी बातचीत में जैसा भाभी ने मुझे बताया था कि वो बहुत प्यासी हैं और बहुत हिचकिचाहट के बाद मैंने अपने पति के अलावा किसी और से सेक्स करने का मन बनाया है.

मैंने उनसे पूछा कि आपको मुझमें ऐसा क्या दिखा जो आपने मुझे ही चुना.
भाभी कहने लगीं कि मैंने नेट पर बहुत खोजबीन की, मगर मुझे किसी पर भरोसा नहीं हुआ. फिर आपसे भी मैंने बात की तो न जाने क्यों मुझे आपके अन्दर वो बात दिख गई जो मैं किसी मर्द के अन्दर चाहती थी.

मैंने उनसे वीडियो चैट करने की ख्वाहिश की, तो भाभी ने कहा कि ठीक है मैं आपको रात में फोन करूंगी. अभी आप मुझे अपना नम्बर दे दो.

मैंने भाभी को अपना नम्बर भेज दिया.

रात को दस बजे मेरे फोन की घंटी बजी. मैंने फोन उठाया तो एक अनजान नम्बर से कॉल आ रही थी.

मैंने फोन उठाया तो उधर से एक महिला की आवाज आई- हैलो.
मैंने पहले तो सोचा कि हो सकता है कि ये भाभी न हों. तो मैंने भी जबाव में पूछा- हैलो आप कौन?

भाभी- मैं सोनिया … पहचाना!
मैंने तुरंत उन्हें पहचान लिया और जबाव में उन्हें भाभी जी नमस्ते की.

वो खुश हो गईं और बात करना शुरू कर दी.

मैंने भाभी से कहा- भाभी वीडियो कॉल कीजिए न.
भाभी- ओके, मैं लगाती हूँ.

एक मिनट बाद भाभी का वीडियो कॉल आया. मैंने देखा कि सामने एक काले रंग की बेबीडॉल में भाभी अपने हुस्न का जलवा बिखेर रही थीं.

मैं भाभी को देख कर मदहोश हो गया. कुछ बोल ही न सका.

भाभी ने हंसते हुए कहा- क्या हुआ … आप चुप क्यों हो गए?
मैंने कहा- भाभी आपको देख कर मेरे तो छक्के छूट गए. मेरी समझ में ही नहीं आ रहा है कि आपसे क्या कहूँ.

भाभी हंसने लगीं.
फिर वो बोलीं- आप अपनी शर्ट उतार सकते हैं क्या?

मैंने कहा- हां हां क्यों नहीं भाभी जी मैं तो शर्ट क्या पैंट भी उतार सकता हूँ.
भाभी- तो उतार दो न!

मैंने अपनी टी-शर्ट उतार दी.
मेरी चौड़ी छाती देख कर भाभी के मुँह से सीटी की आवाज आने लगी.

मैंने पूछा- क्या हुआ भाभी … आप तो सीटी बजा कर मुझे छेड़ने लगी हैं.
भाभी हंस दीं और बोलीं- तुम सच में माचोमैन दिख रहे हो.

मैंने अपनी छाती के निप्पल सहलाते हुए कहा- ऐसा क्या ख़ास देख लिया है भाभी जी?
भाभी ने एक मादक अंगड़ाई लेते हुए कहा- मेरी जवानी आपका भोग लगाने को मचलने लगी है.

मैंने भाभी की मादक अदा देखी तो मेरा लंड फनफनाने लगा. मैंने कहा- भाभी जी आपकी जवानी देख कर तो मेरा बाबूलाल गुस्सा होने लगा है.

भाभी ने एक जोर की हंसी निकालते हुए कहा- वाह देवर जी, बाबूलाल को मुझे दिखाओ. मैं उसे चुप करा दूंगी.

मैंने उसी पल अपना लोअर चड्डी समेत नीचे सरका दिया और अपना खड़ा लंड भाभी के सामने लहरा दिया.

भाभी ने ‘ऊ.. मां … ये क्या है!’ कहते हुए अपने गालों पर हाथ रख लिए.
मैंने लंड आगे पीछे किया और कहा- ये आपका बाबूलाल है.

भाभी मेरे लंड को मादक निगाहों से घूरने लगीं और अपने होंठों पर अपनी जुबान फेरने लगीं.

अब हम दोनों ने सेक्स चैट शुरू कर दी.
जल्द ही भाभी भी एकदम नंगी हो गईं और अपनी चुत में उंगली करने लगीं.

आधा घंटे की इस मस्त सेक्सी चैट में मैंने भाभी जी को स्खलित करवा दिया था.
भाभी ने भी मुझे मुठ मारने पर मजबूर कर दिया था.

हम दोनों की एक हफ्ते तक इसी तरह से रोज वीडियो सेक्स चैट चली.

फिर भाभी ने मुझे बताया कि उनके पति को कुछ दिन के लिए बाहर जाने का प्लान बन गया है … आप आ जाओ.
मैंने उन्हें हामी भर दी और उनके घर जाने को तैयार हो गया.

भाभी ने मुझे अपने घर का एड्रेस दिया और मैं उनके घर के लिए चल दिया.

मैं शाम को ट्रेन से उनके शहर के लिए निकल गया और बड़ी सुबह उनके शहर आ गया.
भाभी मेरे आने का इन्तजार कर रही थीं.

ट्रेन आ जाने पर मैंने भाभी को बताया तो भाभी खुद ही अपनी कार से मुझे लेने आ गई थीं.

उनके घर जाते ही भाभी ने मेरा बहुत अच्छा स्वागत किया. चाय और नमकीन समोसा और मिठाई ले आईं.

मेरे पास 7 दिन का समय था, तो मैंने कोई जल्दबाजी नहीं की. सब कुछ बहुत आराम से करने की सोची.

मुझे भाभी ने एक रूम दिखाया और आराम करने को बोला.
मैंने कुछ समय अकेले रह कर आराम किया.

फिर दो घंटे बाद भाभी ने मुझे जगाया और खाना खाने के लिए कहा. तो मैंने भाभी के साथ में ही खाना खाया.

अब हम दोनों साथ में बैठ गए. मैंने भाभी से बात करना शुरू की. उनकी पसंद-नापसंद और सेक्स की फैंटेसी पूछी.

भाभी ने मुस्कुराते हुए कहा- जैसे तुम चाहो … वैसे ही कर सकते हो. बस मुझे मां बना दो.
मैंने सोनिया भाभी से बोला- आज से 7 दिन तक आप मेरी बीवी हो … और 9 महीने बाद हम दोनों मां बाप बन जाएंगे.

मेरी इस आत्मविश्वास से भरी आवाज सुनकर भाभी खुश हो गईं और अगले ही पल वो मेरी बांहों में आ गईं.

मैंने भाभी के होंठ चूसने शुरू कर दिए. दस मिनट तक मैंने भाभी के होंठ चूसे.
इसके बाद मेरे हाथ उनके नर्म नर्म चूचियों पर पहुंच गए. मैंने भाभी के मम्मों को धीरे धीरे दबाना शुरू कर दिया.

कुछ ही देर में सोनिया भाभी भी गर्म होने लगीं. मैंने उसी समय भाभी की चुत में उंगली करनी शुरू कर दी.
इससे सोनिया भाभी एकदम से बौखला गईं और उनकी उत्तेजना अपने शिखर पर आने लगी.

मैंने भाभी के सारे कपड़े उतारते हुए अलग कर दिए.
जल्द ही सोनिया भाभी और मैं दोनों नंगे हो गए थे.

मैंने सोनिया भाभी की टांगें खोलीं और भाभी जी की चुत को चाटना शुरू कर दिया.
भाभी अपनी चुत चाटे जाने से एकदम से पागल हो उठीं. वे अब मेरे लंड को दबाने लगी थीं.

मैंने उनसे लंड चूसने को बोला, तो वो झट से मान गईं.
अब हम दोनों 69 की पोजीशन में आ गए.

भाभी मेरे लंड को बड़े अच्छे से चूस रही थीं. मुझे भाभी के होंठों से अपने लंड को चुसवाने में बड़ा मजा आ रहा था.

कुछ ही देर में भाभी ने मेरा लंड चूस कर खाली कर दिया. वो भी इतनी देर में अब तक दो बार झड़ चुकी थीं.

मेरे लगातार चुत चूसे जाने से भाभी चुदने के लिए मचलने लगी थीं.
मतलब अब भाभी जी की चुत चोदने की बारी आ गई थी. मैंने भाभी को पोजीशन में लिटाया और उनकी चुत में लंड डालने की कोशिश की.
तो देखा भाभी की चुत अभी भी टाइट थी.

मेरे पूछने पर भाभी ने बताया कि मेरे पति मुझे अच्छे से नहीं चोद पाते हैं. वो लंड डालने के बाद तुरंत ही झड़ जाते हैं. न तो मेरी चुत शांत हो पाती है और न ही मैं उनके रस से बच्चे की मां बन पा रही हूँ.

मैंने लंड चुत की फांकों में फंसाया और एक जोर का झटका दे मारा. मेरा लंड भाभी की चुत में फंस गया.
वो चिल्ला उठीं.
मैंने उनको चूमना और सहलाना शुरू कर दिया.

भाभी धीरे धीरे शांत होने लगीं, तो मैंने लंड को चुत में आगे पीछे करना शुरू कर दिया.

मेरा आधा लंड भाभी जी की चुत को मजा देने लगा था. तभी मैंने एक जोरदार झटके के साथ अपना पूरा लंड भाभी की चुत में ठेल दिया.

इससे सोनिया भाभी को फिर से दर्द होने लगा. भाभी दर्द के मारे कराहने लगीं.
मैंने उन्हें फिर से चूमा और सहलाया.

मगर भाभी कहने लगीं कि तुम मेरे दर्द की परवाह मत करो. चुदाई चालू रखो.
मैंने धीरे धीरे भाभी को चोदना शुरू कर दिया.

कुछ देर बाद सोनिया भाभी को मजा आने लगा. अब वो भी गांड उठा उठा कर मेरा साथ देने लगीं.
हम दोनों की ये घमासान चुदाई 20-25 मिनट तक चली.

इसके बाद हमने 3 बार अलग अलग पोजीशन में चुदाई की.

आज सोनिया के मुँह पर चुदाई की ख़ुशी दिख रही थी. उन्होंने मुझे दूध और काजू बादाम खिलाए और हम फिर आराम करने लगे.

इसके बाद 7 दिन तक हम दोनों ने 40-50 बार अच्छे से चुदाई की.
सोनिया भाभी इन साथ दिनों में बहुत खुश हो गई थीं.

फिर जब मेरे वापस जाने का समय हो गया तो मैं घर आ गया.

एक महीने बाद सोनिया का मेल आया कि मैं बाप बनने वाला हूँ.
ये सुनकर मेरी ख़ुशी का ठिकाना नहीं था.
मेरी वजह से सोनिया भाभी को मां बनने की ख़ुशी मिल गई थी.

