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अध्याय एक: खूबसूरत मुलाकात "मेरी मदद करो!" एक बहुत ही धीमी और कमजोर आवाज आर्यन के कानो में पड़ी। वह आवाज की दिशा में मुड़ता है। उसे एक लड़की अपनी तरफ भागती हुई आती दिखाई देती है। उसके पीछे दो आदमी भागते हुए आ रहे थे। अपने सामने की सीन को देख आर्यन समझ जाता है की ये लोग लड़की को कुछ न कुछ जरूर करेंगे। आर्यन लड़की को बचाने का सोचता है।
आर्यन सड़क के किनारे पड़ी दो पत्थर उठाता है और सीधे दोनो के सर पर निशाना लगा देता है। दोनो गुंडे बेहोश हो कर जमीन पर गिर जाते है। लड़की आर्यन से आकर लग जाती है। वह उससे फुसफुसाते हुए बोलती है "मुझे होटल ले चलो।"
आर्यन को पहले समझ में नहीं आता। फिर वह लड़की को एक नजर देखता है। लड़की का चेहरा पूरी तरह से लाल हो गया था। उसके माथे पर पसीने की बूंदे थी। उसकी जिस्म पूरी तरह से कांप रही थी। आर्यन समझ गया की लड़की को जरूर कोई ड्रग्स दिया गया है। आर्यन लड़की को गोद में उठा कर पास वाली होटल के पास पहुंच जाता है। वह अपने पास बची पांच सौ को नोट से होटल में एंट्री करता है।
काउंटर पर बैठी आंटी दोनो को देखकर एक मुस्कान देती है। वह आर्यन को चाभी थमाते हुए बोलती है "रूम नंबर 102, पहली फ्लोर पर।"
आर्यन उसकी तरफ देखे बिना चाभी लेकर ऊपर चला जाता है। और गेट खोलकर लड़की को बिस्तर पर लेटा देता है। ड्रग्स लड़की के जिस्म पर हावी हो चुका था।
आर्यन लड़की की नब्ज चेक करता है "इसे तो बहुत ही खतरनाक ड्रग्स दिया गया है। यह ड्रग्स तो योद्धाओं को दिया जाए तो वो उसे आधे घंटे तक सह नहीं पाए। यह ड्रग्स ऐसे बाहरी दुनिया में कैसे आ गया।"
आर्यन अपने आप में बुदबुदाते हुए बोलता है "अगर यह ड्रग्स पूरी तरह से लड़की के शरीर में फैल गई तो इससे इसकी जान भी जा सकती है। इसको शांत करने केलिए दो ही उपाय है एक एंटीडोट और दूसरी सेक्स। एंटीडोट तो मिल नही सकता तो केवल सेक्स ही बचा।"
"क्या करू! इस लड़की से सेक्स करू क्या? लेकिन ये गलत होगा। यह लड़की बहुत ही मासूम है।" आर्यन अपने दिमाग में अपने आप से लड़ रहा था वही दूसरी तरफ लड़की का जिस्म आग की तरह गरम हो गया था। वह अपनी कपड़ो को अपने शरीर से अलग करने लगती है।
*Chrrr*
जब आर्यन को कपड़े फटने को आवाज सुनाई देती है तो वह लड़की की तरफ देखता है। लड़की की शरीर एकदम सुडौल थी। उसकी शरीर पर कही भी चर्बी का नमो निसान नही था। उसकी कमर पतली थी। पहाड़ की तरह छतिया निकली हुई थी। उसके नितंब बाहर की तरह निकले हुए थे। आर्यन एक नजर देख कर ही बता सकता था की लड़की का साइज 38 - 25 - 38 है। लड़की की टांगे लंबी थी। उसके सामने मॉडल भी फिंके लगे।
खैर ये सब छोड़ आर्यन की नजर उसकी कमर पर बने काली कमल के फूल पर टिक जाती है। जिसकी अभी आठ पंखुरिया खिली हुई थी। फूल ऐसी दिख रही थी की वह कभी भी बाहर निकल जाए। यह देख आर्यन का शरीर कांप जाता है।
