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Fantasy Aryamani:- A Pure Alfa Between Two World's

nain11ster

Prime
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nitya.ji

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भाग:–16






आर्यमणि दूसरे हफ्ते में प्रवेश कर चुका था। जबसे खबर आयी थी कि भूमि इस शहर में नहीं है, आर्यमणि को उकसाने और किसी तरह मारपीट करने के लिए प्रेरित करने की मुहिम, और भी तेज हो चुकी थी। 2 दिन जब आर्यमणि ने इनके टॉर्चर और उपहास को झेल लिया तब तीसरे दिन इन्होंने उकसाने की अपनी सीमा पार कर दी।


फर्स्ट ईयर के क्लास में आर्यमणि अकेला बैठा था। उसका इतना मज़ाक बनाया जा रहा था कि कोई भी उसके साथ बैठना नहीं चाह रहा था या चाह रही थी। लेकिन इन्हीं सब के बीच एक लड़का जिसका नाम अवध था, उसे बड़ी हमदर्दी थी, वो जाकर आर्यमणि के पास बैठ गया।


अवध चलते क्लास के बीच में उसे छोटे-छोटे नोट्स पर लिख कर देता रहा… "तुम क्यों इनकी बदतमीजियां सह रहे, प्रिंसिपल से कंप्लेंट क्यों नहीं करते।"


आर्यमणि, उसके जवाब में पेपर पर एक स्माइली इमोजी बनाकर लिखा… "तुम्हारे साथ का शुक्रिया दोस्त। लेकिन मेरे साथ रहना तुम्हारे लिए हानिकारक हो जाएगा और जब तुम कंप्लेंट करने जाओगे तब पता चलेगा कि तुम कितने बेबस हो।"..


अवध ने वापस से जवाब लिखा… "इनकी औकात नहीं जो मुझसे उलझ सके। मेरे बाबा यहां के मुख्य जज है।"..


आर्यमणि:- कुछ बुरा हो और विश्वास टूटे तो मुझ पर विश्वास रखना। जल्द ही तुम्हरे दिल पर मै बर्नोल लगाने का काम करूंगा। बेस्ट ऑफ लक।


इतनी बात के बाद आर्यमणि अपने क्लास पर ध्यान देने लगा। क्लास समाप्त हो गई और कुछ देर बाद ही कॉलेज में एक और सनसनी वीडियो वायरल। अवध को किसने नंगा किया, किसी को पता नहीं। पहले एक तस्वीर वायरल हुई जिसमे अवध, आर्यमणि के साथ बैठा है। उसके बाद में अवध के नंगे होने की वीडियो वाइरल हो गई। मामला तूल पकड़ा लेकिन काफी हाथ पाऊं मारने के बावजूद भी मुख्य न्यायधीश कुछ हासिल ना कर पाए। उन लोगों ने सोचा आर्यमणि को इस बात से कुछ तो फर्क पड़ेगा, लेकिन आर्यमणि तो अपने धुन में था।


कैंटीन में चित्रा और निशांत दोनो ही पूरे आक्रोशित थे लेकिन आज भी उनका हाव–भाव देखकर आर्यमणि उसके बीच से कट लिया। चित्रा गुस्से में तमतमाई उसके पास पहुंची और हांथ पकड़कर उसे एक किनारे ले जाते… "आर्य तुम ये कॉलेज छोड़ दो। तुम्हारा इतना मज़ाक उड़ते देख मै कुछ कर दूंगी।"..


आर्यमणि:- चित्रा मै भी शांत नहीं हूं। अब तुम बताओ जब वो जज का बेटा होकर दोषी को नहीं पहचान पाया तो बदला किस से ले। एक काम करो दोषी का पता लगाओ, उसकी जुलूस तो मै धूम-धाम से निकलूंगा।


चित्रा को एक लंबे समय बाद आर्यमणि के ओर से सुकून भरा जवाब मिला था। चित्रा आर्यमणि के गले लगकर वहां से खुशी–खुशी निकली। कहानी एक छोटी सी यहां भी चल रही थी, जब चित्रा गले लग रही थी, पलक उस क्षण अपने अंदर बहुत कुछ महसूस कर रही थी। हां अच्छा तो नहीं ही उसे महसूस हुआ था।


पलक कुछ निष्कर्ष पर पहुंचती उससे पहले ही उसके पास आर्यमणि का संदेश आया…. "तुम्हे देखकर ये दिल धक-धक करने लगता है। तुम मेरा ध्यान हमेशा खींचती हो।"..


