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Incest Bete se ummeed,,

A.A.G.

Well-Known Member
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Update: 59

"किशन अपनी मां की ओर ध्यान देकर तुरंत अपना मुंह उसकी टांगों के बीच योनि पर लगाकर उसे अपनी जीभ, चाट लेता है,,,

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रामो: हाए... दीदी.... ई.... कितने गंदे हो जी आप.....

"किशन के इस प्रकार गर्म जीप का स्पर्श पाकर उसकी मां के मुंह से सिसकारी गूंज उठती है! जिसकी आवाज किशन की मौसी के कानों तक सांप सुनाई देती है!!! जिसे सुनकर वह मन ही मन विचार करती है!!

General-Reasonable-Carp-size-restricted

मौसी: हे भगवान.. ऐसा लगता है यह दोनों तो अभी भी लगे हुए हैं?? कहीं कोई गांव वाला आ गया तो क्या होगा... मगर लगे भी क्यों ना किशन की गर्मी शांत करना तो अब उसकी मां की ही जिम्मेदारी है!!!

मौसी: किशन बेटा नाश्ता तैयार है दूध पीकर दंगल में चले जाना,,,

"यह कहकर किशन की मौसी शर्म से लाल हो अपने चेहरे पर एक कातिल मुस्कान लिए वहां से चली जाती है!! किशन के मां किशन के चेहरे को अपने हाथ में लेकर टांगों से दूर कर बाहर जाने के लिए कहती है किशन इस बार अपनी मां की बात मान कर कपड़े पहन,,, कर एक बार मुस्कुराकर अपनी मां को देख बाहर चला जाता है,,,

"रामो देवी, लंबी और गहरी राहत की सांस लेकर अपनी आंखें बंद कर लेती है। तभी उसे याद आता है कि उसने अपने पशुओं को अपनी सहेली केला देवी के पास 1 दिन के लिए बांध दिया था,, वह तुरंत अपने आप को कपड़ों से साफ कर अपने वस्त्र पहनती है परंतु उसे अपने बदन में हो रही पीड़ा और मीठे-मीठे दर्द से थकान का एहसास होता है।। उस मीठे दर्द में भी आनंद की एक लहर अपने बदन में वह महसूस कर मुस्कुराती है,, और बाहर जाकर देखती है उसकी बहन रसोई में कुछ काम कर रही थी किशन अभी स्नान करने के लिए,, गया हुआ था वह कुछ समय के लिए फिर से घर के अंदर आ जाती है और अपने आपको आईने में देख अपनी हालत पर हैरान,,, होते हुए सोचती है।।

रामो: हे भगवान. यदि यह पाप है।। तो भी मुझे किशन अपने पति के रूप में स्वीकार है और मैं उसे अपना सब कुछ दे चुकी हूं मैं आपसे प्रार्थना करती हूं की हमारी इस रिश्ते की लाज को बचा कर रख,,,

" वह हर पाप पुण्य किशन के लिंग की चोट से भूल चुकी थीं,, उससे अब किशन अपने पति के ही रूप में नजर आ रहा था उसे ऐसा महसूस हो रहा था कि जैसे जवानी फिर से एक बार उसके शरीर में लौट आई है,, कुछ समय ऐसे ही व्यतीत हो जाता है किशन स्नान कर अपने दंगल के अभ्यास के लिए चला जाता है और उसकी मौसी अब दोपहर का खाना बनाने के लिए रसोई में तैयारी करती है रामो देवी,, स्नान करने के लिए मिट्टी से बने कच्चे स्नानघर में जाती है, उसे देख किशन की मौसी मन मन मुस्कुराती है और सोचती है।।

मौसी: लगता है किशन ने दबाकर चोट मारी है,, तभी तो चाल ही बदल गई इसकी,,,

"किशन की मां अपने आप को स्नान घर में जाकर नी बस्त्र करती है और एक बार अपने स्तनों की ओर ध्यान देती है तो उसे महसूस होता है कि जैसे उसकी छाती का उभार दोगुना हो चुका है!!!

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"वह अपने आप को अच्छे से साफ कर,, स्नान करती है और एक बार अपनी योनि को देखती है जो इस समय फुल कर पाव रोटी की तरह हो चुकी थी,, उस पर ध्यान जाते ही उसे एहसास होता है कि सुहागरात की च**** किसे कहते हैं,, फिर एक बार उसके मन में किशन का चेहरा और उसका लिंग आ जाता है इसका एहसास कर उसकी योनि में एक बार फिर से चीटियां रेंगती हुई महसूस होती है,, जिसे वह ठंडे पानी से अच्छे से साफ कर सिसकारी भरते हुए,,

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रामो: सी.... आह.... इतना पीटने के बाद भी... इसमें फिर से खुजली हो रही है... हाय किशन यह क्या कर दिया तूने मुझे....