सोनिया का पति और उसके घरवाले बहुत खुश थे. भगवान का शुक्र है कि मेरी वजह से किसी को इतनी ख़ुशी मिल सकी.
 

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ससुरजी ने मेरी चूत पूरी रात बजाई



मेरा नाम नेहा है और मैं 24 साल की शादी शुदा औरत हूं.

मेरी हाईट 5 फीट है और फिगर 33-28-34 है। मैं प्रयागराज की रहने वाली हूं. मेरी शादी पिछले साल फरवरी में हुई थी.

बीते दिसंबर की एक रात को मुझे तेज प्यास लगी. आप जानते होंगे कि सर्दी में या तो प्यास लगती नहीं और लगती है तो फिर प्यास कितनी जोर से लगती है.

ठंड बहुत ज्यादा थी फिर भी मैं जल्दी से उठी रसोई में जाने लगी. मेरा ध्यान ससुर के कमरे की ओर गया तो मैंने पाया कि उनके रूम की लाइट जल रही थी.
मैंने सोचा कि इतनी रात को ये जाग क्यों रहे हैं, कहीं तबियत तो खराब नहीं हो गयी?

उनको देखने के लिए मैं रूम की ओर जाने लगी तो मैंने पाया कि मेरे ससुर अपने लंड को अपने हाथ में लेकर सहलाये जा रहे थे.
उनका लन्ड करीब 7 इंच का था। इतना बड़ा लंड मैंने कभी किसी मर्द का नहीं देखा था.

मैं आपको उनके बारे में बता दूं कि वो उम्र में 55 साल के करीब हैं. उनकी हाइट 6 फीट है.

मेरी सास की मृत्यु बहुत समय पहले हो गयी थी. शायद इसी वजह से ससुर जी का लंड इतना बेताब लग रहा था.

वो आंखें बंद किये लगातार अपने हाथ को अपने लंड पर चला रहे थे.
ये नजारा देखकर मैं तो सन्न रह गयी.
मगर मेरी नजर भी मेरे ससुर के लंड से हट नहीं रही थी. मेरे पति का लंड उनके लंड से कम था.

उनका लंड देखकर मेरे अंदर भी चुदास सी जागने लगी लेकिन मैं कुछ कर नहीं सकती थी.

फिर मैं रसोई से पानी लेकर अपने कमरे में चली गयी. अब मुझे भी लंड चाहिए था तो मैंने पति को जगाया और उनको गर्म करने की कोशिश करने लगी.

मैंने पति के लंड को ऊपर से ही सहलाया. उनका हाथ मेरी चूत पर रखवाया और सहलवाने लगी.
थोड़ी देर में उनका लंड खड़ा होने लगा. फिर मैंने उनके लंड को चूसा और चुदाई के लिए पूरा तैयार कर दिया.

पति ने मेरी चूत में लंड डाला और चोदने लगे. उनका लंड 6 इंच के करीब था. मैं चुदाई का मजा लेने लगी.

मगर दिमाग में ससुर का लंड अभी भी घूम रहा था. उनका लंड बहुत मोटा था.

पति ने मुझे पांच मिनट तक चोदा और फिर वो झड़ गये. मुझे लंड तो मिल गया लेकिन वो संतुष्टि वाली चुदाई नहीं हुई. फिर भी मैंने पति को ज्यादा नहीं कहा क्योंकि वो नींद में थे और मैं भी अब सोना चाहती थी.

फिर कुछ दिन बाद मेरे पति ने कहा कि वो जॉब करने दिल्ली जाने वाले हैं.
वो कहने लगे कि पहले वो वहां पर जम लेंगे और उसके बाद मुझे भी वहीं बुला लेंगे. मैं ये सोचकर परेशान हो रही थी.

मुझे पति के बिना कैसे चुदाई का मजा मिलने वाला था. 4 जनवरी को मेरे पति दिल्ली चले गये.

उनके जाने के बाद मेरा मन सूना हो गया.
एक दो दिन तो मैंने किसी तरह सब्र किया लेकिन फिर ससुर का लंड मेरे दिमाग में घूमने लगा.

मैं उनका लंड देख चुकी थी और जब से मैंने उनका मोटा लंड देखा था मैं उसको अपनी चूत में लेने का सपना भी देख रही थी.
अब मैं किसी तरह ससुर जी का लंड खड़ा करके उनको खुद चुदाई के लिए तैयार करना चाहती थी.

इसके लिए मैंने बाजार से कुछ नये कपड़े ले लिये. नाइटी, पैंटी और ब्रा के सेट लिये. सेक्सी वाली नाइट ड्रेस ली ताकि अपने बदन को दिखाकर मैं ससुर जी के लौड़े की प्यास को और ज्यादा बढा़ सकूं.

शाम को जब मैं घर आयी तो मैंने जल्दी जल्दी खाना बनाया.

ससुर जी को भूख लगी तो वो बोले- बहू खाना लगा दो.
मैंने उनको बैठने को कहा और बोली- अभी लगा देती हूं.

मैं अपनी साड़ी बदल कर आ गयी और मैंने वो नयी ड्रेस पहनी जो मैं बाजार से लायी थी.

जब मैं खाना लेकर उनके पास पहुंची तो उनकी नजर मेरे बदन पर पड़ी और वहीं पर ठहर गयी.
इससे पहले मेरे ससुर ने मुझे इतने ध्यान से नहीं देखा था.

वो लगातार मुझे देख रहे थे और मैं खुश हो रही थी कि मेरा प्लान काम कर रहा है. वो ये भी कोशिश कर रहे थे कि मुझे उनकी नजर के बारे में पता न चले इसलिए बार बार नीचे नजर कर लेते थे.

ससुर ने खाना खाया और फिर वो सोने के लिए चले गये.

मगर मुझे नींद नहीं आ रही थी. मेरे बदन की गर्मी मुझे चैन से लेटने नहीं दे रही थी.
आज मैंने ससुर की आंखों में मेरे जिस्म के लिए हवस भी देख ली थी लेकिन मैं कुछ नहीं कर पा रही थी.

मैं फिर सोचते सोचते सो गयी.

मगर उस दिन के बाद से मैं किसी न किसी तरह अपने बदन और उसके उभार दिखाकर अपने ससुर को तड़पाने लगी.
वो अब अक्सर मेरी चूचियों और मेरी गांड को ताड़ते रहते थे.

कुछ दिन बीत गये. फिर 9 जनवरी की रात आयी.
उस रात को मैंने लाल रंग की नाइटी पहनी थी जो चूचियों पर से जालीदार थी. उसको देखकर तो मेरे ससुर की आंखें ही फैल गयीं. वो जैसे पागल से हुए जा रहे थे.

उन्होंने खाना भी ठीक से नहीं खाया और थोड़ा सा ही खाकर रूम में चले गये.
मैंने भी जल्दी से काम खत्म किया और सोने के लिए जाने लगी.
मगर मेरा मन बेचैन था.

आज ससुर जी बहुत उतावले थे. मैं एक बार उनकी हालत देखना चाहती थी.

इसलिए मैंने दूध गर्म किया और उनके कमरे की ओर चल दी.
मैंने अंदर देखा तो वो लंड को लगातार हिला रहे थे और बार बार कह रहे थे- चूस साली मेरे लंड को … साली नेहा … चूस इसे.

ऐसे कहते हुए वो अपने लंड की मुठ मार रहे थे.
मैं बहुत उत्तेजित हो गयी उनकी ये हालत देखकर.

उसके बाद मैंने दरवाजा खटखटाया तो वो संभल गये. उन्होंने अपना लंड अंदर पजामे में किया और ढक लिया.

मगर जब मैं अंदर गयी तो तब भी उनके पजामे में वो लंड तना हुआ ऐसे ही उछल रहा था. उनके माथे पर पसीना आ गया था.

मैंने उनके लंड की ओर देखा और हल्की सी मुस्कान दे दी और शर्माते हुए गिलास को उनके बेड के पास रख दिया.

जब मैं जाने लगी तो ससुर जी ने मेरा हाथ पकड़ लिया और बोले- कुछ देर बैठ जा बहू.
मैं बोली- ये आप क्या कर रहे हैं पापा? ये सब ठीक नहीं है.

इस बात पर उनको गुस्सा आ गया और मेरा हाथ अपनी ओर खींचकर मुझे अपने पास बिठाते हुए बोले- साली रण्डी, जब से तेरा पति गया है तभी से तेरा नाटक देख रहा हूं. आज तुझे चोद चोद कर सब तेरी नौटंकी दूर कर दूंगा.

ये कहकर उन्होंने मुझे बेड पर पटक लिया और मेरे ऊपर आ चढ़े.
वो मेरी नाइटी के ऊपर से मेरी चूचियों में मुंह मारने लगे. मेरी गर्दन को चूमने लगे.

पहले तो मैंने दिखावटी विरोध किया लेकिन फिर हार मानने का नाटक करके मैं आराम से लेट गयी.
फिर वो मेरे होंठों को चूमने लगे लेकिन मैंने मुंह नहीं खोला. फिर वो मेरी चूचियों को दबाने लगे तो मेरी आह्ह निकल गयी और मेरे होंठ खुल गये.

इस मौके का फायदा उठाकर वो मेरे होंठों को चूसने लगे और मुझे भी अच्छा लगने लगा.

मैं भी अंदर ही अंदर उनका साथ देने लगी लेकिन मैं ये नहीं दिखाया कि मुझे मजा आ रहा है.
मैं बस न चुदवाने का नाटक सा करती रही.

मेरे ससुर के हाथ मेरी चूचियों पर आ गये थे और वो मेरी नाइटी के ऊपर से मेरी चूचियों को जोर जोर से दबा रहे थे.
मैं अब सिसकारने लगी थी.

वो बोले- हां, साली रंडी, मैं जानता था कि तू ये सब नाटक चुदने के लिए ही कर रही है. मैं आज तेरी चूत को फाड़ दूंगा.
ये बोलकर मेरे ससुर ने मेरी नाइटी फाड़ डाली और मेरी चूचियों को जोर जोर से पीने लगे.

उनके मुंह की पकड़ इतनी तेज थी कि मेरे मुंह से जोर जोर की आहें निकलने लगीं.
मैं अपनी चुदास को कंट्रोल नहीं कर पा रही थी.

इतने में ही ससुर का एक हाथ मेरी चूत को सहलाने लगा. मेरी चूत में हल्का गीलापन आने लगा था. वो मेरी चूत को जोर जोर से रगड़ने लगे.

मेरी चूत में पानी आने लगा और वो चूत में उंगली से कुरेदने लगे.
मैं भी पागल सी हो रही थी अब.

