अध्याय 73 – 74...
ओजल और इवान को फिलहाल के लिए उनका सच ना बताने का फैसल लिया है आर्यमणि और रूही ने, जोकि सर्वथा उचित भी है। जैसा की आर्यमणि ने कहा ही, यदि उन दोनों को ज्ञात हुआ की वो किसी भी मामले में उन एलियंस के बराबर या उनके जैसे हैं, तब बिना परिणाम के बारे में सोचे, वो दोनों नागपुर पहुंच जाएंगे। दोनों अभी युवा हैं, अनुभवहीन हैं, और सबसे बड़ी बात अपनी मां के साथ हुए दुष्कर्म के कारण, प्रतिशोध की ज्वाला भी उनके हृदय में धधक रही है! बहरहाल, आर्यमणि ने कहा है की जब तक उन दोनों के अंदर उनके अनुवांशिक गुणों के लक्षण देखने को नहीं मिलते, तब तक बात छुपाए रखने में ही भलाई है, बस देखना ये है की कौन – कौन सी शक्तियां व काबिलियत उन दोनों के भीतर होगी...
खैर, वो तो आगे चलकर ही पता चलेगा पर अब भी.. दोनों भाई – बहन खाद तो हैं! कॉलेज जाते हुए अधिक समय नहीं हुआ है दोनों को, पर इतने ही समय में ओजल ने अच्छी – खासी पहचान बना ली है वहां के विद्यार्थियों और शिक्षकों के बीच में! अमेरिकन फुटबॉल के मैदान में अपने खेल से सभी को हैरान कर दिया उसने, अब आम इंसानों के समक्ष एक वुल्फ होगा, तो नतीजा यही होना था, यहां इंसानों की गिनती कितनी भी हो, क्या ही फर्क पड़ता है! वैसे ओजल का किरदार अभी तक पूर्णतः स्पष्ट नहीं हुआ है, केवल ओजल ही नहीं बल्कि इवान का चरित्र – चित्रण होना भी अभी बाकी है। अलबेली और रूही को तो हम काफी हद तक समझ चुके हैं, परंतु अब भी लगता है की इन दोनों के बारे में बहुत कुछ जानना अभी बाकी है!
इस बीच जेरी उर्फ मारकस तथा नतालिया का भी परिचय हुआ कहानी में। चलो एक और अच्छा काम कर दिया ओजल ने, नौजवानों की जोड़ियां बनवाने से बढ़िया काम और क्या ही हो सकता है!?
अच्छा लगा इन सभी टीनेजर्स की अटखेलियां और मज़ाक पढ़कर। वहीं इवान और ओजल को ड्राइविंग लाइसेंस भी मिल चुका है, और मानना पड़ेगा, गाड़ी का चुनाव सचमें अपने जैसा ही किया है दोनों ने..
देखा जाए तो अच्छे – खासे तरीके से कैलिफोर्निया में पांव जमा चुका है अल्फा पैक। जहां तीनों टीनेजर्स अपनी शिक्षा व मस्ती में व्यस्त हैं वहीं आर्यमणि और रूही भी कुछ दुकान वगेरह के बारे में सोच रहे थे.. परंतु इस सबके बीच जो मोड़ आया है कहानी में, वो इन्हें कैलिफोर्निया छोड़ने पर शायद विवश कर सकता है।
माइक और लिली नॉर्मे.. कहानी में आगमन पर लगा की अच्छे इंसान हैं ये दोनों, इनके क्लिनिक पर हुई घटना के बाद लगा की हां थोड़े लालची हैं पर दिल के साफ हैं, और अध्याय के अंत तक पहुंचते – पहुंचते हम स्पष्टता से कह सकते हैं की.. विश्व में अनेकों तरह की प्रजातियां और प्राणी पाए जाते हैं, कुछ अच्छे तो कुछ बुरे! हां, एलियंस भी होते हैं पर इन सबके बीच एक प्रजाति ऐसी भी होती है जिन्हें हम नाली के कीड़ों के नाम से जानते हैं, माइक और लिली उसी प्रजाति का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं इस कहानी में, आशा करूंगा की इन दोनों कीड़ों को इनकी नाली में फेंककर ही वापिस कैलिफोर्निया लौटेगा आर्यमणि! आखिर, किसी भटके हुए मुसाफिर को उसके घर लौटने में सहायता करने से सुंदर कार्य और क्या हो सकता है!?