"काली कमल का शरीर! और ये भी उसकी आठ पंखुरी खिली हुई। यानी की अभी इस लड़की के पास केवल एक महीने की जिंदगी बची हुई है।" यह सोच आर्यन का बदन कांप जाता है। "अगर यह लड़की एक महीने में योद्धा नही बनी तो इसकी मृत्यु तय है।" आर्यन कुछ सोचने लगता है।
"वैसे भी इस लड़की के पास कम समय है। मैं इसके साथ सेक्स कर लेता हु। कल इसको काली कमल के शरीर का मंत्र बता दूंगा। अगर शादी करने केलिए बोलेगी तो शादी भी कर लूंगा।" आर्यन यह सोचकर अपना मन मजबूत करता है और अपने कपड़े निकाल कर पूरी तरह से नंगा हो जाता है। लड़की की शरीर देख आर्यन का लिंग पहले से ही पूरी तरह से रॉड की भाटी खड़ा था। इसकी करीब बारह इंच लम्बा और चार इंच की चौड़ाई होगी। अगर कोई भी लड़की होश में हो तो उससे सेक्स न करे।
आर्यन लड़की को गले से लगा कर उसको बिस्तर पर लेटा देता है। अपने खरे हथियार देख वह गर्दन हिलाता है "इस लड़की को बहुत दर्द होगा।"
आर्यन आस पास देखता है। उसे एक क्रीम दिखाई देती है उसे उठा कर उसमे से क्रीम निकलता है और लड़की की योनि पर लगाने लगता है। "इसका छेद तो बहुत टाइट है। लगता है इसकी फर्स्ट टाइम है। मेरा हथियार कैसे जाएगा। वैसे भी मेरा फर्स्ट टाइम है।"
"उम्म्म" लड़की की हल्की सी आवाज आर्यन के कानो में पड़ती है। वह फिर अपने काम में जुट जाता है। वह अच्छे से पहले एक अंगुली से लड़की के छेद में डाल कर अंदर बाहर करने लगता है क्रीम की चिकनाई से उसे कुछ देर में कोई परेशानी नहीं होती। थोड़ी देर बाद वह अपनी दूसरी और तीसरी अंगुली भी डाल डाल देता है।
जब लड़की के योनि का छेद में आर्यन की तीन अंगिलिया आसानी से अंदर बाहर होने लगती है तो आर्यन से अब रहा नही जाता। वह अपना हथियार लड़की के छेद पर लगा देता है। अपने कमर से थोड़ा धक्का देने से उसका हथियार लड़की के छेद के अंदर चार इंच तक घुस जाता है।
"आह्ह्ह" आर्यन के कानो में एक तेज आवाज पड़ती है। आर्यन रुक जाता हैं। वह लड़की की ओर देखता है तो पता है की उसके चेहरे पर दर्द भरी लेकर है। वह एक हाथ से लड़की की छाती को दबाते हुए कमर को हिलाने लगता है। वह चार इंच हथियार अंदर बाहर करने लगता है। बेडशीट पर खून के धब्बे दिखाई देने लगते है।
पंद्रह मिनट बाद आर्यन देखता है की लड़की के चेहरे पर अब दर्द की शिकन काम हो गई है। वह एक और जोर का धक्का लगाता है। जिससे आर्यन का हथियार अब आठ इंच तक लड़की के शरीर के अंदर घुस जाता है। वह कुछ देर तक ऐसे ही शांत रहता है और फिर से उतना ही अंदर बाहर करने लगता है। करीब आधे घंटे बाद आर्यन एक और धक्का मारता है और उसी के साथ पूरा का पूरा हथियार अंदर चला जाया है। लड़की एक चीख मार कर बेहोश हो जाती है। आर्यन जब देखता है की लड़की बेहोश हो गई है तो वह धीरे धीरे अंदर बाहर करने लगता है। करीब डेढ़ घंटे तक ऐसे ही करने के बाद आर्यन लड़की के अंदर ही अपना पूरा वीर्य भरकर सो जाता है।
