• If you are trying to reset your account password then don't forget to check spam folder in your mailbox. Also Mark it as "not spam" or you won't be able to click on the link.

Incest All short story collected from Net

आप केसी सेक्स स्टोरी पढना चाहते है. ??

  • माँ - बेटा

  • भाई - बहेन

  • देवर - भाभी

  • दामाद – सासु

  • ससुर – बहु


Results are only viewable after voting.

junglecouple1984

Active Member
867
1,049
139
मामी और मेरा सेक्स का रिश्ता



मेरा नाम अमित है और मेरी उम्र 22 साल है.
मेरा कद 5 फुट 6 इंच है, मेरे लन्ड का साइज 7 इंच है।

यह मेरी पहली कहानी है तो मुझसे कोई गलती हो जाए तो माफ कर देना.

मुझे इन सब बातों में पहले से इंटरेस्ट था पर किसी के साथ किया नहीं था।

यह मेरी सच्ची हॉट इंडियन आंटी सेक्स कहानी उस वक्त की है जब मैं 19 साल का था.
वैसे मैं खुले विचारों का इंसान हूं और तो और मैं बचपन से छुट्टियों में मेरे नानी के घर 2 महीने रहने जाता था।

उनके घर में दो बेडरूम हैं तो किसी को कोई परेशानी नहीं होती।

उस वक्त नानी के घर में मेरे 2 मामा, 1 मौसी थी.
पर कुछ साल बाद मेरे दोनों मामा और मौसी की शादियां हो गई, मेरी मौसी ससुराल चली गई और बड़े मामा अलग होकर दूसरे शहर चले गए।

अब मेरे नानी के घर मैं सिर्फ बड़े मामा और उनकी पत्नी रहती थी।
उनका नाम सोनल था.

मामी का फिगर 34-28-32 है.
उसी के साथ साथ वे एक खूबसूरती की मूर्त हैं।
वे पहले से ही खुले विचार और अच्छे स्वभाव वाली स्त्री थी.

उनकी शादी अप्रैल में हुई तो उस वक्त मैं नानी के घर ही था.
तो कुछ दिन मैं ही मेरी उनसे अच्छी दोस्ती हो गई.

अब वे जब भी जॉब से आती तो मेरे लिए कुछ न कुछ लेकर आती।

वैसे मैं बता दूँ कि मेरे मामा फ्रांस के कंपनी में जॉब करते थे तो उनकी हमेशा नाइट शिफ्ट रहती थी, तो उस वजह से मामी को वैवाहिक सुख नहीं मिल रहा था।

अब वो समय आ गया जब इस कहानी को असली मोड़ आने वाला था।

मैं अगले साल फिरसे नानी के घर गया।

अगले साल मामी और ज्यादा हॉट और सेक्सी लग रही थी।
उनके बूब्स और से पहले से ज्यादा बड़े और अच्छे हो गए थे।

जब वे नाइटी पहन कर बाहर आती थी तो उनका फिगर और निखर जाता था।

एक दिन मैं सुबह 6:30 पर उठ गया क्योंकि मुझे पेशाब करने जाना था.
घर में देखा तो कोई नहीं था क्योंकि नानी रोज सुबह 1:30 घंटे सैर पर जाती थी और मामा ऑफिस से 10 बजे आते थे.

बाद में मैंने बाथरूम में देखा तो मामी थी.
घर में कोई नहीं था इसलिए मौका अच्छा था.

तो मैंने दरवाजे के छेद से देखा तो मामी पूरी नंगी थी और अपने बदन को साबुन लगा रही थी.
वहाँ से सिर्फ उनकी चूत दिख रही थी.

कुछ देर बाद वे पैरों को साबुन लगाने झुकी तो उनके मम्मे लटक रहे थे और एक दूसरे से टकरा रहे थे।
मामी उस पोजीशन में बहुत सेक्सी लग रही थी।

फिर मामी का नहाना हो गया और वे नीचे बैठ गई और अपनी चूत मैं उंगली डालने लगी क्योंकि उन्हें कई महीनों से यौन सुख नहीं मिला था.
10 मिनट तक उंगली करने के बाद वे जैसे उठने लगी तो उन्होंने मुझे देख लिया और जल्दी जल्दी कपड़े पहन कर बाहर आई और मुझे पूछने लगी कि मैं बाहर क्या कर रहा था?

मुझे पहले डर लगा.
पर कुछ क्षण बाद मुझे अहसास हुआ कि उन्हें अगर डांटना होता तो बाथरूम से ही चिल्लाती.
और तभी मैंने देखा कि वे सवाल पूछते समय हल्की सी मुस्कुरा रही थी।

यह देखते ही मैं आत्मविश्वास के सातवें आसमान को छू रहा हूं, ऐसा लग रहा था।

फिर मैंने कहा- मुझे पेशाब जाना था इसलिए इंतजार कर रहा था आपके बाहर आने का!
यह कहते ही उन्होंने कहा- अच्छा ठीक है, मैं आ गयी. अब तुम जा सकते हो।

फिर मैंने अंदर गया और 15 मिनट तक, मामी को चोद रहा हूँ, यह सोचकर मुठ मारी और मलाई निकाली.

कुछ देर बाद नानी भी घर आ गई और मुझे इतनी जल्दी उठा देख वे चौंक गई क्योंकि मुझे इतनी जल्दी उठने की आदत नहीं थी।
फिर मामी बोली- इसकी नींद तो मैंने उड़ाई है।

यह सुनते ही मैं मामी की तरफ देखने लगा.

नानी ने कहा- मतलब? क्या कहना चाहती हो?
मामी बोली- कुछ नहीं, मेरे शोर से ये उठ गया है।

मैं अभी भी चकित होकर मामी के तरफ देख रहा था क्योंकि मुझे समझ नहीं आ रहा था कि क्या हो रहा है.

फिर मामी काम पे जाने के लिए निकलने लगी तो मुझे हल्की मुस्कान दी और मेरे पास आकर मेरे लन्ड को पकड़ लिया और दबाने लगी.
मेरा लन्ड पकड़ने से तुरंत मेरे शरीर में चींटियाँ दौड़ गई हैं, ऐसा लगा।

यह सिलसिला कुछ 10-15 सेकंड चला.
फिर मामी जाते वक्त धीमी आवाज में बोली- रात को मेरा इंतजार करना!
मैंने भी सर हिलाते हुए हामी भरी।

मामी के काम पे जाने के बाद मेरा तो मन ही नहीं लगा रहा था किसी भी चीज में!

जैसे तैसे शाम के 8 बजे मामी घर आ गई।
मैं तो उनके आने का इंतजार कर रहा था.
तो जैसे ही वे आई, मैं दरवाजे तक गया, मैं और मामी एक दूसरे के आखों में देख रहे थे।
कुछ देर बाद हम दोनों नॉर्मल हो गए.

चूंकि मामी रोज मेरे लिए कुछ न कुछ लेकर आती तो मैंने पूछा- मामी, आज क्या लाई हो?
मामी मुझे अंदर कमरे में लेकर गई और मुझे बोली- अपनी आंखें बंद करो और अपना एक हाथ आगे करो।
मैं- पर क्यों? ऐसा क्या लाई हो? पहले मुझे बताओ, फिर ही मैं आंखें बंद करूंगा।
मामी- नहीं, मैं नहीं बताऊंगी. तुम आंखें बंद तो करो ना!

फिर मैंने आंखें बंद की और अपना एक हाथ आगे बढ़ाया.
मामी ने मेरे हाथ पर कुछ चॉकलेट जैसा रखा.

मैंने जैसे ही अपनी आंखें खोली तो मामी ने मेरे हाथ में कॉन्डम के 2-3 पैकेट रखे थे।
उन्हें देखते ही मेरा लन्ड का भाला बन गया था जो मामी की चूत में जाने के लिए तड़प रहा था.

फिर मामी बोली- किसी को इस बारे में पता नहीं चलना चाहिए. यह रिश्ता हम दोनों के बीच ही रहेगा. ठीक है?
मैं- ठीक है मामी, मैं इस बारे में किसी कुछ पता नहीं चलने दूंगा। लेकिन मुझे यह बताइए कि सुबह मैं आपको देख रहा हूँ, यह बात पता थी आपको?

मामी- हाँ पता थी. जब मैं साबुन लगाने नीचे झुकी तभी देख लिया था. और उसी के बाद मैंने अपनी चूत में उंगली डालना शुरू किया ताकि तुम भी उत्तेजित हो सको. ठीक है, चलो जल्दी बाहर … वरना नानी को शक हो सकता है।

फिर हम दोनों बाहर आ गए.

मामी हाथ पैर धोने गई।

उसके बाद हमने कुछ देर टीवी देखा और खाना खाने चले गए।

10 बजे तक खाना खाकर हम फिर से टीवी देखने बैठ गए।
टीवी देखते समय हमने बत्तियां बुझा दी थी जिससे पूरे कमरे में सिर्फ टीवी की रोशनी थी।

अब हॉट इंडियन आंटी सेक्स का समय आ गया था.

इस चीज का फायदा उठा के मैं और मामी एक दूसरे को वहीं पे किस करने लगे थे.
किस करते समय मैंने मामी की नाइटी के अंदर हाथ डाला और चूत को सहलाने लगा.

सहलाते सहलाते मैंने उनकी चूत के अंदर उंगलियां भी डाल दी.
उससे मामी को मजे आ रहे थे।

कुछ देर बाद हम दोनों सेक्स के लिए तड़प रहे थे।

क्योंकि नानी को सुबह 6 बजे से पहले उठना होता था तो नानी रात को दस साढ़े दस बजे सो जाती थी।

हम दोनों इसी का इंतजार कर रहे थे कि कब नानी सो जाए और हम अपनी चुदाई शुरू कर सकें।

नानी के सोते ही मैं और मामी उनके कमरे मैं चले गए क्योंकि नानी सोते वक्त खर्राटे लेती थी तो मैंने नानी को कहा था- आपके खर्राटों से मुझे नींद नहीं आती तो मैं रोज मामी के कमरे मैं सोऊंगा।
तो मुझे नानी का भी कोई डर नहीं था।

कमरे में जाते ही मैंने मामी को बेड पे लिटा दिया और उनके ऊपर चढ़ कर (मशीनरी पोज में) उन्हें किस करने लगा.

शुरुआत माथे से करते करते ओठों तक आ गया.

हमारी किस लगभग 20 मिनट तक चली।
किस करते समय मैं मामी के चूचे दबा रहा था.

उनके चूचे इतने बड़े थे कि मेरे हाथ में भी नहीं आ रहे थे।
फिर भी मैं अपने दोनों हाथों से उनके दोनों मम्मे को दो साइड से पकड़कर एक दूसरे के तरफ धकेल के दबाने लगा.

तो इस वजह से मामी को जरा दर्द होने लगा.
पर उन्हें मजा भी आ रहा था तो भी मेरा साथ दे रही थी।

धीरे धीरे हम दोनों एक दूसरे के कपड़े उतारने लगे।
मामी के कपड़े उतारने में मुझे कोई दिक्कत नहीं हुई क्योंकि मामी ने अंदर ना ब्रा पहनी थी और नहीं चड्डी … वे अंदर से पूरी नंगी थी।

थोड़ी देर बाद मामी ने बैग में से कॉन्डम निकाले और मुझे पहनने को कहा.
पर मैंने मना कर दिया और बोला- नहीं, मैं बिना कॉन्डम के सेक्स करूंगा, बिना कॉन्डम के ज्यादा मजा आयेगा.

मामी पहले सोच में पड़ गई पर बाद में मान गई.

शुरुआत हमने 69 वाले पोज से की.

मामी की चूत बहुत गोरी और चिकनी थी, उनकी चूत में से अलग ही खुशबू आ रही थी जैसे कस्तूरी हिरण के नाभि में से आती है.

मैं मामी की चूत और मामी मेरा लन्ड चूसते चाटते 20 मिनट हो गए और उसमें मामी एक बार में झड़ चुकी थी।

फिर हमने पोज बदल दिया.
अब मैं पलंग पे बैठ गया और मेरे ऊपर मामी बैठ गई और मेरा लन्ड अपने चूत में डालने की कोशिश करने लगी.

पर लन्ड चूत में जाने की बजाए गांड में चला गया.
उससे मामी को बहुत दर्द हुआ और वे चिल्ला उठी.

मैंने तुरंत मामी का मुंह बंद कर दिया.
पर मुझे डर था कि कहीं यह आवाज नानी ने सुन तो नहीं ली.

हमने अगले 2 मिनट तक कोई हलचल नहीं की।

मैंने फिर मेरा लन्ड पकड़ के मामी की चूत में घुसा दिया.
मेरा आधा लन्ड अन्दर जाने से मामी को फिर दर्द हुआ … पर उतना नहीं जितना गांड में जाने के बाद हुआ था.

मैंने मामी के अंदर अपना पूरा लन्ड डाल दिया. पर इस बार किस करते हुए डाला जिससे मामी का ध्यान किस में ज्यादा था तो लन्ड और चूत का दर्द वे भूल चुकी थी।

कुछ देर बाद हमने किस करना बंद किया और मुख्य चीज पर ध्यान दिया जो थी चूत.
उनकी चूत इतनी मुलायम थी कि मैं बता नहीं सकता.

मामी ने 7 इंच का लन्ड पहली बार अपनी
चूत में लिया था तो उन्हें मजा भी बहुत आ रहा था.
वे बोल रही थी- अमित, तेरा जितना लंबा लन्ड तो तेरे मामा का भी नहीं है।

यह सुनकर मैं और उत्तेजित हो गया और मैं धक्के की रफ्तार बढ़ाता गया.
जिससे मामी की सिसकारियां निकल रही थी- आआ ह्हह … आह्ह … अमित … उह्ह … हम्मम्म मआआ आह … उम्मम्म … और तेज … और तेज और तेज, करते जाओ, मेरी चूत का रसपान कर लो … आह्ह्ह!

और कुछ देर में मामी दूसरी बार झड़ गई.
उतने में मेरा भी चिक (स्पर्म) निकल गया था.

मैंने पहले मामी का चिक का रसपान किया और फिर मेरा चिक मामी के गालों और मुख में डाल दिया.
वे सारा चिक पी गई.

अब हम कुछ देर तक ऐसे ही एक दूसरे पकड़ के लेटे रहे.
उस रात हमने 3 बार चोदाई की.
 

junglecouple1984

Active Member
867
1,049
139
लॉकडाउन में मौसी की चूत चुदाई



दोस्तो, मेरा नाम राकेश है, मैं फाइनल ईयर की पढ़ाई कर रहा हूँ.

यह कहानी तब की है, जब लॉकडाउन शुरू ही हुआ था.

उस समय मैं अपनी पढ़ाई के लिए अपनी मौसी के घर पर रहता था.

मेरी मौसी बहुत ही सेक्सी हैं.
मेरे मौसा जी आउट ऑफ इंडिया थे.

तब 24 मार्च 2020 को लॉकडाउन की घोषणा हो गई थी.
लॉकडाउन की घोषणा होते ही मेरी मौसी चिंता में आ गईं कि मौसा जी वापिस इंडिया कैसे आएंगे.

मौसी ने मौसा जी से फोन पर बात की.
मौसा जी ने कहा- वैसे तो लॉकडाउन जल्द ही खत्म हो जाएगा. लेकिन मैं अभी 2 महीने तक नहीं आ सकता हूँ. मेरा जो काम दस दिन में पूरा होना था. वह अब दो महीने में हो पाएगा.

मौसी ने कहा- तब तक मुझे अकेली ही रहना पड़ेगा क्या?
मौसा जी कहा- क्यों राकेश चला गया क्या?

मौसी ने कहा- नहीं, वह तो अभी यहीं है और अब तो लॉकडाउन लग गया है तो पता नहीं कब तक घर जा पाएगा.
मौसा जी ने कहा- मेरी उससे बात कराओ. मैं उसको यहीं रुकने के लिए कहे देता हूँ.

मौसी ने मुझे आवाज दी और अपने करीब बुलाया.
मौसा जी ने मुझे उनके घर में ही रख कर मौसी का ध्यान रखने की ज़िम्मेदारी दी.

मैंने भी कह दिया- हां ठीक है. मैं कहीं नहीं जा रहा हूँ. आप बेफिक्र रहें मौसा जी!
मौसा जी से फोन पर बातचीत खत्म हुई और मैं बाहर को आ गया.

उस वक्त तक मैं मौसी को मौसी की नज़र से ही देखता था.

अब लॉकडाउन हुए 4-5 दिन हो गए थे.
घर से बाहर निकलने की भी दिक्कत हो रही थी.

सुबह एक घंटा के लिए निकलने मिलता था, बाकी दिन घर में ही रहना पड़ता था.

इस वजह से मैं और मौसी दोनों बोर हो गए थे.
मैंने मौसी से कहा- मौसी, मैं तो बोर हो रहा हूँ.

मौसी जी भी बोलीं- हां राकेश, मैं भी बोर हो रही हूँ. अगर तुम्हारे मौसा जी यहाँ होते तो वो बहुत हंसी मजाक करते रहते.

हम दोनों ऐसे ही बातें कर रहे थे कि तभी मौसी जी ने मुझसे पूछा- राकेश, तेरी कोई गर्लफ्रेंड है?
मैंने कहा- नहीं मौसी, मेरी कहां से गर्ल फ्रेंड होगी!

मौसी बोलीं- क्यों तेरी गर्ल फ्रेंड क्यों नहीं हो सकती है. तू झूठ बोल रहा है. तू तो इतना हैंडसम है. मुझे सब पता है, तूने जरूर किसी लड़की को सैट कर रखा होगा.
उनके मुँह से ‘लड़की को सैट कर रखा होगा.’ सुन कर मैं जरा कामुक सा हो गया.

मुझे उनके मुँह से ये सब सुनकर ऐसा लगने लगा कि मौसी को भी कुछ कुछ हो रहा है.

मैंने उनकी चूचियों को देखते हुए कहा- सच में मौसी, मेरी कोई सैटिंग नहीं है.
मौसी मेरी नजरों को ताड़ती हुई बोलीं- बना ले … अभी लाइफ के मज़े ले ले.

मैंने भी कह दिया- ठीक है मौसी, आप ही कोई बताओ आपके ध्यान में हो तो!
वे बोलीं- तुझे कैसी चाहिए?

मैंने कहा- कोई आपकी जैसी हो, तो सच में मैं उसे अपनी गर्लफ्रेंड बना लूँगा.
मौसी ने कहा- अच्छा तुझे मेरी जैसी चाहिए!
मैंने कहा- हां.

मौसी ने कहा- तो क्यों न मैं ही बन जाऊं तेरी गर्लफ्रेंड!
मैंने कहा- इससे अच्छी बात क्या होगी मौसी!

वे भी मुस्कुराने लगीं.
उसी पल मैंने कुछ सोच कर मौसी से कहा- अगर मौसा जी को पता चल गया तो?
मौसी ने कहा- उनको नहीं पता चलेगा, वो तो दुबई में हैं. तू बस अपनी बता तुझे तो कोई दिक्कत नहीं है न!

मैंने भी कह दिया- अरे मुझे किस बात की दिक्कत मौसी!

उस वक्त शाम होने को थी.
मुझे सिगरेट पीने की आदत थी तो मैं छत पर जाने लगा.

मौसी ने कहा- अब छत पर जाने की क्या जरूरत है. यहीं उड़ा ले ना धुआं!

मैं हंस दिया.
मौसी को मेरी सिगरेट पीने की आदत शायद पता थी.

फिर वे बोलीं- चल आज महफ़िल जमाते हैं.
मैंने उनकी तरफ सवालिया नजरों से देखा.

तो उन्होंने आंख दबा कर दारू पीने का इशारा किया.
मैंने भी हंस कर हामी भर दी.

मौसी दो गिलास और दारू की बोतल उठा लाईं.
हम दोनों ने दो दो पैग हलक के नीचे उतारे तो सरूर चढ़ने लगा.

मैंने मौसी से कहा- अब आप मेरी गर्लफ्रेंड हो गई हैं तो क्या मैं आपको बेबी कह कर बुला सकता हूँ?
मौसी ने भी कह दिया- ठीक है बाबू. तुम जो चाहे कह सकते हो.

मैंने सिगरेट सुलगाई और धुआं उड़ाने लगा.
मौसी ने भी नशे में हाथ बढ़ा दिया.
मैंने उनके हाथ में सिगरेट पकड़ा दी.

उस दिन हम दोनों की महफ़िल खूब जमी.
उसके बाद से मैं मौसी के पास चला जाया करता था और उनसे चिपकता रहता था.

मौसी भी कुछ नहीं बोलती थीं.
मैं कभी कभी मौसी के मम्मों को भी टच कर लेता था.
फिर भी मौसी कुछ नहीं बोलती थीं.

बल्कि वे खुद ही मेरे सामने एकदम झीनी सी नाइटी पहन कर आ जाती थीं.

देर रात तक मैं उनके कमरे में बैठ कर टीवी देखता रहता था.

उस दिन मैं और मौसी एक हॉट सी फिल्म देख रहे थे.
मैं मौसी के बाजू में ही बैठा हुआ था.

कुछ ज्यादा देर हो गई थी तो मैं उठ कर बाहर जाने लगा.
मौसी ने नशीली आंखों से मुझे रोका और कहा- इधर ही सो जाओ ना!

मैं समझ गया कि मामला गर्मी पकड़ रहा है.
उस दिन बातों बातों में मैंने कह दिया- बेबी, आप मुझे बहुत अच्छी लगती हो. मुझे आपके साथ एक रात गुजारनी है.

इसके जवाब में मौसी कमरे से उठ कर किचन में चली गईं.
मैं सकपका गया.

थोड़ी देर बाद मैं भी कमरे से बाहर चला गया और अपने कमरे में सो गया.

