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Fantasy ARYAN

सुमन

#masti_
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अध्याय छह: नई सुबह
अगला दिन: सुबह छह बजे…


कल की हुई भाग दौड़ में आर्यन और प्रिया दोनो थक गए थे। अभी तक दोनो की नींद नहीं खुली थी। सुबह की पहली किरण पड़ने के साथ ही आर्यन कुनमुनाते हुए जग जाता है।


वह बिस्तर पर से उठना चाहता था की उसे अपने शरीर पर वजन महसूस हुआ। वह देखता है की प्रिया उससे लिपट कर सोई हुई है। वह प्रिया को नहीं जागता। आहिस्ते से उसने प्रिया को अपने से अलग किया। आधे घंटे बाद वह नहा धोकर तैयार हो गया।


आर्यन पास के किराना दुकान से ब्रेड दूध और अंडे खरीदकर लाया। घर आकर उसने ब्रेड आमलेट बनाया। फिर अपना नाश्ता कर के बेडरूम में गया। उसने प्रिया केलिए एक नोट छोड़ दिया।


आर्यन घर से निकलकर अभी सड़क की तरफ जा ही रहा था की उसके सामने एक औरत आ कर खड़ी हो गई। वह सफेद सलवार सूट पहनी हुई थी। उसका चेहरा काफी सुंदर था। फिगर काफी सेक्सी। औरत की एक झलक देख कर कोई भी उसे भूल न पाए। पर सबसे खास बात यह थी की औरत के चारो तरफ शांत औरा था। जिससे कोई भी अपने मन को शांत कर ले। औरत को देख कर आर्यन एक पल केलिए चौक गया फिर वह दौड़ कर उसके गले लग गया। "मां आप कब आई शहर। पहले बता दिया होता।"


हां औरत कोई और नहीं आर्यन की मां सुहानी थी। सुहानी आर्यन को अपने से अलग करती है। वह आर्यन को गुस्से में देखती है। आर्यन सुहानी के गुस्से को देख कर सहम जाता है। वह जानता था की मां कभी कभी ही गुस्सा करती है। पर उनका गुस्सा बहुत बुरा है।


सुहानी आर्यन को हल्के में कान पकड़ते हुए कहती है "तुमने शादी की और मुझे बताया भी नही। अगर मैं न्यूज नही देखती तो मुझे पता भी नही चलता। कब तक बताने वाला था। हा बता!"


आर्यन को अब समझ में आया की उसकी मां क्यों गुस्से में है। उसे दुख भी हुआ की उसने अपने मां को क्यों नहीं बताया। वह सुहानी को देख अपनी कान पकड़ते हुए बोलता है "मां इस बार माफ कर दो। अब से ऐसा नही होगा।"


आर्यन को ऐसे देख सुहानी का दिल भर आया। वह आर्यन के हाथ को कान से हटाते हुए बोली "चल अब घर चल। मैं भी देखूं मेरी बहु कैसी है। वैसे तुमको कुछ बताना भी है।"


"ठीक है मां। वैसे आपको बता देता हु प्रिया पर ज्यादा जोड़ मत डालना वह बहुत बीमार है। मैने देखा था की उसकी शरीर पर काले कमल का निशान है। आपने बताया था न मां की ऐसे शरीर वाली लड़की 25 साल से ज्यादा नही जीती।" आर्यन सुहानी को प्रिया के बारे में बताता है।


सुहानी यह बात सुनकर दंग रह जाती है वह मन ही मन सोचती है "यह कैसे संभव है। चौबीस साल पहले की बात सच कैसे हो सकती है। उसने मुझे यही बताया था।"


आर्यन सुहानी को ऐसे खड़े देख एक बार आवाज लगता है जिससे सुहानी अपनी सोच से बाहर आती है। वह आर्यन को चलने केलिए बोलती है। आर्यन सुहानी के साथ घर आता है।


इधर प्रिया आर्यन के जाते ही जग गई थी। दरअसल आर्यन के जाते ही उसके फोन की घंटी बजने लगी थी। आर्यन ने अपना फोन प्रिय को दे दिया था। प्रिया फोन पर अपने पापा का नंबर देख कर फोन उठा लेती है। उधर से अनिता की आवाज आती है "गुड मॉर्निंग बेटी"


"उम्मम!! गुड मॉर्निंग मम्मा! बोलो मम्मा कैसे याद किया इतनी सुबह सुबह।"