पलक:- इसलिए चित्रा को टाईट हग करके अपना ध्यान कहीं और लगा रहे थे।


आर्यमणि:– आपस में झगड़ा करने को बहुत वक़्त मिलेगा, इस वक़्त चित्रा जरूरी है। वो लोग मुझे उकसाने के लिए अब चित्रा को टारगेट करेंगे। तुम हरपल उसके साथ रहना। तुम साथ रहोगी तो वो चित्रा को छू नहीं पाएंगे।


पलक:- जैसा तुम चाहो, लव यू।


देखते–देखते जिल्लत भड़ा ये दूसरा हफ्ता भी गुजर गया। सुक्रवार की रात थी, पलक मोबाइल स्क्रीन खोलकर आर्यमणि की तस्वीर को चूमती हुई टाइप की… "कल मै पुरा दिन तुम्हरे साथ रहना चाहती हूं।"


पलक ने जैसे ही वो मैसेज सेंड किया ठीक उसी वक़्त वैसा ही संदेश आर्य का भी आया। दोनो अपने-अपने स्क्रीन देखकर हंसने लगे। बहुत बहस होने के बाद पलक नागपुर में स्थित एक जगह "अंबा खोरी" जाने के लिए मान गई। केवल इस शर्त पर की वहां भीड़ ना हो। पलक को आर्यमणि के साथ अकेले वक़्त बिताना था और अंबा खोरी आकर्षण का केंद्र था, खासकर छुट्टियों के दिनों में।


इतनी सारी शर्तों के बाद तो आर्यमणि ने लिख ही दिया, वहां फिर कभी चलेंगे जब हम ऑफिशियल होंगे, तब एक एसपी और एक दबंग का हमे सपोर्ट मिलेगा। कल का तुम प्लान कर लो।


पलक:- प्लान तो है लेकिन वो जगह मेरे लिए प्रतिबंधित है।


आर्यमणि:- तुम रानी हो ये क्यों भुल जाती हो। तुम्हारे लिए कोई भी क्षेत्र प्रतिबंधित नहीं है। बिना हिचक बताओ।


पलक:- वाकी वुड चलते है फिर।


दोनो की सहमति बन गई। पलक सुबह से तैयार होने बैठ गई थी। जिंदगी में पहली बार किसी के लिए सज संवर रही थी। साइड से बालों को कर्ली की, अपने चेहरे पर हल्का मेकअप और होंट पर गहरे लाल रंग की लिपस्टिक। हाथ और पाऊं के नाखूनों पर गहरे लाल रंग का नेलपेंट और परिधान गहरे लाल रंग का फॉर्मल जंप सूट। कपड़ों के ऊपर मनमोहक रिझाने वाले परफ्यूम की खुशबू, जो नाक तक पहुंचते ही आंख मूंदकर गहरी श्वांस लेने पर मजबूर कर दे।


लाल और काले के मिश्रण को ध्यान में रख कर अपने लिए लो हिल की काले रंग की संडल और एक काले रंग का आकर्षित करने वाला शोल्डर बैग। इन सबके ऊपर खुले कर्ली बाल के साथ आखों पर बड़ा सा काले रंग का चस्मा डालकर जब वो अपने कमरे के बाहर आयी, हर कोई उसे देखकर भौचक्का रह गया।


नम्रता और राजदीप तो 2 बार अपनी आखों को मिजते रह गए और उसकी मां अक्षरा का मुंह खुला हुआ था।…. "पलक ये नया अवतार, किस से मिलने जा रही है।"..