उसके बाद दो दिन तक मेरी मौसी से नज़र मिलने की हिम्मत नहीं हुई थी.
वे भी मेरे साथ बात नहीं कर रही थीं.

मैंने मौसी से सॉरी भी बोला पर वे कुछ नहीं कह रही थीं.
वे बस मेरे लिए खाना आदि बनाकर रख देती थीं और मैं खुद से लेकर खा लेता था.

दो दिन बाद मौसी ने मुझसे कहा- राकेश, मुझे तुमसे एक बात करनी है.
मैं सहम गया.

मैंने धीमी आवाज में कहा- कहो मौसी क्या बात है?
मौसी बोलीं- मुझे भी तुम्हारे साथ सेक्स करना है.

ये सुन कर मेरे मन में लड्डू फूटने लग गए.
मैंने मौसी से पूछा- पर आपने उस दिन तो कुछ नहीं बोला था, फिर आज कैसे?

मौसी ने कहा- मैं तुम्हें देखना चाहती थी अगर मैं तुम्हें इग्नोर करूँ तो तू क्या करता है.
मैंने कहा- मतलब … क्या करता मैं?

उन्होंने मुझसे इस संबंध में ढेर सारी बातें की जिससे ये साबित हुआ कि वे खुद भी मेरे साथ सेक्स करना चाहती थीं लेकिन मेरी परीक्षा ले रही थीं.

मैंने कहा- तो बेबी आज रात को जश्न करें.
मौसी ने अंगड़ाई लेते हुए कहा- हां ठीक है मेरी जान!

फिर मैंने और मौसी ने महफ़िल जमाई.
हम दोनों ने तीन तीन पैग हलक के नीचे उतारे और चौथा पैग बना कर रख दिया.

उसके बाद हल्का सा स्नेक्स खाकर हम दोनों मौसी के रूम में आ गए.

मैं तो पहले से ही टी-शर्ट और बाक्सर में था.
मौसी बाथरूम में जाकर टी-शर्ट और पजामा पहनने चली गईं.

जैसे ही मौसी बाथरूम से आईं … मैं उनको देखकर एकदम से माथा घूम गया.
मेरा लंड तो भयंकर तरीके से खड़ा हो गया था.

उनके आधे से ज्यादा दूध टी-शर्ट के बड़े गले से थिरकते हुए साफ दिख रहे थे और बड़ा ही कामुक नजारा पेश कर रहे थे.

मौसी मेरा खड़ा लंड देख कर हंसने लगीं.

मैंने मौसी से कहा- आज तो आप पटाखा लग रही हो बेबी.
उन्होंने हंस कर कहा- बस तुम पर फटने को रेडी हूँ.

मैं ये सुनकर मौसी के पास आ गया और उनको अपनी बांहों में कस कर किस करने लगा.
मौसी भी मेरा साथ दे रही थीं.

दो मिनट तक हम ऐसे ही किस करते रहे थे.
फिर मैंने मौसी को गोद में उठा कर उन्हीं के बेड पर लेटा दिया.
उन्होंने अपनी बांहें फैला दीं तो मैं उनके ऊपर ही चढ़ गया.

उस दिन पहली बार मैं किसी लड़की के ऊपर चढ़ा था.
मैं मौसी के दूध देख रहा था और उनको टी-शर्ट के ऊपर से ही अपने हाथों से दबाने लगा.

दूध दबाते ही मौसी आअहह करने लगीं.
उनकी मादक आवाज़ सुनते ही मेरे तो रोंगटे खड़े हो गए.

मैं उनके मम्मों को दबाता जा रहा था.
मुझे उनके बूब्स दबाने में बड़ा मजा आ रहा था.

मैं मौसी से बोला- बेबी, आपके बूब्स बड़े मस्त हैं!
मौसी हंसने लगीं.

जब मुझसे रहा नहीं गया तो मैंने मौसी से कहा- अब आप बैठ जाओ.
वे बैठ गईं तो मैंने उनकी टी-शर्ट उतार दी.

मौसी की छोटी सी पिंक कलर की ब्रा में उनकी चूचियां बड़ी कसी हुई दिख रही थीं.
मैं मौसी के मम्मों ब्रा के ऊपर से दबाने लगा.

कुछ पल बाद मैंने मौसी की ब्रा का हुक भी खोल दिया और उसे उतार कर अलग कर दिया.
अब मौसी के बूब्स आजाद हो गए थे.
बड़े ही रस भरे दूध थे.

मैं मौसी को लेटा कर उनके बूब्स जोर जोर से दबाने लगा और मौसी ‘आआ आहह ऊहह …’ जोर जोर से कराहने लगीं.

मौसी ने कहा- सिर्फ दबाएगा या चूसेगा भी?
मैं झट से उनके एक निप्पल को अपने होंठों में दबाया और खींच खींच कर चूसने लगा.

मुझे बहुत मजा आ रहा था.
मौसी को भी मजा आ रहा था.

फिर मैं मौसी की चूत को रगड़ने लगा.
मौसी कहने लगीं- राकेश तूने तो अपने मौसा जी को भी पीछे छोड़ दिया.

मैंने भी कह दिया- मौसी अभी रूको, पहले लंड लेकर देखो, फिर बताना कि मैंने और किस किस चीज़ में मौसा जी को पीछे छोड़ा.

अब मैंने मौसी को खड़ा कर दिया और उनके पजामा के ऊपर ही उनकी चूत को रगड़ने लगा.

वे बोलीं- पजामा हटा दे ना!
मैंने मौसी का पजामा खोल दिया.
मौसी पैंटी में आ गईं.

फिर मैंने मौसी को लेटा दिया और उनकी पैंटी पर क़िस किया.
पैंटी के ऊपर से ही उनकी चूत रगड़ने लगा.

मौसी सिसकारने लगीं और कहने लगीं- राकेश, मुझे चोद दो.
मैंने कहा- रूको मौसी, अभी तो खेल शुरू हुआ है.

मैं मौसी को तड़फाता गया.

फिर मैंने मौसी की पैंटी उतार दी.
मौसी की शेव्ड चूत मेरे सामने थी.

मैं मौसी की चूत को क़िस कर रहा था.
फिर मैंने उनकी चूत को अपनी जीभ से चाटना चालू किया और दोनों हाथों से उनके बूब्स दबाने लगा.

मौसी आआ अहह आआ अहह करने लगीं- आह अब तो चोद दे साले भड़वे … अब मत तड़पा कुत्ते.
मैंने कहा- अभी रूको बेबी … अभी आपकी चुदने की कामना भी पूरी कर दूँगा.

अब मैं अपनी उंगली मौसी की चूत में अन्दर-बाहर करने लगा.
मौसी बहुत जोर जोर से सिसकारने लगीं.
उनको बहुत दर्द होने लगा था; उनकी आंखों में आंसू आ गए थे.

कुछ देर बाद वे झड़ गई थीं तो मैंने उनकी चूत का सारा रस चाट लिया.
अब मैंने उनकी चूत से अपनी जीभ निकाल दी और खड़ा हो गया.

वे भी मेरे तरफ वासना से देखती हुई खड़ी हो गईं.
मौसी ने मेरी टी-शर्ट निकाल दी और वे मेरे सीने को चाटने लगीं.

फिर मौसी मेरा पजामा देख कर मेरे खड़े लंड को देखकर हंसने लगीं और उन्होंने जल्दी से मेरा बाक्सर उतार दिया.
मैं चड्डी में रह गया.

मौसी मेरी चड्डी पर किस करने लगीं ओर मेरी गोटियों को दबाने लगीं.
मुझे बड़ा मजा आ रहा था.

थोड़ी देर बाद मौसी ने मेरी चड्डी भी उतार दी. मेरा लंड आजाद होकर सीधा खड़ा हो गया.

मौसी ने मेरे लंड को पकड़ लिया और उसे चूसने लगीं.
मैं मौसी के बाल पकड़कर उनका मुँह चोदने लगा, लौड़े को मुँह के अन्दर बाहर करने लगा.

मैं अब तक काफी उत्तेजित हो गया था तो मैंने मौसी के मुँह के अन्दर ही अपना रस छोड़ दिया.
मौसी भी रस पी गईं.

कुछ देर बाद हम दोनों ने अपने चौथे पैग को भी गले के नीचे उतारा और 69 में आ गए.

कुछ देर एक दूसरे के लंड चूत को चूस कर गर्म किया और मैंने अपना लंड मौसी की चूत पर सैट कर दिया.

मौसी कह रही थीं- प्लीज अब चोद दे राकेश … अब नहीं रहा जाता!
मैंने कहा- ओके, तो लो अब मेरा लंड मेरी जान.

मैंने एक तगड़े झटके के साथ मौसी की चूत में लौड़े को पेल दिया.

मौसी जोर जोर से चिल्लाने लगीं- आह मर गई … आह मुझे दर्द हो रहा है.

मैंने मौसी से कहा- मौसी, अभी सब ठीक हो जाएगा. थोड़ा सब्र करो … फिर आपको भी बड़ा मजा आएगा.

वही हुआ … कुछ देर बाद मौसी का दर्द कम हो गया.
सेक्सी मौसी गांड उठा कर लंड लेने लगीं.

करीब बीस मिनट की चुदाई में मौसी एक बार झड़ चुकी थीं.
अब मैंने भी अपना रस छोड़ दिया.
Xxx मौसी भी मेरे साथ दूसरी बार झड़ गईं.

कुछ देर बाद मौसी बोलीं- राकेश, सच में तुमने तो अपने मौसा जी को भी पीछे छोड़ दिया है. तुम्हारे मौसा जी के साथ तो आजकल मुझे जरा भी मजा नहीं आता. आज तुम्हारे साथ तो बेहद मजा आ गया.
मैंने कहा- मौसी, जब तक मौसा जी नहीं आते. मैं हूँ ना आपके लिए.

मौसी हंसने लगीं.

फिर उसके बाद हम दोनों ने खाना खाया और वापस चुदाई में लग गए.
मौसी को उस रात मैंने तीन बार चोदा.

फिर जब तक मौसा जी वापस नहीं आ गए, मैं मौसी को 2 महीने तक रोजाना चोदता रहा.
 

junglecouple1984

Active Member
867
1,049
139
प्यारी बहन ने भाई के लिए चूत खोल दी



मेरा नाम राहुल है और मैं Xforum सेक्स स्टोरीज का पुराना व नियमित पाठक हूँ.
आज मैं अपनी पहली सेक्स स्टोरी आप सब लोगों के सामने पेश कर रहा हूँ.

पहले मैं आप लोगों को अपनी फ़ैमिली के बारे में बताता हूँ.
हमारे घर में चार लोग हैं.
पापा, मां, मैं (उम्र 25 साल) और मेरी एक बहन, जो कि अभी 20 साल की है. उसका नाम रिया है.

मेरी बहन रिया देखने में बहुत ही खूबसूरत है. उसका फ़िगर 34-28-36 का है.
उसका गोरा रंग और ऐसा क़ातिलाना फ़िगर देख कर अब तक ना जाने कितने मर्दों की नली से रस निकल चुका है.

वह ज़्यादातर जींस और टॉप पहन कर बाहर निकलती है और जब लोग उसे देखते हैं तो पक्का उसे मन ही मन चोदने लगाते हैं.
आख़िर ऐसी खूबसूरत लड़की को देख कर किसका लंड खड़ा नहीं होगा.

यह वर्जिन सिस्टर चुदाई कहानी 2 साल पहले की है.

दीपावली का त्योहार आने वाला था तो मां ने हम लोगों को साफ़ सफ़ाई के काम में लगाया था.
साफ़ सफ़ाई करते वक्त मेरी बहन को एक किताब मिली जो उसने मुझे दिखायी.

जब हमने उस किताब को खोला तो देखा कि उसमें सेक्स कहानियां और सेक्स आसनों के बारे में लिखा था.

ये देखकर मेरी बहन पूछने लगी- ये क्या है?
तब मैंने उससे कहा- कुछ नहीं है.

ये कह कर मैंने वह किताब बंद करके अपने पास रख ली.
वह गुस्सा होकर वहां से चली गयी.

शाम को साफ़ सफ़ाई करने के बाद हम सब लोगों ने मिल कर खाना खाया और फिर सोने के लिए अपने कमरे में चले गए.
मेरी बहन और मैं एक ही कमरे में सोते थे तो मैंने कमरे की लाइट बंद करके नाइट बल्ब जला दिया और उसके सोने का इंतज़ार करने लगा ताकि सुबह मिली किताब को पूरा पढ़ सकूँ.

जब बहन सो गयी तो मैंने धीरे से फ़ोन की लाइट जलायी और वह किताब पढ़ने लगा.
नाइट बल्ब में इतनी रोशनी नहीं होती है कि किताब आसानी से पढ़ी जा सके.
इसलिए मैंने मोबाइल की टॉर्च जला ली थी.

उसमें एक कहानी बहन और भाई के सेक्स की भी थी.
जिसको पढ़ कर मैं बहुत उत्तेजित हो गया और अपने हाथ से अपने लंड को सहलाने लगा.

जैसे जैसे कहानी आगे बढ़ती गई, मेरा लंड भी पूरी तरह खड़ा होकर चड्डी से बाहर निकलने को होने लगा.

मैंने अपने लंड को अपनी चड्डी से निकाल दिया और मुट्ठ मारने लगा.
मगर दिक़्क़त तब हुई, जब कहानी तो ख़त्म हो गयी मगर मेरी वासना अभी तक शांत नहीं हुई.

तभी मेरी नजर मेरी सोती हुई बहन की नंगी गोरी और चिकनी टांगों पर पड़ी.
उसकी टांगों को देख कर मैं और ज़ोर ज़ोर से मुट्ठ मारने लगा.

मेरी बहन घर पर ज़्यादातर शॉर्ट्स पर ही रहती है पर मैंने पहले कभी भी उसको ऐसी नजरों से नहीं देखा था.
पर पता नहीं आज क्यों मैं अपने आप को रोक नहीं पाया और देखते ही देखते मेरे लंड ने पानी छोड़ दिया.

सच में आज लंड से पानी भी काफ़ी मात्रा में निकला था.
उसके बाद बहन की गोरी टांगों को देखते देखते पता नहीं कब नींद लग गयी, पता ही नहीं चला.

सुबह जब बहन ने मुझे जगाया, तब मेरी नींद खुली.
वैसे तो रोज मुझे जगाने का काम मेरी बहन ही करती थी, पर पता नहीं आज क्यों उसके जगाने का तरीक़ा कुछ उखड़ा हुआ था.

शायद वह कल की बात को लेकर अब तक गुस्सा थी.
पर अब मेरा मन तो उसकी जवानी के मज़े लेने का होने लगा था, तो मुझे अब कुछ भी करके उसके गुस्से को प्यार में बदलना था.

जब मैं उठकर कमरे से बाहर निकला, तब तक घर से पापा काम पर जा चुके थे और मां किचन में खाने की तैयारी में लगी हुई थीं.

तभी बहन मां को आवाज लगाती हुई बोली- मां, मैं नहाने जा रही हूँ. तब तक आप खाना बना दीजिए. फिर मुझे स्कूल भी जाना है.

अब मैं हॉल पर बैठ कर फ़ोन चलाने लगा. कुछ देर में जब बहन नहा कर निकली तो मैं उसको देखता ही रह गया.

गीले बाल, सफ़ेद तौलिया उसने बूब्स के ऊपर से बांधी हुई थी जकि मुश्किल से उसकी गोरी जांघों तक पहुंच रही थी.
उसके गोरे शरीर पर पानी की वे चमकती बूँदें उफ्फ … क्या मस्त माल लग रही थी.

उसको ऐसे देखते थोड़ी देर में मैंने महसूस किया कि मेरी तोप ने भी पोजीशन लेनी शुरू कर दी थी.
उसके कमरे में जाते ही में सीधा बाथरूम में घुस गया और मुट्ठ मारने लगा.

तभी मेरी नजर उसकी नीले रंग की ब्रा पर पड़ी.
फिर मैं उसकी ब्रा को अपने लंड में लपेट कर मुट्ठ मारने लगा और पूरा माल उसकी ब्रा पर ही गिरा दिया.

थोड़ी देर में मैं फ़्रेश होकर बाहर निकल आया और खाने के लिए बैठ गया.
बहन भी बैठ कर खाना खा ही रही थी.

तभी मैंने उससे पूछा- तू गुस्सा क्यों है?
उसने कुछ जवाब नहीं दिया.

मैंने दुबारा उससे पूछा तो उसने कहा- नहीं, ऐसा कुछ नहीं है.

मैंने धीरे से उससे कहा- तू कल की बात को लेकर अब तक गुस्सा है ना! चल तेरा गुस्सा ख़त्म करता हूँ. आज रात को मैं तुझे वह दूँगा, जिसके लिए तू गुस्सा है.

यह सुनते ही उसके चेहरे पर ख़ुशी झलक उठी.
वह बोली- सच भाई?
मैंने कहा- हां एकदम सच.

फिर वह स्कूल के लिए निकल गयी और मैं घर पर रह कर शाम का इंतज़ार करने लगा.
आज का दिन काटे नहीं कट रहा था.
किसी तरह दिन ख़त्म हुआ. शाम हुई, सबने खाना खाया और सोने के लिए मैं अपने कमरे में आ गया.

थोड़ी देर में बहन भी कमरे में आ गयी आज उसने एक हल्की सा जालीदार लाल टॉप और नीचे शॉर्ट्स पहना हुआ था.

वह कमरे में आने के बाद मेरे बग़ल में आकर बैठ गयी और लालच भरी निगाहों से मेरी तरफ़ देखने लगी.
तब मैंने उससे कहा- अभी थोड़ी देर रुको, पहले सभी को सो जाने दो.

दस बजे के पास घर पर मम्मी पापा सो गए थे.
तब मैंने धीरे से उसे उठाया तो वह तुरंत उठ कर बैठ गयी.

फिर मैंने उसे वह किताब निकाल कर पढ़ने को दी और उसे अपने बग़ल मैं बैठ लिया.
वह बहुत ही शांति से सेक्स कहानियां पढ़ने लगी.

मैंने उससे कहा- तुम लेट कर आराम से पढ़ो.
वह भी बिना कुछ बोले लेट कर पढ़ने लगी.

थोड़ी देर बाद मैंने धीरे से अपना एक हाथ उसके गोरी जांघ पर रख दिया जिस पर उसने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी.
शायद वह कहानी में इतना खो गयी थी कि उसे पता ही नहीं चला.

फिर मैंने अपना दूसरा हाथ धीरे से उसके सिर पर रखा और उसके काले बालों से खेलने लगा.

कुछ देर बाद मैंने धीरे से एक हाथ उसके बूब्स पर रखा और उन्हें दबाने लगा.
तभी वह बोली- भाई ये क्या कर रहे हो?

मैंने उससे कहा- देखो रिया तुम कहानी पढ़ कर जो महसूस कर रही हो, उससे ज़्यादा मज़ा इसमें आएगा.
तो वह बोली- पर आप मेरे भाई हो!

इस बात पर मैंने उसे भाई बहन की सेक्स कहानी खोल कर पढ़ने के लिए बोला.

वह पढ़ने के बाद बोली- भाई क्या ये सब सच में होता है?
मैंने कहा- और नहीं तो क्या!

फिर मैं धीरे से उसके बूब्स दबाने लगा और उससे कहने लगा- देखो रिया अब तुम बड़ी हो गयी हो. तुम्हें हर चीज की जानकारी होनी चाहिए इसलिए मैं तुम्हें सब कुछ सिखाऊंगा.
इस बात पर वह कुछ नहीं बोली और उसने धीरे से सिर हिला दिया.

अब मैंने बिना टाइम जाया किए उसके मुलायम होंठों पर अपने होंठ रख दिए और उसे किस करने लगा.
थोड़ी देर में वह भी मेरा साथ देने लगी.

फिर धीरे से मैंने अपने दोनों हाथों से उसके टॉप को उतार दिया.

उसने काली रंग की ब्रा पहनी हुई थी, जो उसके गोरे मम्मों को आधा ही ढक पा रही थी.
उस काली ब्रा से बाहर झांकते हुए आधे दूध बड़े ही क़यामत ढा रहे थे.
मैं ब्रा के ऊपर से ही उसके दूध दबाने लगा, तो वह भी सिसकारियां लेने लगी.

‘उफ़्फ़ आह आह उफ़्फ …’ करने के साथ ही वह अपने होंठों को भी काट रही थी.
मैं अपने हाथों को और नीचे ले गया और धीरे से उसके शॉर्ट्स को खोलने लगा.

जल्दी ही मैंने उसके शॉर्ट्स को उतार दिया.

शॉर्ट्स के अन्दर उसने काले रंग की पैंटी पहनी हुई थी.

हल्की रोशनी में गोरे बदन पर काली रंग की ब्रा और पैंटी उफ़्फ़्फ … मेरी बहन क्या माल लग रही थी.
उसे ऐसे देख कर मुझसे रहा नहीं गया और मैं उस पर टूट पड़ा.

मैंने उसके होंठों को चूमने से शुरूआत की.
वह भी मेरा जम कर साथ दे रही थी.

कभी उसकी जीभ मेरे मुँह में तो कभी मेरी जीभ उसके मुँह में.
फिर मैं उसकी गर्दन पर किस करते हुए उसको मम्मों को चूसने और काटने लगा.

वह आहें भरने लगी- उफ़्फ़ ओह्ह आह.

मैंने अपने थूक से उसके दोनों मम्मों की … और पूरे पेट की मसाज सी कर दी.
थूक की मसाज के बाद उसका बदन पूरा चमक रहा था.

इसके बाद मैं अपनी दोनों उंगलियां पैंटी के बग़ल से ही उसकी चूत में घुसाने लगा.
उसने झट से अपने पैरों को सिकोड़ लिया.