इतने में ही ससुर ने अपने पजामा नीचे करके लंड बाहर निकाला और मेरे मुंह में दे दिया.
उनका लंड मेरे मुंह में फंस गया और वो धक्के देते हुए बोले- चूस साली … यही है तेरा सपना … चूस ले इसे. चूस साली कुतिया।
मेरे मुंह में उनका लंड पूरा फंस गया था और मेरे गले में अटक गया था. मुझसे सांस नहीं ली जा रही थी लेकिन वो मेरे मुंह को चोदे जा रहे थे.

काफी देर तक मेरे मुंह को चोदने के बाद उन्होंने लंड को बाहर निकाला जो मेरी लार में पूरा गीला हो गया था.

फिर उन्होंने मुझे उल्टी तरफ लिटा दिया और मेरी गांड ऊपर आ गयी.
वो मेरी गांड में मुंह देकर चाटने लगे.

मैं डर गयी कि कहीं ये अपने इस मोटे मूसल को मेरी गांड में न धकेल दें. मैं उनका लंड गांड में नहीं ले सकती थी.

वो मेरी गांड को लगातार चाटे जा रहे थे. मुझे मजा भी आ रहा था लेकिन साथ में डर भी बना हुआ था.

इससे पहले मैंने कभी भी अपनी गांड नहीं चुदवाई थी. कई बार मेरे पति मेरी गांड में लंड देने की कोशिश करते थे लेकिन मैं मना कर देती थी.
अभी तक मेरी गांड कुंवारी ही थी.

उसके बाद वो मेरी चूत भी चाटने लगे तब जाकर मेरी सांस में सांस आयी. वो मेरी चूत को चाटते हुए मेरे बूब्स भी दबा रहे थे और मुझे अब बहुत मजा आ रहा था.
दोनों तरफ से मजा मिल रहा था.

कुछ देर तक वो मेरी चूत को काट काटकर खाते रहे.
मैं भी पानी छोड़ती रही और चुदने के लिए मचल उठी.

अब ससुर जी से भी नहीं रुका गया तो उन्होंने अचानक से मेरी चूत पर लंड रखा और एक धक्का दे दिया.
उनके लंड की चोट से मेरी जान निकल गयी.
एक बार में ही मेरी चूत को फाड़ कर रख दिया उनके मोटे लंड ने.

उन्होंने मेरे मुंह पर थप्पड़ मारा और चुप रहने के लिए कहा.
मैं चुप हो गयी.

अब वो मुझे चोदने लगे. मैं तो बेहाल होने लगी.

कुछ देर तक तो लंड नहीं लिया गया लेकिन फिर जब चूत खुलने लगी तो मुझे मजा आने लगा.
अब मैं आराम से चुदवाने लगी.

लेकिन ससुर जी की स्पीड बढ़ रही थी. वो लगातार तेज तेज चोदे जा रहे थे.

बीस मिनट की चुदाई में मैं दो बार झड़ गयी. वो अभी भी मुझे तेजी से चोद रहे थे.

फिर उन्होंने एकदम से मेरी चूत से लंड को बाहर निकाल लिया और मेरे मुंह पर उनके वीर्य की पिचकारी एकदम से आकर लगी.

कई बार उनके लंड से वीर्य की पिचकारी लगी और मेरा पूरा चेहरा सन गया.
मुझे मजा आ गया.
इतनी अच्छी चुदाई मेरी आज तक नहीं हुई थी.

झड़ने के बाद वो मेरे बगल में आकर लेट गये.

हम दोनों फिर 69 में आकर एक दूसरे को चूसने लगे.

कुछ देर की चुसाई के बाद उनका लंड फिर से खड़ा हो गया. अब उन्होंने लंड पर तेल लगा लिया. मेरी चूत और गांड पर दोनों जगह तेल लगा दिया.

उसके बाद मुझे पेट की तरफ सुला दिया और नीचे तकिया लगा दिया.
फिर वो मेरी चूत में लंड डालकर चोदने लगे.

मैं आह्ह आह्ह करते हुए चुदने लगी.

मगर अचानक से उन्होंने मेरे मुंह के ऊपर तकिया लगा दिया.

इससे पहले कि मैं कुछ सोच पाती उनके लंड का टोपा मेरी गांड में जाता हुआ महसूस हुआ.

जब एक जोर का झटका लगा तो मेरी जान निकल गयी.
मैं जोर से चीखी लेकिन मेरी आवाज तकिया के नीचे ही दब गयी.

ससुर का लंड मेरी गांड में घुस गया था और मैं दर्द से छटपटाने लगी.
मगर ससुर ने लंड को बाहर निकालने की बजाय और अंदर धकेल दिया.

वो मेरी गांड में धीरे धीरे लंड को अंदर बाहर करने लगे मगर मैं दर्द में तड़प रही थी.

मैं दर्द से रोने लगी तो वो बोले- साली … तेरी गान्ड कब से मारना चाह रहा था. आज तो फ़ाड़ डालूंगा इसे मैं!

अब मैं बेहोश होने वाली थी कि एक थप्पड़ जोर से मुंह पर उन्होंने मारा और फिर गांड में लंड को धकेलने लगे.
उसके बाद वो मेरी गांड को चोदने लगे.

धीरे धीरे मेरी गांड खुली और मैं चुदवाने लगी.
पांच मिनट की चुदाई के बाद उन्होंने लंड को बाहर निकाल लिया और मेरे मुंह में दे दिया.
मैं फिर से उनका लंड चूसने लगी.

फिर ससुर ने मेरे मुंह में ही अपना माल गिरा दिया. मैंने उस माल को पी लिया.

उनकी चुदाई से मेरी चूत और गांड दोनों ही फट गयी थी. मगर मुझे चुदाई में मजा भी बहुत मिला.
उन्होंने मेरी चूत और गांड पर मलहम लगाया और मेरा दर्द कम करने की कोशिश की.

अगले 2 दिन तक मैं ठीक से चल नहीं पा रही थी.

फिर उसके 20 दिन के बाद मेरा जन्मदिन था. मेरे जन्मदिन पर भी मेरे ससुर ने मुझे चुदाई का तोहफा दिया.
मगर उस दिन उनके साथ उनका एक दोस्त भी था.
उन दोनों ने मिलकर मुझे चोदा.

9 जनवरी की रात जो ससुर और बहू की चुदाई हुई वो मैं कभी नहीं भूल पाती हूं. पहली बार ससुर के लंड से चुदाई और उनका मोटा लंड आज भी जब मैं सोचती हूं तो मेरी चूत गीली हो जाती है.
 

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कुंवारी बहन की बुर कुंवारे भाई ने फाड़ी




इस सेक्स कहानी के पात्र बहन भाई हैं. बहन का नाम शीना है. वो 22 साल की उम्र की दिल्ली की रहने वाली मस्त माल है.
दूसरा पात्र पीयूष है, जो कि शीना का भाई है. वो 25 साल का है.

शीना की फिगर 36-30-38 का है, जो कि नॉर्मल से ज्यादा है बहुत ही सेक्सी दिखने वाली लौंडिया है.
उसकी आंखें तो ऐसी हैं कि एक बार नजरें मिला कर बात कर ले, तो कोई भी मर्द उसका दीवाना हो जाए.
उसकी उभरी हुई गांड देखकर किसी बूढ़े व्यक्ति का भी लंड खड़ा हो जाए.

इन दोनों के पापा का अपना बिजनेस होने के कारण पैसे की कोई कमी नहीं है. दिल्ली में बहुत बड़ा बांग्ला है, पूरा परिवार ऐश की ज़िंदगी जी रहा है.

शीना बैंगलोर में आइआइटी की पढ़ाई कर रही है और पीयूष भी बैंगलोर में ही रह कर किसी बड़ी कंपनी में बिजनेस की इंटर्नशिप कर रहा है.

दोनों भाई बहन में बहुत प्यार है, दोनों ही खुले विचारों वाले हैं. इन्होंने बैंगलोर में एक फ्लैट ले रखा है.
क्योंकि हॉस्टल में रोका-टोकी बहुत होने के कारण इतनी आज़ादी नहीं है इसलिए फ्लैट लेना ज्यादा बेहतर लगा.

अपने इस फ्लैट में शीना बहुत ही सेक्सी कपड़ों में रहती है. वो ज्यादातर शॉर्ट्स और स्कर्ट में ही होती है, जिसमें जरा सी झुकने पर उसकी पैंटी भी साफ दिखाई देती है.
लेकिन पीयूष ने कभी शीना को सेक्स की नजरों से नहीं देखा था.

एक दिन शीना किसी पान की दुकान से सिगरेट खरीद रही थी तो पीयूष भी वहीं आ गया.
शीना अपने भाई को मिली और जाने लगी.

जाते टाइम पान वाला आदमी शीना की हिलती हुई गांड देख कर ललचा रहा था.
जिस पर पीयूष को थोड़ा गुस्सा भी आया.
लेकिन वो ऐसे ही उससे उलझना नहीं चाहता था.

पीयूष ने पान वाले को बोला- क्या देख रहे हो भाई?
तो पान वाला बोला- भैया आपकी गर्लफ्रेंडवा बहुतेई सेक्सी है. सच में अगर मेरी ऐसी होती, तो मैं तो पूरी रात नंगी करके पेलता, साली को कपड़े भी न पहनने देता.

यह बात सुन कर पीयूष के शरीर में झनझनाहट पैदा हो गई लेकिन अगले ही पल उसने सोचा कि यह तो मेरी सगी बहन है इसके लिए मुझे ऐसा नहीं सोचना चाहिए.
वो वहां से चल पड़ा.

अब पीयूष की रात की नींद उड़ गई थी. उसको बार बार शीना की गांड और बूब्स याद आ रहे थे.
तब भी उसने कोई भी ऐसा काम करने का नहीं सोचा, जिससे उसकी बहन उसके नीचे आ जाए.

एक दिन पीयूष ऐसे ही फ्री बैठा शीना के लैपटॉप में काम कर रहा था.

उस दिन इंटरनेट कुछ स्लो चल रहा था. वो हिस्टरी चैक करने लगा, तो हक्का बक्का रह गया.

शीना ज्यादातर बार antarvasna sex stories ही पढ़ती थी. उसमें भी वो ज्यादातर सेक्स कहानी भाई बहन की चुदाई की कहानी पढ़ना पसंद करती थी.
यह देखकर पीयूष शॉक हो गया.

अब उसे लगा कि उसकी बहन भी सेक्स के प्रति बहुत गर्म है. क्यों ना मैं भी एक बार कोशिश कर ही लेता हूँ.

अपनी इस वासना को और अधिक मजबूत करने के लिए उसने भी Xforum पर भाई बहन की चुदाई की कहानी पढ़ना शुरु कर दीं.
इससे उसके लंड में तनाव आ गया और उसने अपनी बहन शीना की चूचियों और गांड को याद करके मुठ मार ली.