"उसे फिर से महसूस होता है कि जैसे उसकी योनि कह रही हो कि उसके चाहने वाले से एक बार फिर से उसे मिला दे""""उसका ध्यान तब टूटता है जब उसके कानों में उसकी सहेली केलो , की आवाज गूंजती है,,,

कोलो: रामो ओ... रामो.. अरे आ गई क्या???? घूम कर?????

"केलो देवी,, की आवाज सुनकर किशन की मौसी बाहर आती है और देखती है कि बाहर दरवाजे पर उसकी बहन की सहेली खड़ी हुई है,, वह उसे अचानक देख डर जाती है और एक बार अपनी बहन को घर के अंदर देखती है वह उसे घर के अंदर ने पाकर,, सोचती है कि कहीं इस हाल में यदि उसे केलो ने देख लिया तो एक औरत को समझते देर नहीं लगेगी कि यह किसी के साथ रात बिता चुकी है,,, परंतु तभी उसका ध्यान जाता है कि उसकी बहन तो स्नान करने के लिए स्नानघर में गई थी,, राहत की सांस लेते हुए केला देवी से कहती है,,

मौसी: अरे आप आइए बैठे ना आपके लिए छाज,, लाती हूं,,

केलो: दीदी मैं छाज़ नहीं पीती,, मैं तो रामू से मिलने आई थी अगर वह आ गई हो तो अपने पशुओं को हमारे घर से ले आएगी क्योंकि मैं कुछ समय के लिए अपने मायके जा रही हूं,,,,

मौसी: हां हां वह आ गई है स्नान कर रही है तुम बैठो मैं तुम्हारे लिए दूध लाती हूं,,

"केला देवी चारपाई पर बैठ जाती है और किशन की मौसी उसे बड़े प्यार से दूध देती है जो है पी लेती है इधर किशन की मां अपने बदन को अच्छे से साफ कर रही थी उसे ऐसा लग रहा था कि जैसे किशन में मसल मसल कर उसके बदन का सारा मल एक ही रात में निकाल दिया हो,,

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"कुछ समय बाद रामू देवी स्नान कर बाहर आती है!! और अपनी सहेली को देख उसे प्यार से गले लगा लेती है!! किशन की मौसी केला देवी और उसकी मां उस समय इधर उधर की बातें करते हैं और फिर वह अपने पशुओं को उसके घर से लाकर अपने घर भाग लेती है,, तभी उसे अपने उस भैंस पर नजर पड़ती है जिसे किशन में उसके ही बेटे से हरि कराया था,,, वह मन ही मन सोचती है कि एक बेटा ही अपनी मां को संतुष्टि दे सकता है जिस प्रकार इस पैसे ने अपनी मां को संतुष्टि दी उसी प्रकार मेरे बेटे ने भी बरस से,, चल रही मेरे अंदर की कामाग्नि को संतुष्ट किया है,,,

"उधर किशन दंगल में अभ्यास प्रतियोगिता के दौरान सभी को देख रहा था परंतु उसका मन और दिल केवल अपनी मां के ही पास था उसे सुहागरात की हर बात और अपनी मां की सिसकारी भरते हुए चेहरे के भाव को अच्छे से महसूस हो रहे थे,, जिसका एहसास कर उसका लिंग फिर से पकड़ रहा था और उसे यह बस कर रहा था अपनी दुल्हन के पास जाने के लिए,, दोपहर हो चुकी थी,, और दोपहर के खाने का समय भी हो चुका था इधर किशन की मौसी और उसकी मां ने मिलकर दोपहर का खाना तैयार किया था किशन की मानी किशन की पसंद का ही खाना अपने हाथों से बनाया था और,, अपने आप को अच्छे से साफ कर एक हल्का सा सिंदूर किशन के नाम का बालों में छुपा कर रखा ताकि उसकी झलक भी किसी को ना पड़े,, गले में किशन के नाम का मंगलसूत्र अपने साड़ी के दुपट्टे से छुपा कर रखा था,,

2019-04-18
मौसी: अरे वाह कितनी सुंदर लग रही है ऐसा लगता है एक ही रात में इस फूल को खिला दिया है !! किशन ने,,,
रामो: दीदी क्या आपको लगता है कि हम यह रिश्ता छुपा कर रह पाएंगे,,,