"उम्म्मम बेटी! हा बेटी! हमलोग एक घंटे पहले ही पटना एयरपोर्ट पर लैंड किए है। एक घंटे से तुम्हारे पापा संकोच कर रहे है की तुम्हारे घर जाए की नही जाए। इसीलिए मैने तुमसे पूछने केलिए फोन किया। क्या हम तुम्हारे घर पर आ सकते है।" अनिता पहले हिचकिचाई फिर उसने अपनी बात बता दी।


"मॉम! आप लोग आ जाओ। वैसे भी एक कमरा खाली ही है। अपलोग रह लेना।" प्रिया जवाब देती है। "उम्मम्म …… ये हमारा पता है। अपलॉग आ जाना।"


"अच्छा ठीक है। मैं जल्दी ही आउंगी।" अनिता कॉल काट देती है। वह जल्दी से जल्दी अपनी बेटी से मिलना चाहती थी।


प्रिया अंगराई लेती है और जैसे ही बिस्तर से उतरने वाली थी की उसे गेट खुलने की आवाज सुनाई देती है।


प्रिया जल्दी से अपने कपड़े सही करके बिस्तर से बाहर निकल जाती है। वह फ्रेश होने बाथरूम में चली जाती है। जब वह फ्रेश होकर बाहर आती है तब तक आर्यन सुहानी को नाश्ता करवाता है।


प्रिया जब कमरे से बाहर आती है तो आर्यन उसे अपने पास बैठने केलिए कहता है। और सुहानी से उसका परिचय करवाता है।


"प्रिया आओ बैठो। ये है मेरी मां और मां ये है प्रिया! मैने आपको बताया था न।" आर्यन बोलता है।


प्रिया की खूबसूरती को देखते ही सुहानी की आंखों में चमक आ जाती है। प्रिया बहुत ही खूबसूरत और मासूम दिखती थी। उसकी खूबसूरती को देख कर सुहानी बिना मुस्कुराए नही रह सकी। वही हाल प्रिया का भी था।


प्रिया मुस्कुराते हुए सुहानी के गले लग जाती है "नमस्ते मां" और फिर हट कर उसके बगल में सुहानी के पास बैठ जाती है।


सुहानी उसके सिर पर हाथ फेरते हुए बोलती है, "बेटी मैं तेरे लिए ही आई हूं। खबर देखी थी तुम दोनो के शादी की।" फिर वह अपने कलाई से एक कंगन निकाल कर प्रिया के हाथो में पहना देती है। "मैं अभी तुम्हारे लिए कुछ नहीं लाई। पर तुम ये कंगन रखो। ये मेरी मां ने दिया था मुझे। उनकी आखिरी निशानी है मेरे पास।"


सुहानी प्रिया को कंगन पहनाकर अभी कुछ आगे कहने वाली ही थी की बेडरूम से मोबाइल की रिंगटोन सुनाई दे देती है। दोनो को बात करता देख आर्यन फ़ोन उठा लेता है। अभी आर्यन कुछ बोलता की उधर की बाते सुनकर जोड़ से चिल्ला उठता है "क्या!!!"
 

Ajju Landwalia

Well-Known Member
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अध्याय छह: नई सुबह
अगला दिन: सुबह छह बजे…


कल की हुई भाग दौड़ में आर्यन और प्रिया दोनो थक गए थे। अभी तक दोनो की नींद नहीं खुली थी। सुबह की पहली किरण पड़ने के साथ ही आर्यन कुनमुनाते हुए जग जाता है।


वह बिस्तर पर से उठना चाहता था की उसे अपने शरीर पर वजन महसूस हुआ। वह देखता है की प्रिया उससे लिपट कर सोई हुई है। वह प्रिया को नहीं जागता। आहिस्ते से उसने प्रिया को अपने से अलग किया। आधे घंटे बाद वह नहा धोकर तैयार हो गया।


आर्यन पास के किराना दुकान से ब्रेड दूध और अंडे खरीदकर लाया। घर आकर उसने ब्रेड आमलेट बनाया। फिर अपना नाश्ता कर के बेडरूम में गया। उसने प्रिया केलिए एक नोट छोड़ दिया।


आर्यन घर से निकलकर अभी सड़क की तरफ जा ही रहा था की उसके सामने एक औरत आ कर खड़ी हो गई। वह सफेद सलवार सूट पहनी हुई थी। उसका चेहरा काफी सुंदर था। फिगर काफी सेक्सी। औरत की एक झलक देख कर कोई भी उसे भूल न पाए। पर सबसे खास बात यह थी की औरत के चारो तरफ शांत औरा था। जिससे कोई भी अपने मन को शांत कर ले। औरत को देख कर आर्यन एक पल केलिए चौक गया फिर वह दौड़ कर उसके गले लग गया। "मां आप कब आई शहर। पहले बता दिया होता।"