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अध्याय तीन: शादी |
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चार घंटे सोने के बाद प्रिया और आर्यन दोनो की नींद टूट गई। प्रिया अपने आप को और आर्यन को देखती है। अपने शरीर पर कपड़े पाकर वह मुस्कुराने लगती है। उसे आर्यन पर बहुत प्यार आता है मन ही मन सोचती है "आर्यन बहुत ही प्यारा हैं।" आर्यन बिस्तर पर पीठ के बाल लेटा हुआ था। प्रिया उसके ऊपर लेट जाती है। दोनो का मुंह एक दूसरे के सामने था। प्रिया पहले आर्यन के दोनो गालों को चूमती है। फिर दोनो आंखो को उसके बाद नाक और होठ को। फिर उसके पूरे चेहरे को चूमने लगती है। आर्यन प्रिया की किस से मुस्कुरा देता है। उसे प्रिया बहुत अच्छी लगती है। वह प्रिया के कमर के चारो तरफ अपना हाथ लपेट लेता है। वह कुछ बोलना चाहता था। लेकिन उसके पास कुछ शब्द ही नहीं थे। प्रिया को भी उसकी बाहों में रहना अच्छा लग रहा था। "बेबी तुम मुझे छोड़कर तो नही जाओगे न?" प्रिया थोड़ा गंभीर आवाज में पूछती है। उसे थोड़ा डर लग रहा था की कही अब आर्यन उसे छोड़ कर तो नही चला जायेगा। अब वह आर्यन से प्यार करने लगी थी। "नही जाऊंगा!!" आर्यन बिना झिझके हुए जवाब देता है। वह भी प्रिया को छोड़कर नही जाना चाहता था। लेकिन फिर उसे प्रिया की हालत के बारे में याद आया जब उसने उसके कमर पर काली कमल की फूल को देखा था। उसे पता था की प्रिया को रात में बहुत दर्द होता होगा। अगर वह जल्दी से योद्धा नही बनी तो एक महीने में ही वह इस दुनिया की छोड़ कर चली जायेगी। "प्रिया तुम हमेशा बीमार रहती हो क्या?" आर्यन जानबूझ कर पूछा। वह प्रिया की परिस्थिति के बारे में जानना चाहता था। "तुम्हे कैसे पता?" प्रिया हैरान हो कर पूछी। वह हैरान थी की यह बात आर्यन को कैसे पता चली। यह बात तो उसकी मां और बहन के अलावा कोई नहीं जानता था। खैर उसके पिता जी नही थे। प्रिया आर्यन की ओर देख कर बोलती है "हा मैं हमेशा से बीमार रहती आई हू। हरेक सप्ताह में मुझे एक रात को बहुत दर्द होता है। ऐसा दर्द की लगता है चारो तरफ चीटिया रेंग रही हो।" आर्यन प्रिया की ओर मुस्कुरा कर देखता है "में तुम्हारा इलाज कर सकता हु। लेकिन उससे लिए तुम्हे मुझपर भरोसा करना पड़ेगा।" प्रिया आर्यन की बात सुनकर मन ही मन सोचती है "वैसे भी डॉक्टर ने बताया है की मैं एक महीने से ज्यादा दिन जिंदा नही रह सकती। अगर आर्यन मेरा इलाज करना चाहता है तो मैं करने दूंगी।" यह सोचकर प्रिया हा में सर हिला देती है। "मुझे तुम पर पूरी तरह से भरोसा है। तुम मुझे कुछ नही होने