फिर मैं अपने सिर को नीचे ले जाकर उसके दोनों टांगों के बीच ले गया

उसकी चूत बिल्कुल गीली हो चुकी थी.
लग रहा था कि वह भी लंड के लिए तड़प रही थी.

मैंने अपनी जीभ को धीरे से उसकी चूत में लगाया और चाटने लगा.
उसकी चूत में जीभ लगाते ही जैसे उसकी जान ही निकल गयी हो … उसकी सिसकारियों से पूरा कमरा गूंज उठा ‘उफ्फ आह उम्म शीईई आराम से भैया.’
वह मेरा सर पकड़ कर अपनी चूत पर दबाने लगी.

थोड़ी ही देर में उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया और मैं तुरंत उसका पूरा रस पी गया.
शायद ही मैंने उतना स्वादिष्ट रसपान पहले कभी किया था.

वह भी ढीली पड़ गयी.
उसकी गुलाबी चूत के होंठ उफ … क्या क़यामत लग रहे थे.

फिर मैंने अपनी चड्डी उतार दी और अपना सात इंच लम्बा लंड उसके हाथ में थमा दिया.
लंड में हाथ लगाते ही वह आंखें फाड़ कर बड़ी सोच के साथ उसे घूरे जा रही थी.

मैंने उससे पूछा- क्या हुआ?
वह बोली- भाई इतना बड़ा … मुझे डर लग रहा है!

मैंने उससे कहा- अरे कुछ नहीं होगा, तुम पहले इसे चूसो.
पहले तो वह मना करती रही, पर बाद में काफ़ी कहने पर मान गयी.

जैसे ही उसने अपने जीभ से लंड को छुआ आह … मेरा लंड तो फटने को हो रहा था.
उसने मेरे लंड को पूरे मज़े के साथ मुँह में लेना शुरू कर दिया.

बीच बीच में मैं उसका सर पकड़ कर पूरा अन्दर तक लंड डाल देता, जिससे उसकी सांस रुक जाती और वह छटपटाने लगती.

दस मिनट की मुँह चुदाई के बाद वह मुझसे बोली- भाई मेरी चूत में खुजली हो रही है, जल्दी से अब कुछ करो.

मैंने भी बिना देर किए उसे बेड पर लिटा दिया और उसकी गोरी गांड के पीछे एक तकिया सैट कर दिया.

उसकी गुलाबी चूत पूरी भीगी हुई थी.
मैंने बिना देर किए अपना लंड उसकी चूत के छेद पर लगाया और एक ज़ोर का झटका दे मारा.

उसकी चूत शायद कभी चोदी नहीं गयी थी क्योंकि झटके के बाद भी मेरा लंड थोड़ा सा ही उसकी चूत में घुस पाया और वह चिल्लाने लगी.
उसकी आंखों में पानी भर आया.

मैंने थोड़ी देर इंतज़ार किया और फिर से एक झटका मारा. मेरा लंड उसकी चूत को फाड़ते हुए सीधा अन्दर प्रवेश कर गया और उसकी चीख निकल गयी.

मैं डर गया कि कहीं कोई सुन ना ले इसलिए मैं तुरंत उसके होंठों को चूमने लगा और उसके दर्द के कम होने का इंतज़ार करने लगा.

जैसे ही उसका दर्द कम हुआ, मैंने धीरे धीरे अपना लंड अन्दर बाहर करना शुरू कर दिया.

कुछ देर में उसे भी मज़ा आने लगा.
वह भी अपने दोनों पैरों को मेरी कमर पर लपेट कर मज़े लेने लगी- उफ़्फ़ आहह हम्म्म शीई ओह आह और तेज … और तेज यस ऐसे ही चोदो … आह फाड़ दो मेरी चूत आज … आह!

उसकी कामुक आवाज़ें निकलने लगीं.
बहन की गर्म आवाजें मुझे और भी परवान चढ़ा रही थीं. मैंने भी उसे हचक कर चोदना शुरू कर दिया.

वह और तेज चिल्लाने लगी- फ़क मी … और तेज आज भोसड़ा बना दे मेरी चूत का … आह!

वह उस वक्त बिल्कुल चुदी चुदायी लड़की के जैसी चुद रही थी, लग रहा था कि बहुत लंड ले चुकी हो.

क़रीब 30 मिनट की जबरदस्त चुदायी के बाद मैंने अपना माल उसकी चूत के अन्दर ही छोड़ दिया.

उस पूरी रात में मैंने उसे 4 बार चोदा और फिर कब हमारी आंख लग गयी, पता ही नहीं चला.
 

junglecouple1984

Active Member
867
1,049
139
भाभी ने मां बनने के लिए देवर से सेक्स किया



दोस्तो, मेरी उम्र 21 साल है.

यह कहानी दो साल पहले की है.

उस समय मैं दिल्ली में अपने भाई के साथ रहकर पढ़ाई कर रहा था.
मेरे मम्मी पापा गांव में ही रहते हैं. गांव में हमारी बड़ी खेती है.
पापा खेती का काम देखते हैं.

दिल्ली में मेरे भैया अपनी जॉब करते थे, वे दिन में ऑफिस निकल जाते थे और शाम को वापस आते थे.
तब तक मैं अपनी पढ़ाई के लिए कॉलेज जाता और कोचिंग आदि जाकर वापस आ जाता था.

उसी समय मेरे भैया के रिश्ते की बात चलने लगी.
उनका रिश्ता तय हो गया और हम सबने गांव में भैया की शादी का लुत्फ उठाया.

मेरे घर में भाई की शादी थी और शादी के बाद घर में प्यारी सी भाभी आ गईं.
भाभी की उम्र 29 साल है. वे एकदम हल्का सा सिंदूर मिले दूध की तरह गोरी हैं.

चूंकि हम लोग पंजाबी हैं, तो भाभी भी पंजाबन कुड़ी हैं. उनकी साढ़े पांच फिट की हाइट बड़ी ही मस्त है.

भाभी के 36 इंच के दूध तो मानो ऐसे हैं, जैसे दो गोल बड़े आकार के गुब्बारे उनके सीने पर बंधे हों.
बलखाती कमर 30 इंच की और पिछवाड़े में 38 इंच आकार के एकदम गोल तरबूज जैसे चूतड़ हैं.
कोई भी एक बार में ही उन्हें चोदने की कामना करने लगेगा.

मुझे भी भाभी बड़ी हॉट लगती हैं. मगर मैं उन्हें सम्मान की नजर से देखता था.

भाभी को घर में आए 6 महीने निकल गए थे.
मेरी उनसे बहुत घुटने लगी थी.
मुझे अपनी भाभी से बेहद प्यार हो गया था मगर ये प्यार सिर्फ देवर भाभी वाला प्यार था.
इसमें सेक्स वाली कोई भावना नहीं थी.

इस तरह से भाभी को घर में धीरे धीरे दो साल हो गए.
भैया भाभी का रोजाना सेक्स गेम होता है, ये मुझे मालूम था. क्योंकि भैया के कमरे के बाहर बनी खिड़की से उन दोनों की कामुक आवाजें मुझे सुनाई देती थीं और मैं बस मुस्कुरा कर रह जाता था.

लगातार चुदाई होने के बाद भी भाभी को संतान नहीं हो रही थी.
यह चिंता का विषय था.

मैंने एक दिन भाभी से कहा- मुझे बड़ा दुख होता है कि मुझे चाचा कहने वाला कोई नहीं है.
यह सुनते ही भाभी उदास हो गईं और धीमी आवाज में बोलीं- मैं क्या करूँ भैया … मेरे हाथ में थोड़े ही कुछ है. तुम्हारे भैया भी बहुत कोशिश करते हैं, पर तुम्हें चाचा कहने वाला मेरे पेट में आ ही नहीं रहा है.

मैंने उनकी तरफ देखा और न जाने किस झौंक में कह दिया- यदि मेरे भाई से कुछ नहीं हो सकता तो मैं क्या मर गया हूँ?
भाभी ने मेरी तरफ हैरानी से देखा और बिना कुछ कहे वे उधर से उठ कर चली गईं.

बाद में मुझे जानकारी हुई कि मेरे भैया में ही कुछ प्राब्लम थी, जिस वजह से भाभी को बेबी नहीं हो पा रहा था.
इस बात का मैंने फायदा उठाया.

अब मैं भाभी को वासना की नजर से देखने लगा था.
भाभी भी मेरी नजरों को समझने लगी थीं पर शायद वे पहल नहीं करना चाहती थीं.

एक दिन मैं भाभी की पैंटी सूंघ कर लंड हिला रहा था.
मेरे लंड का साइज 6 इंच है और ये किसी भी लड़की, भाभी, आंटी को फुल सॅटिस्फाइ कर सकता है.

मैं बाथरूम में लौड़े को हिला रहा था और अपनी भाभी के मादक जिस्म को याद कर रहा था.

कुछ ही देर में मेरे लौड़े का सारा माल निकल कर भाभी की पैंटी पर छप गया.
मैं भाभी की पैंटी को साफ करने लगा.

इतने में भाभी ने बाथरूम का दरवाजा बजा दिया- देवर जी क्या कर रहे हो. मुझे टॉयलेट जाना है, तुम जल्दी से बाहर आओ.

मैं जल्दी बाजी में घबरा गया और पैंटी को खूंटी पर लटका कर बाहर आ गया.
बाहर आया तो उस समय लंड एकदम कड़क था.
भाभी ने सीधा मेरे लंड की तरफ ही देखा.

उस समय गर्मी का मौसम था, तो मैंने केवल एक शॉर्ट्स पहना था, उसके अन्दर कुछ नहीं था.
चूंकि हिलाने के कारण मेरा लंड अब भी टाइट था तो शॉर्ट्स में से फूला हुआ साफ दिखाई दे रहा था.

भाभी ने लौड़े की अकड़न को देख कर ताड़ लिया कि मैं बाथरूम में लंड के साथ खेल रहा था.

वे एक पल देखने के बाद हंसी और वॉशरूम में अन्दर चली गईं.

मैं सर झुकाए अपने लौड़े को कोस रहा था कि मादरचोद झड़ने के बाद भी अकड़ा था.
भोसड़ी वाले ने इज्जत की वाट लगवा दी.

कुछ देर बाद भाभी बाथरूम से बाहर निकलीं और मुझे घूरती हुई बोलीं- देवर जी, अब तुम काफ़ी बड़े हो गए, शादी कर लो. ऐसे तो अपने आपको कमजोर ही करते रहोगे.

मैंने उनकी बात का मर्म समझ लिया और मना करते हुए कह दिया- मुझे जब तक आप के जैसी जोरू नहीं मिलेगी, तब तक नहीं करूँगा.

इतने में उन्होंने मुझे अपनी पैंटी दिखाई, जो मैंने वॉशरूम में गंदी कर दी थी.
उनकी पैंटी में चूत वाली जगह पर माल के दाग थे.

भाभी ने उसे मेज पर रखा और बोलीं- बताओ देवर जी … तुमने क्या किया है मेरी पैंटी के साथ?

मैंने सॉरी बोलते हुए कहा- सॉरी भाभी आगे से नहीं करूँगा.
मगर भाभी मुझसे लगातार यही कह रही थीं कि आने दो तुम्हारे भैया को … मैं उनसे ही तुम्हारी शिकायत करूंगी कि ये सब घर में चल रहा है. आज पैंटी पर दाग बनाया है, कल को सीधे सीधे मेरे दामन पर भी दाग लगा सकते हो!

ये सब कहते हुए उन्होंने मेरे ऊपर बड़ा गुस्सा किया.
मैं लगातार माफी मांगता रहा और उनके पैर छूकर क्षमा कर देने की बात कहता रहा.

फिर आख़िर में उन्होंने मेरे आगे शर्त रखी- यदि तुम मेरा एक काम करोगे, तो नहीं बोलूँगी.
मैंने- क्या काम?

उन्होंने कहा- तुम्हें मालूम है कि मुझे बच्चा नहीं हो रहा है. क्यों नहीं हो पा रहा है ये सब भी तुमको मालूम है. इसी वजह से हम दोनों पति पत्नी की आपस में बनती नहीं है और मुझे भी अपनी सास की जली-कटी सुननी पड़ती है. क्या तुम मेरी मदद कर सकते हो?
मैंने उनकी लालसा को भांप लिया था, तब भी मैंने अनजान बनते हुए कहा- हां भाभी आपको मुझसे कैसी मदद चाहिए?

उन्होंने सपाट शब्दों में कहा- सेक्स करोगे मेरे साथ? मुझे मां बना दोगे?
मैंने कहा- भाभी, मैं अभी उम्र में बहुत छोटा हूँ.

भाभी ने कहा- हां वो तो मैंने देखा था कि तुम कितने छोटे हो. फालतू की बात मत करो … समझे!
मैंने फिर से चिरौरी की ताकि भाभी को ये न लगे कि मैं खुद ही उन्हें चोदना चाहता हूँ.

‘भाभी प्लीज!’
‘फिर मैं सबको बता देती हूँ कि तुमने मेरे कपड़ों के साथ क्या हरकत की थी.’

मैंने नाटक करते हुए भाभी के सामने कान पकड़ते हुए कहा- प्लीज मुझे माफ कर दीजिए. आगे से ऐसी गलती नहीं होगी.
उन्होंने कहा- तुम समझते क्यों नहीं हो … मेरी मदद करने के लिए कह रही हूँ मैं तुमसे … कोई ऐयाशी करने के लिए नहीं कह रही हूँ. यदि तुमने मेरा साथ नहीं दिया तो मुझे मजबूरी में ऐसा कदम उठाना पड़ेगा, जो हमारे परिवार के लिए अच्छा नहीं होगा.

अब मैं समझ गया कि भाभी मेरी मजबूरी का फायदा नहीं उठा रही हैं.
उन्हें मेरे साथ की जरूरत थी और मेरा भी फर्ज बनता है कि मैं भाभी के साथ संभोग करके उन्हें मां बनाऊं.

मैंने हामी भर दी और कह दिया कि भाभी जैसा आप ठीक समझो.
उन्होंने मुसकुराते हुए मेरे माथे पर एक चुंबन किया और कहा- मैं सब सैट करती हूँ.

भैया को ऑफिस की तरफ बाहर जाना होता रहता था.
उन्हें भाभी ने इस सबके बारे में बता दिया था कि मैं देवर जी से सेक्स करके बच्चे की चाह पूरी करना चाहती हूँ. मुझे हर हाल में मां बनना है.

उन्होंने Xxx प्रेगनंट सेक्स के लिए भाभी से कह दिया था- ठीक है, तुम देख लो. कैसे क्या करोगी. जैसा तुम्हें अच्छा लगे सो करो.

ये सब बातें मुझे भाभी ने काफी बाद में बताई थीं.

दो दिन बाद भैया बाहर गए थे.
मैं रात को भाभी के कमरे में गया.
उधर भाभी नहीं दिखीं.

मैंने आवाज दी तो भाभी वॉशरूम में से बोलीं- आ रही हूँ … तुम कमरे से बाहर जाओ. मैं जब आवाज दूँ तो अन्दर आ जाना.
तो मैंने ओके कह दिया और उनके कमरे से बाहर चला गया.

कुछ देर बाद भाभी ने आवाज दी.
मैं उनके कमरे में चला गया.

भाभी बिल्कुल दुल्हन की ड्रेस में थीं और उन्होंने मेरे साथ सुहागरात मनाने की पूरी तैयारी की हुई थी.
मैंने उन्हें खुश होकर देखा और उनके पास जाकर बैठ गया.

भाभी ने दूध का गिलास उठा कर मेरे होंठों से लगा दिया.
मैंने एक घूंट पी कर गिलास भाभी के होंठों से लगा दिया.

सच में दूल्हे जैसी फीलिंग आ रही थी. भाभी मुझको अपनी बीवी सी ही लगने लगी थीं.

उसके बाद भाभी ने बाजू में रखा हुआ केक उठाया और मुझे खड़ा करके मेरे हाथ में अपना हाथ लगवा कर उसे कट किया.

मैंने केक का पहला पीस उठा कर भाभी को खिलाया.
भाभी ने आधा केक मुँह में दबा कर आंखों से इशारा किया.
मैं समझ गया कि भाभी साथ में केक खाने की कह रही हैं.

मैंने अपने मुँह बढ़ा कर भाभी के होंठों में दबा केक का बाकी का हिस्सा अपने होंठों में ले लिया और हम दोनों ने केक खा कर होंठों से होंठों को जोड़ दिया.

उसके साथ ही मैंने नीचे रखे केक में अपना हाथ दिया और उसमें से केक को नोंच कर उनके गाल पर मल दिया.
भाभी की मुस्कान खिल उठी.

मैंने उनके होंठों के केक को खाकर उन्हें स्मूच करने लगा.
भाभी भी साथ दे रही थीं तो हम दोनों कोई 15 मिनट तक एक दूसरे को चूस कर मजा लेते रहे.

मैं अब उनकी गांड भी दबा रहा था, उनकी चूत से मेरा लंड टच हो रहा था.
उन्होंने शरारती अंदाज में कहा- ये क्या है … इतना हार्ड?
मैंने कहा- खोल कर देख लो जान!

उन्होंने मेरे पैंट की चैन को खोल दिया और हाथ अन्दर डालकर लंड को पकड़ लिया.
मेरा कड़क लंड महसूस करते ही उनकी आंखें खुशी से चमकने लगीं.

भाभी बोलीं- इतना बड़ा और टमाटर सा मोटा सुपारा … ये कैसे किया?
यह कह कर भाभी एकदम से नीचे बैठ गईं और चूसने लगीं.

उन्होंने मेरे लौड़े को 5 मिनट तक चूसा और नशीली आंखों से कहा- साले, तू तो बड़ी लंबी रेस का घोड़ा निकला … भैन के लवड़े.
भाभी ने मुझे गाली देकर जोश बढ़ाया तो मैंने भी उनके एक दूध को दबाते हुए कहा- हां मेरी रंडी भाभी, आज तुम्हें पेट से करके ही छोड़ूँगा.

वे एकदम से खिल उठीं और बोलीं- तुम्हारे मुँह में घी शक्कर मेरे देवर जी. अब जल्दी से पेलो और मां बना दो मुझे.
मैंने कहा- इतनी जल्दी भी क्या है मेरी जान. पहले तो मुँह में घी शक्कर की बात को सुधारो. अब मेरे मुँह में किशमिश दो.

ये कह कर मैंने उन्हें पूरी नंगी कर दिया और उनके दूध आज़ाद कर दिए.
आह क्या रसीले दूध थे भाभी के … बड़े इतने कि 38 बी साइज़ के होंगे.

मैंने झट से उनके एक दूध पर मुँह लगा दिया.
भाभी खुद अपने हाथ से अपनी मीठी किशमिश मेरे मुँह में देने लगीं ‘आह चूस लो मेरे निप्पल मेरी जान.’

मैंने थोड़ा सा निप्पल को काटा, तो भाभी ने गाली दी- धीरे कर भोसड़ी के … कहीं भागी नहीं जा रही हूँ.

ये मेरा फर्स्ट टाइम था तो मैंने जल्दी से उनकी चूत पर हाथ रख दिया और रगड़ने लगा. ऊपर दूध चूस रहा था और नीचे चूत मसल रहा था.

तभी मैं नीचे हुआ और उनकी चूत पर मुँह लगा दिया.
वे चिल्ला उठीं- ये क्या कर रहा है लवड़े!
मैंने कहा- आज आपको मजा आ जाएगा भाभी.

मैं भाभी की चूत जीभ से पूरी अन्दर तक चाट रहा था.

तभी अचनाक से उन्होंने मेरा मुँह अपनी टांगों में कस लिया और झटके लेती हुई झड़ने लगीं.

उन्होंने अपनी चूत से ढेर सारा माल मेरे मुँह में झाड़ दिया.
आह अह करती हुई जब तक भाभी पूरा नहीं झड़ गईं, तब तक उन्होंने मेरे सर को अपनी टांगों से छोड़ा ही नहीं.

मैंने भी उनकी चूत का सारा रस चाट लिया और चूत को चाट कर चमका दी.

भाभी ने मुझे उठाया और सीने से लगा कर किस करने लगीं.

मैंने उनके दूध दबाए और कहा- अब दोनों एक साथ करते हैं.
भाभी राजी थीं.

हम दोनों 69 में आ गए.
उन्होंने मेरा लंड चूसा, मैंने फिर से चूत चाटी.

कुछ 5 मिनट चूसने के बाद मेरा लंड बिल्कुल हार्ड हो गया था.
मैंने कहा- अब चूत को मौका दो!

भाभी चित लेट गईं.

मैंने लंड सैट करके पेला तो फिसल गया.
फिर से मैंने कोशिश की तो फिर से फिसल गया.

उन्होंने हंसते हुए कहा- जरा रूको चूतिया नंदन … साला अनाड़ी से चुदाई और सर का बवाल.
भाभी ये कह कर जोर से हंसने लगीं.

अब उन्होंने अपने हाथ से लंड पकड़ा और अपनी चूत पर रख कर कहा- अब लगाओ धक्का.
जैसे ही मैंने धक्का मारा, मेरा लंड चीरता हुआ चूत में घुस गया.

तभी भाभी की चीख निकली और उन्होंने मुझे गाली दे दी- उई मां मादरचोद ने फाड़ दी … बहन के लंड साले तेरी भैन की चूत कुत्ते … आराम से कर भोसड़ी के … साले का लंड है या लोहे का सरिया है.

अब मैं उनके ऊपर पूरा लेट गया और धीरे धीरे धक्के लगाने लगा.
साथ ही मैं भाभी के बूब भी दबा रहा था.

उनको मजा आने लगा था.
मैंने धक्के तेज कर दिए.