अब पीयूष बार बार शीना से टकरा जाता और शीना की गांड और चूचों को दबा देता.
वो शीना के साथ और भी बहुत कुछ करने की कोशिश करता लेकिन वो अभी उससे सीधा सेक्स के लिए बोलने की हिम्मत नहीं कर पा रहा था.

शाम को शीना को कुछ शॉपिंग करनी थी, तो उसने पीयूष को भी साथ ले लिया. वहां पर शीना को ब्रा पैंटी लेनी थी.

उसने अपने भैया से पूछा कि कौन सी लूँ?
तो पीयूष बोला- ये सब बकवास देख रही हो, तुम थोंग वाली पैंटी ले लो.

यह सुनकर शीना हैरान रह गई कि यह क्या हो गया भाई को.
वो हैरानी से अपने भाई को देखने लगी.

इस तरह से अपनी तरफ देख कर पीयूष ने हंस कर कहा- तूने पूछा तो मैंने बता दिया. ले लो ना, पहनने में भी मजा आएगा.

शीना ने भी मुस्कुरा कर एक थोंग पैंटी उठाई और पूछा- अच्छा ठीक है, कलर बताओ कौन सी ले लूं?
पीयूष ने उंगली रखते हुए एक लाल रंग कि पैंटी लेने के लिए कह दिया.

शीना ने लाल और काली दो कलर की थोंग पैंटी ले लीं.

फिर घर आकर जब शीना ने वो पैंटी पहनी, तो उसको अपनी गांड में अजीब सा लगा. वो चेंज करने जा ही रही थी.
तभी पीयूष ने कमरे में आकर उसे देखा और बोला- मस्त लग रही है.

शीना बोली- मुझे कुछ अजीब सा लग रहा है.
पीयूष- कोई बात नहीं, यही पहन कर रखो, धीरे धीरे तुमको मजा आने लगेगा.
शीना भी मुस्करा दी.

अगले दिन पीयूष ने शीना की पैंटी पर खुजली की दवाई लगा दी, जिससे शीना की बुर में बार बार खुजली हो रही थी. उसका हाथ बार बार चुत पर जा रहा था.

उसे चुत खुजाते देखकर पीयूष बोला- क्या हुआ शीना … उधर खुजा क्यों रही हो?
शीना चुत खुजलाते हुए बोली- भैया लगता है मेरी सुसु में एलर्जी हो गई है.

पीयूष बोला- दिखाओ जरा!
शीना बोली- नो भैया, वो दिखाने वाली जगह नहीं है.

पीयूष बोला- कोई बात नहीं तुम मेरी बहन हो, मुझे दिखा सकती हो.
इस पर शीना ने एक कातिलाना मुस्कराहट दे दी और बोली- नहीं भैया, ऐसा कुछ नहीं है. मगर पता नहीं क्यों … खुजली बहुत ज्यादा हो रही है.

अब पीयूष ने अपने प्लान के मुताबिक उसको एक लोशन दे दिया और लगाने के लिए कह दी. खाने के लिए एक कामवर्धक गोली दे दी यह कह कर कि इससे एलर्जी ठीक हो जाएगी.
शीना को क्या पता था कि वो एलर्जी की नहीं सेक्स की गोली खा रही है.

शीना दवा खाकर सोने के लिए बेड पर लेट गई.

कुछ 15-20 मिनट में गोली ने असर दिखाना शुरू कर दिया. शीना की चुत में एलर्जी की खुजली तो ठीक हो गई थी, लेकिन लंड लेने के लिए खुजली शुरू हो गई थी.

अब उसको नींद भी नहीं आ रही थी.
वो भाई को कुछ बता भी नहीं सकती थी कि क्या हो रहा है.

तभी पीयूष बोला- क्या हुआ ठीक तो हो?
तो शीना बोली- पता नहीं भाई, बड़ी बेचैनी सी हो रही है.

अपने प्लान के मुताबिक पीयूष ने शीना को पीछे से हग कर लिया और ये कहते हुए लेट गया- मेरे साथ लेट जाओ, सब बेचैनी दूर हो जाएगी.

उसने पानी बहन को से तरह पहले भी हज़ारों हग बार किया था, इसलिए ये बात उन दोनों के लिए एक सामान्य सी बात थी.

लेकिन आज गोली के असर के कारण जैसे ही पीयूष ने शीना को अपनी बांहों में लिया तो उसके तन बदन में एक अलग ही चिंगारी पैदा हो गई.

फिर आज पीयूष का लंड भी कुछ अकड़ा हुआ था.
थोड़ी देर में पीयूष का 8 इंच का लौड़ा शीना की गांड में गड़ने लगा था, जिससे शीना की सांसें तेज़ हो रही थीं.

पीयूष ने अपना एक हाथ शीना के कंधे पर रख दिया था और वो उसे सहला रहा था.
धीरे धीरे पीयूष ने अपना हाथ नीचे को लाना शुरू किया और उसके मम्मों के क्लीवेज में टच करने लगा.

शीना की सांस और तेज़ होने लगीं.

तभी अचानक शीना बोली- भैया लगता है बिस्तर में चूहा आ गया, मुझे वो मेरे पीछे चुभ रहा है.
पीयूष बोला- अरे नहीं वो चूहा नहीं है, तुम्हारा वहम है, ऐसा कुछ भी नहीं है.

थोड़ी देर बाद शीना अपना एक हाथ पीछे करके पीयूष के लौड़े को, जिसको वो चूहा समझ रही थी … हटाने लगी, तो उसका हाथ सीधा अपने भाई के लौड़े से टकरा गया.

वो हैरान हो गई और शर्मा गई. वो धीरे से बोली- भैया यह चूहा नहीं है, यह तो आपका वो है.
पीयूष बोला- मेरा क्या है?

वो बोली- मुझे नहीं बताना कि आप कितने बेशर्म हो.
पीयूष बोला- मैं क्या बेशर्म हूँ … बताओ न, किसकी बात कर रही हो?

शीना बोली- मुझे शर्म आ रही है.
पीयूष उसके मम्मे पर हाथ फेर कर बोला- अरे शर्माओ नहीं बताओ प्लीज.

शीना बोली- अरे वही है यार … जो आपका पर्सनल बॉडी पार्ट है.

लेकिन पीयूष कहां मानने वाला था, ऊपर से वायग्रा का असर भी अब उसकी बहन पर चरम पर था.

शीना धीरे से बोली- आपका लौड़ा कितना बड़ा है.
उसने ये कह कर अपने हाथों से अपनी आंखें बंद कर लीं.

पीयूष उसे अपनी बांहों में भरता हुआ बोला- मुझे सुनाई नहीं दिया, थोड़ा ऊंचा बोलो.
तभी शीना बोली- आपका लौड़ा.

पीयूष बोला- और ऊंचा बोलो.

तो शीना ने पूरा जोर लगाकर तीन बार बोला- आपका लौड़ा … आपका लौड़ा … आपका लौड़ा बहुत बड़ा है.
ये कह कर वो शर्माने लगी.

पीयूष बोला- हां यह हुई न बात.

अब पीयूष का हाथ शीना के मम्मों को जोर से दबाने लगे थे और शीना न चाहते हुए भी उसको मना नहीं कर पा रही थी.

पीयूष बोला- मेरे लौड़े को हाथ में लेकर कैसा लगा?
शीना बोली- बहुत अच्छा.
पीयूष बोला- तुमने तो मेरा लौड़ा हाथ में ले ही लिया है. अब तुम भी मुझे अपनी चुत को हाथ लगाने दो.

थोड़ी नानुकर करते करते शीना ने हां कर दी. तभी पीयूष ने बैठ कर अपनी बहन शीना की स्कर्ट के नीचे से उसकी पैंटी उतार दी और उसकी स्कर्ट उठा दी.

शीना नीचे से नंगी हो गई थी.
उसकी सफाचट चुत देख कर पीयूष एक पल के लिए भी न रुक सका. उसने सीधे ही अपनी बहन की बुर पर अपनी जीभ रख दी और जोर जोर से चाटने लगा.

शीना को इस हमले की उम्मीद न थी, वो मचल उठी. शीना मस्ताते हुए बोली- आह भैया यह क्या कर रहे हो … आह हटो न … वो गंदी जगह है आप अपना मुँह वहां से हटाओ.

लेकिन पीयूष कहां रुकने वाला था. ऐसी अनछुई बुर को वो किसी भी कीमत पर नहीं छोड़ने वाला था.
धीरे धीरे शीना का विरोध भी खत्म हो गया और वो अब जोर जोर से मादक सिसकारियां ले रही थी जो पूरे कमरे में गूंज रही थीं.

पीयूष ने अपनी पूरी जीभ वर्जिन बहन की बुर में डाल दी.
कुछ ही देर में शीना कि चुत का माल निकाल गया और वो भी बहुत ज्यादा निकला था.
पीयूष अपनी बहन की चुत का पूरा रस पी गया.

अब शीना भी बहुत ही तरोताज़ा महसूस कर रही थी.

पीयूष ने पूछा- मजा आया?
तो वो बोली- बहुत ज्यादा … बता नहीं सकती कि कितना मजा आया.

पीयूष बोला- तो अब मेरा भी मुँह में लेकर चूस दो.
शीना बोली- छी: … गंदा काम मैं नहीं करूंगी.

पीयूष बोला- अपना काम निलवा कर अब मना कर रही हो.
वो हंसने लगी.

तभी पीयूष ने अपना मुँह शीना के बूब्स पर रख कर उसके निप्पल चूसने लगा.

बहन पर गोली का असर तो अभी भी था. कुछ ही सेकंड में शीना फिर से गर्म हो गई. अब पीयूष ने धीरे से अपना लौड़ा निकाल कर उसके मुँह पर रख दिया तथा उसके होंठों पर झटके देने लगा, जिससे शीना और ज्यादा गर्म हो रही थी.

दोनों ही भाई बहन का रिश्ता भूल चुके थे.

लंड देख कर बहन भाई से बोली- भाई, आपका इतना बड़ा लंड मेरे मुँह में नहीं आएगा.

वो अपनी जीभ निकाल कर अपने भाई के लौड़े के टोपे पर चलाने लगी जिससे भाई का लौड़ा और ज्यादा टाइट हो गया.

शीना अपने भाई का लौड़ा थोड़ा थोड़ा करके अपने मुँह में लेने लगी थी.
पीयूष अपनी बहन के मुँह को बड़ी मस्ती में चोद रहा था और उसके मम्मों को दबा रहा था.

कुछ ही देर में मस्ती छा गई और अब शीना अपने भाई का लौड़ा ऐसे चूस रही थी जैसे वो कोई लॉलीपॉप चूस रही हो.

फिर पीयूष ने अपना लौड़ा शीना के मुँह से निकाल लिया और अब वो अपनी बहा की चुत की फांकों पर घिसने लगा.
बहन ने अपनी कुंवारी बुर का मुँह खोल दिया.
भाई अपनी बहन की चुत पर लंड टिका कर और ज्यादा रगड़ने लगा.