पलक:- शॉपिंग करने जा रही हूं।


अक्षरा:- सुबह-सुबह इतना बन संवर के शॉपिंग।


पलक:- ओह हां अच्छा याद दिलाया, मै शाम तक लौटूंगी, इसलिए परेशान नहीं होना।


पलक के इस बात पर तो सभी के मुंह खुले रहे गए। पिताजी उज्जवल थोड़े कड़क लहजे में… "सुबह से शाम तक कौन सा शॉपिंग होता है।"..


पलक:- आप सबने जो पूछा वो मैंने बता दिया, किसी को शक हो तो मेरा पीछा कर लीजिएगा, मुझे बिल्कुल बुरा नहीं लगेगा।


राजदीप:- शॉपिंग के लिए पैसे तो ले लो…


पलक:- 2000, 5000, 10000 करके मैंने 3 लाख जमा किए है। घटेंगे तो फोन कर दूंगी दादा। अब मै जा रही हूं।


पलक अपनी बात कहकर वहां से निकल गई। उसके जाते ही अक्षरा… "राजदीप पता लगाओ किसके साथ जा रही है।"..


राजदीप:- "आई, कुछ गलत करने जा रही होती तो झूट बोलती। मैंने तो देखा है कई मामलों में लड़कियां घर से कुछ और पहन कर निकलती है, और सड़क पर कुछ और पहन कर घूमती हैं। उसे विश्वास था कि वो गलत नहीं है, इसलिए तो हम सबको इन डायरेक्टली बताकर निकली है कि वो किसी के साथ घूमने जा रही है। जब उसका इरादा चोरी करने का नहीं है और हम सब जानते है कि वो किसी के साथ घूमने जा रही है, फिर पीछा करके उसे ये क्यों जताना कि अगली बार चोरी से जाना। वैसे भी उसने बोल ही दिया है जिसे शक हो पीछे जाए। वो जा तो रही है किसी लड़के के साथ लेकिन अब जिसे भरोसा नहीं वो जाए पीछे, मै तो नहीं जा रहा।"


नम्रता:- मै भी नहीं जा रही।


उज्जवल:- क्या प्यारी लग रही थी मेरी बेटी। मै तो उसकी खुशियों का गला घोंटने नहीं जा रहा।


अक्षरा:- हां समझ गई, मै ही पागल हूं जो ज्यादा सोच लेती हूं।


इधर आर्यमणि भी तैयार होकर मासी के घर से कुछ दूरी पर आकर खड़ा हो गया था। आज तो वो भी जैसे बिजली गिराने निकला था। फॉर्मल टाईट शर्ट जो उसके पेट से चिपकी थी, सीने से हल्के गठीले उभार को दिखा रही थी। उसके बाजू भी हल्के टाईट ही थे जो उसके बाय शेप को मस्त निखार रहे थे।


नीचे नैरो बॉटम पैंट, हाथो में घड़ी, आखों पर कूल सन ग्लासेस। पूरा पहनावा एक गठीले बदन आकर दे रहा था और उसके ऊपर नजर ठहर जाने वाला उसका आकर्षक चेहरा। वहां से गुजरने वाली हर लड़कियां जो भी उसे एक झलक देखती, दोबारा एक नजर और देखकर ही आगे बढ़ती।


आर्यमणि के सामने कार आकर रुक गई। दोनो कार में सवार होकर निकल गए। थोड़ी ही देर में दोनो वाकी वुड्स में थे। पलक गाड़ी को घूमाकर पीछे के ओर से लाई, जहां से प्रतिबंधित इलाके की ट्रैकिंग शुरू होती थी। वाकी वुड्स के इस क्षेत्र को पिछले कई सालों से ट्रैकिंग के लिए प्रतिबंधित कर दिया गया था। यहां न तो कोई आम इंसान और ना ही किसी शिकारी को जाने की अनुमति थी। तकरीबन 1 किलोमीटर की ट्रैकिंग थी, और ऊपर पुरा हरियाली। पलक आर्यमणि का हांथ थामकर, मुस्कुराती हुई कहने लगी… "तो चले मेरे किंग"..