जैसे जैसे मैंने धक्के तेज किए, पूरे कमरे में उनकी आह आह की आवाज गूँजने लगी.
भाभी की चूत से प्रीकम आ गया था, जिससे लंड सटासट आने जाने लगा था.

अब भाभी को लंड से सही मजा आ रहा था, उनकी टांगें हवा में उठ गई थीं.

मैं और तेज तेज शॉट मारने लगा था.
भाभी किसी बाजारू रंडी की तरह आह आह कर रही थीं और कह रही थीं- चोद मां के लौड़े … और तेज तेज पेल.

मैं समझ गया था कि उनका आने वाला है.
तभी उन्होंने माल छोड़ दिया.

मेरा अभी नहीं हुआ था.
फिर मैंने उन्हें घोड़ी बना कर चोदा. इस आसन में मेरा लंड भाभी की चूत की पूरी गहराई में उतर चुका था.

चूत बिल्कुल फट चुकी थी क्योंकि भाभी ने दर्द होने पर बताया था कि तेरे भैया का केवल 4 इंच का है और ये 6 इंच का है.

शायद इसी लिए भाभी की चूत से थोड़ा खून भी आ गया था.
अब मैंने एक तेज झटका मारा, जो सीधा भाभी की बच्चेदानी में जाकर टच हुआ.

भाभी को बहुत दर्द हुआ, फिर खुशी हो गई थीं.
वे कह रही थीं- लगता है आज जी बच्चा निकाल दोगे!

मैं हंसने लगा और उन्हें चोदने में लगा रहा.
फिर भाभी दुबारा से झड़ गईं.

मेरा अभी भी नहीं निकला था.

भाभी ने कहा- अब मुझे ऊपर आना है. मुझे लंड की सवारी करनी है.
मैंने उन्हें लौड़े पर ले लिया और उन्होंने गांड उछाल उछाल कर लौड़े को अन्दर तक लिया.

काफी देर तक मैंने रिवर्स्ड काउ गर्ल पोज में भाभी की मारी.
अब मेरा आने वाला था.

मैंने इसी पोज में वीर्य चूत के अन्दर छोड़ दिया.

भाभी भी मेरे साथ में झड़ गईं.
उनके चेहरे पर बड़ी खुशी थी.

वे सीधी होकर लेट गईं.
उन्हें प्रेग्नेंट होना था इसलिए वे ध्यान दे रही थीं कि वीर्य चूत से बाहर ना आए.

कुछ आधा घंटा तक भाभी सीधी ऐसे लेटी रही मानो इंजन में ग्रीसिंग चल रही हो.
फिर वे खड़ी हुईं.

उन्हें टॉयलेट जाना था.
मैं उनको गोदी में उठा कर ले गया, पेशाब करवाने लगा.
उनकी चूत में से सीटी बजने की आवाज आ रही थी.

बाद में उन्हें बिस्तर पर लाकर मैंने उन्हें फिर से दो बार और चोदा और हर बार अपना माल उनकी चूत में ही टपकाया.

चौथी बार की चुदाई में मेरा लंड झड़ने का नाम नहीं ले रहा था तो मैंने भाभी की गांड मारने का फ़ैसला किया.

भाभी भी राजी थीं.

अब मैंने भाभी की 38 साइज की गांड मारी.
कुछ देर तक मैंने उन्हें डॉगी स्टाइल में चोदा और उनकी गांड में ही झड़ गया.

उसके बाद मैं वहीं सो गया.
सुबह हमने फिर से सेक्स किया.

अगले एक हफ्ते तक मैंने भाभी के साथ धुआंधार सेक्स किया.
उस महीने में भाभी के पीरियड बंद हो गए थे.
उन्होंने चैक किया तो वह प्रेग्नेंट हो गई थीं.
 

junglecouple1984

Active Member
867
1,049
139
सौतेली मां को बेटे के लंड की ख्वाहिश



नमस्कार दोस्तो, मेरा नाम कमलेश नट है.


यह मेरे और मेरी सौतेली मम्मी के बीच हुई सत्य घटना है.

मेरी सौतेली मम्मी का नाम रचना है (ये नाम बदला हुआ है.)
उनकी उम्र 35 साल की है और वे एक गृहणी हैं. उनका फिगर काफी मादक है.

मां के तने हुए 34 इंच के चूचे 28 की बलखाती कमर और 36 इंच की बाहर को निकली हुई एकदम गोल गांड है.
उनका ये मतवाला जिस्म किसी को भी पागल कर देने के लिए काफी है.

हम लोग गांव में रहते हैं. हमारा गांव में एक छोटा सा कच्चा मकान है. उसी में एक छोटा सा आंगन भी है.

दोस्तो, हम लोग एक ऐसे वर्ग से आते हैं, जिसमें गांव गांव नौटंकी और नाच गाना आदि करके पेट पालना होता है.

हालांकि मैं एक पढ़ने वाला युवा हूँ और अपने इस पैतृक व्यवसाय से दूर रहना चाहता हूँ.
मैं और मेरी मां इस काम से दूरी बना कर रहते थे और पापा को भी इससे कोई दिक्कत नहीं थी.

मेरी मां की मृत्यु के बाद पापा ने अपनी उम्र से करीब बीस साल छोटी लड़की से शादी की और उसे मेरी सौतेली मां बना कर घर ले आए.

मेरे पिता के पास पैसा है और उन्होंने एक गरीब मगर खूबसूरत लड़की को अपनी अंकशायनी बना लिया था.

शुरुआत के सालों में पापा ने मम्मी को खूब शारीरिक सुख दिया, पर उसके बाद पापा की चुदाई की क्षमता खत्म हो गई और मम्मी की शारीरिक भूख बढ़ने लगी.

यह बात मुझे मालूम थी और मेरी कामुक नजरें अपनी मम्मी की मादक जवानी पर टिक गई थीं.

मम्मी ने भी मेरी नजरों को पढ़ लिया था और वे भी मेरे सामने बिंदास रहने लगी थीं.
मुझे उनके कामुक जिस्म के दीदार होने लगे थे.

पापा के बाहर चले जाने के बाद घर में मम्मी मुझे उत्तेजित करने जैसी बहुत हरकतें करती थीं.
जैसे खुले आंगन में नहाते समय सिर्फ एक पेटीकोट पहन कर उसे अपने मम्मों पर चढ़ा लेती थीं और नहाने के बाद गीले पेटीकोट में ही अपने कमरे में कपड़े पहनने जाती थीं.

उस समय मम्मी जानबूझ कर मुझे आवाज देकर किसी न किसी काम को करने के लिए अपने पास बुलाती थीं जिससे मैं उनके गीले पेटीकोट में से दिख रहे उनके बदन को देख सकूँ.

उनके नारियल जैसे सख्त और नुकीले दूध गीले पेटीकोट में से साफ दिखाई देते थे और चूचियों के निप्पल तो समझो मेरे लौड़े में आग लगा देने के लिए पेट्रोल का काम करते थे.

एक दिन ऐसा ही हुआ.
मैं गया और उनका सब कुछ देख कर मैंने मम्मी से पूछा- आपने मुझे क्यों बुलाया है मम्मी?

मम्मी हंस कर बोलीं- बस ऐसे ही. मैंने सोचा कि तुम्हें भूख लग रही होगी, मैं बस अभी कपड़े पहन कर तुझे खाना लगा देती हूँ.

मैंने भी कह दिया- आप मुझे दूध पीने को दे देना, बाकी मैं बाद में देख लूँगा.
मम्मी कामुक हंसी हँसती हुई अपने दूध उठा कर बोलीं- ठीक है, तुझे अभी गर्म करके दे देती हूँ.

इस तरह की दो अर्थी बातों से मैंने ये महसूस कर लिया था कि मम्मी मेरे नीचे आने को तैयार हैं. बस मुझे ही हिम्मत करके उन्हें कुछ कहना या करना होगा.

एक बार किसी गांव में एक शादी समारोह था जिसमें डांस के काम के लिए सभी घरवाले चले गए थे.
पापा भी उनके साथ गए थे.

घर में मैं और मेरी सौतेली मां ही रह गए थे.
जब सब लोग चले गए तो मेरी नजर मेरी मां पर गड़ गई.

मां उस समय किचन में खाना बना रही थीं. मैं उनसे मिलने के लिए बेचैन हो गया.

मैं रसोई में पहुंचा और मैंने उनसे कहा- आज आप बहुत हॉट लग रही हो!

तब मम्मी ने कहा- ज्यादा झूठ मत बोल, मुझसे मजाक मत किया करो. गांव में तुम्हें कोई और नहीं मिला … जाओ जाकर किसी और से मजाक करो.
मैंने कहा- नहीं, मैं मजाक नहीं कर रहा हूं … आप वाकयी बहुत हॉट और क्यूट लगती हो. अगर कोई भी आपको एक बार देख ले, तो पक्का उसके मुँह में पानी आ जाएगा.

इतना बोल कर मैं एकदम से चुप होकर बाहर की ओर देखने लगा.
वे मुझे एकटक देखी जा रही थीं.
हालांकि उन्होंने कुछ नहीं बोला मगर लग रहा था कि वे मन ही मन बहुत खुश हो रही थीं.

मैं कुछ देर रुकने के बाद बाहर चला गया और दोस्तों के साथ समय बिताने लगा.
उधर मैं गांव के लड़कों के साथ दारू पीकर मस्ती करने लगा.

शाम को मैं घर वापस लौटा तो मैंने देखा कि मां खाना बना कर बैठी थीं.

जब मैं उनके पास गया तो उन्होंने कहा- आज बड़ा बदला बदला सा लग रहा है?
मैंने कहा- आप ही बता दो ऐसा आपको क्यों लग रहा है?

उन्होंने कुछ नहीं बोला और खाना खाने के लिए पूछा.
मैंने हामी भर दी और उन्होंने दोनों का खाना परोस दिया.

कुछ मिनट में हमारा खाना खत्म हुआ और उसके बाद मैंने जाकर घर का फाटक बंद कर दिया और उसमें ताला लगा दिया.

ताला लगाने के बाद मैं फिर से उनके पास आया.
वे सामने खड़ी थीं.

मैंने मां से सीधे-सीधे बोल दिया- आप अपनी मर्जी से दे रही हो या मैं जबरदस्ती से ले लूं.

वो जैसे कुछ समझ नहीं पाईं और मेरी तरफ देखती रहीं.
इसके बाद उन्होंने कहा- तुम क्या कह रहे हो … मैं क्या न दूं तुझे, जो तू जबरदस्ती लेने की बात कर रहा है?

मैंने आगे जाकर उनके हाथ को अपने हाथ में लिया और उनके हाथ पर एक किस कर दिया.

किस करने के बाद मैंने उन्हें घुटने पर बैठकर कहा- आई लव यू मम्मी.
उन्होंने भी कहा- आई लव यू टू बेटा … लेकिन तू आज मुझे अपनी गर्लफ्रेंड की तरह प्यार करने जैसी बात क्यों कर रहा है?

मैंने कहा- मैं आपको अपनी गर्लफ्रेंड ही तो मान रहा हूं.
उन्होंने कहा- यह गलत है.

मैंने कहा- इसमें कुछ भी गलत नहीं है मां … तुम एक औरत हो और मैं एक मर्द हूं. इसमें क्या दिक्कत है?
उन्होंने कहा- मुझे इसके बारे में पहले सोचना पड़ेगा.

मैंने कहा- तो सोच लो आज पूरा मौका है. मैं आपको बेहद प्यार करता हूँ.
वे मुस्कुरा दीं.

उनकी मुस्कान देख कर मेरी खुशी का ठिकाना न रहा.
मैंने आगे बढ़ कर उनके गाल पर एक चुम्मी ले ली.

वे सिहर गईं और कुछ दूर को हो गईं.

फिर थोड़ी देर बाद उन्होंने वहीं पर खड़े खड़े मुझसे कहा- यह गलत होगा!
मैंने कहा- कुछ गलत नहीं होगा, प्लीज मम्मी मान जाओ ना! हमारे परिवार में सेक्स को लेकर सब कुछ खुला है.

मां ने कहा- हां, वो तो ठीक है … पर मां बेटे में सेक्स नहीं होता है.

मैंने कहा- तुम मेरी सौतेली मां हो और जवान हो. मेरा बूढ़ा बाप अब तुम्हारी आग को शांत नहीं कर पाता है.
ये सुनकर मेरी मां मुस्कुराने लगीं.

कुछ देर बाद उन्होंने कहा- ओके, पर यह बात किसी और को पता नहीं चलना चाहिए.
मैंने कहा- ठीक है.

मैंने आगे होकर उनको अपनी बांहों में भर लिया.
बांहों में भरने के बाद मैंने उनके होंठों पर अपने होंठ रख दिए और चूमने लगा.

पहले पहल मां ने साथ नहीं दिया पर बाद में वे मेरे साथ किस करने लगीं.

लगभग दस मिनट तक हमारा किस चला.
इसके बाद उन्होंने मुझे अलग किया और कहा- आज रात को हम वो सब करेंगे.
मेरी तो खुशी का ठिकाना ही नहीं रहा.

उन्होंने कहा- पहले कंडोम की व्यवस्था करो. अभी पहली बार में ही मुझे तुम्हारा बच्चा नहीं चाहिए.

मैं बाहर आया और बाहर आकर मैं गांव की आशा बहन जी के घर गया.
आपको मालूम होगा कि आंगनबाड़ी में जो महिला काम करती हैं, उन्हें आशा बहन जी कहा जाता है.

मैंने उन्हें एक पर्ची पर कंडोम की जगह प्रोटेक्शन लिख कर दे दिया.
उसे लगा कि ये मैंने किसी और के लिए मांगे हैं.

तब भी उसने पूछा- तुम्हें ये क्यों चाहिए?
मैंने कहा- मेरे मम्मी मंगा रही हैं.

उसने मुझे संदेह की नजर से देखा.
मैंने उससे पूछा- क्या हुआ … मेरी मम्मी कुछ गलत दवा मंगा रही हैं.

वे समझी कि मुझको पढ़ना लिखना नहीं आता.

उसने दो पैकेट कंडोम के दे दिए.
उसके बाद मैं घर आ गया.

इसके बाद मैं गेट बंद करके रूम में आ गया.
सामने मां बड़ी वासना भरी नजरों से मेरी तरफ देख रही थीं.

हम दोनों ने एक दूसरे को देखने के बाद मूक इशारा किया और मां बिस्तर पर जाकर लेट गईं.
मैं उनके ऊपर चढ़ गया.

मगर मेरी किस्मत भी साली गधे के लंड से बंधी थी.
उसी समय दरवाजे पर कुछ आहट मिली.

मैंने वहां जाकर देखा तो पापा जी आ गए थे.
मेरी तो गांड फट गई, पैरों के नीचे से जमीन सरक गई.

यह तो अच्छी बात हुई थी कि अभी हमने कपड़े नहीं निकाले थे इसलिए आज तो बच गए थे.

पापा ने मां से कहा- खाना लगा दो.

वे दारू के नशे में थे तो ज्यादा कुछ नहीं हुआ.

खाना खाकर वे दोनों कमरे में चले गए.
मैंने दरवाजे की झिरी से झांका, तो पापा ने मम्मी के कपड़े उतारे बिना ही उनकी साड़ी ऊपर की और लंड पेल दिया.

बमुश्किल एक दो मिनट उन्होंने पुल्ल पुल्ल जैसा कुछ किया और मम्मी के बाजू में लुढ़क गए.

मम्मी ने बड़ी बेरुखी से उनकी ओर देखा और अपनी चूत में उंगली करने लगीं.

मैंने समझ लिया कि मेरा 55 साल का बाप 35 साल की जवान मम्मी को संतुष्ट नहीं कर पाता है और इसी लिए मेरी सौतेली मम्मी मेरे साथ सैट हो गई थीं.

उस रात तो कुछ नहीं हुआ.
लेकिन अब हम दोनों के बीच छिपा हुआ इश्क चलता रहा.
कभी चोरी छुपे मैं मम्मी को किस कर देता था, तो कभी हम दोनों में लिप लॉक हो जाता था.

फिर एक दिन मौका मिल गया.
उस दिन पापा घर पर नहीं थे.
घर के बाकी के सदस्य भी किसी दूसरे गांव में नौटंकी का प्रोग्राम देने गए थे.

उस दिन मां ने मुझसे कहा कि आज रात को जश्न करेंगे.
मैंने समझ लिया कि आज मां की चूत मिलेगी.

मैंने कहा- क्या ले आऊं … जश्न के लिए?
मां ने कहा- कंडोम तो उसी दिन के रखे हैं. अपने लिए कुछ लाना हो तो ले आना.

मैंने समझ नहीं सका.
मां ने हाथ के इशारे से दारू पीने का कहा तो मैं समझ गया.

उस दिन बाजार से मैं देसी मसाले वाली दारू और कुछ नमकीन ले आया.
रात आठ बजे से हम दोनों कमरे में आ गए और हम दोनों ने दारू पार्टी शुरू कर दी.

मां ने तीन गिलास दारू जल्दी जल्दी गटक ली और नशे में झूमती हुई बोलीं- ला … एक बीड़ी दे.
मैंने सामने के आले में से बीड़ी और माचिस उठा कर मां को दे दी.

मां ने एक बीड़ी सुलगाई और बंडल माचिस मेरी तरफ बढ़ा दिया- ले तू भी सुलगा ले.
मैंने बीड़ी सुलगाते हुए कहा- कुछ दिखाओ तो मजा आए!

मां ने हंस कर अपना पल्लू गिरा दिया और बोलीं- ले दूध पिएगा.

मैंने मां के रसभरे मम्मे देखते हुए हाथ आगे बढ़ा दिया और उनके एक दूध को दबा दिया.
मां- आह साले मादरचोद बनना चाहता है?

मैंने हंस कर उनके ब्लाउज को खींच कर फाड़ दिया और कहा- हां तू भी अपने लौंडे से चुदवाने को मचल रही है.

हम दोनों हंसने लगे और चुदाई का खेल शुरू हो गया.

जल्दी ही हम दोनों नंगे हो गए थे और मां ने मेरा लौड़ा मुँह में लेकर चूसना चालू कर दिया था.

वे कह रही थीं कि तेरा बाप अब ढीलू राम हो गया है. साले का लंड अन्दर जाते ही झड़ जाता है.

मैंने कहा- हां मैंने देखा है. अब वे चुदाई में फुस्स हो गए हैं. पर तू चिंता मत कर रच्चो … आज तेरी चूत का भोसड़ा बनना तय है.

मेरी मां मेरे मुँह से अपना नाम रचना की जगह रच्चो सुनकर बहुत खुश हुईं और हम दोनों का चुदाई समारोह शुरू हो गया.

मैंने अपनी सौतेली मां की टांगें फैलाईं और उनके चूत के मुहाने पर लौड़ा टिका दिया.
मां ने गांड उठा कर लंड पेलने का इशारा किया.

मैंने उसी पल लंड को चूत में पेल दिया.
मां की चीख निकल गई और अगले कुछ पल बाद वे लौड़े के साथ खेलने लगीं.

उस रात मैंने मां को तीन बार चोदा और एक बार उनकी गांड भी मारी.

सुबह चार बजे तक चुदाई समारोह चला और उसके बाद हम दोनों सो गए.

अब हम दोनों मां बेटे खुल कर चुदाई का मजा लेते हैं.
दोस्तो, जैसा कि मैंने बताया कि हम लोग नाटक नौटंकी वाले वर्ग से आते हैं और हमारे परिवार की औरतें व लड़कियां किसी भी मर्द से चुदने में कोई गुरेज नहीं करती हैं, बस पैसा मिलना चाहिए.

इसी वजह से कुछ समय बाद मेरी सौतेली मां रचना ने भी मेरे साथ एक डांस प्रोग्राम में हिस्सा लिया और उधर चुदाई का खेल भी हुआ.
मेरी मां अपनी सहमति से कुछ लोगों से चुदने को राजी हो गईं.
 

junglecouple1984

Active Member
867
1,049
139
युवा बेटे से लिया चुदाई मजा



फ्रेंड्स, मेरा नाम नेहा है, मैं रायपुर छत्तीसगढ़ से हूँ।

अभी मेरी उम्र 35 साल है, मेरे बूब्स 36 इंच के हैं, कमर 34 की और यहां पर हर मर्द की सबसे पसंदीदा चीज मेरी गांड 40 इंच की है.

मेरे पति जिनका नाम विक्रम है, वे मुझसे 10 साल बड़े हैं. पति की उम्र 45 साल है और मेरे पति का लंड 4 इंच का ही है.

मैं अपने पति की दूसरी बीवी हूँ.
उनकी पहली पत्नी से हुए बेटे की उम्र 19 साल है.
उसका नाम अयन है.

मेरे पति के छोटे लंड से मेरी यौन संतुष्टि नहीं होती.

यह Xxx स्टेप मॉम सन कहानी मेरे और मेरे बेटे के बीच में हुई चुदाई की है।

तो मैं इन्टरनेट पर सेक्स साईट की खोज करती हुई Xforum पर पहुँच गयी.
अब मुझे Xforum पर सेक्स स्टोरी पढ़ना बहुत पसंद है.

एक दिन मैंने मां बेटे की चुदाई की स्टोरी पढ़ी और मैंने सोचा कि क्या ये भी हो सकता है?
अगर ये हो जाए तो मुझे घर में ही चुदाई की खुशी मिल सकती है.

मेरे पति से तो वैसे भी कुछ होता नहीं है.
वे उम्र से पहले ही बूढ़े हो गए हैं.
मुझ पर चढ़ने के कुछ मिनट में ही उनका काम तमाम हो जाता है.