मौसी: तू चिंता ना कर मैं इसका भी समाधान कर दूंगी अब तुम दोनों को खुश रखना मेरी जिम्मेदारी है,,,

रामो: मगर कैसे दीदी क्या यह संभव है कि गांव वाले हमारे रिश्ते को मान,,

मौसी: नहीं मेरी बहन गांव वाली है रिश्ता कभी नहीं स्वीकार करेंगे परंतु तुम्हें यह गांव छोड़कर कहीं दूर जाना होगा,, और वही पर अपना घर बसा कर रहना होगा इस समय तुम्हारे पास सब कुछ है प्यार पैसा सब कुछ और जिंदगी में जिस चीज की जरूरत होती है वह तुम्हारे पास है!!! गांव वालों को यदि पता चल तो वह तुम्हें जिंदा नहीं छोड़ेंगे!!!!

रामो: दीदी जल्दी से कुछ करिए ना मुझे बहुत डर लगता है!!!

मौसी: डर मत जब तक मैं हूं अपनी जिंदगी की रंगीन रातों को और रंगीन बना और अपने पति को खुश रखें ताकि वह तेरे प्यार में ऐसा डूब जाए कि कभी बाहर ना निकले,,,

"रामू देवी अपनी बहन की बात सुनकर शर्म आ जाती है"और प्यार से ,

रामो: जी.. दीदी..

मौसी: अरे अभी भी शर्म आ रही है सच-सच बता रात मन भर गया ना पूरा था ना,, कुछ कमी तो नहीं रही????

रामो: क्या दीदी??

मौसी: पुरा गया था ना, छोटा तो नहीं पड़ा क्योंकि तेरी लंबाई को देखकर ऐसा लगता है छोटे-मोटे हथियार से तेरी गुफा को नहीं नापा जा सकता,,,,

रामो: क्या दीदी आप भी....

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"इतना सुनकर उसका चेहरा शर्म से लाल हो जाता है और वह अपने चेहरे को हाथों से छुपा लेती है!!!
nice update..!!
ramo aur kisan dono toh ek dusre ke liye pagal hogaye hai..dono ke dil me bas ek dusre ka vichar chal raha hai..ab bas kaise bhi karke kisan apni pehli biwi ko bhi apne sath le aaye..toh maja aajayega..!!
 

Satya sharma

New Member
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"किशन अपनी मां की ओर ध्यान देकर तुरंत अपना मुंह उसकी टांगों के बीच योनि पर लगाकर उसे अपनी जीभ, चाट लेता है,,,

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रामो: हाए... दीदी.... ई.... कितने गंदे हो जी आप.....

"किशन के इस प्रकार गर्म जीप का स्पर्श पाकर उसकी मां के मुंह से सिसकारी गूंज उठती है! जिसकी आवाज किशन की मौसी के कानों तक सांप सुनाई देती है!!! जिसे सुनकर वह मन ही मन विचार करती है!!

General-Reasonable-Carp-size-restricted

मौसी: हे भगवान.. ऐसा लगता है यह दोनों तो अभी भी लगे हुए हैं?? कहीं कोई गांव वाला आ गया तो क्या होगा... मगर लगे भी क्यों ना किशन की गर्मी शांत करना तो अब उसकी मां की ही जिम्मेदारी है!!!

मौसी: किशन बेटा नाश्ता तैयार है दूध पीकर दंगल में चले जाना,,,

"यह कहकर किशन की मौसी शर्म से लाल हो अपने चेहरे पर एक कातिल मुस्कान लिए वहां से चली जाती है!! किशन के मां किशन के चेहरे को अपने हाथ में लेकर टांगों से दूर कर बाहर जाने के लिए कहती है किशन इस बार अपनी मां की बात मान कर कपड़े पहन,,, कर एक बार मुस्कुराकर अपनी मां को देख बाहर चला जाता है,,,

"रामो देवी, लंबी और गहरी राहत की सांस लेकर अपनी आंखें बंद कर लेती है। तभी उसे याद आता है कि उसने अपने पशुओं को अपनी सहेली केला देवी के पास 1 दिन के लिए बांध दिया था,, वह तुरंत अपने आप को कपड़ों से साफ कर अपने वस्त्र पहनती है परंतु उसे अपने बदन में हो रही पीड़ा और मीठे-मीठे दर्द से थकान का एहसास होता है।। उस मीठे दर्द में भी आनंद की एक लहर अपने बदन में वह महसूस कर मुस्कुराती है,, और बाहर जाकर देखती है उसकी बहन रसोई में कुछ काम कर रही थी किशन अभी स्नान करने के लिए,, गया हुआ था वह कुछ समय के लिए फिर से घर के अंदर आ जाती है और अपने आपको आईने में देख अपनी हालत पर हैरान,,, होते हुए सोचती है।।