आर्यमणि पलक के कमर में हाथ डालकर उसे गोद में उठाते हुए… "राजा के होते रानी मुश्किलों भरा सफर कैसे तय कर सकती है।"..


पलक, आर्यमणि के कंधे में हाथ डालते… "और मेरे राजा जो इतनी मुश्किलों का सामना करेगा।"…


आर्यमणि, पलक के आखों में देखते हुए…. "जो राजा, अपनी रानी के मुश्किल सफर को आसान नहीं कर सका वो अपनी प्रजा की मुश्किलों को क्या समाधान निकलेगा।"..


पलक, आर्यमणि का चेहरा देखकर हसने लगी। उसे हसते देख आर्यमणि अपनी ललाट उठाकर सवालिया नज़रों से देखा और पलक ना में सिर हिलाते धीमे से कुछ नहीं बोली। 15 मिनट के ट्रैकिंग के बाद दोनो बिल्कुल ऊपर पहुंच गए थे। ऊपर के इलाके को देखती हुई पलक कहने लगी…. "मै जब भी यहां से गुजरती थी, हमेशा इस ओर आने का दिल करता था, लेकिन प्रहरी ने इसे हमारे लिए पूर्णतः प्रतिबंधित कर रखा था।"..


आर्यमणि:- हां मै मेहसूस कर सकता हूं, यहां बहुत सारी विकृतियां है।


पलक:- मै तो यहां कुछ भी तैयारी से नहीं आयी हूं, किसी ने हमला कर दिया तो।


आर्यमणि:- किसी के हमला की चिंता तुम मुझ पर छोड़ दो, और तुम अपनी इक्छाएं बताओ।


पलक:- मेरी कोई इक्छा नहीं है। जिंदगी चल रही है और मै भी साथ चल रही।


आर्यमणि:- हम्मम ! क्या हुआ था।


पलक:- मतलब..


आर्यमणि:- ऐसा क्या हुआ था जिसने तुम्हे नीरस बाना दिया।


पलक:- कुछ भी नहीं आर्य, तुम ज्यादा सोच रहे हो।


आर्यमणि:- तुम मुझसे कह सकती हो। हर वो छोटी सी छोटी बात जो तुम्हे अजीब लगती है।


पलक:- मुझे तुम बहुत अजीब लगते हो आर्य। ये राजा, ये रानी, सुनने में काफी अजीब लगता है। तुमने एक ऐसी लड़की से अपना दिल का हाल बयान किया, जिसका परिवार तुमसे नफरत करता है। खुद को तकलीफ़ में देखकर मज़ा लेना। दूसरे खतरे में है ये तुम सेकंड के फ्रैक्सनल मार्जिन से जान लेते हो और इतने ही देर में प्लान भी कर लेते हो की उसे कैसे मुसीबत से निकालना है। लेकिन खुद पिछले कई दिनों से हंसी के पात्र बने हो उसपर कोई ध्यान नहीं। और भी बहुत कुछ है, जो अजीब है।


आर्यमणि:- मै सच में राजा हूं और इस राजा की तुम रानी, और प्रजा की रक्षा करना मेरा धर्म। इसके अलावा जितनी भी बातें तुम्हे अजीब लगी है उसे किनारे करते हुए सिर्फ इतना बता दो, मुझे चाहती हो या नहीं..


पलक:- तुम्हे चाहती नहीं तो घरवालों को बताकर नहीं आती। मुझसे पूछ रहे थे कहां जा रही हो। मैंने कह दिया शॉपिंग करने और शॉपिंग करके सीधा शाम को लौटूंगी।


आर्यमणि:- फिर..


पलक:- फिर क्या, किसी के घर की लड़की इतना बोलेगी तो घरवालों का क्या रिएक्शन होगा, सभी के मुंह खुले थे। मैं ज्यादा बात नहीं की, सीधा चली आयी।


पलक, आर्यमणि से बात कर रही थी, उसी वक़्त उसके मोबाइल पर संदेश आया.. इधर पलक अपनी बात कह रही थी उधर आर्यमणि ने वो संदेश पढ़ा। संदेश पढ़कर आर्यमणि ने पलक चुप रहने का इशारा किया, और घोस्ट नाम वाली लड़की को कॉल मिलाया..