यह सोच कर मैंने मन में विचार किया कि क्यों ना अपने बेटे के लौड़े से ही अपनी प्यास बुझाई जाए.
उस दिन से मैंने सोचना शुरू कर दिया था कि अपने बेटे को चोदने के लिए कैसे तैयार करूं; उसके लौड़े को अपनी चूतचुदाई के लिए कैसे खड़ा करूँ.

फिर मैंने और मां बेटे की चुदाई की कुछ और कहानियां पढ़ीं.
उनसे मुझे आईडिया मिला.

अगले दिन जब मेरे पति ऑफिस चले गए, तब मैंने अपनी ब्रा और पैंटी निकाल दी और एक झीनी सी नाइटी पहन ली.
फिर जानबूझ कर मैंने नाइटी को अपनी गांड की दरार में डाल ली, जिससे मेरे बेटे को अपनी मां की जवानी अच्छे से दिख जाए.

वह हॉल में बैठा मोबाईल चला रहा था.
मैं उसे चाय देने गई और कुछ ऐसे झुकी कि उसको मेरे बूब्स अच्छे से दिखें.

जैसे ही उसकी नजर नाइटी के अन्दर गई, तो वह कुछ देर तक देखता रहा.

जब मैंने उससे पूछा कि क्या देख रहा है?
तो वह थोड़ा घबरा गया और चाय लेकर पीने लगा.

जैसे ही मैं पीछे मुड़ कर जाने लगी तो उसने मेरी गांड में घुसी हुई नाइटी देख ली.
मैं जानबूझ कर अपनी गांड मटकाती हुई अन्दर चली गई.

उसे मैं कनखियों से देख भी रही थी कि वह अब क्या करता है.
मैंने देखा कि वह पैंट के ऊपर से ही अपने लंड को दबा रहा था.

मुझे अभी भी ऐसा लगा कि ये इस तरह कभी तैयार नहीं होगा.
वह मुझसे ये सब करने से डर रहा है.

उस दिन मेरी किस्मत भी मेरे साथ थी.
मेरे पति को किसी काम से ऑफिस में ही रुकना पड़ा.

फिर मैंने प्लान बना लिया कि आज ही अपने बेटे का लंड चूतमें लेना है.
मैं बाजार गई और यौनेच्छा वर्धक वटी लेकर आ गई.

मैंने बेटे से कहा कि आज तेरे पापा नहीं हैं, तो आज तू मेरे साथ ही सो जा.
उसने बोला- ठीक है.

मैंने उसको दूध में वह गोली मिला दी और उसे दूध पिला दिया.
उसके बाद हम दोनों सोने चले गए.

मैंने अपने रूम में नाइट बल्ब जला दिया और हम दोनों सोने लगे.

फिर मैंने धीरे धीरे अपनी नाइटी ऊपर कर ली.
अब नाइटी मेरी गांड के ऊपर आ गई थी.

मेरा बेटा सोने की कोशिश कर रहा था पर उसे नींद नहीं आ रही थी क्योंकि उस पर गोली का असर होने लगा था.

मैंने छुप कर उसे देखा तो उसका लंड पूरा खड़ा हो गया था और वह बार बार उसे दबा रहा था.
फिर मैंने देखा वह बाथरूम में चला गया, मैं भी उसके पीछे पीछे गई.

मैंने देखा कि उसने बाथरूम का दरवाजा बंद नहीं किया था.
तो मैंने दरवाजे को थोड़ा सा धक्का दिया तो वह खुल गया.
अंदर झांक कर मैंने देखा कि वह अपना लंड निकाल कर हिला रहा था.

मैंने देखा कि उसका लंड मेरे पति से काफी बड़ा है.
मैं इस तरह के लंड के सपने न जाने कब से देख रही थी.

मुझे ऐसा लगने लगा कि ये लंड मेरी चूत फाड़ रहा है.

जैसे ही मुझे होश आया तो मैंने सोचा कि ये कुछ नहीं करेगा, मुझे ही कुछ करना होगा.

मैं जल्दी से बाथरूम में घुस गई.
वह डर गया और उसने लंड अन्दर डाल लिया.

लेकिन गोली की वजह से उसका पानी जल्दी नहीं निकलने वाला था.
उसका अकड़ा हुआ लंड उसके पजामे में साफ साफ दिख रहा था कि कितना बड़ा है.

मैंने उससे कहा- यह क्या कर रहा है?
वह डरते डरते बोला- कुछ नहीं मम्मी … मेरे पेनिस में दर्द हो रहा था. इसलिए मैं इसे ढीला करने की कोशिश कर रहा था.

मैंने उससे कहा- अरे … तो तूने मुझे क्यों नहीं जगाया, चल रूम में दिखा मुझे अपना लंड … और बता कहां पर दर्द हो रहा है?
हम दोनों रूम में आ गए.

मैंने उससे पजामा निकालने को बोला.
वह मना करने लगा.

मैंने उसका पजामा पकड़ कर नीचे कर दिया, फिर मैंने उसकी चड्डी को भी खींच दिया.

जैसे ही उसकी चड्डी निकली, तो उसका लंड एकदम से मेरी नाक पर लगा.
मेरे बेटे का लौड़ा बहुत टाइट था.

वह पीछे को हट गया.
मैं उसके पास को हुई और लंड को पकड़ लिया.

आप सबको क्या बताऊं कि उस टाइम मेरी हालत कैसी होगी!
मैंने जिंदगी में पहली बार इतना बड़ा लंड पकड़ा था … आह क्या लंड था.

मैंने उसके लंड को धीरे धीरे आगे पीछे किया, फिर अपने हाथों की रफ्तार बढ़ा दी और उसे तेज तेज हिलाने लगी.

मेरे बेटे को मजा आने लगा.
उसने अपनी आंखें बंद कर लीं और मजे लेने लगा.

फिर मैंने उसका लंड मुँह में ले लिया और चूसने लगी.

वह एकदम से दूर हो गया और बोला- मम्मी ये गलत है.
मैं बोली- कुछ गलत नहीं है. इधर आ जल्दी से … और मुझे मजा लेने दे.

वह नहीं माना.
मेरी चूत में वैसे ही आग लग रही थी और ये नाटक कर रहा था.

मैंने उसे पकड़ा और कहा- मैं जो बोलूं, चुपचाप वह कर … नहीं तो तेरे पापा से बोल दूँगी कि तू मुझे रोज बाथरूम में देखता है और मेरी ब्रा पैंटी पर मुठ भी मारता है.
वह बोला- मैंने ऐसा कब किया?
तो मैं बोली- तेरे पापा को थोड़ी पता है कि तुमने किया है या नहीं, वे तो मेरी बात मानेंगे ना. अब बोल मैं जो बोलूं, वह करेगा ना!

वह भी वासना में गर्म हो गया था, इसलिए बोला- हां करूंगा.

बस फिर क्या था … मैंने उसको पूरा नंगा किया और उसका लंड मुँह में लेकर चूसने लगी.
मैंने उससे कहा- जल्दी से मेरे कपड़े उतार!

उसने धीरे धीरे मुझे पूरी नंगी कर दिया और मेरे दूध देखने लगा.
मैं उसके सामने पूरी नंगी थी और जोश में मचल रही थी.

फिर मैं इठलाती हुई बेड पर लेट गई और उसे उंगली से अपने करीब बुलाया.
मैंने उससे कहा- चल शुरू हो जा.

वह बोला- मुझे नहीं आता कैसे क्या करते हैं?
मैंने कहा- मेरे पास आ और मेरे ऊपर लेट जा. मुझे किस कर जल्दी से.

वह आया और मेरे ऊपर चढ़ गया, मुझे किस करने लगा.
और मैं उसका पूरा साथ दे रही थी.

करीब 5 मिनट बाद मैंने उससे कहा- मेरे बूब्स दबा और चूस. आज अपनी मां का फिर से दूध पी ले बेटा.
वह मेरे मम्मों को जोर जोर से दबाने लगा और मेरे निपल्स को दबाने और चूसने से मेरे अन्दर मदनरस बहने लगा.

मैंने उसके मुँह में अपना एक निप्पल दे दिया और वह जैसे बचपन में दूध पीता था, वैसे निप्पल को खींच खींच कर पी रहा था.
मुझे बहुत मजा आने लगा.

मेरी चूत में सनसनी होने लगी थी और कुछ देर बाद मेरी चूत ने अपना पानी छोड़ दिया.

फिर मैंने उससे कहा- अब नीचे जा और मेरी दोनों टांगों के बीच में आग लगी है, उसको ठंडा कर दे.

वह नीचे को गया तो मैंने उसका मुँह अपनी चूत पर लगा दिया.

फिर जैसे ही उसकी जीभ की नोक मेरी चूत के दाने पर लगी, मुझे मानो जन्नत जैसा अहसास हुआ.
आप सबको मैं लिख कर कैसे बताऊं कि मुझे कैसा लग रहा था.

मैं अपना एक हाथ उसके बालों में घुमा रही थी … सच में बहुत मजा आ रहा था.
मेरा बेटा लगातार अपनी मां की चूत को चाट रहा था. मुझे इतना मज़ा आने लगा था कि मैं पागल ही हो गई थी.

मैंने अपने हाथ से उसके सर को चूत पर दबा दिया और खुद अपनी कमर उठा कर उसके मुँह पर चूत रगड़ने लगी.

मेरा जिस्म इतना ज्यादा कड़ा हो गया था कि कुछ समझ ही नहीं आ रहा था कि क्या करूँ.
उत्तेजना बढ़ती गई और कुछ ही पलों बाद मेरी चूत से पानी निकल गया.

मैंने लंबी सांस लेते हुए उसको छोड़ दिया और ऐसे ही बेड पर निढाल लेटी रही.

वह भी मेरे पास आकर लेट गया.

मैंने उससे कहा- बेटा, तेरे पापा अब बूढ़े हो गए हैं. उनसे ये सब नहीं होता है. तुम मुझे एक बात बताओ, अगर तुम्हारी बीवी तुमको ये मजा नहीं दे पाए, तो तुम क्या करोगे?
वह कुछ नहीं बोला बस मेरी चूचियों से खेलता रहा.

कुछ देर बाद वह बोला- मुझे गुस्सा आएगा और मैं किसी और के साथ सेक्स करूंगा.
मैं बोली- तुम तो किसी और के साथ सेक्स कर सकते हो, पर मेरा क्या … मुझे भी तो मजा चाहिए. मेरा भी मन करता है. मैं बाहर नहीं कर सकती हूं … इसलिए मैंने ये सब तेरे साथ किया है.

वह- पर मम्मी, पापा को पता चला तो क्या होगा?
मैं- उनको कैसे पता चलेगा. हम दोनों किसी को नहीं बताएंगे.

वह- ओके मम्मी, ठीक है. आपके लिए मैं सब कुछ करूंगा.
मैं- थैंक्यू बेटा … आई लव यू बेटा.
वह- आई लव यू टू मम्मी.

हम दोनों फिर से किस करने लगे.
कुछ ही देर में हम दोनों फिर से गुत्थम गुत्था होने ले और जल्द ही गर्म हो गए.

मैंने उसे 69 में लिया और मैं अपने बेटे का लंड चूसने लगी.

वह भी गोली खाए हुए था तो उसका लंड जल्द ही एकदम कड़क हो गया.
मैंने बेटे से कहा- अब देर न कर बेटा … अपना मूसल जल्दी से मेरी चूत में डाल दे.

वह मेरे ऊपर चढ़ गया और चूत में लंड घिसने लगा.
मैं भी अपनी गांड को हिलाने लगी और लंड को चूत में लेने की कोशिश करने लगी.
उसी पल मेरे बेटे ने शॉट मारा और उसने एक बार में ही पूरा लंड चूत के अन्दर डाल दिया.

एकदम से लौड़ा अन्दर गया तो मेरी बहुत तेज चीख निकल गई.
उसने पूछा- क्या हुआ मम्मी?
मैंने दर्द से कराहते हुए कहा कि आह बेटा मार दिया … तूने इतनी जोर से क्यों पेला? मैंने बोला था ना कि तेरा बहुत बड़ा है और तेरे पापा का छोटा सा है. मेरी चूततेरे पापा के लवड़े के हिसाब से ही है. तेरे लंड को झेलने में अभी इसे समय लगेगा.

वह बोला- सॉरी मम्मी, अब धीरे धीरे करूंगा.
मैं बोली- रुक थोड़ी देर … फिर करना.

क्या बताऊं दोस्तो, मुझे ऐसा लगा कि आज ही मेरी सील टूटी है. मुझे बहुत दर्द हुआ था.

कुछ पल बाद जब मुझे आराम हुआ.
तब मैंने उससे कहा कि अब धीरे धीरे शुरू कर … फिर स्पीड बढ़ाना.

उसने वैसा ही किया.
वह धीरे धीरे धक्के मारने लगा.

मुझे थोड़ा दर्द हुआ मगर फिर बहुत मजा आने लगा.

मैं अपनी कमर उठा उठा कर लंड ले रही थी.
चूत के अन्दर मुझे बहुत मजा आ रहा था.
Xxx स्टेप मॉम सन सेक्स से मैं जन्नत में थी.

ऐसे ही उसने मुझे 20 मिनट तक चोदा.
मैं इस बीच दो बार झड़ गई थी.

अब उसका पानी निकलने वाला था.
मैंने उससे कह दिया था कि अन्दर ही निकाल देना.
वह बोला- कुछ होगा तो नहीं?

मैं बोली- कुछ नहीं होगा, तू अन्दर ही निकाल दे.

कुछ टाइम बाद मेरी चूत में मुझे उसका गर्म पानी महसूस हुआ.
मुझे बहुत अच्छा लग रहा था.

चुदाई के बाद हम दोनों एक साथ ऐसे ही नंगे सो गए.

कुछ देर बाद फिर से संग्राम शुरू हुआ और उस रात हम दोनों ने दो बार और चुदाई की
 

junglecouple1984

Active Member
867
1,049
139
मामी की चूत का भोसड़ा बना दिया



दोस्तो, मेरा नाम गौरव है.
गाज़ियाबाद का रहने वाला मैं एक 19 साल का युवा हूँ.
मैं काफ़ी हट्टा-कट्टा भी हूँ क्योंकि मैं एक स्पोर्ट्स पर्सन हूँ.

मेरी हाइट 5 फुट 11 इंच है.
लड़कियों की जानकारी के लिए बताना चाहूँगा कि मेरे लंड का साइज़ काफी अच्छा है.
यह 7 इंच लंबा और 3 इंच मोटा है जो किसी भाभी या लड़की को संतुष्ट करने के लिए काफ़ी है.

दोस्तो, ये मेरी पहली सेक्स कहानी है.
यह Xxx फैमिलीसेक्स की कहानी आज से 2 साल पहले उस वक्त की है जब मेरी 12 वीं क्लास का सेशन शुरू ही हुआ था.
उस दिन मैं स्कूल से वापस घर आया तो पापा फोन पर मामा जी से बात कर रहे थे.

पापा का फोन स्पीकर पर था तो सब सुनाई दे रहा था.
मामा जी ने बोला कि उनको अपने दोस्त की शादी में गुजरात जाना है और घर पर कोई देख-रेख के लिए नहीं है.

उस पर पापा ने उन्हें आश्वासन दिया कि वे मुझे भेज दे रहे हैं.

मेरे मामा की फैमिली में सिर्फ़ नाना नानी, मामा मामी और उनका एक बेटा ही है.
उनका बेटा अभी सिर्फ़ 2 साल का है और नाना जी की 2 साल से तबीयत ठीक नहीं है. वे लकवाग्रस्त हैं और बिस्तर पर पड़े रहते हैं.
नानी बहरी हैं तो उन्हें कुछ सुनाई देता है.

मामा से बात खत्म हो जाने के बाद मेरे पापा ने मुझसे कहा- जब तक तेरे मामा शादी से नहीं आ जाते, तब तक तू अपनी नानी के यहां चला जा!
तो मैंने हामी भर दी और स्कूल में अनुपस्थित रहने के लिए पापा ने प्रार्थना पत्र लिख दिया.

मैं अपनी तैयारी करके अगले दिन नानी के घर जा पहुंचा.

मैंने गेट बजाया तो मामी ने दरवाजा खोला.
मेरी मामी का नाम प्रीति है. उनकी उम्र 27 साल है.

मामी का फिगर 34-30-36 का है.
वे देखने में इतनी मारू लगती हैं कि अच्छे अच्छों का लंड एक झटके में खड़ा हो जाए.

आप खुद ही समझो कि उनकी 30 इंच की कमर पर 36 इंच की गांड जब मटकती होगी तो लौड़ों की तो वाट लगना तय ही है.

उस पर उनके तोप से तने हुए दूध … और वे भी उनके गहरे गले वाले कपड़ों में से आधे से ज्यादा झांक कर मर्दों को पुकारते कि आओ भाई आम चूस लो.

जैसे ही मैंने उन्हें दरवाजे पर देखा, मेरे लंड में हलचल मच गई और लंड एकदम से खड़ा हो गया.

पर मैंने मामी के पैर छुए और अन्दर आ गया.

मैं नाना नानी से भी मिला, पर मेरी नज़रें सिर्फ़ मामी के कयामत बरपाते हुस्न पर ही टिकी थीं.

मैंने ठान लिया था कि कैसे भी करके इनकी लेना है और इनको दम से चोदना है.

मैं नाना जी के पास बैठा था और उनसे बातें कर रहा था कि इतने में मामी ने मुझसे चाय नाश्ता के लिए आने को कहा.

तो मैं उठ कर सोफ़े पर बैठ गया और मामी ने झुक कर चाय नाश्ता टेबल पर सजा दिया.

उनकी चूचियों के दर्शन हुए तो लंड अपनी औकात दिखाने लगा.

मामी ने कनखियों से मेरे लौड़े को फूलता हुआ देख लिया था.
उन्होंने होंठों पर आती हुई मुस्कान को कुछ ऐसे छिपाया कि मैं देख ही न सका.

मामी मेरे बाजू में बैठ गईं और मुझसे बातें करने लगीं.
मैं भी उनसे बातें करने में बड़ा रस टपका रहा था.

कुछ देर बाद मामी ने कहा- तुम सफर से आये हो, थक गए होंगे … नहाना चाहो तो नहा लो और थोड़ा आराम कर लो.
मैंने उन्हें हां कहा और अपने सामान को उठा कर किसी कमरे में रखने की सोचने लगा.

तो मामी ने कहा- अपनी अटैची मेरे कमरे में रख दो. रात को भी तुम मेरे साथ ही सो जाना.

मैंने उनके मुँह से यह सुना कि रात में मेरे साथ ही सो जाना, तो कसम से ऐसा लगा जैसे मामी कह रही हों कि रात को मुझे चोद देना.

खैर … अपने सपनों पर काबू रखते हुए मैंने सामान मामी के कमरे में रखा और अटैची में से अपनी तौलिया और अंडरवियर निकाल कर बाथरूम में जाने लगा.

मामी ने मुझे अपने कमरे के बाथरूम में ही नहाने जाने के लिए कह दिया था.

मैं उनके बाथरूम में गया और तौलिया व अंडरवियर को खूंटी पर टांगने लगा.
उसी खूंटी पर मामी की ब्रा पैंटी भी टंगी थी.

पारदर्शी ब्रा पैंटी देख कर लंड हिनहिनाने लगा.
मैंने लौड़े को सहलाना शुरू कर दिया.

कुछ ही देर में मैंने मामी की पैंटी को लंड पर लपेटा और मुठ मारनी शुरू कर दी.

लंड ने पानी छोड़ने का आभास दिया तो मैंने मामी की पैंटी को अलग किया और उसे सूंघते हुए माल झाड़ दिया.

उसके बाद मैं नहा कर कमरे में आ गया और एक घंटा तक सोकर आराम किया.

शाम को जब डिनर का समय हुआ तो मामी ने खाना खाने के लिए बुलाया और सभी का खाना हुआ.
अब सब सोने लगे.

मामी ने पहले ही कहा था कि मुझे उनके साथ उनके ही कमरे में सोना था.
तो मैंने उनकी तरफ देखा कि मुझे किधर सोना है.
उन्होंने कहा- तुम कमरे में जाकर सो जाओ.

तो मैं उनके बिस्तर पर जाकर लेट गया.

दिन में सो चुका था तो नींद नहीं आ रही थी; दिमाग में बस मामी का यौवन ही चल रहा था.

काफी देर तक मामी नहीं आईं तो मैं सो गया.

रात को मेरी आंख खुली तो मैंने देखा मामी मेरे बगल में सोई हुई हैं.
वे सिर्फ़ नाइटी में हैं. उन्हें ऐसे देख कर मेरा लंड खड़ा हो गया.

मैंने सोचा कि क्यों ना मामी की कुछ पिक्स ली जाएं.
तो मैंने फोन निकाला और मामी की नाइटी में फ़ोटो लेने लगा.

फिर मैंने आहिस्ता से उनकी नाइटी के सामने के हुक खोले तो देखा कि मामी ने अन्दर ब्रा नहीं पहनी थी.
उनके गोरे गोरे दूध मुझे मदहोश करने लगे थे.

मैंने मामी के मम्मों की कुछ पिक्स ले लीं और एक बार उनकी नाइटी के गले का एक हिस्सा जरा सा उठा कर अन्दर देखा तो उनके दूध का भूरा निप्पल दिखाई दिया.

तब मैंने बहुत कोशिश की कि किसी तरह से उनकी नाइटी के अन्दर का जलवा भी मोबाईल में कैद हो जाए लेकिन यह संभव न हो सका.
नाइटी मामी के शरीर से दबी हुई थी.

कुछ देर बाद मैं उनके करीब होकर लेट गया.
फिर मैंने अपने सारे कपड़े उतार दिए और धीरे से उनका हाथ पकड़ कर अपने लंड पर रख दिया.