दोगे।" इतना कहकर वह आर्यन को किस कर लेती है। दोनो रात से भूखे थे। अब दोपहर होने को थी। दोनो को भूख लगी हुई थी। आर्यन कहता है। "अच्छा पहले खाना खा लेते है। रात को भी नही खाया था। अब दोपहर हो गई है।" आर्यन की बात सुनकर प्रिया इंटरकॉम से होटल में ऑर्डर कर देती है। कुछ देर बाद वेटर खाना लगा कर चले जाते है। आर्यन प्रिया को गोद में उठाकर सोफे पर अच्छे से बैठता है। फिर अपने पॉकेट से एक गोली निकल कर देता है। यह एक आयुर्वेदिक दवाई थी। "इसे खा लो दर्द से बहुत आराम होगा!" प्रिया आर्यन को मना नही करती। वह दवाई खा लेती है। प्रिया को दर्द से आराम मिलता है। "वॉव! ये कैसी दवाई थी। बहुत जल्दी दर्द ठीक कर दी।" "ये आयुर्वेदिक दवाई है। बहुत सारी जादीबुतियो को मिलाकर इसे बनाया गया है। बहुत ही जल्दी असर करती है।" आर्यन दवाई के बारे में बताते हुए बोला। दोनो खाना खाते हुए बात कर रहे थे। "ओह! यह तुमने बनाई होगी।" प्रिया पूछती है। वह आर्यन के बारे में जानना चाहती थी। लेकिन उसने सीधा नही पूछा। अगर वह डायरेक्ट पूछती तो उसे मजा नही आता। "हा यह मैने बनाई है। कुश्ती करते समय हमेशा चोट लगती रहती है। इसीलिए दर्द की दवा अपने पास रखनी पड़ती है।" आर्यन उसे बताते हुए बोला। "अच्छा! तुम्हे कुश्ती भी आती है। दिखने से तो नहीं लगता।" प्रिया आर्यन की बॉडी को देख कर बोलती है। आर्यन ढीला ढाला कपड़ा पहना हुआ था। उसके शरीर कोई खास नही दिख रहा था। प्रिया के मजाक पर आर्यन मुस्कुरा कर रह जाता है। उसके बाद दोनो खाना खाते है। "मेरी एक बात मानोगे।" प्रिया आर्यन का हाथ पकड़ कर बोली। उसकी आंखों में एक चमक थी। "हा बोलो" आर्यन उसे जबाव देता है। "चलो कोर्ट मैरिज कर लेते है।" प्रिया आर्यन की तरफ देखते हुए कहती है। उसके मन में एक इक्षा थी की वह भी अपनी सहेलियों की तरह शादी शुदा हो। लेकिन अपनी मेडिकल रिपोर्ट आने के बाद से उसने अपनी यह इक्षा अपने अंदर ही दबा ली थी। उसकी सहेलियों के अब बच्चे भी हो गए थे। अब जब उसके और आर्यन के बीच सब कुछ हो गया है तो वह अपनी इक्शा दबा नही पाई। उसने आर्यन के सामने यह बात कह दी। आर्यन इस बात पर थोड़ी देर शांत रहा। प्रिया के कपड़ो से उसे पता चल गया था की वह बहुत ही अमीर परिवार से है। आर्यन को पता था की वह उसकी हैसियत से बहुत ही ऊंची परिवार से है। अगर वह प्रिया से शादी करेगा और यह बात उसके परिवार वालो को पता चली तो जरूर उसे परेशान करेंगे। साथ ही साथ प्रिया बहुत खूबसूरत थी। उसके चाहने वाले बहुत होंगे। तो ऊपर से वो भी परेशानी। लेकिन प्रिया की आंखों की चमक देख वह इस शादी केलिए तैयार हो गया था। वह प्रिया को खुश देखना चाहता था। प्रिया आर्यन को शांत देख सोचती है की आर्यन उससे शादी नही करना चाहता। उसका चेहरा एकदम से उदास हो जाता है। वह