अध्याय दो: सुहानी सुबह |
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"Whatttttttt!!!!" लड़की के चिल्लाने की आवाज के साथ ही आर्यन की नींद खुल जाती है। वह देखता है की लड़की उठ गई है। आर्यन लड़की की परेशानी को समझता था। कौन सी ऐसी लड़की होगी जो इस हालत में न चिल्लाए। "शांत हो जाइए!" आर्यन बहुत ही प्यार से लड़की को बोलता है। "मुझे आपको बचाने का कोई और उपाय नही था इसलिए मुझे ये करना पड़ा। प्लीज मुझे माफ करिएगा।" आर्यन की बात लड़की सुनकर धीरे धीरे शांत हो जाती है। उसे रात की बात याद आने लगती है। उसे धुंधला सा याद आता है की पार्टी से निकलने के बाद दो लोग उसका पीछा कर रहे थे। उसकी वाइन में कुछ तो मिलाया गया था। उसने सामने दिख रहे लड़के से मदद मांगी थी। जब वह अपने आप को संभाल नही पाई तो उसी ने होटल ले जाने के लिए बोला था। वह अपनी हालत देखती है तो उसे मालूम चल गया था की उसके साथ क्या हुआ है। उसको पहले से ही मालूम था की उसे ड्रग्स दिया गया है। वह देखती है कि वह आर्यन के चौड़े सीने पर लेटी हुई है। उसको योनि अभी भी आर्यन का हथियार अपने अंदर लिए हुए है। वह अपने आप में ही सोचती है "अब तो सब कुछ हो गया है। कुछ बदल नही सकते। मैं किसी दूसरे से शादी भी नही कर सकती। अगर यह लड़का शादी सुदा हुआ तो मैं क्या करूंगी। छोर दूंगी। इसको एक घटना समझ कर भूल जाऊंगी। लेकिन अगर यह शादी शुदा नही हुआ तो मैं इससे शादी कर लूंगी।" वह आर्यन के चेहरे की तरफ देखती है "वैसे कोई बुरा भी नहीं है। इसको ज्यादा सुंदर तो नही कह सकते लेकिन इसकी आंखे की चमक बहुत खास है।" लड़की को अपने चेहरे की तरफ टकटकी लगाए हुए देख आर्यन हिलने लगता है। जिससे लड़की को कुछ दर्द होता है। "आह्ह्ह्ह हिलो मत। दर्द हो रहा है।" फिर कुछ सोचकर बोलती है "चलो ऐसे ही बात करते है।" आर्यन को भी यही सही लगता है। वह हां में अपनी गर्दन हिला देता है। "प्रिया ठाकुर" "आर्यन! मेरा कोई सरनेम नही है।" "ओह! मैं यही पटना में रहती हूं।" "मैं गांव से कल ही पटना आया था। और बस से उतरकर आ रहा था कि तुम मिल गई।" "ओह! तुम शादी शुदा हो?" "नही! मैं काम खोजने केलिए पटना आया था।" "क्या तुम मुझसे शादी करोगे? देखो मैं तुम्हे कोई दबाव नहीं डालना चाहती!" प्रिया बहुत धीरे से बोलती है। "कोई बात नहीं! मैं शादी करने केलिए तैयार हूं।" आर्यन जवाब देता है। उसका जबाव सुनकर प्रिया खुश हो जाती है। लेकिन कुछ सोचकर परेशान हो जाती है। उसकी परेशानी देख आर्यन पूछता है "कोई बात है क्या?" "नही वैसी कोई बात नही है। मेरे बहुत सारे दुश्मन है। वे मुझे तो कुछ नही करेंगे लेकिन तुझे जरूर नुकसान पहुंचा सकते है।" वह परेशान होते हुए बोली। आर्यन उसकी बात सुनकर उससे बोलता है। "परेशान होने वाली कोई बात नही है मैं गांव में पहलवानी करता था। मैं सबसे तगड़ा