मामी गहरी नींद में थीं तो उनकी तरफ से किसी भी तरह की कोई हलचल नहीं हो रही थी.
मैं उनके हाथ से लंड को हिलवाने लगा तो लंड कड़क होने लगा.

वासना ने मुझे संयम त्यागने पर मजबूर कर दिया और मामला गड़बड़ा गया.
मैंने उनका हाथ लंड पर कुछ जोर से दबा दिया और वे अचानक से हिलीं.

अब मामी की आंख खुल गई.
तो वो मेरा लंड देखकर सिहर गईं और कुछ तेज स्वर में बोलीं- ये तुम क्या कर रहे हो. तुम्हें शर्म नहीं आती. मैं तुम्हारी मामी हूँ और तुम मेरे साथ ये सब कर रहे हो!

मैं काफी घबरा गया था, मैं हकलाते हुए कहने लगा- अरे मामी सुनो तो, वो मैं आपको बहुत पसंद करता हूँ और आपकी खूबसूरती को इतने नजदीक पाकर मुझसे रुका न गया. मैं आपको एक बार पाना चाहता हूँ, प्लीज़ मना मत करो.
ये सब मैंने न जाने किस झौंक में कह दिया.

मामी- तुम पागल हो गए हो. रुको मैं अभी तुम्हारे मामा को फोन करती हूँ.
अब मेरी गांड फट गई और मैंने उनके हाथ से उनका मोबाईल छुड़ा लिया.

मैं उनसे माफी मांगने लगा और कान पकड़ने लगा- मामी जी सॉरी मुझसे गलती हो गई है. प्लीज मुझे माफ कर दीजिए. आगे से ऐसी गलती दुबारा नहीं होगी. आप जो कहेंगी … मैं वो सब करूंगा. प्लीज आप मुझे माफ कर दीजिए.

मामी शांत हो गईं और एक पल बाद बोलीं- तुम देखने के ही पहलवान हो. बाकी तुम्हारे अन्दर तो चूहे से ज्यादा हिम्मत नहीं है!

उनकी ये बात सुनकर मैं उन्हें देखने लगा.
मेरी समझ में नहीं आ रहा था कि मामी जो कह रही हैं, उसका क्या मतलब है.

चूंकि गांड फटी हुई थी तो कुछ कह भी नहीं पा रहा था.

तभी मामी ने एक और धमाका किया.
वे कहने लगीं- बाथरूम में भी तुमने मेरी पैंटी के साथ गलत किया था.

अब मैं चौंक गया कि वो सब उन्होंने कैसे देख लिया.

तो मैंने उनसे पूछा- मामी, वो सब आपने …
मैंने आधी बात कही और रुक गया.

मामी मुझे विजयी भाव से देख रही थीं.

तभी मुझे ज्ञान प्राप्त हुआ कि मामी मुझे नंगा देखने की कोशिश कर रही थीं, तभी उन्हें अन्दर का नजारा दिख गया था.

अब मैंने हिम्मत की और उनकी एक चूची को जोर से दबाते हुए कहा- चूहा नहीं हूँ मैं … आपके लिए सांड भी बन सकता हूँ.
वे हंसने लगीं और कहने लगीं कि बड़ी जल्दी समझ गए.

अब हम दोनों में चुंबन होने लगा.
फिर मामी कहने लगीं- गौरव, मैं तुम्हारे साथ सेक्स नहीं कर सकती. मैं सेक्स छोड़कर बाकी सब करने के लिए तैयार हूँ.

मैंने कहा- ये क्या बात हुई. लंड देखने के बाद भी लेने का दिल नहीं कर रहा है आपका … ऐसा क्यों?
वे कुछ नहीं बोलीं.

मैंने कहा- ठीक है. यदि प्यार करते समय चुदने का मन हो जाए तो चूत में लंड ले लेना.
ये कह कर मैंने उनकी नाइटी निकाल दी और उन्हें किस करने लगा.

वे भी मेरा पूरा साथ देने लगीं.
मैंने उनके हाथ में लंड फिर से दे दिया और उनके बूब्स पीने लगा.

मामी के मम्मों में अब भी काफ़ी दूध आता था.
मैंने दूध पिया तो उनसे पूछा- क्या अभी भी आपका बेबी दूध पीता है?

वे बोलीं- नहीं अब ज्यादा नहीं पीता है. कभी कभी ही मचल जाता है तब पी लेता है.
मैंने कहा- आज मैं भी मचल गया हूँ. मैं पी सकता हूँ न!

मामी ने मेरे सर को अपने मम्मों पर दबाया और दूध चुसवाने लगीं.

साथ ही मामी मेरा लंड हिलाए जा रही थीं.

मामी लौड़े को सहलाती हुई कहने लगीं- गौरव, तुम्हारा तो काफ़ी बड़ा है और काफ़ी मोटा भी है. ऐसा खाया है तुमने … जो ये झड़ने का नाम नहीं ले रहा है.

मैंने कहा- इसे मुँह में लेकर चूसो.
मामी- मैंने कभी मुँह में नहीं लिया, मुझे घिन आती है.

मैं- आज ले लो … मज़ा आएगा.
मेरे यह कहते ही मैंने लंड उनके होंठों पर रख दिया और वो जीभ से टोपे को चाटने लगीं और मुँह में फिर से लेकर चूसने लगीं.

मैंने उन्हें 69 में किया और उनकी चूत चाटने लगा.

मामी- उओ आहह सस्शह … यह क्या कर रहे हो … आह मज़ा आ रहा है … गौरव प्लीज़ अच्छे से चाटो आज पहली बार किसी ने ऐसा किया है.

यह सुनकर मैं रुक गया और मैंने कहा- अब मैं तभी चूत चाटूँगा, जब आप मुझे चुदने के लिए तैयार हो जाओगी!

मामी- साले, चूत तो चाट ही रहा है, अब लंड भी पेल दे भोसड़ी के … चोद दे जितना मन करे, उतना चोद ले … पर अभी चूत चाट मादरचोद.

तब मामी का एकदम से रूप बदल गया था; वे एक सड़क छाप रांड की भाषा बोलने लगी थीं.

मैं भी फिर से मामी की चूत चाटने लगा.
मामी मादक आवाजें निकालने लगीं- आजहह मज़ा आ गया … आहह आज से मैं तुम्हारी रांड बनकर रहूंगी … आहह जितना चाहो उतना चोद लेना.

कुछ देर बाद मैं मामी के ऊपर चढ़ गया और लंड चूत पर सैट कर दिया.
मामी बोलीं- प्लीज गौरव बहुत आराम से डालना … तुम्हारा लंड बहुत मोटा है.
मैंने कहा- अब काहे गांड फट रही है मेरी रानी!

यह कह कर मैंने एकदम से शॉट लगाया तो लंड 3 इंच अन्दर घुस गया.
मामी कलप कर बोलीं- आहह मां मर गई … बहुत मोटा है आह मैं नहीं ले पाऊंगी … निकालो … आहह प्लीज रुक जाओ आअहह निकालो मुझे नहीं चुदवाना.

मैंने उनकी चिल्लपौं को नजरअंदाज किया और फिर से एक दमदार शॉट लगा दिया.

इस बार मैंने पूरा लौड़ा मामी की चूत के अन्दर घुसा दिया.
मेरा लंड उनकी बच्चेदानी से जा टकराया.

मामी रोने लगीं और कराहती हुई बोलीं- आह … साले का कितना बड़ा है … मेरी जड़ तक घुसा दिया. आह मर गई. थोड़ा प्यार से चोद ना!
मैंने कहा- ओके मामी.

वे बोलीं- मामी नहीं, प्रीति बोल.
मैंने कहा- हां प्रीति मेरी जान. अब ये लो मेरे लंड का मजा देखो.

मैं धक्के लगाने लगा.
प्रीति- आहह … अया … मज़ा आ गया … तुमने तो आज मुझे अपना दीवाना बना लिया … आह चोदते रहो ऐसे ही … मज़ा आ रहा है. कहां छुपा कर रखा था इतना बड़ा लंड … आअहह आअहह ऊहह मांआ जरा आराम से कर ना.

मैं- प्रीति मेरी जान आज तेरी चूत फाड़ कर रख दूँगा … ये ले साली रांड.

प्रीति- आह फाड़ डाल माँ के लौड़े … आहह अपने बच्चे की मां बना दे साले मुझे … ऐसा लंड तो किस्मत वालियों को ही नसीब होता है आहह अह और तेज चोद … मज़ा आ गया.
इतना कहते कहते प्रीति मामी झड़ गईं.

वे कहने लगीं- अब रुक जाओ … मुझे दर्द हो रहा है प्लीज़ रुक जाओ … आआहह आआहह मांआ प्लीज़ नहीं करो.
मगर मैं अपने लंड को तेज तेज अन्दर बाहर करता गया और कुछ ही देर में मामी एक बार और झड़ गईं.

वे कहने लगीं- साले मेरी जान लोगे क्या … बस कर न … और कितना चोदोगे?
मैं- अभी तो शुरूआत है मेरी जान.

मामी- प्लीज़ अब बस करो, बहुत जलन हो रही है. तेरा लंड बहुत बड़ा है, चूत का भोसड़ा बना दिया. मैं हाथ जोड़ती हूँ, प्लीज अब मत चोदो.

मैंने धक्कों की स्पीड तेज कर दी और अपने चरम पर पहुंचने लगा.

चरम पर आते समय मर्द की रफ्तार अत्यधिक तेज हो जाती है और उसे कुछ भी नहीं सूझता है.

मामी तड़फ कर कहने लगीं- आअहह … धीरे करो प्लीज़ … तेरा बहुत मोटा है आहह प्लीज़ आराम से करो … गौरव मेरी फट गई है प्लीज़ रुक जाओ.

मैं बिना सुने चोदता रहा और वे रोती रहीं- आह तुम इंसान हो या जानवर … और कितना चोदोगे आअहह मांआ मर गई आहह.

मैंने उन्हें चूमते हुए कहा- बस मैं झड़ने वाला हूँ … जल्दी बोलो कहां निकालूँ?
प्रीति मामी ने कहा- मेरी चूत में ही निकाल दो मुझे तुम्हारा बच्चा चाहिए … आअहह अन्दर ही निकल जाओ.

मैं अन्दर ही झड़ गया और प्रीति मामी को किस करने लगा.

फिर मैंने पूछा- कैसा लगा?
उन्होंने कहा- आज से पहले इतना मज़ा कभी नहीं आया, पर तुम थोड़ा धीरे किया करो प्लीज़
 

junglecouple1984

Active Member
867
1,049
139
गाली के बदले मिली भाभी से चूत




दोस्तो, मेरा नाम नितेश है. मैं जयपुर में रहता हूँ. मुझ Xforum पर कहानी पढ़ते हुए कई साल हो गए हैं.
मेरी हाईट 6 फीट है.

मेरा लंड इतना बड़ा है कि इसके नीचे कोई भी चूत हो, संतुष्ट जरूर हो जाएगी.

Xforum पर यह मेरी पहली सेक्स कहानी है, अगर आपको पसंद आए तो जरूर बताना.

यह देवर भाभी का सेक्स आज से 2 साल पहले का है.
मेरे भाई की शादी हो चुकी थी और मेरी भाभी का घर में आना हो गया था.

भाभी का नाम खुशबू है. मेरी भाभी की हाइट 5.5 है.
मेरी भाभी कसम से गजब पटोला हैं, उन्हें देखते ही लंड में पानी आ जाता है.

एक दिन की बात है. भाभी खाना बना रही थीं.

मैं उनके पास गया और कहा- भाभी, खाना खिला दो.
उन्होंने कहा- बैठ जाओ, मैं परोस देती हूँ.
मैं बैठ गया.

भाभी ने थाली में खाना परोस कर मेरे सामने रखते हुए कहा- लो खाना खा लीजिए देवर जी.
मैं खाना खाने लगा.

उस दिन रोटी कुछ ज्यादा ही मोटी बनी थी.

भाभी किचन में गर्म गर्म रोटियां सेंक रही थीं.

मैंने भाभी से बोला- मुझको पतली रोटी पसंद हैं भाभी. प्लीज मेरे लिए पतली रोटी बना दो ना!

भाभी मोटी रोटी ही बनाती हैं, पर मेरे कहने पर उन्होंने पतली रोटी बना देती थी.

पर भाभी को आज पता नहीं किस बात का गुस्सा आ रहा था.
भाभी ने कह दिया- तेरी मां की चूत. खाना है तो खा, नहीं तो चल यहां से … आजकल बहुत नखरे करने लगा है तू!

मैंने भी उनके मुँह से ये सुना तो पलट कर जवाब में बोल दिया- तू क्या बिना अपनी मां की चूत के ही पैदा हो गई थी!

भाभी ने कहा- गलती से निकल गया सॉरी!
मैंने बोला- मैं भईया को बोलता हूं.

मैंने ऐसा बोला तो भाभी डर गईं. चूंकि वे नई नई थीं.

उन्होंने मुझसे कहा- सॉरी देवर जी, प्लीज किसी को मत कहना यार, गलती हो गई मुझसे. मैं तुम्हारे लिए पतली पतली रोटी बना देती हूँ.
मैंने कहा- अच्छा … ये सही है. पहले मुझको गाली दी और अब कह रही हैं कि मुझको गलती हुई मैं भुला दूँ!
तो भाभी ने कहा- जी गलती हो गई यार. तुम जो चाहो, वो कह सकते हो.

मैंने मौका देख चौका लगा दिया.
मैंने कहा- एक बार गाली में जो बोला वह दे सकती हो?

भाभी समझ गईं कि मैं चूत देने की बात कर रहा हूँ.

वे मना करने लगीं- अरे ये क्या बात हुई. वह कैसे दे सकती हूँ. वह तो तुम्हारे भैया की है.
मैंने कहा- कोई बात नहीं, मैं भाई को बोल दूंगा कि आप मुझको ऐसे बोल रही थीं.

मेरा इतना कहने पर भाभी मजबूर हो गई थीं और वे मान गईं.

उन्होंने कहा- आपके भईया चले जाएं. उसके बाद आपको जो चाहिए, वह ले लेना … मैं आपको दे दूंगी. पर अभी किसी को मत बोलना.
मैंने कहा- एक बार साफ साफ बता दो कि आप मुझे वह देने के लिए राजी हो गई हैं. वरना बाद में कहने लगो कि मैंने ये तो कहा ही नहीं था.

भाभी हंसने लगीं और बोलीं- तुम ही बता दो कि तुमको क्या चाहिए?
मैंने कहा- नहीं ये तो आपको ही बताना पड़ेगा. वर्ना आप कहोगी कि मैंने आपसे चूत मांगी थी.

यह सुनकर वे हंसने लगीं और बोलीं- अब तो तुमने अपने मुँह से कह ही दिया है कि तुमको मेरी चूत चाहिए … तो ले लेना यार. मैं भी मस्ती से दूँगी. पर मजा न आया तो बेलन गांड में घुसेड़ दूँगी … बता दिया.
मैंने कहा- आपको जो मन में आए, वह कर लेना. बस चूत चोदने के लिए खोल देना.

वे बोलीं- सिर्फ चोदना ही है या चाटना भी है.
मैंने कहा- साफ होगी तो चाट भी लूँगा.

इस तरह से हम दोनों में काफी देर तक सेक्सी बातें होती रहीं.

मेरे भाई सरकारी कर्मचारी हैं, उनकी ड्यूटी ऐसी है कि वे घर पर 10-15 दिन से ज्यादा रुकते नहीं हैं.

कुछ दिनों बाद भईया जॉब पर चले गए.

मैंने दिन में ही भाभी को अपना लंड खुजला कर इशारा कर दिया था.
उसी रात को भाभी ने एसएमएस किया कि कमरे में आ जाओ.

मैं उनके रूम में पहुंचा तो भाभी बोलीं- जो करना है. जल्दी करो और जाओ.
मैंने कहा- मेरा तो फर्स्ट टाइम है, तो पूरा टाइम लूँगा.

भाभी ने खुश होते हुए कहा- अच्छा जी. तुम्हारा फर्स्ट टाइम है तो ठीक है. जैसे लेना हो वैसे ले लो जी.
मैंने कहा- हां, वो तो मैं अपनी मर्जी से ही लूँगा.

भाभी ने कहा- किस तो कर लोगे ना!
मैंने कहा- हां, किस करने में तो मैं एक्सपर्ट हूँ.

वे बोलीं- किसी की ली भी है या ऐसे ही कह रहे हो?
मैंने कहा- क्या ली है? साफ साफ कहो न भाभी जी!

उन्होंने कुछ कहने की जगह एक्शन लिया. अपने मुँह की जगह चिकनी चूत मेरे सामने कर दी.
मैंने कहा- किस तो मुँह पर होता है न!

उन्होंने कहा- तुमको मज़े करने हैं या बकचोदी करना है?
मैंने कहा- मजा लेना है.

तब भाभी ने कहा- तो जैसा मैं कहती हूँ, वैसे करो. फुल मजा दूँगी.
ये कह कर भाभी चित लेट गईं.

उन्होंने अपनी दोनों टांगें फैला दीं और चूत खोल कर उस पर हाथ फेरते हुए कहा- आ जाओ देवर जी. अपनी भाभी की चिकनी चूत चाट लो.
मैंने भाभी की चूत पर मुँह रखा और किस करने में लग गया.
देवर भाभी का सेक्स शुरू हो गया.

तभी मेरी भाभी अपनी गांड को उठाने लगीं और आह आह करने लगीं.

मुझको भी उनकी चूत चाटने में मजा आने लगा.
उनकी चूत का स्वाद बहुत ही मस्त लग रहा था.
बिल्कुल ऐसा स्वाद था जैसे नमक मिली पेप्सी पी रहा हूँ.

भाभी अपनी गांड को उठा कर चूत को मेरे मुँह पर दबा रही थीं और अपने दोनों हाथों से मेरे सर को अपनी चूत पर दबा रही थीं.
उनके मुँह से ‘आह आह …’ की तेज स्वर में आवाज निकल रही थी.

उनकी आवाजों से मेरा लंड भी एकदम खड़ा हो गया था.

कुछ देर बाद भाभी ने कहा- बस बहुत हुआ चूत चाटना. अब तुम 69 में मेरे ऊपर आ जाओ.
मैंने कहा- ये 69 क्या होता है?

वे सर पीटती हुई बोलीं- हाय रे मेरे अनाड़ी देवर … क्या तुम्हें सच में नहीं मालूम कि 69 किसे कहते हैं?
मैंने ना में सर हिला दिया.

भाभी ने बताया- तुम मेरी चूत चाटना और मैं तुम्हारा लंड चूसूँगी. इसे 69 कहते हैं. अब आ जाओ.

यह सुनकर मैं झट से भाभी के ऊपर चढ़ गया.
उन्होंने मुझे इस तरह से सैट किया कि मैं उनकी चूत को … और वह मेरे लंड को चूस रही थीं.
मुझे तो बहुत मज़ा आ रहा था.

इस तरह दोस्तों उस दिन पहली बार भाभी ने ही मुझको बताया था कि इसे 69 पोज कहते हैं.
मुझे उस पोज में चूत चूसते हुए अपना लंड चुसवाना बड़ा मस्त लगा था.

कुछ समय बाद मेरे लंड से पानी निकल गया.

उस समय मुझे बहुत मजा आया था जब भाभी ने मेरे लंड का रस चूस लिया था.

कुछ देर बाद भाभी भी झड़ गई थीं.
मैंने भी उनकी मलाई चाट ली थी और चूत को चाट कर चमका दिया था.

भाभी मेरे लंड की तारीफ कर रही थीं और बार बार बोल रही थीं- आज तो चुदने में मजा आएगा.

मेरे पूछने पर भाभी ने बताया कि तुम्हारा लंड तो तुम्हारे भाई के लौड़े से काफी बड़ा है.
मैंने कहा- तो एक बार फिर से चूस कर खड़ा कर दो.

भाभी मेरे लंड को फिर से चूसने लगी थीं.
धीरे धीरे मेरा वापस लंड खड़ा होगा.

भाभी ने कहा- अब मेरी चूत का बाजा बजा दो.
मेरे सामने भाभी की खुली चूत थी.

मैंने लंड को चूत पर सैट किया और एक झटका दे मारा.
मेरा लंड चूत से फिसल गया.

भाभी ने अपनी गांड के नीचे एक तकिया लगाया और कहा- मेरे राजा, तेरी भाभी की चूत का बजा दे बाजा.

मैंने फिर से झटका मारा तो आधा लंड चूत में घुस गया था.
भाभी के मुँह से आवाज आई- आ आ आ … धीरे … मार डाला.

मैंने कहा- क्या हुआ भाभी, क्या बाहर निकाल लूँ?

भाभी ने कहा- नहीं … आह ऊह … आज तो पूरा मजा आने दे मेरे राजा.

मैं भी मस्ती में था तो मैंने अन्दर बाहर करना शुरू कर दिया था.

मुझे भाभी की चूत चोदने में मजा आ रहा था.

मैं एक बार झड़ चुका था तो जल्दी झड़ने का कोई चांस ही नहीं था.

मेरे कड़क लंड की मार से भाभी भी ‘आ … अह.’ कर रही थीं.

थोड़ी देर बाद भाभी ने मुझे नीचे किया और खुद ऊपर आ गईं.

उसके बाद तो मुझको पता ही नहीं था कि मैं किस जन्नत में सैर कर रहा हूँ.

भाभी की चूत में लंड चल रहा था और उनकी एक चूची मेरे मुँह में रस घोल रही थी.

और भाभी भी गांड हिला हिला कर लंड से अपनी चूत का भोसड़ा बनवा रही थीं.
वे अपने हाथ से पकड़ पकड़ कर दोनों चूचियों को बारी बारी से मेरे मुँह में दे रही थीं.