हां औरत कोई और नहीं आर्यन की मां सुहानी थी। सुहानी आर्यन को अपने से अलग करती है। वह आर्यन को गुस्से में देखती है। आर्यन सुहानी के गुस्से को देख कर सहम जाता है। वह जानता था की मां कभी कभी ही गुस्सा करती है। पर उनका गुस्सा बहुत बुरा है।


सुहानी आर्यन को हल्के में कान पकड़ते हुए कहती है "तुमने शादी की और मुझे बताया भी नही। अगर मैं न्यूज नही देखती तो मुझे पता भी नही चलता। कब तक बताने वाला था। हा बता!"


आर्यन को अब समझ में आया की उसकी मां क्यों गुस्से में है। उसे दुख भी हुआ की उसने अपने मां को क्यों नहीं बताया। वह सुहानी को देख अपनी कान पकड़ते हुए बोलता है "मां इस बार माफ कर दो। अब से ऐसा नही होगा।"


आर्यन को ऐसे देख सुहानी का दिल भर आया। वह आर्यन के हाथ को कान से हटाते हुए बोली "चल अब घर चल। मैं भी देखूं मेरी बहु कैसी है। वैसे तुमको कुछ बताना भी है।"


"ठीक है मां। वैसे आपको बता देता हु प्रिया पर ज्यादा जोड़ मत डालना वह बहुत बीमार है। मैने देखा था की उसकी शरीर पर काले कमल का निशान है। आपने बताया था न मां की ऐसे शरीर वाली लड़की 25 साल से ज्यादा नही जीती।" आर्यन सुहानी को प्रिया के बारे में बताता है।


सुहानी यह बात सुनकर दंग रह जाती है वह मन ही मन सोचती है "यह कैसे संभव है। चौबीस साल पहले की बात सच कैसे हो सकती है। उसने मुझे यही बताया था।"


आर्यन सुहानी को ऐसे खड़े देख एक बार आवाज लगता है जिससे सुहानी अपनी सोच से बाहर आती है। वह आर्यन को चलने केलिए बोलती है। आर्यन सुहानी के साथ घर आता है।


इधर प्रिया आर्यन के जाते ही जग गई थी। दरअसल आर्यन के जाते ही उसके फोन की घंटी बजने लगी थी। आर्यन ने अपना फोन प्रिय को दे दिया था। प्रिया फोन पर अपने पापा का नंबर देख कर फोन उठा लेती है। उधर से अनिता की आवाज आती है "गुड मॉर्निंग बेटी"


"उम्मम!! गुड मॉर्निंग मम्मा! बोलो मम्मा कैसे याद किया इतनी सुबह सुबह।"


"उम्म्मम बेटी! हा बेटी! हमलोग एक घंटे पहले ही पटना एयरपोर्ट पर लैंड किए है। एक घंटे से तुम्हारे पापा संकोच कर रहे है की तुम्हारे घर जाए की नही जाए। इसीलिए मैने तुमसे पूछने केलिए फोन किया। क्या हम तुम्हारे घर पर आ सकते है।" अनिता पहले हिचकिचाई फिर उसने अपनी बात बता दी।


"मॉम! आप लोग आ जाओ। वैसे भी एक कमरा खाली ही है। अपलोग रह लेना।" प्रिया जवाब देती है। "उम्मम्म …… ये हमारा पता है। अपलॉग आ जाना।"


"अच्छा ठीक है। मैं जल्दी ही आउंगी।" अनिता कॉल काट देती है। वह जल्दी से जल्दी अपनी बेटी से मिलना चाहती थी।


प्रिया अंगराई लेती है और जैसे ही बिस्तर से उतरने वाली थी की उसे गेट खुलने की आवाज सुनाई देती है।


प्रिया जल्दी से अपने कपड़े सही करके बिस्तर से बाहर निकल जाती है। वह फ्रेश होने बाथरूम में चली जाती है। जब वह फ्रेश होकर बाहर आती है तब तक आर्यन सुहानी को नाश्ता करवाता है।


प्रिया जब कमरे से बाहर आती है तो आर्यन उसे अपने पास बैठने केलिए कहता है। और सुहानी से उसका परिचय करवाता है।


"प्रिया आओ बैठो। ये है मेरी मां और मां ये है प्रिया! मैने आपको बताया था न।" आर्यन बोलता है।