रामो: हे भगवान. यदि यह पाप है।। तो भी मुझे किशन अपने पति के रूप में स्वीकार है और मैं उसे अपना सब कुछ दे चुकी हूं मैं आपसे प्रार्थना करती हूं की हमारी इस रिश्ते की लाज को बचा कर रख,,,

" वह हर पाप पुण्य किशन के लिंग की चोट से भूल चुकी थीं,, उससे अब किशन अपने पति के ही रूप में नजर आ रहा था उसे ऐसा महसूस हो रहा था कि जैसे जवानी फिर से एक बार उसके शरीर में लौट आई है,, कुछ समय ऐसे ही व्यतीत हो जाता है किशन स्नान कर अपने दंगल के अभ्यास के लिए चला जाता है और उसकी मौसी अब दोपहर का खाना बनाने के लिए रसोई में तैयारी करती है रामो देवी,, स्नान करने के लिए मिट्टी से बने कच्चे स्नानघर में जाती है, उसे देख किशन की मौसी मन मन मुस्कुराती है और सोचती है।।

मौसी: लगता है किशन ने दबाकर चोट मारी है,, तभी तो चाल ही बदल गई इसकी,,,

"किशन की मां अपने आप को स्नान घर में जाकर नी बस्त्र करती है और एक बार अपने स्तनों की ओर ध्यान देती है तो उसे महसूस होता है कि जैसे उसकी छाती का उभार दोगुना हो चुका है!!!

images-5
"वह अपने आप को अच्छे से साफ कर,, स्नान करती है और एक बार अपनी योनि को देखती है जो इस समय फुल कर पाव रोटी की तरह हो चुकी थी,, उस पर ध्यान जाते ही उसे एहसास होता है कि सुहागरात की च**** किसे कहते हैं,, फिर एक बार उसके मन में किशन का चेहरा और उसका लिंग आ जाता है इसका एहसास कर उसकी योनि में एक बार फिर से चीटियां रेंगती हुई महसूस होती है,, जिसे वह ठंडे पानी से अच्छे से साफ कर सिसकारी भरते हुए,,

images-8

रामो: सी.... आह.... इतना पीटने के बाद भी... इसमें फिर से खुजली हो रही है... हाय किशन यह क्या कर दिया तूने मुझे....

"उसे फिर से महसूस होता है कि जैसे उसकी योनि कह रही हो कि उसके चाहने वाले से एक बार फिर से उसे मिला दे""""उसका ध्यान तब टूटता है जब उसके कानों में उसकी सहेली केलो , की आवाज गूंजती है,,,

कोलो: रामो ओ... रामो.. अरे आ गई क्या???? घूम कर?????

"केलो देवी,, की आवाज सुनकर किशन की मौसी बाहर आती है और देखती है कि बाहर दरवाजे पर उसकी बहन की सहेली खड़ी हुई है,, वह उसे अचानक देख डर जाती है और एक बार अपनी बहन को घर के अंदर देखती है वह उसे घर के अंदर ने पाकर,, सोचती है कि कहीं इस हाल में यदि उसे केलो ने देख लिया तो एक औरत को समझते देर नहीं लगेगी कि यह किसी के साथ रात बिता चुकी है,,, परंतु तभी उसका ध्यान जाता है कि उसकी बहन तो स्नान करने के लिए स्नानघर में गई थी,, राहत की सांस लेते हुए केला देवी से कहती है,,

मौसी: अरे आप आइए बैठे ना आपके लिए छाज,, लाती हूं,,

केलो: दीदी मैं छाज़ नहीं पीती,, मैं तो रामू से मिलने आई थी अगर वह आ गई हो तो अपने पशुओं को हमारे घर से ले आएगी क्योंकि मैं कुछ समय के लिए अपने मायके जा रही हूं,,,,

मौसी: हां हां वह आ गई है स्नान कर रही है तुम बैठो मैं तुम्हारे लिए दूध लाती हूं,,

"केला देवी चारपाई पर बैठ जाती है और किशन की मौसी उसे बड़े प्यार से दूध देती है जो है पी लेती है इधर किशन की मां अपने बदन को अच्छे से साफ कर रही थी उसे ऐसा लग रहा था कि जैसे किशन में मसल मसल कर उसके बदन का सारा मल एक ही रात में निकाल दिया हो,,

