Update:2 काली: मालिक मैने रामु को किशनपुर मे जाते हुए देखा है.
वीर सिंह: किशनपुर मगर क्यों? वहाँ किसको मिलने जा सकता है वो.. और फिर क्या काम है उसे किशनपुर मे????
काली: ये तो मैं नहीं जनता लेकिन मैने सुना था कि किशनपुर मे रामु का कोई मित्र है. जिसके पास वो अक्सर जाता रहता है.
वीर सिंह: तुम लोग उसपर नजर् रखना..
काली:आप चिंता न करें मालिक मैने उसके पीछे हरिया को लगा दिया है.
वीर सिंह: अच्छी बात है तुम भी जाओ काली और देखो की वह किसको मिलता है और कँहा जाता है.
,,,,काली वीर सिंह की बात सुनकर वहाँ से चला जाता है,,
,, वीर सिंह घर के अंदर जाता है और वह देखता है की उसकी पत्नी सकुंतला चारपाई लेटी हुई है और वह बहुत गहरी नींद में सो रही थी. वीर सिंह अपनी पत्नी की ओर गुस्से से देखता है और फिर अपने मन में कुछ सोचता है और वाहर चला जाता है,,
,,उधर रामु को जैसे ही याद आता है कि उसे अपने मित्र रघुवीर से मिलने के लिए जाना है. वह अपने कदम किशनपुर की ओर बड़ा देता है. और मन में विचार करता है कि उसे पता भी नहीं चला की कब उसकी बेटी जवान हुई.. कैसे होगा सब कैसे अपनी बच्ची को उस दरिंदे की नजरों से बचाऊँगा किसके साथ उसकी सदी करूँगा.. क्या अपने मित्र को इसके बारे में बताना चाहिए,,,
,,,, इन्ही विचारों मे खोया हुआ रामु किशनपुर की ओर चला जा रहा था कि उसे अपने पीछे किसी के आने की आहट हुई उसने पीछे मुड़कर देखा तो उसे एक बहुत ही बुजुर्ग व्यक्ति उसके पीछे आता नजर आता है. जिसने सफेद रंग की लूंगी और भगवा रंग का कुर्ता पहन रखा था.. उस व्यक्ति को देखते ही .
रामु:प्रणाम पंडित जी..
व्यक्ति: सदा सुखी रहो.
,, ये है पंडित जी उम्र 90 वर्ष आस पास के पांच गाँव की पंचायत के वहुत ही माने हुए पंडित है. इनके द्वारा कहे शब्द या फिर कोई भी दिया गया आशीर्बाद कभी निष्फल नहीं होता है. यदि ये किसी के हाथ की रेखा देख ले तो उसका भविष्य बता सकते है. इनके द्वारा की गई ही सभी गांव की सदियाँ होती आई है और सभी गाँव के लोग इनकी बहुत इज़्ज़त करते हैं.
पंडित जी: रामु बता कहाँ जा रहे हो ? कब से तुम्हे पुकार रहा था मै लेकिन तुम सुन नहीं रहे हो.
क्या हुआ कुछ चिंता में हो क्या बात है बता??
रामु: कुछ नहीं पंडित जी वो मै किशनपुर अपने मित्र से मिलने के लिए जा रहा था.
पंडित जी: अच्छा ... अच्छा ठीक है बेटा मुझे तुम्हारी कुछ मदद चाहिए.
रामु: हाथ जोड़कर विनम्र ता से जी कहिये मै किस तरह से आप की मदद कर सकता हूँ.
पंडित जी:बेटा पास मे जो पीपल का पेड़ है. उसके पास मेरा कुछ समान रखा हुआ है. उसे उठाकर मेरी कुटिया मे रख दो जरा.
रामु:जी पंडित जी अभी रख देता हूँ.
,, रामु पीपल के पेड़ के पास जाता हैं और वहाँ पर रखी हुई कपड़े की गट्ठे को उठा कर कुटिया मे रख देता है. और पंडित जी को प्रणाम कर जाने लगता है.
पंडित जी:बेटा रामु मुझसे कुछ छुपा रहे हो क्या हुआ क्या बात है. बताओ मुझे
,, पंडित जी की बात सुकर रामु की आँखों में आंसू आ जाते है. और वह हाथ जोड़कर पंडित जी से कहता है.
रामु: पंडित जी आप तो जानते ही है.. कि मेरी एक ही बेटी है. ना जाने मने पिछले जन्म मे कौन से पाप किये होंगे की भगवान मुझे एक संतान का सुख ना दे सके.. लाख मंन्तो के बाद भी हमारे कोई लड़का नहीं जन्मा.
,, अव हमारी जिन्दगी का तो पता नही किस हाल में गुजरेगी मगर मै अपनी गीता का जीवन खराब करना नहीं चाहता. वह वीर सिंह कमीना मेरी बेटी से सदी करना चाहता है. अब आप ही बताये मै क्या करूँ पंडित जी. मै बहुत चिंता मे हूँ.