अचानक शीना को कुछ याद आ गया और वो बोली- नहीं भैया, यह सब नहीं … आपका लौड़ा बहुत बड़ा है और मेरी चुत अभी तक कुंवारी है. प्लीज़ नहीं … बहुत दर्द होगा.

पीयूष मदहोशी में था; वो बोला- कभी ना कभी तो लंड को अपनी बुर में लेना ही पड़ेगा … क्यों ना आज तुम अपने भाई का लंड ही ले लो. मैं भी अभी कुंवारा ही हूँ. हम दोनों की सील एक साथ टूटेगी … मजा आएगा.

शीना मन होते हुए भी मना करती रही.
मगर पीयूष ने अपना लौड़ा वर्जिन बहन की बुर की दरार में फंसा कर एक झटका दे मारा.

भाई का लंड चुत में घुसा तो बहन की चीख निकल गई- आह मर गई भैया … आह प्लीज छोड़ दो … मैं मर गई मम्मी रे … हाय मेरी चुत फाड़ दी … मेरी चुत फट गई.

लेकिन अब कहां कुछ होने वाला था.
पीयूष रुक गया और अपनी बहन के मम्मों को चूसने लगा. वो उसके होंठों को चूसने लगा.

धीरे धीरे बहन का दर्द कम हुआ, तो अचानक से भाई ने दूसरा झटका और दे मारा. इस बार भाई का आधा लौड़ा बहन की बुर में चला गया था.

शीना दर्द से छटपटाने लगी.

पीयूष रुका नहीं, उसने एक और झटका दे दिया और उसका पूरा लंड उसकी बहन की बुर के अन्दर चला गया.

शीना की जान निकल गयी वो लगभग बेहोश सी हो गई.
ये देखकर पीयूष थोड़े समय के लिए रुक गया.

एक दो पल बाद शीना के जिस्म में हरकत होने लगी और अब धीरे धीरे उसकी चीखें मादक सिसकारियों में बदल गईं.

अब वो खुद अपनी गांड उठा उठा कर अपने भाई के लंड से चुद रही थी.

पूरे कमरे में एसी की ठण्डक के बावजूद दोनों पसीने से लथपथ थे.
पीयूष जोरों से शीना की चुत को चोद रहा था.
शीना इस बीच दो बार झड़ गयी थी.

अब पीयूष के लंड का भी माल निकलने वाला था. उसने अपने धक्के तेज कर दिए और शीना की बुर में अपना वीर्य भर दिया.

लंड खाली करने के बाद पीयूष अपनी बहन के ऊपर ही लेट गया.
आधे घंटे तक दोनों को दीन दुनिया का कोई होश ही न रहा.
भाई का लंड बहन की चुत में ही घुसा रहा.

होश में आने के बाद शीना ने बोला- भैया मेरी जांघें दुख रही हैं … प्लीज़ अब अपना लंड बाहर निकाल लो.

जैसे ही पीयूष ने अपनी सगी बहन की बुर से लंड बाहर खींचा, तो पटाके चलने जैसी आवाज आयी. इस आवाज से दोनों हंस पड़े.

जब शीना ने अपनी बुर की तरफ देखा तो उसमें से भाई का वीर्य और खून की धारा बह कर सूख चुकी थी.
पूरी चादर खून से लथपथ हो चुकी थी और उसकी टांगें हिल ही नहीं रही थीं.

पीयूष ने अपनी बहन को अपनी गोद में उठा लिया और उसे बाथरूम में लेकर आ गया.
गीजर चालू करके गर्म पानी से पीयूष ने बहन की बुर को साफ किया.

बहन बड़े प्यार से अपने भाई के हाथों से अपनी चुत साफ़ करवाती हुई देखती रही.

बाद में दोनों बिस्तर पर आकर नंगे ही चिपक कर सो गए.

चुदाई के तीन दिन तक शीना लंगड़ा कर चलती रही थी. ठीक होने के बाद चुदाई का सिलसिला चालू हो गया.

अब तो वो दोनों अपने फ्लैट में नंगी हालत में ही रहते. जब उन दोनों का दिल करता, चुदाई का मजा ले लेते.
 

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छोटी मामी की मदमस्त चुदाई



दोस्तो, आपको मेरा प्यार भरा नमस्कार। मेरा नाम ओरिंदम है और मैं पश्चिम बंगाल से हूं। मैं एक मध्यवित्त परिवार से हूं। अभी मेरी उम्र 23 की है।
मैं जिम में अक्सर जाता रहता हूं ताकि मेरी बॉडी अच्छे से मेंटेन रहे।

आपका ज्यादा समय न लेते हुए मैं कहानी शुरू करना चाहूंगा. मगर उससे पहले आपसे निवेदन करता हूं कि फॅमिली इन्सेस्ट सेक्स कहानी लिखते समय यदि मुझसे कुछ गलती हो जाये तो मुझे माफ कर देना.

ये मेरी पहली कहानी है और चूंकि मैं पश्चिम बंगाल राज्य का रहने वाला हूं तो शुरू से ही हिंदी भाषा में मेरा हाथ थोड़ा सा तंग है. इसलिए आप गलतियों को नजरअंदाज कर देना.

दोस्तो, मेरी मां के तीन भाई हैं यानि कि मेरे तीन मामा हैं. दो मामा तो साथ ही रहते हैं और अपना कारोबार करते हैं जबकि तीसरे मामा बैंक में मैनेजर हैं. वो अपने परिवार के साथ बाहर रहते हैं.

मेरे दूसरे मामा यानि कि सबसे बड़े मामा से दूसरे नम्बर के मामा अक्सर हमारे घर आते जाते रहते थे.
उनकी पत्नी यानि कि मेरी मामी दीपाली (बदला हुआ नाम) बहुत ही कामुक बदन वाली औरत है.
मैं दावे के साथ कह सकता हूं कि मामी को कोई देख ले तो मुठ मारे बिना न रह पाये.

उनकी एक बेटी भी है जो कि 6 साल की है. मगर मामी को देखकर बिल्कुल भी अंदाजा नहीं लगाया जा सकता था कि वो एक 6 साल की बेटी की मां भी है.
मामी ने अपनी जवानी को बहुत संभाल कर रखा हुआ था.

अब मैं आपको उनका शारीरिक परिचय दे देता हूं. उनकी उम्र 32 की है और फिगर 36-30-40 का है. रंग बिल्कुल दूध जैसा सफेद जिसे कोई भी देखे तो लट्टू हो जाये.
उनके बदन का जितना भी हिस्सा बाहर दिखता था वो ऐसे लगता था जैसे कि मलाई हो.

मैं कई बार मामी के नाम की मुठ मारा करता था. जब भी वो हमारे घर पर आते थे तो मैं उनको सोचकर मुठ जरूर मारता था.
धीरे धीरे मेरे मन में मामी को चोदने की इच्छा बढ़ती ही जा रही थी.

ये बात पिछले दिसंबर की ही है। मेरे छोटे भाई का व्रत अनुष्ठान था जिसके लिए मेरे दोनों मामा भी आये हुए थे. उनको फिर रायपुर जाना पड़ा तो वो दोनों चले गये. बड़ी मामी और छोटी मामी घर पर ही थे.

मेरी बड़ी मामी ने मेरी दीदी और मम्मी को उनके कमरे में बुला लिया। उस कमरे में मेरी बड़ी मामी, मम्मी, दीदी और मामी की बेटी सो रहे थे।
अब बचे मैं और मेरे भैया तो मेरे दादा ने हम दोनों को उनके पास सोने के लिए बुलाया.

हम दोनों ने हामी भर दी। तभी मेरी दूसरी मामी आयी और बोली कि तुम दोनों में से कोई एक हमारे कमरे में चले आओ, जगह तो खाली है ही और आराम से सो भी सकोगे। इसी बात पर मेरे भैया ने मुझे कमरे में सोने के लिए भेज दिया।

मैंने भी हामी भरी और मन ही मन खुश हो गया।
मैं तो यही चाहता था कि मामी के साथ किसी न किसी तरह टाइम बिताने का मौका मिले और मैं उनके बदन को देखकर मुठ मारूं.

छोटी मामी के साथ मैं उनके यहां जाकर सो गया. रूम में डबलबेड था जिसके बीच में उनकी बेटी सोयी हुई थी. उसके दूसरी तरफ मामी जाकर लेट गयी और इस किनारे पर मैं लेट गया.

अब मैं एक तरफ था, उनकी बेटी बीच में और मामी बेड के दूसरी तरफ थी.
मैं लेटा हुआ था लेकिन मेरा ध्यान मामी की ओर लगा हुआ था. पहली बार मामी के साथ सोने का मौका मिला था.

मेरी कामवासना धीरे धीरे बढ़ती ही जा रहा थी. लंड मामी की चूचियों को और गांड को सोचकर ही पहले से ही तना हुआ था. मैं धीरे धीरे चादर के अंदर अपने लंड को सहला रहा था.

फिर मेरा लंड बहुत ज्यादा टाइट हो गया और मैंने धीरे धीरे मुठ मारने का सोचा. मैंने अपनी टांगों को थोड़ा ऊपर कर लिया ताकि टांगों के बीच में मेरा हाथ लंड पर चलते हुए मामी को दिखाई न दे.

मैं धीरे धीरे मुठ मारने लगा.
मैंने देखा कि मामी अभी सोई नहीं थी. इसलिए मैंने सोचा कि बाथरूम में जाकर ही मुठ मार लेता हूं.
मैं उठा और फिर बाथरूम में चला गया.

जब मैं मुठ मारकर वापस आया तो देखा कि मामी अपनी साड़ी उतार रही थी.
मामी घर में अक्सर कुर्ता और पजामा ही पहनती थी लेकिन घर में मेहमानों की वजह से उन्होंने साड़ी पहनी थी।
उसी कारण से मामी अच्छे से सो नहीं पा रही थी.

मुझे देखकर उसने मुंह फेर लिया और बोली- तुम सो जाओ. मैं कपड़े बदल रही हूं.
मैं फिर चुपचाप आकर लेट गया.

फिर मैंने धीरे से चादर में से झांक कर देखा कि मामी अपनी साड़ी खोलने लगी.

बीच बीच में वो मेरी तरफ भी देख लेती थी तो मैं चादर को नीचे कर देता था. मैंने देखा कि मामी ने अपनी साड़ी, ब्लाउज और पेटीकोट उतार दिया. उसने काले रंग की पैंटी और ब्रा का सेट पहना हुआ था.

मामी की गांड में वो पैंटी पूरी फंसी हुई थी और उनकी भारी गांड में दरार के अंदर वो जैसे कहीं गायब हो गयी थी.
मैं तो उनकी गांड को देखता रह गया.