प्रिया की खूबसूरती को देखते ही सुहानी की आंखों में चमक आ जाती है। प्रिया बहुत ही खूबसूरत और मासूम दिखती थी। उसकी खूबसूरती को देख कर सुहानी बिना मुस्कुराए नही रह सकी। वही हाल प्रिया का भी था।


प्रिया मुस्कुराते हुए सुहानी के गले लग जाती है "नमस्ते मां" और फिर हट कर उसके बगल में सुहानी के पास बैठ जाती है।


सुहानी उसके सिर पर हाथ फेरते हुए बोलती है, "बेटी मैं तेरे लिए ही आई हूं। खबर देखी थी तुम दोनो के शादी की।" फिर वह अपने कलाई से एक कंगन निकाल कर प्रिया के हाथो में पहना देती है। "मैं अभी तुम्हारे लिए कुछ नहीं लाई। पर तुम ये कंगन रखो। ये मेरी मां ने दिया था मुझे। उनकी आखिरी निशानी है मेरे पास।"


सुहानी प्रिया को कंगन पहनाकर अभी कुछ आगे कहने वाली ही थी की बेडरूम से मोबाइल की रिंगटोन सुनाई दे देती है। दोनो को बात करता देख आर्यन फ़ोन उठा लेता है। अभी आर्यन कुछ बोलता की उधर की बाते सुनकर जोड़ से चिल्ला उठता है "क्या!!!"

Shandar update he Mitra,

Lekin parivar ke milne se pehle hi kuch gadbad ho gayi lagta he................

Intezar rahega agli update ka
 
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Yasasvi3

Darkness is important 💀
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अध्याय छह: नई सुबह
अगला दिन: सुबह छह बजे…


कल की हुई भाग दौड़ में आर्यन और प्रिया दोनो थक गए थे। अभी तक दोनो की नींद नहीं खुली थी। सुबह की पहली किरण पड़ने के साथ ही आर्यन कुनमुनाते हुए जग जाता है।


वह बिस्तर पर से उठना चाहता था की उसे अपने शरीर पर वजन महसूस हुआ। वह देखता है की प्रिया उससे लिपट कर सोई हुई है। वह प्रिया को नहीं जागता। आहिस्ते से उसने प्रिया को अपने से अलग किया। आधे घंटे बाद वह नहा धोकर तैयार हो गया।


आर्यन पास के किराना दुकान से ब्रेड दूध और अंडे खरीदकर लाया। घर आकर उसने ब्रेड आमलेट बनाया। फिर अपना नाश्ता कर के बेडरूम में गया। उसने प्रिया केलिए एक नोट छोड़ दिया।


आर्यन घर से निकलकर अभी सड़क की तरफ जा ही रहा था की उसके सामने एक औरत आ कर खड़ी हो गई। वह सफेद सलवार सूट पहनी हुई थी। उसका चेहरा काफी सुंदर था। फिगर काफी सेक्सी। औरत की एक झलक देख कर कोई भी उसे भूल न पाए। पर सबसे खास बात यह थी की औरत के चारो तरफ शांत औरा था। जिससे कोई भी अपने मन को शांत कर ले। औरत को देख कर आर्यन एक पल केलिए चौक गया फिर वह दौड़ कर उसके गले लग गया। "मां आप कब आई शहर। पहले बता दिया होता।"


हां औरत कोई और नहीं आर्यन की मां सुहानी थी। सुहानी आर्यन को अपने से अलग करती है। वह आर्यन को गुस्से में देखती है। आर्यन सुहानी के गुस्से को देख कर सहम जाता है। वह जानता था की मां कभी कभी ही गुस्सा करती है। पर उनका गुस्सा बहुत बुरा है।


सुहानी आर्यन को हल्के में कान पकड़ते हुए कहती है "तुमने शादी की और मुझे बताया भी नही। अगर मैं न्यूज नही देखती तो मुझे पता भी नही चलता। कब तक बताने वाला था। हा बता!"