धीमी आवाज में कहती है "ठीक है अगर तुम नही करना चाहते तो कोई बात नही।" आर्यन को प्रिया के उदास चेहरे को देख उसके दिल में टीस उठती हैं। वह प्रिया को एकदम से गले लगा लेता है। "अरे पागल लड़की मैने कब कहा की मैं तुमसे शादी नही करूंगा। मैं तो सोच रहा था की मैं ससुर जी से दहेज क्या मांगू? घर.. नही नही। गाड़ी.. नाह।। उम्म! मैं उनसे उनकी बेटी लूंगा दहेज में।!!!!" प्रिया आर्यन की बात सुनकर हंसने लगती है। वह बहुत ही खुलकर हंसी। हंसते हंसते उसकी आंखो से पानी निकलने लगे। "तुम बहुत अच्छा मजाक कर लेते हो।" प्रिया आर्यन को देखते हुए बोली। "मैं अपने पापा - मम्मी की परी हू। मैं उनकी इकलौती संतान हू। वो लोग मुझे बहुत प्यार करते है। मेरे पापा राठौड़ इंडस्ट्री के मालिक है। मेरा पूरा परिवार दिल्ली में रहता है। मैं यहां इंडस्ट्री की एक कंपनी संभालती हू।" वह आर्यन की ओर प्यार भरी नजरो से देखते हुए बोलती है। "मैं तुम्हे धोखे में नही रखना चाहती थी। इसीलिए मैंने तुम्हे अपने बारे में बता दिया।" प्रिया की बात सुनकर आर्यन भौचक्का रह गया। भले ही आर्यन गांव से था लेकिन वह पटना में तीन सालो तक रह कर अपनी बिजनेस से बैचलर की पढ़ाई कंप्लीट की थी। वह राठौर इंडस्ट्री के बारे में जानता था। वह इंडिया की सबसे बड़ी ग्रुप ऑफ इंडस्ट्री थी। हर छोटे बड़े सहर में उनकी कोई न कोई कंपनी थी। उनकी कुछ प्रोजेक्ट इंटरनेशनल लेवल पर भी थी। उसको अंदाजा ही नही था की उसने राठौर ग्रुप की छोटी मालकिन के साथ रातभर सेक्स किया है। आर्यन की दर लग रहा था की अगर यह खबर प्रिया के डैड या मॉम को पता चल जाती तो वे लोग उसे जान से मार देते। बड़े परिवार वाले लोग नही चाहते की उनकी बेटी ऐसे रिश्ते में बंधे। आर्यन एक गहरी सांस लेता है। वह अपने आप को शांत करता है। वह प्रिया को गहरी नजर से देख कर कहता है "मैं तुमसे शादी करने केलिए तैयार हु। लेकिन पहले मैं बता दे रहा हु की मैं बहुत ही गरीब परिवार से हूं। मेरी केवल मां है। वह अभी गांव में है। मैं एक बार शहर में सेटल हो जाऊंगा तो उन्हें यहां ले आऊंगा। मुझे मेरे पिता जी के बारे में कुछ नही पता। अब तुम डिसाइड करो की क्या तुम मुझ जैसे गरीब से शादी कर के खुश रह पाओगी। क्या तुम्हारे परिवार वाले मानेंगे इस बात को।" आर्यन कुछ सोचते हुए बोलता है। "एक बात और, हम तुम्हारे परिवार वालो से यह बात छुपा नही पायेंगे। ये तुम्हे भी अच्छी तरीके से पता है। मैं तुम्हारे परिवार वालो की गुस्से को सह लूंगा। लेकिन क्या तुम मेरे साथ एडजस्ट कर पाओगी।" प्रिया यह सब सुन कर शांत हो जाती है। वह आर्यन को अपनी शांत आंखो से देखते हुए बोलती है, "तुम्हे पता है आर्यन मैं यह शादी क्यों करना चाहती हूं? क्योंकि मेरी फैमिली को मेरे बीमारी के बारे में पता नही है। मेरे