थोड़ी देर बाद भाभी ने मुझको टाइट पकड़ लिया और जोर जोर से चोदती हुई मेरे सीने पर ही निढाल होकर गिर गईं.
उसी बीच मेरा भी वीर्य निकल गया और भाभी की चूत में ही गिर गया.

मुझको उस दिन पता लगा कि सेक्स की भी इतनी मजेदार दुनिया होती है.

उस रात भाभी खुद मुझसे अलग अलग तरीके से चार बार चुदीं.
उन्होंने मुझको भी तरह तरह से चूत चोदना सिखाया.

फिर भाभी ने ये भी कहा कि मुझको पता होता कि तुम्हारा लंड इतना बड़ा है, तो मैं पहले ही गाली दे देती.
इस बात पर हम दोनों खूब हंसे.

भाभी ने कहा- यार, मुझको तेरा लंड पसंद आ गया है. अब रोजाना तू मुझको ऐसे ही चोद दिया करना.

मैंने भाभी से कहा- मुझको भी मजा आया. आप जब चाहें, तब मेरा लंड आपकी सेवा में उपस्थिति रहेगा.

भाभी मेरी फैन हो गईं.
उनको अब एक लड़की हो गई है.

जब कभी भाभी को किसी चीज की जरूरत होती है तो वे बिना किसी झिझक के मुझको बोल देती हैं … और मैं उनकी हर बार मान लेता हूँ.

साथ में मुझको जब भी पैसों की ज़रूरत होती है, तो वे मुझे दे देती हैं.

भाभी एक दिन बोल रही थीं कि उनकी एक सहेली है, उसको भी चोदना है.

दोस्तो, इस बार जब मैं भईया की अनुपस्थिति भाभी को उनके कमरे में चोदने गया तो उनकी सहेली को कैसे चोदा.
वह मैं अगली सेक्स कहानी में बताऊंगा.

अब तो जब भईया घर में नहीं होते, तब वे मेरे लंड से चुदे बिना नहीं रहतीं और उनको चुदाई के बिना नींद ही नहीं आती है.
मुझको भी भाभी की चूत चोदने का ऐसा चस्का लग गया कि मेरा घर से दूर जाने का ही मन नहीं करता है.

अब मैं एग्जाम की तैयारी कर रहा हूँ और आज भी भाभी को याद करता हूँ.
जब भी मैं घर जाता हूँ तो मन लगा कर भाभी को खूब चोदता हूँ.
 

junglecouple1984

Active Member
867
1,049
139
दूसरी मम्मी की चूत चुदाई कर दी




मेरा नाम अनमोल है और मेरी उम्र 21 साल है. मेरे लंड का साईज सामान्य से बड़ा है.
मेरी फैमिली में मैं और मेरी दूसरी मम्मी और पापा ही हैं.

मम्मी हाउस वाइफ हैं और पापा का ठेकेदारी का बिजनेस है.
पापा बिजनेस के सिलसिले से अक्सर बाहर ही रहते हैं.

मेरी मम्मी की उम्र 40 साल है लेकिन वे लगती हैं 32 की है. वे मेरे पापा की दूसरी पत्नी हैं.

उनका फिगर कुछ ऐसा है. चूचियां 34D की पेट 32 का और गांड 38 की है. मम्मी का रंग बिल्कुल दूध सा सफेद है. उनका ये रूप किसी के भी लंड से पानी निकालने के लिए काफी है.

यह कहानी आज से लगभग दो साल पहले की है.
तब मैं 12 वीं के पेपर देने के बाद घर पर छुट्टियों के मजे ले रहा था.

मुझे Xforum और फ्री सेक्स कहानी की साइट पर फैमिली सेक्स स्टोरी पढ़ने का बड़ा शौक लग गया था.
उसमें भी मुझे माँ बेटे की चुदाई की कहानी काफी पसंद आने लगी थीं.

उसके बाद से ही मेरा अपनी मम्मी को देखने का नजरिया ही बदल गया था.
मैं अक्सर अपनी सौतेली मम्मी को सोच सोच कर अपने रूम में नंगा होकर मुठ मारता था.

एक दिन मम्मी बाथरूम में नहाने गई थीं.
वे अपनी ब्रा पैंटी बाहर ही भूल गईं.
उन्होंने मुझे आवाज लगाई- बेटा, मेरे कपड़े बाहर ही रह गए, मुझे दे दो.

जैसे ही मैं उनके कपड़े उनको देने गया तो उन्होंने कपड़े लेने के लिए बाथरूम का दरवाजा हल्का सा खुला छोड़ दिया था.
उस खुले दरवाजे में से मुझे उनका फिगर दिख गया और मैं एकदम से गनगना गया.

उनकी बड़ी बड़ी चूचियां देख कर मेरा लंड एकदम तंबू का बांस बन गया और लंड ने लोअर को एकदम टेंट बना दिया.
उनके नहाने के बाद मैं नहाने गया और उनकी ब्रा और पैंटी देख कर लंड फिर खड़ा होगा.

मैंने मम्मी की पैंटी सूंघी और उनकी ब्रा में अपना लंड डाल कर मुठ मार दी.

उस दिन मेरे मन में एक विचार आया कि मम्मी की नहाते हुए की वीडियो बनाई जाए.

अगले दिन मैंने अपना फोन उनके नहाने से पहले बाथरूम में जो गंदे कपड़े धुलने के लिए टंगे हुए थे, उसकी जेब में सैट कर दिया.

जब मम्मी नहा कर बाहर आईं तो मैंने फट से अन्दर जाकर वह फोन निकाला और वीडियो चैक की.

मम्मी की नहाते हुए की वीडियो को देखने के बाद मेरा खुशी का ठिकाना नहीं रहा.

इतने दिनों बाद मम्मी को नंगी देखने की मेरी हसरत पूरी हुई थी.

वीडियो में मम्मी ने पहले अपनी ब्रा और पैंटी निकाल कर अलग रख दी.

उसके बाद मम्मी ने अपनी झांटें साफ की.
जिससे उनकी गुलाबी चूत एकदम साफ़ साफ़ नजर आ रही थी.

मैंने वह वीडियो बार बार देखी और दो बार मुठ भी मारी.

अब तो बस मम्मी को चोदने का ही मन कर रहा था.
मेरी यह हसरत भी जल्द ही पूरी हो गई.

उसी रात पापा का फोन आया, तो मम्मी ने बताया कि कल करवाचौथ है.

पापा ने डिटेल में पूछा तो मम्मी ने बताया कि तुम भी कल की अच्छे से तैयारी कर लेना क्योंकि तुमने काफी दिनों से मेरी चुदाई भी नहीं की है. बहुत मन कर रहा है. अगर कल मेरी अच्छे से चुदाई नहीं हुई, तो सच बता रही हूँ कि मैं किसी और से चुद जाऊंगी. मैंने झांटें भी साफ कर ली हैं और कल पार्लर में सजने भी जाऊंगी.
पापा ने कुछ नहीं कहा.

अगले दिन मम्मी अपनी सहेली के साथ पार्लर गई हुई थीं.
उस वक्त मैं घर पर अकेला था.

काफी देर बाद मैंने अपने लंड पर मालिश करने की सोची.
मैं मम्मी के कमरे में गया और उनकी टेबल से मसाज ऑयल लेकर वहीं बैठ कर लंड की मालिश करने लगा.

लंड पर तेल से मालिश करते समय मम्मी की बड़ी बड़ी चूचियां और चिकनी चूत ही ख्याल में आ रही थी, तो लौड़े ने अपना आकार बना लिया था.

उसके बाद मैंने एक हाथ में मोबाईल लिया और माँ बेटे की सेक्स स्टोरी पढ़ते हुए लंड को सहलाने लगा.

तभी मेरे ध्यान में आया कि मम्मी की वीडियो देख कर ही मुठ मार लेता हूं.

मैंने वीडियो चालू कर दी और अपना लोअर और अंडरवियर निकाल कर नंगा हो गया.
अब मैं मम्मी के कमरे में ही बैठ कर अपने लंड को हिलाने लगा था.

मेरा लंड मालिश के बाद काफी बड़ा और मोटा लग रहा था.
मैं वीडियो में इतना खो गया था कि मम्मी के आने का पता ही नहीं चला.

मम्मी ने पीछे से आकर मेरा फोन हाथ से छीन लिया.
मैंने घबरा कर पीछे देखा तो मेरे पैरों के नीचे से जमीन निकल गई.

मम्मी ने कहा- ये क्या कर रहा है तू … और तुम्हारे पास मेरी ये वीडियो कहां से आई?

मैं मम्मी के आगे हाथ जोड़ कर अपनी गलती की माफी मांगने लगा.
मम्मी बोलने लगीं- आज तेरे पापा आने वाले हैं. मैं उनको बताऊं ये सब?

मेरी तो गांड फट गई.
मैंने कहा- मम्मी आगे से ऐसी गलती कभी नहीं होगी.

मम्मी ने कहा- ऐसी गलती हुई ही क्यों?
मेरे मुँह से निकल गया कि इसमें मेरी क्या गलती, जब आप हो ही इतनी सुंदर कि किसी की भी नियत डोल जाएगी.

अपनी तारीफ सुनकर मम्मी के चेहरे पर हल्की सी मुस्कान आई.
पर वे उसे छुपाती हुई बोलीं- तुमको मेरा और तुम्हारा रिश्ता पता नहीं है कि क्या है?
मैं बोला- हां पता है, पर क्या करूँ.

मम्मी डांटने लगीं, पर उनकी नजर मेरे लंड पर ही टिकी थी.
उन्होंने कहा- कपड़े पहनो और जाओ यहां से.

मैं कपड़े उठा कर चला गया.

कुछ देर बाद मम्मी मेरे पास आईं और समझाने लगीं- ये सब गलत है. तुम्हारी अभी ये सब करने की उम्र नहीं है.

फिर थोड़ी देर बाद नॉर्मल होकर पूछने लगीं कि अच्छा बता- मैं कैसी लग रही हूँ.
मैंने कहा- मम्मी, आप आज बला की खूबसूरत लग रही हो. पापा तो देखते ही पागल हो जाएंगे.

हम दोनों हंसने लगे.

मैंने कहा- प्लीज़ मम्मी, आज वाली बात पापा को मत बताना!
वे बोलने लगीं- ओके, ये बात हमारे दोनों के बीच ही रहेगी.

रात के टाईम पापा आए और मम्मी ने उनको कुछ नहीं बताया.

मम्मी ने पापा को देख कर छत पर व्रत खोलने की तैयारी की.
मैं भी उधर ही था.

मम्मी ने कहा- अनमोल तुम इस सबकी वीडियो बना देना.

मैंने सारी वीडियो बनाई और उसके बाद मैं मम्मी के फोटो खींचने लगा.

मैं मम्मी को फोटोशूट के पोज बताने लगा तो मम्मी की समझ में नहीं आया.
इस वजह से मैंने उनकी कमर को पकड़ा और उन्हें पोज बनाने के लिए बताने लगा.

जैसे ही मैंने मम्मी को पकड़ा, मेरा लंड लोअर में तंबू बनाने लगा.

फिर जैसे मैं फोटो क्लिक करने आगे गया तो मम्मी का ध्यान मेरे लोअर पर चला गया और वे स्माइल करने लगीं.
मैंने कहा- आप पापा के पास जाओ और एंजॉय करो.

मम्मी बोलीं- क्यों, तुझे वीडियो नहीं बनानी है क्या? तू भी आ जा नीचे.
ये कह कर मम्मी हंसने लगीं और नीचे आ गईं.

मैं ऊपर बैचैन हो रहा था.

फिर बीस मिनट के बाद मैं नीचे चला गया.
मेरा मम्मी और पापा की चुदाई देखने का मन कर रहा था.

नीचे गया तो उधर पापा का मीटर डाउन हो गया था.
मम्मी पापा से बोल रही थीं- मैंने आपसे बोला था न कि आज तैयारी करके आना. आज भी ऐसे ही अधूरी चुदाई छोड़ दी. मैंने आपसे पहले ही बोला था कि यदि आज चुदाई अधूरी छोड़ी, तो मैं किसी से भी चुद जाऊंगी.

पापा बोले- मेरे से जो होना था, वो कर लिया. अब मैं सोने जा रहा. तुम भी सो जाओ.
मम्मी बोलीं- मेरी अभी आग शांत नहीं हुई और तुमको सोने की पड़ी है. मेरी चूत को लंड चाहिए.

पापा बोले- मैं थक गया हूँ. मैं सोने जा रहा. तुमको जो समझ आए सो करो.
ये कह कर पापा सोने लगे.

मम्मी अपनी चूत पर उंगली फेरने लगीं.
मेरे दिमाग में एक आइडिया आया.

मैंने मम्मी के फोन पर कॉल की और कहा- आऊं क्या वीडियो बनाने … या काम खत्म हो गया. मम्मी आप अपनी चूत में उंगली करती हुई अच्छी नहीं लग रही हो. आप इधर आ जाओ. मैं आपका ऊपर वाले कमरे में इंतजार कर रहा हूँ. जरा तैयार होकर आना.

मम्मी 15 मिनट बाद बिल्कुल दुल्हन की तरह तैयार होकर मेरे कमरे आ गईं- आ जा, आज अपनी मम्मी को चोदने की अपनी हसरत पूरी कर ले!

उनके इतना बोलते ही मैंने उनको अपनी बांहों में भर लिया और उनके होंठों को चूसने लगा.
वे भी किसी भूखी शेरनी की तरह मेरे होंठों को खाने लगीं.

मैं उनकी दोनों चूचियों को उनके ब्लाउज के ऊपर से दबाने लगा.
उनकी सांसें काफी तेज हो गईं.

मैंने मम्मी का ब्लाउज निकाल दिया और पीछे दीवार से लगा कर उनकी चूचियों को जोर जोर से दबाने लगा और उनकी गर्दन पर किस करने लगा.
वे पागल हो गईं.

अब मैंने उनकी साड़ी निकाल दी और ब्रा से उनकी बड़ी बड़ी चूचियां को आजाद कर दिया.
मैं और उनको देख देख कर पागल सा होने लगा और उनके दोनों चूचों को चूसने लगा … बीच बीच में काटने लगा.

वे बोलने लगीं- मैं कहीं भागी नहीं जा रही हूँ … आराम से चूसो. आज पूरी रात मैं तुम्हारे पास ही हूं.

मैं उनको जोर जोर से दबाने और चूसने लगा और बीच बीच में उनके दूध पर काट लिया करता जिससे वे और उत्तेजित हो जातीं.
उनके मुँह से ‘आह ऊऊऊ आह.’ की आवाज आने लगी.

उन्होंने मेरे कपड़े निकाल दिए और नीचे बैठ कर लोअर नीचे करके मेरा सवा सात इंच लंबे और 3 इंच मोटे लंड को देख कर सीत्कार भरने लगीं.
फिर वे लौड़े को मुँह में लेकर चूसने लगीं.

पहली बार किसी के मुँह में मेरा लंड गया था और वह भी मेरे माँ के मुँह में.

वे किसी रंडी की तरह मेरे लंड को अपने गले तक अन्दर लेतीं और बाहर निकाल देतीं.
मैंने उनके बाल पकड़े और अपना लंड उनके मुँह में धकाधक पेलना चालू कर दिया.
उनको सांस लेने दिक्कत होने लगी.

उन्होंने मेरा लंड बाहर निकाला और बोलीं- बेटा, तुम्हारा लंड बहुत बड़ा है. ये तेरे बाप से बड़ा है, जरा धीरे कर.

उनके ये बोलते ही मुझे और जोश आ गया.
मैंने अपना लंड फिर से उनके मुँह में ठूंस दिया और उनके मुँह से गों गों की आवाज आने लगी.
मैं जोर जोर से धक्का मारने लगा.

मैं झड़ने वाला था तो मैंने कहा- मम्मी, मेरा रस निकलने वाला है!
वे बोलीं- बेटा, मेरे अन्दर ही रस झाड़ दे.

मैंने उनके मुँह के अन्दर ही रस झाड़ दिया.
वे मेरे लंड से निकली एक एक बूंद चूस गईं.

उसके बाद मैंने उनको बेड पर लिटाया और उनका पेटीकोट निकाल कर उनके पैरों पर किस करने लगा.
फिर उनकी गोरी गोरी जांघों पर चूमा.

मम्मी की पैंटी बिल्कुल गीली हो गई थी.
मैंने पैंटी निकाली और उनकी सफाचट चूत को चाटने लगा.

उनकी आंखें बन्द होने लगीं और वे अपने बेटे से अपनी चूत चुसवाने का पूरा मजा लेने लगीं.
मेरा लंड दोबारा से खड़ा हो गया था.

फिर हम दोनों 69 की पोजीशन में आ गए.
मैं उनकी चूत को चाट रहा था और वे मेरे लंड को मुँह के अन्दर लेकर चूस रही थीं.

मम्मी बोलने लगीं- बाबू, अब रहा नहीं जा रहा … जल्दी से चोद दे अपनी मां को … बुझा दे मेरी प्यास!

मैंने उनकी एक टांग अपने कंधे पर रखी और उनकी लपलपाती हुई चूत पर लंड रख कर अन्दर घुसाने लगा.
मुझे अपनी मां की चूत के लिए अपना लंड काफी टाइट लग रहा था.

मम्मी बोलने लगीं- आराम से डालना … मेरी आज तक इतने बड़े लंड से चुदाई नहीं हुई है.
मैंने मस्ती की- मम्मी अब तक आप कितने बड़े लंड से चुदी हो?

मम्मी समझ गईं.
वे बोलीं- तेरे पापा का तो चार इंच का ही है. दो बार तेरे पापा ने बिजनेस बढ़ाने के लिए अपने अधिकारियों से भी चुदवा दिया था. उनके भी पाँच इंच के थे. तेरा उन सबसे बड़ा है.

मैंने कहा- अच्छा इसी लिए आपने पापा से कह दिया था कि किसी से भी चुद जाऊंगी!
मम्मी हंस दीं और मेरे लंड को पकड़ कर चूत पर घिसने लगीं.

मैंने धीरे धीरे पेलना चालू कर दिया और पूरा लंड अन्दर चला गया.

उनकी आंख से आंसू आ गए.
वे बोलीं- बहुत दर्द हो रहा है अन्नू … थोड़ा बाहर निकाल ले.

मैंने उनकी एक नहीं सुनी और धीरे धीरे चोदने लगा.
थोड़ी देर बाद मम्मी को भी मजा आने लगा और उनके मुँह से ऊऊ आह की आवाज आने लगी.

उसके बाद मैंने उनको घोड़ी बना लिया और पीछे से उनकी चूत में लंड डाल दिया.

इस पोज में मेरा पूरा लंड उनकी चूत में चला गया था और मैं उनकी कमर पकड़ कर लंड अन्दर बाहर करने लगा.
मैं उस वक्त सातवें आसमान पर था.

मम्मी बोलीं- बेटा अपनी मम्मी को जन्नत दिखा दी तुमने आज … चोद अपनी रंडी माँ को … आह और जोर से चोद.
मैंने और तेजी से उनकी चूत में लंड पेलना चालू कर दिया.

उन्होंने मुँह में तकिया दबा लिया और गांड और ऊपर को करके लंड को चूत में लेने लगीं.

मम्मी चरम पर आने लगी थीं. वे बोलीं- आआह और तेज कर … मैं झड़ने वाली हूँ.
ये कहती हुई वे झड़ गईं.

झड़ने की बाद उन्होंने मेरा लंड दोबारा अपने मुँह में ले लिया और चूसने लगीं.

मम्मी बोलने लगीं- बेटा, तुमने आज सच में जन्नत दिखा दी.
मैं बोला- अभी तो बहुत कुछ बाकी है.

मैंने उनके बाल पकड़े और मुँह चोदने लगा.
लंड बाहर निकाल कर वे मेरे ऊपर आ गईं और लंड को अपनी चूत में सैट करके उस पर बैठ गईं.

लंड चूत में चला गया और मम्मी धक्के मारने लगीं.
उनको पूरा मजा आ रहा था. उनकी मोटी मोटी चूचियों को मैं चूस कर मजा ले रहा था.
वे और तेज तेज धक्के मारने लगीं.

फिर हम दोनों ने दोबारा पोजीशन बदली.
इस बार मैंने मम्मी की दोनों टांगें अपने कंधों पर रख कर लंड चूत में घुसा दिया और जोर जोर से चोदने लगा.

उनके मुँह में बहुत तेज तेज आवाज आने लगीं.
पूरे कमरे में चुदाई का मंजर था.

मुझे मम्मी को चोदते चोदते लगभग बीस मिनट हो गए थे.
वे दो बार झड़ चुकी थीं और अब बोलने लगी थीं- अपना जल्दी कर ले, अब और नहीं सहा जा रहा है.

मैंने लंड को फिर से चूत से निकाला और उनके मुँह में दे दिया.
वे चूसने लगीं और लंड को गीला कर दिया.

मैं उनके पीछे लेट गया और उनकी एक टांग ऊपर उठा कर पीछे से चूत में लौड़ा घुसा दिया.
उनके मुँह से आवाज आई- आह मार ही डालेगा क्या आज … मादरचोद!

“हां बहन की लौड़ी … आज तेरी चूत फाड़ दूँगा रंडी … बहुत मुठ मारी तुझे सोच सोच कर!”
हॉट स्टेप मॉम Xxx बोलीं- मुझे गाली दे देकर चोद कमीने.
“हां आज तो तेरी गांड भी फाड़ दूँगा रंडी!”

“हां अपनी इस रंडी की गांड भी फाड़ देना. ये तेरे लंड से ही चुदेगी मेरे प्यारे राजा!”
मैं उनकी चूत में पूरी तेजी से लंड अन्दर बाहर करने लगा.

अब मेरा निकलने वाला था.
मैंने लंड बाहर निकाला और उनकी तरफ इशारा किया.