घोस्ट:- हाय क्या लग रहे हो … दिल चीर दिया जालिम… और तुम्हारे साथ ये लड़की कौन है..


फोन स्पीकर पर था, पलक जब लस्टी आवाज़ में उसकी बातें सुनी, चिढ़कर आर्यमणि को देखने लगी।..


आर्यमणि:- ये लड़की कहकर मुझे गुस्सा ना दिलाओ। तुम्हे भाली भांति पता होगा कि ये कौन है। हां मेरे लिए ये कौन है उसका मै जवाब देता हूं। ये मेरी रानी है। कैसी लगी तुम्हे..


घोस्ट:- दोनो शिकारी लगे मुझे, चाहो तो मिलकर मेरा शिकार कर लो, मै तैयार हूं।


पलक:- तू पता बता मैं अभी आती हूं।


आर्य:- पलक 2 मिनट शांत हो जाओ। घोस्ट क्या हम तुम्हारे इलाके में है।


घोस्ट:- नहीं ये किसी का इलाका नहीं है। एक प्रतिबंधित क्षेत्र है, हम जैसे वेयरवुल्फ और पलक जैसे शिकारी के लिए।


आर्य:- तुम यहां क्या कर रही हो फिर।


घोस्ट:- तुम वहां ऊपर हो इसलिए संदेश भेजी थी, कुछ विकृति मेहशूस कर रहे हो क्या?


आर्य:- तुम्हारी बातों में भय नजर आ रहा है।


घोस्ट:- हां कह सकते हो। मेरी मां एक अल्फा हीलर थी और उन्ही के कुछ खास गुण मेरे अंदर है। इस जगह पर किसी भयानक जीव के होने के संकेत यहां के हवाओं में है, अपनी रानी को जरा बचकर रखना...


आर्य:- मै इस जगह की जांच कर लूंगा तुम चिंता मत करो। मेरा काम हुआ।


घोस्ट:- हां पर्दे के पीछे के रचयता का करीबी मिल गया है, उसे पकड़ लो तो पूरी कहानी भी साफ हो जाएगी।


आर्य:- कौन है वो..


घोस्ट:- सरदार खान। वो फर्स्ट अल्फा है। और हां तकरीबन 1 हफ्ते बाद सरदार खान और प्रहरी के बीच मीटिंग होगी। मीटिंग के बाद वो अपने 2 अल्फा के साथ जा रहा होगा, तब तुम्हे आसानी होगी उस धर दबोचने में।


आर्यमणि:- चलो जब तुमने मेरे लिए इतनी मेहनत की है तो मैं तुम्हे बता दूं कि रचायता का पता तो मुझे कॉलेज आने से पहले से था। और वैसे भी सोमवार को मै महाकाल की आराधना करूंगा, उस दिन सरदार खान से ना ही मिलूं तो ज्यादा अच्छा है।


घोस्ट:– मतलब तुम्हे यह भी पता था कि कॉलेज में जो भी हो रहा है उसके पीछे सरदार खान के बीटा है।


आर्यमणि:– हाहाहाहाहा... इसमें थोड़ा दिमाग तो तुम भी लगा सकती थी। अच्छा अभी तो वो सब हुआ ही नहीं जो तुम समझ सकती...


घोस्ट:– क्या?


आर्यमणि:– मुझे उकसाने के लिए अब तो खुल्लम खुल्ला चित्रा को निशाना बनाएंगे। चित्रा मतलब प्रहरी के पूर्व मुखिया उज्जवल भारद्वाज की रिश्तेदार। और तो और वो लोग उसी उज्जवल भारद्वाज की छोटी बेटी पलक, जो की एक प्रहरी है, उसके सामने चित्रा को उकसाएंगे.. इसका मतलब समझ रही हो...


घोस्ट:– हाहाहाहा... अब बहुत कुछ समझ में आ रहा है। तो फिर हमे एक्शन देखने कब मिलेगा...