अंकल लोग मेरी शादी फायदे केलिए कही और करना चाह रहे है। मैं इन सब मामले में नही पड़ना चाहती। मैं सुकून से अपनी बची खुची जिंदगी बिताना चाहती हू। अगर वे लोग जानेंगे की मैने तुमसे शादी कर ली तो वो लोग हमे तंग नही करेंगे।" आर्यन प्रिया को देखता है। उसकी आंखे बहुत ही अडिग थी। उसने अपना फैसला ले लिया था। आर्यन भी प्रिया को पसंद करने लगा था। उसने सोचा बाद की बात बाद ने देखेंगे। जो भी परेशानी होगी उसे झेल लेंगे। वह प्रिया को हा बोल देता है। दोनो उस होटल से चेक आउट करते है। इस बार पेमेंट प्रिया ने किया था। क्योंकि आर्यन के पास पैसे नहीं बचे थे। उसके अकाउंट में पांच सौ रुपए ही थे। जब दोनो टैक्सी का वेट कर रहे थे तो प्रिया अपने और आर्यन के कपड़े को देख कर कहती है "चलो सबसे पहले हम लोग शॉपिंग करते है। उसके बाद सिविल कोर्ट चलेंगे। मैं एक अच्छा सा मैरिज फोटो खिंचवाना चाहती हू।" आर्यन प्रिया की बात सुनकर मुस्कुराते हुए कहता है "जो हुकुम माई प्रिंसेस!" प्रिया आर्यन की इस बात पर हसने लगती है। तब तक टैक्सी उनके सामने आ गया था। वे दोनो मॉल में जाते है। ऑटो वाले को वही कुछ देर वेट करने का बोलकर दोनो मॉल में चले जाते है। प्रिया अपने लिए लाल कलर का लहंगा चुनती है वही आर्यन एक सिंपल सी सेरवानी चुनता है। दोनो चेंज करके आते है टैक्सी से वे सिविल कोर्ट पहुंचते है। वहा उतरकर सीधे मैरिज रजिस्ट्रार से मिलते है। वहा बैठा पिऊन उनको देख कर कहता है। "शादी रजिस्टर करने आए हो।" आर्यन जवाब देता है "हां अंकल!" पिऊन आर्यन की बात सुनकर दोनो को देखता है। प्रिया खूबसूरत थी। आर्यन हालाकि हैंडसम था लेकिन गांव में रहने के कारण उसकी स्किन थोड़ी से मुरझा गई थी। पिऊन उन्हें देखकर पूछता है "पक्का न शादी करने ही आए हो न।" प्रिया एक स्वीट सी स्माइल देते हुए कहती है "अंकल हमलोग होशो हवास में शादी करने आए है। क्या आप हमलोगो को बता सकते है की हमलोग शादी रजिस्टर कैसे करेंगे।" प्रिया की बात सुनकर पिऊन दो फॉर्म निकल कर देता है। "तुमलोग दोनो फॉर्म भर दो। आधार कार्ड और दो सौ रुपए भी जमा करा देना। और हा एक साथ में फोटो खिंचवा कर लगा लेना। यह सब करके आओ और मैं तुम्हे साहब के पास ले जाऊंगा।" दोनो सबसे पहले फोटोग्राफर के पास जाते है। उन्होंने फोटो खिंचवाई। प्रिया ने फोटोग्राफर से फोटो की सॉफ्ट कॉपी मांग ली। दोनो ने फॉर्म फिल कर ली। आधे घंटे बाद फिर वो दोनो पिऊन के पास आए। पिऊन दोनो को मजिस्ट्रेट के पास ले गया। वहा मजिस्ट्रेट ने कुछ सवाल पूछे। और अंत में दोनो की शादी का फैसला सुना दिया। बाद में पिऊन ने उन्हें रजिस्टर में साइन करने केलिए कहा। और दो कॉपी बढ़ा दी। दोनो ने साइन कर के एक एक कॉपी रख ली। दोनो अपनी अपनी सर्टिफिकेट लेकर मैरिज ब्यूरो से निकल गए। |