,, रामु की बात सुनकर पंडित जी को बड़ा आश्चर्य होता है. और पंडित जी सोच रहे थे की वीर सिंह बहुत की नीच इंसान है उसने शकुंतला की साथ दुर्विव्हार् किया था. जिसके कारण उसके पिता जी को उसकी सदी शकुंतला से करनी पड़ी थी. उसके पिता जी तो वहुत ही सज्जन पुरुष थे और उस समय इस गाँव के सरपंच भी थे,ये सब बाते याद करते हुए पंडित जी गीता के बारे में सोचने लगते है. कितनी मासूम और प्यारी बच्ची है. वो उसका तो जीवन ही नष्ट हो जायेगा यदि एसा हुआ तो...
पंडित जी:रामु के पास आते हुए बेटा तुम चिंता मत करो मै गीता के योगय्य वर तलाश कर तुमे बहुत जल्द बताता हूँ. तुम गीता की कुंडली मुझे लाकर देना तभी मै उसके लिए वर तलाश कर पाऊंगा..
,,,रामु को जैसे कोई सहारे की जरूरत थी. और अब वह उमीद उसे पंडित जी मे नजर आ रही थी,,,
रामु:हाथ जोड़कर विनम्र ता से जी बहुत अच्छा पड़ित जी मै अपनी बेटी की कुंडली शाम को ले आऊंगा. अब मै चलता हूँ अनुमति दीजिये..
पंडित जी:सदा सुखी रहो..
,, और रामु वहाँ से चला जाता है. रामु जैसे ही कुटिया से वाहर निकलता है. काली और हरिया उसके पीछा करते हैं और आपस मे बाते करते हैं,,
काली:हरिया तूने देखा ये रामु पंडित से इतनी देर से क्या बात कर रहा था.
हरिया:हाँ कुछ तो है सुना तो मैने भी नहीं क्या बात हुई हो ना हो अपनी बेटी की सदी के लिए बात कर रहा होगा मालिक के लिए.
काली:अबे शाले तु नहीं जनता ये अपनी बेटी की सदी मालिक से नहीं करना चाहता चल देखते हैं की ये किसको मिलता है.
,, और ये बाते करते हुए काली और हरिया रामु के पीछे लग जाते है,,,
,, रामु किशनपुकिशनr मे पहुँचता है और अपने मित्र रघुवीर के घर की ओर अग्रसर होता है जैसे रामु रघुवीर के घर के पास आता है वह देखता है की उसका बेटा किशन अपने पशुओ को नहला रहा है रामु को देखकर किशन रामु के पास आता है है उसके पर छूकर रामु को नमस्कार करता है,,
,,किशन एक लम्बा चौड़े सीने वाला और बलिस्ट लड़का है उसे कुस्ती और दंगल मे भाग लेने की हर बक्त इच्छा रहती है रघुवीर का एक ही वारिस जिसे कुस्ती के दंगल में आज तक कोई पछाड़ नहीं पाया और हर एक पहलवाँन उसका मुकाबला करना भी नहीं चाहता था. किशन के घर मे चार पशु थे जिनमे दो बैल एक गाय और एक भैंस एक गया का सारा दूध किशन के लिए होता था और भैंस का दूध किशन की माँ और बापू जी के लिए,,,
किशन:नमस्कार रामु काका आईये बैठिए..
,, किशन रामु के लिए एक चारपाई बिछा देता है,, और किशन की आवाज सुनकर रघुवीर जो की घर पीछे कुछ ओसारा बांधने का काम कर रहे थे रामु के पास आता है..,,,,,
रघुवीर:रामु के गले से लगते हुए कैसा है मित्र बड़े दिनों के बाद हमारी याद आ गई
रामु:सब कुशल मंगल है मित्र बस एक ही चिंता है.
रघुवीर:चिंता कैसी चिंता और क्या चिंता का कारण बताओ क्या बात है मै प्राण देकर भी तुम्हारी चिंता दूर करने के लिए तय्यार हूँ.
रामु:मित्र मुझे तुम पर अपने आप से भी जादा विश्बास् है की तुम मेरी हर तरह से मदत करोगे. लेकिन मेरी चिंता का कारण वीर सिंह है वह मेरी बेटी से जबरजस्ती सदी करना चाहता है..
,, रामु की बात सुनकर रघुवीर हँसने लगता है और रघुवीर की पत्नी रामो अंदर से वाहर आते हुए कहती है.
रामो देवी:भाई साहब आप चिंता न करें हम गीता बेटी की सदी किशन से करवा ना चाहते थे और आप ने पहले ही उसकी चिंता जता दी अगर आप को कोई एतराज नहीं है तो हम गीता बेटी को अपने घर की बहु बनाना चाहते हैं
रघुवीर:और रही वीर सिंह की बात तो वह रामनगर का जमींदार है किशन पुर का नहीं उसे हम देख लेंगे पंचायत में पाँच गाँव की पंचायत के लोगों के सामने वह कुछ नहीं कर सकता.
,, रामु के अंदर तो जैसे शरीर में जान फिर से आ गई थी रघुवीर की बात सुनकर और वह खुश होकर अपने मित्र की और देखता है और फिर उससे कहता है,,
रामु: मित्र तुमने तो मुझे जैसे एक नया जीवन दे दिया है ये बात बोलकर मै आज ही किशन बेटा और गीता बेटी की कुंडली पंडित जी को दिखाकर विवाह का मोहरत निकलबाता हूँ.
,, रामु बहुत खुश था अपने मित्र से मिलकर परंतु वह ये नहीं जनता था की कुंडली में ही सारे दोष है जिसकी वजह से सब कुछ बदल जायेगा..