वे एकदम बेड से नीचे आ गईं और किसी रंडी की तरह मुँह खोल लिया और लंड चूसने लगीं.

जब मेरा होने वाला था, मैंने लंड बाहर निकाला और उनके मुँह पर और चूचियों पर अपना सारा माल डाल दिया.

वे अपनी उंगलियों से वीर्य को उठा उठा जीभ से चाटने लगीं और लंड को अपने मुँह से चाट कर साफ कर दिया.

उस दिन के बाद मेरे और मम्मी के बीच काफी चुदाई हुई
 

junglecouple1984

Active Member
867
1,049
139
भाभी और उनकी चाची को चोदकर बच्चा दिया



दोस्तो, निशा भाभी मेरी रिश्ते में लगने वाली भाभी हैं और उनका फिगर 34-30-36 का है.

भाभी के ऐसे टनाटन गोल स्तन और गांड है कि कोई भी मर्द अपने लौड़े से पानी फेंक दे.

वे कोलकाता के पास अपने सास ससुर से अलग रह कर एक दूसरे घर में रहती हैं और भैया नौकरी करते हैं.
उनकी अभी कोई संतान नहीं हुई है.

जब मुझे उनके यहां पढ़ाई के लिए रहने जाने का अवसर मिला तो मैं उनके घर चला गया.

यह कहानी उन्हीं भाभी की है.

जैसे ही मैं उनसे मिला तो उनको देखते ही रह गया और मेरा लंड पैंट में खड़ा हो गया.

वे बोलीं- कहां खो गए देवर जी?
इतना कह कर भाभी तिरछी नजर से लौड़े की फूलती पहाड़ी को देखती हुई चली गईं.

जब मुझसे रहा न गया तो मैं भाभी के बाथरूम में चला गया.
उधर उनकी ब्रा मुझे टंगी हुई काले रंग की ब्रा देख कर मेरा लंड और ज्यादा टनटनाने लगा.

मैंने एक पल की भी देर नहीं की और उसी ब्रा को लौड़े से लपेट कर उसी में मुठ मार कर ब्रा को वापस टांग दिया.

इसमें भले ही मुझे भाभी की चूत की रगड़ न मिली हो, मगर चूत का अहसास जरूर हो गया था.

अब मैं रोज भाभी के बाथरूम में चला जाता और यही करता. भाभी की ब्रा या पैंटी को अपने लौड़े के रस से भिड़ा कर टांग आता.
इसमें मुझे बड़ा मजा आता.

मैं ज्यादा से ज्यादा भाभी को छूने की कोशिश भी करने लगा था.
वे बुरा भी नहीं मानती थीं.

फिर मैंने एक योजना बनायी.
उस दिन मैं सुबह जल्दी जाग गया था; मेरा लंड खड़ा था.

उसी वक्त भाभी मेरे कमरे में झाड़ू लगाने आने वाली थीं.
मैंने अपने लंड को अंडरवियर से निकाल कर खड़ा कर दिया और सोने का अभिनय करना लगा.

भाभी अन्दर आईं और उनको लगा कि मैं सो रहा हूं.

पहले तो उन्होंने मुझे ठीक से नहीं देखा वे झाड़ू लगाने के लिए अपना पल्लू कमर में खोंसने लगीं.
तभी अचानक से भाभी की नजर मेरे लौड़े पर गई और वे झाड़ू लगाना भूल कर मेरे लौड़े को देखने लगीं.

उन्होंने मुझे देखा, फिर कमरे के बाहर देखा और मेरे बिस्तर के करीब आ गईं.

मुझे गहरी नींद में सोता देख भाभी ने अपने हाथ को मेरे लौड़े की तरफ बढ़ाया और उसे हल्के हाथ से टच किया.
मैं तो बिल्कुल बेसुध सोने की जबरदस्त एक्टिंग कर रहा था.

यह देख कर भाभी की हिम्मत बढ़ गई और उन्होंने मेरे लौड़े को अपने हाथ से सही से पकड़ लिया, फिर वे उसे सहलाने लगीं.

अब मैं भी कब तक अभिनय कर सकता था; लौड़े ने मेरी हालत खराब कर रखी थी.
मैं अचानक से उठ गया और भाभी का हाथ पकड़ लिया.

वे मुझे जागा देख कर एकदम से डर गईं.

मैंने कहा- भाभी, आई लव यू.

वह मेरे मुँह से ‘आई लव यू.’ सुनकर पहले तो शॉक हुईं, फिर बोलीं- आई लव यू टू देवर जी, मुझे पता था आप सोने का नाटक कर रहे हैं. इसी लिए मैं आपके पास आई हूँ. आपके भैया ऑफिस गए हैं तो कोई टेंशन नहीं है.

यह सुनते ही मैंने भाभी को बिस्तर पर खींच लिया और उनके होंठों पर अपने होंठ लगा कर उन्हें चूमने लगा और उनके कपड़े उतारने लगा.

भाभी भी मेरी बांहों में सिमट गईं और मेरे मुँह में अपनी जीभ देती हुई चुंबन का मजा लेने लगीं.

जल्दी ही हम दोनों नग्न हो गए और 69 की स्थिति में आ गए.
दोस्तो, मुझे महिलाओं की चूत को चाटना बड़ा पसंद है.

मैंने भाभी की चूत चाटी तो वे एकदम पागल होने लगी थीं क्योंकि भैया ने कभी भी भाभी की चूत चाटी ही नहीं थी.

भाभी का रस मेरे मुँह में डिस्चार्ज हो गया.
मैंने भाभी की चूत का सारा रस खा लिया.

उधर भाभी ने मेरा लंड चूसना जारी रखा.
वे चुदाई में काफी अनुभवी खिलाड़िन थीं, तो मुझे उनसे लंड चुसवाने में बड़ा मजा आ रहा था.

भाभी कभी मेरे लौड़े के टोपे को चाटतीं तो कभी मेरे टट्टों को चूसतीं.
उनके इस अद्भुत कौशल ने मेरे लौड़े को जन्नत की हूर का सा अहसास करवा दिया था.

उसी समय मुझे भी लगा कि मैं फिर से भाभी की चूत को चूस कर उन्हें गर्म करूं ताकि चुदाई की प्रक्रिया आरंभ की जा सके.

मैं फिर से भाभी की चूत को चाटने लगा.
कभी उनकी चूत के दाने को होंठों से पकड़ कर खींच देता.

इससे वे गर्म हो उठी थीं और एकदम पागल हो रही थीं.
भाभी बोलीं- अब पेल भी दे कुत्ते … क्यों चूत की मां चोदने पर तुला है.

उनकी भाषा में परिवर्तन आया देख कर मैंने भी उनके ऊपर चढ़ कर उन्हें गरियाना शुरू कर दिया- साली, बोल तू आज से मेरी रांड है!
वे बोलीं- हां में तेरी रांड हूँ. अब डाल भी दे हरामी!

मैंने एक ही झटके में लौड़े को अन्दर पेल दिया और चोदना शुरू कर दिया.
भाभी की आह निकल गई और वे तड़फ उठीं- आह साले … मादरचोद ने फाड़ दी भैन के लंड ने … आह जरा धीमे कर भोसड़ी वाले … फ्री की चूत क्या मिली, तू तो पिल ही पड़ा!

मैंने उनकी चिल्लपौं पर जरा सा भी ध्यान नहीं दिया और बेरहमी से लौड़े को चूत में अन्दर बाहर करता गया.

कुछ देर बाद भाभी भी नीचे से अपनी गांड उठा उठा कर मेरे लंड से लोहा लेने लगीं और हम दोनों के बीच भीषण चुदाई का मंजर चलने लगा.

कोई भी किसी से कम नहीं पड़ रहा था.
लंबी लंबी सांसें और कामुक आवाजों से कमरे को मादक संगीत से भर दिया था.

फिर कुछ मिनट बाद मैंने भाभी को घोड़ी बनाया और पीछे से उनकी चूत में लंड पेल कर सेक्स करने लगा.

सब मिलाकर करीब 15 मिनट तक धाँय धाँय फायरिंग हुई.
उसके बाद मैं भाभी के अन्दर ही झड़ गया.

हम दोनों बेहद थक चुके थे.
कुछ देर तक यूं ही लेटे रहे और अपनी उखड़ी हुई सांसों पर काबू पाते रहे.

उसके बाद मैंने दूसरा दौर शुरू किया.

कुछ देर बाद बार मैंने भाभी की एक टांग को बेड पर रखा और एक टांग नीचे जमीन पर टिका दी.
इस तरह से भाभी की चूत पूरी तरह से खुल गई थी.

मैंने साइड से लंड चूत के अन्दर पेला और भाभी की चूत मारना शुरू कर दी.

ऐसे में चूत की रगड़ कर काफी मजा आ रहा था और भाभी को भी बिना मेरे वजन का भार सहे, लौड़े का आनन्द मिल रहा था.

मैं सहारे के लिए भाभी के दोनों दूध पकड़े हुए था जिससे भाभी के मस्त और रसीले चूचे मसलने का मजा भी मिल रहा था.
भाभी पलट कर मुझे चूम रही थीं और हम दोनों एक दूसरे के होंठों का रस पीते हुए चुदाई का रस ले रहे थे.

सच में इस तरह से चुदाई का भरपूर मजा लिया जा रहा था.

मैंने भाभी से पूछा- भाभी कैसा लग रहा है?
भाभी- कुछ मत कहो देवर जी … बस अन्दर बाहर करते रहो. इतना मजा आ रहा है कि क्या बताऊं. मैंने तो जिंदगी में सोचा ही नहीं था कि चुदाई में ऐसा मजा भी आ सकता है. आह बस यूं ही धीरे धीरे पेलते रहो, बहुत मजा आ रहा है. मेरी चूत की खुजली मिट रही है.

मैंने कहा- हां भाभी, सच में आज तो जन्नत का मजा मिल रहा है.

करीब आधा घंटा तक इसी पोज में लंड चूत की रगड़ाई हुई, फिर हम दोनों झड़ गए और निढाल होकर बिस्तर पर गिर गए.
इतनी ज्यादा थकान हुई थी कि होश ही न रहा कि कब हम दोनों सो गए.

शाम को मेरी नींद खुली तो जिस्म में ताजगी भर गई थी.
भाभी की आंखें भी खुल गई थीं और वे भी मेरे तरफ वासना से देख रही थीं.

हम दोनों फिर से चूमाचाटी में लग अए और जल्द ही फिर से चुदाई के लिए तैयार हो गए.

इस बार मैंने भाभी की गांड के नीचे दो तकिया लगा दिए और चूत में लंड पेल कर घचाघच चूत चोदी. इस पोजीशन में मेरा लंड भाभी की चूत में जड़ तक जा रहा था.

भाभी की टांगें भी किसी कुतिया की तरह फैली थीं. मैं उनके ऊपर चढ़ कर चूत में लंड पेल कर डिप्स जैसी लगा रहा था और जब मैं नीचे आता, तो भाभी मुझे अपने हाथ से अपना एक दूध चुसवा रही थीं.

दोस्तो, मेरा अपना अनुभव यह रहा कि जल्दी जल्दी लंड पेल कर झड़ जाने से ज्यादा मजा धीरे धीरे लौड़े को चूत में अन्दर बाहर करते हुए चुदाई करने मे आता है.

उस दिन हम दोनों ने ऐसे हमने सारे दिन सेक्स किया.

भाभी मुझसे चुदवा कर काफी खुश थी और बाद में जब उनकी माहवारी नहीं आई, तब पता चला कि वे गर्भवती हो गई थीं.

उन्होंने मुझे बताया कि मैं तेरे भाई से तो कब से चुद रही हूँ मगर आज तक कभी भी मेरी एमसी नहीं रुकी थी. आज पहली बार में ही तुमसे चुदवा कर मेरी माहवारी बंद हो गई है. इसका मतलब साफ है कि मेरे पेट में तुम्हारा बीज ही फलने लगा है.
उनके मुँह से ये सब सुनकर मुझे बेहद खुशी हुई.

फिर कुछ समय बाद भाभी का पेट फूल गया था तो उन्होंने चूत देने से मना कर दिया.
मुझे बड़ा बुरा लगा और मैं उदास रहने लगा.

एक दिन भाभी मुझे उदास देख कर बोलीं- तेरी उदासी का मेरे पास इलाज है. मेरी एक परिचित की चाची हैं, उन्हें बच्चा नहीं है. बोल क्या तू उनकी चूत मारेगा? यदि उनको बच्चा हुआ तो चूत और पैसे दोनों मिलेंगे.
मैंने हां बोल दिया.

भाभी ने मेरा नंबर अपनी चाची को दे दिया.
उसी शाम को भाभी की चाची ने मुझे फोन किया.

हमारी बात शुरू हुई.
उन्होंने बताया कि उनका नाम शाजिया खान है और उनके शौहर समलैंगिक(गांडू) हैं. वह उनके साथ सेक्स में इंट्रेस्ट नहीं लेता है. जबकि अब वे एक बच्चा पैदा करना चाहती हैं.
मैंने कहा- ओके मैं तैयार हूं.

वे बोलीं- तुमसे एकदम से सेक्स करने में मजा नहीं आएगा. पहले हम दोनों को आपस खुलना जरूरी है.
मैंने उनसे कहा- हां ये सही रहेगा. पहले हम दोनों एक दूसरे के बारे में जान लेते हैं.

अब धीरे धीरे हम दोनों सामान्य चैट से नॉनवेज चुटकुले पर आए और कुछ ही दिन बाद में चाची ने मुझसे वीडियो कॉल पर बात की.

वे बेहद सेक्सी माल लग रही थीं.
कहीं से ऐसा लग ही नहीं रहा था कि ये चाची हैं.

दरअसल वे भाभी के रिश्ते में चाची लगती थीं जबकि वे भाभी से दो साल ही बड़ी थीं.

चाची से मेरे विडियो सेक्स चैट शुरू हुई.
उनके बेडरूम का नजारा देख कर साफ लग रहा था कि वे पैसे वाली थीं.
उनका फिगर 40-38-42 का था और जवानी भी भरपूर चढ़ी हुई थी.

वीडियो चैट में मैंने चाची को अपना हथियार हिलाकर दिखाया.
तो चाची बेकाबू हो गईं और जिद करने लगीं कि मैं अभी ही उनके घर आ जाऊं.

वे कोलकाता से थीं तो उस वक्त जाना संभव नहीं था.

हम दोनों ने अगले दिन कोलकाता में मिलने का प्लान बनाया.

उन्होंने एक होटल 3 दिन के लिए बुक कर दिया.
उन्होंने अपने शौहर से मायके जाने के लिए कहा और मुझे उनके अब्बू के एक सामान्य कर्मचारी की तरह बताया.

मैं उनके बंगले पर गया और एक साधारण कर्मचारी की तरह ही बंगले के अन्य कर्मचारियों के साथ खुद को मिलवा कर चाची को कार में बिठा कर रेलवे स्टेशन तक आया.

रेलवे स्टेशन से चाची के ससुराल की कार वापस लौट गई और हम दोनों होटल आ गए.

चाची ने कहा- अब तुम मुझे जल्दी से चोद कर माँ बना दो.
मैंने कहा- आपके शौहर को शक नहीं होगा कि पेट में हमल कैसे ठहर गया?

वे मुस्कुरा कर बोलीं- मैंने तुम्हारे साथ आने से पहले अपने शौहर से सेक्स किया था ताकि उसे बच्चे पर शक ना हो. मैंने उससे यही कहा है कि मैं अपने मायके में अपनी एक सहेली की शादी में जा रही हूँ और तीन दिन बाद खुद ही आ जाऊंगी.

मैंने चाची की हरजाई खोपड़ी की दाद दी और उनके साथ कमरे में उनकी चुदाई के लिए तैयार हो गया.

तभी मैंने चाची को बिस्तर पर धक्का दे दिया और उनके ऊपर चढ़ कर टूट पड़ा.

वे बोलीं- जानू, मैं कहीं भागी थोड़ी ही जा रही हूं. आराम आराम से करो. तुमने अपनी भाभी को भी बड़े आराम आराम से चोद कर मजा दिया था, यही सुना है मैंने उसके मुँह से!
मैंने कहा- पर बेबी तुम आइटम ही ऐसी हो कि देख कर लार टपकने लगी है.

हम दोनों ने काफी देर तक चूमाचाटी की.

फिर चाची ने कहा- पहले रात का खाना खा लेते हैं. बीच में किसी की दखलअंदाजी मजा खराब कर देगी.

उनकी बात से मैं सहमत था.
हमने डिनर मंगाया और रात के खाने के बाद वह कपड़े बदल कर पलंग पर आईं तो गजब माल लग रही थीं.

मैंने उनके कान पर किस करना शुरू किया, फिर आंखों पर, फिर होंठ पर और आखिरी में एक लंबा लिपलॉक किस हुआ … उसमें तो मजा ही आ गया यार.

फिर मैंने चाची की नाइटी उतारी … तो उनके खरबूजे मेरे हाथ में आ गए.
क्या बूब्स थे, एकदम सॉफ्ट सॉफ्ट और गजब के बड़े बड़े रसभरे दूध थे.

मैंने बारी बारी से उन्हें शुरू चूसना किया, फिर नीचे आकर नाभि में चाटा.

चाची की चूत से पानी आ रहा था. तो मैंने उनकी पैंटी के ऊपर से ही चूत को चाटना शुरू कर दिया.
जल्द ही मैंने चाची की पैंटी को उतार दिया और दोबारा से चूत को चाटा.

वे मेरे सिर को पकड़ कर अपनी चूत पर दबाने लगीं और बोलीं- आह चूस ले मेरे राजा … ओह मेरे कुत्ते … चाट इसे … कितना मस्त चाट रहा है.
मैं उनकी चूत को चाटता रहा और चाची जल्द ही डिस्चार्ज हो गईं.

उनकी चूत का रस मेरे मुँह में आ गया.

फिर चाची ने मेरे लौड़े को चूसा तो मुझे जन्नत का मजा मिलने लगा.
अब चुदाई के चाची तड़फ उठी थीं.

तो मैंने सबसे पहले चाची को घोड़ी बनाया और उनके चूतड़ों पर थप्पड़ लगाए.
वे मस्त हो गईं.

मैंने लौड़े को चूत में सैट किया और धक्का देकर लंड को चाची की गुफा में पेल दिया.
चाची की आह निकल गई.

मैंने उनकी आह को नजरअंदाज किया और उनकी चूत को धकापेल चोदना शुरू कर दिया.
उनकी मोटी से गांड से मेरी राने टकरा रही थीं, तो मस्त पट पट की आवाज आ रही थी.

आंटी बोलीं- आह और तेज मार मेरी चूत को मेरे राजा … आह मैं आज तुम्हारी कुतिया हूँ और तुम मेरे कुत्ते हो.
मैं- आह मेरी प्यारी चाची … मैं तुम्हारा गुलाम हूँ आह!
चाची- आह मुझे खूब चोदो बेबी.

कुछ देर बाद मैंने लंड निकाल कर चाची को सीधा लिटा दिया और उनके पैरों के तलवों को चाटने लगा.

वे तो ऐसे करने से पागल हुई जा रही थीं.

जब सामने से मैंने चाची की चूत को देखा तो मैं उनकी संकरी सी चूत का दीवाना हो गया.
सच में बंगालन महिलाओं की चुची और चूत की बात ही अलग है. उनकी चूत का नजारा ही अलग था.

मैंने चाची की चूत को चाटना शुरू कर दिया.
चाची की चूत का पानी ऐसा खट्टा और नमकीन सा था, बड़ा टेस्टी लग रहा था.

मैंने अपनी जीभ उनकी चूत के अन्दर तक डालकर चुसाई की और उनके झड़ते ही मैं सारा पानी पी गया.

चाची बस आह आह कर रही थीं और मैं जीभ से उनकी चूत को चाट कर छके जा रहा था.
मैं चूत चाटते हुए कहने लगा- ओह डार्लिंग, तुम बहुत सेक्सी हो. सच में तुम बहुत कमाल की माल हो. तुम्हारे पास दुनिया की सबसे अच्छी चूत है.

चाची भी मेरे सर पर हाथ फेर कर कहने लगीं- हां बेबी, मैं तुम्हारी ही हूँ. ले लो मेरी जवानी का रस … आह चूस लो मुझे!
कुछ देर बाद मैंने कहा- अब मैं तुम्हें चोदूंगा प्रिय … हर रोज चोदूंगा और हर समय पेलूँगा … ओह मेरी रानी. मैं तुमसे प्यार करने लगा हूँ.

फिर मैंने चाची की टांगें फैलाईं और दो तकिए उनकी गांड के नीचे लगा दिए जिससे चाची की चूत फूलकर सामने आ गई.
मैंने उनकी चूत चुदाई शुरू कर दी.

मेरा लौड़ा चाची की चूत की गहराई तक जा रहा था.
मैं भाभी के जैसे चाची की चूत को डिप्स लगाता हुआ चोद रहा था.
वे भी मुझे अपने दूध पिला रही थीं.

आधा घंटा में चाची दो बार झड़ गई थीं. फिर मैं भी उनकी चूत में ही झड़ गया.

इस तरह हम दोनों ने तीन दिन तक बदल बदल कर काफी आसनों में चुदाई की.
उसके बाद मैं उन्हें उनके बंगले पर छोड़ आया.

फिर चाची का 20 दिन बाद फोन आया कि उन्हें पीरियड नहीं आया है और वह प्रेग्नेंट हो गई हैं.
उन्होंने मुझको कोलकाता बुलाया और एक बार होटल में मिल कर चुदाई का मजा लिया.

चाची ने अपने वादे के मुताबिक मुझे काफी रुपए भी दिए और आगे भी देते रहने का कहा.
मैं अपने घर वापस आ गया.

 
Top