आर्यन को अब समझ में आया की उसकी मां क्यों गुस्से में है। उसे दुख भी हुआ की उसने अपने मां को क्यों नहीं बताया। वह सुहानी को देख अपनी कान पकड़ते हुए बोलता है "मां इस बार माफ कर दो। अब से ऐसा नही होगा।"


आर्यन को ऐसे देख सुहानी का दिल भर आया। वह आर्यन के हाथ को कान से हटाते हुए बोली "चल अब घर चल। मैं भी देखूं मेरी बहु कैसी है। वैसे तुमको कुछ बताना भी है।"


"ठीक है मां। वैसे आपको बता देता हु प्रिया पर ज्यादा जोड़ मत डालना वह बहुत बीमार है। मैने देखा था की उसकी शरीर पर काले कमल का निशान है। आपने बताया था न मां की ऐसे शरीर वाली लड़की 25 साल से ज्यादा नही जीती।" आर्यन सुहानी को प्रिया के बारे में बताता है।


सुहानी यह बात सुनकर दंग रह जाती है वह मन ही मन सोचती है "यह कैसे संभव है। चौबीस साल पहले की बात सच कैसे हो सकती है। उसने मुझे यही बताया था।"


आर्यन सुहानी को ऐसे खड़े देख एक बार आवाज लगता है जिससे सुहानी अपनी सोच से बाहर आती है। वह आर्यन को चलने केलिए बोलती है। आर्यन सुहानी के साथ घर आता है।


इधर प्रिया आर्यन के जाते ही जग गई थी। दरअसल आर्यन के जाते ही उसके फोन की घंटी बजने लगी थी। आर्यन ने अपना फोन प्रिय को दे दिया था। प्रिया फोन पर अपने पापा का नंबर देख कर फोन उठा लेती है। उधर से अनिता की आवाज आती है "गुड मॉर्निंग बेटी"


"उम्मम!! गुड मॉर्निंग मम्मा! बोलो मम्मा कैसे याद किया इतनी सुबह सुबह।"


"उम्म्मम बेटी! हा बेटी! हमलोग एक घंटे पहले ही पटना एयरपोर्ट पर लैंड किए है। एक घंटे से तुम्हारे पापा संकोच कर रहे है की तुम्हारे घर जाए की नही जाए। इसीलिए मैने तुमसे पूछने केलिए फोन किया। क्या हम तुम्हारे घर पर आ सकते है।" अनिता पहले हिचकिचाई फिर उसने अपनी बात बता दी।


"मॉम! आप लोग आ जाओ। वैसे भी एक कमरा खाली ही है। अपलोग रह लेना।" प्रिया जवाब देती है। "उम्मम्म …… ये हमारा पता है। अपलॉग आ जाना।"


"अच्छा ठीक है। मैं जल्दी ही आउंगी।" अनिता कॉल काट देती है। वह जल्दी से जल्दी अपनी बेटी से मिलना चाहती थी।


प्रिया अंगराई लेती है और जैसे ही बिस्तर से उतरने वाली थी की उसे गेट खुलने की आवाज सुनाई देती है।


प्रिया जल्दी से अपने कपड़े सही करके बिस्तर से बाहर निकल जाती है। वह फ्रेश होने बाथरूम में चली जाती है। जब वह फ्रेश होकर बाहर आती है तब तक आर्यन सुहानी को नाश्ता करवाता है।


प्रिया जब कमरे से बाहर आती है तो आर्यन उसे अपने पास बैठने केलिए कहता है। और सुहानी से उसका परिचय करवाता है।


"प्रिया आओ बैठो। ये है मेरी मां और मां ये है प्रिया! मैने आपको बताया था न।" आर्यन बोलता है।


प्रिया की खूबसूरती को देखते ही सुहानी की आंखों में चमक आ जाती है। प्रिया बहुत ही खूबसूरत और मासूम दिखती थी। उसकी खूबसूरती को देख कर सुहानी बिना मुस्कुराए नही रह सकी। वही हाल प्रिया का भी था।


प्रिया मुस्कुराते हुए सुहानी के गले लग जाती है "नमस्ते मां" और फिर हट कर उसके बगल में सुहानी के पास बैठ जाती है।


सुहानी उसके सिर पर हाथ फेरते हुए बोलती है, "बेटी मैं तेरे लिए ही आई हूं। खबर देखी थी तुम दोनो के शादी की।" फिर वह अपने कलाई से एक कंगन निकाल कर प्रिया के हाथो में पहना देती है। "मैं अभी तुम्हारे लिए कुछ नहीं लाई। पर तुम ये कंगन रखो। ये मेरी मां ने दिया था मुझे। उनकी आखिरी निशानी है मेरे पास।"


सुहानी प्रिया को कंगन पहनाकर अभी कुछ आगे कहने वाली ही थी की बेडरूम से मोबाइल की रिंगटोन सुनाई दे देती है। दोनो को बात करता देख आर्यन फ़ोन उठा लेता है। अभी आर्यन कुछ बोलता की उधर की बाते सुनकर जोड़ से चिल्ला उठता है "क्या!!!"
Bhit badhiya update
 
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