पहलवान हू गांव का।" आर्यन अपनी हाथो को मोड़कर बॉडी दिखाते हुए बोलता है "देखो मैं कितना मजबूत हू।" आर्यन की बात कहने के अंदाज को सुनकर प्रिया खिलखिला कर हंसने लगती है। वह अपनी परेशानी भूल जाती है। आर्यन उसके मुस्कुराहट में खो जाता है। "तुम मुस्कुराते हुए बहुत ही अच्छी लगती हो। ऐसे ही मुस्कुराया करो।" आर्यन खोए हुए से ही बोलता है। उसकी बात सुनकर प्रिया उसे देखने लगती है। वह आर्यन की नीली आंखे देख उसने खो जाती है। दोनो एक दूसरे की तरफ देखते हुए अपना चेहरा सामने लाने लगते है। धीरे धीरे दोनो के होठ मिल जाते है। दोनो धीरे धीरे एक दूसरे को किस करने लगते है। आर्यन और प्रिया अपनी लाइफ में पहली बार किसी को किस कर रहे थे। दोनो एक दूसरे से सिख रहे थे। धीरे धीरे उनका किस गहरा हो गया। आर्यन की जीभ प्रिया के मुंह में चली गई। वह प्रिया की जीभ को चूसने लगा। प्रिया किस से मदहोश हो गई थी। उसकी चुत से पानी निकलने लगी थी। वह अपनी कमर हिलती है जिससे आर्यन का लंड उसके चुत में अंदर बाहर होने लगता है। सुबह होने के कारण आर्यन का लंड विकराल रूप धारण किए हुए था। आर्यन प्रिया को मदहोश देख अपना हाथ उसकी चूची पर ले जाता है वह प्रिया की चूची को धीरे धीरे मसलने लगता है। "अअह्ह्ह! आर्यन धीरे!!" प्रिया आर्यन को बोलती है। वह माना नही करती। आर्यन फिर से धीरे धीर प्रिया की छातियों को सहलाने लगता है। दोनो ऐसे ही धीरे धीरे सेक्स करने लगते है। करीब एक घंटे बाद आर्यन फिर से प्रिया के अंदर अपना वीर्य छोड़ देता है। दोनो हांफने लगते है। प्रिया इस एक घंटे में तीन बार अपना पानी छोड़ चुकी थी। अब उसके अंदर उठने की क्षमता नही थी। प्रिया की इतनी खराब हालत देख आर्यन प्रिया को पलट कर बिस्तर पर लिटा देता और हल्के से अपना हथियार प्रिया के अंदर से निकाल लिया। प्रिया बहुत ही थक चुकी थी वह आर्यन को मुस्कुरा कर देखती है और फिर अपनी आंखे बंद कर के सो जाती हैं। आर्यन सबसे पहले नहा कर अपना कपड़ा पहनता है। फिर वह बाहर आ कर बाहर आंटी से गरम पानी मंगवाता है। वह एक सीसी से एक गोली निकलता है और उसे गरम पानी में मिलाकर एक कपड़े से प्रिया की योनि को धोने लगता है। कुछ देर में योनि की सूजन चली जाती है। प्रिया की हालत देख कर आर्यन को बुरा लगता है। वह प्रिया के पूरे शरीर को अच्छे से पोंछता है। प्रिया पूरे समय बहुत ही गहरी नींद में सोई रहती है। आर्यन प्रिया को कपड़े भी पहना दिया। आर्यन पहले प्रिया को सोफे पर लिटाकर बेडशीट चेंज करता है। वह पुरानी बेडशीट को मोड़कर रख देता है। "गांव में औरते अपनी सुहागरात की निशानी संजो कर रखती है। मैं यह हक प्रिया से नहीं छिन सकता।" नई बेडशीट बिछा कर आर्यन प्रिया को बेड पर सुला देता है। आर्यन भी थक चुका था। वह भी बगल में लेट जाता है। दोनो नींद के आगोश में चले जाते है। |