आर्यमणि:– वो तो पहले ही बता दिया, तुमने फिर गौर नही किया... सोमवार के दिन मैं महाकाल का आराधना करूंगा... और उसी दिन तोड़ेंगे सबको... चलो रखता हूं अब...


बात खत्म करके आर्यमणि ने कॉल डिस्कनेक्ट कर दिया। पलक उसे हैरानी से देखती हुई पूछने लगीं…. "ये वेयरवुल्फ थी।"


आर्यमणि:- हां..


पलक:- पर तुम कैसे एक वेयरवॉल्फ को जानते हो?


आर्यमणि:– क्यों केवल शिकारी ही वेयरवोल्फ को जान सकता है? क्या महान ज्ञानी वर्धराज कुलकर्णी का पोता वेयरवोल्फ को नही जान सकता।


पलक:– हां लेकिन.. मुझे जहां तक पता है...


आर्यमणि:– क्या पता है, खुलकर बताओ...


पलक:– नही छोड़ो, जाने दो... तुम्हे लेकर प्रहरी के बीच कई तरह की धारणाएं मौजूद है...


आर्यमणि:– मुझे सब जानना है...


पलक:– नही, मत पूछो प्लीज...


आर्यमणि:– चलो अब बता भी दो। मैं भी तो जान लूं की महीना दिन भी मुझे नही आए हुए और प्रहरी समाज मेरे बारे में क्या सोचता है?


पलक:– पता नही कैसे बताऊं...


आर्यमणि:– इतना सोच क्यों रही हो सीधा बता दो...


पलक:– प्रहरी के कई उच्च अधिकारी को लगता है कि तुम्हारे दादा वर्घराज कुलकर्णी की सारी सिद्धियां तुम में है। तो कई लोगों का मानना है कि मैत्री लोपचे के प्यार में तुम एक वेयरवोल्फ बन गए थे। पर एक वेयरवोल्फ किसी प्रहरी के यहां कैसे रह सकता है, इसलिए खुद ही वो लोग इस बात का खंडन कर देते है। बाद में इस बात का भी खंडन कर देते हैं कि जब तुम ७–८ साल के थे तब तुम्हारे दादा जी इस दुनिया में नही रहे। फिर उनकी सिद्धि तुम्हारे अंदर कैसे आ सकती है? लेकिन हर किसी को लगता है कि तुम कुछ हो.… उनके लिए तुम किसी रिसर्च सब्जेक्ट की तरह हो, जिसपर कोई नतीजा नहीं निकलता.…
awesome update sir

to arya ko pareshaan karne wale ab uske uske sath rahne walo ko bhi nishana bana rahe hai. inn logo ko pata nahi hai na ki ye log kis aag me hath dal rahe hai marenge sale sab ke sab.

palak bhi kamal hai apne gharwalo ko batakar jaa rahi hai ki wo kisi ke ladke ke sath ghumne jaa rahi hai aur use ye viswas bhi hai ki uske gharwale uski jasoosi nahi karenge aur palak ke ghar walo ko bhi apni beti par pura bharosa hai ki wo kuch galat nhi karegi. ise kahte hai idol family sab ka ek dusre par bharosa.

arya aur palak ko bhi ghumne ke liye itni khatrnak jagah hi mili jaha sabka jala hi nishedh hai dekhte hai abhi yaha koi action dekhne ko milta hai ya nahi.

to arya ko pareshaan karne wala kon hai iska arya ko pahle se pata hai. aur ab lagta hai arya bhi action ke mood me aa raha hai dhire dhire ab dekhte hai somwar ko arya kitno ki band bajata hai.

lagta hai palak ko bhi shak to hone laga hai ki arya ka warewolfs ke sath koi to sambhandh hai dekhte hai use sachayi kab pata lagti hai

kul milakar kahani abhi puri tarah se suspense me hi chal rahi hai aur un suspence par se parda sirf nain sir hi utha sakte hai ab wo suspense kab khatam karte hai ye to unke mood par hi dipend karta hai.

eagerly waiting for next todu fodu update sir
 
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