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"कुछ समय बाद रामू देवी स्नान कर बाहर आती है!! और अपनी सहेली को देख उसे प्यार से गले लगा लेती है!! किशन की मौसी केला देवी और उसकी मां उस समय इधर उधर की बातें करते हैं और फिर वह अपने पशुओं को उसके घर से लाकर अपने घर भाग लेती है,, तभी उसे अपने उस भैंस पर नजर पड़ती है जिसे किशन में उसके ही बेटे से हरि कराया था,,, वह मन ही मन सोचती है कि एक बेटा ही अपनी मां को संतुष्टि दे सकता है जिस प्रकार इस पैसे ने अपनी मां को संतुष्टि दी उसी प्रकार मेरे बेटे ने भी बरस से,, चल रही मेरे अंदर की कामाग्नि को संतुष्ट किया है,,,

"उधर किशन दंगल में अभ्यास प्रतियोगिता के दौरान सभी को देख रहा था परंतु उसका मन और दिल केवल अपनी मां के ही पास था उसे सुहागरात की हर बात और अपनी मां की सिसकारी भरते हुए चेहरे के भाव को अच्छे से महसूस हो रहे थे,, जिसका एहसास कर उसका लिंग फिर से पकड़ रहा था और उसे यह बस कर रहा था अपनी दुल्हन के पास जाने के लिए,, दोपहर हो चुकी थी,, और दोपहर के खाने का समय भी हो चुका था इधर किशन की मौसी और उसकी मां ने मिलकर दोपहर का खाना तैयार किया था किशन की मानी किशन की पसंद का ही खाना अपने हाथों से बनाया था और,, अपने आप को अच्छे से साफ कर एक हल्का सा सिंदूर किशन के नाम का बालों में छुपा कर रखा ताकि उसकी झलक भी किसी को ना पड़े,, गले में किशन के नाम का मंगलसूत्र अपने साड़ी के दुपट्टे से छुपा कर रखा था,,

2019-04-18
मौसी: अरे वाह कितनी सुंदर लग रही है ऐसा लगता है एक ही रात में इस फूल को खिला दिया है !! किशन ने,,,
रामो: दीदी क्या आपको लगता है कि हम यह रिश्ता छुपा कर रह पाएंगे,,,

मौसी: तू चिंता ना कर मैं इसका भी समाधान कर दूंगी अब तुम दोनों को खुश रखना मेरी जिम्मेदारी है,,,

रामो: मगर कैसे दीदी क्या यह संभव है कि गांव वाले हमारे रिश्ते को मान,,

मौसी: नहीं मेरी बहन गांव वाली है रिश्ता कभी नहीं स्वीकार करेंगे परंतु तुम्हें यह गांव छोड़कर कहीं दूर जाना होगा,, और वही पर अपना घर बसा कर रहना होगा इस समय तुम्हारे पास सब कुछ है प्यार पैसा सब कुछ और जिंदगी में जिस चीज की जरूरत होती है वह तुम्हारे पास है!!! गांव वालों को यदि पता चल तो वह तुम्हें जिंदा नहीं छोड़ेंगे!!!!

रामो: दीदी जल्दी से कुछ करिए ना मुझे बहुत डर लगता है!!!

मौसी: डर मत जब तक मैं हूं अपनी जिंदगी की रंगीन रातों को और रंगीन बना और अपने पति को खुश रखें ताकि वह तेरे प्यार में ऐसा डूब जाए कि कभी बाहर ना निकले,,,

"रामू देवी अपनी बहन की बात सुनकर शर्म आ जाती है"और प्यार से ,

रामो: जी.. दीदी..

मौसी: अरे अभी भी शर्म आ रही है सच-सच बता रात मन भर गया ना पूरा था ना,, कुछ कमी तो नहीं रही????

रामो: क्या दीदी??

मौसी: पुरा गया था ना, छोटा तो नहीं पड़ा क्योंकि तेरी लंबाई को देखकर ऐसा लगता है छोटे-मोटे हथियार से तेरी गुफा को नहीं नापा जा सकता,,,,

रामो: क्या दीदी आप भी....

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"इतना सुनकर उसका चेहरा शर्म से लाल हो जाता है और वह अपने चेहरे को हाथों से छुपा लेती है!!!
Fantastic update 👍...Ab story kis Disha me aage badhegi? Intezar rahega..🤞 Thanks writer ji🥰
 

Rohit875

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Bhai hero y nhi h hero to ab aayega 🤣🤣ab aayega mja to sahi bola na writer sir 👆🤟
 
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