खैर, इन दोनों नाली के कीड़ों ने एक मनघड़ंत कहानी सुनकर आर्यमणि और रूही को मैक्सिको में एक नारकोटिक्स गैंग के पंजे में फंसा दिया है। सर्वप्रथम, यदि आर्यमणि इतनी आसानी से फैंस गया उनके बिछाए जाल में तो उस लड़के ने हमें निराश कर दिया... इससे बेहतर करने की अपेक्षा थी हमें उससे, हैं संभव है की वो अभी उन लोगों को मूर्ख बना रहा ही,वहां फंसना असल में उसकी योजना का हिस्सा हो परंतु यदि ऐसा नहीं है तो... हां, ये हमला अपेक्षाकृत नहीं था आर्यमणि या रूही के लिए, अचानक ही हुआ ये उनके साथ, हां, माइक और लिली ने उन्हें छला भी, परंतु यदि इस तरह का जाल बिछाकर आर्यमणि को चंद मिनटों के लिए भी काबू किया जा सकता है, तो आगे चलकर बहुत मुश्किल होने वाली है उसे...
यहां तो संभवतः इंसान ही थे, मेरे ख्याल से नारकोटिक्स गैंग के मुख्य सभी पात्र इंसान ही हैं, जब मुकाबला सुपरनैचुरल से होगा तब क्या? खैर, अभी के लिए आर्यमणि और रूही बंदिश से आज़ाद हो चुके हैं परंतु आर्यमणि की हालत ठीक नहीं है। रूही तो फिर भी आर्यमणि का रक्तपान कर शायद ठीक हो गई होगी, पर उसे ठीक होने अर्थात् हील होने में शायद समय लगेगा.. तब तक देखते हैं क्या होता है? इधर इन दोनों से अलग चल रहे, अलबेली, इवान और ओजल को रास्ते में कुछ ऐसे लोग मिले, जो निःसंदेह संदेहास्पद थे। सर्वप्रथम, बॉब इवानविस्की.. इसे रॉस्ले ने टीन वुल्फ्स को बिरादरी का कहकर संबोधित किया था...
ऊपर से इसे जितनी जानकारी थी, जितना सहज था ये तीनों के प्रति, क्या ये माना जा सकता है की बॉब भी एक वुल्फ ही है!? वहीं रॉस्ले, लगता है की वो भी अन्य कैदियों की तरह यहां फंसा हुआ है। अलबेली, इवान और ओजल को कुछ चेतावनियां देकर बॉब तो वहां से निकल गया था, परंतु इन तीनों से अपनी आवाज़ निकालनी शुरू कर दी... आर्यमणि इसपर सहज ही था, अर्थात् चिंतित नहीं हुआ, वहीं बॉब के कथन से लगा की इन तीनों ने कोई गलती कर दी है शायद, देखते हैं आर्यमणि सही है या फिर बॉब... देखना ये भी है की अब ये पांचों क्या करेंगे? क्या जिस काम के लिए आए थे उसे पूरा कर पाएंगे? क्या इस “एडवांस व मॉडर्न” गैंग से पार पाने में सक्षम रहेंगे ये अथवा...
दोनों ही अध्याय बहुत ही खूबसूरत थे भाई। अच्छे – खासे रोमांच की स्थिति उत्पन्न कर दी है आपने। अगले कुछेक अध्यायों में रोमांच व कुछ बेहतरीन द्वंद्व देखने को मिल सकते हैं!
प्रतीक्षा रहेगी अगले अध्याय की...