उसने साड़ी एक तरफ रखी और दरवाजा अंदर से बंद कर दिया. फिर वो चुपचाप आकर ब्रा पैंटी में ही लेट गयी.

मैं तो सोचकर ही पागल हुआ जा रहा था कि आज रात को मामी की चूचियों और चूत के खूब दर्शन करूंगा. मैं मामी के सोने का इंतजार करने लगा.

मैंने लगभग दो घंटे तक उनके सोने का इंतजार किया.
जब मुझे लगा कि मामी गहरी नींद में है तो मैंने उनके पास जाने का सोचा.
मैं धीरे से उठकर मामी के पास चला गया.

मामी आंखें बंद करके लेटी हुई थी और शायद नींद में ही थी. उनकी चूचियों पर काले रंग की जालीदार ब्रा थी. उसमें उनकी चूचियां बहुत ही ज्यादा गोरी और रसीली लग रही थीं.

उनकी जांघों में उनकी चूत पर जो पैंटी थी वो तो और भी ज्यादा कहर ढहा रही थी. मामी की चिकनी जांघों पर वो पैंटी बहुत ही सेक्सी लग रही थी.
ऐसी पैंटी में कई बार पोर्न फिल्मों की हिरोइनों को मैंने देखा था।

पास जाकर मैंने धीरे धीरे अपना हाथ आगे बढ़ाया और उनकी चूचियों को छूने की कोशिश की. मैंने धीरे से मामी की चूचियों को छुआ तो मेरे बदन में करंट दौड़ गया.
ब्रा में कैद मामी की चूची एकदम से कसी हुई मालूम हो रही थीं.

उनकी पैंटी में उनकी चूत के दो होंठ भी साफ मालूम पड़ रहे थे. इतना कामुक नजारा मैंने इससे पहले कभी नहीं देखा था.
झट से मेरे लंड में सौ फीसदी तनाव आ गया और वो एकदम से फड़फड़ाने लगा।

धीरे धीरे मैंने उनके बदन पर हाथ फिराना चालू किया. कमर से होते हुए मैं उनकी चूचियों पर ऊपर से ही हाथ फिरा रहा था।
मामी ने बहुत ही मस्त और एक हार्ड मैटीरियल की ब्रा पहनी हुई थी. उनका गदराया हुआ बदन और भी मदहोश कर रहा था।

फिर मैंने धीरे धीरे उनकी बाईं चूची को हल्का हल्का दबाना शुरू कर दिया.
ऐसा करने से मजा तो आ रहा था लेकिन डर भी लग रहा था।

अब हवस मेरे ऊपर हावी हो चुकी थी. मैं आगे बढ़ रहा था और मुझे अहसास नहीं था कि मेरे हाथों का जोर कितना उनकी चूची पर पड़ रहा है.

मैं बस उनके चूचों को मसल देना चाह रहा था. इसी के चलते मैंने थोड़ा जोश में आकर उनके मांसल स्तन को कुछ ज्यादा ही दबा दिया जिसके कारण शायद वो जाग गई.
वो कसमसायी और मैं एकदम से पीछे हट गया.

फिर मामी ने मेरी तरफ पीठ की और फिर से सो गई. मैं फिर से उनकी चूचियों को छेड़ने लगा.
अब मेरे हाथ फिर से उनकी चूचियों को जोर जोर से दबाने लगे. मुझे लगा कि शायद मामी पूरी नींद में नहीं है.

कुछ देर तक जब मैं दबाता ही रहा तो तब भी वो नहीं जागी. मगर मामी की कसमसाहटें अब बाहर आने लगी थीं. शायद वो चूची दबवाने का मजा ले रही थी.
उनकी आहों को सुनकर मेरी हिम्मत बढ़ने लगी थी क्योंकि मामी गर्म हो रही थी और मैं यही चाहता था.

धीरे धीरे उनकी चूचियों को मेरे हाथ मसलते रहे और देखते ही देखते मामी की सिसकारियां निकलने लगीं.

मेरी वासना की आग भी पहले से ही भड़की हुई थी. मामी के मखमली बदन पर चलते हुए मेरे हाथ उनके मस्त बदन का माप लेने लगे.
कभी मेरे हाथ उनकी गांड पर सहला रहे थे तो कभी उनकी चूत पर सहला रहे थे.

उसके दो मिनट बाद वो मेरी तरफ मुंह करके लेट गयी.
मामी ने अपनी आंखें खोल दीं. उनकी आंखों में एक प्यास थी.
ये देखकर मेरे अंदर का बचा हुआ डर भी चला गया.

अब मैं मामी को चोद देना चाह रहा था. वो मेरी तरफ देख कर मुस्करा रही थी.
मेरे मन में लड्डू फूट रहे थे. मैं भी मुस्कराया और मामी ने अपने हाथ बढ़ाकर मुझे अपने ऊपर खींच लिया.

मैंने भी मामी के मखमली होंठों पर अपने होंठों को रखा और उनका रस पीने लगा.

मगर अभी भी मेरे मन में एक सवाल बार बार आ रहा था कि मामी मेरे साथ ये सब करने के लिए राजी कैसे हो गयी.
खैर, मैंने इस बात पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया क्योंकि अभी तो मुझे आम खाने से मतलब था, गुठलियां गिनने से नहीं.

मैंने मामी के होंठों का रस पीना जारी रखा और वो भी मेरा साथ देती रही.
उसका हाथ मेरी लोअर पर आ चुका था और वो मेरे लंड को बार बार दबा रही थी.
मुझे मामी की चुदाई का अब खुला आमंत्रण मिल रहा था.

अब मेरे होंठ उनके बदन के हर हिस्से को चूम रहे थे. कभी होंठों पर तो कभी गालों पर, कभी उनकी चूचियों पर तो कभी गर्दन पर।
वो भी अपने हाथों से मेरी पीठ को सहला कर मेरा हौसला बढ़ा रही थी.

पास में उनकी 6 साल की बेटी सो रही थी.
मामी ने उसकी तरफ देखा कि कहीं वो नींद से न जाग जाये.

फिर मामी ने मेरे कान में धीरे से कहा- पहले अपने कपड़े उतार लो।

मैं बाथरूम में गया और जल्दी से अपने कपड़े वहां पर टांग कर आ गया. मैं केवल अंडरवियर में था.
जब तक मैं वापस आया तो मामी मेरी साइड में आ गयी थी.

अब हमने उनकी बेटी को एक तरफ कर दिया था. मामी बीच में आ गयी थी और अपनी बेटी की तरफ गांड करके लेट गयी थी.
बेड के अंतिम छोर पर मैं था. हम दोनों फिर से एक साथ लेटकर एक दूसरे के होंठों को किस करने लगे.

मामी पैंटी में थी और मैं अंडरवियर में था. मेरा लंड मामी की पैंटी पर बार बार रगड़ रहा था. मामी भी अपनी चूत को बार बार मेरे अंडरवियर पर सटा रही थी।

लगभग दस मिनट तक हम दोनों चूमा चाटी करते रहे. फिर मैं मामी के ऊपर चढ़ गया और उनको मदहोश करने में लग गया।
मामी होले होले सिसकारियां भरे जा रही थी- अह्ह … हूंह … हम्म … आह!

मैंने उनकी बेटी की तरफ ध्यान दिया और एक बड़ा कम्बल लेकर आया और अपने और मामी के ऊपर ढक दिया ताकि अगर उनकी बेटी उठ जाए तो उसको कुछ पता न चल सके।

अब मैं फिर से लगातार मामी को बेतहाशा चूमे जा रहा था. मैंने अपना हाथ उनकी पीठ पर लिया और उनकी ब्रा का हुक खोल दिया और उनके मम्में मेरे सामने खुल गए.

उन कबूतरों को मैं देख कर पागल सा हो गया. दूध से सफ़ेद मम्में थे. मैं उन भूरे निप्पलों को पकड़ कर उनसे खेलने लगा।

मामी मदहोशी में वासना भरी आवाजें किये जा रही थी।
मैं उनकी आवाज से और उत्तेजित होता जा रहा था।

मैंने दोनों चूचों को अपने हाथों में भरा और एक साथ दबाने लगा. मामी के चेहरे पर हल्के दर्द भरे भाव आने लगे.
मुझे ये देखकर और मजा आने लगा और मैं अधिक जोर से उसकी चूचियों को भींचने लगा.

कुछ ही देर में मैंने चूस चूस कर मामी की चूचियों को लाल कर दिया.
उसकी चूचियां एकदम से तनकर टाइट हो गयी थीं. ऐसा लग रहा था जैसे पहाड़ की दो चोटियां साथ खड़ी खड़ी हैं.

मैं मामी के बदन का रसपान करते करते उनके पेट से होते हुए उनकी नाभि तक पहुंच गया. मैं नाभि में जीभ फिराने लगा.
वो थोड़ी मचलने लगी. मेरे बालों में हाथ फिराने लगी. वो पूरी गर्म हो चुकी थी।
मेरा जोश भी बहुत ज्यादा बढ़ता जा रहा था।

मैं किस करता हुआ नीचे जा रहा था.
नीचे उनकी चूत पर उनकी जालीदार पैंटी थी. पैंटी भी काले रंग की ही थी।

मैं उस पैंटी के ऊपर से ही उनकी चूत पर जीभ फिराने लगा.
उनकी चूत से बहुत ही मनमोहक खुशबू आ रही थी।

धीरे से मैंने मामी की कमर को ऊपर किया और उनकी पैंटी नीचे सरका दी.
मेरे सामने उनकी गोरी चिकनी चूत आ गई।
मामी की गोरी चिकनी चूत को देखकर मेरे होश खोने लगे. इतनी सेक्सी चूत थी उनकी. मैं तो यकीन ही नहीं कर पा रहा था.

मैंने जी भरकर मामी की चूत के दर्शन किये. उसके होंठों को खींच कर और बार बार खोलकर देखा. चूत बहुत ही रसीली थी. फिर मुझसे रुका न गया और मैंने जीभ निकाल कर मामी की चूत को चाटना शुरू कर दिया.

मामी जोर जोर से सिसकारने लगी. मैं तो जैसे स्वर्ग की सैर पर निकल गया था.
मैं मामी की चूत के ऊपर मस्ती में जीभ फिराने लगा.
वो भी मदहोश होने लगी; मेरे मुंह को चूत में दबाने लगी.

मेरी जीभ मामी की चूत के अंदर तक जाकर उनकी चूत के रस को बाहर खींच कर ला रही थी और मैं उस रस को पी जाता था.
उनकी चूत के रस में एक अलग ही नशा था.

मैंने अपनी गर्लफ्रेंड की चूत को बहुत बार चाटा था लेकिन मामी की चूत का स्वाद कुछ निराला ही था. मैं तो मामी की चूत को पाकर पागल ही होता जा रहा था।

मामी मेरे बालों में हाथ फेरते हुए अपनी मदमस्त जवानी का रसापन बड़ी ही खुशी सहित करवा रही थी।

दोस्तो, अगर अपनी महिला सेक्स पार्टनर को खुश करना हो तो उसकी चूत जरूर चाटो.
महिलाओं का चूत चटवाना उन्हें बहुत उत्तेजित करता है और वो पूरी तरह से संतुष्टि का अनुभव करती हैं।

मैंने मामी को भरपूर आनंद दिया और उनको झड़ने पर मजबूर कर दिया. वो जोर जोर से मेरे मुंह पर चूत को रगड़ने लगी और फिर वो मेरे मुंह में ही झड़ गई.

उनकी जवानी का नमकीन रस उनकी चूत से निकल पड़ा और मैंने उस रस का पूरा आनंद लिया.
मैं तो जैसे अंदर तक तृप्त हो गया उनकी चूत का रस पीकर।

अब रस पिलाने की बारी मेरी थी.
मैंने धीरे से मामी के कान में कहा- मामी, अब मेरी बारी है।
वो मेरी बात को समझ गयी और झट से नीचे की ओर आकर मुझे नीचे लिटा लिया.

वो मेरे ऊपर आ गयी और मेरी गर्दन से किस करते हुए छाती पर चूमते हुए वो नीचे मेरे अंडरवियर पर जा पहुंची.
उसने मेरे अंडरवियर को निकाल दिया और मेरे तड़पते लंड को अपने हाथ में भर लिया.

उसने मेरे 7 इंच लंबे और 3 इंच मोटे लंड को अपने हाथ में लेकर सहलाना शुरू कर दिया. वो उसकी चमड़ी को ऊपर नीचे करने लगी.

कुछ देर तक ऐसे ही ऊपर से नीचे हिलाते हुए मेरे लंड की लम्बाई और मोटाई का नाप लेती रही।

मैं भी उनके मम्में दबाये जा रहा था. उनके निप्पलों के साथ मस्ती कर रहा था।

जब मामी से रुका न गया तो उसने झुक कर मेरे लंड के टोपे पर होंठ रख दिये और उसको होंठों से चूसने लगी.

मेरी तो आह्ह निकल गयी. वो मस्ती में मेरे लंड के टोपे पर होंठों का कमाल दिखाने लगी.

मेरा लंड फटने को हो रहा था. जब मामी की जीभ मेरे लंड के टोपे पर आकर प्यार से सहलाती थी तो मैं स्वर्ग में पहुंच जाता था।

धीरे धीरे करके वो लंड को अंदर तक मुंह में भरने लगी. अब वो तेजी से मुंह चलाते हुए पूरे लंड को चूसने लगी.

मेरे लंड को वो अपने गले तक लेकर जा रही थी। मैं भी हैरान था कि मामी मेरे लंड को पूरा का पूरा जड़ तक चूस रही थी।

करीब 7-8 मिनट की चुसाई के बाद मुझसे रहा न गया; मैंने मामी के सिर को पकड़ा और जोर जोर से लंड के धक्के देने लगा.

4-5 धक्कों के बाद मेरा माल उनके मुंह में गिरने लगा.
वो मेरे वीर्य को अंदर ही पी गयी.

उसके बाद हम दोनों ही शांत होकर लेट गये.
करीब दस मिनट तक हम दोनों लेटे रहे.

धीरे धीरे फिर से हम एक दूसरे के जिस्म को सहलाने लगे.

एक बार फिर से मामी ने मेरे लंड को चूसना शुरू कर दिया और लंड को चूस चूस कर खड़ा कर दिया.

अब चुदाई की बारी थी और हम दोनों एक दूसरे के जिस्म में डूब जाना चाहते थे.

मैंने मामी को नीचे लिटाया और उनके पैरों को खोल दिया. उनके नंगे जिस्म के सबसे खूबसूरत अंग उनकी चूत के ऊपर मैं अपना लन्ड घिसने लगा.
मामी तड़प उठी थी.

उन्होंने मेरे लन्ड को जोर से पकड़ा और उनकी चूत के मुंह के सामने रख दिया और कहा- प्यारे भांजे … अपनी मामी की आग और मत भड़काओ … अपने इस गर्म हथियार को मेरे बदन के अंदर डाल दो और अपनी मामी की प्यास बुझा दो।

मैंने मामी की बात पर हामी भरते हुए उनकी चूत में लन्ड को डाल दिया जिसकी वजह से उनकी हल्की सी चीख निकल गई.
मैंने उनके मुंह को एकदम से दबाया और उनके बदन के अंगों को बेतहाशा चूमने चाटने लगा.

अब मैंने जोर का धक्का देकर मामी की चूत में लंड को पूरा उतार दिया और वो जैसे दर्द में दोहरी हो गयी लेकिन फिर भी दर्द को बर्दाश्त कर गयी.

फिर मैंने चुदाई शुरू कर दी।
अब मैं उनके हर अंग को बेतहाशा चूमता, चाटता और निप्पलों को काटता जा रहा था.

मामी भी आहें भरती जा रही थी- हाह … ऐसे ही … जोर से और तेज़ … चोदते रहो … आह्ह … आहा … करते रहो।
मैं उनके होंठों का रस पीते पीते चोदता जा रहा था।

करीब 15 मिनट की होले होले चुदाई के बाद मैं झड़ने ही वाला था, तभी मैंने मामी से पूछा- मेरी जान … दूसरी बार मेरे रस को कहां पर गिरवाओगी?

उन्होंने हवस भरी मुस्कान के साथ कहा- अपनी जान की चूत में ही निकाल दो।
उनका जवाब पाकर मुझे भी और ज्यादा जोश आ गया. मैंने फिर से मामी की चूत की ताबड़तोड़ चुदाई शुरू कर दी।

मैंने जोर जोर से 10-12 धक्के लगाये और उनके ऊपर लेट गया और लेटते ही मेरे लंड से कई पिचकारी छूटी और सारा माल मैंने मामी की चूत में ही भर दिया.

वीर्य निकलने के साथ ही मेरा जोश एकदम से कम होता चला गया और मैं निढाल होकर मामी के ऊपर ही पड़ गया.
चुदाई के बाद दोनों के बदन पसीना पसीना हो गये थे।

कुछ देर के बाद मैं उनके ऊपर से उठा और दोनों ही एक साथ बाथरूम में गये. हमने एक दूसरे को साफ किया. फिर वापस आकर हमने कपड़े पहने पहने और फिर अलग अलग होकर सो गये.

सुबह मैं जल्दी उठ गया और मैंने मामी को जगाकर बहुत देर तक उनके होंठों को पीया और फिर वहां से चला गया.
मामी की चूत चोदकर बहुत मजा आया. मैं खुश था कि मेरा इतना पुराना सपना आज पूरा हो गया था.
 

junglecouple1984

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बड़ी मम्मी की चुत चुदाई का मजा



मैं राँची का रहने वाला हूँ और अभी मेरी उम्र 25 साल की है. मेरा लंड 6 इंच का है.

इस कहानी की मुख्य नायिका हैं मेरी बड़ी मम्मी मतलब तायी जी, जो लगभग 48 साल की है और उनका फिगर साइज़ 36-30-40 का है. अब आप लोग स्वयं अंदाजा लगा लें कि वो कितनी सेक्सी माल दिखती होंगी.

मार्च 2019 में मेरे मॉम डैड की मैरिज एनिवर्सरी थी. काफी सारे मेहमान आए हुए थे. मेरी बड़ी मम्मी और बड़े पापा (ताऊ जी) भी आए थे.
मैंने उन्हें उनका रूम दिखाया और बाहर चला गया. उनके रूम में बाथरूम अटॅच्ड था.

वो लोग शाम में तैयार होकर आए. कसम से मेरी बड़ी मम्मी बहुत सेक्सी लग रही थीं. स्टेज पर मैं उन्हीं के बगल में खड़ा था और मेरे लंड ने सलामी देना शुरू कर दिया था.
मेरा मन कर रहा था कि उन्हें वहीं पकड़ कर चोदना शुरू कर दूं, पर मैंने खुद को काबू में रखा.

जब पार्टी खत्म हुई, तो मैंने सबसे पहले बाथरूम में जाकर मुठ मारी.
आज मुझे मुठ मार कर इतना मजा आया कि क्या बताऊं … आज से पहले मुझे इतना मजा कभी नहीं आया था.

मैंने सोचा कि साला बड़ी मम्मी के नाम से मुठ मारने में जब इतना मजा आया है तो उन्हें चोदने में कितना मजा आएगा.

इस वक्त मेरा मूड इतना मस्त हो गया था कि लौड़े से हाथ हटाने का मन ही नहीं कर रहा था, बस ऐसा लग रहा था कि काश ये पल यहीं रुक जाए.

खैर … मैं मुठ मारकर छत पर चला गया और उधर एक सिगरेट फूंकते हुए फिर से अपनी बड़ी मम्मी की उठी हुई चूचियों और बड़ी सी थिरकती हुई गांड को याद करते हुए मस्त होने लगा.

रात हो गई थी, बड़ी मम्मी और बड़े पापा अपने कमरे में जाकर सो गए.

मैं भी कुछ देर बाद मैं अपने कमरे के बिस्तर में घुस गया और सो गया.

उसके बाद अगले दिन भी काम था, तो मैंने घर पर फैला हुआ सारा काम किया और दोपहर में कुछ फ्री हुआ.
चूंकि थकान काफी हो गई थी तो मैं बड़ी मम्मी वाले रूम में जा कर बिस्तर पर लेट गया.

उस समय मैं अपने बड़े पापा के साथ लेटे हुए ही बात कर रहा था.
बड़ी मम्मी बाहर गई थीं.

बड़े पापा से बात करते करते मुझे नींद आ गई और मैं वहीं गहरी नींद में सो गया.

मेरी नींद तब खुली, जब बड़ी मम्मी वापस आईं. मैं उन्हें कमरे में आता हुआ देख लिया था, पर मैं आंख बंद किए पड़ा रहा.

बड़ी मम्मी बाथरूम में घुस गईं. बाथरूम से पानी गिरने की आवाज आने लगी.
मेरा लंड खड़ा होने लगा. मैं सोचने लगा कि बड़ी मम्मी नंगी कैसे नहा रही होंगी.

मैंने एक बार को तो सोचा कि बाथरूम की किसी झिरी में से बड़ी मम्मी को नंगी देखने की जुगाड़ करूं, मगर बाजू में ताऊ जी लेटे थे इसलिए चुपचाप लेटा रहा.

तभी पानी गिरने की आवाज बंद हो गई तो मैं समझ गया कि अब नहाना हो चुका है.

थोड़ी देर बाद वो बाथरूम से नहा कर बाहर निकलीं. मैंने हल्के आंख खोले उन्हें देखता रहा.

मैंने देखा कि बड़े पापा बगल में बैठे हैं और बड़ी मम्मी उनके सामने नंगी होकर ब्रा पहन रही थीं.
शायद उन्हें लगा होगा कि मैं गहरी नींद में हूँ इसलिए बड़ी मम्मी जी बिंदास होकर अपनी चुत और चूचियां दिखा रही थीं.

कसम से उनकी चुत देख कर मेरे लंड ने सलामी देना शुरू कर दिया.
बड़े पापा ने उन्हें आंख से इशारा किया कि मैं बगल में हूँ.
तो इस पर बड़ी मम्मी ने बोला कि वो बहुत गहरी नींद में है.

तभी बड़े पापा उठ कर उनके पास गए और उन्हें अपनी बांहों में भरने लगे.
मतलब उन दोनों की कामलीला चालू हो गई.

तभी बड़ी मम्मी ने बड़े पापा को बिस्तर पर लेटने का इशारा किया.
वो सीधे लेट गए. बड़ी मम्मी जी खुद उनके मुँह पर बैठ गईं और अपनी चुत चटवाने लगीं.

गजब का नजारा था.

खुले भीगे बाल और ब्रा में कसी हुई मस्त चूचियां. बड़ी मम्मी जी अपनी चुत चटवा रही थीं.

बड़े पापा का तो पता नहीं, पर मेरा लंड अब फटने को आ गया था. मैंने कैसे और कितनी मुश्किल से कंट्रोल किया, ये मैं ही जानता हूँ.

उसके बाद बड़ी मम्मी बगल में लेट गईं और बड़े पापा उनकी चुचियां किसी बच्चे के जैसे चूसने लगे.

इतने बड़े बड़े चुचे देख कर मेरे मुँह में भी पानी आ गया था. बड़े पापा एक चुची चूस रहे थे और एक को हाथ से दबा रहे थे.

उसके बाद मेरी बड़ी मम्मी ने बड़े पापा का पैंट खोलना शुरू किया. अंडरवियर खींचते ही ताऊ जी का लंड बाहर आ गया और बड़ी मम्मी जी के मुँह में जा लगा.

बड़ी मम्मी ने लंड को पकड़ा और थोड़ा सा हिलाते हुए बोलीं- वाह … ये तो आज बड़ा जवान दिख रहा है.
बड़े पापा- हां मेरी जान, तेरी चुत का पानी जो मिलता है इसे!

उसके बाद लंड चूसना शुरू हुआ. बड़ी मम्मी लंड को चूस रही थीं और इधर मेरी हालत खराब हो रही थी.

दस मिनट तक लंड चूसने के बाद उन्होंने बोला- इससे पहले ये उठ जाए, जल्दी से चोद दो.

इस पर बड़े पापा ने बड़ी मम्मी को नीचे लेटाया और उनकी चुत में लंड घुसेड़ कर उन्हें चोदना शुरू कर दिया.
लंड अन्दर घुसते ही मम्मी ने आह की आवाज निकाली और उसके बाद धकापेल चुदाई शुरू हो गई.

इस उम्र में भी उन दोनों का जोश देखते बन रहा रहा था. दोनों एक दूसरे को किस करते हुए चुदाई कर रहे थे.

कुछ देर बाद बड़े पापा ने पोजीशन चेंज करने को कहा. इस बार बड़ी मम्मी ऊपर आ गईं और लंड की सवारी करने लगीं. मैं उन दोनों के बगल में कुछ ही इंच की दूरी पर लेटा हुआ था.

मैं तो पहले से जगा हुआ सब देख रहा था, अचानक मेरी नजर बड़ी मम्मी पर गई और उन्होंने मुझे जगा हुआ देख लिया.

अब ऐसा था कि वो मुझे देख कर चुत चुदवा रही थीं.
बड़े पापा ने उनके दोनों चुचे दबा रखे थे और नीचे से गांड उठा जार उन्हें दबादब चोद रहे थे.

वो समझ गई थीं कि मैं जगा हुआ हूँ … पर इसके बावजूद वो नहीं रुकी और अपनी चुत चुदवाना जारी रखा.

अचानक से उन दोनों ने चुदाई की स्पीड तेज कर दी और बड़ी मम्मी ने बड़े पापा को किस करना शुरू कर दिया.
फिर वो जोर से चिल्लाते हुए झड़ गईं.

झड़ने के साथ ही बड़ी मम्मी से मुझे फिर से देखने लगीं.

कुछ देर बाद बड़े पापा भी उनकी चुत में ही झड़ गए और लंबी लंबी सांसें लेने लगे.

बड़ी मम्मी और मैं अभी भी एक दूसरे को देख रहे थे.
वो मुझे देख कर स्माइल कर रही थीं.
उनके चेहरे पर संतुष्टि थी पर मेरा लंड फटने को था.

कुछ देर बाद उन दोनों ने कपड़े पहने और ताऊ जी ने मुझे जगाया. मैं नींद में होने का नाटक करने लगा.

वो मुझसे बोले- अच्छा ठीक है तू थका हुआ है, कुछ देर और सो ले.

बस ये बोलकर ताऊ जी कमरे से बाहर चले गए.
उनके पीछे बड़ी मम्मी भी चली गईं.

मैंने रूम लॉक किया और एक मस्त वाला पॉर्न देखा. बड़ी मम्मी की चूत को याद करते हुए मैंने मुठ मारी, तब जाकर मुझे कुछ राहत मिली.

उस शाम बड़े पापा और उनके कुछ पुराने दोस्त घर पर आ गए.
उन्होंने ड्रिंक का प्रोग्राम बनाया हुआ था. बड़ी मम्मी ने उनके लिए सारा इंतजाम बाहर लॉन में किया हुआ था.

ताऊ जी की दारू पार्टी चालू हो गई. उधर वो पीने में लगे थे इधर मैं कमरे में लेटा हुआ लंड सहला रहा था.

तभी मेरे दरवाजे पर आहट हुई. मैं देखने लगा, तो बड़ी मम्मी कमरे में आ रही थीं.
मैंने झट से अपने लौड़े से हाथ हटाया और उठने लगा.

तभी बड़ी मम्मी जी मेरे बिस्तर पर बैठ गईं और कहने लगीं- अरे लेटा रह. मैं तो अभी चली जाऊंगी.
ये कहते हुए बड़ी मम्मी जी मेरे सीने पर अपना था रखते हुए मुझे वापस लेटने के लिए एक दबाव दे दिया.

मैं उनकी तरफ देखने लगा. मेरा लंड खड़ा था. उनके ब्लाउज का गहरा गला मुझे कामुक बना रहा था मेरी नजरें उनकी भरी हुई चूचियों पर ही टिकी थीं.

बड़ी मम्मी ने एक अंगड़ाई ली और मुस्कुरा कर बोलीं- कैसी लगी थी मैं?
मैं उनकी आंखों में छाई हुई वासना को साफ़ देख रहा था.

जब मैं चुप रहा तो मेरी छाती को अपने हाथ से सहलाते हुए बोलीं- चुप क्यों है … बोल न मेरा परफोर्मेंस कैसा लगा था?
मैं अभी मूक था और मुझे कुछ समझ ही नहीं आ रहा था कि मामला क्या है.

तभी एक अप्रत्याशित घटना हुई और बड़ी मम्मी का हाथ मेरे खड़े लंड पर चला गया.
मेरे लोअर में मेरा लंड एकदम से कड़क था.

बड़ी मम्मी ने मेरे लंड को मसलते हुए मादक आवाज में कहा- चल उठ … आज तुझे भी जन्नत की सैर कराती हूँ.

मेरी झक्की खुल गई.

तभी बड़ी मम्मी जी उठ कर गईं और दरवाजा बंद करने लगीं.
मैं अब भी लेटा रहा मुझे कुछ समझ ही नहीं आ रहा था कि मैं क्या करूं.

बड़ी मम्मी ने दरवाजा बंद करके मेरी तरफ देखा और बोलीं- अभी आधा घंटा है मजा ले ले … फिर रात को बाकी का मजा करेंगे.

ये कहते हुए बड़ी मम्मी ने अपनी साड़ी उतार दी और ब्लाउज के बटन खोल दिए.
उन्होंने अन्दर ब्रा नहीं पहनी थी जिस वजह से उनकी बड़ी बड़ी चूचियां मेरे सामने नंगी हो गई थीं.
अब मेरी तन्द्रा जागी और मैं बिस्तर पर बैठ गया.

इसके बाद बड़ी मम्मी मेरे पास आई और उन्होंने मेरे पैरों की तरफ से मेरे लोअर को पकड़ कर खींचा, तो मेरा लोअर निकल गया और साथ में थोड़ा सा मेरा अंडरवियर भी सरक गया.

बड़ी मम्मी ने किसी रंडी की तरह अपने पेटीकोट को ऊपर किया और बिस्तर पर चढ़ कर मेरे ऊपर आ गईं.

मैं कुछ समझ पाता कि बड़ी मम्मी जी मेरे अंडरवियर की इलास्टिक में हाथ फंसाया और मय लोअर में मेरे निचले हिस्से को नंगा कर दिया.
अगले कुछ ही पलों में बड़ी मम्मी जी के मुँह में मेरा लंड चुस रहा था.

मेरी तो आंखें बंद हो गई थीं और मेरे एक हाथ में बड़ी मम्मी का एक दूध दबा हुआ था, जिसे मैं मजे से भींचे जा रहा था.
बड़ी मम्मी की आह ओह की कामुक आवाजें मुझे उत्तेजित कर रही थीं.

फिर बड़ी मम्मी जी ने अपने पेटीकोट को जांघों तक समेटा और मेरे लंड पर बैठने लगीं.
मैं समझ गया कि बड़ी मम्मी जी आज मुझसे चुदने के लिए ही मूड बना कर आई थीं इसलिए उन्होंने ब्रा पैंटी नहीं पहनी थी.

कुछ ही पलों बाद मेरा मोटा कड़क लंड बड़ी मम्मी जी की चुत में घुस गया. उनकी एक लम्बी सी सीत्कार निकल गई- आह मर गई रे कितना हार्ड लंड है तेरा … आह मजा आ गया. सच में दोपहर से ही मेरी चुत में तेरे लंड के लिए आग लगी थी.

मैं बड़ी मम्मी जी की कमर पकड़ी और ताबड़तोड़ ताई की चुदाई चालू हो गई.
बीस मिनट की धकापेल चुदाई में बड़ी मम्मी को मैंने दो बार झड़ने पर मजबूर किया.

चुदाई के बाद बड़ी मम्मी ने मेरे ऊपर से उठ कर अपने कपड़े पहने और आंख मारती हुई चली गईं.

वो जाती हुई बोलीं- रात को दरवाजा खुला रखना, दोबारा मजा देने आऊंगी.
 
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